Maa Sex Story आग्याकारी माँ
11-20-2020, 01:03 PM,
RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
दूसरे दिन मोम का फोन आया मैंने फोन उठाया श्वेता बाथरूम में थी,
सानिया : कब आ रहा है?श्वेता कहा है?
सतीश : श्वेता बाथरूम में है, आज शाम या कल सवेरे निकलूंगा, अब बता जानेमन फोन क्यों किया? मेरी याद आ रही है या तेरे छोटे यार की?

सानिया : तुम दोनों की, पर तु जिसे छोटू बोलता है वह छोटू कहा है,गधे के लंड की तरह है, कितने दिन हुये है,कुछ किये हुये शायद तुझे अपनी माँ की याद नही आती,
सतीश- ऐसा सोचना भी मत,

सोनाली- वह सब छोड़ो आज तु मेरे सपने में आया था,
सतीश- क्या बात है अब मेरी जान मेरे सपने भी देख रही है,
सोनाली- क्या करूँ मेरा यार जो दूर जाके बैठा है तो मैं सपने ही देख सकती हूं
सतीश- एक दो दिन बस फिर तुम्हारी सारी शिकायत दूर करूँगा,अब तुम अपना सपना बताओ फिर मैं अपना सपना बताऊंगा,
सोनाली-तूने भी सपना देखा बदमाश कहि का,झूठ बोलता है,तुम मेरा क्यों सपना देखोगे,
सतीश- सच मोम मैंने भी सपना देखा है पहले तुम कहो, फिर मैं बताता हूं,
सोनाली- ठीक है, तो सुनो तुम सुबह 10 बजे मेरे रूम पे आए, तुमने दरवाज़ा खटखटाया, मैं सन्डे होने के कारण थोड़ी देर पहले ही सो के उठी थी. मैंने जैसे ही दरवाज़ा खोला, तुम अन्दर आ गए, पीछे से दरवाज़ा बंद करके मुझे अपनी बाहों में भर लिया और बेतहाशा चुम्बन करने लगे.

तुमने कहा- मैं पूरे एक हफ्ते से प्यासा था, आज मेरी प्यास बुझा दो !
मैंने मजाक में कहा- लो पानी पी लो, फिर कोल्ड ड्रिंक भी देती हूँ.
तुमने हँसते हुए पानी पी लिया और कहा- कोल्ड ड्रिंक मैं गिलास से नहीं पियूँगा.
मैंने पूछा- फ़िर कैसे?

तुमने आगे आकर मुझे किस किया और मेरे स्तनों को दबाते हुए बोले- नए स्टाइल में पियूँगा !!!
मैंने पूछा- कौन सा नया स्टाइल?
तुमने कहा- अभी बताता हूँ.

मैंने क्रीम रंग की नाईटी पहनी थी, नीचे काली ब्रा और पैंटी !
“तुम बैठो मैं अभी नहा कर आती हूँ !”
तुम- चलो, मैं तुम्हें नहलाता हूँ !
मैं- धत्त ! बेशर्म ! मुझे शर्म आती है.
तुम- जब मैं तुम्हारी मारता हूँ तब तो शर्म नहीं आती?

“अरे नहीं ! आती तो है पर उस समय मैं इतनी गर्म होती हूँ कि मुझे होश ही नहीं रहता.”
” तो चलो ठीक है, मैं तुम्हें गरम करके नहलाता हूँ और कोल्ड ड्रिंक पीने का नया तरीका भी तो बताना है तुम्हें. सच्ची तुम्हें बहुत मज़ा आएगा !”
“ऐसा है तो चलो.”
और हम दोनों बाथरूम में घुस जाते हैं.

बाथरूम में घुसते ही तुम मुझे पकड़ के कस के चूमते हो और मेरे स्तन और मेरे गांड पर हाथ फ़ेरते हो. मुझे मज़ा आने लगता है. तुम शावर खोल देते हो और मैं भीगने लगती हूं. तुमने टी-शर्ट और जीन्स पहन रखी हैं. भीगने से मेरी नाईटी मेरे शरीर से चिपक जाती है और मेरे मस्त स्तन ब्रा में ढके हुए और मेरी पैन्टी साफ़ दिखने लगती है. यह देख कर तुम गरम हो जाते हो और मुझे अपनी तरफ़ खींचते हो. नीचे घुटनों के बल बैठ कर मेरी नाईटी ऊपर उठा कर मेरी टांगों और जांघों को चूमते हुए मेरी पैन्टी तक पहुँच जाते हो !!

“स्स्स्स्स्स्स श्ह्ही अआया आआः मज़ा आआया आया आ आ रहा है !”

तुम दोनों हाथ मेरी पैन्टी के अन्दर डाल देते हो और दाएं हाथ से मेरी गांड को और बाएं हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगते हो !
“आआया आया अआया आआअह्ह्ह मज़ा आ आ आआया आआया रहा है.”
यह करते हुए तुम मुँह से मेरी पैन्टी का एलास्टिक पकड़ कर उसको धीरे धीरे नीचे उतारते हो.

मेरी गरम चूत देखते ही तुम्हारे मुँह में पानी आ जाता है और तुम मेरी क्लिटोरिस को चूमने और चाटने लगते हो, मैं आ आया आ आआ अआय आ आआया अह आ आआया आआ अआः करती हूँ, तुम्हारा सर पकड़ कर अपनी चूत पे दबाती हूं, तुम्हारे हाथ मेरे गांड के छेद पे होते हैं.
इस तरह से मैं पहली बार ओर्गास्म हो जाआआताआ है, “आआअह मैं मर गई !”

तुम कहते हो यह तो शुरुआत है. मेरे चूत का जूस अपने होठों पे लेकर मेरी नाईटी और ऊपर उठाते हो और मेरी ब्रा को खोल कर मेरे स्तन ज़ोर ज़ोर से दबाते हो और मेरे सख्त निप्प्ल पर मेरी चूत का जूस मेरे होठों से लगा देते हो. मेरी ब्रा खुल कर नीचे गिर जाती है, मैं नाईटी उतार देती हूं और पैन्टी से पैर निकाल कर बाहर आ जाती हूं.

मैं तुम्हारे लंड की तरफ़ देखती हूं जो एकदम टाईट हो रहा है और तुम्हारी जींस फाड़ कर बाहर आने को बेताब है.
“अरे जान इसको क्यूँ सज़ा दे रहे हो, इसको तो बाहर आने दो !”
“हाँ यह तो बाहर आएगा ही वरना मज़ा क्या आएगा.”
और हम दोनों हँसते हैं.

तुम- अच्छा तुम जाओ ज़रा चिल्ड कोल्ड ड्रिंक लेकर आओ !
मैं- अरे कोल्ड ड्रिंक का क्या करोगे अभी?
तुम- जाओ न, मुझे प्यास लगी है मुझे पीना है !
“अच्छा बाबा लाती हूँ पर तुम कपड़े तो उतारो.”
“नहीं कपड़े तुम उतरना मेरे, तब असली मज़ा आएगा.”
अच्छा !
Reply
11-20-2020, 01:03 PM,
RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
मैं जल्दी से पूरी नंगी हालत में भाग के गई और फ्रीज से सुपर-चिल्ड कोल्ड ड्रिंक-फ़ैंटा निकाल के ले आई.
भाग के जाने से मेरी साँस फूलने लगी और मेरे स्तन ऊपर नीचे होने लगे.

तुम- जान तुम्हारे स्तन कितने अच्छे हैं ! अच्छा अब मैं थोडी देर बाद कोल्ड ड्रिंक पियूँगा और तुम लोलीपोप चूसना.
मैं- लोलीपोप? मैं कोई बच्ची तो नहीं हूँ जो लोलीपोप चूसूंगी !
“मना ना करो, तुम्हारे लिए बहुत टेस्टी लोलीपोप लाया हूँ.”
“अच्छा ! कहाँ है दो.”
“पहले तुम अपनी आँखें बंद करो.”
“मैं अपनी आँखें बंद करती हूं.”

अब तुम अपना लंड निकाल कर उस पर थोड़ा सा कोल्ड ड्रिंक गिरा के मुझसे कहते हो- जानू अपना मुँह खोलो !
मैं अपना मुँह खोलती हूं और तुम अपना लंड मेरे मुँह में दे देते हो.
मैं जीभ से टेस्ट करती हूँ- अरे यह तो ओरंज फ्लेवर लोलीपोप है.
तुम्हें अच्छी लगी !
“हाँ !”
तुम- तो आंखें खोलो और चूसो !
मैं आँखें खोलती हूं और तुम्हारा लंड देखती हूं- तो यह लोलीपोप है?
हाँ, अब चूसो !

