03-22-2020, 01:42 PM,
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RE: kaamvasna साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ
राज ने अपनी पत्नी रानी के कानों में कहा, "भाई मैं तो यह सब कमल भैया से नहीं कह सकता। अगर तुम ठीक समझती हो तो कमल भैया से तुम ही कहो।"
राज की बात सुनकर रानी चुप हो गयी। वह ग़ुस्सेमें होने का नाटक करते हुए बोली, "मैं कैसे बोलूं उनको? ठीक है, जैसी तुम्हारी मर्जी। फिर यह ना कहना की जो हुआ वह क्यों हुआ। आखिर तुम मुझसे क्या चाहते हो? भैया के सामने तुम मुझे चोदना चाहते हो या फिर तुम्हारी मंशा कुछ और ही है?"
राज ने प्यार से हँसते हुए अपनी पत्नी रानी के कानों में फुसफुसाते हुए कहा, "देखो डार्लिंग, अब ज्यादा अनजान बनना छोडो। तुम अच्छी तरह जानती हो की मेरी मंशा क्या है। तुम्हारी जो मंशा है वही मेरी मंशा है। अब जो होता है उसे मत रोको होने दो और एन्जॉय करो।"
अपने पति की बात सुनकर रानी ने अपनी आँखें मूँद ली। अब उसके पास इंतजार करने के अलावा और कोई रास्ता न था। राज ने फुर्ती से अपना पजामा निकाल फेंका। राज अब अपनी बीबी रानी के ऊपर दो हाथ और दो पॉंव के सहारे सवार हो गया, हालांकि उसने अपना वजन रानी के बदन पर नहीं रखा था।
राज और रानी दोनों कमल और कुमुद का अगला कदम क्या होगा उसका इंतजार करने लगे। कमल अपनी बीबी कुमुद की चूत में डाली उंगलियां चाट कर फ़ौरन घुटनों के बल कुमुद के बदन पर झूल गया और दोनों हाथों का सहारा लेकर कुमुद की चूत पर अपना लोहे के मोटे और लम्बे छड़ के समान कड़क लण्ड लहराने लगा। कुमुद आँखें मूँदे हुए अपने पति कमल के लण्ड का उसकी चूत में घुसने का इंतजार करती हुई बिना कुछ बोले पड़ी हुई थी। रानी ने कमल के लटकते हुए टट्टे (अंडकोष) को देखा. उन मोटे बड़े थैली के सामान अंडकोषों में कमल का कितना वीर्य भरा होगा यह सोचकर रानी की हालत पतली हो रही थी। वह भी कुमुद की तरह कमल के झूलते हुए मोटे लण्ड को कुमुद की छोटी सी योनि में घुसने का इंतजार करने लगी।
कमल ने अपने लण्ड की गोलाई पर और फिर अपनी पत्नी की चूत में अपनी उँगलियों से कुछ ऑइंटमेंट जैसा, जेल जैसा कुछ चिकना पदार्थ अच्छी तरह लगाया और अपना मोटा लण्ड अपनी बीबी की चूत में हलके से घुसाया। लण्ड के घुसते ही कुमुद के मुंह से निकली हुई हलकी सी सीत्कार की आवाज सब ने सुनी। दर्द से ज्यादा वह रोमांचक उत्तेजना की आवाज थी। थोड़ा लण्ड घुसाकर रुकने के बाद कमल ने और एक हल्का धक्का दिया और अपना लण्ड कुमुद की चूत में और थोड़ा घुसेड़ा।
इस बार कुमुद की आवाज में दर्द की मात्रा कुछ ज्यादा थी। पर साथ साथ में करीब एक महीने से ना चुदवाने के कारण उसकी उत्तेजना अपनी सीमा को पार कर रही थी। साथ में राज और रानी उसकी चुदाई देख रहे थे यह बात कुछ ज्यादा ही उत्तेजना का कारण बन रही थी।
