Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
04-29-2020, 01:07 PM,
#21
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
खैर 2 3 दिन इसी तरह अम्मी के साथ ही हल्का फूलका मज़ाक करते हो गुज़र गये जिस ,मैं मैं कभी बैठ हुयी हो अम्मी के साथ चिपक के बैठ जाता और कभी उनके जांघों पे सर रख के बातें करने लगता और

कभी मोका मिलता तो उनकी की गांड को भी टच करने की कोशिश करता और जब मैं ये सब करने की कोशिश करता तो मेरा लण्ड मेरे कंट्रोल मैं नहीं रहता और खड़ा हो जाता

जिसे मैं अब छुपाने की कोशिश भी नहीं करता रात को मैं ऊपर चला जाता सोने की लिए तो बाजी भी ऊपर ही सोने आती
जहाँ थोड़ी देर गप सप के बाद हम सो जाते इसी तरह 4 दिन गुज़र गये और 5वेन दिन जब शाम को बाजी घर आयी

तो बड़ी खुश नज़र आ रही थी और मुझे लग रहा था की जेसे बाजी के पावं खुशी के मारे ज़मीन पे ना लग रहे हैं
खैर रात को जब बाजी सोने क लिए ऊपर आयीं तो मैं .आँखें बंद किए लेटा हुआ था बाजी ने आते ही मुझे हिला दिया और जेसे ही मैने अपनी आँखें खोली तो बाजी ने मुझे एक किस करी और फिर बाजी ने कहा भाई जान तुम ने कल खेतों पे आना है

मैने बाजी की तरफ देखा और ज़रा नाराज़गी का इज़हार करते हुए बाजी को अपने ऊपर से हटाने की कोशिश की कयुँकि बाजी मेरे ऊपर ही गिरी हई लेट गई थी और बोला

मेरा वहाँ क्या काम बाजी ने हंसते हो कहा ये तो जब तुम आओगे तब ही बताउंगी की मुझे क्या काम है
तुम्हारे साथ खेतों मैं और मेने अपना प्यार के लिये तुम्हें पाने के लिये... बो सब कुछ कर दिया भाई जान... फिर से एक किस करने के बाद अपनी चारपाई पे जा के लेट गई

जो की अब मेरी चारपाई से ज़रा फ़ासले पे बिछा करती थी और

मैं बाजी के जाते ही हैरान होक सोचने लगा की आख़िर ऐसी क्या बात है जो बाजी अभी नहीं बता रही है और खेतों मैं आने को बोल रही है

बड़ी मुश्किल से रात गुज़री और सुबह किसी के हिलाने से ही मेरी आँख खुली तो देखा की बाजी ही थी जो मुझे उठा रही थी

मैने जल्दी से अपनी आँखें खोली और बाकी की तरफ देखा तो बाजी ने आहिस्ता से कहा की 9 बजे के बाद ही आना खेतों मैं कहीं ये ना हो की अभी भागते निकल पडो.

मैं बाजी की बात को समझ तो गया लेकिन पूरी तरह नहीं लेकिन फिर भी मैने हाँ मैं सर हिला दिया तो

बाजी ने कहा की अभी मेरे जाने के बाद तुम भी नीचे आ जाना और अपने रूम मैं सो लेना जितना सोना है और इतना बोल के मेरी गालों पे किस किया और नीचे चली गई
बाजी के जाने के कोई 7 8 मिनट के बाद ही मैं भी उठा और नीचे की तरफ चल दिया और अपने रूम मैं आ के लेट गया और सोने की कोशिश करने लगा

लेकिन अब नींद नहीं आ रही थी तो मैं ऐसे ही इधर उधर करवट बदलता रहा लेकिन उठा नहीं जब तक अम्मी ने मुझे उठ के नाश्ता करने क लिए बोला नहीं

मैं उठा और बाहर बने गुसलखाने मैं नहाने चला गया और अच्छी तरह नहा के वापिस आया तो अम्मी ने मुझे कहा बेटा तुम ऐसा करो की रूम मैं ही बैठो
मैं अभी थोड़ी देर मैं नाश्ता लाती हूँ तो मैं भी बिना कुछ बोले रूम मैं आ के बैठ गया और नाश्ते का इंतजार करने लगा जो की अम्मी ही लाई और मेरे सामने रख दिया तो मैने अच्छी तरह पराठों के साथ रात की बची हुयी सब्ज़ी और साथ मै ताजे मख़्कन का जा झूब जम के नाश्ता किया और फिर लस्सी पी के बर्तन साइड मैं कर दिए तो अम्मी ने कहा बेटा आज क्या बात है तुम बस खामोशी से नाश्ता ही करते रहे कोई बात नहीं की मेरे साथ सब ठीक तो है ना

मैने अम्मी की तरफ देखा और मुस्कुरा के बोला जी अम्मी सब ठीक है बस भूख बड़े ज़ोरों की लग रही थी जिस वजाह से नाश्ते मैं मगन होके
आप से कोई भी बात नहीं कर सका

अम्मी खुश हो गई और बोली क्या और बनाऊं नाश्ता तेरे लिए अगर भूख अभी भी लग रही हो तो , मैने इनकार मैं सर हिला दिया और बोला नहीं अम्मी अब गुज़ारा हो गया और वेसे भी अभी खेतों की तरफ निकलूंगा तो तरबूज़ खा लूंगा

उस के लिए भी तो थोड़ी जगाह बचा के रखनी है की नहीं तो अम्मी मेरी बात सुन के हंस दी और बोली विकी तू ना अब दिन बे दिन शैतान होता जा रहा है पहले तो ऐसा नहीं था क्या बात है हूउऊउन्न्ं

कुछ नहीं अम्मी बस अब पहले से ज़रा ज़्यादा बड़ा हो गया हूँ ना तो अब बताईं और काम भी बड़े करने को दिल चाहता है इस लिए आप को लग रहा है की मैं बदल गया हूँ

अम्मी मुझे अजीब नज़रों से देखती हुयी बर्तन ले क चली गई तो मैं भी वापिस लेट गया और 9 बजने का इंतज़ार करने लगा
जिस मैं अभी इतना भी टाइम नहीं बचा था और तब तक मैं बाजी की बातों पे जो रात हुयी थी गौर करता रहा और सोचता रहा की आख़िर बाजी ने मुझे खेतों मैं कयूं बुलाया है की

तभी मेरे दिमाग मैं बिजली की तरह एक ख्याल आया की कहीं बाजी ने अबू के साथ भी अपना काम कर तो नहीं लिया क्यंकि बाजी कह रही थी तुम्हें पाने की लिये.. मेने वो कर लिया ...

ये ख्याल बड़ा ही फरहत अंगीज़ था मेरे लिए कयुँकि इस से अबू की हममे कोई पेशानी नहीं रहती और मेरा जब भी दिल करता मैं बाजी के पास खेतों मैं जा सकता था और बाजी के साथ जी भर के मज़े कर सकता था

खैर 9 बाज ही गये और मैं उठ के घर से निकल पड़ा खेतों की तरफ और जब मैं खेतों मैं पहुंच तो देखा की अबू और फरी बाजी एक साथ ट्यूब वेल मैं नहा रहे थे

और एक दूसरे पे पानी भी उछाल रहे थे और जब अबू की नज़र मेरे ऊपर पड़ी तो वो जेसे ख़ासिया से गये और फरी से थोड़ा हटके नहाने लगे तो बाजी ने मेरी तरफ्र देखते हो कहा भाई तुम भी आ जाओ ना देखो कितना मज़ा आ रहा है नहाने मैं

मैने हाँ मैं सर हिलाया और रूम की तरफ चल दिया जहाँ से मैने फरी का दुपटा उठाया तो देखा की

उसमें उसकी काली ब्रा भी दुपते के साथ ही चारपाई पे पड़ी हुयी है तो

मैं समझ गया की फरी अभी अबू के साथ बिना ब्रा के ही पानी मैं नहा रही है तो मैने भी कपड़े उतार दिए और फरी बाजी के दुपट्टे की लूँगी बाँध ली और बहार आ के पानी मैं घुस गया

थोड़ी देर तक अबू मेरे साथ नज़र नहीं मिला पा रहे थे लेकिन मैने उन की तरफ ना तो तंज़िया निगाहों से देखा और ना ही कुछ ऐसा शो किया की जैसे मैं उन्हें अजीब सी निगाहों से देख रहा हूँ बस नॉर्मल जेसे रूटीन मैं बात करते हैं हम बाप

बेटा वैसे ही बातें और हँसी मज़ाक करते और एक साथ नहाते रहे तो अचानक मैने देखा की अबू को फरी ने कुछ इशारा किया तो अबू जल्दी से बोले

हाँ विकी याद आया तुम लोग नहाओ मुझे ज़रा साथ के खेतों मैं काम है मैं वहाँ से हो के अभी आता हूँ और बहार निकल कर अपनी क़मीज़ उठाई और पहन के चले गये

तो बाजी ने मेरी तरफ देखा और बोली की भाई रूम मैं बैठ के बातें करते हैं या फिर यहीं इरादा है बातों का

मैने भी फरी बाजी की तरफ देखा और फिर उन का हाथ पकड़ लिया और बोला रूम मैं ही चलते हैं और बाजी के साथ पानी से निकल के ट्यूब वेल को बंद किया और रूम की तरफ चल पड़ा

रूम मैं आया तो बाजी खड़ी मेरा ही इंतज़ार कर रही थी तो मैं भी बाजी के पास गया और बोला बाजी अबू को आप ने कहाँ भेजा है तो बाजी ने कहा की भाई अबू के सामने ही करना था क्या
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04-29-2020, 01:08 PM,
#22
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
बाजी की बात सुन के मैं हंस दिया और बोला नहीं यार बाजी ये बात तो नहीं है बस वेसे ही पूछ रहा था की कहीं हम मज़ा कर रहे हूँ तो अबू ही ना आ . हमारी गांड फाड़ने को

बाजी भी हंस दी और बोली ज़्यादा बात नहीं करो बस इतना याद रखो की

अगर अबू आ भी गये तो वो बाहर ही रहंगे रूम मैं नहीं आएंगे जब तक हम बाहर नहीं निकलेंगे अब आयी बात समझ मैं

बाजी की बात को मैं पूरी तरह समझ गया और इसके साथ ही बाजी को पकड़ के अपनी तरफ खींच लिया और किस करने लगा और साथ ही अपने हाथों से बाजी की क़मीज़ को पकड़ के ऊपर करने लगा तो बाजी किस करना छोड़ के पीछे हटी और अपनी पानी से भीगी क़मीज़ उतार के साइड पे रख दी और फिर से

मेरे साथ चिपक गई और किस करने लगी तो मैं भी अब बाजी को किस करते हो उनके बूबस को भी अपने हाथों से प्रेस करने लगा और सहलाने लगा

जैसे जैसे मैं बाजी फरी के बूबस को मसलता वेसे ही बाजी को किस करने मैं दिक्कत आती जा रही थी और वो मेरी ज़ुबान को अपने मुँह मैं भर के बड़ी शिदत से चूसने लगी

और मुझे अपनी तरफ भींचने लगी थोड़ी देर तक हम दोनो बहिन भाई एक दोसरे से लिपटे किस करते रहे और बूबस को मसलता रहा और फिर

मैने बाजी को अपने से अलग किया और अपनी लूँगी जो की बाजी का ही दुपटा था खोल दिया और अपनी बहिन के सामने नंगा हो गया तो फरी मेरे फुल हार्ड लण्ड को थोड़ी देर तक देखती रही और फिर आगे बढ़ के मेरे क़दमों मैं बैठ गई
और मेरा लण्ड अपने हाथ मैं पकड़ के मेरी तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुरा दी और फिर बाजी ने अपना मुँह मेरे लण्ड के नज़दीक किया और आहिस्ता से अपने लिप्स को खोला और मेरे लण्ड के कॅप पे एक किस कर डाली

बाजी के इस अंदाज़ से जैसे मेरा सारा जिस्म काँप सा गया और मैं आअहह बाजिीइईईईई

क्या कर रही हो अच्छे से करो ना तड़पाव नहीं पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ तो बाजी हल्का सा मुस्कुरई

और फिर से अपना मुँह खोला और मेरे लण्ड के सुपडे को मुँह मैं भर के आहिस्ता से चूस (जैसे क हम कोई कुलफी या आइस क्रीम को चूस्ते हैं) और मेरी तरफ देखने लगी

लेकिन मैं क्या बोलता कनकी उस वक़्त मुझे इतना मज़ा आ रहा था की बता नहीं सकता

थोड़ी देर तक बाजी मेरे लण्ड और गोलियों को बरी बरी चुस्ती और अपने हाथों से सहलाती रही और मैं आअहह बाजिीइईईई चूसो अपने भाई का लण्ड पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ बाजी मज़ा आ रहा है बाजिीइईईईई ऊऊहह

क्या मज़ा है

मेरी जान उनम्म्मह की आवाज़ करते करते मेरा जिस्म अकड़ने लगा तो मैं समझ गया की अब मेरा पानी निकालने वाला है की तभी पता नहीं मुझे क्या हुआ की मैने अपने दोनो हाथों से बाजी का सर पकड़ लिया और अपने लण्ड को अपनी बड़ी बहिन के मुँह मैं अंदर बहार करने लगा

तो बाजी अपने आप को मुझ से छुड़ाने की नाकाम कोशिश करने लगी और तभी मैं 6 7 झटकों मैं ही अपनी बड़ी बहिन के कोमल मुँह मैं ही अपना पानी छोड़ के शांत हो गया और लण्ड बाजी के मुँह से बाहर निकल लिया

अब जब मैं शांत हो गया और बाजी की तरफ देखा तो वो बड़े गुस्से से मेरी तरफ देख रही थी मेरा पानी जो की सारा उनके हलाक़ मैं ही गिरा था लेकिन कुछ बाहर उनके होठों और नाक पे भी लगा हुआ था तो मैं बाजी के पास नीचे ही बैठ गया और अपनी फिंगर से उन की नाक और होंठ पे लगे पानी को सॉफ कर के अपनी फिंगर बाजी के मुँह मैं डाल दी जिसे बाजी चूस के सॉफ कर दी और जब मैं अपनी फिंगर निकालने लगा तो बाजी ने मेरी फिंगर पे काट लिया

सस्सीईईईई की आवाज़ के साथ जब मैने अपनी फिंगर बाजी के मुँह से बाहर निकली तो बाजी हंस पड़ी और बोली की भाई मज़ा आया अब पता चला की किसी के साथ ज़्यादती नहीं करनी चाहिए

मैने बाजी की तरफ देखा और बोला चलो कोई बात नही आप ने ने काट लिया अब मेरी बारी लेकिन मैं

जहाँ काटूंगा वहाँ आप को बहुत जियादा दर्द होगा सोच लो तो बाजी ने जल्दी से कहा नहीं भाई पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़

सॉरी यार मैं अब दोबारा ऐसा नहीं करुँगी तो मैं हंस दिया और बोला बाजी बस इतना ही होसला था क्या तो बाजी ने कहा भाई तुम बड़े कामीने हो जीतने भोले बनते हो उतने हो नही

