Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
04-29-2020, 01:11 PM,
#31
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
मैं अबू की बात सुनके के शरमाता हुआ उन के पास जा क बैठ गया तो अबू ने अपना बाज़ू मेरे दोनो कंधों पे फैला दिया और बोले देखो यार विक्की अब तुम मुझ से इतना शरमाया नहीं करो अब हम सिर्फ़ बाप बेटा ही नहीं बल्कि बहुत अच्छे दोस्त और राज़ दार भी बन चुके हैं

और फिर तुम जवान हो मज्ब्बोत हो... ...और... अच्छा ..ही की तुम ..एस काम मै ...मेरे जैसे ..नहीं हो.....

मैने सर उठा के अबू की तरफ देखा जो की अभी हल्का सा मुस्कुरा रहे थे तो मैने हाँ मैं सर हिला दिया और उस के बाद थोड़ी देर वेसे ही हम लोग गुप शुप करते रहे

तो अबू किसी काम से उठे तो मैने बाजी को अम्मी के बारे मैं पूछा की अब उन का क्या करना है क्यूं क अम्मी से हुयी बात मैं बाजी को बता चुका था तो बाजी ने कहा भाई

तुम कोई टेन्सन नहीं लो मैने अबू को सब कुछ बता दिया है अब जो भी करना है अबू को ही करना है

बाजी से बात कर के मैं थोडा रिलॅक्स हो गया की चलो अबू को भी पता चल गया है की अम्मी को हम पे शक हो गया है और

अब अबू खुद ही अम्मी से भी निपट लेंगे इस लिए मैं आराम से चारपाई पे लेट गया बाजी के करीब ही कुछ देर तक मैं ऐसे ही लेता रहा तो बाजी ने कहा क्यूं भाई कुछ मज़ा भी आया बिल्लो के साथ या फिर टाइम ही खराब हुआ तुम्हारा मैं... नहीं बाजी सच कहों तो मज़ा तो आया है लेकिन जितना मज़ा आप के साथ करने से मिलता है उतना मज़ा बिल्लो के साथ नहीं आया

बाजी... विक्की लगता है की तू ना पक्का बहनचोद बन गया है कामीने तुझे इतनी अच्छी लड़की के साथ भी मज़ा नहीं आया

मैं... हाँ बाजी बहनचोद तो मैं बन ही चुका हूँ तो फिर क्यूं ना अपनी ही बहन से पूरी तरह मज़ा लिया जाए

बाजी... अच्छा अब ये बता के क्या इरादा है तेरा मैं... यार बाजी मैं सोच रहा था के अगर अबू अम्मी को सेट कर दूँ तो हम ज़रा खुल के एंजाय कर सकैं गे क्यू फिर हमें किसी किस्म की टेन्सन नहीं रहे गी और हम घर पे भी मज़ा कर सकैंगे

बाजी.... क्यूं भाई घर मैं सिर्फ़ अम्मी ही तो नहीं होती फरीदा और फ़रज़ाना भी तो होती हैं उन का क्या करोगे

मैं... यार बाजी जब एक बहन को चोद के बहन चोद बन ही चुका हूँ तो बाकी 2 की चुत का मज़ा भी लेने की कोशिश करूँगा

बाजी... मेरी बात सुनके के हेरनी से मेरी तरफ देखते हो बोली भाई कहीं तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया पता है की अगर उन मैं से किसी एक साथ भी कोई हरकत की ना तुमने तो तो सारा काम खराब हो सकता है

मैने बाजी की बात सुनके के उन्हें बिल्लो से होने वाली फ़रज़ाना के बारे मैं बात बताई तो बाजी भी काफ़ी हेरान हुयी और साथ थोड़ी परेशान भी हो गई और बोली लेकिन भाई फ़रज़ाना तो अभी काफ़ी छोटी है कहीं कोई मसाला ना हो जाए

मैने भी बाजी को दिलासा दिया और कहा बाजी मैं अगर कुछ करूँगा भी तो ये ख्याल ज़रूर रखों गा के कोई मसाला ना हो जाए बाजी मेरी बात सुनके के चुप हो गई और किसी सोच मैं पड़ गई और फिर एक लंबी सी साँस लेते हो बोली ठीक है भाई लेकिन ख्याल करना के कोई गडबड ना हो जाए और उठ के साइड को चल दी और मैं अकेला लेता रह गया

बाजी के जाने के कोई 15 20 मिनट के बाद ही अम्मी भी खाना ले के आ गई और मुझे अकेला देख के बोली क्या बात है बेटा यहाँ इस तरह क्यूं लेते हो हो तुम्हारे अबू और फरी कहाँ हैं नज़र नहीं आ रही

मैं जल्दी से उठ के बैठ गया और अम्मी को देख के बोला के अबू तो काफ़ी देर से कहीं गये हैं और बाजी अभी कोई 15 मिनट पहले ही कहीं गई है

अम्मी ने खाना चारपाई पे रखा और रूम से एक चटाई ला के छाव मैं बिछा दी और खाना वहाँ रख के पानी भी भर के रखा और
अबू और बाजी को बुलाने चल दी अम्मी के जाने के बाद मैं उठा और हाथ मूह धो के वापिस मुड़ा तो देखा के बाजी अकेली चली आ रही थी और अम्मी अबू के साथ कुछ पीछे खड़ी थी और दोनो कुछ बात भी कर रहे थे बाजी के आते ही

मैने बाजी से पूछा के बाजी आप को कुछ अंदाज़ा है के अम्मी और अबू के दरमियाँ क्या बात हो रही है

मेरी बात सुनके के बाजी ने बड़ी अजीब नज़रों से मेरी तरफ देखा और बोली थोडा सबर करो फिर तुम्हें भी पता चल जाएगा और ट्यूबबेल से हाथ मूह धो के चताई पे आ के बैठ गई


मैं भी खामोशी से बाजी के पास जा के बैठ गया और अबू और अम्मी का इंतजार करने लगा जो की कोई 10 मिनट बाद आए उस के बाद हम ने मिल के खाना खाया

जिसके दरमियान अम्मी बार बार मेरी तरफ बड़ी मीठी नज़रों से भी देख रही थी जिससे की मुझे बड़ी उलझन मैं हो रही थी
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04-29-2020, 01:11 PM,
#32
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
खैर खाना खाने के बाद अम्मी ने बर्तन उठाये और घर को चली गई तो अबू ने मेरी तरफ देखा और बोले विक्की बेटा मेरा ख्याल है की हुमारे दरमियाँ अब जैसा की कोई परदा नहीं बचा है तो हम दोनो को हर बात एक दूसरे के साथ ज़रा खुल के कर लेनी चाहिए क्या ख्याल है

मैने बाजी की तरफ देखा और उस के बाद अबू की तरफ देख के हाँ मैं सर हिला दिया और बोला जी अबू जैसा आप मुनासिब समझाईं

अबू... फरी की तरफ देखते हो बोले बेटी तुम ज़रा भेंसों को देख आओ और उन्हें पानी भी पीला के आना

फरी...जी अच्छा अबू कहते हो वहाँ से उठी और भेंसों की तरफ चली गई

अबू... विक्की अभी तुम्हारी अम्मी जब खाना ले के आयी थी तो उस ने मुझे अलग साइड मैं कर के जो बात की है वो मैं तुम्हारे साथ साझा करना चाहता हूँ क्यूंकि अब हमें जो भी करना है सोच समझ के करना है

मैं... क्या मतलब अबू मैं समझा नहीं आप की बात अम्मी ने क्या बात की है आप के साथ

अबू...बेटा तुम्हारी अम्मी को हम पे यक़ीन की हद तक शक है के मैं तुम और फरी का आपपीस मैं कोई ना कोई चक्कर है और जिस तरह तुम्हारी मा ने मेरे साथ बात की है मुझे लगता है के उसे हुमारे इस तालूक़ पे कोई भी प्राब्लम नहीं है बल्कि वो कुछ और ही चाहती है

मैं... अबू अब जब के हम लोग खुल के बात कर रहे हैं तो मेरा ख्याल है की आप पूरी बात करो इशारों मैं नहीं

अबू.... ठंडी साँस लेते हो बोले बेटा हुमलोग जो कुछ कर रहे हैं उस का तुम्हारी अम्मी को पता चल चुका है और ये बात उन्हें बिल्लो से ही पता चली है और जिस अंदाज़ से तुम्हारी अम्मी ने बात की है मुझे लगता है की वो भी इस खेल मैं हुमारे साथ मिलना चाहती है और तुम्हारे मोटे लंबे लंड से चुदना चाहती है वो जो उसकी बरसो की तमना है

मैं... हेरनी से अबू की तरफ देखते हो बोला लेकिन अबू ये किस तरह हो सकता है

आख़िर वो मेरी अम्मी है उन के सामने या उन के साथ मैं ये सब किस तरह कर सकता हूँ

नहीं अबू पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ ये नहीं हो सकता

अबू... देखो बेटा पहली बात तो ये है के जब तुम ने फरी को मेरी तरफ मायल किया था चुदाई के लिए तो क्या तुम नहीं जानते थे की मैं उस का बाप हूँ और

अगर मैं बाप हो के अपनी ही सग़ी बेटी को चोद सकता हूँ तो तुम्हें क्या मसाला है और फिर जब तुम खुद भी अपनी अम्मी के बूबस और गांड को घूरते रहते हो तो तुम्हें तो खुश होना चाहिए

मैं... हेरनी से अबू की तरफ देखते हो बोला वो सब तो ठीक है अबू लेकिन मैने फरी बाजी को आप के साथ सेक्स के लिए नहीं बोला था बल्कि ये उन की अपनी मर्ज़ी थी बस मैने बाजी को मना नहीं किया था

अबू... अच्छा चलो छोडो क्या हुआ था या क्या नहीं अब बात ये है के तुम्हारी अम्मी भी अब हुमारे साथ मिल के मज़ा करना चाहती है तो अब तुम बताओ क्या करना है क्यूंकि इस मैं मेरे और फरी के साथ तुम्हारा भी फाइयदा है सोच लो

मैं... कैसा फाइयदा अबू

अबू... यार सोचो अगर तुम्हारी अम्मी भी हुमारी पार्ट्नर बन गई तो हम किसी भी वक़्त और किसी भी जगह मज़ा कर सकते हैं कोई दर नहीं कोई टेन्सन नहीं बस मज़े ही मज़े होंगे

मैं... सर झुका के बैठ गया और सोचने लगा के क्या मेरा अपनी मा के साथ ऐसा करना ठीक होगा

वो मा जिस की कोख से मैं पैदा हुआ था जिस ने मुझे पाला पोसा था और जवान किया था तो तभी मेरे अंदर से दिल की आवाज़ आयी क हाँ मुझे अपनी मा की खुशी को पूरा करना चाहिए

उसे मोटे और जवान लंड की जरूरत है. जैसा की अब्बू ने कहा, और अब्बू का लंड तो बहुत छोटा सा है .

और ये सोच आते ही मन मैं सकून हो गया था

वहीं मेरा ध्यान अपने लंड की तरफ गया जो की अम्मी की चुत का सोच के ही पागल हो के मचल रहा था

अबू मेरे फेस से ही समझ गये के अब मुझे इस पे कोई ऐतराज़ नहीं है तो अबू ने कहा के ऐसा करो तुम आज रात खाना खा के अपनी अम्मी के साथ यहाँ आ जाना और रात को पानी लगाने के बहाने यहीं रुक जाना ठीक है

मैने अब भी सर नहीं उठाया और खामोश बैठा रहा तो अबू हल्का सा हंस दिए और बोले यार क्या बात है तुम तो ऐसे चुप बैठे हो जैसे मूह मैं ज़ुबान ही नहीं है तुम्हारे

मुझे देखो मैं भी खुश हूँ जिस की बीवी की आज रात तुम ठुकाई करोगे और

तुम्हारी अम्मी भी तुम्हारे मोटे लंड से चुद के खुश हो जाएगी...... कब तक मेरे मतले लंड से चुदती राहगी और हाहाहा कर के हंस दिए

अबू की बात सुनके के मुझे थोडा होसला हुआ और मैने अबू की तरफ देखते हुए कहा लेकिन अबू मैं अम्मी के साथ ये सब किस तरह कर सकोंगा नहीं अबू

पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ कुछ और सोचिये मैं आप को मना नहीं कर रहा लेकिन फिर भी आप खुद ही सोचिये के मैं किस तरह ये सब

अबू ने ने हंसते हो कहा यार परेशान क्यूं हो रहे हो सब ठीक हो जाएगा

कोई परेशानी की बात नहीं है बाकी मैं खुद समझा दूँगा तुम्हारी अम्मी को कोई मसाला नहीं होगा वो ही ...करेगी ....

