Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
04-24-2020, 12:42 PM,
#21
RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
यह सब देखकर तो मानो सबको लकवा मकर गया किसी को कुछ भी समझ मे नही आया कि यह क्या हो गया है।सुमित्रा तो यह देख करहि बेहोश हो गयी पर अन्नू ने तुरन्त ही हॉस्पिटल ले कर गयी वही जहाँ पर प्रेम का इलाज हो रहा था । वहाँ सभी डाली को इस हालत में देख कर सब ने यही सोचा कि डाली ने प्रेम की उस हरक्तके कारण ही यह सब किया है। तुरन्त डाली के पापा प्यारेलाल जो कि एक निहायत कमीना इन्शान था।
प्यारेलाल•मेरी बेटी के साथ यह सब क्या हो गया प्रधान जी अब तो मैं इस लड़के को नही छोडूंगा मेरी बेटी की हालत की ज़िमेदार यही लड़का है
प्रधान•अब तो इसका फैसला पंचायत में होगी
अन्नू•मेरी सभी से यह बिनती है कि पूरा बात जाने बिना कोई भी किसी तरह के हरकत मत करना वरना अंजाम बबूत बुरा होगा।
तब तक डॉक्टर भी डाली को चेक करके आ गए और बोले
डॉक्टर•देखिए इंस्पेक्टर जहाँ तक मुझ समझ मे आया है यह केश आत्महत्या का है और लड़की की भी हालत नाजुक है उसका खून बहुत ज्यादा गिर गया है हम अपनी तरफ से कोशिश कररहे परन्तु मुझे उम्मीद बहुत कम है बाकी भगवान के ऊपर है
अन्नू •डॉक्टर आपको किसी भी तरह इस लड़की का बचना बहुत ही जकरूरी हैकप कुछ भी करे
तब अन्नू प्रश्न के पास गुई ओर उनसे बोली
अन्नू•अब आप गांव में जा कर इस लड़की के भाई को बोलये की वह आ अपना जुर्म कबूल करले वरना उसकी हालतमे खराब कर दूंगी
प्रधान•इंस्पेक्टर आप यह क्या कह रही हो मुझे Iकुछ भी समझ मे नजी आ रहा है।
अन्नू•मैं आपको एक चांस दे रही हु की आप अपने हिसाब से उसे समझ कर उसे अपने आपको कानून के हवाले करने को बोल दे।
प्रधान•मैं कुछ समझा नही आप को जो भी बोलना खुल कर बोले।
अन्नू•हा तो सुनिए अपने जिस गलती की सजा प्रेम को दी है वह गलती तो उसने की ही नही है और इसमें जिसकी गलती थी उसमें से एक तो अभी हॉस्पिटल ले कर आई हूं और एक अभी भी गांव में है।
तभी डॉक्टर आता है और उसके हाथ मे एक कागज था और वह कागज वो अन्नू के हाथ मे पकड़ाता है और बोलता है कि
डॉक्टर•आपने जिस लड़की को अभी लेकर आई है यह कागज उसके पास से मिला है इस लड़की ने इसमें अपनी हत्या का इल्जाम किसी रामु नाम के लड़के पर की है
04-24-2020, 12:43 PM,
#22
RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
यह सब सुन के प्रधान जी बोलते हैं कि
प्रधान• दरबार साहिब आप जो कुछ भी बोलना चाहती है खुल कर बोलिए और डॉक्टर साहब यह क्या कह रहे हैं रामू तो इस लड़की का भाई है वह इसकी हत्या कैसे कर सकता है।
डॉक्टर• नहीं प्रधान जी आप जो समझ रहे हैं ऐसा कुछ भी नहीं है इस लड़की की किसी ने हत्या नहीं की है इसने तो आत्महत्या की है और शायद ही अब उसकी जान बचाया जा सके क्योंकि इसने अपनी जान बचाने के लिए जरा सी भी कोशिश नहीं किए इसका खून बहुत ज्यादा निकल चुका है तो उसे बचाना बहुत ही मुश्किल है और हां यह लड़की 3 महीने की गर्भवती है यह मां बनने वाली थी।
प्रधान• आप क्या बोल रहा है डॉक्टर साहब आपको समझ रहे हैं यह लड़की की अभी शादी भी नहीं हुई है तो यह मां कैसे बन सकती है।
डॉक्टर• मैं झूठ क्यों बोलूंगा मैं वही बता रहा हूं जो मैंने चेक किया और जो रिपोर्ट निकला है वही बता रहा हूं और हां आपको एक बात और बतानी थी आप जिस लड़के को लेकर आए हैं उसकी याददाश्त जा चुकी है उससे अपनी पिछली जिंदगी के बारे में कुछ भी याद नहीं है उसे सिर्फ अपनी दीदी के मारने के बारे में ही याद है इसलिए मेरी आप लोगों को सलाह है कि किसी भी तरह उस लड़की को इसके सामने नहीं आने दिया जाए अन्यथा कुछ भी हो सकता है।
इंस्पेक्टर अन्नू• डॉक्टर साहब आप उसकी चिंता ना कर क्योंकि अब यह लड़का गांव नहीं जाने वाला है यह हमारे साथ शहर में ही रहेगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी मैं लेती हूं और हां प्रधान जी आप भी एक बार सुन लीजिए अब आपकी कोई भी पहुंच काम नहीं आएगी क्योंकि अब मैं रामू को छोड़ने वाली नहीं हूं उसने ना सिर्फ एक लड़के को झूठे इल्जाम में फसाया और साथ ही साथ अपनी बहन की भी जिंदगी खराब की है अब मैं उसे नहीं छोड़ने वाली हूं।
