Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
02-19-2020, 12:43 PM,
#21
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
विकास- अरे चूस लेना मेरी जान.. पहले इसको चूत का मज़ा लेने दे.. साली तेरी टाइट चूत को पहले चोद-चोद कर ढीला कर दूँ.. उसके बाद जितना मर्ज़ी लौड़ा चूसना.. चल अब तू घोड़ी बन जा.. तुझे नए तरीके से चुदना सिखाता हूँ।

दीपाली- हाँ मज़ा आएगा.. मैंने डीवीडी में देखा था.. चलो मैं घोड़ी बन जाती हूँ.. पर आराम से डालना.. मुझे मज़ा लेना है.. प्लीज़ दर्द मत देना।

विकास- अरे मेरी जान तूने लौड़े को चूस कर इतना चिकना कर दिया है कि तेरी चूत में फिसलता हुआ सीधा अन्दर जाएगा।

दीपाली घुटनों के बल घोड़ी बन जाती है मगर अनुभव ना होने क कारण कमर को काफ़ी उँचा कर लेती है।

विकास- अरे जान तू घोड़ी की जगह ऊँठनी बन गई.. चूतड़ों को नीचे कर.. ताकि तेरी चूत मेरे लंड की सीध में आ जाए…

विकास ने उसको ठीक से बताया तब वो सही आसन में आई।

विकास ने लौड़े को चूत के मुँह पर रख कर धीरे से धक्का मारा.. आधा लौड़ा चूत में ‘पक्क’ से घुस गया।
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02-19-2020, 12:43 PM,
#22
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली- आआह्ह… आराम से डालो ना.. दुःखता है आह्ह…

विकास- मेरी जान जब तक तू दो-तीन बार मुझसे चुदवा नहीं लेगी.. ये दर्द होता रहेगा.. अब इससे धीरे मुझसे नहीं होगा, चल थोड़ा बर्दाश्त कर ले.. मैं पूरा डालता हूँ.. उसके बाद हलके धक्के मारूँगा।

विकास ने पूरा लौड़ा चूत में घुसा दिया और धीरे-धीरे झटके मारने लगा। लगभग 5 मिनट बाद दीपाली को दर्द कम हुआ और उसको मज़ा आने लगा।

दीपाली- आ.. आह उहह.. राजा जी आह्ह… अब मज़ा आ रहा है.. पूरा लौड़ा बाहर निकाल कर एक साथ अन्दर डालो आह्ह… मेरी चूत में बड़ी खुजली हो रही है।

विकास- अभी ले मेरी रानी तेरी चूत बहुत टाइट है साली.. ऐसी नुकीली चूत चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है.. ले ... और ले आह्ह… मज़ा आ गया मेरा लौड़ा आह्ह… साली चूत को टाइट मत कर आह्ह… लौड़ा आगे-पीछे करने में दुःखता है आह्ह…

दीपाली- आआह्ह… आईईइ उहह.. ससस्स चोदो आह्ह… अई कककक ज़ोर-ज़ोर से आह्ह… चोदो मज़ा आ रहा है मेरे लौड़ूमल आह्ह… मज़ा आ रहा है।

विकास पर अब जुनून सवार हो गया वो सटासट लौड़ा पेलने लगा। अब उसकी रफ्तार बढ़ गई थी.. दीपाली भी गाण्ड को पीछे झटके दे कर चुद रही थी। कोई 15 मिनट बाद दीपाली का रस निकल गया विकास भी झड़ने के करीब था।

आख़िर दीपाली की गर्म चूत में उसका लौड़ा ज़्यादा देर तक टिका नहीं रह सका उसने भी दम तोड़ दिया.. चूत का कोना-कोना पानी से भर गया।

पानी निकाल गया मगर विकास ने लौड़ा अब भी बाहर नहीं निकाला और दीपाली की गाण्ड सहलाने लगा।

दीपाली- उफ़फ्फ़ राजा जी.. आप तो बड़े मस्त चोदते हो.. मेरी टाँगें दु:खने लगी हैं.. अब तो लौड़ा निकाल लो.. अब क्या इरादा है।

विकास- जान तेरी गाण्ड भी बहुत मस्त है… सोच रहा हूँ अबकी बार तेरी गाण्ड ही मारूँ.. साली क्या मक्खन जैसी चिकनी गाण्ड है.. बड़ा मज़ा आएगा इसे मारने में।

दीपाली- अभी तो लौड़ा बाहर निकालो बाद की बाद में देख लेना और गाण्ड कैसे मारोगे.. इसमें कैसे लौड़ा जाएगा?

विकास एक तरफ सीधा लेट गया.. दीपाली उसके सीने पर सर रख कर उसके लौड़े को देखने लगी.. जो अब ढीला हो गया था।

विकास- मेरी जान जैसे चूत में जाता है उसी तरह गाण्ड में भी चला जाएगा.. तू बस देखती जा मैं कैसे-कैसे तुझे चोदता हूँ।

दीपाली- हाँ मेरे राजा जी.. अब तो मैं आप की हूँ जैसे चाहो चोद लेना.. सच में अगर पहले पता होता कि चुदाई में ऐसा मज़ा मिलता है.. तो कब की चुदवा लेती मैं.. अच्छा एक बात पूछू?

विकास- हाँ रानी पूछो।

दीपाली- ये लौड़ा अभी कितना नर्म हो गया है और छोटा भी.. मगर चोदने के वक्त कैसे लंबा और कड़क हो जाता है.. ये बात मेरी समझ में नहीं आई।

विकास- अरे ये तो साधारण सी बात है देखो ये इसकी असली अवस्था है.. जब आदमी के दिमाग़ में कोई गंदी बात आती है या वो कुछ ऐसा देख ले जिससे उसकी उत्तेजना जाग जाए.. तब दिमाग़ इसे आदेश देता है और इसकी नसें अकड़ने लगती हैं या यूँ कहो.. लंड में तनाव आने लगता है।

दीपाली- अच्छा तो कुछ गंदा सोचने या देखने से ही ये अकड़ता है क्या?

