Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
02-19-2020, 12:40 PM,
#11
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
एक पट्टी तेरी आँखों पर और दूसरी हाथ पर बांधूंगी उसके बाद असली मज़ा आएगा।

दीपाली- ये पट्टी से क्या मज़ा आएगा दीदी.. नहीं ऐसे ही करेंगे ना।

अनुजा- नहीं मैंने कहा ना.. तुम पहली बार लौड़ा चूसने जा रही हो.. अगर आँखें खुली रहेगीं तो ये नकली लौड़ा तुझे दिखेगा और तेरे अन्दर लौड़े वाली मस्ती नहीं आएगी। मगर आँखें बन्द रहेगीं.. तब तू ये सोचना कि तू असली लौड़ा चूस रही है। तब मज़ा दुगुना हो जाएगा और ये देख इस लौड़े के साथ ये बेल्ट भी है.. मैं इसे अपनी कमर पर बाँध लूँगी। इससे मैं आदमी बन जाऊँगी और मेरी चूत की जगह ये लौड़ा आ जाएगा.. क्यों अब बोल क्या बोलती है।

दीपाली- हाँ दीदी.. आपने सही कहा.. इस तरह ज़्यादा मज़ा आएगा मगर ये हाथ तो खुले रहने दो ना।

अनुजा- नहीं मेरी जान हाथ बाँधने जरूरी हैं वरना तुझे ऐसा लगेगा कि लौड़े को हाथ से पकडूँ और जैसे ही तू लौड़ा पकड़ेगी असली वाली बात ख़तम हो जाएगी।

दीपाली- ओके दीदी.. जैसा आपको ठीक लगे.. चलो पट्टी मेरी आँखों पर बाँध दो।

अनुजा- अरे मेरी जान पहले ये कपड़े तो निकाल.. उसके बाद ये पट्टी बाँधूंगी।

अनुजा खुद भी नंगी हो गई और दीपाली को भी नंगा कर दिया। उसके बाद उसके दोनों हाथ पीछे करके पट्टी से बाँध दिए उसकी आँखों पर भी अच्छे से पट्टी बाँध दी।

दोस्तो, ये अनुजा का प्लान था ताकि विकास अन्दर आ जाए और दीपाली उसको देख ना सके।

दीपाली बिस्तर पर घुटनों के बल बैठ गई अनुजा ने विकास को इशारा कर दिया वो अन्दर आ गया।

वो एकदम नंगा था उसने पहले ही दूसरे कमरे में कपड़े निकाल दिए थे। उसका लौड़ा भी एकदम तना हुआ था।

दीपाली- दीदी अब तो लौड़ा मेरे मुँह में दे दो.. बड़ा मन कर रहा है चूसने का।

अनुजा- हाँ यार देती हूँ.. पहले कमर पर बाँध तो लूँ.. उसके बाद शहद डाल कर तेरे मुँह में दूँगी।

अनुजा ने विकास के लौड़े पर अच्छे से शहद लगा दिया और विकास बिस्तर पर चढ़ गया। लौड़े की टोपी को दीपाली के खुले मुँह में हल्के से फँसा दिया।

दीपाली तो इसी इंतजार में थी, वो झट से अपनी जीभ से टोपी को चाटने लगी।

आनन्द के मारे विकास की आँखें बन्द हो गईं.. अनुजा वहीं पास में बैठी अपनी चूत सहला रही थी।

दीपाली लौड़े को जीभ से चाट रही थी और टोपी को अपने होंठों में दबा कर चूस रही थी। उसको बहुत मज़ा आ रहा था।

अनुजा- अरे मेरी जान पूरा मुँह में ले.. तब असली मज़ा आएगा.. इतने से क्या होगा?

दीपाली ने अनुजा की बात सुनकर पूरा लौड़ा में भर लिया और चूसने लगी।

विकास को भी काफ़ी मज़ा आ रहा था और आएगा क्यों नहीं एक कमसिन कली जिसके पतले होंठों में उसका लौड़ा फँसा हुआ था।

अब विकास लौड़े को आगे-पीछे करने लगा।

एक वक्त तो लौड़ा पूरा दीपाली के गले तक पहुँच गया और उसी वक़्त दीपाली ने झट से मुँह हटा लिया और विकास ने जैसे ही लौड़ा आगे किया उसकी गोटियाँ दीपाली के मुँह के पास आ गईं.. दीपाली को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।
Reply
02-19-2020, 12:40 PM,
#12
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
वो गोटियों को चूसने लगी.. तब उसको थोड़ा अजीब सा लगा और उसने मुँह हटा लिया।

अनुजा- अरे क्या हुआ रानी चूस ना।

दीपाली- दीदी मुझे ये लौड़ा एकदम असली जैसा लग रहा है और शहद के साथ-साथ कुछ नमकीन सा और भी पानी मेरे मुँह में आ रहा है इसकी गोटियों की चमड़ी भी बिल्कुल असली लग रही है।

अनुजा- अरे पगली ये सब आँख बन्द होने का कमाल है.. असली लंड कहाँ से आएगा? तू चूसती रह.. इसके बाद देख.. आज मैं तेरे निप्पल और चूत को नए अंदाज से चुसूंगी।

बेचारी भोली-भाली दीपाली अनुजा की बातों में आ गई और दोबारा से लौड़ा चूसने लगी।

करीब 5 मिनट बाद विकास ने इशारे से अनुजा को कहा- अब इसको लेटा दो.. मैं इसके चूचों को मसलना और चूसना चाहता हूँ।

अनुजा- बस दीपाली अब मेरी बारी है तू सीधी लेट जा.. अब मैं तुझे स्वर्ग की सैर कराती हूँ।

दीपाली- मैं कैसे लेटूं दीदी.. मेरे हाथ तो पीछे बँधे हैं।

अनुजा ने उसके हाथ खोल दिए उसको सीधा लिटा कर बिस्तर के दोनों बगल से उसके हाथ बाँध दिए।

दीपाली- अरे अरे.. ये क्या कर रही हो दीदी अब तो मेरे हाथ खुले रहने दो ना…

अनुजा- नहीं मेरी जान.. आज तू ऐसे ही मज़ा ले.. बस अब कुछ मत बोल.. देख मैं तुझे कैसे मज़े देती हूँ.. इतना बोल कर अनुजा ने विकास को इशारा कर दिया कि टूट पड़ो इस सेक्स की मलिका पर..

