RE: Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
घर तक गाड़ी पहुँचते पहुँचते राहुल में जान लौट आई थी | उसने इतने समय से अपने स्खलन को रोका हुआ था जबकि वो पिछले लगभग आठ घंटे से लगातार उत्तेजना की चरम सीमा पर था | और अन्त्तहा जब वो सखलित हुआ तो उसका स्खलन इतना तीव्र था कि उसे लगा जैसे उसके जिस्म से पूरी उर्जा ही निकल गयी थी | मगर अब उसे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था | जिस्म से बैचेनी निकल चुकी थी | बदन हल्का फुल्का हो गया था |
सलोनी और राहुल दोनो सामान निकाल किचन में ले जाते हैं | एक बार सामान काउंटर पर रखकर सलोनी राहुल की और मुड़ती है |
"कुछ खाना है ...... मुझे मालूम है तुम्हे भूख लग रही होगी"
"हूँ.... सच में भूख लग रही है मम्मी" राहुल पेट पर हाथ फेरता हुआ बोला |
"अब सारा माल तो मेरे मुँह में उडेल दिया, भूख तो लगेगी ना" सलोनी की बात पर राहुल शर्मा जाता है |
"ठीक है मैं कुछ लाइट सॅंडविच बना देती हूँ और साथ में दूध बना लेती हूँ ... अब तुम्हारी खुराक का पूरा ध्यान रखना पड़ेगा, दिन रात इतना ज़ोर जो लगा रहे हो" सलोनी मुस्करा कर राहुल के गाल पर हाथ फेरती है तो वो और शर्मा जाता है | सलोनी आगे बढ़कर उसके गाल पर एक ज़ोरदार किस करती है |
"दिल करता है खा जायूं तुम्हे" स्लोनी राहुल के निचले होंठ को अपने दांतो में चबाते बोली | फिर वो उसके होंठो को कई बार चूमती है और आख़िरकार ना चाहते हुए भी अपना रुख़ गैस स्टोव की और कर लेती है | राहुल का इतने प्यार दुलार से ही दिल खुश हो गया था, उसका लौड़ा भी जो पेंट में करवटें लेने लगा था कुछ ज्यादा ही खुश था | सलोनी दूध उबलना रखती है और उसमें कुछ और सामान डाल देती है | फिर वो दोबारा राहुल की और मुड़ती है |
"ज़रा रसोई के पर्दे तो बंद करदो" सलोनी राहुल से कहती है | राहुल पर्दे गिराकर जब वापस सलोनी की और घूमता है तो उसकी आँखे फैल जाती है, लेकिन अगले ही पल उसके होंठो पर मुस्कराहट आ जाती है | सलोनी अपना कुर्ता अपने बाजूयों से निकाल चुकी थी | अब वो ब्रा में थी | कुर्ता निकाल वो एक कुर्सी पर डाल देती है और राहुल की और देखकर मुस्करा उठती है | वो अपनी बाहें पीछे ले जाकर अपनी ब्रा के हुक खोलने लगती है तो राहुल आगे बढ़ता है और अपनी मम्मी की पीठ पीछे चला जाता है |
"हुन्न्ह ....... दिन पर दिन समझदार होते जा रहे हो" सलोनी चेहरा मोड़कर कंधो के उपर से राहुल को कहती है जो कि उसकी ब्रा का हुक खोल रहा था | राहुल हुक खोल देता है और सलोनी उसकी और घूम जाती है | ब्रा उसके मोटे मुम्मों पर ढीली हो चुकी थी मगर गिरती नही है | वो राहुल की आँखो में देखती है जिसकी निगाह उसके मुम्मों पर जमी हुई थी | राहुल नज़र उठाता है तो सलोनी की तीखी नजरों को अपने चेहरा पर जमे पाता है | वो शर्मीली सी मुस्कराहट के साथ अपने हाथ उपर उठाता है और धीरे से सलोनी के कंधो से ब्रा के स्ट्रेप पकड़ कर उसकी बाहों से निकालने लगता है | सलोनी बाहें आगे करके मुस्कराती हुई उसकी मदद करती है |
राहुल ब्रा को उसी कुर्सी पर डाल देता है जिस पर उसका कुर्ता पड़ा था | वो घूमता है और सलोनी के मुम्मों पर कोमलता से हाथ फेरता है | उसके कड़े निप्पल उसकी हथेलियों को रगड़ते हैं |
"उउम्म्मह.....क्या इरादा है जनाब का?" सलोनी अपनी नंगी कमर पर हाथ रखे बेटे को छेड़ती है | राहुल कोई ज्वाब नही देता और उसके लंबे कड़े निप्पलों को अपने अंगूठे और उंगलियों में मसलता है |
"उउउम्म्मह......रुक ज़रा...." सलोनी राहुल के हाथों पर अपने हाथ रख उसके हाथों को अपने मुम्मों से हटा देती है और उन्हे अपनी पेंट की हुक पर रख देती है | "पहले मेरी पेंट खोल......."