एक और धक्का देकर कमल ने अपना लण्ड अपनी बीबी कुमुद की चूत में घुसाया तो कुमुद दर्द के मारे दबे आवाज में चिल्ला उठी। कुमुद की चीख धीमी पर दर्दनाक थी। रानी कुमुद की चीख सुनकर सिहर उठी। उसे कमल के वह वाक्य याद आये जिसमें कमल ने रानी से कहा था की कुमुद की चूत कुछ ज्यादा ही टाइट थी और कमल के चोदने से कुमुद को दर्द होता था। इसी कारण कमल रानी का नाम याद कर कुमुद को चोदता था। रानी को कमल और कुमुद पर थोड़ा तरस भी आया। जब चोदना दर्द का कारण बने तो चोदने का मज़ा बिगड़ जाता है।
रानी ने सोचा अगर कमल का लण्ड उसकी चूत में घुसे तो क्या उसे भी ऐसा ही दर्द होगा? शायद नहीं। क्यूंकि राज हमेशा रानी को कहता था की रानी की चूत राज के लिए कुछ ज्यादा ही ढीली सी थी। शायद राज के लिए कुमुद की चूत सही थी और रानी के लिए शायद कमल का लण्ड सही था। इस बात को सोच कर रानी की चूत में से रस रिसने लगा।
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03-22-2020, 01:43 PM,
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RE: kaamvasna साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ
राज की बीबी रानी ने कमल के फुले हुए लोहे के छड़ समान लण्ड पर अपना हाथ रखा और उसे हिलाने लगी। फिर धीरे से रानी ने उसे खिंच कर कमल को इशारा किया की कमल उस के ऊपर चढ़ कर उसे चोदे। यह पहली बार हुआ की रानी ने कमल को चोदने के लिए सीधा सीधा आमंत्रित किया था। रानी ने कमल की पत्नी कुमुद की और देखा जैसे वह कुमुद की इजाजत मांग रही हो। रानी ने कुमुद के कानों में कहा, "बहन मुझे माफ़ करना। मुझसे तुम्हारी कराहट सुनी नहीं जाती और कमल का दर्द भी देखा नहीं जाता। आजकी रात कमल को मेरे लिए छोड़ दो और आप मेरे पति राज से चुदवाओ। मुझे कोई आपत्ति नहीं है। तुम मेरी 'थोड़ी सी बेवफ़ाइ' को माफ़ करना।"
कुमुद ने पहली बार रानी के मुंह से चोदना चुदवाना ऐसे शब्द सुने। कुमुद को बहुत अच्छा लगा। कुमुद ने रानी का हाथ पकड़ा और बड़े प्यार से दबाया जैसे वह भी रानी की बात से सहमत थी।
राज ने रानी और कुमुद की बातें सुनी तो उसका मन नाच उठा। राज ने कमल को धक्का दिया और अपनी बीबी रानी को चोदने के लिए कमल को रानी पर सवार होने को कहा। कमल यही तो चाहता था। फुर्ती से कमल ने राज की पत्नी रानी की जाँघें उठायी और अपने कंधे पर रख्खीं, और अपना फुला हुआ लण्ड रानी की सुन्दर रस से रिसती हुई चूत से सटा दिया।
रानी अब अपनी सारी शर्मो हया से ऊपर उठ चुकी थी। अब वह बिना देर से कमल के मोटे लण्ड को अपनी चूत में डलवाना चाहती थी। उसे महसूस करना था की क्या वह कमल का मोटा लण्ड अपनी चूत में ले सकती है या नहीं? अपने हीरो से वह अच्छी तरह से चुदवाना चाहती थी। उसका सालों का सपना साकार होने जा रहा था। पर अब जब उसे मौक़ा मिला तो वह अपने हीरो को पूरा आनंद भी देना चाहती थी।