विकास को तो बस इसी मौके का इन्तजार था।

वो दीपाली के ऊपर लेट गया और सबसे पहले उसके मखमली होंठों को चूसने लगा।

उसका अंदाज ऐसा था कि दीपाली भी उसका साथ देने लगी।

वो दोनों एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे.. मगर विकास सिर्फ़ होंठों से ही थोड़े खुश होने वाला था..

थोड़ी देर बाद वो नीचे खिसकने लगा और अब उसके होंठों में दीपाली के निप्पल थे।

वो दोनों हाथों से उसके कड़क चूचे दबा रहा था और निप्पल चूस रहा था.. जैसे कोई भूखा बच्चा अपनी माँ का दूध पी रहा हो।

दीपाली- आह आआ दीदी अई मज़ा आ गया उह.. धीरे से दबाओ ना उफ़फ्फ़.. दर्द होता है अई काटो मत ना… दीदी आइ मज़ा आ रहा है।

दोस्तो, अनुजा का प्लान तो अच्छा था मगर एक पॉइंट ऐसा था जिसके कारण दीपाली को थोड़ा शक हुआ कि कहीं अनुजा की जगह उसके ऊपर कोई आदमी तो नहीं है ना।

ना ना.. टेंशन मत लो.. आपको सोचने की जरूरत नहीं है.. मैं खुद बता देती हूँ आपको।

जब विकास होंठ चूस रहा था उसका सीना दीपाली के मम्मों को दबा रहा था और उसके सीने के बाल दीपाली महसूस कर रही थी उसने मन में सोचा भी कि अगर दीदी मेरे ऊपर हैं तो उनके मम्मों और मेरे मम्मों को आपस में टकराने चाहिए.. मगर ये तो एकदम सपाट सीना है और बाल भी हैं।

मगर ना जाने क्या सोच कर वो चुप रही।

अब विकास मम्मों से नीचे उसके पेट तक चूमता हुआ आ गया और आख़िर कर वो अपनी असली मंज़िल यानी चूत तक पहुँच गया। विकास की गर्म साँसें दीपाली अब अपनी चूत पर महसूस कर रही थी और छटपटा रही थी कि कब दीदी के होंठ चूत पर टिकेंगे और कब उसको सुकून मिलेगा।
Reply
02-19-2020, 12:41 PM,
#13
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
विकास ने चूत के होंठों को कस कर अपने मुँह से भींच लिया। दीपाली की सिसकी निकल गई।

विकास बड़े प्यार से चूत को चूस रहा था और अपनी जीभ से अन्दर तक चाट रहा था.. दीपाली एकदम गर्म हो गई थी।

दीपाली- अया ऐइ उफ़फ्फ़.. दीदी आह.. प्लीज़ चूत के अन्दर ऊँगली करो.. ना आ आहह.. चूत में बहुत बेचैनी हो रही है।

अनुजा- मेरी जान तेरी चूत की आग अब ऊँगली से ठंडी नहीं होने वाली.. इसको तो अब लौड़े की जरूरत है.. बोल क्या बोलती है।

दीपाली- दीदी आहह.. डाल दो ना.. आहह.. आपके पास तो इतना मस्त लौड़ा है आहह.. पूछ क्यों रही हो.. अई आहह.. शायद मेरी किस्मत में यही लिखा था कि अपने सर से ही अपनी सील तुड़वाऊँ आहह.. प्लीज़ विकास सर, आहह अब रहा नहीं जाता.. डाल दो ना आहह..
Reply
02-19-2020, 12:41 PM,
#14
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली की बात सुनकर अनुजा और विकास दोनों ही भौंचक्के रह गए.. दोनों का मुँह खुला का खुला रह गया।

अनुजा- त..त..तू.. ये क..क्या.. बोल रही है व..विकास यहाँ क..क..कहाँ है?

दीपाली- अई आह.. दीदी आह.. मानती हूँ मुझे चुदाई का अनुभव नहीं है.. मगर इतनी भी भोली नहीं हूँ कि औरत और मर्द के शरीर में फ़र्क ना महसूस कर सकूँ और दूसरी बात आपकी आवाज़ मेरे बगल से आ रही है जबकि आपके हिसाब से आप मेरी चूत चाट रही हो.. आह्ह.. अब ये पट्टी खोल दो.. मुझे कोई ऐतराज नहीं कि सर मेरी चूत की सील तोड़ें.. प्लीज़ आह्ह..