मैं तुम्हारा जींस का बटन खोल कर अंडरवीअर नीचे करके घुटने तक तुम्हारा लंड चूसने लगती हूं.
तुम मेरे सर के पीछे से पकड़कर कस के चुसवाने लगते हो. तुम्हारा लंबा मोटा लंड मेरे मुँह में पूरा नहीं जा पा रहा होता है, तुम मुझे पकड़कर अपने लंड को ज़ोर से मेरे मुँह में डाल देते हो. मुझे दर्द होता है लेकिन अब तक तुम्हारे हाथ मेरे स्तनों को दबाने लगते हैं और मुझे मज़ा आने लगता है. मैं तुम्हारा पूरा लंड लोलीपोप की तरह चूसने लगती हूं.

तुम आ आआया आआह्ह हह्ह्ह्छ ओऊ ऊऊ ऊऊओ ऊह ऊऊ ऊऊ उफ ! करते हो.
“बस रुक जाआआओ ! वरना मैं झर जाऊँगा.”
“तो झर जाओ !”
तुम- नहीं ! मुझे अभी तुम्हारी चूत और तुम्हारी गांड मारनी है.

मैं हँसते हुए हट जाती हूं. अब तुम अपने कपड़े उतार के आ जाते हो और बोलते हो कि अब मुझे कोल्ड ड्रिंक पीनी है
मैं- वो कैसे?
तुम मुझे अपने सामने खड़़ा करते हो और मेरे नंगे शरीर को देख कर कहते हो- यह है न ग्लास.
मैं- मतलब?

तुम कोल्ड ड्रिंक की बोतल लेकर अपने होठों से शुरू करके अपने स्तनों, अपनी नाभि अपनी चूत, अपनी गांड जांघों और टांगों पर कोल्ड ड्रिंक डालो धीरे धीरे और मैं पीता जाऊँगा !
“वाओ, यह तो बहुत बढ़िया तरीका है.” है न?
और मैं अपने होठों से कोल्ड ड्रिंक गिरा कर धीरे धीरे नीचे बढती जाती हूं. ठंडी कोल्ड ड्रिंक से बदन में सिहरन उठती है लेकिन तुम्हारे चाटने से मज़ा आऽऽऽऽ हऽऽ आऽऽऽ रहा है. तुम ऐसे ही चूसते और कोल्ड ड्रिन्क पीते जाते हो, मेरे स्तनों पर, चूत में से, गांड में से नीचे तक.
मैं- अब मेरी बारी !

अब तुम खड़े हो जाते हो और मैं घुटनों के बल तुम्हारे आगे बैठ जाती हूं और तुम्हारे लंड पर कोल्ड ड्रिन्क डाल डाल कर पीती रहती हूं और साथ ही तुम्हारा लंड, तुम्हारे टट्टे भी चूसती जाती हूं. अब तुम बिल्कुल गर्म हो जाते हो. मैं जैसे ही कोल्ड ड्रिन्क की बोतल रखने के लिये पलटती हूं, तुम मुझे पीछे से पकड़ कर मेरे स्तन नोच लेते हो.

मेरी चीख निकल जाती है. इस समय तुम्हारा लंड मेरी गांड के छेद के पास गड़ रहा होता है. तुम मुझे ऐसे अपनी बाहों में उठा लेते हो कि तुम्हारा लंड मेरी गांड से रगड़ रहा होता है और उठा के मुझे बेड के पास ले जाते हो.

वहाँ पहुंच कर तुम मुझे बेड पे दोनों हाथ और पैर पे बैठने को कहते हो और वैसलीन की शीशी उठा लाते हो. मेरी गांड के छेद को खूब चूसते हो और उस पर वैसलीन लगाते हो, और अपने लंड पर भी !
मैं- आज क्या पहले गांड मारोगे?
“हाँ !”
“तो ठीक है ऐसे मारना मेरी गांड फ़ाड़ देना ! ठीक है?”
तुम पहले दो उंगलियों से मेरी गांड का छेद बड़ा करते हो, फ़िर धीरे से अपना सख्त लंड मेरी गांड पर लगाते हो और धीरे से मेरी गांड मारना शुरू करते हो. धीरे धीरे धक्के देते जाते हो, तुम्हारे हाथ मेरे स्तनों पर आ जाते हैं और तुम उन्हें दबाने लगते हो, बीच बीच में दो उंगलियों से मेरे चूत में भी फ़िन्गरिन्ग करते हो आऽऽऽहऽऽ आआऽऽ मज़ा आऽऽ रहाऽऽ है… और जोर से और जोर से

” मुझे धीरे में मज़ा नहीं आ रहा, जोर से मारो मेरी गांड फ़ड़ दो आज” मैं हवस के बहाव में बोलने लगती हूं.

तुम जोश में आ जाते हो, मेरी जांघें पकड़ कर अपनी तरफ़ खींचते हो और एक झटके में अपना पूरा लंड मेरी गांड में डाल देते हो.
मेरी चीख निकल जाती है- आऽऽऽऽह ऽऽआअऽऽऽऽ अऽऽऽऽ मर गई !

इससे पहले कि मैं सम्भल पाती, तुम मेरी गांड जोर जोर से मारने लगते हो, पूरा लंड बाहर निकाल कर जोर से एक झटके में अन्दर बाहर करने लगते हो.
“मुझे बहुत दर्द हो रहा है लेकिन मज़ा भी आ रहा है !”
तुम अपनी स्पीड बढ़ाते जाते हो !
मैं कहती हूं- रुक जाओ प्लीज बस !
Reply
11-20-2020, 01:03 PM,
RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
तुम- नहीं आज सचमुच में तुम्हारी गांऽऽऽऽड फ़ाड़ के रहूंगाऽऽऽ”
“मज़ाऽऽऽ आऽऽऽ रहाऽऽऽ है नाऽऽऽ.?”
“हाँऽऽऽऽऽ!
तुम फ़िर मेरी गांड पर थप्पड़ मारते हो सटाक सटाक !

मुझे बहुत मज़ाऽऽऽ आऽऽऽ रहा है, मेरे चूतड़ बिल्कुल लाल हो गये और मेरी गांड का बुरा हाल हो गया, लेकिन तुम रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हो !

मेरे बहुत कहने पर तुम रुके पर एक शर्त पर कि मैं तुम्हारे लंड पर बैठ कर कूदूंगी क्योंकि तुम्हें अभी मेरी गांड और भी मारनी है !

मैं अच्छा बाबा ! अच्छा ! कह्ती हूं और तुम नीचे लेट जाते हो मैं तुम्हारे लंड पर तुम्हारी तरफ़ मुंह करके बैठ जाती हूं और कूदना शुरू कर देती हूं. अब तुम्हें बहुत मज़ा आने लगता है.
आऽऽहऽऽ आऽऽऽऽऽआअ, मेरे लंड पर ऐसे ही कूदती रहो !

इस पोजीशन में तुम्हारा लंड बहुत अन्दर तक जा रहा होता है. एक हाथ से तुम बारी बारी मेरे स्तनों को मसल रहे होते हो और दूसरे से मेरी चूत को !
मेर क्लाईमैक्स आ रहा होता है आऽऽहऽऽ आऽऽऽऽ आअ आऽऽऽहऽऽ आअऽऽ अऽऽऽऽ मर गई.
उफ़्फ़्फ़्फ़ ! मेरी चूत के जूस तुम्हारे हाथ पर और तुम्हारे पेट पर फ़ैल जाते हैं.’ मैं थक गई कूद कूद के”
“अच्छा तो हट जाओ !”
तुम मेरी चूत क जूस मेरे स्तनों पे लगा देते हो और जोर जोर से चूसते हो. मेरे स्तनों के बीच टिशु पेपर लगाकर अपना लंड रगड़ते हो और साफ़ कर लेते हो”
तुम मुझे पेट के बल लेटने को कहते हो और तीन तकिये मेरे पेट के नीचे रख देते हो.
मैं डर जाती हूं- क्या अभी और गांड मारने का इरादा है?
“नहीं जान, अब तुम्हारी चूत की बारी है.”
“अरे चूत तो आगे से मारी जाती है.”
“यह नया स्टाईल है !”
“अच्छा कैसे?”
तुम तकिये मेरे पेट के नीचे रखकर मेरी चूत पर हाथ फ़ेरते हो और मेरी टांगें फ़ैला देते हो. फ़िर एक झटके में अपना लंड मेरी चूत में डाल देते हो.

मेरी फ़िर से चीख निकल जाती है- हाऽऽऽऽय आऽऽज क्या जान निकालने का इरादा है?
“नहीं, लेकिन जब दर्द होता है तभी तो मज़ा आता है !”
“हाँ, वो तो है.”

और तुम जोर जोर से मेरी चूत मारने लगते हो. तुम दोनों हाथों की उन्गलियों के बीच में मेरे सख्त चूचकों को दबा दबा के खींच रहे हो और जीभ से चाट और चूस भी रहे हो. मैं मुँह नीचे कर के देखती हूं. तुम्हारा लंड पिस्टन की तरह मेरी चूत में जा रहा होता है.
यह देख कर मेरा फ़िर से पानी निकल जाता है, मैं पूछती हूं, तुम्हारा एक बार भी नहीं झड़ा?
तुम कहते हो- नहीं ! आज जी भर चोदने के बाद ही झड़ूंगा.