रानीने अपने हीरो, अपनी बहन कुमुद के पति और अपने पति के दोस्त कमल की और अपनी बाँहें फैलायीं और कमल को कस के अपने सीने से लगा कर, उससे से लिपट कर, कमल की आँखों में अपनी आँखें डाल कर सब सुने ऐसी आवाज में बोली, "कमल मैं आज तुमसे चुदवाना चाहती हूँ। राज तो मुझे रोज चोदते हैं। पर अब राज से चुदवाने में मुझे पहले जैसा मज़ा नहीं आता। मैं आज तुम्हारे लम्बे और मोटे लण्ड से चुदवाना चाहती हूँ। आज तुम मुझे ऐसे चोदो जैसे तूमने कुमुद दीदी को कभी नहीं चोदा। आज मैं तुम्हारा मोटा और लंबा लण्ड अपनी चूत में डलवाना चाहती हूँ। "
रानी की इतनी बेशर्म बात सुन कर सब भौंचक्के से एक दूसरे की और देखने लगे। तब रानी ने कहा, "ऐसे क्या देख रहे हो? अब और सुनो। मैं पूरी रात भर मेरे हीरो कमल से चुदवाना चाहती हूँ। मेरे पति यही चाहते थे ना? इसी लिए तो वह बार बार मुझे चोदते समय मैं उन्हें कमल कह कर बुलाऊँ यही जिद कर रहे थे ना? तो लो अब तुम्हारी बीबी को तुम अपने सामने ही अपने भैया से चुदवाते हुए देखो और मजे लो। और हाँ, तुम भी तो कमल भैया की बीबी कुमुद को चोदने के सपने देख रहे थे न? तो आज कमल भैया की बीबी कुमुद हमारे सब के सामने तुमसे चुदवाने का इंतजार करती हुई नंगी लेटी है। मैं तुम्हें इजाजत देती हूँ की तुम जाओ और उसको खूब प्यार करके अच्छी तरह से चोदो और अपना सपना पूरा करो। आज हम चारों अपनी थोड़ी सी बेवफाई का सपना पूरा करेंगे। कुछ दिनों बाद जब हम सब अपने अपने घर वापस जाएंगे तो फिर वही अपने पति पत्नी से प्यार करेंगे और उनको चोदेंगे या उनसे चुदवायेंगे।"
रानी की ऐसी स्पष्ट और बेझिझक खुल्लम खुल्ला बात सुनकर राज, कमल और कुमुद एक दूसरे की शकल देखने लगे। राज का मुंह तो खुला का खुला ही रह गया। खैर यह तो उसी के किये का नतीजा वह देख रहा था। अब उसकी महेनत वाकई में रंग ला रही थी। आगे क्या होगा वह अब देखना था।
कमल से लिपटी रानी ने कमल को खड़े होने को कहा और खुद कमल के सामने घुटनों के बल बैठ गयी। कमल का लंबा और मोटा लण्ड राज की बीबी रानी की छाती पर मँडरा रहा था। रानी ने कमल को लण्ड अपने दोनों स्तनों के बिच में लिया और उसे अपने स्तनों पर रगड़ने लगी। रानी का यह नया रूप राज, कमल और कुमुद हक्केबक्के से देखते ही रह गए। रानी ने अपनी हथली और उंगलियां कमल के लण्ड पर लपेटीं और उनको हलके से मसाज करने लगी। कमल के लण्ड पर पूरी तरह फैला हुआ उसका पूर्व रस चमक रहा था।
उस रस में अपनी उंगलियां सराबोर कर रानी उसी रस को कमल के लण्ड पर प्यार से फैलाने लगी। धीरे से फिर कमल के लण्ड को अपनी मुट्ठी में पकड़ ने की कोशिश की पर कमल का मोटा लण्ड उसकी मुट्ठी में आ नहीं पा रहा था। खैर उसने अपनी मुट्ठी हिल्ला कर कमल के लण्ड को कुछ देर प्यार से सहलाने के बाद हलके से अपना मुंह खोला और कमल के लण्ड का अग्रभाग अपने मुंह में लेकर अपने होँठ में लपेट लिया। धीरे से अपना मुंह ऊपर निचे करते हुए रानी ने हलके से कमल को अपना लण्ड अंदर बाहर करने का इशारा किया।
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03-22-2020, 01:44 PM,
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RE: kaamvasna साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ
