Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
03-04-2020, 10:45 AM,
RE: Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
उधर हम सब ज्योति के इस तरह फोन काटने से सोच मे डूब गये थे....शायद मुझे ज्योति से थोड़ी नर्मी से बात करनी चाहिए थी....

अब तो हॉस्पिटल जाकर आमने सामने बैठ कर ही बात करनी पड़ेगी....

तभी मेरा फोन घनघना उठता है....ये कॉल किसी मोबाइल से आ रहा था....मैने जैसे ही कॉल पिक किया....



ज्योति--मुझे नही पता उस समय मुझे क्या करना चाहिए था.....हमेशा मुझे ये डर सताता था कहीं ये सच फिर से मेरे सामने आकर खड़ा ना हो जाए.....मैं आपकी गुनहगार हूँ आप जो भी सज़ा मुझे देना चाहेंगे मुझे मंजूर होगी....



में--मेडम मैं अपने बर्ताव के लिए आपसे माफी माँगता हूँ.....उस बच्ची को गायब करवाने में आपका कोई हाथ नही है ये मैं अच्छी तरह से जानता हूँ....क्योकि मैं उस बच्ची को ले जाने वाले आदमी से भी मिल चुका हूँ....बस मुझे उसके बाद क्या हुआ ये जानना है....अग्र संध्या को पैदा हुई बच्ची. वहाँ से चुरा ली गयी थी तो वो दूसरी बच्ची कहाँ से आई.....



ज्योति--संध्या गुप्ता को उस दिन ट्विन्स हुए थे और दोनो के जन्म मे केवल 2 मिनिट का फासला है....


उसके बाद ज्योति वो सारी घटना बताती चली गयी जो उस ओप्रेशन थियेटर में ही दफ़न हो चुका था.....



मैने अपना फोन हॅंड्ज़ फ्री करके सामने टॅबेल पर रख रखा था.....हम सब की आँखे ज्योति की बाते सुनकर आँसुओ से भर गयी थी....



ज्योति--सर आप नही जानते आज कितना बड़ा बोझ मेरे सीने से उतर गया है.....ना चाहते हुए भी एक ऐसे गुनाह में शामिल हो गयी थी जो मैने नही किया था.....



में--अब सब कुछ ठीक हो गया मेडम....अब आप सुकून से रह सकती है....



ज्योति--क्या वो बच्ची आपको मिल गई है....कैसी है वो ठीक तो है ना....



में--वो अब मेरे पास है पूरी तरह से सुरक्षित....

मेरा पूरा परिवार अभी भी टेबल पर पड़े मेरे मोबाइल को ही देखे जा रहा था.....मेरे अलावा वहाँ ऐसा कोई नही था जिसकी आँखो में ये सब सुनकर आँसू ना आगये हो....

मेरी आवाज़ ने वहाँ फैली एक अंजानी चुप्पी को तोड़ते हुए कहा....



में--आपकी बेटी आप से बरसो दूर रही है....क्या अब भी आप उसे अपने आप से दूर रखोगे.....



मम्मी मेरी आवाज़ सुनकर जैसे नींद से जागी हो.....आँखो के बाँध टूट चुके थे....उन्होने रोते हुए शमा की तरफ अपनी बाहे फैला दी.....आज एक माँ का अपनी उस बेटी से मिलन हो गया था....जिसका चेहरा आज इतने सालो में वो पहली बार देख रही थी....


और जैसे ही शमा मम्मी के सीने में समाई वहाँ जैसे खुशियो की बरसात होने लगी आँसुओ के रूप में...

मम्मी ने शमा को इतना ज़ोर से अपने सीने में भिच लिया था जैसे वो अब कभी अपने कलेजे के टुकड़े को खुद से अलग नही होने देंगी.....


अजब महॉल बन गया था आँसुओ की नमी के साथ चेहरो पर मुस्कुराहते भी अब फैलने लगी थी....और ये सब में चुपचाप सोफे पर बैठा बैठा अपलक देखे जा रहा था.....ऐसी खुशी पहले कभी इस घर ने नही देखी और ना मेरी आँखो ने कभी देखी.....इस खुशी का पूरा लुफ्त मैं उठा लेना चाहता था.....


तभी भाभी की आवाज़ ने मुझे जैसे सम्मोहन से जगा दिया....



भाभी--अब यहाँ बैठे रहोगे या कोई पार्टी का इंतज़ाम भी करोगे.....सच आज कितनी खुशी मिली है मुझे....राज के चले जाने के बाद आज पहली बार खुद को खुश महसूस किया है मेने....में तुम्हारी शुक्रगुज़ार हूँ जय....



में--भाभी आप सब लोगो की ख़ुसी के लिए....में कुछ भी कर जाउन्गा.....बस आप से एक रिक्वेस्ट है अब कभी भी अपने चहेरे की मुस्कान जाने मत देना....मुझे सब कुछ बर्दाश्त है लेकिन अपने परिवार के किसी भी सदस्य की आँखो की उदासी मेरे दिल को चीर देती है....अब आप कभी भी उदास मत होना....



भाभी--सच कहा....में तो भूल ही गयी थी कि मेरे उदास रहने से मेरा परिवार भी खुश नही रह पाएगा...
तेरी कसम...आज से सारे दर्द भुला दूँगी....अगर मेरे दिल में कुछ रहेगा तो बस कुछ खुशनुमा यादे जिनके साहारे ज़िंदगी मुस्कुराते हुई काट लूँगी....
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03-04-2020, 10:45 AM,
RE: Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
में--बोलो भाभी कैसी पार्टी चाहती हो आप.....


तभी मम्मी ने रोते हुए मुझ से कहा.....



मम्मी--जो मेरी बेटी बोलेगी बस वही होगा....इसकी हर ख्वाहिश पूरी होनी चाहिए....19 साल दूर रही है मेरी बच्ची....माँ के होते हुए भी अनाथो की ज़िंदगी जी है मेरी बच्ची ने....



में--मम्मी आप खुद को सम्भालो....जैसा आप बोलोगि वैसा हो जाएगा.....



