Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
02-19-2020, 01:49 PM,
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपक- साली.. मैं समझता था अपने भाई के बारे में सोचने वाली मेरी बहन ही रंडी है.. मगर तू उससे बड़ी रंडी निकली.. कोई आ जाता तो उसको भी स्वाद मिल जाता.. ऐसा बोल कर तूने साबित कर दिया.. कि तू भी रंडी है।

दीपाली- हा हा हा रंडी.. और तू क्या है.. तुझे पता है? कल तक मुझे चोदना चाहता था.. कुत्ते की तरह मेरे आगे-पीछे घूमता था पर अब तक तुझे मेरी चूत नहीं मिली.. तूने शुरूआत की भी तो अपनी बहन के साथ छी: छी:.. तू कितना बड़ा बहनचोद है।

प्रिया- दीपाली, बस भी करो.. बार-बार ये बात भाई को बोल कर गुस्सा मत दिलाओ.. नहीं तो आज तुम्हारी चूत की खैर नहीं.. गुस्से में ये बड़े ख़तरनाक तरीके से चोदते हैं।

दीपाली- अच्छा.. ये बात है.. चल आज देख ही लेती हूँ.. तेरे भाई का जोश…

इतना बोलकर दीपाली उसका लौड़ा चूसने लगी अपने होंठों को भींच कर सर को हिलाने लगी दीपक की तो बोलती बन्द हो गई.. वो बस मज़े में आँखें बन्द किए अपना लंड चुसवाता रहा।

दीपाली को लंड चूसता देख कर प्रिया में भी जोश आ गया और वो भी उसके पास आकर दीपक की गोटियां चाटने लगी। दो कमसिन कलियां अपना जादू चला रही थीं और दीपक अलग ही आनन्द की दुनिया में चला गया था।

दीपक- आहह.. उफ़फ्फ़ साली आहह.. सच में तुम दोनों ही ज़बरदस्त चुसक्कड़ हो आहह.. चूसो उफ़ मज़ा आ गया आहह…

प्रिया ने दीपाली के मुँह से लौड़ा निकाल कर अपने मुँह में डाल लिया। दीपाली ने उसकी गोटियाँ पूरी मुँह में ले लीं और ज़बरदस्त चुसाई शुरू कर दी।

(अब यह कहानी आप देसिबीज़ डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!)

दीपक- आहह.. अइ बस भी करो आहह.. पानी निकालने का इरादा है क्या? आहह.. साली अभी मुझे तेरी चूत का स्वाद भी चखना है।

दीपाली- अच्छा तो रोका किसने है.. चख लेना. पहले तेरे लौड़े का रस तो पिला दे.. उसके बाद जो चाहे कर लेना…

दीपक- आहह.. ठीक है जान.. आहह.. ले चूस आहह.. प्रिया इसे चूसने दे आहह.. तूने तो एक बार मेरा रस पिया है ना.. आज इसे पीने दे आहह.. चूसो.

प्रिया ने लौड़ा मुँह से छोड़ दिया.. दीपाली झट से लौड़े पे टूट पड़ी.. प्रिया भी उसके पास ही बैठी रही। दीपक ने दीपाली के सर को पकड़ लिया और उसके मुँह में दनादन लौड़ा पेलने लगा।

दीपक- आ आहह.. मज़ा आ रहा है आहह.. साली तेरा मुँह भी किसी चूत से कम नहीं आहह.. उफ़ चूस आहह.. साली रंडी.. आहह.. तू क्या देख रही है मेरे टट्टे चूस.. आहह.. पानी तो इनमें ही तो भरा हुआ है आहह.. चाट…

प्रिया भी उसकी टाँगों के बीच घुस कर गोटियाँ चाटने लगी। दीपक रफ़्तार से दीपाली के मुँह को चोद रहा था और प्रिया की जीभ उसकी गोटियों को चाट रही थी.. कब तक वो इन दो कमसिन कलियों के आगे टिका रहता.. उसका लौड़ा फूलने लगा और उसने पूरा लौड़ा दीपाली के मुँह में घुसा कर झड़ना शुरू कर दिया।

दीपक- आह उफ़फ्फ़ कितना हसीन पल है ये उफ़ आहह.. मज़ा आ गया…

दीपक के लौड़े ने दीपाली के गले तक पानी की पिचकारी मारी और वो सारा वीर्य गटक गई। फिर उसने लौड़ा मुँह से निकल जाने दिया.. उसके मुँह में अभी भी थोड़ा वीर्य था जो उसने अपनी जीभ की नोक पर रख लिया. प्रिया ने झट से उसकी जीभ को अपने मुँह में ले कर चूसा और बाकी वीर्य वो पी गई। अब दोनों जीभ से चाट-चाट कर लौड़े को साफ कर रही थीं। दीपक के तो मज़े हो गए उसको लौड़े को साफ करवाते हुए बड़ा मज़ा आ रहा था।

दीपक- आह चाटो.. मेरी रण्डियों.. मज़ा आ रहा है.. दीपाली मेरी जान, चल अब बिस्तर पर आ जा.. आधी नंगी तो है ही.. अब पूरी हो जा, अपनी चूत के दर्शन करवा दे.. कब से तड़प रहा हूँ मैं.. तेरी चूत में लौड़ा डालने के लिए.. बस एक बार तेरी चूत चाट कर मज़ा लिया है.. आज तुझे चोदने का मज़ा लूँगा.. आज तो मैं तेरी गाण्ड भी मारूँगा…

प्रिया- भाई, फिर मेरी चुदाई कब करोगे आप?

दीपक- अरे तू तो रात भर मेरे पास मेरे घर में रहेगी. अभी तो दीपाली का मज़ा लेने दे मुझे….

प्रिया- वो कैसे भाई?

दीपक ने उसे सारी बात बता दी.. वो ख़ुशी से झूम उठी।

प्रिया- वाउ.. मज़ा आ जाएगा.. आज तो पूरी रात चुदाई करेंगे.. अभी दीपाली के मज़े लो, भाई.. मैं भी देखूँ कि जिस दीपाली के लिए आप पागल बने घूमते हो, आज उसको कैसे चोदते हो…

दीपाली- लो मेरे आशिक, हो गई नंगी.. आओ, चढ़ जाओ मुझ पर….

दीपक- हाँ साली.. आज बरसों की तमन्ना पूरी होने जा रही है.. आज तो तुझे जी भर के चोदूँगा।

दीपाली बिस्तर पर टाँगें फैला कर सीधी लेट जाती है। प्रिया भी उसके पास लेट जाती है। दीपक बिस्तर पर आ कर दीपाली की चूत को गौर से देखने लगता है।

दीपक- अबे दीपाली, साली रंडी! किस-किस से चुदवाती है रे तू, बहन की लौड़ी.. चूत का मुँह तो ऐसे खुला हुआ है जैसे मूसल घुसवा कर आई हो!

ये सुनकर प्रिया की हँसी निकल जाती है मगर वो अपने आप को रोक लेती है।
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02-19-2020, 01:49 PM, (This post was last modified: 02-19-2020, 01:49 PM by sexstories.)
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली- दीपक, ज़्यादा स्मार्ट मत बनो.. चोदना है तो चोदो नहीं तो अपना लण्ड पकड़ो और भाड़ में जाओ.. ऐसे झूटे इल्ज़ाम ना लगाओ.. बस मेरा एक ही राजा है. वो ही मेरी चूत का मज़ा लेता है.. या अब तुम लेने जा रहे हो।

दीपाली नहीं चाहती थी कि किसी और का नाम प्रिया को पता चले.. उसे शर्म सी महसूस हुई कि वो कैसे एक भिखारी और बूढ़े सुधीर से चुदवा भी चुकी है।

दीपक- कोई बात नहीं रंडी.. तेरी चूत का भोसड़ा अभी बना नहीं है तो मैं बना दूँगा ... और तेरी गाण्ड तो सलामत है? ... या उसको भी बजवा चुकी है?

