Incest Porn Kahani जिस्म की प्यास
07-19-2018, 12:36 PM,
#61
RE: Incest Porn Kahani जिस्म की प्यास
खिड़की में से हल्की सी चाँद की रोशनी आ रही थी और शन्नो चेतन के चेहरे को देख कर और भी ज़्यादा घबडा गई...

उसके कदम वही रुके रह गये... चेतन बिस्तर से उठ कर उसकी तरफ बढ़ने लगा और शन्नो एक दम से मूडी और कमरे के बाहर जाने लगी... उसका एक कदम कमरे के बाहर जैसी ही पड़ा तभी उसका बदन उसके बेटे की गिरफ़्त में आ गया...

शन्नो ने घर आने के बाद कपड़े नही बदले थे... वो एक लाल हारे रंग के सलवार कुर्ते में थी जोकि गर्मी

के लिए बनाया गया था यानी के काफ़ी पतला कपड़ा था... उसके उपर जब चेतन अपना हाथ चला रहा था तो शन्नो को

वो अपने बदन पर ही महसूस हो रहा था.... शन्नो आधी कोशिश कर रही थी कि वो चेतन की पकड़ से निकल सके और

सच बात तो यह थी कि चेतन ने उसको बड़े प्यार से अपनी बाँहो में ले रखा था...

शन्नो की गर्दन को चूमते हुए वो बोला "मम्मी मुझे ज़बरदस्ती करना पसंद नहीं है"

ये कहकर उसने शन्नो को आज़ाद कर दिया मगर शन्नो वही खड़ी रही... शन्नो चेतन से नज़रे नहीं मिला पा रही थी

मगर उसने हल्के से पूछा "क्या मिल रहा है तुम्हे ये करके??" शन्नो अभी भी चेतन के बदन से कुच्छ फुट दूरी में थी.... चेतन बोला "मैने और मेरे दोस्तो ने अपनी एक टीचर को चोदा था... सच बोलू मुझे इस बारे में सोचना भी

पसंद नही था मगर जब मैने उसके बदन को पहली बारी नंगा देखा तो मेरे होश उड़ गये...

उस बदन पे लटक रहे तरबूज़ो को छुकर ही उनका रस पीने का मन कर गया.... उसकी चूत को चोद्ते हुए जो

खुशी मैने पाई वो मैं उस वक़्त ज़ाहिर नही कर सकता था...." इससे पहले कुच्छ और चेतन कह पाता शन्नो वहाँ से

चली गयी मगर चेतन ने उसे रोका नही वही खड़ा रहकर मुस्कुराता रहा....

शन्नो अपने कमरे में गयी और दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया.... उसका दिल अभी भी ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था....

वो सारे शब्द जो चेतन ने उसे कहें वो उसके दिमागे में घूम रहे थे... वो सोचने लगी कि मेरे बेटे ने अपनी

स्कूल की टीचर को भी चोद रखा है... मेरा बेटा कब इतना बड़ा हो गया पता ही नही चला...

ये सोचते सोचते उसका हाथ अपने आप सलवार के अंदर घुश गया और वो चौक गयी....

उसकी पैंटी चूत के पानी से गीली हुई पड़ी थी... उसे यकीन नही थाकि उसका बदन इस तरह हवस में डूबा

हुआ है कि उसके बेटे के छुने मात्र से ही उसका ये हाल हो गया है.... वो बिस्तर पे बैठी और अपने आप को शांत करने की कोशिश करती रही... उसको लगा कि अगर मैं अपने बदन को खुश कर पाई तो शायद मुझे किसी और की ज़रूरत ना हो...
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07-19-2018, 12:36 PM,
#62
RE: Incest Porn Kahani जिस्म की प्यास
उसने जल्दी से अपनी अलमारी खोली और अपनी स्लावार नीचे गिरा कर अपनी चूत में लंड डालने लगी...

वो लंड को ऑन तो नही कर सकती थी क्यूंकी उसका बेटा वो आवाज़ सुन लेता... काफ़ी कोशिशो के बाद भी उसके जिस्म की प्यास रुकी नही बल्कि और बढ़ गयी.... बारी बारी उसने अपने बदन को नंगा कर दिया और कभी अपने मम्मो को तो कभी अपनी चूत को शांत करने की कोशिश कर रही मगर कुच्छ फ़ायदा नहीं हुआ.... उसको हल्की हल्की आवाज़ अपने कमरे के बाहर से आने लगी... उसके दिल ने उसको कयि बार रोका कि वो अपने कदम को रोके मगर वो रुके नही...

तड़पति हुई उसने अपने कमरे का दरवाज़ा खोला और ड्रॉयिंग रूम रूम का टीवी चल रहा था.... उसे चेतन का चेहरा तो

दिखा नही मगर सामने गंदी पिक्चर चल रही थी... उस चुदाई के दृश्य को देखकर शन्नो का जिस्म गरम होने लगा....

अपने आप ही उसका हाथ अपने बदन को सहलाने लगा... उसने अपने आप को दरवाज़े के पीछे च्छुपाने की पूरी कोशिश

करी ताकि उसे चेतन ना देख सके मगर किसी ताक़त ने वो पूरा दरवाज़ा को धक्का देके खोल दिया...

चेतन ड्रॉयिंग रूम रूम में नहीं बल्कि उसके कमरे के दरवाज़े के पास ही खड़ा था.... उसे शन्नो की हर्कतो के बारे

में भी पता था... टीवी की रोशनी में शन्नो का नंगा बदन सॉफ से चेतन की आँखो के सामने था.....

