Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
02-19-2020, 12:45 PM,
#31
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
अचानक से दीपाली बैठ गई और इधर-उधर देखने लगी।

दीपाली- सर दीदी कहाँ हैं कब से नहीं दिखीं…

विकास- हा हा हा इतनी देर बाद तुम्हें याद आया कि अनुजा यहाँ नहीं है हा हा हा… तुम भी कमाल करती हो।

दीपाली- इसमें कमाल की क्या बात है.. सोई हुई चूत में तो आपने लौड़ा घुसा दिया.. जब पूरी तरह से नींद टूटी.. तब तक लंड दिमाग़ पर हावी हो गया था। उस वक़्त किसे फ़र्क पड़ता है की कोई कहाँ है.. अब चुद कर सुकून में आई.. तब आपसे पूछ लिया.. अब बताओ भी…

दीपाली थोड़े तीखे अंदाज में बोली शायद विकास की बात उसको बुरी लगी।

विकास ने उसे सब बता दिया कि अनुजा के पेट में दर्द था.. वो दवा लेकर दूसरे कमरे में सो रही है।

दीपाली- उह्ह.. माँ.. सर आप भी ना.. चलो उनको देखते हैं… कहीं ज़्यादा तकलीफ़ तो नहीं हो रही उनको…

विकास- अरे मेरी रानी.. ऐसा कुछ नहीं है.. नॉर्मल सा दर्द था.. उसने दवा ले ली है.. अब वो सुकून से सो रही है.. अगर तुमको यकीन ना आए तो खुद जाकर देख आओ।

दीपाली बिना बोले कमरे से बाहर चली गई। पांच मिनट बाद वापस आकर विकास के पास बैठ गई।

विकास- क्यों हो गई तसल्ली.. देख आई अपनी दीदी को?

दीपाली- हाँ देख आई.. वो तो घोड़े बेच कर सो रही हैं. मैंने उनको छू कर भी देखा.. मगर उनकी नींद काफ़ी गहरी है इसलिए मैं वापस आ गई वरना उनसे पूछ लेती कि अब दर्द कैसा है..

विकास- चलो मेरे कहने से ना सही खुद देखने से तो तुम्हें यकीन हुआ कि अनु सो रही है। अब वहाँ क्या बैठी हो.. यहाँ आ जाओ मेरी बांहों में…

दीपाली दोबारा से विकास के सीने पर सर रख कर उससे लिपट जाती है और बड़े प्यार से उसके पेट पर हाथ घुमाने लगती है।

दीपाली- सर एक बात कहूँ?

विकास- हाँ जान.. कहो ना…

दीपाली- दो दिन पहले तक मैं कितनी अनजान थी ना.. इन सब बातों से लौड़ा, चूत और चुदाई क्या होती है.. कुछ पता नहीं था, मगर अब देखो आज एक ही दिन में कई बार आपसे चुदवा चुकी हूँ और नंगी ही आपसे लिपटी हुई हूँ।

विकास- मेरी जान.. दो दिन पहले तू बस एक साधारण लड़की थी.. मगर अब तू…

विकास बोलता हुआ रुक गया।

दीपाली- कहो ना सर.. अब मैं क्या?

विकास- सॉरी यार गलत शब्द दिमाग़ में आ गया था।

दीपाली- आपको मेरी कसम है… अब बताओ अब क्या?

विकास- ओके बोलता हूँ.. पर प्लीज़ बुरा मत मानना.. अब तू पक्की रंडी बन गई है।

दीपाली- ये तो गाली है ना.. वैसे ये रंडी क्या होती है।

विकास- बहुत भोली है तू.. मेरी जान जो लड़की बिना डरे कभी भी कहीं पर भी किसी से भी चुदवा ले.. उसे रंडी कहते हैं।

दीपाली- ऊह.. माँ.. किसी से भी चुदवा लेती है.. सर मगर मैंने तो बस आपसे चुदवाया है.. मैं कैसे रंडी हुई?

विकास- अरे मेरी माँ.. तुझे कैसे समझाऊँ.. अब देख तू कुँवारी है ना.. और बिना शादी के तूने चूत दे दी .. अगर मैं तेरा ब्वॉय-फ्रेंड होता तो चलता.. मगर तुमने तो अपने सर से चुदवा लिया.. ऐसी लड़की को भी समाज रंडी बोलता है.. अब बस इसके आगे कुछ मत पूछना.. मैंने ग़लती से बोल दिया था.. मैं तेरे आगे हाथ जोड़ता हूँ।

दीपाली हँसने लगती है।
Reply
02-19-2020, 12:45 PM,
#32
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली- सर प्लीज़ आप ऐसे ना करो.. मुझे कुछ पता नहीं है प्लीज़.. आप नहीं समझाओगे तो कौन बताएगा.. बताओ ना प्लीज़…।

विकास- अच्छा सुन वो ब्लू-फिल्म देखी थी ना.. उसमें वो लड़की रंडी थी.. समझी सीधी बात है जो लड़की बिंदास हो कर चुदाई के लिए किसी भी वक्त तैयार रहे.. लौड़ा किसका है उसको कोई मतलब ना हो.. बस चुदना चाहती हो.. वो पक्की रंडी होती है और दूसरी बात सेक्स की भाषा में उत्तेजना बढ़ाने के लिए भी प्यार से रंडी बोला जाता है..

दीपाली- तब तो ठीक है.. आप भी मुझे रंडी बोल सकते हो.. अच्छा सर एक बात और.. अब इम्तिहान आने वाले हैं और इस बार बोर्ड के इम्तिहान हैं मैं पास तो हो जाऊँगी ना…

विकास- अरे पगली तो बहुत होशियार स्टूडेंट है.. सब विषयों में कितने अच्छे नम्बर लाती है.. रही विज्ञान की बात तो अब तो तुझे लिंग-योनि जैसे शब्दों से शर्म नहीं आएगी और मैं हूँ ना.. कल से तुझे असली ज्ञान दूँगा। ये चुदाई तो चलती रहेगी.. तेरा साल बर्बाद नहीं होने दूँगा.. ओके…

दीपाली- ओके सर.. मैं बहुत खुश हूँ कि मुझे आप जैसा सर मिला.. अब मुझे पास होने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि मैंने वो सफ़र तय कर लिया है.. जो बेहद जरूरी था.. विज्ञान से चुदाई ज्ञान तक का सफ़र…

विकास- अरे वाह.. ये हुई ना बात…

विकास ने कस कर दीपाली को अपनी बांहों में भर लिया और काफ़ी देर तक वो दोनों ऐसे ही चिपके रहे।

दीपाली- सर छोड़ो.. मुझे बाथरूम जाना है.. बड़ी ज़ोर से सूसू आ रही है।

विकास- हा हा हा सूसू.. अरे तू कोई छोटी बच्ची है क्या.. जो सूसू बोल रही है.. पेसाब बोल.... सूसू हा हा हा…

दीपाली- बड़े गंदे हो आप.. अब जाने भी दो… नहीं तो यहीं निकल जाएगी।

दीपाली वापस कमरे में आकर शीशे के सामने टेढ़ी खड़ी होकर अपनी गाण्ड देखने की कोशिश करने लगी.. तभी विकास भी आ गया।

विकास- दीपाली ऐसे क्यों खड़ी हो.. क्या देख रही हो?

