Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
08-05-2019, 01:05 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
बूढ़ा मौसी की बात सुनकर अपने दोनों हाथों से धन्नो के चूतड़ों को पकड़ते हुए थोड़ा ऊपर उठा लिया। धन्नो के चूतड़ ऊपर होते ही बूढ़े ने उसकी कच्छी को अपनी उंगलियों में फँसाते हुए नीचे सरका दिया और उसकी कच्छी को उसके पैर से निकालते हुए अपनी नाक पर रखकर पूँघने लगा।

बूणा- “आह्ह्ह... क्या खुश्बू है साली की चूत की?” यह कहते हुए बूढ़े ने कच्छी को खटिया पर रखते हुए धन्नो
की टाँगों को पकड़कर आपस में से जुदा करते हुए फैला दिया।

धन्नो अपने आपको उस बूढ़े के सामने नंगी सोए हुए पाकर उत्तेजना के मारे उसकी चूत से रस टपकने लगा, बूढ़ा धन्नो की गुलाबी चूत को देखकर पागल हो गया। बूढ़े ने आज तक सिर्फ गाँव की काली बड़ी-बड़ी चूतों को चोदा था। वो अपने सामने छोटी सी गुलाबी चूत देखकर बहुत खुश हो गया। बूढ़े ने अपना मुँह धन्नो की चूत तक ले जाते हुए अपनी जीभ निकालकर उसकी चूत से निकलता हुआ ताजा पानी चाट लिया।

बूढ़ा- “वाह क्या नमकीन चूत है..." यह कहते हुए बूढ़ा धन्नो की चूत को ऊपर से नीचे तक चाटने लगा।

धन्नो अपनी चूत पर बूढे की जीभ लगाते ही सिहर उठी थी और अब वो अपने आपको रोक नहीं पा रही थी। बूढ़ा धन्नो की चूत को चाटते हुए अपना मुँह खोलकर उसकी चूत के दाने को मुँह में भर लिया और उसे बहुत जोर-जोर से चूसने लगा। धन्नो का पूरा जिम अकड़ने लगा, अब वो किसी भी वक़्त झड़ सकती थी। बूढ़े ने अब धन्नो की चूत के दाने को छोड़ते हुए अपने हाथों से उसकी चूत के होंठों को आपस में अलग करते हुए अपनी । जीभ से चाटने लगा, और अचानक अपनी जीभ को कड़ा करते हुए धन्नो की चूत के छेद में डाल दिया।

धन्नो अपनी चूत में बूढ़े की जीभ घुसते ही काँप उठी और उसकी चूत झटके खाते हुए झड़ने लगी।

बूढ़ा धन्नो की चूत से निकलता हुआ पानी चाटते हुए अपना पूरा मुँह खोलते हुए धन्नो की चूत के होंठों को अपने मुँह में भर लिया और उसकी चूत से निकलता हुआ पानी पीने लगा। धन्नो झड़ते हुए अपने मुँह से कोई आवाज नही करते हुये, और अपने हाथ की मुठ्ठी को बंद करते हुए झड़ने का मजा लेने लगी। वो नहीं चाहती थी की किसी को शक हो की वो जाग रही है।

बूढ़ा धन्नो का पूरा रस पीने के बाद अपना मुँह उसकी चूत से हटा दिया। बूढ़े ने सीधा होते हुए मौसी की तरफ देखा जो बड़े गौर से धन्नो को घूर रही थी। बूढ़े ने खुश होते हुए कहा- “कुतिया देख तुम्हारी भांजी कितनी गरम है की बेहोश होते हुए भी पानी छोड़ रही है...”

मौसी ने बूढ़े से कहा- “चलो अब अपने कपड़े पहनकर जाओ यहाँ से...”

बूढ़े ने मौसी की तरफ देखते हुए अपने खड़े लौड़े की तरफ इशारा करते हुए कहा- “साली इसे क्या अपनी गाण्ड में डालूंगा?”

मौसी ने हैरान होते हुए कहा- “कमीने फिर क्या इरादा है तुम्हारा?”

बूढ़े ने हँसते हुए कहा- “आज अपने लौड़े को इस लौंडिया की शहरी चूत का स्वाद चखाऊँगा...”

मौसी बूढे की बात सुनकर अपने मुँह पर हाथ रखते हुए बोली- “साले कुत्ते मुझे मराओगे क्या? तेरा दिमाग तो सही है?”

बूढ़े ने कहा- “तुम्हारी गाण्ड क्यों फट रही है, तुम्हें कुछ नहीं होगा.” बूढ़ा यह कहते हुए खटिया पर चढ़ते हुए धन्नो के पैरों में बैठ गया और उसकी टांग को थोड़ा ऊपर करते हुए अपनी जीभ निकालकर उसे चाटने लगा।

धन्नो अपनी टांग पर बूढ़े की जीभ को महसूस करके फिर से गरम होने लगी। बूढ़ा अपनी जीभ धन्नो की टाँग पर फिराते हुए नीचे होते हुए उसके पैर तक आ गया। बूढ़े ने धन्नो के पैर को निहारते हुए अपना मुँह खोलकर उसके अँगूठे को अपने मुँह में भर लिया। बूढ़ा धन्नो के पूरे अंगूठे को अपने होंठों से चूसने लगा। अपने अँगूठे को बूढे के मुँह में महसूस करके धन्नो को सारे शरीर में गुदगुदी होने लगी। बूढ़ा कुछ देर तक धन्नो के अँगूठे को चूसने के बाद अपने मुँह से निकालते हुए अपने हाथों से उसके अँगूठे और उंगली को अलग कर दिया।

बूढ़े ने अपनी जीभ निकाली और धन्नो के अँगूठे और उंगली के बीच डालकर चाटने लगा। धन्नो का सारा जिश्म बूढ़े की इस हरकत से सिहर उठा। धन्नों को अपने पूरे शरीर में उत्तेजना की एक लहर दौड़ने लगी, और उसे अजीब किस्म का मजा आने लगा। बूढ़े ने एक-एक करके अपनी जीभ से धन्नो के दोनों पैर की उंगलियों को चाट लिया।

धन्नो का जिश्म फिर से आग की तरह भड़कने लगा। धन्नो को आज तक इतना मजा कभी नहीं आया था जो उसे आज उस बूढ़े ने दिया था। बूढ़ा धन्नो के पैर को छोड़ते हुए हुए उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगा। चूत के । पास पहुँचते ही बूढ़ा अपनी एक उंगली को धन्नो की चूत से निकलते हुए पानी से गीला करते हुए उसकी चूत में डाल दिया।

धन्नो बूढ़े की उंगली अपनी चूत ने जाते ही कुछ सुकून महसूस करने लगी।

बूढ़ा धन्नो को कुँवारी समझ रहा था, वो अपनी एक उंगली बिना तकलीफ के धन्नो की चूत में पड़ते ही हैरान हो गया, और अपनी उंगली को निकालते हुए अपनी दो उंगलियों को अंदर डाल दिया। धन्नो को अपनी चूत में दो उंगलियां घुसते ही और ज्यादा मजा आने लगा।

बूढ़ा अपनी दो उंगलियां भी ऐसे ही धन्नो की चूत में घुसते देखकर गुस्से से अपनी दोनों उंगलियां जोर-जोर से। उसकी चूत में अंदर-बाहर करते हुए मौसी से कहना लगा- “साली बहुत डर रही थी, देख तेरी भतीजी पहले से ही किसी का लण्ड अपनी चूत में ले चुकी है.. मैं अब इसको ऐसे चोदूंगा की यह सारे लौड़ों को भूल जाएगी...”

