RE: Indian Sex Kahani डार्क नाइट
‘‘कुछ नहीं भाई; बस अच्छा नहीं लग रहा।’’ कबीर ने उदास स्वर में कहा।
‘‘यार ये क्या डिप्रेशन डिप्रेशन लगा रखा है... ऐसे बैठा रहेगा तो अच्छा कैसे लगेगा; चिल आउट एंड हैव सम फन।’’
‘‘नेहा इ़ज डेड, हाउ कैन आई हैव फन?’’ कबीर खीझ उठा।
‘‘फॉरगेट हर, लुक फॉर सम अदर गर्ल।’’
‘‘भाई प्ली़ज।’’
‘‘ओके चल उठ, आज तेरा डिप्रेशन भगाता हूँ।’’
‘‘नहीं, मेरा मूड नहीं है।’’
‘‘मूड ठीक करने वाली जगह ही ले जा रहा हूँ, चल जल्दी उठ।’’ समीर ने कबीर के कंधे को ज़ोरों से थपथपाया।
कबीर मना न कर सका। हर किसी को यही लगता था कि उसका डिप्रेशन उसका ख़ुद का पैदा किया हुआ था, और उसका बस एक ही इला़ज था, चिल आउट एंड हैव फन।
समीर, कबीर को वेस्ट एंड के एक स्ट्रिप क्लब में ले आया। स्ट्रिप क्लब, जहाँ खूबसूरत लड़कियाँ निर्वस्त्र होकर पोल डांस और लैप डांस करती हैं; और पुरुष, होठों में मदिरा और आँखों में कामुकता लिए उनके नग्न सौन्दर्य का आनंद लेते हैं। ब्रिटेन के आम युवकों की तरह ही कबीर का वह स्ट्रिप क्लब का पहला अनुभव नहीं था, मगर उस दिन का अनुभव कबीर को बहुत अलग सा लग रहा था। समीर ने बार से ख़ुद के और कबीर के लिए बियर से भरे गिलास लिए, और एक स्टेज पोल के सामने बैठकर कामुक नृत्य का आनंद लेने लगा। स्टेज पोल पर डांस करती लड़की के अलावा लाउन्ज में कई अन्य खूबसूरत नग्न या अर्धनग्न लड़कियाँ भी थीं, जो कभी उनके करीब आकर नृत्य करतीं, और कभी उनकी गोद में बैठ उन्हें अपने अपने मादक शरीर को सहलाने का अवसर देतीं, और फिर उनसे एक या दो पौंड का सिक्का लेकर किसी और की गोद में जा बैठतीं। मगर कबीर को उन मादक युवतियों का सौम्य स्पर्श भी किसी किस्म की कोई उत्तेजना नहीं दे रहा था।
थोड़ी देर में मझले कद की खूबसूरत और छरहरी सी लड़की आकर कबीर की गोद में बैठी। टैन्ड त्वचा और गहरे भूरे घुँघराले बाल।
‘‘आर यू कमिंग अपस्टेर्स फॉर ए पर्सनल डांस?’’ कबीर के गाल को सहलाते हुए लड़की ने मादक मुस्कान बिखेरी। त्वचा के रंग, नैन-नक्श और एक्सेंट से वह स्पेनिश लग रही थी।
कबीर ने कोई जवाब नहीं दिया। उसका मन वैसे भी वहाँ नहीं लग रहा था, और उस पर वहाँ का माहौल, जीवन को लेकर उठ रहे उसके सवालों को और भी पेचीदा कर रहा था।
‘‘गो कबीर! गो विद हर।’’ समीर ने कबीर के कंधे को थपथपाते हुए कहा।
‘‘नहीं भाई, मेरा मूड नहीं है।’’
‘‘अरे जा तो सही; मूड तो ये नंगी बना देगी।’’ समीर ने अपनी जेब से बीस बीस पौंड के दो नोट निकालकर कबीर के हाथों में पकड़ाए।
‘‘कम ऑन बेबी लेट्स गो।’’ लड़की ने कबीर के गाल को प्यार से थपथपाया। जामुनी नोटों को देखकर उसकी आँखें भी चमक उठीं।
