Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
02-19-2020, 01:47 PM,
#91
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
प्रिया अब बुरी तरह डर गई थी ... वो अपने ही जाल में फँस गई थी, उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे और क्या ना करे। विकास ने उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया और लंड का उसके होंठों से स्पर्श करवा दिया।

विकास- अरे क्या हुआ.. कुछ तो बोल.. आज मौनव्रत रख कर आई है क्या? और तेरे मम्मे इतने कड़क क्यों लग रहे हैं.. कुछ अलग ही लग रहे हैं ... ले, अब तो लौड़ा मुंह के पास आ गया ... चूस ना यार…

विकास के चूचे दबाने से प्रिया का मन मचल गया और उसने धीरे से लौड़े का सुपाड़ा मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी।

विकास- आह्ह.. मज़ा आ गया.. अरे मुँह में पूरा ले ना आह्ह..

विकास का लौड़ा झटके से अपने असली रूप में आ गया था। प्रिया ने डरते-डरते पूरा लौड़ा मुँह में ले लिया और मज़े से चूसने लगी।

विकास- आह मेरी जान! ओफ्फ, मज़ा आ गया आह्ह.. आज तो तू कुछ अलग ही अंदाज में चूस रही है आह्ह.. उफ़फ्फ़…

प्रिया अब वासना की आग में जलने लगी थी. उसकी चूत रिसने लगी थी। वो और जोश में लौड़ा चूसने लगी। जब विकास की आँख ठीक हुई, उसने आँखें खोल ली थीं पर वो प्रिया को दीपाली समझ कर उसकी चून्चियां दबा रहा था। दरअसल प्रिया की पीठ उसकी तरफ थी और वो लौड़ा चूस रही थी। उसका जिस्म भी दीपाली जैसा ही था.. बस त्वचा की रंगत का फ़र्क था जिसके कारण विकास को अब तक कुछ पता नहीं लगा। वो बस लौड़े की चुसाई का आनन्द ले रहा था और प्रिया भी मज़े ले रही थी।

विकास- ओफ्फ आह्ह.. चूस.. मेरी जान आह्ह.. आज तेरी चूत और गाण्ड का भुर्ता बना दूँगा आह्ह.. अब बस भी कर.. लौड़ा चूस कर ही ठंडा करेगी क्या आह्ह..? चल अब चूत का मज़ा लेने दे आ जा मेरी जान…

विकास ने प्रिया के सर को पकड़ कर लौड़े से हटाया और उसके चेहरे पर नज़र पड़ते ही उसके होश उड़ गए। प्रिया भी एकदम से घबरा गई.. जैसे लंबी बेहोशी के बाद होश में आई हो। अब विकास से नज़रें मिला पाना उसके लिए मुश्किल हो रहा था, उसने नजरें झुका लीं।

(ओह.. सॉरी मित्रों.. आपको थोड़ा रुकना होगा, कुछ जरूरी बात बतानी है.. आपको बता दूँ.. दीपाली जब अनुजा के पीछे गई थी। तभी प्रिया यहाँ आई थी। सारी घटनाएं एक साथ हो रही हैं तो आपको बता दूँ कि दीपाली वहाँ बिज़ी थी। देखें कि प्रिया, जो यहाँ अपनी हीरोइन है, कहाँ तक पहुँची है. कहीं ऐसा ना हो दीपाली आ जाए और दोनों को इस हाल में देख ले।)
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02-19-2020, 01:47 PM,
#92
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली वापस रिक्शा में आ रही थी तभी रास्ते में मैडी और सोनू बाइक पर जा रहे थे.. दोनों ने उसे देख लिया दीपाली की भी नज़र उन पर पड़ गई।

दीपाली- अरे ये कहाँ से आ गए.. अब सर के घर जाना ठीक नहीं.. क्या पता ये पीछे आ जाएं।

दीपाली ने रिक्शा अपने घर की ओर ले लिया और घर के पहले मोड़ पर उतर गई। मैडी भी उसका पीछा करता हुआ आ गया। दीपाली ने उनको नज़रअंदाज किया और घर की तरफ चल दी।

मैडी- दीपाली एक मिनट रूको तो प्लीज़…

दीपाली- अरे तुम यहाँ क्या कर रहे हो.. बोलो क्या बात है?

मैडी- दीपाली कहाँ जाकर आई हो तुम?

दीपाली- एक्सक्यूज मी.. तुम होते कौन हो मुझसे सवाल पूछने वाले?

मैडी- सॉरी यार.. तुम तो बुरा मान गईं.. मेरा वो मतलब नहीं था.. कल आ रही हो ना?

दीपाली- हाँ यार पक्का आऊँगी.. बोला ना अब जाओ. मुझे ऐसे रास्ते में खड़ा होना पसन्द नहीं है।

मैडी- ओके थैंक्स.. बाय.. चल बे क्या खड़ा है चल…

दोनों वहाँ से जाने लगे.. दीपाली वहीं खड़ी उनको जाते हुए देख रही थी.. वो बात करते हुए जा रहे थे।

सोनू- यार साली, दिन-ब-दिन क़यामत होती जा रही है.. कल का क्या सोचा है.. अब तो बता दे.. कहीं ऐसा ना हो.. कल ये आए भी और हम कुछ भी ना कर सकें।

मैडी- अबे चूतिया साला.. जब भी बोलेगा उल्टी बात ही बोलेगा… इसके लिए मैंने इतना खर्चा किया.. ऐसे थोड़े ही साली को जाने दूँगा.. चल दीपक के पास चलते हैं, तीनों मिल कर बात करेंगे.. उसके सामने ही कल का प्लान बताऊँगा.. तब तुझे समझ आएगा।

सोनू- अरे अभी नहीं.. बाद में जाएँगे पहले एक जरूरी कम निपटा आते हैं.. उसके बाद पूरा दिन में फ्री हूँ यार…

मैडी- कौन सा जरूरी काम बे?

सोनू- यार, पापा के दोस्त के घर ये पेपर देने हैं बस उसके बाद फ्री ही फ्री.. चल अभी तो बाइक भी है.. बाद में आते हैं ना दीपक के पास…

मैडी ने ना-नुकुर की और फिर मान गया दोनों वहाँ से चले गए।

दीपाली- चले गए हरामी.. अब जाती हूँ मेरे राजा जी के पास. बेचारे राह देख रहे होंगे. दीदी भी नहीं हैं घर पर. वो तो वहाँ अपनी सहेली के साथ बिज़ी हैं।

दीपाली विकास के घर की तरफ बढ़ने लगती है।

(अरे दोस्तो, अब क्या होगा? प्रिया भी वहीं है. चलो, आपको वापस वहाँ ले चलती हूँ.. मज़ा आएगा।)

विकास- प्प..प्प..प्रिया तुम.. यहाँ क्या कर रही हो?

प्रिया- व..व..वो सर मैं स..सवाल पूछने आई थी.. मगर आपने..

