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RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
पूजा...है तुम्हारे लिए ये लाई हूँ.........
शास...कया है इसमे...??????
पूजा ...देखा लो ना...अओर पास पड़ी टेबल पर रख दिया.....
शास ने पास जाकर देखा..अओर गिलास मैं गरम दूध देखकर....उसे पूजा की बताईं याद आ गयी और मुस्कुरा कर पूजा की अओर देखा..... हां तो दूध लाई हो..???????
पूजा ने शर्मा के करें धीरे से मुस्कुरा कर नीचे गर्देन करके आँखे नीचे कर ली.....शास ने पूजा के हाथ अपने हाथों मैं लेकर चूम लिया.....पूजा का चेहरा शर्म से लाल हो गया .....शास ने पूजा का चेहरा हाथों मैं लेकर, पूजा की आँखों मैं देखा....अओर धीरे से कहा...तुम कितनी अच्छी हो पूजा..???? पूजा ने आँखें उठाकर देखा अओर मुस्कुरा दी......
पूजा...शास तुम ये दूध पीकर नीचे आ जाओ...मेरा बार बार यहाँ आना ठीक नही है.....
शास...केयूं..????
पूजा...कोई देखलेगा तो कया कहेगा..????
शास...कया कहेगा....यही कि पूजा अपने शास से मिलने आई है अओर कया...?????
पूजा...बड़े ही दार्शनिक अंदाज मैं...नही शास,...ये दुनिया,ऐसी नही है.....???
शास...तो कैसी है...??????
पूजा....छोड़ो शास...तुम नही समझोगे.....जल्दी से नीचे आ जाना.....मैं नीचे जा रही हूँ.
शास...पूजा के होंठ चूमकर...जानू तूमे उदास आछी नही लगती....मुस्कुरा कर तो जाओ...
पूजा एक कतिलि मुस्कुराहट छोड़कर दरवाजे से बाहर निकल गयी.....शास ने मुस्कुरकर दूध का गिलास उठाया.....अओर धीरे धीरे मुस्कुराते हुवे पीने लगा... सायेद उसे पूजा की बताई उसके मूमी-पापा की दूध की बात याद आ रही थी......
शास दूध पीते हुए सोच रहा था की पूजा कितनी भोली है....दूध मैं से भी पूजा की चूत वाली केशर की गंध आ रही थी.....एसलिए शास दूध को मस्त होकर चुस्किया लेकर पी रहा था.......
शास ने दूध ख़तम कर....कपड़े बदेले.....अओर नीचे आ गया.....उसकी आँखें पूजा को ढूँढ रही थी.....काफ़ी देर हो गयी पर शास को पूजा कही नज़र नही आई......सीमा भी अभी ब्य्टिपार्लर से नही लौटी थी.....दोप-हर के बाद लगभग 4 बज चुके थे पर पूजा शास को नज़र नही आई.....अओर अभीतक सीमा भी नही लौटी थी...शास परेशान सा हो गया.....अओर उप्पेर के रूम मैं जाकर बेड पर लेट गया....कुछ ही देर मैं उसे नींद आ गयी अओर शास सो गया........
जब शास की आँखें खुली तो नीचे काफ़ी शोर हो रहा था वो नीचे गया....वहाँ पर काफ़ी गहमा-गहमी हो रही थी.....उसे पता चला की बारात आ गयी है अओर उनके नाश्ते एत्यादि की तय्यरी चल रही है एसीलिए ये शौर-शराबा हो रहा है.....शाम के लगभग 6 बज चुके थे.....सीमा भी ब्य्टिपार्लर से लौट चुकी थी.....सीमा अपने रूम मैं अपनी सहेलियों से घिरी बैठी थी.........
शास सीधा....सीमा के रूम मैं गया.....अओर सीमा की सुंदरता को देखत ही रह गया......कितनी सुंदर है सीमा दीदी ये तो उसने आज ही जाना था......मानो आसमान से परी उतार आई हो.....शास सीमा दीदी के पास गया.......
शास...सीमा दीदी...???????
सीमा....सीमा ने आँखें उठाकर शास की अओर देखा....बड़ा उदास सा लग रहा था....कया बात है शास...??????????सीमा ने अस्चर्ये से शास से पूछा...???????
शास...कोई बात नही..दीदी....आपने बड़ी देर! कर दी , बहुत ही देर के बाद लौटी है....बड़ी सुंदर लग रही है. आप दीदी...?????
सीमा ...सच शास......???
शास...रियली दीदी....सीमा की सहेलिया हंस पड़ी....हमारी बन्नो लाखो मैं एक है.....कहीं नज़र ना लग जाए किशी की....
सीमा ..... ने शर्मकार आँखें नीचे करके मुस्कुरा दी....उसकी गालो पर शर्म की लालिमा शाफ़ नज़र आ रही थी....शास का पुन्ह ध्यान आते ही सीमा को पूजा का ख़याल आया......अओर शास के चेहरे की अओर देखाकर उसकी उदासी का कारण पढ़ने लगी..........
सीमा....पूजा कहाँ है शास...????
शास... मालूम नही दीदी....मैं भी काफ़ी देर से डुनध रहा हूँ.....पर कहीं नज़र नही आई.....लागफग 2-3 घंटे से गायब है........
सीमा सोचने लगी...मेरे जाने के बाद कया हुवा होगा ????? जो पूजा गायब है.....उसके मंन मैं काफ़ी बाते आने जाने लगी.....अपनी दूसरी सहेलियो केआमने वह शास से अओर कुछ पूछ भी नही पा रही थी.......
सीमा सोचने लगी कहा गयी होगी पूजा,??? सायेद मूमी को कुछ पता हो यही सोच कर सीमा ने शास से कहा, शास ज़रा अपनी मामी को तो बुला लाना........
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RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
चुदाई का सिलसिला पार्ट -7
शास दूसरी तरफ गया जहाँ पर मामी शादी के कार्यो मैं बिज़ी थी.....शास ने मामी के पास जाकर कहा ममीज़ी आपको सीमा दीदी बुला रही ही....
मामी...कयूं...???
शास... मालूम नही...सायेद पूजा के बारे मैं कुछ पूछना है........
मामी... अर्रे है..... मैं तो भूल ही गयी थी उसका भाई आया था अचानक उसकी मम्मी की तबीयत ज़यादा खराब हो गई अओर उसे हॉस्पिटल ले जाना पड़ा इसीलिए पूजा को लेकर गया है....और मामी सीमा के रूम मैं गई.......
सीमा पूजा की मम्मी की तबीयत ज़यादा खराब है....उसका बही लेगया है......ये कहकर मामी फिर वापस चली गयी........
सीमा...ओह!!!!!!!!!
लॅकिन सीमा पूजा के बारे मैं शास से बात करना चाहती थी...एसलिए...मौके तो तलाश रही थी......बाहर बारात आ चुकी थे...वे लोग नाश्ता कर रहे थे.......बारात के साथ बहुत सी लॅडी भी आई थी.....मगर वे अलग से नाश्ता कर रही थी......
सीमा...शास...उपर के रूम मैं कोन है.......?????
शास...कोई नही दीदी.....लॉक है अओर चाबी मेरे पास है....
सीमा...ओह !!! मुझे टाय्लेट जाना है चलो ज़रा दरवाजा तो खोल देना.....अओर अपनी सहेलियो की अओर इशारा करते हुए....मैं अभी आई.........अओर उपर के रूम की तरफ चल दी......शास भी साथ साथ चल दिया.....उपर पहुँच कर....शास ने दरवाजा खोल दिया...... सीमा अओर शास दोनो रूम मैं चले गये.......सीमा ने पीछे से दरवाजा लॉक कर दिया.....
शास...सीमा दीदी आज तो आप गजब ढा रही हो....
सीमा...अच्छा .!!!!! शास तुम्हे भी पता चल गया कि कोन गजब ढा रहा है..????
शास...आपने ही तो सिखाया है ना दीदी.......दी सच कहूँ बहुत देर से अलग से बात करने की सोच रहा था पर समय ही नही मिल पा रहा था.....
सीमा...बोलो ना शास कया कहना है....?????
शास...दीदी कया मैं एक बार आपके होंठो को चूम सकता हूँ, ??? मैं अपने को रोक नही पा रहा हूँ.............
सीमा...किसने रोका है शास मैं तो खुद कबसे तुमसे अलग से बात करना चाह रही थी...ये टाय्लेट तो एक बहाना बनाया है......
शास...कया ????? दीदी सच मैं...?????
सीमा... हाँ शास.....तुमने जो सुख रात मैं दिया है मैं कभी नही भूल पाऊँगी......
शास ने सीमा के चेहरे को अपने हाथों मैं लेकर धीरे से सीमा के होंठ चूम लिए.....बड़े ही टेस्टी है......हनी की तरह स्वीट भी है......
सीमा...कुछ अओर चूमने की इच्छा नही है....???????
शास....है तो दीदी...मैं तो डर रहा था....आज आपकी शादी है...कही दीदी बुरा ना मान जाए...????
सीमा...शास ये तूने कैसे सोच लिया कि मैं तुम्हारी किसी बात का बुरा मानूँगी..????? शास ये सीमा दीदी अपने इस शास की पहले ही हो चुकी है....अब भी है...अओर कल भी रहेगी.....तुम मुझे कभी भी किशी भी समय कुछ भी कह,... या कर सकते हो...समझ गये ना शास....???????????????
शास...जी दीदी...अओर कह कर शास ने सीमा को बाँहो मैं भर लिया.....
सीमा....शास थोड़ा धीरे और ये ध्यान रख कर की ये मेकअप खराब नही हो......
शास...फिर तो दीदी मैं आपके ये कपड़े ही उतार देता हूँ...जिससे....मैं संभाल कर धीरे से ही कुछ कर सकूँ........अओर शास ने सीमा के सभी कपड़े उतारने सुरू कर दिए....कुछ ही देर के बाद सीमा शास के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी....अओर शास......?????
और शास निहार रहा था सीमा दीदी के इस कमसिन जिस्म को.....भगवान ने कया खूब बनाया था .....भारी,सुडोल गोलगॉल कसी हुई चुचियाँ... सुरहिदार गर्देन....नैन नखश दिल को घाएल कर जाएँ आह! होंठ जिनसे शहद (हनी) टपक रहा था.....शास का लंड झटके मारने लगा था......सीमा ने आज अपनी चूत को रेजर से शायद सॉफ किया था.....कितनी सुन्दर लग रही थी.....शास का खाने को मन कर रहा था.....
सीमा...शास जो भी करना है आज जल्दी करना है...थोड़ी देर होने पर सब हमे ढुड़ने लगेंगे......तुमने पूजा के साथ कुछ किया था कि नही...?????????
शास...हाँ दीदी पूजा बड़ी ही मस्त लड़की थी अओर उसकी चुचियाँ अओर चूत तो बड़े ही मजेदार थी....मन करता था कि पूजा की चूत को तो बस चूस्ता ही रहू...उसकी चूत की गंध तो कॅशर जैसी थी दीदी......
सीमा... चुदाई भी की नही या बस चूमते ही रहे...????????
शास...नही दीदी दो बार चुदाई भी की...बड़ा मज़ा आया....दीदी......
सीमा...कया मेरी चूत की गंध अच्छी नही थी.....????
शास...कया बात करती है दीदी....कया स्वदिस्त (डेलीशियस) टेस्ट है.....बस बता नही सकता हूँ.........
सीमा...अब शास जल्दी से एक बार अओर मुझे चोद दो......आज देर नही लगा सकते है....सब हमे ढूँढते हुवे यही आ जाएगे......अब जल्दी से अपना ये लंड मेरी चूत मैं डाल दो.....अंदर ही अंदर बड़ी खुजली हो रही है.....बस दो मिनुट मैं ही मेरा पानी निकाल दो....
शास...पर दीदी इतनी जल्दी कैसी होगा.....कम से कम आधा घंटा तो चाहिए ही..???????
सीमा ...नही शास ये नही हो सकता है....तुम जल्दी से अपना लंड मेरी चूत मैं डाल दो अओर सीमा बेड पर दोनो टाँगे चौड़ी करके लेट गयी....
शास...दीदी कया इतनी जल्दी मैं आपको हो जाएगा..????????????
सीमा...तुम जल्दी करो शास....आज देर करने का समय नही है....अओर देखो...ये मेकअप खराब ने होने पाए...नहीं तो सब गड़बड़ हो जाएगी.......
शास...ठीक है दीदी....अओर शास सीमा की टॅंगो के बीच मैं आया अओर सीमा की चूत को मस्ती मैं चाटने लगा.........
सीमा...शास जल्दी से अपना लंड डाल दो....चाटने का समय नही है....
शास...दीदी थोडा स्वाद तो ले लेने दो....बाद मैं तो समय मिलेगा नही....
सीमा...हस्ते हुए...शास...मैं एक दो दीनो मैं लौट आउन्गि तब खूब स्वाद ले लेना....बस अब तो मुझे जल्दी से चोद दे.....
शास...तब तो दीदी जीजू ने सारा स्वाद चूस लिया होगा..????
सीमा...अर्रे नही...ऐसा नही होगा....सीमा को समय की नज़ाकत का पता था...उसने शास को मुस्कुराते हुवे कहा अच्छा वादा करती हूँ...चूत का रस तेरे लिए ही संभाल कर वापस ले आउन्गि.....
शास...ठीक है दीदी....अओर शास ने आपना मोटा, तगड़ा,,फुनफुनता हुवा लंड सीमा की चूत के मूह पर रखा दिया......अओर अंदर को दबाव बढ़ाया.....पर लंड अंदर नही गया....शास ने दुबारा लंड को चूत पर अड्जस्ट करके सीमा की चुचियाँ मूह मैं भरकर एक जानदार धक्का मार दिया........अओर सनसनता हुवा आधा लंड सीमा की चूत मैं समा गया.....सीमा की सिसकारी निकल गयी....आउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआ आआआअ.........ईईईईईईईईएउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म म्म्म्मममम शास तुम्हारा लंड तो रात से भी मोटा हो गया लगता है.....बहुत दर्द कर रहा है........अभी रूकजाओ...अओर अंदर नही करना......मगर शास....उसने तो सीमा की चुचियो का दूध पीते हुवे दुसरा एक अओर जोरदार धक्का लगा...दिया......सीमा अगर खुद ही अपना हाथ अपने मूह पर ना रख लेती तो उसकी चीख की आवाज़ दूर तक जा सकती थी.......आआआअहहययययययययययययययी य्य्य्यीईईईईईईईईईईईउउउउउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म म्म्म्ममम स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स सस्स म्म्म्माआआआआअरर्र्र्र्ररर ह्षियैआइयैआइयीयीयियी द...आ...ल्ल्ल....आआ...मगर शांत शास मस्ती मैं दूध पीटा रहा........... .दोस्तो ये पार्ट यहीं ख़तम होता है फिर मिलेंगे अगले पार्ट के साथ
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RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
चुदाई का सिलसिला पार्ट -८
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा पार्ट ८ लेकर हाजिर हूँ दोस्तो ये होती है समय की चाल, उधर सीमा का दूल्हा....जनवासे मैं सीमा की कल्पनाओ मैं खोया था....कयूँकी वह सीमा को पहले ही देख चुक्का था...अओर सीमा के सुंदरता पर फिदा था.....ना जाने कितनी कल्पनाए वो सजो रहा था कितनी खुशियाँ थी वहाँ पर , अओर इधर, सीमा अपनी चूत मैं अपने ही छोटे भाई का लंड अपनी चूत मैं लेकर उसको फडवा रही थी.....
कुछ देर मैं सीमा की चूत भी पानी छोड़ने लगी अओर वो उछल-उछल कर शास के लंड को पूरा अपनी चूत मैं ले रही थी.....ज्यूँ=ज्यूँ शास के धक्को के स्पीड बढ़ रही थी...वेसे वेसे सीमा के चूतदो की उप्पेर-नीचे होने की रफ़्तार भी बढ़ रही थी....सीमा के दोनो हाथ शास के चूतड़ो पर उसको अओर स्पीड देने की कोशिस कर रहे थे.....उउउउउउम्म्म्म्माआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउ उुउउक्कककककचह जैसे कामुक ढूनो की गूँज मैं शास राजधानी की स्पीड मैं सीमा को चोद रहा था....लगभग 5 मिनुट मैं ही सीमा ने लंबी सांसो के साथ....पानी छोड़ दिया.....उउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्मा आआआआआआआआआआआआआआआआअहह हह............................................ ...............सीमा धीरे धीरे शांत होने लगी थी पर शास की स्पीड ज्यों-की-त्यों दना डन चल रही थी...मगर शास अभी पानी छोड़ने से कोषो दूर था....
शास का लंड सीमा की चूत मैं जोरदार धक्को के साथ अंदर बाहर हो रहा था...सीमा पानी छोड़ने के बाद शांत हो चुकी थी.....उसे अब नीचे जाने की जल्दी थी.....
सीमा...शास प्लीज़ अब रहने दो देर हो रही है.....
शास... मगर दीदी, अभी तो मेरे पानी निकालने मैं काफ़ी देर है......
