08-05-2019, 12:41 PM,
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
आँटी रोहन से कह रही थी- “बेटा फोन करके तो बता दिया करो की तुम घूमने जा रहे हो, हम बेवजह परेशान हो रहे थे...”
रोहन ने आँटी से कहा- “आँटी वो नेटवर्क खराब था वरना मैं फोन कर देता। मैं अब जा रहा हूँ, बहुत देर हो गई है...”
आँटी ने रोहन से कहा- “अरे ऐसे कैसे जा सकते हो? बैठो लंच करके फिर जाओ.."
रोहन ने कहा- “आँटी बहुत देर हो गई है घर वाले परेशान होंगे। मैंने उन्हें भी नहीं बताया है फिर किसी टाइम लंच भी कर लेंगे..." रोहन यह कहता हुआ वहाँ से चला गया।
आँटी ने बिंदिया को टोकते हुए कहा- “खाना खाओगी या वो भी खाकर आई हो...”
बिंदिया ने कहा- “मैं फ्रेश होकर आती हैं, खाना नहीं खाया है...” कहकर बिंदिया अपने कमरे में चली गई।
मैं फिर से करुणा के कमरे में चली गई। करुणा के कमरे में जाते ही मैं करुणा के साथ सोफे पर बैठ गई और करुणा की चूची को हाथ में लेकर मसलते हुए कहा- “करुणा रानी देख रही हो, तुम्हारी दीदी कैसे शादी से पहले ही रोहन से मजे ले रही है और तुम अभी तक कुँवारी फिर रही हो...”
करुणा ने अपनी चूची पर दबाव पड़ते ही- “ओईए धन्नो आहिस्ते दबा...” कहकर कराह उठी।
मैंने करुणा की चूची को वैसे ही दबाते हुए कहा- “यह तो कुछ भी नहीं... जब रात को मोहित तुम्हारी इन छोटीछोटी चूचियों को देखेगा तो... वो तो इन्हें खा ही जाएगा...”
करुणा मेरी बात सुनकर शर्म से लाल हो गई, करुणा ने कहा- “धन्नो रात के बारे में सोचते हुए मेरी तो चूत में अभी से कुछ-कुछ होने लगा है...”
मैंने करुणा से कहा- “सबर कर मेरी बच्ची, सबर का फल मीठा होता है और हम दोनों साथ में हँसने लगी...”
मैं करुणा के कमरे से निकालकर बिंदिया के कमरे में चली गई। मुझे बिंदिया से आज के बारे में पूछना था, बिंदिया के कमरे में जाते ही मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया।
बिंदिया ने मुझे देखते हुए कहा- “धन्नो आओ मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी...”
मैं बिंदिया के साथ जाकर बेड पर बैठ गई और बिंदिया को चिढ़ाते हुए कहा- “कहाँ गई थी आज रोहन के साथ? आजकल तू बहुत मजे कर रही है..”
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मेरी बात सुनकर बिंदिया ने गुस्सा होते हुए कहा- “धन्नो तुम्हें पता है आज मेरे साथ क्या हुआ है?”
मैंने हैरान होते हुए कहा- “क्यों क्या हुआ था आज जल्दी से बताओ?”
बिंदिया ने कहा- “धन्नो मैं तुझसे कुछ नहीं छुपाती, मगर यह बात किसी से कहना मत... तुझे मेरी कसम...”
मैंने कहा- “किसी को नहीं बताऊँगी, अब बताओ भी...”
बिंदिया ने जंगल वाली सारी बात बता दी की वो कैसे डाकुओं से भागकर यहां पहुँचे हैं।
मैं बिंदिया की बात सुनकर हैरान हो गई और बिंदिया को चिढ़ाते हुए कहा- “काश तुम्हारी जगह मैं होती तो मैं तो उस सरदार से मजा लेकर चुदवाती...”
बिंदिया मेरी बात सुनकर मुझे मुक्का मारते हुए बोली- “तुम्हें यह सब मजाक लग रहा है, अगर मुझे रोहन ना बचाता तो मैं आज किसी को मुँह दिखाने के लायक ना रहती, और खुदकशी कर लेती...”
