RE: Kamukta Story कामुक कलियों की प्यास
ललिता की बात सुनकर दोनों हक्के-बक्के रह जाते हैं।
अशोक- भाई, यह तो बहुत तेज़ निकली, हम तो सपने में भी नहीं सोच सकते थे कि यह सब जानती है। अगर यह ना बताती तो…!
शरद- इतना जानने के बाद यहाँ रुकी क्यों हो और रचना को क्यों नहीं बताया?
ललिता- तुम लोगों के बारे में सब कुछ जान गई थी, मगर दीदी ने किया क्या?
यह अब भी समझ के बाहर था। यह तो पक्का हो गया था कि सिम्मी की मौत की ज़िमेदार वो थी, पर अंकित और सुधीर का क्या रोल था, वो मुझे आज पता चला।
अब मुझे रचना से और ज़्यादा नफ़रत हो गई है।
शरद- और ज़्यादा से क्या मतलब है?
ललिता- मैं नफ़रत करती हूँ रचना से.. आई हेट रचना.. आपके प्लान के बारे में जानकर मुझे ख़ुशी हुई, कि अच्छा हो रहा है, शी इस बिच…!
शरद- ये क्या बोल रही हो, वो तुम्हारी बहन है…!
ललिता- बस नाम की बहन है कुत्ती कहीं की, हमेशा मुझे नीचा दिखाने की कोशिश करती है। पता है कोई उसके सामने मेरी तारीफ कर दे तो आगबबूला हो जाती है। मुझे अपने से अच्छी ड्रेस नहीं पहनने देती और तो और लेसबो भी उसका एक नाटक था, बस ताकि मेरे मम्मे दबा कर उनको बड़ा कर दे वो, ताकि मुझसे ज़्यादा टाइट मम्मे उसके रहें, अब मैं आपको क्या-क्या बताऊँ? उसको तो इतना जलील करो कि मुझे सुकून आ जाए।
अशोक- ओह माय गॉड.. ये साली रचना है क्या? आख़िर सग़ी बहन से जलती है।
शरद- हाँ ललिता अब मुझे यकीन हो गया कि तुम सही बोल रही हो, चलो बाहर चलो तुमको उसका तमाशा दिखाता हूँ और हम उसको बड़ी भयंकर सज़ा देंगे।
ललिता- एक बात कहूँ प्लीज़ बुरा मत मानना उसको जान से मत मारना, जैसे भी है, पर है तो मेरी बहन न… प्लीज़ बस मेरी ये बात मान लो…!
शरद- नहीं ऐसा नहीं हो सकता, मौत का बदला मौत, मैं उसको तड़पा-तड़पा कर मारूँगा।
अशोक- नहीं शरद ये सही कह रही है, उसका गुरूर उसकी खुबसूरती पर है, उसको इतना जलील करेंगे और चोद-चोद कर साली का हुलिया बिगाड़ देंगे, तब आपने आप उसको सज़ा मिल जाएगी।
ललिता- हाँ शरद जी उसकी कमज़ोरी यही है, उसके सामने किसी की तारीफ करो तो गुस्से में आगबबूला हो जाएगी। जब कुछ कर नहीं पाएगी तो रोएगी उसे इतना रुलाओ कि आँखों में गड्डे पड़ जाएं।
शरद- हाँ ये सही रहेगा… अब चलो बाहर उसका तमाशा बनाते हैं। सब वहाँ पहुँच जाते हैं जहाँ सैट लगा था। धरम अन्ना की नज़र ललिता पर जाती
है तो उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक आ जाती है और ललिता भी धरम अन्ना को देख कर शॉक्ड हो जाती है, उसका मुँह खुला का खुला रह जाता है।
शरद- धरम अन्ना अब शुरू करो यार ये ललिता है रचना की बहन।
धरम अन्ना कुछ नहीं बोलता और बस मुस्कुरा कर ‘हैलो’ बोल देता है।
शरद को थोड़ा अजीब लगता है कि धरम अन्ना ने ललिता को नज़र भर कर क्यों नहीं देखा और ना ही उसके चेहरे पर हवस आई, पर इस समय वो कुछ पूछ कर समय खराब नहीं करना चाहता था।
धरम अन्ना एक आदमी को बोलता है कि बेबी को बुला लाओ। सचिन भी रेडी था। रचना बाहर आ जाती है उस मैक्सी में वो बड़ी गजब की लग रही थी।
धरम अन्ना- आओ बेबी यहाँ लेट जाओ, देखो सीन ऐसा होना कि तुम को बहुत ठंड लगना, हीरो आएगा… डायलोग तुमको पता है न…!