सीमा...इसलिए तो कह रही हूँ....अब अपना लंड चूत से निकल लो.....आज इतना ही समय था.....जल्दी नीचे जाना है....सब इंतजार कर रहे होंगे,....बाद मैं कभी फिर अपना पानी निकाल लेना.......बेचारा शास ....मन मसोष कर रह गया.....उसे अपना लंड सीमा की चूत से निकलना पड़ा.....अओर फौच की आवाज़ के साथ फुनफुनता हुवा लंड बाहर निकल आया ....उसने देखा...की सीमा की चूत अभी तक पाइप की तरह खुली हुई है....
शास...पर कया दीदी मैं तुम्हारी इस राशीली चूत का रस तो पी सकता हूँ...बड़ी ही अच्छी लग रही है....झील की तरह खुली हुई रसीली चूत......
सीमा...तुम्हारा लंड ही इतना मोटा अओर बड़ा है ये तो झील बनाकर ही छोड़ता.....
शास ....तो दीदी मैं इस मे जीभ डालकर चूस लू ???????????
सीमा...नही शास अभी नही...अब मैं नीचे जाती हून...कभी बाद मैं जी भरके पीलेना........ अओर सीमा बाथरूम मैं चली गयी......इधर शास का टाइट लंड फुन्फुना रहा था.....उसकी अकड़न से शास को अब परेशानी हो रही थी....चूत के लेस्श (लसलषा पानी) मैं सना हुवा था......तभी सीमा बाथरूम से वापेस आई.....अओर शास के टाइट हो रहे लंड पर नज़र पड़ते ही मुस्कुरकर बोली......कितना अकड़ रहा है....अगर अभी समय होता तो फिर से चूत मैं डाल लाती.....अओर मुस्कुराते हुवे दरवाजे से बाहर निकल गयी......शास बेचारा....अपने इस टाइट आकड़े हुवे लंड को लिए बैठे रहा.....लंड अकड़ कर दर्द कर रहा था.....
हिम्मत करके शास उठा अओर बाथरूम मैं जाकर ठंडे पानी की टोंटी लंड पर खोल दी.......थोड़ी देर मैं लंड की अकड़न कम हुई अओर शास टाय्लेट के बाद बाहर निकल आया....अओर कपड़े पहन कर नीचे आ गया........
नीचे आकर शास ने देखा.....एक रूम मैं सीमा की सहेलियाँ उसे तय्यार कर रही थी...चारो अओर शादी की धूम....बाराती नस्ता करके जनवासे मैं लओट गये थे.....एक से एक सुन्दर तितलियाँ (लड़कियाँ) इधर उधर घूम रही थी.....दूल्हे की तरफ से आई हुई कुछ लड़किया अओर अओरते (लॅडीस) भी सीमा दीदी को तय्यार करने मैं सह-योग कर रही थी.... जनवासे मैं बाजा – ढोल बजे रहे थे उसी आवाज़ यहा तक आ रही थी....शास जनवासे की तरफ चला गया.....दूल्हा एक घोड़ी पर सवार होकर बारह-द्वारी..(वर-माला) के लिए चल दिया था...जिसके आगे बाजे वाले अओर ढोल वाले अपनी अपनी धुँए बजा रहे थे कुछ लड़के सामने डांस करते हुवे चल रहे थे..... लाइटों से सारा एरिया चमक रहा था...उस पर वीडियो रेकॉर्डिंग की लाइट, फोटोमेन की लाइट आँखों को चुन्धिया रही थी....दूल्हा एक सुंदर सजीला नोजवान रोबीला चेहरा, सर पर पगड़ी अओर मुकुट, बड़ा ही सुन्दर दिख रहा था....आसपास की लॅडीस दूल्हे की तारीफों के पुल बाँध रही थी.....बड़ी सुन्दर जोड़ी रहेगी....सीमा के पिता ने अच्छी जोड़ी मिलाई है.....एत्यादि शब्द सुनाई दे रहे थे.....दूल्हे के साथ कुछ लड़कियाँ अओर अओरते (लॅडीस) भी चल रही थी......शास की नज़र बार-बार जाकर एक लड़की पर रुक जाती.....जो उसे पूजा से कही अधिक सुंदर नज़र आ रही थी....मानो उपेरवाले ने बड़ी ही फुरशत के साथ उसे बनाया होगा.....20-21 साल की....नाज़ुक सी....पर उसकी चुचियो के उभार...शास को आकर्षित कर रहे थे ...उसके चलने का अंदाज अलग था....उसके देखने का अंदाज...निराला कातिल था..... उसकी सुंदरता की बिजलियों का असर अब शास पर पूरी तरह से हो चुक्का था.....चलते हुवे बड़े ही अंदाज से उप्पेर नीचे होते चूतड़....शास का लंड पता नही कब...हरकत मैं आकर डॅन्स कर रहा था......शास के पेंट मैं फँसे लंड का उभार दूर से ही नज़र आने लगा था....शास की नज़रे उसी लड़की पर जम गयी थी....कई बार...उस लड़की ने शास की अओर देखा....पर कोई प्रतिक्रिया नही दी....जब शास लंड को काबू मैं नही रख पाया तो वहाँ से घर की तरफ चल दिया....रास्ते मैं उसने अंधेरे का फयडा उठाकर ...पेंट की चैन खोलकर...लंड को बाहर निकाला....अओर टाय्लेट करके कुछ ढीला किया....अओर घर लओट आया........वहाँ पर बारह-द्वारी की सभी तय्यारी पूरी हो चुकी थी....सीमा दीदी को पूरी तरह से तय्यार किया जा चुक्का था.....शास ने सीमा दीदी को गौर से देखा....उसका रंग-रूप अओर निखर आया था....अब वो एक अप्सरा सी लग रही थी......पर जो लड़की शास ने दूल्हे के साथ देखी.....उसकी बात कुछ अलग ही थी.....सीमा ने शास की अओर देखा....अओर धीरे से मुस्कुरा दी....इस मुकुराहट मैं ना जाने कया..कया छुपा हुवा था......जो शायद अब शास समझने लगा था......दूल्हे के साथ हो रही आतिस्बाजि की आवाज़ अब अओर नज़दीक आ चुकी थी.....
अचानक सभी लोग बाहर की तरफ भागे.....एक जोरदार शोर सराबा सुरू हो गया.....शास नही समझ पाया की अचानक के हुवा.....तभी सीमा दीदी की एक सहेली दौड़ती हुई अंदर आए अओर सीमा के पास आकर बोली सीमा दीदी.....आतिस्बाजि की आवाज़ से घोड़ा बिदक गया....दूल्हा भी उससे नीचे गिरगया...उसे भी चोट लगी है....अओर कई आदमी अओर लॅडी भी जखमी हो गये है......तुरंत डॉक्टर को बुलाया गया है......किस-किस को चोटे लगी अभी सही पता नही चला है......सभी आदमी वही पर इकट्ठा हो रहे है.... राम जाने अब कया होगा.....कई-यो को खून भी निकल रहा है.....सुनकर सीमा की मानो साँसे अटक गयी थी......वो चेतना सुन्य सी चुपचाप सब सुन रही थी.....शास के चेहरे पर कई भाव...आ..जा रहे थे....कही वह सबसे सुन्दर लड़की भी तो ज़ख्मी नही हो गयी होगी...????????????ऐसा मन मैं विचार आते ही शास भी बाहर की अओर दौड़ा..... शास को बाहर की अओर दौड़ते हुवे देख कर सीमा को बड़ा अस्चर्य हुवा पर वो कुछ नही बोली.......शास दौड़कर उस जगह पहुँचा.....भीड़ के बीच से होता हुवा शास......वहाँ पहुँच गया....जहाँ पर घायलो को डॉक्टर देख रहा था......शास का ख़याल सच ही निकला वह सुन्दर लड़की भी घायलो मैं बैठी थी...... शास को एक झटका सा लगा.....अओर शास उसके करीब पहुँच कर खड़ा हो गया......जब शास से नही रुका गया तो शास ने उस लड़की से पूछ ही लिया......जियादा चोटे लगी है कया......लड़की ने शास की अओर देखा....यह तो वही लड़का था.....जो बारात के साथ उसे घूर-घूर कर देख रहा था......पर लड़की ने धीरे से....दर्दीली आवाज़ मैं जबाब दिया,.......हाँ !!!!!
शास की आँखें दुख के कारण सिकुड सी गयी.......लड़की ने धीरे से शास की अओर देखा अओर उसके चेहरे पर दुख के भाव देखकर....सोचने लगी ये लड़का कोन हो सकता है......जो उसको इतनी देर से देख रहा था अओर इसे मेरे चोट लगने से दुखा हुवा है.................
डॉक्टर बारी बारी से चेकप कर रहा था....शास वही पर शांत पर गंभीर मुद्रा मैं खड़ा रहा, जैसे उसका कोई खास घायल हो गया हो.......वह सुन्दर लड़की कई बार कनखियों से देख चुकी थी.....वह नही जान पा रही थी...की ये कोन है......ना जाने कयो उस लड़की को भी शास से हमदर्दी....सी होने लगी थी.....तभी डॉक्टर ने उस लड़की, का चेकप करना शुरू किया.....उससे सबकुछ पूछने के बाद डॉक्टर ने उसे खड़े होकर चलने के लिए कहा.......लड़की खड़ी होकर जैसे ही चलने लगी.....अगर अचानक शास ने उसे संभाल ना लिया होता तो नीचे गिर जाती....उसके पैर मैं ज़बरदस्त मोच आई थी....अओर सर मैं भी चोट थी......लड़की ने एक बार फिर शास की अओर देखा.....कया नाम है आपका..????????????डॉक्टर ने लड़की से पूछा......जी मुस्कान ......शास के होंठो से कई बार मुस्कान, निकली अओर जो होंठो मैं ही दबकर रह गयी....पर मुस्कान तो इसका आभास कर चुकी थी......शास के फड़कते होंठ मुस्कान की आँखों से कहाँ छुपने वाले थे......डॉक्टर ने मुस्कान के सर पर पट्टी की अओर पैर पर एयेयोडीक्स लगाकर गरम पट्टी बांधने को कहा.....चलने फिरने को मना कर दिया.......बाकी सभी को मामूली चोटे ही आई थी.....उनको पेन किल्लर एत्यादि मेडिसिन्स देकर डॉक्टर चला गया.....अओर बारात पुनेह....बारह-द्वारी के लिए चल दी.....मगर मुस्कान तो चल ही नही पा रही थी...उसको सीमा दीदी के पिताजी (शास के मामा ) की अड्वाइस पर शास अओर मुस्कान के एक भाई ने सहारा देकर घर मैं ले गये अओर सीमा दीदी के रूम मैं उसके पास बिठा दिया.....
सीमा...म सॉरी मुस्कान दीदी, आपको काफ़ी चोट लग गयी.....
मुस्कान...नही भाभी इसमे आपका कया दोस है....ये तो होनी थी...हो गयी.....
सीमा...फिर भी...आप चल नही पा रही है.....अपने भाई की शादी को आप अब पूरी तरह से तो एंजाय नही कर पाएगी....मैं भी अपने आपको ही इसके लिए दोषी मानती रहूंगी......
मुस्कान...नही भाभी आप एसा कियों सोचती है....आप तो भाभी लाखों मैं नही करोड़ो मैं एक है.....मैं बहुत खुस हूँ....अओर फिर मामूली सी मोच है एक दो दिन मैं ठीक हो जाएगी.....भाभी ये कोन है मुस्कान ने धीरे से शास की अओर इशारा किया.....यही मुझे सहारा देकर यहाँ तक लाया है.....??????
सीमा...मुस्कान दीदी ये मेरा छोटा फुफेरा भाई है.....बहुत अच्छा है....किशी का दुख इससे देखा ही नही जाता.....(सीमा ने रहस्यमाई आँखों से शास की अओर देखा.....अओर उसके होंठो पर कातिल मुस्कुराहट तेर गयी.....),...अर्रे हाई दीदी.....इसको ( शास ) मैं आपकी सेवा मैं लगा देती हूँ....एक मिनूट के लिए भी आपसे डोर नही जाएगा.....
मुस्कान...ये तो बेचारा पहले ही से मैरे पास है....पर कया ये हमेशा उदास ही रहता है..???????????
सीमा...नही बड़ा ही हँसमुख है वो आपकी चोट के कारण सायेद..???????
मुस्कान...ओह!!! पर मैं तो इसको जानती नही थी..अओर सायेद ये भी मुझे नही जानता होगा...फिर कयूं उदास है.....????
सीमा... मैने कहाँ नही उसे किशी का दुख देखा ही नही जाता है....सायेड इस लिए उदास होगा!!!!!!!! तब तक शास एक गिलास मैं गरम पानी लेकर आ गया था.......
शास...लो मुस्कान जी आप वो टॅबलेट्स ले लो पानी लाया हूँ....
मुस्कान...तुम्हें मेरा नाम कैसे पता चला शास..????????
शास...आपने ही तो बताया था...जब डॉक्टर शहाब ने पूछा था....
मुस्कान...ओह...!!!!
अब मुस्कान को इस बात का एहसास हो चुक्का था कि शास की दिलचस्पी उसमे है..अओर उसकी हर बात पर शास ध्यान रख रहा है....मुस्कान ने शास के हाथ से पानी का गिलास लिया अओर वो टॅब्लेट्स ले ली जो डॉक्टर शहाब ने उसे दी थी.....अओर गिलास शास को वापस लौटा दिया.....शास खाली गिलास लेकर बाहर चला गया......
मुस्कान...बहुत अच्छा लड़का है.....
सीमा... हा दीदी.....सभी काम बड़ी ही मेहनत से भाग-भाग कर करता है.....सभी इसकी तरीफ्फ करते है.....अगर दीदी आपको जीयादा चोट हो अओर दर्द जीयादा हो तो आप उप्पेर के रूम मैं आराम कर ले....????.
मुस्कान...नही भाभी मैं आपके पास ठीक हूँ....अओर फिर अपने भाई को भाभी के गले मैं वर-माला डालते हुवे भी तो देखना है....इस पर सीमा ने शर्माकर अपना चेहरा नीचे कर लिया...अओर हल्के से मुस्कुरा दी......इस पर मुस्कान ने सीमा की धीरे से चुटकी काट ली....आज शर्माकर दिखा रही हैं.....अओर कल को......???? मुस्कान अपनी बात पूरी करते- करते रुक गई...सीमा ने मुस्कान की तरफ देखा....????
सीमा...कल को कया दीदी...????
मुस्कान...सुहाग रात....अओर कया...????
सीमा...दीदी..!!!
मुस्कान...कयूं कया मैं ग़लत कह रही हूँ.....भैया तो रिंग सेरेमनी के बाद हमेसा किशी ना किशी बात पर आपका जीकर ज़रूर कर देते है....वो तुम्हे पाने के लिए कितने बैचेन होंगे कया तुम्हे नही पता...??????
सीमा...मुझे कया पता...????
मुस्कान...इतनी भोली ना बनो भाभी....मुझे सब पता है....आप भी तो भैया से मोबाइल पर बात करती हो...???????
सीमा ... केवेल मुस्कुरा कर रह गयी.........
मुस्कान...भाभी मुझे टाय्लेट जाना है.....कहाँ है...????
सीमा...कया चल पाओगि...????
मुस्कान...देखती हूँ....
सीमा ने शास को आवाज़ लगाकर इशारा किया वह रूम के बाहर पर उनके सामने ही बैठा था.....शास अंदर आया......
शास...हा सीमा दीदी...कया बात है,,???
सीमा...शास मुस्कान दीदी को टाय्लेट आ रहा है...एन्को टाय्लेट दिखा दो....
शास...जी दीदी.... आओ मुस्कान जी....मुस्कान ने खड़ा होकर जैसे ही चलने का प्रियत्न किया.....वह दर्द से चिल्ला उठी....अओर वही बैठ गई...
मुस्कान...नही भाभी मैं नही जा पाऊँगी...कुछ करो....बहुत दर्द होता है....मैं चल नही सकती हूँ......
सीमा ने शास की अओर देखा...शास तुम मुस्कान को सहारा देकर टाय्लेट तक ले जा सकते हो???? शास ने कहा दीदी कयूं नही...कोशिस करता हूँ.......अओर शास ने आगे बढ़कर मुस्कान के पीछे से बाँहो मैं हाथ देकर मुस्कान को उठाने लगा.... शास की बाँहो का सहारा पाकर मुस्कान खड़ी हो गयी....
मुस्कान...ऐसे तो मैं नही जा पाऊँगी..शास...तुम मारे राइट कंधे को नीचे से सहारा दो तो सायेद चल पाऊँ......शास ने ऐसा ही किया अओर अपने दोनो हाथों को मुस्कान की बगल मैं देकर संभालना चाहा....नही शास मैं तुम्हरे कंधे का सहारा लेकर चलने की कोशिस करती हूँ....मुस्कान ने अपना लेफ्ट हॅंड शास के कंधे पर रखा अओर शास ने अपना हाथ बढ़ाकर मुस्कान की कमर से लेकर दूसरी बगल तक पहुँचा दिया......