राहुल और खुश हो जाता है | वो जल्दी जल्दी झुक कर अपनी मम्मी की पेंट की हुक खोलने लग जाता है | सलोनी उसके बालों में हाथ घूमाती है | राहुल हुक खोल पेंट को नीचे खिसका देता है |
"कच्छी भी...... मेरी कच्छी भी निकाल दो" राहुल पेंट को घुटनो पर रोक सलोनी की भीगी कच्छी को नीचे खिसका देता है और फिर पेंट समेत उसके पाँव से निकाल देता है | वो अपने हाथ को सलोनी की चूत के उपर रखकर उसे सहलाता है | राहुल चूत की खुशबू को दूर से भी सूंघ सकता था | सलोनी उसके चेहरे को पकड़ उसे खड़ा होने का इशारा करती है | राहुल के खड़ा होते ही सलोनी उसकी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर देती है |
"मेरी जांघें चिप चिप कर रही थी ...... कच्छी भी पूरी भीग गयी थी" सलोनी शर्ट को बाहों से निकालते बोलती है | शर्ट निकाल वो नीचे बैठ पेंट की बेल्ट खोलती है |
"मगर मम्मी मैने तो सिनेमा में अच्छे से साफ की थी" अब राहुल अपनी मम्मी के बालों में हाथ फेर रहा था और वो उसकी पेंट नीचे खिसका रही थी |
"उउउम्म्म्मह....... बाद में रेस्तराँ में खाने के समय जब तुम्हारा लंड मसल रही थी ........... और फिर जब पार्किंग में तेरा लंड चूसा था तो मेरी फिर से गीली हो गयी थी.... देखा ना तूने मेरी कच्छी कितनी भीगी हुई थी" सलोनी राहुल के अंडरवेयर को खींच कर नीचे करके उसके आठ इंच के लंबे मोटे लौड़े को नंगा कर देती है जो खुली हवा में आते ही बुरी तरह झटके खाने लगता है |
"आपने तो मुझे भी कितना परेशन कर दिया था .... एक तो आपने मेरा निकालने वाला कर दिया और फिर उपर से कहने लगी कि वहाँ छूटना भी नही चाहिए और फिर पार्किंग में ही चूसने लगी.... कहीं कोई देख लेता तो?" राहुल अपनी नाराज़गी जाहिर करता है | सलोनी हँसती हुई उसकी पेंट उतारती है | अब दोनो माँ बेटे नंगे थे | राहुल का लौड़ा पूरा तना हुआ झटके मार रहा था तो सलोनी की चूत भी पानी बहा रही थी |
"देख तो बेशर्म को फिर से सर उठा लिया है ........... कितनी बार एक दिन में मेरी लेगा कि यह ठंडा पड़ जाए" सलोनी लंड को खींचती है तो राहुल हल्का सा हंस पड़ता है | सलोनी उठ कर खड़ी होती है और दूध की तरफ़ देखती है और गैस को थोड़ा कम कर देती है और फिर से राहुल की और मुड़ती है |
"अच्छा तुझे अच्छा नही लगा जब पार्किंग में तेरा लौड़ा चूसा था मैने ........ मूझे लगा तुझे बहुत मज़ा आया होगा ........... माल तो तूने इतना निकाला था जितना तेरा बाप तीन बार में भी नही निकाल सकता .... हुं?" सलोनी पुरे लौड़े को हाथ से सहलाती खींचती बोलती है |
"मज़ा तो आया था ... मगर मम्मी ......." राहुल थोड़ा शर्माता सा बोला "मुझे डर लग रहा था कहीं कोई देख ना ले ......... मैं नही चाहता था आपको कोई नुकसान हो" राहुल के लिए अपनी चिंता देख सलोनी उसके लौड़े को छोड़ देती है और उसके गले में बाहें डाल देती है |