दीपाली- अपनी गाण्ड देख रही हूँ.. अभी भी ऐसा लग रहा है जैसे कोई चीज़ अन्दर घुसी हुई हो.. दर्द भी हो रहा है गाण्ड में…

विकास- अरे कुछ नहीं.. इतनी कसी हुई गाण्ड पहली दी है ना.. तो ऐसा लगता है.. चल आ जा बिस्तर पर.. मैं थोड़ा सहला देता हूँ.. आराम मिलेगा…

दीपाली- सर.. सिर्फ़ गाण्ड को सहलाओगे.. मेरा पूरा बदन अकड़ गया है आप थोड़ा दबा दो ना प्लीज़…

विकास- जान तू दो मिनट रुक.. मैं सरसों का तेल थोड़ा गर्म कर के लाता हूँ.. उसकी मालिश से तेरा सारा दर्द निकल जाएगा।

दीपाली ने कुछ सोचा उसके बाद बिस्तर पर पेट के बल लेट गई।

विकास रसोई में चला गया और वहाँ से एक प्याली में तेल को हल्का गर्म कर के ले आया।

विकास- ले.. मैं आ गया.. अब देख थोड़ी ही देर में तुझे आराम मिल जाएगा।

विकास बिस्तर पर बैठ गया और अपने हाथों पर ढेर सारा तेल लेकर दीपाली की गर्दन से मालिश करना शुरू हो गया।

दीपाली- आह.. गर्म तेल का अहसास कितना अच्छा है.. उफ सर.. आपके हाथ में तो जादू है.. हाथ लगाते ही बड़ा सुकून मिल रहा है आह्ह.. दबाव उफ्फ हाँ.. ऐसे ही.. मज़ा आ रहा है।

विकास बड़े प्यार से मालिश करने लगा.. गर्दन से पीठ पर होता हुआ गाण्ड को रगड़ने लगा। करीब आधा घंटा तक वो मसाज करता रहा।

दोस्तों इतनी कमसिन लड़की नंगी पड़ी हो और उसके जिस्म को मालिश हो रही हो तो जाहिर सी बात है.. उसकी उत्तेजना तो बढ़ेगी ही.. क्योंकि विकास गाण्ड में तेल डाल कर ऊँगली अन्दर तक डाल रहा था, कभी उसकी चूत को दबा रहा था।

दीपाली एकदम जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी। वो एकदम गर्म हो गई थी। इधर विकास का भी यही हाल था। दीपाली के यौवन को छूने से उसके लौड़े में तनाव पैदा हो गया था और होगा भी क्यों नहीं.. 18 साल की कली को मसाज दे रहा था.. लौड़ा तो फुफकार मारेगा ही।

दीपाली- आह्ह.. आह उफ़फ्फ़… सर आह्ह.. बड़ा मज़ा आ रहा है.. आपने तो आह.. मेरे जिस्म में आग लगा दी.. उफ्फ अब तो आ आपके लौड़े से चूत और गाण्ड के अन्दर तक मालिश कर ही दो आह्ह.. तभी मुझे सुकून मिलेगा…

विकास- हाँ साली रंडी.. तू है ही इतनी हॉट कि साला कोई भी तुझे देख कर गर्म हो जाए और मैं तो कब से तेरे यौवन को मालिश कर रहा हूँ साला लौड़ा फटने को आ गया.. चल अब बन जा घोड़ी.. पहले तेरी गाण्ड बजाऊँगा.. उसके बाद चूत की आग बुझाऊँगा।

दीपाली झट से घोड़ी बन गई और विकास ने अपना लौड़ा गाण्ड में डाल दिया.. करीब आधा घंटा तक वो गाण्ड मारता रहा.. अबकी बार दीपाली को दर्द नहीं बल्कि मज़ा मिल रहा था।
Reply
02-19-2020, 12:45 PM,
#33
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
लौड़ा गाण्ड में घुस रहा था और उसकी चूत पानी-पानी हो रही थी। जब चूत की आग हद से ज़्यादा हो गई तो दीपाली ने विकास को नीचे लिटा दिया और खुद उसके लौड़े पर बैठ गई.. और कूदने लगी.. केवल 5 ही मिनट में वो झड़ गई..

मगर विकास कहाँ झड़ने वाला था.. वो नीचे से धक्के मारता रहा। उसके बाद स्थिति बदल कर उसे चोदने लगा।

दोस्तो, 25 मिनट तक विकास चूत में लौड़ा पेलता रहा.. दीपाली दोबारा झड़ने को आ गई.. तब कहीं जाकर विकास के लौड़े ने लावा उगला.. दोनों एक साथ झड़ गए और एक-दूसरे से लिपटे हुए पड़े रहे। चुदाई की थकान और रात भी काफ़ी हो गई थी.. दोनों कब सो गए.. पता भी नहीं चला।


सुबह 6 बजे अनुजा की आँख खुली वो भी नंगी ही सोई पड़ी थी.. उठ कर वो सीधी बाथरूम में गई.. नहा कर फ्रेश हुई।

आज उसने नीली साड़ी पहनी, उसमें वो बहुत सुन्दर लग रही थी।

उसके बाद वो दूसरे कमरे में गई.. जहाँ विकास और दीपाली एक-दूसरे की बांहों में गहरी नींद में सोए हुए थे।

अनुजा- लो इनको देखो.. अभी तक बेशर्मों की तरह सोए पड़े हैं।

अनुजा ने उनको उठाने की बजाय कमरे की बत्ती बन्द की और रसोई में चली गई।

लगभग 7 बजे तक अनुजा ने आलू के परांठे और चाय तैयार कर ली.. उसके बाद वापस कमरे में गई.. दोनों अभी तक वैसे ही पड़े थे।

अनुजा- दीपाली.. अरे उठ भी जा.. अब क्या पूरा दिन सोती रहेगी.. स्कूल नहीं जाना क्या?