मैने बाजी को खड़ा किया और उनकी सलवार उतार के चारपाई पे लेटने के लिए बोला तो बाजी खड़ी हो गई और अपनी सलवार जो की गीली होने की वजाह से अब मिटी से गंदी भी हो चुकी की थी उतार के चारपाई पे लेट गई और मेरी तरफ देख के मुस्कुरई और अपनी टांगों खोल दी

जेसे ही बाजी ने अपनी टाँगों को खोला तो बाजी की दोनो जांघों क दरमियाँ छूट का पिंक सोराख देख के मेरा लण्ड जो की अब बैठ चुका था फिर से झटके ख़ाता हुए खड़ा होने लगा तो मैं मुस्कुराता हुआ बाजी के चूत के पास जाके नीचे बैठ गया और अपने दोनो हाथों से बाजी की दोनो पैरों को फैला दिया अच्छी तरहऔर फिर अपना बाजी की चूत के पास ले जा के अपनी ज़ुबान बाहर निकली और आहिस्ता से बाजी की चूत के लीपस मैं घूमने लगा

जैसे ही मेरी ज़ुबान बाजी की चूत पे टच हुयी तो बाजी का पूरा जिस्म जैसे हिल सा गया और बाजी के मुह से सस्स्सिईईईईईईईईई आअहह की हल्की सी आवाज़ निकल गई और

बाजी ने अपनी गांड को भी थोड़ा सा सेट किया जिस से बाजी की चूत मेरे सामने पूरी तरह ओपन हो गई

बाजी के इस तरह चूत सेट करते ही मैने अपनी ज़ुबान को बाजी की चूत मैं किसी हल की तरह चलाने लगा और अंदर घुसने की कोशिश करने लगा तो बाजी मचलने लगी और मेरा सर पकड़ के अपनी चुत पे दबाने लगी और साथ ही आअहह विकिईईईईईई उनम्म्ममह मेरिइईईईईई जान खा जाओ अपनी बहिन की चुत कूऊऊऊऊऊऊ ऊऊओह विकी मेरे भाईईईईईईईईईईईईईईईईईई

क्या जादू है तेरी ज़ुबान मैं मेरे भाई नममह ऊऊहह भाईईईईईईईईईईईईईईईईई पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ थोडा अपनी ज़ुबान को अंदर घुसा क चतो भाईईईईईईईईईईईईईईईईईई आअहह मैं गई

मेरे भाईईईईईईईईईईईईईईईईईई की गरम और सेक्सी आवाज़ैईन करने और मेरा सर अपनी चूत पे दबाने लगी की तभी फरी बाजी के जिस्म को हल्के झटके लगना चालू हो गये और बाजी की चूत ने हल्का गरम और नमकीन गढ़ा पानी निकलना शरू कर दिया

जिसे मैने अच्छे से चाट क सॉफ का दिया

बाजी के फारिघ् होने के बाद मैं उठा और बाजी को भी उठा दिया और खुद बाजी की जगह चारपाई पे सीधा हो के लेट गया और बाजी की तरफ देखते हो बोला बाजी क्या आज अपने भाई के लण्ड की सवारी नहीं करोगी
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04-29-2020, 01:08 PM,
#23
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
बाजी मेरी बात सुन के हंस पड़ी और बोली कयूं नहीं भाई और चारपाई पे चढ़ के अपनी दोनो टाँगों को मेरे दोनो तरफ करके और फेस मेरी तरफ करके नीचे झुकी और मेरा लण्ड अपने हाथ से पकड़ के अपनी चूत के सोराख पे सेट किया और आहिस्ता से अपनी चूत को नीचे की तरफ दबाने लगी

जैसे जैसे बाजी नीचे बैठती जा रही थी मेरा लण्ड मेरी बड़ी बहिन की चूत मैं गायब होता जा रहा था जिस का मुझे बहुत मज़ा आ रहा था अब बाजी जब आराम से मेरे लण्ड को पूरा अपनी चूत मैं घुसा के बैठ गई तो हल्का सा आगे पीछे अपनी चूत को हिलने लगी

जिस से मेरा लण्ड मुझे ऐसे मदहोश हो रहा था के बाजी की चूत की और गहराइयों मैं जाना चाह रहा हो लेकिन उस के बस मैं ना हो जिस की वजाह से मेरा लण्ड मज़े से तड़पने लगा

मुझे बेचैन होता देखके बाजी हल्का सा मुस्कुरई और बोली कि भाई क्या हुआ बर्दाश्त नहीं हो रहा क्या तो भी बाजी से मज़ाक करते हो बोला

हाँ साली कुत्तिया जिस की तेरे जैसी गश्ती बहिन हो उस का भला और होगा भी क्या तो

बाजी मेरी बात सुन के पता नहीं , लेकिन मुझे लगा की मज़े से सिसकी हो और अपनी गांड को अब हल्का सा ऊपर उठा के फिर से नीचे बैठने लगी तो साथ ही हल्का सा अपनी चूत को ज़ोर से मेरे लण्ड पे घिसती भी जाती

कोई 3 4 मिनट तक हम दोनो ऐसे ही मस्ती करते रहे तो बाजी मेरे लंड से खड़ी हो गई तो मेरा लूँ,द बाजी की चुत से पूकक्चहाआक्कककककक की आवाज़ क साथ बाहर निकल आया तो

बाजी ने कहा भाई अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा तुम ऊपर आ जाओ मैं तुम्हारी जगह लेट जाती हूँ

मैं बाजी की बात मान के उठ गया और बाजी के लेटते ही बाजी की टाँगों को पूरा खोल के ऊपर की तरफ उठा दिया और एक ही झटके से अपना लंड बाजी की चुत मैं उतार दिया और

जैसे ही लंड घुसा बाजी के मुह से सस्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईईई उंन्नमममह की हल्की आवाज़ निकली तो मैने अपना लंड बाजी की चुत से पूरा कॅप तक बाहर खींच के फिर से झटका लगाया तो बाजी आअहह विकिईईईईईईईईईईई मेरे भाईईईईईईईईईईईईईईई हाआंन्ननणणन् इसी तरह चोदो पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ बहुत मज़ा आ रहा हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उनम्म्मह

विकी मेरे भाई फाड़ डालो अपनी बहिन की चुत को पूरा घुसा के चोदो मेरिइईईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ करने लगी और साथ ही अपनी गांड को भी पूरा उछाल के मेरे लंड पे मरने लगी

बाजी की इन सेक्स और मज़े से भारी आवाज़ों ने मुझे जोश मैं भर दिया और मैं अपनी पूरी ताक़त से अपनी बड़ी बहिन की चुत मैं अपना मोटा लंड किसी डंडे की तरह चलाने लगा

तो बाजी भी पूरी जान से काँपने लगी और मुझे लीपेटने की कोशिश करने लगी और आअहह भाईईईईईईईईईईईईईईई मेरा होने वाला हाईईईईईईईईईईई मेर जान और तेज़ चोदो भाईईईईईईईईईईईईईईई फाड़ डालो अपनी बहिन की चुत को उनम्म्मह की आवाज़ के साथ मुझे तेज़ चुदाई के लिए उकसाने लगी और फिर जुब मैं भी अपने माल गिराने के नज़दीक आया तो अचानक बाजी के मुह से ऊऊहह भाईईईईईईईईईईईईईई की तेज़ आवाज़ निकली और फिर बाजी क जिस्म को हल्का झटका लगा और बाजी का जिस्म अकड़ सा गया तो

तभी बाजी की चुत मैं घुसे मेरे लंड पे मुझे बाजी का गरम गरम पानी गिरता महसूसहुआ तो जैसे मेरी सारी जान ही निकल गई और मैं भी हंपते हो ऊऊहह बाजिीइईईईई मैं भी गया ग्याआआआ की आवाज़ के साथ ही बाजी के बाद बाजी की चुत मैं फारिघ् हो के बाजी के ऊपर ही गिर गया और लंबी साँसाइन लेने लगा
थोड़ी देर तक जब हम इसी तरह एक दूसरे के ऊपर पड़े हंपते रहे तो बाजी ने मेरा सर जो की बाजी के कंधों पे टीका हुआ था ऊपर उठाया और

मेरी आँखों मैं झँकते हुए एक किस की मेरे होठों,पे की और और फिर बोली विकी ई लोवे योउ सारी ज़िंदगी बस ऐसे ही अपनी बहन को प्यार करते रहना

मैने भी बाजी की तरफ देखते हो कहा बाजी आप ही तो वो हस्ती हो मेरी ज़िंदगी मैं जिस ने सही से मुझे जीना सिखाया है भला मैं आप को किस तरह अपने से दूर कर सकता हूँ

इस के बाद बाजी ने मुझे कहा चलो अब उठो और जा के ट्यूब वाले चलाओ मैं अभी कपड़े पहाँ के आती हूँ फिर अबू के आने से पहले हम नहाने से भी फारिघ् हो ही जायं तो अच्छा ही है

मैने हंसते हो बाजी की तरफ देखा और बोला क्यूं बाजी आप तो बोल रही थी की अबू की टेन्सन नहीं लो लेकिन अब खुद ही घबरा भी रही हो क्या अबू के साथ अभी पूरी तरह सेटिंग नहीं हुयी

बाजी मुझे अपने ऊपर से धक्का दे के हटती हुयी बोली विकी तुम बहुत ज़्यादा बदमाश होते जा रहे हो

यार कुछ शरम भी होती है इंसान मैं और किसी का लिहाज़ भी रखना पड़ता है

जाओ अब तुम यहाँ से और ट्यूब वाले चलो तब तक मैं भी आती हूँ नहाने के लिए

अबकी बार मैं उठा और बाजी बही दुपट्टे की ही लुगी बँधी और और बाहर निकल आया और

ट्यूब वाले चला के अभी पानी मैं घुसा ही था की अबू भी आ गये जिन्हें देखते ही मेरी

नज़र शरम से झुक गई और मैने अपना मूह दूसरी तरफ घुमा लिया और नहाने लगा की तभी बाजी भी अपने गीले और माटी से लिपटे कपड़े पहाँ के बाहर आ गई और

अबू को देखते ही बोली अरे अबू आप कब आए

अबू ने फरी को छोड निगाहों से ऊपर से नीचे तक देखा और बोले बस बेटी अभी आया हूँ क्यूं की अभी तुम्हारी अम्मी या फ़रीदा भी हो सकता है की आ जायं दोपहर का खाना ले कर इस लिए मैं खुद ही आ गया

बाजी अबू की बात सुनके मुस्कुरा दी और बोली चलो ठीक है

अबू मैं भी ज़रा नहा लूं और फिर कपड़े भी बदली कर लेती हूँ ये तो काफ़ी गंदे हो गये हैं और हहहे करती मेरे साथ ही पानी मैं आ घुसी और नहाने लगी तो साथ ही अबू के सामने जो की अब बाहर पड़ी चारपाई पे बैठे हुमारी तरफ ही देख रहे थे छेड़ने लगती जिस से मैं शरम से पानी पानी होने लगता लेकिन फरी थी क उसे तो जैसे किसी बात की जैसे परवा ही नहीं थी

मैं जल्दी से नहा के बाहर निकला और अबू से नज़र चुरता हुआ रूम मैं जा घुसा जहाँ मैने अपने कपड़े पहाँ के बाजी का दुपटा उतार दिया और वहीं चारपाई पे लेट गया

थोड़ी देर के बाद बाजी भी रूम मैं आ गई और मेरी तरफ देख के मुस्कुराते हुए अपने कपड़े बदली करने लगी तो मैने कहा यार बाजी थोड़ी तो शरम कर लो अबू भी बाहर बैठे हैं

मेरी बात सुनके के बाजी ने कहा अगर तुम भी शरमाना छोड दो तो अच्छा है क्यूं की अब

हुमारे और अबू के बीच कोई परदा नहीं बचा है की जिस से हम शरमाते फिरें क्या समझे भाई

मैने हाँ मैं सर हिला दिया और कुछ नहीं बोला तो फिर बाजी कपड़े तब्दील कर के मुझे चूमा देती हुयी बाहर चली गई और जाते हो बोली भाई बाहर ही आ जाओ कब तक यूँ परदादार बिबीयों की तरह अबू से चुप के रूम मैं ही बैठे रहोगे ये कोई अच्छी बात तो नहीं है

मैं कुछ नहीं बोला और सर झुका के बैठा रहा तो बाजी बाहर निकल गई रूम से तो

मैं रूम मैं अकेला ही बैठा ये सोचता रहा की क्या मुझे बाहर जाना चाहिए
अबू के सामने या फिर अभी मैं अपना मूह छुपा के यहाँ से खिसक लूं

लेकिन कुछ समझ नहीं आ रहा था की तभी बाहर से अबू की आवाज़ आयी जो मुझे बुला रहे थे की खाना आ गया है चलो आ जाओ

जब मैं रूम से बाहर आया तो मेरे सामने जो नज़ारा था वो कुछ यूँ था मेरी नज़र फ़रीदा पे पड़ी जो की बकरियों क पीछे भाग रही थी

अबू और फरी भी मेरी नज़र को फ़रीदा के बूबस पे टीका महसोस कर रहे थे और इस से पहले की फ़रीदा मुझे इस तरह अपनी तरफ घूरता देखती अबू ने कहा चलो यार अब आ भी जाओ खाना नहीं खाना है क्या

मैं अबू की आवाज़ से चौंक उठा और जब बाजी फरी और अबू की तरफ देखा जो की हल्का सा मुस्कुरा भी रहे थे तो शर्मिंदा सा हो गया और अबू के सामने चारपाई पे जा बैठा तो उस की बाद हम तीनो ने मिल के खाना खाया और खाने के बाद मैने जब

फ़रीदा क साथ ही घर जाने का बोला तो अबू ने कहा यार ज़रा ठहरो बात करनी है मैने तुम्हारे साथ

मैं अबू की बात सुनके के वहीं रुक गया तो फ़रीदा बर्तन उठा के वापिस घर को चल दी तो अबू ने बाजी की तरफ देख के कुछ इशारा किया तो बाजी ने कहा विकी ज़रा मेरे साथ तो आना

मैं बिना कुछ बोले बाजी के साथ चल दिया तो अबू से ज़रा फ़ासले पे आ के बाजी ने मुझे घूरते हो कहा विकी तुम्हें क्या हो गया था फ़रीदा को देख के अगर उसे पता चल जाता तो वो तमाशा बना देती पता है ना पहले भी उसी ने हमें ज़लील करने की कोशिश की थी

बाजी की बात सुनके के मैं चुप हो गया और कुछ नहीं बोला तो बाजी ने कहा देखो भाई

मैं ये नहीं कहती के तुम सिर्फ़ मेरे साथ ही बँधे रहो ये तुम्हारी अपनी ज़िंदगी है जिस तरह मुझे अपनी पसंद के मुताबिक़ लाइफ मैं एंजाय का हक़ है तुम भी लाइफ एंजाय करो

लेकिन ज़रा देख भाल के मेरे भाई कहीं अपने साथ साथ सात तुम मुझे और अबू को भी ना मरवा
देना समझे