रानी की पतली सेक्सी कमर और उसके बीचोबीच उसकी नाभि की ढूंटी को कमल ने ऊपर से झुक कर चूमा। फिर कमल ने रानी की चूँचियों को अपने दोनों हाथों में पकड़ा और खिसक कर रानी की दोनों टाँगों के बिच अपनी जगह बना ली। उसने रानी की टाँगें अपने कंधे पर रख दी और खुद अपने लण्ड को रानी की चूत की सतह पर प्यार से रगड़ने लगा। रानी की चूत में से रिस रहा रस और कमल के लण्ड में से बंद दर बूँद निकलता हुआ पूर्व रस कमल के लण्ड पर पूरी तरह फैला हुआ था। कमल ने सीधे रानी की चूत में अपना लंड इस लिए नहीं पेला, क्यूंकि शायद वह रानी की इजाजत का इंतजार कर रहा था। या फिर अपना मोटा छड़ जैसा लंबा लण्ड जब रानी की चूत में घुसेगा तो उसे जो दर्द होगा उसके लिए कमल रानी को मानसिक रूप से तैयार कर रहा था।
कमल के भारी भरखम लण्ड का अपनी चूत से स्पर्श होते ही रानी के धैर्य की मर्यादा जवाब दे रही थी। उसकी चूत में अजीब सी लपलपाहट हो रही थी। उसकी चूत की गुफा की पूरी सुरंग में अजीब सी रोमांचक सिहरन या झनझनाहट हो रही थी। कब कमल उसकी चूत की सुरंग में अपना मोटा लण्ड घुसेड़ कर उस पूरी सुरंग को बेरहमी से रगड़े और रानी को अपने हीरो के लण्ड को अपनी खुली हुई चूत में रगड़वा कर कमल को पूरी तरह खुश करने का मौक़ा मिले उसका इन्तेजार करना अब रानी के लिए कठिन हो रहा था। रानी ने अपनी सहेली और बड़ी बहन समान कुमुद की और जब देखा तो पाया की कुमुद भी उसे टकटकी लगाकर देख रही थी।
कुमुद ने तिरछी नज़रों से छोटी बहन रानी की और देखा। कुमुद की नजर पड़ते ही रानी कुछ सहम सी गयी। कमल का लण्ड अपने हाथों में सहलाती हुई थोड़ा सा खिसक कर वह अपने पति राज से बोली, "राज, क्या हम, मैं और कमल, दूसरे कमरे में जा सकते हैं? मुझे शर्म आ रही है।"
राज ने देखा तो रानी और कुमुद की नजरें मिली हुई थीं। वह समझ गया की आखिर कितनी ही खुली क्यों ना हो, भारतीय नारी को अपनी लज्जा की मर्यादा का ध्यान रहता ही है। पर वह अपनी बीबी की चुदाई अपनी आँखों के सामने अपने भाई समान दोस्त से होते हुए देखना चाहता था। आज सालों के बाद उसकी यह तमन्ना पूरी होने वाली थी। उसे वह गँवाना नहीं चाहता था। उसने रानी से कहा, "मैं आज तुम्हारी और कमल भैया की प्यार भरी चुदाई अपनी नज़रों के सामने देखना चाहता हूँ। शायद तुम्हें कुमुद से शर्म आ रही तो तुम्हें हिम्मत देने के लिए पहले मैं कुमुद को चोदना शुरू करता हूँ। इस से तुम्हें शायद कुछ हिम्मत मिले। और मैं कमरे की बत्ती को भी थोड़ा हल्का कर देता हूँ। ठीक है? मेरी रानी, आज मौक़ा मिला है तो बेधड़क और खुलकर चुदाई करो। मैं चाहता हूँ की तुम जैसे मुझसे चुदवाती हो वैसे ही बल्कि उससे भी ज्यादा उच्छृंखलता से मेरे प्यारे बड़े भाई और तुम्हारे हीरो कमल से चुदवाओ और उसे वह आनंद दो जो उसे याद रहे। आप भी वह आनंद लो जो आपकी भी जीवन भर की याद बने।"
जब रानी कुछ ना बोली तो राज ने कहा, "प्रिये, क्या कमल भैया से पहले मैं तुम्हें चोदूँ ताकि तुम्हें शर्म ना महसूस हो?"
