Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
08-12-2019, 12:55 PM,
#51
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
शाज़िया उस वक्त अपने कमरे में माजूद अपनी किसी सहेली से फोन पर बात चीत में मसरूफ़ थी. इसीलिए उसे पता नही चला कि इस वक्त उस का भाई अम्मी के पास बैठ कर उन से क्या बात कर रहा है.

“अम्मी ये खाला गुलशन किधर आई थी आज” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के पास सोफे पर बैठते हुए पूछा.

“बेटा वो तुम्हारी बहन शाज़िया के लिए एक रिश्ता ले कर आई है” रज़िया बीबी ने अपने बेटे ज़ाहिद को एक फोटो पकड़ाते हुए बताया.

“खाला गुलशन का दिमाग़ तो नही खराब हो गया,ये रिश्ता लाई है वो शाज़िया के लिए” ज़ाहिद ने अम्मी की दी हुई फोटो को देख कर गुस्से में कहा.

“हां बेटा ये ही रिश्ता लाई है गुलशन और तुम्हारी बहन ने फोटो देखे बिना ही शादी की रज़ा मंदी भी दे दी है” रज़िया बीबी ने अपने बेटे को जवाब दिया.

अम्मी की बात सुन कर ज़ाहिद के जज़्बात पर तो जैसे बिजली सी टूट पड़ी.

“क्याआआआ, इस आदमी को इस उम्र में रिश्ते की नही,बल्कि मौत के फरिश्ते की ज़रूरत है अम्मी” ज़ाहिद ने अम्मी की दिखाई हुई फोटो को गुस्से में आ कर फाड़ते हुए कहा.

जिस आदमी का रिश्ता गुलशन खाला शाज़िया के लिए लाई थी. वो आदमी असल में शाज़िया के मरहूम अब्बू की उम्र का था.

“अम्मी ये शाज़िया के साथ ज़ुल्म है,आप उस को समझाएँ प्लीज़” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी से कहा.

“बेटा मुझे तो खुद समझ नही आ रही,इस से पहले तो शाज़िया हर आने वाले रिश्ते में कोई ना कोई नुक्स निकाल रही थी. और आज इस आदमी की तस्वीर को देखे बिना ही शादी की हामी भी भर चुकी है,मेरी तो ये लड़की सुनती नही तुम ही इस को समझाओ ज़ाहिद” रज़िया बीबी ने अपने बेटे से कहा.

अम्मी की बात सुन कर ज़ाहिद फॉरन समझ गया. कि उस की कल वाली हरकत की वजह से ही शाज़िया अब शादी कर के जल्द अज जल्द इस घर और उस से दूर हो जाना चाहती है.

“अच्छा अम्मी में खुद बात करूँगा शाज़िया से” ज़ाहिद ने अम्मी को जवाब दिया.

“लो तुम बैठो में ज़रा नहा लूँ” रज़िया बीबी अपने बेटे को सोफे पर ही बैठा छोड़ कर अपने कमरे में चली गई.

ज़ाहिद अम्मी के जाने के बाद बैठा कुछ देर टीवी देखता रहा. थोड़ी देर बाद उसे प्यास महसूस हुई तो वो उठ कर किचन की तरफ चला आया.

ज़ाहिद ज्यों ही किचन में दाखिल हुआ उसे सामने अपनी बहन शाज़िया किचन में काम करती नज़र आई.

अपनी बहन को किचन में अकेला देख कर ज़ाहिद की बाछे ही खिल गईं. उस ने फॉरन मूड कर अपनी अम्मी के कमरे के दरवाज़े का जायज़ा लिया. तो उस को अम्मी के कमरे का दरवाज़ा बंद नज़र आया.

ज़ाहिद समझ गया कि उस की अम्मी अपने कमरे के अटेच बाथरूम में नहाने के लिए जा चुकी हैं.

इसीलिए हस्बे आदत उन्होने अपने कमरे के बाहर वाला दरवाज़ा भी बंद कर दिया है.

ज़ाहिद अब निश्चित हो गया. कि कल की तरह आज भी अब उस के पास अपनी बहन से मस्ती करने का कुछ टाइम है.

ज़ाहिद का लंड अपनी बहन को किचन में अकेले देख कर फुल अपने जोबन पर आ गया.

ज़ाहिद ने आज भी शलवार कमीज़ पहनी हुई थी.मगर आज अपनी शलवार के नीचे उस ने अंडरवेार भी पहना हुआ था.

इस की वजह ये थी कि कल के वाकये के बाद ज़ाहिद को पता था .कि अब मोका मिलते ही उस के हाथ उस की बहन के जिस्म से दुबारा ज़रूर छेड़ छाड़ करेगा.और इस सुरते हाल में उस का लंड खड़ा होना एक क़ुदरती अमल होता.

जिस बिना पर ज़ाहिद को डर था. कि कहीं आते जाते हुए उस की अम्मी की निगाह उस की शलवार में खड़े हुए लंड पर पड़ गई तो क़यामत हो जाए गी.

किचन में दाखिल होने से पहले ज़ाहिद ने अपने अंडरवेार में हाथ डाला और अंडरवेार में से अपने लंड को निकाल कर उसे अपनी शलवार में ही आज़ाद कर दिया. ता कि वो जी भर कर अपनी बहन के बदन से खेल कर उसे अपनी मौजूदगी और प्यास का अहसास दिला सके.

फिर वो आहिस्ता आहिस्ता दबे पाँव चलता हुआ किचन में दाखिल हो गया.
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08-12-2019, 12:56 PM,
#52
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
शाज़िया अपने हाथ में छुरी पकड़े सब्ज़ी काटने में इतनी मसरूफ़ थी.कि उसे अपने भाई ज़ाहिद के किचन में आ कर अपने पीछे खड़े होने का पता ही ना चला.

ज़ाहिद शाज़िया के बिल्कुल पीछे खड़ा हो कर कमीज़ शलवार में मलबूस अपनी बहन के बहुत ही मोटे मोटे भारी चुतड़ों को आँखे फाड़ फाड़ कर देखने लगा.

अपने भाई की मौजूदगी से बे खबर शाज़िया जब किचन में अपने काम में मसरूफ़ थी.तो उस के हिलने से पीछे उस की भारी गान्ड की मोटी गुदाज पहाड़ियाँ भी हल्के हल्के हिल कर ज़ाहिद के लंड की गर्मी में और इज़ाफ़ा कर रही थी.

अपनी बहन की चौड़ी और उभरी हुई गान्ड के इतने करीब हो कर अब ज़ाहिद के लिए अपने आप को कंट्रोल करना मुस्किल हो रहा था.

उस की शलवार में से उस का लंड उठ उठ कर झटके मारता हुआ ज़ाहिद को आगे बढ़ कर अपनी बहन की गान्ड में घुस्स जाने पर उकसा रहा था.

अपनी बहन के जिस्म की उँचाईयो और गहराइयों नापते नापते हुए आख़िर ज़ाहिद के सबर का पैमाना लबरेज हो गया.



