RE: Maa Bete ki Sex Kahani मिस्टर & मिसेस पटेल
अपडेट 48
शादी का मुहूर्त मॉर्निंग में ही है. उसके बाद शुभ टाइम रात को है. सो यह लोग हमारी शादी का टाइम सुबह के मुहूर्त को पकड़के शेड्यूल किया है. हम एकदम सुबह से उठके सब तैयारी में लग गये. कल शाम के रिंग सेरेमनी वाले हॉल में शादी का इन्तेज़ाम किया हुआ है. वहाँ दो रूम है. एक में दूल्हा और उसका परिवर, दूसरे में दुल्हन और उसके परिवार के लिये. हम सब यहाँ आते ही में और माँ पहले रजिस्टर्ड साहब से मिले और उनके दिये हुये पेपर्स पे हमने साइन किया. नाना नानी भी थे. मैं माँ को देखा तो वह बस ख़ुशी से होठो पे मुस्कुराहट लेकर नज़र झुकाके नानी के साथ बैठी थी सुबह के इस समय वह बहुत प्यारी लग रही है. मेरे मन में एक अद्भुत अनुभुति दौड रही है. मैं भी थोड़ी शरम मेहसुस कर रहा हु. मैं उनसे पेन लेकर धीरे धीरे हस्बैंड के जगह पे साइन किया और नानीने मेरी गार्डियन बन के मेरे विटनेस के जगह पे साइन किया. फिर माँ अपनी हाथ निकल के धीरे धीरे वाइफ की जगह पे साइन किये और नानाजी उनके फादर का विटनेस साइन किया. माँ का साइन होते ही रजिस्टर्ड साहब मुझे और माँ को पति पत्नी बनने के लिए विश किया और तब सब लोग क्लैप करके हमें अभिनन्दन करने लगे. और कुछ साइन चाहिए था वह वहां की कुछ लेडीज से साइन करवा लिये. और वह जाते टाइम हमें फिर से विश करके चले गये. मैं और माँ क़ानूनी तौरसे हस्बैंड और वाइफ बन गये. फिर शास्त्र सम्मति से शादी का मुहूर्त जल्दी आनेलगा. तो में और माँ दूल्हा और दुल्हन के रूम में चले गए तैयार होने के लिये. मेरे सज धजने में ज़ादा कुछ रखा नहीं है. केवल शेरवानी पहन ना है और सर पे साफा लेना है. पर दुल्हन के रूम में सब बिजी है. दुलहन को सजाना और शादी का जोड़ा पहनके रेडी करने के लिए कल वाली कुछ लेडीज है. बाहर भी कुछ लोग जमा है. सब रिसोर्ट की तरफ से है और सब अपना अपना डूटीस के लिए है. ऐसी शादी न कभी कहीं हुआ, न यह लोग कहीं देखा. बल्कि यह लोगों को तो पता ही नहीं की एक माँ बेटा आज शादी करके पति पत्नी के रिश्ते में जुड़ने जा रहे है, जहाँ दूल्हा दुल्हन के साथ पूरे परिवार की भी सम्मति है. वह लोग बस अपनी ख़ुशी से मज़े के साथ सब कुछ कर रहे है. नानाजी मेरे रूम में कम और बाहर हॉल में और माँ के रूम में बार बार जाकर देखभाल कर रहे है. मैनेजर साहब वहि बाहर हॉल में बैठे है. पण्डितजी भी अपनि तैयारी सुरु कर दिये. लेकिन उनको भी यह भनक तक नहीं लगा की आज वह एक माँ बेटे की शादी करवाने वाले है. मैं बस एक सुन्दर डिज़ाइन किया हुआ शेरवानी पहनके सोफे में जाकर बैठा. मुझे शादी की एक नयी अनुभुति हर वक़्त घिरके रखी है. मैं जिसको सबसे ज़ादा प्यार करता हु इस दुनिया में, जिसको दिल से पत्नी के रूप में चाहते आरहा हु पिछला ६ साल से, वह खूबसूरत लडकि, मेरी माँ, आज मेरी बीवी बनेगि. मेरी माँ को मेरी दुल्हन के रूप में देखने के लिए मेरा मन बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है. बल्कि यह भी सच है की माँ को मेरी बीवी बनाके मेरी बाँहों में लेकर उनको प्यार करने की चाहत में मन अंदर ही अंदर बार बार चंचल होकर काँप उठ रहा है. पिछले ६ साल से उनको कल्पना करके उनके साथ मिलन का जो सपना मन ही मन में देखते आरहा था, अब हमारा नसीब हम को एक करके वह सपना सच कर दे रहा है. मैं अब मेरी ज़िन्दगी उनके साथ उनका पति बनके गुजारना चाहता हु. और वह भी मेरी पत्नी बनके ज़िन्दगी की आखरि सांस तक मेरे साथ जीना चाहती है.