कहकर बूढ़ा अपनी उंगलियां धन्नो की चूत से निकालते हुए उसके ऊपर लेट गया और धन्नो के होंठों को चूसने लगा।

बूढ़ा धन्नो के होंठों को बहुत जोर से चूसते हुए अपना पूरा जिश्म उसकी बाडी से रगड़ने लगा। धन्नो को अपनी चूत पर बूढ़े के लण्ड की रगड़ और अपनी चूचियों पर उसके सीने के सफेद बालों की रगड़ पागल बना रही थी। धन्नो को इतना मजा आ रहा था की उसे बूढ़े के मुँह से आती हुई बदबू भी महसूस नहीं हो रही थी। बूढ़ा धन्नो के होंठों को चूसते हुए उसके नीचे वाले होंठ को अपने मुँह में लेते हुए जोर से काटने लगा।
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08-05-2019, 01:05 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
धन्नो अपने होंठों पर बूढे के काटने से छटपटा उठी और उसकी आँखें खुल गई। धन्नो की आँखें खुलते ही बूढ़ा उसके होंठों को छोड़कर उसके कंधे को चूमने लगा। धन्नो अपनी आँखें खोलते ही बूढ़े को अपने आपसे दूर करने का नाटक करने लगी। धन्नो अपने हाथों से बूढ़े के पीठ पर अपने नाखून गड़ाते हुए कहने लगी- “हटो मेरे ऊपर से यह क्या बदतमीजी है?"

धन्नों के नाखून अपनी पीठ पर पड़ते ही बूढ़े ने धन्नो के दोनों हाथों को अपने हाथों से पकड़ते हुए सीधा खटिया पर रख दिया, और उसे अपने हाथों से जोर से दबा दिया। धन्नो अब पूरी तरह से बूढ़े की गिरफ्त में थी। बूढ़े ने अपना मुँह फिर से धन्नो के होंठों पर रख दिया और उसके होंठों को चूसते हुए अपनी जीभ उसके मुँह में डालने लगा। धन्नों ने अपने होंठ जोर से बंद कर दिये। बूढ़ा अपनी बाड़ी को हिलाते हुए धन्नों की बाड़ी पर रगड़ने लगा।

बूढ़े का लौड़ा अपनी चूत पर रगड़ खाते ही धन्नो के मुँह से “आहहह... निकल गई।

धन्नों का मुँह खुलते ही बूढ़े ने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी। धन्नो को बूढ़े के मुँह से बदबू आ रही थी, मगर वो अब बहुत गरम हो चुकी थी, और वो अब बूढ़े का लौड़ा अपनी चूत में लेना चाहती थी। बूढ़ा अपनी जीभ उसके मुँह में डाले अपना लण्ड धन्नो की चूत पर रगड़ने लगा। धन्नो का पूरा जिम उत्तेजना के मारे काँप रहा था। धन्नों से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था, इसलिए उसने बूढ़े की जीभ को चूसते हुए अपनी चूत को उसके लण्ड पर दबाने लगी।

मौसी जो चुपचाप उन दोनों का खेल देख रही थी वो धन्नो की इस हरकत से हकबका कर रह गई। बूढ़े ने धन्नों के दोनों बाजू आजाद कर दिये। धन्नो अपने बाजू आजाद होते ही बूढे को अपनी बाहों का हार पहनाते हुए उसके बालों को सहलाने लगी।

बूढ़े ने अपनी जीभ धन्नो के मुँह से निकालते हुए उसकी जीभ को पकड़कर अपने मुँह में भर लिया और उसे चाटने लगा। बूढ़ा कुछ देर तक धन्नो की जीभ चाटने के बाद उसके होंठों को छोड़ते हुए, नीचे होते हुए धन्नो की एक चूची को अपने मुँह में भर लिया और उसे जोर-जोर चाटने लगा। बूढ़ा अब एक-एक करके धन्नो की दोनों चूचियों को चाटते हुए अपने होंठों से काटने लगा।

ऊहह... आह्ह्ह..” धन्नो अपनी चूचियों पर बूढे के दाँत पड़ते ही जोर से सिसकते हुए अपने नाखून बूढे की पीठ पर गाड़ने लगी।

बूढ़ा अपनी पीठ पर धन्नो के नाखून पड़ते ही उसकी चूचियों को जोर-जोर से काटने लगा, और धन्नो बूढ़े की पीठ पर अपने नाखून जोर से गड़ाने लगी। धन्नो की चूचियों पर बूढे के काटने से लाल निशान पड़ चुके थे, और बूढ़े की पीठ का भी वोही हाल था, मगर दोनों उस वक़्त इस खेल का मजा ले रहे थे। बूढ़े ने नीचे होते हुए धन्नो की दोनों टाँगों को घुटनों तक मोड़ दिया।

धन्नो की टाँगें उसके पेट पर पड़ी थी और उसकी चूत बूढे की आँखों के सामने थी। बूढ़ा अपना काला लौड़ा धन्नो की रस टपकाती गुलाबी चूत पर रगड़ने लगा। धन्नो अपनी चूत के छेद पर बूढे के लौड़े का स्पर्श पड़ते ही पागल हो गई। बूढ़े ने अपने हाथों से धन्नो की चूत के होंठों को खोलते हुए अपना लौड़ा वहाँ पर सेट कर दिया। धन्नो जल्दी से अपने चूतड़ उछालकर बूढ़े के लौड़े को अपनी चूत में लेने लगी। बूढ़े के लौड़े का सुपाड़ा धन्नो के चूतड़ उछालने से उसकी चूत में घुस गया।

“ऊह्ह...” बूढे के लौड़े का सुपाड़ा अपनी चूत में घुसते ही धन्नो के मुँह से हल्की चीख निकल गई। बूढे के लौड़े का सुपाड़ा बहुत मोटा था, इसलिए धन्नो को तकलीफ हो रही थी।

बूढ़े ने धन्नो की टाँगों को पकड़ते हुए एक धक्का मार दिया। बूढ़े का लौड़ा धन्नो की चूत को फैलाता हुआ आधा उसकी चूत में घुस गया।


धन्नो के मुँह से “आह्ह्ह... ओह्ह..” की जोर की चीख निकल गई। धन्नो को अपनी चूत पूरी भरी हुई महसूस हो रही थी। धन्नो को लगा जैसे बूढ़े ने अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया है, वो अपना हाथ नीचे करते हुए बूढ़े के अंडों को चेक करने लगी।
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08-05-2019, 01:05 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
धन्नो का हाथ अपने लण्ड पर पड़ते ही बूढ़े ने हँसते हुए कहा- “छोरी यह कोई शहरी लौड़ा नहीं, गाँव का लौड़ा है। अभी आधा बाहर है...”

धन्नो बूढे की बात सुनकर डरते हुए कहने लगी- “तुम्हारा लौड़ा बहुत मोटा और लंबा है मेरी चूत पूरी भर चुकी है, इतना ही डालकर मुझे चोदो..."