और उस ने आहिस्ता से एक कदम बढ़ाते हुए अपना एक हाथ अपनी बहन शाज़िया की मोटी गान्ड पर रखा और दूसरे हाथ को उस ने आगे बढ़ा कर अपनी बहन की भारी तनी हुई छाती को अपने हाथ में काबू कर के मसलना शुरू कर दिया.

“हाईईईई में मर गई” ज्यों ही ज़ाहिद के हाथ शाज़िया की गान्ड और मम्मो से टकराए तो शाज़िया की डर के मारे चीख निकल गई. और उस के हाथ में पकड़ी हुई छुरी,उस के हाथ से छूट कर किचन के फर्श पर जा गिरी.

ज़ाहिद जानता था कि बाथरूम में शवर लेती हुई उस की अम्मी को बाथरूम और कमरे का दरवाज़ा बंद होने की वजह से शाज़िया की चीख नही सुनाई देगी .

इसीलिए ज़ाहिद ने शाज़िया की चीख की परवाह ना करते हुए उस के जिस्म के गिर्द अपने बाजुओं का घेरा मज़ीद तंग किया. जिस से ज़ाहिद पीछे से अपनी बहन के बदन से चिपकता चला गया.

ज़ाहिद के इस तरह चिपकने से ज़ाहिद का मोटा सख़्त लंड शाज़िया की गुदाज गान्ड की मोटी पहाड़ियों में से होता हुए उस की चूत से टच करने लगा.

आज भाई के लंड ने उस की शलवार में से दुबारा अपनी बहन की चूत को अपनी सलामी दी थी.

इंडियन मूवी वीर के गाने के असल बोल तो कुछ यूँ हैं,

दबी दबी साँसों में सुना था मेने, बोले बिना मेरा नाम आया.
पलकें झुकी और उठने लगी तो, हौले से उसका सलाम आया.

मगर ज़ाहिद के लंड ने जब अपनी बहन की मोटी गान्ड को छूते हुए उस की फूली हुई चूत को एक बार फिर से छुआ.तो ज़ाहिद के दिमाग़ में ये गाना कुछ इस तरह गूंजने लगा कि,

उठी उठी गान्ड में, से फिसलते हुए,

भाई के लंड का, बहन की चूत को सलाम आया.

ज्यों ही ज़ाहिद का लंड शाज़िया की मोटी रानों में से होता हुआ उस की फूली हुई चूत के होंठो से रगड़ा,शाज़िया के मुँह से एक “अहह” निकली और उस ने अपने आप को अपने भाई की क़ैद से छुड़ाने की कोशिस करते हुए कहा “ क्या मुसीबत है भाई,आप क्यों मेरे पीछे पड़े हुए हैं”.

“मेरी जान तुम्हारा जिस्म मुझे एक पल चैन नही लेना दे रहा,तुम ही बताओ में क्या करूँ” ज़ाहिद ने अपने आप को हलके से शाज़िया के जिस्म से हटाया और फिर दुबारा तेज़ी के साथ आगे बढ़ा.

ज़ाहिद के इस तरह करने से उस का लंड शाज़िया की टाँगों के साथ रगड़ ख़ाता हुआ शाज़िया की गान्ड और फुद्दि दोनो से टच हुआ.

साथ ही साथ ज़ाहिद ने अपनी बहन की जवान,गुदाज और भारी छाती पर अपना हाथ दुबारा बढ़ा कर उसे एक बार फिर ज़ोर से मसला.

अपने भाई की इस हरकत से शाज़िया के बदन में एक सनसनी सी दौड़ गई.



शाज़िया ने मज़े से बे हाल होते हुए अपने होंठो को सख्ती से एक दूसरे के साथ भींचा ता कि कहीं उस के मुँह से उस की सिसकारी ना फूट पड़े.

“आप अम्मी से कह कर अपने लिए एक बीवी का बन्दो बस्त करो, मुझे क्यों सता रहे हैं आप भाई” शाज़िया ने अपने भाई की बात का जवाब देते हुए कहा.

“हां में तो बात करूँ गा अम्मी से,मगर तुम ये बात याद रखो कि में तुम को एक बूढ़े आदमी से शादी की हरगिज़ इजाज़त नही दे सकता” ज़ाहिद ने अपनी बहन की गर्दन के पिछले हिस्से और उस के कान पर चुम्मियाँ देते हुए कहा.

“मुझे शादी के लिए आप की इजाज़त की ज़रूरत नही” शाज़िया ने अपनी गर्दन को अपने भाई के सामने से हटाने की कोशिस करते हुए भाई को जवाब दिया.

अपने भाई की बात सुन कर शाज़िया समझ गई. कि ज़ाहिद को अम्मी ने उस की दुबारा शादी वाली बात बता दी है.

“मुझे अपने नंगे जिस्म का दीदार करवा कर अपना आशिक़ बनाने के बाद,अब दूसरी शादी के लिए तुम को ना सिर्फ़ मेरी बल्कि मेरे लंड की भी इजाज़त चाहिए मेरी जान” ज़ाहिद ने अपनी बहन को एक सख़्त लहजे में अपना फ़ैसला सुनाते हुआ कहा.

भाई के लहजे में सख्ती को महसूस कर के शाज़िया ने भाई की बात का जवाब देना मुनासिब ना समझा और खामोश हो गई.
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08-12-2019, 12:56 PM,
#53
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
उधर ज़ाहिद को अपनी बहन की गान्ड की गर्मी उस की शलवार के अंदर से अपने लंड पर महसूस हो रही थी.

वो अपनी बहन के बदन की गर्मी को महसूस करता हुआ मज़ीद जोश में आया और पीछे से अपनी बहन शाज़िया की कमर से लिपटता ही चला गया.

ज़ाहिद का बस चलता तो वो उस वक्त पीछे से अपनी बहन की गान्ड में घुस कर उस की मोटी फूली हुई चूत के ज़रिए सामने से बाहर निकल जाता.

अपने भाई को यूँ पीछे से अपने बदन से चिपकते हुए पा कर शाज़िया को बहुत ज़्यादा शरम महसूस हो रही थी.इसीलिए वो अपने आप को भाई से परे कार्नर के लिए आगे की तरफ खिसक रही थी.

शाज़िया खुद को अपने भाई से अलग रखना चाह रही थी. लेकिन चाहने के बावजूद वो अपने इस मकसद में कामयाब नही हो पा रही थी.

शाज़िया को जिस बात कर डर था.अज्ज उस के साथ वो ही बात दुबारा हो रही थी.कि उस का भाई मोका पा कर उस के जिस्म के साथ खिलवाड़ कर रहा था. और शाज़िया ना चाहते हुए भी अपने सगे भाई के हाथों और ज़ुबान को उस के साथ ये सलूक करने से नही रोक पा रही थी.

अभी शाज़िया अपने दिल ही दिल में ये दुआ माँग रही थी. कि कब उस की अम्मी नहा कर बाथरूम से निकले तो उस का भाई उस की जान बक्शी करे.