विकास- नहीं.. इसके अलावा भी बहुत से कारण हैं.. जैसे किसी ने इसे सहला दिया हो या किसी लड़की के साथ जाँघ से जाँघ मिला कर बैठने से भी इसमें तनाव आ जाता है.. कई बार तो आदमी को पता भी नहीं चलता कि ये क्यों खड़ा है.. बस इसके संपर्क में कोई भी लड़की या औरत आ जाए तो इसका तनाव शुरू हो जाता है।

दीपाली- अच्छा अगर कोई भी पास ना हो.. दिमाग़ में कोई गंदी बात भी ना हो, तब तो ये सोया ही रहता है ना…

विकास- नहीं.. एक और बड़ा कारण है जिसकी वजह से ये खड़ा हो जाता है। देखो हफ्ते या दस दिन में अगर वीर्य बाहर नहीं निकाला जाता तो रात को सोते हुए ये खड़ा हो जाता है और वीर्य बाहर फेंक देता है.. उसे स्वप्नदोष कहते हैं।

दीपाली- बाप रे, ये तो बहुत शैतान है.. इसको तो बस किसी ना किसी बहाने खड़ा होना है.. वैसे एक बात है.. इन दो दिनों में मुझे बहुत ज्ञान की बातें पता चल गई हैं थैंक्स सर.. जो अपने मेरी इतनी मदद की।

विकास- अरे मैंने कहा ना सर नहीं बोलो राजा जी अच्छा था..

दीपाली- नहीं.. मुझे कभी-कभी सर बोलने दो.. वरना स्कूल में कहीं मुँह से राजा जी निकल गया तो मामला बिगड़ जाएगा।

विकास- हाँ बात तो सही है।

दीपाली- अच्छा एक बात और बताओ.. ये एक दिन तो में यहीं हूँ.. उसके बाद अगर मेरी चुदने की इच्छा हुई तो मैं क्या करूँगी?

विकास- अरे मेरी रानी में हूँ ना.. जब चाहो आ जाना.. मेरा लौड़ा हमेशा तेरी चूत के लिए खड़ा रहेगा।

दीपाली- और दीदी का क्या होगा? मुझे तो अब भी बहुत अजीब लग रहा है कि वो कैसे अपने पति को किसी अनजान लड़की से चुदाई करने की इजाज़त दे रही है।
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02-19-2020, 12:43 PM,
#23
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
विकास- अरे उसकी चिंता तुम मत करो ... वो तो रोज रात को चुदवाती है.. तुम शाम को आ जाना.. मैं तेरी चूत को ठंडा कर दूँगा.. वैसे अनुजा के ऐसा करने में उसका कोई ना कोई स्वार्थ तो जरूर है और देख लेना वक़्त आने पर वो जरूर बता देगी.. अब तू ज़्यादा सोच मत बस मजे ले।

दीपाली बड़े प्यार से विकास के लौड़े को सहला रही थी और बातें कर रही थी। करीब आधा घंटा दोनों वैसे ही लिपटे बातें करते रहे।

दीपाली- सर देखो.. इसमें तनाव आने लगा है।

विकास- तो इसमें देखने की क्या बात है.. तेरे मुलायम हाथ कब से इसे सहला रहे हैं तनाव तो आएगा ही.. अरे मैं तो जवान हूँ अगर तू ऐसे किसी बूढ़े का लौड़ा सहलाती ना.. तो उसमें भी जान आ जाती।

दीपाली- क्यों बूढ़े आदमी का खड़ा नहीं होता क्या?

विकास- होता तो है मगर बहुत ज़्यादा उत्तेजित होने पर.. वरना नहीं और वैसे भी बूढ़े लौड़े में कसाव कहाँ होता है.. अगर ग़लती से खड़ा भी हो जाए तो क्या कर लेगा.. चुदाई करना उनके बस में नहीं.. इसके लिए घुटनों में जान होनी चाहिए.. कोई बूढ़ा अगर झटके मारेगा तो साले के घुटने में दर्द हो जाएगा या कमर अकड़ जाएगी हा हा हा हा…

दोनों खिलखिला कर हँसने लगे.. विकास का लौड़ा अब अपने विकराल रूप में आ गया था, जिसे देख कर दीपाली के मुँह में पानी आने लगा और उसने झट से लौड़े को मुँह में ले लिया और मज़े से चूसने लगी।

तभी अनुजा वापस आ गई।

अनुजा- वाह क्या बात है.. मुझे गए हुए कितना वक्त हो गया.. मैंने सोचा अब तक तो तुम दोनों मज़े से चुदाई करके थक गए होगे.. मगर यहाँ तो अभी तक लौड़ा चूसा जा रहा है.. इतनी देर क्या भजन गा रहे थे।

विकास- अरे आओ आओ.. मेरी जान.. तुम वहीं खड़ी बोलती रहोगी क्या.. यहाँ बिस्तर पर तो आओ।

अनुजा- क्या विकास.. आप भी ना.. अब इसे लौड़ा चुसा रहे हो.. चोदोगे कब?

इतने वक्त तक क्या कर रहे थे.. कम से कम एक बार तो आपको चोद ही लेना चाहिए था ना…

दीपाली ने लौड़ा मुँह से बाहर निकाला और थोड़े गुस्से में बोली।

दीपाली- क्या दीदी आप भी बिना बात सुने.. बोले जा रही हो.. सर ने मुझे घोड़ी बना कर चोदा है.. ये तो सर का लौड़ा दोबारा खड़ा हो गया.. इसलिए बस चूस कर मज़ा ले रही थी कि अपने सब चौपट कर दिया।

अनुजा- ओह्ह.. तो ये बात है.. घोड़ी बन कर चुद चुकी हो.. हाँ और अब भी तेरी प्यास मिटी नहीं कि दोबारा लौड़े को चूस कर तैयार कर रही हो.. क्या बात है लगता है दवा असर कर गई.. तेरा दर्द ख़तम हो गया क्या?

दीपाली- हाँ दीदी आज ही तो चुदना सीखा है.. इतनी जल्दी थोड़े ही मेरी प्यास मिटेगी.. अब दर्द काफ़ी कम है पहली बार तो दर्द हुआ दूसरी बार थोड़ा मज़ा आया.. अबकी बार तो और ज़्यादा मज़ा आएगा ना..