अनु अपने दो हवलदार ओं के साथ गांव की तरफ चल देती है और गांव जाकर रामू की मां से मुलाकात करती है और उन्हें सब कुछ सच सच बताती है की कैसे रामूने डाली क्यों फोर्स करके उसके साथ जबरदस्ती की और साथ ही साथ अपने दोस्तों के साथ भी जबरदस्ती सुलाता था।
रामू की मां यह सब सुनकर अपने अपने होश खो बैठती है उसे इस बात का विश्वास ही नहीं होता है कि उसका बेटा खुद की बहन के साथ ऐसा कर सकता है।
04-24-2020, 12:43 PM,
#23
RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
यह सब सुनकर उसकी मां की हालत बहुत ही खराब हो जाती है उसे विश्वास ही नहीं होता है कि रामू ऐसा कर सकता है।
इधर से और रामू को पता चलता है कि पुलिस उसे पकड़ने के लिए आई हुई है तो वह अपने दोस्त के पास जाकर छुप जाता है उसे यह पता नहीं था कि अन्नू बला है जोकि मुजरिमों को पाताल से भी ढूंढ कर निकाल लेती है दुआ किस खेत की मूली है।
अभी यह सब ही रहा था कि एक सफेद गाड़ी आकर राम के घर के सामने आकर रूकती है और उसमें से एक लड़की निकलकर बाहर आती है और इधर उधर देखने लगती है मानो वो किसी को खोज रही हो तब तक उसकी नजर अनु पर पड़ती है तो वह उसके पास आने लगती है ।
यह लड़की और कोई नहीं उस लड़के की बहन है जिसका चेहरा प्रेम से मिलता है ।
इधर दिया की हालत बहुत ज्यादा खराब था उसे यह समझ में ही नहीं आ रहा था कि मैंने जो किया वो सही या गलत क्योंकि उसे अब पता चल गया था कि उसकी भाई की याददाश्त चली गई है और उसे सिर्फ यही याद है कि उसे उसकी बहन ने मारा था। डॉक्टर ने प्रेम के सामने जाने से मना किया है अगर उसके सामने गई तो उसकी जान को खतरा हो सकता है।
दीया अपनी मां से बोलती है कि
दीया• मां क्या तुमको ऐसा लग रहा है कि मैंने जानबूझकर प्रेम को चोट पहुंचाई है मैं तो उसे इसलिए मारी की उसे यह शर्मिंदगी ना झेलना पड़े क्योंकि मेरी सहेली की जो बड़ी बहन इंस्पेक्टर है और उसने हमें सलाह दी कि किसी भी तरह से उसे हॉस्पिटल पहुंचा दिया जाए ताकि यह केस पुलिस तक पहुंच सके और वह उसे कार्रवाई कर सके। अनु दीदी के आ जाने से मैं इस बात का विश्वास हो गया है कि प्रेम के साथ नाइंसाफी नहीं होगी।
मां- दीया तुम अपने आप को सजा मत दो तुमने कोई गलती नहीं की तुम तो उसका भला ही चाहती थी अब उसे सदमा लग गया तो कोई क्या कर सकता है तुम चिंता मत करो भगवान ने चाहा तो सब अच्छा ही होगा । मैं तो इसलिए परेशान हूं कि गांव के कुछ लोग कह रहे थे की प्रेम अब गांव में नहीं रहेगा उसे तुम्हारी सहेली की दीदी पुलिस इंस्पेक्टर है हां उसे अपने साथ रखेंगे।
इधर वह लड़की आकर अनु के गले मिलती है और पूछती है कि तुम्हें तो हॉस्पिटल में रहना चाहिए था तो तुम यहां पर क्या कर रही हो ।
अनु- यार तुम यह बात तो जानती हो कि मैं सभी गुनाहों के लिए माफ कर सकती हो पर अगर कोई लड़का किसी लड़की के जीवन के साथ खिलवाड़ करे तो मैं उसे कतई माफ नहीं करती।
उस लड़की का नाम ज्योति है जो कि शहर में मशहूर फैशन डिजाइनर और और इसकी उम्र 28 साल है या बहुत कम उम्र में उस मुकाम पर पहुंच चुकी है जहां पर पहुंचने के लिए लोगों को बहुत समय लगता है।
यह देखने में किसी भी तरह से बॉलीवुड की हीरोइनों से कम नहीं लगती है उसका फिगर 36 26 36 है और रंग तो ऐसा माना कि दूध में हल्दी मिला दी गई हो सब मिलाकर इसका रूप ऐसा है मानो आसमान से कोई परी उतर आई।
ज्योति अनु से बोलती है कि
ज्योति- तुम तो बोल रही थी कि वह बेगुनाह है फिर यह क्यों बोल रही हो कि उसने एक लड़की का जीवन तबाह कर दिया अगर उसने ऐसा किया है तो फिर हम उसे अपने घर कैसे ले जा सकते हैं।
अनु- तेरी यही आजत तो मुझे बहुत बुरी लगती है तू तो पहले पूरी बात सुनेगी नहीं बीच में ही बोल देगी पहले पूरी बात सुनाकर फिर अपनी राय बनाया कर आई मेरी बात समझ में तुझे।