धन्नो की बात सुनकर बूढ़ा खुश होते हुए बोला- “तुम डरो मत मैं अपना लौड़ा बड़े प्यार से तेरी चूत में डालूंगा। तुम सारी जिंदगी मेरे लौड़े को याद करोगी..” बूढ़ा यह कहते हुए अपने आधे लण्ड से ही धन्नो की चूत में धक्के मारने लगा। धन्नो अपनी चूत में बूढ़े का काले मोटे लण्ड की रगड़ से मजे से हवा में उड़ने लगी। धन्नो को बूढे के लण्ड की रगड़ अपनी चूत की दोनों दीवारों पर महसूस हो रही थी। धन्नो के मुँह से सिसकियां निकल रही थीं, और वो अपने चूतड़ बूढ़े के लण्ड पर उछाल-उछालकर चुदवा रही थी।

बूढ़े ने धन्नो को चोदते हुए अचानक एक जोर का धक्का मार दिया। बूढ़े का लण्ड धन्नो की चूत को पूरा फैलाता हुआ उसकी बच्चेदानी से जा टकराया।

धन्नो के मुँह से चीखें निकालने लगी- “ऊहह.. ऊईई.. माँ आह्ह्ह... फाड़ दी मेरी चूत को... साले बूढ़े फाड़ दिया..”

बूढ़ा कुछ देर तक अपना पूरा लण्ड डाले हुये चुपचाप पड़ा रहा। कुछ ही देर में धन्नो की चूत से दर्द गायब हो गया, और वो बूढे के लण्ड पर अपने चूतड़ उछालने लगी। बूढ़े ने धन्नो की टाँगों को पकड़ते हुए अपना पूरा लौड़ा खींचकर फिर से उसकी चूत में घुसा दिया। बूढ़े के दो-चार धक्कों में ही धन्नो के मुँह से सिसकियां । निकलने लगी और उसका बदन अकड़ने लगा। बूढ़ा ऐसे ही अपना पूरा लण्ड खींचकर फिर धन्नो की चूत में अंदर घुसा देता।

धन्नो की साँसें उखड़ने लगी और उसने अपने चूतड़ जोर-जोर से बूढे के लण्ड पर उछालते हुए अपने हाथ से बूढ़े की गाण्ड को पकड़ लिया। धन्नो को बूढ़े का लण्ड उसकी बच्चेदानी तक ठोकरें मार रहा था और वो मजे के महासागर में गोते खा रही थी। धन्नो की चूत अचानक झटके खाते हुए बूढे के लण्ड पर सिकुड़ने लगी, और। अया इस्स्स्स ... आहह्ह..” करते हुए धन्नो ने अपने नाखून बूढ़े की गाण्ड पर गाड़ दिए। धन्नो की चूत से पानी की नदियां बहने लगी।

बूढ़ा धन्नो की चूत में बहुत तेज और जोर-जोर के धक्के मारने लगा। वो भी धन्नो की चूत सिकुड़ने से झड़ने के करीब पहुँच गया था। बूढ़ा धन्नो की चूत में इतने जोर से अंदर-बाहर कर रहा था की वो फिर से गरम हो गई, और अपने चूतड़ बूढे के लण्ड पर उछालने लगी। बूढा हाँफते हुए धन्नो की चूत में वीर्य भरने लगा।


धन्नो अपनी चूत में बूढ़े का वीर्य गिरते ही फिर से अपने नाखून बूढ़े की गाण्ड में गड़ाते हुए झड़ने लगी। “आहहह... ओहह...” के साथ झड़ते हुए धन्नो ने फिर से अपनी चूत को सिकोड़ लिया।

बूढ़ा झड़ते हुए धन्नो की चूत सिकुड़ने से पागल हो गया। उसे आज तक ऐसा मजा कभी नहीं आया था, जो उसे धन्नो ने दिया था। धन्नो भी बूढ़े की चुदाई से बहुत खुश थी। उसे बहुत मजा आया था। बूढ़ा अब निढाल होकर धन्नों के ऊपर लेट गया। बूढ़ा झड़ने के बाद अपना लण्ड धन्नो की चूत में ही डाले उसके ऊपर पड़ा था।

मौसी इतनी देर से धन्नो और बूढ़े को देख रही थी। उसे अपनी आँखों पर विस्वास नहीं हो रहा था की धन्नो बूढ़े से बिना झिझक के चुदवा चुकी थी।

बूढ़ा अपना लण्ड धन्नो की चूत से निकालते हुए उसकी साइड में लेट गया। धन्नो अपनी टाँगों को फैलाए हुए लेटी थी। उसकी चूत से लण्ड के निकलते ही बूढ़े और उसका वीर्य निकलकर खटिया पर गिरने लगा। बूढ़े के मोटे और लंबे लण्ड से चुदवाने की वजह से धन्नो की चूत का छेद बिल्कुल खुलकर किसी बड़ी गुफा की तरह नजर आ रहा था।

मौसी ने बूढ़े की तरफ जाते हुए उसका वीर्य से गीला लण्ड अपने हाथों में लेते हुए अपनी जीभ से साफ कर दी। मौसी ने बूढ़े का लण्ड साफ करने के बाद धन्नो की तरफ जाते हुए उसकी चूत का खुला हुआ छेद देखने लगी।
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धन्नो ने शर्म के मारे अपनी टाँगों को आपस में मिला दिया।

मौसी ने अपने हाथ आगे करते हुए धन्नो की टाँगों को आपस में से अलग करते हुए कहा- “अब काहे को शर्मा रही हो?”

मौसी धन्नो की टाँगों के खुलते ही अपना हाथ उसकी सूजी हुई चूत पर रखकर कहने लगी- “वाह... क्या मक्खन जैसी चूत है? साले कमीने ने तुम्हारी चूत को चोदकर उसकी क्या हालत कर दी है?” मौसी यह कहते हुए अपने हाथ से धन्नो की चूत के दाने को सहलाने लगी।

मौसी ने अब नीचे झुकते हुए धन्नो की चूत के खुले हुए छेद को अपने होंठों से चूम लिया। मौसी के होंठ धन्नो अपनी चूत के छेद पर पड़ते ही “आह्ह्ह..” करके उछल पड़ी। धन्नो को अपनी चूत में इतनी देर की चुदाई से। हल्का-हल्का मीठा-मीठा दर्द हो रहा था। मौसी ने अपने होंठों को धन्नो की चूत के छेद से हटा दिया।
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08-05-2019, 01:05 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
मौसी के होंठों पर धन्नो की चूत से निकलता हुआ वीर्य लग चुका था, जिसे वो अपनी जीभ निकालकर चाटने लगी। मौसी अब नीचे झुकते हुए अपनी जीभ निकालकर धन्नो की चूत से निकलता हुए वीर्य चाटने लगी। मौसी उसका सारा वीर्य चाटने के बाद अपनी जीभ को धन्नो की चूत में घुसा दिया और अपनी जीभ को घुमा-घुमाकर उसकी चूत को अंदर से साफ करने लगी।

“ऊह्ह... आह्ह्ह...” धन्नो अपनी चूत में मौसी की जीभ के घुसते ही चीख पड़ी, पर थोड़ी ही देर बाद उसके मुँह से सिसकियां निकालने लगी। धन्नो को अब अपनी चूत में दर्द के साथ मीठा मजा आने लगा था।


मौसी ने धन्नों की पूरी चूत को चाटकर साफ कर दिया। बूढ़े का लण्ड फिर से तनने लगा था। धन्नो बूढे के लण्ड को उठता हुआ देखकर डर गई। उसने एक बार उत्तेजना में बूढ़े से चुदवा लिया था, मगर अब उसे बूढ़े से घिन आ रही थी। धन्नो उठते हुए अपने कपड़े पहनने लगी।

मौसी ने धन्नो को कपड़े पहनते हुए देखकर कहा- “क्या हुआ रानी, पेट भर गया क्या?”