विकास- हाँ मेरी छोटी रानी… तू सही बोली.. चुदाई का मज़ा हर बार बढ़ कर ही आता है।

अनुजा- बस भी करो.. तुम दोनों चुदाई का मज़ा लेते रहोगे तो क्या मैं सीढ उंगली घुसाऊँगी अपनी चूत में… विकास एक बार तो मेरी चूत भी ले लो यार.. उसके बाद तुम्हारे लौड़े में दम नहीं रहेगा।

विकास- अरे मेरी जान.. एक बार क्यों चल दो बार लूँगा तेरी .. उसके बाद इसको चोदूँगा और तुझे क्या पता मेरे लौड़े में कितना दम है.. आज तो पूरी रात ये ऐसे ही खड़ा रहेगा.. चल आ जा तेरी चूत की खुजली भी मिटा देता हूँ।
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02-19-2020, 12:44 PM,
#24
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली- हाँ दीदी.. मुझे भी आपकी चुदाई देखनी है.. अब तो आप आ ही जाओ बस।

अनुजा- अरे अभी नहीं रात को चुदवाऊँगी यार.. अभी खाना भी बनाना है…

दीपाली- दीदी, उसकी चिंता न करो ... खाना मैं बना दूंगी।

दीपाली उठ कर किचन की तरफ बढती है पर विकास उसके पीछे है और अनु विकास के पीछे.

विकास- अरे, तुम अकेली क्यों बनाओगी... मैं भी साथ दूंगा तुम्हारा।

अनुजा- ओये होये.. मेरा राजा.. क्या बात है… बड़ा प्यार आ रहा है दीपाली पर.. कभी मेरे को तो रोटियां बनाने में मदद नहीं की तुमने?

विकास- अरे जान ये बच्ची है.. इसलिए मदद कर रहा हूँ और कोई बात नहीं है।

अनुजा- अच्छा बच्ची है.. जिस तरह तुम इसको चोद रहे हो.. सारा पानी इसकी चूत में भर रहे हो.. जल्दी ही ये बच्ची को एक बच्चा हो जाएगा।

ये सुनते ही दीपाली के होश उड़ गए।



दीपाली- क्या.. नहीं दीदी.. प्लीज़ ऐसा मत कहो.. मेरी तो जान निकल जाएगी… क्या सच्ची मेरे को बच्चा होगा?

अनुजा- हा हा हा विकास.. देखो तो इसके चेहरे का रंग कैसे उड़ गया.. अरी मेरी प्यारी बहना.. मेरे होते हुए ऐसा कभी नहीं होगा.. तेरे लिए दवा लाई हूँ ना.. इसी लिए तो मैं गई थी। यही था वो खास काम.. इतनी जल्दी थोड़े तुझे माँ बनने दूँगी.. अभी तो चुदाई का भरपूर मज़ा लेना है तेरे को… चल अब रोटी बना और आप यहाँ से जाओ.. काम करने दो हमको…

विकास- अरे यार, मैंने वो वाली गोली ले ली है। देख लौड़ा कैसे झटके मार रहा है प्लीज़.. तुम अपना काम करो और मुझे अपना काम करने दो।

अनुजा- ठीक है.. ठीक है.. कर लो अपना काम.. दीपाली कमर को थोड़ा और मोड़ कर रोटी बना लो ताकि ये अपना लौड़ा तेरी चूत में डाल सके।

विकास- नहीं यार.. इसकी गाण्ड बड़ी मस्त है.. मेरा मन तो इसकी गाण्ड मारने का हो रहा है।

अनुजा- पागल हो गए हो क्या.. रोटी बनाते हुए इसकी कुँवारी गाण्ड कैसे मारोगे.. पता है ना पहली बार में क्या होगा.. वो तुम रात को आराम से मार लेना.. अभी चूत से ही काम चलाओ।

दीपाली- हाँ सर.. दीदी की बात सुन कर चूत में खुजली होने लगी है। राजाजी, डाल भी दो आप अपना लौड़ा।

दीपाली ने कमर को और ज़्यादा झुका लिया.. विकास ने लौड़े पर थूक लगा कर चूत में पेल दिया।

अब दीपाली रोटी बनाने में लग गई और साथ में उसकी चुदाई भी शुरू हो गई।

विकास धीरे-धीरे उसको चोदने लगा।

अनुजा- राजा, लौड़े का सारा कस अभी निकाल दोगे.. तो इतनी लंबी रात कैसे निकलेगी।

विकास- चिंता मत कर.. अभी बस ऐसे ही थोड़ा मज़ा ले रहा हूँ पानी नहीं निकालूँगा।

अनुजा- अगर ऐसी बात है तो ठीक है थोड़ा मेरी गाण्ड में भी घुसा ददो ताकि मैं भी इस लम्हे को हमेशा याद रखूँ कि कभी रसोई में भी आपने मेरी गांड ली थी।

विकास- हाँ जानेमन.. जरूर तुम कहो और मैं ना करूँ.. ऐसा कभी हुआ है क्या?

विकास थोड़ी देर दीपाली को चोदता रहा उसके बाद उसने अनुजा की गाण्ड में लौड़ा घुसा दिया।

लगभग 15 मिनट तक ये खेल चलता रहा तब तक खाना भी बन गया।
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02-19-2020, 12:44 PM,
#25
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
अनुजा- अब बस भी करो.. चलो कमरे में जाकर बैठ जाओ.. हम खाना लेकर आ जाते हैं।

तीनों नंगे ही कमरे में खाना खाने लगे।

खाने के बाद वो तीनों टीवी देखने लगे।

अनुजा- ले दीपाली.. ये गोली खा ले, इस के बाद कितना भी चुद.. बच्चा नहीं होगा।

दीपाली ने बिना बोले दवा ले ली।

अनुजा- थोड़ी देर टीवी देख लेते हैं उसके बाद चुदाई शुरू करेंगे.. हम दोनों को जितना चोदना है चोद लेना.. आज जैसा मौका शायद दोबारा मिले ना मिले।

दीपाली- नहीं दीदी.. ऐसी बात मत करो अब तो हम रोज चुदाई करेंगे। अब मुझसे कहाँ बर्दाश्त होगा.. आप और मैं सर को रोज मज़े देंगे।

विकास- अच्छा मुझे मज़े दोगी.. क्यों तुम दोनों मज़े नहीं लोगी क्या?

दीपाली हँसने लगती है और उसके साथ दोनों भी मुस्कुरा देते हैं।

दीपाली- दीदी, वो वाली मूवी लगाओ ना.. उसको देख कर चुदाई करेंगे.. मज़ा आएगा…

अनुजा- अरे वो तो उस दिन हमने देख ली थी ना.. आज तुझे दूसरी दिखाती हूँ अच्छी वाली.. तू भी क्या याद करेगी।

विकास- हाँ अनु.. मैं समझ गया तू कौन सी मूवी की बात कर रही है.. चल जल्दी से लगा दे… आज दीपाली को ये भी सिखा देते हैं कि कभी दो से चुदना हो तो कैसे चुदना चाहिए।

दीपाली- दो से चुदने का क्या मतलब है दीदी?