मम्मी शमा से...


मम्मी--बोल मेरी बच्ची तुझे क्या चाहिए....मुझे बता दे बस एक बार कि कैसे मैं इतने सालो का क़र्ज़ उतार सकती हूँ.....एक बार तो अपने मुँह से मुझे मम्मी बोल दे....देख तेरी माँ का कलेजा कब से तेरे मुँह से सिर्फ़ माँ सुनने के लिए तरस रहा है.....अब कभी तुझे खुद से दूर नही जाने दूँगी मैं....



शमा--मम्मी मैं भी तर्सि हो अपने परिवार के लिए.....हर पल बस भगवान से हाथ जोड़ कर अपने परिवार से मुझे मिला देने का ही आशीरवााद मांगती थी...



मम्मी--शमा मेरी बच्ची अब मुझे बता क्या चाहती है तू....किस तरह की पार्टी चाहती है तू......ऐसी आलीशान पार्टी जो इस शहर ने कभी नही देखी होगी....बोल क्या चाहिए तुझे.....



शमा--मुझे आप सब मिल गये....और मुझे क्या चाहिए.....किसी पार्टी की ज़रूरत नही है मुझे....मेरी माँ मुझे अपने हाथो से प्यार से दो नीवाले खिला देगी तो वही मेरे लिए सब से बड़ी खुशी होगी....



में--शमा तुमने बहुत बुरा वक़्त देखा है अपनी ज़िंदगी में....लेकिन अब तुम्हे वो सब कुछ भूल कर आगे कदम बढ़ाना होगा....ये घर तुम्हारा है....इसलिए कुछ भी कहने से हिचकिचाओ मत....बोलो क्या करना है....



शमा--भैया सच में मुझे नही पता कैसे क्या होता है.....



में--चल ठीक है तेरी जुड़वा से ही पूछ लेता हूँ.....नीरा बोल तू कैसे खुश करना चाहेगी शमा को....



नीरा-- मेरे हिस्सब से तो हमे कहीं चलना चाहिए.....और वहाँ शमा के साथ खूब मस्ती भी करनी चाहिए.....


में--रूही दीदी अब आप भी कुछ बोल दो....



रूही--नीरा बिल्कुल सही कह रही है....और दीक्षा और कोमल भी कहीं घूमने जाना चाहती है....मेरे हिसाब से तो यही बेस्ट रहेगा.....


में--दीक्षा....कोमल कहाँ चलने का मन है....



कोमल--भैया कहीं भी ले चलो हम दोनो तो कब से रेडी न.....



में--भाभी.....?



भाभी--फिर से वही चले.....?



मम्मी--हाँ यही ठीक होगा....हमे फिर से वही चलना चाहिए सब कुछ भुला कर....



में--ठीक है 2 दिन बाद हम वहाँ वापस जाएँगे....मुझे आज एक जगह जाना है....नीरा तू शमा को अपने साथ रूम मे ले जा....



शमा के जाते ही मैने सभी घरवालो को शमा के बारे में सारी सच्चाई बता दी बस नीरा और मेरी शादी की बात नही बताई.....और एक प्रधान के बारे में....
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03-04-2020, 10:45 AM,
RE: Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
काले स्याह अंधेरे को भी एक मामूली रोशनी का कतरा मिटा देता है...उसी तरह मेरे परिवार पर भी छाए उस अंधेरे को शमा ने अपनी रोशनी से दूर कर दिया था....

अब मेरा लक्ष्य था अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करना...और उसके लिए मुझे वो सब करना था जो मेरे पिता ने किया...


में घर से निकलकर सीधा जुगल किशोर अंकल के शोरुम की तरफ बढ़ गया...



जब मैने शोरुम में कदम रखा तो वहाँ के सभी एम्पलोई ने खड़े होकर मेरा स्वागत किया....मुझे समझ नही आया कि ऐसा क्यो हुआ है....मैं उन सभी को आदर से बैठने का बोलकर अंकल के कॅबिन की तरफ बढ़ जाता हूँ....

मुझे देखते ही अंकल अपनी कुर्सी से उठकर मुझे अपने गले से लगा लेते है....



अंकल--बिल्कुल सही समय पर आए हो जय बेटा....



में--क्या हुआ अंकल....और ये आपका स्टाफ मुझे देख कर खड़ा क्यो हो गया....



अंकल--बेटा अपने होने वाले बॉस को देख कर तो में भी तुम्हारे सामने खड़ा हूँ....तो बाकी का स्टाफ क्यो नही खड़ा होगा....



में--लेकिन अंकल मीटिंग तो अभी हुई ही नही फिर में कैसे बॉस बन गया....



अंकल--बेटा जिस दिन तुम यहाँ से गये थे उसी दिन मैने सारे मंबेर्स से बात कर ली थी सिवाए नंदू के....वो सभी मेंबर्ज़ तुम्हे अपना बॉस बनाने के लिए रेडी है....और जब नंदू से इस बारे में पूछा गया तो वो भी खुशी खुशी मान गया....ऐसा पहली बार हुआ है जब किसीने भी वोटिंग अगेन्स्ट ना करी हो...


में--तो फिर मीटिंग का क्या हुआ....



अंकल--मीटिंग तो एक फ़ौरमलिटी है....सारे डॉक्युमेंट्स मेरे पास आ गये है....बस तुम्हारे सिग्नेचर ही बाकी है इस पर बाकी सारे मेंबर्ज़ ने सिग्नेचर कर दिए है तुम्हे इस संघ का बॉस मान कर.....


में--सच में अंकल पापा के किए हुए कामो की वजह से ही मुझे आज ये मोका मिला है....में आप सब को निराश नही करूँगा....लाइए कहाँ साइन करने है मुझे मैं कर देता हूँ....


अंकल--बेटा वैसे तो तुम्हे कुछ सिखाने की ज़रूरत नही है लेकिन धंधे का एक उसूल तुम मुझ से आज सिख लो....है बड़ा मामूली सा लेकिन एक राजा को फकीर और एक फकीर को राजा बना सकता है....इसलिए कभी भी बिना पढ़े किसी भी डॉक्युमेंट पर अपने सिग्नेचर मत करना...