दीपाली- पहले चूत का मज़ा लो.. उसके बाद गाण्ड भी ले लेना, मेरे आशिक.. तुझे पता चल जाएगा कि मेरे राजा जी तेरी तरह लौड़ा हाथ में लिए नहीं घूमते रहते.. वो बड़े ही समझदार इंसान हैं. चूत और गाण्ड का मुहूर्त ऐसे किया कि हर कुँवारी लड़की उनसे ही अपनी सील तुड़वाना चाहे.. तेरी तरह नहीं कि जिसने प्रिया की जान ही निकाल कर रख दी थी।

दीपक- अच्छा ये बात है.. तो उसका नाम क्यों नहीं बताती तू?

दीपाली- बातों में वक़्त खराब मत कर.. चल लग जा चूत चटाई पे..

दीपक ने भी ज़्यादा बहस करना ठीक नहीं समझा और दीपाली की चूत को चाटने लगा।

प्रिया- भाई. थोड़ा कमर को ऊपर करो. आप चूत चाट कर दीपाली को गर्म करो.. मैं आपके लौड़े को चूस कर कड़क करती हूँ।

दीपक ने प्रिया की बात मान ली.. अब दोनों अपने काम में लग गए।

दीपाली बस ‘आहें’ भर रही थी.. पहले तो विकास ने उसे खूब चोदा.. अब वो दीपक के नए लौड़े के सपने देखने लगी थी कि कैसा मज़ा आएगा…

दीपाली- आहह.. चाटो.. उफ़ मेरे आशिक आहह.. मज़ा आ रहा है…

दीपक भी जीभ की नोक से उसकी चूत चोदने लगता है.. इधर प्रिया ने लौड़े को चूस-चूस कर एकदम सॉलिड कर दिया था। अब तीनों ही चुदास की आग में जलने लगे थे।

दीपाली- आहह.. उई... बस भी कर.. मुँह से ही चूत का पानी निकलेगा क्या? तेरे लौड़े की चोट कैसी है वो तो दिखा मुझे…

दीपक- साली रंडी, तुझे क्या पता चलेगा लौड़े की चोट का.. तू तो पहले से तेरे उस गुमनाम यार से ठुकवा कर आई है.. साला है बड़ा हरामी. कैसे तेरे चूचे मसके होंगे उसने.. कैसे तेरी चूत की ठुकाई की होगी.. तभी चूत भोसड़ी जैसी दिख रही है।

दीपाली- आह अई तुझे आहह.. क्या पता, बहनचोद! आहह.. वो ऐसे वैसे नहीं हैं.. आहह.. बड़े अच्छे हैं! उइ... चूत और गाण्ड को बड़े प्यार से रगड़ते हैं.. आहह.. अब तू भी लौड़ा पेल कर मेरी चूत की गर्मी महसूस कर ले….
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02-19-2020, 01:50 PM,
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपक- अरे मेरी रंडी बहन.. अब लौड़ा चूसना बन्द कर.. ये दीपाली रंडी की चूत मचलने लगी है.. अब में इसको चोद कर ठंडा करूँगा।

प्रिया- क्या भाई.. आप भी ना, क्या रंडी-रंडी लगा रखा है? प्यार से ‘जान’ या ‘रानी’ ऐसा कुछ भी बोल सकते हो ना….

दीपाली- अरे नहीं प्रिया.. चुदाई का मज़ा ऐसे ही आता है.. तू भी देख लेना.. मज़ा आएगा.. बोलना दीपक बहनचोद.. फाड़ दे मेरी चूत को.. घुसा दे अपना लौड़ा मेरी चूत में…

प्रिया- हाँ, मैंने कहानी में पढ़ा था.. उसमे ऐसे ही बोलते हैं।

दीपक- तो भाईचुदी, ज्ञान क्या दे रही है, बोल कर दिखा. छिनाल की औलाद.. साली, तू तो रंडी से भी आगे निकल गई.. अपने भाई के लौड़े पर नज़र रखती है…

प्रिया- हाँ भड़वे बोल रही हूँ.. मेरी क्या बात करता है कुत्ते.. तू खुद क्या था.. जरा सोच, गंदी नाली का कीड़ा भी तुझसे अच्छा होगा. हर आने-जाने वाली लड़कियों की चूची और गाण्ड देखता था.. तेरे जैसा हरामी तो बहन ही चोदेगा और कहाँ से तुझे लड़की मिलेगी?

दीपाली- वा..वाह.. प्रिया क्या बोली है तू.. पक्की रंडी बनेगी मेरी तरह. आ भड़वे.. अब क्या नारियल फोडूँ तेरे लंड पर? तब चूत में डालेगा क्या? पेल जल्दी से बहनचोद…

प्रिया- हाँ, डाल दे मेरे भड़वे भाई.. इस छिनाल की चूत में अपना लौड़ा.. हरामजादी कब से बोल रही है.. इसका मन नहीं भरा.. अभी-अभी चुदवा कर आई है.. दोबारा कुतिया की चूत में खुजली हो गई।

दीपक- क्या? अभी चुदवा कर आई है साली? तभी इतनी देर से आई है.. ले, अब तेरी चूत का भुर्ता बनाता हूँ ... अब देख छिनाल, कितना चुदेगी तू.. ले मेरा लंड, मैं भी देखता हूँ तुझे।

दीपक ने लौड़ा चूत पर टिकाया और ज़ोर से झटका मारा.. पूरा लौड़ा चूत की अंधी खाई में खो गया।

दीपाली- आआहह.. हरामखोर आहह.. इतनी ज़ोर से धक्का मारता है! कमर में पाहे ही दर्द हो रहा था.. कुत्ते, पूरा वजन मेरे ऊपर डाल दिया आहह.. झटके मार.. साले हरामी आहह.. मज़ा आ गया तेरा लौड़ा है बड़ा गर्म.. आहह.. चोद मुझे. मार धक्के. आहह…

दीपक- उहह उहह आहह.. हाँ साली.. तू भले ही चुदी हुई है आहह.. मगर तेरी चिकनी चूत में लौड़े को अन्दर-बाहर करने में बड़ा मज़ा आ रहा है.. आहह.. आहह…

प्रिया- सस्स भाई.. क्या झटके मार रहे हो आहह.. लौड़ा दीपाली की चूत में जा रहा है.. मज़ा मेरी चूत को आ रहा है आहह…

दीपाली- आहह.. मार ज़ोर से.. आहह.. चोद दे आहह.. फाड़ दे मेरी चूत को आहह.. प्रिया तू वहाँ बैठी चूत रगड़ रही है! आ, आ जा, मेरे मुँह पर चूत रख दे.. मैं चाट कर तुझे डबल मज़ा देती हूँ आ…

दीपक अपनी पूरी ताक़त से दीपाली को चोद रहा था.. प्रिया दीपाली की बात मान कर उसके मुँह के पास चूत ले आई और मज़े से चटवाने लगी।

दस मिनट तक दीपक ताबड़तोड़ दीपाली को पेलता रहा.. अब उसका बाँध टूटने वाला था।

दीपक- आह उहह उहह रंडी आहह.. मेरा पानी निकलने ही वाला है अब! आहह.. आहह…

प्रिया- आहह.. चाट आहह.. दीपाली आहह.. मेरी चूत भी लावा उगलने वाली है.. आईईइ कककक उफफफ्फ़ आह…