उस के बाद हम दोनो वहाँ से उठे और मैं चारपाई पे जा के लेट गया और रात के बारे मैं सोचने लगा और अबू जा के अपने काम मैं लग गये और मैं इन सब सोचों मैं ही गुम सो गया और कब मेरी आँख लगी कोई पता नहीं चला और जब आँख खुली तो शाम हो चुकी थी मैं उठा और नहा के बाजी और अबू के साथ ही घर की तरफ चल दिया और घर आ के थोड़ी देर सब ने गुप शुप की और फिर खाना खाया और

उस के बाद अम्मी के साथ मैं फिर से खेतों की तरफ चल दिया

खेतों मैं पहुँच के अम्मी ने पहली बार मेरी तरफ देखा और बोली विक्की कहाँ है तु

यहाँ बाहर ही बिस्तेर . दूँगा या फिर रूम मैं ही बिस्तेर लगाऊ तुम्हारे लिए

मैने अम्मी की तरफ देखा और अम्मी को . देख के बोला जहाँ आप का दिल चाहे लगा दें बिस्तेर ही तो है जहाँ भी जगह मिलेगी सो लूँगा

अम्मी ने कहा हाँ ये भी ठीक है लेकिन मेरा ख्याल है की हमें रात को रूम मैं ही ..... चाहिए बाहर नहीं

मैने सर झुका के बस इतना ही कहा जी अम्मी जैसे आप की मर्ज़ी तो अम्मी भी और कोई बात किए बिना रूम मैं चली गई और जल्दी ही वापिस आ के बोली बेटा जाओ मैने बिस्तेर बिछा दिया है जा के लेट जाओ मैं थोडा काम है वो . कर के आती हूँ

मैं चुप कर के रूम मैं चला गया जहाँ अम्मी ने . बिस्तेर नीचे ही एक चटाई पे . बिछा के रखा था

मैं एक पे अपने सर के नीचे रख और अपनी क़मीज़ उतार के लेट गया और सोचने लगा की आख़िर मैं किस तरह अम्मी के साथ कर सकूंगा क्यूंकि मैं जितना मर्ज़ी हिम्मत कर लेता अम्मी के साथ नहीं कर सकता था

खैर अम्मी भी कोई 30 मिनट बाद वापिस आयी और मुझे लेटा देख के मेरे पास ही बिस्तेर पे बैठ गई और बोली बेटा मैने अपना बिस्तेर भी यहाँ तुम्हारे साथ ही लगा लिया है तुम्हें कोई ऐतराज़ तो नहीं

मैने अम्मी की तरफ देखा और बोला अम्मी आप ऐसे क्यूं बोल रही हो आप का जहाँ दिल चाहता है आप लेट जाओ अगर आप यहाँ मेरे साथ . चाहती हैं तो भी आप सो जाओ मैं क्यूं मना करू गा

अम्मी मेरे साथ ही लेट गई और थोड़ी देर तक चुप रही और फिर मेरी तरफ . बदल के बोली बेटा क्या तुम्हारी कोई शहर मैं भी किसी लड़की के साथ . हुयी थी या अभी तक कोई . ही नहीं

मैं समझ गया के ये बातें अम्मी बात को आगे . के लिए कर रही हैं तो मैं भी अम्मी की तरफ . बदल कर लेट गया और बोला कहाँ अम्मी भला मैं इतना . थोडा ही हूँ क कोई लड़की मेरे साथ . करती

अम्मी मेरी बात . ही मुस्कुरा दी और मेरी आँखों मैं देख के बोली क्यूं इतना . तो है मेरा बेटा क्या शहर की लड़कियाँ . हैं जो उन्हें मेरा बेटा . ही नहीं . आता
अब मैं क्या . सकता हूँ अम्मी के उन्हें मैं कैसा नज़र आता हूँ ये तो वो लड़कियाँ ही बता सकती हैं

अम्मी ने अपना एक हाथ मेरे ऊपर रखा और साथ ही मुझे अपनी तरफ खींच लिया जिस से अम्मी के बूबस मेरे साथ . होने लगे तो अम्मी ने मेरे सर को थोडा झुका दिया और मेरे . पे एक किस की और फिर मेरा सर उठा के मेरी आँखों मैं देखते हो बोली चल छोड दिल . ना कर मैं हूँ ना . . उन लड़कियों को जो . साथ . करना . नहीं .

मैं भी अम्मी की आँखों मैं देखते हो थोडा . अंदाज़ मैं बोला अम्मी मैं भला आप को अपनी . . कैसे समझ सकता हूँ आप तो मेरी अम्मी हो कोई लड़की थोडा ही हो अम्मी भी मेरी तरफ देखते हुए बोली

क्यूं मैं तुम्हारी माँ होने के साथ साथ तुम्हारी . . नहीं बन सकती जबकि फरी तो तुम्हारी बड़ी बहन भी है और . . .......भी है

मैं अम्मी की बात सुनके के खामोश हो गया और कुछ नहीं बोला तो अम्मी ने अचानक अपने होठोंस मेरे होंठो पे रख दिए

मैने भी अम्मी के मुह मैं अपनी ज़ुबान घुसा के किस करने लगा और अम्मी के होंतों को चूसने लगा तो तभी अम्मी ने मेरा एक हाथ पकड़ के अपने सॉफ्ट बूबस पे रख दिया

मैने भी अम्मी के बूबस को मसलना और सहलाना शरू कर दिया और अम्मी मुझे अपने साथ भिंचे हो किस करने लगी रही

थोड़ी देर तक किस करने के बाद अम्मी ने मुझे अपने से थोडा सा पीछे किया और मेरी आँखों मैं देखते हो बोली क्यों बेटा बनोगे अपनी अम्मी को अपनी गर्ल फरन्ड तो अम्मी की बात सुनते ही मैने फिर से अम्मी को अपनी तरफ खींचा और किस करने लगा और बूबस को दबाने लगा


थोड़ी देर के बाद अम्मी ने अपना एक हाथ जो क मेरे बलों को सहला रहा था हटाया और नीचे ले जा के मेरी सलवार का नडा खोल दिया और हाथ मेरी सलवार मैं घुसा के सीधा मेरे लूँद पे रख दिया और मेरे लूँद को अपनी मुति मैं जाकड़ के सहलाने लगी

आह बेटा कितना मोटा और तगड़ा है यह लंड.. एस लंड से चौदने को मै तरस रही थी...तेरे अब्बू का..तो बस.... सच तभी सब दीवाने है तेरे एस लंड के.... ऐसा लंड पूरी गांव मै नहीं है... और मेरे लंड को मुठियाने लगी
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04-29-2020, 01:11 PM,
#33
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
थोड़ी देर तक हम मा बेटा इसी तरह एक दोसरे से चिपके किस करते रहे और मैं अम्मी के बूबस और अम्मी मेरे लूँद को हाथ से सहलाती रही फिर

अम्मी ने मुझे सीधा लिटा दिया और खुद बैठ के मेरे फुल हार्ड लूँ,द को देखने लगी और फिर अचानक अम्मी झुकी और मेरे लूँद को कॅप आइस क्रीम की तरह चाटने और सहलाने लगी बड़े ही प्यार से

अम्मी इतने प्यार से मेरे लूँद को चूस रही थी और प्यार कर रही थी के मज़े के मारे मेरे मुह से सिसकियाँ निकालने लगी और

मैं आअहह अम्मिईीईईईईई उनम्म्मह की आवाज़ करने लगाथोड़ी देर तक अम्मी मेरे लूँद को चुस्ती और चाटती रही
फिर अम्मी ने मेरे लूँद को छोड दिया और सीधी हो के बैठ गई और मेरी सलवार जो के मेरे घतनों तक पहले ही उतरी होई थी उतार दी और उस के बाद मेरी तरफ देखते हो अपने कपड़े निकल के इधर उधर फैंक दिए

अम्मी के नंगा होते ही मैने अम्मी को अपनी जगा लेटने को बोला तो
अम्मी को सीधा किया और खुद अम्मी के बूबस को अपने हाथों से सहलाने लगा

और फिर मुह मैं भर के चूसने लगा और उस के बाद मैं उठा और अपनी मा के दोनो तरफ अपनी टाँगों को फैला के बूबस के पास जा के बैठ गया जिस से मेरा लूँद अम्मी के मुह के पास हो गया

अम्मी ने अब और ज़्यादा देर ना करते हो मेरे लूँद को अपने मुह मैं भर लिया और चूसने लगी

अम्मी के मुह मैं अपना लूँद घुसाए चुस्वता रहा और फिर मैं अम्मी के ऊपर से हट गया और खुद अम्मी की टाँगों मैं आ गया और अम्मी की रनो को पूरी तरह खोल दिया
मेने अम्मी की चुत पे जेसे ही अपनी जवान रखी अम्मी मचलने लगी...फिर मेने अम्मी की चुत जिससे मै निकला था चूसना और चाटना चालू कर दिया ...ओह अम्मी... मचल गई.. और बेटा ...किसी ने पहली बार.....ओह याआआआ फली बार छाती है मेरी चुत....ओह्ह्ह्ह बेटा तेरे अब्बू..ने आज तक नहीं..चाटी...
और अम्मी मेरे चुत चाटने की वजह से ...जन्नत मैं पहुंच गई ...

अब मुझे लगने लगा सच मै बहुत प्यासी है मेरी अम्मी ..........बस अब्बू ने चोदा ही था अम्मी को.....
ज्यादा मज़ा नहीं दिया था...... अब मेरा फ़र्ज़ था अपमी अम्मी को खुश करने का..... उसको जिंदगी की चुदाई का मज़े देने का....

मेरी से चुत चुसवाने की वजह से अम्मी जल्दी की...फ़ारिग होने के करीब पहंच गई.... अपना बदन कड़ा करके ...अपनी चुत का पानी मेरे मुह मै दे दिया ....जिसे मैंने चाट चाट के साफ़ कर दिया

मेरा लंड अब फूल टाइट हो गया था ...अम्मी बिस्तर पे लेती हुयी थी आखें बंद कर के ..अपनी चुत चुसाई का मज़ा ले रही थी

तभी मेने अपने लूँद को अपनी सग़ी मा की चुत पे रख के हल्का सा अंदर घुसा दिया

जैसे ही मेरे लूँद की कॅप अम्मी की चुत मैं घुसी अम्मी के मुह से सस्सीईए की हल्की सी आवाज़ निकली और फिर अम्मी ने अपनी टाँगों से मेरी कमर पे आँकड़ा सा बनाया और मुझे अपनी चुत की तरफ दबाया तो

मैने पूरी ताक़त से अपना बाकी का लूँद जो के अभी तक अम्मी की चुत से बाहर था अम्मी की चुत मैं घुसा दिया और झटके मारने लगा

जैसे ही मेरा पूरा लूँद अम्मी की चुत मैं पूरा गया अम्मी के मुह से आअहह विक्की बेटा आराम से ऊऊहह उनम्म्मह क्या लूँद है बेटा तेरा उूउउफफफफफफफ्फ़ मैं मर जाउंगी ... आराम से...

बस यह चुत तेरे अब्बू के छोटे लंड से चुस्दी.... ओह बेटा इतना बडा लंड ...,,,,,,हे.. हाय बेटा की आवाज़ करने लगी और साथ ही नीचे से अपनी गांद को भी मेरे लूँ,द की तरफ उछालने लगी

कोई 3 4 मिनट के बाद मैने अपना लूँद अम्मी की चुत से बाहर निकल लिया और और अम्मी को खड़ा कर के खुद अम्मी की जगा लेट गया और अम्मी को अपने लूँद पे बैठने का इशारा किया तो

अम्मी मेरे दोनो तरफ अपनी टांगे को फैला के खड़ी हो गई और फिर थोडा नीचे झुकी और मेरे लूँद को अपने हाथ से पकड़ के चुत पे सेट किया और पूरी तरह नीचे बैठ गई झटके से जिस से मेरा लूँद अपनी अम्मी की चुत मैं पूरा जा घुसा तो

मेरे मुह से आआहह की आवाज़ निकल गई तो
अम्मी मुस्कुराते हो बोली क्यों बेटा क्या हुआ और साथ ही अपनी गांद को ऊपर से नीचे हिलने लगी
जिस से मेरा लूँ,द अम्मी की चुत मैं थोडा इन आउट होने लगाम्मी अपनी गांद को थोडा सा उठा के फिर से मेरे लूँ,द की तरफ दबा देती और साथ ही कुछ इस तरह से अम्मी अपनी गांद को मेरे लूँ,द पे दबा के रगड़ती के मुझे लगता के अम्मी ने अगर 2 3 बार और ऐसा किया तो मेरा पानी निकल जाए गा तो मैं भी नीचे से अम्मी की चुत की तरफ झटके लगाने लगा और साथ ही आआहह अम्मिईीईईईईई मेरा होने वाला हाईईईईईईईईईईईईईईई उनम्म्मह आमम्म्मिईीईईईईईईईईईईईईईईईई

मैं गया की तेज़ आवाज़ैईन करने लगा

मेरी इन आवाज़ों को सुन के अम्मी भी अपनी आँखों को बंद किए अपनी चुत को ज़रा ज़ोर से मेरे लूँद पे उछालने लगी और आअहह व्क्किईईईईईईईईईईईई मेरे बचे मैं भी आने वालिइीईईईईईईईईईईई हूँ उनम्म्मह आअहह विक्कीईईईईईईईईई की तेज़ आवाज़ के साथ ही मेरे लूँद पे अम्मी की चुत का गरम पानी गिरता महसोस हुआ तो साथ ही मेरे लूँद ने भी पानी छोड दिया तो

अम्मी मेरे ऊपर ही निढाल हो के गिर गई और हम दोनो हांपने लगे

उस रात मैने अम्मी की तीन बार और चुत मारी और फिर हम दोनो मा बेटा नंगे ही एक दोसरे से चिपक के सो गए .

सुबह जुब मेरी आँख खुली तो मैने देखा के मैं अब भी नंगा ही लेटा हुआ था लेकिन अम्मी मेरे पास नहीं थी मैं उठा और साइड मैं पड़ी अपनी सलवार उठा के पहन ली और बाहर निकल आया तो देखा के काफ़ी दिन निकल आया हुआ था और

अबू भी खेतों मैं आ चुके थे मैने इधर उधर देखा लेकिन मुझे अबू के इलावा कोई नज़र नहीं आया तो अबू मुझे इस तरह इधर उधर देखता पा के हल्का सा हंस दिए और बोले क्या बात है बेटा किसे ढूंड रहे हो

मैं... नहीं अबू मैं तो किसी को नहीं

अबू... हाहहहहा यार अब तो तुम मेरे रक़ीब बन चुके हो जिसे मैने खुद ही अपना रक़ीब बनाया है तो इतना क्यूं शर्मा रहे हो

मैं ... अबू की बात सुन के हंस दिया और बोला नहीं अबू बस अम्मी को ही देख रहा था ककहाँ गई

अबू... यार उसे घर मैं भी कुछ काम है इस लिए वो घर चली गई है
आज तेरी अम्मी बहुत खुश होक गयी बेटा.. तुमने रात को उसको बहुत खुश कर दिया.... आज उसके चेहरे पे बहुत सकून था. ......

