Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
08-26-2018, 09:41 PM,
#31
RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-16

आज पूरे 4 दिन बाद राज अपनी शॉप पे आया था…उसकी शॉप काफ़ी अच्छी चल रही थी…..छ्होटू ही अकेला हॅंडल कर रहा था…इन 4 डेज़ से अनिता भी नही आ रही थी…और ना ही राज ने उसे पूछा………जब वो ऑफीस आया तो सबसे पहले छ्होटू से पूछा

राज : अरे छ्होटू….अनिता का क्या हाल है…..क्या हो गया? क्यो नही आ रही?

छ्होटू: जी उसने रिज़ाइन कर दिया है…मेने आपको बताया तो था

राज: पर क्यो?

छ्होटू: बोल रही थी कि मेरी शादी होने वाली है…और पेपर भी होने है.

राज:क्या तुम जानते हो उसके घर का पता…

छ्होटू: जी…वो हमारे घर के पास ही रहती है…

राज: तुम अड्रेस्स देदो…मे उन्हे..मिल लूँगा…..

छ्होटू ने उसे अनिता का पता दे दिया….राज ने घड़ी देखी और फिर बिना कुच्छ बताए अनिता के घर की तरफ निकल गया…….करीब 20 मीं मे ही उसके घर के बाहर अपनी बाइक खड़ा की और फिर कॉल बेल बजा दी…….दरवाजा खुला उसमे से अनिता की मा बाहर आई…..आते ही चहकते हुए कहा

अनिता की मा: अरे बेटे अंदर आ जाओ….तुम राज हो ना…..अनिता तुम्हारी बहुत तारीफ़ करती है……

राज: आपको कैसे पता कि मे राज हू……मे तो कभी आपसे मिला ही नही.

अनिता की मा: अनिता तुम्हारी बहुत तारीफ्फ करती है बेटे…..अक्सर तुम्हारे बारे मे…कि सर बहुत अच्छे है…सर बहुत स्मार्ट है…, वग़ैरह वग़ैरह…..

राज: पर अनिता है कहाँ….कई दिन से शॉप नही आ रही है….मे उसका कुशल जानने के लिए आया हू.

अनिता की मा: बेटे वो एक सहेली के पास गयी है….आ जाएगी थोड़ी देर मे….वो तो जाना चाहती थी..पर मेने ही मना कर दिया…उसकी शादी फ़िक्स कर दी है….

राज: ना चाहते हुए भी…..कहाँ फ़िक्स की है उसकी शादी.?

अनिता की मा: मेरी बहन की रिस्तेदारि मे है….अजय है….एमआर का काम करता है

राज: किस कंपनी का एमआर है…मे इस शहर के करीब-करीब सभी एमआर को जानता हू.

अनिता की मा: अरे नही बेटे वो तो नैनीताल मे काम करता है..और घर भी वही है.

राज: ह्म्‍म्म ये तो बहुत अच्छी बात है….अनिता के तो भाग खुल गये….कनग्रॅट्स..

अनिता की मा: सब भगवान की मेहरबानी है……

राज : पर अभी शादी मे काफ़ी समय है//// अगर काम करती तो कुच्छ पैसे जमा होते और वो पैसे शादी मे लगाए जा सकते थे…….बाकी की आपकी मर्ज़ी..और वो चलने लगा.

अनिता की मा: बेटे रूको…चाय पी कर जाना…….मे चाय बना कर आती हू

राज: नही मा जी मे निकलूंगा…वैसे भी शॉप मे कोई नही है………

अनिता की मा:ठीक है बेटे……

राज: नमस्कार कर जाने लगा……तभी अनिता दरवाजा खोल कर आ गयी…..

अनिता: सर आप???? व्हाट्स आ प्लेज़ेंट सर्प्राइज़??? मे तो आने वाली थी आज….अभी नहा धोकर आने वाली थी…..शादी के लिए इन्विटेशन देनी थी….

राज: हां….आंटी ने बताया…अब तो तुम नैनीताल मे घुमोगी….भाई देल्ही वालो को कौन पुछ्ता है………………..

अनिता; ऐसा नही है सर…मेने आपसे बहुत कुच्छ सीखा है…………………………..

अनिता की मा वन्हा से किचन मे चली गयी…अनिता ने कहा…सर बैठिए…मे अभी आई…..फिर चले जाइएगा….

राज वही पर बैठ गया…..अनिता की मा ने चाय और कुच्छ नमकीन रखा और वो भी टीवी ऑन करके चली गयी………राज टीवी देखते हुए चाय का आनंद ले रहा था….करीब 15 मीं तब वेट करने के बाद अनिता आई….ऐसा लग रहा था कि पहले वो नहाई थी उसके बाद ड्रेस चेंज की थी….आते ही चहकते हुए कहा…हां सर अब बताओ…………………….क्या चल रहा है?

राज: पहले तो ये सर कहना छोड़ो?

अनिता; क्यो सर…आप तो सर है मेरे….

राज: जी नही…सर था…अब मे तुम्हारा बॉय फ्रेंड?

अनिता: शर्मा गयी…..पर बोली कुच्छ नही

राज: अरे भाई अब तो तुम शादी करने जा रही हो अब काहे को शरमाती हो…..

अनिता: मे शर्मा नही रही…..आप जैसा बॉय फ्रेंड पाना खुस-किस्मेत का काम है.

राज: वो कैसे…? और हां मे तुमसे उस दिन के लिए माफी माँगना चाहता था….और राज ने अनिता का एक हाथ पकड़ कर वही पर अपने बगल मे बिठा लिया………

अनिता: बैठते हुए….माफी किस बात की माफी…

राज: वो भी मुझे बताना होगा..? मेने तुम्हारे वो (चुचिया) पकड़ जो लिया था….

अनिता ने अपना सिर नीचे कर लिया…..मेने तो आपको कब का माफ़ कर दिया था….मे आपसे नाराज़ भी नही हू…उस दिन में इसलिए आ गयी कि आपके यान्हा पकड़ने से मेरे नीचे कुच्छ होने लगा….था मुझे डर था कि कही……………………………………………………..

राज: अरे नही….ये सब इतना जल्दी नही होता…..टाइम लगता है …और फिर बिना तुम्हारी रज़ामंदी के संभव नही है.

अनिता: वही तो डर था….क्योकि मे अपने आप पर कंट्रोल नही कर पा रही थी…और फिर मेरे प्रण था कि जो मेरे साथ शादी करेगा…अपना शरीर उसी को दूँगी…सॉरी सर….जो उस दिन मेने आपके साथ हार्ट किया………………

राज: अरे ये क्या? सॉरी मे माँग रहा था …अब तुम सुरू हो गयी….अच्छा छोड़ो…तुम शॉप मे कब अयोगी…मेरा रिक्वेस्ट है कि जब तक मे कोई दूसरा ना रखू तब तक तुम शॉप मे आयो…और हां मे वादा करता हू कि बिना तुम्हारी इज़ाज़त के मे तुम्हे हाथ नही लगाऊँगा…….और वो उठ कर चला गया….उसेजाते देख कर अनिता ना जाने क्या सोचने लगी……………..कैसा व्यक्ति है….? माफी माँगने आया था या….और कुच्छ……………..उसके मन को वो नही पढ़ सका…..तभी उसकी मा आ गयी…..

क्या कह रहे थे….बड़ी बाते हो रही थी तुम दोनो मे.

अनिता: अरे मा वो बोल रहे थी कि जब तक मे कोई दूसरा स्टाफ नही रख लेता तुम जॉब कंटिन्यू रखो...

अनिता की मा: ठीक ही तो कह रहे है....तुम 15 डेज़ और चले जाओ....सॅलरी ले कर मत जाना और वैसे भी शादी तुम्हारी 30 तारीख को है...तब तक तुम घर पर क्या करोगी......

अनिता मुस्कुरई पर बोली कुच्छ नही
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08-26-2018, 09:41 PM,
#32
RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
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अनिता दूसरे दिन सुबह 9.00 बजे आ गयी थी….उसने एक सिल्क वाइट कलर की साडी पह्न रही थी…कानो मे लंबी चैन युक्त बाली…हाथो मे चूड़िया….और होंठो पे गुलाबी लिप-स्टिक…जिसे देख कर देख कर किसी का भी मन भटक सकता था………..राज उसे गौर से देख रहा था जिसे देखकर अनिता को शर्म आ रही थी…..जब रहा नही गया तो वो बोली….

अनिता: ऐसे क्या देख रहे है सर?

राज: फर्स्ट ऑफ ऑल प्लीज़ डॉन’ट से सर…ओके?

अनिता: तो फिर क्या कहु.

राज: आइ आम युवर बॉय फ्रेंड…यू कॅन कॉल मी राज ओन्ली

अनिता: मुझसे नही होगा? और फिर और स्टाफ क्या सोचेंगे.

राज: तो फिर अकेले मे तो बोल सकती हो….

अनिता: ठीक है बाबा……राज….सर

राज: फिर सर?

अनिता: राज…ओके

राज: ह्म्‍म्म्मम तुम वाकई बहुत समझदार लड़की हो..और खूबसूरत भी..

अनिता: खूबसूरत तो हू …पर समझदार का मतलब?

राज: हर चीज़ का मतलब नही होता …इंसान को खुद-ब-खुद समझना पड़ता है…और एक आँख मार दी.

अनिता: यू आर फ्लर्टिंग मी सर? सो मे जा रही हू….और मुस्कुराने लगी.

राज:कहाँ फ्लर्टिंग कर रहा हू…तुम हो ही खूबसूरत.और समझदार…तभी तो सारा स्टाफ तुम्हे चाहता है……देखो कितने खुस है….इस ख़ुसी मे मैं भी शामिल हू…ये लो मिठाई…और एक पॅकेट खोला जिसमे काला-जामुन था………………..

अनिता: अरे….ये किस ख़ुसी मे…….?

राज: अब तुम तो खिलाओगी नही अपनी मिठाई….तो मे ही खिला देता हू….इस द्वी अर्थ डायलॉग से अनिता शर्मसार हो गयी…….

अनिता:.आप पहले बोलते तो ज़रूर अपनी मिठाई खिला देती…पर अब तो…………………...वही अंदाज मे बोली….

राज: अभी भी कुच्छ नही बिगड़ा है…….तुम चाहो तो दावत दे सकती हो…मे तुम्हारे घर पे भी आ सकता हू….या चाहे जहा कहो….ज़्यादा खर्च नही कर्वाऊंगा….सिर्फ़ थोड़े पैसे मे हो जाएगा…

वन्हा पर हो रही बातो को और भी स्टाफ सुन रहे थे……सभी ने यही समझा कि राज सर….शादी की ख़ुसी की दावत के बारे मे बोल रहे है…..तभी छ्होटू बोला: हां दीदी…..तुम्हे तो सर को दावत देनी चाहिए….इन्होने तुम्हारे लिया क्या कुच्छ नही किया………..

राज:कोई बात नही छ्होटू…हम लोग वेट कर लेंगे…..शादी के बाद दावत कर लेंगे…क्या कहती हो.

अनिता: शादी के बाद लड्डू का स्वाद कुच्छ और हो जाता है क्या?

राज: मेरे हिसाब से तो शादी से पहले ही लड्डू अच्छे लगते है……ये बाते काफ़ी धीमी आवाज़ मे हो रही थी…जिसे सिर्फ़ ये दोनो ही सुन और समझ रहे थे……तभी राज ने छ्होटू को कहा….बेटा इसे सभी स्टाफ मे बँटवा दो…और 2 प्लेट मे हमे भी दो…खाने के लिए…

छ्होटू ऑफीस मे आया और स्वीट के डब्बे को ले कर चला गया….2 प्लेट मे 2-2 रसगुल्ले रख कर अनिता और राज के सामने रख दिए और वो वान्हा से चला गया..क्योकि काउंटर पर काफ़ी भीड़ थी.

ये लो मेडम ,,,,,,,,,,,दिस ईज़ फॉर युवर हॅपी मॅरीड लाइफ …………..