अनुजा- अभी देख लेना यार।

अनुजा ने एक सेक्सी डीवीडी लगा दी। तीनों पास बैठ कर देखने लगे.. विकास बीच में था और वो दोनों उसके दाएँ-बा एँ बैठी हुई थीं.. फिल्म में एक लड़की बैठी हुई थी। तभी दो आदमी आकर उसको चूमने लगते हैं और धीरे-धीरे उनका चोदन शुरू हो जाता है।

असल बात यह है कि अनुजा दीपाली को यही दिखना चाह रही थी कि कैसे दो आदमी एक लड़की को चोदते हैं और हुआ भी वही.. जब दोनों उसको आगे-पीछे से चोदने लगे दीपाली बोल पड़ी।

दीपाली- ओह्ह.. माँ.. ये क्या एक साथ दो आदमी लौड़ा डाल रहे हैं.. ऐसा होता है क्या?

विकास- मेरी जान होता है.. तभी तो ये फिल्म बनी.. आगे देखो और भी मज़ा आएगा जब तीसरा आकर इसके मुँह को चोदेगा.. यही तो है असली चुदाई का मज़ा।

इतना बोलकर विकास उसके मम्मों को सहलाने लगा।

इधर अनुजा भी कम ना थी.. वो विकास के लौड़े को सहला रही थी।

आधा घंटा तक तीनों फिल्म देखते रहे.. विकास का लौड़ा अब पूरा तन गया था और तीन लौड़ों से चुदती हुई लौन्डिया का ख्याल करके दीपाली और अनुजा दोनों की चूत पानी-पानी हो गई थीं।

विकास- चल मेरी रानी.. अब तेरी गाण्ड मारकर तुझे एकदम पक्की चुदक्कड़ बना देता हूँ ताकि तू कभी भी किसी को भी खुश कर सके।

दीपाली- सर, आप की बात तो ठीक है मगर आपका लंड बहुत मोटा और बड़ा है.. ये मेरी गाण्ड में कैसे जाएगा.. बहुत दर्द होगा।

विकास- अरे जान कुछ नहीं होगा.. चूत में चला गया तो गाण्ड में क्यों नहीं जाएगा।

अनुजा- हाँ दीपाली, चूत में तो सील टूटी इसलिए इतना दर्द हुआ.. गाण्ड में ऐसा कुछ नहीं है.. दर्द होगा, मगर उतना नहीं।

दीपाली ने विकास के लौड़े को हाथ से पकड़ कर देखा।

दीपाली- देखो दीदी शाम को ये इतना फूला हुआ नहीं था अभी तो बहुत मोटा लग रहा है।

अनुजा- अरे ऐसा कुछ नहीं है.. तेरे राजा जी ने पावर बढ़ाने की गोली ले ली है.. इसके कारण ये ऐसा लग रहा है।

दीपाली चौंकते हुए विकास को देखने लगती है।

विकास- अरे इसमें चौंकने वाली क्या बात है.. अब देखो शाम से तुम दोनों को चोद रहा हूँ.. मैं भी इंसान हूँ थक गया हूँ.. इसलिए गोली ली, ताकि मेरा पावर बना रहे और रात भर हम मज़ा करते रहें बस…

दीपाली- ठीक है सर.. जैसा आपको अच्छा लगे.. मगर ये फिल्म देख कर मेरी चूत गीली हो गई है.. बड़ी खुजली हो रही है.. पहले इसकी खाज मिटा दो।

विकास- हाँ जानेमन.. क्यों नहीं मगर पहले चूत लूँगा तो तेरा पावर कम हो जाएगा और उसके बाद गाण्ड में दर्द होगा.. चल आ जा पहले थोड़ी देर गाण्ड मार लूँ.. उसके बाद पानी चूत में ही निकालूँगा ताकि दोनों काम एक ही बार में हो जाएं।
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02-19-2020, 12:44 PM,
#26
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
अनुजा बिस्तर पर टेक लगा कर बैठ गई ... विकास ने दीपाली से कहा- इस तरह घोड़ी बन जाओ कि तुम अनुजा की चूत भी चाट सको और गाण्ड भी मरवा सको।

दीपाली- हाँ ये ठीक रहेगा.. मगर पहले आपके लौड़े को चूस कर गीला तो कर दूँ ताकि आराम से अन्दर चला जाए।

विकास- अरे नहीं, थूक से काम नहीं चलेगा.. गाण्ड में लौड़ा ऐसे नहीं जाता। तेरी गाण्ड तो में लौड़े पर देसी घी लगा कर मारूँगा.. बस 2 मिनट रुक मैं अभी लाया.. तब तक अनुजा तू इसको गर्म कर।

अनुजा और दीपाली एक-दूसरे के होंठ चूसने लगीं और निप्पल दबाने लगीं।

विकास ने एक प्याली में थोड़ा सा घी गर्म किया और कमरे में ले आया।

विकास- बस दीपाली अब सही पोज़ में आ जाओ.. मुझसे सबर नहीं हो रहा.. तेरी मक्खन जैसी गाण्ड मुझे पागल बना रही है।

अनुजा वापस टेक लगा कर बैठ गई और दीपाली घोड़ी बन कर उसकी चूत चाटने लगी।

विकास- हाँ बस ऐसे ही रहना जानेमन.. आज तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसा कर मैं धन्य हो जाऊँगा।

विकास ने ऊँगली घी में भर कर दीपाली की गाण्ड के सुराख पे रख दी और धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा।

दीपाली- आ आ आह्ह.. दीदी आपकी चूत से क्या मस्त रस आ रहा है.. आईईइ आह्ह.. सर आराम से.. कुँवारी गाण्ड है मेरी…

विकास- अरे रानी, तभी तो ऊँगली से घी तेरी गाण्ड में भर रहा हूँ ताकि लौड़ा आराम से अन्दर चला जाए।

दीपाली- ऊँगली से ही हल्का दर्द हो रहा है.. लौड़ा डालोगे तो मेरी जान ही निकल जाएगी।

अनुजा- उफ़फ्फ़ अरे कुछ नहीं होगा तू बस चूत रस का मज़ा ले बाकी विकास अपने आप संभाल लेगा।

दीपाली चूत चाटने में लग गई और विकास ऊँगली से उसकी गाण्ड को फैलाने लगा.. उसको मज़ा देने के लिए दूसरे हाथ से उसकी चूत में भी ऊँगली करने लगा।