धन्नो मौसी की बात सुनकर शर्म के मारे पानी-पानी हो गई, न जाने क्यों आज उसे अपने ऊपर घिन आ रही थी। धन्नो को अपनी आत्मा धिक्कार रही थी। वो मन ही मन में अपने आपको रवी का दोषी समझ रही थी, क्योंकी वो अब रवी की पत्नी बनने वाली थी।

धन्नो ने मौसी से कहा- “मुझे नींद आ रही है, मैं सोना चाहती हूँ...” यह कहते हुए धन्नो अपनी खटिया पर जाकर लेट गई और अपने ऊपर चादर ओढ़ ली।

बूढ़ा जो धन्नो को कपड़े पहनते हुए देखकर पेशाब करने चला गया था, वो वापस आते ही मौसी की खटिया पर बैठ गया और अपनी कमीज निकालकर पहनने लगा। मौसी ने बूढ़े के हाथ से कमीज को छीनते हुए खटिया पर लेटा दिया और अपने हाथ से उसके काले लण्ड को सहलाते हुए कहने लगी- “कहाँ भाग रहा है कुत्ते? मेरी चूत की आग क्या तेरा बाप निकलेगा?” यह कहते हुए मौसी ने बूढ़े का लण्ड अपने मुँह में ले लिया।

धन्नो अपने मुँह पर चादर ओढ़कर रो रही थी। उसे न जाने क्यों आज अपने ऊपर गुस्सा आ रहा था। वो सोच रही थी की रवी से मिलने से पहले तो ठीक था, मगर अब वो जब रवीं की पत्नी बनने वाली थी तो उसे अपने ऊपर कंट्रोल रखना चाहिये था। धन्नो ना जाने कितनी देर तक यूँ ही अपने आपको धिक्कारती रही। अब उसके कानों में बूढ़े और मौसी की सिसकियां और गालियां सुनने में आ रही थी। धन्नो समझ गई के वो दोनों फिर से चुदाई कर रहे हैं। धन्नो ने फैसला कर लिया के आज के बाद वो अब अपने जिश्म पर किसी को हाथ लगाने नहीं देगी।

बूढ़े ने इस बार मौसी की चूत को चोदते हुए अपना वीर्य उसकी चूत में भर दिया और कुछ देर वहीं लेटने के बाद अपने कपड़े पहनकर वहां से चला गया। बूढ़े के जाने के बाद मौसी भी अपनी खटिया पर लेट गई।
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08-05-2019, 01:05 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
* * * * * * * * * *रवि ने अपने बाप ठाकुर प्रताप सिंह और नौकरानी शिल्पा चुदाई देखी, और शिल्पा को चोदा ।

रवी आज बहुत खुश था उसे अपनी पसंद की बीवी मिल गई थी, इसलिए वो देर रात तक अपने दोस्तों के साथ शराब पीकर अब हवेली में आया था। वो जैसे ही लड़खड़ाता हुआ अपने कमरे की तरफ जाने लगा, उसे ठाकुर के कमरे से किसी औरत के हँसने की आवाज आई। रवी को कुछ समझ में नहीं आया इसलिए वो ठाकुर के कमरे के दरवाज की तरफ जाने लगा।

रवी जैसे ही अपने पिता के कमरे के दरवाजे तक पहुँचा सामने का नजारा देखकर उसके पैरों के नीचे से जमीन निकल गई। क्योंकी दरवाजा पूरा खुला हुआ था। रवी का बाप ठाकुर प्रताप सिंह नंगा बिस्तर पर लेटा हुआ था और उसके खड़े लण्ड पर इस घर की नौकरानी शिल्पा उछल रही थी। यह सब कुछ देखकर रवी फौरन वहाँ से दूर हटते हुए अपने कमरे में आ गया। ठाकुर और शिल्पा के बारे में सोचते हुए रवी का सिर चकरा रहा था, एक तो शराब का नशा उसपर चढ़ा हुआ था।


रवी को बार-बार शिल्पा के भारी चूतड़ और हिलती हुई बड़ी-बड़ी चूचियां अपनी आँखों के सामने घूमती नजर आ रही थीं। रवी को नशे में कुछ समझ में नहीं आ रहा था। उसका लण्ड उसकी पैंट को फाड़कर बाहर निकलने के लिए उतावला हो रहा था। रवी ने अपने पूरे कपड़े उतारे और बिल्कुल नंगा होकर अपने ऊपर कंबल डालकर बेड पर लेट गया।

रवी के दिमाग में बार-बार शिल्पा के नंगे जिश्म की तस्वीर आ रही थी। उसका हाथ अब अपने खड़े लण्ड पर जा चुका था, और वो अपने खंभे की तरह खड़े लण्ड को अपने हाथों से सहलाने लगा। रवी ने नशे की वजह से अपने कमरे का दरवाजा भी बंद नहीं किया था। हवेली की तीन चाभियां थीं, एक ठाकुर के पास, दूसरी शिल्पा और तीसरी रवी के पास, क्योंकी रवीं रात को अपने दोस्तों के साथ होता था और रात को किसी भी वक़्त आकर अपने कमरे में सो जाता था।

शिल्पा रोज रात को हवेली में आती थी। ठाकुर ने शिल्पा को कह दिया था की डेली वो रात को आया करे क्योंकी मनीष के आने के बाद दिन में चुदाई करना मुश्किल हो गया था, और वैसे भी ठाकुर यही चाहता था की रात को शिल्पा उसकी बाहों में आए। शिल्पा का घर हवेली से ज्यादा दूर नहीं था, इसलिए वो रात को चुपचाप हवेली आ जाती थी और जी भरकर चुदवाने के बाद रात को ही वहाँ से चली जाती थी। शिल्पा आज भी ठाकुर के लण्ड का जी भरकर मजा लेने के बाद उठकर अपने कपड़े पहनने लगी। ठाकुर कपड़े पहनते हुए शिल्पा को घूर रहा था।

शिल्पा ने गुस्सा करते हुए कहा- “क्यों अभी तक पेट नहीं भरा क्या आपका?”

ठाकुर ने कहा- “नहीं। मैं तुम्हारे कपड़ों को देख रहा था। आज तुमने बहुत ढीली ब्रा पहनी है, और आज तुमने साड़ी भी नहीं पहनी है, सिर्फ एक नाइटगाउन पहना हुआ है.”

शिल्पा ने झंपते हुए कहा- “वो... वैसे भी यहाँ पर रात को कपड़ों की जरूरत नहीं पड़ती, और घर पर भी मैं ऐसे ही सोती हूँ। इसलिए वहाँ से साड़ी पहनकर नहीं आई...”

ठाकुर ने मुश्कुराते हुए कहा- “ठीक है तुम घबरावो मत, मैं ऐसे ही पूछ रहा था...”