अनिता: ये क्या….मुझे आपको खिलाना चाहिए था……ये लीजिए….और एक स्वीट उठाकर राज को खिलाने लगी….राज ने उसे खा लिया….

अब राज भी उसे खिलाने लगा……….अनिता ने मुँह खोला….राज उसके होंठो को देखता रह गया..उसके चमकते दाँत, होंठ और चिक देखकर वो भूल गया कि उसे मिठाई खिलानी है….और फिर जब उसने बूब्स देखे तो उसने संयम खो दिया…स्वीट उसके हाथो से छूट गयी और सीधे उसके ब्लाउस मे घुस गयी……….और रस उसके ब्लाउस और ब्रा मे लग गया….

अनिता: आरीए..ईईई ये क्या किया आपने….? मेरी साड़ी खराब हो गयी……

राज: इसे उतार दो…अंदर बाथरूम मे चली जाओ …ब्लाउस उतार देना और रस को पानी से धो दो…

अनिता:आप भी कमाल हो…..पता नही कहाँ देख रहे थे……अब मे क्या करू….कोई अगर देख लेगा तो क्या सोचेगा……

राज: कुच्छ नही होगा मे देखता हू…दिखाओ….

अनिता: रहने दीजिए मे कुच्छ करती हू…और वो अंदर बाथरूम घुस गयी…और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया उसे यकीन था कि कही राजने जान भुज कर तो ऐसा नही किया…?

वॉश स्टॅंड पर एक छ्होटा टेबल लगा था …उसने ब्लाउस उतारा …फिर ब्रा को…फिर वो रस के दाग को अपनी चुचियो से हटाया…फिर ब्लाउस और ब्रा पर लगे रस को धोया….फिर अच्छी तरह धोने के बाद ब्रा और ब्लाउस पह्न लिया फिर वापस बाहर आ गयी……………………………

राज: अच्छी तरह धुल गया ना?

अनिता: ह्म …पर दाग रह जाएगा..

राज: कोई बात नही…उतार कर हमे दे देना ….लौन्डरि मे दे दूँगा……1-2 दिन मे आजाएँगे…

सॉरी फॉर दट…………

अनिता: कोई बात नही……

राज घूर घूर कर अनिता की चुचियो को देखे जा रहा था…..उसे लगा कि रस ठीक से सॉफ नही हुआ है…एक पिंक दाग अभी भी क्लीवेज पर लगा हुआ…था….मौका देख कर वो अनिता से बोला…

राज: लगता है ठीक से दाग साफ नही हुए है…ये देखो….वो क्लीवेज को दिखाते हुए कहा

अनिता: हाई…राम…..ये क्या कह रहे हो…अपनी चुचियो को ढँकते हुए…….बाकी के घर पर धो लूँगी.अब मे चली…………….

राज: अरे…अभी…..??? अभी तो 2 बजे है…5 तक रहना होगा….

अनिता: पर आप परेशान करोगे तो मे चली जाऊंगी.

राज: अब नही करूँगा…लो ये लो खाओ…और इस बार बड़े ध्यान से स्वीट खिलाई….और अनिता ने भी ध्यान से खाया.

राज ने देखा कि उसके लिप्स के नीचे एक रस लगा हुआ है…वो मौका देखकर अपना होंठ वन्हा रख दिया और उसे चूसने लगा……अनिता हड़बड़ा गयी….उसके मुँह से कोई आवाज़ नही आ रही हती…जमम्म्ममममममम उम्म्म्ममममममममममम की आवाज़ आ आयी थी….राज ने अपना एक हाथ उसकी चुचियो पर रख दिया और उसे सहलाने लगा….ऑफीस के दरवाजे को अंदर से नॉक कर दिया और उसके साथ खेलने लगा……………………..पहले उसकी चुचियो के साथ, फिर नंगे पेट और अंत मे उसकी गांद मे अपना हाथ डाल कर सहलाने लगा….और उधेर उसके होंठो को चूसे जा रहा था…जिससे अनिता को भी मज़ा आने लगा था….अब उसने भी विरोध करना छोड़ दिया था…पर राज को डर हो रहा था कि यान्हा कोई भी स्टाफ आ सकता है…..तभी राज ने उसे छोड़ दिया और दरवाजा खोल दिया……………………………………….

अनिता: आप भी ना…..बड़े वो हो….

राज: आइ आम सॉरी….

अनिता: सिर्फ़ मुस्कुरा दी….मे जा रही हू…….और अपना बॅग उठाया…और चली गयी

राज: जाते वक़्त राज ने बोला…कल 4 बजे मे तुम आना हमलोग एक फिल्म देखने जाएँगे…अगर तुम चाहो तो………………….

अनिता सिर्फ़ मुस्कुरई…पर बोली कुच्छ नही………………………………………………………………………………………..

उसे जाते हुए राज घूर रहा था………..क्या ग़ज़ब का माल है…मेरा लंड खड़ा हो गया…अब इसका क्या करू….? फिर वो सोचा…कोई बात नही….रश्मि तो है ही…इस काम के लिए……और 5 बने बजने को भी है.

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उस रात करीब 10 बजे शाम को उसने रश्मि को अपनी बाँहो मे लिया और जम कर चुदाई की….रश्मि भी उसे काफ़ी सहयोग दे रही थी…आज राज को पता नही क्या हो गया था….चुदाई के समय उसे अनिता डार्लिंग बोल रहा था……..पर रश्मि मदहोश रहने से नही सुन सकी…………….

आज राज को कुच्छ नया करने का मन कर रहा था…उसने रश्मि के कान मे कहा….

राज: डार्लिंग…आज मे तुम्हारी गांद मारना चाहता हू.

रश्मि: ये कैसा सौक है आपका? अभी तक तो आपने मुझे चूत मे ही चोदा है….यान्हा तक मेरी दीदी को भी चूत ही चोदा…..पर आज?

राज: आज मे कुच्छ स्पेशल करना चाहता हू.

रश्मि: पर मेरी गांद फट जाएगी..और वैसे भी मेरा पेट खराब है….गॅस हो जाती है….नो प्लीज़….

राज: यार देखता हू…अगर दिक्कत होगी तो मे छोड़ दूँगा…

रश्मि: नही…जब लंड चूत मे जाता है तो आप इंसान से हैवान हो जाते है…और अगर गांद मे जाएगा तो पता नही क्या होगा….प्लीज़ मुझे माफ़ करो.

राज: प्लीज़ यार…..मे तुम्हारे गांद को चाटना चाहता हू.

रश्मि: वो आप कर सकते हो…..पर गांद मे उंगली मत करना.

राज ने रश्मि को घोड़ी बना दिया और उसके दोनो पुत्तो को हटा कर चाटने लगा…..

रश्मि उसकी गरम जीव अहसासपाते ही सिहर गयी…और उसने अपनी गांद उसके चेहरे पर पेश कर दी.

राज उसे चाटने लगा…क्या मस्त गांद थी…और फिर उसकी गांद की गंध भी कमाल की थी.

राज उसे बिदोर बिदोर कर चाटने लगा…..और एक उंगली उसकी गांद मे डाल दी……

रश्मि: उईईईईईईईईईईईई ये क्या किया आपने….मेरी गांद फाटजाएगी.

राज: नही फटेगी डार्लिंग……………..तुम मुझपर भरोसा रखो…..और हां….ये लो जेल लगा देता हू…उसने जेल की सीसी निकाली और उसकी गांद के होल पर रख और उसे अंदर करते हुए उंगली को अंदर बाहर करने लगा……………..जिससे कि अब रश्मि को कोई दर्द नही हो रहा था….

अब कैसा लग रहा है डार्लिंग………..कोई दर्द?

रश्मि: नही….कोई दर्द नही…..सिमिलर्ली मेरा लंड भी जब जाएगा तो दर्द नही होगा….और उसने लंड पर भी जेल लगाया और उसे उसकी गांद के होल पर लगाया और अंदर कर दिया…करीब 3 इंच जाते हुए वो ज़ोर से चीखने लगी…..वो तो अच्छा हुआ कि कमला घर पर नही थी और ना ही स्मृति है वन्हा…वरना सभी भागे भागे आ जाते………………………………………………

राज वही रुक गया और उसके गालो को चूमते हुए वही से अंदर बाहर करने लगा….अब लंड 4 इंच अंदर बाहर हो रहा था………अब 6 इंच…..और अंत मे पूरा लंड चला गया……थोड़ी देर रुकने के बाद वो चुदाई करने लगा…करीब 20 मीं की चुदाई के बाद वो ढेर हो गया……और बोला..कैसा लगा मेरा आइस क्रीम….अपनी गांद मे………………………..वो बोली….एक दम झकास…..आप वाकई मर्द हो. आइ आम रियली इंप्रेस्ड.

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सुबह राज के शॉप जाने के बाद रश्मि ने घर को अंदर से बंद किया और पानी गरम किया फिर गरम पानी को प्लास्टिक टब मे डाल कर उसमे नंगी ही बैठ गयी…जिससे उसे काफ़ी राहत फील हुई…उसकी गांद से अभी भी ब्लड आ रहा था….जिसे देख कर रश्मि काफ़ी परेशान हो गयी…..पर राज ने बोला था कि घबराने की कोई ज़रूरत नही है ये…खूब-ब-खुद ठीक हो जाता है…..हां एक जेल मलम दे दिया था कि गरम पानी से सेंकने के बाद इसे अप्लाइ कर लेना……………………………मरता क्या नही करता….रश्मि की गांद फॅट गयी…पर उसे मज़ा भी तो बहुत आया…..ऐसा मज़ा जो कभी उसके हज़्बेंड से नही आया था….अच्छा हुआ वो मर गया…..(डिसपीयर्ड) …वरना मे मार डालती…………………वो दाँत को मिस्थे हुए बड़बड़ाई…..फिर बाथ लेने लगी….करीब 20 मीं के बाद बाथरूम से बाहर अपने बेडरूम मे आ गयी…………………तभी उसका मोबाइल बज गया…………………..रश्मि ने मोबाइल देखा तो स्मृति का फोन था………………..और वो स्विच ऑन कर दिया…………………

रश्मि: हेलो….

स्मृति: हाई कैसी हो?

रश्मि: ठीक हू…..(नीरस होते हुए)

स्मृति: क्या हुआ????

रश्मि: मेरी गांद फॅट गयी है

स्मृति: कैसे?

रश्मि: अरे यार बॅक गियर लगा दिया….जेठ जी ने

स्मरती: छीइ तुमने रोका नही

रश्मि: क्या रोकू…..ये मर्द कभी रुके है….हमेशा अपनी चलाते रहते है….भुगतना तो हमे पड़ता है ना…………….

स्मरीत: ये तो तुम सही कह रही हो….मेरा भी यही हाल था…पर है मजेदार…..जब से यान्हा आई हू मेरा मन नही लग रहा है………सोचती हू कि फिर वही आ जाऊ

रश्मि: तो आ जाओ….कौन मना करता है.

स्मृति: नही…मा पापा क्या सोचेंगे.

रश्मि: कोई कुच्छ नही सोचता…सब खुस है…तुम्हारी ख़ुसी देखकेर.

स्मृति:ह्म्‍म्म्म

रश्मि: वैसे मे बात करूँगी………कि कुच्छ दिनो के लिए वो देहरादून चला जाए…ठीक?

स्मृति: थॅंक्स…अपना इलाज़ कारवओ…वरना इन्फेक्षन हो जाएगा

रश्मि: वही तो कर रही हू….इन्होने जेल दिया है और आंटिबयाटिक…..गरम पानी से सेंक कर रही हू

स्मृति: तुम अपना ख़याल रखना…..

रश्मि: ह्म …..मा पापा कैसे है.

स्मृति:ठीक है…..तुम्हारी बहुत याद करते है…..इन्हे पता चल गया है कि राजेश लापता है.

रश्मि: अरे उन्हे कैसे पता? मेने तो बताया नही.