इस बारी चेतन नही रुका और अपनी मम्मी के मम्मो पर एक दम से झपटा मार दिया....

बड़ी बेदर्दी से वो उन्न मम्मो को मसल्ने लगा..... शन्नो का दिल मना कर रहा था मगर उसकी चुचियाँ मस्ती में

सख़्त हो गयी थी..... चेतन ने ज़रा भी समय बर्बाद नही करा और अपनी एक उंगली शन्नो की चूत में घुसा दी और

शन्नो दर्द में उछल पड़ी.... शन्नो की चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी तो चेतन की उंगली पूरी तरह अंदर बाहर जा रही थी.... चेतन अपना दूसरा हाथ शन्नो की पीठ पर ले गया और उसको बड़ी प्यार से सहलाने लग गया....

शन्नो एक एक कदम पीछे होती गयी मगर चेतन भी उसके साथ साथ पीछे जाता गया....

चेतन नेशन्नो को धक्का दिया और वो बिस्तर पे जा गिरी.... शन्नो के गोल मम्मे हल्की सी निकली हुई तोंद मोटी जांघें

बहता हुआ चूत का पानी और गोरा चेहरा चेतन के सामने मस्ती में झूल रहा था.... मगर चेतन ने शन्नो को

उसके बाद छुआ नही और वहाँ से वापस जाने लगा.... शन्नो बिस्तर से उठी और अपने बेटे को पीछे से जाकर रोक लिया.... शन्नो फर्श पे बैठी और चेतन के पाजामा को नीचे कर दिया... चेतन का लंड उसके चेहरे की तरफ उचक कर आया...

चेतन की तरकीब पूरी तरह कामयाब रही... उसकी मा पूरी तरह आगोश में थी और अब बलात्कार नही बल्कि

हवस का प्यार कहलाया जाएगा जैसा चेतन को पसंद था....

शन्नो ने अपने बेटे को लंड को पकड़ा और उसको चूमने लगी... चेतन ने शन्नो अपने लंड से दूर करा और अपने पाजामे

को अपनी टाँगो से निकालकर बिस्तर पे बैठ गया... शन्नो घुटनो पे चलके चेतन के पास गयी और चेतन के लंड

को चूसने लगी.... चेतन ने शन्नो के बालो को क्लिप की जाकड़ से आज़ाद किया और अपनी मम्मी को अपना लंड चूस्ते हुए देखने लगा.... ज़्यादा रोशनी ना होने के कारण चेतन ने पीछे की तरफ हाथ बढ़ाया और टेबल पे रखे लॅंप को ऑन कर दिया....

कमरे में रोशनी फेलते ही शन्नो ने लंड को चूसना बंद कर दिया मगर अभी भी उसके मुँह में लंड था...

अगले ही सेकेंड उसने चूसना फिर से शुरू करा... अपनी मम्मी को ऐसी रोमांचक हालत में देखकर चेतन का मन मस्ती

में झूम रहा था.... शन्नो को महसूस हो रहा था कि उसकी चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि उसका पानी जाँघो से बहता

हुआ ज़मीन पे टपक रहा था...
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07-19-2018, 12:37 PM,
#63
RE: Incest Porn Kahani जिस्म की प्यास
शन्नो को अपने बेटे से कहने में शरम आ रही थी मगर हर एक सेकेंड

उसकी चूत की प्यास और बढ़ने लगी थी.... और अगले ही सेकेंड उसके बेटे के लंड ने सारा पानी उसके मुँह में डाल दिया...

चेतन ने शन्नो के गले सहलाया और शन्नो ने पहली बारी वीर्य किसी का वीर्य निगला...

चेतन का लंड छोटा होते देख शन्नो के चेहरे पर मायूसी च्छा गयी... अब उसकी चूत की प्यास कौन भुजाएगा....

फिर चेतन ने शन्नो को बिस्तर पे लिटा दिया और वही पड़े डिल्डो को उठाकर चला दिया... वो डिल्डो शन्नो की आँखों के

सामने हिल रहा था... चेतन ने वो डिल्डो पहले अपनी मम्मी के मुँह में ठूँसा ताकि वो गीला हो जाए और फिर उसे

लेजाकर आहिस्ते आहिस्ते करके शन्नो की चूत में डालने लगा.... शन्नो दर्द के मारे चिल्ला रही थी और

चेतन को वो सुनके बड़ा आनंद मिल रहा था.... जब वो लंड आधा अंदर चला गया तो चेतन ने अपनी ज़ुबान बाहर

निकाली और शन्नो की गीली चूत को चाटने लगा.... उसका एक हाथ लंड को हिला रहा तो दूसरा अपनी मा के स्तनो को सहला रहा...... शन्नो की सिसकियाँ कमरे मे भर गयी थी.... शन्नो इतनी बेशरम हो गयी थी कि उसने अपने बेटे से भारी साँसें लेते हुए पूछा "क्या तुम्हारी मेडम मुझसे भी ज़्यादा अच्छी दिखती थी"

तो चेतन बोला "उसका बदन बिल्कुल आप ही की तरह था... मगर जब पहली बारी मेरी आँखो ने आपका नंगा बदन देखा

तो वो उसे भूल नही पाई..." चेतन का लंड फिर से जाग गया था और उसने अपना लंड शन्नो की चूत में डाल दिया....