इन सभी डॉक्युमेंट्स को घर लेजा कर अच्छे से पढ़ना और फिर मुझे भिजवा देना....



में--आपने सही कहा अंकल....मैं आगे से इस बात का ध्यान रखूँगा...


अंकल--तुम्हारे साइन करने के बाद ही मीटिंग की डेट फिक्स हो जाएगी....वो मीटिंग कम एक छोटी सी पार्टी ज़्यादा होगी तुम्हारे बॉस बनने की खुशी में....



में--अंकल में आप से कुछ जानना चाहता हूँ...क्या आप मुझे बता सकते है कि पापा के दुश्मन कौन कौन है....



अंकल--बेटा दुश्मनी और दोस्ती तो धंधे में चलती हे रहती है ....जिस तरह में तुम्हारे पापा के दोस्तो मे से हूँ....वैसे ही दुश्मन भी रहे होंगे....बाकी उन के दुश्मनो के बारे में में जल्दी हे इन्फ़ॉर्मेशन निकाल लूँगा तुम इस बारे में चिंता करना छोड़ दो....
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03-04-2020, 10:45 AM,
RE: Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
में--मुझे किसी प्रधान की तलाश है....वो मुंबई का ही है शायद....क्या आप मुझे उसके बारे में कुछ बता सकते है....



अंकल--ज़रूर बेटा मुझे थोड़ा वक़्त दो...में उसके बारे मे पूरी इन्फ़ॉर्मेशन निकलवाता हूँ...


उसके बाद मैने जुगल किशोर अंकल से विदा ली और बढ़ गया फिर से अपने घर की तरफ....रास्ते में मंदिर पड़ा वहाँ जाकर ग़रीबो के लिए खाने की व्यवस्था करवा दी....भगवान को प्रशाद का भोग लगाया और घर जाने का रास्ता पकड़ लिया....


घर पहुँचा तो देखा भाभी और रूही किचन मे काम कर रही है हॉल में मम्मी की गोद मे सिर रख कर शमा सो रही है और मम्मी शमा के सिर पर प्यार से अपने हाथ फिरा रही थी.....आँखे अभी भी आँसुओ से भीगी थी उनकी....लेकिन चहेरे पर खुशी की दमक भी दिखाई दे रही थी उनके....

वक़्त बदल रहा था....समय फिर से अपनी रफ़्तार पकड़ने लगा था कुछ मोड़ ज़िंदगी के निकल चुके थे कुछ मोड़ अभी और भी आने बाकी थे....


में चुपचाप म्म्मी के सामने से बिना कुछ बोले निकल गया वो अभी भी शमा से मिलन की अनुभूति से बाहर नही आ पाई थी....वो बस उसे अपना सारा प्यार देना चाहती थी...

में चुप चाप अपने रूम में चला गया....जब में किचन के सामने से गुज़रा तो भाभी ने मुझे देख लिया और पीछे पीछे वो भी मेरे रूम मे आ गई....


रूम मे आते ही भाभी ने मुझे कस कर अपने गले से लगा लिया और कहने लगी....



भाभी--इस घर में खुशिया फिर से आ गयी है....सिर्फ़ तुम्हारी वजह से...मम्मी तो कुछ सुनने को रेडी ही नही है....बस शमा मे ही खोई हुई है...



मैने अपने आप से भाभी को अलग करते हुए कहा...


में--बस यही खुशी मैं सबके चेहरो पर देखना चाहता हूँ....हमारा परिवार अब पूरा हो गया है....बस ये घर हमेशा ऐसे ही मुस्कुराता रहे कोई बुरी नज़र अब इस पर ना पड़े यही महादेव से मेरी प्रार्थना है....ये प्रशाद आप सभी को दे देना भाभी....शमा के आने की खुशी में मैं मंदिर गया था वही भगवान को भोग लगाने के बाद बचा हुआ प्रशाद ले आया....



भाभी--अच्छा किया जय जो तुम मंदिर चले गये....मैं तो कब से मम्मी से मंदिर जाने के लिए कह रही थी....लेकिन मम्मी तो बस सब कुछ भूल कर शमा में ही खोई बैठी है कब से...



में--एक काम करो मम्मी को बोलो मैं उन्हे बुला रहा हूँ...वो मेरा नाम सुनते ही नींद से जाग जाएँगी...



भाभी--हाँ ये सही रहेगा....में अभी मम्मी को बुलाती हूँ...


उसके बाद भाभी वहाँ से निकल कर सीधा मम्मी के पास चली जाती है....
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03-04-2020, 10:46 AM,
RE: Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
में--एक काम करो मम्मी को बोलो मैं उन्हे बुला रहा हूँ...वो मेरा नाम सुनते ही नींद से जाग जाएँगी...



भाभी--हाँ ये सही रहेगा....में अभी मम्मी को बुलाती हूँ...


उसके बाद भाभी वहाँ से निकल कर सीधा मम्मी के पास चली जाती है....



भाभी--मम्मी ऐसे कब तक शमा को अपनी गोद में सुला कर रखोगी....इसे अब आराम करने दो....जय आ गया है और आपको बुला रहा है...



मम्मी ने एक दम से भाभी का चेहरा देखा और शमा का सिर अपनी गोद में से उठा कर धीरे से सोफे पर रखे पिल्लो पर रख दिया...



मम्मी--जय आ गया है....कहाँ है मेरा बेटा...


भाभी--मुस्कुराते हुए....अपने रूम में है मम्मी आप को वही बुला रहा है....


उसके बाद मम्मी बिना कुछ कहे मेरे रूम की तरफ बढ़ गयी....में अपने बेड पर लेटा हुआ कोई बुक पढ़ रहा था....मम्मी मेरे पास बेड पर आकर बैठ गयी....



मम्मी--तू कब आया....में तो हॉल में ही बैठी थी....मुझे बोला क्यो नही....