मैने हाँ मैं सर हिला दिया और बोला ठीक है बाजी आप लोगों तक कोई बात नहीं आएगी लेकिन जिस ने मुझे ज़लील करने की कोशिश की थी मैं उसे भूल नहीं सकता मैं बदला तो ज़रूर लूंगा

बाजी ने कहा देखो भाई अच्छा तो ये है की तुम सब कुछ भूल के मज़े करो जो होना था हो गया और अब तो अबू की भी कोई फिकर नहीं है हमें

तो दफ़ा करो उसे अब क्या रखा है इन बातों मैं

मैं बाजी की तरफ देख के हंस दिया और बोला ठीक है बाजी मैं भला आप की बात किस तरह मना कर सकता हूँ आपे मुसे बहुत प्यार है ....(लेकिन दिल से मैने पूरा इरादा कर लिया था की अगर मोका मिला तो फ़रीदा से बदला ज़रूर लूंगा)

मेरी बात सुनके के बाजी भी खुश हो गई और बोली चल ठीक है तो अब अगर तुम ने घर जाना है तो जाओ लेकिन कल से रोज़ाना आ जाया करना ओक तो मैं भी हंस दिया और बोला ठीक है

बाजी मैं आ जाया करूँगा, अब खुश और हंसता हुआ घर की तरफ चल दिया


घर आ के मैं आराम करने के लिए अपने रूम मैं जा घुसा तो देखा की वहाँ फ़रज़ाना अपनी सहेली बिल्लो के साथ बैठी गप्पे हांक रही थी और मुझे देखते ही खड़ी हो गई

और बोली वो भाई आप यहाँ थे नहीं तो हम यहाँ आप के रूम मैं आ के बैठ गई

बिल्लो को इशारा करते हो बोली चल बिल्लो हम साथ वाले रूम मैं बैठ जाते हैं यहाँ अब भाई आ गया है

बिल्लो मेरी तरफ देख क हल्का सा मुस्कुरई और बोली क्यूं विकी जी आप को हुमारे यहाँ बैठने से कोई मसाला तो नही है ना
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04-29-2020, 01:08 PM,
#24
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
मैं बिल्लो की तरफ देख के हल्का सा मुस्कुरा दिया और फ़रज़ाना की तरफ देख के बोला यार ,यहाँ ही बैठ जाओ अगर तुम इसे यहाँ से ले गई तो कहीं तुम्हारी ये सहेली नाराज़ ही ना हो जाए

बिल्लो मेरी बात से थोडा हेरान हुयी और बोली लगता है की हुमारे विकी साहब को भी शहर का पानी लग गया है फ़रज़ाना देख तो ज़रा कल तक जो किसी से बात करते हो भी घबराता था आज किस तरह बातें कर रहा है

फ़रज़ाना .तो तुम क्या समझी थी की मेरा भाई अब सारी ज़िंदगी ऐसे ही भोला और बुज़दिल ही रहता
बिल्लो.... अरे नहीं मेरी जान मैं तो खुश हूँ की अब तुम्हारा भाई भी दुनिया मैं आ गया है लेकिन अब देखना ये है के विकी साहब अभी कहाँ तक इस दुनिया को समझ सके हैं

मैं... बिल्लो एक बात तुम समझ लो के मैं अब तुम से ज्यादा दुनिया को समझने लगा हूँ

बिल्लो... लगता है फ़रज़ाना अब हुमारी विकी के साथ खूब बनेगी क्यूं की विकी अब लगता है की
सब कुछ समझ जा रहा है

फ़रज़ाना.... चल छोड ना यार किन बातों मैं उलझ रही हैऔर भाई आप ये बताओ की पानी लाएं आप के लिए

मैं... हाँ ले ही आऊ लेकिन ज़रा ठंडा लाना ये ना हो की पानी पिया ही ना जाए फ़रज़ाना के पानी के लिए जाते ही बिल्लो जो की अभी तक मेरी तरफ ही देख रही थी बोल पड़ी अच्छा

तो विकी और सूनाओ वहाँ शहर मैं कोई दोस्ती भी किसी के साथ या युही सुखी पढ़ाई ही करते रहे

मैं... अब हुमारी इतनी किस्मत कहाँ की कोई हुमारे साथ दोस्ती करे बस घूमना फिरना और पढ़ाई मैं ही टाइम निकलता है

बिल्लो...(शरारत से) तुम्हें देख के लगता तो नहीं की तुम्हें ये सब किसी ने सिखाया ही ना हो जो नज़र आ रहा है

मैं... मुस्कुराते हो क्या नज़र आ रहा है ज़रा मुझे भी तो पता चले

बिल्लो... तुम्हें बताउंगी फिर कभी बाद मैं अभी फ़रज़ाना आने वाली होगी और उसके बाद इधर उधर की बातें करने लगी और फ़रज़ाना के आने के बाद थोड़ी देर और बैठी तो फिर ये कहती हुयी उठ खड़ी हुयी की अच्छा फ़रज़ाना अब मैं चलती हूँ घर पे भी कुछ काम है और निकल गई
बिल्लो के साथ ही फ़रज़ाना भी चली गई लेकिन बिल्लो अपनी बातों और आँखों से ये एहसास ज़रूर दिला गई थी की अगर मैं हिम्मत करू तो मुझे एक और फुददी मिल सकती है और ये सोच मुझे और मेरे लंड को खुश कर गई

बाकी का दिन इसी तरह इधर उधर की बातों और आराम करने मैं गुज़र गया और रात को मैं ऊपर चला गया खाना खा के तो बाजी भी मेरे कोई 30,, मिनट के बाद ऊपर आ गई

और अपने बिस्तेर पे लेट गई तो मैने बाजी की तरफ करवट ली और बोला क्या बात है बाजी

आज बड़ी चुप हो आप बाजी मेरी तरफ देख के बोली क्यूं भाई क्या मुज़रा करवाना है अपनी बहन से और हल्के हंस दी तो मैने कहा यार बाजी अगर मेरा बस चलता ना तो आप की फुददी मैं डंडा घुसा के मुजरा करवाता

बाजी मेरी तरफ देख के बोली अच्छा जी तो ये इरादा है मेरे जान से प्यारे भाई का चलो

सुबह होने दो फिर देखोंगी की कितनी हिमत है मेरे भाई मैं और सीधी हो के लेट गई

तो मैं समझ गया की बाजी मेरे आने के बाद अबू से भी चुदी होगी तो अब काफ़ी थकी हुयी है इस लिए सोना चाहती है
मैने भी अब बाजी को और ज़्यादा तंग नहीं किया और खुद भी सो गया क्यूं क मेरा इरादा

सुबह के लिए कुछ और ही था
अगली सुबह जब मैं सो के उठा तो देखा की बाजी जा चुकी है तो मैं भी रोज़ाना की तरह नीचे रूम मैं चला गया और सोने के लिए लेट गया तो मुझे नींद नहीं और मैं फिर से उठा और बाहर बरामदे मैं जा के चारपाई पे लेट गया और अम्मी फ़रीदा और फ़रज़ाना को नाश्ता और सफाई सुथराई के काम मैं लगा हुआ देखने लगा की

तभी अचानक मेरी नज़र फ़रीदा की तरफ गई जो की अपनी क़मीज़ को आगे की तरफ बाँध के किचन के कामों मैं लगी हुयी थी की तभी फ़रीदा थोडा सा अपनी गांड को झुका के सेल्फ की सफाई करने लगी तो उस के इस तरह होने से उस की सलवार जिस मैं वो नाडा नहीं बाँधती थी

बल्कि अभी तक एलस्टिक लगाती थी थोड़ी नीचे को झुक गई जिस से उस की टाइट सलवार मैं फँसी सेक्स गांड मुझे अजीब नशा देने लगी

ये नज़र देख क मेरा लंड खड़ा होने लगा और दिल मैं आया की क्यूं ना किसी तरह फ़रीदा के साथ भी अगर सेटिंग हो जाए तो मज़ा ही आ जाए

लेकिन अभी ऐसा होना मुमकिन नज़र नहीं आता था तो मैं एक ठंडी आअहह भर क रह गया की तभी अम्मी ने कहा विकी बेटा क्या बात है अभी तक तुम नाहे नहीं कब से उठ क नीचे आ चुके हो तुम

मैं अम्मी की आवाज़ सुनके के उठा और बात रूम मैं जा घुसा और फ्रेश हो के आया तो

अम्मी ने ही मुझे नाश्ता दिया और बोली तो बेटा आज कल अपने अबू के पास खेतों मैं ही रहने लगे हो ज़्यादा टाइम क्या घर पे दिल नहीं लगता

मैं अम्मी की तरफ देख हंस दिया और बोला क्यूं अम्मी कल दोपहर तक मैं खेतों से आ गया था और अभी तक कहीं भी नहीं गया इस तरह तो ज़्यादा वक़्त मैं घर पे रुकता हूँ

अम्मी मेरी बात सुनके के हंस दी और बोली चलो अच्छा है बेटा अगर तुम खेती शीख ही लो

तो क्यूं की हुमारे बाद ये सब तुम्हारा ही तो है और तुम्हें ही संभालना है हम कब तक तुम्हारे साथ रहंगे
मैने अम्मी की तरफ देखते हो कहा क्यूं अम्मी आप कहाँ जा रही हो अभी तो मैने आप को पूरी तरह ज़िंदगी का मज़ा भी देना है और आप हो की जाने की बात कर रही हो

अम्मी मेरी बात से चौंक गई और बोली क्या मतलब बेटा मै समझी नहीं की तुम मुझे कों सा मज़ा देना चाहते हो

अब मैं ज़रा संभालते हुए बोला अम्मी मैं ये बोल रहा था की अभी आप की उमर ही क्या है आप ने पूरी दुनिया घुमनी है मेरे और अबू के साथ फिर और भी बहुत से काम हैं आप के करने वाले तो फिर मैं भला आप को इतनी आसानी से कहीं जाने थोडा ही दूँगा

अम्मी हंस पड़ी और बोली अरे पगले मैं भी इतनी आसानी से तुम्हें छोड के जाने वाली नहीं हूँ और साथ ही मेरे सर पे किस कर दिया (इन बातों के दोरान मैं नाश्ता भी करता रहा था और फिर जब मैने नाश्ता ख़तम किया तो अम्मी बर्तन उठा के ले गई तो

मैं भी उठ खड़ा हुआ खेतों मैं जाने के लिए मैं घर से निकला और जल्दी से खेतों की तरफ चल दिया और जब मैं खेतों मैं पहुँचा तो अबू और बाजी आज चारा काट चुके थे जल्दी ही और अब नहाने की तैयारी कर रहे थे ( क्यूं क चारा काटने और कुतरने के दौरान बदन मट्टी से लस जाता है )

मुझे आता देख के बाजी मुस्कुराती हुयी अबू से बोली लो अबू देख लो आप का बेटा आज कितने टाइम से आ गया है खेतों पे
अबू ने कहा क्यूं नज़र लगा रही है मेरे बच्चे को और मेरे उन के पास पहुंचते ही अबू ने कहा चल बेटा आ जा तो भी नहा ले हुमारे साथ ही

मैने अबू को मना कर दिया की नहीं अबू मैं अभी घर से ही नहा के आ रहा हूँ आप लोग नहा लो मैं वहाँ चारपाई पे बैठा हुआ हूँ तो बाजी अबू से बोली चलो अबू आप ट्यूब वाले चलाओ मैं ज़रा कपड़ों का कुछ कर के आती हूँ और रूम की तरफ चल दी

फरी जब रूम से बाहर आयी तो उस ने अपने कपड़े उतार के अपना एक बड़ा सा दुपटा अपने जिस्म पे लपेट रखा था और आते ही मुझे देख के आँख मारती हुयी अबू के पास चली गई और पानी के नीचे घुस गई और नहाने लगी क्यूं की पानी काफ़ी ताक़त से गिर रहा था तो जब बाजी पानी के नीचे से निकालने लगी तो बाजी के जिस्म पे जो दुपटा बाजी ने बाँध रखा था

अपने बूबस के पास असल मैं बाजी ने बँधा नहीं था बस फँसाया हुआ था जो की पानी की स्पीड और ताक़त से खुल गया और नीचे पानी मैं गिर गया जिस से बाजी एक दम हम दोनो बाप बेटे के सामने नंगी हो गई

चादर खुलते ही अबू बाजी को नंगा देख के हंस दिए और बोले बेटी जरा मजबूती से बँधा करो कपड़े को पानी मैं काफ़ी ताक़त होती है तो बाजी ने जो की अपनी चादर उठा चुकी थी अब की बार बड़े आराम से बँधी और फिर से नहाने लगी और मैं बाहर बैठा

अबू के साथ नहाती अपनी बड़ी बहन को देखता रहा और अपना लंड सहलाता रहा जो फुल हार्ड हो चुका था
थोड़ी देर तक अच्छी तरह नहाने और अबू के साथ हल्की फुल्की बातों के बाद बाजी पानी से निकल के रूम की तरफ चल पड़ी और जैसे ही मेरे करीब आयी तो मुझे आँख के इशारे से रूम मैं आने को बोला

बाजी तो इशारा कर के रूम मैं चली गई लेकिन अबू अभी तक पानी मैं ही थे तो
मुझे समझ नहीं आ रही थी की मैं किस तरह फरी बाजी के पास जाओं रूम मैं लेकिन कुछ समझ नहीं आ रहा था और ऊपर से अबू से शरम भी आ रही थी तो तभी बाजी की आवाज़ मेरे कनों मैं पड़ी

बाजी रूम के दरवाजे से सिर्फ़ अपना सर बाहर निकल के झाँक रही थी और मुझे रूम मैं बुला रही थी तो मैं उठा और रूम की तरफ चल दिया और जब मैं रूम मैं इन हुआ तो बाजी वहाँ बिल्कुल नंगी खड़ी थी मेरी तरफ अपनी गांड कर के

अब मैं आगे बढ़ा और बाजी को पीछे से ही जा के चिपक गया और बाजी की गर्दन पे हल्की सी ज़ुबान घमते हो बोला जी बाजी क्यूं बुला रही थी आप मुझे तो बाजी ने कहा

विकी मेरी जान अब इतने भोले भी नहीं बना करो क्या तुम्हें नहीं पता है की मैने क्यूं बुलाया है कुंकी मै तेरे बिन अब नहीं रह सकती.. तबी तो यह सब कर रही हूँ...