शिल्पा ने वो नाइटगाउन पहनने के बाद ठाकुर के कमरे से निकलते हुए उसके कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और वहाँ से जाने लगी। शिल्पा की नजर जाते हुए रवी के कमरे पर पड़ी, जिसका दरवाजा खुला हुआ था। वो । मुश्कुराई क्योंकी डेली रवी के कमरे का दरवाजा वो ही बंद करती थी। शिल्पा रवी के कमरे की तरफ बढ़ने लगी, वो जैसे ही कमरे के दरवाजे तक पहुँची तो, उसने देखा की रवी कंबल ओढ़कर सोया हुआ है, मगर उसकी आँखें खुली हुई थी।
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08-05-2019, 01:05 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
शिल्पा हैरान रह गई। क्योंकी वो डेली रवी के कमरे का दरवाजा बंद करती थी, तो वो हमेशा सोया हुआ होता था। शिल्पा डर के मारे काँपने लगी। वो सोच रही थी की रवी जाने क्या सोच रहा होगा की वो इतनी रात को यहाँ क्या कर रही है? इसी खौफ की वजह से वो दरवाजे को बंद करके जाने की सोच ही रही थी।


तभी रवी ने उसकी तरफ देखते हुए लड़खड़ाती आवाज में कहा- “शिल्पा तुम इस वक़्त यहाँ क्या कर रही हो?”

शिल्पा ने काँपते हुए कहा- “रवी, मैं ठाकुर साहब से पैसे लेने आई, थी क्योंकी बापू की तबीयत ठीक नहीं है...”

शिल्पा की बात सुनकर रवी ने कहा- “दरवाजा बंद करके अंदर आ जाओ, मुझे सिर में दर्द है थोड़ा सा दबा दो...”

शिल्पा रवी की बात सुनकर दरवाजा बंद करते हुए अंदर आ गई और रवी के पास बेड पर बैठते हुए उसका सिर दबाने लगी। रवी बड़े गौर से शिल्पा को घूर रहा था। नाइटगाउन पहनने की वजह से और कुछ तो नहीं पर उसकी चिकनी टाँगें रवी को नजर आ रही थी।

शिल्पा ने कुछ देर बाद रवी से कहा- “छोटे ठाकुर, बाबूजी मेरा इंतजार कर रहे होंगे। मैं जाऊँ?”

रवी ने गुस्से से कहा- “तुम्हें इतनी जल्दी है क्या? नीचे बैठकर मेरी टाँगों को दबाओ, मुझे जब नींद आ जाए तो तुम चली जाना...”

शिल्पा चुप होकर वहाँ से उठते हुए नीचे जाकर बैठ गई और रवी के टाँगों से कंबल को ऊपर करते हुए उसकी टाँगों को दबाने लगी। शिल्पा को रवी की टाँगें दबाते हुए अपने पूरे शरीर में गुदगुदी हो रही थी क्योंकी रवी के जिश्म को शिल्पा ने कभी नहीं छुआ था।

रवी ने शिल्पा से कहा- “ऊपर टीक से बैठो और मेरी टाँगों को थोड़ा ऊपर दबाओ जांघों के पास...”

शिल्पा रवी की बात सुनकर बेड पर चढ़कर बैठ गई, और कंबल को और ऊपर करने लगी। रवी का कंबल ऊपर करते हुए अचानक शिल्पा का नाइटगाउन आगे से थोड़ा खुल गया। शिल्पा ने जल्दी से उसे ठीक कर दिया। मगर रवी की नजर तब तक शिल्पा की ढीली ब्रा में कैद बड़ी-बड़ी चूचियों का दीदार कर चुकी थी। रवी का लण्ड जो पहले से तना हुआ था अब बहुत जोर से कंबल पर ठोकरें मारने लगा। रवी ने अपने कंबल को अपने हाथों से खींचकर बहुत ऊपर कर दिया। रवी की पूरी टाँगें नंगी शिल्पा के सामने थीं। रवी का लण्ड अब भी कंबल में था।

रवी ने शिल्पा से अपनी जाँघ पर हाथ रखते हुए कहा- “यहाँ दबाओ...”

शिल्पा ऊपर होते हुए अपना हाथ रवी की जाँघ पर रखकर उसे दबाने लगी।

शिल्पा का नरम हाथ अपनी जाँघ पर पड़ते ही रवी के मुँह से “आहह्ह..” निकल गया।

शिल्पा ने रवी से कहा- “क्या हुआ छोटे मालिक?”

रवी ने कहा- “कुछ नहीं, बहुत दर्द है। वहां पर तुम दबाती रहो...”

शिल्पा रवी की बात सुनकर उसकी जाँघों को फिर से दबाने लगी। शिल्पा आज दिल ही दिल में बहुत खुश थी। क्योंकी उसका प्यार और उसका बिछाया हुआ जाल कामयाब हो रहा था। ठाकुर तो पहले से शिल्पा के काबू में था, मगर आज जानबूझ कर ठाकुर के कमरे का दरवाजा बंद ना करके शिल्पा ने रवी को भी अपने जाल में लाने की साजिश की थी, जो कामयाब हो गई थी। शिल्पा का नाइटगाउन फिर से आगे से खुल चुका था, मगर इस बार उसने उसे बंद नहीं किया और ऐसे ही रवी की जांघों को सहलाती रही।

रवी की नजर शिल्पा की चूचियों पर टिक गई थी।

शिल्पा दिल ही दिल में अपने प्लान की कामयाबी पर मुश्कुराते हुए खुश हो रही थी। शिल्पा ने नाइटगाउन सिर्फ अपने प्लान को कामयाब बनाने के लिए पहना था। अचानक शिल्पा ने रवी की जाँघ को सहलाते हुए अपना हाथ थोड़ा ऊपर करते हुए उसके लण्ड को अपने हाथों से दबा दिया, और जल्दी से अपना हाथ वहाँ से हटाते हुए नीचे कर दिया।
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08-05-2019, 01:06 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
रवी शिल्पा का हाथ अपने लण्ड पर लगाते ही पूरा काँप उठा। उससे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था, इसलिए उसने अपना कंबल अपने जिम से अलग करते हुए शिल्पा को बाहों से पकड़ते हुए अपने ऊपर गिरा लिया। शिल्पा का नाइटगाउन आगे से खुला होने के कारण उसकी चूचियां सीधी रवी के बालों से भरे जवान सीने में दब गई और उसका तना हुआ लण्ड शिल्पा को अपनी चूत पर दबता हुआ महसूस हुआ। ।

शिल्पा के मुँह से “आह्ह्ह..” निकल गई, मगर वो अपने आपको संभालते हुए रवी के ऊपर से उठने लगी।

मगर रवी ने शिल्पा को अपनी बाहों से काबू कर लिया और अपने होंठों से उसके कंधे को चूमने लगा।

शिल्पा ने नाटक करते हुए कहा- “छोटे मालिक मुझे छोड़ दीजिये, मैं यह सब नहीं कर सकती। यह पाप है...”

रवी ने नशे में ही उसके कंधे को चूमते हुए कहा- “थोड़ी देर पहले तो तुम बापूजी से यही करवा रही थी, और अब नाटक कर रही हो..."

शिल्पा ने छटपटाते हुये कहा- “हाँ। मैं ठाकुर साहब से यह सब करा रही थी, क्योंकी मैं उनसे प्यार करती हूँ। मगर मैं तुम्हारे साथ यह नहीं कर सकती...”

