Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
12-09-2019, 03:23 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
मेरे बाहर निकलके पिता जी के कमरे का दौरा किया वापिस अपने कमरे की अटॅच टाय्लेट में मूतने लगा..जब वापिस माँ वाले कमरे में दाखिल हुआ तो पाया तपोती माँ की चादर उनके उपर से उठाए उनकी टाँगों के बीच के गुप्तांगो को देख रही थी सर झुकाए....उसने माँ की गहरी नींद में होने से उनकी चूत के दोनो हिस्सो को हल्का सा खोला तो पाया छेद और चूत के मांसो पे वीर्य का चिपचिपापन लगा हुआ था....तपोती को समझ आया कि छेड़ लबालब वीर्य से भरी हुई सुख चुकी थी....एका एक उसके चेहरे पे प्रसन्नता के भाव आए और वो उठके जैसे ही पीछे की ओर पलटी तो मेरे निगाह से उसकी निगाह मिली...

"कितनो भी हो माँ भी तो मेरी पत्नी है और उनकी ही रज़ामंदी से हम दोनो ने फिर मिलन किया है तुम्हारे लिए ......तपोती की आँखो में आँसू उबल आए और वो झट से मेरे सीने से लग गयी...मैं उसे पूचकारने लगा...उसे अपने ज़ज़्बातो पे काबू करने को बोला.....

_________________________
Reply
12-09-2019, 03:23 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
मेरे बाहर निकलके पिता जी के कमरे का दौरा किया वापिस अपने कमरे की अटॅच टाय्लेट में मूतने लगा..जब वापिस माँ वाले कमरे में दाखिल हुआ तो पाया तपोती माँ की चादर उनके उपर से उठाए उनकी टाँगों के बीच के गुप्तांगो को देख रही थी सर झुकाए....उसने माँ की गहरी नींद में होने से उनकी चूत के दोनो हिस्सो को हल्का सा खोला तो पाया छेद और चूत के मांसो पे वीर्य का चिपचिपापन लगा हुआ था....तपोती को समझ आया कि छेड़ लबालब वीर्य से भरी हुई सुख चुकी थी....एका एक उसके चेहरे पे प्रसन्नता के भाव आए और वो उठके जैसे ही पीछे की ओर पलटी तो मेरे निगाह से उसकी निगाह मिली...

"कितनो भी हो माँ भी तो मेरी पत्नी है और उनकी ही रज़ामंदी से हम दोनो ने फिर मिलन किया है तुम्हारे लिए ......तपोती की आँखो में आँसू उबल आए और वो झट से मेरे सीने से लग गयी...मैं उसे पूचकारने लगा...उसे अपने ज़ज़्बातो पे काबू करने को बोला.....

_________________________

गनीमत थी कि आज सनडे था तो इसलिए मैने पिता जी से कहा कि वो ददिहाल हो आए...क्यूंकी मुझे माँ के साथ और वक़्त गुज़ारना था....तपोती ने भी जैसे पिता को ज़ोर दिया....पिता जी आख़िर में ददिहाल के लिए जाने लगे...उन्होने माँ का ज़िक्र किया तो तपोती ने कहा कि उनकी तबीयत ठीक नही है इसलिए कमरे में आराम कर रही है....पिता जी ने ज़्यादा सवालात नही किया और तपोती ने उन्हें दोपहर का भोजन 12 बजे ही करा दिया था...वो खा पीके चले गये तो मैं रिलॅक्स्ड हुआ...

तपोती ने बताया कि कल रात से माँ काफ़ी बुरी तरीके से थकि हुई है....मैने कहा की आज पूरा दिन मैं कमरे में गुज़ारुँगा इसलिए बाहर का दरवाजा लॉक्ड रखे किसी का भी कॉल आए तपोती ये कह दे कि मैं फोन घर पे छोड़ घूमने गया हूँ...तपोती ने सहमति में सर हिलाया और रसोईघर मे चली गयी...

माँ की कल भीषण चुदाई इतने दिनो बाद हुई तो ज़ाहिर है वो काफ़ी थकि हुई थी...वैसे भी तीन बार वो कल झड़ी थी और मैने एक बार और उसे भोर होने से पहले चोदा था...इसलिए वो पष्ट पड़ी लेटी हुई थी जैसे मैं कमरे में आया तो वो वैसी ही चादर अपने बदन से लपेटी हुई चाइ की चुस्किया ले रही थी...फिर वो काम करने के लिए उठने को हुई तो मैने उसे बिठा दिया.....