शास का राइट...हॅंड मुस्कान की कमर से होता हुवा उसकी राइट बगल मैं पहुँच चुक्का था......इस प्रकार मुस्कान की लेफ्ट सॉलिड अओर भारी चुचि शास के सरीर से पूरी तरह से रगड़ खा रही थी.... अओर शास का राइट हॅंड मुस्कान की बगल से होकर, हाथ उसकी राइट चुचि पर भी हल्का सा दबाव बना रहा था.....किशी मर्द के हाथ के अहसास से मुस्कान के सरीर मैं शिहरन सी दौड़ गई.....किशी मरद ने इस तरह उसे पहली बार छुवा था.....मुस्कान ने बड़ी हिम्मत करके एक पैर आगे बढ़ाया.....एक दम पैर मैं दर्द की लहर सी दौड़ गई जिससे मुस्कान का दबाव अओर शास के कंधे पर पड़ा.....जिससे उसकी चुचि ने शास के सरीर से अओर रगड़ खाई अओर दूसरा हाथ भी दूसरी चुचि पर अओर कस गया......मुस्कान को एक अजीब सा अहसास हो रहा था......मगर उसके पास शास से मदद लेने के सिवाय अओर कोई चारा भी तो नही था......
शास... मुस्कान जी आप पैर पर कम मेर कंधे पर जीयादा ज़ोर दे तो सायेद कमदर्द हो मुस्कान ने अपना सारा वेट शास के टाइट कंधे पर डाल दिया ....
मुस्कान.....जी....
मुस्कान ने शास के कंधे पर अब अपना पूरा भार डाल दिया....अओर अपना दूसरा हाथ भी शास की चेस्ट,गले से लेकर अपने दूसरे हाथ से जोड़ दिया.....मुस्कान का सर अब शास के कंधे पर लग चुक्का था....अओर शास मुस्कान की बाहों मैं......अब मुस्कान ने धीरे धीरे कदम बढ़ाए...... उसे अभी भी चलने मैं तकलीफ़ हो रही थी...एसलिए वह शास के अओर करीब...अओर करीब....मुस्कान की चुचि....शास के सरीर की गर्मी...अओर शास के सरीर से चुचि का निप्पल रगड़ खाने के कारण......कुछ अओर टाइट हो कर शास से रगड़ खा रही थी अओर उनका निप्पल.....खड़ा होकर मुस्कान के कपड़ो से उभर आया था......उधर शास का राइट हॅंड भी तो मुस्कान की राइट चुचि पर लगभग पहुच चुक्का था.....चुचि पर शास के हाथ का दबाव मुस्कान महसूस कर रही थी.....अब सायेद मुस्कान का पूरा ध्यान पैर के दर्द से हटकर शास पर कन्द्रित होता जा रहा था.......पहली बार किसी मारद के वो इतनी करीब थी.....उसकी तेज साँसे...अओर चेहरे की लालिमा...इस बात की गवाह थी....कि सायेड अब शास की नज़दीकी उसे भी अच्छी लग रही थी.......शास भी एशी तरह के हालत का शिकार....मुस्कान की चुचिय्यों की रगड़..उनकी गर्मा-हट....उसकी चुचि के उभार पर शास का हाथ..... मुस्कान की तेज गरम सांसो की खुसबू....उसे भी परेशान कर रही....थी....अब तक उसने जितनी लड़कियो को छुवा था.....जिनकी चुदाई उसने की थी...उन सबसे अलग ही अहसास....उसे मुस्कान के अओर करीब ला रहा था......उसके लंड की टाइटनेस बढ़ती जा रही थी......उसे डर भी लग रहा था....कि..कोई उसे इस हालत मैं देख ना ले.....उसका लंड पेंट मैं ही बम्बू..बन कर दूर से ही अपने स्थिति का अहसास करा रहा था.....धीरे धीरे दोनो टाय्लेट की तरफ बढ़ रहे थे....टाय्लेट से उनकी दूरी घट रही थी....अओर सायेद मुस्कान....अओर...शास...के दिलों के बीच की दूरी भी कम हो रही थी......मुस्कान की तेज साँसों की महक शास की नथुनो मैं घुसकर उसे मद-होश कर रही थी....
शास सोच रहा था....मुस्कान कितनी सुंदर....सभ्य...उसके सरीर का हर हिस्सा....मानो एंच..एंच नाप कर ईश्वर ने बनाया है.....पूजा कम सुंदर नही थी...लाखों मैं एक ....पर मुस्कान तो सायेद करोड़ो मैं एक होगी....उससे नज़दीकी का ख़याल उसे अओर रोमांचित कर रहा था......अओर वे टाय्लेट के पास पहुँच गये......शास ने टाय्लेट का दरवाजा खोलकर मुस्कान को उसमें अंदर ले गया.....
शास...मुस्कान आप टाय्लेट कर लो मैं बाहर खड़ा होकर एंतजार करता हूँ......
मुस्कान...पर मेरे से तो खड़ा ही नही हुवा जा रहा है...फिर मैं बैठूँगी कैसे????
शास... तो कया हुवा....खड़े- खड़े ही कर लो....कया बताना ज़रूरी है..???????
मुस्कान...नही शास ऐसे नही हो सकता है......
शास कियूं नही हो सकता है....हम भी तो करते है,....????????????
मुस्कान... समझो शास तुम्हारी बात अलग है.....कुछ अओर करो.....
शास... बताओ कया करूँ....?????????
मुस्कान... अच्छा तुम मुझे बैठाकर मूह उधर फेर कर खड़े हो जाओ......
शास...कया यहीं पेर....?????????
मुस्कान तो फिर कर ही कया सकते है......?????
शास...कोई आ गया तो....कया कहेगा....समझो...मुस्कान....????????
मुस्कान ...अब तुम्हे एधर उधर की पड़ी है....मुझे ज़ोर से टाय्लेट आ रहा है अओर मैं बैठ नही पाओँगी बिना तुम्हारे सहारे के.....अब तुम मुझे नीचे बिठाओ...अओर उधर मूह कर के खड़े हो जाओ....
शास ने धीरे से मुस्कान को नीचे बिठाया...इस दौरान मुस्कान की दोनो चुचियो पर शास के हाथो का पूरा दबाव पड़ गया था......
मुस्कान....ऊवूऊवूवमायायायेयात्त कया करते हो शास......???
शास...मैने कया किया....मैं तो आपको बैठा रहा था....????
मुस्कान मुस्कुरकर रह गई...अओर बोली अच्छा...चलो अब मूह उधर करो....अओर हैं एक हाथ से मेरे इस कंधे को पकड़े रहना...नही तो पैर मैं दर्द जीयादा होगा.....मगर मैं ऐसे कैसे आपको पकड़ कर रख सकूँगा.....????
मुस्कान...अच्छा बाबा....जैसे तुम चाहो...पकड़ लो....अब मुझसे रुका नही जा रहा है........अच्छा...है...तुम मूह उप्पेर को कर लो.....शास ने मुस्कान को दोनो कंधो से पकड़ा.....अओर उप्पेर को मूह करके खड़ा हो गया.....मुस्कान मंद-मंद मुस्कुरा रही थी.....उसने धीरे से अपनी सलवार अओर पेंटी नीचे खिसकाई अओर टाय्लेट करना शुरू किया....पीईईईईई.....उउउउस्स्स्स्स्सीईईईईईईई की आवाज़ शास को सुनाई देने लगी.....शास जीयादा रोमांचित हो गया...... उसका लंड अब कंट्रोल से बाहर हो चला था..........
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05-31-2019, 11:59 AM,
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RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
चुदाई का सिलसिला पार्ट -9
पेयेस्स्सवूऊवूऊवूऊयूयुवयन्न्नन्नन्नन्न्न्नस्स्स्स ईईईईई की आवाज़ बढ़ने के साथ शास का लंड झटके खाने लगा.......
शास...कया मैं बैठ कर आपको संभालू मुस्कान जी....??????????
मुस्कान...कियूं......कया खड़े रहने मैं दिक्कत हो रही है...???
शास...हा....तुम्हारी इस पीईईई सीईईईईजइसी आवाज़ ने धड़कन बढ़ा दी है...
मुस्कान...कया मतलब...????
शास...मैं देखना चाहता हूँ तुम्हारी सूसू से ये आवाज़ कैसे निकल रही है हमारे तो निकलती नही.....????
मुस्कान...कया.....????????????
शास...कयूं कया हुवा....मैने कुछ ग़लत कहा कया...???????
मुस्कान...हा..किसी कुँवारी लड़की की सुसू नही देखनी चाहिए....
शास....क्यू....????
मुस्कान...बस यू हीं...नही देखनी नही चाहिए....मुस्कान हल्के से मुस्कुरा रही थी...उसे कोई जबाब नही सूझ रहा था......
शास...तुम्हारी प्प्प्प्पीईईकककककककककक्सीईईईईई तो रुक रुक कर लंबी होती जा रही है....??????????????
मुस्कान...तो कया हुवा....ऐसे तो सभी की होती है......
शास...आपको कैसे पता...कि सबकी होती है....?
मुस्कान बस पता है......हम लड़कियाँ आपेस मैं बात कर लेते है....
शास...जब आप आपस मैं बात कर लेती है...तो कया मैं नही देख सकता हूँ????
मुस्कान...शास की बाते मुस्कान को भी रोमांचित कर रही थी...फिर भी उसने अपने को संभालते हुवे कहा....नही शास...ऐसे नही देखते है.....
शास...तो फिर कैसे देखते है....????????
तभी मुस्कान की नज़र शास के बॅमबू हुवे लंड पर पड़ी...जो पेंट दो फड़कर बाहर निकलना चाह रहा था......मुस्कान की नज़रे वही पर ठहर गयी.......तभी शास ने मुस्कान का ध्यान भंग किया....आपने बताया नही मुस्कान जी कैसे देखते है..???
मुस्कान...शर्मकार रह गई....उसके मूह से शिरफ़ इतना ही निकला...मुझे नही मालूम..???
शास...कया मैं सीमा दीदी से पुच्छू....????
मुस्कान...नही शास...दीदी से नही..पूछते है ऐसी बाते....
शास...तो फिर आप ही बताओ ना...???? नही तो मैं दीदी से पूछ लूँगा की मुस्कान जी ने मुझे सुसू मैं पीईईईकककक़स्स्स्स्स्सीईईईईई कैसे होती है नही देखने दी.....
मुस्कान...शर्माकर फिर बोली नही शास ये बताईं दीदी से नही पूछते है...कभी समय मिला तो मैं ही बता दूँगी......
शास...कया मैं एक बार देख लू...????
मुस्कान...एक शर्त पर...ये बात तुम किसी से नही कहोगे...
शास... नही कहूँगा...???
मुस्कान...पक्का वादा करो....
शास...वादा है नही बताउन्गा.....
मुस्कान...पर पहले ये बताओ...मुस्कान ने शास की पेंट मैं बॅमबू बने लंड पर हाथ रखकर कहा...ये कया है......????????????
मुस्कान का हाथ टच होते ही शास के लंड ने ठुमका मार दिया.....अओर मुस्कान हंस पड़ी.....अर्रे..???? बड़ा करंट मारता है.....????....कया खिलाते हो इसे शास...???
शास...मुस्कान जी ये तो बस..............................?????????????
मुस्कान...बस कया...???????????????
शास...आप बुरा मान जाएँगी....????
मुस्कान...नही....मानूँगी बुरा...बताओ...???
शास....ये तो बस चूत का पानी पीकर ही रहता है...............
शास के मूह से सीधे चूत जैसा सब्द सुनकर मुस्कान एक पल के लिए झेप सी गयी....पर अगले ही पल....अपने को सामान्य बनाकर....किसकी उसका पानी पीता है.....???????????
शास...मुस्कान जी मैने बताया ने ये उसका नही...शिरफ़ चूत का पानी ही पीता है.....
मुस्कान...मगर किसका...????
शास...मेड्म चूत का.........
मुस्कान...ओह! तुम समझ ही नही रहे हो...मैं पुंछ रही हूँ किसका....????
शास...मैने बताया ने मुस्कान जी...शिरफ़ चूत का....इसका.उसका..नही........
अब मुस्कान शास से काफ़ी खुल चुकी तो सीधे ही पूछना उचित समझा....मुस्कान ने कहा...शास मैं पूछ रही हूँ कि ये किसकी चूत का पानी पिता है.....????
शास...जो भी पीला दे....उसीकि चूत का पानी पी लेता है.....आपकी पीयेस्सियेयूयूवूऊवूऊवूयूवक्ज़ सस्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ से इसलिए तो ये चोंक गया....अओर पेंट से बाहर निकलने की कोशिस कर रहा है......
मुस्कान...अच्छा...तो मैरी प्प्प्पीईसस्स्स्सीई की आवाज़ से सावधान हो गया है...???
शास...जी मुस्कान जी...
मुस्कान...च्चा शास इसे पेंट से बाहर निकाल कर दिखाओ तो ????
शास...नही मेड्म मुस्कान....अगर ये बाहर आ गया तो फिर अंदर नही जाएगा.....बड़ी मुस्किल हो जाएगी.....फिर इसका शांत होना बहुत मुस्किल है.....
मुस्कान... अच्छा................???? मुस्कान ने कातिल मुस्कान के साथ कहा...अस्ल बात तो ये थी कि अब मुस्कान भी मज़ा ले रही थी....अपने पैर के दर्द को भूलकर.....उसे बड़ा मज़ा आ रहा था.....उसके शरीर मैं अजीब सी लहरे दौड़ने लगी थी....उसके मन मैं शास के लंड को देखने की इच्छा बढ गई थी......
शास...मुस्कान जी कया मैं अब आपकी पीईईईईईस्स्स्स्स्सीईईएस्स्स्स्सुउउउउउउउउउउ वाली चूत को देख लूँ ये ऐसी आवाज़ कैसे निकाल रही है....जिससे मेरा ये टाइट हो गया है......???
मुस्कान...अच्छा मैं आँखें बंद करती हूँ तुम जल्दी से एक पल के लिए देखलो....देर मत लगाना.....अब मेरा पैर भी जीयादा दर्द कर रहा है....
शास..नीचे बैठ गया अओर नीचे झाँककर मुस्कान की चूत को देखा...बिल्कुल चिकनी...चूत...दोनो दरवाजो के उपरी भाग पर एक लाल रंग का उभरा हुवा दाना....नीचे खुलती..बंद होती गुलाबी...गुलाबी चूत का बंद मूह.....अभी भी कोई कोई बूँद पैसाब की गिर रही थी....अओर चूत खुल अओर बंद हो रही थी......ना चाहते हुवे भी शास की एक उंगली चूत को छू गयी......उउंमाआआआआअहह......
मुस्कान...शास कया करते हो...तुमने शिरफ़ देखने के लिए कहा था...छूने के लिए नही....
शास...कया करूँ मुस्कान जी रुका ही नही गया....छू कर चूमने की एच्छा हो गयी थी....
मुस्कान...अच्छा बस अब रहने दो.....अओर उसने...अपने पेंटी ओर शलवार ठीक किया.....शास अब सहारा देकर मुझे उठाओ....शास ने धीरे से आगे होकेर मुस्कान की बगलों मैं हाथ दिया...अओर जैसे ही मुस्कान को उठाने लगा उसके हाथों का दबाव उसकी चुचियो पर पड़ा......शास धीरे से मेरी ये दबा दी तुमने.......
शास...कया दबा दी मैने मेडम....???????
मुस्कान...आररी ये...उसने अपनी चुचियो की तरफ इशारा किया.......
शास...ओह! तो कया हुवा मेडम मुस्कान....कया दर्द हुवा....????
मुस्कान...नही दारद तो नही...कुछ अओर होता है....????
शास...कुछ अओर कया होता है...????
मुस्कान...कुछ नही....चलो मुझे सम्भालो.....जैसे ही शास ने मुस्कान को पकड़ कर शीधा खड़ा किया उसका पेंट मैं बॅमबू बना लंड शलवार के अप्पर से उसकी चूत के द्वार को रगड़ का गया............मुस्कान के सरीर मैं जुर्झुरि सी आ गयी.....
शास...कया हुवा मेड्म...??????
मुस्कान...कुछ नही....तुम्हारे इसने........
शास...इसने-किसने कया किया.....???
मुस्कान...तुम बड़े ही बेशरम हो शास.....सारी बाते ही ओपन करते हो....
शास...तो कैसे करूँ, आप ही बता दो ????????
मुस्कान...कुच्छ बताईं कही नही जाती....बस समझी जाती हैं.......
शास ने एक आग्या-कारी शिस्य की तरह गर्देन हिला दी.....जिस पर मुस्कान हंस पड़ी....शास ने मुस्कान की अओर प्रस्न्वाचक? आँखों से देखा.......मुस्कान ने शास की गाल पर एक किस दे दिया.....अब समझे या नही...बुध्धु कही के....कह कर मुस्कान ने शास की आँखों मैं देख कर मुस्कुरादिया...साथ मैं शास भी मुस्कुरा दिया.......