दीपक के लौड़े ने दीपाली की चूत में गर्म वीर्य भर दिया और दीपाली प्रिया का पानी पी गई।

फिर दीपाली को न जाने क्या सूझा कि उसने प्रिया को जल्दी से हटा कर दीपक को ज़ोर से धक्का दिया. वो एक तरफ़ गिर गया और एक सेकंड के सौंवें हिस्से में दीपाली दीपक के मुँह पर बैठ गई और उसने अपनी चूत उसके मुँह पर टिका दी।

दीपाली- आह, चाट बहनचोद! आहह.. अपना पानी तू खुद चाट ... रंडी बोलता है ना… आहह.. उह.. ले अब रंडी की चूत से पानी पी ... आहह ... साले, तू तो झड़ गया पर मैं अभी अधूर में हूँ.. मेरी चूत को चाट कर ठंडा कर! आहह.. उह.. जल्दी कर, भड़वे आह…

दीपाली की चूत से दीपक का वीर्य बह कर बाहर आ रहा था। उसके साथ दीपाली का भी चूत-रस मिक्स हो कर आ रहा था। दीपक को ना चाहते हुए भी वो चाटना पड़ रहा था। दीपाली की चूत भी चरम पे थी.. कुछ ही देर में उसने झड़ना शुरू कर दिया.. दीपक ने वो भी चाटना शुरू कर दिया।

दीपाली- आआआ एयाया अई चाट आहह.. गई मैं.. आह मज़ा आ गया अई..कककक..उईईइ…

प्रिया तो एक तरफ़ लेटी लंबी साँसें ले रही थी.. उसकी आँखें बन्द थीं और अभी के चरम-सुख का आनन्द वो बन्द आँखों से ले रही थी।

कुछ देर बाद तीनों बिस्तर पे लेटे हुए एक-दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे।

दीपक- मान गया साली तेरे को.. कसम से तू लाजबाव है.. किस से चुदी.. कितनी बार चुदी.. ये मैं नहीं जानता मगर तेरी चूत ने मुझे जो मज़ा दिया उसका जवाब नहीं. काश तेरी सील तोड़ना मेरे नसीब में होता।

प्रिया- भाई, आपको मेरी सील तोड़ने में मज़ा नहीं आया क्या?

दीपक- अरे बहना, बहुत मज़ा आया.. तुझे बता नहीं सकता मैं. मगर दीपाली पर कब से नज़र थी मेरी.. इसकी सील तोड़ने का सपना था मेरा.. इसलिए ऐसा बोल रहा हूँ।
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02-19-2020, 01:51 PM,
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली- दीपक, एक बात कहूँ तुमसे.. तुम सब लड़के एक जैसे होते हो.. सब का एक ही सपना होता है. बस एक के बाद सील-बंद चूत मिलती जाए.. मगर तुमने ये सोचा है कि जब सील टूटती है तो लड़की को कितनी तकलीफ़ होती है।

दीपक- अरे तकलीफ़ के बाद तो मज़ा है ना, यार…

दीपाली- हाँ, माना कि मज़ा है.. मगर मान लो कि प्रिया को तुमने एक बार चोद कर इसकी सील तोड़ दी तो क्या अब इसकी चूत में मज़ा नहीं रहा? भगवान ने भी हम लड़कियों के साथ नाइंसाफी की है.. सील दी मगर ऐसी कि बस एक बार में टूट जाए.. मैं तो कहती हूँ ऐसी सील देते कि उसे तोड़ने के लिए लड़कों को ज़ोर लगाना पड़ता.. उनका लंड छिल जाता.. चूत में 20-30 बार लंड घुसाने के बाद उसकी सील टूटती.. तब लड़कों को तकलीफ़ होती और हमें मज़ा आता।

प्रिया- हाँ यार, सही कहा.. फिर कोई लड़का पहले चोदने को नहीं बोलता.. दूसरे से कहता तू चोद ले पहले.. मैं बाद में चोदूँगा और लौड़े की तकलीफ़ से डर जाता।

दीपाली- हाँ यार, तब ये बलात्कार जैसी घटनाएं नहीं होतीं.. बलात्कार करने से पहले लड़के सोचते कि कहीं चूत कुँवारी तो नहीं है!

दीपक- वाह.. रे दीपा रानी.. क्या खयाली पुलाव पका रही है.. वैसे सोचा जाए तो सही है कि दर्द के डर से लड़के बलात्कार नहीं करते.. अच्छा सोचा तूने.

दीपाली- मेरे सोचने से क्या होता है.. भगवान को भी तो यह सोचना चाहिए…

प्रिया- यार, जाने दे.. ये बता कल का क्या सोचा तुमने? मैडी की पार्टी में जाएगी या नहीं?

दीपाली- पहले मन नहीं था.. मगर अब जाऊँगी. उन दोनों के लौड़े का मज़ा भी चख लूँ यार.. बाद में इम्तिहान शुरू हो जाएँगे तो फिर कहाँ लौड़े नसीब में होंगे…

दीपक- अरे मेरी जान, मैं हूँ ना.. इम्तिहान के बाद रोज चुदवा लेना, किसने मना किया है।

दीपाली- बस बस.. बोलना आसान है.. इम्तिहान की टेन्शन में किसको चुदाई याद आएगी.. आज और कल तुझे जितना मज़ा लेना है ले ले.. उसके बाद इम्तिहान ख़त्म होने तक सोचना भी मत…

दीपक- ठीक है मेरी रानी, कल उन दोनों के साथ मिल कर तेरी चूत और गाण्ड का मज़ा लूँगा और उस साले मैडी से हजार का नोट भी लेना है ... कड़क-कड़क!

दीपाली- साले कुत्ते, दिखा दी ना अपनी औकात.. किस बात के पैसे बे.. क्या चल रहा है तेरे दिमाग़ में?

दीपक- अरे अरे.. मेरी जान, तू गलत समझ रही है. मैं तेरी चूत की दलाली नहीं करूँगा.. मैंने शर्त लगाई थी उसके पैसे लेने हैं।

दीपाली- कैसी शर्त?

दीपक ने उसे सारी बात विस्तार से बताई तब दीपाली को सब समझ आया।

दीपाली- ओह.. ये बात है.. बड़ा हरामी है तू तो.. साले पहले ही पता लगा लिया कि मेरी सील टूट गई है.. अब सुन तू.. उनसे आज मिल और जो मैं बताती हूँ वैसा कर.. ताकि उनको पता ना चले कि मैं किसी से चुदवा चुकी हूँ.. अगर मेरे बारे में उनको कुछ पता लगा ना.. तो देख लेना तेरा और प्रिया का राज़ भी राज़ नहीं रहेगा…

प्रिया- ये तुम क्या बोल रही हो, दीपाली.. दीपक मेरा भाई है. किसी को पता लग गया तो मैं मर जाऊँगी।

दीपक- साली, धमकी देने की क्या बात है?