"हूँ सच में मेरी बेवकूफी थी ....... मगर क्या करती .... एक तो तेरी हालत खराब थी और उपर से मुझसे कंट्रोल नही हुआ ...... बस एकदम से तेरा रस पीने के लिए बेकरार सी हो उठी ..... दिल तो कर रहा था वहीं रेस्तराँ में उन सब लोगों के सामने तेरा लौड़ा चुसुं और उन सबके सामने तुझसे चुद्वायुं .......... कितना मज़ा आता ना" सलोनी और राहुल एक दूसरे के सामने खड़े थे | राहुल ने अपनी मम्मी की कमर पर हाथ रखे हुए थे जबकि सलोनी ने उसके गले में बाहें डाली हुई थी |
"सबके सामने वहाँ ......... आप मुझसे ....... करवाती .." राहुल कंपकँपाती आवाज़ में बोला | उसका लौड़ा अपनी मम्मी की अश्लील भद्दी बातों से खूब जोश में आकर ज़बरदस्त झटके मार रहा था |
"करवाती नही, चुदवाती तुझसे .... वहाँ उन सब लोगों के बीच तेरे लौड़े को अपनी चूत में डलवाती .... टेबल के साथ घोड़ी बनकर तुझसे अपनी चूत मरवाती या फिर टेबल पर लेटकर तेरे कंधो पर अपनी टाँगे रखकर तुझसे चुदवाती" राहुल से रहा नही जाता और वो अपनी मम्मी को खींच लेता है और अपनी बाहें उसकी पीठ पर कस देता है | सलोनी अपने पंजो के बल उँची उठती है और दोनो माँ बेटा बरसों के प्यासों की तरह एक दूसरे के होंठो पर अपने होंठ रख देते हैं | एक दूसरे के मुख में जीभ धकेल वो एक दूसरे के मुख रस को चखने लग जाते हैं | राहुल अपने हाथ अपनी मम्मी की पीठ से नीचे उसके नितम्बों पर रख देता है और उन्हे भींच कर उसकी गांड को अपने लौड़े पर दबाता है और अपनी कमर आगे धकेलता है | उसका लौड़ा सलोनी की चूत पर रगड़ता है | लंड चूत के होंठो को फैलाता सलोनी के दाने को सहला देता है | सलोनी "उउउन्न्नह" करके अपने बेटे के मुँह में सिसक पड़ती है | जैसे ही दोनो के होंठ जुदा होते हैं राहुल फिर से अपनी कमर हिलकार अपना लौड़ा अपनी मम्मी की चूत पर रगड़ता है |
"आआहह ........ जालिम ...........क्या कर दिया है तूने मुझे" सलोनी सिसक पड़ती है और दोनो के होंठ फिर से जुड़ जाते हैं | एक लंबा चुंबन चलने लग जाता है | दोनो माँ बेटा एक दूसरे की कमर पर अपनी कमर नचा रहे थे | इस बार जब दोनो के होंठ जुदा होते हैं तो सलोनी आराम से अपने नितंबो से राहुल के हाथ हटा देती है और दूध को देखती है जिसमें उबाल उठने शुरू हो चुके थे | सलोनी गैस को थोड़ा और कम कर देती है | राहुल के सामने अपनी मम्मी के गोल मटोल उभरे हुए नितंब थे, राहुल अपने हाथ से सलोनी की गांड सहलाता है | सलोनी उसकी और मुड़ती है |
"यहाँ बैठ काउंटर पर........दूध में उबाल आने वाला है | राहुल ग्रेनाईट के ठंडे काउंटर पर गैस स्टोव के पास बैठ जाता है | अब सलोनी बेटे के साथ साथ दूध का भी ख़याल रख सकती थी | वो राहुल के लंड को अपने हाथ में पकड़ लेती है | राहुल अपनी मम्मी को मुम्मों को सहलाता है |
"मम्मी आप सच में इतने लोगों के बीच....मुझे....." राहुल को यकीन नही आ रहा था |
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