स्मृति: मा बता रही थी कि कमला दीदी बोली है…मा को

क्रमशः...................................
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08-26-2018, 09:41 PM,
#33
RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-17

गतान्क से आगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

रश्मि: साली कमला…इसकी तो गांद मर्वाऊन्गि………………………..वो भी नंगी करके…उसे किसने कहा था कि राजेश के बारे मे किसी को बोलने को. हज़्बेंड मेरा खोया है…और गांद मे दर्द इसे हो रहा है?

स्मृति: कूल डाउन बेबी……वैसे कमला ने काफ़ी सहयोग किया है …हमे और तुम्हे सो कम है क्या….?

रश्मि: सहयोग नही किया है…..खुद को बचाया है….अपने हज़्बेंड के भयानक लंड से….

स्मृति: हाआआआआ….वो तो है

रश्मि: ज़रा सोचो अगर मे और तुम ना होती तो राज इसे चोद चोद कर अधमरा कर देता.

स्मृति: चाहे जो भी हो तुम्हे ऐसा नही बोलना चाहिए था….

रश्मि: पर ये मम्मी को क्यो बताया…अभी आएगी तो मे बताऊँगी…इसे अच्छी तरह से…अपने भाई के पास गयी है चुद्वाने……………..साली रंडी….

स्मृति: चुप….? अब बहुत हो गया…..मे रखती हू…कूल रहो…और इलाज़ कर्वाओ..

रहस्मी: ठीक है…रखती हू………………….

फोन रखते ही उसे बहुत गुस्सा आ रहा था…पर वो करे क्या….तभी दरवाजे की घंटी बजी…..

रश्मि ने अपने आपको ठीक किया और एक गाउन पह्न लिया….और दरवाजा खोला….

दरवाजे पर पोलीस को देखते ही वो चौक गयी और डर भी गयी….

रश्मि: जी…आप????

पोलीस: मे इनस्पेक्टर शर्मा हू, इस एनडीएस थाने का इंचार्ज……

रश्मि: जी बताए?

पोलीस: मुझे एक लाश मिली है …जो कि आपके हज़्बेंड से मिलती है….थाने आकर देख ले…और सिनाख्त कर ले….आपके आने के बाद ही उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाएगा….चलता हू.

रश्मि:के काटो तो खून नही…उसे समझ मे नही आ रहा कि मे क्या करू……वो घबरा गयी…..तभी उसने राज को फोन मिलाया….तुम जल्दी घर आ जाओ…..और सारी बाते उसे फोन पर ही बता दी…….सुनते ही राज ने बोला…डॉन’ट वरी मे देख लूँगा…मेरा आने का वेट करो…..साथ साथ पोलीस स्टेशन चलेंगे…..

एक अग्यात भय के साथ रश्मि और राज न्ड्स पोलीस स्टेशन पहुँचे….इनस्पेक्टर शर्मा ने कहा… हम आप ही की राह देख रहे थे…..कम वित मी…..और वो पीएस के पिच्छवाड़े मे पहुँच गये…जहा 2 लाशें रखी हुई थी…..एक पर टॅग लटका हुआ था और दूसरा ब्लॅंक था …यानी इस लास की सिनाख्त नही हो पाई थी……….

इनस्पेक्टर शर्मा: दरशाल ये लास यमुना रिवर के ईक गाव से मिली है…..ऐसा लग रहा है कि इसे रिवर मे गिरे हुए करीब 4-5 डेज़ हो चुके है…पानी काफ़ी भर जाने और लास के सड़ने से वन्हा बदबू आ रही थी. रश्मि, राज और इनस्पेक्टर शर्मा ने अपनी नाक पर रुमाल रख लिए……………………

जब इनस्पेक्टर शर्मा ने चादर को एक झटके मे हटा दिया….रश्मि अपने चेहरे को ढँक ली…..और फिर गौर से धीरे धीरे अपनी आँखे खोली…..देखा…तो वो काँप गयी…ये क्या??? ये सख्स तो काफ़ी मोटा है….जबकि मेरा पति काफ़ी पतला युवक था……तभी इनस्पेक्टर शर्मा ने बोला:

इनस्प शर्मा: दरशाल पानी मे 5 डेज़ रहने से ये काफ़ी फूल गया है…पर आप बॉडी को देखकर सिनाख्त कर सकते है…कोई कटे का निशान, तिल, वग़ैररः…..वग़ैररः…और ये देखिए जब ये पोलीस को लास मिली थी तक की चीज़े है………………………………………………………..

रश्मि ने देखते ही पहचान लिया…..ये तो वही शर्ट पॅंट है …..पर ये लाश का शरीर काफ़ी फूला है….जबकि मेरा पति एक पतला आदमी था….

राज: तुम और गौर से सिनाख्त करो….और वो पूरी बॉडी को देखने लगी…..चेहरे पर एक दाग था जो कि रश्मि से ही चाय पिलाते वक़्त चाय गिर गयी थी…वो दाग ढूँढने लगी…………………ढूँढने पर उसे वो दाग नही मिला…………………उसने इनस्पेक्टर से ये बात कह दिया…

इनस्प शर्मा: देखिए…पानी मे इतने दिन रहने से स्किन काफ़ी पिलपिला हो चुक्का है…..और हो सकता है दाग मिट या इरेज हो गया हो…आप ऐसी चीज़े देखे जो कि सिर्फ़ आप को ही मालूम हो…यानी इंटर्नल पार्ट्स.

रश्मिने शरमाते हुए पूरे शरीर को देखा…उसे याद था कि राजेश के लंड पर एक तिल था…वो उसे देखना चाहती थी पर राज और इनस्प शर्मा की वजह से नही देख पा रही थी…..तभी वो राज के कान मे कुच्छ बोली……राज ने इनस्प शर्मा को बोला…सर प्लीज़ थोड़ा इधेर आएँगे….वो ठीक से सिनाख्त नही कर पा रही है………….दोनो लास के थोड़ी दूर पर आ गये….रश्मि प्युरे बॉडी को चेक करने लगी…..लंड और उसके आंडो को अच्छी तरह देख रही थी..फिर उसके लंड को देखा….और देखते ही उसके दिल की धड़कने ज़ोर ज़ोर से चलने लगी…और फिर अंततः वो ज़ोर ज़ोर से वही पर रोने लगी…..और अंततः वही पर बेहोस हो गयी…इनस्पेक्टर शर्मा और राज ने उसे अपनी बाँहो मे थामा और उसे वही एक टेबल पर लिटा दिया……इनस्पेक्टर शर्मा ने एक हवलदार को पानी लाने को कहा और फिर राज को कहा आप यही रहिए मे अभी आया….और वो चला गया….थोड़ी देर बाद रश्मि को होश आ गया ….होश मे आते ही राज से लिपट कर रोने लगी……राज उसे हौसला दे रहा था…… तभी इनस्पेक्टर शर्मा वापस वन्हा आ गया……

इन्स शर्मा: आइ आम सॉरी मिसेज़. रश्मि…आपको कन्फेस करनी होगी…..कुच्छ क्वेस्चन का जवाब देना होगा …तभी लाश का पोस्टमॉर्टम हो सकता है…और उसके बाद लाश को आपके हवाले किया जाएगा…..रश्मि ने कहा पुच्हिए जो पुच्छना है….पर राज ने आपत्ति जताई…..वो पूछा….इनस्पेक्टर शहाब…ये तो बाद मे भी पूछा जा सकता है…अभी ये इस अवस्था मे नही है कि आपके प्रश्न का जवाब दे सके….पर रश्मि ने कहा…नही भैया…पुच्छने दीजिए….जो पुच्छना है…मे बिल्कुल ठीक हू और सभी क्विरीस का जवाब दे सकती हू…………………….
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08-26-2018, 09:41 PM,
#34
RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
इनस्प शर्मा: वेल…..मिसेज़. रश्मि……………..राजेश 5 दिन से गायब है और आपने फिर भी कोई कांपलेंट नही किया……..क्यो???

रश्मि: नही सर…..फिर किया जा चुक्का है….मेरे जेठ ने खुद कॅंप्लेंड की थी गुमसुद्गी के…………

इनस्प. शर्मा: आप एफआइआर की कॉपी दिखा सकते है….क्योकि इस थाने मे तो नही किया गया है…मेने पूरा छान मारा है….

रश्मि: वो तो राज जी दे सकते है…..अभी आएँगे तो दे देंगे.

इनस्प शर्मा: आपके और राजेश के बीच संबंध कैसे थे

रश्मि: बिल्कुल नॉर्मल …..जैसे औरो का होता है.

इन्स. शर्मा: तो आपने कहा है कि जब वो घर छोड़ कर गये थे तो आपको बताया नही था….क्यो???

रश्मि: कभी कभी वो मुझे पूरी बाते नही बताता था……ऑफीस की बाते हो या पार्सनल……………………….

इनस्प. शर्मा: पर क्यो? क्या आप पुच्छना भी नही चाहती होंगी………

रश्मि: ऐसा नही है....वी आर गुड कपल.....पर कुच्छ अफीशियल मॅटर ना मे पुछ्ती थी और ना वो बताते थे....अक्सर वो बाहर टूर पर रहते थे....और बिना बताए घर से निकल जाते थे.

इनस्प. शर्मा: आपकी सेक्स लाइफ कैसी थी?

रश्मि: मतलब?

इनस्प. शर्मा: सेक्स सॅटिस्फॅक्षन

रश्मि : ठीक था नॉर्मली

इनस्प. शर्मा: तो फिर आप प्रेग्नेंट क्यो नही हुई

रश्मि: भड़क गयी....क्या घटिया सवाल है?????? मेरा पति मरा है आपको मज़ाक सूझ रहा है?

इनस्प.शर्मा: जो मे पुच्छ रहा हू उसका सही सही जवाब दो...वरना मुझे और भी तरीके आते है अपने मतलब के लिए

रश्मि:सहम गयी.....पर कुच्छ बोली नही

तभी राज भी वन्हा आ गया...और वो इनस्पेक्टर को आगे के सवाल पुच्छने से मना कर दिया........और बोला...मे अभी चल रहा हू......

बताइए डेड बॉडी कब मिलेगी....

इंसपे. शर्मा: 2 घंटे मे...आप ले जा सकते है.....

राज: ठीक है ...चलो रश्मि.....

राज और रश्मि एक केर (हाइयर्ड) से घर आ गयी..फिर सभी रिस्तेदारो को फ़ोन कर दिया गया.....

करीब 1 घंटे मे लोकल रिस्तेदार आ गये......डेड बॉडी को हॉस्पिटल से ले आया गया और फिर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया....

घर के सारे सदस्य काफ़ी भावुक दिखे.....पर इस समारोह मे जो नही आया वो थी स्मृति....जो कि जानते हुए भी नही आई......

स्मृति के बारे मे ज़िक्र आगे करेंगे...कि उस रात क्या क्या हुआ था और क्यो राजेश घर छोड़ने पर विवश हुआ.......

राजेश का अंतिम-संस्कार हो चुक्का था…सारे रिस्तेदार अपने अपने घर चले गये थे…अब घर मे सिर्फ़ राज, रश्मि और कमला रह गये थे…. राज भी अपनी शॉप चला गया….कमला भी अपना काम करने लगी…पर रश्मि को घबराहट हो रही थे….उसकी घबराहट की वजह था इनस्पेक्टर शर्मा…जो कि थोड़ी देर पहले उसका फोन आया था…….कि वो इनस्पेक्षन के लिए आ रहे है…पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आ गयी है…………………….तभी दरवाजे की घंटी बजी…..रश्मि ने उठ कर अपने आपको ठीक किया और दरवाजा खोला……….

इनस्प. शर्मा: गुड मॉर्निंग मेडम….हाउ आर यू नाउ?

रश्मि: ठीक हू…..

इनस्प शर्मा: ह्म गुड….ये लीजिए….पोस्टमोरटूम की रिपोर्ट….मौत की वजह…….गहरे पानी मे जाना… पेट मे पानी ज़्यादा चला गया था…अब ये हत्या है या आत्म-हत्या…ये तो साबित होने के बाद पता चलेगा….आप क्या कहते हो.