कि इतने में ज़ाहिद अपनी बहन की गुदाज गान्ड को अपने हाथो में थाम हुए अपने घुटनो के बल फर्श पर बैठा. और इस से पहले शाज़िया कुछ समझ पाती. ज़ाहिद ने अपनी बहन की मोटी गान्ड की एक पहाड़ी के ऊपर अपना मुँह रखा.



फिर शाज़िया की भारी और थिरकती हुई गान्ड के मोटे गोश्त को उस की शलवार में ही से अपने मुँह में भर कर एक ज़ोरदार किस्म का बॅट्का भरा.तो मारे दर्द और लज़्ज़त के शाज़िया चिल्ला उठी.

ज़ाहिद को अपनी बहन की मोटी गान्ड के गोश्त पर इस तरह अपने दाँत गढ़ाने से बहुत ही ज़्यादा मज़ा आया. और उस ने जोश में आते हुए अपनी बहन की गान्ड की दोनो पहाड़ियों पर अपने बोसो (किस्सस) की बरसात कर दी.

शाज़िया के लिए ये सब कुछ एक नई बात थी. उस की शादी के बाद उस के शोहर ने कभी उस की गान्ड पर इस तरह प्यार नही किया था.

मगर मज़े के साथ साथ शाज़िया की शरम भी उस का साथ छोड़ने पर तैयार नही थी. इसीलिए उसे समझ नही आ रही थी कि वो अपने भाई की इस हरकत पर किस तरह का रिएक्ट करे.

फिर अचानक अपने जज़्बात को संबालते हुए शाज़िया एक दम अपने भाई की क़ैद से निकल कर बाहर की तरफ भागी.

ज़ाहिद ने ज्यों ही शाज़िया को उस के हाथों से निकल कर बाहर की तरफ भागते देखा .तो वो भी उठ कर अपनी बहन के पीछे लपका.

इस से पहले कि शाज़िया किचन से बाहर निकल पाती. ज़ाहिद ने उस को पकड़ कर किचन की दीवार के साथ लगा दिया.



और अपने होंठो को अपनी बहन के नरम,गुदाज और फूले हुए होंठो पर चिस्पान कर दिया.

“उफफफफफफफ्फ़ क्या मज़ेदार होन्ट हैं तुम्हारे मेरी बहन” ज़ाहिद ने अपनी बहन के लज़ीज़ होंठो का मज़े दार ज़ायक़ा पहली बार चखा. तो उसे स्वाद आ गया और वो जोश में आते हुए अपनी बहन से बोला.

आज वाकई ही अपनी बहन के जवान प्यासे होंठो का रस पहली बार चख कर ज़ाहिद पूरी मस्ती और जोश में आ चुका था.

मगर दूसरी तरफ शाज़िया को अपने होंठो पर चिपके अपने भाई के होंठ ऐसे लग रहे थे. जैसे किसी ने गरम अँगारे उस के होंठो पर रख दिए हों.

उस ने तो कभी ख्वाब में भी नही सोचा था कि उस का अपना भाई उस के होंठो को कभी इस तरह चूमे गा.

शाज़िया ने गुस्से में आ कर अपने भाई को एक ज़ोर का धक्का दिया.
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08-12-2019, 12:57 PM,
#54
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
ज़ाहिद अपनी बहन के इस ज़ोरदार धक्के के लिए तैयार नही था. इसीलिए वो अपना बेलेन्स खो बैठा और ज़मीन पर जा गिरा.

ज़ाहिद के ज़मान पर गिरने की देर थी. कि शाज़िया जल्दी से किचन से निकली और उस ने अपने कमरे में जा कर अपने आप को अंदर लॉक कर लिया.

पहली दो दफ़ा की तरह आज शाज़िया अपने कमरे में आ कर रोई तो नही. मगर पहले की तरह उस का दिल आज भी परेशान हुआ कि वो अंजाने में किस मुसीबत में पड़ चुकी है. कि उस का अपना भाई ही उस का आशिक़ बन कर उस के सामने आन खड़ा हुआ है.

वो छाते हुए भी अपनी अम्मी से अपने भाई की हरकतो की शिकायत नही लगा सकती थी. इस की पहली वजह तो ये थी. कि उस की अम्मी ने कभी भी शाज़िया की इस बात का ऐतबार नही करना था. कि उन का अपना सघा बेटा ही उन की बेटी की इज़्ज़त लूटने पर तुला हुआ है.

दूसरा वो अम्मी को अपने भाई की शिकायत लगाती. तो शाज़िया की अपनी ये बात भी उस की अम्मी के सामने ज़ाहिर हो जानी थी.कि कैसे उन की परदा दार और शरीफ बच्ची रात की तन्हाई में एक गैर मर्द से छुप छुप कर ना सिर्फ़ गंदी बातें करती रही है. बल्कि वो अपनी प्यासी चूत की प्यास बुझाने के लिए उस के पास भी जा पहुँची थी.

इन सारी बातों को सोच सोच कर शाज़िया के पास सबर के अलावा अभी को चढ़ा नही था.

मगर वो अपने इस इरादे पर अभी तक कायम थी. कि वो जल्द ही शादी कर के इस घर से चली जाएगी. क्यों कि अब उस के पास इस के सिवा कोई दूसरा हल नही था.

उधर दूसरी तरफ शाज़िया के जाने के बाद ज़ाहिद अपने कपड़े झाड़ता फर्श से उठा और मुस्कुराता हुआ घर से बाहर की तरफ चला गया.

उस का दिल और लंड इस बात की तसल्ली मे थे. कि आज उस ने फिर अपनी बहन के जवान प्यासे जिस्म को अपनी ज़ुबान,हाथों और लंड से रगड़ रगड़ कर उस को ये बता दिया है. कि चाहे कुछ भी हो जाए ज़ाहिद अपनी बहन की प्यासी फुद्दि को अपने लंड से भर कर के ही रहे गा.


शाज़िया उस वक्त तक अपने कमरे से बाहर नही निकली.जब तक उसे ये यकीन नही हो गया कि उस की अम्मी बाथरूम से बाहर आ चुकी हैं.

अपने कमरे से बाहर आ कर शाज़िया ने सब से पहले ये देखा कि कहीं उस का भाई घर में तो माजूद नही.

जब उस को इतमीनान हो गया के ज़ाहिद घर से बाहर जा चुका है. तो शाज़िया ने सुख का साँस लिया और अपने घर के काम काज में दुबारा मसरूफ़ हो गई.

उधर दूसरी तरफ ज़ाहिद ने घर से निकल कर खाला गुलशन का फोन नंबर मिलाया. जब गुलशन ने अपने फोन को उठा कर “हेलो” कहा. तो ज़ाहिद ने खाला को अपना तारूफ़ करवा कर उसे सख्ती से मना कर दिया. “कि खबर दार आइन्दा वो उस की बहन के लिए इस किसम का रिश्ता ले कर आई तो ज़ाहिद उस की टाँगे तोड़ देगा ”.