दोस्तो, मैं आपको बता दूँ.. दीपाली का स्कूल 8 से 2 बजे तक का था।

दीपाली अंगड़ाई लेती हुई उठी.. वो पूरी नंगी थी.. उसकी चूत पर वीर्य लगा हुआ था.. जो सूख गया था।

दीपाली- उहह.. क्या दीदी.. कितनी अच्छी नींद आ रही थी.. सोने भी नहीं देती आप…

विकास भी उठ गया था.. उसने दीवार घड़ी की ओर देखा तो चौंक कर बैठ गया।

विकास- अरे बाप रे… 7 बज गए.. क्या अनु पहले क्यों नहीं उठाया.. दीपाली चल उठ जा.. स्कूल जाना बहुत जरूरी है.. आज इम्तिहान के प्रवेश-पत्र मिलेंगे।

अनुजा- अच्छा मैंने नहीं उठाया.. आप ही रात भर चोदने का मज़ा लेते रहे थे.. चलो कुछ देर नहीं हुई.. नास्ता रेडी है.. बस तुम दोनों तैयार हो जाओ।

विकास कुछ नहीं बोला और सीधा बाथरूम में घुस गया।

अनुजा ने दीपाली का हाथ पकड़ कर उसको खड़ा किया।

अनुजा- अरे बहना.. जल्दी कर तेरे घर भी जाना है.. बैग लेने.. और स्कूल ड्रेस भी वहीं है।

दीपाली आधी खुली आँखों से बाथरूम की तरफ बढ़ने लगी।

अनुजा- यहाँ कहाँ जा रही है.. इसमें विकास है.. सारी रात चुदवा कर भी तेरा मन नहीं भरा क्या.. जो अभी भी वहीं जा रही है.. दूसरे कमरे में जा और जल्दी तैयार हो जाना.. ओके…!

दीपाली कुछ बोली नहीं बस अनुजा की तरफ देख कर मुस्कुरा दी और वहाँ से चली गई।

अनुजा कमरे का हाल ठीक करने लगी।

करीब 20 मिनट में दोनों नहा कर फ्रेश हो गए।
Reply
02-19-2020, 12:45 PM,
#34
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली ने अपने कपड़े लिए और पहनने लगी। विकास भी वहीं उसके सामने खड़ा कपड़े पहन रहा था।

अनुजा- हद हो गई बेशर्मी की.. कपड़े बाथरूम में ले गई होती.. नहा कर ऐसे ही नंगी बाहर आ गई। अब कपड़े भी यहीं पहन रही है।

दीपाली- दीदी आपने ही मुझे बेशर्म बनाया है और सर से कैसी शर्म? रात भर नंगी इनके साथ थी तो अब क्या नया हो गया.. दीदी.. प्लीज़ ये ब्रा का हुक बन्द करो ना.. कब से ट्राइ कर रही हूँ हो नहीं रहा..

अनुजा- मेरी जान.. जब सर से कोई शर्म नहीं है तो हुक भी उनसे ही बन्द करवा ले और अब तू बड़ी साइज़ की ब्रा खरीद ले.. विकास ने तेरे मम्मों को दबा-दबा कर बड़े कर दिए हैं हा हा हा…

दीपाली- क्या दीदी.. आप भी ना.. एक ही रात में बड़े हो गए क्या.. अब आप बन्द कर रही हो या सच में सर को बोलूँ।

अनुजा- ला इधर आ.. बड़ी बेशर्म हो गई है और रात भर तेरे सर ने दबाए भी तो खूब हैं ना.. फरक तो पड़ेगा ही.. अभी नहीं तो कुछ दिन बाद बड़े हो जाएँगे.. खरीदना तो पड़ेगा ही तुमको..

दीपाली- चलो मान लिया मैंने मगर मैं क्यों खरीदूँ.. सर ने बड़े किए है वो ही लाकर दे देंगे हा हा हा हा…

कमरे में हँसी का माहौल बन गया। अनुजा भी उसकी बात से हँसने लगी।

अनुजा- अच्छा ठीक है.. मंगवा लेना, अभी जल्दी रेडी हो जा मेरी माँ.. बातें शाम को कर लेना।

दीपाली- ना ना माँ नहीं सौतन.. हा हा हा हा..

दीपाली पर मस्ती करने का भूत सवार हो गया था।

अनुजा इसके आगे कुछ ना बोली.. बस उसको गुस्से से आँख दिखाई और कपड़े पहनने को बोल कर नास्ता लाने चली गई।

नाश्ते के दौरान भी हल्की-फुल्की बातें हुईं.. उसके बाद विकास निकल गया।

अनुजा और दीपाली भी साथ में निकले। दीपाली के घर के बाहर गमले से चाबी ली.. जल्दी से उसने ड्रेस पहना और स्कूल के लिए निकल गई। चाबी वापस वहीं रख दी।

इस दौरान अनुजा ने घर की तारीफ की और दीपाली से कहा- स्कूल से वापस उसके पास आ जाए.. उसके मॉम-डैड तो शाम तक आएँगे।

दीपाली ने अनुजा को किस किया और बाय बोल कर चली गई।

****************

स्कूल के गेट पर वही तीनों लड़के खड़े उसको आते हुए देख रहे थे।

आज दीपाली के चेहरे में अजीब सी कशिश थी और वो बड़ी चहकती हुई स्कूल में दाखिल हुई।

दीपक- उफ्फ साली क्या आईटम है.. यार जब भी सामने से गुजरती है.. साला लौड़ा इसको सलामी दिए बिना रह नहीं पाता है।

सोनू- यार कब मिलेगी ये साली.. मन तो करता है साली को जबरदस्ती चोद दूँ।

मैडी- अबे साले.. हवसी! रेप की सोचिओ भी मत.. साला आजकल सज़ा बहुत खतरनाक है.. बहन के लौड़े सीधे फाँसी की माँग करते हैं।

सोनू- तो क्या करें यार.. ये साली खुद तो आ कर बोलेगी नहीं कि आओ मेरी चूत ले लो।

दीपक- यार साली के नखरे भी बहुत हैं ठीक से देखती भी नहीं है और ना किसी से बात करती है।

मैडी- अरे नखरे तो होंगे ही.. स्कूल में सब से ज़्यादा खूबसूरत माल है और साली को भगवान ने फिगर भी ऐसा दिया कि देखने वाला ‘आह’ भरे बिना रह नहीं सकता!