कबीर अनमना सा ही सही, मगर उसके साथ जाने को तैयार हो गया।
कबीर को वह लड़की ऊपर एक खूबसूरत से कमरे में लेकर गई, जिसकी सजावट बहुत ही आकर्षक थी। लेस के जामुनी पर्दों के पार नीली नशीली रौशनी में धीमा संगीत बह रहा था। हवा में मस्क, लेदर, वुड और वाइल्ड फ्लावर्स की मिली-जुली मादक खुश्बू बिखरी हुई थी। कबीर को एक बड़े और आरामदेह लेदर काउच पर बैठाकर लड़की ने उसकी गोद में थिरकना शुरू किया। नृत्य, उसके रूप और अदाओं की तरह ही नशीला था। लड़की का बदन कबीर की जाँघों पर फिसलता जाता, और जो थोड़े बहुत कपड़े उसने अपने बदन पर लपेटे हुए थे, वे उतरते जाते। अंत में उसके शरीर पर आवरण के नाम पर पैरों में पहनी पाँच इंच ऊँची हील ही रह गई; मगर इन सबके बावजूद कबीर को न तो कोई आनंद आ रहा था, और न ही कोई उत्तेजना हो रही थी। भीतर ही भीतर कहीं कोई झुंझलाहट थी, कोई द्वंद्व था, जो बाहर नहीं आ रहा था। कुछ देर यूँ ही उदासीन से बैठे रहने के बाद अचानक कबीर का द्वंद्व फूट पड़ा, और उसने लड़की की कमर पकड़ उसे अपनी गोद से उठाकर काउच पर अपनी बगल में पटक दिया।
‘‘हे व्हाट आर यू डूइंग?’’ लड़की आश्चर्य से चीख उठी।
‘‘आई एम सॉरी, बट आई एम जस्ट नॉट एन्जॉयिंग इट।’’ कबीर ने बेरुखी से कहा।
‘‘व्हाट! आर यू नॉट एन्जॉयिंग मी?’’ लड़की के जैसे अहं पर चोट लगी।
‘‘सॉरी, आई एम नॉट एन्जॉयिंग दिस।’’
‘‘यू आर नॉट एन्जॉयिंग माइ ब्यूटी? माइ डांस? माइ टच? डोंट टेल मी दैट यू आर गे।’’
‘‘सॉरी, आई एम नॉट एन्जॉयिंग दिस प्लेस, आई एम नॉट इन मूड।’’
‘‘आर यू डिप्रेस्ड?’’ लड़की का आश्चर्य, सहानुभूति में बदल गया।
‘‘डॉक्टर्स से दैट आई स़फर फ्रॉम क्लिनिकल डिप्रेशन; बट आई डोंट अंडरस्टैंड व्हाट्स हैप्पेनिंग टू मी। आई डोंट अंडरस्टैंड लाइफ, आई डोंट अंडरस्टैंड दिस वल्र्ड, आई डोंट अंडरस्टैंड माइसेल्फ। आई वांटेड गल्र्स, आई डि़जाअर्ड सो मच, आई सफर्ड सो मच, आई टुक सो मच पेन... व्हाई? व्हाई डिड आई नॉट जस्ट गो एंड बाय? थ्रो मनी, गेट गर्ल, इट्स सो इ़जी... इ़जंट इट?’’
‘‘ला नॉचे ओस्कुरा।’’ लड़की का चेहरा गंभीर हो उठा।
‘‘व्हाट ड़ज इट मीन?’’ कबीर ने आश्चर्य से पूछा।
‘‘इट्स स्पेनिश, फॉर द डार्क नाइट; व्हाट यू आर सफरिंग फ्रॉम इ़ज कॉल्ड डार्क नाइट ऑ़फ द सोल।’’
‘‘आई डिड नॉट गेट इट।’’
‘‘वेट ए मिनट।’’
लड़की कमरे से बाहर गई, और थोड़ी देर बाद हाथ में एक वि़िजटिंग कार्ड लिए लौटी।
‘‘मीट दिस गाए, ही विल हेल्प यू।’’ वि़िजटिंग कार्ड कबीर को देते हुए लड़की ने कहा।
‘‘हू इ़ज ही?’’
‘‘माइ योगा गुरु।’’
‘‘यू लर्न योगा?’’ कबीर ने आश्चर्य से पूछा।
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