शास का सहारा लेकर चलते हुवे मुस्कान की चुचि शास से रगड़ खा रही थी...अओर उसकी एक चुचि पर शास के हाथ का दबाव.....अओर शास से हुए बाते.....मुस्कान के मन अओर सरीर मैं एक अजीब सा अहसास पैदा कर रहे थे...मुस्कान कुछ जानबूझ कर भी शास के साथ चिपकी हुई थी.....उसके साँसों की गर्मी शास भी महसूस कर रहा था.....उसका लंड अभी तक तंबू की तरह तना हुवा था......मुस्कान भी इस नये अनुभव को अपने अंदर महसूस कर उत्तेजित हो रही थी....ये पहलिबार ही हुवा था कि किशी मर्द ने मुस्कान को छुवा हो....उसकी चुचि कड़ी हो रही थी...उनके निपल्स खड़े थे अओर कुर्ते के बाहर निपल्स के उभार नज़र आ रहे थे.....आँखों मैं एक अजीब सा नशा.....इस परिवेर्तन से मुस्कान खुस थी...वह अओर शास के करीब...अपनी चुचियो को शास के करीब कर रही थी.....
जैसे ही मुस्कान की नज़र नीचे शास के उभेरे हुवे लंड पर पड़ी.....उसका चेहरा शर्म अओर उत्तेजना से शुर्ख हो गया था.....
जब वे सीमा के रूम मैं उसके पास पहुँचे....सीमा को समझते देर नही लगी....कि कुछ दाल मैं काला है....मुस्कान का शुर्ख चेहरा, अओर शास का ताना हुवा लंड जो पेंट से झाँकने की कोशिस मैं था.....
सीमा...कोई दिक्कत तो नही हुई मुस्कान दीदी....?????????
मुस्कान... भाभी दर्द तो बहुत हुवा...पर शास ने सहारा देकर संभाले रखखा ,
सीमा...मेरा भाई शास ध्यान रखने मैं तो माहिर हो चुक्का है दीदी....ये सब्द सीमा ने जिस अंदाज से कहे.....मुस्कान अओर शास ने एक साथ सीमा की अओर देखा...????????...अरेरे
तुम लोग ग़लत ना समझो...मेरा मतलब है शास मेहमान का पूरा ध्यान रखता है, अओर फिर मुस्कान तुम तो मेरी एक मात्र प्यारी ननद हो.....अओए सीमा मुस्कुरा दी....
शास ने मुस्कान को सीमा के पास चेर पर बैठाया...अओर बिना कुछ कहे ही बाहर निकल गया..................................सीमा अओर मुस्कान शास जो जाते हुवे देखती रही............
मुस्कान... भाभी लगता है शास को कुछ बुरा लग गया है..?????
सीमा.....दीदी....ऐसी कोई बात नही है...वो मेरा छोटा भाई है मैं उसे अच्छी तरह से जानती हूँ....उसने बुरा नही माना....फिर मेरा मतलब ग़लत नही था....कया मैं तुम्हारे बारे मैं कुछ ग़लत कह सकती हूँ...???????
मुस्कान...नही ये तो ठीक है पर वो बिना बोले ही बाहर चला गया एसलिए मुझे लगा.....
सीमा....तुम परेशान ना हो मैं देख लूँगी.......
अओर मुस्कान चुप हो गयी...उसके जेहन मैं बार बार शास का चेहरा घूम रहा था.....इस छोटी से उमर मैं ही कितना बलिश्त है उसका बदन,,गठा हुवा,, चेहरे पर तेज अओर लालिमा,सुंदर आँखें,, गुलाबी होंठ....जिन्हे चूमने को मन करता है....अओर पेंट के अंदर झाँकता हुवा लंड भारी मजबूत नज़र आ रहा था....भले ही उसने आज तक किसी मरद को नही छुवा था...ना ही किसी का लंड देखा था.....पर उसकी सहेलियाँ इस तरह की बाते तो करती ही रहती थी......मुस्कान आज पहली बार अपने को किशी के बंधन मैं बँधा महसूस कर रही थी.....शास मानो उसकी दुनिया बन चुक्का था....कुछ ही लम्हों मैं....शास मुस्कान के रोम रोम मैं बस चुक्का था.....उसी की कल्पना....उसी का ख़याल....
उधर सीमा....मुस्कान की मनोदसा अच्छी तरह से समझ रही थी....,वो भी तो सायेद यही चाहती थी......उसकी एक ही तो ननद थी...उसको बस मैं करने....उसकी किशी कम-ज़ोरी को पकड़े रखना.....उसकी किशी भूल के सहारे उस पर राज करना....आदि...आदि.....सीमा खुस थी....भगवान ने बिना माँगे ही उसको मानो सब कुछ दे दिया हो.....सीमा मौके का फायेदा उठना खूब जानती थी.....
सीमा...कया सोच रही हो दीदी...???
मुसकन...कुछ नही भाभी....बस सोच रही थी....कि पैर मैं चोट/मौच के कारण मैं आपकी शादी को फुल्ली एंजाय नही कर पा रही हूँ.......
सीमा....तो कया हुवा दीदी....मैं तो आपके साथ ही हूँ ना...शादी के बाद भी एंजाय कर लेंगे.....अगर जीयादा दर्द है तो आप उप्पेर के रूम मैं आराम कर ले......
मुस्कान...मैं तो चल ही नही पा रही हूँ....अगर शास ना होता तो सायेद मैं टाय्लेट भी ना जा पाती.......
सीमा... तो चिंता कयूं करती हो दीदी....शास को आपके साथ ही छोड़ दूँगी....ताकि आपका ध्यान रख सके.....?????????
मुस्कान...भी तो यही चाहती थी....पर फिर भी बोली, नही भाभी....अभी नही...आपकी वर-माला के बाद ही सोचूँगी.....हो सकता है तबतक दर्द कुछ कम हो जाए......
पर सीमा तो जान चुकी थी की अब ये दर्द कम होने वाला नही है.....अब इस दर्द को तो केवल शास ही कम कर सकता है.....अओर इस दर्द के कम होने के बाद मुस्कान कभी भाभी के सामने बोल ही नही पाएगी........सीमा इसी एंतजार मैं थी...कि कैसे उसे शास के सुपुर्द किया जाए...???????????? अओर शास रात भर उसे चोद-चोद कर उसकी चूत का भोसड़ा बना दे.......जिससे मुस्कान के मुँह पर हमेशा के लिए ताला (लॉक) लग जाए......
सीमा...अओर...मुस्कान दोनो अपने अपने ख़यालों मैं खोई हुई थी......सीमा मुस्कान को शास के ज़रिए अपने बस मैं करना चाहती थी तो दूसरी तरफ मुस्कान को शास इतना भा (पसंद) आ गया था कि उसने शास को पाने की पूरी तय्यारी कर ली थी.......बारात बारह-द्वारी के लिए पहुचने ही वाली थी......सीमा बैचेन थी कि शास कहाँ चला गया....वह चाहती थी कि मुस्कान को शास के साथ....उपेर के रूम मैं भेज दे....अओर शास को समझा दे कि इसे चोद चोद कर रात भर कुतिया बना दे.....पर शास है कहाँ.....मुस्कान सोच रही थी कि भाभी वर-माला के लिए चली जाए अओर शास यहाँ आ जाए.....
तभी...मुस्कान की मम्मी उस रूम मैं आई.....सीमा ने उठाकर उनके पैर छू लिए....मम्मी ने सीमा को ढेरसारा असिर्वाद दिया.....
मम्मी... अब कैसी ही मुस्कान बेटे...??????
मुस्कान ... ठीक हूँ मम्मी....यहाँ भाभी ने पूरा ध्यान रखखा है....
मम्मी ने सीमा की अओर देखकर अओर आशीर्वाद दिया.....अओर मुस्कान से बोली चलो बेटा....तुम्हारे भैया बुला रहे है....वर-माला के समय तुम्हें वहाँ होना चाहिए....
मुस्कान...जी मम्मी....पर मैं चलूंगी कैसे....मेरे पैर मैं तो काफ़ी दर्द होता है....???
मम्मी...कोई बात नही...मैं सहारा देकर ले चलती हूँ....भाई के लिए थोड़ा दर्द तो से लेना.....उसके बाद तुम्हारी बाकी सहेलियाँ जेनवासे मैं जाएगी....तुम उनके साथ जनवासे मैं चली जाना....????
मुस्कान...ठीक है मम्मी...ना चाहते हुवे भी मुस्कान ने कहा....अओर मम्मी ने मुस्कान को सहारा देकर उठा लिया....मुस्कान मम्मी के कंधे का सहारा लेकर वर-माला के लिए बनाए गये स्थान की अओर चल दी.........................
सीमा के उप्पेर तो मानो बिजली गिर गयी थी.....उसके अरमानो पर तो पानी फिर गया था.....उसकी तो सारी प्लान धरा का धरा रह गया था.....उसका गला सूखने लगा था.....उसे रह रह कर शास पर गुस्सा आ रहा था , ना जाने कहा गायब हो गया था.....वह अब चाह कर भी कुछ नही कर पा रही थी......बस मुस्कान को जाते हुवे देखती रह गयी.........
तभी सीमा की मम्मी...उसकी सहेलियाँ अओर भाभियाँ, उसके पास आ गयी....चलो बन्नो...अब तुम्हारा दूल्हा...स्टेज पर आ चुक्का है...किशी ने छेड़ा.....कया खूब लग रही हो....कहीं बिजली ना गिर जाए, किशी दूसरी ने कहा.....बिजली तो बेचारे दूल्हे पर ही गिरेगी आज...किशी अन्य ने कहा...किशी ने चुटकी काटी...वेग़ैरह...वेग़ैरह...के साथ उन्होने सीमा को दोनो अओर से पकड़ लिया अओर ले चली.....दूल्हे राजा के पास......
मुस्कान अपनी मम्मी के साथ अपने भाई के पास पहुँची....भाई...मुस्कान को देखकर स्टेज से उठ कर मुस्कान के पास आया....कैसी हो मुस्कान.....????
मुस्कान...ठीक हूँ भाय्या...आप कैसे हो जीयादा चोट तो नही आई आपको...?????
भाई ने आपनी लाडली बेहन को देखा अओर मुस्कुरा दिया, नही मुस्कान मैं ठीक हूँ मुझे कोई चोट नही लगी.....जिसकी तुम्हारी जैसी बेहन हो उसके भला चोट कैसे लग सकती है..?????
मुस्कान खुस होकर भाई के गले लग गयी....अओर मम्मी दोनो भाई -_बहन का प्यार देख कर गदगद हो गयी..........
मुस्कान को एक चेर पर बैठा कर उसका भाई वापेस स्टेज पर जाकर बैठ गया....सारा पंडाल मह-मानो से भरा था.....तभी सीमा अपनी सहेलियो के साथ स्टेज पर आई अओर सभी लाइट चमक उठी....विडिया फ्लश....मुस्कान का भाई (दूल्हा ) भी स्टेज से खड़ा हो गया....अओर विडैया, फ्लश,फोटो सेस्शेन के बाद सीमा ने दूल्हे के गले मैं वर-माला डाल दी उसका चेहरा नीचे झुका हुवा था अओर आँखें भी नीचे थी....... उसके बाद दूल्हे ने भी सीमा के गले मैं वर-माला डाल दी...सारा पंडाल तालियों से गूँज उठा...फूलो की वर्सा हुई ....अओर दूल्हा-दूल्हें स्टेज पर बैठ गये.....उसके बाद हुवा फोटो सेसेन...सभी ने दूल्हा-दुल्हन के साथ पोटो खिचवाए........अओर अपनी अपनी जगह पर जाकर बैठ गये.......
सीमा ने धीरे से आँखें उठा कर मुस्कान की अओर देखा जो सामने ही चेर पर अपनी मम्मी के साथ बैठी थी....अओर उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी....सीमा को लगा जैसे वे सीमा का मज़ाक बना रही हो..????...वैसे तो सीमा भी मुस्कुरा दी....पर अंदर ही अंदर वो झूलेस रही थी....वह जिस प्रकार अपनी विजय चाहती थी....उसमे वो फैल हो चुकी थी.....शास कही भी उसे नज़र नही आ रहा था....सीमा परेशान थी आख़िर शास कहाँ चला गया...?????
मुस्कान मम्मी आप कहे तो मैं जनवासे मैं जाकर लेट जाउ....मेरी तबीयत ठीक नही लग रही है...?????
मम्मी...पर कैसे जाओगी....वो तो कुछ दूर है....???
मुस्कान ...किशी का सहारा लेकर चली जाती हूँ....
मम्मी...दूल्हे के पास जाकर धीरे से बोली की मुस्कान जनवासे मैं जाना चाहती है.....उसकी तबीयत खराब है अओर उसके पैर मैं दरद भी काफ़ी है....कया मैं ही उसे सहारा देकर छोड़ आउ ....????
दूल्हा...ठीक है मम्मी....आप ही छोड़ आओ....सीमा का ध्यान तो वही था...उसे अपनी पूरी प्लान पूरी तरह से ख़तम होता नज़र आई...जो थोड़ी- बहुत उम्मीद थी अब वो भी टूट गयी.......अओर मम्मी मुस्कान को सहारा देकर जनवासे की अओर ले गयी.....
जनवासे मैं पहुँच कर उन्होने देखा वहाँ पर कोई भी नही था.....सभी इधर उधर...या पंडाल मैं थे.....
मम्मी...मुस्कान तुम यहाँ अकेली कैसे रहोगी....????
मुस्कान...कोई बात नही मम्मी......मैं अंदर वाले कमरे मैं लेट जाती हूँ.....अओर अंदर से बंद कर लेती हूँ....आप जाओ...यहाँ मैं बिल्कुल सुरक्षित हूँ....अओर मुस्कान ने अंदर के रूम मैं जाकर दरवाजा अंदर से बंद कर लिया.......जिससे मम्मी की चिंता कम हो गयी ......
मम्मी मुस्कान को रूम मैं छोड़कर वापिस पंडाल मैं दूल्हे के पास चली गयी.....अओर मुस्कान,. एक गद्दे पर पिल्लो के सहारे लेट गयी....उसने आँखें बंद कर ली.....रह रह कर उसे अब शास की याद आ रही थी.......मुस्कान आँखें बंद करके लेटी हुई थी.....तभी किसी ने बाहर से दरवाजा कटखटाया....मुस्कान...मुस्कान.....?????? मुस्कान सोचने लगी इस समय कोन हो सकता है.....उसे आवाज़ कुछ जानी-पहचानी सी लगी.............ओह! ये तो शास की आवाज़ है......अओर मुस्कान धीरे से उठी....अओर दरवाजे तक गई....उसने पूछा....कोन है.????????????
मैं शास हूँ मुस्कान......दरवाजा खोलो......
मुस्कान के चेहरे पेर मुस्कान लौट आई...अओर उसने दरवाजा खोल दिया.....सामने शास को देखकर मुस्कान मुस्कुरा दी.....शास तुम...????
शास...है मैं...कया मुझे नही आना चाहिए था...????
मुस्कान...नही शास...ये बात नही...मुस्कान ने मुस्कुरा कर कहा...वास्तव मैं मैं तुम्हे ही याद कर रही थी.....?????
शास...अच्छा जी...आप हमें ही याद कर रही थी...????
मुस्कान...कियूं कोई सक है...आपको...???
शास...नही...मैं पिछले एक घंटे से याहि बैठा हूँ....अओर आपका एंतजार कर रहा हूँ....आप इतनी देर से कयूं आई...???
मुस्कान...कया...??? आप तब से यहीं बैठे है...???
शास... जी हां.....पर आपने इतनी देर कयूं लगाई....????
मुस्कान...मुझे कया मालूम था कि आप यहाँ एंतजार कर रहे हैं....आप तो मुझे सीमा भाभी के पास बैठा कर चले गये थे......कुछ कहा भी नही था.....???
शास...मुझे सीमा दीदी का अंदाज मालूम नही कियूं कुछ अटपटा सा लगा था...मैं उनके सामने आपसे कोई बात नही करना चटा था.....एसीलिए मैं आपको उप्पेर के रूम मैं नही ले गया था......
मुस्कान...लगा तो मुझे भी कुछ अजीब सा था....पर मैं कुछ बोली नही.....भाभी बार बार...उपेर वाले रूम मैं आराम करने की बात कर रही थी....????
शास...मुझे पता नही ये कयूं लगा कि सीमा दीदी आपको बाद मैं ब्लॅक मैल कर सकती है.....एसीलिए मैं यहाँ आ गया....अओर आपका एंतजार करने लगा.....
मुस्कान...शास ये तो मैने सोचा भी नही था.....कि एसा भी हो सकता है......???
शास...मुस्कान इस दुनियाँ मैं कुछ भी हो सकता है....मुझे आपकी एज़्जत अपने से प्यारी है....एसलिए मैं चाह कर भी वहा नही गया......
मुस्कान...ने दरवाजा बंद किया अओर अंदर से लॉक कर दिया....अओर शास के होंठ चूम लिए...तुम कितने अच्छे अओर समझदार हो शास.....??????