खाला गुलशन जानती थी.कि ज़ाहिद पोलीस में थाने दार है. और वो जो बात कह रहा है,वक्त आने पर उस पर अमल भी कर सकता है.

इसीलिए खाला गुलशन ने ज़ाहिद से वादा कर लिया कि वो दुबारा कभी उस के घर की तरफ रुख़ भी नही करे गी.

कुछ देर बाहर अपने दोस्तों के साथ वक्त गुज़ार कर ज़ाहिद देर गये अपने घर लौटा. उस वक्त तक हस्बे मामूल उस की अम्मी और बहन अपने अपने कमरों में जा चुकी थी.

ज़ाहिद को दूसरे दिन अपनी ड्यूटी पर वापिस जाने से पहले एसपी ऑफीस में रिपोर्ट करना था. इसीलिए वो भी जा कर अपने कमरे में सो गया.

इस के बाद कुछ दिन तक ज़िंदगी अपनी रुटीन पर ही चलती रही.
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08-12-2019, 12:57 PM,
#55
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
इस दौरान शाज़िया ने भी अपना स्कूल जाना दुबारा से शुरू कर दिया.

शाज़िया के स्कूल आने के बाद नीलोफर ने उस से बात करने की कोशिश की. मगर शाज़िया के दिल में नीलोफर के लिए गुस्सा अभी तक भरा हुआ था. इसीलिए शाज़िया ने नीलोफर को ज़रा भी घास ना डाली और उसे मुकम्मल नज़र अंदाज़ कर दिया.

शाज़िया का ये रवईया देख कर नीलोफर ने भी उस को तंग करना मुनासिब ना समझा.और शाज़िया से वक्ति तौर पर “कटाए तालूक” कर लिया.

स्कूल में नीलोफर को नज़र अंदाज़ करने के साथ साथ शाज़िया ने अपने घर में रहते हुए अब अपने भाई के सामने आना पहले से भी बहुत कम कर दिया.

जब कि ज़ाहिद भी अपनी नोकरी की मसरूफ़ियत में मगन होने की वजह से अपनी बहन पर ज़्यादा ध्यान नही दे पाया.

ज़ाहिद के अपनी नोकरी के वापिस जाने के दो दिन बाद ही उस को अपनी जॉब प्रमोशन का लेटर मिला.

ज़ाहिद अब एएसआइ से एसआइ (सब इनस्पेक्टर) बन गया. और उस के साथ ही उस को झेलम रिवर के किनारे पर कायम सीआइए स्टाफ (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन अथॉरिटी) का इंचार्ज पोस्ट कर दिया गया.

ज़ाहिद के लिए ये बहुत की खुशी की खबर थी. क्यों कि एक तो ओहदा (पोस्ट) बढ़ा. ऊपर से सीआइए स्टाफ का इंचार्ज के तौर पर ज़ाहिद जैसे राशि पोलीस ऑफीसर के लिए अब माल कमाने के ज़्यादा मौके मॉयसर हो गये थे.

ज़ाहिद की अम्मी भी अपने बेटे की इस तरहकी पर बहुत खुश हुईं. ज़ाहिरी बात है कि जिस बेटे ने एएसआइ होते हुए उन की मौज करवा दीं थी. अब वो पहले से बड़ा ऑफीसर बन कर और ज़्यादा कमाऊ पुत्तर बन गया था.

किचन वाले वॉकये के ठीक एक हफ्ते बाद ज़ाहिद एक दिन रात गये जब अपनी ड्यूटी से वापिस घर लौटा. तो उस वक्त घर में मुकम्मल खामोशी छाई हुई थी.

ज़ाहिद अपनी अम्मी के कमरे के पास से गुज़रते हुए उन के कमरे की बंद लाइट देख कर समझ गया.कि उस की अम्मी अब अपनी मस्त नींद के मज़े ले रहीं हैं.

अपने कमरे में जाते हुए जब वो अपनी बहन शाज़िया के क्मारे के पास से गुजरा तो उस को कमरे में रोशनी नज़र आई.

कमरे में से आती हुई रोशनी को देख कर ज़ाहिद की नज़र अपनी बहन के कमरे की खिड़की पर पड़ी.

कमरे की खिड़की पर एक हल्का सा परदा पड़ा था. और कमरे में लाइट ऑन होने की वजह से बाहर खड़े हुए इंसान हो कमरे का नज़ारा काफ़ी हद तक नज़र आता था.

ज़ाहिद ने देखा कि उस की बहन शाज़िया ना सिर्फ़ अभी तक जाग रही है. बल्कि वो अभी अभी अपने बाथ रूम से निकल कर बेड रूम में दाखिल हो रही थी.

ज़ाहिद के देखते ही देखते शाज़िया अपने कमरे में पड़े हुए बड़े से ड्रेसिंग टेबल के सामने आन खड़ी हुई.

ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़े हो कर शाज़िया ने अपनी दाई (राइट) टाँग को टेबल के सामने पड़े स्टूल पर रखा.तो ज़ाहिद को अंदाज़ा हुआ कि उस की बहन तो उस वक्त सिर्फ़ अपनी कमीज़ में ही मलबूस है.



जब कि नीचे शलवार ना पहने होने की वजह से शाज़िया की मोटी मुलायम और गुदाज रान अपनी पूरी आबो ताब के साथ ज़ाहिद की भूकि और प्यासी आँखों के सामने नीम नंगी हो रही थी.

“हाईईईईईईईईईईई” अपनी बहन की ये “सॉफ छुपाते भी नही,सामने आते भी नही” वाली अदा ज़ाहिद के दिल और लंड को घायल कर गई.
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08-12-2019, 12:57 PM,
#56
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
उधर कमरे में शीशे के सामने खड़े हो कर शाज़िया ने अपनी मुलायम रानों पर एक नज़र दौड़ाई. तो उसे कुछ दिन पहले वाला वाकीया याद आ गया.जब उस के भाई ने पहली बार उस की गान्ड की पहाड़ी पर बड़े ज़ोर और जोश से काटा था.

एक हफ़्ता गुज़र जाने के बावजूद शाज़िया को अपने भाई के दाँतों की चुभन अपनी गान्ड की पहाड़ी पर महसूस हो रही थी.

शाज़िया ने अपना एक हाथ पीछे लेजा कर गैर इरादी तौर पर अपनी गान्ड के उपेर से अपनी कमीज़ का कोना उठाया. और थोड़ी तिरछही हो कर शीशे में अपनी गान्ड को देखने लगी. कि कहीं उस के भाई के “काटने” (बाइट) का निशान अब भी उस की गान्ड की पहाड़ी पर बाकी तो नही.

अपनी बहन को यूँ अपनी गान्ड का जायज़ा लेता देख कर कमरे से बाहर खड़े ज़ाहिद के तो होश की उड़ गये. और उस का लंड पहले से ज़्यादा रफ़्तार से उस की पॅंट में फन फनाने लगा.