रश्मि: सर मुझे भी समझ मे नही आ रहा …….सुबह तक तो ठीक थे…अचानक घर से किसी को बताए बगैर घर से चले गये….मे सोची कि कही ऑफीस के काम से गये होंगे…पर ऐसा पहले कभी नही हुआ था….जब भी जाते थी…तो कम से कम फोन या स्मस ज़रूर करते थे…

इनस्पेक्टर शर्मा: अच्छा बताइए आपके घर मे कौन कौन रहते है…?

रश्मि: अब चार लोग रहते है…मे, मेरे पति, उनका भाई (राज जी) और भाभी (कमला)

इनस्पेक्टर शर्मा: पर आपके घर मे किसी और औरत को देखा गया है. जब पोलीस ने आपके पड़ोसी से पूछा तो बताया कि कोई लेडी रहती थी…..?

रश्मि: हाँ…वो मेरी दीदी आई थी…देहरादून से…यान्हा इलाज करवाने के लिए…..पर वो अब वापस देहरादून चली गयी है…………….

इनस्पेक्टर शर्मा:…ह्म्‍म्म्मममम क्या मे आपके बेडरूम देख सकता हू? इफ़ यू डॉन’ट माइंड?

रश्मि: शुवर…………………….सर

इनस्पेक्टर्स: थॅंक्स …चले?????

रश्मि और इनस्प. शर्मा दोनो रश्मि के बेडरूम मे आ गये……इनस्पेक्टर ने सभी जगह….चेक किया पर उसे कोई खास सबूत हाथ नही लगा……

अब वो राज के रूम की जाँच करना चाहता था…….जब वो टर्न किया तो देखा कि सोफे के नीचे एक काली पॅंटी गिरी हुई थी…….इंसपे. शर्मा ने एक दस्ताना पहना और उस पॅंटी को निकालने लगा…हालाँकि उसे निकालने मे सोफे को ही हटाना पड़ा……

इन्स. शर्मा: क्या आप एक ग्लास पानी ला सकती है?

रश्मि: अभी लाई…..

इनस्पेक्टर शर्मा ने पूरे घर की तलासी ली……पर कुच्छ हाथ नही लगा….पॅंटी को ध्यान से देखा…ये एक लिंगुरीस पॅंटी थी…इसमे पुरुष वीर्य लगा हुआ था…..जो कि अब सुख गया था……इनस्पेक्टर शर्मा ने उसे सूँघा…..तो वो खाँसने लगा..और उसे छींक भी आ गयी…..

तब तक रश्मि एक पानी का ग्लास ले कर आई…और उसे दिया..इनस्पेक्टर शर्मा ने पानी पिया…फिर रश्मि से पूछा……………………………….

इनस्पेक्टर शर्मा: मेडम…क्या ये पॅंटी आपकी है?????

रश्मि: नही तो….मे तो लिंगुरीस नही पहनती …मेरे ख्याल से ये पॅंटी मेरी सिस्टर की होगी????

इनस्पेक्टर शर्मा: व्हाट???????????

रश्मि: हां क्यो क्या हुआ????

इनस्प. शर्मा: मेडम अगर ये पॅंटी आपकी सिस्टर की है….तो हो ना हो कातिल आपकी सिस्टर ही होगी…

रश्मि: क्या मज़ाक है ये….??? ये आप क्या कह रहे है…बोलने से पहले कोई सबूत है आपके पास?

इनस्पेक्टर शर्मा: मेडम मेरे पास अभी तो कोई सबूत नही है….अगर होगा तो ज़रूर आऊंगा…..और हां…ये पॅंटी मे ले जाता हू…इसे फोरेन्सिक लॅब भेज रहा हू….देखिए….इसमे जो वीर्य लगा है …अगर वो तुम्हारे हज़्बेंड का है…या तुम्हारे जेठ का है??? और दूसरा सबसे अहम् है…इस पॅंटी पर पाए गये इस बाल …..(बॉल को दिखता हुए) ये बाल है किसी औरत की झांतो के बाल हो सकते हैं……………………………………या कोई मर्द के……….

रश्मि शर्मा गयी……..पर बोली कुच्छ नही

इनस्पेक्टर शर्मा: ये झांट और ये वीर्य ही कुच्छ राज बता सकता है…..चलता हू….अगर कोई इन्फर्मेशन होगी तो मे आ जाऊँगा………………………और वो चला गया…
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08-26-2018, 09:41 PM,
#35
RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
इनस्पेक्टर शर्मा के जाने के बाद कई सवाल रश्मि के दिमाग़ मे आने लगे….ये झांट के बाल कहाँ से आ गये….जहा तक मालूम है……मे तो इतनी लंबे झांट रखती नही….और ना ही स्मृति दीदी की है और ना ही कमला दीदी की…..राजेश और राज के भी नही है इतने लंबे बॉल……..तो फिर ये है किसके…..?????

क्या ये कही सिर के बाल तो नही??? अगर ये सिर के बॉल है…तो पॅंटी मे क्या कर रहे है…… तभी उसे ख्याल आया….राजेश अक्सर कहता था कि उसकी एक फ्रेंड जो उसके साथ काम करती है (रंभा) उसके बाल काफ़ी लंबे है….तो क्या ये उसके बाल है? और ये पॅंटी भी??? तो फिर मेरे घर मे कैसे आए…..??

ओह माइ गॉड……अब तो मुझे कुच्छ करना होगा……इनस्पेक्टर सही कह रहा है..मेरे हज़्बेंड को पहले अगवा किया गया और फिर उसे रिवर मे लेजाकार कोई उसे धकेल दिया है…ज़रूर कोई लड़की का मामला होता है……तभी कुच्छ सम्झ बुझ कर अपने जेठ (राज) को फोन किया और पूरी बातो को बता दिया…..

राज: देखो…..जल्दिबाजी करने की ज़रूरत नही है…और ना ही कोई क्लू पोलीस को दो…मे अभी आ रहा हू….तब मिल कर बाते करते है और कोई रास्ता बताते है….अगर मेरे भाई का कत्ल हुआ है तो मे जहन्नुम से भी कातिल को पकड़ लूँगा…तुम चिंता मत करो……मेरे एक दोस्त है …जो कि डिटॅक्टेटिव का काम करता है……..मे अभी आया….तुम वेट करो………………………और राज जल्दी ही ½ घंटे मे घर आ गया….आते ही वो रश्मि से लिपट गया और फिर पूरी बातो को बिस्तार से पूछा……………………………………………………………………..

राज:ह्म्‍म्म्म ये तो बहुत गंभीर मामला है? पोलीस को बताना होगा….वरना कातिल देश से भाग भी सकता है…………..क्या कहती हो?

रश्मि: ये ही तो मे भी चाहती थी…..पर मे डरती हू कि कही आपके और मेरे, आपके और दीदी के संबंध कही सामने ना आ जाए…………………….??

राज: उसकी चिंता मत करो….. अभी ज़रूरत है…कातिल को पकड़ना…एक इंसान का कत्ल हुआ है…और कातिल सरेआम घूम रहा है…..तुम जल्दी से इनस्पेक्टर शर्मा को फोन लगाओ…………………………

रश्मि: ठीक है अबी करती हू….और इनस्पेक्टर शर्मा को फोन करके सारी बातो को बता दिया……….

इनस्पेक्टर शर्मा: क्या तुम मिस. रंभा का आडड्रेस दे सकती हो.?

रश्मि: आडड्रेस तो है नही…पर उसका मोबाइल नम्बेर. है मेरे पास..

इनस्प. शर्मा: जल्दी से भेजो….

रश्मि ने स्मस कर दिया……..इनस्पेक्टर शर्मा ने नो. लगाया पर नंबर. एंगेज जा रहा था…बार बार नंबर. लगाने के बाद एक बार रिंग बज गयी……फोन कोई मेल पर्सन ने उठाया…………………

इनस्पेक्टर शर्मा: क्या मे मिस. रंभा से बात कर सकता हू. आप कौन बोल रहे है?

जी..मे कारण मल्होत्रा बोल रहा हू सीएमएस कंप्यूटर से

इनस्पेक्टर शर्मा: मे मिस. रंभा के बारे मे कुच्छ जानना चाहता हू

कारण: सर उसने तो ऑर्गनाइज़ेशन छोड़ दिया है.

इनस्प. शर्मा: व्हाट?

कारण: हां…कुच्छ क्रिमिनल आक्टिविटीस मे इन्वॉल्व थी तो बॉस ने उसे निकाल दिया.

इनस्प. शर्मा: कॅन आइ हॅव सम इन्फो रेग मिस्टर. राजेश कुमार, हू ऑल्सो वर्क्ड वित युवर ऑर्ग.

कारण: ही ऑल्सो लेफ्ट ऑर्गनाइज़ेशन.

इनस्प. शर्मा: कब निकाला गया जॉब से?

कारण: नेक्स्ट फ्राइडे को (यानी 12 को)

इनस्प. शर्मा: ओह माइ गॉड…..सॅटर्डे को वो घर से गायब हुआ…और वेडनेसडे को उसकी लास पोलीस को मिली….ये क्या चक्कर है.

इनस्पेक्टर शर्मा: क्या ये बता सकते हो कि अभी मिस. रंभा कहाँ मिलेंगी..

कारण: सॉरी सर…नो हॅव एनी इंडिविजुयल इन्फर्मेशन….वाइ-दा-वे क्या आप अपना इंट्रोडक्षन दे सकते है?

इनस्प शर्मा: मे इनस्पेक्टर राज कुमार शर्मा, न्ड्स पोलीस स्टेशन से बोल रहा हू.

आंड एइज यू अवेर….मिस्टर. राजेश का कत्ल हो गया है….

कारण: व्हाट????????????????????????????????

इनस्प शर्मा: जी…और उसी केस के सिलसिले मे बात कर रहा था…..और होप सो आगे भी आप हेल्प करते रहेंगे…

कारण: शुवर सर…………………………..मे तो इस ऑर्गनाइज़ेशन मे नया हू….पर जितनी जानकारी होगी …ज़रूर प्रवाइड कराऊंगा……

और फोन काट दिया…….और फिर कारण ने अपना कॉन्वर्सेशन को अपने बॉस मिस्टर. जोशी को बता दिया……………………………………………………………

इसका इन्फर्मेशन ऑफीस मे किसी के पास भी नही था…………………….ऑफीस मे सॅनाटा च्छा गया….जिसने भी सुना (राजेश जी अब नही रहे) शोकेड हो गया….

ऑफीस मे मिस्टर. जोशी ने एक मीटिंग बुलाई गयी…और कहा गया कि जिसके पास जो भी इन्फर्मेशन है मिस्टर. राजेश और रंभा के बारे मे वो पोलीस को ज़रूर शेर करे…क्योकि इस केस के साथ साथ इस ऑर्गनाइज़ेशन के स्टेटस और फ्यूचर भी सामिल है………

इस दौरान रश्मि और राज के बीच कोई सेक्स एनकाउंटर नही हुआ और ना ही अनिता और राज के बीच....क्योकि सिचुयेशन ही ऐसा बन चुकी थी...उधेर स्मृति का भी फोन आना बंद हो चुका था...पर कहते है समय सब ठीक करा देता है... पोलीस ने भी अब आना बंद कर दिया था.....पोलीस को रंभा की तलाश थी जो कि उसे ढूँढ रही थी...कभी कभी इनस्पेक्टर शर्मा रश्मि को परेशान करने आ जाता था.......राज भी चाहता था कि पोलीस का चक्कर जल्द से जल्द ख़त्म हो जाए. पर अभी चुप रहने मे ही अपनी भलाई समझा……..सुबह घर से जल्दी निकल जाता और रात 10 बजे तक घर आता. रश्मि अपने अतीत के दिनो को याद करते करते सो जाती थी….अब वो बिध्वा की जिंदगी जी रही थी….क्या किस्मेत थी रश्मि चली थी अपनी बड़ी बहन की जिंदगी सँवारने पर खुद गहरी खाई मे गिर गयी…..ये समाज एक विधवा को किसी दूसरे की बाँहो मे नही देख सकता….भले ही कोई शादी-शुदा जोड़ा एक दूसरे को शेर करे………………

राज चाह करके भी रश्मि की कोई हेल्प नही कर सकता था..क्योकि अब पड़ोसियो की नज़र भी उन पर थी उनके रिस्ते अगर उजागर हो गये तो सोसाइटी मे नाक कट सकती थी..और जीना दुर्लभ हो सकता है.