आदम : माँ आज नही आज बस तुझे आराम करना है सिर्फ़ मज़ा लेना है और मेरे साथ पूरा को-ऑपरेट करना है

अंजुम : अरे बेटा अगर अभी नही उठुँगी तो कब? घर का इतना काम ! (मैने बीच में उनकी बात काट दी)

आदम : कोई काम नही चलो यही तुम नाश्ता करो और कमरे से एक कदम बाहर ना निकालना बाबा को ददिहाल भेज दिया मैने तपोती घर संभाल लेगी तुझे जल्द से जल्द मुझे पेट से करना है तो इसके लिए शुरुआत भी तो जल्दी से करनी होगी

माँ हंस पड़ी..उसने मुस्कुराए मुझे अपने हाथो से मुझे नाश्ता कराया....उसके बाद खाली प्लेट्स हम टेबल पे ही छोड़ थोड़ी देर सुस्ता...माँ उठके पेशाब करने चली गयी उसने दरवाजे को भी ठीक ढंग से नही लगाया...और मेरे सामने घुटनो के बल बैठके पेशाब की एक तेज़ मोटी धार छोड़ने लगी...जब वो फारिग होके बाहर आई....

तो मैने उसे अपनी बाहों में खीच दिया....माँ को पलभर भी मौका ना मिला खुद को छुड़ाने का और मैने उसकी पेशाब से सनी चूत के द्वार पे अपना मुँह फिर रख दिया...इस बार मैं बड़े ही लज़्ज़त से उसकी चूत को चाट रहा था हम माँ-बेटे कमरे में एकदम नंगे थे....चूत को चाटते हुए अपनी लपलापाई जीब से मैं उसे उत्तेजित करने लगा....माँ सिसकिया भरते हुए अपने घुटने मोड वैसी ही टाँगों को खोले लेटी हुई थी....
Reply
12-09-2019, 03:23 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
इस बीच मैने माँ की चूत को फिर मुट्ठी में लेके भीच दिया जिससे माँ ने कस कर चादर को अपने दोनो हाथो से पकड़ा और फिर छोड़ दिया...मैने दो-तीन बार माँ की मुट्ठी में लिए चूत को खूब दबाया...उसके बाद फिर अपना मुँह उसकी चूत में लगाके चूत को फिर चाटने चूसने लगा...माँ की गीली चूत महसूस होते ही...मैं उसपर सवार हो गया....माँ ने खुद ही मेरे लंड को अपनी चूत के मुआने पे रखा और मुझे कस कर अपने बाजुओं से जकड लिया...

मैने कस कर एक करारा धक्का मारा और लंड को चूत की गहराइयो में दाखिल किया...ऐसा करने से माँ ने अपनी टांगे मेरे नितंबो पे रख दिए...और मेरे कुल्हो को अपनी एडियो से रगड़ने लगी....."हआयईी सस्स आअहह"....मैं धक्को पे धक्का लगाए जा रहा था और माँ को पूरी रफ़्तार से चोद रहा था....माँ हिकच हिकच्छ के चुद्ते हुए आहें भरती हुई जन्नत का सुख ले रही थी...

इस बीच मुझे अहसास हुआ कि तपोती कब कमरे में आके हम माँ-बेटे को चुदाई करते देख रही थी उसने अपने दोनो हाथ से मेरे उपर नीचे होते कुल्हो को अच्छा दबाना शुरू कर दिया..."सस्स उ"....माँ मेरे नीचे दबी सिसकिया ले रही थी...उसे जब तपोती का अहसास हुआ तो शरम से उसके गाल लाल हो गये ...

"बढ़िया ऐसे ही"...तपोती मुस्कुराई माँ की दोनो टाँगों को मेरे कुल्हो से लिपटा देख उन्हें पकड़के एकदुसरे से अलग किए हवा में उठाए मुझे प्रोत्साहित करते हुए कह रही थी...मैं कस कस कर धक्के तेज़ी से मारने लगा तो माँ की सिसकिया और भी तेज़ होने लगी....

"आहह सस्स उहह बेटाअ"...उसने अपने होंठो को भीचते हुए मुझे कस कर पकड़ लिया और इसी बीच मैने माँ की चूत से जैसे अपना लिंग प्रवेश द्वार से निकाला तो चूत से पेशाब की एक मोटी धार निकल गयी...माँ जैसे स्खलित होने लगी थी...उसका पूरा शरीर काँप उठा था....