विकास और अनुजा की नज़रें मिलीं और आँखों ही आँखों में दोनों की बात हो गई। विकास ने पहले दीपाली के हाथ खोले.. उसके बाद आँखों की पट्टी निकाल दी।

दीपाली- ओह.. सर आपका लौड़ा कितना मोटा और बड़ा है.. उफ़फ्फ़ जब मेरे मुँह में था.. कसम से बड़ा मज़ा आ रहा था.. मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरह विज्ञान के चक्कर में चुदाई का ज्ञान मिल जाएगा.. पहले मुझे कुछ पता नहीं था.. मगर इन दो दिनों में मुझे पता चल गया कि चुदाई में जो मज़ा है.. वो किसी और चीज़ में नहीं है।

अनुजा- मेरी जान मैं तो कब से कह रही थी कि विकास को बुलाऊँ क्या.. मगर तुम ही हो कि बस मना कर रही थीं।

दीपाली- दीदी सच कहूँ.. तो जब आप सर का नाम लेती थीं.. मेरी चूत में पानी आ जाता था.. मगर शर्म के मारे आपसे कुछ बोल ना पाती थी.. अभी जब लौड़ा चूस रही थी.. तब मुझे पक्का पता चल गया कि ये लौड़ा नकली नहीं.. असली है और सर के सिवा यहाँ कौन आ सकता था.. इनके सीने के बाल भी मैंने महसूस किए थे।

विकास- ओह.. मेरी रानी… तुम जितनी सुन्दर हो.. उतनी ही समझदार भी हो।

अनुजा- अब बातों में क्यों वक्त खराब कर रहे हो.. जल्दी से लौड़ा अन्दर डालो ना.. इसकी चूत में..

दीपाली- रूको सर.. उस वक्त तो मेरी आँखें बन्द थीं और हाथ भी बँधे हुए थे.. पर अब मैं आपके लौड़े को छू कर देखना चाहती हूँ.. खुली आँखों से.. इसे चूसना चाहती हूँ.. आहह.. क्या मस्त कड़क हो रहा है।

दीपाली ने लौड़े को अपने मुलायम हाथों में ले लिया और बड़े प्यार से सहलाने लगी।

विकास की तो किस्मत ही खुल गई थी.. दीपाली अब एकदम कामुक अंदाज में लौड़े को चूसने लगी।

विकास- उफ़फ्फ़.. दीपाली तेरे होंठों के स्पर्श से कितना मज़ा आ रहा है.. जब मुँह में इतना मज़ा आ रहा है तो तेरी चूत में कितना मज़ा आएगा.. आह.. चूस जान, आज तेरी चूत का मुहूर्त है.. कर दे एकदम गीला मेरे लंड को उफ्फ.. आज तो बड़ा मज़ा आएगा..

दीपाली ने लौड़े को चूस कर एकदम गीला कर दिया।

अनुजा- बस भी कर अब.. क्या चूस कर ही पानी निकालेगी.. चल सीधी लेट जा.. तेरी चूत को खोलने का वक्त आ गया है।

दीपाली- हाँ दीदी.. मगर सर का लौड़ा बहुत बड़ा है.. ये अन्दर कैसे जाएगा और मुझे दर्द भी होगा ना…

अनुजा- अरे पगली.. मैंने तुझे क्या समझाया था.. चूत कितनी भी छोटी क्यों ना हो.. बड़े से बड़े लौड़े को खा जाती है.. पहली बार तो सभी को दर्द होता है.. लेकिन उसके बाद चुदवाने का लाइसेंस मिल जाता है.. तू कभी भी कहीं भी किसी से भी चुदवा सकती है, जान.. बस थोड़ा सा दर्द झेल ले.. फिर देख दुनिया की सारी खुशियाँ एक तरफ और चुदाई से मिली ख़ुशी एक तरफ.. डर मत.. विकास बहुत एक्सपर्ट खिलाड़ी है.. बड़े आराम से तेरी सील तोड़ेगा।

ये दोनों बातें कर रही थीं तभी विकास दीपाली की चूत को चूसने लगा.. उसके दाने को जीभ से टच करने लगा।

दीपाली- आह आह आह.. उफ़फ्फ़ सर.. ये आपने क्या कर दिया.. आहह.. मेरी चूत में आग भड़क गई है.. ऊह.. डाल दो.. अब जो होगा देखा जाएगा उफ्फ.. आज कर दो मेरी चूत का मुहूर्त आह…

विकास ने मौके का फायदा उठा कर अनुजा के दोनों पैर मोड़ दिए और लौड़े की टोपी को चूत पर सैट किया। अनुजा ने ऊँगलियों से चूत की दोनों फांकें खोल दीं जिसके कारण टोपी चूत की फांकों में फँस गई।

अनुजा ने जल्दी से अपने होंठ दीपाली के होंठों पर रख दिए और विकास को इशारा कर दिया।

विकास ने कमर पर दबाव बना कर एक झटका मारा.. लौड़ा चूत की दीवारों को चौड़ा करता हुआ अन्दर घुस गया।

अभी एक इन्च ही घुसा था कि दीपाली ‘गूं-गूं’ करने लगी… वो जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी। अभी तो उसकी सील भी नहीं टूटी थी.. बस लौड़ा जा कर सील से टच हुआ था।

विकास ने कमर को पीछे किया और ज़ोर से आगे की ओर धक्का मारा। अबकी बार आधा लौड़ा सील को तोड़ता हुआ चूत में समा गया। दीपाली की तो आँखें बाहर को निकल आईं.. उसका सर चकराने लगा।

विकास ने देरी ना करते हुए आधा लौड़ा पीछे खींचा और पूरी रफ्तार से वापस चूत में घुसा दिया। अबकी बार लौड़ा चूत की जड़ तक घुस गया था। विकास की गोटियाँ दीपाली के चूतड़ों से टकरा गई थीं।
Reply
02-19-2020, 12:41 PM,
#15
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली तो सोच भी नहीं सकती थी कि अचानक उस पर दर्द का पहाड़ टूट पड़ेगा। अभी बेचारी पहले के दर्द से ही परेशान थी कि 5 सेकंड में ही दूसरा तगड़ा झटका उसको मिल गया।

उसकी आँखों से आँसू बहने लगे और चीखें ऐसी कि अगर अनुजा ने कस कर उसके होंठ अपने होंठों से ना भींचे होते.. तो शायद बाहर दूर-दूर तक उसकी आवाज़ पहुँच जाती।