रचना- हाँ सर मैंने सब याद कर लिए हैं।
धरम अन्ना- ओके शुरू करते हैं।
सब ने रचना को बधाई दी और रचना ने अशोक पर ध्यान नहीं दिया, पर सचिन को गौर से देख रही थी क्योंकि धरम अन्ना उसको सीन समझा रहा था। रचना अपने मन में सोचती है हीरो तो ठीक-ठाक सा है, काश शरद हीरो होता मज़ा आ जाता। सीन शुरू हो जाता है सचिन आता है रचना बेड पर सोई रहती है।
सचिन- जान क्या हुआ तुम्हें..! ऐसे कांप क्यों रही हो?
रचना- मेरे साजन मुझे बहुत ठंड लग रही है मेरी जान निकल रही है… प्लीज़ कुछ करो…!
सचिन- हाँ जान अभी लो मैं अपने जिस्म की गर्मी से तुम्हें आराम देता हूँ।
सचिन ने उस समय लुँगी और टी-शर्ट पहना था जैसे नाइट-ड्रेस होता है। वो टी-शर्ट निकाल कर उसके पास लेट जाता है और उसको अपने से चिपका लेता
है।
धरम अन्ना- वेरी गुड शॉट करते रहो, ये सीन हमको एक ही टेक में पूरा करना है ओके…!
सचिन रचना के होंठों को चूसने लगता है। ये रचना को अजीब लगता है पर वो उसका साथ देने लगती है। अब सचिन रचना के मम्मे को सहलाने लगता है और अपनी लुँगी को थोड़ा ऊपर करके अपना लौड़ा निकाल लेता है। उसका लौड़ा भी अशोक के जितना ही 8″ का था। वो रचना की मैक्सी ऊपर करके उसके ऊपर आ जाता है और लौड़ा चूत पर टिका देता है। रचना को अब समझ आता है कि ये क्या हो रहा है। वो जल्दी से उसको धक्का देकर अलग कर देती है और अपने कपड़े ठीक करके बैठ जाती है। सचिन को कुछ समझ नहीं आता।
धरम अन्ना- कट… क्या हुआ बेबी…?
रचना- सर ये वो…वो…!
धरम अन्ना- अरे क्या हुआ खुल कर बोलो जी…!
रचना- सर ये सच में मेरे जिस्म को मसल रहा है और असली सेक्स कर रहा है।
धरम अन्ना- बेबी हम तुमको पहले बोला था ना… तुमने कॉंट्रेक्ट साइन भी किया
था, अब क्या प्राब्लम जी..?
रचना- मैं समझ सकती हूँ बोल्ड सीन देना और रियल में सेक्स करना… इसमें फ़र्क होता है ना… बस ऊपर-ऊपर से करने को कहो मैं मना नहीं करूँगी…!
धरम अन्ना- बेबी ये हॉट मूवी होना… अगर इतनी शर्म आती तो कोई धार्मिक रोल करो ना… यहाँ क्यों आई हो हा हा हा…!
धरम अन्ना के साथ सब हँसने लगते हैं, ललिता भी हँसने लगती है, जिसको देख कर रचना का चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है।
रचना- ललिता क्या तमाशा हो रहा है यहाँ? क्यों हंस रही हो और शरद जी आप कुछ बोलते क्यों नहीं हो…?
शरद- मैं क्या बोलूँ, मैंने तुमको सारी बात पहले बता दी थी। अब तुमको ये रोल नहीं करना तो मना कर दो, ललिता कर लेगी क्यों ललिता क्या कहती हो…!