विकास- ओह्ह.. मैंने समझा दीपाली आई.. न..न..नहीं मेरी बीवी आई है.. ऐसा समझा सॉरी.. ग़लती से मेरे मुँह से ‘दीपाली’ निकल गया।

विकास ने तब तक लोवर ऊपर कर लिया था उसका लौड़ा अभी भी तना हुआ था।

प्रिया- आप मुझे दीपाली ही समझ रहे थे.. मैं सब जानती हूँ।

विकास- क..क्या? तुमको कैसे पता?

प्रिया- वो सब बाद में बताऊँगी.. दीपाली कहाँ है.. मैं उसके लिए ही आई थी।

विकास- अभी तक तो नहीं आई.. आने ही वाली होगी.. तुम जल्दी से निकलो.. अगर वो आ गई तो गड़बड़ हो जाएगी.. तुमको फिर कभी मज़े करवाऊंगा।

प्रिया- सॉरी, आप गलत समझ रहे हो.. दीपाली ने कई बार मुझसे आपके बारे में कहा.. मैंने हमेशा मना ही किया और आज भी मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था। बस सब इत्तफ़ाक़ से हो गया.. ओके मैं जाती हूँ ... प्लीज़ आप भी उसको कुछ मत बताना।

विकास- अच्छा इत्तफ़ाक़ से हो गया.. लौड़ा तो बड़े मज़े से चूस रही थी.. अब जाने दो. तुम्हारी मर्ज़ी.. अच्छा अब जाओ.. मैं क्यों उसको बताऊँगा?

प्रिया जब दरवाजे के पास गई.. बस खोलने ही वाली थी कि विकास भाग कर उसके पास आ गया।
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02-19-2020, 01:47 PM,
#93
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
विकास- रूको, पहले मुझे देखने दो बाहर कोई है तो नहीं ना?

प्रिया साइड में हो गई.. विकास ने थोड़ा सा दरवाजा खोला ही था कि सामने से दीपाली आती हुई नज़र आई विकास ने जल्दी से दरवाजा बन्द कर लिया।

विकास- लो आ गई दीपाली. अब तुमको यहाँ देखेगी तो हम दोनों से ना जाने कितने सवाल पूछेगी. तुम ऐसा करो वो सामने वाले कमरे में छुप जाओ जब मैं उसको ले कर इस कमरे में आऊँ, तब तुम निकल जाना।

प्रिया- मगर सर… छुपने की क्या जरूरत है..??

वो आगे कुछ बोलती विकास उसका हाथ पकड़ कर दूसरे कमरे में ले गया और दरवाजा बन्द कर दिया। तभी दीपाली ने घन्टी बजा दी।

प्रिया- मेरी पूरी बात भी नहीं सुनी.. दीपाली को बोल देती सवाल पूछने आई थी.. सर भी ना पागल है.. वैसे लौड़ा बड़ा मस्त है उनका.. तभी दीपाली उनके प्यार में पागल हो गई है।

विकास- आ रहा हूँ रूको…

विकास ने दरवाजा खोला और दीपाली को देख कर उसको मुस्कान दी।

विकास- अब आ रही हो.. तुम्हारा कब से इन्तजार कर रहा हूँ।

दीपाली- हाँ जानती हूँ.. अकेले बोर हो रहे होगे.. अब अन्दर भी चलो.. क्या सारी बात यही करोगे?

विकास पीछे हट गया.. दीपाली अन्दर आ गई।

विकास- तुमको कैसे पता मैं अकेला हूँ?

दीपाली- व्व..वो बस ऐसे ही अंदाज से बोल दिया मैंने.. तो क्या सच में दीदी घर पर नहीं है?

विकास- हाँ, अपनी सहेली से मिलने गई हैं.. तुम इतनी देरी से क्यों आई हो?

दीपाली- वो घर पर थोड़ा काम था मुझे.. अब क्या सवाल करने लगे आप.. चलो थोड़ी मस्ती करते हैं।

विकास- आ जा मेरी जान कमरे में.. आज तो पूरा दिन तेरी चूत और गाण्ड बजा कर मज़ा लूँगा..

दीपाली- वहाँ नहीं, आज उस कमरे में चुदवाऊँगी.. हमेशा एक ही कमरे में मज़ा नहीं आता.. आज दूसरे कमरे में चलो..

जिस कमरे में प्रिया थी.. दीपाली उसी तरफ बढ़ने लगी।

विकास- रूको दीपाली, आज तुम्हें क्या हो गया है.. उस कमरे में क्या खास है? चूत में लौड़ा डालना है.. चाहे इस कमरे में डालो या उसमें, क्या फ़र्क पड़ जाएगा?

दीपाली- मुझे तो कुछ नहीं हुआ मगर आपको शायद कुछ हो गया है. इतने घबरा क्यों रहे हो? कोई और लड़की है क्या उस कमरे में? हा हा हा…

विकास- त..तू भी पागल है.. और कौन आएगी यहाँ? चल उसमें ही चल, आज तुझे वहीं चोदता हूँ।

दीपाली- ये हुई ना बात.. चलो उस कमरे में जाने का कारण है कि मैं घर के हर एक कोने में आपसे चुदना चाहती हूँ ताकि घर का कोना-कोना हमारे मिलन को याद रखे.. अब आ जाओ।

प्रिया अन्दर से दोनों की बात सुन रही थी उसको बड़ा मज़ा आ रहा था। उनकी बातों को सुन कर वो पर्दे के पीछे छुप गई। दीपाली ने दरवाजा खोला तो विकास की सांस कुछ देर के लिए थम गई। वो जल्दी से अन्दर आया और चारों तरफ़ निगाह घुमाई।

दीपाली- आ जाओ मेरे राजा जी, ये पलंग भी अच्छा है.. आज यही मज़ा लेंगे।

जब प्रिया कमरे में नहीं दिखी तो दीपक की जान में जान आई.. मगर उसकी निगाहें अब भी उसे ढूँढ रही थीं.. उसको तो पता था कि वो यहीं कहीं छुपी हुई है।

दीपाली- राजा जी, कपड़े मैं निकालूँ.. या आप निकालोगे?

विकास- अरे मेरी जान, मैं ही निकालूँगा.. आ जा मेरी रानी, आज तो बड़ी जबरदस्त चुदाई करूँगा तेरी..

दीपाली के सामने खड़ा हो कर विकास उसके कपड़े निकालने लगा। तभी पर्दे के पीछे से प्रिया ने झाँक कर अपनी मौजूदगी उसे बता दी कि मैं यहाँ हूँ। विकास ने इशारे से उसे वहीं रहने को कहा और दीपाली को नंगा करने में लग गया।

विकास- जान, मैंने कहा था ना.. ब्रा का साइज़ अब बड़ा ले आओ.. देखो कैसे तूने इसमें ज़बरदस्ती चूचों को जकड़ा हुआ है..