विकास लौड़ा जड़ तक घुसा कर अब बिल्कुल भी नहीं हिल रहा था और बस दीपाली के मम्मों को चूस रहा था।

लगभग 5 मिनट तक ऐसे ही चलता रहा दीपाली अब शान्त पड़ गई थी। तब अनुजा बैठ गई और दीपाली के सर पर हाथ घुमाने लगी।

दीपाली- दीदी आहह.. अई उउउ उउउ प्लीज़.. मुझे बचा लो अई.. सर प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा है आ.. निकाल लो आहह…

अनुजा- अरे मेरी जान.. अब निकाल कर क्या फायदा.. तेरी सील तो टूट गई. जितना दर्द होना था हो गया.. अब बस थोड़ी देर में तुझे मज़ा आने लगेगा और तू खुद कहेगी कि और ज़ोर से चोदो मुझे…

दीपाली- आहह.. दीदी मुझे नहीं पता था इतना दर्द होगा वरना मैं कभी ‘हाँ’ नहीं करती आहह..

कुछ देर विकास ने दीपाली के मम्मों को चूसा तो दीपाली को कुछ दर्द से राहत सी मिलती लगी।

विकास- अरे रानी.. कुछ नहीं हुआ है, बस थोड़ी देर रुक जा.. उसके बाद मज़े ही मज़े हैं.. अब तुझे दर्द कम हुआ ना..

दीपाली- आहह.. हाँ सर अब थोड़ा सा कम हुआ है।

विकास अब धीरे-धीरे लंड को आगे-पीछे करने लगा और दीपाली के निप्पलों को चूसने लगा। दीपाली को दर्द तो हो रहा था.. वो सिसक रही थी मगर अब उसमें ना जाने कहाँ से हिम्मत आ गई थी.. बस वो चुपचाप चुद रही थी। दस मिनट तक विकास उसे धीरे-धीरे चोदता रहा।

फिर दीपाली का दर्द कम हो गया और उसकी चूत पानी छोड़ने लगी जिसके कारण लौड़ा आसानी से आगे-पीछे हो रहा था।

दीपाली- आहह.. सर दर्द हो रहा है.. उई मेरी चूत में अई.. आह्ह.. कुछ हो रहा है.. उफ़फ्फ़ अई मेरा पानी छूटने वाला है.. उई ज़ोर से आहह.. ज़ोर से क..करो आह..

मौके का फायदा उठा कर विकास अब रफ्तार से झटके मारने लगा था। दीपाली चरम सीमा पर थी और अब उसकी चूत ने लावा उगल दिया था.. उसका बदन झटके खाने लगा था। वो काफ़ी देर तक झड़ती रही.. मगर विकास अब भी दे दनादन शॉट पर शॉट मार रहा था।

अनुजा ने अपनी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया.. वो भी एकदम गर्म हो गई थी।

विकास- ओह्ह ओह्ह.. दीपाली आहह.. क्या टाइट चूत है तेरी.. आह्ह… मज़ा आ गया.. लौड़ा बड़ी मुश्किल से आगे-पीछे हो रहा है आह्ह… दीपाली आह..

लगभग 10 मिनट तक विकास उसको चोदता रहा.. दीपाली दोबारा गर्म हो गई।

उसकी चूत में अब दर्द के साथ-साथ मीठा-मीठा करंट भी दौड़ रहा था.. वो दोबारा चरम पर पहुँच गई थी और पहुँचती भी कैसे नहीं 8″ का लौड़ा ताबड़तोड़ उसकी चूत में अन्दर-बाहर हो रहा था।

दीपाली- आह आह आह सर प्लीज़.. ज़ोर से आह्ह… मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है आआह आह्ह…

विकास- आह.. ले मेरी दीपा रानी ओह्ह ओह्ह ओह्ह.. मेरा भी पानी निकलने वाला है.. आह्ह… आज तेरी चूत को पानी से भर दूँगा ... 18 सालों से ये प्यासी थी.. आज इसकी प्यास बुझा दूँगा आह्ह… आह…

विकास के लौड़े से पानी की तेज धार निकली और दीपाली की चूत की दीवारों से जा टकराई.. गर्म-गर्म वीर्य के अहसास से उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया। अब दोनों शान्त पड़ गए.. दोनों के पानी का मिलन हो गया।

काफ़ी देर बाद विकास को अनुजा ने ऊपर से हटाया।

अनुजा- विकास अब उठो भी क्या ऐसे ही पड़े रहोगे.. बेचारी को सांस तो लेने दो।

विकास जब ऊपर से हट कर बगल में हुआ.. तो बिस्तर पर खून लगा हुआ था। उसका लौड़ा भी वीर्य और खून से लथपथ था।

दीपाली को कोई होश ही नहीं था.. वो तो बस आराम से लेटी हुई थी।
Reply
02-19-2020, 12:41 PM,
#16
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
अनुजा- लो जी.. मज़ा आपने लिया और सज़ा मुझे मिली.. चादर पर खून लग गया.. अब मुझे ही साफ करनी पड़ेगी।

खून का नाम सुनते ही दीपाली चौंक गई और जल्दी से उठने की कोशिश करने लगी.. मगर उससे उठा ही नहीं गया। उसकी चूत में तेज़ दर्द हुआ और उसकी टाँगें भी जबाव दे गई थीं।

अनुजा- अरे दीपाली, चौकों मत.. ऐसे झटके से मत उठो.. अभी तो चूत में दर्द है और ये खून तो शगुन का निकला है मेरी जान.. आज से तुझे चुदवाने का लाइसेंस मिल गया है।


दीपाली- दीदी क्या इसी लिए मुझे इतना दर्द हुआ और बहुत ज़्यादा खून निकला है?