रवी को नशे में सिर्फ एक जवान जिश्म नजर आ रहा था। इसलिए रवी ने शिल्पा से कहा- “अगर चुपचाप मेरासाथ नहीं देगी, तो तुझे सारे गाँव में बदनाम कर दूंगा की तुम मेरे बापू की रखैल हो...”

रवी की बात सुनकर शिल्पा ने छटपटाना छोड़ दिया और मन ही मन में खुश होने लगी की आज उसका प्लान कामयाब हो चुका था। अब वो ठाकुर से बदला ले सकती थी, अपने सारे जख़्मों का।

रवी ने शिल्पा के ढीला पड़ जाने के बाद अपने ऊपर से उठाते हुए उसका नाइटगाउन उतार दिया और बेड पर सीधा लेटते हुए उसके ऊपर चढ़ गया। रवी शिल्पा के ऊपर चढ़ते हुए उसकी दोनों आधी नंगी चूचियों को गौर से देखने लगा, उनके ऊपर से ढीली ब्रा को नीचे सरका दिया। रवी शिल्पा की 38" इंच की चूचियां देखकर पागल हो गया, वो अपने दोनों हाथों से शिल्पा की दोनों बड़ी-बड़ी चूचियों को मसलने लगा। रवी शिल्पा की दोनों चूचियों । को मसलते हुए अपने होंठ नीचे करते हुए शिल्पा के होंठों पर रख दिए।

रवी के होंठ अपने होंठों पर पड़ते ही शिल्पा को उल्टी आने लगी, क्योंकी रवी के मुँह से उसे बहुत बदबू आ रही थी। रवी शिल्पा के होंठों को चूसते हुए अपने हाथों से उसकी चूचियों के दाने को मसलने लगा। शिल्पा को रवी का लण्ड अपनी चूत पर कच्छी के ऊपर से ठोकरें मार रहा था, इसलिए वो भी गरम होने लगी थी। मगर इतनी जल्दी वो रवी के सामने अपने आपको जाहिर करना नहीं चाहती थी।

रवी ने शिल्पा का रेस्पान्स ना पाकर उसके होंठों को छोड़ दिया। रवी शिल्पा के कंधे को चूमते हुए उसकी चूचियों तक आ गया। कुछ देर तक वो शिल्पा की दोनों चूचियों को ऊपर से चाटने के बाद उसकी एक चूची के दाने को अपने मुँह में ले लिया।

ना चाहते हुए भी शिल्पा के मुँह से “आह्ह्ह... ओह...” की सिसकी निकल गई।

रवी शिल्पा की सिसकी सुनकर जोश में आते हुए उसकी एक चूची के दाने को जोर से चूसते हुए उसकी दूसरी चूची के दाने को अपने हाथ से सहलाने लगा। शिल्पा के मुँह से अब जोर-जोर की सिसकियां निकल रही थीं और उसने अपने चूतड़ रवी के लण्ड पर उछालते हुए अपने हाथ उसके बालों में डाल दिए।

रवी अब शिल्पा की पूरी चूची को पूरा अपने मुँह में भरकर चूस रहा था। वो शिल्पा की दोनों चूचियों को बारीबारी अपने मुँह में लेकर चूस रहा था और शिल्पा के हाथ अब मजे से रवी के बालों में फिर रहे थे। रवी शिल्पा की दोनों चूचियों को जी भरकर चूसने के बाद ऊपर होते हुए अपने होंठ फिर से उसके होंठों पर रख दिए। शिल्पा अब बहुत गरम हो चुकी थी रवी के होंठ अपने होंठों पर पड़ते ही वो मजे से तड़प उठी। शिल्पा ने रवी के होंठों को चूसना शुरू कर दिया और दोनों एक दूसरे के होंठ चूसते हुए एक अनोखे मजे की दुनियां में खो गये।
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08-05-2019, 01:06 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
शिल्पा रवी को इतना मजा देना चाहती थी की वो आज की रात को अपनी गलती समझकर भूल ना सके। इसलिए उसने रवी के मुँह को खोलते हुए उसकी जीभ को अपने मुँह में भर लिया और उसे अपने होंठों से बहुत जोर-जोर से चूसने लगी। रवी का पूरा जिश्म शिल्पा की इस हरकत से काँप उठा और उसका लण्ड और ज्यादा फूलकर ठुमके मारने लगा। शिल्पा ने कुछ देर तक रवी की जीभ को चाटने के बाद अपनी जीभ को उसके मुँह में डाल दिया।

रवी से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था उसे ऐसा महसूस हो रहा था की अगर उसने जल्दी से अपने लण्ड का कुछ नहीं किया तो वो फट जाएगा। रवी शिल्पा की जीभ को चाटते हुए अपने लण्ड को उसकी कच्छी पर रगड़ने लगा।

शिल्पा ने रवी को अपने ऊपर से हटाते हुए सीधा लेटा दिया और उसके स्प्रिंग की तरह उछलते हुए 8 इंच लंबे और 3 इंच मोटे लण्ड को गौर से देखते हुए अपने हाथ से पकड़ लिया। रवी का लण्ड अपने हाथ में पकड़ते ही शिल्पा का पूरा जिश्म सिहर उठा, क्योंकी रवी का लण्ड बहुत ज्यादा गरम और कड़क था। शिल्पा ने कभी ख्वाब में भी नहीं सोचा था की किसी का लण्ड इतना ज्यादा गरम हो सकता है। शिल्पा ने नीचे झुकते हुए रवी के लण्ड के गुलाबी सुपाड़े को चूम लिया।

रवी अपने लण्ड पर नरम नरम होंठों के अहसास के साथ मजे से “आहह्ह...” कर उठा। रवी का लण्ड इतना तना हुआ था की उसके सुपाड़े से चमड़ी खिंची हुई थी और उसके लण्ड का सुपाड़ा आगे से टमाटर की तरह लाल नजर आ रहा था। शिल्पा अपने हाथों से रवी के लण्ड को सहलाते हुए अपनी जीभ निकालकर उसे ऊपर से नीचे तक चाटने लगी।

शिल्पा की जीभ अपने कड़क लण्ड पर पड़ते ही रवी ने “आह्ह्ह...” करके सिसकते हुए उसके घने बालों में अपने हाथ डाल दिये। रवी के लण्ड से उत्तेजना में वीर्य की कुछ बूंदें निकलने लगीं। शिल्पा रवी के लण्ड के छेद से। निकलती हुई बूंदों को देखकर अपनी जीभ ऊपर करते हुए रवी के लण्ड के छेद पर रख दिया। शिल्पा अपनी जीभ से रवी के लण्ड के छेद से निकलती हुई वीर्य की बूंदों को चाटने लगी।

शिल्पा की इस हरकत से रवी पूरा काँप उठा और उसके लण्ड से और ज्यादा वीर्य की बूंदें निकलने लगीं। शिल्पा अपनी जीभ से उसका निकलता हुआ सारा वीर्य चाटने लगी। शिल्पा ने अचानक अपना मुँह खोल दिया और रवी का मोटा लाल सुपाड़ा अपने मुँह में ले लिया। रवी के लण्ड का सुपाड़ा इतना मोटा था की शिल्पा का पूरा मुँह भर गया। रवी अपने लण्ड का सुपाड़ा शिल्पा के मुँह में जाते ही पागल हो गया और अपने हाथ से उसके सिर को पकड़कर अपने लण्ड पर दबाने लगा। शिल्पा अपने होंठों से रवी के लण्ड के सुपाड़े को चाटने लगी।