दीपाली- मेरे राजा, आप शायद भूल गए ब्रा आपको ही ला कर देनी है.. मुझे भी अब महसूस हो रहा है.. आज बड़ी मुश्किल से ब्रा पहनी मैंने देखो.. पहले इस पहले हुक में बन्द करती थी.. अब तो आखिरी वाले में भी बड़ी मुश्किल से आई है।

विकास अब थोड़ा खुल कर बात कर रहा था शायद वो प्रिया को रिझाने के लिए ये सब बोल रहा था।

विकास- मेरी जान, आज तेरी चुदाई के बाद साथ में जाएँगे.. तुझे ब्रा के साथ नई पैन्टी भी दिला दूँगा.. तेरे चूतड़ भी अब बड़ी होने लगे है।

दीपाली- हाँ.. राजा, उफ्फ क्या कर रहे हो? मेरे चूचे इतनी ज़ोर से दबा दिए.. अब देखो, आज आपके लौड़े को खा जाऊँगी।

विकास ने लोवर निकाल दिया. दीपाली के कपड़े निकालते हुए उसका लौड़ा तन गया था।

विकास- लो जानेमन, लौड़ा हाजिर है.. खा जाओ इसको।

दीपाली घुटनों के बल बैठ गई और लौड़े को मुँह में ले कर बड़े मज़े से चूसने लगी।

विकास- आह.. चूस जान आह्ह.. एक बात कहूँ रात को सपने में एक परी आई थी… वो लौड़ा बड़े अलग तरीके से चूस रही थी.. बड़ा मज़ा आया मुझे ... वैसे चूसो ना…

विकास ने प्रिया को सुनाने के लिए ये बात कही ताकि उसको अच्छा लगे.. दरअसल विकास की नियत प्रिया पर बिगड़ गई थी। अब वो किसी भी तरह उसको चोदना चाहता था।
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02-19-2020, 01:48 PM,
#94
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली- आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. आज तो आपका लौड़ा बहुत कड़क हो रहा है.. आह्ह.. कोई परी मुझसे अच्छा कोई नहीं चूस सकती.. मैं हूँ लौड़े की सबसे बड़ी दीवानी आह्ह..

दीपाली जीभ से विकास के लौड़े और गोटियों को चूस और चाट रही थी। दीपाली की पीठ प्रिया की तरफ थी। प्रिया थोड़ी सी पर्दे के बाहर निकल कर सब देख रही थी। उसकी चूत भी पानी-पानी हो गई थी और ना चाहते हुए भी उसका हाथ चूत पर चला गया जिसे विकास ने देख लिया।

विकास- आह्ह.. चूस जान.. तेरी चूत की खुजली ऐसे नहीं जाएगी आह्ह.. इसे मेरा लौड़ा ही मिटा सकता है.. आह्ह.. तू एक बार मेरा लौड़ा आह्ह.. ले कर तो देख आह्ह.. बड़ा मज़ा आएगा आह्ह..

दीपाली- हाँ मेरे राजा जी.. ज़रूर लूँगी एक बार क्या.. बार-बार लूँगी आह्ह.. अब मेरी चूत चाट कर बस घुसा दो लौड़ा.. आह्ह.. जल्दी से घुसा दो ... चूत जलने लगी है।

विकास ने दीपाली को बिस्तर पर ऐसे सुलाया कि उसका सर प्रिया की तरफ़ हो. वो कुछ देख ना पाए और उसकी टाँगों को पूरा मोड़ कर उसकी चूत पे निगाह मारी।

विकास- अरे दीपा रानी, आज ये चूत ऐसे खुली हुई कैसे लग रही है.. क्या रात को कोई मोटा डंडा घुसाया है तूने इसमें?

दीपाली सकपका गई. भिखारी ने चूत को खोल दिया था और विकास ने देख भी लिया।

दीपाली- आह्ह.. आपके डंडे के सिवा और डंडा कहा से लाऊँगी आह्ह.. रात को बहुत मन था तो ऊँगली से मज़ा ले रही थी.. आह्ह.. अब आप मत तड़पाओ, चाटो ना आह्ह.. मेरी चूत को…

विकास ने अपनी जीभ चूत में घुसा दी और बस चाटने लगा।

दीपाली- आ सर उह मज़ा आ गया आह्ह.. सच्ची आपके चाटने का तरीका बहुत मस्त है आह्ह.. चाटो मेरी चूत ... चाटो, मेरे राजा।

प्रिया की अब हिम्मत बढ़ने लगी थी.. वो थोड़ी और बाहर निकल कर उनकी चुसाई-लीला देख रही थी और अपनी चूत मसल रही थी। विकास ने जब चूत से मुँह ऊपर उठाया, प्रिया आँखें बन्द कर के चूत रगड़ रही थी.. जिसे देख के विकास के लौड़े में ज़्यादा तनाव आ गया और आना ही था.. दीपाली को वो कई बार चोद चुका था.. प्रिया नई थी और किसी नई चूत के लिए लंड की लालसा.. आप जानते ही हो.. वो और ज़्यादा अकड़ गया।

विकास- बस जानेमन.. अब तेरी चूत में लौड़ा डाल कर आज इसका भुर्ता बना दूँगा.. देख आज लौड़ा तुझे देख कर कैसे फुफकार मार रहा है।

प्रिया ने आँखें खोल कर लौड़े पर नज़र डाली.. वो सब समझ रही थी कि विकास जो कुछ भी बोल रहा है.. उसे देख कर ही बोल रहा है।

दीपाली- आह्ह.. घुसा दो राजा.. अब बर्दास्त नहीं होता. कर दो चूत को ठंडा.. आह्ह.. आज तो ये निगोड़ी चूत बहुत जल रही है।

विकास ने एक ही झटके से पूरा लौड़ा चूत में पेल दिया।

दीपाली- आईईइ मज़ा आ गया आह्ह.. सर आपकी ये फोर्सड एंट्री बहुत मज़ा देती है.. आह्ह.. अब शुरू हो जाओ आह्ह.. रगड़ो आह्ह.. चोदो, मेरे राजा.. मेरी चूत आपकी ही है.. आह्ह.. चोदो।

विकास घपाघप लौड़ा पेलने लगा। ये सब देख कर प्रिया की हालत खराब होने लगी थी.. मगर वो ना जाने क्यों छुपी हुई थी.. अब उसने स्कर्ट के अन्दर हाथ डाल लिया था और चूत को मसल रही थी। विकास ने इशारे से उसे स्कर्ट निकालने को कहा तो वो मुस्कुरा दी।

दीपाली- आह्ह ... चोदो राजा, बहुत मज़ा आ रहा है. आह ... उईईइ…

विकास- ले मेरी जान तेरे लिए तो जान हाजिर है.. आह्ह.. ऐसे मज़ा नहीं आएगा. खुल कर चुदवा ... आह्ह.. ले जान, उहह उहह पूरा ले आह्ह.. ले..

विकास की बातें दीपाली समझ नहीं पा रही थी मगर प्रिया अच्छी तरह सब समझ रही थी.. उस पर वासना हावी हो गई थी और विकास की बातें उस पर असर करने लगीं। उसने स्कर्ट और पैन्टी नीचे कर दी। अब उसकी फूली हुई चूत विकास को दिखने लगी। वो और जोश में दीपाली को चोदने लगा।

दीपाली- आह! उह.. मर गई.. उई आह! मेरा पानी निकलने वाला है ओफ्फ.. गई रे ... आआह्ह!