वो फिर बोला "आपके बदन के लिए तो में ऐसी सौ मॅडमो को बेच डालू" ये बोलके चेतन अपना लंड

बुर्री तरह शन्नो की चूत में घुसाने लगा और शन्नो भी चेतन के लंड की ताक़त को महसूस कर पागल हुई जा रही थी... चेतन ने अपने सीधे हाथ से डिल्डो की रफ़्तार को फुल कर दिया और शन्नो की चुचीॉ को मसल्ने लगा...

शन्नो का पूरा बदन टूटा पड़ा था मगर वो किसी भी हालत में इसे रुकवाना नहीं चाहती थी....

आह आऊओह ऑश शन्नो अपनी सिसकिओं को रोक नही पा रही थी मगर फिर कमरे में शांति फेल गयी जब चेतन ने अपना लंड शन्नो का चूत में से निकाल कर उसके बदन पे छिड़क दिया..... कुच्छ देर तक दोनो मा बेटे बिस्तर पे लेटे

रहे और देखते ही देखते दोनो की आँख लग गयी....
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07-19-2018, 12:37 PM,
#64
RE: Incest Porn Kahani जिस्म की प्यास
उधर भोपाल में सुधीर नारायण के घर रहने आ गया था... नारायण जब सुधीर की शकल देखता तो मन ही मन उसकी

किस्मत पे हंस पड़ता... वो सोचता बिचारे को ये भी नहीं मालूम शाम को ही उसकी गर्ल फ्रेंड को उसने इसी बिस्तर पे

नंगा करके चोदा था.... उसमें अब इतनी हिम्मत आ गयी थी कि आने वालो दिनो को अब वो रंगीन बना सकता था...

दिल्ली मे रात के कुच्छ 1 बज रहे थे और रिचा के खर्रातो की आवाज़ पूरे कमरे में गूँज रही थी...

ललिता का पढ़ने का बिल्कुल भी मन नही था क्यूंकी उसका मन कुच्छ और बातो पे लगा हुआ था.... पूरे कमरे में

अंधेरा था और ललिता रिचा के लॅपटॉप पर गंदी मूवी (पॉर्न) देख रही थी... उनमें से कयि पॉर्न का नाम सर्वेंट से

था और उनमें नौकर-मालकिन के चोद्ने की कहानी थी.. ललिता को 99% लग गया था कि रिचा और उसके नौकर

परशु के बीच में कुच्छ ना कुच्छ तो चल रहा है.. उसने कानो में हेड फोन लगा रखे थे ताकि वो आवाज़

भी सुन पाए और रिचा को पता भी ना चले.... पॉर्न देख देख कर वो काफ़ी गरम हो गयी थी उसने अपने

बदन को रज़ाई से ढका हुआ था और अपनी चुचियाँ को कभी कबार हल्के से मसल रही थी....

उसना सोच रखा था कि थोड़ी देर और पॉर्न देखने के बाद वो रिचा के खिलौने से मज़े लेगी...

मगर उसके प्लान चौपट हो गया जैसी ही कमरे का दरवाज़ा खुला और बाहर से हल्की रोशनी कमरे में फेल गयी....

ललिता का मुँह दरवाज़े की तरफ नही था और घबरा गयी कि कहीं रिचा के मा-बाप ना हो.. जैसी उसने अडल्ट मूवी को

च्छूपा दिया (मिनट मे) वैसी ही उसकी नज़र दरवाज़े की ओर पड़ी और उसके सामने परशु खड़ा था..

ललिता की नज़रे परशु को झिझक में देख रही थी मगर परशु की आँखें ललिता को घूर रही थी...

परशु ने दरवाज़े को धीरे से बंद कर दिया और दबे पाओ ललिता की तरफ गया.. ललिता अभी भी उसको देखे जा रही...

उसको समझ नहीं आ रहा था कि वो अब क्या करें.. वो ललिता के सिर पे हाथ फेरने लगा गया और फिर अपने दूसरे हाथ से अपने पाजामे को नीचे उतार दिया..... उसने अंदर कुच्छ नही पहना और उसका लंड उचक कर ललिता के सामने आया..

लॅपटॉप की रोशनी में परशु का लंड सॉफ दिखाई दे रहा था.... उस रोशनी में ऐसा लग रहा था कि मानो वो लंड

नही बल्कि काला नाग हो.. परशु ने ललिता के हाथ को पकड़ा और अपने लंड को उसे सहलाने लग गया..

परशु का लंड एक दम से जागने लग गया...कुच्छ सेकेंड बाद ललिता अपने आप ही परशु के लंड को सहलाने लग गयी..

ललिता की नज़र परशु की नज़रो पे टिकी हुई थी.. फिर परशु ने हाथ बढ़ाया और ललिता मुँह को अपने लंड के पास ले गया..

उसने ललिता के होंठो को अपने लंड पे लगा दिया और उसके गुलाबी होंठो पे अपने लंड का हल्का सा पानी मलने लगा....
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07-19-2018, 12:37 PM,
#65
RE: Incest Porn Kahani जिस्म की प्यास
ललिता ने अपने आप ही अपना मुँह खोला और उस काले नाग को अंदर ले लिया...

धीरे धीरे उस लंड को वो चूसने लग गयी.. ललिता को पूरी तरह अपना मुँह खोलना पड़ा तब जाके वो परशु

का लंड को चूस पा रही थी वो भी पूरा नहीं ले पा रही थी... हल्के हल्के ललिता अपना मुँह आगे पीछे करे जा रही थी.. उसकी ज़ुबान परशु के लंड के मुँह से खेल रही थी..