रश्मि ने अपने आपको को समझाया और अपना जीवन नये सिरे से सुरू करना सुरू कर दिया…..राज ने उसे शॉप पर आने को कह दिया…क्योकि अगर वो काम करेगी तो दुख कुच्छ कम होगा और मन भी लगा रहेगा. सुरू मे तो रश्मि ने मना किया पर समझाने पर वो मान गयी….ठीक है मे कल से जाय्न कर लूँगी..और अपने कमरे मे चली गयी……राज ने उसे गले लगाना चाहा पर रश्मि ने उसे धक्का दे कर दूर कर दिया. राज उसे देखता रह गया……

क्रमशः...............................
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08-26-2018, 09:42 PM,
#36
RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-18

गतान्क से आगे..................................

जिंदगी पानी के बुलबुले के सामान है…किसके जीवन मे कब क्या होज़ायगा कुच्छ नही कहा जा सकता था..अभी थोड़ी देर पहले रश्मि एक कमल के फूल की तरह घर मे महकती थी पर अब एक बेवा की जिंदगी जी रही थी……राज और कमला ने एक अहम् फ़ैसला लिया …..कि ये फ्लॅट बेच देंगे और कही और जगह फ्लॅट खरीद लेंगे…जहाँ लोग हमे नही जानते हो…….और मे रश्मि से शादी कर लूँगा….पर क्या रश्मि इसके लिए तैयार हो जाएगी………??? ये एक अहम् सवाल था…..कमला तो घर की ख़ुसी के लिए अपनी छाती पर पत्थर रख सकती है…..कमला ने एक ज़िम्मेदार गृहिणी की तरह रश्मि को समझाया….

कमला: बेटा…जो हो गया सो होगया…उसके लिए जान देने से तो वो वापस नही आएगा…अब तुम अपने आपको सम्भालो…और नये सिरे से अपने जीवन को संवारो…..हमलोग फ़ैसला किए हैं कि ये फ्लॅट बेच देंगे और किसी दूसरी जगह फ्लॅट ले लेंगे…और ये तुमसे शादी कर लेंगे…फिर हमलोग आराम से एक साथ रहेंगे….हमे सिर्फ़ तुम्हारी रज़ामंदी का इंतजार है.

रश्मि: जो उचित समझे…..अब तो आपलोगो का ही सहारा है…इस जीवन मे अब क्या बचा है……एक औरत के लिए उसका पति ही सबकुच्छ होता है…अगर पति ना हो तो किसके सहारे जीवित रहेगी…मे अपने मा-पापा के घर नही जा सकती…क्योकि वो पहले से ही अपनी बड़ी बेटी से परेशान है….और यदि मे चली गयी तो उनपर तो पहाड़ टूट पड़ेगा……….दीदी आप जो सही समझे??? और हां कल से मे भी शॉप पे जाऊंगी…ताकि मे भी अपने पैर पर खड़ी हो सकु.

कमला: क्यो नही बेटे…तुम मेरी छ्होटी बहन की तरह हो तभी मे तुम्हे बेटी कह रही हू. मेरी तो कोई औलाद नही है और ना ही होगी…..अब सिर्फ़ तुमसे ही उम्मीद है कि इस घर मे कोई किलकरिया गूंजेगी….जब इनकी मा मरी थी तो मुझसे उम्मीद की थी कि इस घर का वारिस तुम दोगि….भगवान ने तो मुझे वो सुख नही दिया….मे चाहती हू कि तुम राज से शादी करो और उनके बच्चे की मा बनो…..तुम पति-पत्नी की तरह रहना और मे तुम्हारे बड़ी बहन……या तुम जो समझो.

रश्मि: नही दीदी तुम भी हमारे साथ ही रहोगी…उनकी पत्नी बन कर…हम्दोनो उनकी पत्निया है….अगर किसी के सहारे के लिए शादी किया जाता है तो शादी नही सम्मान है…..और अगर ये सम्मान मेरे जेठ जी दे रहे है तो मे खुस-किस्मत हू…मुझे पता है…जब मे रोड पर चलती हू इन कपड़ो मे (वाइट सारी) सब लोग भूकी नज़रो से देखते है…………………….

सभी लोग एक मौके के तलाश मे रहते है…कब मौका मिले और निगल जाए…….

कमला: तो फिर तय रहा अब तुम मेरी सौतन हो….

रश्मि: सौतन नही दीदी……बहन……तुम मेरी बड़ी बहन और मेरे पति की पत्नी…और मे तुम्हारे पति की पत्नी…………………….

कमला ने आगे बढ़कर उसे गले लगा लिया…और फिर किचन मे चली गयी खाना बनाने.

________________________________________

राज ने जल्दी ही एक बिल्डर की मदद से अपना फ्लॅट बेच दिया और देल्ही मे ही कोनट प्लेस के पास एक अप्पर्टमेंट मे 3 बीएचके का एक फ्लॅट खरीद लिया...जो कि 7थ & टॉप फ्लोर पर था...........घर का आनॉगरेशन खुद रश्मि और राज ने किया....साथ मे थी उसकी वाइफ कमला....... सब कुच्छ ठीक चल रहा था....पर अभी तक रश्मि और राज के बीच सेक्स एनकाउंटर नही हो रहा था....फ़ैसला ये किया गया कि सनडे को मंदिर मे रश्मि और राज की शादी हो जाएगी...और फिर हनिमून के लिए देल्ही से बाहर सिम्ला जाना तय हुआ....पर वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है....अभी भी रश्मि को उसका बीता हुआ समय वापस उसके आगे खड़ा हो जाता है.....यानी कि इनस्पेक्टर शर्मा.. ये अचानक उसके फ्लॅट मे आ धमका और राजेश के मौत का अपडेशन उसे बताने लगा.....रश्मि ने सोचा कि इसे किसने बताया यान्हा का पता........

इनस्पेक्टर शर्मा: रश्मि जी....वो पॅंटी वाली का पता चल गया है..और उस पॅंटी पर जो वीर्य लगा हुआ था वो आपके हज़्बेंड का था...पर उस पे जो झांतो के बाल थे वो किसी और लेडी के थे..........ये लेडी कौन है ये पता करना पड़ेगा...

रश्मि: (खीझते हुए)...तो फिर इतने दिन तक आप ने किया क्या???????आपको पता लगाना चाहिए ना............

इनस्पेक्टर शर्मा: मेडम, उसी सिलसिले मे तो यान्हा आया हू...बहुत मुस्किल से आपका फ्लॅट मिला है....अब पोलीस भी क्या कर सकती है जब आप जैसी हसीना मदद ना करे.

रश्मि ने गौर से देखा इनस्पेक्टर शर्मा के चेहरे पर एक शैतानी थी...

रश्मि: क्या मतलब है आपका???

इनस्पेक्टर शर्मा: मतलब सॉफ है...जो मे पुच्छ ता हू उसका जवाब चाहिए.

रश्मि: मे सारा कन्फेशन पहले ही दे चुकी हू...प्लीज़ हमे और परेशान मत करो.

इनस्पेक्टर शर्मा: सुना है कि आप शादी करने जा रही है?

रश्मि: ये आपको किसने कहा.

इनस्पेक्टर शर्मा: ये मत पुछो किसने कहा...ये बताओ ये सही है या नही?

रश्मि: हां सही है? और कुच्छ

इनस्पेक्टर शर्मा: आप दूसरी शादी नही कर सकती? इट्स ए मर्डर केस....जब तक ये सावित नही होगा तुम दूसरी शादी नही कर सकते....समझे.....

चलता हू.........................................नमस्ते...फिर मिलेंगे.

रश्मि ने अपना सिर पीट लिया.....अब क्या करे...???? तभी वो राज को फोन मिलाया ...और सारी बाते बता दी...................................

राज: अबे यार .....क्या करू इस इनस्पेक्टर शर्मा का....

तभी पास पड़ी डॉक्टर. नेहा ने कहा...क्या हो गया कुच्छ हमे भी बताओ.....

राज; कुच्छ नही..यार इनस्पेक्टर शर्मा बार बार परेशान करने आ जाते है रश्मि को.....वो एक्सप्लाय्ट भी कर रहे है............

डॉक्टर. नेहा: मे कुच्छ करू????

राज: तुम क्या कर सकती हो?

डॉक्टर. नेहा: मेरा फ्रेंड है कमिशनर ऑफ देल्ही पोलीस के ऑफीस मे..इसका ट्रान्स्फर करवा देते है..............

राज: उससे क्या होगा...अगर कोई दूसरा आएगा तो वो भी परेशान करेगा.

डॉक्टर. नेहा: ये तो है...पर क्या करे? कोई वकील से सलाह लेते है.

राज: इसमे वकील कुच्छ नही कर सकता जब तक कि पोलीस का आरोप ना लगे...अभी तक ये केस भी नही बनाया है.

डॉक्टर. नेहा; मेरी फिरेंड कुच्छ हेल्प कर सकती है...मे कुच्छ करती हू....कल फोन कर लेना..................

पर मुझे क्या मिलेगा इसके बदले.

राज: बताओ ना क्या चाहिए.

नेहा: वही जो आप भी चाहते हो

राज: सच?????????? वो माइ गॉड मेरी तो निकल पड़ी?

नेहा बुरी तरह शर्मा गयी……….

राज: पर मे बहुत परेशान करूँगा….सोच लो?

नेहा: मुझे मंजूर है

राज: तो फिर अभी????

नेहा: अभी????च्ीईीईईईई……

फिर कभी
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08-26-2018, 09:42 PM,
#37
RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
राज: थ्क्स डार्लिंग..तुम बहुत अच्छी हो.

नेहा: मस्का मत मारो….मे सब समझती हू……आख़िर कार हमे पटा ही लिया

राज: अभी कहाँ पटाया…..??? जब तुम अपनाओगी तभी पटी (फ्लर्टिंग) समझूंगा.

नेहा: आपको शर्म नही आती एक दूसरी औरत से फ्लर्ट करते हुए…जबकि आपके घर मे 2-2 औरते पहले से है.

राज: हमे कोई शर्म नही आती …..जो शर्मा गया वो घर गया…… और फिर अगर शरमाऊँगा तो घोड़ी कैसे चढ़ुंगा……..पर हां मे कभी भी किसी औरत से ज़बरदस्ती नही करता…..औरत की रज़ामंदी मेरे लिए ही सबकुच्छ है.

नेहा: आप महान है….जीजू.

राज: थॅंक्स डार्लिंग……और उसके गले लग गयी…..तभी बाहर कुच्छ नॉक हुआ….

नेहा: लगता है कोई पेशेंट है…आप निकलो.

राज: ठीक है..चलता हू…तुम अपने फ्रेंड से फोन कर लेना …पर हां केस को बिगाड़ने की कोशिश ना करे….इसका ध्यान रहे…………………मे अपने परिवार को गर्त मे देखना नही चाहता ……ये पोलीस का मामला है…..कुच्छ करो.

नेहा: आइ विल डू सम्तिंग …वेल…………….

राज के जाने के बाद नेहा ने 1-2 पेशेंट को और देखा फिर अपनी बेस्ट फ्रेंड सुनीता को फोन मिलाया जो कि देल्ही पोलीस एचके मे काम करती है…..

सुनीता: हाई…..मेरी जान कैसी हो…..सुना है शादी कर ली…पर मुझे नही बुलाया….जीजू कैसे है….सुहाग रात कैसी रही …वग़ैरह-वग़ैरह…..

नेहा: तुम सुनोगी भी मेरी तूफान मेल…..