अनुजा- अरे पागल.. थोड़ा सा निकला है.. चल मेरा हाथ पकड़ कर बैठ जा और खुद देख ले।

दीपाली ने जब देखा तो उसको समझ आ गया कि घबराने की कोई बात नहीं है.. ज़रा सा खून निकला है।

विकास- तुम दोनों बातें करो.. मैं बाथरूम में जा कर लौड़े को साफ करके आता हूँ।

अनुजा- अच्छा जी.. चुदाई ख़तम तो मुँह फेर लिया.. अकेले ही कहाँ जा रहे हो मेरे राजा.. दीपाली की चूत कौन साफ करेगा.. चलो इसको भी उठाओ और साथ लेकर जाओ।

दीपाली- नहीं दीदी.. मैं खुद से चली जाऊँगी.. सर को जाने दो।

दोस्तों चुदाई का खुमार उतारते ही दीपाली को शर्म आने लगी थी.. वो पाँव को सिकोड़ कर बैठी थी।

अनुजा- ये देखो चूत में 8″ की खाई खुदवा कर अब इसे शर्म आ रही है.. तब तो बड़ा उछल रही थी.. आह्ह… ज़ोर से करो सर.. तब शर्म नहीं आई?

दीपाली ने अपने हाथों से अपना चेहरा छुपा लिया।

दीपाली- दीदी प्लीज़.. वो सब बातें मत दोहराओ.. मुझे तो सोच कर ही शर्म आ रही है.. छी: ये मैंने क्यों किया? ये सब वो भी सर के साथ…

विकास- अनु लगता है इसकी शर्म उतारनी ही पड़ेगी। तू जा कुछ खाने का इंतजाम कर.. तब तक हम फ्रेश हो जाते हैं और हाँ.. ऐसे ही नंगी जाना।

अनुजा अपने चूतड़ मटकाती हुई वहाँ से चली गई।

विकास बिना कुछ बोले दीपाली के पास गया और उसको बांहों में उठा कर बाथरूम में ले गया. वहाँ उसको कमोड पर बैठा कर बाथटब में गर्म पानी डाला और उसी गर्म पानी से हल्के-हल्के हाथ से दीपाली की चूत पर लगा खून साफ किया।

दीपाली- आह्ह… सर मैं कर लूँगी.. आह्ह… आप रहने दो.. उई दुखता है…

विकास- अरे जान.. अब ये सर को गोली मारो.. अनु मुझे राजा कहती है.. तुम भी ऐसे ही कहो और अब कैसी शर्म.. मुझे करने दो.. थोड़ी देर में आराम मिल जाएगा।
Reply
02-19-2020, 12:43 PM,
#17
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
इसके बाद दीपाली कुछ ना बोली और बस विकास को चूत साफ करते हुए देखती रही। फिर ना जाने उसको क्या समझ में आया कि अपने हाथ पर पानी डाल कर वो विकास के लौड़े को साफ करने लगी। उसका अंदाज इतना प्यारा और सेक्सी था कि विकास के सोए लंड में जान आ गई और वो फिर से अकड़ने लगा।

दीपाली- ऊ माँ.. ये तो फिर से खड़ा हो गया…

विकास- सोए हुए नाग को जगाओगी तो फुफकारेगा ना…

दीपाली- ओह्ह.. सर आप भी ना…

विकास- अरे अभी बताया ना.. राजा बोलो.. जानू बोलो यार…

दीपाली- ओके ओके बाबा.. अब से राजा नहीं.. राजा जी कहूँगी.. मगर अब इसका क्या करना है.. ये तो तनता ही जा रहा है।

विकास- यार भूखे को सिर्फ़ एक निवाला देकर रुक जाओगी तो उसकी तो भूख और बढ़ जाएगी ना.. और वो एकदम बेसब्र हो जाएगा.. बस इसी तरह मेरे प्यासे लौड़े को एक बार कच्ची चूत दे कर तुम रुक गईं.. अब ये दुबारा तो मांगेगा ना…

दीपाली- ना बाबा ना.. अब मैं नहीं दूँगी.. पहले ही बहुत दर्द से लिया मैंने.. अब तो सवाल ही पैदा नहीं होता।

विकास- अरे मेरी जान.. दर्द पहली बार में ही होता है और तुम तो 18 साल की हो यार.. इतनी उम्र की कितनी लड़कियाँ चुद जाती हैं.. उनको कितना दर्द होता होगा.. जरा सोच कर देख.. तू तो बच्चा भी पैदा कर सकती है यार.. पहले जमाने में तेरी उम्र में 2 बच्चे हो जाते थे।

दीपाली- सच्ची ओह्ह.. माँ.. पहले कितनी जल्दी शादी कर देते थे ना.. बाल-विवाह.. अच्छा हुआ अब ऐसा नहीं होता…


विकास- ये सब बातें जाने दे.. चल टब में बैठ जा.. गर्म पानी से चूत को अच्छे से सेंक ले.. ये सब बातें फ़ुर्सत में करेंगे.. मैं बाहर जाकर अनुजा को देखता हूँ.. इतनी देर से वो क्या कर रही है।

विकास वहाँ से निकल कर सीधा रसोई में गया। अनुजा ट्रे में कुछ चिप्स और बिस्कुट रख रही थी. चाय भी रेडी थी।

विकास चुपके से उसके पीछे जाकर उससे चिपक गया, लौड़ा ठीक गाण्ड के छेद पर टिका हुआ था और आगे से विकास उसके मम्मों को दबाने लगा।

अनुजा- ओह्ह.. क्या करते आप भी.. अभी सब नीचे गिर जाता.. छोड़ो भी।

विकास- जान आज तो बड़ी मस्त लग रही हो.. मन करता है ऐसे खड़े-खड़े ही तुम्हारी गाण्ड मार लूँ…