चादर पूरी गीली थी...मैने उसकी चूत पे नाक रगड़ते हुए उसे सूँघा और एक बार अपनी ज़ुबान उसपर चलाई और उसके उपर से निचले हिस्सो को चखा..फिर अपना मोटा खड़ा लंड हाथो में मसल्ते हुए तपोती की ओर देखा....तपोती ने झुककर उसे हाथो में लिया और आगे पीछे उसे फिर खड़ा किया....माँ अब तक बिस्तर से उठ बैठी थी....और तपोती को उनकी चूत से निकले मेरे लिंग को अपने मुँह में लेता देख हैरत में पड़ गयी..

तपोती ने बड़े ही चाव से मेरे लंड को खूब चूसा..उसके बाद उसे अपने मुँह से उगला और फिर गीले थूक से सने हुए लंड को हाथो में लिए माँ की तरफ ले आने लगी.."माँ घोड़ी बन"......माँ ने आदेश का पालन झिझकते हुए किया और उसने खड़ी होके कमर तक खुद को झुका लिया जिससे उसके नितंबो का छेद और चूत द्वार दोनो फैल गये....तपोती ने खुद ही मेरे गीले थूक से सने लंड को हाथो में आगे पीछे मसल्ते हुए चूत में डालना चाहा....माँ ने कूल्हें ढीले छोड़ दिए जिससे मेरा एक ही शरण दबाव में वो अंदर जड़ तक जैसे जा बैठा...

मैने उसी पल माँ के पेट को थामा और कस कर उसकी दनादन चुदाई करने लगा....माँ सर पे हाथ रखके आँखे भीचे दर्द से चुद्ति रही.....इस बीच तपोती मेरे अंडकोषो को नीचे हाथ ले जाए हुए सहला रही थी....वो माँ के दाने को भी खूब छेड़ रही थी....जिससे माँ और मैं अति उत्तेजना में एकदुसरे के आलिंगन में बुरी तरह जकड़े हुए थे...
Reply
12-09-2019, 03:23 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
मैं कुछ ही देर में हाथ थोड़ा आगे बढ़ाए झुकी माँ की छातियो को कस कर थामते हुए मसल्ने लगा....मैं तेज़ तेज़ धक्के लगाता रहा...और फिर स्खलन के वक़्त गहराई तक लंड डालें वैसे ही अकड़ने लगा..माँ को अपने भीतर बेटे का गरम गरम वीर्य अपने अंदर गिरते महसूस हुआ....उसके बाद मैं काँपते हुए अपना लॉडा बाहर खीचे हाफने लगा...तपोती ने देखा माँ की चूत से रस की धार जैसे बहके निकल रही थी....

_________________________

Reply
12-09-2019, 03:23 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
मैं कुछ ही देर में हाथ थोड़ा आगे बढ़ाए झुकी माँ की छातियो को कस कर थामते हुए मसल्ने लगा....मैं तेज़ तेज़ धक्के लगाता रहा...और फिर स्खलन के वक़्त गहराई तक लंड डालें वैसे ही अकड़ने लगा..माँ को अपने भीतर बेटे का गरम गरम वीर्य अपने अंदर गिरते महसूस हुआ....उसके बाद मैं काँपते हुए अपना लॉडा बाहर खीचे हाफने लगा...तपोती ने देखा माँ की चूत से रस की धार जैसे बहके निकल रही थी....

_________________________

उस पूरे दिन मैने माँ के साथ खूब जी भरके चुदाई की...फिर अगले दिन से ऑफीस के बाद या छुट्टी का मौका मिलते ही मैं फारिग होके माँ के साथ खूब चुदाई करता था....माँ इस बीच कहीं भी ना गयी पूरे दिन घर में रहती और हमारी निगरानी तपोती करती या कभी हमारे खेल में शामिल होके हमारा साथ देती...आख़िर 20-30 दिन की लगातार चुदाई के बाद माँ ने प्रेगा कार्ड से एकदिन टेस्ट किया और मुझे दफ़्तर में कॉल किए बताया कि पॉज़िटिव हो गया है

सुनके मैं काफ़ी खुश हुआ....लेकिन बात थी कि अगर माँ पेट से हो गयी थी तो साफ था कि उसका पेट बड़ा होता और घर में पिताजी से उसकी गर्भवती होने की बात ज़्यादा दिन छुपी ना रह पाती...हमे कम से कम 1 साल के लिए लोगो के नज़रों से दूर तो होना ही था...लेकिन समस्या नौकरी और जगह की थी बिना किसी को मालूम चले मुझे ये साबित करना था कि तपोती पेट से हो गयी थी...और वो भी कम से कम 1 साल के लिए टाउन से उसे दूर रखना था....तभी पता चला कि माँ की दूर की एक माँसी रहती थी कटीटोला में जो यहाँ से करीबन गाओं में पड़ता था...