सुनीता; हाई यार अब मुझसे भी रहा नही जाता…ये पोलीस की नौकरी करते करते थक गयी हू…अब मे भी चाह रही हू कि कोई मुंडा ढूँढ कर अपनी बॅंड बजा दू…जैसे तुम बजाई हो…..कोई खूसखबरी??????

नेहा: अरे यार…उसके लिए खेद है….

सुनीता: क्यो…….??? क्या हुआ….चुदाई नही हो रही है क्या????

नेहा: चुप बेशर्म……कही भी सुरू हो जाती है.

सुनीता: तो फिर ऐसे ही काम चलता है…??? जैसे मेरा चलता है?

नेहा: अच्छा///? तुम्हार क्या चलता है?

सुनीता: अपना हाथ तो जगन्नाथ…………………

नेहा: च्ीईीईईईईईईई

सुनीता: मेरी जान ऐसे मेरी किस्मेत कहाँ जो किसी की बाँहो मे रहू.......................

नेहा: कहो तो बंदोबस्त कर दू

सुनीता: हाई......तब तो मज़ा आ जाएगा....प्लीज़ अगर कुच्छ हो सके तो

नेहा: क्यो नही...पर उसके लिए तुम्हे एक काम करना होगा

सुनीता: कैसा काम

नेहा: अरे यार मेरी दीदी के देवेर के पिच्छने मंत गायब होने की रिपोर्ट पोलीस मे दर्ज कराया गया था.....फिर करीब 6 डेज़ के बाद पोलीस को उसकी लास यमुना नदी से मिली है...पोलीस का शक़ है कि ये केस मर्डर का है................और सारी बाते बता दी...कि कैसे रश्मि को वो इनस्पेक्टर बुरी नज़र से देखता है...

सुनीता: ह्म्‍म्म्म......मामला तो पेचीदा है...और इसमे कोई भी मदद नही कर सकता ...क्योकि पोलीस ने अभी अपनी रिपोर्ट पेश की नही है...सिर्फ़ तहकीकात कर रही है.

तुम ऐसा करो कि पोलीस जो तहकीकात करती है उसे करने दो..उससे घबराने की कोई ज़रूरत नही है.....अरे...जब हम ग़लत नही है तो क्यो डरे?? जहा तक पोलीस इनस्पेक्टर के चाल चलन की बात है तो आप कंप्लेंट भेज दो एचके मे ...मे देख लूँगी........................

उनसे बोल दो कि मत घबराए...अगर पोलीस आती है...तो जो भी पुच्छे सही सही बताओ और चाय पिलाकर बीदा कर दो..घबराने की ज़रूरत नही है.

राज रश्मि को बड़े प्यार से समझा रहा था…….आज पहली बार रश्मि के माथे को कोई सहला रहा था……इतने दिन हो गये राज के साथ सोए हुए……पर अभी भी कुच्छ झिझक रही थी….क्या वो जो कर रही है क्या वो ठीक है? क्या किसी बेवा को शादी और सेक्स करने का अधिकार है? उसके अंदर डबल क्वेस्चन चल रहे थे….पर जब राज ने उसे समझाया तो उसने ठान लिया कि जो होगा देखा जाएगा……..आख़िर कब तक वो समाज से डरती रहेगी….आज तक उसके जीवन मे जो भी हुआ उसके लिए वो खुद तैयार नही थी…हालात ने ही ऐसा कर दिया था…और फिर उसके हज़्बेंड ने ही चाहा था कि वो किसी और मर्द की बाँहो मे सोए……शायद इसलिए कि वो जानता था कि मे इस लायक नही हू कि अपनी वाइफ को खुस रख सकु………………………रश्मि को कभी भी राजेश से प्यार नही हुआ…..हां हमदर्दी ज़रूर थी….और ना ही कभी उसकी कमी खली…..तभी तो उसके गायब होने की खबर वो खुद पोलीस को नही बताई…..

राज; ऐसा कब तक चलेगा.

रश्मि: ह्म्‍म्म्ममम

राज: तुम्हे डरने की ज़रूरत नही है….मे हू ना….और फिर हमने किसी का कत्ल तो नही किया है.

रश्मि: पर समाज और क़ानून को क्या बताओगे…जब प्रश्न पार्ट दर पार्ट खुलेगे तो उंगली हमलोगो पर तो उठेगी ना……?

राज: तो बताओ इसका क्या इलाज है…..हमने वही किया …जो हमारी शारीरिक ज़रूरते थी……मेने और ना ही तुमने कोई ग़लत काम तो किया नही है… मेरी मानो तो हमलोगो को सनडे को शादी कर लेनी चाहिए…..शाम के 6 पीयेम राम मंदिर मे शादी कर लेते है…….

रश्मि: पर अगर इनस्पेक्टर शर्मा पुछ्नेन्गे तो क्या कहेंगे?

राज: उसका इलाज है मेरे पास?

रश्मि: और अगर वो ये कहे कि तुम अभी अभी विधवा हुई हो और अब शादी कर ली वो भी अपने पति के बड़े भाई से……तो?

राज: सवाल तो पेन्चिदा है ज़रूर …पर क्या कर सकते है……

रश्मि: तो मेरी राई ये है कि अभी 2-3 मंत तक ऐसे ही चलते है……जब पोलीस की कार्यवाही ख़त्म हो जाएगी तभी शादी कर लेंगे…….और फिर सेक्स के लिए शादी की क्या ज़रूरत है……हम लोग ऐसे ही मिलेंगे जैसे अभी तक मिलते रहे है….समझे?

राज: बात तो तुम ठीक कह रही हो…अभी शादी की खबर रिस्तेदारो मे जाएगी तो बदनामी होगी…

ठीक है जैसा तुम चाहो…..और उसके होंठो को चूम लिया….रश्मिने भी अपने होठ खोल दिए….और दोनो एक दूसरे मे खो गये….करीब 30 मीं. की जबरदस्त चुदाई के बाद दोनो स्खलित हो गये….आज कई दिन बाद दोनो ने चुदाई की…..उसके बाद रश्मि ने खुद एक पत्नी की तरह राज के सीने को सहलाया और उसकी बाँहो मे ही सो गयी……………….राजने भी बिल्कुल नंगा अपनी वाइफ की तरह रश्मि को चिपका लिया और उसके होंठो और चुचियो से खेलते हुए सो गया………………………………..
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08-26-2018, 09:42 PM,
#38
RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
रश्मि ने उसके लंड को अपने हाथ मे लिया और उसे चूसने लगी....आज पहली बार उसके लंड का स्वाद उसे अच्छा लग रहा था......लंड इतना मोटा था कि उसके मुँह मे नही आ रहा था ....पर फिर भी रश्मि चूसने की कोशिश कर रही थी...फिर अपना सिर उठाकर पूछा.....

रश्मि: तुम मुझे छोड़ तो नही दोगे ना???? जैसे राजेश ने छोड़ा

राज: अरे नही मेरी जान....तुम तो मेरी जान से भी ज़्यादा हो.........................पर तुम ऐसे सवाल क्यो पुच्छ रही हो

रश्मि: एक डर सा लगता है.......कल के डेट मे कोई उल्टा सीधा हो जाए तो कोई तो हो जो नाव को पार लगाएगा

राज: तुम बेफ़िक्र रहो...जब तक मे जीवित रहूँगा...तब तक तुम मेरी बीबी की तरह रहोगी.....और हां मे अपना बिजनेस पार्ट्नर भी बनाने जा रहा हू...तभी तो मे कह रहा था कि तुम शॉप जाय्न कर लो.....जो मे दूसरे को जॉब दे रहा हू ....वो तुम करो.....नौकरी भी और एंजाय भी....और एक आँख मार दी...राज ने.

रश्मि: मुक्का मारते हुए....बदमास...मे सब जानती हू...तुम नेहा और अनिता के पिछे क्यो पड़े हो......क्या इरादा है......??????

राज: इरादा तो नेक है मेरी जान....पर तुम्हे जितना चोदो.....नशा और होता है.....एक बार और हो जाए....

रस्मी: नही.....सुबह के 8 बज गये है........और खाना भी बनाना है...दीदी आती होगी...

राज: अरे ये रहती कहां है?

रश्मि:पूजा करने गयी थी...मंदिर

राज: जिंदगी भर पूजा ही करेगी या इस पति को खुराक देगी.

रश्मि: इस पति को खुराक देने के लिए मे जो हू.....

राज: यानी की तुमने अपना काम बाँट लिया है

रश्मि : जी....रात को मे और दिन की दीदी

राज: और दोपहर को...???

रश्मि: नेहा, सुनीता, अनिता...और ना जाने कौन कौन.....

राज: तुम बहुत उस्ताद हो गयी हो....किसने बताया ये सब?

रश्मि: बस मालूम है...तुम्हारे मोबाइल को सर्च किया था...जिसमे अनिता का मिस्स्कल्ल और स्मस पढ़ा

राज; अरे ....???? तुम तो अभी से ही वाइफ बन गयी मेरी.

रश्मि: ऑफ कोर्स...वो तो मे हू ही.....

तभी घर का दरवाजा किसी ने खटखटाया......

रश्मि: शायद कोई है...मे जाती हू...आप बाथरूम मे चले जाओ....ना जाने कौन होगा...?????

अनिता की शादी के दिन तय हो गये…..वो अपना शादी का कार्ड ले कर आज आई थी….पूरे हॉस्पिटल और मेडिकल शॉप मे स्टाफ को कार्ड बाँटा…सभी ने उसे मुबारकबाद दिया……राज ने भी उसे मुबारकबाद दिया…पर अनिता कुच्छ बुझी बुझी आज दिखी…उसे ऐसा लग रहा था कि अब उसकी आज़ादी ख़त्म हो रही है……तब राज ने उसे चोट की…..

राज: क्या हुआ मेडम…तुम्हे तो खुस होना चाहिए….तुम्हारी शादी हो रही है…..वेल हॅपी?

अनिता की आँखो मे आँसू आ गये…….पर बोली कुच्छ नही…ह्म्‍म्म्मम

राज: तुम्हारे जो ख्वाब थे वो पूरे हो रहे है….हर लड़की का एक सपना होता है…शादी कर ससुराल जाना और जी भर कर जिंदगी का आनंद लेना……पर तुम इतनी उदास क्यो हो?

अनिता: पता नही…पर मुझे कुच्छ अच्छा नही लग रहा है….

राज: ये स्वाभाविक है….हर लड़की को शादी से पहले होता है….एग्ज़ाइट्मेंट तो होगी ही शादी की.

तुम एक बहुत अच्छी लड़की हो…..हमे तुम्हारे जाने का मलाल रहेगा….

अनिता: क्यो सर?

राज: क्योकि तुम काफ़ी सेक्सी जो हो….

अनिता: ओह फिर फ्लर्ट?

राज: क्या करे आदत से मजबूर जो हू…..

अनिता: अच्छा चलो मुझे कुच्छ शॉपिंग करनी है.

राज: एक शर्त पर चलूँगा….

अनिता: कैसी शर्त?

राज: हमलोग हज़्बेंड वाइफ बन कर चल्लेंगे….

अनिता: ये कैसे संभव है

राज: क्यो नही है?

अनिता : तो आप ही बताओ……और फिर हम दोनो मे उम्र का फासला ज़्यादा भी है

राज: तो क्या हुआ…..दिल से तो हम बन सकते है

अनिता:ह्म ……….अच्छा चलो….और कड़क आवाज़ मे बोली…..जिसमे रौब भी था और अपनापन भी

राज: अरे ये क्या?

अनिता: प्रॅक्टीस कर रही हू वाइफ बनने की

राज: तो फिर मुझे अपनी बाँहो मे उठाओ और दोनो हाथ उप्पर कर दिया

अनिता: उसकी तरफ झुकी और राज ने अपनी दोनो बाँहे उसकी गर्देन के चारो तरफ कर ली और उसे उठा लिया…………..अरे ये क्या….आपने तो मुझे गोदी मे उठा लिया…?

राज: अरे मेरी वाइफ हो तो इतना तो हक़ बनता ही है…………

अनिता: ओ…मिस्टर. वाइफ हू सिर्फ़ मन से तन से नही….ओके?? रिमेंबर

राज: जैसे आपकी इच्छा…पर मन से हो ना…?