फ़िर तुम मुझे घसीट के बेड के किनारे पर ले आते हो, खुद जमीन पर खड़े हो जाते हो और मेरी टांगें चौड़ी करके अपने कन्धों पे रख लेते हो और पूरी गति में चोदने लगते हो. इस स्थिति में तुम्हारा लंड पूरा मेरी चूत में बहुत अन्दर तक जा रहा है. तुम जोर से झटका मारते हो और मेरी चूत में कुछ गरम गरम लगता है.
मैं पूछती हूं- ये क्या है, क्या तुम्हारा निकल गया?
तुम- नहीं, मैंने तुम्हारी चूत में प्रेमरस डाल दिया है, तुम्हें मज़ा आ रहा है ना?

मुझे इतना मज़ाऽऽऽ आऽऽ रहाऽ है कि मेरा एक बार और निकल जाता है. 20 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद तुम मुझे उठा के मेज़ के किनारे पर बैठा देते हो और मेरी टांगें अपनी पीठ में गोल घेरे के रूप में बांध लेते हो और जोर के झटकों के साथ मुझे चोदने लगते हो.
“पूरी ताकत से पूरी ताकत से चोदो ! फाड़ दो मेरी चूत को भी !”

और तुम वास्तव में राजधानी एक्सप्रेस की तरह फुल स्पीड में मेरी चूत की बेदर्दी से चुदाई करते जा रहे हो और मेरे स्तनों से खेल रहे हो.
अब तुम्हारी साँसें तेज़ होने लगती हैं.
तुम आ आआअह उफ़ फ्फ्फ्फ़ फ्फ्फफ्फ़ मर गया आआअ मेरा निकलने वाला है चिल्लाने लगते हो !

मैं अपनी टांगों का घेरा बना कर तुम्हें अपनी तरफ़ ज़ोर ज़ोर से खीच रही हूं. तुम अचानक मुझे अपनी बाहों में उठा लेते हो इस तरह की मेरी चूत मैं तुम्हारा लंड घुसा हुआ है और मेरे स्तन बुरी तरह उछल रहे हैं.

10 मिनट मुझे हिलने को कहते हो और मुझे ज़ोर ज़ोर से इसी पोजिशन में उछालते जाते हो. तुम्हारी स्पीड बढ़ती जाती है और मुँह से आ आआह आया आय आआअह ईईइ ईई आआ आआ ऊऊह्ह्ह्ह्ह की आवाजें आती जाती हैं.

मुझे ऐसे ही उछलाते तुम एक ज़ोर का झटका मारते हो और तुम्हारा गर्म सफ़ेद जूस तुम्हारे मोटे सख्त लंड से निकल कर सीधा मेरी चूत की आग को शांत करते हुए गिर जाता है. मेरी चूत में से एक बार और जूस निकलता है.
तुम मुझे लेकर बेड पर पास आ जाते हो और मेरे और तुम्हारे जूस बेड पर टपकते हैं.

हम कुछ देर इसी तरह पड़े रहते हैं.
फ़िर उठ कर मैं तुम्हारे और अपने लिए खाना बनाती हूँ.
और हम खाना खाते हैं.
इस पूरे दौरान मैं और तुम पूरे नंगे रहते हैं.

खाना खाकर हम दोनों एक दूसरे की बाहों में सो जाते हैं, दो घंटे बाद उठके फ़िर अलग अलग जगह और पोज में खूब चुदाई करते हैं.
रात को भी एक बार चुदाई का दौर चलता है और तुम अपना लंड मेरी चूत में डाल कर ही मुझे अपनी बाहों में भर कर सो जाते हो.

सुबह उठकर हम लोग एक दूसरे को 69 पोसिशन में ओरल सेक्स करते हैं.
तुम कहते हो- एक दिन में इतना मज़ा मैंने ज़िन्दगी में कभी नहीं किया और शायद तुम्हारे बिना कर भी नहीं पाता.

मैं भी कहती हूं- हाँ, वास्तव में जितने प्यार से और मज़े से तुमने मेरी चूत और गांड मारी है शायद तुम्हारे पापा करते.
आई लव यू जानू !
Reply
11-20-2020, 01:03 PM,
RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
सोनाली अब चुप हो गयी वह अपने बेटे की प्रतिक्रिया जानना चाहती थी,
सतीश- वॉव मोम क्या सेक्सी सपना था मजा आया तुम्हारा सपना जरूर पूरा होगा,
सोनाली-अब तेरा सपना बता,तूने क्या क्या किया अपने सपने में,
सतीश-ठीक है मोम, मैं वही से शुरू करता हु, मैंने तुम्हे फ़िर उसी कमरे में बुलाया. तुम जैसे ही रूम मे आयी, मैने दरवाजा बन्द कर लिया और तुम्हे किस करने लगा. फ़िर मै बेड पे बैठा और तुमसे कहा ” तुम इस तरह मेरी बाहों में बैठो कि तुम्हारा गोरा खूबसूरत बदन पूरी तरह मेरी बाहों में आ जाये” और तुमने अपनी दोनो टांगें खोल के चौड़ी की औए सीधे मेरे लंड पे आ के बैठ गयी.

मैं तुम्हे किस करने लगा और तुम्हारे स्तन दबाने लगा. कुछ देर बाद मैने तुम्हे अपनी जांघ पे मेरी तरफ़ मुंह करके बैठाया और फ़िर तुम्हे किस करने लगा. फ़िर मैने तुम्हे नंगी कर दिया. उसके बाद तुमने मेरे भी कपडे उतार दिये.

मैने तुम्हारी चूत पर हेयर ओयल लगाया और तुमसे कहा कि तुम भी मेरे लंड पर तेल लगाओ. तुमन मेरा अंडरवीयर नीचे किया,

तुम मेरे लंड पर तेल लगा कर अपने हाथ में लेकर हिलाने लगी. कुछ देर बाद मैने तुम्हे अपने सामने नीचे बैठाया और तुम से लंड चूसने को कहा.

तुम मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी. मैने तुम्हारे सिर के पीछे हाथ रख कर आगे किया तो तुम गों गों करने लगी.

मैने तुम्हारे गले तक अपना लंड पहुंचा दिया. फ़िर मैने तुम्हे खड़ा किया. तुम्हारी पीठ अपनी तरफ़ की और तुम्हे बैड पे हाथ रख कर नीचे झुकने के लिये कहा.

तुम जैसे ही नीचे झुकी, मैने अपना लंड तुम्हारी गोल मटोल गांड के छेद से सटाया और धीरे धीरे अन्दर डालने लगा. तुम दर्द से आआ आ आआ आह आह अह ह ह कर रही थी. जब मेरा लंड पूरा अन्दर घुस गया तो मै थोड़ी देर के लिये रूका, तुम्हारे होंठों को चूमा, तुम्हारी कमर में दोनो हाथ डाल कर तुम्हे कस के पकड़ा और धीरे धीरे तुम्हारी गांड मारने लगा. तुम दर्द से आ……ऽऽ……ह आऽऽऽआऽऽऽअआऽऽऽ करती जा रही थी और मैं लगातार तुम्हारी गांड मारता जा रहा था.

फ़िर मैने तुम्हे खड़ी कर दिया. मेरा लंड तुम्हारी गांड में ही था. मैने तुम्हारी कमर को अपने हाथों के घेरे में पकड़ा और तुम्हे उंचा उठाया. तुम्हारा पूरा वजन सीधा मेरे लंड पर पड़ा और मेरा लंड और ज्यादा तुम्हारी गांड में घुस गया. फ़िर मैने तुम्हे चूमते हुए कहा- क्यों जान मज़ा आ रहा है ना? तुमने कहा- हांऽऽअ!

उसके बाद मैं तुम्हे लंड पे उठा के बैड पर ले गया. तुम्हें बैड पर लिटाया. फ़िर तुम्हारी पीठ अपनी तरफ़ की और मैं बेड पे लेट गया. फिर एक टांग ऊपर की, एक हाथ में लंड पकड़ के तुम्हारी गांड से छुआ और धीरे धीरे अन्दर डाल दिया. फ़िर मैने अपना एक हाथ तुम्हारे बॉब्स पे रख कर उन्हें मसलने लगा. अब मैं तुम्हारी गांड मार रहा था. पहले धीरे धीरे फ़िर स्पीड से्. तुम मारे दर्द के जोर जोर से चिल्लाने लगी. तुम्हारे चिल्लाने से मुझे और जोश आ रहा था और मैं और जोर जोर से तुम्हारी गांड चोद रहा था.थोड़ी देर में मैने तुम्हारी गांड में अपना गरम गरम प्रेमरस डाल दिया.