दीपाली की चूत ने पानी छोड़ दिया मगर विकास कहाँ झड़ने वाला था.. वो तो दे-दनादान चुदाई कर रहा था। इधर प्रिया भी चूत में ऊँगली कर रही थी।

दीपाली- आ आह्ह.. मेरे राजा आह्ह.. मेरी चूत ठंडी हो गई आह्ह.. अब गाण्ड मार लो आह्ह.. चूत से लंड निकाल लो।

विकास ने लौड़ा निकाला और झट से दीपाली को उठा कर दूसरी तरफ़ झुका दिया यानि घोड़ी बना दिया और उसकी गांड पर थूक कर लौड़ा गाण्ड में पेल दिया।

दीपाली- आह इतने भी क्या बेसब्र हो रहे हो अई कमर में झटका लग गया आह्ह.. छोड़ो अब आह्ह.. मेरी गाण्ड का मज़ा लो मेरे राजा आह्ह..
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02-19-2020, 01:48 PM,
#95
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
अब विकास की पीठ प्रिया की तरफ़ थी.. वो लगातार दीपाली की गाण्ड में शॉट लगाते जा रहा था। कोई दस मिनट ताबड़तोड़ धक्के मारने के बाद विकास के लौड़े से लावा फूट गया और लौड़ा जड़ तक गाण्ड में घुसा कर वो झड़ने लगा।

विकास- आह मज़ा आ गया साली.. तेरी गाण्ड आज भी टाइट की टाइट है। चूत तो थोड़ी ढीली हो गई आह्ह…

प्रिया तेज़ी से ऊँगली कर रही थी मगर ऐसे खड़े हुए उसे ज़्यादा मज़ा नहीं आ रहा था।वो थोड़ी देर और करती तो शायद झड़ जाती मगर तब तक विकास ने लौड़ा गाण्ड से बाहर निकाल लिया और पीछे हाथ कर के प्रिया को छुपने का इशारा कर दिया।

दीपाली- आह्ह.. मेरे राजा आज तो पहली बार में ही तुमने चूत और गाण्ड दोनों का मज़ा ले लिया। मुझे भी बड़ा मज़ा आया ओफ्फ क्या मस्त चुदाई की आपने…

दोनों थोड़ी देर दोनों बात करते रहे.. प्रिया वहीं छुपी रही.. उसने स्कर्ट अब पहन लिया था।

दीपाली- मेरे राजा, आज तो आपका लौड़ा बड़ा तना हुआ था.. मेरी गाण्ड की हालत खराब कर दी.. मैं बाथरूम जा कर आती हूँ।

दीपाली के बाथरूम में जाते ही विकास झट से खड़ा हुआ. प्रिया भी पर्दे के पीछे से बाहर आ गई।

प्रिया ने धीरे से कहा- अब मैं निकल जाती हूँ।

विकास- क्यों मज़ा आया ना.. कभी तुमको लेना हो तो बता देना।

प्रिया ने मुस्कुरा कर नजरें नीची कर लीं.. विकास अब भी नंगा था उसका लौड़ा मुरझा कर लटक गया था।

प्रिया- सोचूँगी इसके बारे में….

प्रिया ने लंड की तरफ इशारा करके ये बात कही.. विकास ने झट से उसे गले लगा लिया और उसके होंठ चूसने लगा। प्रिया ने भी साथ दिया मगर ये चुम्बन ज़्यादा नहीं चला.. दीपाली कभी भी आ सकती थी।

विकास- अब तुम जाओ.. दीपाली आती होगी आज पूरा दिन उसकी चुदाई करूँगा.. कभी मन हो तो आ जाना.. अब जाओ जल्दी से…

प्रिया जल्दी से बाहर निकल गई.. वासना की आग में जलती हुई वो अपने घर की तरफ जा रही थी। उसकी चूत में आग लगी हुई थी. अधूरी जो रह गई थी वो….

प्रिया- उफ़फ्फ़! आज मन नहीं था मगर सर ने चूत में आग लगा दी.. अब तो दीपक को बुलाना ही होगा।

प्रिया बड़बड़ाती हुई जा रही थी तभी सामने से दीपक आता दिखाई दिया.. उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।

प्रिया- ओह्ह, भाई अच्छा हुआ आप यहाँ मिल गए.. चलो आपकी मुराद पूरी कर दूँ।

दीपक- तू कहाँ जा कर आई है.. और कहाँ चलें?

प्रिया- वो सब बातें बाद में.. चलो ये देखो चाभी मेरे पास ही है. वो घर खाली है.. वो आदमी वहाँ शाम को आएगा।

दीपक- मुझे पता ही था वहाँ कोई नहीं होगा.. वो साली सुबह झूठ बोली।

प्रिया- अरे नहीं भाई, वो सच बोल रही थी। वो आदमी घर से अभी निकला है.. वो अकेला रहता है.. शाम तक आएगा.. अब चलो।

दीपक- अच्छा चल.. वो नहीं आई.. क्या उस साली के चक्कर में तो मैं बहनचोद बना हूँ।

प्रिया- वो आ जाएगी.. पहले हम तो पहुँचे वहाँ…

दीपक ने इधर-उधर देखा और दोनों सुधीर के घर की ओर चल पड़े। वो दोनों सुधीर के घर में दाखिल होने ही वाले थे कि मैडी और सोनू बाइक पर वहाँ से गुजर रहे थे. सोनू की नज़र दोनों पर पड़ गई।
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02-19-2020, 01:48 PM,
#96
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
सोनू- अरे रुक… रुक..

मैडी ने ज़ोर से ब्रेक लगाया..

मैडी- क्या हुआ बे, साले? गाण्ड में डंडा घुस गया क्या जो इतनी ज़ोर से उछला तू?

सोनू- अबे साले, मैंने जो देखा वो तू भी देख लेता तो ऐसे ही उछलता…

मैडी- अब क्या देख लिया तूने.. साले वैसे भी आजकल तू कुछ ज़्यादा ही देखने लगा है।

सोनू- यार अभी-अभी उस घर में दीपक और प्रिया गए हैं।

मैडी- साले, ऐसा क्या खास देख लिया तूने उसमें जो तुझे हर जगह प्रिया नज़र आ रही है।

सोनू- नहीं यार सच.. अन्दर वो दोनों ही गए हैं।

मैडी- अबे, गए होंगे. इसमें चौंकने वाली क्या बात है? किसी से मिलने गए होंगे.. कोई काम होगा उनको.. वो भाई-बहन हैं. दीपाली और दीपक होते तो शायद मुझे अजीब लगता.. अब चलूँ या तू यहीं रुक कर उनका इन्तजार करेगा?