पर शर्म की मारी रानी ने अपने पति को कोई जवाब नहीं दिया और अपनी आँखें सख्ती से मूँद ली। रानी पहले कमल से ही चुदना चाहती थी। पर फिर भी कुछ ना बोली। उसने सोचा अब जो होगा देखा जाएगा। तो राज ने कहा, "ठीक है फिर मैं ही तुम्हें पहले मेरे भैया के सामने चोदता हूँ। ऐसा कहकर राज ने कमल को अपनी आँखों से कुछ इशारा किया। कमल थोड़ा खिसका और उसने रानी की टाँगें फैला कर धीरे से पलंग पर टिका दी, पर रानी की टाँगों के बिच से हटा नहीं। रानी ने फिर भी अपनी आँखें नहीं खोली। तब राज के इशारे पर कमल ने अपना लण्ड रानी की चूत की दरार में घुसेड़ा। जैसे ही रानी ने कमल का लण्ड अपनी चूत के द्वार में घुसने की कोशिश करते हुए महसूस किया की रानी को समझने में ज़रा भी देर नहीं लगी की वह लण्ड उसके पति राज का नहीं बल्कि कमल का था। रानी ने फुर्ती से कमल का लण्ड अपनी उँगलियों में पकड़ा और उसे अपनी चूत के छिद्र के बीचोबीच रखा ताकि जब वह उसकी चूत के छिद्र में घुसे तो उसे कम दर्द हो।
फिर रानी ने धीरे से अपनी आँखें खोलीं। कमल के घने बालों से भरी छाती उसके ऊपर मँडरा रही थी। रानी ने बड़े ही सलीके से अपनी नंगी टाँगें उठायी और कमल को इशारा किया की उन्हें कमल अपने कन्धों पर फिर रख दे। अब कमल को रानी की फैली हुई चूत साफ़ नजर आरही थी। रानी चूत लगभग साफ़ थी। उसपर थोड़े हलके बाल नजर आ रहे थे। रानी की चूत गुलाबी लंखुडियों की तरह उसके मोटे लण्ड के घुसने का बेसब्री से इंतजार कर रही थी। जैसे सर्दियों में पेड़ के पत्तों से ओस की बूंदें गिरती हैं, ठीक उसी तरह रानी का स्त्री रस रानी की चूत की गुलाबी पंखुड़ियों में से धीरे धीरे धीरे बूँदें बनकर गिर रहा था जो रानी की उत्तेजना को बयाँ कर था। कमल ने धीरे से अपना लण्ड पहली बार रानी की चूत में घुसेड़ा और एक धक्का दिया।
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03-22-2020, 01:44 PM,
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RE: kaamvasna साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ
कमल का इतना मोटा और लंबा लण्ड रानी की चूत में घुस तो गया पर रानी एकदम कराह उठी और बोल पड़ी, "कमल यह क्या कर रहे हो? तुम्हारा लण्ड इतना मोटा और लंबा है। मार डालोगे क्या? इसे धीरे से प्यार से अंदर डालो।"
कमल की बीबी कुमुद ने जब यह सूना तो अपनी आँखें खोली और देखा की कमल राज की बीबी के ऊपर नंगा दोनों हाथों और दो पॉंव के सहारे अपना लण्ड राज की बीबी रानी की चूत में घुसेड़ रहा था और रानी दर्द या फिर डर के मारे कमल के निचे मचल रही थी। रानी की कराहटें सुनकर कुमुद थोड़ी मुस्काई। जो हाल उसका हर रात होता था आज रानी का हो रहा था यह जान कर कुमुद को थोड़ी मानसिक शान्ति हुई। पर रानी की चूत शायद कुमुद की चूत से थोड़ी सी ज्यादा खुली हुई रही होगी, क्यूंकि रानी की कराहटें धीरे धीरे कम हो रही थीं और उत्तेजना की सिसकारियां बढ़ रही थीं।