ललिता की नज़रे अभी परशु की नज़र पे थी मगर वो फिर भी होश में थी... वो अपनी आँखो से परशु से अपनी जिस्म की प्यास मिटाने की भीक माँग रही थी मगर परशु ने उसके बदन को छुआ तक नही..... चुदाई की जो वीडियो चल रही थी उसमें उस लड़की की चीखे ललिता को और गरम कर रही थी.... और मज़े की हद तब हुई कि उस वीडियो मेजब वो लड़की आदमी से वीर्य की भीग माँगने लगी तभी परशु झार गया और उसने आपना सारा वीर्य ललिता के मुँह में ही डाल दिया.. उसने अपना हाथ बढ़ा कर ललिता के गले को छुआ और फिर उसने परशु का सारा पानी निगल लिया... परशु अपना काम करके चुप चाप चला गया... ललिता सोच में पड़ गयी कि कल परसो सुबह तक वो अपने घर चली जाएगी नज़ाने कल क्या होगा.

अगली सुबह जब ललिता की आँख खुली तो सबसे पहला सवाल रिचा ने उसे पूछा "ये कल रात क्या हो रहा था??"

ललिता ये सुनके घबरा गयी... रिचा ने सब कुच्छ देख लिया होगा ये सोचके उसकी जान निकले जा रही थी ..

फिर भी ललिता ने अंजान होके पूछा "क्या"

रिचा बोली "यार जब तू रात में पॉर्न देखती है तो ढंग से लॅपटॉप बंद कर दिया कर नहीं तो कोई खोलके देखलेगा...

समझा कर यार" ये सुनके ललिता की जान में जान आई मगर अब उसको परशु के सामने आने में डर लग रहा था..

काफ़ी देर तक ललिता परशु के दिखने का वेट करती रही मगर वो दिखा ही नहीं... फिर वो नहाने चली गयी..

वो याद करने लगी कल रात की जो भी घटा था जिस तरह से वो परशु का घोड़े जैसा लंड चूस रही थी...

सोचने में ही ललिता काफ़ी गरम हो गयी थी.. नहाने के बाद उसको अपना तौलिया नहीं मिल रहा था तो वो रिचा का नाम

ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी कि वो बाहर से तौलिया पकड़ा दे... रिचा ने चिल्ला के बोला "अभी आई" और फिर दरवाज़ा खुला..

ललिता दरवाज़े के पिछे छुपी हुई अपना हाथ बढ़ा कर तौलिया माँगने लगी..

उसको तौलिया तो पकड़ा दिया मगर उसका हाथ ज़ोर से पकड़ लिया.. ललिता ने हाथ को देखा तो वो परशु का

हाथ लग रहा था.. ललिता अपने हाथ को छुड़ाने की कोशिश करती रही.. परशु ने बड़ी ज़ोर से उसका हाथ जाकड़

रखा था.. किसी तरह उसने अपना हाथ छुड़ाया और दरवाज़ा बंद कर दिया.. उसे समझ नही आया कि

आवाज़ रिचा ने दी मगर तौलिया परशु लाया...

उधर सुबह जब शन्नो की आँख खुली तो वो और उसका बेटा चेतन दोनो ही नंगे लेटे हुए थे....

शन्नो की नज़र चेतन के हल्के छाती के बालो से जाकर उसके लंड पे पड़ी जोकि बिचारा चैन से सोया पड़ा था....

शन्नो का दिमाग़ उससे खेल खेलता उससे पहले शन्नो ने अपनी नज़रे हटा ली और बिस्तर से उठने लगी....

जैसी उसने अपना बदन हटाया बिस्तर से चेतन ने उसकी कलाई पकड़ ली..... शन्नो ने मूड के देखा तो उसका बेटा जाग

गया था और ज़ाहिर सी बात थी कि वो क्या चाहता था.... शन्नो के नंगे फूले हुए बदन को देख कर चेतन का

लंड हल्के से उठने लगा था.... चेतन बिस्तर से टिक कर बैठा और अपनी मा को अपनी तरफ खीच लिया...

शन्नो का हाथ उस लंड पर पड़ा तो उसे रुका नही गया.... शन्नो ने उसे चूसना शुरू करा....

चेतन बिस्तर पे बैठा हुआ अपनी मा को खुश होते हुए देख रहा था और शन्नो की नज़र उस लंड से हट नही रही थी....

शन्नो के गोल स्तन हवा में झूल रहे थे... उनमें इतना दूध भरा हुआ था कि उनको बेचके कोई भी अरबपति बन जाता.... चेतन ने अपना सीधा हाथ बढ़ाया और अपनी मा के स्तनो को दबाने लगा...

उस मज़े से शन्नो भी लंड को और मज़े में चूसने लगी और देखते देखते चेतन ने अपना सारा

पानी अपनी मा के सुंदर चेहरे पे डाल दिया.... शन्नो के माथे गाल और बालो तक वीर्य फेला हुआ था...

उसने चेतन की तरफ देखा और मुस्कुरा कर टाय्लेट चली गयी....