सोनू- कहाँ जा रहा है.. दीपक से मिल कर कल के बारे में बात करनी है ना.. भूल गया क्या? वो बाहर आएगा तब यहीं से उसको साथ ले लेंगे.. इसी बहाने प्रिया को भी देख लेंगे।

मैडी- अभी वो गए हैं. क्या पता कितनी देर में आयें.. हम शाम को बात कर लेंगे। अभी मुझे घर जाना है.. तू रुक. तू ही देख तेरी काली प्रिया को.. मैं चला….

सोनू को थोड़ा गुस्सा आया.. मगर वो कुछ ना बोला और वहीं रुक गया। मैडी अपने घर की ओर चल दिया। सोनू वहीं खड़ा कुछ सोच रहा था।

सोनू- साला ये घर किसका है.. यहाँ से कभी किसी को आते-जाते नहीं देखा.. मेरे हिसाब से यहाँ कोई नहीं रहता है.. वो दोनों किसके पास गए होंगे?

थोड़ी देर बाद उसके दिमाग़ में झटका सा लगा और अपने आप से ही उसने बात की।

सोनू- अरे बेटा सोनू, बन्द घर में दोनों एक साथ गए है. दाल में जरूर कुछ काला है.. अब तो ताक-झाँक करनी ही पड़ेगी…

सोनू घर के पास जा कर अन्दर झाँकने की कोशिश करने लगा.. पीछे की तरफ एक खिड़की उसे खुली हुई दिखी.. बस वो अन्दर घुस गया।

(दोस्तों, अब विकास के घर का सीन देखते हैं. वहां क्या चल रहा है?)

दीपाली बाथरूम से बाहर आ गई और विकास को देख कर मुस्कुराने लगी।

विकास- क्या हुआ मेरी जान.. मुस्कुरा क्यों रही हो?

दीपाली- कुछ नहीं.. ऐसे ही.. बस. पर आप ऐसे दरवाजे पर क्यों खड़े हो.. क्या इरादा है?

विकास- अरे कुछ नहीं.. मुझे लगा बाहर कोई है तो बस देखने चला आया।

दीपाली- अच्छा ये बात है.. आप आज कुछ बदले-बदले लग रहे हो सर….

विकास- क्या बोल रही हो.. मैं तो वैसा ही हूँ जैसा रोज रहता हूँ।

दीपाली- अच्छा वैसे ही हो.. तो आप नंगे ही दरवाजे पर देखने गए थे कि कौन है बाहर.. वाह वेरी गुड….

दीपाली की बात से विकास थोड़ा भ्रमित हो गया और झुंझला गया।

विकास- तुम तो किसी शक्की बीवी की तरह बात कर रही हो.. इतना तो मुझे कभी अनुजा ने भी नहीं कहा।

दीपाली- इसमें शक की तो कोई बात ही नहीं.. मैं तो बस ये कह रही हूँ.. आपको कोई टेन्शन है क्या? आज बदले से लग रहे हो…

विकास ने बात को संभालते हुए कहा- जान सॉरी, बस थोड़ा गुस्सा आ गया.. यहाँ आओ मेरी रानी…

दीपाली भाग कर विकास के सीने से लिपट गई।

दीपाली- सर आई लव यू.. प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो.. मुझसे कभी गुस्सा मत करना.. मैं आपकी छोटी वाइफ हूँ ना…

विकास- हाँ मेरी जान.. तू तो मेरी छोटी परी है.. चुदने वाली परी.. तूने तो मुझे अपनी चूत और गाण्ड दी है.. वो भी एकदम सील पैक.. तुझे कभी गुस्सा नहीं करूँगा.. चल आ जा. बिस्तर पर आ जा.. देख तेरे चिपकने से लौड़ा खड़ा हो रहा है।

दीपाली ने हल्के से लौड़े पर एक चपत मारी।

दीपाली- बड़ा बदतमीज़ है.. जब देखो खड़ा हो जाता है.. चल आ जा तुझे प्यार से सुलाती हूँ. चूस चूस कर आज तेरा सारा पानी निकाल दूँगी.. फिर होना कड़क…

विकास- हा हा हा! चल आ जा, मेरी जान.. निकाल दे इसका पानी.. तेरे चूचे मुझे बुला रहे हैं पहले इनका रस पी लूँ.. उसके बाद लौड़े के साथ जो करना है.. तू कर लेना।

विकास चूचों से ऐसे लग गया जैसे बहुत भूखा हो और चूचों से दूध आ रहा हो.. दीपाली सीधी लेट गई और विकास उसके मम्मों को चूसता रहा।

दीपाली- आहह.. अई.. सर आप बहुत बदमाश हो.. अई उफ़ आराम से चूसो ना.. आहह.. मुझे गर्म कर दोगे फिर क्या.. आहह.. खाक मैं लौड़े को चूस कर पानी निकालूंगी आहह.. फिर तो चूत में ही लेना पड़ेगा मुझे आहह…
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02-19-2020, 01:48 PM,
#97
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
विकास- हाँ मेरी दीपा रानी, यही तो मज़ा है… कमसिन कली के साथ चुदाई करने का.. उसको थोड़ा सा चूसो तो गर्म हो जाती है और चुदवाने के लिए तैयार हो जाती है.. तू कौन सी पक्की रंडी है.. जो कितना भी में चूसूँ तू बर्दास्त कर जाएगी.. वाह क्या चूचे है तेरे…

दीपाली- आहह.. राजा जी.. आहह.. आप बार-बार रंडी की बात बीच में ले आते हो.. आहह.. कभी ठीक से समझाया नहीं किसी रंडी के बारे में ... आहह…

विकास- मेरी जान, जो तरह-तरह के लौड़े ले चुकी हो और थोड़ी बहुत चुसाई से उसे कुछ फ़र्क ना पड़े.. बल्कि सामने वाले का लौड़ा चूत में लिए बिना उसका पानी निकाल दे.. उसे कहते है रंडी.. आहह.. मज़ा आ रहा है?

दीपाली- आहह.. राजा उई.. चूत में गुदगुदी हो रही है.. आहह.. प्लीज़ थोड़ी देर चूत चाटो ना.. आहह.. पक्की रंडी को जाने दो.. अपनी इस कच्ची रंडी को थोड़ा मज़ा दो हा हा हा…

विकास भी उसके साथ हँसने लगा। विकास अब उसकी चूत चाटने लगा दीपाली ने कहा- अब 69 के पोज़ में आ जाओ.. मुझे भी लौड़ा चूसना है।

मगर विकास ना माना और बस उसकी चूत चाटता रहा।

दीपाली- आहह.. सर आहह.. मज़ा आ रहा है.. उफ़फ्फ़ अब पेल दो लौड़ा मेरी चूत में.. आहह.. अब बर्दास्त नहीं होता.. आहह.. ससस्स ईयी उफफफ्फ़…

विकास ने दीपाली की टाँगें पकड़ कर उसे घुमा दिया यानि बिस्तर के बाहर उसका आधा बदन निकाल दिया और खुद बिस्तर के नीचे खड़ा हो गया।

दीपाली- आहह.. राजा.. ये कौन सा तरीका है.. उफ़ आहह…

विकास- यह नया तरीका है जान.. मैं खड़ा-खड़ा आज तेरी चूत का बैंड बजाऊँगा.. तू बस देखती जा…