कुमुद राज की बीबी रानी और उसके पति कमल की चुदाई देखकर खुद भी उत्तेजित हो रही थी। उसकी चूत की पंखुड़ियों में से भी उसी तरह उसका स्त्री रस झर रहा था जैसा की रानी की चूत में से रिस रहा था। वह राज का लण्ड लेने के लिए बेताब थी। उसने राज को काफी तड़पाया था। वह जानती थी की राज तो महीनों से कुमुद को चोदने सपने देख रहा था। कुमुद ने प्यार से राज की और देखा। राज तो पहले से ही कुमुद की प्यार भरी नजर का बड़ी बेसब्री से इन्तेजार कर रहा था। कमल और अपनी बीबी की चुदाई देखकर जो रोमांच उसके जहन में हो रहा था वह अवर्णनीय था। अब वह अपनी स्वप्न सुंदरी कुमुद को चोदने के लिए बाँवरा हो रहा था।
जैसे ही राज ने कुमुद के चेहरे पर खूबसूरत मुस्कान देखि तो वह समझ गया की अब उसकी बारी आयी है। वह धीरे से नंगी लेटी हुई स्वप्नसुंदरी समान कुमुद की दोनों टाँगों को खोलकर उसके बिच में अपने मुंह को ले गया और कुमुद की खूबसूरत एकदम साफ़ चूत को चाटने लगा। कुमुद की चूत में से रिस रहे रस का स्वाद अद्भुत लग रहा था। राज का सर अपनी टाँगों के बिच में महसूस करते ही कुमुद के पुरे बदन में एक अजीब सी कंपकपी फ़ैल गयी।
वह अब राज का लण्ड कब अपनी चूत में आये और कुमुद को वह अनुभव कराये जो वह अपने पति के साथ नहीं कर पायी थी उस बात के लिए कुमुद बेताब थी। पर राज कहाँ जल्दी करने वाला था? वह तो अपनी प्रिय भाभी की चूत चाटने में ही मस्त हो रहा था। कुमुद का स्त्री रस कोई शहद हो ऐसे राज उसका अपनी जीभ लपलपा कर आस्वादन कर रहा था। अब तक उस के पति कमल ने तो कभी उस की चूत को इतने प्यार से चाटा नहीं था। कुमुद ने राज के सर को हल्का सा धक्का मार कर एहसास दिलाने की कोशिश की की अब वह राज का लण्ड अपनी चूत में डलवाना चाहती है।
राज ने सर उठाया और कुमुद की और देखा। कुमुद के मुंह की प्यारी मुस्कान देखकर उसने धीरे से अपनी दो उंगलियां अपनी प्यारी भाभी की चूत में डाली और अपनी उँगलियों से वह कुमुद को धीरे धीर चोदने लगा। राज अपनी उंगलियां कुमुद की चूत में ऐसे ऐसे और ऐसी ऐसी जगह घुमाने लगा की कुमुद पागल हो उठी। कुमुद की चूत की वह परतें जो उसके पति कमल ने कभी छूने की भी कोशिश नहीं की थी वह परतें राज की उंगलियां सहलाने, खींचने और दबाने लगीं। मारे रोमांच और उत्तेजना के कुमुद पलंग पर इधर उधर उछलने लगी और अब खुल्लम खुल्लम राज से बोली, "राज अब बस भी करो। अरे देखो भई, मेरा पति कमल तुम्हारी बीबी को कैसे उछल उछल कर चोद रहा है और तुम्हारी बीबी रानी भी कैसे अपनी प्यारी गाँड़ को ऊपर उठाकर मेरे पति का साथ दे रही है और उस के लण्ड को पूरी तरह अपनी चूत में ले रही है। अब तुम मुझे ज्यादा उकसाना छोडो। मैं तुम से चुदवाने के लिए वैसे ही पागल हो रही हूँ। अब मुझ पर सवार हो कर मुझे अच्छी तरह चोदो प्लीज!"
