RE: Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
“अरे भोले बुद्धू ..... वो तो मैने तुझे बताया था.....तुझे अपने पास से कुछ बोलना है......कैसे हो तुम राहुल मेरी थोड़ी सी तारीफ भी नही कर सकते ......... कल को लड़कियाँ कैसे पटाओगे ........... चलो अब बोलो जल्दी से, देखो कितनी देर हो गयी है ........... जल्दी करो" सलोनी राहुल को उकसाती है | राहुल सोच में पड़ जाता है | वो सोचने लगता है मगर उस समय उसके दिमाग़ में कुछ भी नही आ रहा था | वो याद करने की कोशिश करता है कि उसके फ्रेंड्स लड़कियों के बारे में कैसे बोलते हैं मगर फिर भी वो कोई ऐसा लफ्ज़ सोच नही पा रहा था |
"ओफफफफफफफह ..... राहुल इतना टाइम........जल्दी करो ना........” सलोनी उसकी मुश्किलों को और बढ़ा रही थी | राहुल की नज़र अचानक अपनी मम्मी के मुम्मो पर जाती है और नाज़ाने क्यों अचानक उसे अपनी मौसी पायल का ध्यान आ जाता है | उसके मुम्मे भी सलोनी की ही तरह मोटे मोटे थे | 'साली वो भी पूरी पटाखा है' राहुल अपनी मौसी को याद करता है | 'पटाखा ... पटाखा' अचानक राहुल का चेहरा खिल उठता है |
"मम्मी आप तो पूरी पटाखा लग रही हो" राहुल जोश में बोल जाता है | उसे लगा शायद उसने अपनी मम्मी की शर्त पूरी कर दी है | सलोनी एक पल के लिए आँखे गोल करती है फिर उसके होंठ काँपते हैं | राहुल घबरा जाता है | लगता था वो फिर से हँसने वाली है | मगर इस बार सलोनी हँसती नही |
"हुं ..... यह हुई ना बात......पटाखा ....... बात पूरी बनी नही ........... मगर चलेगा ......... तूने कुछ बोला तो सही वरना मुझे तो लगने लगा था कि आज रात तक तेरे कुछ बोलने का इंतज़ार करना पड़ेगा ............ वैसे भी तेरी पेंट का तंबू देखकर लगता तो ऐसा ही है कि मैं सचमुच में पटाखा लग रही हूँ" सलोनी राहुल की पेंट का उभार गौर से देखते हुए बोलती है | फिर वो अपनी आँखे राहुल की आँखो में डाल देती है |
"चलें मम्मी ........... देर ..... देर हो रही है" राहुल थूक गटकता है |
सलोनी आगे बढ़ती है | अब उसके और राहुल के बीच एक फीट से भी कम का फासला था | वो अपनी बाहें राहुल के गले में डाल देती है मगर उन्हे मोड़ती नही है बल्कि उसके गले में बाहें डाल वो उन्हे पीछे को फैला अपने हाथ बाँध लेती है |
"मर्ज़ी है तुम्हारी ............. "सलोनी इठलाते हुए नखरा दिखाते हुए मादक स्वर में बोलती है |
"क्या मतलब ..... मम्मी ...." राहुल फिर से थूक गटकता है |
"मैने सोचा शायद तुम्हारा दिल ..... कुछ और करने का है तो ....... " सलोनी आवाज़ में मादकता भरते हुए चूदने को तत्पर किसी उत्तेजित नारी की तरह सिसकते स्वर में बोलती है | राहुल की धड़कने बढ़ जाती हैं | उसे अचानक से आस की किरण दिखाई देती है | उसे लगता है जैसे उसका काम बन जाएगा | उसका लौड़ा खुशी में ज़ोरदार झटका ख़ाता है |
"नही ......... सच में देर हो रही है ................... उफ़फ्फ़ देख तो कितना टाइम हो गया है......चल जल्दी से" सलोनी चाभी और पारस लेकर दरवाजे की और बढ़ती है. राहुल के सारे सपने फिर से चकनाचूर हो गये थे | दोपहर से दो बार ऐसा हो चुका था कि उसे आस बँधी हो और वो टूट गयी हो |
"साली........." राहुल अपने मन में अपनी भड़ास निकालता दरवाजे की और बढ़ता है |
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