दीपक- यार कुछ दिन बाद इम्तिहान शुरू हो जाएँगे.. उसके बाद स्कूल से छुट्टी.. साली 12वीं में है.. अगर पास हो गई तो सीधे कॉलेज जाएगी.. पता नहीं कौन से कॉलेज में जाए.. इस बार हमारी तो पास होने की उम्मीद भी नहीं है।

सोनू- हाँ यारों.. किसी भी तरह इम्तिहान के पहले या इम्तिहान के दौरान ही इस साली को पटाओ वरना जिंदगी भर अफ़सोस ही करते रहेंगे।

(हाय.. दोस्तो, अब इनके बारे में बताने का वक़्त आ गया है।)

इन तीनों की उम्र लगभग 22 के आस-पास होगी.. कोई एक आध महीने का फ़र्क होगा। तीनों दिखने में भी बस ठीक-ठाक से ही हैं इसी लिए कोई लड़की इनको भाव नहीं देती और हाँ तीनों पढ़ाई में भी कमजोर हैं.. बस आवारगर्दी करते हैं कई बार फेल होकर अब 12वीं तक आ पाए हैं।

इनका रुझान शुरू से दीपाली पर ही रहा है क्योंकि वो एक सीधी-सादी लड़की थी और बला की खूबसूरत भी थी इसलिए लट्टू होकर ये उसके पीछे पड़े हैं।

इनकी बातों से आपको लग रहा होगा कितने बड़े चोदू होंगे मगर ऐसा कुछ नहीं है.. कोई 3 साल पहले इन्होंने अपने से जूनियर एक लड़के बबलू को फंसाया था वो कोई कम उम्र का चिकना सा लौंडा दिखने में गोरा-चिट्टा था.. बस इन तीनों ने उसको बहला-फुसला लिया और उसकी गाण्ड मार ली.. मगर इनको ज़्यादा दिन तक वो गाण्ड भी नहीं मिली।

बबलू के पापा सरकारी नौकरी में थे, यहाँ से तबादला हो गया तो दूसरी जगह चले गए और बबलू भी उनके साथ चला गया। इन तीनों ने कोई 2 या 3 बार उसकी गाण्ड मारी होगी। उस दिन से लेकर आज तक चूत तो बहुत दूर की बात है किसी लड़के की गाण्ड भी नसीब नहीं हुई.. बस हाथ से काम चला रहे हैं।
Reply
02-19-2020, 12:45 PM,
#35
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
वो तीनों काफ़ी देर तक दीपाली के बारे में बात करते रहे.. क्लास में भी बस उसी को घूरते रहे।

आज प्रिंसिपल सब को इम्तिहान के प्रवेश-पत्र के बारे में बता रही थीं कि जाते समय लेते जाना..

सब कुछ सामान्य चल रहा था, जब विकास उस क्लास में आया तो दीपाली के होंठों पर मुस्कान आ गई। रात की सारी बातें उसे याद आने लगीं.. उसने झट से नज़रें नीची कर लीं उसको उस वक्त बड़ी शर्म आई। स्कूल की छुट्टी हुई तो विकास ने दीपाली को बोल दिया- तुम अनुजा के पास घर चली जाओ.. मुझे आने में देर होगी.. सबको प्रवेश-पत्र जो देने हैं।

दीपाली गेट से जब बाहर निकली तो वो तीनों उसके पीछे हो लिए और बस चुपचाप चलने लगे।

जब एक सुनसान गली आई तब दीपक ने हिम्मत करके अपने कदम तेज किए और दीपाली के बिल्कुल बराबर चलने लगा और उसकी तरफ देख कर मुस्कुराने लगा। दीपाली कुछ नहीं बोली और बस चलती रही।

दीपक- दीपाली, आख़िर बात क्या है.. हम एक क्लास में हैं. तुम मुझसे कभी बात भी नहीं करती हो?

दीपाली- क्या बात करूँ.. मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी.. मैं जानती हूँ तुम तीनों पीठ पीछे से किस तरह लड़कियों की बुराई करते हो.. जाओ यहाँ से।

दीपक- अरे नहीं नहीं.. तुम गलत समझ रही हो.. हम बुराई नहीं तारीफ करते है.. बस।

तभी वो दोनों भी उसके बराबर आ गए और उसकी हाँ में हाँ मिलने लगे।


सोनू- हाँ दीपाली.. स्कूल की सब लड़कियां एक तरफ और तुम एक तरफ ... क्योंकि तुम बहुत भोली हो जिसने भी तुम्हें हमारे बारे में बताया है.. तुम खुद जरा सोच कर देखो वो सही लड़की नहीं है.. तुम समझ रही हो ना मेरी बात को…

दरअसल सोनू ऋतु की बात कर रहा था जो दीपाली के करीब थी। उसका ब्वॉय-फ्रेण्ड अजय था.. दोनों काफ़ी मज़ा करते हैं. स्कूल में सब को ये पता है.. बस सोनू का इशारा उसी तरफ था।

दीपाली- देखो कौन कैसा है.. मुझे कोई लेना-देना नहीं.. बस तुम लोग मेरा पीछा करना बन्द करो।

मैडी- अबे सालों, क्यों बेचारी को परेशान कर रहे हो.. इसका मन नहीं है बात करने का.. तो ना सही.. चलो इसको जाने दो…

दीपाली ने एक नज़र मैडी को देखा जैसे उसका शुक्रिया अदा कर रही हो।

मैडी- दीपाली, मैं इनको ले जाता हूँ.. बस एक बात सुन लो सोमवार को मेरा जन्मदिन है.. अगर हो सके तो प्लीज़ आ जाना.. ओके बाय.. चलता हूँ।

जाते हुए मैडी बस दीपाली की आँखों में ही देख रहा था। दीपाली के होंठों पर बेहद हल्की सी मुस्कान आई थी, जिसे वो मैडी से छुपा ना सकी। मैडी भी बिना उसका जवाब सुने उन दोनों को लेकर दूसरी गली में मुड़ गया।

सोनू- अबे ले क्यों आया.. साली को अभी सीधा कर देता.. बहुत भाव खा रही थी।

मैडी- साले सब्र कर.. हमेशा जल्दी में रहता है।

दीपक- और यह जन्मदिन का क्या चक्कर है यार…?

मैडी- साले भूल गया क्या सोमवार को है ना..

दीपक- अरे याद है.. मगर उसको क्यों बोला.. वो कौन सा आ ही जाएगी और मान ले आ भी गई तो क्या होगा?

सोनू- अरे यार.. कल का बता दिया होता.. साली को किसी सुनसान जगह ले जा कर चोद देते।

मैडी- अबे बहन के लौड़े.. कभी तो दिमाग़ का इस्तेमाल किया कर.. कल का रख लेते और वो सुनसान जगह क्यों आती हमारे साथ? हरामी उसको मेरा घर पता है.. वो अगर आती भी है तो वहीं आती। अब सुन सोमवार को वो पक्का आएगी और उसके साथ कोई बदतमीज़ी मत करना.. मेरे दिमाग़ में एक प्लान है.. बस समझो कम बन जाएगा।

दीपक- क्या है.. बता ना यार?

मैडी- अभी नहीं.. सोमवार को.. जब वो आएगी.. तब बताऊँगा। अब चलो यहाँ से.. यहाँ झांट भी नहीं उखड़ पाएगी।

दीपाली सीधी अनुजा के घर चली जाती है।

उसका दरवाजा उस वक्त खुला हुआ था। अनुजा कमरे में बैठी टीवी देख रही थी।

दीपाली- हाय दीदी.. क्या कर रही हो?

अनुजा- अरे तू आ गई.. विकास कहाँ है?