कुमुद की इतनी सेक्सी सी आवाज सुनकर रानी ने अपनी बड़ी बहन जैसी सहेली की और देखा और बरबस मुस्कुरा उठी। अब दोनों बीबियां ने दोनों दोस्तों को अपना पति ही समझ लिया था। अब उन्हें किसीसे भी चुदवाने में कोई भी संकोच नहीं रहा था। कमल के भारी से लण्ड को अपनी चूत में पेलवाती हुई रानी ने एक हाथ से अपने पुरे बदन इतनी तेज़ी से हिलते हुए भी कुमुद के भरे हुए स्तनों को पकड़ा और अपने पति राज से कहा, "डार्लिंग, अब मेरी दीदी को ना तड़पाओ। वह तुम्हारा प्यारा लण्ड अपनी चूत में डलवाकर तुमसे खूब चुदना चाहती है। उसकी भूख मिटाओ और कुमुद को चोदने की अपनी तमन्ना भी पूरी करो।
राज ने रानी की और देखा और झुक कर रानी के होँठ पर एक हल्का सा चुम्बन किया। फिर थोड़ा खिसक कर राज ने कुमुद के नंगे और कमनीय बदन को अपनी दोनों टाँगों के बिच रखा और झुक कर उसने कुमुद के होँठों पर अपने होँठ दबा दिए और वह कुमुद को पुरे आवेग से चुम्बन करने लगा। राज का खड़ा पुरे जोश से अकड़ा हुआ लण्ड कुमुद के पेट की ढूंटी को कुरेद रहा था। कुमुद ने अपनी उँगलियों में राज का लण्ड पकड़ा और राज से पुरे आवेग के साथ चुम्बन करते हुए वह राज का कड़ा लण्ड सहलाने लगी। फिर धीरे से थोड़ा खिसक कर और अपने और राज के बदन को थोड़ा सा एडजस्ट करते हुए कुमुद ने राज का लंड अपनी चूत के छिद्र पर रखा और उसे अपनी चूत की सतह पर रगड़ने लगी।
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RE: kaamvasna साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ
दोनों पतियों की हांफती हुई साँसे और पत्नियोँ की दबी हुई कामुक कराहटों के उपरान्त उनकी योनियोँ के बारे बार रगड़ने और अंदर बाहर होनेसे होती हुई फच्च फच्च आवाज से बैडरूम गूंज रहा था।
रानी के मन की दशा अवर्णीय थी। उसे आज अपने नायक (हीरो) से चुदवाने का अद्भुत अवसर प्राप्त हुआ था जो रानी उसके जीवन का एक अमूल्य तोहफा मान रही थी। उसे अपने नायक को प्रसन्न करने का और उसे अपनी कामुकता द्वारा वह सुख देना, जिसके कमल कई सालों से सपने देख रहा था अवसर मिला था। और इस लिए रानी पुरे मन से और ध्यान से कमल के मोटे और लम्बे लण्ड को अपनी चूत में अद्भुत कामुक कम्पन पैदा कर कमल को अति उन्माद पूर्ण जातीय सुख देने के सतत प्रयास कर रही थी। इसका असर कमल के लण्ड पर भी हो रहा था जिसे कमल अनुभव कर रहा था। कमल रानी की शारीरिक कामुक कम्पन से जातीय सुख का अतिरेक अनुभव कर रहा था। उसे रानी को चोदने से वह अनुभव हो रहा था जो उसे कई सालों तक अपनी बीबी को चोदने में नहीं हुआ था।
कमल अपनी पत्नी कुमुद को और रानी अपने पति राज को एक दूसरे को चोदते हुए देख कर इर्षा के बजाय प्रसन्नता का अनुभव कर रही थी। दोनों जोड़ियाँ जानती थी की जिस दिन उनकी शादी हुई थी लगभग तबसे ही दोनों बीबियों का दोनों दोस्तों से चुदना विधि ने उनके भाग्य में लिख ही दिया था। बस यही देखना था वह कैसे होगा और वह दिन कब आएगा। वह रात आ चुकी थी और इस कारण अपने भाग्य को आनंद पूर्वक स्वीकार करके उसमें से सुख भोगना ही तो बुद्धिमानी थी। और वैसे भी दोनों पत्नियां दूसरे के पति से सम्भोग करने की कामना अपने मन में छिपा कर रखे हुए भी तो थी। बस थोड़ा ना नुक्कड़ करना जरुरी था।