मैं बाजी की बात सुनके के हंस दिया और बोला नहीं बाजी मैं भोला नहीं बन रहा लेकिन आप खुद ही सोचो की अबू भी अभी यहाँ ही हैं बाहर और कहीं गये भी नहीं हैं तो फिर भला मैं किस तरह जान सकता हूँ की आप ने मुझे क्यूं बुलाया है

बाजी मेरे हाथों को खोल के घूमी और मेरी तरफ मूडी और मुझे अपने सीने से लगाते हुयी बोली भाई मैने कल भी तुम्हें बताया था की अबू से नहीं डरा करो अबू हमें कुछ नहीं बोलेंगे

लेकिन बाजी फिर भी मुझे शरम आती है की अबू भला क्या सोचते होंगे की मैं कितना बेघरत हूँ की अपनी बहन को उन के खेतों पे होते हो भी चोद रहा हूँ नहीं बाजी पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़ ये मुझ से नहीं हो सकेगा

बाजी अब की बार कुछ नहीं बोली और मेरी क़मीज़ को निकल दिया और साथ ही मेरी सलवार के

नाडे पे हाथ डाला और झट्के से नडा भी खोल दिया जिस के खुलते ही मेरी सलवार नीचे जा गिरी

मेरा लंड झट्के ख़ाता हुआ बाहर निकल आया बाजी ने अब मुझे चारपाई पे लिटा दिया और बिना कुछ बोले मेरी तरफ देखते हो मेरा लंड हाथ मैं पकड़ लिया और फिर सर झुकाके अपना मूह खोला और आहिस्ता से मेरे लंड पे किस करने लगी
बाजी का ये अंदाज़ मेरी जान निकालने लगा और मेरे मूह से आअहह बाजिीइईईईईईईईई

ये क्या कर रही हो अप्प्प ठीक से चूसूऊऊऊऊ ना उनम्म्ममह बाजिीइईईई
Reply
04-29-2020, 01:09 PM,
#25
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
ये क्या कर रही हो अप्प्प ठीक से चूसूऊऊऊऊ ना उनम्म्ममह बाजिीइईईई

पूरा मूह मैं ले के चूसूऊऊऊओ पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ की आवाजें करने लगा तो बाजी ने मेरी तरफ देखते हो अपना मूह खोला और आहिस्ता से मेरे लंड की कॅप को अपने मूह मैं भर के इन आउट करने लगी तो मैं और भी मज़े से बहाल होने लगा

और सस्स्सीईईईई बाजिीइईईईईईईईई ऊऊहह बाजी हाँ इसी तरह चूसो अपने भाई का लंड,द उंनमममह बाजी क्या लंड को चुस्ती हो आप आअहह बाजी

लगता है किसी गश्ती से चुस्वा रहा हूँ ऊऊहह मैं गया बाजिीइईईई की आवाज़ के साथ ही मेरे लंड ने पानी छोड दिया लेकिन बाजी ने तब भी मेरा लंड मूह से नहीं निकाला और पानी को चट गई मेरे लंड का सारा पानी चाटने क बाद बाजी ने मेरा लंड छोड दिया और सर उठा के मेरी तरफ देखने लगी और बोली क्यूं भाई मज़ा आया या नहीं तो मैं बाजी की बात सुनके के

उन की तरफ देखा और हंस के बोला बाजी सच पूछो तो बहुत मज़ा आया क्या चुस्ती हो आप

बाजी मेरी बात पे हंस पड़ी और बोली अब तुम्हारा पता भी चल जाता है के तुम अपनी बहन से इतना मज़ा लेने के बाद मुझे कितना मज़ा देते हो और इतना बोल के मुझे उठा दिया और खुद मेरी जगा लेट गई

मैं अपने घुटने ज़मीन पे टीका के बाजी चुत पे झुक गया और अपना मूह बाजी की चुत के पास ले जा कर अपनी ज़ुबान बाहर निकली और बाजी की चुत पे रख के चाटने लगा

मेरी ज़ुबान जैसे ही बाजी की चुत से लगी बाजी का पूरा जिस्म काँप सा गया और बाजी आअहह विकी उन्म्मह अपनी ज़ुबान को मेरी चूयः मैं पूरा घुसा के चाटो

भाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई हाआअन्न्नननननननणणन् भाई अब अच्छा लग रहा हाईईईईईईईईईईईईई ऊऊहह भाई ऊपर से नीचे तक अपनी ज़ुबान को ज़रा दबा के चाटो पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाई बड़ा

मज़ा आ रहा हाईईईईईईईईईईईई तेरी बहन को ऊऊहह भाई क्या जादू है आप की ज़ुबान
मैं हाँ भाईईईईईईईईईईईईईईईई खा जाओ आज अपनी बहन की चुत को भीईीईईईईईईईईईईईईईई ऊऊहह

भाईईईईईईईईईई की आवाज़ करने लगी
अब मैं भी बाजी की चुत जो के पहले ही गीली हो चुकी थगी अपने ही पानी से उसे अपनी ज़ुबान घुमा के और घुसा के चाटने लगा अपनी बहन की चुत को जिस मैं मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था

कोई 3 मिनट तक ही मैने बाजी की चुत को चटा होगा के बाजी के मूह से आअहह विकिईईईईईईईईईई मेरे भाई खा जाओ मेरी चुत को ऊऊहह भाई मेरा निकालने वाला हाईईईईईईईईईईईईईईई उन्म्मह भाईईईईईईईईईईईईईईईई मैं गैिईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ के साथ ही फरी बाजी ने मेरा सर पकड़ के अपनी चुत पे दबा दिया और साथ ही बाजी का जिस्म एक बार अकड़ के ढीला पड़ा तो बाजी की चुत से गरम गरम और गढ़ा नमकीन पानी मेरे मूह मैं गिरने लगा जिसे मैं मज़े से चाट गया

बाजी को फारिघ् कर के मैं उठा और बाजी के साथ ही चारपाई पे लेट गया और बाजी के बूबस को चूसने और मसालने लगा तो थोड़ी ही देर मैं मेरा लंड जो के अब हार्ड होना शरू हो चुका था फुल हार्ड हो गया तो बाजी ने मुझे इसी तरह लेता रहने दिया और खुद उठ के मेरे दोनो तरफ अपने पावं कर के मेरे पैरों की तरफ अपना फेस कर के खड़ी हो गई

और फिर पूरी तरह झुक के मेरे लंड को अपनी चुत पे सेट किया और नीचे बैठ गई जिस से मेरा लंड भी जैसे जैसे बाजी मेरे ऊपर बैठ जाती लंड भी मेरी बड़ी बहन की चुत मैं घुसता जाता बाजी पता नहीं किस से इस तरह के न्यू न्यू स्टाइल सिख रही थी और मेरे ऊपर आज़मा के मुझे पागल किए जा रही थी

अपनी चुत का इस तरह बाजी जब मेरे लंड को अपनी चुत से कॅप तक निकल के फिर से अपनी चुत मैं घुसती तो मेरा लंड ऐसे जैसे किसी मखमली सी चीज़ से रग़ाद ख़ाता हुआ मेरी बड़ी बहन की चुत मैं जाने लगता तो मेरे मूह से आअहह बाजिीइईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ निकल जाती क्यूं के इस तरह जो मज़ा आ रहा था लफ़्ज़ों मैं ब्यान करना मुमकिन नहीं है
फिर बाजी अचानक मेरे लंड से उठ के खड़ी हो गई और अपना फेस मेरी तरफ घुमा के फिर से बैठ गई मेरे लंड को अपनी चुत मैं ले के और मेरे ऊपर जैसे लेट सी गई और मुझे किस करने लगी और साथ ही अपनी चुत को भी हिलने लगी
जैसे जैसे मुझे किस करने के साथ अपनी चुत को भी आगे पीछे हिलती तो जैसे मेरे लंड की जान ही निकालने लगती और मेरे मूह से बे सखता ये आवाज़ निकल गई

आअहह बाजिीइईईईईईईईईई पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ऐसा मत करो नहीं तो मेरा पानी निकल जाएगा

मेरी बात सुनके के बाजी ने मुझे किस करना बंद किया और बोली क्यूं रे बस इतनी ही जान थी तेरे अंदर तुम तो बड़े जवान बने फिरते थे बस ज़रा से झट्के से जान बोल गई मेरे भाई की हाँ

मैने अब और कुछ नहीं बोला तो बाजी अब की बार मुझे उठा के बिताते हो खुद घोड़ी बन गई तो मैं भी उठ के खड़ा हो गया और अपने लंड को अपनी बड़ी बहन की चुत पे सेट कर के अंदर घुसने लगा

जैसे ही मैने झतका दिया और अपना लंड पूरा घुसाया बाजी के मूह से बस सस्स्सिईईई की हल्की सी आवाज़ निकली और फिर जैसे जैसे मैं झट्के तेज़ करता गया बाजी भी आहह ईईईईईईई और तेज़ छोड़ो भाईईईईईईईईईईईईई अपनी बहन की चुत फाड़ के रख दो आज मेरिइई जान भोसड़ा बना दे मेरी चुत का ऊऊहह विकिईईईईईईईईईईई सच मैं कितना मज़ा आ रहा हाईईईईईईईईईईईईईई उनम्म्मह और तेज़ भाई पूरा घुसा के झट्के मार.

भाई उनम्म्मह कितना मज़ा आ रहा हाईईईईईईईईईईईई मेरी जानं आआहह मैं गई ईईईईईईईईईईईईईईई मेरा निकालने वाला हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ के साथ अपनी गांड को भी पीछे की तरफ जब मैं अपने लंड को झट्के से बाजी की चुत मैं घुसता तो बाजी भी अपनी गांड पीछे की तरफ दबा देती जिस से रूम मैं ताआप्प्प्प्प्प्प ताआप्प्प की आवाज़ भी गूंजने लगती

क्यूं के मैं खुद मज़े से पागल हो रहा था इस लिए अब बाजी की भी कोई बात नहीं सुनके रहा था और जब मेरा पानी फरी बाजी की चुत मैं निकला तो उसी वक़्त बाजी की चुत ने भी पानी छोड दिया तो उस के बाद हम दोनो बहन भाई अलग हो के साथ ही लेट गये और किस करने लगे

थोड़ी देर तक किस करने के बाद बाजी ने मुझे अलग किया और बोली चलो उठो अब जा के नहा लो और कपड़े पहाँ लो तो मैं उठ क बैठ गया और बाजी की चुत की तरफ देखा मुझे अपनी चुत की तरफ देखते पाके बाजी हंस पड़ी और फिर बोली क्या देख रहे हो

भाई तो मैने कहा कुछ नहीं बाजी बस आप की चुत पे लगा हम दोनो का मिक्स्ड जुस देख रहा था

बाजी भी हंस पड़ी और बोली अच्छा अब चलो उठो यहाँ से और मेरी चादर लपेट के अपने कपड़े उठाओ और निकलो यहाँ से तो मैं उठा और बोला क्या बाजी आप भी ना बस मुझे अपने पास नहीं रुकने देती हो

बाजी हेरनी से मेरी तरफ देख के बोली विकी तुम कितने बड़े कामीने हो अपना सब कुछ तो मैने तुम्हारे हवाले कर दिया है लेकिन तुम अभी भी ना . ही हो तो मैं बाजी की बात पे हंस पड़ा और बोला अच्छा बाजी सच ब्ताना क्या आप का अबू क साथ भी हो चुका है

बाजी मेरी तरफ देख के बोली भाई अगर तुम्हारा साथ पाने के लिए मुझे सारी दुनिया के मर्दों से भी चुदवाना पड़ा तो मैं चुदवा लूंगी समझे ये तो फिर भी अबू से ही किया है
पर भाई जो मज़ा तुम्हारे साथ है वो अब्बू के साथ नहीं... बस वो एक समझोता है.. अपने और तुम्हारे ,,,,

बाजी की बात ने मुझे पूरी तरह सिहर दिया तो मैं फिर से बैठ के बाजी को किस करने लगा तो बाजी ने मुझे धक्का दिया जिस से मैं साइड मैं हट गया तो बाजी अपने बाज़ू मूह पे रख क लेट गई

बाजी के इस तरह करने से शरमाने से मैं हंस दिया और बाजी का दुपटा उठा के अपने आप को लपेट लिया और कपड़े उठा के बाहर निकल गया तो देखा की अबू सामने ही बैठे मेरी तरफ ही देख रहे थे और हल्का सा मुस्कुरा भी रहे थे जिस से मुझे शरम आने लगी

अबू को इस तरह अपनी तरफ देखता पाके मैने शर्मिंदगी से अपना सर झुका लिया और ट्यूबवेल की तरफ चल दिया और ट्यूबवेल चला के नहाने लगा तो अबू कुछ देर बैठे रहने के बाद उठे और रूम की तरफ चल दिए तो अबू को रूम मैं बाजी के पास जाता देख के मुझे अबू से जलन सी होने लगी लेकिन मैं बोला कुछ नहीं और नहा के घर की तरफ चल दिया
Reply
04-29-2020, 01:09 PM,
#26
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
बिल्लो और फरजाना

घर पहुचने तक मैं अबू और बाजी के बारे मैं ही सोचता रहा की वो अभी क्या कर रहे होंगे लेकिन सिर्फ़ सोच ही सकता था कर कुछ नहीं सकता था और इन्ही सोचों मैं घर पहुँच गया

घर आते ही मैं सीधा रूम मैं जा लेता उस के बाद दोपहर का खाना भी रूम मैं ही खाया और फिर से लेट गया अपनी आखें बंद किए और अपनी लाइफ मैं आने वाली तब्दीली के बारे मैं सोचने लगा की मैं क्या से क्या बन गया हूँ

तभी मुझे अपने रूम मैं हल्की सी आहत महसूस हुयी तो मैं झट से अपनी आँखों को खोल के देखा तो फ़रीदा बाजी नज़र आईईईईई जो की मेरे बिलकुल पास ही अपना सर झुका के खड़ी अपनी फिंगरस को मरोड़ रही थी

मैं फ़रीदा बाजी को इस तरह अपने पास खड़ा देख के जल्दी से उठ बैठा और बोला बाजी आप यहा इस वक़्त खैर तो है ना बाजी....
अपना सर उठा के मेरी तरफ देखा और भीगी आवाज़ मैं बोली पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाई मुझे माफ कर दो

मैं... क्यूं बाजी आप किस बात के लिए माफ़ी माँग रही हो भला आप ने कोई ग़लती थोडा ही की है

बाजी.... पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाई जो कुछ मैने उस दिन देखा था मुझे उस से शक़ हुआ तो मैने अम्मी को बोल दिया जो की मुझे नहीं बोलना चाहिए था मैं.. नहीं बाजी आप ने बहुत अच्छा किया

जो अम्मी को ये बोल दिया की मेरा अपनी ही बड़ी बहन के साथ चक्कर है

बाजी... मेरी बातों से रोने लगी और फिर मेरे पैरों की तरफ चारपाई पे बैठकर अपने हाथ मेरे पैरों पे रख दिए और बोली पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाई मुझ से ग़लती हो गई मुझे माफ कर दो मैं आज के बाद ऐसी कोई ग़लती नहीं करुँगी बस भाई एक बार माफ कर दो

मैं....बाजी के हाथ अपने पैरों से हटा ते हए बाजी से बोला पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ बाजी आप ये क्या कर रही हो छोडो मेरे पैरों को मैने आप को माफ कर दिया है और मैं आप से गुस्सा भी नहीं हूँ

बाजी.... मेरी बात सुनके के सर उठा के मेरी तरफ देखते हो बोली सच भाई तुम अब मेरे साथ गुस्सा नहीं हो और तुम ने मुझे माफ भी कर दिया है

मैं.... हाँ मैं सर हिलाते हो बोला जी बाजी अब मैं आप से नाराज़ नहीं हूँ लेकिन दोबारा अगर कोई बात आप को नज़र आती है तो आप मुझे एक बार बात ज़रूर कर लेना कहीं ये ना हो की बिना किसी बात के फिर से बतंगद बन जाए और हल्का सा हँसने लगा