अब दीपाली को बड़ा मज़ा आ रहा था.. वो अपनी जीभ चूत में घुसा कर चाटने लगी।

अनुजा- आह्ह.. अई आह अरे वाह.. बहन, बड़ा मस्त चूस रही हो कककक आह्ह..मज़ा आ रहा है।

विकास ने घी दीपाली की गाण्ड में अच्छे से लगा दिया था।

अब उसका लौड़ा झटके खाने लगा था। उसने दीपाली की गाण्ड पर एक चुम्बन किया और लौड़े पर अच्छे से घी लगा लिया। अब विकास ने लौड़ा गाण्ड के सुराख पे रखा.. दोनों हाथों से उसको थोड़ा खोला और सुपाडे को उसमें फँसा दिया।
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02-19-2020, 12:44 PM,
#27
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
विकास का लौड़ा एकदम फँस सा गया था.. इतना चिकना होने के बाद भी अब आगे नहीं जा रहा था।

विकास- आह उफ़फ्फ़.. साली तेरी गाण्ड है या आग की भट्टी.. कैसी गर्म हो रही है.. उफ़फ्फ़ लौड़ा जलने लगा है और टाइट भी बहुत है.. साला लौड़ा तो एकदम फँस गया है।

विकास आधे लौड़े को ही अन्दर-बाहर करने लगा.. उसको बड़ा मज़ा आ रहा था… अब गाण्ड में आधा लौड़ा ‘फक..फक..फक’ की आवाज़ से अन्दर-बाहर होने लगा।

अनुजा- आह्ह.. अरे चूत को खा जाएगी क्या.. आराम से चूस।

तभी विकास ने पूरा लौड़ा टोपी तक बाहर निकाला और ज़ोर से झटका मारा पूरा लौड़ा गाण्ड में जड़ तक घुस गया। इसी के साथ दीपाली झटके के साथ ही बिस्तर पर गिर गई। विकास भी उसकी पीठ के ऊपर उसके साथ ही नीचे गिर गया। इस सब में दीपाली का मुँह अनुजा की चूत के ऊपर कस गया।

अनुजा- ऊ माँ… विकास क्या कर रहे हो उफ्फ.. दीपाली उठो आह्ह..

विकास वैसे ही पड़ा-पड़ा लौड़े को आगे-पीछे करता रहा। दो मिनट में ही उसने ना जाने कितने शॉट मार दिए थे।

अनुजा- विकास प्लीज़ उठो मेरी जाँघों में बहुत दर्द हो रहा है उफ़फ्फ़.. उठो भी यार…

विकास ने लौड़ा गाण्ड से निकाल लिया और उकडूँ बैठ गया.. तब जाकर कहीं दीपाली की जान में जान आई और वो एक तरफ सीधी लेट गई।

दीपाली- आह आह उह्ह.. माँ.. सर ये आपने क्या कर दिया.. अई मेरी गाण्ड फट गई है.. आह्ह.. बहुत जलन हो रही है.. ऐसा लगता है अभी भी उसके अन्दर कुछ घुसा हुआ है।

विकास- अरे कुछ नहीं हुआ है.. बस थोड़ी देर की बात है.. उसके बाद आराम मिल जाएगा।

दीपाली- नहीं.. नहीं.. आहह.. मुझे उफ़फ्फ़ नहीं मरवानी गाण्ड.. बहुत दर्द हो रहा है.. देखो बिस्तर पर भी ठीक से गाण्ड नहीं टिका पा रही हूँ।

अनुजा- अरे विकास, इसको दर्द हो रहा है.. तो जाने दो ना.. इसकी चूत ले लो ताकि इसको चुदाई का मज़ा आए और गाण्ड को आराम मिल जाए।

विकास को अनुजा की बात समझ में आ गई कि वो क्या कहना चाहती है।

विकास- ओके ओके.. अब तू घोड़ी बन जा.. मैं तेरी चूत में लौड़ा डालता हूँ.. चल जल्दी कर.. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।

दीपाली- आह्ह.. काहे का मज़ा.. उफ्फ.. लगता है मेरी गाण्ड तो फट गई..

विकास ने दीपाली का हाथ पकड़ कर उसको उठा लिया।

विकास- अरे कुछ नहीं हुआ है.. अब चल जल्दी से घोड़ी बन जा यार.. मेरा मज़ा खराब हो रहा है।

दीपाली दोबारा उसी स्थिति में आ गई और अनुजा ने उसका मुँह अपनी चूत पर लगा दिया।

अनुजा- यार कितना मस्त चूस रही थी तू.. चूत को सारा मज़ा किरकिरा हो गया.. चल अब थोड़ा चूत को चाट कर मज़ा दे.. तू तो अब चूत घिसवा कर ठंडी हो जाएगी.. मेरी चूत तो अब तू ही ठंडा कर सकती है।

दीपाली के चेहरे पर दर्द के भाव साफ नज़र आ रहे थे, बुझे मन से वो चूत को चाटने लगी। इधर विकास ने लौड़ा चूत में घुसा दिया और झटके मारने लगा। अभी कोई 5 मिनट ही हुए थे कि दीपाली को अब मज़ा आने लगा और वो कमर हिला-हिला कर चुदने लगी और अनुजा की चूत चाट-चाट कर मज़े लेने लगी।

विकास- आह्ह.. आह उहह.. साली कसम से आह्ह.. तू बड़ी मस्त लड़की है.. क्या चूतड़ हिला कर चुद रही है और साली तेरी चूत भी क्या मस्त है उहह उहह ले आ रानी मज़ा आ रहा है।

अनुजा- दीपाली आह्ह.. चाटो आह्ह.. चाटो बहुत मज़ा आ रहा है मेरे राजा आह्ह.. अब दीपाली गर्म हो गई है आह्ह.. मार दो निशाना.. कर लो अपना अरमान पूरा।

दीपाली कुछ समझ पाती, इसके पहले ही विकास ने लौड़ा चूत से निकाल लिया और गाण्ड के छेद पर रख कर ज़ोर से झटका मारा। इस बार विकास ने दीपाली की कमर को अच्छे से पकड़ा हुआ था ताकि वो आगे ना जा पाए। एक ही वार में लौड़ा गाण्ड के अन्दर और दीपाली की चीख बाहर।

दीपाली- आह आआह्ह.. सर प्लीज़ आराम से करो ना.. अई दीदी आप बहुत गंदी हो आह्ह.. आपने ही कहा ना सर को उईईइ आह…

अनुजा- अरे कुछ नहीं होगा.. जब चूत का दर्द नहीं रहा.. तो ये भी ठीक हो जाएगा और इसमें भी मज़ा आने लगेगा।

विकास पागालों की तरह गाण्ड में दनादन लौड़ा पेल रहा था। दीपाली दर्द से कराह रही थी।
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02-19-2020, 12:44 PM,
#28
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली- अई आह मार लो आह्ह.. अगर अई आपका मन गाण्ड मारने का हुआ है.. तो ठीक है आह्ह.. मगर मुझे अधूरा क्यों छोड़ दिया.. मेरी चूत में बड़ी खुजली हो रही है आह्ह..