में--आपको शमा के साथ खोया हुआ देखकर मन नही माना आपको डिस्टर्ब करने को....लेकिन भाभी ने बताया आप कब से ऐसे ही बैठी हो....बस शमा मे ही खोई हुई तो मुझे भाभी को आपके पास भिजवाना पड़ा...


मम्मी--क्या करूँ बेटा...माँ हूँ ना अपनी बच्ची के सारे दुख तकलीफे ले लेना चाहती थी...



में--मम्मी मैं आपसे कुछ बात करना चाहता हूँ....



मम्मी--बोल बेटा क्या बात करनी है....


में--मम्मी मैने नीरा से शादी कर ली है है...शमा को उस नरक से निकालने के लिए मुझे ऐसा करना पड़ा....



मम्मी--मुझे नीरा ने पहले ही बता दिया है ये सब....और मुझे खुशी है कि तूने भी मुझ से कुछ नही च्छुपाया....वैसे उस कोठे पर जो भी हुआ वो ग़लत ही था लेकिन एक रिश्ते को बचाने के लिए दूसरे रिश्ते की कुर्बानी कभी कभी ज़रूरी हो जाती है...अब से नीरा मेरी बेटी नही बहू है....



में--मम्मी लेकिन यहाँ सभी जानते है कि नीरा मेरी बहन है....और कोई नीरा की तरफ उंगली भी उठाए तो मुझ से बर्दाश्त नही होता....


मम्मी--धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा....हर रिश्ते को बनने में समय लगता है...तुम्हे भी एक दूसरे को समय देना चाहिए...


में--मम्मी एक नाम जो में भूल गया था वो फिर से मेरे सामने आ गया है...प्रधान ने ही आपको मारने की सुपारी दी थी प्रधान ने ही शमा के 19 साल उस नरक मे खराब कर दिए....प्रधान ने ही आपके साथ वो सब किया....लेकिन अब बस अब ये नाम दुबारा हमारे परिवार की खुशियो के बीच में नही आएगा....बस मुझे ये पता चल जाए कि आख़िर प्रधान रहता कहाँ है करता क्या है....



मम्मी--वो आख़िरी दिन था जब मैने प्रधान को देखा था...उसके बाद ना किशोर ने मुझे कुछ बताया ना उन सब के बारे में कोई खबर पढ़ने को मिली....वो सब गायब हो गये थे अपना सब कुछ छोड़ छाड कर...शायद इसी बात का बदला लेने के लिए प्रधान ने ये चाल चली होगी...



में--और जब उसे लगा होगा कि उसका बदला पूरा हो गया है तो वो कुछ और काम करने लग गया होगा....



मम्मी--बस अब उन सब का नाम. लेकर इस घर के माहॉल को खराब मत कर....जो हुआ तू भी भूल जा...जैसे मैं भूल गयी....



में--नही मम्मी अभी नही....कोई मेरे परिवार की तरफ आँख उठाकर देखे उस से पहले में उसकी आँखो की रोशनी छीन लूँगा....बस थोड़ा और वक़्त....और फिर जिनके हाथो में शतरंज की दोनो बाजिया हुआ करती थी....उन्हे मुझ जैसा अपने परिवार का सिपाही राजा बन कर नेस्तोनाबूत कर्देगा....जल्दी ही

खुशियों के फूल फिर से आँगन में खिल उठे है....और मुझे ही मेरी छोटी सी बगिया को संभालना है...
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03-04-2020, 10:46 AM,
RE: Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
मम्मी जा चुकी थी नीरा रूही कोमल दीक्षा और शमा कब से मेरे रूम में डेरा डाले बैठी थी....थोड़ी देर बाद भाभी भी वहाँ आ गयी....



में--कल तुम सब लोग अपने स्कूल कॉलेज की छुट्टी कर लेना....



रूही--क्यो भाई कल क्या है....



में--शॉपिंग नही करनी क्या....पिच्छली बार शॉपिंग करने का तुम लोगो को ज़्यादा मौका मिला नही लेकिन इस बार शमा कोमल और दीक्षा भी साथ में हैं इस लिए दिल खोल के शॉपिंग करो तुम सब....



कोमल--भैया वैसे हम चल कहाँ रहे है....


में--हृषिकेश....


कोमल--लेकिन वहाँ तो आप लोग पहले भी जा चुके हो....फिर दुबारा क्यो..


में--बस ऐसे ही मुझे वो जगह बहुत पसंद आई थी....


भाभी मेरे कोहनी मारते हुए...


भाभी--कुछ ज़्यादा ही पसंद आ गयी थी इसे वो जगह....


में--भाभी अब तो टाँग खिचना बंद करो....


भाभी--चलो अच्छी बात है न्ही खिचती टाँग....अब सोने की तैयारी करो और शमा आज से तुम मेरे रूम मे सोना...


शमा--जी भाभी....वैसे हृषिकेश में क्या हुआ था जो आप भैया की टाँग खीच रही हो....


भाभी--हुआ था कुछ....राज़ की बात ऐसे ही नही बताई जाती....और ये तो ऐसा राज़ है जिसे सुन कर तुम सब के होश उड़ जाएँगे....



में--अब बस भी करो भाभी....अब मुझे नींद आ रही है अब जाओ सब अपने अपने रूम में....और सोने दो मुझे....



उसके बाद वहाँ से सभी चले जाते है....सब लोगो के जाने के बाद....कुछ ही देर में नीरा मेरे रूम मे आजाती है और कस कर मुझे अपने गले से लगा लेती है....मेरे पूरे चेहरे पर अपने होंठो की बरसात करते हुए मेरे होंठो को वो अपने होंठो से जकड लेती है....कुछ देर होंठो की लड़ाई चलती रहती है....एक प्यास जो बुझने की बजाए और भड़कने लग जाती है....



नीरा--जान मैं आज रात आपके पास हेए रुक जाउ....



में--नीरा तुझे मैं रोकुंगा नही लेकिन खुद को थोड़ा समय दे....जो कुछ भी हुआ है हम लोगो के दरम्यान वो इतना जल्दी नही होना चाहिए था....