मैंने बिंदिया को सीरीयस होते हुए देखकर कहा- “बिंदिया मैं तो मजाक कर रही थी। तुम्हें कुछ नहीं हुआ ना... अब इन सब बातों को भूल जाओ...”
मैं बिंदिया से कुछ देर बातें करने के बाद अपने कमरे में आकर आराम करने लगी। शाम को उठने के बाद बातें करते हुए कब रात हो गई पता ही नहीं चला। सभी लोग खाना खाने के बाद अपने-अपने कमरे में सोने चले गये। मैं अपने कमरे में आकर लेट गई और करुणा के बारे में सोचने लगी। करुणा की उमर ही क्या है... और वो अभी से इतनी गरम है की वो मेरे कहने पर किसी से भी चुदवा सकती थी। मैं एक घंटे तक अपने कमरे में रही और फिर अपने कमरे से निकलकर करुणा के कमरे में चली गई। मैं करुणा के कमरे में पहुँचकर हैरान रह गई। करुणा बिल्कुल नये कपड़े पहनकर तैयार बैठी थी। करुणा ने आज एक खूबसूरत साड़ी पहनी थी और उस साड़ी में वो बिल्कुल परीलोक की एक अप्सरा लग रही थी।
करुणा ने मुझे देखकर खुश होते हुए कहा- “दीदी तुम आ गई, मैं तो कब से तैयार बैठी हूँ...”
मैंने करुणा को गौर से देखते हुए कहा- “अरे आज तो तुम बिल्कुल सजकर परी लग रही हो। मोहित तो तुम्हें देखकर ही पागल हो जाएगा...”
करुणा ने मेरी बात सुनते ही शर्माते हुए कहा- “दीदी आप बड़ी बदमाश हैं, मुझे जानबूझकर चिढ़ा रही हो...”
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मैंने करुणा का चेहरा अपने हाथों में लेते हुए कहा- “मेरी गुड़िया मैं सच कह रही हूँ आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो..” फिर मैंने करुणा से कहा- “चलो मोहित के कमरे में चलते हैं। वो कब से तुम्हारे बारे में सोचते-सोचते मूठ मार रहा होगा...”
मैंने करुणा की साड़ी का पल्लू उसके चहरे पर रख दिया और बिल्कुल दुल्हन की तरह उसका चेहरा ढके हुए मोहित के कमरे में ले जाने लगी। मोहित के कमरे में पहुँचते ही मैंने आगे होकर करुणा को अपने पीछे आने के लिए कहा। अंदर दाखिल होते ही करुणा मेरे कद से छोटी और मुझसे पतली होने के कारण मोहित उसे देख नहीं पाया।
मोहित ने उठते हुए इधर-उधर देखते हुए कहा- “धन्नो क्या हुआ, करुणा कहाँ है?”
मैंने मोहित को तड़पता हुआ देखकर उसे ज्यादा तड़पाने के लिए कहा- “मोहित करुणा ने मना कर दिया है वो नहीं आ रही है..."
मेरी बात सुनकर मोहित का मुँह उतर गया, और वो कहने लगा- “मगर धन्नो, तुमने तो कहा था की वो राजी हो गई है...”
मैंने मोहित से कहा- “कल तो उसने मुझे कहा था की मैं मोहित से चुदवाऊँगी, अब वो मना कर रही है तो मैं क्या कर सकती हूँ? लगता है उसे कोई दूसरा लड़का पसंद आ गया, और उसने उससे अपनी चूत की खुजली मिा ली..."
करुणा मेरे पीछे खड़ी इतनी देर से मेरी बातें सुन रही थी, उसने मुझे गाण्ड पर एक चिकोटी काट दी। मेरे मुँह से ऊऊहह... निकल गया और मैंने आगे से हटते हुए करुणा को मोहित के सामने कर दिया। मोहित का मुँह साड़ी में खड़ी करुणा को देखकर खुला रह गया।
मैंने मोहित से कहा- “यह रही तुम्हारी दुल्हन, कैसी लगी?”
