RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
शशांक का बूरा हाल था ..उपर मोम का सेक्सी अवतार और नीचे शिवानी का सेक्सी व्यवहार ...उसका लंड एक दम कड़क खड़ा था ..शिवानी ने उसे बॉक्सर के उपर से ही बूरी तरेह जाकड़ रखा था अपनी हथेली से ..शिवानी को भी मज़ा आ रहा था ...उसका किसी लंड को थामने का यह पहला मौका था ...और वो भी ऐसा वैसा लंड नहीं ..पूरे का पूरा 8" उसकी हथेली में था..उसकी टाइट चूत गीली हो गयी थी ..
शशांक अपने पर काफ़ी कंट्रोल करते हुए खाना खा रहा था ..पर एक इंसान की भी कोई लिमिट होती है ...शशांक ने महसूस किया के यह दो तरफ़ा हमला अब उसके सहेन की सीमा पर कर रहा है ... इस के पहले की उसके लंड से पीचकारी छूट ती ..वो उठ खड़ा होता है
" मोम बस अब और भूख नहीं ...मैं उठता हूँ.."
और वो फ़ौरन उठता हुआ बाथरूम की तरेफ हाथ धोने को चल पड़ता है ...पर अपनी पीठ मोम की तरेफ करते हुए ..कहीं उनकी नज़र बॉक्सर पर ना पड़ जाए ..बाथरूम के अंदर जाते ही शशांक ने अपने लंड को बॉक्सर से बाहर किया ...लंड इतना कड़क था के हिल रहा था...उस ने जल्दी जल्दी अपने हाथ चलाए , दो चार बार में ही उसकी पीचकारी छूट गयी .....उसने राहत महसूस की..."उफफफफफ्फ़..यह शिवानी भी ना...."
शिवानी भैया के इस हाल पर अंदर ही अंदर मुस्कुराती है ...पर चेहरे पर कोई भी भाव नहीं ... बिल्कुल नॉर्मल ....
" यह शशांक को आज क्या हुआ है शिवानी ..कुछ अजीब नहीं लग रहा तुझे ..??" मोम खाते हुए पूछती है ..
" पता नहीं मोम ..मैं क्या जानू..मुझ से तो ढंग से बात भी नहीं करते ...आप ही पूछ लो ना .." शिवानी ने बड़ी सफाई से अपना पत्ता साफ कर लिया ...
" ह्म्म्म्म..ठीक है ...मैं बात करूँगी आज ... अभी तो शिव के आने में भी देर है ... तू खाना खा कर बर्तन समेट लेना ... मैं शशांक के कमरे में उस से बात करती हूँ ...आज कुछ परेशान सा लग रहा है ..." शांति खाना ख़त्म करते हुए कहती है.
" हां मोम यह ठीक रहेगा ... "
शिवानी ने कितनी सफाई से अपने प्यारे भाई के लिए उसकी प्रेयसी से अकेले में मिलने का रास्ता सॉफ कर दिया ..
तब तक शशांक बाथ रूम से बाहर आ चूका था और अब काफ़ी रिलॅक्स्ड लग रहा था ...
" मोम मैं अपने कमरे में जा रहा हूँ ..पापा को तो आने में देर है ..आप भी अपने कमरे में आराम कीजिए .." कहता हुआ अपने कमरे की ओर जाता है..
" बेटा अगर तू सो नहीं रहा तो मैं तुझ से कुछ बात करना चाहती हूँ ...मैं तेरे कमरे में आती हूँ.."
शशांक मोम की इस बात पर चौंक पड़ता है ... पर चेहरे पर चौंकने की कोई झलक नहीं दिखाता और मोम से कहता है ...
" वाह मुझ से बात करेंगी ..थ्ट्स ग्रेट मोम ..पर मेरे कमरे में क्यूँ ? आप के सर में दर्द था ..आप अब भी थकि सी नज़र आ रही हैं ..आप अपने कमरे में लेटो ना ..मैं ही आप के पास आ जाता हूँ.."
" ठीक है मैं जाती हूँ ..तू जल्दी आ जा , शिव के आने तक का टाइम अपने पास है.."
शिवानी टेबल से बर्तन समेट रही थी ..पर मोम से बचते हुए शशांक की ओर देखती है और बड़ी जोरों से आँख मारती है ....
शशांक उसे घूँसा दिखाता है .....और मोम के कमरे की ओर चल पड़ता है....
किचन वाली बात से वो काफ़ी घबडाया सा था ....पर वो सोच लेता है चलो जो होगा देखा जाएगा ... मैने प्यार ही तो किया है ना ...
और धड़कते दिल से अंदर जाता है कमरे में ...
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