दीपाली- उनको थोड़ा काम है.. बाद में आएँगे।

अनुजा- इधर आ देख.. न्यूज़ में क्या दिखा रहे हैं.. कल 5 लड़कों ने जन्मदिन पार्टी में एक लड़की को नशे की दवा देकर उसका बलात्कार कर दिया.. कुत्तों को पुलिस ने पकड़ लिया है.. बेचारी वो लड़की अब तक सदमे में है।

दीपाली- कितने गंदे लड़के होंगे.. जबरदस्ती की क्या जरूरत थी.. प्यार से कर लेते।

अनुजा- लड़की कुँवारी थी.. मर्ज़ी से नहीं मानी.. तभी तो ऐसा हुआ उसके साथ.. आजकल किसी का भरोसा नहीं करना चाहिए।

दीपाली- दीदी एक साथ 5 चोदेंगे.. तो कितना दर्द हुआ होगा ना बेचारी को?

अनुजा- हाँ दर्द तो हुआ ही होगा वैसे एक बात है.. अगर लड़की पहले से चुदी हुई हो और अपनी मर्ज़ी से चुदवाए तब ज़्यादा से चुदने में मज़ा आता है।

दीपाली- सच में दीदी… लेकिन 5 कुछ ज़्यादा नहीं हो जाते हैं…
Reply
02-19-2020, 12:45 PM,
#36
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
अनुजा- हाँ 5 ज़्यादा है.. बेस्ट 3 होने चाहिए.. एक लौड़ा मुँह में.. दूसरा चूत और आखिरी गाण्ड में.. बस.. फिर देखो क्या मज़ा मिलता है।

दीपाली- ऊह.. माँ.. अब समझ में आया.. वो तीनों मेरे पीछे क्यों पड़े हैं।

अनुजा- कौन तीनों.. बता तो?

दीपाली ने स्कूल से ले कर जन्मदिन तक की बात अनुजा को बता दी।

अनुजा- हाँ पक्का.. वो तुझे चोदना चाहते हैं मत जाना उनके पास.. अगर तुझे सच में मज़ा लेना है तो उनको ये अहसास मत होने देना कि तू चुदना चाहती है.. तब जाना.. मगर ऐसी-वैसी कोई चीज़ मत खाना.. वरना होश में नहीं रहेगी और वो तेरे मज़े ले लेंगे.. तुझे कुछ मज़ा नहीं आएगा।

दीपाली- नहीं दीदी, अभी मेरा चुदने का ऐसा कोई इरादा नहीं है.. अगर कभी मन हुआ भी तो उनके पास नहीं जाऊँगी.. किसी तरह उनको मेरे पास बुलाऊँगी।

अनुजा- हाँ ये एकदम सही रहेगा.. चल उनकी बात छोड़.. ये बता रात को कितनी बार चुदाई की तुम लोगों ने?

दीपाली ने रात की सारी बातें अनुजा को बताईं.. सुनते-सुनते अनुजा अपनी चूत मसलने लगी।

अनुजा- दीपाली, तू बड़ी कमाल की आइटम है.. एक ही दिन में इतनी बार चुदी.. बड़ी हिम्मत वाली है रे तू.. तेरी बातें सुन कर मेरी चूत गीली हो गई।

दीपाली- अच्छा.. दिखाओ तो.. अभी रस चाट कर आपको मज़ा दे देती हूँ।

अनुजा- अरे नहीं.. विकास आता ही होगा.. पहले साथ खाना खाएँगे.. उसके बाद मज़ा करेंगे।

थोड़ी देर में विकास भी आ गया.. तीनों ने खाना खाया और थोड़ी बातें की, जब अनुजा ने चुदाई की बात की तो विकास ने मना कर दिया।

उसने कहा- दीपाली के इम्तिहान करीब हैं इसको पढ़ाई में ध्यान देने की खास जरूरत है।

अनुजा- लेकिन विकास आज ही ये यहाँ है.. कल से तो बस शाम को आएगी।

विकास- देखो अनु मैं एक आदमी होने के साथ-साथ एक ज़िम्मेदार टीचर भी हूँ और दीपाली को पास कराना मेरी ज़िमेदारी है। ये सब कभी भी कर लेंगे.. मगर इम्तिहान में फेल हो गई तो इसका साल बर्बाद हो जाएगा। विकास की बात अनुजा के साथ दीपाली भी अच्छे से समझ गई।

अनुजा- ठीक है.. मैं बर्तन साफ कर देती हूँ.. आप इसे पढ़ाओ।

शाम के 5 बजे तक विकास जी-जान से उसको समझाता रहा.. अनुजा भी काम ख़त्म करके उनके साथ बैठ गई।

दीपाली- आहह कमर अकड़ गई.. बैठे-बैठे.. अब मुझे जाना चाहिए मॉम-डैड भी आते ही होंगे और सर थैंक्स.. आज अपने मुझे बहुत अच्छे से सब समझाया।

विकास- हाँ.. अब तुम जाओ.. मन तो बहुत था तेरी चूत लेने का .. मगर आज नहीं.. कल शाम को आओगी, तब पढ़ाई के साथ चुदाई भी करूँगा.. ओके अब तुम जाओ…

दीपाली ने विकास को एक चुम्बन किया और अनुजा के गले लग कर कान में धीरे से बोली।

दीपाली- सर का बड़ा मन है चोदने का.. अब आप मेरे जाने के बाद मज़े करना… उनके लौड़े को मेरी तरफ़ से भी थोड़ा चूसना ओके…

अनुजा बस मुस्कुरा देती है और दीपाली वहाँ से चली जाती है।

विकास- क्या बोल रही थी कान में.. वो?

अनुजा- मेरे राजा.. आपने उसे इतने प्यार से चोदा कि आपके लौड़े की दीवानी हो गई है वो.. जाते-जाते भी आपका लौड़ा चूसना चाहती थी मगर आपके मना करने के कारण मुझे बोल कर गई है कि उसकी तरफ से मैं आपके लौड़े को चुसूँ।
Reply
02-19-2020, 12:46 PM,
#37
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
विकास- अच्छा अगर उसका इतना मन था.. तो एक बार जाते-जाते चुसवा देता.. चल, अब गई तो जाने दो.. वैसे भी कल रात को तुम सो गई थीं.. आज पूरी रात तुम्हें चोद कर भरपाई कर दूँगा.. आ जाओ मेरी जान.. कमरे में चल कर थोड़ा आराम कर लें.. पूरी दोपहर बैठ कर थक गए हैं।

दोनों कमरे में जाकर लेट जाते हैं। अनुजा विकास की पैन्ट का हुक खोलने लगती है।

विकास- क्या बात है.. अभी चुदना है क्या..? मैं समझा रात को आराम से करेंगे।

अनुजा- चुदना नहीं है.. बस दीपाली की बात याद आ गई.. थोड़ा लंड चूसने दो ना.. उसकी बात टालने का मन नहीं कर रहा।

विकास ने भी उसकी ‘हाँ’ में ‘हाँ’ मिलाई और लौड़ा बाहर निकाल लिया। अनुजा उसको चूसने लगी।

(दोस्तों अनुजा को लौड़ा चूसने दो.. चलो हम दीपाली के पास चलते हैं वो अब तक घर पहुँची या नहीं.)
Reply
02-19-2020, 01:21 PM,
#38
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
वो आदमी पास आया। दीपाली ऐसे बर्ताव कर रही थी.. जैसे उसको पता ही ना हो कि कोई उसे देख रहा है।

बूढ़ा- अरे आज फिर यहाँ खड़ी हो कर खुजा रही हो.. मैंने कहा ना मेरी बात मान लो.. मेरे साथ चलो मलहम लगा दूँगा.. ठीक हो जाओगी…

दीपाली- अरे आप कब आए और क्या सच में.. आपके पास ऐसी मलहम है?