फिर स्टूल पर अपनी टाँग को इसी स्टाइल में रख कर शाज़िया ने ड्रेसिंग टेबल से स्किन माय्स्चर क्रीम उठाई.और एक एक कर के अपनी दोनो गुदाज रानों और लंबी लंबी टाँगों पर क्रीम लगाने लगी.

“हाईईईईईई शाज़िया मेरी जान अगर तुम मुझे इजाज़त दो, तो में अपने लंड की टोपी पर क्रीम लगा कर तुम्हारी मोटी राणू पर अपने लंड से मालिश कारों मेरी बहन”कमरे से बाहर खड़े ज़ाहिद ने अपनी बहन को अपनी गरम और मोटी रानों पर क्रीम से भरे हाथ फेरते देख कर गरम होते हुए कहा.

जब शाज़िया अपने काम से फारिग हुई तो उस ने बेड के ऊपर पड़ी अपनी शलवार को उठा कर पहन लिया.



और फिर से शीशे के सामने खड़ी हो कर अपने जवान बदन का जायज़ा लेने में मसरूफ़ हो गई.

शाज़िया ये बात तो जानती थी कि उस का जिस्म मर्दो को अपनी तरफ खैंचता है.

मगर आज वो शीशे के सामने खड़े हो अपना बदन को देख कर ये सोचने लगी. कि देखूं तो सही कि उस के जिस्म में ऐसी क्या खास बात है.कि और तो और उस का अपना सगा बड़ा भाई भी उस के जिस्म का आशिक़ हो गया है.

ज़ाहिद ने तलाक़ के बाद कभी अपनी बहन शाज़िया को इस तरह शीशे के सामने खड़ा होते नही देखा था.

इसीलिए आज अपनी बहन का इस तरह शीशे के सामने खड़े हो कर अपने जिस्म का जायज़ा लेने का मंज़र ज़ाहिद के लिए एक अनोखी बात थी.

इसीलिए वो अपने कमरे में जाने की बजाय शाज़िया के बेड रूम के बाहर ही रुक कर कमरे में खड़ी अपनी बहन को इश्तियाक से देखने लगा.

ज़ाहिद अपनी बहन की मचलती जवानी को देख कर मस्ती से बे करार हो रहा था.

आज ज़ाहिद को उस की बहन की जवानी एक अनोखा ही रस दे रही थी.

फिर ज़ाहिद के देखते ही देखते शाज़िया ने एक बहुत ही मदहोश अंगड़ाई ली.



शाज़िया की इस अंगड़ाई से उस के ब्रेज़ियर में क़ैद मोटे और बड़े मम्मे ऊपर की तरफ छलक उठे. तो ज़ाहिद अपनी बहन की इस मदहोश अदा से मज़ीद गरम और बे चैन हो गया.

रात की तरीकी में तंग शलवार कमीज़ में मलबूस शाज़िया की मदहोश करने वाली अंगड़ाई को देख कर किसी भी मर्द के लिए खुद पर काबू रखना एक ना मुमकिन बात होती.

बिल्कुल ये ही हॉल ज़ाहिद का भी अपनी बहन के जवान बदन को देख कर उस वक्त हो रहा था.

उस पर अपने ही घर के माल पर हाथ मारने की धुन तो नीलोफर पहले ही सवार करवा चुकी थी.

इसीलिए उसे रात के अंधेरे में अपनी बहन के बेड रूम के बाहर खड़े हो कर उस के जवान,प्यासे बदन को देख देख कर अपनी आँखे सेकने में मज़ा आ रहा था.
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08-12-2019, 12:57 PM,
#57
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
अपनी बहन की ये भरपूर अंगड़ाई देख कर ज़ाहिद भी मदहोशी में अपने लंड को पकड़ कर मचल उठा. और वो अपनी पॅंट की पॉकेट में हाथ डाल कर पॅंट में खड़े अपने मोटे लंड से खेलने लगा.

कुछ देर शेषे के सामने अपने जिस्म का अच्छी तरह से दीदार करने के बाद शाज़िया अपने पलंग पर आ गई.

पलंग पर लेट कर उस ने अपनी जवानी को बिस्तर की चादर से ढँक लिया. और हाथ बढ़ा कर कमरे में जलती लाइट को बंद कर दिया.

बहन की जवानी का शो ख़तम हो चुका था. इसीलिए ज़ाहिद भी चलता हुआ अपने कमरे में दाखिल हुआ.

ज़ाहिद का लंड अपनी बहन के बदन के नज़ारे से फुल मस्ती में आया हुआ था.

अपनी कमरे में आते साथ ही ज़ाहिद भी अपने कपड़े तब्दील कर के अपने बिस्तर पर लेट गया.

मगर अपनी बहन की जवानी का ताज़ा ताज़ा नज़ारा देख कर आज नींद उस की आँखों से कोसो दूर भाग चुकी थी.

ज़ाहिद अपनी आँखे बंद किए अपने बिस्तर पर लेटा अपनी बहन के बारे में सोच सोच कर गरम हो रहा था.और उस के हाथ उस की शलवार में खड़े उस के लंड पर आहिस्ता आहिस्ता फिसल रहे थे.

“ओह शाज़िया क्या मस्त मम्मे हैं तुम्हारे और क्या शानदार टाइट चूत हो गी तुम्हारी,हाईईईईईईई,काश तुम मेरी सग़ी बहन ना होतीईईईईइ”. ज़ाहिद अपने लंड से खेलते हुए अपनी बहन के जिस्म को ज़हन में ला कर उस के नाम की मूठ लगा रहा था.

ज़ाहिद को समझ नही आ रही थी.कि उस की बहन इतना ज़्यादा गरम और प्यासी होने के बावजूद अभी तक उस के साथ चुदाई के लिए क्यों रज़ा मंद नही हो रही थी.

ज़ाहिद काफ़ी देर तक इसी सोच में गुम रहा. कि वो किस तरह कुछ ऐसा करे कि उस की बहन गरम हो कर अपने ही आप एक पके हुए फल की तरह उस की झोली में आन गिरे.

ये सोचते सोचे ज़ाहिद को ख्याल आया. कि क्यों ना वो आज रात की तरीकी में अपनी बहन के कमरे में जा कर एक बार फिर अपनी किस्मेत आज़माई करे.

“अगर तो शाज़िया आराम से चुदवाने पर राज़ी हो गई तो ठीक,वरना आज जबर्जस्ती उसे चोद कर ज़रूर अपनी और उस के प्यासे जिस्म की प्यास बुझा लूँगा” ज़ाहिद ने अपनी दिल ही दिल में ये फ़ैसला कर लिया.

(ज़ाहिद के लिए अपनी बहन के अंदर से लॉक हुए रूम में दाखिल होना कोई मुश्किल बात नही थी. इस की वजह ये थी.कि जिस आदमी से ज़ाहिद ने ये मकान खरीदा था. उस ने इस घर के सारे कमरों में ऐसे लॉक लगवाए थे. जिन को बाहर से चाभी लगा कर भी खोला जा सकता था.और मकान बेचते वक्त उस ने ज़ाहिद को घर के सारे कमरों की कीस भी दे दी थी.)