फ़िर तुम्हे सीधा किया, तुम्हारी चूत से अपना लंड लगाया और एक ही झटके में मेरा पूरा लंड तुम्हारी चूत में था. तुम जोर से चिल्लाई. लेकिन मैने तुम्हारे मुंह को हाथों से दबाया और फ़िर एक झटका दिया. अब मेरा 9 इन्च लम्बा और 4 इन्च मोटा लंड तुम्हारी चूत में फ़िट हो गया. फ़िर मैंने तुम्हारे मुंह से हाथ हटाया और तुम्हारे होंटों को चूमने लगा. वाह ! इट वाज ग्रेट ! मज़ा आ रहा था. मैंने कुछ देर बाद तुम्हारी चूत में भी प्रेमरस दिया. फ़िर मैंने और जोर जोर से तुम्हारी चूत मारी. अब तुम्हारी चूत फ़ूलने लगी थी फ़िर मैने अपना होट व्हाईट लिक्विड तुम्हारी चूत में स्प्रे कर दिया.

वाओ ! आह !

अब मेरा लंड थोड़ा शान्त हुआ.

तो कैसा लगा?

(दोस्तो दरअसल सतीश और सोनाली फोन सेक्स कर रहे थे पर अलग स्टाइल में आशा करता हु आपको मजा आया हो...सतीश)

सोनाली- बहुत मजा आया मैं दो बार झड़ चुकी हूं,अब बस जल्दी आजा.
सतीश- ठीक है मोम,

सोनाली- मैं वेट् कर रही हु अच्छा वह छोड़ तू मेरी सहेली नैना को तो जानता है जो न्यू मुम्बई में रहती है उसके बेटी तनु की कल दोपहर शादी है हम तो नही आ सकते तो कल आते आते शादी में चला जा उसे अच्छा लगेगा?

सतीश : ठीक है मोम मैं जाऊंगा शादी में नैनाआंटी बहुत अच्छी है, मुझे प्यार भी बहुत करतो है उनकी बेटी तनु दिदी मेरी भी बहन है, फिर वही से घर आ जाऊंगा.

सानिया : ठीक है शादी में समय पर जाना,
सतीश : ओके मोम,
वह दिन ऐसे ही श्वेता की चुदायी करते हुऐ गुजरा दोपहर को दीदी के साथ रहने वाली उसकी सहेली आ गयी फिर कुछ खास नही हुआ हम तीनों बाहर समंदर किनारे घूमने गए बहुत एन्जॉय किया रात में खाना बाहर ही खाकर आये और अपने अपने रूम में जाकर सो गये दीदी की सहेली की वजह से हम कोई रिस्क नही लेना चाहते थे,

अगले दिन मैं दोपहर को मैं निकल गया मेरे जाने का देखकर दीदी के चेहरे पर वही भाव थे जैसे किसी नई नवेली दुल्हन को उसका पति छोड़कर जा रहा हो, सही भी था हम अब पति पत्नी ही थे,वैसे ही रहते थे,दीदी मुझसे लिपटकर रोने लगी, मैंने उन्हें समझाया कि अब मैं उन्हें मिलने आता रहूंगा या वह छुट्टी में मुझे मिलने आये या मुझे अपने पास बुलाये,दीदी को ऐसे छोड़कर जाने का मन तो नही था पर अब उसकी सहेली थी तो मजबूरी थी और शादी में भी जाना था दीदी के एग्जाम कल से स्टार्ट हो रहे थे तो वह भी शादी में नही आ सकती थी तो मैं दीदी को बाय बोलकर निकल गया,शादी 4 बजे थी रस्ता देढ़ घंटे का था मैं सही समय पर वहां पहुंच गया मैं जो लड़की वालों की तरफ से गया था,
वहां क्या क्या हुआ अगले अपडेट में.

Reply
11-20-2020, 01:07 PM,
RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
शादी 4 बजे थी रस्ता देढ़ घंटे का था मैं सही समय पर वहां पहुंच गया मैं जो लड़की वालों की तरफ से गया था,
आंटी के शहर पहुँच गया.
वहाँ पहुँचते ही मैंने देखा कि एकदम चहल पहल वाला माहौल बना हुआ था,

अंदर जाकर मैं नैनाआंटी से और उनके अन्य रिश्तेदारों से मिला, फिर मैं तनु दीदी से मिला जिनकी शादी थी,
तनु दीदी बहुत खुश हुई,
तनु दीदी- वाह सतीश, बहुत बड़ा हो गया है तू तो?
सतीश- आप भी तो बड़ी हो गई हो, और आपकी तो शादी भी होने वाली है.
मैंने वहां एक लड़की को देखा क्या माल लग रही थी वह उस शादी में दुल्हन का मेकअप करने के लिये आई हुई थी. वह तनु दीदी की सहेली थी, वह शादी शुदा थी उम्र यही कोई 25-26 होगा, वह ब्यूटीशियन थी! वॉव क्या भरा हुआ बदन था भारी चुचिया मस्त बाहर को उभरी हुयी गोल मटोल गांड पतली कमर सफेद जीन्स और रेड टॉप में आसमान से उतरी हुयी हूर लग रही थी अगर गले मे मंगलसूत्र नही होता तो कोई नही कहता कि वह शादी शुदा है पिछले साल उसकी शादी हुई है उसका पति दुबई में जॉब करता है तीन महीने में एक हफ्ते के लिए आता है (यह बाद में पता चला)

वह दिदी का मेकअप करके तनु दीदी को स्टेज पर लेकर आई तो मेंरी नज़र दीदी की जगह उसकी सहेलियों पर गोते खाने लगी और एकाएक उस लड़की से जा मिली.
नज़र क्या मिली जनाब तनु दिदी से ज्यादा खूबसूरत थी वह! थोड़ी भीड़भाड़ थी या वह कुछ ज्यादा व्यस्त थी कि उस का ध्यान मुझ पर ज्यादा नहीं गया.
कुछ देर तक सभी लोग पार्टी का लुत्फ़ ले रहे थे और मैं था कि सोच रहा था कि किस तरह इस खूबसूरत हसीना से बात हो!

खैर थोड़ी देर में सब लोग पार्टी का मज़ा लेने लगे, वह लड़की ज्यादातर तनु दीदी के नज़दीक ही थी, कुछ लोग भोजन कर रहे थे तो कुछ लोग बातें कर रहे थे.

पार्टी में डी.जे भी बज रहा था कि तभी अचानक गाना आया- शीला की जवानी!
गाना शुरू होते ही तनु दिदी ने उसकी सहेली की ओर और सहेली ने तनु दिदी की तरफ देखा, तो तनु दिदी मुस्कुरा उठी और पास खड़ी वह लड़की शरमा गई.

इस गाने पर उस लड़की के हाव-भाव बदलते लग रहे थे, आँखो में शरम ओर चेहरे पे लाली बढ़ती जा रही थी!
मैंने आइडिया लगाया कि गाने से उसका कोई लिंक है तो सही!
मैंने भी मौका पकड़ा, लड़की वालों की तरफ़ से होने का फ़ायदा उठाया, मैंने एक थोड़ी जान पहचान वाली लड़की से कहा,
सतीश- क्या बात है, तनु दिदी से ज्यादा तो मुझे लगता है शीला जी शरमा रही हैं?
डी जे की आवाज़ में शीला को कुछ समझ नहीं आया,
लड़की- क्या, तुम शीला दीदी को जानते हो?
सतीश- हाँ! मैं उसे जानता हूँ.
लड़की- आओ मैं तुम्हें उनसे मिलवा दूँ.

दिल में छुपी बात पूरी हो रही थी, उस खूबसूरत हसीना से रूबरू जो होने वाला था मैं!
खैर इंतज़ार पूरा हुआ, उस लड़की ने मुझे उस से मिलवाया, तो वो बोली
शिला- मैं तो आपको जानती ही नहीं हूँ?
तो मैंने भी पल भर देर किए बिना कह दिया
सतीश- हम एक दूसरे को जानते नहीं हैं इसलिए तो जान पहचान करनी है.

लड़की- आपने तो कहा था कि मैं इन्हें जानता हूँ, इनका नाम शीला है?

सतीश- इतनी सारी लड़कियों में शीला की जवानी गाने पर सिर्फ़ एक लड़की शरमा गई और बाकी गाने का मज़ा ले रही थी तो मैंने सोचा कि हो ना हो, शीला नाम से इस खूबसूरत हसीन सी लड़की का कोई तो ताल्लुक है, बस मैंने अंधेरे में तीर छोड़ा और बिल्कुल निशाने पर लगा.
शिला शर्मा गयी अपनी तारीफ सुनकर.
हम सभी हंसने लगे, एक-दो लड़कियाँ बोली- मान गये बॉस!
सतीश- आप लोगों को बुरा ना लगे तो कुछ डांस- वांस हो जाए?