तुम नहा लो फिर घर जा के नाश्ता भी कर लेना

मैने ट्यूबवेल चला के नाहया और फिर तैयार हो के घर की तरफ चल दिया और जा के सीधा अपने रूम मैं जा घुसा और अपने बिस्तेर पे बैठ के नाश्ते का इन्तजार करने लगा क्यों की मुझे घर मैं इन होता सब ही देख चुके थे

मुझे रूम मैं बेते अभी कुछ ही देर होई थी के अम्मी मेरे लिए नाश्ता ले के आ गई और मेरे सामने नाश्ता लगा दिया तो मैने सर उठा के अम्मी की तरफ देखा तो मुझे उन के फेस पे बड़ी प्यारी सी मुस्कान नज़र आिइ और उन का फेस भी खिला खिला सा नज़र आ रहा था

अम्मी ने भी नाश्ता रख के मेरी तरफ देखा और मुझे अपनी तरफ ही देखता पा के सर झुका गई और उन के फेस पे लाली सी दौड़ गई और अम्मी साइड पे रखी चारपाई पे सर झुका के बैठ गई लेकिन बात कोई नहीं की

मैने भी कोई बात नहीं की अम्मी से और सर झुका के नाश्ते मैं लग गया जो के आम तौर से काफ़ी हावी किस्म का था जिस मैं दूध प्रते एग माखन भी था जो के मैं खामोशी से छत कर गया क्यों रात की मेहनत के बाद इस वक़्त मुझे काफ़ी भुख लग रही थी

नाश्ते के बाद अम्मी ने बिना कोई बात किए बर्तन उठाए और रूम से निकल गई तो अम्मी के जाते ही फरी बाजी रूम मैं आ घुसी और आते ही नौघट्य से अंदाज़ मैं बोली हूउऊन्न्ं भाई क्या बात है

आज तो अम्मी खुद तुम्हारे लिए नाश्ता बना के लाई थी और वो भी इतना ज़बरदस्त

मैं... यार तुम क्यों जल रही हो अगर अम्मी मेरा कुछ ख्याल रखने लगी हैं तो आख़िर मैं बेटा हूँ उन का

बाजी.... कामीने बेटा तो तो अभी बोल रहा है रात को तो मेरी जान ऊओह जानू बोल रहा होगा

मैं... यार बाजी जुब तुम्हें सब पता हो तो क्यों तंग कर रही हो मुझे बाजी........

अच्छा भाई एक बात तो बताओ रात तुम अम्मी को जानजी कह के बुला रहे थे या रहना जान बुलाते रहे

मैं... यार एक बात तो ये है के रात को मुझे इतनी हिम्मत ही नहीं होई के मैं अम्मी से कोई बात भी कर पता क्यों के शरम के मारे मेरी तो गांद ही फटी जा रही थी तो बोलता क्या

बाजी.... हहेहेहेहहहे बेचारा मेरा भाई कितना शर्मिला है बाहर की किसी लड़की को कभी आँख उठा के भी नहीं देखता बस अपने ही घर मैं अपनी मा और बहनों की चुत मैं घुसा रहता है

मैं... यार बाजी कुछ तो शरम करो फ़रीदा या फरजाना मैं से अगर किसी ने सुन लिया तो क्या होगा

बाजी.... यार ज़्यादा से ज़्यादा अबू को या अम्मी को बता देगी तो क्या हुआ डर किस बात का है

मैं... फिर भी बाजी ये ठीक नहीं है हमनें कुछ तो ख्याल करना ही चाहिए बाजी मेरी बात सुन के हंस पड़ी और बोली भाई फरीदा का भी कुछ सोचा है तुम ने या नहीं तो मैने कहा क्यों क्या हुआ उसे

बाजी हंसते हए बोली यार जवान हो चुकी है और जुब कोई लड़की जवान हो जाती है तो उस की चुत मैं खुजली बढ़ जाती है कुछ तो सोचो उस का भी बेचारी को भी एंजाय करने का हक़ है

मैने हेरनी से बाजी की तरफ देखा और बोला यार बाजी आप चाहती क्या हो क्या आप पुरे घर को चुदाई घर तो नहीं बनाना चाहती सोचो तो भाई के कितना मज़ा आएगा

अगर सब ही घर वाले इस खेल मैं शामिल हो जायं तो किसी का भी डर नहीं होगा जिस का जुब दिल चाहे जिस से दिल चाहे अपनी अग को ठंडा करे
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04-29-2020, 01:13 PM,
#34
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
बाजी आप की बात तो ठीक है लेकिन ऐसा होगा किस तरह क्या कुछ इस बारे मैं भी सोचा है आप ने

बाजी मेरी तरफ देखते हो बोली बस भाई तुम फरजाना की फिकेर करो वो अगर तुम्हारे हाथ आएगी तो बिल्लो के ज़रिए बाकी

फरीदा का तो मैने सोच लिया है की क्या करना है

उसकी चिन्ता नहीं लो

मैने हाँ मैं सर हिला दिया और बोला ठीक है बाजी मैं करता हूँ बिल्लो से बात की वो क्या कहती है वेसे मुझे उमीद है की बिल्लो मना नहीं करेगी और हुमारा पूरा साथ देगी

बाजी मेरी बात सुनके उठ खड़ी होई और बोली चलो अब तुम आराम करो और
बिल्लो से जो भी बात करनी है सोच लो के किस तरह करोगे और उसे अपना हामी बनोगे

तुम्हारा काम है बाकी फरीदा का मैं 1 2 दिन मैं ही तुम्हारे या अबू के साथ कुछ करती हूँ साली ने हमनें बदनाम करने मैं कोई कसर नहीं चोरी थी और इतना बोल के बाजी मेरे रूम से निकल गई

बाजी के जाने के बाद मैं सोच मैं पड़ गया के आख़िर बाजी फरीदा के बारे मैं क्या सोचे है और उसे किस तरह राज़ी करेगी लेकिन फरजाना का मुझे इतना बड़ा मसाला नज़र नहीं आ रहा था क्यों के बिल्लो मुझे बता चुकी थी के फरजाना भी अब चुत की खुजली मिटाना छाती है और उस के लिए किसी भी हद तक जा सकती है

खैर मैने ज़्यादा सोच बिचार मैं वक़्त बरबाद नहीं किया और सोने की कोशिश करने लगा और मेरी आँख कब लगी मुझे पता भी नहीं चला दुपेहर को मेरी आँख खुली तो

मैं खाना खा के खेतों की तरफ चला गया जहाँ बाजी और अबू दोनो ही थे मेरे खेतों मैं पहुँचते ही बाजी ने मुझे कहा क्यों भाई नींद पूरी हो गई तुम्हारी या फिर अभी कुछ और भी सोना है

मैं हंसते हो अबू की तरफ देख के बोला बस हो ही गई है नींद भी पूरी लेकिन बाजी आप क्यों पूछ रही हैं तो बाजी ने कहा भाई कुछ काम है तुम से लेकिन अभी नहीं रात को ब्ताओं गी

मैं कुछ ना समझते हो हंस दिया और जा के बिस्तेर पे बैठ गया और अबू और बाजी को काम करते हो देखने लगा और नहा धो के टाइम पास करता रहा और शाम को बाजी और अबू के साथ घर की तरफ चल दिया

घर पहुँच के सब ने कुछ देर आपिस मैं गुप शुप करने के बाद खाना खाया और सोने के लिए अपने अपने बिस्तेर पे चले गये तो

अम्मी मेरे लिए दूध लाई और मुझे दूध का गिलास पकड़ा के बोली लो बेटा दूध पीयो लेकिन अभी सोना नहीं तुम्हारे साथ कुछ काम है

मैने दूध का गिलास पकड़ लिया तो अम्मी मेरे रूम से निकल गई तो मैं दूध पीके हो सोचने लगा की अभी अम्मी भी जागने के लिए बोल के गई हैं और बाजी ने भी कहा था क आज तुम्हारे साथ काम है तो आख़िर ऐसी क्या बात है क बाजी और अम्मी दोनो को एक साथ ही मेरे से काम पड़ गया

खैर मैं दूध पी के लेट गया और इंतज़ार करने लगा क देखते हैं अब क्या काम निकालने वाला है मेरे लिए

मुझे बिस्तेर पे लेते हो कोई 30-35 मिनट ही हो थे क बाजी मेरे रूम मैं आ गई और मुझे जागता देख के बोली क्यों भाई तैयार हो ना कहीं नींद तो नहीं आ रही तुम्हें तो मैं उठ के बैठ गया और बोला नहीं बाजी नींद तो नहीं आ रही लेकिन कुछ समझ भी नहीं आ रही क आख़िर चल क्या रहा है यहाँ

अभी अम्मी भी जागने का बोल के गई हैं और

तुम भी तैयारी का पूछ रही हो

बाजी मेरी बात सुन के हंस दी और बोली भाई जो मैं बोलों बस वेसे ही करते चले जाओ सब कुछ तुम्हारी समझ मैं आ जाए गा और इतना बोल के मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली चलो मेरे साथ
मैं बाजी के साथ चल पड़ा और बोला लेकिन बाजी बताओ तो सही जाना कहाँ है तो बाजी ने कहा यार मेरे रूम मैं ही चलना है तुम्हें और आज की रात वहीं हम मज़े कराईंगे क्या समझे

मैं बाजी की बात सुन के रूम के दरवाजे पे ही झटके से रुक गया और बोला बाजी कहीं आप का दिमाग तो खराब नहीं हो गया वहाँ तो फरीदा भी आप के साथ ही सोती है और जहाँ तक मेरा ख्याल है की अभी वो जाग रही हो गी सोई नहीं हो गी

बाजी हंसते हो बोली हाँ भाई फरीदा वहीं मेरे साथ ही सोती है और अभी जाग रही लेकिन आखें बंद किए लेती है और सोने की कोशिश कर रही है और मैं जो चाहती हूँ उस के लिए ये वक़्त ही मुनासिब है

मैने बाजी को हेरात से देखा और बोला लेकिन बाजी मुझे भी तो पता चले के आख़िर तुम चाहती क्या हो तो बाजी ने कहा भाई मैं चाहती हूँ की फरीदा हुमारी चुदाई को अच्छी तरह देख ले क्यों की जुब फरीदा हमनें ये सब करता देखेगी तो ज़ाहिर है क वो सुबह अम्मी को बतएगी या फिर मेरे साथ बात करेगी जिस के बाद हमनें फरीदा को अपने साथ मिलना आसान हो जाएगा


बाजी की बात सुन के मैं हंस दिया और बोला ठीक है बाजी मैं तैयार हूँ लेकिन मेरा इस तरह आप के साथ जाना ठीक नहीं है आप ऐसा करो के रूम मैं चलो मैं आप के पीछे ही आ रहा हूँ 5 मिनट तकबाजी भी हँसती होई बोली लगता है मेरा भाई अब ख़ासा होशयार होता जा रहा है और इतना बोल के रूम से निकल गई तो मैं बाजी के जाने के बाद कोई 5 मिनट तक इंतज़ार कर के बाजी के रूम की तरफ चल दिया

मैं बाजी के रूम के पास जा के खड़ा हो गया और साँस बहाल की और बाजी के रूम का परदा हटा के रूम मैं जा घुसा और अपने पीछे दरवाजे बंद के कर के बाजी की तरफ देख के मुस्कुराया और लाइट ऑफ करने लगा तो बाजी ने ना मैं सर हिला के मुझे लाइट ऑफ करने से मना कर दिया

मैने लाइट ऑफ किए बिना ही बाजी की तरफ चल दिया और बाजी के बिस्तेर के पास जा खड़ा हुआ तो बाजी भी मुस्कुराने लगी और मेरा हाथ पकड़ के अपनी तरफ खींच लिया

जिस से मैं बाजी के ऊपर जा गिरा तो बाजी के मुह से आऐईयईईईईईई की हल्की से आवाज़ निकल गई क्यों की मैं काफ़ी ज़ोर से बाजी के ऊपर गिरा था

बाजी के मुह से आवाज़ निकलते ही हम दोनो ने एक साथ फरीदा की तरफ देखा तो मुझे लगा के फरीदा जाग रही है और हमनें देख भी रही थी लेकिन उस ने जल्दी से अभी आखेँ बंद की हूँ क्यों की फरीदा ने अपनी आँखों को बड़ी ज़ोर से भींचा हुआ था की हमनें उस के जागने का पता ना चले

लेकिन फरीदा को ये पता नहीं था की हम तो खुद ही जान बुझ के यहाँ उस के करीब ये सब कुछ कर रहे थे के वो सब कुछ अपनी आँखों से देख ले और हुमारी ये कोशिश पूरी होती नज़र आ रही थी
खैर मैने फरीदा की तरफ से नज़र घुमा ली और बाजी की तरफ देखा जो के अब मेरी तरफ ही देख रही थी तो मैने अपने लीपस को बाजी के होंतों पे रख दिया और बड़े प्यार से अपनी बड़ी बेहन को किस करने लगा

थोड़ी देर तक हम दोनो बेहन भाई एक दोसरे के ओ किस करते रहे उस के बाद बाजी ने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया और बोली भाई इस तरह मज़ा नहीं आ रहा ऐसा करो जल्दी से कपड़े निकालो

मैं भी बाजी की बात सुन के हंस दिया और बोला यार बाजी अब इतनी भी क्या जल्दी है पूरी रात है