फिर अनु ने ज्योति को पूरी कहानी सुना दी कैसे क्या हुआ और प्रेम के साथ क्या हुआ और फिर उसे हॉस्पिटल ले जाया गया वहां पर डॉक्टर ने क्या कहा और उस लड़की ने क्या बयान दिया अब शायद ही उस लड़की को बचाया जा सके वह लड़की इतनी ज्यादा शर्मिंदा हो गई थी वह अपनी मां से नजर भी नहीं मिला सकती थी इस कारण उसने आत्महत्या करने की कोशिश की और इसमें कामयाब भी हो गई है क्योंकि डॉक्टर ने कहा है कि उसे बचाना नामुमकिन है।
तब तक उनके दो हवलदार जो कि रामू को खोजने के लिए गए हुए थे राम को पकड़ कर ले कर आ गया जब रामू की मां ने मुझे देखा था सबके सामने ही उसे मरने लगी और उससे कहीं मेरी परवरिश में क्या कमी रह गई थी कि जो तू ऐसा काम करने लगा क्या मैंने तुझे यही शिक्षा दी थी तुझे शर्म नहीं आई अपनी बहन के साथ ऐसी हरकत करते हुए ।
रामू की मां अनु से बोलती है कि, बेटी आज से मेरा कोई बेटा नहीं है क्या मेरे लिए मर चुका है मैं उसका चेहरा भी देखना पसंद नहीं करूंगी तुम जो चाहे इस को सजा दे सकती हो इसी और मेरी नजरों के सामने से दूर कर दो मैं इसका चेहरा भी नहीं देखना चाहती इसने मेरी फूल जैसी बेटी को कहीं का भी नहीं छोड़ा और साथ ही साथ मुझे गांव में भी कहीं नजर मिलाने लायक नहीं छोड़ा मैं यह किसी को क्या मुंह दिखाऊंगी अपना।
04-24-2020, 12:43 PM,
#24
RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
इतना सब बोलते हुए रामू की मां बेहोश हो गई और वहीं पर गिर पड़ी। नीचे गिरने से पहले ही अन्नू ने उन्हें पकड़ लिया था और जमीन पर गिरने नहीं दिया जिसके कारण उन्हें कोई चोट नहीं आई। अनु ने अपनी हवलदार ओं को आदेश दिया कि इसे पकड़ कर ले जाओ और हवालात में डाल दो । अब इससे मैं शाम को पूछताछ करूंगी।
यह सुनकर हवलदार रावण को पकड़कर लेकर चले गए जब तक वहां पर दीपा और दिया दोनों ही आ गई थी और अनु से प्रेम की हाल चाल पूछने लगी तो अनु ने उन्हें बताया की प्रेम की हालत बहुत ही खराब है हां उसकी याददाश्त चली गई है उसे सिर्फ इतना ही याद है कि उसकी बहन ने उसे मारा है इस बात का मुझसे बहुत ही गहरा सदमा पहुंचा है डॉक्टर ने बोला है कि जिस लड़की ने इसे मारा है वह इसके सामने ना आए अन्यथा कुछ भी हो सकता है।
यह सुन कर दिया और भी ज्यादा रोने लगी और अपने आप को भला बुरा कहने लगी कि मैंने ऐसा क्यों किया।
दीया- अनु दीदी क्या मैं एक बार प्रेम को दूर से देख सकती हूं मैं उसके पास नहीं जाऊंगी।
अनु- दीया अभी मैं कुछ भी नहीं कर सकती हूं उसके लिए मुझे डॉक्टर से परमिशन लेनी पड़ेगी तभी मैं कुछ जवाब दे पाऊंगी और हां तुम्हें एक बात बतानी थी।
डीजे- क्या बात है दीदी बोलो
अन्नू- अब मैं जो कुछ भी कहने जा रही हूं अब से तुम बहुत ही ध्यान से सुनना प्रेम और कोई नहीं ज्योतिका बिछड़ा हुआ भाई है जो कि बचपन में ही खो गया था बाद में बहुत खोजने पर भी नहीं मिला इसकी शक्ल हुबहू उसके जुड़वा भाई रवि से मिलती है ऐसी शक्ल देख कर मैंने पहचाना तो इसकी बहन को भी बुला लिया यह है इसकी बहन ज्योति।
अनु ने ज्योति को पास बुलाया और दीया से परिचय कराया । ज्योति उम्र में दिया से बड़ी है इसलिए दीया ने उसे भी दीदी बुलाया।
दोस्तों माना कि यह बात सच है परंतु इस बात में अनु को भी कोई भी सच्चाई के बारे में मालूम नहीं है वह तू प्रेम को अपने पास रखने के लिए इस बात को फायदा उठा रही थी की प्रेम और रवि की सकल एक दूसरे से काफी ज्यादा मिलती-जुलती थी या यूं कहें कि हुबहू कार्बन कॉपी है
04-24-2020, 12:43 PM,
#25
RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
अनु इसी बात का फायदा उठा रही थी या बात आगे चलकर सभी को मालूम पड़ेगी परंतु अभी इस बात की सच्चाई को कोई भी नहीं जानता है।
तब ज्योति ने आगे आकर बोला कि
ज्योति- आप सभी लोगों का किस प्रकार से धन्यवाद करूं यह मुझे समझ में नहीं आ रहा है आप लोगों ने ना सिर्फ मेरे भाई की जान बचाई है अपितु इसके साथ साथ और भी कई लोगों की जान बचाई है और हां आप लोग प्रेम की चिंता ना करें वह हमारे साथ मुंबई में रहेगा अब उसकी पूरी जिम्मेदारी हमारी है।
दीपा यह सुनकर तो मानो पागल हो गई उसे यह समझ में ही नहीं आ रहा था कि उसके साथ यह हो क्या रहा है अभी तो उसने प्यार का इजहार भी नहीं सही से किया था और यह सब क्या हो गया। दीपा चिंतित स्वर में अनु से बोलती है कि