दीपाली- अरे कूल.. मेरे आशिक, मैं धमकी नहीं दे रही. अपने आप को सेफ करने के लिए बोल रही हूँ.. बदनामी का डर मुझे भी है.. बस तुम मेरा राज़ छुपाओ.. मैं तुम्हारा.. ठीक है ना…

दीपक- ओके जान, ठीक है.. अब बता उनको क्या बोलना है.. वो दोनों तुझे चोदना चाहते हैं और मैं भी चाहता हूँ कि तू उनसे चुदे.. आखिर वो मेरे खास दोस्त हैं।

दीपाली- ठीक है चुद जाऊँगी उनसे.. मगर ऐसे कि उनको मेरे पे ज़रा भी शक ना हो। अब सुन.. जैसा मैं बताती हूँ वैसा कर.. शाम को उनसे मिलना और…दीपाली बोलती रही, दीपक बड़े गौर से सब सुनता रहा। काफ़ी देर बाद प्रिया और दीपक के चेहरे पर मुसकान आई और उन्होंने खुश हो कर उसने दीपाली के होंठों को चूम लिया।

दीपक- वाह क्या आइडिया दिया है, मेरी जान.. मज़ा आ गया। अब चलो, दोनों शुरू हो जाओ. मेरे लौड़े को चूसो.. अब अभी मुझे तेरी गाण्ड भी मारनी है।
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02-19-2020, 01:56 PM,
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
प्रिया तो जैसे दीपक के बोलने का ही इंतजार कर रही थी.. झट से उसने लौड़े को सहलाना शुरू कर दिया।

दीपाली- अच्छा मेरे आशिक.. मेरी गाण्ड भी मारनी है.. तो लाओ अभी लौड़े को चूस कर तैयार कर देती हूँ।

प्रिया लौड़े को सहला रही थी मगर दीपाली तो लंड की प्यासी थी। सीधे होंठ रख दिए लौड़े पर और सुपाड़े पर जीभ घुमाने लगी। उसको देख कर प्रिया भी लेट गई और गोटियाँ चूसने लगी।

दीपक- आहह.. मेरी रानियों.. चूसो मेरे लौड़े को. मज़ा आ रहा है. अभी तो सिर्फ दीपाली की गाण्ड मारूँगा और रात को प्रिया की.. साली, ना मत कहना.. ऐसा मौका दोबारा नहीं आएगा…

प्रिया- मार लेना भाई.. जब चूत आपको दे दी तो गाण्ड में क्या है.. मार लेना. जी भर कर मारना, बस….

दीपक का लौड़ा चूसाइ से फनफना गया और अपने असली रूप में आ गया।

दीपक- बस साली रण्डियों.. अब चूसना बन्द करो.. आहह.. लौड़ा मस्त खड़ा हो गया। अब बन जा घोड़ी, साली.. तेरी गाण्ड मारने का समय आ गया है।

दीपाली भी अब देर नहीं करना चाहती थी. वो उसकी बात मान गई और घोड़ी बन गई।

दीपाली- आ जा प्रिया, आगे बैठ जा. तेरी चूत चाट देती हूँ।

प्रिया- नहीं दीपाली, आज के लिए बस मेरा हो गया.. तुम मज़ा करो.. मैं बस देखती हूँ कि भाई गाण्ड कैसे मारते हैं।

दीपक ने दीपाली की गाण्ड को बड़े प्यार से सहलाया.. उसके छेद में ऊँगली डाली तो दीपाली थोड़ी सी आगे हुई.. जिससे दीपक को लगा गाण्ड ज़्यादा खुली हुई नहीं है.. तभी दीपाली आगे खिसकी…

दीपक- वाह साली, तेरी गाण्ड तो बड़ी मुलायम है.. मारने में बड़ा मज़ा आएगा.. तेरी गाण्ड को देख कर लौड़ा भी देख कैसे झटके मारने लगा है.. आहह.. क्या मस्त गाण्ड मिली है, मक्खन जैसी।

दीपाली- हाँ मेरे आशिक, पेल दे लौड़ा गाण्ड में.. उसके बाद देख तेरे को कितना मज़ा देती हूं!

दीपक ने सुपाड़े को गाण्ड पर फिराया और फिर उसे गाण्ड के छेद पर रख कर ज़ोर से धक्का मारा. लौड़ा फिसक कर निशाना चूक गया।

दीपाली- आहह.. क्या कर रहा है, बहनचोद? गाण्ड मारना आता नहीं और चला है मारने.

दीपाली ने जानबूझ कर ये दीपक को शर्मिंदा करने के लिए कहा था पर यह भी सच था कि दीपक को गांड मारने का तरीका नहीं पता था।

दीपक का सर शर्म से झुक गया क्योंकि उसने वास्तव में पहले गांड नहीं मारी थी. उसने सोचा था कि गांड पर लंड रख कर धक्का मारना है और काम हो जायेगा. उसकी मुश्किल आसान करते हुए प्रिया ने कहा – भाई से नाराज़ क्यों होती है, दीपाली? तू ही बता दे ना कि इन्हें कैसे मारनी है?

दीपाली – हूं, वही करना पड़ेगा. ऐसा कर कि तू पहले अपने भाई के लंड पर अच्छी तरह थूक लगा. ... लगा दिया? ठीक है, अब तू मेरे चूतड़ों को फैला और इसे कह कि ये मेरी गांड के छेद पर जोर से थूके. ... ठीक है, अब इसका लंड छेद पर रख ... हाँ, पकडे रख. और दीपक, तू धीरे-धीरे लंड घुसा. ... हाँ, ऐसे!

दीपक- आह.. मज़ा आ गया, रानी. लौड़ा अन्दर जाते ही खुश हो गया. तेरी गाण्ड तो प्रिया की कुंवारी चूत से भी टाइट निकली ... लगता है तेरे यार ने ज्यादा बार नहीं मारी है!

दीपाली- आहह.. पूरा डाल, साले. तुझे नहीं पता कि गांड हमेशा ऐसी ही टाइट रहती है, चाहे कितनी ही बार मार लो!

दीपक ने लौड़े को पूरा बाहर निकाला और ज़ोर से झटका मारा.. लौड़ा जड़ तक गाण्ड में समा गया।

दीपाली- वाह, क्या शॉट मारा है! तेरा लौड़ा अच्छा है, रे! आहह.. अब मार धक्के ... आहह.. मार ... आहह.. और ज़ोर से ... आहह मेरी गाण्ड को तेरे रस से भर दे. आहह.. भर दे पूरा लण्ड-रस मेरी गाण्ड में..... आहह!

दीपक ने रफ़्तार पकड़ ली.. प्रिया बस उनका यह खेल देख रही थी।

दीपाली- आ साली कुतिया, ऐसे फ्री बैठी है. आह, चल मेरे नीचे आ आहह.. मेरी चूत चाट आहह.. गाण्ड के साथ-साथ चूत को भी मज़ा मिल जाएगा आहह.. आ जा जल्दी से…

प्रिया- हाँ छिनाल.. आ रही हूँ.. तू इतनी बड़ी चुदक्कड़ है.. तुझे चूत में खुजली होगी ही.. ले अभी चाट देती हूँ…

प्रिया नीचे से चूत चाटने लगी और दीपक गाण्ड की ठुकाई में लगा रहा। ये खेल करीब दस मिनट चला। दीपाली की चूत ने तो पानी फेंक दिया जिसे प्रिया ने चाट लिया मगर दीपक का लौड़ा अभी भी जंग लड़ रहा था।

दीपक- उहह उहह आहह.. दीपा रानी, आहह.. क्या मस्त गाण्ड है तेरी.. आहह.. मज़ा आ गया आहह.. उहह उहह…

दीपाली- अई आह अबे भड़वे आहह.. कब से मेरी गाण्ड का भुर्ता बना रहा है.. आहह.. अब तो मेरी चूत ने भी पानी छोड़ दिया.. आहह.. अब निकाल दे पानी! आहह…

दीपक- बस मेरा भी होने वाला है आहह.. उफ़फ्फ़ आ अई आह…

दीपक के लौड़े ने भी लंबी दौड़ के बाद हार मान ली और वीर्य दीपाली की गाण्ड में भर दिया। कुछ देर तक लौड़ा गाण्ड में रखने के बाद दीपक ने बाहर निकाला।

दीपक- आह ले मेरी रंडी बहन, चूत-रस तो तू पी गई.. अब ये लण्ड भी चाट ले।

प्रिया- हाँ मेरे बहनचोद भाई.. अभी चाट देती हूँ.
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02-19-2020, 01:57 PM,
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
प्रिया ने लौड़े को चाट कर साफ कर दिया। कुछ देर वो तीनों वहीं बातें करते रहे. उसके बाद वहाँ से निकल गए।


उधर अनुजा भी अपनी सहेली के यहाँ से घर आ गई तो उसने देखा कि विकास सोया हुआ था। दीपाली की जबरदस्त चुदाई करने के बाद उसको अच्छी नींद आ गई थी।

अनुजा- अरे क्या बात है मेरे सरताज.. सो रहे हो.. मेरी सौतन कहाँ है? नहीं आई क्या आज??