विकास ने दीपाली के पैरों को मोड़ दिया और लौड़ा चूत में घुसा दिया।

दीपाली- आहह.. मज़ा आ गया.. लौड़ा चूत में जाते ही बड़ा आराम मिलता है.. आहह.. अब चोदो राजा.. अपनी छोटी रानी को.. मज़ा ले लो मेरी चूत का आज आहह…

विकास ‘दनादन.. दे.. दनादन’ लौड़ा अन्दर-बाहर करने लगा.. बस एक ही रफ़्तार से वो चूत को चोदे जा रहा था और बड़बड़ा रहा था।

विकास- आ आहह.. उहह ले.. मेरी जान.. आहह.. तूने मेरे लौड़े को कच्ची चूत का आदी बना दिया है आहह.. ले ओह ओह.. अब तेरी चूत आह उह आहह.. को रगड़-रगड़ कर इसका भोसड़ा बना दूँगा.. आ आहह.. दोबारा कच्ची चूत कहाँ से मिलेगी मुझे.. आहह.. तू कोई रास्ता बता आहह…

दीपाली- आहह.. अई छोड़ो मेरे राजा.. आहह.. अब मेरी चूत का तो आपने भोसड़ा बना ही दिया दोबारा अई ऐइ कच्ची कैसे करूँ इसे आहह…

विकास- ओह.. आहह.. तू चाहे तो किसी दूसरी कच्ची चूत को मेरे लौड़े के लिए ला सकती है आहह…

दीपाली- आहह.. मैं कहाँ से लाऊँ.. आहह.. कस के चोदो.. आहह.. मज़ा आ रहा है, राजा और जोर से ... आहह.. आहह…

विकास ने ज़्यादा खुल कर कहना ठीक नहीं समझा और बात को घुमा कर बोल दिया।

विकास- उहह उहह आहह.. तेरी चूत फट गई है.. आह ओह इसे किसी दर्जी से सिलवा ले.. आहह.. आ हा हा हा।

दीपाली- हा हा हा अई.. अच्छा मजाक करते हो आप आहह.. चोदो आहह.. मेरी चूत से पानी आने वाला है आईईइ मैं गईइइ आहह.. आईईईई…

विकास ने चोदने की रफ़्तार और तेज कर दी थी.. वो भी थक गया था और उसकी उत्तेजना भी चरम सीमा पर थी.. बस लौड़े की ठाप से चूत को बजा रहा था.. जैसे ही दीपाली की चूत का पानी निकल कर लौड़े से मिला, विकास ने लंड को जड़ तक घुसा कर एक लंबी सांस ली और उसका बाँध भी टूट गया.. दो नदियों का संगम हो गया.. काफ़ी देर तक दोनों उसी हालत में पड़े रहे।

(दोस्तों, इन दोनों का काम तो हो गया. अब आप सोच रहे होंगे कि दीपक और प्रिया घर के अन्दर गए थे. पीछे से सोनू भी गया था. वहाँ क्या हंगामा हुआ? तो चलो, हम वहीं जा कर देखते हैं।)
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02-19-2020, 01:48 PM,
#98
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
घर में जाते ही प्रिया ने मुख्य दरवाजा बन्द कर दिया और दीपक से चिपक गई। उसने अपने होंठ उसके होंठों पर टिका दिए। दीपक भी उसका साथ देने लगा और उसके चूतड़ों को दबाते हुए उसे चुम्बन करने लगा। थोड़ी देर बाद दोनों अलग हुए।

दीपक- मेरी प्यारी बहना.. यहाँ नहीं.. कमरे में चल.. वहाँ आज तेरी गाण्ड मारूँगा…

प्रिया- नहीं भाई.. पहले तो मेरी चूत को शान्त करो.. लौड़े के लिए ये बड़ी तड़प रही है.. उसके बाद आप गाण्ड मार लेना…

दोनों कमरे में चले जाते हैं और वहाँ जाते ही प्रिया नीचे बैठ कर दीपक की ज़िप खोल कर लौड़ा बाहर निकाल लेती है और मज़े से चूसने लगती है।

दीपक- आहह.. अरे बहना.. आहह.. कपड़े तो निकालने देती.. उफ़ ऐसे ही शुरू हो गई तू आहह…

(दोस्तो, इसी पल सोनू खिड़की से अन्दर आया था और आपको बता दूँ कि वो रसोई की खिड़की थी. यह उसके पास के कमरे में थी. सोनू जब खिड़की से अन्दर कूदा, दूसरे कमरे में इन दोनों को आवाज़ सुनाई दी।)

दीपक ने जल्दी से प्रिया के मुँह से लौड़ा निकाला और उसे पैन्ट के अन्दर कर के ज़िप बन्द कर ली।

प्रिया- भाई, बाहर कोई आया है.. आवाज़ आई ना अभी?

दीपक- चुप चुप! आराम से, उस कुर्सी पर बैठ जा.. शायद दीपाली आ गई होगी…

प्रिया- नहीं भाई, चाभी मेरे पास है.. दरवाजा बन्द है.. वो कैसे अन्दर आ सकती है.. शायद घर वाला आ गया है.. उसके पास तो दूसरी चाभी होगी ना…

दीपक- तू यहीं बैठ.. मैं बाहर जाकर देखता हूँ.. वो हुआ तो कह देंगे दीपाली ने यहाँ मिलने के लिए बुलाया था.. ओके.. मैं अभी आता हूँ।

दीपक कमरे से बाहर निकला.. उधर सोनू भी दबे पांव रसोई से बाहर आ रहा था। दोनों आमने-सामने हो गए नजरें मिलीं और…

दीपक- अरे साले! मादरचोद, डरा दिया.. तू यहाँ क्या कर रहा है?

सोनू- तुझे देख कर ही यहाँ आया हूँ.. तू बता प्रिया के साथ यहाँ क्या कर रहा है?

अब दीपक की हवा निकल गई.. वो हकलाने लगा- श..श..सी.. क्या बोल रहा है? प्प..प्रिया को तूने क..कब देखा?

सोनू- जब तुम दोनों सामने वाले दरवाजे से अन्दर घुसे तब देखा और पीछे की खिड़की से यहाँ आया हूँ.. अब सच-सच बता.. तुम दोनों इस खाली घर में क्या करने आए हो? तीसरा तो कोई दिखाई ही नहीं दे रहा यहाँ।

दीपक कुछ बोलता.. उसके पहले प्रिया कमरे से बाहर आ गई और बोल पड़ी।

प्रिया- सोनू, मैं बताती हूँ.. हम यहाँ क्यों आए हैं।

दीपक हक्का-बक्का सा बस प्रिया को देखने लगा।

सोनू- हाँ.. बताओ.. बताओ.. मैं भी सुनना चाहूँगा।

प्रिया- तो सुनो, तुमने और मैडी ने भाई को पागल कर दिया है.. बिगाड़ कर रख दिया है उस दीपाली के चक्कर में. भाई दिन-रात उसी के बारे में सोचते रहते हैं.. मुझसे ये देखा नहीं गया.. तब मैंने भाई से कहा कि मैं दीपाली को उनसे मिलवा देती हूँ.. बस आज यहाँ इसी लिए आए हैं दीपाली भी आने वाली है.. समझे?