अनुजा- बस बस.. मुझे ज़्यादा उल्लू मत बनाओ.. तुम्हें दीपाली जैसी मस्त लड़की मिल गई.. अब कहाँ मेरे बारे में सोचोगे।

विकास- अरे नहीं अनु.. ऐसा कुछ नहीं है. तुम तो मेरी जान हो.. दीपाली तो आज आई है.. मैं तो तुम्हें कब से चाहता हूँ और जिंदगी भर चाहता रहूँगा.. ऐसी किसी भी लड़की के आ जाने से मेरे प्यार में कोई फ़र्क नहीं आएगा।

अनुजा- अच्छा अच्छा.. ज़्यादा दु:खी मत हो.. मैंने ऐसे ही बोल दिया था.. मैं कहाँ भाग कर जा रही हूँ.. जब चाहे चोद लेना.. अभी तो उस कमसिन कली के मज़े लो।

विकास- कहाँ यार.. वो तो अब साफ मना कर रही है।

अनुजा- अरे मेरे भोले राजा.. जब चूत को एक बार लंड की लत लग जाती है ना.. तो कुछ भी हो जाए उसको लौड़ा लिए बिना चैन नहीं मिलता.. वो शर्मा रही है.. बस देखो अभी कैसे उसको तैयार करती हूँ.. तुम तो आज बस उसको चोद-चोद कर लंड की आदी बना दो ताकि मैं कभी गाँव जाऊँ तो तुम्हें तड़पना ना पड़े.. अपने आप वो चुदवाने चली आए.. समझे…

विकास- हाँ ये तो ठीक है मगर अभी कहाँ वो चुदवाएगी.. उसका जाने का वक्त भी हो गया है।

अनुजा- मेरे पास एक तरकीब है.. चलो अन्दर जाकर बताती हूँ।

दोनों वहाँ से वापस कमरे में आ जाते हैं, तब तक दीपाली भी अच्छे से चूत की सिकाई करके नहा कर रूम में आ जाती है।
Reply
02-19-2020, 12:43 PM,
#18
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली वैसे ही नंगी बैठी हुई अपनी चूत को देख रही थी।

अनुजा- क्या बात है बहन.. चूत को बड़ी गौर से देख रही हो.. क्या इरादा है?

दीपाली- कुछ नहीं.. बस देख रही हूँ कि कैसे सूज कर लाल हो गई है.. दर्द अब भी हो रहा है।

अनुजा- एक बार और चुदवा ले.. सारा दर्द भाग जाएगा और मज़ा भी मिल जाएगा।

दीपाली- नहीं दीदी.. आज के लिए इतना काफ़ी है.. अब मुझे जाना होगा. मम्मी इन्तजार कर रही होंगी।

अनुजा- दीपाली तेरी मम्मी को पता है ना.. तू कहाँ पढ़ने आती है।

दीपाली- हाँ मैंने बताया है और खास आपके बारे में बताया है कि कैसे आप मेरा ख्याल रखती हो।

अनुजा- वेरी गुड.. अब चल जल्दी से अपने घर का फ़ोन नम्बर दे।

दीपाली- क्यों दीदी.. आप क्या करोगी?

अनुजा- अरे पगली ऐसी हालत में घर जाएगी तो तेरी माँ को शक हो जाएगा.. तू एक-दो घंटा यहाँ रुक.. मेरे पास दर्द की दवा है.. तुझे दूँगी… तू जब एकदम बराबर सही से चलने लगेगी.. तब जाना।

दीपाली- वो तो ठीक है.. पर फ़ोन नम्बर से क्या होगा?

अनुजा- तू सवाल बहुत करती है.. नम्बर दे, अभी पता चल जाएगा।

दीपाली से नम्बर लेकर अनुजा उसके घर फोन करती है।

वो कहते हैं ना देने वाला जब देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है।

अनुजा- हैलो मैं अनुजा बोल रही हूँ, वो आंटी क्या है ना कि मेरे पति किसी काम से बाहर गए हैं, मैं घर पर अकेली हूँ, मेरी तबीयत भी ठीक नहीं है.. आप को ऐतराज ना हो तो दीपाली थोड़ा बाद में आ जाएगी।

दीपाली की मम्मी- अरे नहीं नहीं.. अनुजा बेटी… मुझे क्या दिक्कत होगी… बल्कि तुमने फ़ोन करके मेरी बहुत बड़ी परेशानी ख़त्म कर दी.. दरअसल मेरे भाई की तबीयत खराब है.. मुझे और दीपाली के पापा को गाँव जाना था, मगर दीपाली के कारण मुश्किल हो रही थी। इसके इम्तिहान करीब हैं इसको साथ नहीं ले जा सकते.. और यहाँ अकेली किसी के पास छोड़ नहीं सकते.. अब मेरी दिक्कत ख़तम हो गई.. तुमको परेशानी ना हो तो प्लीज़ एक दिन इसे अपने पास रख लो.. बड़ी मेहरबानी होगी तुम्हारी.. कल शाम तक हम आ जाएँगे।

अनुजा- अरे आंटी आप ये कैसी बात कर रही हो… दीपाली मेरी छोटी बहन जैसी है, आप चिंता मत करो.. मैं उसे संभाल लूँगी।

दीपाली की मम्मी- अच्छा सुनो.. सुबह इसे जल्दी उठा देना. स्कूल के लिए तैयार होने में इसे बहुत वक्त लगता है और इसका बैग और ड्रेस तो यहीं है. प्लीज़ तुम सुबह इसके साथ आ जाना मैं घर की चाबी गमले में रख दूँगी. दीपाली को पता है कहाँ है गमला…

अनुजा- ओके आंटी.. जरूर.. आप बेफिकर रहो।

दीपाली को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आख़िर क्या हो रहा है।

उसने जब अपनी मम्मी से बात की तब उसको समझ आया और उसने भी ‘हाँ कह दी- आप बेफिकर होकर जाओ दीदी बहुत अच्छी हैं.. मुझे कोई परेशानी नहीं होगी।

विकास को अभी भी कुछ समझ नहीं आया था.. वो बस दोनों को देख रहा था।
Reply
02-19-2020, 12:43 PM,
#19
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
फ़ोन रखने के बाद विकास ने अनुजा से पूछा- क्या हुआ?