विकास- आह्ह.. आह.. मज़ा आ रहा है साली क्या चिकनी गाण्ड है तेरी.. आह्ह.. लौड़ा खुश हो गया आह्ह.. आज तो.. हाँ जान.. रुक थोड़ी देर और गाण्ड का मज़ा लेने दे.. आह्ह.. उसके बाद तेरी चूत को भी शान्त कर दूँगा।

दस मिनट तक गाण्ड मारने के बाद विकास ने लौड़ा चूत में डाल दिया और रफ़्तार से चोदने लगा। इधर दीपाली ने अनुजा की चूत चाट-चाट कर उसको चरम सीमा पर पहुँचा दिया था।

अनुजा- आहइ आह मज़ा आ गया.. चाट आह्ह.. ज़ोर-ज़ोर से चाट.. आह्ह.. मैं झड़ने वाली हूँ आह्ह..

विकास- ओह्ह ओह्ह ओह्ह मैं भी आहह… करीब ही हूँ उफ़फ्फ़ मज़ा आ गया आज तो.. ओह्ह।

दीपाली- रफ्तार से करो राजा जी.. हम एक साथ ही झड़ेंगे आह्ह.. मेरी चूत में भी आह्ह.. तूफान उठ रहा है। विकास अपनी पूरी ताक़त से झटके मारने लगा और दीपाली ने भी अनुजा की चूत को होंठों से दबा कर उसको ऐसा चूसा कि सबसे पहले अनुजा की चूत ने पानी छोड़ा। अनुजा ने आनन्द में आँखें बन्द कर लीं और दीपाली के सर को कस कर पकड़ लिया और मस्ती से झड़ने लगी। दीपाली भी पानी को ज़ुबान से चाटने लगी।

दीपाली की चूत भी लौड़े के इतने तेज प्रहार को सहन ना कर पाई और उसका बाँध भी टूट गया। वो गाण्ड को पीछे धकेलती हुई झड़ने लगी। उसकी कमर कभी नीचे तो कभी ऊपर को उठ रही थी।

विकास- आह ह आह.. साली ओह्ह ओह्ह ओह्ह.. मुझसे पहले झड़ गई आअहह ले संभाल आह..

दो-चार धक्कों के बाद विकास एकदम से रुक गया और दीपाली की चूत को पानी पिलाने लगा। वो हाँफने लगा था क्योंकि उसने कुछ ज़्यादा ही रफ्तार से शॉट लगा दिए थे।

वो एक तरफ बिस्तर पर लेट गया.. दीपाली भी उसके सीने पर सर रख कर सो गई। अनुजा वैसे ही बैठी रही।

अनुजा- वाह.. मेरी बहना, तू तो मेरी सौतन बन गई है.. चुदवा भी रही हो और मेरे पति के सीने पर भी सो रही हो।

दीपाली झट से बैठ गई और उसके चेहरे पर डर के भाव आ गए।

दीपाली- नहीं दीदी.. प्लीज़ आप गलत समझ रही हो.. मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था.. आपको बुरा लगा तो ‘सॉरी’ मैंने पहले ही कहा था.. अगर आपको ऐतराज ना हो तो मैं सर से चुदवा लूँ.. आपने ‘हाँ’ कही.. तभी मैं राज़ी हुई।

अनुजा- अरे अरे.. पागल मैं तो मजाक से बोली हूँ.. तुमने तो मेरी बात दिल पर ले ली यार.. अबे कूल.. मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता.. अगर सच में भी तू मेरी सौतन बन जाए तो मैं तो खुश रहूँगी.. तेरी जैसी स्वीट सौतन पाकर.. कभी विकास ना भी होगा तो तू मेरी चूत चाट कर मुझे ठंडा कर देगी।

विकास हँसने लगता है और दीपाली का माथा चूम कर उससे कहता है कि वो अनुजा की किसी भी बात का कभी बुरा ना माने क्योंकि इसको मज़ाक करने की आदत है।

दीपाली- दीदी आपने तो मेरी जान निकाल दी थी.. एक तो सर ने मेरी गाण्ड फाड़ दी.. कितना दर्द हो रहा है और रही-सही कसर आपने पूरी कर दी।

अनुजा- अच्छा बाबा ले.. मेरे निप्पल पकड़ कर ‘सॉरी’ बोलती हूँ बस…

अनुजा ने अपने निप्पल इस तरह पकड़े कि दीपाली को हँसी आ गई और वो अनुजा क गले लग गई। विकास ने दोनों को बांहों में भर लिया।

विकास- चलो दोनों ही मेरे सीने पर सर रख लो यार.. बहुत थक गया हूँ थोड़ी देर आराम कर लूँ.. कसम से जानेमन, तेरी गाण्ड बहुत कसी थी साला लौड़ा बहुत मुश्किल से हरकत कर रहा था।दीपाली- हाँ पता है.. तभी तो गाण्ड की हालत बिगड़ गई.. मुझे तो बहुत नींद आ रही है.. मैं तो ऐसे ही आपके सीने पर सोऊँगी।

अनुजा- अरे अभी तो रात शुरू हुई है अभी से सोने की बात कर रही हो यार.. अभी मैंने तो चुदवाया ही नहीं है।

दीपाली- दीदी, आप चुदवा लो.. पर मुझे सोने दो.. हाँ दो घंटा सो लूँ.. उसके बाद मुझे उठा लेना।

विकास- सो जा मेरी रानी.. इस बहाने मुझे भी आराम मिल जाएगा।
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02-19-2020, 12:44 PM,
#29
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
कुछ देर के आराम के बाद विकास का लंड फिर अकड़ने लगा।

विकास- देखो तो अनु, लौड़ा इतनी जल्दी फिर से तन गया।

अनुजा- हो सकता है की गोली का असर हो।

विकास- हाँ जान कुछ भी हो सकता है.. चलो कारण कोई भी हो.. अब लौड़े को भूख लगी है तो खाना भी दो इसको.. चुदवाओगी न?