साथ साथ ज़ाहिद को ये भी पता था. कि इन दिनो उस की अम्मी रज़िया बीबी को ब्लड प्रेशर ज़ियादा हो जाने की वजह से सकून के लिए डॉक्टर ने स्लीपिंग टॅबलेट का इस्तेमाल भी शुरू करवा दिया है. जिस वजह से एक दफ़ा सोने के बाद रज़िया बीबी को दूसरी सुबह तक कोई होश नही रहता था.

इसीलिए ज़ाहिद इस बात से निश्चिंत था.कि रात के इस पहर अपने भाई को अपने कमरे में देख कर अगर शाज़िया ने शोर भी मचाया. तो नींद की गोली के असर की वजह से उस की अम्मी का जाग जाना बहुत मुश्किल बात होती.

ये सब सोचते हुए ज़ाहिद अपने बिस्तर से उठ खड़ा हुआ.और अपने लंड को मसलता हुआ शाज़िया के कमारे की तरफ चला आया.

अपनी बहन के कमारे के बाहर कुछ देर खड़ा हो कर ज़ाहिद ने कमरे के अंदर किसी किस्म की हरकत की आवाज़ सुनने की कोशिश की. ता कि उसे अंदाज़ा हो सके कि वाकई ही शाज़िया सो भी चुकी है या नही.

जब ज़ाहिद ने अपनी तसल्ली कर ली. तो उस ने अपनी कमीज़ की पॉकेट से कमरे की चाभी निकाली. और बहुत खामोशी और अहतियात से दरवाज़ा खोल कर बहन के कमरे में दाखिल हो गया.

ज़ाहिद ज्यों ही दबे पावं शाज़िया के कमरे में एंटर हुआ. तो सामने का नज़ारा देख कर उस का दिल और लंड दोनो ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगे.



शाज़िया अपने बिस्तर पर पेट के बल लेटी हुई थी. उस की पतली शलवार उस की मोटी गुदाज गान्ड पर इस तरह कसी हुई थी. कि शलवार में से शाज़िया की भारी गान्ड की पहाड़ियाँ साफ तौर पर नज़र आ रही थी.
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08-12-2019, 12:57 PM,
#58
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
पेट के बल इस तरह लेटने की वजह से शाज़िया के चूतड़ो का उभार बहुत ही जान लेवा था.

बहन की गान्ड का ये नज़ारा देख कर ज़ाहिद की आँखें फटी रह गईं.

बाथरूम के बल्ब से आती हल्की रोशनी में शाज़िया की उठी हुई गान्ड को देख देख कर ज़ाहिद का दिल और लंड अपनी पूरी मस्ती में आ चुका था.

आज रात ज़ाहिद अपनी बहन की जवानी का ज़ायक़ा चखने के पूरे मूड में था.

मगर अपनी बहन के बदन को छूने से पहले वो यकीन करना चाहता था. कि उस की बहन वाकई ही अपनी गहरी नींद में सो रही है कि नही.

क्यों कि ज़ाहिद को ये तो पता था. कि उस के हाथों की छेड़ छाड़ से शाज़िया उठ तो यक़ीनन जाए गी.

मगर वो ये ज़रूर चाहता था. कि शाज़िया उस वक्त ही अपनी नींद से जागे जब उस की फुद्दि इतनी गरम हो चुकी हो. कि फिर उस के लिए अपने भाई के लंड को अपनी फुद्दि में लेने में कोई शरम महसूस ना हो.

इसीलिए ज़ाहिद ने अपनी बहन के गान्ड के पीछे खड़े हो कर शाज़िया को हल्के से पुकारा “ शाज़िया,सो गयी क्या?”.

जब शाज़िया ने कोई जवाब नही दिया. तो ज़ाहिद को यकीन हो गया कि शाज़िया पूर सकून नींद में डूबी हुई है.

अपनी बहन को सोता पा कर अब ज़ाहिद की हिम्मत बढ़ गयी.

अब ज़ाहिद से बिल्कुल सबर नही हो रहा था. इसीलिए उस ने अपना खेल शुरू कर दिया.

ज़ाहिद ने बहुत आहिस्ता से हाथ बढ़ा कर अपनी बहन के चूतड़ पर हाथ फेरना शुरू किया.



अपनी बहन की गोश्त से भरी गान्ड को छूते ही ज़ाहिद के दिल की धड़कन तेज़ होने लगी.

शाज़िया के भारी चूतड़ पर आहिस्ता आहिस्ता हाथ फेरते हुए ज़ाहिद ने हल्के से अपनी एक उंगली को शाज़िया के चूतड़ो की दरार में फेरा.

लेकिन शाज़िया जिस पोज़िशन में सो रही थी. इस पोज़िशन में उस की गान्ड का सुराख शाज़िया की गान्ड की दोनो पहाड़ियों में डूबा हुआ था.इसीलिए चाहने के बावजूद ज़ाहिद अपनी बहन की गान्ड की मोरी को छू ना सका.

इस के बावजूद कि शाज़िया की गान्ड का सुर्ख ज़ाहिद की आँखों और हाथों से पोषीदा था.

मगर फिर भी ज़ाहिद ने हल्का से नीचे झुक कर अपना मुँह अपनी बहन की गान्ड के पीछे रखा. और अपनी बहन की गान्ड की महक को अपनी सांसो में महसूस कर के अपने लंड से खेलने लगा.

बहन की गान्ड की खुसबू ने ज़ाहिद को इतना गरम कर दिया कि ज़ाहिद अब अपने होश हवास खो बैठा था.

ज़ाहिद के लंड में आग लग चुकी थी. उस की शलवार में उस का लौडा कसमसा रहा था.

ज़ाहिद ने अपनी शलवार का नाडा खोला और अपनी शलवार को पकड़ कर अपनी टाँगों से अलग कर के आधा नंगा हो गया. और अपनी बहन की गुदाज गान्ड को देख कर अपने मोटे लंड की मूठ लगाने लगा.

ज़ाहिद अपने काम में मसरूफ़ था. के अचानक शाज़िया करवट बदलते हुए सीधी हो कर लेट गई.

शाज़िया के यूँ एक दम करवट लेने से मूठ लगाता ज़ाहिद डर गया. कि कहीं शाज़िया की अचानक आँख ही ना खुल जाए.

मगर जब ज़ाहिद ने देखा कि करवट बदलने के बावजूद शाज़िया की नींद से आँख नही खुली तो उसे सकून सा आ गया.

ज़ाहिद अपनी बहन के बिस्तर के पास खड़ा हो कर बड़े गौर और प्यारसे अपनी बहन का चेहरा देखने लगा.

शाज़िया सोते हुए बहुत ही मासूम और प्यारी लग रही थी. अपनी बहन के सोते हुए चेहरे की मासूमियत ज़ाहिद को पागल करने के लिए काफ़ी थी.

