RE: Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
ूउम्मम्मःहःहः......." सलोनी सिसकती राहुल के होंठ को काट देती है. वो अपना हाथ लंड से हटाकर दोनों हाथों को राहुल के कुल्हों पर रखकर उन्हें दबाती है. राहुल इशारा समज कर अपना लंड चुत में उतारने लगता है. भीगी चुत में लंड आसानी से समाता जा रहा था. एकबार लंड पूरा चुत में घुस जाता है तोह सलोनी राहुल के कुल्हों से हाथ हटा उसके कन्धो को थाम लेती है.
"उउउउउउउउग्ग्ग्हःहःहः...,.................." राहुल धीरे धीरे कमर हिलानी शुरू करता है और सलोनी राहुल के होंठो को चुस्ने लगती है.
राहुल बड़े ही प्यार से अपनी मम्मी को चोद रहा था. आज उसे कोई जल्दबाजी नहीं थी. सलोनी को भी एक अलग ही तरह का आनंद प्रपात हो रहा था. उसकी गिली चुत को जड तक्क रगडता उसके बेटे का लंड उसकी चुत में ऐसी ही सनसनी पैदा कर रहा था के उसके पूरे जिसम में सनसनाहट की लहरें फ़ैलती जाती थी.
इस बार जब राहुल और सलोनी के होंठ अलग होते हैं तोह वो अपना चेहरा ऊपर उठकर उसकी आँखों में देखता है. सलोनी भी उसकी आँखों में देखति है. राहुल अपना लंड सुपाडे तक निकाल कर आराम से अंदर डालने लगता है. बेटे का लंड जब्ब माँ की मख़मली चुत को रगडता उसके गर्भाशय से टकराता है तोह माँ ऑंखे बंद कर सीत्कार भर उठती है. सलोनी ऑंखे खोलती है तोह राहुल फिर से लंड पूरा बाहर निकाल वापस उसी धीमि रफ़्तार से चुत में पेल देता है.
सलोनी के होंठो से एक धीमि मगर बहुत ही मादक सी सिसकि फूट पड़ती है. उसकी ऑंखे फिर से बंद हो जाती है. राहुल अपनी मम्मी की आँखों में देखता इसी तरह उसे धीरे धीरे चोदता है. अपनी मम्मी को यूँ चोदना और फिर उसके चेहरे पर यूँ कामूकता और मादकता देखना, चुदाई से मिलने वाले आनंद से उसके होंठो से विस्फारित होती उसकी मीठी सिस्कियों को सुनना, सब मिल कर राहुल के आनंद को दूगना चोगुना कर रहे थे. खुद सलोनी बेटे के लंड से चुत मरवाती उसे अपने चेहरे को यूँ घुरते देख कुछ रोमाँच सा महसूस कर रही थी.
"उऊं......ऎसे क्या देख रहा है?..........." सलोनी बेटे के कंधे पर दबाव देकर उसके चेहरे को अपने चेहरे पर झुका लेती है. अब दोनों माँ बेटे के होंठ लगभग एक दूसरे के होठोसे छू रहे थे.
"कुछ नही.......बस यूँ ही.........ऊयंम्ममम.......यून करते हुए आपको देखने में बहुत मज़ा आता है मम्मी.........." राहुल अपने लंड को लगातार चुत में पेले जा रहा था.
"हुम................बड़े अलग शोक हैं तेरे........." सलोनी अपनी टांगे बेटे की पीठ पर लपेट अपने पांव उसकी गांड के ऊपर बांध लेती है.
"उह.....कया करू मुम्मी.........तुम हो ही ऐसी..........तुम्हरी कैसे भी लूँ मगर हर बार पहले से भी ज्यादा मज़ा आता है..................." राहुल मुस्कराता हुआ अपनी मम्मी के होंठ चूम लेता है.
"मगर आज बहुत...........ओह..........आज बहुत धीरे धीरे ले रहा है............... अपनी मम्मी को चोद रहा है या प्यार कर रहा है........हुँठ्हः..." सलोनी चुंबन का जवाब देती है.
"प्यार तोह में हमेशा करता हुन मम्मी............. चाहे आपकी कैसे भी लू.........मगर आज नजाने क्यों दिल कर रहा था के ऐसे ही धीरे धीरे आपकी लेता रहुं.............घंटो ऐसे ही धीरे धीरे आपके अंदर अपना डालता रहुं...........बस आज मन कुछ नया करने को कर रहा था.............." राहुल सलोनी के होंठो पर लगातार चुम्बन अंकित करता उसे चोदे जा रहा था.