नीरा--आपका इंतजार तो हमेशा रहेगा....क्या करुण...अभी आपकी तरह समझदार नही हुई हुण जो ऐसी बाते समझ सकुण...ठीक है मैं मेरे रूम में जेया रही हूँ....आइ लव यू जान गुड नाइट...


उसके बाद में भी उसे गुड नाइट विश करता हुण और उसके माथे पर एक किस कर देता हुण....

नीरा के चले जाने के बाद मैं उसकी के बारे मे सोचता हुआ ना जाने कब नींद की बाहों में समा जाता हूँ....
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03-04-2020, 10:46 AM,
RE: Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
सवेरे ...सवेरे

हमेश की तरह रूही मुझे नींद से जगा रही थी....मैने जल्दी ही उठ कर रूही को मोर्निंग विश किया और चल पड़ा बाथरूम के अंदर....जब मैं रेडी हो कर बाहर आया तो बाहर सिर्फ़ रूही और मम्मी बैठी थी....नीरा और भाभी किचन में घुसी हुई थी...


मम्मी--क्या बात है....आज सवेरे सवेरे कहाँ जाने की तैयारी है....



में--मैने सोचा आज कॉलेज का चक्कर लगा आउ काफ़ी दिन हो गये कॉलेज गये हुए.....



रूही--लेकिन मुझे तो आपने कॉलेज जाने से मना किया है....और आप वहाँ जाकर क्या करोगे अकेले....



में--तुम लोगो को जाने से मैने इसलिए रोका ताकि तुम सभी आराम से शॉपिंग कर सको....और मैं घर मे पड़ा पड़ा क्या करूँगा इसलिए मैं कॉलेज जा रहा हूँ....


मम्मी--ठीक है चला जा....दिन में क्या खाएगा ये बता दे मुझे....


में--कुछ भी बना लेना सब चलेगा....शमा कहाँ है और दीक्षा और कोमल भी दिखाई नही दे रही....


मम्मी--शमा तो जल्दी ही उठकर मंदिर चली गयी है....और कोमल और दीक्षा अभी सो रही है....



में--अच्छी बात है....मम्मी में चाहता था कि शमा की पढ़ाई पर आप लोग थोड़ा ध्यान दें...में नही चाहता कि बस एक पढ़ाई की कमी से शमा का भविश्य खराब हो....


मम्मी--तू चिंता मत कर....नेहा ने उसे पढ़ाने की ज़िम्मेदारी उठा ली है....और वो जल्दी ही उसे सब कुछ सिखा भी देगी....



में--हाँ ये अच्छा हुआ....भाभी का एक्सपीरियेन्स शमा के काफ़ी काम आएगा....
तो फिर में चलता हूँ कॉलेज के लिए दिन में आकर मिलता हूँ....



उसके बाद में अपनी बाइक उठा कर तेज़ी से कॉलेज की तरफ बढ़ जाता हूँ....कॉलेज में आज ज़्यादा लोग दिखाई नही दे रहे थे......आज तो कोई छुट्टी भी नही है फिर सारे लोग गये कहाँ....

में इन्ही सवालो में उलझा हुआ अपनी बाइक पार्क करके कॉलेज की तरफ बढ़ गया...लेकिन कॉलेज की बिल्डिंग पर भी ताला लटक रहा था..

उसके बाद में कॅंटीन की तरफ जाने लगा वहाँ बाहर ही मुझे जॉनी और अरमान भी मिल गये....



मुझे देखते ही वो मेरे पास पहुँच गये और मेरा हाल चाल पूछने लग गये....

मैने उन से जब मीना के बारे में पूछा तो उन्होने कहा कि वो लोग भी कब से मीना का वेट कर रहे है....लेकिन उसका फोन भी बंद आरहा है....


तभी किसी शीशे के टूटने की आवाज़ से हमारा ध्यान उस तरफ चला गया....वो खिड़की 3र्ड फ्लोर पर थी और जब हम वहाँ पहुँचे तो वहाँ किसी गर्ल का एक सॅंडल पड़ा हुआ दिखाई दे गया....


मुझे तुरंत किसी गड़बड़ की आशंका ने घेर लिया....मैने तुरंत जॉनी और अरमान को गेट का टाला तोड़ने के लिए कहा और में पाइप्लाइन के सहारे उस खिड़की के करीब पहुँचने लगा....


में उस खिड़की के करीब पहुँच चुका था....उस खिड़की मे कोई जाली या रेलिंग नही लगी हुई थी....एक ज़ोर दार किक मारते हुए में उस खिड़की में घुस गया और जब मैने वहाँ का हाल देखा तो कुछ पॅलो के लिए बूत सा बना रह गया.....



मीना बिल्कुल नंगी वहाँ पड़ी थी....उसके चेहरा मार खाने की वजह से बुरी तरह से सूजा हुआ था....उसके बूब्स पर काटने नोचने के निशान सॉफ दिखाई दे रहे थे....उसकी निपल खून से लथपथ हो रखी थी वहाँ वो तीनो लड़के भी नंगे खड़े थे....उनमे से एक मीना की पीठ पर अपनी बेल्ट से मारे जा रहा था...

मुझे स्तिथि समझते ज़्यादा देर नही लगी और लगभग चीखता हुआ उन तीनो की तरफ बढ़ गया....


खिड़की टूटने की आवाज़ के कारण वो भी समझ चुके थे कि कोई अंदर आ गया है....उनमे से एक लड़का मुझे बोला...


लड़का--भाई लड़ाई झगड़े में कुछ नही रखा....चल साथ में इस लड़की की चूत फाड़ते है....उद्घाटन तू ही कर पहले हम बाद में कर लेंगे....



वो बस इतबा ही बोल पाया था तब तक में उसके पास पहुँच चुका था....एक जोरदार किक उसकी गोटियो पर जड़ते ही किसी पर कटे पन्छि की तरह ज़मीन पर तड़पने लगा....