अपने पास मज़े करने को ज़रा आराम से करेंग बाजी ने कहा यार भाई आज तुम ने जो करना है ज़रा
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04-29-2020, 01:13 PM,
#35
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
जल्दी कर लो क्यों के सारी रात वाला प्रोग्राम फिर कभी का बना लेना आज नहीं क्यों के यहाँ फरीदा भी सोई होई है अगर इस की आँख खुल गई और इस ने हमनें इस हालत मैं देख लिया तो क़यामत ही आ जानी है इस ने तो पहले भी कोई कसर नहीं चोरी थी हमनें मरवाने की वो तो बस हुमारी किस्मत ही अच्छी थी

हाँन बाजी बात तो आप की ठीक है चलो फिर उतरो कपड़े आज का काम जल्दी जल्दी कर लेते हैं क्यों क अगर ये उठ गई तो ये हुमारे प्यार को ना समझते हो शोर श्राबा करे गी

मैं अब बाजी के ऊपर से हट के बिस्तेर से उतार आया और जान बुझ के फरीदा की तरफ मुह कर के अपने कपड़े उतरने लगा जिससे की मैं चाहता था की फरीदा अच्छी तरह मेरा लूँद देख ले जो की वो आध खली आँखों से अब देख भी रही थी हमारी तरफ बाजी ने भी मेरे पास खड़े हो के ही अपने कपड़े उतार दिए और नंगी हो गई

तो मेरे पीछे आ के खड़ी हो गई और मुझे पीछे से लीपेट गई और अपना एक हाथ थोडा नीचे कर के मेरे लूँद पे रख दिए और सहलाने लगी

थोड़ी देर तक बाजी अपने नंगे बूबस को मेरी कमर पे रगड़ती रही और मेरे लूँद को हाथ मैं पकड़े सहलाती रही तो फिर मैने बाजी का हाथ पकड़ा और उसे आगे की तरफ खींच लिया तो बाजी मेरे पेचए से निकल के सामने आ गई तो मैने बाजी को एक किस कियोर किस करने के बाद बाजी को अपने लूँद की तरफ इशारा किया तो बाजी मुस्कराते हो मेरे लूँद की तरफ झुक गई और अपना मुह खोल के मेरे लूँद की कॅप को अपने मुह मैं भर लिया

अब बाजी मेरे लूँद पे झुकी होई बड़े मज़े से लोली पोप की तरह मेरे लूँद को चूसे जा रही थी लेकिन अब मेरा ध्यान बाजी से हट के फरीदा बाजी की तरफ चला गया जिन का फेस टमाटर की तरह लाल हो रहा था और माथे पे पसीना भी चमक रहा था और उन की आखेँ भी आधी खुली नज़र आ रही थी

मैं समझ गया के फरीदा बाजी भी हुमारी मस्ती को पूरी तरह एंजाय कर रही हैं तो मैने बाजी को बलों से पकड़ के झतका दिया और खड़ा कर के उन के लीपस को चूसने लगा जिस मैं बाजी भी मेरा किसी जनोनी की तरह साथ दे रही थी

किस करने के बाद बाजी ने मुझे नीचे लिटा दिया और फिर से मेरे लूँद को पूरी तरह अपनी ज़ुबान निकल के चाटने लगी
बाजी थोड़ी देर तक मेरा लूँद ऐसे ही चाटती रही फिर सर उठा के मेरी तरफ देखते हो बोली क्यों भाई मज़ा भी आ रहा है या नहीं तो मैं हंस दिया और बोला बाजी जिस की आप जैसी गश्ती बेहन हो उसे के मज़े का क्या ही पुछना बस यूँ लग रहा है के मैं हवाओं मैं उड़ा जा रहा हूँ

मेरी बात सुन के बाजी उठ खड़ी होई और मेरे मुह के पास आ के खड़ी हो गई और अपनी टाँगों के खोल के मेरे सर के दोनो तरफ रख लिया और थोडा सा झुकते हो बोली

भाई ज़रा अपनी बेहन की चुत का पानी तो चख के देखो मज़े का है या नहीं तो मैने भी नीचे से अपना सर थोडा उठा दिया और अपनी ज़ुबान बाहर निकल के बाजी की चुत से टीका दी और चाटने लगा
मेरी ज़ुबान जैसे ही बाजी की चुत से टच होई बाजी सीधी खड़ी गई तॉज़ मैने हेरान होते हो कहा क्यों बाजी खड़ी क्यों हो गई
अभी तो आप की चुत की स्मेल भी अच्छी तरह नहीं मिली के आप खड़ी भी हो गई बाजी मेरे ऊपर से हट गई और बोली यार भाई ऐसा करो की मुझे बिस्तेर पे लेटने दो फिर तुम मेरी चुत को मज़े चाटना

ऐसा मुझ से खड़ा नहीं हुआ जाएगा तो मैने बाजी को बिस्तेर पे लिटा दिया और उन की टाँगों को पूरा खोल के दरमियाँ मैं लेट गया और अपनी ज़ुबान निकल के बाजी की चुत पे रख दी और ऊपर से नीचे तक बाजी की चुत मैं घूमने लगा

मेरे इस तरह बाजी की चुत चाटने से बाजी सिसकियाँ भरने लगी जिस से रूम मैं आअहह भाईईईईईई उनम्म्मह हान्ंणणन् खा जाओ मेरी चुत को ऊऊहह हन ईईईईई ऐसे ही बड़े प्यार से घूमाओ अपनी जीभ को आअहह की आवाज़ गूंजने लगी

बाजी क्यों की अब काफ़ी गरम हो रही थी तो मैने अब ज़्यादा देर ना करते हो उठा और बाजी की टाँगों के दरमियाँ बैठ गया उठ के और अपना लूँद अपनी बड़ी बेहन की चुत पे टीका दिया और अंदर घुसने लगा

जैसे जैसे मेरा लूँद बाजी की चुत मैं घुसता जा रहा था बाजी के मुह से सस्सीईए आअहह भाईईईईईईईईईईईई पूरा घुसा डालो

एक ही झटके मैं क्यों तरसा रहे हो मेरिइईईईई मैने बाजी की बात को एक कान से सुना और दोसरे कान से निकल दिया और ऐसे ही आहिस्ता बाजी की चुत मैं अपना लूँद इन आउट करता रहा तो बाजी थोडा सा ऊपर को उठी और मुझे बलों से पकड़ के अपने ऊपर गिरा लिया और साथ ही अपनी टाँगों का आँकड़ा मेरी कमर पे बना के मुझे बलों से झींझोड़ते हो बोली साले हरामी मेरी चुत अग मैं जल रही है और

तुझे मस्ती सूझ रही हाईईईईईईईईई तेज़ तेज़ झटके मररर्र्र्र्ररर कुटिया के पीले बहनचोद तेरी मा की चुत को भी तुझसे से चुड़वाओं हरमिीईईईईई ज़ोर से छोड़ अपनी बेहन की चुत कूऊओ की आवाज़ के साथ ही अपने पैरों से मुझे अपनी चुत की तरफ डबती और साथ ही अपनी गांद को भी मेरे लूँद की तरफ ज़ोर से दबा देती जिस से रूम मैं ताप्प्प्प्प्प्प्प थाआप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प की तेज़ आवाज़ गूंजने लगी बाजी थोड़ी देर तक ऐसे ही चुड़वति रही लेकिन फिर अचानक बाजी ने मुझे छोड़ दिया और थोडा पीछे की तरफ खिसक गई जिस से मेरा लूँद बाजी की चुत से निकल आया तो
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04-29-2020, 01:13 PM,
#36
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
मैने हेरनी से बाजी की तरफ देखा और बोला क्यों बाजी अब क्या हुआ तो बाजी ने मुझे ढाका देके गिरा दिया और खुद मेरे ऊपर चार के बैठ गई और मेरे ऊपर पूरी तरह लेटते हो अपना एक हाथ पीछे कर के मेरा लूँद पकड़ लिया और अपनी चुत के सोराख पे सेट करने लगी

अब बाजी ने मेरा लूँद अपनी चुत पे सेट किया और पूरी ताक़त से अपनी चुत को नीचे की तरफ दबा दिया जिस से मेरा लूँद बाजी की चुत मैं एक ही झटके से पूरा जा घुसा तो बाजी ने फिर से अपनी चुत को ऊपर उठाया और ज़ोर से मेरे लूँद की तरफ दबा दिया और बार बार ऐसे ही पूरी ताक़त से अपनी चुत मैं मेरा लूँद लेने लगी और साथ आअहह उनम्म्मह की तेज़ आवाज़ैईन भी करने लगी तो

अचानक मेरी नज़र फरीदा की तरफ गई जो अपनी आखेँ पूरी तरह खोले अब हुमारी चुदाई देखने मैं मगन थी और इस से पहले के उस की नज़र मेरी नज़र से मिलती मैं फिर से बाजी की तरफ देखने लग गया और अपने हाथ बाजी की कमर पे रख के खुद भी नीचे से झटके मरने लगा

ऊपर से बाजी और नीचे से मेरे झतकों से मेरा बुरा हॉल होने लगा और मेरा पानी अपने एंड पे था और इस से पहले के मेरा लूँद पानी छोड़ता बाजी के मुह से आअहह भाईईईईईईईईईईईईईईईईई मेरा हो .ग्याआआआआआ की तेज़ आवाज़ के साथ ही पानी छोड़र गई तो
मेरे लूँद ने भी पानी अपनी बड़ी बेहन की चुत मैं ही पानी छोड दिया तो बाजी निढाल हो के मेरे ऊपर ही गिर गई

थोड़ी देर तक हम अपनी अपनी आखेँ बंद किए अभी होई चुदाई का सकूँ लेते रहे फिर मैने अपनी आखेँ खोली और फरीदा की तरफ देखा तो अब अपनी आखेँ बंद कर चुकी थी तो मैने बाजी को अपने ऊपर से हटाया और बिस्तेर से उतार के अपने कपड़े उठा के पहने और बाजी को एक किस की और बाजी के रूम से निकेल के अपने रूम मैं आ गया और खामोशी से सो गया

अगली सुबह मैं काफ़ी देर से उठा और नहा के वापिस रूम मैं आया तो उस के थोड़ी देर के बाद ही फरीदा मेरा नाश्ता ले के आ गई और मेरे सामने नाश्ता रख के सीधी होते हो बोली भाई क्या बात है आज कल रात को ठीक से नींद नहीं आ रही क्या जो इतनी देर तक सोते हो तुम

फरीदा ने ये बात बड़े ही तंज़िया अंदाज़ मैं कही थी और मैं उस की वजाह भी जनता था
क्यों की फरीदा ने रात मुझे फरी बाजी के साथ सेक्स करते हो जो देखा था
खैर मैने फरीदा की तरफ देखा और उस की आँखों मैं आखेँ डॉल के देखते हो बोला क्यों देर तक सोना मना है क्या और
वेसे तुम ऐसे क्यों पूछ रही जैसे मैं रात को कहीं चोरी करने जाता हूँ तुम्हें बताये बिना

फरीदा मेरे इस तरह उस की आँखों मैं आखेँ डॉल के बात करने से थोडा घबरा गई और जल्दी से बोली नहीं भाई मैं तो बस ऐसे ही मज़ाक कर रही थी और जल्दी से रूम से बाहर निकल गई

फरीदा के जाने के बाद मैं आराम से नाश्ता किया और बर्तन उठा के साइड पे रख के फिर से लेट गया क्यों के मुझे बड़ी थकावट सी महसोस हो रही थी ऐसा लग रहा था जैसे मेरा पूरा जिस्म दर्द कर रहा हो

मुझे अभी लेते थोड़ी देर ही होई थी के बाजी मेरे रूम मैं आ गई और आते ही बोली क्या बात है भाई अभी तक लेते हो हो आज खेतों पे नहीं जाना तुम ने जो अभी तक घर पे ही हो

मैं उठ के बैठते हुए बोला यार बाजी आज सारा जिस्म दर्द कर रहा है और कहीं भी जाने को दिल नहीं हो रहा इसी लिए लेटा हुआ हूँ मैं तो बाजी ने कहा यार भाई तुम खेतों पे ही चले जाओ तो अच्छा है क्यों की

वहाँ तुम आराम भी कर लोगे और यहाँ अगर कोई मोका मिला और फरीदा ने मेरे साथ या अम्मी के साथ कोई बात की तो उस का भी कुछ करना होगा ना

मैं क्रहते हो उठा और बोला अच्छा बाजी अगर मेरे घर मैं रुकने से फरीदा बात नहीं कर रही तो मैं चला जाता हूँ लेकिन इस बात की क्या ज़मानत है की मेरे जाते ही वो भी भागी होई तुम से या अम्मी से बात करने आए गी

बाजी हंसते हो बोली भाई समझा करो ना मैं चाहती हूँ के फरीदा को पूरा मोका दिया जाए के वो बात करे क्यों के अगर वो चुप रहती है और बात नहीं करती तो फिर मसाला हो गा

मैं घर से निकला और खेतों की तरफ चल दिया और जुब मैं खेतों मैं पंहुचा तो देखा के वहाँ अबू के साथ बिल्लो और फरजाना दोनो ही बेती गुपैयन लगा रही थी

फरजाना को अबू के पास बेता देख के मेरे दिल की अजीब हालत होने लगी (शैयद जलन हो रही थी क्यों क फरजाना पे मेरी नज़र थी और मैं उसे अबू के साथ बेता ब्रदाश्त नहीं कर पा रहा था)

मैं भी अबू के पास जा के बैठ गया तो बिल्लो मेरी तरफ देखते हो अबू से बोली अंकल लगता है के आप का बेटा शहर जा के भूल गया है क जुब किसी के पास जाते हैं तो सब से पहले सलाम दुआ करते हैं