रवी को अपना लण्ड शिल्पा के मुँह में बहुत अच्छा लग रहा था, जिस वजह से वो शिल्पा के सिर को अपने लण्ड पर जोर से दबाते हुए बहुत जोर से सिसक रहा था। रवी का मोटा सुपाड़ा चाटते हुए शिल्पा का मुँह दुखने लगा, इसलिए उसने रवी के लण्ड को अपने मुँह से निकाल दिया, और उसके लण्ड को अपनी जीभ से चाटने लगी। शिल्पा अब रवी के लण्ड को छोड़ते हुए अपनी कच्छी उतारने लगी।

रवी शिल्पा की चिकनी चूत देखकर और ज्यादा उत्तेजित होने लगा।

शिल्पा अपनी कच्छी उतारने के बाद अपनी दोनों टाँगों को फैलाकर अपनी चूत को रवी के लण्ड के सुपाड़े पर टिका दिया। शिल्पा अपनी चूत पर रवी के लण्ड के अहसास से “आह्ह्ह...” करके सिसक उठी। रवी भी अपने लण्ड पर शिल्पा की चूत का स्पर्श पड़ते ही पागल हो गया था। शिल्पा अपनी चूत को रवी के लण्ड पर रखकर गोल-गोल फिराने लगी।

रवी की हालत बिगगती जा रही थी। उसने अपने चूतड़ों को धक्का देते हुए अपने लण्ड को शिल्पा की चूत में घुसाने की कोशिश की। शिल्पा इसके लिए पहले से तैयार थी उसने अपनी चूत को थोड़ा और ऊपर कर दिया। रवी की हालत देखने लायक थी। वो बेचारा प्यासी नजरों से शिल्पा की तरफ देखते हुए बोला- “क्यों तड़पा रही हो? मेरे लण्ड को अपनी चूत में डालो ना...”

शिल्पा ने मुश्कुराते हुए रवी से कहा- “इतनी जल्दी क्या है थोड़ा मजा तो लेने दो?” कहकर उसने फिर से अपनी चूत को रवी के लण्ड के सुपाड़े पर रखा और गोल-गोल घूमने लगी। शिल्पा ने इस बार रवी के लण्ड पर अपनी चूत को फिराते हुए थोड़ा सा नीचे की तरफ दबाव दे दिया। रवी के लण्ड का मोटा सुपाड़ा शिल्पा की गीली चूत में चला गया।
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08-05-2019, 01:06 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
“आह्ह्ह... ओहह..” रवी और शिल्पा दोनों के मुँह से एक साथ निकला।


शिल्पा रवी के लण्ड के सुपाड़े को अपनी चूत में डाले-डाले ही उसपर अपनी चूत को गोल-गोल घुमाते हुए थोड़ा ऊपर-नीचे होने लगी। रवी का मजे के मारे बुरा हाल था, वो शिल्पा की लटकती हुई बड़ी-बड़ी चूचियों को अपने हाथों से पकड़ते हुए मसलने लगा। रवी शिल्पा की चूचियों को मसलते हुए अपने चूतड़ों को ऊपर धक्का देने लगा। मगर उसके चूतड़ ऊपर नहीं हुए क्योंकी शिल्पा अपने हाथों से उसकी जांघों को नीचे दबाए हुए थी। शिल्पा ने अब अपनी चूत को और नीचे दबाते हुए रवी का आधा लण्ड अपनी चूत में ले लिया।

रवी का आधा लण्ड घुसते ही शिल्पा के मुँह से मजे के मारे “इस्स्स्स... आह्ह्ह..” की सिसकी निकल गई। शिल्पा अब रवी का आधा लण्ड ही चूत में डाले हुए उसके हाथों को अपनी चूचियों से दूर हटाते हुए नीचे झुकने लगी। शिल्पा ने अपनी चूचियों को ठीक रवी के मुँह के सामने करते हुए उसके दोनों हाथों को अपने हाथों से पकड़ लिए और अपनी चूचियों के दोनों दानों को एक-एक करके उसके होंठों पर रगड़ने लगी।

रवी ने अपने होंठ खोलते हुए शिल्पा की एक चूची को अपने मुँह में लेना चाहा, तभी शिल्पा ने अपनी चूची को ऊपर उठा लिया। रवी बेचारा शिल्पा को देखता ही रह गया।

तभी शिल्पा ने फिर से अपनी चूची को नीचे कर दिया। मगर रवी का मुँह खोलते ही उसने फिर से अपनी चूचियों को ऊपर कर दिया। रवी को बहुत गुस्सा आ रहा था, उसका दिल कर रहा था की साली को पकड़कर बेड पर पटक दे और उसके पूरे जिश्म को जी भरकर निचोड़े। तभी शिल्पा ने सीधी होते हुए अपने चूतड़ों को पूरे वजन के साथ रवी के लण्ड पर नीचे दबा दिया। रवी का लण्ड शिल्पा की चूत में जड़ तक घुस गया।

ओह... इस्स्स्स...” फिर से दोनों के मुँह से एक साथ सिसकी निकल गई। शिल्पा रवी का पूरा लण्ड अपनी चूत में डाले ही नीचे झुकने लगी। शिल्पा ने इस बार रवी के होंठों को चूम लिया। रवी शिल्पा के होंठ अपने होंठों पर पड़ते ही पागलों की तरह उसके होंठों को चूमने लगा और अपनी जीभ को उसके मुँह में डालते हुए अपने चूतड़ों से शिल्पा की चूत में धक्के देने लगा।

मगर शिल्पा ने अपने चूतड़ों को जोर से रवी के लण्ड पर दबाए रखा था। इसलिए रवी का लण्ड वैसे ही जड़ तक शिल्पा की चूत में पड़ा रहा। शिल्पा रवी की जीभ को चूसते हुए अपने चूतड़ों को थोड़ा सा घुमाने लगी। रवी को इतना मजा आ रहा था की वो अपने हाथों से शिल्पा की चूचियों को पकड़कर जोर-जोर से मसलने लगा।

रवी ने अपनी जीभ शिल्पा के मुँह से निकालते हुए उसकी एक चूची को अपने मुँह में भर लिया और बहुत जोरजोर से चूसने लगा। रवी के जोर-जोर से चूसने से शिल्पा के जिम में सिहरन होने लगी और उसके चूतड़ अपने आप रवी के लण्ड पर उछलने लगे। रवी शिल्पा की दोनों चूचियों को बारी-बारी अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। शिल्पा के मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकल रही थी। रवी ने शिल्पा को कमर से पकड़ते हुए अपने ऊपर से उठाते हुए सीधा लेटा दिया। रवी ने शिल्पा की टाँगों को घुटनों तक मोड़ते हुए अपना लण्ड उसकी चूत पर रखा, और एक ही धक्के में पूरा लण्ड उसकी चूत में जड़ तक घुसा दिया।

एक ही बार में पूरा लण्ड घुसने से शिल्पा मुँह से हल्की सी “ओह्ह... आहह्ह...” की चीख निकल गई।