ललिता- हाँ शरद जी मैं तैयार हूँ।
रचना- ललिता की बच्ची शर्म कर… अपनी बहन का रोल छीनना चाहती है… और शरद जी ये कैसी फिल्म है जिसमें रियल सेक्स होता है… हाँ.. जवाब दो मुझे…!
शरद- जान तुम बात को समझो, एक मिनट मेरे साथ रूम में चलो, मैं सब समझा देता हूँ तुमको…!
रचना गुस्से में रूम में चली जाती है।
शरद- जान तुम बात को नहीं समझ रही हो, ये सेक्स सीन फिल्म में नहीं है। बस ऊपर-ऊपर से जो हीरो किया वही दिखाया जाएगा ये तो बात क्या है ना कि सचिन गर्म हो गया तो बस ऐसी हरकत कर बैठा तुम शायद जानती नहीं कई बड़ी हिरोइन के साथ हॉट सीन करते समय हीरो गर्म हो जाता है और उसको रियल में चोद देता है… इट्स नॉर्मल बेबी…!
रचना- मैं नहीं मानती ये सब…. मुझे नहीं करना कोई फिल्म…!
शरद- तो ठीक है ललिता कर लेगी।
रचना- शरद जी ललिता नहीं करेगी…. रियल सेक्स सब के सामने करना कोई मामूली बात नहीं है।
शरद- देखो तुम जल्दी फैसला करो, ललिता सच में कर लेगी। अब तुम सोच लो क्या करना है?
रचना- ओके ललिता से ही करवा लो, मुझे नहीं करना..!
शरद कुछ नहीं बोलता और बाहर आकर धरम अन्ना को सब बता देता है पर ललिता का नाम सुनते ही धरम अन्ना का गला सूख जाता है।
धरम अन्ना- यार ये कैसे करेगी जी नहीं ये गलत है। रचना ने पेपर साइन किया है।
शरद- तुमको क्या हो गया है धरम अन्ना? क्या बकवास किए जा रहे हो? वो आ जाएगी बाहर।
ललिता- शरद जी आप रूको मुझे सर से एक मिनट बात करने दो।
ललिता धरम अन्ना के पास जाकर खड़ी हो जाती है और धीरे से उसके कान में बोलती है।
ललिता- सर डरो मत, मैं किसी को कुछ नहीं कहूँगी.. ऐसे घबराओगे तो सब को शक हो जाएगा। जैसा शरद जी कह रहे हैं करो ओके…!
अशोक- ये क्या काना-फूसी हो रही है?
धरम अन्ना- कुछ नहीं जी हम सब समझ गया हिरोइन चेंज होना जी.. जाओ उस बेबी का मैक्सी ललिता को पहना दो, अब न्यू हिरोइन ये होना जी…!
धरम अन्ना के बोलने से कुछ सेकण्ड पहले रचना बाहर आ गई थी। वो अब भी गुस्से में थी।
रचना- नहीं धरम अन्ना सर हिरोइन तो मैं ही रहूंगी, ये ललिता को क्या आता है? ना शकल ना अकल…. ये करेगी मेरा मुकाबला? आप शॉट रेडी करो मैं तैयार हूँ।
रचना की बात सुनकर सब के चेहरे पर एक स्माइल सी आ गई क्योंकि वो सब यही चाह रहे थे।
धरम अन्ना- ओके बेबी गुड वेरी गुड जाओ वहाँ लेट जाओ।
रचना उसी पोज़ में वहाँ लेट जाती है और सचिन उसके शरीर से खेलने लग जाता है। उसके मम्मे दबाने लगता है, रचना भी उसकी पीठ पर हाथ घुमा रही थी।
सचिन- आ..हह.. जानेमन क्या मस्त मम्मे हैं तेरे… मज़ा आ गया…!
रचना कुछ नहीं बोल रही थी मगर सचिन का बराबर साथ दे रही थी। अब सचिन का कंट्रोल आउट हो गया था। उसने रचना की मैक्सी निकाल दी और खुद
भी नंगा हो गया।
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