विकास- उहह, आ गईं तुम.. अरे आई थी. दो बार जम कर चोदा उसे. मगर फिर वो किसी काम का बहाना कर के चली गई.. मुझे भी चुदाई के बाद अच्छी नींद आ गई तो सो गया…

अनुजा- चलो अच्छा है.. मैं तो डर गई थी कि मैं भी चली गई और वो भी नहीं आई तो आप शायद नाराज़ होकर सो गए होंगे।

विकास- अरे नहीं मेरी जान.. तुमसे मैं कभी नाराज़ हो सकता हूँ क्या?

अनुजा- सच्ची? अगर मुझसे कोई ग़लती हो जाए तो भी नहीं?

विकास- हाँ कभी नहीं.. कितनी भी बड़ी ग़लती हो.. मैं माफ़ कर दूँगा.. तुमने मेरे लिए कितना किया है.. अब मुझे भी मौका दो, यार…

अनुजा- ठीक है, कभी ऐसा हुआ तब आपसे बात करूँगी.. अभी थोड़ा फ्रेश हो जाऊँ उसके बाद खाना भी बनाना है।

(दोस्तो, अब यहाँ बताने को कुछ नहीं बचा. उधर दीपाली भी घर जा कर पढ़ने बैठ गई। चलो, सोनू के पास चलते हैं. वहाँ कुछ है आपको बताने लायक।)

चाय की एक छोटी सी दुकान के बाहर मैडी और सोनू बैठे थे और चाय की चुस्की ले रहे थे। सोनू दोपहर की बात मैडी को बता रहा था।

मैडी- साले तू अन्दर घुस गया? तेरे को क्या लगा ... वो दोनों वहाँ क्यों गए थे?

सोनू- यार, तुम तो जानते हो ना.. शैतान दिमाग़ है.. मुझे लगा कि साला दीपक वहाँ प्रिया को चोदने ले गया होगा.. इसीलिए मैं घर में घुस गया।

मैडी- अबे साले, तू पागल है क्या? वो उसकी बहन है! साले, कुछ भी सोच लिया।

सोनू- तुमको नहीं पता. आजकल ऐसा बहुत सुनने में आ रहा है. साली कौन बहन.. कौन भाई.. पता ही नहीं चलता.. अच्छा जाने दे आगे तो सुन…

मैडी- सुना तेरी बकवास कहानी.. आगे क्या बाकी है अब?

सोनू ने सारी बात जब बताई मैडी के होश उड़ गए।

मैडी- अरे इसकी माँ की! साला दीपक ... क्या गेम खेल गया ... प्रिया का सहारा ले कर दीपाली तक पहुँच गया. हो गया बंटाधार. कल लौड़े को हाथ में ले कर मुठ मारना ... अब दीपाली तो आने से रही। साले दीपक ने जल्दबाज़ी में सारा काम बिगाड़ दिया होगा।

इतने में दीपक भी वहाँ आ गया. उसने आखिरी बात सुन ली थी।

दीपक- अबे चूतिया साले, मैंने कुछ काम नहीं बिगाड़ा.. सब नॉर्मल है.. तू बता कि कल क्या करने वाला है?

मैडी- आ गया तू. साले, पहले ये बता क्या हुआ.. दीपाली ने क्या कहा?

दीपक- अरे कुछ नहीं.. तू पहले कल का प्लान बता.. बाद में तुम दोनों को सारी बात बता दूँगा…

मैडी- देख सीधी सी बात है.. दीपाली ऐसे सीधी तरह तो हम से चुदेगी नहीं. मैंने ‘उस’ का का इंतजाम कर लिया है.. बस किसी तरह उसको दे देंगे। उसके बाद उस पर मस्ती चढ़ जाएगी। मैंने होटल में कमरा बुक करवा लिया है. मैं उसको वहाँ ले जाऊँगा. वो खुद ही चुदना चाहेगी मगर मैं ना कहूँगा. उसके बहुत ज़्यादा कहने पर ही मैं उसको चोदूँगा. उसके बाद तुम दोनों भी मज़ा लेना और हाँ, हम उसका वीडियो बना लेंगे ताकि उसको दिखा सकें कि देख तूने खुद कहा तब ही ये सब हुआ … ये सब इंतजाम करने में मेरी तो गाण्ड फट गई. साली ये गोली भी बहुत मुश्किल से मिली है.

दीपक- प्लान तो अच्छा बनाया मगर साले, ये रेप ही हुआ ना.. हम जब बोलते थे तब तूने मना किया और आज तूने खुद ऐसा घटिया प्लान बनाया।

मैडी- क्या बकवास कर रहा है.. ये प्लान घटिया है, साले? मस्ती छाएगी उस पर.. खुद साथ देगी हमारा चुदाई में. कोई रेप नहीं होगा.. उसको लगेगा कि उसकी ग़लती है।

दीपक- वाह! मान गए उस्ताद, उसको लगेगा कि उसकी ग़लती है.. साले, उसको कुछ पिलाएँगे तो तेरी पार्टी है, इलज़ाम तुझ पे ही आएगा ... और वो इतनी भी पागल नहीं है कि समझ ना पाए. उसको हम तीनों पर पहले से ही शक है, समझे? और ये सब करने की कोई जरूरत नहीं. वो कल होशो-हवाश में हम से चुदेगी, समझे? साला.. बड़ा आइडिया लाया है.
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02-19-2020, 01:57 PM,
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
सोनू- क्या बोल रहा है यार.. होश में चुदेगी? कसम से तेरे मुँह में कोरी चूंची.. अगर ऐसा हुआ तो मज़ा आ जाएगा, यार…

मैडी- क्यों लंबी फेंक रहा है तू, साले?

दीपक- अबे चूतिया, आज दोपहर को उसे चोद चुका हूँ मैं और तुम दोनों के लिए भी मना लिया है, समझे?

सोनू- अरे बाप रे! साला, मेरे को लगा ही था. कुछ ना कुछ गड़बड़ है.. मगर ये चमत्कार हुआ कैसे? प्रिया भी तो वहीं थी.. ये सब कैसे हुआ, यार?

मैडी- बकवास. मैं नहीं मानता कि एक ही दिन में तूने उसे पटा भी लिया और चोद भी लिया. नामुमकिन…

दीपक- तुझे मेरी बात पर भरोसा नहीं ना.. रात को वो तुझे फ़ोन करेगी.. तब पता चल जाएगा, समझे?

मैडी- क्या? वो मुझे फ़ोन क्यों करेगी और ऐसा क्या हो गया जो वो खुद राज़ी होगी चुदने के लिए.