क्रमशः…………………..
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07-19-2018, 12:37 PM,
#66
RE: Incest Porn Kahani जिस्म की प्यास
गतान्क से आगे……………………………………

नारायण जब स्कूल में अपने कमरे में गया तो रश्मि अब तक आई नही थी...वो कुर्सी पे बैठा बैठा उसका इंतजार

कर रहा मगर उसका कुच्छ पता नही था.... उसका मन तो बहुत कर रहा था कि वो उसको कॉल करें मगर उसने नहीं करा.... असेंब्ली में जाने के वक़्त जब वो अपने कमरे से निकला तो उसके सामने रश्मि चलती हुई आ रही थी...

दोनो एक दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगे.... जैसी रश्मि अपने कॅबिन में अपना समान रखने के लिए

जाने लगी नारायण ने उसकी गान्ड पे बड़े प्यार से हाथ फेरा और वहाँ से चला गया.....

नारायण सातवे आसमान पर था... फिर जब स्कूल शुरू हो गया तो दोनो काम में उलझ गये....

नारायण के कमरे में तीन टीचर्स आके उसके सामने खड़ी हुई थी.. तीनो स्कूल की सबसे ज़्यादा बड़ी,

उमर के हिसाब से, टीचर्स थी.... इतने समय से वो चाह रही थी कि लड़कियों को ट्राउज़र पहनने को बोला जाए ताकि उन्हे

स्कर्ट पहेन ने से रोका जा सके.... पहले जब नारायण से इस बारे में ज़िक्र हुआ था तब उसने रज़ामंदी दे दी थी

मगर अब उसने सोच समझकर बोला "देखिए सबसे पहली बात ट्राउज़र को हम पक्का नहीं कर सकते क्यूंकी

वैसे ही बच्चो के मा-बाप फीस से काफ़ी परेशान है और अब ट्राउज़र को कंपल्सरी कर दिया तो उनको

लगेगा कि ये भी स्कूल की चाल है पैसे ऐथ्ने की... "

टीचर्स भी परेशान होके बोली "तो सर हम करें भी क्या इन लड़कियों का.. नज़ाने कैसे स्कर्ट को पहनती है.. शरम नाम की तो चीज़ ही नहीं है इनमे.."

नारायण बोला "हम सिर्फ़ समझा सकते है इससे ज़्यादा हम कुच्छ करेंगे तो स्कूल की ये और नहीं सुनेंगे..

आप लोग बस कोशिश करें कि ये हदे पार ना हो"

नारायण अपने आप से काफ़ी खुश हो गया था कि कैसे उसने इस मसले को ऐसे सुलझाया कि किसी का भी नुकसान ना हो ख़ासकर से उसका..

कुच्छ शाम का वक़्त था और परशु रेडियो सुनके चाइ बना रहा था.. ललिता चुपके से किचन के पास गयी तो परशु की

गाने की आवाज़ उसे सॉफ सुनाई दे रही थी और गौर की बात ये थी कि वो लड़की आवाज़ में गा रहा था..

परशु की आवाज़ एक दम लड़कियों के जैसी आ रही थी.. ललिता को अब एहसास हुआ कि शायद परशु रिचा की आवाज़ निकालकर उसको गुमराह कर रहा है और रिचा का इन सब बातो में कोई हाथ नहीं है...

ललिता रिचा से इस बारे में बात करना चाहती थी मगर उसको समझ नहीं आ रहा था कि वो कहाँ से और कैसे शुरू करें..

कुच्छ देर बाद रिचा को उसके मा-बाप का कॉल आया कि आज रात वो एक पार्टी में जाएँगे तो तकरीबन 10 बजे तक घर आएँगे... उसके बाद किसी ना किसी तरह समय निकलता गया.. रात को खाना खाने के बाद कुच्छ 10:30 बजे रिचा

की मा ने कॉल करके बोला कि

"तुम्हारे पापा ने बहुत पीली है और मैं उनको गाड़ी चलाने नहीं दूँगी तो हम आज रात कौशीकजी के यहाँ ही रुक रहे है..."
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07-19-2018, 12:37 PM,
#67
RE: Incest Porn Kahani जिस्म की प्यास
जब ये सब रिचा ने ललिता को बताया तो उसने तुर्रंत पूछा "ओये जब कभी ऐसा होता है तो तू क्या अकेली परशु के साथ रुकती है??" रिचा ने कहा " हां नहीं तो मेरी दादी आ जाती है रुकने के लिए.. क्यूँ ऐसे क्यूँ पुच्छ रही है यार"

ललिता ने ये जवाब टाल दिया और फिर दोनो पढ़ने लगे..जब भी कमरे में परशु आता तो वो कुच्छ ज़्यादा ही मज़े

में लगता.. कभी कोई गंदी सी बी-ग्रेड पिक्चर का गाना गाने लगता तो कभी कोई भी फालतू बात करने लग जाता रिचा

और ललिता से .. ललिता को उसके ऐसे व्यवहार से काफ़ी चिंता हो रही थी.... वो अपनी नज़रे किताब से हटाने में भी घबरा रही थी....

फिर कुच्छ देर बाद जब परशु कमरे में आया तो ललिता टाय्लेट में थी.. परशु ने बिन्ति करके कहा

"रिचा अगर तुमको कोई दिक्कत ना हो तो मैं अपने भाई को बुला लू आज रात रुकने के लए.. वो हरयाणा से आया हुआ है और कल ही सुबह जा रहा है वापस"

रिचा ने एक दम से परशु को हां कह दिया औट ये भी समझा दिया कि वो सुबह पापा-मम्मी के आने से पहले चले

जाए नही तो खमखा डाँट पड़ेगी तुमको... समय काफ़ी बीत गया था और पढ़ पढ़ के दोनो लड़किया का दिमाग़

खराब हो गया था.... कुच्छ देर के बाद ललिता बाहर गयी पानी की बॉटल लेने के लिए तब पूरे घर में सिर्फ़ टीवी की रोशनी आ रही थी.. परशु सोफे पे बैठा हुआ कोई ब-ग्रेड पिक्चर देख रहा था जिसमे हेरोयिन बारिश में नाच रही थी..