मेरी बात सुनके के बाजी का फेस खुशी से चमक उठा और फिर बाजी अचानक ही मेरी तरफ खिसकी और फिर मेरे सीने से लग गई जिस से बाजी के बूबस मेरे सीने से प्रेस होने लगे और बाजी के बूबस को महसूस करते ही मेरा लंड भी सलवार के अंदर झट्के ख़ाता हुआ खड़ा होने लगा

अब जहाँ बाजी के बूबस का मेरे सीने से रग़ाद खाना मुझे मज़ा दे रहा था और ऊपर से बाजी जो मेरे गालों और सर पे किस भी कर रही थी और साथ ही ओह मेरा सोहना भाई कितना अच्छा है वहीं मेरे लंड के खड़ा होने से भी मुझे परेशानी हो रही थी की अगर बाजी को इस अगर मेरे लंड के खड़ा होने का एहसास हो गया तो बाजी को कितना बुरा लगेगा

खैर थोड़ी देर मुझे लीपेट के प्यार करने के बाद बाजी मुझ से अलग हो गई और फिर खड़ी हो के मेरी तरफ देख के मुस्कुराते हो रूम से निकल गई तो मेरी रुकी हुयी साँस बहाल हुयी

उस के बाद बाकी सारा दिन और रात कोई ख़ास्स बात नहीं हुयी और हम लोग रात का खाना खा के अपनी अपनी जगह पे जा क सोने क लिए लेट गये सुबह मेरी आँख खुली तो अबू शहर जाने की तैयारी कर रहे थे और वहीँ फरी की भी तबीयत कुछ खराब थी तो फ़रज़ाना फ़रीदा के साथ खतों मैं चली गई क्यूं की भेंसों का चारा तो अबू बना के रख आए थे लेकिन उन को चारा डालना और पानी पीलना भी था
अम्मी घर पे ही रुकी थी घर के कामो के लिए मैं भी उठ के नहा धो के नाश्ते से फारिघ् हुआ तो तब तक अबू भी शहर क लिए निकल चुके थे तो मैं बाजी के पास चला गया और बाजी के पास बैठ क बोला क्या हुआ

बाजी आप को तबीयत क्यूं खराब हो रही है बाजी मेरी बात पे हल्का सा हंस पड़ी और बोली कामीने कल तुम्हारे बाद अबू ने भी तो एक बार किया था ना इसी लिए मेरा जिस्म काफ़ी थका हुआ है तो सोचा की क्यूं ना आज घर पे ही आराम किया जाए
मैं बाजी की बात सुनके के थोडा मुह बनाते हो बोला तो लगता है आज का कुछ नहीं होने वाला है

बाजी ने कहा हाँ भाई आज सच मैं दिल नहीं कर रहा किसी भी काम के लिए तो मैने बाजी के सर पे हल्की सी किस कर उठा और अपने रूम मैं आ गया और एक नॉवाले निकल के पढ़ने लगा

कोई 10.30 पे पारीदा बाजी घर आ गई तो मैने कहा क्यूं बाजी क्या बात है आप इतनी जल्दी घर क्यूं आ गई तो फ़रीदा बाजी ने कहा भाई वो काम तो ख़तम हो गया है

मैने सोचा की चलो खाना ही ले आती हूँ

मैने कहा बाजी आप ऐसा करो आप घर पे ही रहो खाना मैं ले जाओंगा आप 5 6 बजे तक आराम कर के खेतों मैं आ जाना तो बाजी ने हाँ मैं सर हिला दिया और बोली चलो ठीक है भाई वैसे तो वहाँ अब कोई काम नहीं है और अगर हुआ भी तो

फ़रज़ाना है ना वहाँ

उसके बाद कोई 11.30 पे मैं घर से खाना ले के निकला और खेतों की तरफ चल दिया तो जब मैं खेतों के करीब पहुँचा तो मुझे ट्यूबवेल के चलने की आवाज़ सुनाई देने लगी तो मुझे बड़ी हेरनी हुयी की ये कों ट्यूबवेल चला के बैठा है तो अचानक मेरे दिमाग मैं आया की हो ना हो ये फ़रज़ाना ही होगी जो की नहा रही होगी और ये सोच आते ही मेरे पुरे जिस्म मैं सनसनाहट सी होने लगी

मैं तेज़ तेज़ चलने लगा और जब मैं ट्यूब वाले के पास पहुँचा तो वहाँ जो नज़ारा था उसे देखते ही मेरा लंड झट्के से खड़ा हो गया क्यूं की वहाँ फ़रज़ाना अपनी सहेली बिल्लो के साथ सिर्फ़ ब्रा और पनटी मैं नहा रही थी और मस्ती कर रही थी
मैं वहीं खड़ा होके उन दोनो की जवानी भर मस्त आधे नंगे जिस्मों को घूरने लगा तो तभी फ़रज़ाना की नज़र भी मुझ पे पड़ी और उस का फेस सफ़ेद पड़ गया और वो झट पानी से निकल के रूम की तरफ भागी और मैं उस के हिलते चुत्तडों को देख के अपने लंड को मसालने लगा तो तभी मुझे बिल्लो की आक्ख़्हू ओउन्न्ं की आवाज़ आयी जो की

उस ने मुझे अपनी तरफ तवजू दिलाने के लिए किया था मैने बिल्लो की तरफ देखा तो वो मेरी तरफ ही देख क हल्का सा मुस्कुरा रही थी जिस से मुझे काफ़ी शरम भी आयी तो मैं वहाँ से वापिस मौड़ने ही लगा था की बिल्लो ने मुझे आवाज़ दी और बोली विक्की भाई क्या मैं आप को अच्छी नहीं लगी जो आप नज़र चुरा के जा रहे हो

मैने उस की तरफ देखे बिना ही कहा...वो तुम कपड़े पहाँ लो मैं फिर आ जाता हूँ तो बिल्लो ने कहा

क्यूं विक्की भाई क्या हुआ इतना क्यूं शर्मा रहे हो अभी आप फ़रज़ाना को तो बड़ा घूरते देख रहे थे मैं बिल्लो की बात सुनके के झट्के से सर उठा की बिल्लो की तरफ देखते हो बोला न...नहीं.. वो तो बस ऐसे ही कोई ख़ास नहीं

अभी मैने इतना ही बोला था की फ़रज़ाना कपड़े वहाँ से बाहर निकल आयी और बिल्लो की तरफ देखते हो बोली जाओ कपड़े बदल लो तब तक मैं भेंसों को देख के आती हूँ और दूसरी तरफ निकल गई

फ़रज़ाना के जाते ही बिल्लो बड़ी अदा से पानी से निकली और रूम की तरफ चल दी और रूम के दरवाजे मैं खड़ी हो के मेरी तरफ पलटी और मुझे देख के मुस्कुराती हुयी रूम मैं चली गई लेकिन दरवाजे पूरा खुला ही रहने दिया

बिल्लो की तरफ से इतने इशारो के बाद मैने थोड़ी हिम्मत की और रूम से ज़रा फ़ासले पर ही लेकिन ऐसी जगह पे जा के खड़ा हो गया की मुझे बिल्लो रूम मैं खड़ी अपनी ब्रा खोलती सॉफ नज़र आने लगी

बिल्लो ने ब्रा उतार के मेरी तरफ देखा और कुछ ऐसे खड़ी हो गई जैसा की मुझे अपने पूरे बूबस अच्छी तरह दिखना चाहती हो ,
कुछ देर मुझे अपने बूबस दिखाने के बाद अपनी पनटी की तरफ मुतवाजे हुयी और उसे भी निकल के फैंक दिया और मेरी तरफ देख के मुस्कुराने लगी

बिल्लो को इस तरह खड़ा देख के मेरा लंड फटने तक आ गया था की तभी मुझे फ़रज़ाना की आवाज़ सुनाई दी जो की बिल्लो को ही आवाज़ लगाते हुयी हुमारी तरफ चली आ रही थी तो मैं जल्दी से वहाँ से हटा और ट्यूबवेल के पास जा खड़ा हुआ और बिल्लो ने भी फ़रज़ाना की आवाज़ क्यूं की सुनके ली थी तो उस ने भी जल्दी से आगे बढ़ के दरवाजे बंद कर दिया और तभी फ़रज़ाना भी वहाँ आ गई

फ़रज़ाना के आने और बिल्लो के कपड़े बदल के आने के बाद हम ने मिल के खाना खाया और तो
बिल्लो फ़रज़ाना की तरफ देख के बोली अच्छा यार मैं तो अब चलती हूँ और घर की तरफ निकल गई

बिल्लो के जाने के बाद मैं अब इस सोच मैं पड़ गया की आख़िर किस तरह बिल्लो को अपने नीचे
लाया जाय

मैं बैठा बिल्लो के बारे मैं ही सोच रहा था की तभी मुझे अखुऊन्णन की आवाज़ सुनाई दी और मैने जब चौंक के देखा तो वो फ़रज़ाना ही थी जो मेरे सामने ही चारपाई पे बैठी मेरी तरफ देख के मुस्कुरा रही थी

मैं... हाँ क्या बात है इस तरह दाँत क्यूं निकल रही हो फ़रज़ाना ...
नहीं भाई बस मैने ये पूछ ना था आप से की अगर आप यहाँ रूकोगे तो मैं घर चली जाती हूँ मैं... थोडा सोचते हो बोला हाँ ठीक है तुम जाओ
लेकिन घर जा के बाजी फरी को भेज देना क्यूं की शाम को भेंसों का दूध भी निकलना है मुझ से तो निकाला नहीं जाता तो बाजी को ही भेज देना

फ़रज़ाना... चारपाई से उतार गई और बर्तन उठा के घर की तरफ चल पड़ी और थोडा आगे जा के

मेरी तरफ मुड़ी और एक सेक्सी स्माइले देते हो बोली भाई अगर आप कहो तो बिल्लो को ही भेज दूँ वो दूध ठीक से निकल देगी और हहेहेहहे कर के भाग गई
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04-29-2020, 01:10 PM,
#27
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
फ़रज़ाना के जाने के बाद मैं फिर से चारपाई पे लेट गया और अपने लंड को सलवार से निकल के सहलाने लगा और बिल्लो के नंगे और सेक्सी जिस्म को ध्यान मैं रख के आहें भरने लगा

लेकिन इस के साथ मुझे काफ़ी हेरनी भी हो रही थी की आख़िर बिल्लो है क्या चीज़ क्यूंकी जिस तरह उस ने बिना झिझके मेरे सामने ब्रा और पनटी उतार के नंगी हुयी थी उस की वो बात ही मुझे हेरान कर देने के लिए काफ़ी थी जिस से मुझे अब बिल्लो पे शक़ हो रहा था की वो अब कच्ची कली नहीं है बल्कि फूल बन चुकी है और अपना रस भी किसी को पीला चुकी है

(मैं बस अपने लंड को प्यार से आहिस्ता आहिस्ता सहला ही रहा था लेकिन मूठ नहीं लगा रहा था)
इन ख्याल मैं कितना वक़्त गुज़रा पता ही नहीं चला की फरी बाजी भी खेतों मैं आ गई और मुझे इस तरह अपना लंड हाथ मैं लिए हिलाते देख के बोली विक्की थोड़ी तो शरम किया करो ये सब करना होता है तो सामने रूम मैं चले जाया करो यहाँ अच्छा नहीं है

मैं बाजी की आवाज़ सुनके के चौंक गया और साथ ही उठ क बैठ गया तो बाजी को मुस्कुराता देख के बोला यार बाजी क्या बताऊ आज बड़ी खुमारी चढ़ रही है इस लिए ध्यान ही नहीं रहा

बाजी मेरी बात सुनके के हँसती हुयी आगे बढ़ी और बोली क्यूं भाई कहीं छोटी पे तो गरम नहीं हो रहे क्यूंकी वो ही यहाँ से गई है और अब तुम अपने हत्यार को सहला रहे हो

मैने हंसते हो अरे नहीं बाजी फ़रज़ाना नहीं उस की सहेली बिल्लो गरम कर गई है साली पूरा नंगा जिस्म दिखा गई है तो बाजी हेरान हो के बोली क्या मतलब ज़रा पूरी बात बता मुझे

मैने बाजी को सारी बात बता दी जो कुछ हुआ था तो बाजी ने मेरा हाथ पकड़ के मुझे उठाया और रूम मैं ले गई और मुझे कपड़े उतरने को बोली तो मैं खुश हो गया

लेकिन तभी बाजी ने कहा ज़्यादा खुश होने की ज़रूरत नहीं है अभी सिर्फ़ ऊपर ऊपर से ही मैं तुम्हें फारिघ् कर देती हूँ कुछ करने नहीं दूँगागी क्यूं जो भी होगा आज रात को ही होगा

मैं बाजी की बात से हेरान हुआ तो बाजी ने कहा अभी कुछ पूछना नहीं क्यूंकी ये भी सर्प्राइज़ है और अपने कपड़े उतार के नंगी हो गई और मेरी तरफ बढ़ने लगी तो मैं चारपाई पे लेट गया जो के रूम मैं ही पे पड़ी हुआ थी

बाजी मेरे पास आयी और नीचे बैठ के अपने हाथ मैं मेरा लंड पकड़ लिया और और फिर थोडा नीचे को झुकी और अपना मूह मेरे लंड की तरफ झुकाके हल्की किस कर दी मेरे लंड पे

उस के बाद बाजी ने आहिस्ता से अपना मूह खोला और मेरे लंड को अपने मूह मैं ले क चूसने लगी और अपना एक हाथ नीचे ले जा कर मेरे लंड क नीचे की गोलियों को सहलाने लगी और कभी चाटने लगती जिस से मेरा मज़े के मारे बुरा हाल होने लगा

और मेरे मूह से आअहह बाजिीइईईईईई ऊऊहह मैं ग्याआ बाजी ये क्या कर रही हूऊऊऊऊ उनम्म्ममह मेरिइईईईईईई बाजिीइईईईईईई पूरा मूह मैं लो

पल्ल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ की आवाज़ करने लगा और साथ ही बाजी का सर अपने लंड की तरफ दबाने लगा की
तभी मुझे लगा की मेरा पानी निकालने वाला है तो मैने बाजी का सर ज़ोर से अपने लंड की तरफ दबा दिया और अपना लंड अपनी बड़ी बहन के मूह मैं घुसने की कोशिश करने लगा मेरे जिस्म को झटका सा लगा और मेरे लंड ने पानी निकल दिया जो की सारा मेरी बहन के मूह मैं गिरा और कुछ होठोंस पे लग गया तब मैं आअहह की आवाज़ निकलते ही बाजी का सर छोड के अपनी आखें बंद कर के लेट गया

थोड़ी देर बाद बाजी मुझे हिलाया और बोली चलो भाई उठो अब और खुद बाहर निकल गई तो मैने भी उठ के अपनी सलवार बांधी और बाहर निकल के बाजी के पास जा के बैठ गया जो के चारपाई पे बैठ चुकी थी और बाजी का हाथ पकड़ के बोला बाजी आप ने बताया नहीं की आज रात क्या ख़ास्स बात ह गी

बाजी मेरी बात सुनके के हंस पड़ी और बोली अरे मेरी जान इतना परेशान होने की कोई बात नहीं बस मज़ा ही कराईंगे हम और वो भी घर पे ही लेकिन किस तरह ये मत पूछना क्यूंकी मैं नहीं बताउंगी मैं बाजी की बात से ये तो समझ गया था की बाजी का इरादा पूरी रात चुदवाने का है

लेकिन ये सब होगा किस तरह सब घर वालों की मोजूदगी मैं ये समझ नहीं आ रही थी क्यूंकि 1 आध रात का तो कोई मसाला ही नहीं था जब चाहे कर सकते थे

लेकिन पूरी रात ये समझ नहीं आ रहा था खैर मैने अपना सर झटका और बाजी की तरफ मुस्कुराके और बोला ठीक है बाजी मैं अब आप से कुछ नहीं पूछूँगा और रात के होने का इंतज़ार करूँगा

बाजी भी मुस्कुराते हुए मेरी गॉल खींच के बोली हाँ भाई ये ही अच्छा है की तुम अभी कुछ ना बोलो और फिर उस के बाद हम दोनो इधर उधर की बातें करते रहे की अचानक बाजी ने कहा विकी क्या तेरा दिल कर रहा बिल्लो के साथ करने के लिए.