मैने ये रिस्क ले लिया और माँ और तपोती को साथ ले गया और वहाँ एक किराए का बड़ा सा घर ले लिया....वहाँ माँ और तपोती आराम से रहने लगे....पिता जी को मैने बता दिया कि माँ का हवा बदल ज़रूरी था इसलिए मैं उसे तपोती के साथ छोड़ आया हूँ मैने झूठ कहा की तपोती माँ बनने वाली है लेकिन माँ की इच्छा है कि वो उनके साथ वहीं रहे....पिता को काफ़ी नाराज़गी हुई पर माँ ने उन्हें फोन पे ही अच्छे समझा दिया था जिससे उन्होने ज़्यादा रिक्ट नही किया....

मैं हफ्ते हफ्ते माँ से मिलने जाने लगा था....वहाँ का जायेज़ा लेके माँ के साथ कुछ 1-2 दिन बीतता था जब तक मैं निश्चिंत ना हुआ तब तक मैं माँ के साथ वहाँ भी कुछ एक आध बार चुदाई करा और उसकी चूत की गहराइयो में अपना बीज डाले मैं संतुष्ट होता था...धीरे धीरे माँ गर्भवती हो गयी....ये खबर सुनके मुझे काफ़ी प्रसन्नता हुई..माँ चुपके रहा करती थी तपोती ही उनकी देख रेख करती थी..और मैं तो बीच बीच में जाता ही था....

जल्द ही माँ को चलने फिरने में दिक्कत हुई और पूरे नवा महीना उनका हो गया..मैं खबर सुनके सोचा कि अब उन्हें शहर ले ही आना ठीक रहेगा....मैं गाओं पहुचा छुट्टी लिए और माँ को खूब प्यार किया तपोती भी बेहद खुश थी....इस बीच कुदरत का करिश्मा हुआ कि पिता जी का दिल वैसे ही कम लग रहा था इसलिए वो 1 महीने के लिए कोलकाता बड़े ताउ जी के यहाँ फिर चले गये थे...इतना वक़्त मेरे लिए काफ़ी था अब मैं माँ को वहाँ और अपने से दूर तपोती के संग नही छोड़े रख सकता था....मैने उसी दिन उन्हें गाओं से वापिस शहर ले आने लगा....
Reply
12-09-2019, 03:23 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
बरसात काफ़ी तेज़ थी और मुझे अब भी याद है कि गाओं और शहर का पुलिया टूट चुका था....अब हमारी गाड़ी वापिस गाओं जा भी नही सकती थी क्यूंकी गाओं से हम अब बहुत दूर आ गये थे....अब तो नदी पार किए ही कोई विकल्प हाथ लग सकता था....मैं तपोती और माँ जो मेरा हाथ पकड़े अपने फूले पेट को लिए हान्फ्ते हुए चल नही पा रही थी नदी के पास आए....मेरे ज़हन में जैसे वहीं पुरानी यादें सवार होने लगी वहीं नदी वहीं अर्जुन और उसकी माँ अरुणा की चीख पुकार...तपोती ने मुझसे कहा चलो आगे...तपोती और मैं माँ का हाथ थामें जैसे तैसे नहेर को पार कर रहे थे उन पथरीली रास्तों पे चलते हुए मैं काफ़ी डरा हुआ था कि एक बार भी पैर फ़ैसला माँ का तो सीधा वो पत्थरो पे गिर जाएगी...मैं बहुत डरा हुआ था...दो औरतें मेरे साथ थी...

अचानक माँ का पैर फिसला और वो गिरते गिरते बची मैने उसे कस कर थाम लिया....एक तो उसका शरीर संभालना भी काफ़ी मुस्किल था...वो मुझे कस कर थामें हाँफ रही थी..."तपोती तुम आगे बढ़ो"......

."नही पत्थर ठीक नही है तुम डूब जाओगे"........

."मैने कहा ना तुम आगे बढ़ो"........