अनुजा- मेरे राजा आपकी किस्मत बहुत अच्छी है.. मैंने तो सोचा दीपाली को एक घंटा और रोक लूँ.. ताकि आपको एक बार और इसकी मचलती जवानी को भोगने का मौका मिल जाए.. मगर भगवान ने तो इसे कल शाम तक यहीं रोक दिया अब तो सारी रात आप इसके साथ रासलीला कर सकते हो।

दीपाली- छी: .. दीदी आप भी ना कितनी गंदी बातें करती हो और आपने झूट क्यों बोला कि दवा दोगी मुझे.. आपका इरादा तो कुछ और ही है।

अनुजा- अरे नहीं मैंने कोई झूट नहीं बोला तुमसे.. दवा तो अब भी दूँगी.. पहले नास्ता तो कर लो और हाँ विकास के साथ चुदाई तो दवा लेने के बाद भी कर सकती हो यार.. मौका मिला है तो इस पल को अच्छे से एंजाय करो ना.. चल अब नास्ता कर ले बाकी बातें बाद में होती रहेंगी।

तीनों नंगे ही बैठे नाश्ता करने लगे.. उनको देख कर ऐसा लग रहा था जैसे कोई आदिवासी कबीले के लोग हैं जिनको कपड़े क्या होते हैं.. पता ही नहीं है.. उनमें कोई शर्म नहीं थी।

नाश्ता करते हुए दीपाली ने अनुजा से कहा।

दीपाली- दीदी एक बात अभी तक समझ नहीं आई.. सर आपके पति हैं फिर भी आपको कोई ऐतराज नहीं कि ये मेरे साथ चुदाई कर रहे हैं बल्कि आप खुद इनसे मुझे चुदवा रही थीं.. ऐसा क्यों?

अनुजा- अरे दीपाली.. मैं उन औरतों जैसी नहीं हूँ जो पति को पल्लू से बाँध कर रखती हैं। तुमको नहीं पता उनके पति उनसे छुप कर कहीं ना कहीं मुँह काला करते हैं और उनको प्यार भी दिखावे का करते हैं मगर मेरा विकास मुझ पर जान छिड़कता है.. इसी लिए मुझे भी अपने पति का ख्याल है.. लौड़े का तो कोई नुकसान होता नहीं है.. कितनी भी चूत रगड़ लो.. तो मुझे क्या दिक्कत.. और इसमें मेरा एक और फायदा है.. कभी अगर मेरे मन में ना हो तो पति को नाराज़ नहीं करूँगी.. सीधा तुम्हें बुला लूँगी.. तुम चुदवा लेना इससे. विकास भी खुश.. मैं भी खुश।

दीपाली- और मेरी ख़ुशी का क्या?

विकास- अरे मेरी जान.. तेरी ख़ुशी के लिए ये लौड़ा है ना.. तू जब चाहे इसको अपनी चूत में ले लेना हा हा हा हा…

विकास के साथ अनुजा भी ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी।

दीपाली- उहह सबको अपनी पड़ी है.. जाओ नहीं चुदवाती में.. अब क्या कर लोगे तुम.. दीदी आप बहुत गंदी हो अपने मतलब के लिए मुझे इस्तेमाल किया आपने।

अनुजा- अरे रे रे.. तू तो बुरा मान गई.. कसम से मैं तो मजाक कर रही थी यार.. तुझे सब अच्छे से समझ आ जाए और तू भी मज़ा ले सके.. बस इसलिए मैंने ये किया…

दीपाली- हा हा हा हा निकल गई ना हवा.. जब मुझे छेड़ रहे थे दोनों.. तब बड़ा मज़ा आ रहा था.. मैंने थोड़ा सा गुस्सा होने का नाटक किया तो आप डर गईं।

विकास- ले अनु तेरे नहले पे दहला मार दिया इसने…

अनुजा- हाँ वाकयी में एक बार तो मैं डर गई थी।

दीपाली- नहीं दीदी.. आपको डरने की कोई जरूरत नहीं है.. आपने जो किया अच्छा किया.. अब हम दोनों राजा जी से चुदाएंगे.. बड़ा मज़ा आएगा…

अनुजा- ओये होये राजा जी.. क्या बात है अब तक तो सर बोल रही थी.. तेरी चूत की सील तोड़ते ही सीधे राजा जी.. गुड.. आगे खूब तरक्की करोगी तुम…

विकास- दीपाली ऐसी सेक्सी बातें करोगी तो मुझसे बर्दाश्त नहीं होगा देख मेरे लौड़े में तनाव आने लगा है.. अब नास्ता भी हो गया.. आजा मेरी जान तेरी चूत का स्वाद चखा दे मेरे लौड़े को…

दीपाली- सब्र करो पहले मुझे दवा तो लेने दो वरना फिर से मेरी जान निकल जाएगी।

अनुजा- अरे हाँ.. पहले दवा ले ले उसके बाद चुदाई का मज़ा लेना.. चुदाई करवा के आराम से सो जाना…

विकास- अनु तुम भी कहाँ सोने की बात कर रही हो.. ऐसी कमसिन कली साथ होगी तो नींद किसे आएगी.. आज तो सारी रात बस इसकी चूत में लौड़ा डाल कर पड़ा रहूँगा।