अनुजा- नहीं, पता नहीं क्यों मेरे पेट में हल्का दर्द हो रहा है.. अगर चुदवाया तो शायद ज़्यादा हो जाए.. तुम दीपाली को चोद लो.. मैं आती हूँ थोड़ी देर में.. मुझे बाथरूम करना है।


अनुजा गई तो विकास ने दीपाली पर नज़र डाली। दीपाली एकदम गहरी नींद में थी और पेट के बल लेटी हुई थी.. उसकी गाण्ड देख कर विकास उसके पास खिसका और बड़े प्यार से उसको सहलाने लगा।

विकास- दीपाली तुझे बनाने वाले ने बड़ी फ़ुर्सत से बनाया होगा.. तेरी गाण्ड कितनी नरम है.. मैंने कोई अच्छा काम किया होगा जो तुझ जैसी कमसिन लड़की.. आज मेरे बिस्तर पर नंगी पड़ी है.. जान लौड़े में तनाव तो बहुत है.. मगर मैं तेरी नींद खराब नहीं करना चाहता.. तूने आज मुझे बहुत बड़ी ख़ुशी दी है.. जब तक तेरी नींद पूरी नहीं हो जाती.. मैं बस ऐसे ही तेरे जिस्म को निहारता रहूँगा। विकास उसकी गाण्ड को धीरे-धीरे दबा रहा था.. उसका लौड़ा तन कर झटके मारने लगा था। कुछ देर ऐसा चलता रहा।

अनुजा वापस आ कर- अरे क्या बात है आप ऐसे ही बैठे हो… उठाया नहीं क्या दीपाली को।

विकास- नहीं यार.. ये बहुत गहरी नींद में है.. इसकी नींद खराब करने को दिल नहीं मान रहा।

अनुजा- अरे इसने खुद कहा था कि बस दो घंटे सोने दो.. उसके बाद जितना मर्ज़ी चोद लेना.. अभी तो इसको सोए तीन घंटे होने को आए हैं।

विकास- अरे नहीं अनु.. ये अभी छोटी है.. थोड़ा और सोने दो, अपने आप उठ जाएगी।

अनुजा- नहीं मेरे राजा.. इस वहम में मत रहो.. अरे आज इसने पहली बार चुदाई का मज़ा लिया है और खूब चुदी भी है.. ये ऐसी सुकून की नींद ले रही है.. अगर इसे उठाओ नहीं ना.. तो सुबह भी नहीं उठेगी.. चुदने के बाद कैसी अच्छी नींद आती है.. ये मुझसे ज़्यादा कौन जान पाएगा। जब पहली बार चैट पर अपने मुझे चोदा था.. याद है दूसरे दिन देर तक मैं सोती रही थी।

विकास- हाँ.. ये बात तो है.. चुदाई के बाद नींद बड़ी प्यारी आती है। अब तुम भी चुदने से मना कर रही हो.. लगता है इसे उठाना ही पड़ेगा।

अनुजा- सॉरी राजा.. सच्ची मेरे पेट में दर्द हो रहा है.. चुदाई का बिल्कुल भी मन नहीं है.. आप ऐसा करो इसको उठा ही लो और आराम से दोनों मज़े करो.. मुझे तो पेट दर्द की दवा लेनी होगी। ऐसा करो मैं दवा लेकर दूसरे कमरे में सो जाती हूँ.. तुम दोनों यहीं मज़ा करो।

विकास- अरे यार ये क्या बात हुई. यहीं सो जाओ ना।

अनुजा- नहीं विकास.. मैं सुकून से सोना चाहती हूँ और यहाँ तुम दोनों को चुदाई करते देखूँगी तो कहाँ नींद आएगी। आप इसे उठाओ.. मैं चली सोने…

अनुजा वहाँ से चली जाती है.. विकास दीपाली के पास लेट जाता है और उसकी पीठ पर हाथ फिराने लगता है। तभी दीपाली करवट लेती है और उसकी गाण्ड विकास के लौड़े के सामने हो जाती है। विकास उससे चिपक जाता है और लौड़ा उसकी जाँघों के बीच फँस जाता है। विकास अब दीपाली से चिपका हुआ उसके मम्मों को दबाने लगता है। थोड़ी देर में दीपाली वापस करवट लेती है और अबकी बार एकदम सीधी सो जाती है। विकास का लौड़ा बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था।

विकास- मेरी जान.. तू कब उठेगी, देख मेरा लौड़ा बेकाबू हो रहा है.. अब तो बर्दाश्त के बाहर है.. तू सोती रह मैं अब तेरी चूत में लौड़ा घुसा ही देता हूँ.. साली सोई हुई लड़की को चोदने का मज़ा ही कुछ और है।

विकास उकडूँ बैठ गया.. उसने दीपाली के पाँव मोड़ कर उनको फैलाया और लौड़े पर थूक लगा कर चूत पर टिका दिया और धीरे से धक्का मारा.. लौड़ा ‘घप’ से अन्दर घुस गया।

विकास दीपाली के ऊपर लेट गया और उसके निप्पल चूसने लगा.. इधर धीरे-धीरे झटके मारने लगा।

दीपाली- उहह उहह सर आह्ह.. मुझे उठा लिया होता… ऐसे सोते हुए ही चोद रहे हो.. आहह..

विकास- मेरी रानी.. ओह्ह ओह्ह.. कब से तेरे उठने का इन्तजार कर रहा हूँ साला लौड़ा तेरी कमसिन जवानी देख कर झटके मार रहा था.. इसी लिए मैंने सोचा अब लौड़ा चूत में जाएगा तब अपने आप तू उठ जाएगी।

दीपाली- आह्ह.. आह.. चोदो राजा जी.. आह्ह.. मज़ा आने लगा है.. उई आप कितने अच्छे हो.. आह्ह.. चोदो.. मेरी चूत की आज आह्ह.. सारी खुजली मिटा दो आह्ह..