.."ठ..ईक है"......सभलते हुए तपोती आगे सामान लिए बढ़ने लगी पत्थरो पे पाओ रखते ही वो फिसलते फिसलते बची फिर मैने उसे थोड़ा सहारा दिए उठा दिया...वो पार किए बाकी लोगो के साथ मुझे बुला ही रही थी कि इतने में माँ की चीख सुन मैं पीछे पलटा

"मामाआआआआ"..........मेरी चीख निकल गयी और नेत्र फैल गये.....तपोती मुँह पे हाथ रख पड़ी

माँ एकदम से बहते पानी में पीठ के बल गिर पड़ी...इससे उसका शरीर बहते पानी में आगे बढ़ने लगा मैने बिना वक़्त गवाए पानी में सीधे छलाँग लगा दी...पानी गले तक था लेकिन बहाव बहुत ज़्यादा था....

माँ वैसे ही पानी में उपर नीचे हो रही थी मैने कस कर उसे थाम लिया वरना सामने की चट्टानो से उसका शरीर टकरा जाता..मैने बड़ी ताक़त से उन्हें उठाया खुदा से दुआ करने लगा कि आज मुझे मुमकिन ताक़त दे दे ताकि मैं अपनी माँ को इस बिगड़ते हालत में बचा पाऊ....मैने पूरी ताक़त से माँ को अपने संग फिर पत्थरो पे खड़ा किया...हर कोई हमे देखके आगे आना चाह रहा था पर पत्थर एकदम फिसलन भरे थे अगर वो साथ आते तो सीधे बहते पानी में गिरकर डूब जाते....माँ का शरीर ठंड से काँप रहा था....मैं माँ को आगे लिए बढ़ा..तो पाया कि चट्टानो से बार बार उसका पैर फिसलने को हो रहा था उसकी हालत बेहोशी के कगार पे थी...तपोती हमे आवाज़ दे रही थी...एक पल को मैने समझा कि ये वहीं इम्तिहान था जिससे मैं एक बार गुज़र चुका था....
Reply
12-09-2019, 03:24 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
मैं जानता था मुझे क्या करना है? मैने माँ को फुरती से अपनी बाहों में उठा लिया और बड़े ही अहेतियात और ताक़त जुटाए उसके भारी शरीर को लिए आगे बढ़ने लगा.....तपोती ने पाया कि मैं चट्टानो पे अपने एक एक पाओ को रख रख के चढ़ रहा था..एक पल को फिसला या माँ को अपनी पकड़ से ढीला भी किया तो हम दोनो पत्थरो पे गिरके वापिस नहेर में डूब जाते....आदम ने पूरी ताक़त से अपनी माँ को गोदी में उठाए पूरी ताक़त खीचे पत्थरो पे अहेतियात से एक एक कदम आहिस्ते आहिस्ते रखते हुए उपर लाया..इस बीच तपोती और सबने देखा कि उसके पैरो से खून बह रहा था...अपने असीम दर्द को पीए आदम माँ की ओर देखते हुए आख़िरकार सुरक्षित ढल्लान के उपर ले आने में कामयाब रहा...सबने मिलके आदम को संभाला तपोती ने उसे माँ को वापस गोद से उतारते ही पकड़ा...माँ बेसूध तपोती के उपर जैसे हाफ्ते हुए गिर गयी....माँ को फिर बाद में ही होश आया था

______________________
Reply
12-09-2019, 03:24 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
मैं जानता था मुझे क्या करना है? मैने माँ को फुरती से अपनी बाहों में उठा लिया और बड़े ही अहेतियात और ताक़त जुटाए उसके भारी शरीर को लिए आगे बढ़ने लगा.....तपोती ने पाया कि मैं चट्टानो पे अपने एक एक पाओ को रख रख के चढ़ रहा था..एक पल को फिसला या माँ को अपनी पकड़ से ढीला भी किया तो हम दोनो पत्थरो पे गिरके वापिस नहेर में डूब जाते....आदम ने पूरी ताक़त से अपनी माँ को गोदी में उठाए पूरी ताक़त खीचे पत्थरो पे अहेतियात से एक एक कदम आहिस्ते आहिस्ते रखते हुए उपर लाया..इस बीच तपोती और सबने देखा कि उसके पैरो से खून बह रहा था...अपने असीम दर्द को पीए आदम माँ की ओर देखते हुए आख़िरकार सुरक्षित ढल्लान के उपर ले आने में कामयाब रहा...सबने मिलके आदम को संभाला तपोती ने उसे माँ को वापस गोद से उतारते ही पकड़ा...माँ बेसूध तपोती के उपर जैसे हाफ्ते हुए गिर गयी....माँ को फिर बाद में ही होश आया था

______________________

2 यियर्ज़ लेटर...