मैं... लेकिन मैं कों सा किसी के पास गया हूँ तुम ही ऐइ हो तो तुम्हें ही सलाम दुआ करनी चाहिए

फरजाना... नहीं भाई हम आप से पहले यहाँ बेती होई हैं और आप अभी आए हो तो यहाँ सब से आप को ही मिलना चाहिए था

मैं... अच्छा बाबा मुझे नहीं पता था की यहाँ इस बिल्लो की बची के अच्छी ख़ासे वोट हैं और ऊपर से तुम भी यहाँ हो जो के हर वक़्त इस की दूं चली बनी रहती हो इस लिए मैं ही सॉरी बोल देता हूँ

फरजाना... भाई मैं भला फरजाना की दूं चली कैसे हो सकती हूँ इस की तो दूं है ही नहीं बिल्लो.... फरजाना छोड यार लगता है तेरा भाई पागल हो गया है इसे शैयद पता नहीं है की लड़कियों की दूं नहीं होती

अबू... अच्छा बचो तुम गुप शुप लिगाओ मैं थोडा काम देख लून और उठ के चले गये

अबू के जाते ही फरजाना उठी और बिल्लो के कान मैं कुछ बोल के वहाँ से निकल गई तो

मैं फरजाना को जाते हो देखने लगा तो बिल्लो थोडा खाँसते हो बोली क्यों विक्की तुम तो बोल रहे थे की फरजाना अभी बची है और अब खुद ही उस की मटकती होई गांद को घौर रहे हो

मैने बिल्लो की तरफ देखा और बोला हन यार है तो अभी छोटी लेकिन उस का जिस्म सच मैं कमाल का है दिल कर रहा है की अभी जा के उस चोद दूँ लेकिन क्या करू वो माने गी नहीं

तो जा चोद दे यहाँ तुम्हें मना करने वाला कों है बाद मैं खुद ही जुब मज़ा आएगा तो चुप हो जाएगी

मैने बिल्लो की बात पे घौर किया लेकिन मेरा दिल नहीं मना तो मैने कहा नहीं यार जो मज़ा रज़ामंदी मैं मिलता है वो ज़बरदस्ती मैं थोडा ही होगा ना

बिल्लो मैं फरजाना के साथ जुब भी करू गा उस की मर्ज़ी से करूगा ऐसे ज़ोर ज़बरदस्ती नहीं करूगा मैं

बिल्लो चुप हो की किसी सोच मैं गुम हो गई और थोड़ी देर तक सोचती रही और फिर बोली

विक्की अगर तुम कहो तो मैं फरजाना को मना लून क्यों की उसे ये तो पता है क मैं चुदाई का मज़ा ना सिर्फ़ ले चुकी हूँ बलके अक्सर लेती रहती हूँ और फरजाना भी चुदाई क लिए मारी जा रही है तो मेरा ख्याल है क अगर तुम कहो तो मैं उसे तुम से चुदवा सकती हूँ

मैं हेरनी से बिल्लो की तरफ देखते हो बोला लेकिन किस तरह होगा ये सब तो बिल्लो हँसती होई बोली ये तुम मुझ पे छोड दो तुम्हारा काम हो जाएगा लेकिन मुझे क्या मिलेगा ये बताओ

मैने कहा जो तुम माँगो गी अगर मेरे बस मैं हुआ तो मैं तुम्हें मना नहीं करूगा ये मेरा वादा है

बिल्लो की आँखों मैं मेरी बात सुन के चमक आ गई और वो मेरा हाथ पकड़ के हिलाते हो बोली विक्की पक्का वादा करना और बाकी
तुम्हारा काम 2 से 3 दिन मैं हो जाएगा तुम बस तैयार रहो अपनी छोटी बेहन की कच्ची चुत का मज़ा लेने के लिए और हंस पड़ी

मैने भी बिल्लो से पक्का वादा किया और इस से पहले की हम और कुछ बोलते हमनें फरजाना आती नज़र आ गई तो हम खामोश हो के बैठ गये
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04-29-2020, 01:14 PM,
#37
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
फरजाना हुमारे पास आई तो बिल्लो की तरफ आखेँ मतकते हो बोली क्या हो रहा था यहाँ मेरे जाने के बाद और मुझे देखते ही तुम दोनो चुप क्यों हो गये हो सच्ची सच्ची बता दो मुझे बिल्लो....

तेरी ही बात हो रही थी मैं विक्की को बोल रही थी के फरजाना अब काफ़ी बड़ी हो गई है लेकिन ये मान ही नहीं रहा था अब तो ही बता दे अपने भाई के तो कितनी बड़ी हो गई है मेरी तो मानता ही नहीं

फरजाना.... बिल्लो इंसान की बची बनजा
ये भी भला कोई बात होई और मेरी तरफ देख के बोली भाई आप ही बताओ ना ये कमीनी क्या बोल रही थी ज़रूर आप को मेरे बारे मैं कोई उल्टी सीधी बोल रही गी

मैं... अरे कुछ नहीं ये तो बस ऐसे ही तेरे साथ दिल लगी कर रही है वरना ये तो जान देती है तुझ फरजाना...
हाँ आप तो इस का साथ दोगे ना और इसे तो मैं अच्छी तरह जानती हूँ
एक काम बोला था वो भी नहीं किया इसने मैं..........
क्या काम है मुझे बता दे मैं कर देता हूँ आख़िर तेरा बड़ा भाई हूँ मैं भला किस दिन काम आऊँगा

बिल्लो... मेरी बात सुन के अपना पेट पकड़ के हँसती होई दोहरी हो गई और थोड़ी देर बाद फरजाना की तरफ देख के हंसते हो बोली हाँ हाँ फरजाना बता दे अपने भाई को ये कर देगा तेरा काम सच्ची..

बिल्लो की बात सुन के फरजाना किसी भूखी शेरनी की तरह उठी और बिल्लो को बलों से पकड़ के झींझोड़ने लगी और बोली
बिल्लो बाज़्ज़ आ जा वरना आज तो मेरे हाथों मारी जाएगी और फिर बिल्लो को बॉल छोड के उठी और अपने पावं पतखती होई दूसरी तरफ चली गई जहाँ अबू काम कर रहे थे

फरजाना के जाते ही मैने बिल्लो से पूछा के इसे क्या हुआ

ये इस तरह गुस्सा क्यों कर के गई है तो बिल्लो ने कहा अभी जो तो ने कहा था क मैं तुम्हारा काम कर दूँगा तो पता है उस ने मुझे कों सा काम कहा हुआ था

मैने बिल्लो की आँखों मैं झँकते हो जहाँ श्ररत भारी होई थी
मैने पूछा कों सा काम था जो फ्रज़ना ने तुम्हें करने क लिए बोला हुआ है तो
वो अजीब नज़रों से मेरी तरफ देखते हो बोली वोही जो..... तो उस के साथ करना चाहता है लेकिन वो मेरे बॉय फ्रेंड्स के साथ करना चाहती है

बिल्लो क्यों की अबू से ही चुदवाया करती थी जहाँ तक मुझे पता चला था और किस किस से चुदवाचुकी थी मैं नहीं जनता था
इसी लिए बोला क्या वो जानती है की तेरा अबू के साथ चक्कर है

बिल्लो मेरी बात सुन के हंस दी और बोली नहीं रे
अभी मैं इतनी भी ओपन माइंड नहीं हूँ लेकिन लगता है अब होना ही पड़ेगा क्यों की फरजाना की चुत की ओपनिंग मैं चाहती हूँ की तू ही करे लेकिन इस के बदले मैं तो ने मेरे साथ वादाकिया है की तो मेरी हर बात मानेगा

बिल्लो की बात सुन के मैं जल्दी से बोला सारी बताईं नहीं सिर्फ़ एक बात मानोगा तो

बिल्लो बोली हाँ हाँ एक बात मान जाना बाकी मैं खुद मनवा लूनगी यदि देर तक हम दोनो ऐसे ही बताईं करते रहे फिर
बिल्लो उठी और बोली अच्छा जान जी मैं चलती हूँ और मेरे साथ हाथ मिला के घर की तरफ चल दी बिल्लो के जाते ही फरजाना आ गई और अपनी कमर पे हाथ रख के मुझे घूरते हुयी बोली बड़े प्यार से बताईं हो रही तुम्हारी और हाथ मिलाए जा रहे थे भाई

खैर तो है ना मैं फरजाना के इस तरह स्वाल करने से हंस पड़ा और बोला यार इस मैं बुरी बात कों सी है आख़िर तेरी दोस्त है ऊपर से हंसाई भी है तो इतना हक़ तो बनता है ना उस का हम पे

फरजाना ज़रा गुस्से से बोली भाई कोई ज़रूरत नहीं है आप को बिल्लो के साथ इतना फ्री होने की आप नहीं जानते वो कसी लड़की है तो मैने कहा चल तो ही बता दे कैसी लड़की है तेरी तो बेस्ट फ़्रेंड है

फरजाना मेरी बात सुन के हडबडा गई और बोली बस भाई मैने बोल दिया ना के आप उस से दूर ही रहो और वहाँ से एक बार फिर वॉक आउट कर गई तो मैं हंसते हो लेट गया और फरीदा के बारे मैं सोचने लगा के पता नहीं उस ने क्या तमाशा लगाने की कोशिश की हो गी घर मैं

फरजाना कोई 12 बजे अबू के बोलने पे घर को चल दी क्यों के अबू ने कहा था की अपनी मा से जा के कहो की कुछ खाने को भेज दे तो बाजी कोई 1.30 पे खाना ले के आ गई तो उस वक़्त बाजी का फेस खुशी से चमक रहा था

बाजी ने हुमारे सामने चटाई पे खाना लगा दिया और जुब हम खाना खाने बैठ गये तो अबू ने खाना खाते हो फरी बाजी की तरफ देख के पूछा क्या बना बेटी तुम्हारी रात वाली प्लानिंग का

बाजी मेरी और अबू की तरफ देख के हंस दी और बोली अबू फरीदा ने अम्मी के साथ तो बात नहीं की लेकिन मुझे बोल रही थी की बाजी आप और भाई ये सब क्या कर रहे हो तो

मैने उसे समझाया है की अगर वो मज़ा करना चाहती है तो बता दे वरना खामोश रहे किसी को बताये नहीं
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04-29-2020, 01:15 PM,
#38
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
बाजी इतना बोल के खामोश हो गई और हुमारी तरफ देखने लगी और हुमारी स्वालिया नज़रओं को देख के बोली फरीदा मुझे डराने की कोशिश कर रही थी की वो सब को बता देगी तो

मैने भी उसे बोल दिया की ठीक है जाओ जिसे बताना है बता दे तो

फरीदा मेरे पास से उठ के अम्मी के पास चली गई लेकिन अम्मी को कुछ बताया भी नहीं उस ने अभी तक अब देखते हैं क्या करती है अम्मी को बतती है या फिर हुमारे साथ शामिल होती है या फिर हमनें हुमारे हॉल पे छोटी है

बाजी की बातें सुन के अबू ने सिरफ्र इतना ही कहा ठीक है देखते हैं क्या होता है और खामोशी से खाना खाया और उठ के चले गये तो बाजी ने कहा भाई तैयार हो ना फरीदा बरी आने वाली है

मैने बाजी की बात सुन के सोच मैं पड़ गया और बोला नहीं बाजी मुझे फरीदा के साथ कोई इंटरेस्ट नहीं है पता नहीं क्यों फरीदा मेरे दिल से उतार चुकी है और मेरा उस के साथ करने का कोई इरादा भी नहीं है

बाजी हेरनी से मेरी तरफ देखते हो बोली क्या मतलब तो क्या मैं यूँ ही फरीदा को सेट करती फिर रही हूँ क्यों क तुम तो बोल रहे हो क तुम फरीदा के साथ कुछ करना ही नहीं चाहते

मैं बाजी की बात सुन के हंस दिया और बोला बाजी ऐसी बात नहीं है की मैं फरीदा को चोदना नहीं चाहता किसे नई चुत अच्छी नहीं लगती लेकिन मेरा दिल चाहता है की जैसे उस ने हमनें बदनाम करने और मरवाने की कोशिश की थी और अबू को बता दिया था तो अब अबू ही उस की चुत का रास्ता भी खोआलाइन

मेरी बात सुन के बाजी भी सोच मैं पड़ गई और फिर हंसते हो बोली तो फिर लगता है के आज की रात मुझे अबू को अपने रूम मैं बुलाना पड़ेगा

क्यों के जुब फरीदा को पता चले गा के अबू बही इस मैं शामिल हैं तो वो ज़ाहिर है के अम्मी या की तरफ भागेगी उन्हें ब्ताने के लिए या फिर मेरी तरफ भागेगी चुवाने के लिए जिस से हमनें फरीदा को अबू से आसानी से छुड़वा सकते हैं

लेकिन अगर फरीदा फिर भी तैयार नहीं होई इस सब के लिए तो फिर क्या करो गी तो बाजी हंस दी और बोली यार फिर आख़िरी रास्ता ये होगा की
उसे तुम्हारी और अम्मी की चुदाई भी दिखा दी जाए क्यों क जुब वो देखेगी क घर मैं सब चुदाई का मज़ा ले रहे हैं तो खुद ही छुड़वाने को मान जाए गी

मैं अब बाजी की बात ख़तम होते ही बोला यार बाजी तुम ये सब कहाँ बैठ के सोचती रही हो तो बाजी हँसती होई बोली मेरी जान बस तुम्हारे दिल मैं बैठना चाहती हूँ जिन्दी भर के लियी और कहीं नहीं

मैं भी हंस दिया और बोला बाजी वाइज़ तो आप मेरे दिल मैं अपनी जगा इतनी पकई कर चुकी हो क कुछ भी हो जाए आप की जगा कोई नहीं चीन सकता