अनिता: कुच्छ नही बोली …सिर्फ़ मुस्कुरा दी……………………अब चलो

राज ने उसे अपनी बाँहो मे लिया और उसके गालो पे एक किस कर दिया.

अनिता और राज बाइक पर सवार हो कर जाने लगे तभी अनिता का फोन आ गया …ये फोन था उसकी मा का….राज ने बाइक को किनारे कर दिया और अनिता अपनी मा से बाते करने लगी……करीब 3 मीं तक बाते होती रही और फिर अनिता ने बोला...मम्मी..मुझे थोड़ी देरी होगी...मे करीब 10 बजे तक आऊँगी....तुम खाना खा कर सो जाना.....मा: ठीक है बेटा.....तू अपना ख्याल रखना....

अनिता: ओके......

राज उसे बहुत गौर से घूर रहा था...आज अनिता एक वाइट सूट पहने हुए थी...वाइट शूयिट मे वो एक दम परी लग रही थी जब इंटरॅक्षन ख़त्म हुआ तो राज ने टोका...................क्या बात है आज लगता है मेडम कुच्छ ज़्यादा ही मुझे परेशान करेगी....

अनिता: क्यो...आपको परेशानी क्यो होने लगी.....? शादी की बात है.....शॉपिंग तो करनी होगी...

राज: मेडम.............ठीक है...जल्दी चलो...मौसम खराब होने वाला है....और फिर हम लेट भी हो रहे है......................

वो बात कर ही रहे थे कि ज़ोर ज़ोर से आँधी और आने लगी........................लो आपने कहा और शैतान हाज़िर....आपकी नज़र लग गयी....प्रोग्राम कंसिल.

राज: प्रोग्राम कंसिल क्यो...??? चलो बैठो..और उसने गाड़ी स्टार्ट कर दी.........................तभी बारिश जोरो की होने लगी.....आँधी और पानी का मिलन ऐसा लग रहा था कि आज राज और अनिता का भी मिलन ना हो जाए........................तभी राज ने गाड़ी रोड के किनारे लगाई और दोनो एक घर की बाल्कनी मे चले गये....और अपने आपको बारिश से बचाने लगे..................बारिश जोरो की होने लगी...............उस जगह पर सिर्फ़ ये दोनो ही थे.....पानी से अनिता और राज थोड़ा भींग चुके थे....अनिता के बाल और सूट गीले हो चुके थे.......जब 30 मीं तक बारिश नही बंद हुई तो राज ने घर को गौर से देखा....घर के मुख्य द्वार पर एक ताला लगा हुआ था....जैसे लगे मानो घरवाला कही बाहर गया हुआ है.....................राज ने अनिता से कहा...अगर तुम्हे बुरा ना लगे तो हम्दोनो इस घर मे चले?

अनिता: पर कैसे?

राज: कोई उपाय करते है

अनिता: मुझे सर्दी लग रही है....और पानी की लपते तेज हो गयी है....कही बीमार ना हो जाऊ

राज: अरे नही...मुझे रहते हुए तुम बीमार नही होगी...और हस्ने लगा...

अंटिया: यान्हा कोई चालाकी नही चलेगी ....बॉस. तुम वो ख़याल भी मत रखना.

राज: देखते है? पहले अंदर तो चलो. राज ने अनिता के हेर मे लगे क्लिप को निकाला और उसे ताले मे घुसा कर खोलने की कोशिश करने लगा

क्रमशः.......................................
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08-26-2018, 09:42 PM,
#39
RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-19

गतान्क से आगे.............................

ताले खोलने के एक्सपार्टीस को देखते हुए अनिता ने कहा; ताले खोलने मे तुम एक्ष्पर्त हो.....ऐसा लगता है काफ़ी ताले खोल चुके हो...

राज: हस्ते हुए.....कोई शक़ है?

अनिता: हस्ते हुए....नही पर मेरा ताला जब खॉलोगे तो देखेंगे?

राज: देख लेना मेरी जान...फिलहाल घर के अंदर तो चलो......काफ़ी अंधेरा है..............कॅंडल भी नही है और ना ही मोबाइल काम कर रहा है....ये तो सुबह से स्वितचॉफ्फ़ है...तुम अपना मोबाइल ऑन करो...........अनिता ने कहा...मेरा भी मोबाइल काम नही कर रहा है....लगता है पानी चला गया है................अब क्या करे?

राज: देखते है...क्या कर सकते है...तभी दोनो एक शख्त चीज़ से टकरा गये. और दोनो फर्स पर गिर गये.....दोनो एक दूसरे पर ऐसा गिरे कि दोनो के होंठ मिल गये.राज मौके का फयडा उठाने लगा और एक जोरदार किस कर दिया....

अनिता:ह्म्‍म्म्मम ये नही चलेगी मिस्टर.....बिहेव युवर सेल्फ़.

राज: अरे यार ताला खोलने के बदले कुच्छ नही दोगी...

अनिता: वेरी क्लीवर.....पहले लाइट का इंतज़ाम करो..............

तभी अनिता का दाया हाथ किसी लोहे की शख्त चीज़ से टकरा गया.....उसने उसे टटोलते हुए देखा..............ये कोई हथियार था जिसे हम "कुल्हाड़ी" कहते है

अनिता: अरे...ये क्या है????? ये तो कुल्हाड़ी है?

राज: कुल्हाड़ी??? यान्हा कुल्हाड़ी का क्या काम है...और वो भी कुल्हाड़ी को टटोलने लगा.......................वाकई ये तो कुल्हाड़ी है.....जब वो मुट्ते को च्छुआ तो उसपे चिपचिपा सा लगा हुआ था.......जब वो चिपचिपा अपनी नाक से सूँघा तो उसका माथा ठनका...ये तो खून धब्बे है.............ओह माइ गॉड....लगता है किसी का खून हुआ है इस कमरे मे .............भागो.......अनिता.....यान्हा से......पर जब दोनो दरवाजे तक आए...दरवाजा बाहर से लॉक हो चुका था................

राज और अनिता ..ज़ोर ज़ोर से चीखने लगे.....खोलो....दरवाजा, बचाओ...बचाओ...अनिता तो मानो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.......................पर अब किया क्या जा सकता है............................ये सोचना होगा.....

राज ने सोचा......कौन है जो बाहर से दरवाजा बंद किया.... जब वो शेड मे थे तो कोई और वन्हा नही था.....दूर दूर तक सिर्फ़ ये दोनो ही थे....और फिर कमरे मे बाहर से लॉक क्यो था........तभी उसने अनिता से कहा "हमे लगता है कोई हमे फसा रहा है" बहुत बारीकी से सोचना होगा...इस कमरे मे तहकीकात करना होगा...कि आख़िर इस कमरे मे क्या है...? हो सकता है इस कमरे मे किसी की डेड-बॉडी भी होगी....? तुम शांत हो जाओ...मे हू ना तुम्हारे साथ? चलो ढूँढते है...और दोनो एक एक चीज़ को टटोलकर कमरे को सर्च करने लगे.....

बादल की गड़गड़ाहट के साथ बारिश जोरो से हो रही थी…..जब बादल और बिजली कदक्ति थी तो रूम के अंदर रोशनी हो जाती थी जिसकी मदद से घर के दूसरे हिस्से को देख लेता था…राज और अनिता बड़ी सावधानी से कमरे का सर्च कर रहे थे…जहा पर कुल्हाड़ी पड़ी थी उसके 10 कदम पर नोकिया का मोबाइल पड़ा था….अनिता की आँखे चमक गयी उसने नोकिया का फोन उठा लिया और उसे ओन करने की कोशिश करने लगी…पर ये क्या ये तो ऑन ही नही हो रहा…..जब वो मोबाइल के बॅक पे अपनी उंगली ले गयी तो पाया कि मोबाइल की बॅटरी है ही नही…..उसने राज को बोला…..क्या आफ़त है….मे तो पागल हो जाऊंगी….मोबाइल मिला है….और वो भी बिना बॅटरी के…..मोबाइल के नाम पर राज चौंक गया उसने अनिता की ओर देखा और उसे अपनी बाँहो मे भर लिया और कहा…जब मोबाइल मिला है तो बॅटरी भी ज़रूर होगी यही कही…तुम अच्छी तरह चेक करो…मे दूसरी तरफ चेक करता हू……अनिताने एक मगरमच्छ की तरह पूरे फर्स का निरीक्षण किया….तभी उसे बॅटरी और मोबाइल का ढक्कन भी मिला……उसने उसे लिया और ख़ुसी से राज के गले लग गयी….बॅटरी को मोबाइल मे लगाया और ऑन किया………..थोड़ी देर मे मोबाइल ऑन हो गया….दोनो ख़ुसी से पागल हो गये……..राज ने मोबाइल को गौर से देखा…..कि आख़िर ये मोबाइल है किसका पर जब स्क्रीन मे जम देख कर वो बुरी तरह चौंक गया…………ये मोबाइल तो राजेश का है……………राज की धड़कने तेज होने लगी…..उसने मोबाइल का निरीक्षण किया….सेंट, मिस्ड-कॉल आंड इंबॉक्ष……6 मिस्ड-कॉल कोई बॉस लिखा और 2 मिस्ड-कॉल पर ऑफीस लिखा था………….सेंट आइटम मे 4 कॉल रंभा को किया गया था….और इंबॉक्ष मे 23 मे (जिस डेट को राजेश गायब हुआ था) के बाद की कॉल नही आइ थी……

राज को कुच्छ समझ मे नही आ रहा था..कि इस समय क्या किया जाए……तभी उसने सोचा सबसे पहले यान्हा से हमे निकलना चाहिए……तभी उसने सोचा कि मुझे रश्मि को फोन कर बता देना चाहिए कि हम यान्हा है…..जब राज रश्मि को फोन लगा रहा था तभी दरवाजा ज़ोर से खटखाया…..राज और अनिता दोनो एक दूसरे से चिपक गये…..अनिता की तो सिट्टी-पिटी गुम हो गयी वो भगवान से यही फरियाद कर रही थी कि जल्द से जल्द ये………दोनो एक पलंग के नीचे दुबक गये….राज ने देखा ..उस शख्स ने एक मोटी और काली कंबल ओढ़ रखी थी जो कि पानी से गीली थी…पर उस आदमी की शक्ल नही देख पाया…..फिर उसने धीरे से कुच्छ उठाया (कोई बोरे मे रखा समान) और फिर दबे पाँव घर से निकल गया….राज ने सोचा कि उसे दौड़ कर पकड़ लू तभी अनिता ने उसका हाथ खींच लिया…….और वो आदमी बाहर से दरवाजा बंद कर चला गया……………………….

राज: ये क्या किया तुमने??? मे उसे पकड़ सकता था………ना…और फिर वो कौन था और क्या ले जा रहा था…….

अनिता: धीरे से…उसके हाथ मे कॅटर था…जिसे देख कर मे डर गयी…और फिर ये क्यो नही सोचा कि जो समान वो ले जा रहा था वो किसी की लाश थी…………….

राज: लाश??? तुम्हे कैसे पता

अनिता: मेने गौर से देखा….कि जूट के बोरे मे से एक सिर बाहर झाँक रहा था…..वो किसी लड़की का सिर था.

राज: ये तुम दावे के साथ कैसे कह सकती हो???????

