RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
रोहित : गुस्से में कहने लगा में ऐसा कुछ नही कर रहा था तेरी दीदी, को ग़लतफहमी हुई है, आगे से मैं तेरे घर नही आउन्गा
शेखर : उसका हाथ पकड़ कर बैठते हुए अरे यार तू तो बुरा मान गया में तो मज़ाक कर रहा था
रोहित : देख शेखर कोई मेरी सोनू के बारे में मुझसे उल्टी बात करेगा तो में उसकी अम्मा भी चोद सकता हूँ
शेखर : और अपनी दोस्ती का क्या
रोहित : माँ चुदाने गई दोस्ती यारी बहन के लोड्े तू चोद अपनी माँ और बहन को पर मुझसे ऐसी गान्ड्मरि बाते आज के बाद की तो समझ लेना फिर और रोहित उठ कर वहाँ से चला गया, शेखर ने उसको बहुत आवाज़ दी पर वह वहाँ रुका नही, उसके जाते ही पूजा बाहर आई और उसने आते ही शेखर के गाल पर एक चाँटा जड़ दिया और कहने लगी कुत्ते क्या ज़रूरत थी तुझे उसकी बीबी के बारे में बोलने की, अगर वह कल बर्त डे पर नही आया तो मैं तुझे कभी अपनी चूत मारने नही दूँगी समझे, शेखर ने कहा दीदी तुम फिकर क्यो करती हो कल रोहित का लंड तुम्हारी चूत में जाएगा चाहे जैसे भी हो,पर क्या करूँ उसकी बीबी उसकी बहन और यहाँ तक की उसकी मम्मी नीलम बहुत ही मस्त माल है मेरा तो लंड खड़ा हो जाता है उन्हे देख कर,
तब पूजा ने कहा देख भैया तुझे मम्मी को चोदना है या उसकी माँ बहनो को, तब शेखर ने कहा मम्मी को तब पूजा ने कहा तो फिर तू मुझे रोहित से चुदवा दे में तुझे मम्मी को चोदने में हेल्प करूँगी और उसकी माँ बहनो को भूल जा, तब शेखर ने कहा ठीक है दीदी आगे से मैं उससे यह सब बाते नही करूँगा, पूजा यह हुई ना कुछ बात अब जा और उसे मना ले कल मुझे उसका मोटा तगड़ा लंड किसी भी सूरत में चाहिए,
शेखर बाइक से रोहित के पीछे पीछे मार्केट से गुजरा तो पार्लर के सामने रोहित खड़ा नज़र आ गया और शेखर बाइक से उतर कर उसके सामने घुटने टेक कर बैठ गया और हाथ जोड़ते हुए कहा यार एक बार अपने दोस्त को माफ़ नही करेगा, उसकी इस तरह से माफी माँगते देख रोहित ने कहा ठीक है माफ़ किया तब शेखर ने कहा दोस्त आगे से मैं कभी सुधा या सोनू भाभी के बारे में कोई ग़लत बात ना करूँगा और ना सोचूँगा,
तब रोहित ने कहा अचानक तू इतना अच्छा कैसे बन गया तब शेखर ने कहा दीदी ने हम दोनो की बात सुन ली थी फिर उन्होने मुझे तमाचा मारा और कहा कि अगर तूने रोहित से माफी नही माँगी तो वह मुझे कभी अपनी चूत चोदने नही देंगी इसलिए दोस्त में तेरे सामने झुक गया क्योकि तू नही जानता में अपनी दीदी को बहुत प्यार करता हूँ और उसे चोदे बिना नही रह सकता हूँ, अब तो तू मुझसे नाराज़ नही हैं ना, रोहित नही यार मैने तुझे माफ़ किया तब शेखर ने कहा तो फिर कल दीदी के बर्त डे पर टाइम से आ जाना इतना कह कर शेखर वहाँ से चला गया और रोहित सुधा के आने के लिए कॉल करने लगा तभी सुधा भी बाहर आ गई और फिर उसकी खूबसूरती देख रोहित उसे देखता ही रह गया
सुधा : भैया कैसी लग रही हूँ में
रोहित : बहुत मस्त लग रही है
सुधा : अच्छा भैया एक बात पुछू सुधा ने बाइक पर टाँगे चौड़ी करके बैठते हुए पूछा
रोहित : पूछो,
सुधा : मुस्कुराते हुए कहने लगी अच्छा बताइए भाभी ज़्यादा सुंदर लगती है या में
रोहित : हँसते हुए यह तूने कैसा सवाल पुछा है
सुधा : बताइए ना भैया सुधा ने रोहित को अपनी बाँहो में जकड़ते हुए पुछा जिससे उसके मोटे मोटे दूध रोहित की पीठ में दब गये
रोहित : तुझे सच सुनना है या झूठ
सुधा : सच
रोहित : ठीक है लेकिन एक शर्त पर बता सकता हूँ
सुधा : कौन सी शर्त
रोहित : यही कि तू अपनी भाभी से नही कहेगी
सुधा : पक्का नही कहूँगी
रोहित : मुझे तू सबसे खूबसूरत लगती है, अगर तू मेरी बहन नही होती तो मैं तुझसे शादी कर लेता, अब तू यह बात अपनी भाभी को मत कह देना
सुधा : भैया मैं आपकी और मेरी कोई भी बात भाभी से नही कहती हूँ
रोहित : पर तेरी भाभी तो मुझे तेरी सब बात बता देती है
सुधा : चौंकते हुए कौन सी बात बताई है भाभी ने आपसे
रोहित : यही कि तू आज कल पैंटी नही पहनती है
सुधा : शरमाते हुए क्या भैया आप भी ना कैसी बाते कर रहे है मुझसे
रोहित : क्यो क्या ग़लत कह दिया मैने क्या यह सच नही है कि तू पैंटी नही पहनती है
सुधा : झेप्ते हुए तुनक कर क्या भैया मैने पैंटी पहनी हुई है
रोहित : अच्छा अभी पता चल जाएगा और रोहित ने बाइक को एक कच्चे रास्ते पर ले लिया जो किसी गाँव को जाता था और उस रास्ते पर सुनसान था कहीं कोई नज़र नही आ रहा था तब रोहित ने बाइक रोकी और सुधा को उतरने को कहा और फिर मुस्कुराते हुए कहने लगा दिखा अपनी जीन्स को नीचे सरका कर कि तूने पैंटी पहनी है या नही
सुधा ; आश्चर्य से रोहित को मुँह फाड़ कर देखते हुए कहने लगी भैया आप पागल हो क्या कैसी बात कर रहे हो,
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