बाजी मेरी बात सुन के कुछ देर तक मेरी आँखों मैं देखती रही और फिर एक आहह भरते हो बोली विक्की मेरे भाई ये तो वक़्त आने पे ही पता चलेगा की किस के लिए दिल मैं जगा बचती है और किस के लिए नहीं
अभी इन बातों का कोई फाइयदा नहीं क्यों की अभी इन बातों का टाइम नहीं आया और इतना बोल के बाजी उठी और अबू की तरफ चल दी और अबू के साथ काम मैं लग गई

बाजी के जाने के बाद मैं भी उठा और चारपाई पे जा के लेट गया और सो गया जुब आँख खुली तो शाम हो रही थी तो मैं उठा और नहा के अबू और बाजी के साथ घर की तरफ चल दिया

घर आ के वो ही डेली की रूटीन थी कुछ देर गुपैयन हांकने के बाद खाना खाया और सब लोग सोने के लिए अपने अपने रूम की तरफ चल दिए तो मैं भी अपने रूम मैं आ के बिस्तेर पे लेट गया और सोने की कोशिश क्लारने लगा लेकिन नींद नहीं आ रही थी क्यों की शाम को तो मैं सो के उठा था

खैर मैं आखेँ बंद किए लेटा हुआ था क अचानक मुझे याद आया क आज तो बाजी ने अबू को अपने रूम मैं बुलाया हो गा क्यों ना जा के उन दोनो की चुदाई को चुप के देखा जाए और एंजाय किया जाए

अभी मैं उठा ही था बाजी के रूम की तरफ जाने के लिए क मैने देखा की अम्मी मेरे रूम मैं आ गई उस वक़्त अम्मी ने गुलाबी रंग का एक सूट पहना हुआ था जिस मैं वो बड़ी प्यारी लग रही थी

अम्मी रूम मैं ऐइ और दरवाजे लॉक कर दिया और मेरी तरफ मूडी और बोली क्या बात है आज मेरे शेर को नींद नहीं अभी तक तो मैने कहा अम्मी वो आज शाम तक सोता रहा ना इस लिए

अम्मी... हन बेटा अब रात रात भर अपनी बड़ी बेहन की खिदमत करोगे तो नींद दिन मैं ही आया करेगी ना और वेसे भी तुम्हें अपनी अम्मी का ख्याल तो आता ही नहीं है

मैं... अरे नहीं अम्मी आप मोका ही नहीं देती तो भला मैं कैसे आप की खिदमत कर सकता हूँ

अम्मी... मेरे पास आ के बैठ गई और बोली क्यों बेटा अब भी क्या मुझे ही खिदमत का मोका देना पड़ेगा तुम खुद से अपनी अम्मी की खिदमत नहीं काए सकते

मैं... अम्मी दिल तो मेरा भी बौहत करता है आप की खिदमत को लेकिन डर लगता है की कहीं आप बुरा ना मान जाय इस लिए दोबारा आप के पास नहीं आया

अम्मी... अरे मेरे भोले राजा बेटा मैं भला क्यों नाराज़ होने लगी अब तो मैं हर तरह से तुम्हारी हूँ जिस तरह दिल चाहे मेरी खिदमत किया करो और अपनी खिदमत करवा लिया करो
तेरे अम्मी तेरे मोटे लंबे लंड की दीवानी हो गई है बिलकुल तारे बड़ी बहन की तरह....... तुने ही तो मुझे मज़े दिए है मेरे बेटे ..नहीं तो तेरे अब्बू तो बस...चोद के छोड देते थे ...

अम्मी की तरफ से इतनी क्लियर बात सुन के मेरा लूँद जो के खड़ा हो चुका था झटके खाने लगा तो मैने अम्मी को अपनी तरफ खींच लिया और अम्मी के लीपस पे अपने होन्ट रख दिए और किस करने लगा तो अम्मी ने भी मेरा सर पकड़ लिया और किस मैं मेरा साथ देने लगी

अब हम दोनो मा बेटा बड़े प्यार से एक दोसरे को किस कर रहे थे की तभी मैने अपना एक हाथ अम्मी के बूबस पे रखा और हल्के से मसालने और दबाने लगा तो

अम्मी भी अपनी ज़ुबान को मेरे मुह मैं घुसा के किस करने लगी

थोड़ी देर ये सब चलता रहा और उस के बाद हम दोनो एक दोसरे को छोड के एक दोसरे की आँखों मैं झाँकने लगे खामोशी से तो फिर
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04-29-2020, 01:15 PM,
#39
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
मैने ही पहल की और अपना नडा खोल के लूँद को बाहर निकाला और अम्मी की तरफ देखा तो अम्मी भी मुस्कुरा दी और मेरी टाँगों को अपने हाथों से पूरा फैला दिया और दरमियाँ मैं लेट गई और मेरे लूँद को अपने मुह मैं ले लिया
थोड़ी देर तक अम्मी ऐसे ही मेरे लूँद को चुस्ती रही और मेरे लूँद की गोलियों को अपने हाथ से सहलाती रही जिस मैं मुझे बौहत मज़ा आ रहा था तो
मैने अचानक अम्मी का सर अपने लूँ,द से हटा दिया जिस से मेरा लूँद अम्मी के मुह से निकल आया तो अम्मी ने सर उठा के मेरी तरफ देखा तो मैने कहा अम्मी ऐसे नहीं आप भी अपने कपड़े उतरो फिर ठीक से मज़ा आए गा

मेरी बात सुन के अम्मी मुस्कुरा दी और बोली अच्छा जी जो हुकुम मेरी सरकार और खड़ी हो गई और अपनी क़मीज़ निकल दी तो
अम्मी मेरे सामने सिर्फ़ पिंक ब्रा और पिंक सलवार मैं खड़ी रह गई और फिर अम्मी मेरी तरफ देखते हो अपनी सलवार भी निकालने लगी
मैने देखा के अम्मी की पनटी भी पिंक ही थी

अम्मी ने अपनी सलवार भी निकल के साइड मैं फैंक दी और मेरी तरफ देखते हो अपनी ब्रा खोल के फैंक दी लेकिन साथ ही अपना हाथ अपने बूबस पे रख के उन्हें छुपाने की कोसिस की
अब मैने अपना लूँद हाथ मैं पकड़ लिया और सहलाने लगा और साथ ही अम्मी की तरफ भी देखने लगा और अम्मी भी मुझे ही देख रही थी और मुस्कुरा भी रही थी और फिर अम्मी थोडा झुकी और अपना एक हाथ बूबस को धंपे हो ही अपनी पनटी निकल क जल्दी से अपनी चुत पे भी हाथ रख के खड़ी हो गई

अम्मी को इस तरह खड़ा देख के मैं जल्दी से बोला अम्मी क्यों तंग कर रही हो पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़
अब आ भी जाओ ना तो अम्मी मेरे पास बिस्तेर पे बैठ गई

अम्मी को इस तरह बेता देख के मेरा सबर का दामन हाथ से निकल गया और मैने अम्मी को बिस्तेर पे गिरा के उन की टाँगों को उठा लिया और अपना मुह उसकी गुलाबी चुत पे रख के चूसने लगा .. ओह अम्मी कितनी प्यारी चुत है आपकी ...कितना बढिया पानी है ..बहुत मजेदार अम्मी... कह के अम्मी की चुत चाटने लगा..
अम्मी अब पूरी तरह से गर्म हो रही थी.... उनकी चुत... मेरे अलावा किसी ने चाटी नहीं थी....
ओह बेटा ...काक्क्क हाँ ..ऐसा ही.. चाटो....जोर से ....खा जा बेटा अपनी अम्मी की चुत को.....
कितने दिनों की प्यासी है तेरे अम्मी.... ओह.. किसी ने इतना प्यार नहीं किया... मेरे बेटा..

अम्मी अपनी गांड उठा उठा के अपनी चुत मेरे मुह पे रगद रही थी ....
मुझे भी अम्मी की चुत सेनिकला नमकीन पानी पीने मै मज आ रहा था... अम्मी ने मुझे अपनी चुत का मलाई दार रस पिलाया ..और फारिग हो गई...
मुझे किस किया ..बोली बेटा सच मै तू बहुत मज़े देता है....
अब मेने अपनी अम्मी की बूबस पे अपना मुह रख दिया .. र उसकी चूची चूसने लगा ...
अम्मी ..पिलाओ ना मुझे अपना दूध ..जैसे की बचपन पे पिलाती थी...
ओह..हाँ बेटा हाँ..पी ले पी...अपनी अम्मी का दूध... अम्मी फिर से गरम होने लगी मेरा लंड अब पूरा कड़क हो चूका था.

और अपना लूँद अम्मी की चुत पे रख के हल्का सा अंदर को दबा दिया

लूँद की कॅप अम्मी की चुत मैं जाते ही अम्मी के मुह से मज़े और लज़ात की हल्की सी सिसकी निकल गई सस्स्सीईईई पूरी जान से घुसा दे बेटा आज अपनी अम्मी की चुत मैं अपना लूँद

मैने अम्मी की बात सुन के अम्मी की टाँगों को पूरा खोल दिया और अपने लूँद को हाथ से पकड़ के सेट किया और फिर झतका मार के पूरा लूँद घुसा दिया अपनी अम्मी की चिकनी चुत मैं

अब मैने अपने दोनो हाथ अम्मी की दोनो रनो पे रख के अम्मी के कंधों की तरफ दबा लिया और अपना लूँद पूरा कॅप तक अम्मी की चुत से बाहर निकल के मैं अपनी पूरी जान और वज़न से अम्मी की चुत पे गिरा तो ताआप्प्प्प्प्प्प्प की आवाज़ के साथ मेरा लूँद अम्मी की चुत मैं जा घुसा तो अम्मी के मुह से

आअहह विक्की बेटा ऐसे नहीं करो पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ ऊऊहह की आवाज़ करते हो मुझे मना करने लगी

तो मैं नहीं रुका और ना ही अम्मी की कोई बात सुनी और उसी तरह अपना लूँद अपनी अम्मी की चुत मैं घुसा के चोदता रहा

मेरे इन वहशियाना झतकों से अम्मी के मुह से आअहह विक्की नैईईईईईईई बेटा पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ आराम से करूऊऊऊऊओ ऊऊहह मैं मार गैिईईईईईईईईईईईईईईईईईई

कामीने आराम से कार्रर्र्र्र्र्ररर मेरी चुत फाडनी है क्य्ाआआआअ उनम्म्मह साले बहुत मोटा और लंबा लंड है तेरा ...कुत्ते आराम से कर ..चोद अपनी अम्मी को ...हान्ंनननननननणणन् की आवाज़ कर रही थी

लेकिन मैं देख रहा था क अम्मी के फेस पे दर्द का निशान तक नहीं था तो मैं भी वेसे ही झटके मरता हुआ बोला साली गश्ती तुझे ही आग लगी होई थी ना जो अपने ख़सम को छोड के बेटे से छुड़वाने आईईईईईईईईई हाईईईईई . तुजे ही चुदना था ना मोटे लंड से .... तो ले बेटे का मोटा लंड.....

तो अब रो क्यों रही हाईईईईईईईईईईईईईई

मेरी बातों के जवाब मैं अम्मी भी आअहह विक्की अब अच्छा लग रहा है बेटा उनम्म्मह और झटके से घुसा अपना लूँद मेरी चुत मैं फाड़ डॉल अपनी अम्मी की चुत को मेरे राजा बेटा तेरा बाप तो आज फरी की चुत मार रहा हाईईईईईईईई .. बेचारी फरी ....कसे अपनी आग बुझायेगी..तेरे अब्बू के उस छोटे पतले लंड से...
पर क्या करे ..तेरे लंड से चुदने के लिये उसने ..अपने अब्बू की पतले लंड से चुदना पड़ा
अम्मी की बातों से ..मुझे फरी बाजी की याद आपने लगी उसकी कुर्बानी... उसका प्यार....

अम्मी चिल्ला रही थी .....