विकास ने तो गोली ले रखी थी.. उसका लौड़ा तो लोहे की रॉड जैसा तना हुआ था और शॉट पर शॉट मार रहा था, मगर बेचारी दीपाली तो बिना कामोत्तेजक दवा के ही चूत में लौड़ा ले रही थी। उसकी चूत तो वक्त पर ही लावा उगलेगी ना.. लगभग 15 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद दीपाली सिसकने लगी.. ठंडी ‘आहें’ भरने लगी।
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02-19-2020, 12:45 PM,
#30
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली- आह्ह.. सस्स ऊह्ह सर आह्ह.. बहुत मज़ा आ रहा है उई… धपाधप चोदो और ज़ोर से आह उफ़फ्फ़ कककक सी मेरी चूत आह्ह.. का बाँध टूटने वाला है अई जोर से आह्ह.. और जोर से .. फाड़ दो आह्ह.. मेरी चूत को उफ़फ्फ़ मैं गई आह्ह..

दीपाली ने आँखें बन्द कर लीं.. वो चरमसुख का आनन्द लेने लगी और 2 मिनट बाद उसका बदन ढीला पड़ गया मगर विकास अब भी उसको ठोके जा रहा था।

दीपाली- आह्ह.. आह मेरे राजा जी.. आह्ह.. अब निकाल भी लो आह.. लौड़ा बाहर.. मेरी चूत में से.. आह आह जलन होने लगी है.. आईईइ आहइ आह।

विकास- अभी कहाँ जानेमन.. आह्ह.. उहह अभी तो मेरे लौड़े में करंट भी पैदा नहीं हुआ आह्ह.. आज तुझे इतना चोदूँगा आह्ह.. तेरी चूत की सारी खुजली मिटा दूँगा आह्ह..

दीपाली- आह आह प्लीज़ सर.. निकाल लो.. बड़ी जलन हो रही है आह्ह..

विकास- रानी निकाल तो लूँ मगर तेरी गाण्ड में वापस घुसाऊँगा.. अभी उसको ठीक से नहीं मार पाया हूँ आह्ह.. बोल मरवाएगी ना गाण्ड आह्ह..

दीपाली- आह्ह.. ठीक है मार लो आह्ह.. कम से कम चूत को तो सुकून मिलेगा।

विकास ने रफ्तार से दो-चार झटके मार कर लौड़ा बाहर निकाल लिया दीपाली ने चैन की सांस ली और बैठ कर लौड़े को देखने लगी।

दीपाली- क्या बात है राजा जी.. ये तो भूखे शैतान की तरह अकड़ा खड़ा है चूत का हाल बिगाड़ दिया.. फिर भी इसका मन नहीं भरा क्या?

विकास- अब बातें चोदना बन्द कर.. चल बन जा घोड़ी.. तेरी चूत का चबूतरा तो बना दिया.. अब गाण्ड को भी गड़हिया बना देता हूँ।

दीपाली- अरे गाण्ड भी मार लेना.. पहले लौड़े को चूस तो लूँ.. बड़ा मान ललचा रहा है.. ऐसे कड़क लौड़े को देख कर..

दीपाली ने लौड़े को मुँह में ले लिया और मज़े से चूसने लगी। विकास का बदन जलता अंगारा बन गया था.. वो हवसी हो गया था दीपाली का सर पकड़ कर झटके मारने लगा.. पूरा लौड़ा अन्दर तक डालता और बाहर निकाल लेता। दीपाली भी कम ना थी.. वो होंठों को भींच कर विकास के लौड़े को कसी चूत का अहसास दिला रही थी।

विकास- आह्ह.. आह चूस साली… क्या मस्त चूसती है राण्ड आह्ह.. मज़ा आ गया आह्ह.. साला आज तो लौड़ा झड़ने का नाम ही नहीं लेगा.. बहुत पावर की गोली खाई है.. आह्ह.. चूस ऐसे ही आह्ह..

विकास पागलों की तरह उसके मुँह को चोदने लगा। काफ़ी देर बाद विकास ने लौड़ा मुँह से बाहर निकाला।

विकास- चल अब घोड़ी बन जा बस अब तेरी गाण्ड में ही झडूंगा.. चूत तो पानी पी-पी कर काफ़ी गीली हो गई है। अबकी बार गाण्ड को भी वीर्य रस का मज़ा दे ही देता हूँ।

दीपाली- ऑउह्ह.. मेरे राजा जी.. आप के लौड़े में क्या मज़ा आ रहा था.. दिल कर रहा था बस अभी पानी निकाले और सारा गटक जाऊँ.. उफ्फ.. कितना गर्म अहसास था.. आपने सब चौपट कर दिया.. लो बन गई घोड़ी.. कर लो अपना अरमान पूरा.. गाण्ड की हालत पहले ही खराब है अबकी बार पूरी फाड़ ही दो.. ताकि दर्द होने का झंझट ही ना रहे।

दीपाली ने मुस्कुराते हुए ये बात कही थी.. उसके साथ विकास भी मुस्कुरा दिया। दीपाली अब घोड़ी बन गई थी और विकास तो एकदम बेसबरा हो रहा था उसने जल्दी से लौड़े को गाण्ड पर टिकाया और घुसा दिया पूरा.. एक ही बार में.. दीपाली ने लंड को चूस कर एकदम चिकना कर दिया था इसलिए एक ही झटके में पूरा अन्दर घुस गया।

दीपाली- आहइ मर गई रे.. अई सर आह्ह.. अपने एक ही बार में आह्ह.. पूरा घुसा दिया.. आईईइ गाण्ड पहले ही दुख रही थी उफ़फ्फ़…

विकास- मेरी जान बस जब तक मेरा रस तेरी गाण्ड में नहीं गिरता, तब तक ये दर्द रहेगा.. उसके बाद तू खुद कहेगी कि गाण्ड मरवाने में बहुत मज़ा आता है.. चल अब संभल जा… मैं तेरी सवारी शुरू कर रहा हूँ।

इतना बोलकर विकास रफ्तार से गाण्ड मारने लगा। दीपाली भी ‘अई उ उफ़फ्फ़ कककक’ करती रही। दस मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई से विकास के लौड़े में करंट पैदा हो गया था। वो अब अँधाधुंध शॉट मार रहा था।

दीपाली- अईयाया सर.. आह्ह.. आह उफ़फ्फ़ आपका आह्ह.. पानी कब निकलेगा आह…

विकास- उह उह बस आह.. निकलने ही वाला है आह..।

विकास का लौड़ा एकदम से फट गया उसमें से वीर्य की धार निकलने लगी दीपाली की गाण्ड में गर्म-गर्म पानी भरने लगा.. उसको भी बड़ी राहत मिली। जब विकास ठंडा हो गया तो एक तरफ सीधा लेट गया दीपाली ने भी चैन की सांस लेते हुए विकास के सीने पर सर रख दिया।
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