वो लड़कियाँ फ्लोर पर आ गई लेकिन शीला कुछ झिझक रही थी, मैंने उससे बात करनी शुरू की, वो थोड़ी थोड़ी खुलने लगी, बातों-बातों में एक दूसरे के शहर के बारे में जान लिया.वह भी पुणे में रहती थी,तनु दीदी की शादी में उसका मेकअप करने आयी थी, वह दोनों पक्की सहेलिया थी,
सतीश- फिर तो आप और हम एक शहर के हैं, इस लिहाज़ से आपका ख्याल रखना मेरा फ़र्ज़ बनता है. बुरा ना मानो तो आप मेरे साथ डांस कीजिए!
हल्की सी ना नुकुर के बाद और लड़कियों के कहने से वो तैयार हो गई.
मैंने जानबूझ कर गाना लगवाया- शीला की जवानी!

वो एक बार तो थोड़ा शरमाई लेकिन
वो मान गई और हम डांस करने लगे,
हम डांस में इतना मस्त हो चुके थे कि हमें दुनिया का कोई ख्याल ही नहीं था, मुझे तो बस शिला ही नजर आ रही थी,
कभी कभी हम डांस के बहाने एक दूसरे को छू लेते और शिला तो गांड हिला हिला के डांस कर रही थी.
मेरा लंड टाईट होने लगा, मैंने शिला की कमर पर हाथ फेर दिया, उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी,
मैंने कई बार उसके मम्मो को भी टच किया, कई बार उसकी गांड मेरे लंड से छू गई,

फिर वो तनु दीदी के पास चली गई. शादी के दौरान, खाना खाते वक़्त, या जहाँ भी मौका मिलता, मैं उसे किसी ना किसी बहाने छूता रहा.
Reply
11-20-2020, 01:07 PM,
RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
उसके बाद मैं वहा नैनाआंटी के पास गया और मैंने घर जाने की इजाज़त ली तो शीला भी आंटी से कहने लगी,
शीला- मैं भी घर जाना चाहती हूँ, मेरे लिए कोई इंतज़ाम करवा दीजिये.
मैं बिना देरी किए बोल दिया- अगर आपको वापस जाना है तो मैं छोड़ दूँगा, मैं भी तो उसी तरफ जाऊँगा.
नैना आंटी - शिला बेटी, कोई बात नहीं, तुम सतीश के साथ चली जाओ. सतीश मेरा ही लड़का है.

हमने वहा से विदा ली और मैंने शीला को गाड़ी में अपने साथ वाली सीट पर बिठाया, मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे, थोड़ा आगे चल कर मैंने गाड़ी थोड़ी साइड में ली और हल्का सा शीला की तरफ झुक गया, मेरे होंठ उसके होंठों के पास और मेरा सीना उसके कंधे के पास था.

वो सहम सी गई,
शिला- सतीश, क्या कर रहे हो?
सतीश- कुछ नहीं, सीट बेल्ट लगा रहा हूँ तुम्हारे लिए!
शिला- मैं तो डर ही गई कि पता नहीं तुम क्या कर रहे हो?

मुझे मौका मिल गया,
सतीश- जब कोई अपना साथ होता है तो डरना नहीं चाहिए.
शिला- हम एक दूसरे को जानते ही कहाँ हैं?
सतीश- अब तक इतना जान लिया, अभी तो रास्ता काफ़ी लंबा है, इस रास्ते में तो जान-पहचान पता नहीं कितनी गहरी हो जाएगी कि शायद तुम मुझे कभी भूल ही ना पाओ?

उसे शायद कुछ अज़ीब सा लगा लेकिन इस बात से वो ज़रा सी मुस्कुरा गई.
मैंने गाड़ी थोड़ी तेज़ चलाई,
शिला- रात का वक्त है, थोड़ा धीरे चलो!
बस फिर क्या था, मैं गाड़ी धीरे चलाने लगा, मैंने छेड़-छाड़ करनी शुरू कर दी. मैंने दरवाजे का लॉक चेक करने के लिए हाथ शीला की तरफ आगे किया तो मेरा हाथ उसके वक्ष को छू गया, वो शरमा सी गई.
मुझे अपने हाथ पर उसके वक्ष की गोलाई महसूस हो रही थी, उसने कुछ नहीं कहा, यह उसकी तरफ से मेरा पहला स्वागत था.

मैंने समय ज़यादा लगाना सही नहीं समझा क्योंकि मौसम भी थोड़ा बादलों वाला हो चला था, मैंने गियर लीवर के बहाने से उसके हाथ पर हाथ रख दिया, उसने हाथ हटाना चाहा लेकिन मैंने हाथ से दबा के रखा तो उसने खुद को हल्का सा नॉर्मल कर लिया.
उसको सामान्य देख कर मेरी शरारतें बढ़ने लगी, अब मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया तो उसने कुछ नहीं कहा.

बस अगले ही पल मैंने अपना हाथ हटा कर सीधे उसकी जाँघ पर रख दिया, तो उसने अपनी आँखें बंद कर ली और अपना सर सीट के ऊपर झुका कर लंबी साँस ली.
इतने में मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा,
सतीश- क्या हो गया?
उसने कुछ नहीं कहा, मैंने बहाने से उसके गालों को छू लिया, तो उसके गाल बहुत गर्म हो रहे थे.

अगले ही पल,
शिला- सतीश, प्लीज़! ऐसा मत करो! मैं शादी शुदा हु,जब भी तुम मुझे छूते हो, मुझे कुछ होने लगता है.
सतीश- तुम्हें क्या होता है?
शिला- करेंट सा लग जाता है मुझे!

तभी बरसात शुरू हो गई, मैं गाडी धीरे धीरे चलाने लगा,
शिला- सतीश, बारिश तेज़ हो रही है ज़ल्दी चलो.
सतीश- तेज़ बारिश में कार तेज चलाना खतरनाक है.
शिला- घर पर मेरे ससुराल वाले मेरा इंतज़ार कर रहे होंगे.एक तो कितनी मुश्किल से मुझे मुम्बई अकेली आने को मान गये थे,
सतीश- तुम घर पर फोन कर दो कि, यहाँ बरसात शुरू हो गई है, मैं देर से वापस आ पाऊँगी.

मैंने गाड़ी में संगीत चला दिया तो उसकी सास को लगा कि शायद डी जे की आवाज़ है, उसने बात की तो
शिला की सास- अगर मौसम साफ ना हुआ तो सुबह आराम से आ जाना. फोन रखते ही मैंने शीला को अपनी बाहों में ले लिया, वो थोड़ा शरमा कर मुस्कुरा दी.
तेज बारिश के कारण, बाहर अंधेरा हो गया था..

वह अपना सिर मेरे कंधे पर रख कर बैठी हुई थी और बाहर हो रही बरसात, उसे सेक्सी बना रही थी, गरम कर रही थी…

मैं बहुत सावधानी से, कार चला रहा था..

रास्ते पर, उस वक़्त बहुत कम गाड़ियाँ थी..
शिला के पति को दुबई गए दो महीने हो गये थे,सेक्स के बिना शिला तड़फ रही थी आज मेरी छेड़छाड़ और और बरसाती मौसम ने उसे कामुक बना दिया था,वह अपने पति से खुश थी उसने अपने पति को कभी धोखा नही दिया था पर यह जवानी और बेइमान बारिश से उसके सोये अरमान जाग गये थे,

मैंने उसके गाल पर किस लिया तो वह अपना आपा खोने लगी..

उसने भी, मेरे गाल को चूमा..

गाड़ी चलाते हुए, मैंने उसकी उन्नत चूचियों को दबाया…

मैंने उसका चेहरा पकड़ लिया और उसके होंठों का रसपान करने लगा. शिला भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं. मैं तो पागलों की तरह उसके होंठों को चूस रहा था.

शिला ने तभी अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और मुझे मानो आग सी लग गई. मैंने शिला को अपनी बांहों में जोर से जकड़ा और उसकी जीभ का रसपान करने लगा. कभी मेरी जीभ शिला के मुँह में जाती, तो शिला अपने होंठों से मेरी जीभ को दाब कर चूसने का मजा लेने लगतीं और जब शिला की जीभ मेरे मुँह में आती, तो मैं उसकी जीभ को चूसने लगता.

हम दोनों को इस खेल में इतना मजा आ रहा था कि कुछ ही देर में हम दोनों की लार हमारे मुँह से निकल कर बाहर बहने लगी … लेकिन हम दोनों की ही आंखें बंद थीं और जन्नत के इस सुख का मजा लेने में कोई भी पीछे नहीं रहना चाहता था.
Reply
11-20-2020, 01:07 PM,
RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
कोई दस मिनट बाद शिला ने अपने होंठ हटाए और मुझे देखने लगीं. मैं उसकी नशीली और वासना से तप्त लाल आंखों को देख रहा था. मेरी आंखों में भी वासना का सागर भरा हुआ था.

