RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
शशांक बॅक स्ट्रोक लगाते हुए तैर रहा है ..उसकी जंघें शांति की जांघों से टकरा रही हैं ..उसके स्विम्मिंग ट्रंक की उभार उसकी मोम की जांघों के बीच चूत से टकराता हैं , .... .वो स्ट्रोक लगाए जा रहा है ...जैसे जैसे स्ट्रोक लगाता है ,उसका उभार शांति की चूत से घिसता जाता है , शांति आनंद विभोर है ... उसके सारे शरीर में सीहरन हो रही है..वो .कांप रही है ...किलकरियाँ ले रही है .." हां .हां मेरे बेटे ..हाँ मुझे किनारे ले चलो ..मुझे बचा लो .."
शशांक के स्ट्रोक्स ज़ोर पकड़ते है ..जैसे जैसे किनारा नज़दीक आता है स्ट्रोक्स और ज़ोर और ज़ोर पकड़ते जाते हैं......शांति की चूत और तेज़ घीसती जाती है शशांक के उभार से ....... .. शांति जोरों से चीख उठ ती है " शशााआआआआआंक.." उस से और भी चीपक जाती है ..उसकी मुलायम चूचियाँ शशांक के कठोर सीने से लगी हुई एक दम सपाट हो जाती हैं....उसके चूतड़ शशांक के उभार पर बार बार उछाल मारते हैं ....वो हाँफ रही है ......पैर और जंघें थरथरा रही हैं...
शांति की नींद टूट जाती है....उसके चेहरे पे एक शूकून है ....वो उठ जाती है....उफफफफफफफ्फ़..उसकी पैंटी बूरी तरेह गीली थी....
वो उठ ती है और दबे पावं बाथ रूम की ओर जाती है ...अपनी गीली पैंटी उतारती है ....उसकी चूत के होंठ अभी भी फडक रहे थे ....उस ने अपनी चूत सॉफ की , दूसरी फ्रेश पैंटी पहनी और बाथ रूम से बाहर आ गयी...
दबे पावं फिर से बीस्तर पे लेट जाती है ...वो काफ़ी हल्का महसूस कर रही थी ... अब वो किसी भी असमंजस की स्थिति में नहीं थी ...उसकी सारी उलझनें भंवर की अतः गहराइयों में डूब गयीं ...
इस सपने ने शांति को उसके भंवर से निकाल दिया था ...वो मुस्कुराती है ... उसे उस विशाल और विस्तृत झील के समान अपनी जिंदगी का किनारा मिल गया था ....
शांति आँखें बंद कर लेती है , सपने के सुनहरे पलों को संजोए फिर से सो जाती है...
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