मैने बाजी की तरफ देखा और बाजी की आँखों मैं मुस्कान देख के हिम्मत पकड़ी और हाँ मैं सर हिला दिया और बोला लेकिन बाजी ये सब होगा कैसे बाजी ने कहा विक्की ये काम तुम मुझ पे छोड दो कल का दिन तो नहीं परसों बिल्लो को मैं तुम्हारे पास भेज दूँगागी तो दिल खोल के मज़े करना वो तुम्हें मना नहीं करेगी ठीक है

जहाँ बिल्लो का सुनके कर के परसों उस की चुत मेरे सामने होगी खुशी हुयी वहाँ थोड़ी हेरनी भी हुयी की आख़िर बाजी बिल्लो को किस तरह मनाईंगी मेरे लिए और वो किस तरह बाजी की बात मान के मेरे चुदवाने आएगी और ये बात मैने बाजी से भी बोली की बाजी बिल्लो को आप मानोगी किस तरह बाजी मेरी बात सुनके के हंसते हो बोली अरे मेरे भोले भाई तुम क्या समझते हो की

अगर तुम्हारी बहन या रीदा अपने ही भाइयों से चुदवा सकती हैं तो क्या बिल्लो को किसी का लंड अपनी चुत के लिए नहीं मिल सकता बाजी की बात सुनके के मैने थोडा हेरनी से बाजी की तरफ देखते हो बोला लेकिन बाजी बिल्लो तो फ़रज़ाना से कोई 1 साल ही बड़ी होगी तो क्या वो अभी से इन सब चक्कर मैं पड़ चुकी है

बाजी मेरी बात पे हहेहेहेहहे कर के हंसते हो बोली भाई तुम किस दुनिया मैं रहते हो यहाँ तो फ़रज़ाना से 2 3 साल छोटी लड़कियाँ भी बड़े बड़े लंड पूरे मज़े से अपनी चुत मैं ले के चुदवाती हैं

उस के बाद मैं चुप हो गया और सोच मैं पड़ गया की अगर बिल्लो जो की मेरी छोटी बहन की सहेली है और बाजी के कहेअनुसार पूरा मज़ा ले चुकी है तो क्या मेरी छोटी बहन फ़रज़ाना भी यहाँ तक आ के मेरा जहन इस बात को मानने से इनकार कर देता की नहीं मेरी छोटी बहन ऐसी नहीं हो सकती
शाम तक मैं इन्ही सोचों मैं गुम रहा और बाजी ने भेंसों को चारा पानी डाला उस के बाद दूध भी निकल लिया तो हम दोनो बहन भाई घर की तरफ चल दिए और घर पहुँच के देखा की अबू आ चुके थे लेकिन सर दर्द की वजा से चारपाई पे लेते आराम कर रहे थे तो मैने भी अबू का हाल चाल पूछा और फिर सब ने रात का खाना खाया तो
अम्मी ने फरी बाजी को बोला की चलो बेटी आज तुम्हारे अबू की तबीयत ठीक नहीं तो तुम ही मेरे साथ खेतों पे चलो

बाजी ने फॉरन ही अम्मी से कहा की अम्मी मेरी भी तबीयत खराब है कल से ये तो अबू नहीं थे और भाई को दूध निकलना नहीं आता था तो मुझे जाना पड़ा आप फरीदा को ही अपने साथ ले जाओ

अम्मी बाजी की बात सुनके के सोच मैं पड़ गई और फिर फ़रीदा को ही साथ ले के चली गई तो अबू ने फरी बाजी से कहा की उन को ज़रा सहारा दे कर उन के रूम मैं ले चलो तो मैं भी उठा और अबू को सहारा दे के उन के क रूम की तरफ चल दिया और जब मैं और बाजी अबू को ले के उन के रूम मैं दाखिल हो तो अबू सीधे हो के खुद ही अपने बिस्तेर पे चले गये

अबू के इस तरह सीधे होने पे जहाँ मैं हेरान हुआ तो वहीं बाजी के फेस पे स्माइले आ गई और बाजी ने मुझे देख के बोली भाई मेरा ख्याल है की तुम भी आज रात यहाँ अबू के पास ही सो जाओ

मैने हाँ मैं सर हिलाया और अबू के करीब बिछे बिस्तेर पे लेट गया जो की अम्मी का था तो बाजी हम दोनो को रूम मैं ही छोड के निकल गई और हम दोनो छत की तरफ देखते हो चुप लेटे रहे

हम दोनो मैं से कोई भी एक दूसरे की तरफ ना तो देख रहा था और ना ही कोई बात कर रहा था कोई 1 घन्टेसे ऊपर ही टाइम गुज़र चुका था हमें इस तरह लेते हुए की तब जा के बाजी रूम मैं आयी और दरवाजे को अंदर से लॉक कर दिया और हुमारी तरफ देख के मुस्कुराने लगी
बाजी भी थोड़ी देर तक हुमारी तरफ देख मुस्कुराती रही और फिर अपनी क़मीज़ पकड़ के उतार दी तो अबू उठ के बैठ गये . बाजी ऊपर से बिलकुल नंगी हो गयी बिना ब्रा के

फिर बाजी ने अपनी सलवार भी निकल दी और हुमारी तरफ देखने लगी तो मैं भी उठ बैठा और बाजी को बिना कपड़ों के सिर्फ़ पनटी मैं अपने बाप और भाई के सामने खड़ा देखने लगा तो बाजी ने अपने हाथ अपनी पनटी पे रखे और पनटी निकालने लगी

पनटी उतार के बाजी हुमारे करीब आ गई और हुमारी तरफ देखते हो बोली क्यूं जी आप कपड़े नहीं उतरोगे क्या तो अबू ने मेरी तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुरा दिए तो मैं भी सर झुका के हल्का सा हंस दिया तो

अबू बिस्तेर से उतरे और अपने कपड़े उतरने लगे तो बाजी ने कहा चलो भाई अब तुम भी अपने कपड़े निकालो इसी तरह बैठे रहगे यहाँ , बाजी की बात सुनके के मैं भी उठ बैठा और अपने कपड़े उतार के साइड मैं फैंक दिए

तो बाजी बारी बारी हम दोनो बाप और भाई के लंड को देख के मुस्कुराने लगी
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04-29-2020, 01:10 PM,
#28
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
इस तरह अपने लोड़ों की तरफ देखता पा के मैने बाजी का हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया और जैसे ही बाजी मेरे सीने से लगी
मैने जौर दार बाजी को किस की और फिर बाजी को बिस्तेर पे धक्का दे के गिरा दिया और बाजी की टांगे पूरी तरह खोल दीं जिस से बाजी की चुत हुमारे सामने खुल के आ गई बाजी की चुत जिस पे हल्के बाल भी थे

उसे देख के अबू थोडा आगे बढ़े और अपने हाथ की फिंगर से बाजी की चुत को सहलाने लगे थोड़ी देर तक अबू बाजी की चुत को इसी तरह सहलाते रहे और फिर मेरी तरफ देख के हल्का सा मुस्कुराए और बाजी की चुत की तरफ इशारा किया तो मैं भी हल्का सा मुस्कुरा के अपनी बड़ी बहन की चुत पे थोडा सा झुका और और बाजी की चुत के होठों से अपने होंठ मिला दिए और बाजी की चुत को चाटने लगा जिस से बाजी पूरा जिस्म मचलने लगा

मैं जैसे जैसे बाजी की चुत को चाट रहा था बाजी के मूह से आआहह भाईईइ उंन्नमममह खा जाओ अपनी बहन की चुत कूऊऊऊऊओ ऊओह मेरे ईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ के साथ बाजी अपनी चुत को भी उठा के मेरे मूह की तरफ दबाने लगी

कुछ देर तक मैं बाजी की चुत को चुत चाटता रहा और अबू भी बाजी के बूबस को दबाते और सहलाते रहे और बाजी आअहह अबू दबाओमेरे बूबस ज़ोर सीईए पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़् आआहह भाईईईईईईईईईई मैं गैिईईईईईई की आवाज़ करती रही और फिर बाजी की चुत से पानी निकला जो की सारा मेरे मूह मैं गिरा जिसे मैं चाटके सॉफ कर गया

बाजी के फारिघ् होते ही अबू ने बाजी के बूबस को छोड़ा और बाजी के साथ ही लेट गये और बाजी को अपने लंड की तरफ इशारा किया तो बाजी उठी और अबू के लंड को हाथ मैं पकड़ लिया और मुस्कुराते हुए अबू के लंड की तरफ देखने लगी और अबू के लंड को अपने मूह मैं लेने लगी

बाजी थोड़ी देर तक अबू के लंड को अपने मूह मैं ले के चुस्ती और चाटती रही और अबू आअहह फरीईईई बेटिईई आराम से ऊऊहह मेरी जान की आवाज़ निकलते रहे

और फिर अबू ने बाजी के मूह से अपना लंड निकल लिया और खुद उठ के बैठ गये और बाजी को बिस्तेर पे लिटा दिया और खुद बाजी की टाँगों को खोल के दरमियाँ बैठ गये और अपना लंड अपनी ही बड़ी बेटी की चुत पे रख दिया


बूबस को सहलाने लगा के तभी अबू ने अपना लंड थोडा पीछे किया और फरी की चुत के सोराख पे टीका के हल्का सा झटका दिया तो अबू के लंड की कॅप बाजी की चुत मैं बड़े आराम से घुसती चली गई
क्यूंकि अब्बू का लंड बहुत छोटा और पतला था मेरे लंड से आधा ही रहा होगा

और बाजी के मूह से आअहह की आवाज़ निकली तो अबू ने बाजी की टाँगों को पूरा उठा के अपनी पूरी ताक़त लगा के के झटका दिया तो अबू का लंड बाजी की चुत मैं पूरा घुसता चला गया और बाजी आअहह अबू आप कितने अच्छे हो

उनम्म्मह चोदो मुझे अबू ऊऊहह आजज्ज अपनी बेटी की चुत को पूरी जान से चोदो की आवाज़ निकालने और अपनी गांड को अबू के लंड की तरफ दबाने लगी
जिस से अबू का लंड पूरी तरह बाजी की चुत मैं जा घुसता और अबू फिर से अपना लंड बाजी की चुत से निकलते और एक बार फिर ताआप्प्प्प्प्प से वापिस अपनी बेटी की चुत मैं घुसा देते

थोड़ी देर बाद अबू ने बाजी की चुत से अपना लंड बाहर निकल लिया और बाजी को डोगी बना के बाजी क चौतरों को अपने हाथों से खोला और अपने लंड को बाजी की चुत पे सेट किया और फिर बड़े प्यार और आराम से बाजी की चुत मैं घुसा के चोदने लगे

अबू और बाजी की इस चुदाई ने मुझे इतना ज़्यादा गरम कर दिया था की मुझसे और ज़्यादा बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था तो मैं उठा और आगे जा के बाजी क नीचे घुस गया और मेरा लंड बाजी के मूह के पास आ गया जिसे बाजी ने मुस्कुराते हो पकड़ लिया और मूह मैं ले के चूसने लगी

अब बाजी मेरा लंड मूह मैं लिए चूस रही थी और अबू बाजी की चुत मैं लंड घुसा के चोद रहे थे


कोई १-२ मिनट तक इसी तरह लगातार चुदाई के बाद अब्बू जल्दी ही बाजी की चुत पे फारिग हो गए
मेरा लंड अब बाजी के चूसने से बहुत ज्यादा कड़ा हो गया था.

तो बाजी ने पास पड़े कपडे से अब्बू का माल अपनी चुत से साफ़ किया और बोली भाई जान मुझे चोदो जल्दी से............ अब्बू ने मेरे चुत पे आग लड़ा दी है.

मै अब बाजी की टांगो को छोड़ा कर के उसकी चुत के मुह पे अपना मोटा बड़ा लंड रख के एक हल्का से झटका दिया तो बाजी की मुह से हलकी चीख निकल गयी.

मेने धीरे से अपना लंड अब बाजी की चुत पके अंदर डालना चालू किया. बाजी अब पूरे मज़े मै आ गयी थे. और ओह्ह्ह्हआह्ह्ह के आज निकल रही थी

चोद मुझे मरे भाई..बुझा दे मेरी चुत के आग... जो अब्बू ने लगा दी है.. हाँ भाई अपने मोटे लंबे लंड से चोद मुझे..

बाजी के बातें सुनके मुझे भी जोश आने लगा . और मै जोर जोर से बाजी की चुत मरने लगा.. मेने पीछे मुड के देखा तो अब्बू चारपाई पे लेटे हुए जोरजोर से साँस ले रही थे... उनकी आखों में मेने थोडा शर्मिदी दिखी थे

मैं बाजी की चुत मैं ही फारिघ् हो गया. अब्बू अभी भी तेज तेज सांसे ले रहे थे... और हम दोनों को देख रहे थे

आज मुझे इस बात का पता चाल गया था की अब्बू मै अब ज्यदा सेक्स स्टैमिना नहीं है. शायद बाजी ने इसी बात का फायदा उठाया है.