एक पल यूं ही एक दूसरे को देखने के बाद मैंने थोड़ा आगे बढ़ते हुए अपने हाथ शिला के मम्मों पर रख दिए और मम्मों को टॉप के ऊपर से ही दबाने लगा. शिला ने मेरे सामने अपनी चूचियों को और भी ज्यादा उभार दिया था. शिला की चुचियों का मजा लेने के साथ मैं उसके गले पर और पूरे चेहरे पर भी जमकर चुम्मा-चाटी करने लगा था.

इस दरमियान जब मैं उसके कान के पास किस करता, तो वो चिहुंक उठतीं.

शिला का एक हाथ, मेरी गर्दन के पीछे था और उसकी चूचीयाँ अभी भी मैं हाथ से मसल रहा था.

शिला का दूसरा हाथ मेरी पैंट के ऊपर, मेरे तने हुए लंड पर था.

मैंने अपने पैरों की पोज़िशन ऐसी बना ली की मैं कार चलाता रहु और वह मेरे लंड से खेलती रहे…

शिला मेरा खड़ा हुआ लंड मसल रही था और उस को, बाहर निकलना चाहती थी.

उसने मेरी ज़िप खोली तो मैंने भी अपने तने हुए लंड को, चड्डी से बाहर निकालने में उसकी मदद की..
शिला- अरे बाप रे यह क्या है?
सतीश- क्यों क्या हुआ,कभी लंड देखा नही क्या?
शिला- देखा है पर इतना बड़ा और मोटा नही,क्या यह रियल है?
सतीश- डार्लिंग हाथ मे पकड़ कर देखो.
वह मेरा लंड देखती रह गयी,
जो गोरा था, करीब 9 इंच लंबा, 4 इंच मोटा और कड़क लंड. गरम, सख़्त और मज़बूत लंड…

शिला- मुझे लंड के सुपाड़े पर चमड़ी, और सुपाड़े पर छेद बहुत प्यारा लगता है.

मुझे हमेशा ही, ऐसे लंड को देखने की इच्छा थी. मैं बहुत लकी हूँ की मुझे ऐसा कोई मिला है,
शिला ने लंड की ऊपर की चमड़ी बहुत आराम से नीचे की.. और मेरे खड़े लंड को पकड़ कर, नीचे दबाया तो लंड का गुलाबी सुपाड़ा शिला की आँखों के सामने, आ गया....

लंड के सुपाड़े पर, छेद पर पानी की एक बूँद आ गई थी जो की आप जानते हैं की ये चुदाई के, पहले का पानी है…

मैंने भी कार चलाते हुये, उसकी चूत पर उसकी जीन्स के ऊपर से ही हाथ फिराया तो उसकी गरमी बढ़ने लगी..

उसकी चूत ने भी पानी निकालना चालू कर दिया था..

मेरा कार चलाने पर बहुत अच्छा नियंत्रण है और मैं कार चलाने में, बहुत माहिर हु..

इस लिए वहा चलती कार में, उसके साथ चुदाई का खेल खेलने में चिंता नहीं थी..

शिला ने धीरे से, मेरे खड़े लंड को पकड़ कर हिलाया....

शिला के छूने से, मेरा कड़क लौड़ा और भी कड़क हो गया…

बाहर हो रही बरसात हमारी भावनाओं को भड़का रही था और उस चलती कार में, हम पसंदीदा काम करने लगे..

शिला ने मेरी आँखों में देखा तो उसमे उसके लिए, प्यार ही प्यार था..

शिलाने मेरे लंड को पकड़ कर, ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया…

शिला मेरी और देख कर मंद मंद मुस्कुराने लगी ओर उसनेअपने गुलाबी होन्ट मेरे लंड पे टिका दिए और बड़ी अदा से उसे चूमने लगी क्या बताऊ वो तो लंड चूसने मे एक एक्सपर्ट ही लग रही थी उसकी जीभ पूरे लंड पे घूम रही थी थोड़ी देर ऐसा करने के बाद उसने मेरे सुपाडे को मूह मे भर लिया और अपनी गीली लिज़लीज़ी जीभ उसपे
फेरते हुये चूसने लगी
लंड चूसते हुए भी, चलती कार में उसका मेरा मूठ मारना लगातार चालू था…

मुझे पक्का पता था की कोई भी बाहर से नहीं देख सकता था की अंदर चलती कार में, हम क्या कर रहे हैं.. !!

कार के शीशे गहरे रंग के थे और बाहर बरसात होने की वजह से, वैसे भी अंधेरा था.

बाहर बरसात और तेज होने लगी.. जो कार में, हम दोनों को गरम और गरम, सेक्सी बना रही थी..

मैने अपनी आँखे बंद करली और लंड को मस्ती से चुसवाने लगा अब मेरा पूरा लंड शिला के मूह मे था वो पूरी मस्ती से लंड चूस रही थी, अब उसने लंड को बाहर निकाला और गोलियो को चूमने लगी,
मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था मैने शिला के सर को कस के पकड़ लिया और अपने लंड को उसके मूह मे अंदर तक डालने लगा मैने ऐक जोरदार झटका मार दिया जिस से शिला को खाँसी आ गयी और आँखो मे पानी आ गया वो मेरी ओर थोड़ा गुस्से से देखने लगी.
शिला- जानवर मत बनो सबकुछ मुझ पे छोड़ दो मैं करती हू.
मैने उससे माफी माँगी,
उसने फिरसे मेरे लंड को मूह मे भर लिया और मुझे मज़ा देने लगी उसने अपने हाथो से मेरी कमर को थाम लिया और तेज़ी से लंड को अंदर बाहर करने लगी मेरी मस्ती लगातार बढ़ती जा रही थी अब मैने धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाना शुरू करदीया था शिला पूरे जोश में मेरा लंड चूसे जा रही थी उसके मूह से थूक निकल कर मेरे लंड पर गिर रहा था, अब मुझे महसूस हो रहा था कि मैं झड़ने के करीब ही हू तो मैने एक हाथ से उसके सर को कस कर थाम लिया और पूरा लंड उसके मूह मे क़ैद हो गया था
Reply
11-20-2020, 01:07 PM,
RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
मैने उसको ज़ोर से चूसने का इशारा किया तो वो और तेज़ी से चूसने लगी तभी मैने ज़ोर से झटका खाया और मैने पूरे ज़ोर से उसके सर को अपने लंड पे दबाते हुवे अपना वीर्य उसके मूह मे छोड़ना शुरू कर दिया अबकी बार काफ़ी ज़्यादा वीर्य निकल रहा था शिला लगातार लंड से निकले वीर्य को पी रही थी,
आख़िर मैं निढाल हो गया पर शिला लंड को तबतक चूसती रही जब तक पूरा रस ना खतम हो, उसने अंतिम बूँद तक निचोड़ ली......
मेरा लंड अभी भी, आधा खड़ा आधा बैठा था.
ना ज़्यादा कड़क, ना ज़्यादा नरम..
करीब, 7:50 हो चुके थे और हम अभी और पुणे से करीब 90-100 किलोमीटर दूर थे.

अभी भी, भारी बरसात हो रही था और बाहर बहुत अंधेरा हो गया था और हमारी कार, चली जा रही था…
अब बारी थी शिला की चुत की. हम अब तक आधे एक्सप्रेस-वे पे पहुंच चुके थे. बारिश जोरो से जारी थी ट्राफिक न के बराबर था फिर भी मैं सतर्क था कि कहीं कोई हमें देख ना ले, मेरी ज़िन्दगी में मैं पहली बार चलती गाड़ी में सेक्स करने वाला था, वो भी तब … जब गाड़ी मैं खुद चला रहा था.

मैंने शिला को इशारा किया, जिसको वो पलक झपकते ही समझ गयी और उसने अपनी जीन्स अपने पैरों से अलग कर, मेरी गोद में बैठने की जगह बना ली. मैंने भी अपनी गाड़ी की सीट जितनी हो सकती थी, पीछे की ओर की. शिला को अपनी गोद में इस तरह बिठाया कि उसका मुँह भी सड़क की तरफ था.

मैरी गाड़ी तवेरा थी और जिन्होंने वो गाड़ी रखी या चलाई है, उनको पता होगा कि उस गाड़ी में टांगों के लिए जगह कितनी ज्यादा होती है. शिला आराम से मेरी गोद में आ बैठी थी.

मैंने उससे कंडोम लगाने का कहा, तो वो बोली- रहने दो.

अब मेरा लंड उसकी चुत में जाने को हिलोरें मार रहा था. शिला ने अपना एक हाथ पीछे लिया और मेरे लंड को यूँ सीधा किया की वो आराम से उसकी चुत में चला जाए. मैंने भी एक हाथ उसके टॉप के अन्दर कर उसके बॉब्स को दबाना शुरू किया और उसको हल्के से अपने लंड पर दबाव बनाने का इशारा किया.