शास अओर मुस्कान ने एक दूसरे की आँखों मैं देखा अओर मुस्कुरा दिए.....मानो उन्हे उनकी मंज़िल मिल गयी थी.....शास ने मुस्कान को सहारा दिया अओर फर्श पर बिछे गद्दे पर लेजा कर बैठा दिया.....अओर समुंदर सी गहरी मुस्कान की आँखों मैं देखता हुवा बोला.....मुस्कान तुम जितनी सुन्दर हो तुम्हारा मन भी उतना ही सुंदर है......तुम्हारी सुंदरता पर मैं कोई सबध कहकर उस पर दाग नही लगाना चाहता हूँ......मुस्कान ने शास की अओर देखा.....शास की आँखों मैं प्यार ही प्यार नज़र आया.....उसकी आँखें मानो बहुत कुछ कहना चाह रही हो पर उसे वर्ड्स नही मिल पा रहे हो......शास की एक टॅक मुस्कान को देखती आँखें....उसके रूप को निहारती आँखें......मुस्कान ने शर्मा कर आँखें नीचे कर ली.....शास ने अपने दोनो हाथ बढ़ाकर मुस्कान का चेहरा अपने हाथों मैं ले लिया.......अओर उसे निहारता गया.....मुस्कान ने आँखें उठाकर देखा.....शास मुस्कुरा दिया....मुस्कान ने फिर आँखें झुका ली.....उसकी गालो की लालिमा उसकी शर्म जो अओरत का गहना होता है को बता रही थी.......अओर शास ने बड़े ही भाव,प्यार अओर अपने पन से मुस्कान के होंठो की गुलाबी महकती पंखु-डियो को अपने होंठो मैं दबा लिया.......कुछ देर ऐसे ही शास मुस्कान के होंठो को चूमता चूस्ता रहा.....
शास ने मुस्कान के सरीर मैं दबी बरसों की आग को जगा दिया था...कुछ घंटे पहले तक सोई हुई आग....धीरे धीरे अब सोला बनने को तय्यार थी...चिगारी तो शास ने बाथरूम मैं ही सुलगा थी......अब तो उस आग से लपटें उठना ही बाकी था.....अओर इससे बचने का प्रयास ना ही मुस्कान अओर ना ही शास कर रहा था....दोनो जल जाना चाहते थे इस आग की जवाला मैं........
शास मुस्कान के होंठ,, उसकी गर्देन, उसके कान, उसकी गालो को चूम चूम कर उसने आने वाले तूफान की चेतावनी....तो...मुस्कान को दे ही दी थी....पर सायेड मुस्कान भी अपने को तय्यार कर चुकी थी.....इस तूफान मैं बह जाने के लिए.....काम (सेक्स) की उस ज्वाला मैं जल जाने के लिए......जो उसके मन मैं देस्तक दे चुकी थी..... शास मुस्कान को चूमता जा रहा था उसके हाथ मुस्कान की चुचियो को दबा दबा कर मसल्ने मे लगे थे...... अओर कोई विरोध नही था मुस्कान का.......आज वो भी जल जाना चाहती थी इस आग मैं.........धीरे धीरे उनकी सांसो की रफ़्तार तेज होने लगी थी....अओर होंठ थरथराने लगे थे....शास के हाथ अब मुस्कान के पूरे सरीर पर घूम रहे थे........
शास ने मुस्कान का कुर्ता उप्पेर को खिसकाया अओर अपने हाथ सीधे मुस्कान की चुचियों पर पहुचा दिए थे...... मुस्कान के होंठो की थरथराहट अब अंजाने मैं ही -स्पेस्ट बुद-बुदाने....अओर कामुक...धुन मैं बदेलने लगी थी.......उउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआउउउउउउउम्म्म्म्म आआहह ईईईईस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईईइउउउउउउउउउउउउम्म म्म्म्मममममममाआअहह ......
शास...ने धीरे धीरे मुस्कान के कपड़े उतारने सुरू कर दिए....मुस्कान भी अपने कपड़े उतारने मैं सहयोग करने लगी थी.......सभी शर्म लिहाज छोड़कर...शास चूमता चाटता जा रहा था....अओर मुस्कान के कपड़े उतरता जा रहा था......मुस्कान का गोरा....सुडोल सरीर शास को अओर उत्तेजित कर रहा था......अओर अब मुस्कान एक ब्लॅक...ब्रा....अओर एक ब्लॅक पॅंटी मैं ही रह गयी थी....मुस्कान की मांसल जांघे देख कर शास मस्त हो मुस्कान की जांघों को चाटने लगा था....उसके हाथ मुस्कान के पूरे सरीर को टटोल रहे थे.....इसी बीच शास ने अपने कपड़े भी उतार दिए......शास का डन-दानाता हुवा लंड झटके मार रहा था......मुस्कान ने शास के लंड को हाथों मैं ले लिया.....अओर उसके साथ खेलने लगी थी......जिससे शास की उत्तेजना अओर बढ़ रही थी......उउउउउउउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म माआआआआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउ ऊवूऊवूयूवूऊयूवख की मादक-तेज आवाज़े रूम मैं लगातार गूँज रही थी......
शास...मुस्कान ज़रा इसका (लंड का ) रस तो पीकर देखो....मगर मुस्कान ने मना कर दिया...नही शास मुझे नही मालूम कैसा लगेगा.....कभी बाद मैं......शास ने भी इसके लिए ज़ोर नही दिया.....अब शास ने मुस्कान की ब्रा अओर पॅंटी भी मुस्कान के सरीर से अलग कर दी....अओर मुस्कान के पैरों के बीच आकर उसकी चिकनी.....छोटी..छोटी फांकों के उभार वाली चूत को सहलाने लगा ......उसकी चूत का रंग....उसकी महक....ने शास को मद-होश सा कर दिया....अओर शास ने अपना मूह मुस्कान की चूत मैं दे दिया......उसकी जीभ कभी चूत की दीवारों को, कभी....उसकी जांघों को,,...अओर कभी.....चूत की क्लिट को चाट रही थी........फिर शास ने अपनी जिभा को मुस्कान की चूत मैं डालकर घुमाना शुरू कर दिया.....अओर मुस्कान की सिसकारिया रूम मैं गूंजने लगी थी......शास का फूँकारता लंड बेकाबू होता जा रहा था.....एसा लगता था जैसे उसका लंड इन तीन दीनो मैं अपना साइज़ बढ़ा चुक्का था.....शास ने मुस्कान की चूत को चाट चाट कर मुस्कान को इस कदर उत्तेजित कर दिया था.....कि मुस्कान आपे से बाहर होकर ना जाने कया..कया...बद्ब्ड़ाने लगी थी......अओर उसकी सिसकारियाँ अओर तेज हो गयी थी......शियी....उउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्माआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हह मेरे राजा...मेरे जानू आआआआहह.......उउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म एम्म आआआआआहह.....मैं कहाँ जा रही हूँ मेरे राजा.....आआआआहहााअ अब तो बस चोद दे ...चोद दे ....शास .....इस बरसो की प्यासी को....आआआआआआअहह शास......डाल दे इस लंड को.....अब नही रहा जा रहा है....मैने ये चूत तुम्हारे लिए ही आज तक कुँवारी रखी है.......मेरे .....मेरे......आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउम्म्म्म म्म्म्मममम राजा र्रर्रााज्जजाआ
मुस्कान की चूत से चिकना—लावा बह कर बाहर निकल रहा था....शास दबा दबा कर चूत को चाट रहा था.......पी जाना चाहता था......इस प्यारी सी सुन्दर छोटी से चूत को..........अब शास के भी बर्दास्त से बाहर हो चला था........अओर उसने मुस्कान के दोनो पैरों के बीच पोज़िशन ली..........अओर डॅन्स कर रहे लंड को मुस्कान की चूत के छेद पर ठीक प्रकार से अड्जस्ट किया.......मुस्कान की चूत पर गरम गरम लंड का सूपड़ा टच होते ही उसकी मद-होश आवाज़...सिसकियो मैं बदल गयी......थी.........उउउउउउउउउउउउआआआआआअह्ह्ह्ह्ह ह्ह्हुउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म.......
मगर शास अभी अओर दूध पीकर लंड को अओर मजबूती देना चाहता था....शास का मूह.....मुस्कान की चुचियो को चूम चूम कर पीने लगा....कभी कभी उन्हे बेरहमी से दबा देता तो मुस्कान की चीख निकल जाती....जानू...मेरे शास ज़रा धीरे से यूवयहूवूऊवूऊवूऊवम्म्म्म्म्मम्मायाकह अब ये अपना लंड तो आगे बढ़ा....मेरी जान शास.....तुम अओर तुम्हारा ये लंड कितना प्यारा है...अब डाल भी दे इसे अंदर इस चूत मैं................
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05-31-2019, 11:59 AM,
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RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
चुदाई का सिलसिला पार्ट -१०
मुस्कान के इशारे पर शास ने अपने ठुमके मार रहे लंड पर दबाव बढ़ाया.....पर शास का लंड फिशल कर मुस्कान की चूत की क्लिट को रगड़ता हुवा उप्पेर हो गया.....इस पर मुस्कान की तेज सिसकारी निकल गयी....उउउउउउउउउईईईईईईईईईईईएम्म्म्म्म्म्म्म्म. ...शास ने अपने लंड को दुबारा अड्जस्ट किया अओर इस बार एक भारी धक्का लगाया.....मुस्कान की चीख के साथ लंड का सूपड़ा चूत मैं दाखिल हो गया.....ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवूऊवुयीईयियीयियायायेयीययाया आअहह.. चुदाई मैं माहिर हो चुके शास ने दूसरा धक्का अओर ताक़त से लगाया तो आधा लंड मुस्कान की चूत मैं समा गया.....मुस्कान की चीखे...अओर आँखों से आँसू छलक आए.....आसहनीया पीड़ा अओर दर्द से मुस्कान छटपटाने लगी......मुस्कान शास की पकड़ से निकलने की अ-सफल कोशिस मैं लग गयी....दर्द उससे अब बर्दास्त नही हो रहा था.....शास ने मुस्कान को चुम्म कर धीरे से कहा...मुस्कान जान....बस थोडा सा सब्र करो उसके बाद दर्द पीड़ा सब गायब हो जाएगी....पहली बार एसा होता ही है.......शास इस प्रकार समझा रहा था...जैसे वो चुदाई का विद्वान हो......मगर मुस्कान तो दर्द से मरी जा रही थी......उसे तो चूत मैं शास का लंड किशी शूल की तरह चुभ रहा था.....सारी उत्तेजना दर्द मैं बह गयी थी.....शास की बातों का कोई परभाव अब उस पर नही हो रहा था........दर्द की सिसकियाँ...आँखों से आँसू......दर्द की रेखाए उसके चेहरे, अओर सिसकारियों से झलक रही थी.......अब शास भी मुस्कान का दर्द देख कर परेशान हो चला था....लंड को बाहर निकाल ले....या नही..???? अगर आज लंड बाहर निकाल लिया तो मुस्कान हमेशा की लिए सायेद सेक्स से दूर हो जाएगी...???? इस दर्द का अहसास उसे सेक्स से दूर कर देगा.....???? इसी उलझन मैं शास......शास की निगाहें मुस्कान पर ही केंद्रित थी.....मुस्कान के चेहरे पेर आते जाते भाव व समझने का पारियास कर रहा था......
शास.....अब दर्द कुछ कम हुवा...???? मुस्कान......
मुस्कान............................................ ....????
शास......कुछ तो बोलो मुस्कान....???? ये तुम्हारी परेशानी अब मुझसे देखी नही जा रही है...???? है...अगर आज मैने ये लंड बाहर निकाल लिया तो तुम हमेशा के लिए उस सुख से सायेद दूर हो जाओगी..... जिसके लिए नर अओर मादा.... तरेस्ते है.....यही सुख तो उन्हे एक दूसरे के करीब...इतने करीब लाता है..... कि दुनिया तक से बागावत पर उतेर आते है.....जो दोनो के मिलन की बुनियाद है..... सेक्स....???? ये दर्द तो कुछ ही लम्हों मैं ख़तम हो जाएगा.....पर वो दूरी सायेद कभी कम ने हो पाए.....फिर ये भी तो सोचो की नर-मादा मैं आकर्षण की बुनियाद सेक्स ही तो है.... अगर इसमे सिर्फ़ दर्द ही होता तो कयूं ये संसार इसके पीछे पागलों की तरह भागता....बोलो मुस्कान..बोलो....अगर तुमने अब भी जवाब नही दिया...तो मैं ये लंड बाहर निकाल लूँगा....क्यूँ की तुम्हारा कोई भी दर्द मेरा अपना है....अओर मैं तुम्हे कोई दर्द देने की सोच भी नही सकता हूँ.....?????
मुस्कान...दर्द की रेखाए अभी तक उसके चेहरे पर थी.....मगर पहले से कुछ कम हुवा था......उसने सोचा ये तो एक दिन होना ही था..... कियूं ना आज कुछ देर के लिए बार्देस्ट कर लूँ.......फिर शास ने अगर अपना लंड बाहर निकाला तो सायेद उसका दिल टूट जाए......वह कितनी उम्मीदों के साथ, ने जाने कितनी ही देर से यहाँ मेरा ही एंतजार कर रहा था.....मेरी हर भावना का ध्यान रखखा, फिर उसे भी बड़ी बात तो ये है.....उसने कितनी दूर का सोच कर सीमा भाभी से दूर यहाँ पर मेरा एंतजार किया, कि कभी सीमा भाभी बाद मैं मुझे ब्लॅकमेल ने करे.....मेरा अओर शास का संबंध ही कया था....कियूं शास ने मेरे लिए इतना सोचा.......मुस्कान शास तुम्हे प्यार करता है.....अओर प्यार मैं त्याग होता है.....चाहे कष्ट भी कियूं ना उठाना पड़े.....फिर शास तो कह भी रहा है कि दर्द कुछ ही देर मैं समाप्त हो जाएगा........मुस्कान शास को मत रोको, अगर तूने जबाब नही दिया तो....????????? मुस्कान कह दे उसे , कह भी दे उसे
मुस्कान....शास मुझे नही मालूम था कि इतना दर्द होता ही.......
शास...शिरफ़ पहली बार ही होता है...वो भी कुछ देर के लिए...अगर तुम भी एंजाय करो तो अओर कम होगा......
मुस्कान...ठीक है शास अब जो भी हो तुम अपना काम करो....मेरी चिंता मत करो....
शास...नही मुस्कान तुम्हारी चिंता तो मुझे होगी ही....पर अगर तुम भी सह-योग करो तो तुम्हे दर्द कम होगा.......
मुस्कान...मैं कया करूँ...दर्द बहुत हुवा है.....????
शास...अब कैसा है...???
मुस्कान ... अब तो कम है.......
शास...ठीक है....मैं धीरे धीरे करता हूँ....मुस्कान दर्द के बाद भी धीरे से मुस्कुरा दी इस पर शास भी मुस्कुरा दिया.....अओर मुस्कान के होंठ चूम लिए....फिर मुस्कान की चुचियाँ दबाते हुवे बोला...कया लाजबाब है...तुम्हारी ये चुचियाँ...???? इस पर मुस्कान फिर से मुस्कुरा दी......अओर शास ने मुस्कान की चुचियाँ दबाते हुवे मुस्कान के होंठ चूमता रहा अओर चूत मैं लंड धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.....मुस्त टाइट लंबा तगड़ा...मोटा लंड चूत मैं मस्ती से आगे पीछे हो रहा था.......अब मुस्कान का दर्द लगभग ख़तम हो चुक्का था...वो भी इस चुदाई को एंजाय करने लगी थी.....लगभाफ़ 10-15 मिनूट तक ऐसे ही चलता रहा अओर अब मुस्कान फिर से मस्ती मैं आ चुकी थी.....उसकी उत्तेजना...फिर बढ़ चली थी.......मगर शास का आधा लंड अभी भी मुस्कान की चूत मैं जाने के लिए मचल रहा था....
शास...मुस्कान अभी आधा लंड तो बाहर ही है...इसे भी अब अंदर कर दूं????
मुस्कान...ब्स अओर रहने दो...इसी से कम चला लो....
शास....मैं तो चला लूँगा पर तुम्हारी चूत प्यासी ही रह जाएगी.....अओर ये लंड भी तड़फता ही रह जाएगा......सारी चुदाई ही अधूरी ही रह जाएगी......
मुस्कान...तुम्हारी जो एच्छा...जब मैने इतना दर्द झेल लिया तो बाकी भी देखा जाएगा.....एक पुरानी कहावेत है जब ओखली मैं सर दे ही दिया तो अब मूसलों से कया डरना...मुस्कान ने मुस्कुराते हुवे जबाब दिया.....
शास...अच्छा...तो ये बात है....लो फिर बाकी भी झेल ही लो.....
मुस्कान...मैं तय्यार हूँ....इतना तो मैने अब जान ही लिया की एस दर्द के बाद फिर थोड़ी देर मैं सब ठीक हो जाता है.... अओर इस बार मैं पूरी तरह से तय्यार हूँ....