परशु इतना घुसा हुआ था उसे देखने में कि उसको कुच्छ और होश ही नहीं था.... ललिता ने उसपे ज़्यादा ध्यान ना

देते हुए किचन में चली गयी.... फ्रिड्ज खोलके जब उसने पानी की बॉटल निकाल ली और एक दो घूट पीने लगी

उसी वक़्त किसीने उसकी स्कर्ट को उठा दिया और उसकी गान्ड पे हाथ फेरने लगा.. घबराकर उसने वो हाथ हटाया

फ्रिड्ज से सॅट कर खड़ी हो गई... उसने टीवी की ओर देखा तो वहाँ अभी कोई बैठा हुआ था और जब उसने सामने देखा था

तो परशु खड़ा हुआ था.. परशु ललिता के पास आया और उसका हाथ अपने लंड पे रख दिया जो कि पतलून के अंदर था..

परशु की गरम साँसें ललिता के चेहरे पे लग रही थी... उसकी नाक ललिता के गाल को च्छू रही थी....

किसी तरह ललिता अपना हाथ छुड़ा कर वहाँ से भाग गई.. जब वो कमरे में गयी तो उसने रिचा से पूछा

"ओये वो कौन आया हुआ है??"

रिचा ने पूछा "कौन?? कहाँ??" ललिता हड़बड़ा कर बोली "अर्रे कोई टीवी देख रहा है घर पे तेरे नौकर के साथ"
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07-19-2018, 12:37 PM,
#68
RE: Incest Porn Kahani जिस्म की प्यास
रिचा ने कहा "अच्छा वो यार परशु का भाई है... उसने मुझसे बिन्ति करी थी कि आज वो अपने भाई के साथ रहना

चाहता है जोकि कल वापस हरयाणा चले जाएगा तो मैने उसको हां केहदी"

ललिता मन ही मन रिचा को गालिया देने लग गयी थी..रिचा बोली "सुन ना हम वैसे भी दरवाज़ा लॉक करके सोएंगे तो

कोई दिक्कत नहीं है और वैसे भी ये बंदा कई बारी आ चुका है यहाँ तो ऐसी घबराने वाली कोई बात नहीं है.."

कुच्छ देर बाद दोनो लड़कियों ने बत्ती बंद करी और सोने लग गयी..

कुच्छ देर रात ललिता की नींद टूट गयी.. अपनी नींद से भरी आवाज़ में उसने बड़बड़ाया "रिचा यार अपनी रज़ाई ओढ़ ना"

फिर उसके कुच्छ देर बाद उसने रिचा का हाथ अपनी कमर पे पाया.. इधर से उधर ललिता की कमर पे हाथ हिले

जा रहा था.. ललिता काफ़ी नींद में थी इसलिए उसने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया... मगर उसके बाद ललिता के

टॉप के अंदर जैसी ही वो हाथ गया और ललिता को अपने पेट वो महसूस हुआ उसने वो हाथ को तेज़ी से पकड़ा और उस हाथ की मोटाई और बाल महसूस करके उसे पता चला कि वो रिचा का नही बल्कि एक आदमी का हाथ है शायद परशु या फिर उसका भाई का.. ललिता को समझ नही आ रहा था कि वो क्या करें.. वो चुप चाप बिस्तर पे पड़ी रही.. वो हाथ फिर बढ़ा और

इस बार ललिता के पेट को सहलाने लगा.. ललिता के पतले से टॉप में से वो हाथ ललिता की गर्माहट महसूस करने लगा था.. गुस्से में ललिता ने अपने उपर से हाथ हटा दिया और बिस्तर से उठ के टाय्लेट की तरफ भागी..

उस आदमी ने ललिता को पीछे से जकड़ा और उठाकर कर वापस बिस्तर पे फेंक दिया.. वो आदमी कोई और नहीं परशु था..

जैसी ही ललिता ने चिल्लाना चाहा परशु ने उसके मुँह पर अपना बड़ा सा हाथ रख दिया.. परशु ने दूसरा हाथ ललिता की स्कर्ट और पैंटी में घुसा दिया और उसकी चूत पे चींटी मारने लग गया... ललिता ने हार नही मानी और गुस्से में परशु

को लात मारने लगी... परशु पर उन्न लातो का कुच्छ असर नहीं हुआ और आहिस्ते बोला "आए शहर की लड़की कितना तड़पाएगी....

अब लड़ ना" फिर अपना हाथ वो ललिता की चूत पे लेजाके बोला " एक भी बाल नहीं है चूत पर... मज़ा आ गया"..

परशु का हाथ चूत को छुते ही ललिता काप उठी..

परशु की उंगलिओ की वजह से उसकी चूत गीली होने लग गयी और परशु बोला "लगता है मज़ा आ रहा है तुझे"

ललिता अब लड़ने की भी कोशिश नहीं कर रही थी और ये देख कर परशु ने उसके मुँह से अपना हाथ हटा लिया..