आगे बढ़कर मैने उस बेल्ट वाले लड़के से वो बेल्ट छीन लिया और लगा उन दोनो की सुताई करने.....गुस्सा और उन लोगो के प्रति मेरी बढ़ती हुई नफ़रत ने मेरे हाथो की गति को और तेज़ कर दिया था....उन लोगो ने मुझे भी मारने की कोशिश करी लेकिन मुझे जुनून में किसी दर्द का आभास नही हो रहा था....

आख़िरकार बेल्ट का सबर भी टूट गया....वो मेरे हाथो से टूट कर अलग हो चुका था....जब में अपने होश में आया वो तीनो लड़के ज़मीन पर पड़े पड़े तड़प रहे थे.....


तभी मेरा ध्यान मीना के रोने की आवाज़ सुन कर उस की तरफ हो गया....मैने तुरंत अपनी शर्ट निकाल कर उसे पहना दी और उसे अपनी बाहो में भर कर चुप करने लगा.....



तभी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
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03-04-2020, 10:46 AM,
RE: Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
तभी मेरा ध्यान मीना के रोने की आवाज़ सुन कर उस की तरफ हो गया....मैने तुरंत अपनी शर्ट निकाल कर उसे पहना दी और उसे अपनी बाहो में भर कर चुप करने लगा.....



तभी दरवाजे पर अरमान और जॉनी की आवाज़े भी गूंजने लगी....मैने मीना को वही एक बँच पर बैठा दिया और दरवाजे की तरफ बढ़ गया.....



अरमान--कौन है अंदर दरवाजा खोल....



में--अरमान जल्दी से किसी लड़की के पास से एक जोड़ी कपड़े लेकर आ ....यहाँ मीना की हालत बुरी है....और में नही चाहता तुम लोग इसे इस हालत में देखो.....



अरमान मेरी आवाज़ पहचान गया और लगभग दौड़ते हुए किसी लड़की को ढूँढने लगा....अक्सर कॉलेज जाने वाली लड़किया अपने बेग में एक जोड़ी ड्रेस ज़रूर रखती है....लेकिन मीना के पास बस वही कपड़े थे जो वो पहन कर आई थी और वो फर्श पर फटे पड़े थे....


अरमान को भी कुछ लड़कियो से पूछने के बाद एक लड़की के पास एक्सट्रा ड्रेस मिल हे गयी वो भागते हुए दरवाजे के पास आ गया....इस बीच मैं राजेश को भी फोन लगा कर यहाँ का हाल बता चुका था.... मैने धीरे से दरवाजा खोला जॉनी और अरमान अंदर झाकने लगे लेकिन मैने उन्हे अभी अंदर आने से मना कर दिया....वापस दरवाजा बंद करके मैने वो कपड़े मीना को पहनने के लिए दे दिए और दूसरी तरफ अपना चेहरा घुमा कर खड़ा हो गया....


मीना ने भी सुबक्ते सुबक्ते जल्दी ही वो कपड़े पहन लिए और तभी मेरा फोन घनघना उठा ये कॉल राजेश का था....मैने अरमान को आवाज़ लगाकर नीचे से राजेश को लाने के लिए बोल दिया और दरवाजा खोल दिया....दरवाजा खोलते ही जॉनी रॉकेट की तरह भागता हुआ मीना के पास चला गया और वहाँ का हाल देख कर वो मीना को अपने गले से लगा कर रोने लगा....



दोस्ती नाम ही ऐसा है....एक दोस्त को दर्द हो तो वो दर्द जल्दी ही दूसरा भी महसूस कर लेता है....जॉनी ने खुद को काबू में लाते हुए उन तीनो पर लात घुसो की बारिश कर दी ....तभी राजेश भी 3 लेडी पोलीस के साथ वहाँ पहुँच गया था....वो लेडी पोलीस स्पेशल डिपार्टमेंट की थी....और जब उन तीनो ने वहाँ का हाल देखा तो जॉनी को साइड में हटा कर खुद पिल पड़ी उन तीनो पे....



उन तीनो लड़कियो ने उन लड़को को अपने बूट्स की ठोकरों पर ले लिया था....उनमे से एक लड़की ने अपनी जेब में से एक चाकू निकाला और एक लड़के का लिंग बिना सोचे समझे काट दिया....उस लड़की के ऐसा करते ही बाकी दो ने भी यही किया....


हम उनको ऐसा करते देख लगभग सन्नाटे में आगये....एक दुमाम से ऐसा कुछ हो जाएगा इसकी कल्पना भी नही करी थी किसी ने भी....वो तीनो अपना काम ख़तम करने के बाद पलटी और राजेश से ये कहने लगी....


लड़की--सर अगर हमने कुछ ग़लत किया है तो आप हमारे खिलाफ रेपौर्त दर्ज करवा सकते है.....


राजेश--तुम ने जो कुछ भी किया वो सही किया....वैसे भी ये लोग ज़्यादा दिन जेल में नही रहते....तुम्हारे ऐसे करने से इन्हे उमर भर अपने किए को भुगतना होगा....



में--राजेश भाई मीना को हॉस्पिटल पहुचना होगा जल्दी ही....इन हरामजादो ने बहुत मारा है इस बच्ची को....



राजेश--जय तुम फिकर मत करो....


राजेश उन तीनो लेडी पोलीस को मीना को हॉस्पिटल ले जाने के लिए बोल देता है और हॉस्पिटल मे ही उनसे मिलने का बोलकर उन्हे रवाना कर देता है....


वो तीनो लड़के बेहोश हो गये थे....उनका खून अभी भी बह रहा था....राजेश एक आंब्युलेन्स और मंगवा लेता है और उन तीनो को उसमें पटक कर उसे भी हॉस्पिटल भिजवा देता है....



राजेश--वास्तव में तुम किसी देवता से कम नही हो जय....पहले बनारस में तुमने उन सभी लड़कियो को आज़ाद करवा के ये साबित कर दिया है....और अभी इस लड़की की जान बचा कर.....मन करता है तुम्हारे कदमो में झुक जाउ लेकिन मेरी वर्दी ऐसा करने की इजाज़त नही देती...