दीपा- दीदी इसमें मेरी क्या गलती है मैं और प्रेम एक दूसरे से प्यार करते हैं हमें इसकी सजा क्यों दी जा रही है।
यह बात सुनकर ज्योति मुस्कुराते हुए बोली
ज्योति- अगर तुम उससे सच में प्यार करती हो तो तो तुम इस बात की चिंता मत करो वह कहीं नहीं जाएगा मैं तुमसे वादा करती हूं कि मैं तुम्हें प्रेम से मिलवाऊंगी यह मेरा वादा है तुमसे
जब तक दिया की मां भी वहां पर आ चुकी थी और सारी बातें सुनकर फिर लगा उसका बेटा उससे छीना जा रहा है वह यह बात बर्दाश्त नहीं कर पाई और वह रोने लगी तब सब ने मिलकर उसे समझाया कि अभी प्रेम का यहां पर रहना उसकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है अभी उसे इलाज की जरूरत है जो यहां पर संभव नहीं हो सकता है उसके लिए मुझे शहर जाना ही पड़ेगा।
ज्योति और अनु ने सबको समझाया और वहां से हॉस्पिटल की तरफ आ गई। हॉस्पिटल में अभी भी भीड़ लगी हुई थी और कुछ रोने की आवाज में भी आ रही थी। तब अनु को झटका लगा की शायद डोली अब नहीं रही और उसे इस बात पर और भी ज्यादा गुस्सा आ गया गुस्से में जैसे हो पागल हो उठी थी उसने तुरंत ही ज्योति को हॉस्पिटल में उतारा और खुद पुलिस स्टेशन पहुंच गई।
वहां पर जाकर देखा कि रामू को एक जेल में बंद किया गया है और वह शांति से सो रहा है उसे सोता हुआ है देख कर अनु को और भी ज्यादा गुस्सा आ गया वह तुरंत रामू के पास के और उससे बोली की
अन्नू- अब तो तू खुश है ना तेरी वजह से एक लड़की की जान चली गई अब तुझे तो भगवान भी नहीं बचा सकता है मुझसे मैं तेरी वह दशा करूंगी तुझे अपने पैदा होने पर भी अफसोस होगा।
यह सुनकर रामू की हालत और भी ज्यादा खराब हो गई उसने देखा कि अन्नू एक मोटा सा डंडा लेकर आई और उसे बांधकर लटका दिया गया । और उसे बुरी तरह से थर्ड डिग्री टॉर्चर को सहना पड़ा अनु से तब तक मरती रही जब तक कि वह बेहोश ना हो गया और बेहोश होने के बाद भी उसने उसे नहीं छोड़ा जहां जहां पर उसे घाव आए थे वहां वहां पर उसने नमक और लाल मिर्च छिड़काव कर दिया बेहोशी की हालत में भी रामू दर्द से बुरी तरह तड़प उठा ।
अनु उसके बेहोश होने के बाद वापस हॉस्पिटल को आ गई अन्नू का यही एक आदत थी वह हर अपराधी को क्षमा कर सकती थी परंतु किसी भी रेपिस्ट को वह कभी भी क्षमा नहीं किया चाहे वो कितनी भी बड़े बाप की औलाद हो। उसकी नजर में यह सबसे बड़ा अपराध है की कोई भी किसी भी लड़की के मर्जी के खिलाफ जाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए यह उसे कहीं से भी मंजूर नहीं था।
वह हॉस्पिटल में आकर ज्योति से मिली ज्योति वहां पर आकर डॉक्टर से बातचीत करके प्रेम को मुंबई ले जाने के लिए तैयार कर लिया था डॉक्टर भी खुशी से तैयार हो गए क्योंकि वहां पर प्रेम का बहुत ही अच्छी तरह से इलाज हो सकता था।
परंतु जब यह बात प्रधान और बाकी गांव वालों को पता चला तो खासतौर से हरीश को पता चली तो यह बात उसे नागवार गुजरी उसने तुरंत ही इस बात का विरोध किया। तो इस बात पर अनु ने यह जवाब दिया कि
अन्नू- अंकल मैं आपकी भावनाओं को समझ सकती हूं पर मैं आपसे यह पूछती हूं कि जब प्रेम पर झूठा इल्जाम लगाया गया था तो आपने भी तो उस बात का विश्वास कर लिया था आगे इस बात की क्या गारंटी है कि आगे किसी भी बात को लेकर आप प्रेम से नाराज नहीं होंगे और नाराज होना तो एक बात है आप लोगों ने तो उसे सजा भी दी थी जिसका नतीजा यह हुआ कि आज प्रेम की हालत अच्छी नहीं है और वह अपनी याददाश्त खो खो बैठा है और हां आप लोगों को एक बात और बता दु की मेरे साथ में यह जो लड़की खड़ी है इसका नाम ज्योति है और यह मुंबई की बहुत ही बड़े बिजनेसमैन की बेटी है और यह प्रेम जो कि बचपन में ही अपने मां बाप से बिछड़ गया था वह इसकी बड़ी बहन है और यह इसे अपने साथ मुंबई लेकर जा रही है वहां पर वह इसका इलाज कर आएगी और अपने घर वालों के साथ रखेगी।
यह बात सुनकर सब आश्चर्यचकित रह गे की अचानक ही प्रेम का परिवार उसे मिल गया और भी कोई ऐरा गैरा नहीं एक बिजनेसमैन का बेटा है।
इधर ज्योति ने डॉक्टर के साथ मिलकर प्रेम को डिस्चार्ज करने की सारी फॉर्मेलिटी पूरी कर ली।