शाज़िया के चेहरे को देखते देखते ज़ाहिद की नज़र अपनी बहन की भारी भारी छातियों पर चला गई. जो कि शाज़िया के साँस लेने की वजह से उस के सीने की ताल से ताल मिलाते हुए बहुत दिलकश अंदाज़ में उपेर नीचे हो रही थी.

अपनी बहन की छातियो का ये दिल फ़रैब डॅन्स देख कर ज़ाहिद का लंड भी अपनी बहन की छातियों की तरह ज़ाहिद के हाथ में उछल कूद करने लगा.

उस के डिक के अंदर बैठा शैतान उसे बार बार उकसा रहा था. कि वो क्यों देर कर रहा है. आज मोका है आगे बढ़ो और अपनी नींद में मदहोश बहन के बदन पर चढ़ कर चोद दो अपनी बहन को.

आज कुछ भी हो जाए ज़ाहिद इस मोके को अपने हाथ से जाने नही देना चाहता था.

उस ने आहिस्ता आहिस्ता अपना एक हाथ आगे बढ़ा कर अपनी बहन की तनी हुई छाती पर रखा और उसे सहलाने लगा.



“उफफफफफफफफफफफ्फ़ 31 साल की होने के बावजूद मेरी बहन की चुचियाँ पत्थर की तरह सख़्त हैं,लगता है मेरा सबका बहनोई ने मेरी बहन की छातियो का सही इस्तेमाल नही किया,इसी वजह से मोटी और भारी होने के बावजूद ये अभी तक ढीली नही पड़ी” ज़ाहिद ने अपनी बहन की छाती पर अपना हाथ फेरते हुए अपने आप से कहा.

ज़ाहिद अपनी बहन से इस तरह की छेड़ छाड़ तो दो दफ़ा पहले भी कर चुका था. इसीलिए आज उस का दिल इस किसम की हरकत से नही भर रहा था.

उस का दिल चाह रहा था.के आज जिस मकसद के लिए वो रात की टर्की में अपनी बहन के बेड रूम में घुसा है.वो मकसद अब ज़रूर पूरा करे और ज़ाहिरी सी बात है वो मकसद था अपनी सग़ी बहन की चूत का “हसूल”.

ज़ाहिद जानता था.कि इस का ये मकसद उस वक्त तक नही पूरा हो सकता.जब तक वो अपनी सोई हुई बहन के जिस्म के ऊपर चढ़ कर उस की गरम फुद्दि से अपने जवान मोटे लंड को रगड़ रगड़ कर अपनी बहन की चूत को गीला ना कर दे.

ये ही सोचते हुए ज़ाहिद ने अपनी नींद में मदहोश बहन के जिस्म का जायज़ा लिया.
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08-12-2019, 12:57 PM,
#59
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
शाज़िया इस स्टाइल में सोने से उस की दोनो टाँगों के दरमियाँ काफ़ी गॅप आ गया था.

शाज़िया के सोने इस स्टाइल को देख कर ज़ाहिद के ज़हन में एक ख्याल आया. और वो आहिस्ता से अपनी बहन के बिस्तर पर चढ़ गया.

बेड पर जाते ही ज़ाहिद आहिस्ता से अपनी बहन की टाँगों के दरमियाँ वाली खाली जगह पर बैठा. और फिर अपने दोनो बाजुओं को शाज़िया के जिस्म के दाए और बाईं (राइट और लेफ्ट) रख कर आहिस्ता से गहरी नींद में मदहोश अपनी बहन शाज़िया के जिस्म के ऊपर इस तरह झुकता चला गया. कि उस के अपने जिस्म का सारा बोझ उस की अपनी कोहनियों पर आ गया.

ज़ाहिद के इस तरह शाजिया के बिल्कुल ऊपर लेटने से ज़ाहिद का मुँह शाज़िया के मुँह के बिल्कुल नज़दीक आ गया.

ज़ाहिद का मुँह शाज़िया के इतने नज़दीक पहुँच हुआ था. कि ज़ाहिद के मुँह से निकलती उस की गरम साँसें शाज़िया के मुँह से टकराने लगीं.

सोई होने के बावजूद शाज़िया को अपने भाई की गरम साँसे अपने चेहरे पर महसूस होने लगीं थी.

जिन को महसूस करते ही शाज़िया ऐसा लगा कि कोई चीज़ उस के बदन के ऊपर माजूद है. जिस वजह से शाज़िया एक दम हड बड़ा कर अपनी नींद से जाग गई.



ज्यों ही शाज़िया ने अपनी नींद से बे दार हो कर रात के अंधेरे में अपने जिस्म पर अपने भाई को झुका हुआ पाया. तो उस का चेहरा खोफ़ और शरम कर मारे पसीने से भीग गया.

“ज़ाहिद भाई ये आप क्या कर रहे हैं” शाज़िया ने अपने ऊपर पड़े अपने भाई के मज़बूत जिस्म को हटाने की नाकाम कोशिस करते हुए कहा.

“में आज वो ही करने जा रहा हूँ,जो मुझे बहुत पहले कर लेना चाहिए था”ज़ाहिद ने जब अपनी बहन को नींद से जागते देखा. तो उस के जिस्म के ऊपर अपने जिस्म का बोझ डालते हुए बोला.

“क्या मतलब,आप अपनी बहन से जबर्जस्ती करेंगे आज” शाज़िया ने अपने भाई के वज़न के तले डूबते हुए पूछा.

“हां जब घी सीधी उंगली से ना निकले तो उंगली टेढ़ी करनी ही पड़ती है शाज़िया” ज़ाहिद ने अपनी बहन के गालो को अपने दाँतों से काटते हुए कहा.

“कुछ तो खुदा का खोफ़ करें आप,सग़ी बहन हूँ में आप की,भाई तो अपनी बहन की इज़्ज़त के रखवाले होते हैं और आप हैं कि खुद ही अपनी बहन से जबर्जस्ती पर उतर आए हैं” शाज़िया ने अपने भाई को गैरत दिलाने की कोशिश करते हुए कहा.

“बहन हो तो क्या फरक पड़ता है? वैसे भी चूत और लंड का सिर्फ़ एक रिश्ता होता है,इस रात की तन्हाई में चूत तुम्हारे पास है और लंड मेरे पास,तो क्यों ना इन दोनो का आज आपस में मिलाप करवा दिया जाय,” ज़ाहिद ने शाज़िया के जवाब में चूत और लंड के अल्फ़ाज़ का खुलम खुल्ला इस्तेमाल करते हुए अपनी बहन को जवाब दिया.

साथ ही ज़ाहिद ने शाज़िया के एक हाथ को पकड़ा और उस को खैंचता हुआ अपने नंगे लंड पर ला कर रख दिया.

अपने भाई के नंगे मोटे गरम लंड को अपने हाथ में महसूस करते ही शाजिया शरम से कांप गई.

शाज़िया को अपनी हथेली पर बहुत ज़्यादा गर्मी सी महसूस हुई. और उस ने एक दम से अपना हाथ ज़ाहिद के लंड से वापिस खींच लिया.