प्रिया ने इतनी सफ़ाई से झूठ बोला कि दीपक तो बस उसको देखता रह गया और सोनू का भी मुँह खुला का खुला रह गया।

सोनू- क्या दीपाली यहाँ आ आने वाली है? व्व..वो मानी कैसे? और द..दीपक तुमने हमें बताया क्यों नहीं ... कि प्रिया हमारा साथ दे रही है?

अब तो दीपक की जान में जान आ गई थी.. सोनू प्रिया के झूठ के जाल में फँस गया था।

दीपक- बहन के लौड़े, तुझे बड़ी जल्दी है हर काम की.. वो साला मैडी प्लान बना रहा है मगर कुछ बता नहीं रहा.. तो मैंने सोचा क्यों ना प्रिया के जरिए दीपाली तक पहुँच जाऊँ. मगर तू यहाँ अपनी माँ चुदवाने आ गया.. अगर वो आ गई और उसने तुझे यहाँ देख लिया तो हाथ से गई, समझा? उसके बाद मैं तुझे देख लूँगा।

सोनू- अरे यार, मुझे क्या पता.. मैं तो समझा तुम दोनों यहाँ…

दीपक- क्या सोचा बे, मादरचोद. बोल साले, तेरी ज़ुबान काट के हाथ में दे दूँगा अगर कुछ उल्टा-सीधा बोला तो. बता अब.

सोनू बेचारा क्या बोलता.. उसकी तो जान आफ़त में आ गई थी और दीपक तो बस पूछो मत, उल्टा चोर कोतवाल को डांटने पर तुल गया था।

सोनू- अरे कुछ नहीं सोचा, मेरे बाप.. अब मैं जाता हूँ मगर जाने के पहले बस एक बार दीपाली को देख लूँ.. मेरे मन को तसल्ली मिल जाएगी।

प्रिया- हाँ देख लेना. वो आती ही होगी. जाओ छुप जाओ और सुनो उसके सामने मत आ जाना.. भाई भी यहाँ छुपने ही मेरे साथ आए थे.. बस वो मुझसे मिलने आ रही है।

दीपक ने कुछ और बोलना ठीक ना समझा और सोनू के साथ रसोई में छुप गया।
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02-19-2020, 01:48 PM,
#99
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
उन दोनों के जाने के बाद प्रिया बड़बड़ाने लगी।

प्रिया- ओह गॉड! बाल-बाल बची.. दीपाली अब आ भी जाओ.. एक तो सर ने मेरी चूत को पानी-पानी कर दिया.. अब ये बीच में सोनू आ गया.. सर, आप जल्दी से दीपाली को चोद कर भेज दो.. नहीं तो सोनू को समझाना मुश्किल हो जाएगा।

दीपक- साले, तुझे ऐसे खिड़की से किसी के घर में घुसते हुए ज़रा भी डर नहीं लगा…

सोनू- कैसा डर? तुम दोनों को जाते देख लिया तो बस मन नहीं माना और यहाँ देखने आ गया।

दीपक- मैं जानता हूँ साले.. तू एक नम्बर का हरामी है.. जरूर कुछ गलत सोच कर देखने आया होगा।

सोनू- ऐसी बात नहीं है यार.. अच्छा ये सब जाने दे.. पहले ये बता दीपाली यहाँ आ रही है.. ये सब जुगाड़ कैसे किया.. प्रिया को सब बातों का पता है क्या?

दीपक- अरे नहीं, साले.. उसको थोड़ी ये बोल सकता हूँ मैं कि दीपाली को चोदना चाहता हूँ.. मैंने प्रिया को झूट-मूट प्यार का नाम ले दिया इसीलिए उसने दीपाली को यहाँ बुलाया है।

सोनू- ओह.. ये बात है.. प्यार के चक्कर में फँसा कर चोदेगा.. चल अच्छा है.. कैसे भी आए.. चूत मिलनी चाहिए बस….

दीपक कुछ बोलना चाह रहा था.. तभी दरवाजे की घन्टी बजने लगी शायद दीपाली आ गई थी।

(दोस्तो, दूसरी बार चुदने के बाद दीपाली ने विकास से कहा कि उसको जरूरी काम से जाना है। विकास ने बहुत रोकना चाहा मगर वो वहाँ से बहाना बना कर निकल गई और अब दरवाजे के बाहर खड़ी है।)

प्रिया झट से गई.. दरवाजा खोला और धीरे से कहा।

प्रिया- सस्स... सोनू यहीं है. कोई ऐसी-वैसी बात मत करना. उसको कुछ पता नहीं है।

दीपाली- अरे शिट.. उसको यहाँ क्यों बुलाया?

प्रिया- चुप रह ना.. सब बता दूँगी अन्दर तो आ.. किसी ने नहीं बुलाया.. खुद आ गया.. अब आ जा…

सोनू रसोई की खिड़की से दीपाली को आता देख रहा था, तभी दीपक ने उसको वहाँ से हटा दिया।

दीपक- साले हट.. वो देख लेगी तो बना-बनाया काम बिगड़ जाएगा।

प्रिया और दीपाली कमरे में चली गईं. वहाँ जा कर प्रिया ने सारी बात दीपाली को समझा दी।

सोनू- अरे यार, तू सच में खिलाड़ी है.. दीपाली आ गई.. काश प्रिया यहाँ ना होती ... साली को अभी चोद देते…

दीपक- अबे चुप बहन के लौड़े.. अब चल निकल जा यहाँ से और बाहर इंतजार कर.. मैं बस 5 मिनट में आता हूँ.. वहीं रहना।

सोनू की उसी खिड़की से बाहर निकल गया दीपक ने खिड़की बन्द कर दी और कमरे में चला गया।

प्रिया- गया क्या वो? आज तो बाल-बाल बचे.. वैसे क्या बोला अपने उसे?

दीपक- कुछ नहीं.. यही कि तुम दीपाली को मेरे प्यार के बारे में बता कर यहाँ बुला कर लाने वाली हो.. अब मैं जाता हूँ.. साला वो बाहर ही खड़ा है.. कहीं उसको शक हो गया तो गड़बड़ हो जाएगी।

प्रिया- ठीक है, आप जाओ।

दीपाली- अरे मेरे आशिक, तेरी किस्मत में आज भी मेरी चूत नहीं लिखी.. जा, मैडी से मिल. उसका कल का प्लान पता कर.. नया बदलाव में फ़ोन पे बता दूँगी तुम्हें ओके.