रवी शिल्पा की चूत में अपने लण्ड को अंदर-बाहर करने लगा, शिल्पा का पूरा जिश्म अकड़ चुका था, और उसके मुँह से जोर की सिसकियां निकल रही थी। वो झड़ने के बिल्कुल करीब थी। रवी शिल्पा को टाँगों से पकड़ते हुए बहुत तेजी के साथ अपने लण्ड को उसकी चूत में अंदर-बाहर करने लगा। शिल्पा की साँसें फूलने लगी और उसने अपने दोनों हाथ रवी के चूतड़ों पर रख दिए, और “आहहह..” करते हुए शिल्पा झड़ने लगी। झड़ते हुए शिल्पा ने अपने नाखून रवी के चूतड़ों पर गाड़ दिए।

रवी शिल्पा को झड़ता हुआ देखकर उसकी चूत में बहुत जोर के साथ धक्के लगाने लगा। शिल्पा ने कुछ देर झड़ने के बाद अपनी आँखें खोली। रवी ने शिल्पा की चूत से अपना लण्ड निकाला और उसे उल्टा करते हुए। अपना लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया। रवी शिल्पा को पीछे से 30 मिनट तक लगातार चोदता रहा। शिल्पा दो बार और झड़ चुकी थी, और उसकी चूत में अब दर्द होने लगा था। शिल्पा समझ गई की रवी को बहुत ज्यादा नशा चढ़ा हुआ है इसलिए वो झड़ नहीं पा रहा है।

शिल्पा ने रवी से कहा- “मेरे टाँगें दुख रही हैं, तुम अपना लण्ड निकालकर सीधे लेट जाओ मैं कुछ करती हूँ..."
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08-05-2019, 01:06 PM,
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
रवी ने शिल्पा की चूत से लण्ड निकाला और बेड पर सीधा लेट गया। शिल्पा की चूत सूजकर लाल हो चुकी थी। रवी का लण्ड निकलते ही उसे कुछ सुकून मिला। शिल्पा ने रवी के लण्ड को पहले अपनी जीभ से चाटकर साफ किया और फिर अपने हाथ से जोर से ऊपर-नीचे करने लगी। पांच मिनट तक वो उसके लण्ड को ऊपर-नीचे करती रही। वो उसके लण्ड को ऊपर-नीचे करते हुए कभी-कभी उसके सुपाड़े को अपनी जीभ से चाट भी रही थी।

रवी का जिश्म अचानक अकड़ने लगा और उसका लण्ड फूलने लगा। शिल्पा ने रवी के लण्ड का सुपाड़ा अपने मुँह में डाल लिया और अपने हाथ से उसके लण्ड को ऊपर-नीचे करने लगी। रवी के मुँह अचानक से एक चीख निकली। और उसके चूतड़ थोड़ा ऊपर उठ गये। रवी के चूतड़ उछालने से उसका लण्ड 3 इंच तक शिल्पा के मुँह में चला गया और रवी के लण्ड से वीर्य का सैलाब निकलने लगा। रवी के लण्ड से निकलती हुई पहली पिचकारी शिल्पा के हलक से जा टकराई। रवी के लण्ड से जाने कितनी पिचकारियां छूटी। शिल्पा का पूरा मुँह रवी के वीर्य से भर गया और वीर्य उसके मुंह से निकालकर उसकी चूचियों पर गिरने लगा।

रवी का झड़ना जब खतम हुआ तो शिल्पा वहाँ से उठकर बाथरूम चली गई। शिल्पा अपने आपको साफ करने के बाद वापस आकर अपने कपड़े पहनने लगी। शिल्पा ने कपड़े पहनने के बाद रवी की तरफ देखा, तो वो सो चुका था। शिल्पा उसके कमरे का दरवाजा बंद करते हुए हवेली से निकल गई। रास्ते में शिल्पा को एक आदमी मिला जिससे वो गले जा लगी और रोने लगी।

वो शख्स परेशान होते हुए बोला- “क्या हुआ तुमसे कुछ गलत हो गया क्या?”

शिल्पा ने कहा- “नहीं, ऐसी कोई बात नहीं। अब ठाकुर को बर्बाद होने से कोई नहीं रोक सकता..."

शिल्पा की बात सुनकर वो शख्स खुश होते हुए बोला- “पगली फिर तुम रो क्यों रही हो?”


शिल्पा ने कहा- “अपने नशीब पर। अंजाने में मैंने अपना जिम ठाकुर को सौंप दिया था। मुझे क्या पता वो इतना बड़ा कमीना है और अब सब कुछ जानने के बाद अपना बदला लेने के लिए मुझे उसके बेटे को अपना जिम सौंपना पड़ा...” शिल्पा यह कहते हुए फिर से उस शख्स के कंधे पर सिर रखकर रोने लगी।

उस शख्स ने अपने हाथों से शिल्पा की पीठ को सहलाते हुए कहा- “मुझे पता है की तुम सब मजबूरी में कर रही हो। मैंने तुमसे पहले भी कहा था, अब भी कह रहा हूँ की ठाकुर से बदला लेने के बाद हम यहाँ से कहीं दूर जाकर शादी कर लेंगे..."

शिल्पा ने उस शख्स की बात सुनते ही उसको अपनी बाहों में भरते हुए उसके होंठों पर एक चुम्मी दे दी, और उससे कहा- “तुम इतने दिनों से शहर में थे, कुछ पता चला मनीष के बारे में...”

उस शख्स ने कहा- “मैं शहर के पास वाले जंगल में अपने साथियों के साथ ठहरा था, कुछ खास जान नहीं पाया, मगर वो बहुत शरीफ लड़का है। मनीष में कोई बुरी आदत नहीं है। लगता है वो ठाकुर का नहीं उसकी बीवी के । यार का बेटा है...”

शिल्पा उसकी बात सुनकर हँसते हुए कहने लगी- “सूरज बहुत देर हो गई, है मैं जा रही हूँ.”

सूरज ने शिल्पा को अपनी बाहों से आजाद करते हुए कहा- “तुम हँसते हुए बहुत अच्छी लगती हो, मैं यही तो चाहता हूँ की तुम हमेशा यूँ ही हँसती रहो...”

शिल्पा ने फिर से सूरज के होंठों पर चुम्मी देते हुए कहा- “तुम मेरी कितनी चिंता करते हो? अपना भी कुछ
खयाल रखो बहुत पतले हो गये हो...” ।

सूरज ने शिल्पा की बात सुनते हुए कहा- “मैं भले पतला हो गया हूँ मगर वो अभी तक वैसे ही लंबा और मोटा है..” यह कहते हुए सूरज ने शिल्पा को आँख मार दी।

शिल्पा शर्म से लाल होते हुए सूरज को बाइ कहते हुए वहाँ से जाते हुए अपने घर पहुँच गई। अपने घर का लाक खोलते हुए वो कमरे में पहुँच गई। शिल्पा ने देखा की उसका बापू सोया हुआ है।

वो अपने बापू के करीब जाते हुए दिल में सोचने लगी- “बापू तुमने इतना बड़ा दर्द मुझसे छुपाए हुए अपने दिल में रखा, कम से कम जब मैं हवेली में काम करने जा रही थी तो मुझे वहाँ काम करने से रोक लेते...” शिल्पा । यह सोचते हुए अपनी खटिया पर जाकर लेट गई और थोड़ी ही देर में वो नींद के आगोश में चली गई।
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