आज काफ़ी अरसे के बाद शाज़िया ने किसी मर्द के लंड को छुआ था. और भाई के लंड को छूते ही शाजिया को भाई के लंड की सख्ती और उस की तपिश का अंदाज़ा हो गया था.

“उफफफफफफफफफ्फ़ भाई आप को शरम आनी चाहिए अपनी बहन के सामने ऐसी गंदी ज़ुबान इस्तेमाल करते और ऐसी गंदी हरकत करते हुए” शाज़िया ने अपने भाई के मुँह से लंड और चूत का ज़िक्र सुनते और उस को अपना लंड पकड़ाने की हरकत पर गुस्से में आते हुए भाई से कहा.

ज़ाहिद ने अपनी बहन की बात अनसुनी करते हुए शाज़िया के जिस्म से थोड़ा सा ऊपर उठ कर अपनी कमीज़ भी उतार फैंकी. और अपनी बहन के जिस्म के ऊपर पूरा नंगा लेट गया.



शाज़िया को आज अपने सामने अपने ही भाई को नंगा होते देख कर बहुत शरम आई और उस ने मारे शरम के उस ने फॉरन अपना मुँह दूसरी तरफ फेर लिया.

“बस बहुत हो गया शरम वरम का ये नाटक ,तुम जानती हो कि तुम्हारी इस जवानी को रोज़ मर्द की ज़रूरत है,और में तुम्हारे बदन की प्यास बुझाने के लिए तुम्हारी खिदमत में हाज़िर हूँ,अब और मत तड़पाओ मुझे ” ज़ाहिद ने ये कहते हुए अपने होन्ट शाज़िया के होंठो पर रखना चाहे. तो शाज़िया नहीं मानी और तकिये पे सर इधर उधर अपना सर हिला कर अपने होंठ अपने भाई के होंठो से बचाती रही.

“कोई फ़ायदा नहीं शाज़िया, यकीन मानो तुम्हारे इस तरह के नखरों से मेरा लंड और गरम होता है मेरी जान” ज़ाहिद ने अपनी बहन की हरकत पर मुस्कुराते हुए कहा.
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08-12-2019, 12:57 PM,
#60
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
इस के साथ ही जोश में आ कर ज़ाहिद ने अपने जिस्म को अपनी बहन के जिस्म से चिपकाते हुए शाज़िया के हाथों को उस के सर के पीछे कर के अपने हाथों से दबा दिया. और अपने होन्ट अपनी बहन के होंठो पर रखने की कोशिश करने लगा.

मगर शाज़िया अपने सर को इधर उधर करके ज़ाहिद की इस कोशिश को नाकाम बनाने पर तुली हुई थी. इसीलिए अपनी बहन के होंठो को चूमने की कोशिश के दौरान कई दफ़ा ज़ाहिद का मुँह शाज़िया के मुँह से लगा लेकिन शाज़िया ने फॉरन ही अपना मुँह हटा लिया.

फिर कुछ देर बाद जब शाज़िया अपन सर हिला हिला कर थक गई. तो ज़ाहिद भी आख़िर अपनी बहन के खुले मुँह पर अपना मुँह रख कर शाज़िया के मज़े दार होंठो का रस पीने लगा.

साथ ही ज़ाहिद अपने आधे नंगे धड़ (जिस्म) को अपनी बहन की शलवार में छुपी चूत के ऊपर लाया. और किस्सिंग के साथ साथ अपने नंगे लंड को अपनी बहन की चूत पर हल्का हल्का रगड़ने लगा.

आज तक़रीबन दो साल के अरसे के बाद अपनी चूत के लबों पर एक मर्द का लंड फिसलता हुआ पा कर शाजिया की चूत को मज़ा आने लगा.

हर औरत की तरह शाज़िया की चूत के लिए भी लंड का मतलब सिर्फ़ लंड ही था. मगर साथ ही साथ शाज़िया का दिमाग़ ये भी जानता था.कि जिस लंड को वो आज अपने साथ रगड़ता हुआ पा कर उस की चूत अपना पानी छोड़ने के मूड में आ चुकी है. वो किसी आम मर्द का लंड नही बल्कि उस के अपने सगे भाई का लंड है. और कुछ भी हो ये लंड शाज़िया की चूत के लिए रेगिस्तान मे पानी है.

ये सोच दिमाग़ में गूंजते ही शाज़िया ने अपने भाई को अपने जिस्म के ऊपर से हटाने की फिर कॉसिश की. मगर अपने हट्टे कट्टे भाई के सामने उस की एक ना चली.

ज़ाहिद शाज़िया के एक हाथ को आज़ाद करते हुए अपना एक हाथ अपने और शाज़िया के जिस्मो के बीच लाया.और उस ने अपनी बहन की शलवार के नाडे को पकड़ कर खैंचने की कोशिश की.

शाज़िया ने फॉरन अपने आज़ाद हाथ से अपनी शलवार के नाडे को मज़बूती से पकड़ लिया.

“छोड़ो शाज़िया आज में रुकने वाला नही” ज़ाहिद ने जब शाज़िया को नाडा मज़बोती से पकड़े देखा तो बोला.

“नही भाई रहम कर मुझ पर और इतना बड़ा गुनाह मत करो” शाज़िया ने अपने भाई से फरियाद की.

ज़ाहिद पर तो चुदाई का भूत सवार था. इसीलिए उस के दिल पर आज अपनी बहन की किसी फरियाद का असर नही होने वाला था. इसीलिए उस ने शाज़िया की बात की परवाह ना करते हुए उस की शलवार का नाडा खोलने की ट्राइ करता रहा.

जब ज़ाहिद ने देखा कि शाज़िया अपनी शलवार का नाडा छोड़ने पर तैयार नही. तो वो नाडे को छोड़ कर आगे झुका और अपनी बहन की भारी छातियों को अपने हाथ में थामते हुए कमीज़ के ऊपर से ही उन को अपने मुँह से चूमने लगा.

साथ ही साथ शाज़िया का जिस्म थोड़ा ढीला पड़ा. तो ज़ाहिद का मोटा सख़्त लंड अपनी बहन की गुदाज रानो से रगड़ ख़ाता हुआ उस की दोनो रानो के दरमियाँ फँस गया.

नीलोफर या किसी और को चोदे हुए ज़ाहिद को आज काफ़ी दिन हो चुके थे.

इस अरसे के दौरान अपनी बहन के गरम जिस्म को देख कर और उस के साथ मस्तियाँ कर कर के ज़ाहिद इतना गरम हो चुका था. कि अपनी बहन की चूत और रानो की बे इंतिहा गर्मी को उस की शलवार के अंदर से महसूस करते ही ज़ाहिद के लिए अपने आप को कंट्रोल करना मुहाल हो गया. और एक झटके के साथ "अहह" करते हुए ज़ाहिद के लंड ने अपना सारा थिक माल अपनी बहन की शलवार में पोषीदा फुद्दि के उपर उडेल दिया.
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