माँ और तपोती मेरे आज़ु बाज़ू लेटी हुई हँसें जा रही थी और मैं बारी बारी से उन दोनो के गालो को चूम रहा था...आज मैं अपनी दोनो बीवियो के साथ दफ़्तर की छुट्टी में आराम कर रहा था...."वाक़ई वो भी क्या अज़ीब वाक़या था? एक पल को लगा कि मैं अपनी अंजुम और अपने बेटे को खो दूँगा"....मैने मुस्कुराए कहा तो अंजुम ने मेरे होंठो को चूमते हुए मुझे नज़ाकत से देखा

तपोती : लेकिन आदम तुमने साबित कर दिया कि तुम अंजुम से कितना अटूट प्यार करते हो अरे माँ इनका पाँव पूरा छिल गया था उन चट्टानो पे चढ़ते हुए

अंजुम : वाक़ई अगर ये ना मुझे बचाता तो मैं आज ऐसे तुम लोगो के सामने मज़ूद ना होती (मैने माँ के होंठो पे उंगली रखी)

आज 2 साल बाद अंजुम और तपोती के साथ मैं एक सुखी व्यवाहिक जीवन बिता रहा था...उस हादसे के करीब 1 महीने बाद माँ ने मेरे खूबसूरत बेटे को जनम दिया....वो वक़्त था जब उसने घर आके खुद अपनी संतान को तपोती की गोद में दिया था और उसे कहा था कि आजसे इस्पे तुम्हारा हक़ है....माँ ने ही उसे आहान नाम दिया था...पिता जी रूपाली भाभी ताहिरा मौसी तबस्सुम दीदी घर का हर सदस्य उसे देखने आया था और सबने बधाई तपोती को दी लेकिन दिल ही दिल में मैने माँ का शुक्रियादा उसके साथ अपने सच्चे प्यार के वचनो से किया

तपोती को आहान की आवाज़ लगी तो उसने मुस्कुरा के मेरे गाल को चूमते हुए कहा कि शायद वो रो रहा है मैं उसे टेहला के आती हूँ...उसके जाते ही मैने माँ को अपनी तरफ खीचा...."क्या हुआ माँ?"......

."ऐसा लगता है जैसे ये सब महेज़ ख्वाब हो मेरे बेटे का बेटा ..........

"बस आहान की फिकर है मेरी नही ......मैं हँसके माँ को अपने सीने से लगा लिया....

और उसकी नाइटी के गीलेपन को देख उसकी नाइटी उपर किए उठाई और उसकी एक चुचि को चूसने लगा उफ्फ छातियो को भीचते ही उससे दूध निकल रहा था....मैने उस पर मुँह लगाया और उसे चूसने लगा...माँ मेरे सर को सहलाते हुए मुझे प्यार से देखने लगी....
Reply
12-09-2019, 03:24 PM,
RE: Maa Sex Kahani माँ को पाने की हसरत
आदम : माँ तेरे दिए इस अनमोल तोहफे का मैं कैसे शुक्रिया अदा करू उफ्फ क्या स्वाद है ? (माँ की चुचि को मुँह से निकालते हुए मैने उन्हें मुट्ठी में लेके दबाते हुए कहा)

अंजुम : ये तेरे प्यार की हसरत है जिसके आगे ये तोहफा भी कम है मुझे खुशी है कि तपोती और तू अब खुश रहेंगे अब उठ मुझे बाहर जाने दे क्या पता? आहान को मेरी ज़रूरत हो

आदम : अच्छा माँ

मैं माँ से परे हटा तो माँ नाइटी ठीक किए बाहर चली गयी.....सच में ये ज़िंदगी ख्वाहिश और हसरतों से जैसे भारी पड़ी है...लेकिन कुछ हसरत कभी अधूरी नही रहा करती ये थी मेरी हसरत मेरी माँ के प्रति उस अटूट प्रेम की...

माँ और तपोती के साथ मैं अपनी ज़िंदगी बस यूँ ही गुज़ारने लगा....अपना बीता कल भुलाए अपनी हसरतों के साथ जीते हुए....कुछ इस तरह हमारी इस दास्तान का अंत हुआ...लेकिन सच कहता हूँ हसरत कभी नही कम होती और ना कभी खुद को अधूरी रहने देती है ......

दा एंड....
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,295,917 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 521,853 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,149,520 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 870,928 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,540,323 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,985,274 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,793,871 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,504,383 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,821,841 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 265,816 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 16 Guest(s)