इधर अचानक फिर से रोने की आवाज आने लगी तो अनु का ध्यान उस तरफ गया तो उसने डॉक्टर से पूछा कि
अनू- डॉक्टर साहब यह क्या हुआ है कौन रो रहा है
तो डॉक्टर ने जवाब दिया कि
डॉक्टर - इंस्पेक्टर आपने जिस लड़की को भर्ती कराया था वह आप इस दुनिया में नहीं रही उसकी मौत हो चुकी है ।
यह सुनकर अनु को बहुत ही ज्यादा दुख हुआ उसे इस बात का पछतावा रहा कि वह डाली को बचाने के लिए कुछ भी ना कर शकी
04-24-2020, 12:44 PM,
#26
RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
इस समय अनु इस बात के लिए बहुत सी पछता रही थी। वह चाह कर भी डोली के लिए कुछ भी ना कर सकी इसके लिए उसके मन में बहुत ही दुख था।
उसने अपने मन में क्या निश्चय कर लिया था कि अब चाहे जो भी हो जाए अब मैं डाली के साथ गलत करने वालों को चाहे वह उसका भाई हो या कोई और अब मैं उसे नहीं छोडूंगी।
परंतु उसे इस बात की खुशी थी कि उसके थोड़े से प्रयास के कारण एक बेगुनाह लड़के को रेप जैसे संगीन इल्जाम से मुक्ति मिल गई थी।
न्यू प्रधान जी से बोलती है कि
अन्नू- प्रधान जी आप चाहे जितना भी जोर लगा लो अब मैं उस लड़के को नहीं छोड़ने वाली हूं चाहे उसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े और उसके साथ साथ रामू के जिन दोस्तों का जिक्र डाली ने अपने पत्र में किया है उन्हें भी नहीं छोडूंगी।
प्रधान- दरोगा साहिबा मैं भी एक बेटी का पिता हूं मैं या दुख समझ सकता हूं कि एक लड़की के रेप हो जाए और रेप करने वाला और कोई नहीं खुद उसके घर वाले हो तो उस लड़की पर क्या बीती होगी और वह किन हालातों में जीने को मजबूर हो गई इस दुख को समझ सकता हूं परंतु इसका मतलब यह नहीं है कि डोली पूर्ण रूप से निर्दोष है। माना कि रामू में उसके साथ जोर जबरदस्ती किया और भी लोगों के साथ सोने के लिए मजबूर किया परंतु प्रेम के साथ जो कुछ भी हुआ है उसमें तो वह बराबर की भागीदार रही है प्रेम ने उसके साथ कुछ भी नहीं किया इसके बावजूद उसने प्रेम के ऊपर झूठा इल्जाम लगाया।
अन्नू- मैं मानती हूं कि इसमें डोली की भी गलती है परंतु इसका मतलब यह नहीं है कि आप और आपके साथ प्रेम को सजा देने वाले लोग गुनहगार नहीं हैं माना कि यह पंचायत की अपने रूल हैं परंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि आप लोगों को किसी को भी शारीरिक रूप से प्रताड़ना देने की छूट मिल गई है इसके लिए कानून है आपको कानून के पास जाना चाहिए था फिर उसमें जिसकी भी गलती निकलती उसे सजा दिया जाता।
यह सुनकर तो प्रधान जी भी सकते में आ गए उन्हें लगा कि कहीं वह भी कानून के पचड़े में ना पड़ जाए इस बात पर घबराते हुए बोले कि
प्रधान- उस समय हमें जो भी सही लगा हमने वही किया प्रेम को सजा देने की मर्जी सिर्फ मेरी ही नहीं पूरे गांव की थी
अनु- पर मैंने तो सुना है कि यह सजा अपने रामू के कहने पर दी है।
प्रधान- नहीं दरोगा साहिबा यह सत्य नहीं है यह झूठ है चाहे तो आप इसके बारे में किसी से भी पूछताछ कर सकती हैं।
अन्नू- इसके बारे में जो कुछ भी करना होगा वह तो मैं करूंगी इसके लिए मुझे कोई भी रोक नहीं सकता है यह बात आप अच्छी तरह से समझ लीजिए और हां आपको एक बात और बता दूं की प्रेम आज से और अभी से आप लोगों के साथ नहीं जा रहा है वह मेरी फ्रेंड ज्योति के साथ मुंबई जा रहा है।
उधर दिया के घर जहां अभी तक प्रेम रहता था वहां पर घर में काफी औरतों की भीड़ जुटी हुई थी सभी प्रेम को बुरा भला बोल रही थी यह कोई यह कह रही थी कि उसे इतना अच्छा परिवार मिला परंतु वह वह गुंडा और अनाथ था तो उसे परिवार कहां से रास आता तभी एक लड़का हॉस्पिटल से आता है जो गांव का ही था उसने वहां का सारा बात दीया और उसकी मां को बता दी और उसे यह भी बता दिया कि प्रेम अब कभी भी गांव नहीं आएगा उसे उसका परिवार मिल गया है और उसकी बड़ी दीदी जो कि आई हुई थी गांव में ज्योति वह उसे लेकर मुंबई जा रही है ।
यह सुनकर वहां पर कुछ लोग तो खुश हुए और कुछ लोग दुखी परंतु जब यह बात दीपा ने सुनी तो मानो उसके ऊपर पहाड़ ही टूट पड़ा उसे यह विश्वास है कि हो सके तो प्रेम की पापा और उसके पापा जब सच्चाई जाने तो प्रेम को जाने से रोके परंतु जब उसने पूरी बात सुनी और जब उसे यह पता चला कि मुझे वहां पर कोई नहीं रुका और वह शाम तक निकल जाने वाला है तो उसे बहुत ही दुख हुआ उसे लगा कि प्रेम से कभी नहीं मिल सकेगी जब उसने यह बात दिया से कहीं हमें एक बार चलकर प्रेम से जरूर मिलना चाहिए इस पर दिया बोलती है