इशारा पाते ही शिला मेरे लंड पर बैठना शुरू हो गयी. देखते ही देखते, मेरा आधा लंड शिला की चुत में था और उसकी सिसकारियों से छलकता दर्द आराम से सुना जा सकता था.

सतीश- दर्द हो रहा है क्या मेरी जान?
शिला- हम्म … मैंने बहुत समय से सिर्फ उंगली से ही काम चलाया है सतीश … और तुम्हारा लंड तो मेरी चार चार उंगलियों के बराबर मोटा है. थोड़ा दर्द तो बनता ही है सतीश.
सतीश- तो अब देर ना करो और जल्दी से इसको पूरा निगल जाओ. जो मज़ा इस दर्द में है, वो भी इस कायनात में कहीं नहीं मिल सकता.

इतना कहते कहते मैंने अपनी गाड़ी एक अंडरपास में लगाई, गाड़ी में हैंडब्रेक लगाए और शिला की कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर एक ज़ोरदार झटका उसकी चुत के नीचे से लगा दिया, जिससे मेरा करीब तीन चौथाई लंड शिला की चुत में घुस कर फंस गया.

दूसरी तरफ लंड पेवस्त होते शिला की चीख निकल गयी और उसका रोना शुरू हो गया. पर इसके साथ ही शिला झड़ भी गयी, जैसे उसकी चुत को इस बेरहमी से परम आनन्द मिला हो. उसके रस उसकी चुत से रिसते हुए मेरी जीन्स को और गीला कर रहे थे, जो पहले से ही मेरे पानी से गीली थी.

झड़ने की वजह से शिला रोते-रोते ऐसे कांप भी रही थी, जैसे दर्द और सुख की कोई मिश्रित भावना प्रकट कर रही हो.

सभी भाई लोगों को पता होगा कि चुदाई के समय जब लड़की रोती है, तो आदमी को किस अप्रतिम आनन्द की अनुभूति होती है.

मुझे शिला का रोना जैसे और उत्तेजक बना रहा था और मेरा लंड पहले से ज्यादा प्रचंड होता जा रहा था. मैंने देर ना करते हुए, एक और ज़ोरदार झटका लगाया, जिससे मेरा पूरा लंड शिला की चुत में घुस गया और शिला की सिसकारियां उसकी दर्द भरी चिल्लाहटों में बदल गयीं.

पर पिछली बार की ही तरह, शिला ने इस धक्के के साथ भी झड़ना शुरू कर दिया, जिससे मुझे ये यकीन हो गया कि शिला को खुश करने का माध्यम ताबड़तोड़ और बेरहम चुदाई ही है. इस दूसरे धक्के से मेरे लंड में भी ऐसा सा दर्द हुआ, जैसे वो इस टाइट चुत में जाने से कुछ छिल सा गया हो. मैंने इसके बारे में शिला को बताया, तो उसके चेहरे पर एक धीमी पर कमीनी मुस्कान नज़र आयी.

मैंने अब शिला को थोड़ा धीरे धक्के लगाने को कहा और साथ ही उसको सहलाना शुरू कर दिया … जिससे कि वो मुझे खूब मज़ा दे सके.

शिला को भी अभ्यस्त होने में करीब 25-30 धक्कों का समय लगा.

अब शिला ने भी अपनी गांड उठा उठा कर मज़ा लेना शुरू कर दिया था. मैंने भी वहां ज्यादा देर रुकना सही नहीं समझा और गाड़ी को फिर से एक्सप्रेस-वे पर डाल दिया. मैं ऐसी दौड़ती हुई धमाकेदार चुदाई पहली बार कर रहा था और शिला भी बहुत कामुक थी.

अभी तक तो बेदर्दी मैंने दिखाई थी और अब बारी शिला की थी. जैसे मैंने उसको दर्द दिया था, वैसे ही मुझे दर्द देने के लिए वो और ज्यादा उछल कूद मचा रही थी. किसी गरम चुत को छिले हुए लंड की सवारी मिल रही हो, तो वो कैसी मस्त हो जाती है, मुझे किसी को बताने की जरूरत नहीं.

शिला बीच बीच में अपने मुँह को पीछे करके मुझे चूमने चाटने की कोशिश कर रही थी. वो मेरे चेहरे पर छिले लंड के दर्द के भाव देखकर खुश होती और ‘मेरा बेबी … मेरा सोना.’ कहकर मेरी टांग भी खींच रही थी.

मैं इन सबसे बहुत उत्तेजित हो रहा था, पर शिला एक बार मेरा पानी गिरा चुकी थी … इसलिए मुझे झड़ने में थोड़ा समय लग रहा था.

मैं भी थोड़ी थोड़ी देर में शिला की गांड में उंगली कर देता, जिससे उसको और अधिक आनन्द मिलता.

शिला दो बार झड़ चुकी थी और मेरा भी लावा उबलने लगा था. थोड़ी ही देर में मेरा लंड फटने वाला था और मुझे पता था कि वो इतना पानी गिराने वाला है कि आज मेरी गाड़ी में जलजला आ जाएगा. शिला ने भी अपनी गति बढ़ा दी थी. मेरा लंड भी उसकी चुत की गर्मी के आगे पिघल गया और मेरे लंड ने अपनी पिचकारी शिला की चुत में मार दी.

जैसे ही मेरा गरम लावा शिला की चुत में गिरा, शिला भी एक बार फिर से चिल्लाते हुए झड़ने लगी और हम दोनों अपने ही रसों से पानी पानी हो गए.

गाड़ी का एसी अपने पूरे जोश से गाड़ी को ठंडा कर रहा था, फिर भी हम दोनों पसीने से लथपथ थे.

थोड़ी देर बाद हम एक दूसरे से अलग हुए

Reply
11-20-2020, 01:07 PM,
RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
माँ के दोस्त की शादी में एक शादीशुदा भाभी मिल गयी जो कि मेरे ही शहर पुणे की थी वह दुल्हन की सहेली थी और शादी के लिए मुम्बई आई थी वापसी में आंटी यानी दुल्हन की माँ के कहने पर उसको सतीश ने लिफ्ट दी बारिश का मौसम था लगातार बारिश हो रही थी सतीश ने शिला को सिड्यूस करके चलती गाड़ी में चोद दिया था अब आगे...

शिला- वैसे हम डिनर पर कहाँ चल रहे हैं?
सतीश- जहाँ तुम सही समझो,

शिला- "अब हमारी पहली डेट को कुछ स्पेशल तरीके से बनानी है.. तो कुछ स्पेशल करते हैं...!!

सतीश- "किसी अच्छे और अच्छे होटल में चलते हैं,

सतीश के ऐसा कहने पर शिलाने उसके गालों पर एक किस जड़ दी और सतीश का हाथ जो कि गेयर पर था उसके ऊपर अपना हाथ रख कर उससे प्यार भरी बातें करने लगी,

बातों ही बातों में कब शिलाने अपना हाथ उठा कर सतीश की जांघ पर रख कर सहलाना चालू कर दिया.. उसे पता ही न चला,

ये सब कुछ शिलाके साथ इतने रोमांटिक तरीके से पहली बार हो रहा था,

शिला के हाथ ने सतीश की जींस के ऊपर से ही उसके लंड को दबाना देना चालू किया,

यार क्या एहसास था.. बस यही लग रहा था कि ये समय यहीं रूक जाए..

खैर.. वह तब तक रेस्टोरेंट के पास पहुँच गए तो सतीशने उसे ठीक से बैठने के लिए बोला और होटल के एंट्री-गेट पर उसे उतार कर गाड़ी पार्किंग में लगाने चला गया,

फिर जब सतीश एंट्री-गेट पर पहुँचा,
शिला- "क्यों क्या हुआ.. बड़ा समय लगा दिया तुमने..?
फिर वह लोग अन्दर गए और लिफ्ट से फ़ूड कोर्ट वाली फ्लोर पर पहुँच गए, वहाँ पर वह लोगों ने एक कपल सीट ली,

फिर वेटर आया और मेनू देकर चला गया,
सतीश- "जो तुम्हें पसंद हो.. वो मंगवा लो, आज तुम्हारे मन का ही खाऊँगा...!