बूढ़े के चेहरे पर हल्की मुस्कान आ गई थी।

बूढ़ा- हाँ बेटी.. मेरी बात का यकीन कर.. मुझसे डर मत.. चल यहीं पास में ही मेरा घर है.. आज तेरी खुजली का पक्का इलाज कर दूँगा।

दीपाली ने सोचने का नाटक किया और मन ही मन बोलने लगी।

दीपाली ने मन ही मन कहा- बुड्डे.. तुझसे कौन डर रहा है तू क्या बिगाड़ लेगा मेरा.. मैं तो आज तेरा हाल बिगाड़ दूँगी.. आज के बाद तू किसी को मलहम लगाने का नाम नहीं लेगा।

बूढ़ा- बेटी क्या सोच रही है.. चल ना मेरे साथ…

दीपाली ने हल्की मुस्कान दी और बूढ़े के साथ हो गई.. रास्ते में बूढ़े ने सामान्य बातें की।

‘कहाँ रहती हो..? पढ़ाई कैसी है..? इस वक्त कहाँ पढ़ने जाती है..?’

बस इन सब बातों में ही बूढ़े का घर आ गया.. जो एक आलीशान कोठी थी।

दीपाली- वाओ अंकल.. आपका घर तो काफ़ी बड़ा है.. कौन-कौन रहता है यहाँ?

बूढ़ा- मेरा नाम सुधीर मोदी है.. चौक पर जो होटल है.. वो मेरा है.. मेरे दो बेटे अमेरिका में हैं उनकी फैमिली भी वहीं रहती है.. यहाँ मैं अकेला हूँ बस…

दीपाली- ओह.. आप अकेले बोर नहीं हो जाते.. आप के बेटे आपको अकेला क्यों छोड़ गए.. आप भी चले जाते उनके साथ वहीं…

सुधीर- नहीं.. ऐसी बात नहीं है.. यहाँ मुझे अच्छा लगता है.. मेरी पत्नी के मरने के बाद मेरे बेटे मुझे साथ ले जा रहे थे मगर मैं ही नहीं गया.. बस सुबह से शाम तक होटल में वक्त निकल जाता है.. रात को घर पर आराम करता हूँ.. ऐसे ही जिन्दगी चल रही है।

दीपाली- आपके घर का काम कौन करता है.. आप खाना कहाँ खाते हो?

सुधीर- अरे सारी बात यहीं करोगी क्या? चलो अन्दर आ जाओ वहाँ आराम से बात करेंगे।

दोनों अन्दर चले जाते हैं. अन्दर का नजारा देख कर दीपाली चौंक जाती है। हॉल में एक तरफ लकड़ी का बड़ा सा काउंटर लगा था.. उस पर बहुत सी शराब की बोतलें रखी हुई थीं और वहाँ काफ़ी आलीशान सोफे वगैरह रखे थे।

सुधीर- यहाँ बैठो.. मैं कुछ खाने को लाता हूँ।

दीपाली- नहीं.. उसकी कोई जरूरत नहीं है आप यहाँ बैठो.. मुझे आपसे बातें करना अच्छा लग रहा है और कुछ बताओ ना अपने बारे में…।

सुधीर- सुबह फ्रेश होकर सीधा होटल जाकर ही नाश्ता करता हूँ। फिर एक औरत शांति आ जाती है.. उसके पास घर की दूसरी चाबी है। वो घर की साफ-सफ़ाई, कपड़े धोना ये सब काम निपटा कर चली जाती है। उसके बाद दोपहर का खाना भी वहीं ख़ाता हूँ शाम को हल्का नाश्ता करके घर आ जाता हूँ..। रात को बस कुछ नमकीन के साथ शराब पीता हूँ और सो जाता हूँ.. यही है मेरी जिन्दगी।

दीपाली- छी: छी:.. आप शराब पीते हो.. कितनी बुरी बात है।

सुधीर- अरे इसमें क्या बुराई है.. ये तो बहुत लोग पीते हैं.. चल जाने दे इन सब बातों को.. जिस काम के लिए तुझे यहाँ लाया हूँ.. वो कर लेते हैं।

दीपाली- क..कौन सा काम.. मुझे जाना होगा.. बहुत देर हो गई है।

(दोस्तों उस वक्त तो दीपाली ने शरारत के चक्कर में मलहम लगवाने की बात पर ‘हाँ’ कह दी थी और यहाँ आ गई थी। मगर अब उसको घबराहट होने लगी थी और होनी भी चाहिए उसकी उम्र ही क्या थी अभी!)

सुधीर- अरे यहाँ तू मलहम लगवाने आई है ना.. बस लगवा ले और चली जा.. मैं कुछ नहीं करूँगा.. मुझसे ऐसे डर मत..

दीपाली को फिर से विकास की बात याद आ गई कि बूढ़े का लौड़ा खड़ा नहीं होता है और हो भी जाए तो कुछ कर नहीं सकता। बस दीपाली में थोड़ा हौसला आ गया।

दीपाली- मैं डर नहीं रही हूँ और आपसे किस बात का डर.. आप कर भी क्या सकते हो?

सुधीर- चल सारी बातें जाने दे.. मैं ट्यूब ले आता हूँ फिर तुझे मलहम लगा दूँगा।

दीपाली- नहीं नहीं.. जाने दो… आपकी ट्यूब में कहा अब पेस्ट होगा.. अब तक तो सूख गया होगा..