दीया- तुमने सुना नहीं कि मेरे जाने से प्रेम की जान को और भी ज्यादा खतरा पहुंच सकता है मैं यह नहीं चाहती हूं कि प्रेम को कुछ हो मैं इस बात से संतोष कर लूंगी की मेरा भाई चाहे जहां भी है वह खुश है और अच्छा है भगवान ने एक बात और अच्छी की की उससे उसकी याददाश्त छीन ली नहीं तो वहां पर जाकर भी खुश नहीं रहता और उसे यहां की अच्छी और बुरी यादें दोनों सताती रहती जिसके कारण उसे और भी ज्यादा दुख होता और वहां पर रहना उसका मुश्किल हो जाता।
04-24-2020, 12:44 PM,
#27
RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
दीपा:- दीदी आपके यह बात तो सही है कि उसे आपको देखकर झटका लग सकता है परंतु यह क्यों नहीं सोच रही है कि अगर हम लोग से आज नहीं मिले तो शायद फिर कभी नहीं मिल पाएंगे।
सीमा:- दीया दीपा सच बोल रही है हमें चलकर एक बार प्रेम से मिलना चाहिए और उसकी दीदी बात करना चाहिए कि वह प्रेम को कुछ दिन के लिए यहां पर छोड़ दे।
दिया:- मां मेरे हिसाब से तो ठीक नहीं रहेगा किंतु अगर आप यह कहती हो कि मिल लेना चाहिए तो हम लोग उससे जरूर मिलेंगे परंतु इस बात का ध्यान रखना कि कोई भी यह बात ना करें कि उसे यहां पर छोड़ दिया जाए मेरे हिसाब से उसके घर वाले बहुत पैसे वाले हैं और वह इसका इलाज अच्छे से अच्छे से करा सकते हैं हमें तो खाने के लिए भी सोचना पड़ता है तो हम उसके लिए दवा कहां से करेंगे।
यह फैसला करके तीनों हॉस्पिटल के लिए निकल जाते हैं और वहां पर पहुंचते हैं तो तू देखते हैं कि जाने की सारी तैयारी हो चुकी थी सिर्फ को कागजी कार्रवाई बाकी थी इसलिए ही अभी तक वहां से कोई गया नहीं था ।
अन्नू उन्हें देखती है तो ज्योति को लेकर उनके पास आती है और उनका परिचय करवाती है आपस मे।
ज्योति सीमा को देखकर तुरंत ही उसका पर सोती है और कहती है कि
ज्योति:- आंटी आपने मेरे भाई की देखभाल की और उसे अपने बेटे जैसा रखा है जिसके लिए हम आपके सदा आभारी रहेंगे अगर जरूरत पड़े तो आप हमें जरूर याद कीजिएगा हम आपकी यथा संभव मदद करने की कोशिश जरूर करेंगे।
सीमा:- बेटी मुझको तुमसे कुछ बात करनी है अगर तुम चाहो तो हम अकेले में कुछ बातें कर सकते हैं।
ज्योति:- हां जी क्यों नहीं हूं जरूर बातें कर सकते है।
ज्योति अनु से बोलती है कि चलो हम लोग कहीं से नाश्ता करके आते हैं तो फिर वहां से अनु ज्योति और सीमा तीनों ही ज्योति की गाड़ी में बैठ कर एक रेस्टोरेंट की तरफ चल देते हैं। वहां पहुंचकर अनु तीनों के लिए काफी का ऑर्डर देती है और तीनों एक टेबल पर बैठ जातेहै।
ज्योति:- आंटी बोली आप क्या कहना चाहती हैं जो वहां पर आप नहीं बोलना चाहती थी।
सीमा:- देखो बेटा मैं झूठ नहीं बोलूंगी कि मैंने प्रेम को बचपन से पाला है हां मैंने उसकी 4 साल से देखभाल की है और उसे अपने बेटे के समान ही प्यार और ममता दी है। कल उसे झूठा इल्जाम लगाकर इतना सब कुछ उसके साथ किया गया और आज तो मेरी ही बेटी ने उसे मार दिया जिसके कारण उसका यह हाल हुआ है।
अन्नू:-आंटी जी दीया से मारने के लिए मैन ही कहा था कि उसे ऐसा मरना की वह बेहोश ही जाए परन्तु मुझे यह पता नही था कि ऐसा करने से उसके दिमाग पर इतना गहरा असर होगा कि उसकी यादाश्त चली जायेगी ।इसके लिए मैं आपसे माफी मांगती हु ।
सीमा:-नही बेटी इसके लिए तुम माफी क्यों मांगती यह तो अच्छा ही हुआ कि उसकी यादाश्त चली गयी जिसके कारण उसे तकलीफ थोड़ी कम होगी।किन्तु मैं कहना चाहती हु की क्या आप लोग प्रेम को कुछ दिन मेरे साथ नही छोड़ सकती है।
अन्नू:-आंटी वह पर प्रेम का इलाज अच्छे से हो सकेगा इसलिए उसे वह जाने दे ।आप को जब भी प्रेम से मिलने जा सकती है।
ज्योति:-आंटी मैं आपके दुख को समझ सकती हूं अगर आपको बुरा न लगे तो मेरे पास आपके लिए एक उपाय है ।
अन्नू:-मैं कुछ समझी नही तू कहना क्या चाहती है?
ज्योति:-आंटी अंकल क्या करते यंहा गांव में?