कल रात रेस्टोरेंट में डिनर के टाइम माँ की ख़ुशी ,शरम और एक दबी हुई उत्तेजना वाला चेहरा देख के और नयी दुल्हन बनने का साज और मेहँदी देखके, में बहुत आर्गी फील कर रहा था मुझे माँ को मेरे बाँहों में भरके, मेरे गरम होंटों से उनके पूरे बदन को, हर अंग अंग को प्यार भरे चुम्बन से भर देणे का मन कर रहा था मैं उसी उत्तेजना से डिनर करते करते नाना नानी से छुपके माँ को एक एसएमएस कर दिया. लिखा था
" यु आर लुकिंग वेरी ब्यूटीफुल , हॉट एंड सेक्सी. आई कान’ट स्टे अवे फ्रॉम यु अनिमोर."
मेरे एसएमएस के बाद माँ को पता नहीं चला. क्यूँ की उनका मोबाइल पर्स के अंदर था मैं बस उनतक मेरी यह अनुभुति पहुचाने के लिए बार बार उनको देख रहा हु, जैसे की में उनको इशारे से बता पाऊँ की वह अपना मोबाइल चेक करले. पर वह देख नहीं रही है. सो मैं एक तरीका सोचा. मैनेजर के साथ नाना नानी बात कर रहे है. माँ उस तरफ देख रहा है. मैं मेरे और माँ के प्लेट के बीच रखी हुई एक डीश है. मैं चम्मच लेकर उसमेही घुमा रहा था माँ का विज़न एरिया में था, इस्लिये वह अचानक मेरे हाथ पे नज़र डाली. फिर मेरी तरफ आँख उठाके देखि. और वह खुद वह डीश उठाके मुझे सर्वे करने के लिए मेरी तरफ़ थोडा घुमतेहि में चम्मच पकडे हुये हाथ से इशारे में मना करके, लेफ्ट हैंड में पकडे हुये मोबाइल को इशारे में दिखाया.
वह पहले समझि नहि, पर जल्द समझ गयी. और मेरी तरफसे मुस्कुराके नज़र घुमा लिया. मैं समझ नहीं पाया की वह जान ने के बाद भी उनके मन में कोई प्रतिक्रिया या कोई रिएक्शन नहीं हुआ. मुझे माँ के ऊपर गुस्सा आने लगा और दोबारा उनको इशारा करने के लिए मौका ढूँढ़ने लगा. तभी माँ नानी के कान में कुछ बोली. नानी मैनेजर साहब को पूछि की वाशरूम किस तरफ है. मैनेजर बहुत इज़्ज़त से नानी से बात कर रहा था और वह हाथ उठाके दिखाया. तभी माँ अचानक चेयर से उठके अपनी पर्स उठाके चल पडी. और जाते टाइम एकबार मुझे लुक देकर मुस्कुराके गई.
मैं मोबाइल हाथ में लेकर बैठा था मैं समझ गया माँ वहां जाकर मेरा एसएमएस पडेगी. इस लिए यहाँ अलग होकर बैठा था नाना नानी के पास. माँ जाने के बस कुछ टाइम बाद मेरे मोबाइल वाइब्रेट किया. मैं खोला तो माँ का एसएमएस था उन्होंने लिखा था
" धत..बदमाश"
मुझे मालूम है माँ मेरा एसएमएस पढ़कर शर्म से लाल हो गयी होगी. और यह भी मालूम है उनके मन में भी मेरे जैसी चाहत आरही थी. मैं फ़टाफ़ट टाइप किया
" इट्स ट्रू मंजु सोना. आई एम लकी टू हैव यु अस माय बिलवड वाइफ. आई लव यु सो सो मच एंड विल लव यु फॉरऐवर"
ओर तुरंत उनका रिप्लाई आया
" आई लव यु टू सो सो मच जाणु."
वह यह रिप्लाई उनके दिल से लिखी है, यह में महसुस किया तब, जब वह वापस आयी और उनके चेहरे पे एक अद्भुत नयी दुल्हन का अभास दिखा था माँ को ऐसे रूप में सामने देख के और वह एसएमएस पढ़ के मेरा लिंग एक अद्भुत ख़ुशी से अंडरवेयर के नीचे फुल्ने लगा. मैं बस और थोडा सहन करके उस पल का इंतज़ार करने लगा जब वह शास्त्र सम्मति से मेरी बीवी बन जाएगी.
ओर अब वह घडी आगई.
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