मोहित के मुँह से बस इतना निकला- “वाउ... करुणा आज तुम तो सच में एक दुल्हन लग रही हो..."
मैंने करुणा को आगे धकेलते हुए मोहित के साथ बेड पर बिठा दिया। करुणा बेड पर बैठते हुए डर और उत्तेजना में काँप रही थी।
मोहित ने करुणा के बैठते ही उसका पूँघट ऊपर कर दिया- “करुणा तुम इस ड्रेस में तो बिल्कुल परी लग रही हो, मैंने आज तक तुम जैसी खूबसूरत परी नहीं देखी...”
करुणा बिल्कुल दुल्हन की तरह अपना सिर झुकाए चुप बैठी थी, मोहित ने करुणा का चेहरा ऊपर उठाते हुए अपने होंठों से उसके गाल पर एक चुंबन दे दिया। मोहित के होंठ करुणा ने अपने गाल पर महसूस करते ही उत्तेजना में अपनी आँखें बंद कर ली और उसकी साँसें बहुत जोर से ऊपर-नीचे हो रही थी। मोहित ने अपने होंठों को करुणा के तपते होंठों पे रख दिया और उसका नीचे वाला गुलाबी होंठ चूसने लगा।
करुणा मोहित का होंठ अपने होंठों पर महसूस करते ही काँप उठी। करुणा को अपने पूरे जिम में अजीब किस्म की सिहरन होने लगी और वो अपनी आँखने बंद किए ही मोहित के चूमने का जवाब देने लगी। करुणा का पूरा जिश्म काँप रहा था।
मोहित पागलों की तरह उसके होंठों को चूस रहा था और करुणा भी मोहित के होंठों को चूम रही थी। ऐसा लग रहा था के दो बिछड़े हुए प्रेमी कई सालों के बाद एक दूसरी से मिले हैं, और सारे जहाँ को भुलाकर एक दूसरे में खोए हुए हैं। मैं मोहित और करुणा को यूँ एक दूसरे को चूमते हुए देखकर हैरान हो गई। दोनों तरफ एक जितनी आग लगी हुई थी।
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08-05-2019, 12:44 PM,
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RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मोहित अपनी जीभ से करुणा की कुँवारी चूत से निकलता हुआ पानी चाटने लगा, मगर करुणा की चूत से निकलता हुआ पानी बहुत ज्यादा था, इसीलिए मोहित का चेहरा करुणा की चूत से निकलते पानी से भीग गया। करुणा जब तक झड़ती रही, मोहित उसकी चूत का पानी चाटता रहा। करुणा के पूरी तरह झड़ने के बाद मोहित उसकी टाँगों के बीच में से उठकर बेड पर लेट गया। करुणा की आँखें बंद थी और उसकी साँसें बहुत जोर से चल रही थी। करुणा ने कुछ देर बाद अपनी आँखें खोली, मोहित अपना अंडरवेर भी उतारकर हाथ से अपने लण्ड को सहला रहा था। करुणा ने मोहित के लण्ड को देखकर शर्म से अपनी आँखें फिर से बंद कर ली।
मोहित ने करुणा का हाथ पकड़ते हुए अपने लण्ड पर रख दिया और अपने हाथ से उसके हाथ को अपने लण्ड पर ऊपर से नीचे फिराने लगा। करुणा का हाथ मोहित के लण्ड पर पड़ते ही उसे ऐसा लगा जैसे उसने किसी गरम लोहे को पकड़ लिया है। उसके पूरे जिम में गुदगुदी का अहसास होने लगा और वो अपनी आँखें खोलकर मोहित के लण्ड को गौर से देखने लगी।
मोहित ने करुणा को अपने लण्ड की तरफ देखते हुए कहा- “क्या देख रही हो, मेरा लण्ड तुम्हें पसंद आया?”