अनिता: वो ऐसे इसलिए कि जब मे मोबाइल की बॅटरी खोज रही थी तो मे किसी डेड-बॉडी से टकराई थी….जो कि किसी लड़की के लंबे बाल थे…………………

राज: पर अब क्या करे??? कुच्छ समझ मे नही आ रहा

अनिता: हम दरवाजे की तरफ पुनः चलते है…देखते है क्या कर सकते है…

राज और अनिता दोनो दरवाजे पर गये और ज़ोर ज़ोर से पीटने लगे…पर कुच्छ रेस्पॉन्स नही आ रहा था…हां किसी गाड़ी की स्टार्ट होने की आवाज़ ज़रूर आई…….लगता है वही आदमी लाश लोड कर के जा रहा है कही फेंकने के लिए……………

राज; यार कोई तो रास्ता होगा….
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08-26-2018, 09:43 PM,
#40
RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
अनिता का बहुत बुरा हाल था उसे चिंता अपने घर की हो रही थी.....उसकी मम्मी का बुरा हाल हो रहा होगा....पर वो करे तो क्या करे...इस मोबाइल मे बॅलेन्स है नही आउटगोयिंग हो नही सकता...और इनकमिंग कैसे आए....??? ये बहुत बड़ी समस्या थी अनिता की...पर राज का साथ था यही एक हिम्मत और मोटिवेशन की बात थी... वो गौर से राज को देखे जा रही थी जो कि वो घर से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था.......और उसे अपनी तरफ देखते ही उसने पूछा ......

राज: मेडम...? क्या हुआ??? तुम मुझे घूर घूर के क्यो देख रही हो...??? डर लग रहा है???

अनिता: नही??? मे सोच रही ही कि कैसा मेरा भाग्य है....एक तरफ शादी की तैयारी चल रही है और दूसरी तरफ......................????????????और वो अपनी नज़रे नीची कर ली........

राज: तुम परेशान मत हो....? मे हू ना...तुम सही सलामत घर जाओगी....मे सोच लिया है.......अभी मे वे2स्मस खोलकर रश्मि को स्मस करता हू........डॉन'ट वरी.

वे2स्मस के नाम से अनिता चौंक गयी....अरे वाह ....ये तो मेने सोचा ही नही ....इंटरनेट से हम अपना मेसेज दे सकते है......जल्दी खोलो....और दोनो मोबाइल इंटरनेट पर लग गये....

अनिता और राज ने अपने अपने पेरेंट्स को स्मस भेज दिया.....राज ने रश्मि को सारा ब्रितांत लिख दिया और अनिता ने अपनी मा को सिर्फ़ ये कहा कि वो कल तक आएगी...एक सहेली के घर पर रुकी हुई हू......................

अनिता काफ़ी खुस हो गयी...और राज भी ......अब उसे चिंता नही थी...कि तभी फोन बज गया........फोन रश्मि का था..............................................

रश्मि: कहाँ है आप???? हमलोगो को चिंता हो रही है....

राज: यार बहुत बड़ी मुसीबत मोल ले ली.......बुरी तरह फस गया हू.........और वो डीटेल्स मे सब-कुच्छ बता दिया....

पर ये नही बताया कि राजेश अभी जिंदा है................राज ने सोचा कि अगर वो बता देता तो शायद स्टोरी कुच्छ और हो जाएगी....क्योकि राजेश के जिंदा होने का सबूत तो राज के पास भी नही है.......तभी रश्मि ने पूछा ....तुम मुझे एग्ज़ॅक्ट अड्रेस बताओ ...मे अभी पहुँचती हू.........राज ने उसे कहा कि मे अड्रेस स्मस कर देता हू...पर तुम अभी मत आना...यान्हा जोरो की बारिश हो रही है....तुम सुबह करीब 5 बजे आना.....और हां इनस्पेक्टर शर्मा को भी लेकर आना....

फोन रखने के बाद राज ने अनिता को अपनी बाँहो मे लिया...और उसके होंठो पे एक किस करने लगा.....तभी दरवाजे पर कोई दस्तक हुई......दोनो घबरा गये....अनिता ने राज को और ज़ोर से भींच लिया....राज ने उसे अपनी गले से लगाते हुए कहा...घबराओ मत मे देखता हू.......राज ने उस कुल्हाड़ी को अपने हाथो मे ले लिया और फिर ज़ोर से दरवाजे को खोल दिया...पर बाहर से कोई दस्तक नही हो रही थी.........राज ने कुल्हाड़ी से एक जोरदार हमला किया...दरवाजे पर ....दरवाजे का एक पल्ला टूट गया.....राज ने अब दूसरा बार किया....अब दूसरा पल्ला भी नीचे से टूट गया......इतनी जगह बन गयी थी कि कोई आदमी आसानी से निकल सके.....राज ने नीचे झुक कर जगह का मुयाना किया...और देखा...पर एक तो बारिश और दूसरे अंधेरे की वजह से उसे कुच्छ नही दिखाई दे रहा था.....वो पिछे मूड कर अनिता की ओर देखा....कि मानो कह रहा हो कि क्या करे??????? अनिता का भी बुरा हाल था.....उसने धीरे से कहा....हम यही सुरक्षित है...बाहर मत जाओ....कही कोई गड़बड़ ना हो जाए....पर दरवाजा तो टूट चुका है..अबकोई भी आसानी से अंदर आ सकता है.....जो होगा देखा जाएगा....निकलो बाहर....................और राज ने सबसे पहले गौर से एक एक चीज़ को मुयायना किया और पहले अपना सिर निकाला और फिर अपने आपको.....फिर अनिता को बाहर निकालने की कोशिश की.....तभी एक बिल्ली उसपर गिर गयी.....दोनो बुरी तरह डर गये.....बिल्ली का भार राज पर था...उसके गालो पर पंजो के निशान उभर गये.....राज को दर्द भी हो रहा था.......राज अनिता को अपनी बाँहो मे लिए हुए खड़ा हुआ ...और धीरे धीरे दीवार के सहारे बरामदे मे आ गया.....जहा पर उसकी बाइक खड़ी थी........राज अनिता को लिए हुए बाइक के पास आया...पर पानी का जमाव काफ़ी हो गया था.......बाइक का पहिया पूरा पानी मे डूब चुका था.....ऐसे मे बाइक को स्टार्ट करना मुस्किल था......शित्त्तत्त........बाइक तो स्टार्ट होगी नही...क्या करे?????

अनिता: तभी मे कह रही हू...कि हमे इसी घर मे रात गुज़ारना होगा

राज: शायद तुम ठीक कह रही हो....पर अगर कोई हलचल होगी तो हमे तैयार रहना होगा..........ये कुल्हाड़ी बहुत काम की चीज़ है............डॉन'ट वरी....

चलते है वापस घर मे...क्योकि बारिस अभी भी जोरो से हो रही थी. राज और अनिता दोनो उसी घर मे आ गये...और अंदर से दरवाजा लॉक कर लिया......नीचे टूटे हुए पल्ले पर टूटे हुए पलंग के पल्ले रख दिए....ताकि कोई बिल्ली अंदर ना आ जाए...........तभी उसने पलट कर अनिता को देखा......डर लग रहा है???

अनिता: नही.....और उसे अपने बाँहो मे ले लिया....ह्म्‍म्म्मम

राज: इस डर को दूर करना हो तो मेरी एक राई है....?

अनिता: राई.....कौन सा राई....???

राज: सेक्स......डर को दूर भागता है.....तुम्हारा क्या इरादा है.

अनिता: धत्त्त...... आपको तो बस एक ही चीज़ सूझती है...हमे आफ़त हो रही है और आप बस...................और वो अपनी नज़रे नीचे कर ली...

राज: मे कोई ज़ोर ज़बरदस्ती नही करूँगा.....बस एक इज़ाज़त माँगी है.....मे तैयार हू...तुम्हारी रज़ामंदी चाहिए....

अनिता:कुच्छ नही बोली.....पर वो हल्की हल्की मुस्कुराने लगी......उसका ना बोलना राज ने हां समझा और उसे अपनी बाँहो मे ले लिया और फर्स पर आ गया.....अनिता ने भी उसे अपनी बाँहो मे ले लिया और उसके होंठो और गालो पर किस करने लगी.....

ये एक आमंत्रण था अनिता के तरफ से.............

उसके आमंत्रण को समझते हुए राज ने उसके बूब्स को अपने हाथो मे लिया और उसके होंठो को चूमने, चाटने लगा......आज पहली बार अनिता के चुचियो को इस तरह सहला और दबा रहा था राज .........उसे बहुत अच्छा लग रहा था....अनिता ने अपनी आँखे मूंद ली और राज के समानांतर पीठ के बल लेट गयी...और उसके शर्ट के बटन को खोलने लगी.....

राज मुस्कुराया और वो भी उसकी समीज़ को खोलने लगा......अपना हाथ पिछे ले जाकर उसके हुक्स को खोल दिया ....जिसे राज और अनिता दोनो ने मिलकर उसके शरीर से दूर कर दिया...फिर सलवार को भी निकाल दिया....अब अनिता सिर्फ़ एक ब्रा और एक पॅंटी उसके शरीर पर थी.......पर अंधेरा रहने के वजह से राज उसके शरीर को नही देख पा रहा था.......ये उसका दुर्भाग्य था.......और अनिता के लिए शर्म के गहने.

अब अनिताने भी राज को नंगा कर दिया था...उसके ब्रीफ जो कि वी शेप मे थी....जिसमे उसका लंड बाहर को आ गया था......अनिता ने जब उसे अपने हाथो से लिया तो काँप गयी...ये लंड है या गधा-लंड...इतना बड़ा लंड तो वो सिर्फ़ BF मे देखा था......अपनी सहेलियो के साथ...वो डर गयी....इससे तो उसकी चूत का किबड़ा हो जाएगा...पर वो अपने मुख से बोली कुच्छ नही.

राज: कैसा लगा ....???

अनिता: क्या???

राज: वही जिसे तुम पकड़ रखी हो?

अनिता: क्या पकड़ रखी हू?

राज: ये तो तुम बताओगि ना

अनिता: वही तो मे भी पुच्छना चाहती हू...कि क्या पकड़ रखी हू..और ज़ोर से उसके लंड को हिला दिया.....सूपड़ा बिल्कुल बाहर आ गया और फिर अंदर हो गया......

राज का तो बहुत बुरा हाल हो गया.......राज ने भी उसकी एक चुचि को अपने मुँह मे ले लिया दूसरी अपने हाथो मे...और ज़ोर ज़ोर से चूसने और दबाने लगा....

अनिता की चूत मे कुच्छ हलचल होने लगी.......

राज ने अनिता को सीधा लिटाया और उसकी आँखो मे खनक कर बोला......

राज: हाई डार्लिंग.....आज हमारी सुहागरात है.....

अनिता: शर्मा कर अपनी आँखे मूंद ली.....राज ने उसकी दोनो आँखो को चूम लिया और फिर आगे बोला.......देखो...अगर तुम साथ नही दोगि तो मे उतर जाउन्गा...और तुम कंवारी ही रह जाओगी......अनिता ने धीरे से कहा....इसमे मे क्या कर सकती हू...तुम मर्द हो....तुम्हे पहल करनी चाहिए.......

राज: तो तुम उसके लिए तैयार हो....

अनिता अब भी कुच्छ नही बोली...वो मन ही मन सोचा कैसा बुद्धू है....इतना भी नही समझता कि औरत का ना हां होता है......फिर मुस्कुराते हुए कहा....अब तो तुम समझ जाओ......क्यो तडपा रहे हो....

राज: नही जब तक तुम अपनी जवान से नही कहोगी...तब तक तुम्हे नही चोदुन्गा.

ये मेरा वादा है.

अनिता: तो फिर रहो अपने लंड पर हाथ रख कर....मुझे क्या?

राज: मे भी देखता हू......तुम कब तक अपनी जवानी को संभाले रखती हो.....और दोनो एक दूसरे मे किस, चूसा और सेडक्षन करने लगे.......अनिता का पूरा बदन टूट रहा था....उसका लंड सीधे उसके नाभि पर लग रहा था...जिससे उसे गुदगुदी हो रही थी.....

अनिता: अरे बाबा......मुझे अब बर्दास्त नही होता........

राज: तो क्या करू????

अनिता: तुम बहुत बेशर्म हो.....औरत का कुच्छ तो ख़याल रखो...तुम कई औरतो को चोद चुके हो.....मुझे भी औरत बना दो.

राज: पर कैसे.....??? मुझे कुच्छ नही आता...और फिर किस औरत को चोदा?

अनिता: ओहूऊओ...जैसे कि पता ही नही है...मुझे सब पता है.....तुम
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