तेरे जैसे लंड ली लिएबहुत तरस रही थी बेटा, तेरे अब्बू का लंड तो तेरे लंड से बहुत छोटा है... ओह राजा छोड अपनी अम्मी को अपनी मोटे लंड से... अह्ह्ह आआःह्ह्ह्ह

अब मैने अम्मी की चुत से अपना लूँद निकल लिया और अम्मी को कुटिया बना के खुद अम्मी के पीछे आ गया और खुद अपने दोनो हाथ अम्मी की गांड पे रख के लूँद को अम्मी की चुत पे सेट किया और अंदर घुसने लगा

जैसे ही अम्मी की चुत मैं लूँद घुसने लगा तो अम्मी ने कहा विक्की क्यों तरसा रहा है मेरी जान पूरा घुसा के चोद अपनी अम्मी की चुत को ऊओह तेज़ तेज़ झटके मार बेटा बौहत मज़ा आ रहा हाईईईईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ करने लगी तो

मैने भी अब अपना लूँद पूरी ताक़त से अम्मी की चुत मैं इन आउट करना शरू कर दिया तो

अम्मी और भी ज़्यादा चिल्लाने लगी और आआहह विक्कीईईईईईईईईईईईईईई हान्ंननणणन् मेरी जान अब मज़ा आ रहा है

ऊऊहह की तेज़ आवाज़ करने लगी और साथ ही अपनी गांड को भी मेरे लूँद की तरफ दबाने लगी

अम्मी की इस मस्ती को देख के मैं भी मज़े से पागल होने लगा और मैने अपने एक हाथ का अंगूठा अम्मी की गांड के होल पे घूमने लगा और
फिर अचानक ही मैने अपना अंगूठा अम्मी की गांद मैं घुसा दिया और नीचे से अम्मी की चुत मैं अपना लूँद भी इन आउट करता रहा

मेरी इस हरकत से अम्मी चिल्ला उठी और आऐईयईईईईईईईईईईईईईईईईईई विक्की नहीं बेटा निकालो
बाहर ऊऊहह विक्की उनम्म्मह बेटा दर्द भी हो रहा हाईईईईईईई

लेकिन मैं अब अम्मी की कोई बात नहीं सुन रहा था और लगातार अम्मी की किसी कुटिया की तरह
छोड़े जा रहा था के
अम्मी के मुह से आअहह विकी उनम्म्मह बेटा मैं गैिईईईईईईईईईईईईईई ऊओह की तेज़ आवाज़ के साथ अम्मी की चुत ने पानी छोड दिया जिस से मेरा लूँ,द अम्मी की चुत मैं और भी चिकना हो गया जिस से

मैं भी मज़े से बहाल होने लगा और २ -३ मिनट बाद ही अम्मी की चुत मैं पानी छोड दिया और अम्मी की चुत से अपना लूँद निकल के साइड मैं लेट गया तो अम्मी भी सीधी हो के मेरे बराबर मैं लेट गई

थोड़ी देर तक ऐसे ही हम दोनो मा बेटा साथ साथ लेते रहे और थोड़ी देर गुज़र जाने के बाद अम्मी ने मेरी तरफ करवट ली और अपनी एक टांग उठा के मेरे ऊपर रख दी और

मेरे सर के अपने हाथ से अपनी तरफ घुमा लिया और मेरी आँखों मैं झँकते हो बोली हन तो विक्की बेटा मज़ा आया की नहीं

मैं अम्मी की तरफ देखते हो मुस्कुरा दिया और बोला अम्मी आप सच मैं बहुत अच्छी हो और अभी जितना मज़ा आया है मुझे पहले कभी नहीं आया और इतना बोलते ही अम्मी को एक किस भी कर दी

किस करने के बाद मैने अभी अम्मी की तरफ देख ही रहा था क अम्मी ने मुझे बलों से पकड़ लिया और बोली कामीने ये तो बता ज़रा की तो मेरी गांड मैं अपनी फिंगर क्यों घुसा रहा था

मैं हंसते हो बोला अम्मी मुझे आप की गांड अच्छी लगी तो मुझ से बर्दाश्त नहीं हुआ और मैने फिंगर घुसा दी अगर आप को बुरा लगा हो तो अम्मी आप पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे मॅफ कर देना

मेरी बात सुन के अम्मी ने मेरे बॉल छोड दिए और मुझे देखते हो बोली नहीं बेटा इस मैं मफ्फी की क्या बात है अगर तुम्हें ये करना अच्छा लगता है तो मैं तुम्हें मना नहीं करू गी लेकिन एक बात ये तो बताओ क तुम ने ये शोक़् कब और कहाँ से पाल लिया है

नहीं अम्मी अभी तक तो कोई ख़ास्स शोक़् नहीं है और ना ही कभी किया है लेकिन अब सोच रहा हूँ क आप की गांड मैं अपनी फिंगर की जगा अपना लूँद घुसा ही दूँगा सच्ची बड़ा दिल कर रहा है

अम्मी हंसते हो बोली अच्छा बेटा ठीक है जुब दिल चाहे कर लेना लेकिन अभी नहीं क्यों की हो सकता है तुम्हारे अबू फरी से फारिघ् हो के रूम मैं आ चुके हूँ इस लिए मुझे भी अब जाना चाहिए क्यों की फरीदा हो सकता है की अभी ही ना आ जाए रूम मैं मुझे ढूंडती होई

मैने अम्मी की बात सुन के हाँ मैं सर हिला दिया तो अम्मी उठी और अपने कपड़े पहन के रूम से निकल गई और मैं अपने बिस्तेर पे लेटा अम्मी को जाता हुआ देखता रहा

अम्मी के जाने के कुछ ही देर के बाद बाजी मेरे रूम मैं आ गई और मुझे यौन नंगा लेटा देख के बोली भाई क्या बात है खैर तो है ना इस तरह क्यों लेते हो हो तो

मैने कहा यार अभी अम्मी गई ही हैं यहाँ से तो इसी लिए इस तरह लेटा हुआ हूँ अभी उठोंगा तो कपड़े भी पहन लूनगा

बाजी मेरे पास ही बैठ गई और बोली लो भाई आज मैने अबू के साथ भी फरीदा के सामने ही चुदवा लिया लिया है .
बस अब तुम जल्दी से एक बार चोद के मेरी चुत की आग बुझा दो... जो अब्बू ने लगायी है...
मैं हंस के बोला ..अब्बू ने नहीं बुझाई क्या ....

बाजी मुह बनाते हहुए बोली...... कमीने तेरे लिये सब कर रही हूँ और तू.....मेने बाजी को किस किया और बोला.. लव यु ...... ,बाजी... और अपना लंड बाजी की चुत पे घुसा दिया...
बाजी अम्मी कह रही थी की अब्बू ..... ज्यादा चोद नहीं पाते ..तो फिर आपने अब्बू से क्यूं ...
बाजी हंसी ,,... , भोले भाई..बिना अब्बू की रजामंदी से ..ये सब कुछ नहीं होता ...तुम चिंता छोड़ा और छोड़ा जल्दी से ... चोदो मुझे.. और हाँ यहे बात कभी अब्बू को मत बताना की वो ...किसी को अच्छी तरह से चोद नहीं पाते है... यह राज ही रहना चाहिए...

और एक बात ब्ताओं बाजी

मैने फरी की तरफ देखते हो हन मैं सर हिला दिया तो वो बोली भाई आज फरीदा हुमारी चुदाई देख के काफ़ी गरम हो गई थी और अपना हाथ अपनी सलवार मैं घुसा के चुत को भी सहलाती रही

फरी बाजी की बात सुन के मेरी उमीद बाँधने लगी के अब वो वक़्त दौर नहीं है जुब फरीदा भी अपनी चुत का मुह मेरे और अबू के लूँद के लिए खोल देगी इस बात को सोचते ही मेरा लूँद जोर जोर से बाजी की चुत के अन्दर बाहर होगे जकते कहने लगा ... एक आह के साथ बाजी और मैं दोनों फ़ारिग होगये

मेने बाजी की चुत से लंड बाहर निकल लिया जो की फरीदा की चुत का सोच के फिर से फिर से खड़ा होने लगा जिसे बाजी ने भी देख लिया और बोली क्यों भाई फरीदा की कुँवारी चुत का सोच के ही तुम्हारे इस का ये हॉल है तो जुब उस की चुत मिले गी तो क्या हो गा

मैने कहा नहीं बाजी ये तो पक्का है की फरीदा की सील अबू के लूँद से खुलेगी
लेकिन इस वक़्त मैं फरजाना का सोच रहा था की क्यों ना अभी मैं उस के रूम मैं जाओं और हल्की फुल्की मस्ती ही कर लून उस के सोते हुए मैं
बाजी ने कहा हन भाई अब टाइम आ गया है की फरजाना के साथ भी हल्की फुल्की मस्ती शरू हो जाए क्यों के इस से फ्रज़ना को सेट करने मैं आसानी हो जाएगी तुम्हारे लिए
बाजी की इजाज़त मिलते ही मैं उठा और कपड़े पहन के बाजी के साथ फरजाना के रूम की तरफ चल दिया जिस का दरवाजे गर्मी की वजाह से खुला हुआ था क रूम मैं हवा हो जाए

हम दोनो रूम के दरवाजे पे पहुच और जुब अंदर झाँका तो फरजाना उस वक़्त करवट ले के सो रही थी और हेरनी की बात ये थी के उस ने एक पुरानी फ्रोक जो की उसे अब छोटी हो चुकी थी पहनी होई थी

बाजी ने मेरी तरफ देखा और इशारा किया क जाओ अंदर मैं यहाँ ही रुकती हूँ तो मैने डरते और धड़कते हो दिल के साथ रूम मैं इन हो गया और
फरजाना के पास जाके के खड़ा हो गया और उसे आवाज देने लगा आहिस्ता आवाज़ मैं लेकिन उस की जानिब से कोई रिप्लाइ नहीं आया तो मैं अब आगे बढ़ा और हाथ से हल्का सा हिला दिया और साथ आवाज़ भी दी लेकिन फ्रज़ना गहरी नींद मैं सो रही थी

अब मैने सर घुमा के बाजी की तरफ देखा तो बाजी ने हन मैं सर हिला दिया तो

मैने धड़कते हो दिल के साथ फरजाना की फ्रोक को आहिस्ता से ऊपर को खिसकना शरू कर दिया और आहिस्ता आहिस्ता फ्रज़ना की फ्रोक को उस की गांड से भी थोडा ऊपर तक उठा दिया

जिस से उस की पनटी नज़र आने लगी फरजाना की गांड पनटी मैं देखते ही मेरी और मेरे लूँद की हालत खराब होने लगी

तो मैने एक बार फिर मोड़ के बाजी की तरफ देखा तो बाजी ने मुझे सख्ती से इशारा किया की आगे बढ़ो

मैने थोड़ी हिम्मत की और अपना लूँद नंगा कर के फरजाना के करीब हो गया और उस के मुह पे अपना लूँद घूमने लगा

थोड़ी देर तक मैं ऐसे ही अपना लूँद फरजाना के लीपस पे घूमता रहा और फिर पीछे हट गया और फिर हिम्मत करते हुए फरजाना के पीछे आ के लेट गया और फरजाना की पनटी को भी आहिस्ता से नीचे खिसका दिया और उस की गांड को पूरा नंगा कर दिया और खुद उस के पीछे अपना लूँद फरजाना की गांड के साथ लगा के लेट गया

अब मैं अपने लूँद को आहिस्ता आहिस्ता फरजाना की गांड पे रगड़ने लगा और थोड़ी देर के बाद मैने अपने लूँद पे हल्का सा थूक लगा के फरजाना की गांड के क्रॅक मैं घिसने लगा तो
मुझे इतना मज़ा आया की मेरा पानी इतनी जल्दी और स्पीड से निकला की मैं खुद को रोक ही नहीं पाया और सारा पानी फरजाना की गांड के ऊपर ही फैला दिया और उठ के बिस्तेर से नीचे उतार गया और बाजी की तरफ देखा तो बाजी ने हाथ के इशारे से मुझे बाहर बुला लिया

मैं बाहर गया तो बाजी ने कहा अब तुम जाओ अपने रूम मैं और इसे इसी तरह ही रहने दो सुबह उठ के खुद को ऐसे देखे गी तो कुछ ना कुछ तो दिमाग की घंटी बजे गी ही ना

मैं बाजी की बात मान के अपने रूम मैं चला गया और क्यों की ३ बार पानी निकल चुका था इस लिए थकवट भी हो गई थी इस लिए जल्दी ही सो गया क पता ही नहीं चला क कब आँख लगी

अगली सुबह मैं उठा तो 8 बाज चुके थे और बाहर बारिश हो रही थी जिस से मौसम सुहाना हो रहा था मैं उठा और सीधा बात रूम मैं जा घुसा और नहा के जुब बाहर निकला और रूम मैं जाने लगा तो मेरी नज़र फरजाना पे पड़ी जो क बड़ी अजीब नज़रों से मेरी तरफ देख रही थी

मैने एक नज़र फरजाना की तरफ देखा लेकिन नज़र चुरा के अपने रूम मैं चला गया

तो कुछ ही देर के बाद फरीदा मेरे लिए नाश्ता ले आरी और मेरे सामने झुक के नाश्ता रख के वेसे ही खड़ी हो गई झुकी होई और मेरी आँखों मैं झँकते हो बोली भाई कुछ और भी चाहिए है क्या

मैने सर उठा के फरीदा की तरफ देखना चाहा तो मेरी नज़र उस के खुले गले की क़मीज़ मैं चली गई तो मैने देखा के उस के कोमल और सॉफ्ट दूध की तरह सफ़ेद बूबस वो भी बिना ब्रा के मेरी आँखों के सामने लहराते हो नज़र आए तो मेरी नज़र वहीं टिकी रह गई

मेरी तरफ से कोई जवाब ना मिलने पे बाजी ने एक बार फिर से पूछा भाई कुछ और चाहिए है क्या तो मैं हडबडा सा गया और फरीदा बाजी के फेस की तरफ देख के बोला

नहीं कुछ नहीं बस बहुत है

फरीदा बाजी अब भी ऐसे ही मेरे सामने झुकी रही और उन की आखेँ उस वक़्त हल्की हल्की लाल भी नज़र आ रही थी मुझे और ऐसे ही झुके हो बोली भाई दूध ला दूँ आप को

मैने इनकार मैं सर हिला दिया और नाश्ता करने लगा तो बाजी खड़ी हो गई और बोली क्या बात है भाई आप बाजी का लाया हुआ दूध तो बड़े शोक़् से पीते हो लेकिन मुझे मना कर रहे हो

अब मैं समझ गया के फरीदा असल मैं क्या बोल रही है और किस तूने मैं बोल रही है

तो मैं भी ज़रा रिलॅक्स हो के बोला अरे नहीं बाजी ऐसी कोई बात नहीं है मैं तो आप का दूध भी पीने को तैयार हूँ...ऊओ... मेरा मतलब है के आप का लाया हुआ दूध लेकिन अभी नहीं

क्यों भाई अभी क्यों नहीं क्या मेरे हाथ खराब हैं जो आप मेरा लाया हुआ दूध अभी नहीं पीना चाहते तो मैं हंस दिया और बोला नहीं बाजी ऐसा कुछ नहीं है बस अभी दिल नहीं चाह रहा