परशु ने ललिता को साँस लेने का मौका दिया और उसके बिस्तर पे बिठा कर अपने हाथो से उसका टॉप उतार फेका और

उसकी काली ब्रा को भी उसके जिस्म से हटा दिया.. मम्मो को देखकर ही परशु उनसे खेलने लगा.. मज़े लेता लेता बोला

"तेरे मम्मे बड़े कमाल के है... इतने बड़े बड़े और टाइट हर मर्द को ऐसे मम्मे पसंद है"

फिर परशु ने अपने होंठो से ललिता को होंठो जमके चूम लिया.. परशु ललिता की ज़ुबान होंठो को चाते जा रहा था..

चूमता चूमता वो अपने हाथो से ललिता की चुचियाँ को मसल्ने लग गया.....

जब उसने ललिता के होंठो आज़ाद करा तो उसके बदन को उसने पलट दिया और अब उसकी गान्ड परशु के सामने पेश हुई थी.... अपनी उल्टे हाथ की एक मोटी उंगली उसने ललिता की गान्ड में डाल दी और ललिता दर्द के मारे चीख दी....
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07-19-2018, 12:37 PM,
#69
RE: Incest Porn Kahani जिस्म की प्यास
उसकी अंगली अंदर बाहर अंदर बाहर ललिता की गान्ड में होती रही...अपने सीधे हाथ से वो ललिता के

नितंबो को चाँटा मारने लग गया.... 4-5 बारी तेज़ी से चाँटा लगाया और ललिता के नितंबो पे परशु के

हाथ चिपक गये... हर चाँते के बाद ललिता को 2 सेकेंड के लिए दर्द होता और फिर मस्ती छाने लगती...

परशु ने ललिता को बिस्तर पे बिठा दिया और अपनी पतलून को नीचे उतारके अपना मोटा लंड उसको चूसने के लिए दिया....

वो बदतीमीज़ी से बोला "चल मेरी छमिया चूसना शुरू कर.." ललिता ने लंड को पकड़ा और हल्के हल्के चूमने लग गयी..

फिर अपना मुँह खोलके उसको अंदर लेने लग गयी.. आहिस्ते आहिस्ते उसने उस लंबे मोटे लंड को चूसना शुरू किया..

परशु सिसकिया लेके बोले जा रहा था "ऐसी ही मेरी जान.. चूस्ति रह.. जितना अच्छा चूसेगी उतनी अच्छी तरह तेरी बजाउँगा भी"

ललिता का मुँह नमकीन हो गया था... परशु के लंड के बालो में से अजीब सी बू आ रही थी जो ललिता को

पहले काफ़ी गंदी लग रही थी फिर उसे मदहोश कर रही थी.. ललिता को अंधेरे में लग रहा था कि परशु का लंड

शायद सबसे बड़ा लंड होगा जिसको अभी तक उसने अपने मुँह में लिया होगा... परशु ने ललिता को रोकके कहा

"बस रुकजा रानी नहीं तो पहले की तरह तेरे मुँह में ही पानी छोड़ देगा"

परशु ने अपनी बनियान उतारी और ललिता की स्कर्ट को नीचे उतार दिया.. उसने पैंटी को कोने से पकड़ा और मज़े लेते हुए

उसको उपर की तरफ खीच दिया.. ललिता की चूत और गान्ड पे बेहद दर्द होने लगा.. वो देख कर परशु और मचल गया..

. परशु ने फिर उसकी कच्छि को उतार फेका और बिस्तर पे लिटा कर उसकी चूत को चाटने लग गया...

उसकी ज़ुबान कुत्ते की तरह ललिता की चूत पर चल रही थी.. ललिता मज़े में सिसकियाँ लेने लगी...

बार बार परशु कहता "मज़े आ रहे है ना कुतिया... मज़े आ रहे है ना कुतिया" जिसका जवाब ललिता कुच्छ नहीं देती....

फिर परशु ने अपना लंड पे थुका और उसपे मला और ललिता को उसको और गीला करने को कहा.. ललिता ने फिर से लंड को रॅंडियो की तरह चूसना शुरू कर दिया

"बस बस कर कुतिया अब तुझे चोद्ता हूँ" ये कहकर परशु ने ललिता की टाँगें चौड़ी करी और अपना लंड एक झटके

में चूत में घुसेड दिया.. पूरा लंड तो चूत में नहीं गया मगर ललिता की चीख निकल गयी...

परशु ने फिर चोद्ना शुरू करा और ललिता को काफ़ी दर्द होने लगा.. ललिता की टाँगें परशु के कंधो पर थी और

परशु उसकी चुचियाँ को भी ज़ोर ज़ोर से नौचने लग गया... कुच्छ देर बाद परशु ने अपना लंड निकाला और ललिता को कुतियाकी तरह बिस्तर पे बिठा दिया..

2-3 बारी चूत पे धुकने के बाद उसने अपना लंड डाल दिया.. उसने ललिता के बालो को पकड़ लिया और उन्हे खीचने लग गया..
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07-19-2018, 12:38 PM,
#70
RE: Incest Porn Kahani जिस्म की प्यास
बीच बीच में उसकी कमर पे भी चाते लगाने लग गया.. ललिता ने दीवार के सहारे अपने आप को संभालने

की कोशिश करी और उसी वजह से उसका हाथ लाइट के स्विच पे पड़ गया और कमरे का बल्ब ऑन हो गया....

रोशनी में ललिता का बदन को देख कर परशु कुत्तो की तरह ललिता की चूत को चोद्ने लग गया... अब फिर से लाइट

बंद करने का कुच्छ फ़ायदा नहीं था और ललिता भी उस चुदाई का मज़ा लेने लग गई....