शास...ये हुई ना कुछ बात.....लो अब झेलो...अओर चूतड़ पीछे करके एक ही जूरदार धक्का लगा दिया.....मुस्कान की एक तेज चीख निकल गयी अओर शास का पूरा लंड चूत को फाडता हुवा मुस्कान की चूत मैं समा गया......मुस्कान दर्द से बेहाल होने लगी थी....दर्द उसे बिल्कुल भी बर्दस्त नही हो रहा था.....उधर शास मुस्कान की चुचियाँ दबा दबा कर उसके होंठ चूम रहा था.....अओर अब लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करते हुवे चुचियाँ पीना शुरू कर चुक्का था.....मुस्कान को शास का अंदर बाहर होता लंड किशी गरम रोड की तरह कंट मैं चुभ रहा था.....मुस्कान अपने टीत अओर हूथ भींच लिए...अओर दर्द को बर्दास्त करने की कोसिस करने लगी......मगर उसकी दर्दीली सिसकारिया नही रुक पा रही थी......उउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउ उउउउउईईईईईईस्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईईईईइ लगभग 10 मिनिट्स तक एसे ही दर्दीली चुदाई के बाद अब मुस्कान को भी मज़ा आना शुरू हो गया था.....उसकी दर्दीली सिसकियाँ अब उतत्ज़क सिसरारियों मैं बदेलने लगी थी.....उसके चूतड़ भी हरकत करने लगे थे......अब मुस्कान पूरा लंड मस्ती से ले रही थी....इस अहसास से शास ने धड़कको की रफ़्तार कम कर दी अओर मुस्कान का चेहरा दोनो हाथों मैं लेकर मुस्कान की आँखों मैं झाँका....जो सुर्ख लाल हो चली थी.....मुस्कान ने मुस्कुरकर अपना चेहरा शास के सीने मैं छुपा लिया.....अओर...
मुस्कान...कया देखते हो शास.....???????
शास...देखता हूँ की मेरी जानम मुस्कान का अब कया हाल है...???
मुस्कान...कियूं, मेरी बहुत चिंता है...????
शास...कया तुम्हे नही मालूम की मुझे तुम्हारी कितनी चिंता है....????
मुस्कान...जब मेरी इतनी ही चिंता है.....तो धक्को की रफ़्तार कम कियूं कर दी....???? अब तो मज़ा आया है अओर तुमने स्पीड घटा दी......?????
शास...तो लो अभी बढ़ा देते है...अओर मुस्कान का चेहरा पकड़ कर उप्पेर उठाया....उसकी अंखँ बंद थी .....शास ने मुस्कान के होंठ चूमे....मुस्कान ने आँखें खोलकर शास को देखा अओर हंस कर फिर से मूह शास के शीने मैं छुपा लिया.........
शास का लंड अब तूफान मैल की तरह मुस्कान की चूत मैं आ जा रहा था......मुस्कान अब अपनी उत्तेजना छुपा नही पा रही थी....उसकी उउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआआआहह जैसी सिसकियाँ शास को अओर तूफ़ानी बना रही थी.....अओर मुस्कान शास से पूरी तरह से चिपक गयी थी.....उसकी उखड़ी साँसे बता रही थी की इस बीच उसका पानी चूत मैं ही निकल चुक्का था.......लंड की रफ़्तार पर फुच..फूच जैसी आवाज़....चूत के जीयादा गीले होने कई कारण थे.....इसका अहसास शास को भी ही चुक्का था.....कि मुस्कान एक बार झाड़ चुकी है......
मुस्कान..मुस्कान ने चेहरा उप्पेर किया अओर शर्मीली आँखों से शास की अओर देख कर बोली.....कयूं शास इतनी देर की चुदाई पर, भी अभी मन नही भरा है..?????.
शास...तुम्हारा मन भर गया कया.....????
मुस्कान...मैने एस्सा कब कहा...???
शास..... तो फिर कया कहा...???
मुस्कान....तुम्हारा लंड तो अभी भी चूत मैं ठुमके लगा रहा है....???
शास... लंड चूत मैं ठुमके लगाकर ही तो उसे पटा-ता है.....
मुस्कान...अच्छा जी....लंड के ठुमके से चूत पट जाती है....???
शास... बिना लंड के ठुमके के कया चूत पानी छोड़ती है.....???
मुस्कान...चलो...तुम बड़े वो हो ????
शास...बड़े वो कया....खराब..????
मुस्कान...नही अच्छे....अओर फिर से शास से चिपक गयी.....
शास पूरी रफ़्तार से चुदाई कर रहा था.....मुस्कान के हाथ उसकी पीठ अओर चुतदो पर घूम रहे थे तथा....उसका मूह...शास की चेस्ट के साथ छेड़छाड़ कर रहा था ....उत्तेजना चरम पर थी.....चुदाई अपने पूरे योवेन पर पहुँच चुकी थी.....शास अओर मुस्कान का कशाव एक दूसरे पर बढ़ता जा रहा था......मुस्कान का सरीर गुनगुनाने लगा था.....उसकी साँसे लंबी अओर तेज हो रही थी......उसके चूतड़ अब उछाल कर पूरा लंड अंदर लेने की कोशिस कर रहे थे.....धीरे धीरे मुस्कान का सरीर उसका साथ छोड़ने ही वाला था.....वो जाने लगी थी उस दुनिया मैं......जिसके लिए...उसने इतना दर्द झेला था.....उसकी आँखों पर , बेधता दबाव उन्हे बंद होने के लिए मजबूर कर रहा था.......यही स-तिति अब शास की भी हो चली थी.....अब वो डूबने ही वाले थे चुदाई के अंतिम भंवर मैं.....जहाँ शिरफ़ ...अपार शान्ती होता...है चेतना.....भी कुछ देर के लिए सू-न्य हो जाती है........
आख़िर बाँध टूट ही गया......दोनो एक दूसरे मैं सामने की कोशिस मैं....लंड चूत के अंतिम छोर पेर पहुँच कर होली की पिचकाई छोड़ने के लिए तय्यार......अओर चूत बाल्टी भरकर पानी लंड पर उदेलने ही वाली थी......उउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआआआआ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउस्म्म्म्म्म्म्म्म्म्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सी ईयियेयीययेयेयीयाथ्हीयीयियूयूवूऊवूऊयूयुयूवयू उउउउउस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स की लंबी धुन...अओर शास अओर मुस्कान पूरी तरह से चिपक गये...दोनो मजबूती से एक दूसरे को अपनी बाहों मैं बँधे हुवे......बंद आँखें.....बस...लंबी..छोटी साँसे अओर उउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्मीईईईईईईईईह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह की धुन......फिर उसके बाद एक लंबी शान्ती....को भंग करती तेज तेज साँसे............................एक दूसरे की बाहों मैं बँधे शास अओर मुस्कान............
कुछ देर शास अओर मुस्कान एक दूसरे की बाहों मैं बँधे यूँ ही पड़े रहे.....फिर शास ने अपना मूह मुस्कान के कंधे से निकाल कर मुस्कान को देखा.....वह अब भी शांत थी....शास ने मुस्कान के गुलाबी होंठ एक बार फिर चूम लिए..... अब मुस्कान ने आँखें खोलकर शास की तरफ देखा..... अओर शर्मा कर अपने चेहरे को अपने दोनो हाथों से ढक लिया.....
शास...कया हुवा मुस्कान...????
मुस्कान...कुछ नही....
शास...फिर चेहरा कियूं छुपा लिया....???
मुस्कान...हमे शर्म आती है...
शास....कैसी शर्म,...अब तो हम एक हो चुके हैं.....???
मुस्कान...एक कैसे हुवे...???
शास....लंड तो अभी भी तुम्हारी चूत मैं है...कया ये प्रमाण कम है...???
मुस्कान...चलो हम बात नही करते हैं....
शास...कियूं मुस्कान....बात कियूं नही करती है.....????
मुस्कान... चलो अब हटाओ...हमें छोड़ो.....आप को तो लज्जा नही है हमें तो शर्म आ रही है.......
शास....कया अपनो से शर्म होती है....???
मुस्कान...अब छोड़ो भी....कोई आ गया तो...????
शास ने सोचा ये तो मुस्कान ठीक कह रही है....कोई आ भी सकता है....अओर मुझे अओर मुस्कान को एक साथ देखकर, ??? सब मामला गड़बड़ हो जाएगा.....शास ने लंड को बाहर खिछा...जो फूच की आवाज़ के साथ बाहर निकल आया.....उसके साथ ढेरसारा वीर्या अओर हल्का सा खून मिला वीर्या भी मुस्कान की चूत से बाहर निकालने लगा था.....
मुस्कान...बस अब मन भर गया...???
शास...नही मन तो नही भरा...पर तुम्हारी एक बात ठीक लगी है....अगर कोई आ गया अओर हम दोनो को एक साथ देखार.....सारा मामला बिगड़ जाएगा.....तुम्हारी इस प्यारी सी चूत को तो सो बार चोद कर भी मन नही भरने वाला है.....
मुस्कान की चूत से बहता गर्म लावा....चूत अंदर से कई जगह से छिल गयी थी....अओर पहली चुदाई होने के कारण.....चूत का गुलाबी द्वार अब शुर्ख लाल मैं बदल गया था.....उसका मूह भी अब खुला नज़र आ रहा था.....उस से बहता खून मिला हुवा वीर्या....एसा लग रहा था जैसे ज्वलमुखी के मूह से गरम लावा बहार निकल कर बह रहा हो.......शास ने रुमाल निकाल कर मुस्कान की चूत को सॉफ किया......अभी भी कभी...कभी...चूत का मूह खुल-बंद हो रहा था.....इस द्रस्य को देख कर शास का ढीले पड़े लंड ने फिर ठुमका मार दिया अओर सरसराहट के साथ उसका साइज़ बढ़ने लगा.......शास कभी मुस्कान के कयामत सरीर अओर कभी उसकी चूत पर देखा रहा था......लगता था कि उसके लंड की भूख अभी नही मिटी थी...पर कोई आ जाएगा का डर......उसने मुस्कान के चेहरे की अओर देखा.....जो शास को ही निहार रही थी....आँखें मिलते ही दोनो मुस्कुरा दिए.......
मुस्कान...कया सोच रहे हो शास...???
शास....कुछ नही...बस देखा रहा था की तुम अओर तुम्हारी ये चूत कितनी सुंदर है....
मुस्कान...कया अब भी....????
शास...है.....अब तो अओर जीयादा सुंदर हो गयी ...???
मुस्कान...पहले से जीयादा सुंदर ...???? के. मतलब...????
शास...बस ये समझ लो की अब मैं तुम्है पहले से भी जीयादा प्यार करने लगा....
मुस्कान...मुस्कान ने मुस्कुरकर पूछा...कया पहले कम प्यार था..???
शास...नही....अब अओर जीयादा बढ़ गया है.....
मुस्कान...अच्छा जी....??? मुस्कान की मुस्कुराहट से मानो शास पर बिजलियाँ गिरा गयी हों....कया कामुक मुस्कुराहट थी मुस्कान की.......??? शास तो पहले से ही उसके रूप-योवेन से घायल था....इस पर उसके सरीर मैं अओर बिजलिया सी दौड़ गयी.....मुस्कान ने फिर कहा....ऐसे ही बैठे रहोगे की अब जाओगे भी....??? कया इरादा है जनाब का...???
शास...इरादा तो बुलंद हैं जाने-जान पर वही डर...कि कोई....????
मुस्कान...शास अपनी बात पूरी भी नही कर पाया था, मुस्कान बोल उठी.....आ जाएगा....??? यही ना...??? बड़े डरपोक हो शास तुम तो....???
शास...तुम्हारी वेजेह से ही.....???? तुम्हाइन किशी के सामने सरमिंदा ना होना पड़े....वेर्ना तुम्हे अओर तुम्हारी इस चूत को रात भर चोदने का इरादा था......
मुस्कान... अब नही है कया.....???
शास... मुस्कान के इस सवाल पर शास चोंक गया....???....कया...???
मुस्कान...कया हिन्दी समझ मैं नही आती है....??? अओर मुस्कान ने एक अदा के साथ मुस्कुरा कर मूह दूसरी तरफ फेर लिया....पर बिजली तो वो फिर से गिरा ही चुकी थी.....
शास... आती है अओर शास तुरंत मुस्कान के उप्पेर आ गया....अओर उसके चेहरे को अपने हाथों मैं लेकर मुस्कान के होंठ चूमकर बोला.....जानू-जान मैं तो तुम्हरी इस गुलाब से सुर्ख लाल हुई चूत को चाटने का पहले ही मन बना चुक्का था.....पर अब तो मेरा ये तनटनाता हुवा लंड ही इसकी पप्पी लेगा.........इसको तो बस हिन्दी ही आती है.....एसीलिए ये गुलाबी चूत पर फिदा होकर अब एस्को चूमने के लिए तय्यार है.......इस बीच शास के दोनो हाथ मुस्कान की चुचियों से खेल रहे थे......
मुस्कान...नही शास...कोई आ जाएगा....मैं तो मज़ाक कर रही थी....अब रहने दो...???
शास...तुमने ही कहा था मुस्कान जब ओखली मैं सर दे ही दिया तो अब मूसलों से कया डर्ना??????? अब तो जो भी होगा देखा जाएगा.....मैं तो मान ही चुक्का था....पर ये तो अभी भी नही मान रहा है....शास ने अपने लंड की अओर एशारा करते हुवे कहा.....
मुस्कान...सच क्यो नही कहते की तुम्हारा ही मन अभी नही भरा है.....???
शास...है...डियर मुस्कान...तुम भी तो काहदो...की मन अभी नही भरा...नही भरा...नही भरा...नही भरा....के मन अभी नही भरा......
इस बात पर शास अओर मुस्कान दोनो खिलखिलाकर हंस पड़े......
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05-31-2019, 12:00 PM,
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RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
चुदाई का सिलसिला पार्ट -११
मन ही मन तो मुस्कान भी दुबारा चुदाई चाह रही थी....उसकी छूट की खुजली भी अभी तक पूरी तरह से नही मिटी थी.....चुदाई का जीयादा समय तो दर्द सहने मैं ही गुजर गया था.........वह मन ही मन चाह रही थी की शास अपना तना हुवा ये लंड एक ही झटके मैं उसकी चूत मैं डाल कर चोद दे....पर शर्म- हया के कारण वह कुछ नही कह पा रही थी....दोस्तो .ये भी अजीब दास्तान है चूत की जब तक चुदी नही थी....तब तक उसे लंड की एच्छा कभी नही हुई....अओर अब चुद चुकी तो लॅंड खाने की एच्छा अओर बढ़ गई......मगर मुस्कान अपने पर काबू रखते हुए बोली .......
मुस्कान...शास अब रहने दो....कोई आ गया तो वास्तव मैं गड़बड़ हो जाएगी....
शास. ओ भी समझा रहा हूँ पर ये तो अभी भी नही मान रहा है....एस्को कैसे सम्झाउ....????
मुस्कान...ये कया कह रहा है.....???
शास ...तुम्हारी चूत का पानी एक बार अओर पीना चाहता है.....
मुस्कान...इसे मेरी चूत का पानी इतना पसंद आ गया कया...???
शास...तभी तो झटके खा रहा है......
एन सब बातों के साथ साथ शास के हाथ अओर मूह अपना काम भी कर रहे थे.....उसके हाथ मुस्कान की चुचियाँ मसल रहे थे अओर उसका मूह उसके होंठ अओर चुचियाँ बारी बारी से पी रहे थे......मुस्कान की चूत भी लगातार पानी छोड़ रही थी.....अओर उसके दरवाजे जल्दी-जल्दी खुल व बंद हो रहे थे......
मुस्कान...शास प्लीज़ अब रहने दो...देखो कितनी देर हो गयी....अब सब लोग आने वाले होंगे....???
शास...अच्छा मुस्कान एक काम करते है...जैसे दारू पीने वालों के लिए , पटियाला पेग, मीडियम पेग, अओर स्माल पेग होता है, जैसे बोतल, अध्धा, अओर क्वॉर्टर होता है, वैसे ही इस बेचारे को बस एक स्माल पेग पीला देते है......???
मुस्कान...मुस्कान जानती थी...कि अब शास उसे दुबारा चोदने की पूरी तय्यारी कर चुक्का है...अओर वह भी तो पूरी तरह से तय्यार हो चुकी थी.....पर फिर भी मुस्कुराते हुवे बोली.....ठीक है जल्दी से स्माल पेग से ही काम चला लो.....उसकी चूत मैं भी तो सुरसूराहट मची हुई थी.....वह भी कहाँ शास को छोड़ना चाहती थी.....मगर हाई रे समय...अगर ये समय यहीं रुक जाता तो कितना अच्छा होता....मगर मजबूरी ये सब उनके हाथ मैं नही था...........
शास...तो एंतजार कर रहा था....उसने तो पूरी तय्यारी कर ली थी...उसका लंड भी मुस्कान की चूत को लगातार छू रहा था...अओर अंदर जाने के लिए झटके खा रहा था.....मुस्कान की चूत भी दरवाजा खोलकर खड़ी थी....अओर उसे अंदर आने के लिए कह रही थी.....पानी पीने अओर पीलाने के लिए.....
शास अओर मुस्कान दोनो ही चाह रहे थे....उनकी गरम साँसें उनके सरीर मैं बहते खून की रफ़्तार तेज हो चुकी थी....उनकी धड़कने बढ़े चुकी थी.....मुस्कान की चूत के मूह को छूता हुवा शास के लंड का सूपड़ा....हल्के से दबाव का एंतजार कर रहा था......दोनो शरीरो की आग भड़क चुकी थी.....रूम मैं वही सिसकारियाँ...कामुक महॉल....थर-थराते होंठ .....