और दूसरा की अगर अम्मी को मेरे लंड की ताकत पता चल गयी तो वो भी मुझसे चुदवा सकती हैं

उस रात अबू ने एक बार और मैने दो बार बाजी की चुत मारी और उसके बाद मैं अपने रूम मैं और बाजी अपने रूम मैं जा के सो गई और सुबह जब मैं उठा तो 9 बज चुके थे तो मैं जल्दी से उठा और नहा के बाहर आ के सीधा रूम मैं चला गया

तो अम्मी जो की मुझे जागता देख चुकी थी मेरे लिए नाश्ता ले आयी और नाश्ता मेरे सामने चारपाई पे रखने के लिए झुकी तो मेरी नज़र सीधी अम्मी के गिरेबान मैं बिना ब्रा के बूबस पे जा अटकी जो की अम्मी के झुकने कीवजह से लटक रहे थे और हल्के से हिल भी रहे थे लेकिन ये नहीं के अम्मी के बूबस कोई ज़्यादा ढीले हूँ

ये नज़ारा देख के मेरा लंड एक बार फिर से अंगड़ाई लेने लगा की तभी अम्मी मेरी तरफ देख के बोली विक्की क्या बात है बेटा कहाँ गुम हो

मैं अम्मी की बात सुनके के चौंक सा गया और हड़बड़ा के अपनी आखें अम्मी की तरफ से हटा के बोला नहीं कहीं नहीं अम्मी भला मैं कहाँ गुम हूँ और नाश्ते की तरफ हाथ बढ़ाया ही था क अम्मी की बात सुनके के मेरे हाथ मैं पकड़ा नीवाला गिर गया लेकिन मैने जल्दी से अपने आप को संभाला

अम्मी .... बेटा क्या बात है आज रात लगता है तुम्हें और फरी को नींद नहीं आयी है क्यंकि वो भी काफ़ी देर से जागी है और लगता है तुम्हारे अबू भी रात ठीक से नहीं सोए हैं
मैं... डब्ल्यू...वो नहीं अम्मी बस रात को हम सब बैठे शहर की बातें करते रहे शैयद इसी लिए

अम्मी... मेरी आँखों मैं देखते हो अच्छा तो ये बात है लगता है की तुम्हारे अबू भी तुम लोगों के साथ मिल के बातें हांकने लगे हैं

मैं अम्मी की बात कोई जवाब नहीं दे सका और सर झुका के खामोशी से नाश्ता करने लगा और नाश्ते के बाद जब अम्मी एक बार फिर से झुक के बर्तन उठाने लगी तो मेरी नज़र अम्मी के बूबस जो की अम्मी की क़मीज़ का गला खुला होने की वजह से कुछ ज़्यादा ही नज़र आ रहे थे बोली मुझे अपने बूबस को घूरता देख के हल्का सा मुस्कुरा दी और बोली बेटा कभी मेरे साथ भी थोड़ी गप लगा लिया करो आख़िर मैं भी तुम्हारी अम्मी हूँ

इतना बोलते वक़्त अम्मी के फेस पे बड़ी अजीब सी मुस्कान नज़र आ रही थी जो की मुझे बहुत कुछ सोचने पे मजबौर कर रही थी तो मैं भी हल्का सा मुस्कुरा दिया और बोला जी अम्मी क्यूं नहीं

अम्मी मेरी बात सुनके के थोडा खुश हो गई और बर्तन उठा के बाहर निकल गई तो मैं उठा और बाहर जाने की तैयारी करने लगा तो फरी बाजी जो की अभी तक खेतों मैं नहीं गई थी मेरे रूम मैं आ गई तो मैने बाजी को देखते ही कहा बाजी लगता है अम्मी को हुमारे बारे मैं शक़ हो गया है

बाजी हाँ मैं सर हिलाते हो बोली हाँ भाई मुझे भी कुछ ऐसा ही लगता है क्यूंकि अम्मी आज बड़ी अजीब निगाहों से मुझे घूरती रही हैं इसी लिए तो मैं यहाँ आयी हूँ तुम से बात करने

मैने भी अभी अम्मी से होने वाली सारी बातें बाजी को बता दीं तो बाजी ने कहा चलो ठीक है अबू से बात करती हूँ देखो क्या होता है और बाहर जाने लगी तो मैने कहा बाजी अगर खेतों की तरफ जा रही तो मैं भी चालों आप क साथ तो बाजी ने हाँ मैं सर हिला दिया
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04-29-2020, 01:11 PM,
#29
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
मैं और बाजी एक साथ घर से निकले और खेतों की तरफ चल दिए अभी हम थोड़ी दूर ही गये थे की पीछे से बिल्लो की आवाज़ सुनाई दी जो बाजी को रुकने के लिए बोल रही थी बिल्लो की आवाज़ सुनके के हम दोनो रुक गये और बिल्लो के पास आने का इंतजार करने लगे तो बिल्लो ने पास आते ही बाजी को कुछ इशारा किया तो बाजी ने मेरी तरफ देख के कहा भाई तुम चलो आगे मैं आती हूँ

मैं बाजी की बात सुनके के खेतों की तरफ चल दिया और बाजी बिल्लो के साथ आहिस्ता आहिस्ता
बातें करती मेरे पीछे आने लगी मैं खेतों मैं पहुँच के चारपाई पे बैठ गया और बाजी का इंतज़ार करने लगा जो की थोड़ी ही देर मैं बिल्लो क साथ वहाँ आ गई और

तभी अबू भी चारा उठाए वहाँ आ गये और बिल्लो को वहाँ देख के मुस्कुरा दिए और बोले क्या बात है आज तो बिल्लो भी आयी है

बिल्लो भी अबू को देख के मुस्कुरा दी और बोली क्यूं चाचा जी लगता है अब आप की हर ज़रूरत फरी से ही पूरी हो जाती है जो आप को इतने दिनों से मेरी याद नहीं आयी और हल्का सा मुस्कुरा दी

बिल्लो की बात ने मुझे हेरात का एक झटका दिया क्यूं की बिल्लो की बातों से साफ़ ज़ाहिर हो रहा था की बिल्लो को ना सिर्फ़ अबू और फरी की चुदाई के बारे मैं पता है बल्कि मुझे अब ये भी यक़ीन हो रहा था की बिल्लो खुद भी अबू से चुदवा चुकी होगी जो के मेरे लिए शॉकिंग था

बिल्लो की बात सुनके के अबू ने मेरी तरफ देखा और बिल्लो से बोले अरे नहीं बेटी भला तुम को मैं कैसे भूल सकता हूँ तुम तो जान हो मेरी और ये सब तुम्हारी ही वजह से तो हुआ है

बाजी अब आजे बढ़ी और अबू की तरफ देख के बोली अबू बिल्लो बोल रही है की उसे थोडा टाइम व्क्कि के साथ गुज़रना है अबू बाजी की बात सुनके के बोले ठीक है बेटी ऐसा करो तुम तीनो अंदर रूम मैं चले जाओ और मज़े करो

मुझे अभी बहुत सारा काम करना है और वैसे भी मैं

काफ़ी थका हुआ हूँ अबू की बात सुनके के बाजी ने मेरी तरफ देखा और बोली भाई तुम बिल्लो के साथ रूम मैं चलो मैं अभी आती हूँ

बाजी की बात सुनके के मैने बिल्लो की तरफ देखा जो मेरी तरफ ही देख रही थी तो मैं हल्का सा मुस्कुरा दिया और बिना कुछ बोले रूम की तरफ चल दिया तो बिल्लो भी मेरे साथ मेरे पीछे ही रूम मैं आ गई

रूम मैं आते ही मैने बिल्लो के हाथ पकड़ के उसे चारपाई पे बिता दिया और बोला तो

ये तुम थी जिस ने फरी बाजी को अबू से चुदवाने मैं मदद की थी

बिल्लो हल्का सा मुस्कुरा दी और बोली जी विक्की जी अगर मैं फरी की मदद ना करती तो तुम लोग अभी तक इतना खुल के सेक्स का मज़ा नहीं ले पाते तो मैं भी बिल्लो की बात सुनके के

हल्का सा हंस दिया और खड़ा हो के अपने कपड़े उतरता हुआ बोला हाँ ये तो तुम्हारा एहसान है हम पे और आज मैं तुम्हारे उस एहसान के बदले मैं तुम्हारी चुत को ठंडा करूँगा

मैने अपनी सलवार उतरी और बिल्लो के नज़दीक अपना खड़ा लंड कर दिया तो बिल्लो मेरा इतना बड़ा लंड देख की दंग रह गयी, उसके चेहरे पे हलकी सी मुस्कान आ गयी

बिल्लो ने भी बिना देर किए अपना मूह खोला और अपनी ज़ुबान निकल के मेरे लंड की कॅप पे घूमने लगी बिल्लो के इस तरह लंड की कॅप पे ज़ुबान घूमने से मेरे मूह से आआहह की आवाज़ निकल गई तो बिल्लो ने अपना सर उठा के मेरी तरफ देखा और हल्का सा मुस्कुरा दी

और फिर मेरे लंड को छोड क खड़ी हो गई और मुझे अपनी जगह चारपाई पे लिटा दिया

खुद साइड मैं बैठ के मेरे लंड पे झुक गई और अपना मूह खोल क मेरे लंड को मूह मैं भर के चूसने लगी
थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसने के बाद बिल्लो ने मेरा लंड छोड दिया और मेरी तरफ देखने लगी तो मैं भी उठ के बैठ गया और उसे अपनी तरफ खींच के अपने साथ चिपका लिया और किस करने लगा

किस करते वक़्त उस के मूह मैं अपनी ज़ुबान घुसा के किस करता रहा और फिर हम दोनो अलग हो गये तो मैं बिल्लो की तरफ देख के बोला

क्या कपड़े उतरे बिना ही चुदवाना है क्या तो बिल्लो भी हंस दी और सीधी हो के कपड़े उतरने लगी

बिल्लो अपनी सलवार भी उतरती जा रही थी और मेरी तरफ देख हल्का सा मुस्कुरा भी रही थी जिस से मेरा लंड फटने की हद तक जा पहुँचा था और फिर बिल्लो अपनी सलवार उतार के साइड मैं रख के लेट गई
बिल्लो को इस तरह लेटा देख मैं हल्का सा मुस्कुरा दिया और उसके करीब बैठ गया और बोला क्या क़मीज़ नहीं उतरोगी अपनी तो वो हल्का सा हंसते हो बोली

क्यूं क्या सिर्फ़ अपनी बहन के कपड़े ही उतार सकते हो मेरे नहीं उतरोगे तो मैने अपना हाथ आगे बढ़ाया और बिल्लो की क़मीज़ को पकड़ के निकल दिया तो वो सिर्फ़ ब्रा और पनटी मैं ही मेरे सामने रह गई तो

तभी मेरी नज़र पहली बार बिल्लो की पनटी पे पड़ी जो की उस की अपनी चुत के पानी से गीली हो रही थी
बिल्लो की पनटी को चुत वाली जगह से देख के मेरा अपना भी हाल खराब होने लगा और मैं बिल्लो के साथ लेट गया और उसे अपनी तरफ खींच के अपने सीने से लगा लिया और किस करने लगा

थोड़ी देर तक हम दोनो ऐसे ही एक दूसरे को किस करते रहे और अपने हाथों से भी एक दूसरे को सहलाते और मसालते रहे तो उस के बाद मैने बिल्लो को खुद से अलग किया

और उस का फेस दूसरी तरफ घुमा के पीछे से चिपक गया और अपना लंड बिल्लो की गांड जो के अभी तक पनटी मैं फँसी हुयी मेरे सामने थी टीका दिया और अपने हाथ बिल्लो के बूबस पे रख के दबाने लगा और पीछे से हिलने लगा

तभी फरी बाजी भी रूम मैं इन हो गई जिसे देख के मैं बिल्लो से थोडा पीछे हट गया और बाजी की तरफ देख के बाजी को भी पास आने का इशारा किया

बाजी भी हुमारे पास आ गई तो मैने बिल्लो की तरफ देखते हो कहा चलो यार अब ये बाकी के बचे हो कपड़े भी निकल दो और खुद बाजी के कपड़े जो बाजी उतार चुकी थी और उस वक़्त सिर्फ़ पनटी और ब्रा मैं ही खड़ी थी उतरने लगा और

उस के बाद मैं बिस्तेर से उठा और बाजी को बिल्लो क साथ लिटा दिया और दोनो को टोंगो खोलने का बोला और जैसे ही बिल्लो और बाजी ने अपनी टांगो खोली मैं दोनो की चुत देखने लगा और अंदाज़ा करने लगा इन मैं से किस की चुत ज़्यादा प्यारी और सेक्सी है तो अच्छी तरह देखने के बाद

मुझे मानना पड़ा की फरी बाजी की चुत बिल्लो से ज़्यादा गीली हो रही थी और हल्की पिंक होने की वजह से और भी ग़ज़ब ढा रही थी लेकिन मैने बाजी की चुत से अपना ध्यान हटाया और बिल्लो की चुत की तरफ झुक गया , बिल्लो की चुत आज पहली बार मिल रही थी लेकिन बाजी तो मेरे पास ही होती थी जब दिल चाहे चोद डालो बाजी ने कौन सा मना करना था

मैं अब बिल्लो की चुत पे झुका और अपनी ज़ुबान निकल के बिल्लो की चुत पे घूमने लगा और साथ ही अपना हाथ बाजी की चुत की तरफ बढ़ाया और अपनी फिंगर से बाजी की चुत को सहलाने लगा और साथ ही अपनी फिंगर को बाजी की चुत मैं भी घुसा के चोदने लगता

मेरे इस तरह दोनो की चुत से छेड़ खानी करने से बाजी और बिल्लो दोनो ही मचलने लगी

सस्सीईईईई उनम्म्मह आअहह की आवाज़ों के साथ महॉल को और भी गरम किए हो तीन थोड़ी देर तक इसी तरह बिल्लो की चुत पे अपनी ज़ुबान घूमने और बाजी की चुत मैं उंगली घुसते रहने क बाद मैं उठा और बिल्लो को उठा दिया और खुद उस की जगह लेट गया और उसे बोला की जान जी चलो आ जाओ आज तुम्हें अपने लंड की सवारी करवाता हूँ

बिल्लो मेरी बात सुनके के खड़ी हो गई और मैं अपने बाज़ू पीछे की तरफ मौजोद के बिस्तेर पे टीका के बैठ गया तो बिल्लो अपनी दोनो टाँगों को खोल के मेरे दोनो तरफ कर के खड़ी हो गई जिस से

बिल्लो की चुत मेरे मूह के सामने आ गई और फिर बिल्लो आहिस्ता से नीचे को झुकती गई और मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ के अपनी चुत पे सेट किया और आराम से नीचे बैठ गई जिस से मेरा लंड बिल्लो की चुत मैं घुसता घुसने लगा. केवल मेरे लंड का कप की बिल्लो की चुत में चूसा था .

मेरे मोटे लंड से बिल्लो को शायद दर्द हो रहा था वो हलके हलके ही मेरे सुपाडे को अंदर करके चुद रही थी और ओह आज के आवाज निकल रही थी..

तभी बाजी ने बोला , भाई जान ..तुम्हारा मोटा लंड बिल्लो की चुत मैं ऐसे नहीं जाएगा.
तुम इसकी चुत में झट्के से डोलो. यह अभी इतने मोटे लंड से नहीं चुदी है बस अब्बू का पतला लंड लेके ही खुश है.

आज इसको पता चलेगा की मोटे लंड से कितना मज़ा आता है. बिल्लो जो की मेरे लंड का केवल सुपाडा की अपनी चुत मै ली थी..

बाजी के बात से मै थोडा सीधा हुआ और बिल्लो को अपने साथ लिटाया लिया और झट्के से अपना आधा लंड बिल्लो की चुत पे पेल दिया . बिल्लो दर्द से गनगना उठी ..और चिलाने लगी.. आ बाजीनहीं चुदना मुझे.. प्लीएसा भाई जी निकल लो अपना लंड ..ओह....माआआआअ.मर गयी...
बाजी उसकी बात पे हंस दी ...बोली बिल्लो रानी अभी तो भाई का लंड आधा की चुत के अन्दर गया है... पूरा जाएगा तब क्या होगा..