में--राजेश भाई इतना बड़ा मुझे मत बनाओ....में एक इंसान ही ठीक हूँ भगवान कह कर मुझे शर्मिंदा मत करो....



राजेश--मुझे माफ़ करना जय लेकिन भगवान तो तुम हो....और ये में नही वो सारी लड़किया भी कहती है जिन्हे वहाँ से छुड़ाया था हमने....



में--क्या अब सारी लड़किया सुरक्षित है....



राजेश--हाँ सब ठीक है...म वहाँ से आने के बाद तुम्हे बताना चाहता था लेकिन शादी के चक्कर में ऐसा उलझा के बता भी ना सका....




में--शादी....? किस से कब....क्या राजेश भाई आपने बुलाया भी नही....



राजेश--नज़्म से शादी कर ली है मैने....उसकी मासूमियत मेरे पत्थर जैसे दिल को भी पिघला गयी....इसीलिए हम दोनो ने यहाँ आते ही शादी के पवित्र बंधन में एक दूसरे को जीवन भर के लिए बाँध लिया....




में--ये आपने बहुत अच्छी खबर सुनाई....




राजेश--चलो जय मैं अब निकलता हूँ....उन हरामजादो की अभी और खातिर करनी है....और मीना का भी बयान लेना है....



में--क्या मेरी भी ज़रूरत पड़ेगी....क्योकि कल हम सब कुछ दिनो के लिए बाहर जा रहे है...


राजेश--तुम आराम से जाकर आओ....में यहाँ सब संभाल लूँगा....


उसके बाद राजेश अपनी जीप में बैठ कर निकल जाता है और में जॉनी और अरमान भी हॉस्पिटल की तरफ बढ़ जाते है मीना के पास....
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Reply
03-04-2020, 10:46 AM,
RE: Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
हम वहाँ से हॉस्पिटल पहुँच गये थे.....राजेश और वो तीनो लेडी पोलीस हमे मीना के रूम के बाहर ही मिल गये थे....



राजेश ने बताया कि मीना ठीक है.....शरीर पर काफ़ी जखम है लेकिन वो सब जल्दी ही ठीक हो जाएँगे....



में राजेश से बाद में मिलने का बोल कर मीना के रूम में जा घुसा....


रूम के अंदर मीना हॉस्पिटल बेड पर लेटी हुई थी हाथ में ग्लूकोस द्रीप और चेहरे पर ऑक्सिजन मास्क चढ़ा हुआ था उसकी एक आँख के चारो तरफ एक काला घेरा बना हुआ था.....होंठो पर चढ़ि सूजन अभी भी उसे मिले दर्द की कहानी बता रही थी....हम सभी उसके पास लगी बँच पर जा बैठे और मैने मीना का हाथ अपने हाथो में ले लिया....


मेरे हाथ का स्पर्श पाते ही उसने अपनी आँखे खोल दी और मेरी तरफ देखने लगी....अचानक उसकी आँख से एक आँसू लुढ़क कर उसके गालो से होता हुआ सीधा पिल्लो पर जा गिरा...


उसे इस हालत में देख कर मैं भी ज़्यादा देर तक अपने आँसू नही रोक पाया....



मीना--मुझे बचाने के लिए शुक्रिया दोस्त....आज अगर तुम वक़्त पर नही पहुँचते तो ना जाने वो मेरा क्या हाल करते....



में--मीना तू आराम कर....और वैसे भी तुझे अब दुखी होने की ज़रूरत नही है उन भेड़ियो को इसका अच्छा सबक मिला है.....अब कोई भी किसी लड़की की तरफ आँख उठाने से पहले 100 बार सोचेगा....


मीना--जॉनी अरमान मेरी मम्मी को कॉल किया क्या तुमने....



अरमान--हाँ मीना वो रास्ते मे ही है थोड़ी देर में पहुँच जाएँगे....जब तक हम है ना तेरी देखभाल के लिए....


में--मीना मुझे एक बात बताओ कॉलेज के मेन गेट पर लॉक लगा हुआ था तो फिर तुम पहुँची कैसे वहाँ तक.....


मीना--मैं जब सुबह कॉलेज आई तो मुझे वहाँ एक सर मिले जो कि बता रहे थे किसी स्टाफ की डॅत हो गयी है तो आज कॉलेज बंद रहेगा.....इसलिए मैं कॅंटीन की तरफ चली गयी लेकिन आज वो भी बंद थी....थोड़ी देर बाद एक लड़की मेरे पास आई और उसने कहा कि अरमान और जॉनी पीछे वाले पोर्षन म है....उसके बाद मैं वहाँ से उठ कर सीधा पीछे पहुँच गयी लेकिन वहाँ किसी को नही देखा मैने....

अचानक मेरा ध्यान उस खुले हुए दरवाजे की तरफ चला गया जो कॉलेज के अंदर जाने का रास्ता था....वहाँ ताला भी टूटा हुआ था.....मुझे लगा अरमान और जॉनी किसी ग़लत इरादे से अंदर घुसे तो मैं जस्ट उन दोनो डाटने के इरादे से जैसे ही अंदर घुसी किसी ने मेरा मुँह दबोच लिया....मैं कुछ समझ पाती उस से पहले ही वो मुझे उठाकर वहाँ लेगये....वो सब मुझे अपने साथ इन्वॉल्व होने को कह रहे थे और धमकी भी दे रहे थे अगर तू नही मानी तो गली का कुत्ता भी तेरे साथ नही सोएगा ऐसी हालत कर देंगे वो मेरी....

लेकिन मैने उन लोगो से हार नही मानी....मैं उन तीनो से लड़ती रही और वो मेरे जिस्म से एक एक कपड़ा नोचते गये....मुझे बहुत मारा उन्होने....मेरे हाथ मे मेरी एक सॅनडेल आ गयी जिसे मैने एक लड़के पर ज़ोर से फेक के मारा था....लेकिन वो सॅनडेल भी जाकर खिड़की पर लगा....