शास...मुस्कान की बोझिल आँखों मैं झाँकते हुवे....कया तय्यार हो...????
मुस्कान...?????????????????????????
शास...मुस्कान बोलो ना...तय्यार हो कि नही...???
मुस्कान...कया सभी कुछ मूह से ही कहा जाएगा कया???....तुम्हे तो शर्मा आती नही...???? मुस्कान ने आँखें बंद कर ली थी........मुझे भी बेशर्म बनाकर ही छोड़ोगे......शादी भयया- भाभी की है अओर सुहाग-रात मनाने मैं तुम लगे हो................कया पूरी रात ही????????????????
शास ने अपने लंड का सूपड़ा...मुस्कान की चूत पर ठीक से अड्जस्ट किया.....मुस्कान के सरीर मैं सिहरन सी दौड़ गई.....उसकी चूत ने मूह खोल लिया था...जैसे वो जन्मो की पयासी हो...अओर एंतजार था....शास के लंड का अंदर घुसने का......
शास...हैं मुस्कान अगर तुम कहो तो मैं तुम्हे पूरी रात ही चोदना चाहता हूँ.....
मुस्कान...सारी रात को छोड़ो....अब जो करना है...जल्दी से कर लो.....???
शास...जो होकम जाने जा....ए ये लो....अओर शास ने एक जूरदार धड़क्का लगा दिया....
मुस्कान की चीख निकल गयी.....पर शास का पूरा लंड मुस्कान की चूत मैं समा चुक्का था.....आआआआआआआआहह आआआआआआआईईईईईईईसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईई
मुस्कान...शास कया मार ही डालोगे...????
शास...कियूं कया हुवा....??? अब तो पूरा रास्ता खुला हुवा था........
मुस्कान...पर तुम्हारा लंड तो मानो अओर मोटा हो गया है.....आआआआआअहह.
शास अओर मुस्कान की ये चुदाई लगभग 24-30 मिनिट्स तक चली....कामुक आवाजो अओर सिसकारियो के बीच दोनो पानी छोड़कर शांत हो गये......अओर एक दूसरे की बाहों मैं लेयटे रहे..................
कुछ देर के बाद मुस्कान ने शास को बाहर भेज दिया कहीं कोई आ ने जाए....अओर स्वयं गद्दे पर फ्रेश होकर लेट गयी....मुस्कान आज बहुत खुस थी....उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे.....उसकी चूत कुछ सूज गयी थी अओर दुख भी रही थी...फिर भी मुस्कान खुस थी....अओर ने जाने कब मुस्कान को नींद आ गयी...............................
शास...मुस्कान के कमरे से धीरे से निकल कर सीधा घर गया, अओर सीमा दीदी जो अब फेरों (मनडेप) मैं बैठ चुकी थी ....की नज़रों से खुद को बचाता हुवा...उपेर के रूम मैं चला गया...अओर बेड पेर लेट गया.....मुस्कान के बारे मैं सोच्चते हुवे ने जाने कब शास को भी नींद आ गयी.........
जब शास की आँखें खुली तो मॉर्निंग के 4 बज चुके थे अओर सीमा दीदी उसे जगा रही थी....
शास ने आँखें खोल कर देखा तो सामने सीमा दीदी खड़ी थी....शास जल्दी से उठ बैठा....
शास...कया हुवा दीदी...????
सीमा...तुम कहाँ थे शास...???? मैं तुम्हें कब से ढूँढ रही थी...???
शास...मैं तो यही था दीदी....उपेर आया अओर लेट गया तो नींद आ गयी...........
सीमा...अओर मुस्कान कहाँ है..???
शास...मुझे कया मालूम दीदी....??? मैं तो आपके पास से आकर लेट गया था...उसके बाद मुझे कुछ नही पता.......
सीमा...तुमने बहुत बड़ी ग़लती की शास....??? तुम्हे तो मुस्कान को भी चोदना चाहिए था....
शास...मगर कियूं दीदी...???
सीमा...बस ये समझ लो की ये मेरी एच्छा थी.....तुम दुबारा मुझे नज़र ही नही आए.....???
शास...दीदी रात भर तो आप के साथ रहा अओर उसके बाद पूजा जी आ गयी...एसलिए थकान से नींद आ गयी थी......
सीमा... वो तो ठीक है...पर मुझे बता तो देते की मैं उप्पेर जा रहा हूँ....मैं तुम्हें किशी के द्वारा बुलवा लेती.....????
शास...मैने समझा कि मैं मुस्कान को टाय्लेट ले गया था एसलिए आप मुझसे नाराज़ है एसीलिए मैं सीधा यहीं चला आया था......
सीमा का चेहरा अभी भी उदास था....उसके मन मैं कया चल रहा है...ये अंदाज़ा लगाने की शास कोशिस कर रहा था.....शायद सीमा के सोचेने का केंद्र अभी मुस्कान ही थी.....
सीमा परेशान थी कि एक अच्छा मौका उसके हाथ से निकल गया है.....अगर आज कहीं शास ने मुस्कान को चोद दिया होता तो......?????? बाजी उसके हाथ मैं होती......अओर वह ससुराल मैं मुस्कान को अपने मर्ज़ी से नचा सकती थी.......मगर अब सब हाथ से निकल चुक्का है.....
सीमा...नही शास मैं तुमसे नाराज़ कियों होती...???? मैने ही तो तुम्हे मुस्कान के साथ टाय्लेट करने के लिए भेजा था.....हां...मैं एसलिए ज़रूर तुमसे नाराज़ हूं की तुमने मुस्कान को चोदने का एक अच्छा मौका खो दिया........
शास...तो कया हुवा दीदी....??? कया मुस्कान को चोदना ज़रूरी था....????
सीमा...हा शास मुस्कान तो चुदना ज़रूरी था.....कया तुम मेरी ये छोटी सी एच्छा भी पूरी नही कर सकते थे....????
शास...मैं कया करता दीदी...??? कया मुस्कान को ज़बरदस्ती चोद देता...???? टाय्लेट जाते-आते हुवे उसने तो कोई बात नही की...????
सीमा...ठीक है उसने कोई बात नही की.....पर तुम्हें तो करनी चाहिए थी.....अओर मैं ये जानती हूँ की वो तुमसे चुदना चाहती थी...जब तुम दोनो टाय्लेट से आए....तुम्हारा ये लंड क्यों खड़ा था....अओर उसका चेहरा कियूं लाल था.....???? मैं जानती हूँ शास तुम भी उसे चोदना चाहते थे अओर वह भी तुमसे चुदना चाहती थी....पर तुम्हारी एक छोटी सी भूल ने सारा काम खराब कर दिया........तुम्हे वहाँ से नही जाना चाहिए था......
शास...हां दीदी मैं तो उसे चोदना चाहता था...पर तुमसे डर लगता था.....कही आप नाराज़ ना हो जाए...आपकी एक्लोति ननद जो थी मुस्कान...??? अओर फिर.आपने भी तो मुझे कोई एशारा नही किया जिससे मैं समझ पाता.....कि मुस्कान को चोदना है....???? पर दीदी मुस्कान के बारे मैं हम कैसे कह सकते है कि वो भी चुदना चाहती थी.....????
सीमा...मैने उसके चेहरे को देखकर ये जान लिया था...आख़िर मैं भी एक लड़की हूँ...??? अओर फिर तुम्हारे जाने के बाद वह काफ़ी उदास थी अओर तुम्हारे बारे मैं ही सोच रही थी......उसने कई बार तुम्हारे बारे मैं बात भी की....उसकी आँखें लगातार तुम्हें ही ढूँढ रही थी....ये मैं जान चुकी थी.....पर तुमने वहाँ से जाकर बड़ी ग़लती की....अओर फिर लौट कर भी नही आए.....एसे भी मैं अनुमान लगा सकती हूँ....कि वो भी तुम्हारे लिए परेशान थी....????
शास...सॉरी दीदी...पर अब मैं कया कर सकता हूँ....???????????
सीमा...कोई बात नही..शास....मैं ही देखती हूँ.....अगर अब मौका मिले तो चूक मत जाना ....अओर हा.....उसे चोद्कर मुझे बताना मत भूलना....मैं अब जाती हूँ नीचे सब मेरा एंतजार कर रहे होंगे....बिदाई का समय हो चुक्का है शास जब तक मैं ससुराल से लौटकर ना आउ तुम यही पर रहना.....मैं फोन कर दूँगी यहाँ पर पूजा तुम्हारा ध्यान रख्खेगि........???? कह कर सीमा जल्दी से रूम से निकल गयी............................
अओर शास सोच रहा था की ....जिस मुस्कान को चुदवाने के लिए दीदी एत्नि परेशान है.... उनके चेहरे की रोनक गायब है.....वो तो बेचारी चुद भी चुकी है....ये शास भी तो मज़े लूट चुक्का है....पर दीदी सायेद अब इस संबंध मैं तुम्हारी तमन्ना पूरी हो या नही...ये कह नही सकता हूँ......तभी शास के दिमाग़ (मन) मैं बिजली सी कोंध गयी....????
शास उठो चलो एक बार अओर मुस्कान को सावधान कर दो....सीमा दीदी से वो सावधान रहे.....पता नही कब-कहाँ उस बेचारी मुस्कान को दीदी फँसा दे...???? उसे बता दे शास कि वो सीमा दीदी से बचकर ही रहे.........अओर शास तुरंत उठा अपुर कपड़े पहन कर रूम से बाहर निकल गया.......वह जानता था की मुस्कान के पैर की चोट अभी ठीक नही हुवी है.....अओर वह जनवासे के सिवाय अओर कही नही जा सकती है....एसलिए शास के कदम जनवासे की तरफ मूड गये......
शास ने जनवासे मैं आकर देखा....काफ़ी भीड़-भाड़ हो रही थी....सभी बिदाई की तय्यारी मैं लगे थे......अपना अपना समान एकट्ठा कर रहे थे.....कुछ लड़के दूल्हे के साथ घर की अओर किशी आखरी रस्म को पूरी करने के लिए जा रहे थे.....शास एधर उधर देखता हुवा सीधे उसी रूम मैं चला गया जिस मैं मुस्कान थी....उसके पास कुछ लड़कियाँ बैठी थी..........फिर भी शास उसके पास चला गया....
शास....अब कैसी हो मुस्कान जी.....????
मुस्कान...ओह! शास तुम....??? अब पहले से ठीक है...दर्द भी कम है....मुस्कान ने अपनी सहेलियों की अओर मूह करके सभी लड़कियूं को बताया की ये शास....सीमा भाभी की बुआ जी के लड़के है......अओर शास ये मेरी फ्रेंड्स है......सभी लड़कियो ने शास की अओर मुस्कुरकर देखा.....शास ने हाथ जोड़ दिए......मुस्कान ने आगे बताया जब कल मेरे चोट लग गयी थी तो शास ने मेरी एधर उधर जाने मैं काफ़ी मदद की....
मुस्कान...बैठो शास...
शास...जी....अओर शास वही पर बैठ गया....आप लोगो ने चलने की तय्यारी कर ली...???
मुस्कान...जाना तो है ही....
एक लड़की...कहो तो मुस्कान को यही छ्चोड़ दे...??? इस पर साभी बाकी लड़कियाँ ज़ोर से हंस पड़ी...अओर शास झेप गया.....उसने मूह नीचे करके कहा...मेरा ये मतलब नही था....
दूसरी...तो कया मतलब था आपका शास जी...????
शास...जी वो......???? अचानक हुवे इस हमले का कोई उत्तर नही सोच पा रहा था.....फिर धीरे से बोला जी मेरा मतलब था की रात हुई उस घटना के कारण आपलोग शादी को एंजाय नही कर पाए....इसका हमे दुख है.....
मुस्कान...ये सीधा सादा शास...कियूं इसका मज़ाक बनाना चाहती हो....???
लड़कियाँ...अच्छा जी सीधा-साधा शास.....ओह!!!! अब पता चला हमे..........अओर सभी खिल-खिला कर हंस पड़ी मुस्कान अओर शास दोनो ही शर्मा गये....कहते है जहाँ गहर होती है पानी वही भरता है.... शास अओर मुस्कान को लगा जैसे उनकी चोरी पकड़ी गयी हो....एसलिए मुस्कान ने झल्लाकर लड़कियो को डाँट दिया.....अच्छा चलो जाओ यहा से....
लड़कियाँ...हम तो मज़ाक कर रहे थे तुम तो बुरा मान गई....सॉरी यार....
शास...कोई बात नही...मुस्कान जी कया हुवा...करने दो ना एन्हे मज़ाक......इस पर फिर से सभी खिल-खिला कर हंस पड़े......मुस्कान शास से कुछ पर्सनल बात करना चाहती थी पर वो समझ नही पा रही थी कि के करे....याहि हाल तो शास का भी था...वह नही समझ नही पा रहा था कि मुस्कान को कैसे बताए कि सीमा दीदी से सावधान रहे....एशी कसमकास मैं दोनो...कुछ बोल ही नही पा रहे थे....पर जब लगान सच्ची होती है तो कोई ना कोई रास्ता निकल ही आता है.... तभी मुस्कान की मुम्मी ने आकर सभी लड़कियो से कहा....
मूमी...लड़कियूं चलो...दुल्हन की बेदाई के समय तो वहाँ पर रहो....फ़िजूल बाते बाद मैं कर लेना........बेटी मुस्कान कया तुम भी जाओगी...???
मुस्कान...नही मम्मी मैं नही जाओंगी...चलने मैं अभी परेसानी होती है......
मूमी...ठीक है तुम यहहीं बैठो...हम अभी आते है....ये लड़का कौन है...???
मुस्कान..ममी ये शास है....भाभी जी की बूवजि का लड़का...मेरी चोट के बारे मैं पूछने आया था.....
शास...मौसी जी नमेस्ते ....शास ने हाथ जोड़कर कहा....अओर उठने लगा.....
मूमी... जीते रहो... बैठो बेटा तुम यहीं मुस्कान के पास ये अकेली रह जाएगी ....हम सभी अभी आते है.......
अंधे को कया चाहिए दो आखें...शास अओर मुस्कान दोनो तो यही चाहते थे....जैसे ही मम्मी मुड़कर गई दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा अओर मुस्कुरा दिए......
मुस्कान...कैसे हो शास...???
शास...मैं अच्छा हूँ तुम अब कैसी हो....??? रात मैं जीयादा दिक्कत तो नही हुई...???
मुस्कान...मुस्कुरकर आँखों की बिजलियाँ शास पर गिरा दी अओर बोली... दिक्कत तो तुम दूर कर गये थे....उसके बाद तो हम आराम से सोए..........
शास...ने एधर-उधर देखा अओर मुस्कान के होंठ चूम लिए..........कहो तो एक बार अओर दिककात को दूर कर दे..????
मुस्कान...बड़े बेशरम हो मौका मिलते ही..........???? वास्तव मैं दिक्कत दूर करनी है तो हमारे घर आना......मुस्कान ने शास को खुला निमंत्रण दे दिया....????
शास...जानती हो वहाँ दीदी होंगी....???
मुस्कान...तो कया हुवा....????
शास...यही तो बताने आया था...की ज़रा दीदी से सावधान रहना.....उन्हे कोई भी आपनी राज की बात मत बताना.....वेर्ना वे आपको हमेशा ब्लॅकमेल करती रहेगी.....???
मुस्कान...तुम्हें कैसे पता...???
शास...मुझ पर विस्वास है...???
मुस्कान...अपने से जीयादा हो गया है...
शास...तो फिर मेरी बात का धयान रखना...दीदी तुम्हारी किशी भी कमज़ोरी का फायेदा उठाने के लिए हर पर्यत्न करेंगी....बस तुम सावधान रहना.....उन्है कोई भी आपनी बात मत बताना....अओर मेरे बारे मैं उनसे कम ही बात करना....
मुस्कान...कया कह रहे हो शास....भाभी भला एसा कियूं करेंगी....????
शास...तुम कितने भोली हो मुस्कान....तुम नही जानती....वो तुम्हे बस मैं रखने के लिए तुम्हे किशी से भी चुदवा सकती है.....अगर तूने अब भी मेरी बात नही मानी तो बाद मैं पछताॉगी........
मुस्कान...ठीक है शास....मैने तुम्हारी बात मान ली....मैं हमेशा एस बात का ध्यान रकखूँगी कि मेरी हर बात उनसे राज़ ही रहे....
शास...थॅंक्स मुस्कान...अब मैं चलता हूँ....कभी फिर मुलाकात होगी......
मुस्कान...खाली ही चले जाओगे...???
शास...नही तुम्हाई यादें...अओर प्यार है मेरे साथ....अओर एक बार अओर मुस्कान के होंठ चूम लिए....मुस्कान ने भी शास के होंठ चूमकर....ये हमेशा याद रखना....अओर जब भी मेरी याद आए तो हमारे घर चले आना....एसके बाद शास मुस्कान के रूम से बाहर निकल गया.........................