सुधीर के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और वो दीपाली के एकदम पास आकर खड़ा हो जाता है।

सुधीर- एक बात कहूँ.. अब तक तो मैं असली मलहम की ही बात कर रहा था.. मगर तुम कुछ और ही समझ रही थीं.. और अब तुम्हारी बातों से साफ पता चल गया कि तुम कहना क्या चाहती हो.. लो खुद देख लो कि इस ट्यूब से पेस्ट निकलता है या नहीं हा हा हा हा…

सुधीर ने निगाहें लौड़े पर डाल कर ये बात कही थी.. जिसको दीपाली अच्छी तरह समझ गई।

दीपाली- ओह.. क्या मतलब है आपका.. मैंने भी असली मलहम की ही बात की है.. कुछ नहीं…

सुधीर- बेटी.. ये बाल मैंने धूप में सफेद नहीं किए.. जवानी में बहुत सी लड़कियों की खुजली मिटाई है और आज भी मेरी ट्यूब में इतना पेस्ट है कि किसी को भी आराम से लगा सकता हूँ और गारन्टी के साथ उसकी खुजली मिटा सकता हूँ।
Reply
02-19-2020, 01:21 PM,
#39
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली भी समझ गई कि अब बात छुपाने से कुछ नहीं होगा.. बूढ़ा बड़ा शातिर है.. सब समझ गया है। अब उसने मन ही मन पक्का निर्णय ले लिया कि अब तो इस बूढ़े को चैक करना ही पड़ेगा.. क्योंकि उसको ये यकीन था कि इस बूढ़े में दम नहीं है.. ये उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
दीपाली- अच्छा ये बात है.. तब तो जरूर आजमा कर देखूँगी.. दिखाओ तो अपनी ट्यूब…

सुधीर- अब मैं क्या दिखाऊँ.. खुद ही देख लो..

दीपाली- नहीं.. मैं नहीं देखूँगी.. अगर दिखानी है तो दिखाओ.. नहीं तो मैं जाती हूँ।

सुधीर समझ गया कि अब क्या करना है.. उसने पैन्ट खोली और नीचे सरका दी। अंडरवियर उसने पहनी नहीं थी तो बस सीधा प्रसारण शुरू हो गया.. उसका लौड़ा सोया हुआ.. कोई 3″ का होगा और मज़े की बात देखो झांटें एकदम साफ थीं.. शायद कल ही सशेव की हुई होगीं।

दीपाली- हा हा हा ये छोटा सा इसके दम पर खुजली मिटाओगे?

सुधीर- बेटी सोए हुए पर मत जाओ.. जरा इसे जगाओ.. उसके बाद देखो कि इसमें कितना दम है..

दीपाली- अच्छा.. ये जागता भी है क्या इस उम्र में…

सुधीर- हाँ खुद देख लो.. अपने मुलायम हाथ तो लगाओ इसे…

दीपाली ने लौड़े को सहलाना शुरू कर दिया.. सुधीर ने मज़े में आँखें बन्द कर लीं और बस दूसरी दुनिया में खो गया। दीपाली बड़े प्यार से लौड़े को सहलाने लगी और उसकी उम्मीद से बाहर वो धीरे-धीरे अकड़ना शुरू हो गया। अभी कोई 5 मिनट ही हुए होंगे कि वो तन कर अपने पूरे शबाब पर आ गया।

दीपाली तो बस देखती रह गई, वो करीब 7″ लम्बा होगा और मोटा भी अच्छा ख़ासा था.. लग ही नहीं रहा था कि किसी बूढ़े आदमी का लंड है। एकदम तना हुआ फुफकार मारता हुआ जवान लौड़ा लग रहा था ... उसको कहाँ बर्दाश्त हुआ.. वो झट से सुपाडा मुँह में लेकर चूसने लगी।

अबकी बार चौंकने की बारी सुधीर की थी.. क्योंकि उसने सोचा ही नहीं था कि इतनी जल्दी ये हो जाएगा। वो बस सोच ही रहा था कि इसको कहूँ ‘एक बार मुँह में लो मज़ा आएगा’ ... मगर दीपाली तो बिना कहे ही लौड़ा चूसने लगी। अब तो सुधीर के वारे-न्यारे हो गए.. वो बस मज़े की दुनिया में खो गया।

सुधीर- आह्ह.. आह.. मज़ा आ रहा है.. तुम बहुत अच्छे से चूस रही हो.. उफ्फ क्या पतले होंठ हैं तुम्हारे.. आह्ह.. अब बस भी करो.. माल निकाल कर ही दम लोगी क्या.. आह्ह.. चूत की खुजली नहीं मिटवानी क्या उफ़फ्फ़…

दीपाली ने लौड़ा मुँह से निकाल दिया और हाथ से सहलाने लगी।

दीपाली- बस इतनी ही देर में माल आने वाला है.. मेरी खुजली क्या खाक मिटाओगे?

सुधीर- तू शक बहुत करती है.. एक बार मौका दे कर तो देख.. सारी खुजली मिटा दूँगा.. अपनी नारंगियां तो दिखा.. उनका थोड़ा रस पी लूँगा तो और जोश आ जाएगा। अपनी चूत के दर्शन भी करा.. ताकि उसका रस चाट कर तुझे गर्म करूँ.. तेरी खुजली और बढ़ाऊँ.. उसके बाद मलहम लगाऊँगा।

दीपाली- चलो.. अब यहाँ तक आ गई हूँ तो आपके लौड़े का कमाल देख कर ही जाऊँगी.. लो खुद ही निकाल दो मेरे कपड़े।

दीपाली उसके सामने खड़ी हो गई और वो एक-एक करके उसके कपड़े निकालने लगा। जैसे-जैसे दीपाली का गोरा बदन उसकी आँखों के सामने आ रहा था.. वैसे-वैसे उसका लौड़ा झटके खा रहा था। दीपाली के मम्मों और चूत की फाँकें देख कर लौड़े से पानी की बूँदें निकल आई थीं।

सुधीर- उफ़फ्फ़ क्या यौवन है.. कभी सपने में भी मैंने ऐसे जिस्म को नहीं देखा था.. आज आँखों के सामने देख कर अपनी किस्मत पर यकीन ही नहीं हो रहा है।

दीपाली- अभी तो देखा है.. जब भोग भी लोगे.. तब क्या हाल होगा आपका?

सुधीर- बरसों पहले एक कच्ची कली को चोदा था.. उसके बाद कभी मौका नहीं मिला… आज तुम मेरी किस्मत बदलने आ गई हो।

दीपाली कुछ नहीं बोली बस मुस्कुरा दी।
Reply
02-19-2020, 01:21 PM,
#40
RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपाली को नंगा करने के बाद सुधीर ने जल्दी से अपने कपड़े निकाल कर फेंक दिए और दीपाली के होंठ चूसने लगा। दीपाली भी उसका साथ देने लगी। होंठों का रस पीते-पीते सुधीर ने उसे बाँहों में उठा लिया और कमरे में ले गया। वहाँ एक आलीशान बिस्तर था उस पर दीपाली को लिटा कर वो भूखे बच्चे की तरह उसके चूचों पर टूट पड़ा और निप्पल चूसने लगा।

दीपाली- आह्ह.. उफ़फ्फ़ सस्स.. आराम से आह्ह.. काटो मत.. आह्ह.. निशान पड़ जाएँगे आह्ह..।

सुधीर- अरे क्या करूँ.. उफ़फ्फ़ कंट्रोल करना मुश्किल है.. ऐसे मस्त मम्मे हैं कि बस मुँह हटाने का मन नहीं करता.. कितना रस है तेरे संतरों में..