में--तुम्हारा वही सेंडल मुझे तुम्हारे पास ले आया....अब ये सारी बाते भूल जाओ....राजेश ने तुम्हारा बयान ले ही लिया होगा मैं उसे बोल दूँगा वो तुम्हे ज़्यादा परेशान नही करेगा....


जॉनी--मीना जल्दी से ठीक हो जा.....उसके बाद तू जहाँ बोलेगी वहाँ पार्टी दे दूँगा तुझे....बस जल्दी से ठीक हो जा....



मीना--अपने चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट लाते हुए......जॉनी पार्टी तो ज़रूर लूँगी.....लेकिन थोड़े और पैसे जोड़ ले वरना ख़तम होने पर मुझ से फिर से माँगेगा....



इस बात पर मीना के साथ साथ हम भी हँसने लग गये.....

तभी .................
Reply
03-04-2020, 10:47 AM,
RE: Incest Sex Kahani रिश्तो पर कालिख
मीना--अपने चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट लाते हुए......जॉनी पार्टी तो ज़रूर लूँगी.....लेकिन थोड़े और पैसे जोड़ ले वरना ख़तम होने पर मुझ से फिर से माँगेगा....



इस बात पर मीना के साथ साथ हम भी हँसने लग गये.....

तभी रूम का दरवाजा खुला और मीना के मम्मी पापा अंदर आगये....उनके अंदर आते ही हम लोग बँच पर से उठे और मैं जैसे ही बाहर जाने के लिया मुड़ा मीना ने मेरा हाथ पकड़ लिया....



मीना--पापा ये है जय....आज इसी की वजह से आपके सामने ज़िंदा पड़ी हूँ मैं...


उसके पापा मेरी तरफ हाथ जोड़ कर खड़े होगये उनकी आँखो मे आँसू थे ज़ुबान से शब्द नही निकल रहे थे....और एक बाप की ये हालत एक बाप ना होते हुए भी मैं समझ पा रहा था.....


मैने उन्हे अपने गले से लगाया और कहा चिंता की कोई बात नही है मीना अब ठीक है....मीना की मम्मी भी प्यार से मेरे सिर पर हाथ फेरने लगी....


जॉनी--मीना अब हम लोग चलते है कोई भी ज़रूरत हो हम यहाँ बाहर ही है....


में--मीना मैं रुक तो नही पाउन्गा क्योकि आज रात को मुझे परिवार के साथ कहीं जाना है 4-5 दीनो के लिए....इसलिए मैं अब कुछ दिनो बाद ही मिल पाउन्गा....



मीना--आराम से जाओ जय अब तो मम्मी पापा भी आ गये है....और जल्दी ही मैं भी ठीक हो जाउन्गि....


मीना से विदा लेने के बाद हम तीनो हॉस्पिटल से बाहर आ गये और अरमान और जॉनी को मैने हिदायत दे दी कि वो मीना का अच्छे से ध्यान रखे....पोलीस प्रोटेक्षन मीना को मिल ही चुका था....


अब मैं वहाँ से सीधा अपनी बाइक उठा कर अपने घर की तरफ बढ़ गया.....
घर पहुँचने के बाद में सीधा अपने रूम मे चला गया था....घर पर इस वक़्त सिर्फ़ मम्मी थी जो अभी अपने रूम मे ही थी....मुझे आया देख वो भी मेरे पास आ गयी...



मम्मी--क्या बात है जय आज इतनी देर कैसे हो गयी....



मम्मी के इस सवाल ने मुझे फिर से पूरे दिन की घटना याद दिला दी....में उन्हे सब कुछ बताता चला गया....


मम्मी--ये तो बुरा हुआ जय....लेकिन उस बच्ची की खुश किस्मती से वो बच गयी वरना जाने क्या होता उसके साथ...


में--वो अब ठीक है मम्मी....क्या मुझे एक कॉफी मिल सकती है....


मम्मी--तू चेंज कर ले तब तक में तेरे लिए बढ़िया कॉफी बना कर लाती हूँ..


उसके बाद मम्मी बाहर चली गयी और में चेंज करने लगा....थोड़ी देर बाद मम्मी अपने हाथो में दो मग कॉफी के ले आई और मेरे पास ही बैठ कर पीने लगी....


मम्मी--जय वहाँ रिजोर्ट में बुकिंग करवा ली क्या तूने....



में--नही अभी करवाता हूँ....मैने सोचा सब आजाए तो उनके सामने ही बुकिंग करवा दूं....



मम्मी--चल ठीक है....मुझे तुझ से एक बात करनी है....,


में--बोलो क्या बात है....ऐसी कौनसी बात है जो आपको इतना परेशान कर रही है....



मम्मी--में नेहा के बारे में तुझ से बात करना चाहती थी....



में--भाभी के बारे में....??क्या हुआ बोलो..



मम्मी--तूने नीरा से शादी कर ली....लेकिन मैं सोच रही हूँ नेहा को भी कोई साथी मिलना ही चाहिए....



में--मम्मी ये बात वक़्त के हाथो में ही छोड़ दो....जब वक़्त आएगा भाभी को भी किसी का साथ मिल ही जाएगा....

हम लोग उसके बाद काफ़ी देर तक इधर उधर की बाते करते रहे....और थोड़ी देर बाद ही वो सभी लोग बाज़ार से शॉपिंग करके पहुँच गये थे.....


में--हो गयी तुम लोगो की शॉपिंग....लगता है आज पूरा बाज़ार ही खरीद लाए....



कोमल--जिसका भाई आपके जैसा हो....उसकी बहने बाज़ार भी खरीद सकती है....


रूही--आज क्या कांड हो गया कॉलेज में....मेरी सहेली बता रही थी कि मीना के साथ कुछ हुआ था....


में--कुछ नही हुआ सब ठीक है....तुम बताओ कैसा रहा सब कुछ...


नीरा--सब क्या ठीक है....क्या हुआ ये बताओ....हम लोग इसी वजह से घर जल्दी आ गये क्योकि दीदी की सहेली ने आपका नाम भी लिया था....
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