शास जब घर पहुँचा तो बिदाई की सभी तय्यारिया हो चुकी थी.....सीमा दीदी दुल्हन के लिबास मैं लिपटी हुई थी.....ना जाने सीमा ने शास को कैसे देखा लिया...सायेद उसकी आँखें शास को ढूँढ रही हो....सीमा दीदी की एक फ्रेंड शास के पास आकर बोली ....शास तुम्हें सीमा बुला रही हैं....शास सीमा दीदी के पास चला गया.....आपने बुलाया दीदी..???
सीमा...हां शास....कल से देख रही हूँ...तुम मेरे पास कम ही आते हो...कया बात है....???? कहाँ रहते हो...????
शास...नही दीदी ऐसी तो कोई बात नही...बस भीड़-भाड़ मैं सायेद....मैं आपको नज़र ना आता हूँ......मैं तो आपके आसपास ही रहता हूँ.....
सीमा...नही शास....ये बात नही है...मुझे तुम्हारे मैं कुछ बदलाव सा नज़र आ रहा है.....जब से तुम मुस्कान से मिले हो...मुझ से कुछ दूर-दूर रहने लगे...कया ये झूठ है....???
शास....नही दीदी एसा नही है...मैं खुद ही आपको मिस कर रहा हूँ...आप तो भीड़-भाड़ मैं रहती है मैं कुछ मन की बात भी नही कर पाता हूँ....फिर आपको तो जीजाजी का लंड रात मैं मिल जाएगा...लकिन मेरा लंड तो आपने भी प्यासा छोड़ दिया था......बस मैं प्यासा ही एधर उधर घूमता रहता हूँ.....
सीमा...सीमा के चेहरे पेर लालिमा दौड़ गयी...आँखें कुछ पल के लिए झुक गयी...फिर आँखें उठा कर शास की अओर देखा....मुझे बहुत मिस करते हो....???
शास...जी दीदी..............
सीमा...बस दो दिन की ही तो बात है.....उसके बाद तो मैं लौट अवँगी...तुम जिभरकर प्यास बुझा लेना....अओर मुस्कुरा दी......
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05-31-2019, 12:00 PM,
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RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
तभी सीमा के पास बहुत सी लॅडीस आ गयी अओर उनकी बाते बंद हो गयी.....बाहर दुल्हन के लिए गाड़ी सजकर तय्यार खड़ी थी....सभी वहाँ पर अब दुल्हन के आने का एंतजार कर रहे थे....कुछ लड़कियो ने सीमा को पकड़कर उठाया अओर गाड़ी की अओर लेकर चलने लगी....अब सुरू हुवा...रोने-धोने का सिलसिला.....एक दूसरे के गले लगकर सीमा दीदी भी घुघंट मैं रो रही थी....सभी ओरतो (लॅडीस) की आँखें भी गीली हो गयी थी....अओर सीमा को एक दुल्हन की ही तरह सजी हुई गाड़ी मैं बिठा दिया गया....ढेरो आशीर्वाद दूल्हा-दूल्हें के लिए सभी सगे-संबंदियों ने दिए.....फिर दूल्हा भी सीमा की बगल मैं बैठ गया....अओर गाड़ी चल दी......कुछ दूर जाकर गाड़ी रुकी...कुछ बड़े-बाजुर्गो मैं गुफ्तगू हुई...अओर फिर गाड़ी चल दी.....अओर सीमा दीदी बाबुल का घर छोड़ कर चली गयी....ससुराल.....
उसके बाद सभी लौट आए अओर दूसरे कार्यो मैं लग गये.....कुछ मेहमान अपने घर जाने की तय्यारी मैं जुट गये.....दोपेहर होते-होते घर मैं सन्नाटा छा गया था....मेहमान जा चुके थे...अओर घर के लोग....खाना खाकर सोने चले गये थे रात भर के जागे हुवे जो थे.....अब वहाँ पर चालपेहल सब ख़तम हो चुकी थी....रह गया था एक सामान्य सा घर......जहाँ पर कुछ खास घर के मेहमान ही बचे थे...शास जब से आया था....पहले सीमा दीदी अओर बाद मैं मुस्कान से ही जुड़ा रहा उसे मालूम ही नही चला की शादी मैं कॉन-कोन खास मेहमान आए थे....यहाँ तक की वह अपनी मौसी अओर उनकी दो बेटियों अओर एक बेटे से भी नही मिल पाया था....हा शादी मैं देखा ज़रूर था.....हाई-हेलो भी हुई थी......पर उनके लिए समय उस समय नही था शास के पास......
शास की मालती मौससी की दो बेटियाँ.....कंचन अओर पायल सेकेंडरी अओर सीनियर सेकेंडरी की स्टूडेंट थी थी बेटा....अभी छोटा था....जो 4र्थ या 5थ का ही स्टूडेंट था......बच्चे मौससी की ही तरह सुंदर थे.......शास भी उप्पेर के रूम मैं गया जहाँ से उसकी सीमा दीदी अओर पूजा की यादें जुड़ी थी.....उसने देखा.....कि वहाँ शास की मम्मी, मौससी अओर उनके तीनो बच्चे सो रहे थे.......दोनो बेड फुल थे.....शास ने एक चटाई उठाई अओर एक तरफ डालकर वहीं पर लेट गया.....कुछ ही देर मैं उसे भी नींद आ गयी...... नींद आते ही शास के ख़यालों मैं.....मस्त मुस्कान चली आई...अओर उसकी सुगंधित टाइट गुलाबी चूत.......उसके गोल-गोल सॉलिड बूब्स.....शास को नींद मैं भी लुभाने लगे....शास के सरीर मैं......सुरसूरहट सी होने लगी......अओर उसका लंड पेंट मैं ही बॅमबू बन गया....जो पेंट की चेन को तोडने का पारियास कर रहा था....अओर शास नींद मैं भी मस्त मुस्कान के सरीर से खेलता रहा.....अओर उसका लंड झटके ख़ाता रहा........
शाम के लगभत 4 बजे थे कि कंचन टाय्लेट के लिए उठी...अओर बाथरूम की तरफ जाते हुवे उसकी नज़र शास पर पड़ी जो फर्श पर चटाई बिछा कर सो रहा था.....पर जैसे ही उसकी नज़र शास के बॅमबू बने लंड पर पड़ी तो कंचन के सरीर मैं ल़हेर सी दौड़ गयी...शरम से उसका चेहरा लाल हो गया.....अओर वह तुरंत ही बाथरूम मैं चली गयी.....बाथरूम मैं जाकर कंचन ने अपना चेहरा मिरर मैं देखा.....उसकी गालो पर शुर्खी बता रही थी....कि उसे उस चीज़ का अहसास होने लगा था....जो योवेन आने के बाद होता है....कई बार स्कूल जाते हुवे लोकल बस मैं.....कई लंड उसकी गांद को रगड़ चुके थे.....अओर उस समय उसने चूत मैं गीलापन महसूस किया था.....मगर आज का अहसास कुछ अलग ही था....उसके सरीर की शिहरन...उसकी चूत का गीलापन कुछ अओर ही संकेत दे रहे थे......कंचन ने शीशे के सामने ही अपना ट्रोवजेर अओर पॅंटी नीचे खिसकाई.....अओर अपनी कोरी....मुलायम बालों वाली चूत को देखकर खुद ही शर्मा गयी.....अओर अनायास ही उसका एक हाथ उसकी चूत पर घूमने लगा था....उसकी बुर अओर गीली हो चली थी......एक लंड के अहसास ने उसकी बुर मैं हल्की हल्की खुजली कर दी थी.....की उसकी एक उंगली बुर के छेद पर हरकत करने लगी.....मदहोश होती कंचन.....क्लिट को छूकर छेद पर रखी उंगली.....उसकी उत्तेजना अनायास ही बढ़ गयी थी....अओर उंगली बुर के छेद मैं धीरे धीरे अंदर बाहर होने लगी थी....जिंदगी का पहला हस्त-मेथुन......बुर से बहता पानी.......एक अजीब अनुभव.....पूरे सरीर मैं अजीब सी एइन्ठन.....कंचन की उंगली की अचानक स्पीड बढ़ गयी....शुर्ख होता चूत का गुलबीपन.....फिर अचानक कंचन की नज़रे शीशे (मिरर) पर पड़ी तो वो अओर शर्मा गयी....उसकी चूत से गरम गरम लिसलिषा पानी उसकी उंगली को गीला कर चुक्का था.....कंचन ने अपने आप को बड़ी मुस्किल से रोका.....अओर टाय्लेट शीट पर बैठ कर अपनी बुर को ठंडे ठंडे पानी से धोया.....अओर टाय्लेट करके उठी....अपने चेहरे को भी धोया.....तब जाकर कुछ नर्माल महसूस किया.....अओर बाथरूम से बाहर निकल आई.....टवल से चेहरा सॉफ कर वह जाकर फिर से पायल दीदी के पास लेट गयी.....अभी भी बार बार उसकी निगाहें शास के बॅमबू बने लंड की अओर घूम जाती थी......फिर कंचन ने अपना एक पैर पायल दीदी के उप्पेर रख कर उधेर करवेट ले ली......मगर उसके जेहन मैं शास का लंड नाच रहा था......अओर उसका एक हाथ पायल की भारी –भारी गोल-मटोल टाइट चुचि पर आकर अपना हल्का मगर लगातार दबाव बढ़ा रहा था....अओर उसका घुटना पायल की जांघों के बीच एक गुदगुदी उभार को महसूस कर रहा था.........
कंचन एक बड़ी ही सुन्दर लड़की थी, उसकी लंबाई लगभग 5.5 इक-हरे शरीर की मलिक, बड़ी-बड़ी आँखें गुलाबी सुर्ख होत किशी को भी अपनी अओर आकृषित कर लेते थे.....उसके रूप-रंग के कई दीवानो ने उसके एर्दगिर्द मंडराना सुरू कर दिया था....पर कंचन ने आज तक किशी भी लड़के को भाव नही दिया था......वेशे तो स्कूल की कयि सहेलिया थी.....पर उसकी अपनी बड़ी बेहन पायल से ही जीयादा पट ती थी....दोनो साथ साथ स्कूल जाती-आती थी.....रास्ते मैं कई बार कुछ लड़को ने उन पर डोर डालने का पारियास किया.....पर उन्होने कभी किशी लड़के को महत्व नही दिया......एस्की एक वेजह पायल थी....पायल बड़ी ही सोमय लड़की थी....उसकी हाइट भी अच्छी थी....गोरा साफ सुथरा सरीर....नक्श बड़े ही लुभावने थे......पर उनकी मम्मी मालती जो उन्हे शिक्षा देती थी......पायल उसका ही अनुसरण करती थी.....एसीलिए आज तक वे दोनो बहने एस दुनिया की चमक-दमक से दूर ही रहती थी.....वैसे पायल का योवेन पूरे शबाब पर था....उसकी चुचियाँ काफ़ी भारी पर सॉलिड थी....चुचियो पर छोटी-छोटे ब्राउन निप्पेल्स उनकी सोभा मैं चार चाँद लगाते थे....उसके चूतड़ भी कंचन से कुछ भारी थे,,,पर कमर दोनो की ही पतली थी....पायल जवानी की दहलीज पर कदम रख चुकी थी....अओर कंचन जवानी की दहलीज पर कदम रख रही थी.....पर आज उसके सरीर के वेर्ताव ने उसे भी अहसास करा दिया था कि....वो इतनी जवान हो चुकी थी....कि उसकी चूत लंड के लिए बैचेन होने लगी थी.......
कंचन के हाथों का दबाव.....पायल ने अपनी चुचियो पर महसूस किया....उसकी फूली हुई चूत भी अपने उप्पेर दबाव महसूस कर रही थी......पायल की नींद टूट चुकी थी....पर अभी उसने आखें नही खोली थी......कंचन के हाथ कभी कभी पायल की चुचियो के निपल को छेड़ रही थी.....पायल सोच रही थी कि आज कंचन को कया हुवा...एसा तो उसने पहले कभी नही किया.....वे दोनो बरसों से साथ ही सोती थी....पर आज कंचन का बर्ताव पायल को कुछ अलग ही लग रहा था......उसने कांचेन को रोकने की चेस्टा नही की सायेद उसे कंचन का ये बर्ताव अच्छा लग रहा था.....कुछ ही देर मैं पायल ने भी अपनी चूत मैं गीलापेन महसूस किया.....कंचन के पैर का घुटना उसकी चूत की क्लिट को कभी कभी छू जाता था.....पायल भी आँखें बंद किए हुवे....कंचन के खेल का आनंद ले रही थी....तभी उसे लगा की उसकी बुर से कुछ निकल रहा है......एक खिचाव सा उसके सरीर मैं हुवा....अओर चूत मैं कुछ होने लगा....जैसे उसका टाय्लेट निकलने ही वाला है.....पर एक अजीब आनंद ने उसे रोके रखखा.....तभी उसे उसकी चूत से गरम..गरम पानी निकलता महसूस हुवा.......अओर आँखों पर एक दबाव सा आ गया......अओर अंजाने मैं उसके होंठो की थरथार्हत से उउउउउउम्म्म्म्म्म्म्मुउउउउउईईईईए जैसी सिसकी निकल ही गयी........अओर कंचन ने अपना काम बंद कर पायल के चेहरे की अओर देखने लगी....पायल की आँखें अभी तक बंद थी.......
कंचन...धीरे से ...कया हुवा दीदी...????
पायल............................................. ..............????
कंचन...पायल दीदी...कया हुआ....???? आप ऐसा कियूं कर रही है....???
पायल...पायल ने आँखें खोली....अओर बड़े प्यार से कंचन को देखती हुई बोली....कया कर रही थी तुम एत्नि देर से .....???
कंचन...कुछ भी तो नही दीदी.....
पायल...अच्छा....तुम कुछ नही कर रही थी...???
कंचन...डरते हुवे....दीदी कुछ नही सोते हुवे कही हाथ लग गया होगा.....
पायल...मुस्कुराते हुवे...अच्छा..सोते हुवे...ये सब हो रहा था..???
कंचन...कया हो रहा था दीदी..????
पायल...तुम्हे नही मालूम...कि कया हो रहा था...???
कंचन...नही दीदी मैं तो सो रही थी....आपकी आवाज़ सुन कर आँखें खुल गयी.....
पायल...अच्छा ठीक है....मम्मी को बताओँगी की कंचन.....????
कंचन....नही दीदी....प्लीज़....मम्मी को कुछ मत बताना.....???
पायल....तो बताओ कया कर रही थी....???
कांचें...कुछ नही दीदी....बस आपकी चुचियाँ अच्छी लगी....इन पर हाथ फेर रही थी......
पायल...अओर पैर का घुटना...कहाँ घुमा रही थी.....????
कांचें...दीदी...आपकी.....आपकी...वो....???
पायल...हां बोलो...नही तो मम्मी....
कांचें...प्लीज़ दीदी....आपकी चूत पर....मुझे जाने कियूं अच्छा लग रहा था....
पायल...कंचन सच सच बताओ कया बात है...नही तो मैं ये सब मम्मी को ज़रूर......????
कंचन...पायल को बीच मैं ही रोक कर, प्लीज़ दीदी...मम्मी को कुछ मत बताना.....मैं सब सच सच बता देती हूँ.....
पायल...अच्छा बताओ......???
कंचन...दीदी मैं टाय्लेट के लिए उठी तो शास भाय्या का वो.......???? दीदी प्लीज़ आगे मत पूछो...मुझे शरम आती है.....
पायल...अब बताओ भी..कंचन....मैं तुम्हें कुछ नही कहूँगी....
कंचन...दीदी ज़रा शास भाय्या का वो देखो....कंचन ने सोते हुवे शास की अओर एशारा किया...मगर अब तक...शास करवेट ले चुक्का था....अओर कुछ भी नज़र नही आ रहा था.....????
पायल...कया है शास भैया का....वो तो सो रहा है....???
कांचें...नही दीदी जब मैं उठी थी....तो....उनका वो....????
पायल...कया कंचन उनका वो...उनका वो कर रही है...बता ना....कया था...??? वो तो बेख़बेर सो रहा है...???
कंचन...दीदी शास भाय्या का वो...मेरा मतलब है....दीदी मुझे शरम आती है.....अब रहने भी दो...???
पायल...अच्छा अभी मेरी चुचिया अच्छी लग रही थी...अओर मेरी चूत भी अच्छी लग रही थी......अओर शास भाय्या का कया देखा ये बताते हुवे शरम आ रही है.....अब जल्दी से बता....शास भाय्या कया कर रहे थे....???
कंचन...दीदी...??? कंचन ने मूह पायल की बेगल मैं छुपा लिया....दीदी जब मैं टाय्लेट गयी तो शास भाय्या सो रहे थे अओर उनका लंड बॅमबू बना हुवा था.....
पायल...पगली...तो एसे कया होता है....सोते सोते हो गया होगा.....
कंचन...नही दीदी बहुत बड़ा बॅमबू था...आप देखती तो....????
पायल...मैं देखती तो कया उसके कपड़े उतार फैक्ति...???
कंचन..हो सकता है दीदी...????
पायल...अच्छा...???????????
फिर दोनो धीरे से हंस पड़ी....अओर एक दूसरे की आँखों मैं देखकर....फिर से मुस्कुरा दी....
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