सोनू- माँ कसम, मज़ा आ जाएगा. यार, साली की जवानी के मज़े लेंगे. काश तू सच बोल रहा हो, दीपक।

दीपक- अबे चूतिया साले, काश का क्या मतलब है.. मैं सच ही बोल रहा हूँ.. कल देख लेना और हाँ मैडी, तुझे तो रात को ही पता चल जाएगा.. ओके, अब चलो. मुझे घर पर थोड़ा काम भी है यार…

तीनों वहाँ से चाय पी कर निकल गए मैडी. अब भी सोच रहा था कि दीपक की बात सही है या गलत.. इसी उलझन में वो घर चला गया।

दीपक की माँ ने बताया कि प्रिया आज यही रहेगी तो दोनों एक ही कमरे में सो जाओ.. और अपने इम्तिहान की तैयारी करो। दीपक के मन की मुराद पूरी हो गई. वो तो सोच रहा था रात को सब के सोने के बाद प्रिया के कमरे में जाएगा मगर यहाँ तो सारी बाजी ही उसके हाथ में आ गई।

(दोस्तों, अब देखें कि दीपाली के यहाँ क्या हो रहा है.)

दीपाली आज की घमासान चुदाई से थक कर चूर हो गई थी। खाना खाने के बाद अपने कमरे में बैठी सुस्ता रही थी.. तभी अचानक से उसे कुछ याद आया और वो फ़ौरन फ़ोन के पास चली गई। उसने मैडी को फ़ोन लगाया।

मैडी- हैलो कौन?

दीपाली- मैडी, मैं हूँ दीपाली.. तुमसे एक जरूरी बात कहनी थी.. सुबह तुम दीपक से मिल लेना.. कल मैं 11 बजे तक फ्री होकर आ जाऊँगी मगर सुबह दीपक से जरूर मिल लेना और होटल का खर्चा मत करना.. बस नॉर्मल सी पार्टी रखना.. वहाँ सिर्फ़ तुम तीन दोस्त और मैं हों. और किसी को मत बुलाना, समझे?

मैडी- मगर अचानक ये सब कैसे? दीपक शाम को मिला था. कुछ बता रहा था. क्या वो बात सही है?

दीपाली- वो सब कल आ कर बता दूँगी ओके बाय.. अभी मैं जरा बिज़ी हूँ।

दीपाली ने फ़ोन काट दिया मगर मैडी अब भी मूर्ति बना हुआ वहीं खड़ा रहा.. उसको यकीन ही नहीं हो रहा था। काफ़ी देर बाद वो नॉर्मल हुआ और खुश होकर अपने कमरे में चला गया। उसके दिमाग़ में यही था कि कल क्या होगा।

दीपाली भी थकी हुई थी.. तो वो अपने कमरे में जा कर सो गई।

उधर खाना ख़त्म करके दीपक और प्रिया कमरे में चले गए।

प्रिया- भाई, किताबें निकाल लो.. अभी सब जाग रहे हैं.. तब तक पढ़ाई कर लेते हैं.. अगर कोई अन्दर आए भी तो किसी को शक ना हो….

दीपक को प्रिया की बात समझ आ गई और दोनों पढ़ने बैठ गए.. थोड़ी देर बाद ही उसकी मम्मी देखने आई और उनसे कहा- ये गर्म दूध पी लो. दिमाग़ फ्रेश हो जाएगा…

मम्मी के जाने के काफ़ी देर बाद दीपक खड़ा हुआ और घर का मुआयना करके आया कि सब सो गए या नहीं…

प्रिया- क्या हुआ भाई.. कहाँ गए थे आप? बड़ी देर में आए?

दीपक- अरे मेरी चुदक्कड़ बहन.. सब सोए या नहीं.. ये देखने गया था।

प्रिया- ओह.. क्या हुआ.. सो गए क्या?

दीपक- हाँ जानेमन, सो गए.. अब जल्दी से कपड़े उतार. आज तेरी गाण्ड का मुहूरत करूँगा.. साली, आज तक दीपाली की मटकती गाण्ड देख कर लौड़ा खड़ा होता था.. आज तेरी गाण्ड के नाम से ही देख कैसे पजामे में तंबू बन रहा है।

प्रिया- हाँ भाई, दिख रहा है मगर मुझे थोड़ा डर लग रहा है.. आपका इतना बड़ा लंड मेरी छोटी सी गाण्ड में कैसे जाएगा।

दीपक- अरे पगली, जब दीपाली की गांड में चला गया तो तेरी गाण्ड में भी चला जाएगा.. तू डर मत. दीपाली ने हमें तरीका भी बता दिया है. वैसे करेंगे तो सब ठीक होगा।

प्रिया- नहीं भाई, दीपाली तो पहले गांड में लंड ले चुकी थी. मेरी गांड तो कोरी है. पहली बार जब आपका लंड मेरी कोरी चूत में गया था, मेरी जान निकलते-निकलते बची थी।

दीपक- अरे तब तो मैं तुझे गुस्से में चोद रहा था.. अब तो बड़े प्यार से अच्छी तरह थूक लगा कर तेरी गाण्ड में लौड़ा डालूँगा.. तू डर मत मेरी प्यारी बहना…

प्रिया- ठीक है भाई.. जैसी आपकी मर्ज़ी.. आ जाओ अब आप ही मुझे नंगी कर दो।

दीपक उसके करीब गया और उसके कपड़े निकाल दिए.. और खुद भी नंगा हो गया.. उसका लौड़ा झटके खा रहा था।

प्रिया- भाई देखो, कैसे ये झटके खा रहा है.. बड़ा हरामी है.. इसको पता लग गया है कि आज ये मेरी कोरी गाण्ड में जाएगा।

दीपक- हाँ मेरी जान, ये सब महसूस करता है. पहले तुझे अच्छे से चूमूँगा.. चाटूँगा.. उसके बाद ही तेरी गाण्ड मारूँगा।
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02-19-2020, 01:57 PM,
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपक और प्रिया अब एक-दूसरे के होंठों का रस पीने लगे थे। इसी दौरान दीपक का हाथ प्रिया की गाण्ड को दबा रहा था.. प्रिया को बड़ा मज़ा आ रहा था। दोनों बिस्तर पर लेट गए और चूसने का प्रोग्राम चालू रहा.. दीपक अब प्रिया के निप्पल को चूसने लगा।

प्रिया- आ आह्ह.. भाई, मज़ा आ रहा है.. उह.. ये निप्पल का कनेक्शन चूत से है क्या? आह्ह.. आप चूस रहे हो और चूत में मीठी खुजली शुरू हो गई है! आह्ह..

दीपक- हाँ मेरी बहन, निप्पल और चूत की तारें आपस में जुड़ी हुई हैं. अब तू मज़ा ले.. मुझे भी तेरे आमों का रस पीने दे.. उफ़ बड़े रसीले हैं तेरे आम..

दीपक काफ़ी देर तक प्रिया के मम्मों को चूसता रहा.. अब वो नीचे आ कर चूत को चाटने लगा था। प्रिया तो बस आनन्द के मारे सिसकियां ले रही थी। दीपक का लौड़ा लोहे जैसा सख़्त हो गया था।

दीपक- साला ये लंड भी ना, परेशान कर रहा है.. ठीक से चूत चाटने भी नहीं दे रहा.. प्रिया घूम जा, तू लौड़े को चूस.. मैं तेरी चूत को ठंडा करता हूँ.. उसके बाद तेरी गाण्ड का मज़ा लूँगा..