04-24-2020, 12:44 PM,
#28
RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
सीमा:- गांव में तो अपनी कोई खेतीवाड़ी है नहीं जो कोई काम करें वहीं एक कंपनी में काम करते हैं और उसी में अपना खर्च पानी कैसे भी करके चलाता है।
ज्योति: आंटी जी अगर आप बुरा ना माने तो मैं यह कहती हूं कि आप लोग भी मुंबई में आकर ही बस जाएं तो अच्छा होगा।
सीमा:- बेटी शहर में रहना कोई छोटी बात तो है नहीं और अपने पास बहुत ज्यादा पैसे भी नहीं है कैसे-कैसे करके तो घर का खर्च चलता है तुम ही बताओ इस हालत में हम लोग शहर में जाकर कैसे रह सकते हैं।
ज्योति:- मैं भी जानती हूं कि शहर में रहना मुश्किल है परंतु असंभव नहीं है जहां तक रही रहने की बात तो उस का इंतजाम कर दूंगी शहर में मैंने अपने नाम का एक flake ले रखा है उसे मैं आप लोग को दे दूंगी और जी बात कमाने खाने की तो उसके लिए मैं अंकल जी को एक दुकान खुला दूंगी आप यह मत समझना कि मैं आप पर कोई एहसान कर रही हूं मैं तो सिर्फ इतना ही साथी हूं कि जहां प्रेम रहे उसी के आसपास आउंगी रहे ताकि आप लोगों कम से कम यह संतोष रहे कि प्रेम जहां पर हुई है सकुशल है।
सीमा:- नहीं बेटी मैं ऐसा नहीं कर सकती इसके लिए मुझे अपने पति से पूछना होगा इतना बड़ा फैसला मैं अकेले नहीं कर सकती हूं या उनका पैतृक गांव है क्या पता कहीं ऐसे छोड़कर जाना चाहे या ना जाना चाहे।
ज्योति:- आंटी ही मुझे इस बात की कोई भी जल्दी नहीं है आप अपना सोचने का पूरा समय नहीं सकती हूं और अपने परिवार में बात करके इस बात का फैसला विकास सकती हैं अगर आपको अच्छा लगे तो अन्नू को बता दीजिएगा वह मुझे इस बात का जानकारी दे देगी और मैं वहां पर सारा इंतजाम करके आप लोग को बुला लूंगी।
अन्नू:- अब हमें यहां से चलना चाहिए हमें यहां पर आए हुए काफी देर हो चुकी है वहां पर सभी लोग हमारा इंतजार कर रहे होंगे और हमें ट्रेन को मेकर हमारे घर भी चलना है शाम को 8:00 बजे तुम्हारी फ्लाइट है।
ज्योति:- हां चलो इस बारे में तो हम बाद में बात कर सकते हैं अभी हमें यहां से चलना चाहिए।
सीमा:- बेटी तुमने मुझे बताया नहीं कि तुम प्रेम को लेकर जाओगी या उसे छोड़ कर।
ज्योति:- नई आंटी जी मेरी वहां पर हॉस्पिटल में बात हो चुकी है हमें कल प्रेम को हॉस्पिटल में दिखाना भी है। जिसके कारण हमें प्रेम कॉलेज आना होगा लेकिन आप मेरी बात पर विचार जरुर कीजिएगा अगर आपको अच्छा लगे तो सिर्फ मुझे कॉल कर दीजिएगा मैं तुरंत ही सारी व्यवस्था करके मैं आप लोगों को बुला लूंगी और हां हां दीपा से बोलिएगा कि वह चिंता न करें ।
फिर अनु बोलती है कि चलो यहां से जल्दी से हम लोगों को लेट हो रहा है फिर वहां से सभी लोग निकल लेते हैं और फिर हॉस्पिटल पहुंचते हैं तो वहां पर दिया जो कि छुपकर प्रेम को देख रही थी और देखने के साथ रो भी रही थी और दीपा उसे चुप करा रही थी।
अनु जाकर प्रधान और हरीश से मिलती है और उन्हें बताती है कि हम लोग प्रेम को लेकर जा रहे हैं और रही बात रामू की तो उसे हम लोग कल अदालत में पेश करेंगे वहां पर जो फैसला होगा वही मान्य होगा।
प्रेम के सर पर पट्टी बनी हुई थी और वह इस तरह से लोगों को देख रहा था कि जैसे किसी को पहचान ही न रहा हो
04-24-2020, 12:45 PM,
#29
RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
दीपा : दीदी आप इस बात की चिंता ना करे वह मैं देख लुंगी |
अन्नू :पर कैसे तुम मुंबई कैसे जाओगी |
दीपा ;- दीदी वहां पर मेरे रिलेशन वाले रहते हैं इसलिए मुझे वहां पर आने जाने में कोई दिक्कत नहीं है और रही बात पापा की तो जब मैं वहां पर अपने रिश्तेदार कहां जाऊंगी तो उनका कुछ पूछने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है|
ज्योति ;- चलो ठीक है दीपा हम चलते हैं और यह लो मेरा नंबर तुमने जब भी बात करने का मन करें तो मुझे कॉल कर लेना मैं कैसे भी करके उनसे बात करा ही दूंगी |
,, इसके बाद वहां से सभी लोगों विदा लेकर के अन्नू और ज्योति प्रेम को लेकर अन्नू के घर पर चल दी |
अन्नू के घर पर उसके माँ और पिता ही थे | अन्नू अपने माँ बाप की दो बेटियाँ ही थी उसके और कोई भी भाई नहीं था | अनु की एक बहन थी जिसका नाम था शालिनी और वह दिया कि बहुत ही खास सहेली थी|
अनु और ज्योति प्रेम को लेकर के अनु के घर पर पहुंचे एंबुलेंस का आवाज सुनकर के अनु की मां घबरा उठी वह यह सोचने पर मजबूर हो गई थी कि कहीं मेरी बेटी को चोट और तो नहीं आ गई या कुछ एक्सीडेंट तो नहीं हो गया ना|
वह बिल्कुल भी नहीं चाहती थी कि मेरी बेटी yh पुलिस का काम करे प्रणति अन्नू बचपन से ही पुलिस बननी चाहती थी यह उसके बचपन का सपना था जिसे वह हर हालत में पूरी करना चाहती थी और वह पूरी की जिसका नतीजा यह था कि आज इसके जैसी बहादुर पुलिस वाली पूरे डिपार्टमेंट में नहीं थी उसने बहुत से खतरनाक देशों को सॉल्व किया था|
04-24-2020, 12:45 PM,
#30
RE: Kamukta kahani प्रेम की परीक्षा
Shalini or uski maa Ghar Mein Baithe Hue TV dekh rahi thi to Awaaz sunkar Annu ki man Shalini se bolane Ki Beti jakar Dekho Bahar Kaisi Ghadi Aayi Hai aur usmein kaun hai hi aur apni didi ko bhi phone lagao.