अनुजा- अच्छा बच्चू.. और मेरा क्या होगा.. कब से मेरी चूत में खुजली हो रही है…

दीपाली- दीदी मेरे बाद आप चुदवाना.. प्लीज़ मुझे आपकी चुदाई देखनी है…

अनुजा- ठीक है देख लेना.. अच्छा रुक मैं तुझे दवा देती हूँ। उसके बाद तुम दोनों मज़े करना.. मुझे बाजार जाना है एक जरूरी काम है।

अनुजा ने एक गोली दीपाली को दे दी और जाने लगी।

दीपाली- नहीं दीदी आप यहीं रहो ना प्लीज़…

अनुजा- अरे पगली बस अभी जाकर आती हूँ कुछ समान लाना है.. अभी लेकर आ जाती हूँ और कुछ खास काम भी है.. आकर तुझे बताऊँगी।
Reply
02-19-2020, 12:43 PM,
#20
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली बुझे मन से अनुजा को जाने देती है। अनुजा के जाने के बाद विकास उसके पास बैठ जाता है और उसके मम्मों को सहलाने लगता है।

विकास- क्या हुआ रानी.. अनुजा के जाने से खुश नहीं हो क्या.. मैं हूँ ना.. तुम्हारा ख्याल रखने को…

दीपाली- नहीं सर.. ओह्ह.. सॉरी.. राजा जी ऐसी बात नहीं है मैं खुद यही चाहती हूँ कि दीदी कहीं चली जाए और मैं आपसे खुल कर बात कर सकूँ.. पर दीदी के बारे में सोच कर दुखी हूँ.. कोई तो बात है जिसके कारण वो अपने पति को किसी अनजान लड़की को चोदते देख रही हैं. कहीं उनकी कोई मजबूरी तो नहीं?

विकास- ओ बेबी कूल.. ऐसा कुछ नहीं है.. हम दोनों में कोई ऐसी बात नहीं है तुम गलत समझ रही हो.. वो किसी मजबूरी में नहीं बल्कि ख़ुशी से ये सब कर रही है।

दीपाली के चेहरे पर ख़ुशी के भाव आ गए और वो विकास से लिपट गई।

विकास- ये हुई ना बात अब चल जब तक अनुजा आए हम एक बार और खुल कर चुदाई का मज़ा ले लेते हैं.. कसम से तेरी चूत बहुत दमदार है. साली लौड़े को ऐसे जकड़ लेती है जैसे कभी छोड़ेगी ही नहीं।

दीपाली- आप भी दीदी की तरह बेशर्म हो।

विकास- अरे रानी.. अगर चुदाई का मज़ा लेना है ना.. तो बेशर्म होना ही पड़ता है.. अगर यकीन नहीं आता तो आजमा लो और देखो कितना मज़ा आएगा।

दीपाली- मैंने उस स्टोरी में ये सब पढ़ा था.. चलो मैं ट्राइ करती हूँ।

विकास- हाँ ठीक है.. मैं भी तुम्हारा साथ दूँगा।

दीपाली- अरे मेरे चोदूमल, आ जा. देख तेरे इन्तजार में कैसे चूत टपक रही है.. जल्दी से अपने लौड़े को घुसा दे और मेरी चूत को ठंडा कर दे हा हा हा हा हा मुझसे नहीं होगा कुछ भी हा हा हा।

विकास- अरे हँस मत.. अच्छा बोल रही थी तू.. प्लीज़ जान बोलो ना.. मज़ा आएगा।

दीपाली- ओके ओके.. आप पहले मेरे इस डायलाग का तो जबाव दो।

विकास- अरे जानेमन.. अभी देख कैसे मैं अपने लंबे लौड़े से तेरी चूत की गर्मी निकालता हूँ।

दीपाली फिर ज़ोर से हँसने लगी इस बार विकास भी उसके साथ हँसने लगा और हँसते-हँसते उसने दीपाली को बांहों में भर लिया और उसके होंठ चूसने लगा। दीपाली भी उसका साथ देने लगी।

अब दोनों हँसी-मजाक से दूर काम की दुनिया में खो गए थे। विकास उसके निप्पलों को चूस रहा था तो वो अपने हाथ से उसके लौड़े को दबा रही थी।

दीपाली- आह्ह… उफ्फ.. आपका ये अंदाज बहुत अच्छा लगता है.. उई आह्ह… ऐसे ही चूसो.. मज़ा आ रहा है आह्ह… मुझे आपका लौड़ा चूसना है.. पता नहीं क्यों मेरे मुँह में पानी आ रहा है और मन कर रहा है लौड़ा चूसने को…

विकास- मेरी जान मुझे भी तो अपनी कमसिन चूत का मज़ा दो.. चलो तुम मेरे ऊपर आ जाओ.. अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दो और तुम आराम से लौड़ा चूसो।

दोनों 69 की अवस्था में आ गए और मज़े से चुसाई करने लगे।

दीपाली की सूजी हुई चूत को विकास की जीभ से बड़ा आराम मिल रहा था। वो एकदम गर्म हो गई थी और टपकने लगी थी.. इधर विकास पर भी चुदाई का खुमार चढ़ने लगा था.. पानी की बूँदें तो उसके लौड़े से भी आ रही थीं क्योंकि दीपाली होंठों को भींच कर मुँह को ज़ोर-ज़ोर से हिला रही थी जिससे विकास को बड़ा मज़ा आ रहा था। दस मिनट तक ये खेल चलता रहा। विकास ने चूत को चाटना बन्द किया और दीपाली को हटने को कहा।

दीपाली- उफ्फ.. कितना मज़ा आ रहा था क्या हुआ हटाया क्यों.. आपके लौड़े में क्या मज़ा है.. सच्ची.. दिल करता है बस चूसती रहूँ।
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,298,889 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,200 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,150,585 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 871,661 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,541,713 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,986,467 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,795,997 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,513,279 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,824,708 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,086 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)