दीपाली- उफ़फ्फ़ सस्स आह्ह.. मेरी चूत में आह्ह.. इससे भी ज़्यादा रस है.. आह्ह.. उसको चूसो ना.. उफ्फ और आह्ह.. मुझे भी उफ्फ सस्स अपना लौड़ा चुसाओ.. बहुत मन हो रहा है।

सुधीर उसकी बात को समझ गया और 69 की स्थिति में आ गया।

अब दोनों बड़े मज़े से रस का मज़ा ले रहे थे। सुधीर जीभ चूत के अन्दर तक घुसा कर चूत को चाट रहा था और दीपाली पूरा लौड़ा मुँह में लेकर होंठ भींच कर चूस रही थी।

लगभग दस मिनट तक ये चुसाई चलती रही.. सुधीर ने चूत को इतनी बुरी तरह से चूसना शुरू कर दिया कि दीपाली लौड़ा चूसना भूल गई और सिसकने लगी।

दीपाली- आआह्ह.. आह आपने ये क्या आह्ह.. कर दिया चूत जलने लगी है.. अब डाल दो.. बस आह्ह.. बर्दास्त नहीं हो रहा मुझसे…. प्लीज़ जल्दी घुसा दो।

सुधीर उसकी हालत को समझ गया और उसे सीधा लेटा कर उसके पैरों को मोड़ दिया.. लौड़े को चूत पर टिका कर हल्के से दबाने लगा.. लौड़ा चूत में घुसना शुरू हो गया।


दीपाली- आह्ह.. उफ़फ्फ़ आपका लौड़ा मोटा है.. मज़ा आ गया.. ज़ोर से एक साथ पूरा घुसा दो ना आह्ह..

सुधीर ने लौड़ा पीछे किया और ज़ोर से एक झटका मारा.. पूरा लौड़ा जड़ तक चूत में समा गया।

दीपाली- ओह्ह.. उफ़फ्फ़ चोदो आह्ह.. अब ज..ज़ोर से चोदो आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. मेरी चूत की सारी खुजली मिटा दो.. आह्ह.. अपनी भी ख्वाहिस पूरी कर लो आह्ह.. चोदो..

सुधीर जोश में आ गया और रफ्तार से चोदने लगा.. एक कमसिन कली को चोदने के अहसास से ही उसकी नसों में उफान आ रहा था.. वो उम्र से ज़्यादा जोश दिखा रहा था.. लेकिन दीपाली जैसी यौवना के आगे बुढ़ापा कहाँ तक रेस लगाता.. कुछ देर बाद वो थक गया और उसकी रफ्तार टूटने लगी।

दीपाली- आह्ह.. आह क्या हुआ.. आह्ह.. रफ्तार से चोदो ना.. आह्ह.. प्लीज़ मज़ा आ रहा था.. आह्ह…

सुधीर चोदने के साथ-साथ उसके मम्मों को भी चूस रहा था। लौड़े की रफ्तार के साथ उसके मुँह की रफ्तार भी कम हो गई। वो अब बिल्कुल झटके नहीं मार रहा था। बस लौड़ा जड़ तक घुसा कर दीपाली पर लेट गया।

दीपाली- हटो मेरे ऊपर से.. उफ़फ्फ़ सारा मज़ा खराब कर दिया.. छोड़ो ना आ प्लीज़ छोड़ो…

सुधीर ने लौड़ा चूत से निकाल लिया और बिस्तर पर ढेर हो गया।

सुधीर- आह्ह.. मेरी हिम्मत नहीं है अब… तू ऊपर आ जा.. कूद मेरे लौड़े पे आ..

दीपाली ने बातों में समय खराब नहीं किया और झट से सुधीर के लौड़े पर बैठ गई और रफ्तार से कूदने लगी।

वो बहुत ज़्यादा उतेज़ित हो गई थी। अब उसके बर्दाश्त के बाहर हो गया था.. और उसने इस अदा के साथ चुदना शुरू किया कि सुधीर ज़्यादा देर टिक ना सका और चरम पर पहुँच गया।

सुधीर- आह उहह.. ज़ोर से कूद आह्ह.. मेरा पानी आने वाला है.. आह…

दीपाली- आहइ आहइ उईईइ कककक आह मेरा भी आह.. आने वाला है अयेए ईई…

दो मिनट बाद दीपाली की चूत ने पानी का फव्वारा खोल दिया.. उसके साथ ही सुधीर भी आँखें बन्द करके झड़ने लगा.. मगर उसके लौड़े से बहुत कम पानी बाहर निकला और उसमें कोई रफ्तार भी नहीं थी।

दीपाली- आ आह्ह.. मेरा हो गया उईइ आह्ह.. तुम भी जल्दी से पानी निकालो आह्ह..

सुधीर- उफ़फ्फ़ आह्ह.. मेरा निकल गया आह्ह.. अब उतर जाओ आह्ह..

दीपाली नीचे उतर कर उसके लौड़े को देखने लगी जो बिजली की तेज़ी से छोटा होने लगा था और कुछ ही देर में वो सो गया।

दीपाली- आह मज़ा आ गया.. लेकिन आपका पानी बहुत कम निकला.. मुझे पता भी नहीं चला.. कब निकल गया।

सुधीर- अरे तू क्या जाने.. इस उम्र में तेरी जैसी कमसिन कली को चोद लिया.. ये ही बहुत बड़ी बात है.. वरना इस उम्र में तो कोई 40 साल की औरत भी नहीं मिलती.. इतना पानी भी कहाँ से निकल आया.. पता नहीं।

दीपाली- हाँ ये बात तो है.. मैंने तो सोचा था आपका खड़ा भी नहीं होगा मगर आपने तो मुझे संतुष्ट कर दिया.. पावर तो है आपके लंड में…

सुधीर- मैंने तो सोचा भी नहीं था.. तू ऐसी होगी.. एकदम पक्की रंडी जैसे चुदी है तू.. मगर मैं जानता हूँ.. तू रंडी नहीं है.. ज़्यादा चुदी हुई भी नहीं है मगर वो कौन ख़ुशनसीब है जिसने तेरी सील तोड़ी?

दीपाली- है बस कोई भी.. आपको उससे क्या? आपने तो मज़ा ले लिया ना.. अब मुझे जाना होगा वरना मम्मी गुस्सा होगी।
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,303,337 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,597 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,152,385 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 872,781 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,543,819 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,988,224 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,799,276 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,525,015 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,828,642 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,473 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)