फिर कमरे के दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई और ललिता ने अपनी नज़रे उसकी तरफ करी.... परशु का भाई वहाँ खड़ा हो

गया जोकि ललिता के मम्मो को झूलते हुए देख रहा था.... परशु ने अपने भाई को जलाने के लिए ललिता के हाथो को

जाकड़ लिया और पीछे खिच कर उसकी चूत बजाने लग गया... इस वजह से अब ललिता मस्ती में और चिल्लाने लग

गयी क्यूंकी परशु का लंड और अंदर घुस गया था.... परशु का सामने खड़ा देखा अपना लंड सहलाता हुआ बोला

"भाई उस साली का तो काम कर दिया लगे हाथो इसको भी चान्स दो ना"

परशु ने ललिता के बाल खीचे और बोला "बोल कुतिया चुद्वाएगि मेरे भाई से" ललिता कुच्छ नहीं बोली और परशु का

भाई बिस्तर पे चढ़ा और ललिता के मुँह में अपना लंड डाल दिया.. उसका लंड किसी भी तरह परशु के आकार का

नहीं था मगर ललिता सॉफ तौर से रिचा की चूत के पानी को चख पा रही थी..

ललिता सोचने लग गयी कि नज़ाने उसकी दोस्त कितनी देर से इस लंड से चुद रही होगी और अब भी ये इतने तना हुआ है...

परशु के लंड नेललिता की चूत की जान निकालके रख दी थी... ललिता का दर्द इतना बढ़ गया था कि वो परशु के लंड को

झेल नहीं पाई और वहीं बेहोश हो गयी...

जब सुबह उसकी आँख खुली तो वो बिस्तर पे नंगी लेटी हुई थी और उसके जिस्म में से वीर्य की बू आ रही थी...

वो जल्दी भागके टाय्लेट गयी और अपने आपको अच्छी तरह सॉफ करके बाहर निकली.. उसे उस वक़्त बस वहाँ से जल्दी से

भागना ही सबसे अच्छा उपाए लगा... उसने कपड़े पहने और अपना बक्सा लेकर वहाँ से चली गयी....

वो पूरे दिन सोचती रही कि कितनी देर तक दोनो गवार भईओ ने उसकी चूत को जमके चोदा होगा और कहीं उसकी

चूत में तो उन्होने अपना वीर्य तो नही डाल दिया होगा??

ललिता की ज़िंदगी में लंड की ऐसी बारिश होगी ये तो उसने सपने में भी नही सोचा था... भले ही उसे अभी इस बात पे रोना आ रहा हो मगर चुदाई के वक़्त उसे एक बारी भी इस बात के पछतावा नही होता... अब से उसके एग्ज़ॅम शुरू होने वाले थे और वहाँ रिचा से मिलना लिखा हुआ था.. तो क्या रिचा उसे सच सच सारी बातें बता देगी या फिर एक और फरेब होगा??

आने वाले दिनो में शन्नो के अंदर की सारी झिझक और शरम ख़तम हो गयी थी.... हर दिन चेतन उसको किसी ना

किसी तरह खुश कर देता था और जब वो नही होता था तो शन्नो उसको याद करते हुए खुश हो जाती...

दोनो बेटिओ के घर पे रहने की वजह से शन्नो को चेतन के साथ वक़्त बिताने का ज़्यादा मौका नहीं मिल रहा था...

कभी कभी चेतन उसको एक दम से डरा देता जैसे कि अचानक से नितंब पे चींटी नौच ना या उसके स्तनो को मसलना...

एक बारी तो वो रात में उसके कमरे में भी आ गया था मगर उसको चोद नहीं पाया था...

शन्नो को उस रात चेतन की उंगलिओ के जादू ने ही काफ़ी खुश कर दिया था और चेतन को अपनी मम्मी के मुँह ने...

डॉली और चेतन के बीच अब सब शांत हो गया था जिससे डॉली काफ़ी खुश थी मगर साथ ही साथ उसको अपने बॉय फ्रेंड

राज की कमी भी खल रही थी....वो जल्द से जल्द भोपाल जाके उसे मिलना चाहती थी मगर ये एग्ज़ॅम ने उसे रोक रखा था...

जब उससे वो बात करती वो खुशी के मारे पागल सी हो जाती और जब उससे बात ना हो पाती तो उसका मन एक दम

चिड़चिड़ा सा हो जाता.. वो बस जल्द से जल्द भोपाल जाने के लिए टिकेट करवाना चाहती थी ताकि वो अपने प्यार को देख पाए...

उसकी बहन ललिता की ज़िंदगी एक दम से रुक गयी थी.... गुज़रे हुए कुच्छ महीनो में उसने काफ़ी कुच्छ झेल लिया था...

परशु से चुद्ने के बाद उसने रिचा से ढंग से बात तक नहीं करी थी.... जब एग्ज़ॅम देने जाती तो वो रिचस से दूर दूर

रहती जिससे रिचा काफ़ी परेशान थी.... ललिता ने पूरे मन से सोच लिया था कि वो सिर्फ़ पढ़ाई और पढ़ाई पे ध्यान देगी मगर इसको ये एहसास होता रहता था कि कहीं उसके दिल के कोने में उसकी असली ख्वाहिशे जाग रही है जिनको वो ज़्यादा दिनो तक रोक नहीं पाएगी.....

क्रमशः…………………..
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