दीपक- मेरी जान, अब कोई टेन्शन नहीं है.. तुझे तो जब चाहूँ चोद लूँगा.. फिलहाल मैं जाता हूँ.. उस हरामी सोनू के रहते मैं कोई ख़तरा मोल नहीं ले सकता.. तुम दोनों यहीं रहो.. मैं जाता हूँ.. जल्दी आने की कोशिश करूँगा।

दीपक के जाने के बाद दीपाली आराम से बिस्तर पर लेट गई।

दीपाली- आह.. अब आराम मिल रहा है. आज तो कमर दुखने लगी।

प्रिया- तू तो सर से चुद कर आई है. मेरी चूत की हालत खराब है.. ये सोनू कुत्ता भी ऐन मौके पर आ गया.. नहीं तो दीपक के लौड़े से अब तक मेरी चूत ठंडी भी हो जाती।

दीपाली- शुक्र कर, कुछ शुरू होने के पहले वो आ गया. नहीं तो तुम दोनों को भारी पड़ जाता. दीपक के बाद वो तेरी चूत का बाजा बजा रहा होता।
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02-19-2020, 01:49 PM,
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
प्रिया- वो भी बजा लेता तो क्या! मेरी चूत की आग तो शान्त हो जाती.. अब पता नहीं दीपक वापस आएगा भी या नहीं…

दीपाली- मैंने तो तुझे कहा था सर से चुद ले.. मगर तू नहीं मानी.. क्या मज़ा आया आज.. बेचारे मुझे रोक रहे थे.. मैं ही ज़बरदस्ती आई हूँ.. सोचा था कि आज दीपक से भी चुद कर देख लूँ.. उसमें कैसा मज़ा आता है.. मगर यहाँ तो तू ही सूखी बैठी है.. चल निकाल कपड़े.. मैं ही तेरी चूत चाट कर तुझे मज़ा देती हूँ.. क्या याद करेगी कि किस से पाला पड़ा है।

प्रिया- अरे चाट ले मेरी जान, तू चाट कर बड़ा मज़ा देती है.. तूने तो आज बड़े पोज़ बदल-बदल कर चुदाई करवाई सर से.. अब मेरी चूत भी चाट कर मज़ा दे मुझे।

दीपाली- हाय.. तुझे कैसे पता.. मैं सर से कैसे-कैसे चुदी?

प्रिया- अंदाज लगाया यार.. अब सर तेरी जैसी कली को चोदेंगे तो पोज़ बदल बदल कर ही चोदेंगे ना…

दीपाली- ओह.. अच्छा चल हो ज़ा नंगी.. अभी तुझे आराम देती हूँ…

प्रिया ने जल्दी से कपड़े उतार दिए और बिस्तर पर चित्त लेट गई।

प्रिया- अरे तू भी निकाल ना अपने कपड़े…

दीपाली- नहीं.. मैं नहीं निकालूंगी.. तुझे मजा देती हूँ.. मेरा अभी मन नहीं है।

प्रिया- ओके ओके.. चल आ जा यार.. चूत में बड़ी खुजली हो रही है…

दीपाली अपने काम में लग गई.. प्रिया आहें भरने लगी और चूत चटाई का मज़ा लेने लगी।

(दोस्तो, दीपक जब बाहर गया तो वहां क्या हुआ? चलो, देखते हैं।)

सोनू घर के बाहर ही खड़ा था.. जब दीपक आया उसके चेहरे पर सवाल आ गया कि दीपक मेन गेट से बाहर आया है यानि वो दीपाली से मिल कर आ रहा है।

दीपक- अबे साले.. ऐसे क्या घूर कर देख रहा है.. चल अब..

सोनू- अरे कुछ नहीं, अन्दर क्या हुआ? दीपाली से मिले क्या तुम?

दीपक- अबे साले सारे सवाल यहीं पूछ लेगा क्या.. प्रिया उसको समझा रही है.. काम बन जाएगा.. चल चाय पी कर आते हैं.. वो साले मैडी को भी बुला लेंगे. फिर मिल कर बात करेंगे।

दोनों वहाँ से चल पड़ते हैं.. अभी थोड़ी दूर ही गए होंगे कि सोनू के पापा रास्ते में मिल गए और कुछ जरूरी काम है बोल कर सोनू को अपने साथ ले गए।

दीपक ने कहा- शाम को मिलते हैं।

उनके जाने के बाद दीपक ने अपने आप से बात की।

दीपक- चल बेटा दीपक, साला कबाब में हड्डी चला गया.. अब तो दीपाली भी आ गई है. आज साली की चूत का मज़ा ले ही लूँ।

दीपक जाने लगा तो प्रिया के पापा यानि दीपक के चाचा उसे दिखाई दे गए और वो वहीं रुक गया।

दीपक- अरे अंकल, आप कहाँ से आ रहे हो?

अंकल- तेरा कोई पता ठिकाना भी है क्या? बेटा, कितने समय से तेरे पापा के पास बैठ कर आया हूँ.. वो दरअसल मैं और तेरी चाची प्रिया की नानी से मिलने जा रहे हैं.. उनकी तबीयत खराब है.. शाम को जाएँगे.. प्रिया के इम्तिहान हैं तो उसको नहीं ले जा रहे हैं.. तेरे पापा को बोलने गया था उसे अपने पास रख ले।

दीपक- ओह.. आप बेफिकर होकर जाओ, हम है ना.. प्रिया को संभाल लेंगे…

चाचा- हाँ बेटा, सही है.. अच्छा चलता हूँ.. शाम को मिलेंगे अभी थोड़ा काम है…

दीपक की ख़ुशी दुगनी हो गई.. प्रिया भी रात को उसके घर रहेगी.. वो तेज रफ़्तार से सुधीर के घर की ओर जाने लगा।

(आपको याद नहीं तो मैं याद दिला दूँ. दीपक के जाने के बाद वो दोनों बिना मुख्य दरवाजे को लॉक किए ही मस्ती में लग गई थीं। दीपक जब आया दरवाजे की घन्टी बजाने के पहले उसने दरवाजे को हाथ लगाया तो वो खुल गया।)

उसे दोनों पर बड़ा गुस्सा आया.. वो अन्दर आया.. दरवाजा लॉक किया और कमरे की तरफ़ बढ़ गया।

प्रिया- आ आहह.. ज़ोर से चाटो.. उई मेरा पानी निकलने वाला है अई अई..

दीपाली भी रफ़्तार से चूत को चाटने लगी और साथ-साथ ऊँगली से चूत के ऊपर रगड़ने लगी। प्रिया का बाँध टूट गया और वो झड़ गई। दीपाली ने सारा रस चाट कर चूत को साफ कर दिया। ये नजारा देख कर दीपक के लौड़े में तनाव आ गया और उसने पैन्ट निकाल दी।

प्रिया- अरे भाई.. आप कब आए पता भी नहीं चला।

दीपक- तुम दोनों ने दरवाजा बन्द क्यों नहीं किया.. कोई और आ जाता तो.. और तुमको ऐसी हालत में देख लेता तो?

दीपाली- दूसरा यहाँ कौन आएगा और आ भी जाता तो उसको भी चूत का स्वाद मिल जाता.. यार तेरा लौड़ा क्या मस्त खड़ा है।

दीपाली उठ कर दीपक के पास आ गई और उसने लौड़े को हाथ में ले लिया।
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