मै बिल्लो को वसे ही जकड के पदके रहा और धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करता रहा.बाजी ने बिल्लो के बूबस को हलके हलके दबाना चालू किया , जिससे उसको थोडा आराम मिलने लगा मै बीच बीच मै बिल्लो के होंठो को किस करने लगा..

इसी तह २-३ मिनट चुदाई करता रहा तभी बाजी ने मुझे इशारा किया और मेने अपना लंड हल्का सा बाहर किया और चाप के एक झट्के से बिल्लो के चुत पे पेल दिया. बिल्लो दर्द से तिलमिला उठी.. और जोर जोर चिलाते हुयी रोने लगी लगी..

उसकी चिलाह्त इतनी जोर की थी बाहर अब्बू ने भी सुन ली और वो भी घबरा के ,सुनके बाहर से अब्बू ने आवाज दी क्या हुआ फरी ....... कुछ परेशानी... बोलो

बाजी हंसके ,,आबू से बोली कुछ नहीं अब्बू .

भाई जान ने अपना लंड बिल्लो रानी चुत पे पेल दिया..........

अब्बू.. के ही ही ही.. और जोर से हसने ... की आज सुनाई दी .. मै बिल्लो को जकड के पकड़ा हुआ था ..
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04-29-2020, 01:11 PM,
#30
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
सच मै बिल्लो की आखों मै आसूं आ गए थे. बाजी ने कहा बही बस अब हो गया तुम धीरे धीरे बिल्लो की चुत की चुदाई करते रहो..

बिल्लो कह रही थी ..नहीं बाजी.. नहीं चुदना मुझे इस गधे जसे लंड से .. निकल लो अपना लंड.... और.. आह और दर्द से कहर रही थी ....

मैं उस को अपने साथ चिपका के बैठा हुआ उस के बूबस को चूस कर रहा था जिस से अब उसको भी मज़ा आने लगा.
उसका दर्द अब कुछ कम हो गया था. और वो भी धीरे द्जीरे अपनी गांड उठाके .अब चुदाई का मज़ा लेने लगी थी...

मेने उसको चोदने की रफ़्तार बड़ा दी.. जिस से वो अब पूरे मज़े थी.. ओह ओह्ह्ह आह बही चोदो छोड़ा अपने मोटे लंड से...की आजा निकल रही थी .. ओह बही मेरा गिरा ओह.. सच मैं बहुत मज़ा आ रहा है मोटे लंड चुदने मै... ओह भाई ..आआआआअह मैं फारिग.. ओह.. और उसका बदन दीला पड़ गया ..

मै अब उसको धीरे धरी चोद रहा था .की तभी बाजी ने मेरे कंधे से पकड़ के हिलाया और बोली

क्या भाई तुम दोनो ने ही मज़ा करना है क्या मैं हेरनी से बाजी की तरफ देखते हो बोला क्यूं बाजी बारी बारी ही करूँगा ना अब मेरे पास 2 लंड तो है नहीं की मैं तुम दोनो को एक साथ चोद सकों तो

बाजी ने हंसते हो कहा की बिल्लो अब फारिग हो गई है तुम मूह से मेरी चुत को मज़ा दो ,

बाजी की बात सुनके के मैं समझ गया की बाजी क्या चाहती हैं और मैं बिल्लो को छोड के जैसे ही बिस्तेर पे लेता तो बाजी ने अपना फेस बिल्लो की तरफ किया और अपनी चुत को मेरे मूह पे रख के बैठ गई

अब मेरी बड़ी बहन की चुत मेरे फेस पे थी जिसे मैं अपनी ज़ुबान से चाट रहा था

तभी बाजी बिल्लो से बोली बिल्लो भाई के लंड की सवारी करो तो बिल्लो मेरे लंड पे बैठी बड़े मज़े से ऊपर नीचे
हो के मेरे लंड से अपनी चुत को चुदवाके पूरा मज़ा ले रही थी और ऊपर से बाजी के साथ किस्सिंग और बूबस भी मसल रही थी

कुछ देर तक हम तीनो इसी तरह मज़ा लेते रहे तो बाजी मेरे मूह मैं ही फारिघ् हो के अपना पानी मेरे मूह मैं ही गिरा के उठी तो मैने बाजी की चुत का सारा पानी चाट ते ही बिल्लो को भी लंड से उतार दिया और फिर

बिल्लो को सीधा लिटा के बाजी को उसके ऊपर ही उल्टा लिटा दिया अब मैं इन दोनो की पीछे आ गया और अपने लंड को फरी बाजी की चुत पे पीछे से सेट किया और पूरी जान से धुसा दिया लंड बड़े आराम से बाजी की चुत मैं चला गया

लेकिन बाजी के मूह से सस्स्सीईईईई आअहह विक्की बहन चोद हरमिीईईई आराम से नहीं घुसा सकता था क्या ऊऊहह की आवाज़ निकल गई तो पता नहीं क्यूं मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आया और

मैने इसी मज़े मैं बाजी को उस के बलों से पकड़ के झटका दिया जिस से बाजी का सर ऊपर को उठ गया तो मैं एक बार फिर अपने लंड को बाजी की चुत से बाहर निकल के बाजी की चुत मैं घुसने लगा

मैं जैसे जैसे बाजी की चुत मैं झट्के से लंड घुसता जाता बाजी के मूह से सस्सिईईईई आआहह विक्की मेरे बहन चोद भाईईईईईईईईईईईईईई क्या . चुदाई करता है रे तो ऊऊहह मेरी मा उनम्म्मह भाईईईईईईईईईईईईईईईईई और तेज़ करो प्पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाईईईईईईईईईईईईईईईईई फाड़ डालो अपनी बहन की चुत कूऊऊऊऊओ की आवाज़ कर रही थी और अपनी गांड को पीछे मेरे लंड की तरफ ढकिल रही थी जिस से चुदाई का मज़ा और भी ज़्यादा हो रहा था

कोई ७-८ मिनट की इस लगातार चुदाई ने ही बाजी की चुत मैं फिर से सेलाब बहा दिया और बाजी निढाल सी हो गई तो

मैने बाजी को बिल्लो के ऊपर से हटा दिया और खुद बिल्लो की टाँगों को खोल क अपना लंड उस की चुत मैं घुसा के उस क ऊपर ही लेट गया
एस बार पुअर लंड बिल्लो की चुत मै आराम से जाने हलके दर्द गया और चुदाई करने के साथ चूमने भी लगा तो बिल्लो ने भी मुझे अपने साथ लिपटा लिया और मेरा साथ देने लगी

अब मैं बिल्लो की चुत मैं अपना लंड पूरा घुसा के बाहर निकला और फिर से पूरी जान लगाके वापिस झट्के से चुत मैं घुसा देता

जिस से बिल्लो भी मज़े से पागल होने लगी और आअहह विक्कीईईईईईईईईईईईईईईई मा चोद रमिीईईईईईईईईईईई

तेरी मा की चुत फाडेगा क्या साले और तेज़ चोद मुझी फाड़ डॉल आज मेरी चुत को अपने इस हरामी मोटे लंड से सीईईईईईईई ऊऊहह विक्कीईईईईईई मेरी जान मैं गैिईईईईईईईईईईई की आवाज़ करने लगी
तेरे अब्बू के छोटे लंड से ज्यादा तेरे मोटे लंड से चुदने मै मज़ा है ....होह्ह्ह्ह
बिल्लो की इन आवाज़ों और बातों ने मुझे भी अपने फारिग होने के करीब दिया था और मैं भी हाँ सलिइीईईईईई

ये ले पूरा लंड,द तेरी चुत मैं घुसा क टेरिइईईई चुत का बजा बजा दूँगागा सलिइीईई हराम ज़दिइईईईईईईईईई


ओह विक्की तू पहले क्यूं नहीं मिला कितना मस्त लंड है तेरा , बहुत मज़े देता है... ओह्ह तभी फरी बाजी दीवानी है तेरे लंड की.....

ओह भाई जान ...जोर से जोर...मेरा ,,,,,ओह चोद मादरचोद बेहन्चोद ......कटी हुयी दुबर फारिग हो गयी. उसके बाद.. मैं गया की तेज़ आवाज़ और 2 3 मिनट मैं तेज़ झतकों मैं ही मैं बिल्लो की चुत मैं ही फारिघ् हो

थोड़ी देर तक हम तीनो आराम से लेते, अभी हुयी चुदाई के मजेदार पल को एंजाय करते रहे

फिर बाजी ने पूछा क्यूं बिल्लो मज़ा आया मेर भाईजान के गधे जसे लंड से, तो बिल्लो हंस के मुझे और बाजी कोएक एक किस दी.
और फिर बाजी उठी और कपड़े पहन के बाहर निकल गई

बिल्लो जो की मेरे साथ ही नंगी लेती हुयी थी करवट बदल के मेरी तरफ मूह कर के लेट गई और बोली क्यूं विक्की जी कुछ मज़ा भी आया है आप को

मैं.. सच पूछो तो जो मज़ा आज तुम्हारे और बाजी के साथ आया है अभी तक नहीं आया

और इतना बोलते ही बिल्लो को अपनी तरफ खींच लिया और अपने होठों को बिल्लो के तपते होंठो पे रख दिए और किस करने लगा थोड़ी देर हम दोनो इसी तरह किस करते रहे और फिर एक दूसरे से अलग हो के लेट गये तो बिल्लो ने मेरी तरफ देखते हो कहा विक्की एक बात पूछ तुम से अगर तुम सच बताओ तो

मैने हाँ मैं सर हिला दिया और बोला यार पहले पूछो तो सही फिर अगर मैं सच नहीं बताऊ तब बोलना

बिल्लो... विक्की क्या तुम ने शहर मैं भी किसी लड़की क साथ किया है क्या मैं... हाँ किया है लेकिन चाकले पे जा
गस्तियों के जहाँ पैसे दे के कोई भी किसी लड़की के साथ कर सकता है

बिल्लो... हंसते हो मेरे सर पे हाथ से मरते हो बोली नीरे गढ़े हो तुम भी विक्की मैं उन लड़कियों की बात नहीं कर रही हूँ मैं तुम्हारे साथ पढ़ने वाली लड़कियों का पूछ रही हूँ

मैं... नहीं यार अब हुमारी इतनी क़िस्मत कहाँ की कोई लड़की मुझे भी इस तरह लिफ्ट करेवाए और हम मज़े कराईं

बिल्लो... विक्की तुम हो बहुत कामीने हो सच्ची मैं... अच्छा अब अगर मैं भी तुम से कुछ पूछों तो क्या मुझे सच बतोगे
बिल्लो.... हाँ विक्की पूछो जो पूछना है अब मैं तुम से कोई बात नहीं चुपाओंगी

मैं... यार तुम ने सब से पहला सेक्स किस के साथ किया था

बिल्लो.. मुस्कुराती आँखों से मेरी तरफ देखती रही और बोली क्या ये पूछना ज़रूरी हैतुम्हारे लिए

मैं.. नहीं अगर तुम ना ब्ताना चाहो तो तुम्हारी मर्ज़ी

बिल्लो... कुछ देर तक सोचती रही और फिर मेरी तरफ देख के मुस्कुरा दी और बोली हाँ अब क्या फराक पड़ता है छुपाने से और फिर बिल्लो ने जिस का नाम लिया वो कोई और नहीं बल्कि मेरा अपना बाप ही था

मैं... कुछ देर तक हेरान नज़रों से बिल्लो की तरफ देखता रहा और बोला क्या तुम सचबोल रही हो

बिल्लो ... हाँ यार अगर तुम्हें यक़ीन नहीं आ रहा तो खुद अपने अबू से ही पूछ लेना बता देगा तुम्हें

मैं... कुछ देर तक सोच मैं दोबा रहा और फिर बोला बिल्लो तुम कब से ये सब कुछ कर रही हो अबू के साथ

बिल्लो... हंसते हो बोली यार तुम तो पोलीस वालों की तरह पूछ रहे हो चलो ये भी बता देती हूँ 2 साल हो गये हैं

मैं... बिल्लो क्या फ़रज़ाना को भी पता है की तुम ये सब करती हो और किस क साथ करती हो

बिल्लो... बड़े ध्यान से मेरी आँखों मैं देखते हो बोली विक्की एक बात सच बताना क्या तुम्हारी नियत अब फ़रज़ाना पे भी तो नहीं है

मैं...नहीं यार अब ऐसा भी नहीं हूँ मैं

बिल्लो... वेसे एक बात बताओ उसे अभी ये तो पता नहीं है की मेरा किस के साथ चक्कर है

लेकिन इतना उसे भी पता है की मेरा किसी के साथ कोई चक्करहै ज़रूर और मैं उस के साथ

मज़े भी करती हूँ

मैं... तो क्या फ़रज़ाना ने कभी तुम से पूछने की कोशिश नहीं की की तुम्हारा किस के

साथ चक्कर है

बिल्लो.... पूछती तो बहुत है और यहाँ तक भी मुझे बोल चुकी है की अगर हो सके

तो मेरा भी भला करवा दो अगर बंदा ऐतबार का है जो मुझे कहीं बदनाम ना करवा दे

मैं... तो फिर तुम ने क्या कहा उस को

बिल्लो... अभी तक उसे बस दिलासा ही दे रही हूँ लेकिन अब सोचती हूँ की उसे भी तुम से

या अंकल से ही करवा दूँगा क्यूं की इस से उस को बदनामी का भी कोई डर नहीं होगा और

मज़ा भी ज़्यादा मिलेगा तुम्हारे मोटे लंबे लंड से

मैं... नहीं यार अभी वो बची है ऐसा नहीं होना चाहिए

बिल्लो... भोले राजा तुम्हारी बहन अपनी स्वीट...उम्र मैं है और ये उम्र ही मज़े लेने और देने की होती है और अगर तुम ने या तुम्हारे अबू ने नहीं करना तो ठीक है

मैं किसी और क साथ उसे सेट करवा देती हूँ

मैं... अच्छा अभी उठो और कपड़े पहनो अम्मी खाना ले के आने वाली होगी बाद मैं कुछ सोचते हैं फ़रज़ाना का भी

उस क बाद हम दोनो उठे और कपड़े पहाँ के बाहर निकल आए तो देखा की अबू बाहर बाजी के साथ चारपाई पे लेते थे

और वो दोनो कोई बात भी कर रहे थे आपस मैं

हमें बाहर आता देख के अबू और बाजी भी उठ के बैठ गये तो

बिल्लो अबू की तरफ देख के बोली अच्छा अंकल जी अब मैं चलती हूँ बाद मैं आऊँगी काफ़ी देर हो गई घर से निकले हो

अबू ने भी हाँ मैं सर हिला दिया और बोले क्यू बिल्लो रानी...चीख क्यूं निकली तुम्हरी वसे तो बहुत..... और हसने लगे..

तो बिल्लो भी शरमाते हुए खेतों से घर की तरफ चल दी तो अबू ने कहा विक्की आ जाओ बेटा बेतो यहाँ
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