प्रिया घूम गई अब दोनों 69 की अवस्था में आ गए थे.. दीपक बड़े सेक्सी अंदाज में चूत को चाटने लगा। प्रिया भी तने हुए लौड़े को घपाघप चूसे जा रही थी। उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी थी.. क्योंकि दीपक चूत चाटने के साथ-साथ अपनी ऊँगली पर थूक लगा कर उसकी गाण्ड में घुसने की कोशिश कर रहा था।

प्रिया को बहुत मज़ा आ रहा था.. उसे गाण्ड में ऊँगली करने से गुदगुदी हो रही थी और चूत पर जीभ का असर उसे पागल बना रहा था। करीब 10 मिनट बाद उसकी चूत ने उसका साथ छोड़ दिया और वो झड़ने लगी। दीपक ने सारा चूतरस पी लिया।

दीपक- आह्ह.. मज़ा आ गया मेरी रानी.. चल अब तैयार हो जा गाण्ड मरवाने के लिए. मेरा लौड़ा भी कब से तड़प रहा है।

प्रिया- भाई, आपका लौड़ा बहुत गर्म हो गया है.. चुसाई से जल्दी ही झड़ जाएगा. मैं मुँह से ही चूस कर पानी निकाल देती हूँ. दूसरी बार कड़क हो जाए तब आप गाण्ड मार लेना।

दीपक- नहीं मेरी जान, लौड़े को इतना क्यों चुसवाया, पता है ... ताकि ये तेरी गाण्ड में जाने के लिए तड़पे.. तब तेरी गाण्ड मारने का मज़ा दुगुना हो जाएगा..

प्रिया- ठीक है भाई. आप नहीं मानोगे तो लो मार लो. कौन सी पोजीशन पसन्द करोगे।

दीपक- आज गधी बन जा.. तुझे गधी बना कर मैं तेरी सवारी करूँगा..
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02-19-2020, 01:57 PM,
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
प्रिया- क्या भाई.. कभी कुतिया.. कभी गधी.. आप घोड़ी भी तो बोल सकते हो।

दीपक- देख, अब तू चाहे कुछ भी बन.. लौड़ा तो तेरी गाण्ड में ही जाना है। क्या फ़र्क पड़ता है कि तू क्या बनी है।

प्रिया- अच्छा भाई.. लो आपके लौड़े के लिए तो गधी भी बन जाती हूँ लो अपनी गधी की गाण्ड में लौड़ा डाल दो।

प्रिया घुटनों के बल हो गई। कमर को सीधा कर लिया, पैर फैला लिए.. ताकि गाण्ड का छेद थोड़ा खुल जाए.. मगर कुँवारी गाण्ड थी तो कहाँ छेद खुलने वाला था।

दीपक ने लौड़े पर अच्छे से थूक लगाया और प्रिया की गाण्ड में भी दो-तीन बार थूका. फिर वो ऊँगली से थूक को अन्दर करने लगा।

प्रिया- उइ आई आह्ह.. भाई ऊँगली से ही दर्द हो रहा है.. लंड कैसे जाएगा.. प्लीज़, आप चूत ही ले लो, लौड़े का अन्दर जाना मुश्किल है।

दीपक- अरे, रंडी बनने का शौक तुझे ही चढ़ा था.. अब दर्द से क्या घबराती है.. बस आज की बात है.. उसके बाद तो तेरे दोनों छेद खुल जायेंगे.. तू पक्की रंडी बन जाएगी.. मैं रोज तुझे चोदूँगा।

प्रिया- नहीं भाई, मुझे रंडी नहीं बनना.. बस आपके सिवा मैं किसी के बारे में नहीं सोचूँगी.. आह्ह.. रंडी तो वो दीपाली है.. जो सब के पास जा जा कर चुदती है. उई आह्ह..

दीपक- अच्छा.. तू रंडी नहीं बनेगी तो क्या मेरी बीवी बनने का इरादा है?

प्रिया- हाँ भाई, हम कहीं भाग जाते हैं. वहाँ शादी कर लेंगे.. अपना घर बसाएंगे हम..

दीपक- ये सपने देखना बंद कर. ये नामुमकिन है.. चल, अब अच्छी बहन की तरह रेडी हो जा ... लौड़ा गाण्ड में लेने के लिए. मैंने तेरी गाण्ड में अच्छे से थूक लगा दिया है.. अब दर्द कम होगा.. लौड़ा आराम से अन्दर जाएगा।

प्रिया- आप भी ना भाई, कोई तेल लगाते.. आप सिर्फ थूक लगा रहे हो..

दीपक- अरे मेरी बहन, थूक लगा कर गाण्ड मारने का मज़ा ही अलग होता है.. अब बस बात बन्द कर.. मुझे लौड़ा घुसड़ने दे।

दीपक ने लौड़े पर और थूक लगाया और प्रिया के छेद पर लौड़ा टिका कर दबाव देने लगा.. लौड़ा फिसल कर ऊपर निकल गया.. दोबारा किया तो फिसल कर नीचे हो गया। दीपक थोड़ा झुंझला सा गया।

दीपक- तेरी माँ की चूत.. साला अन्दर ही नहीं जा रहा..।

प्रिया- भाई, मेरी गाण्ड बहुत छोटी और आपका लौड़ा बहुत बड़ा है.. नहीं जाएगा ... आप समझो बात को.. आह्ह..

दीपक- चुप कर. साली कब से बकबक कर रही है.. जाएगा क्यों नहीं.. अबकी बार देख कैसे जाता है।

प्रिया समझ गई कि ये गुस्सा हो गया. अब उसने अपने हाथ पीछे ले जा कर खुद अपने हाथों से अपने चूतड़ों को फैला दिया. उसने अपने दाँत भींच लिए अपने ताकि दर्द हो तो चीख ना निकले।

दीपक ने मन ही मन उसकी होशियारी की दाद दी. उसने सुपाड़ा गांड पर रख कर थोड़ा सा दबाव बनाया तो सुपाड़ा गाण्ड के छेद में अटक गया. बस यही मौका था उसके पास.. उसने जल्दी से एक हाथ से लौड़ा पकड़ा, दूसरे हाथ से प्रिया की कमर को पकड़ा और दबाव बनाया.. लौड़ा दो इंच अन्दर घुस गया।

प्रिया- आह आह.. भाई! उई.. बहुत दर्द हो रहा है…

दीपक- अरे मेरी जान, तेरी गाण्ड है ही इतनी टाइट.. थोड़ा दर्द तो होगा ही.. तू बस बर्दास्त कर.. उसके बाद बड़ा मज़ा आएगा..।

दीपक ने प्रिया की कमर को पकड़ कर दोबारा लौड़े पर दबाव बनाया.. लौड़ा दो इंच और अन्दर घुस गया।दीपक का लंड गाण्ड में एकदम फँस सा गया था जैसे उसे किसी ने शिकंजे में फंसा दिया हो.. उधर प्रिया की हालत भी खराब हो रही थी। दर्द के मारे उसकी आँखों में आँसू आ गए थे.. मगर वो दाँत भींचे.. बस सिसक रही थी।

दीपक- आह्ह.. मज़ा आ गया.. कैसी कसी हुई गाण्ड है तेरी.. साला लौड़ा अन्दर जकड़ सा गया है।

प्रिया- आई! भाई उफ़ ससस्स.. अब और मत डालना.. आह्ह.. मेरी गाण्ड फट जाएगी.. आआह्ह.. आह.. बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़.. आह्ह.. इतने से ही आप काम चला लो. आह्ह..