फरीदा बाजी मायूस सी हो गई और वापसी के लिए मूड गई और फिर गर्दन घुमा के मेरी तरफ देख के बोली भाई रात को तो ले आऊँ ना आप के लिए दूध तो मैने कहा नहीं बाजी लाती हैं मेरे लिए तुम नहीं लाना

फरीदा बाजी खामोशी से चली गई तो मैने नाश्ता ख़तम किया और बर्तन साइड पे रख दिए और एक नॉवेल निकल के बैठ गया क्यों की आज बारिश हो रही थी इस लिए मैं खेतों की तरफ नहीं गया

बर्तन उठाने के लिए अम्मी आई और बर्टन उठाते हो बोली विक्की क्या बात है तुम ने फरीदा को कुछ बोला है जो उस का फेस उतरा हुआ है तो

मैने अम्मी को सब कुछ बता दिया तो अम्मी मेरी बात सुन क बोली हूउऊन्न्ं तो लगता है के फरीदा ने अब खुद से ही फ़ैसला कर लिया है इस खेल मैं शामिल होने का तो फिर क्या इरादा है तुम्हारा क्या करना है

मैने अम्मी की बात सुन के कहा नहीं अम्मी मैं ये इरादा कर चुका हूँ की मैं फरीदा बाजी की सील अबू से ही तुद्वाऊंगा और अगर बाजी शामिल होना ही चाहती है तो उसे अबू से करवाना हो गा

अम्मी कुछ सोच के बोली नहीं बेटा ऐसा मुश्किल है तुम उस के भाई, तुम्हारे साथ वो फिर भी आपने आप को तैयार कर चुकी है लेकिन अबू के साथ वो शैयद हिम्मत ही ना कर सके

चलो अम्मी देखते हैं कुछ सोचते हैं लेकिन पहले वो आप के या बाजी के साथ ज़रा खुल के बात तो करे उस के बाद इस मसाला का हाल भी निकल ही आएगा आप परेशान नहीं लो किसी किस्म की

अम्मी मेरी बात सुन के खामोशी से वापिस चली गई तो मैं फिर से नॉवेल पढ़ने मैं लग गया और टाइम कब गुज़रा पता ही नहीं चला और 11 बजे के करीब बिल्लो के आने पे सीधा हो के बैठ गया

बिल्लो मेरे पास आ के बैठ गई और मेरी आँखों मैं झँकते हो आहिस्ता आवाज़ मैं बोली विक्की तुम ने रात क्या किया है फरजाना के साथ

मैं... हेरनी से बिल्लो की तरफ देखते हो बोला क्या मतलब मैं समझा नहीं क्या कर दिया मैने

बिल्लो.... विक्की ज़्यादा हरामी पन नहीं करो और सीधी बात बताओ क्यों की अभी कुछ देर पहले फरजाना ने मुझे सब बता दिया है

मैं.. बिल्लो की बात सुन के मैं खामोश हो गया और थोड़ी देर तक बिल्लो की तरफ देखता रहा और बोला जुब मैने तुम से मदद के लिए बोला था तब तुम ही मेरी मदद कर देती तो मुझे ये नहीं करना पड़ता

बिल्लो...... मेरी गालों पे किस करते हो बोली विक्की किया तो तुम ने हरामी पन ही था
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04-29-2020, 01:22 PM,
#40
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
लेकिन सच पूछ तो सच ये है की मैं उसी दिन से फरजाना को इस बात के लिए आहिस्ता आहिस्ता तैयार कर रही थी और मैने उसे तुम्हारे फरी और अपने और तुम्हारे अबू के बारे मैं भी आहिस्ता आहिस्ता सब बता दिया था

लेकिन जुब रात तुम ने फरजाना के साथ मस्ती की तो उस वक़्त वो जाग रही थी और तुम्हारे साथ मस्ती को पूरी तरहा एंजाय करती रही है

मैं बिल्लो की बात सुन के हका बका रह गया क्यों की मुझे ज़रा भी एहसास नहीं हुआ था की फरजाना उस वक़्त जाग रही थी और पूरा मज़ा ले रही थी मेरी शकल पे शैयद कुछ ऐसे तसूरत थे की जिन को बिल्लो ने भी महसोस कर लिया और बोली अब कोई गड़बाद नहीं करना

1 2 दिन मैं मैं खुद तुम्हें ब्ताओंगी की कब तुम्हारा काम हो सकता है उस के बाद एंजाय करना लेकिन फिर मेरे साथ किया हुआ वादा भी पूरा करना पड़े गा तुम्हें जो मेरे साथ किया था

मैने खुशी के मारे बिल्लो को सीने से लगा लिया और एक किस भी कर डाली और बोला यार तुम जो बोलो गी करूगा बस एक बार मेरा ये काम कर दो जो तुम बोलोगी माँग लेना जो माँगना हो

बिल्लो मेरी बात सुन के बोली चलो ठीक है मैं अभी चलती हूँ घर मैं भी थोडा काम है और निकल गई तो मैं फरजाना की चुत का सोच के ही लूँद खड़ा होने लगा

जिसे मैं हाथ मैं ले के मसालने लगा

बाकी का दिन मैने घर पे ही नॉवेल पढ़ते और लूँद मसालते गुज़ारा और रात भी ऐसे ही गुज़र गई क्यों के अभी तक कुछ समझ नहीं आ रही थी की क्या कराईं क्यों की फरीदा की तरफ से अभी तक किसी किस्म का खुला इशारा भी नहीं मिल पा रहा था की वो क्या चाहती है

और ये हमनें तब तक पता नहीं चल सकता था क वो जुब तक खुद बाजी या अम्मी से बात ना कर ले क्यों क मेरे साथ या अबू के साथ तो वो इतनी बड़ी बात कर नहीं सकती थी

तो हम लोग अब इंतज़ार मैं थे

अगली सुबह मैं उठा और नहा के नाश्ते के लिए बेता इंतज़ार कर रहा था की फरीदा मेरे लिए नाश्ता ले के आ गई और मेरे सामने झुक के नाश्ता रख के और पानी रखते हो मेरी तरफ देखे बिना बोली भाई क्या आज भी दूध नहीं पियोगे आप

मैने अब फरीदा की क़मीज़ मैं से निकालने की कोशिश करते बूबस को देख रहा था

जिसे फरीदा भी नोट कर चुकी थी लेकिन ना तो वो कुछ बोली और ना ही सीधी होई उस वक़्त फरीदा एक वाइट सलवार क़मीज़ मैं थी जो की उसे काफ़ी टाइट भी था और झुकने से उस के काफ़ी बूबस भी बाहर को निकालने की कोसिस मैं थे

अब मैने भी फरीदा बाजी के बूबस से नज़र हताए बिना ही कहा नहीं बाजी अभी नहीं लेकिन पियोंगा ज़रूर लेकिन बाद मैं क्यों की मैं चाहता हूँ की आप मुझे बाद मैं पिलाओ

अब की बार बाजी ने मेरी तरफ सर घुमा के देखा और सीधी खड़ी हो गई और बोली क्या मतलब भाई मैं कुछ समझी नहीं आप की बात को ज़रा ठीक से समझा दो तो ठीक रहे गा

अब मैने सर झतका और बाजी की तरफ देखे बिना नाश्ता अपनी तरफ खींचा और बोला

बाजी मेरा मतलब है की आज कल मेरा दूध पीने का मान नहीं हो रहा तो बाद मैं जुब मान हो गा तो आप को बता दूंगा

बाजी अजीब सी नज़रों से मेरी तरफ देखती और अपने होन्ट कटी रूम से निकल गई तो

मैं नाश्ते मैं लग गया और नाश्ता ख़तम कर के बाजी फरीदा के बारे मैं सोचने लगा की
आख़िर फरीदा एक लड़की हो के इतना एक्सपोज़ कर रही है मेरे सामने चाहे मेरी बड़ी बेहन ही सही लेकिन मैं समझ सकता था क ये फरीदा के लिए कितना मुश्किल था और ऊपर से मेरी तरफ से बार बार नज़र अंदाज़ किया जाना भी उसे यक़ीनन हार्ट करता हो गा

लेकिन मैं भी क्या करता मेरा दिल ही नहीं मान रहा था फरीदा को छोड़ने के लिए क्यों की मैं इरादा कर चुका था की बाजी फरीदा की चुत का रास्ता अबू के लंड से ही खुलेगा

उस के बाद चाहे बाजी फरीदा सारी ज़िंदगी मेरे इलावा किसी और से ना चुडवाए मुझे परवा नहीं थी

खैर मैं उठा और खेतों पे जाने लगा तो देखा के बाजी घर पे ही थी तो मैने बाजी से पूछा के बाजी आप आज खेतों पे नहीं गई अबू के साथ तो इस से पहले की बाजी फरी कोई जवाब देती

उस के पास ही बैठी फरीदा झट से बोल पड़ी की भाई आज से अम्मी जाया कराईं गी खेतों पे और बाजी अब घर पे ही रहा कराईं गी तो मैने हूउऊन्न्ं की आवाज़ निकली और घर से निकल के खेतों की तरफ चल दिया

अभी मैं कुछ दौर ही गया था क मुझे सामने से अपना यार सलीम आता हुआ

नज़र आया जो क मुझे देख के खड़ा हो गया था और जुब मैं उस के पास पंहुचा तो वो बड़े घौर से मुझे देखते हो बोला यारा रुक जा ज़रा मुझे अच्छी तरह देख तो लेने दे क एईद का चाँद होता कैसा है

मैं सलीम की बात सुन के हंस दिया और बोला आबे छोड यार क्यों ड्रामा करता है मेरे साथ तो सलीम भी हंस दिया और बोला यार मैं ड्रामा नहीं कर रहा अब तो खुद ही देख और सोच ले क कितने दिन हो गये हैं हमनें गांव आए हो और हम बस एक बार ही मिले हैं और अब तो कोल्ग भी खुलने वेल हैं

मैं सलीम की बात सुन के चौंक गया और बोला हन यार मुझे तो याद ही नहीं रहा क हुमारी छूतियाँ ख़तम होने वाली हैं और अब जल्द ही हमनें कोल्ग भी जाना है नहीं गये तो बस पकई छूटी ही मिले गी

सलीम मेरी बात सुन के बोला कहाँ रहते हो भाई जहाँ तुम्हें अपनी और कोल्ग और अपने दोस्तों मैं से किसी की भी खैर खबर नहीं है सब ठीक तो है ना क यहाँ कोई पारी मिल गई है

आबे नहीं यार अपनी ऐसी क़िस्मत कहाँ क कोई पारी हमनें भी घस्स डाले हम तो बस देख के अहीन ही भर सकते हैं बाकी सारा दिन अबू के पास खेतों मैं ही बेता रहता हूँ

कुछ हाथ बता देता हूँ उन का ( अब असल बात तो मैं उसे नहीं बता सकता था क आज कल किन माज़ों मैं था मैं जिस की वजा से मुझे किसी चीज़ का या कोल्ग का ना तो होश था ना ही फिकेर)

ऐसे ही हम दोनो दोस्त साइड मैं बैठ गये और गुपैयन मरते रहे फिर कोई 10 बजे के करीब सलीम ये बोलता हुआ चला गया क अच्छा यार शाम को मिलना तुझे आज फिर से थोडा मज़ा करवाता हूँ और निकल गया तो मैं भी अपने खेतों की तरफ चल दिया

जहाँ अम्मी और अबू चारा काट रहे थे

मैने वहाँ इधर उधर देखा तो मुझे कहीं चारपाई नज़र नहीं तो मुझे याद आया की कल सारा दिन बारिश होती रही है तो चारपाई रूम मैं रख दी हो गी अबू ने के खराब ही ना हो जाए

ये सोच आते ही मैं रूम मैं जा घुसा लेकिन वहाँ जाते ही मेरी पहली नज़र जिस मंज़र पे पड़ी मैं वहीं का वहीं जैसे थम से गया क्यों क वहाँ कोई लड़की खड़ी होई थी और कुछ ऐसी हालत मैं थी

मैं अब ऐसी ही खड़ा देखता रहा और सोच मैं पड़ गया की ये कौन हो सकती है जो यहाँ अपने कपड़े पहन रही है क्यों क वो जो कोई भी थी ट्यूबवेल पे नहाने के बाद अब गीले कपड़े जो क यहाँ से ही पहने थे उतार के अपने पहन रही थी क अचानक

शैयद उस लड़की को भी एहसास हो गया क रूम मैं कोई और भी घुस आया है तो उस ने पीछे मूड के देखा तो मैने जाना क वो बिल्लो थी

बिल्लो की आँखों मैं मुझे देखते ही चमक से उभर ऐइ और वो मेरी तरफ पूरी तरफ घों गई और बोली अरे विक्की तुम कब आए तो मैने कहा अभी अभी आया हूँ और ये जान लेवा मंज़र देख के खोया ही था के तुम ने देख लिया

बिल्लो मेरी बात सुन के मुस्कुराती आँखों से मेरी तरफ देखते हो बोली विक्की अब तो मैं भी तुम्हारी हूँ और ये जान भी जुब दिल चाहे खुद मुझ मैं खो जाओ या मुझे अपने आप मैं सामो लो मैं तुम्हें मना थोडा ही करूगी

अब मैं आगे बढ़ा और बिल्लो के सामने जा खड़ा हुआ और बिल्लो का फेस बलों से पकड़ के थोडा ऊपर किया और उस के लीप,स के साथ अपने लीप,स को मिला के किस करने लगा जिस मैं बिल्लो भी पूरी तरह मेरा साथ देने लगी

थोड़ी देर तक हम ऐसे ही किस करते रहे और फिर बिल्लो ने ही मुझे खुद से अलग किया और बोली चलो अब निकलो यहाँ से इस से पहले की तुम्हारी अम्मी यहाँ आ जाय तुम निकलो
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