Shalini jakrke baher dekhti h to use do gadi dikhai deti hai ek black color ki gadi thi jisme annu or jyoti thi or uske pichhe ambulance thi .Annu ko dahi salamat dekh kr vo raht ki sans leti h ki didi ko kuchh bhi nhi huq hai to uski sath me ye bat nhi ati hai ki didi phir ynha kise lekr ayi hai or jyoti didi ynha pr kya kr rahi hai.
Vah Jaati Hai Daud karke Jyoti ke Gale Lagti Hai aur FIR Unka pair chhutti hai aur puchti hai ki
Shalini:- didi Aap Yahan per Achanak Kaise a gai aap to agale mahine Aane wali thi Mere janmdin per FIR Achanak
Annu:- chal tu shant rah sari baten yhi per hi poochh Legi ya use ander bhi jane degi.pichhr gadi me iska bhai dipak hai use thodi chot lagi hai sayd tu usase bachapan me mili thi tu meri madad kr use ghar me le jane me t.
tbtk do compounder prem ko gadi se utar annu ke paas lekr ate hto use dekhe shalini ko jhatka lagta hai or turnt hi annu se bolti hai ki
Shalini:-didi ap jhuth ku bol rhi hai yh koi joti didi ka bahi nhi varn mai to ise bhut achhi trah se janti hu yah to meri saheli diya ka god liya hua bhai hai or isase bhi Badi Baat yah Hai Ki aaj main aur Diya donon Jinda Thodi Hain iski vajah sirf yahi hai Prem.
Annu. Yah Baat To acchi Tarah Se Janti thi ki. Diya Jab iski Saheli Hai to yah Prem Ko Janti Hogi uske chukne ka Karanyah nhi tha ki vah Prem Ko pahchanti Hai. Vah is Baat se chuki thi ki prem ne kuchh aisa kiya tha ki jiske karn shalini or diya dono hi aj sahi salamat hai.
Annu:- abhi Ham Ish bare Mein bad mein baat karenge abhi to tum meri madad kro ise ghar me le chalne me.
Yah sunkar Shalini bahut Gambhir Mudra Mein Aakar ke Prem Ko pakad kar ghar mein le Jaati Hai Jahan Jyoti aur uski donon baithkar aapas Mein baten kar rahi thi aur Jyoti unhen kya batane Mein Lagi hui thi ki kaise dipak ko chot lagi hai
Annu Jo vahan per Prem Kolekr ati hai or sofe pr baitha deti hai or apni maa ke pass jakr baith jati hai or maa se bolti hai ki
Annu:- man aaj main bahut jyada hi thak gayi hun aur sath mein Jyoti bhi I hui hai aur yah bhi thaki Hui Hai To Kya Ek coffee Pila sakti ho
Annu mom:- han beti ismein Kuchh poochhne Ki Baat Hai .mai abhi bna kr lati hu . Shalini chal Jara Tu Meri madad Kara De.
Annu:-nhi maa tu ise mat lekr jaa mujhe isase kuchh bat krni hai
Annu mom:-ok tu bat kr mai abhi ati hu or beti yhi joti ka bhai hai na jise chot lag gyi hai .
Annu :-haa maa yhi hai abhi yh kuchh der rukega phir tu ise dekh lena achhi trah.
Annu apni Man Ko jaldi se isliye bhejna chahti thi ki Kyunki Dar tha ki ki Kahin Shalini sach na bol de nhi to jo hm soch rahe ki dipak ki jagh prem ko le jakr ghr pr milane ko vh plan khi bekar na ho jaye . Ager bat khul jaye ki dipak is duniya me nhi hai to uske sath koi or jindgi bhi khatm ho jayegi
Deepak ko mare hue aj mahine se upar ho gaya hai lekin aaj tk hm dono ki himmat na hui h ki jyoti ke ghar jakr sach bol sake.
Jab Annu kimaa vha se chali jati hai to Annu shalini se bolti hai ki
Annu :-dekh meri pyari bahna yh ladka Dipak nhi prem hai is bat ko hmare siwa kewal tum hi janti ho or koi bhi nhi janta hai .Jb tk mai na khu tbbtk tum is bat ko kisi se bhi nhi bologe chahe vh koi bhi puchhe.jahir si bat hai ise ynha pr chot lagi h to tujhse koi bhi call krke puchh sakta hai Dipak ko chot kaise lagi to tu bs itna hi kahna ki mai kuchh bhi nhi janti mai to isase mili bhi nhi thi iske bare me annu di hi janti hai.
Shalini: lekin didi Meri ek baat samajh mein nahin a rahi hai ki aap log Prem Ko Deepak Banakar Jhooth Kyon bolna chahti Hain Agar kal ko Deepak Wapas a Gaya to aap log kya bologi
Shalini ki yah Baat sunkar ke Jyoti Rone lagti hai aur bolati hai ki
Jyoti:- Deepak kabhi bhi Wapas Nahin a sakta hai


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