दीपक- हाँ बहना, जानता हूँ तुझे तकलीफ़ हो रही है.. डर मत मैं बड़े प्यार से तेरी गाण्ड मारूँगा।

दीपक का 4″ लौड़ा गाण्ड में फँसा हुआ था। अब वो धीरे-धीरे उसे अन्दर-बाहर करने लगा.. प्रिया को दर्द हो रहा था मगर कुछ देर बाद दर्द के साथ उसको एक अलग ही मज़ा भी आने लगा। वो उत्तेजित होने लगी.. उसकी चूत भी पानी छोड़ने लगी।

प्रिया- आ आह.. हाँ ऐसे ही भाई.. आह्ह.. आराम से करो आह्ह.. स..सस्स मज़ा आ रहा है.. आई धीरे.. अभी दर्द है मगर आह्ह.. कम हो रहा है आह्ह..

दीपक अब थोड़ी रफ्तार बढ़ा रहा था और लौड़े पे दबाव बना रहा था ताकि और वो अन्दर तक चला जाए।

दस मिनट तक ये सिलसिला चलता रहा। अब दीपक भी चरम सीमा पर पहुँच गया था.. प्रिया की दहकती गाण्ड में लौड़ा ज़्यादा देर नहीं टिक पाया. उसको लगा कि अब कभी भी पानी निकल जाएगा तो उसने प्रिया की कमर को दोनों हाथों से कस कर पकड़ लिया।

दीपक- बहना, मेरा पानी किसी भी पल निकल सकता है… अब बर्दास्त नहीं होता.. मैं पूरा लौड़ा तेरी गाण्ड की गहराई में उतार रहा हूँ. संभाल लेना तू…
Reply
02-19-2020, 01:58 PM,
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
प्रिया- आह्ह.. आई.. भाई आह्ह.. अब मना करूँगी तो आप मानोगे थोड़ी.. आह डाल दो आह्ह.. अब आधा गया तो पूरा भी पेल दो. आह्ह..

बस इसी पल दीपक ने लौड़ा गाण्ड से बाहर निकाला और तेज झटका मारा। प्रिया की गाण्ड को चीरता हुआ लौड़ा जड़ तक उसमें समा गया। ना चाहते हुए भी प्रिया के मुँह से चीख निकल गई.. मगर वो इतनी ही चीखी कि बस उसकी आवाज़ कमरे से बाहर ना जा पाए। दीपक अब रफ्तार से पूरा लौड़ा अन्दर-बाहर करने लगा.. कसी हुई गाण्ड में लौड़ा बड़ी मुश्किल से जा रहा था।

प्रिया- आआआ आआआ उयाया.. भाई मर गई आह्ह.. उह..

दीपक- आह्ह.. उहह बहना.. बस एक मिनट आह्ह.. मेरा पानी निकलने वाला है आह्ह.. सब्र कर आह्ह…

दीपक ने तीन-चार जोरदार झटके मारे और उसके लौड़े का जवालामुखी फट गया। वो प्रिया की गाण्ड में वीर्य की धार मारने लगा। दीपक के गर्म-गर्म वीर्य से प्रिया को गाण्ड में बड़ा सुकून मिला। उसने एक लंबी सांस ली।

प्रिया- आई ससस्स.. भाई आह.. आपने तो मेरी गाण्ड का हाल बिगाड़ दिया उफ़ अब लौड़ा निकाल भी लो मर गई रे आह्ह…

दीपक ने ‘फक्क’ की आवाज़ के साथ लौड़ा गाण्ड से बाहर निकाल लिया और एक साइड होकर लेट गया.. फ़ौरन प्रिया भी उसके सीने पर सर रख कर लेट गई.. लौड़े की ठापों से उसकी गाण्ड एकदम लाल हो गई थी।

दीपक- आह्ह.. मज़ा आ गया बहना.. तेरी टाइट गाण्ड में साला लौड़ा बड़ी मुश्किल से जा रहा था.. उफ़ क्या गर्मी थी गाण्ड में.. साली लौड़े को झड़ने पर मजबूर कर दिया।

प्रिया- भाई आपके लौड़े ने मेरी गाण्ड का क्या हाल कर दिया.. देखो नर्म बिस्तर पर भी ठीक से नहीं टिक पा रही है।

दीपक- मेरी जान, ये तो तूने लंड को चूस-चूस कर अधमरा कर दिया था.. गाण्ड में ज़्यादा देर टिक ना सका। अबकी बार बराबर ठोकूँगा ना.. सारा दर्द हवा हो जाएगा और देखना तुझे मज़ा भी खूब आएगा।

प्रिया- बाप रे बाप.. आप दोबारा मेरी गाण्ड मारोगे.. ना बाबा, अबकी बार चूत से काम चला लो.. मुझे नहीं मरवानी गाण्ड.. बड़ा दर्द होता है…

दीपक- अरे रानी, तू फिकर क्यों करती है.. बस आज की रात ही हम साथ-साथ हैं.. कल से कहाँ ऐसा मौका मिलेगा.. ला इन रसीले मम्मों का थोड़ा रस पिला.. ताकि जल्दी से लौड़े में ताक़त आए और अबकी बार जम कर तेरी ठुकाई करूँ।

प्रिया- अच्छा कर लेना.. पहले मुझे बाथरूम जाना है.. आपके लौड़े ने गाण्ड में हलचल मचा दी है.. मैं आती हूँ अभी…

प्रिया के जाने के बाद दीपक कल के बारे में सोचने लगा कि मैडी और सोनू की नज़र में वो हीरो बन जाएगा मगर हक़ीकत कोई नहीं जान पायेगा कि ये हीरो ऐसे ही नहीं बना बल्कि अपनी बहन को चोदने के बाद बना है।

प्रिया के बाथरूम से आने के बाद दीपक दोबारा शुरू हो गया.. उसके मम्मों को दबा कर रस पीने लगा। जब उसका लौड़ा फनफना गया तो दोबारा उसकी गाण्ड में पेल दिया और अबकी बार 35 मिनट तक दे-दनादन गांड मारता रहा।

रात भर में उसने 2 बार प्रिया की गाण्ड और एक बार चूत मारी.. बेचारी प्रिया का तो हाल बेहाल कर दिया।

(दोस्तो, कहानी लंबी हो रही है. हर एक चुदाई को पूरा लिख पाना अब मुमकिन नहीं. आपके भी सब्र का बाँध टूट गया है अब. खैर चलिए, आगे कहानी का रस लीजिए।)

सुबह का सूरज सब के लिए एक अलग ख़ुशी लेकर आया था। दीपक की मम्मी ने करीब 8 बजे उनको उठाया.. तब कहीं जाकर उनकी आँख खुली..

वैसे रात को दोनों ने कपड़े पहन लिए थे ताकि सुबह किसी के दरवाजे खटकाने पर तुरन्त दरवाजा खोल दिया जाए। और हुआ भी वैसा ही. दीपक जल्दी से उठा.. एक चादर ज़मीन पर डाली तकिया डाला और दरवाजा खोल दिया।

उसकी मम्मी के पूछने पर बता दिया कि प्रिया ऊपर सोई और वो नीचे.. सब ठीक रहा.. प्रिया की गाण्ड में दर्द था तो वो नहीं उठी.. रात की ठुकाई से उसे बुखार भी हो गया था। दीपक नहा-धोकर घर से निकल गया। उधर मैडी भी दीपक से मिलने को बड़ा उतावला था। तो फ़ौरन वो भी करीब 8.40 को घर से निकल गया।

दीपाली सुबह 7 बजे उठ गई और काम में अपनी मम्मी का हाथ बंटाने लगी।

विकास ने रात को अनुजा की खूब ठुकाई की थी. अब उसके दिमाग़ में प्रिया घूम रही थी।

(दोस्तो, कहानी में अब सोमवार आ गया है. कहानी अब अपने चरम पर आ रही है. तो चलिए देखते हैं आज क्या होता है?)
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