कमल रानी की चूत की कम्पन और अनवरत सिकुड़न से बहुत ज्यादा उत्तेजित हो रहा था। उसने रानी को चोदने से इतना अद्भुत सुख मिलेगा ऐसा सोचा भी नहीं था। कमल के लण्ड, बल्कि कमल के पुरे बदन में अत्याधिक रोमांच और उत्तेजना हो रही थी। कमल पिछले कई दिनों से अपने वीर्य का स्खलन नहीं कर पाया था। पिछले कुछ दिनों से उसकी पत्नी कुमुद ने उसे ब्रह्मचर्य पालने पर मजबूर कर रखा था। इसलिए कमल के लण्ड के अंडकोष में और लण्ड की नालियों में उसका वीर्य पूरा भरा हुआ था जो बाहर निकल कर रानी की चूत में कोई सुनामी के सामान फौव्वारे की रफ़्तार और ताकत से घुसने के लिए मचल रहा था।
पर कमल को यह भी तो सोचना था की क्या राज और रानी कमल के वीर्य को रानी की चूत में जाने से कोई आपत्ति तो नहीं करेंगे। इसलिए कमल जैसे ही चरम पर पहुँच ने वाला था की थम गया। रानी ने अपनी आँखें खोली देखने के लिए की क्या हुआ। कमल थम क्यों गया? रानी भी चरम पर पहुँच ने वाली जो थी। कमल और रानी के चुदाई थम जाने से राज भी आश्चर्य अनुभव कर रहा था। पर वह समझ गया की कमल अपना वीर्य रानी की चूत में उँडेले या नहीं उस असमंजस में था। तब राज ने कमल से कहा, "भैया चालु रखो। आपका वीर्य रानी के बदन में जाने से रानी को यदि आपके जैसा ही वीर्यवान पुत्र या पुत्री होती है तो वह हमारे दोनों का सौभाग्य होगा। मैंने पहले से ही तय कर रखा था की यदि आपके वीर्य से रानी गर्भवती होती है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं बल्कि बहुत प्रसन्नता होगी।"
राज ने फिर रानी की और देखकर उसे पूछा, "प्रिये, आप मुझसे सहमत हो या नहीं?"
रानी क्या बोलती? वह तो अपनी नजरें झुकाये चुप रही। पर उसने अपने कूल्हे से ऊपर की और धक्का मार कर कमल को उसका वीर्य अपनी चूत में उंडेलने का संकेत दे ही दिया। उसे अपने ही पति की इजाजत जो मिल गयी थी। कमल को और क्या चाहिए था? अब कमल की चोदने की रफ़्तार तेज हो गयी। उधर रानी भी अपने चरम पर पहुँच रही थी। कमल का फुला हुआ लण्ड उसकी चूत में अजीबो गरीब उत्तेजना और उन्माद पैदा कर रहा था। रानी अपनी उत्तेजना सम्हाल नहीं पा रही थी और न चाहते हुए भी उसके मुंह से कामुक कराहटें निकल ही जाती थीं।
कमल के रफ़्तार बढ़ाने से रानी की उत्तेजना भी बढ़ने लगी। रानी ने कमल की नंगी कमर कस के पकड़ी और बोल पड़ी, "कमल जल्दी करो। मुझे और तेजी से चोदो। अब मैं अपने चरम पर पहुँचने वाली हूँ। जल्दी.... प्लीज... और जोरसे.... मेरी चिंता मत करो। ... आह्हः.... हैश..... ओह.... उफ़...." ऐसे कराहट करती हुई रानी को एक ऐसा अनुभव हुआ जैसे उसके बदन में समंदर की जबरदस्त ऊँचे ऊँचे तक उठती मौंजों की तरह उछाल आया और उसका बदन कभी सिकुड़न तो कभी खिंचाई महसूस करने लगा। उसकी चूत में से भी उसके स्त्री रस की बौछार फुट पड़ी।
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