करुणा ने कहा- “तुम्हारा लण्ड बहुत तो बड़ा है यह मेरी छोटी सी चूत में कैसे घुसेगा?”
मोहित ने अपने दूसरे हाथ से करुणा की चूची को सहलाते हुए कहा- “तुम इसकी चिंता मत करो मैं बहुत आराम से करूंगा, तुम मेरे लण्ड को प्यार करो..."
करुणा ने अपने हाथ को धीरे-धीरे मोहित के लण्ड पर ऊपर-नीचे करना शुरू कर दिया। मोहित सीधा बेड पर लेटा हुआ था और उसका लण्ड खंभे की तरह खड़ा करुणा के नरम हाथों में कैद था। करुणा बेड पर सीधा होकर बैठते हुए अपना मुँह मोहित के लण्ड के करीब लाकर उसे गौर से देखते हुए सहलाने लगी। करुणा को मोहित के लण्ड का गुलाबी सुपाड़ा बहुत अच्छा लग रहा था। करुणा ने उसका लण्ड सहलाते हुए अचानक अपने होंठों से मोहित के लण्ड के टोपे को चूम लिया।
करुणा के नरम होंठ अपने लण्ड पर महसूस होते ही मोहित के मुँह से सिसकी निकल गई- “आहहह...”
करुणा अब अपने दोनों हाथों से मोहित के लण्ड को ऊपर-नीचे कर रही थी। मोहित के मुँह से सिसकियां निकल रही थी। करुणा अचानक अपने हाथों को मोहित के लण्ड से अलग करते हुए अपनी जीभ निकालकर उसके लण्ड के लाल सुपाड़े पर फिराने लगी। मोहित का लण्ड करुणा की जीभ को अपने ऊपर महसूस करके बहुत जोर से उछलने लगा और करुणा के मुँह से दूर हो गया।
करुणा ने अपना एक हाथ बढ़ाकर मोहित के लण्ड को अपनी मुठ्ठी में पकड़ लिया, और अपनी जीभ निकालकर उसके गुलाबी टोपे को चाटने लगी। मोहित मजे से सिसक रहा था और उसके लण्ड के छेद में से वीर्य की बूंदें निकलने लगी। करुणा ने अपनी जीभ से उसके लण्ड से निकलती हुई वीर्य की बूंदों को चाट लिया। पहले तो उसे कुछ अजीब लगा मगर फिर उसे मजा आने लगा और वो अपनी जीभ को मोहित के लण्ड के छेद में लेजाकर उसका निकलता हुआ वीर्य चाटने लगी।
मोहित ने करुणा से कहा- “इसे अपने मुँह में लेकर प्यार करो.."
करुणा ने मोहित का कहना मानकर अपना मुँह खोला और उसके लण्ड के टोपे को अपने मुँह में ले लिया।
मोहित ने सिसकते हुए करुणा से कहा- “आअह्ह्ह... अपने होंठों से चूसो तुम्हारे दाँत लग रहे हैं...”
करुणा अपने होंठों से मोहित के लण्ड को चूसने लगी। मोहित कुछ देर तक उससे अपना लण्ड चुसवाने के बाद करुणा के मुँह से अपने लण्ड को निकाल लिया। मोहित को लग रहा था की अगर उसने अपना लण्ड करुणा के मुँह से नहीं निकाला तो वो उसके मुँह में ही झड़ जाएगा, जो वो नहीं चाहता था। मोहित करुणा की टाँगों के बीच बैठ गया और उसकी टाँगों को घुटनों तक मोड़कर उसके नीचे एक तकिया दे दिया।
करुणा की चूत अब बाहर निकलकर सीधा मोहित के लण्ड के सामने थी। मोहित ने एक तकिया उठाकर करुणा के चूतड़ों के नीचे रख दिया, और अपना फनफनता हुआ लण्ड उसकी छोटी सी गुलाबी रस टपकाती चूत पर रगड़ने लगा।
करुणा- “आअहह्ह.. ओहह...” मोहित का लण्ड करुणा अपनी चूत पर महसूस करते ही आहें भरने लगी।
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