"यह तोह आज साहब का मूड कुछ नया करने का है...............उम..........मेरे पास एक आईडिया है.......आह्ह्ह्हह......हम दोनों का दिल भी बहाल जायेगा..............और मज़ा भी बहुत आएगा......." सलोनी सिस्कियों के बिच चुदवाते हुए कहती है.
"केसा आईडिया मुम्मी............." राहुल एकदम धक्के रोककर कोतुहल से पूछता है.
"उम्........बताती हुं.......मगर तू रुक क्यों गया..........हाईए अपना लौडा पेलना जरी रख........." सलोनी चुदाई रुक जाने पर तूरुंत राहुल को बोल उठती है. उसे इतना मीठा सा मज़ा आ रहा था के चुदाई रुकना उसे बिलकुल भी अच्चा नहीं लगा.
"अब बतायो भी मुम्मी........." राहुल व्यग्रता से पूछता है
"देख तोह मज़े लेने के नए आईडिया को सुन्ने के लिए किस तरह तड़प रहा है ........... बताती हुन .........बताती हुण............में सोच रही थी तुम इतने दिनों से घर पर हो..........ना ही बाहर गए हो........ना ही अपने दोस्तों से मिले हो............तो मैंने सोचा क्यों न उन्हें यहाँ बुला लूँ........" सलोनी मुस्कराती है.
"किस लिए?????..........कीस लिए???........राहुल चुदाई रोककर एकदम गम्भीर स्वर में अपनी मम्मी से पूछता है. राहुल की चुदाई रोक देणे और यकायक इतने गम्भीर हो जाने से सलोनी के होंठो की मुस्कराहट गहरी हो जाती है.
"उम्..........में सोच रही थी अगर तुम्हारे दोस्त आ आयेंगे तोह हम दोनों का मन बहाल जाएगा........घर के माहोल में नयापन सा आ जाएगा............तुम भी उनके साथ मस्ती करके अपना दिल खुश कर लेना.......में भी तुम्हारे दोस्तों के साथ थोड़ी बहुत मस्ती करके अपना मन बहला लूँगी ...............थोडा टेस्ट बदल जाएगा........" सलोनी बहुत ही शरारती और रहसयमयी ढंग से मुस्करा रही थी.
"कैसी......केसी मस्ती........" राहुल के सीने में उसका दिल ज़ोरों से धड़क रहा था, साथ ही साथ उसे अपने दिल में एक चीज की लहर सी दौडती महसूस हो रही थी. उसका का दिल जैसे जल रहा था.
"मस्ती कैसी?........जैसी हम दोनों करते है.........तुमहारे दोस्त भी खुश हो जाएंगे..........." सलोनी राहुल को आँख मरती है.
राहुल एक पल के लिए अपनी मम्मी को देखता है जैसे उसे उसकी बात समज ही न आई हो. फिर वो तुरुंत ज़ोर से झटका मारकर सलोनी के ऊपर से उतर जाता है. वो इतने बल से सलोनी के ऊपर से हटा था के सलोनी की टांगो और उसकी बाँहों के जोड़ एक ही झटके से खुल गए थे
राहुल बेड से निचे उतर अपनी मम्मी की और देख रहा था. उसके चेहरे पर घोर अविश्वास के भाव थे. उसे जैसे यकीन नहीं हो रहा था. फिर यकायक उसके चेहरे के भाव बदल जाते है, उसका चेहरा ग़ुस्से से लाल हो जाता है लेकिन फिर अचानक से उसका चेहरा पीला पढ़ जाता है. उसके होंठ कांप रहे थे. उसके चेहरे पर तीव्र असहनीय पीड़ा के ऐसे भाव थे जैसे कोई उसका दिल अपनी मुट्ठि में भरकर निचोड़ रहा था. सलोनी को अपनी ग़लती का एहसास हो चुका था.
"बेटा......में मज़ाक़ कर रही थी..........में सच में मज़ाक़ कर रही थी......." सलोनी बेड पर उठकर बेटे की और बढ़ती है.
मगर राहुल ने जैसे उसकी बात सुनि ही नहीं थी. उसके गाल आंसूयों से भीगने लगे थे. जैसे ही सलोनी ने बेड से उतरना चाहा, वो तेज़ी से पलटा और कमरे से बाहर निकल गया. अपने पीछे उसने भड़क से दरवाजा बंद कर दिया.
सलोनी झटके से बेड से निचे उतरती है. बेटे की ऐसी प्रतिकीया की उसने सपने में भी उम्मीद नहीं की थी.
"राहुल सुनो......सूनो बेटा......रुको में सच कहती हुन में मज़ाक़ कर रही थी......." सलोनी नंगी ही बेटे के पीछे भागती है.
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