तो शिला ने वेटर को बुलाया और उसे आर्डर दिया और स्टार्टर में पनीर टिक्का मंगवाया,

वह लोग एक-दूसरे के हाथों को सहलाते हुए एक-दूसरे से बात कर रहे थे कि तभी वेटर पनीर टिक्का और कोल्ड ड्रिंक देकर चला गया..
जिसे वह लोगों ने खाया और एक-दूसरे को अपने हाथों से भी खिलाया,

तब तक वहा खाना भी आ चुका था, फिर वह लोगों ने खाना खाया और सतीश फिनिश करके वाशरूम चला गया,

इसी बीच शिला ने उसे सरप्राइज़ देने के लिए और उसके इस दिन को यादगार बनाने के लिए वेटर को बुलाया और उसे शैम्पेन और कुछ स्नैक्स का आर्डर दिया और साथ ही यह भी बोला कि जैसे ही सतीश अन्दर आये.. वैसे ही
‘राह में उनसे मुलाकात हो गयी.. जिससे डरते थे वही बात हो गयी..’ वाला गाना बजा देना,

इधर अब सतीश को क्या पता कि शिला ने उसके लिए क्या कर रखा है.. तो सतीश जैसे ही अन्दर पहुँचा तो गाना चालू हो गया और रेस्टोरेंट की रोशनी बिल्कुल मद्धिम हो गई.. जो कि काफी रोमांटिक माहौल सा बना रही थी,

सतीश की ख़ुशी का कोई ठिकाना ही न रहा और सतीशने जाते ही शिला को,
सतीश- "आई लव यू वेरी मच’.." बोलकर चूम लिया,

जिससे वहाँ मौजूद सभी लोग क्लैपिंग करने लगे… उनको ये लग रहा था कि वह अपनी एनिवर्सरी सेलिब्रेट करने आए हैं.. और लगता भी क्यों नहीं.. शिला हसीन जो थी,
वो बहुत ही खूबसूरत और कर्वी शरीर की लड़की थी.. फिर सतीशने और शिलाने ‘चीयर्स’ के साथ शैम्पेन का एक-एक पैग पिया.. इसके पहले सतीशने कई बार वाइन पी थी पर शिलाने नही...

खैर.. एक गिलास से कोई फर्क तो न पड़ा.. पर एक अजीब सा करेंट दोनों के शरीर में दौड़ गया,

खाना अदि खाने के बाद सतीश ने बिल पे किया और वेटर को टिप भी दी,
फिर वह दोनों लिफ्ट से नीचे आए और सतीश उसे वहीं एंट्री-गेट पर छोड़ कर कार लेने चला गया.. पर जब कार लेकर वापस आया तो शिला वहाँ नहीं थी,

उसके दिमाग में तरह-तरह के सवाल आ रहे थे क्योंकि शिला का सर शैम्पेन की वजह से भारी होने लगा था,

सतीश बहुत ही घबरा गया कि अब मैं क्या जवाब दूँगा आंटी को अगर शिला को कहीं कुछ हो गया सोचते-सोचते उसके शरीर में पसीने की बूँदें घबराहट के कारण बहने लगीं,

सतीशने चारों ओर नज़र दौड़ाई.. पर उसे शिला नजर नहीं आई,

सतीशने उसका फ़ोन मिलाया जो कि नहीं उठा.. तीन-चार बार मिलाने के बाद भी जब फोन नहीं उठा.. तो सतीश बहुत परेशान हो गया और सोचने लगा कि अब क्या करूँ.. कहाँ देखूँ..?

सतीश की कुछ समझ में नहीं आ रहा था.. वह सोच में पड़ गया.. कहीं शिला को नशा तो नहीं चढ़ गया.. कहीं उसका कोई फायदा न उठा ले.. तमाम तरह के विचार मन को सताने लगे,

फिर सतीशने गाड़ी की चाभी गेटमेन को गाड़ी पार्क करने के लिए दी.. और अन्दर चला गया,

वहाँ एक रिसेप्शनिस्ट बैठी हुई थी तो सतीशने उससे घबराते हुए पूछा- अभी क्या कोई लेडी अन्दर आई है?

तो वो सतीश की घबराहट को देखकर हसने लगी,
रिसेप्शनिस्ट- "अरे सर आप थोड़ा रिलैक्स हो जाइए.. लगता है मैडम से आप कुछ ज्यादा ही प्यार करते हैं..!

यह कहते हुए उसने अपनी सीट पर रखे पानी के गिलास को उसे दिया,
Reply
11-20-2020, 01:08 PM,
RE: Maa Sex Story आग्याकारी माँ
पानी पीकर सतीश भी थोड़ा नार्मल हुआ
सतीश- "वैसे वो है कहाँ..?

रिसेप्शनिस्ट- "मेम ने लगता है पहली बार पी थी.. जिसकी वजह से उनको उलटी और चक्कर आ रहे थे.. तो वो वाशरूम में हैं…!!

तो सतीश भी उसकी हालत को समझते हुए वाशरूम जाने लगा ताकि उसकी कुछ मदद कर सके.. पर सतीश जैसे ही उधर की ओर बढ़ा तो
रिसेप्शनिस्ट- "सर वो कॉमन वाशरूम नहीं है आप लेडीज़ वाशरूम में नहीं जा सकते,

सतीशने चिंता जताते हुए उससे पूछा,
सतीश- "अब उसकी ऐसी हालत है तो उसे मदद की जरूरत होगी...!!

रिसेप्शनिस्ट- "आपको फ़िक्र करने की कोई जरुरत नहीं है.. मैडम के साथ लेडीज सर्वेंट भी उनकी हेल्प के लिए गई है...!
तब जाकर उसे कुछ राहत की सांस मिली.. तब तक शिला वहाँ आ चुकी थी,

रिसेप्सनिस्ट- "मेम आप बहुत लकी हो जो आपको इतना चाहने वाला कोई मिला...!

अब उसे क्या पता कि दाल में कितना काला है..

खैर..
रिसेप्शनिस्ट- "आपके अचानक अन्दर आ जाने पर सर बहुत परेशान से हो गए थे.. उनकी हालत तो देखने वाली थी.. लगता है आपको कुछ ज्यादा ही प्यार करते हैं...

तो शिला मुस्कुरा कर सतीश के पास आई और उसका हाथ पकड़ लिया,
शिला- "तुम इतनी जल्दी क्यों परेशान हो जाते हो..?
सतीश- "तुम बिना बताए अचानक यहाँ आ गईं और मुझे नहीं दिखीं.. तो मेरा परेशान होना तो लाजिमी है,

शिलाने उसे ‘सॉरी’ बोला,
शिला- "यार मेरी कंडीशन ही ऐसी हो गई थी कि मैं क्या करती? मेरे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ..?

सतीश- "चलो कोई बात नहीं.. अब तुम ठीक हो ना...?

शिलाने ‘ना’ में सर हिलाया..
सतीश- "शिला जब तुम शैम्पेन बर्दास्त नहीं कर सकती थीं तो पीने की क्या जरुरत थी...?

शिला- "मैं तो बस तुम्हारे साथ आज का दिन एंजॉय करना चाहती थी...!!

सतीशने भी उसके इस प्यार का जवाब "शिला ,आई लव यू.. वेरी मच..!! बोलकर दिया,

जिस पर शिला के चेहरे की ख़ुशी दुगनी हो गई और आँखों में एक अजीब सी चमक साफ़ दिखने लगी,

शायद वो उसे चाहने लगी थी.. शिलाने भी अपना एक हाथ सतीश की जांघ पर रख दिया,
शिला- "सतीश सच में.. तुम्हारे साथ बहुत मजा आ रहा है....!

वो अपने हाथों को सतीश की जाँघों में फिराने लगी,

जिससे सतीश का जोश बढ़ने लगा.. उसे शिला का इस तरह से छूना बहुत ही मस्त लग रहा था,

सतीश भी उसके स्पर्श का मज़ा लेते हुए उससे रोमांटिक बातें करने लगा और घर जाने के लिए सतीशने लम्बा वाला रास्ता पकड़ लिया ताकि इस रोमांटिक समय को और ज्यादा देर तक एन्जॉय किया जा सके,

उसके लम्बे रास्ते की ओर गाड़ी घुमाते ही
शिला मुस्कुराने लगी
शिला- "क्या बात है.. तुमने लम्बा रास्ता क्यों पकड़ लिया...?

सतीश- "तुम्हारे साथ इस पल को और लम्बा बनाना चाहता था.. बस इसीलिए..!!

फिर शिला सतीश की ओर थोड़ा खिसक आई और उसके लंड को जींस के ऊपर से ही रगड़ने मसलने लगी, उसकी इस हरकत से उसके लंड को होश आ गया और वो अन्दर ही अन्दर अकड़ने लगा.. मानो जिद कर रहा हो कि बस अब उसे आज़ाद कर दो,
शिला ने जब उसके लंड का कड़कपन अपनी हथेलियों में महसूस किया.. तो शिलाने सतीश की जींस की ज़िप खोल दी और अन्दर हाथ घुसेड़ कर लंड को मुट्ठी में भरते हुए निकालने लगी.. पर इतनी आसानी से वो कहाँ निकलने वाला था,

इस वक़्त वो अपने पूरे होश ओ हवाश में खड़ा हो चुका था, वो उस वक़्त इतना सख्त हो चुका था कि सतीश की की जॉकी में नहीं मुड़ पा रहा था,

शिला ने कई बार उसे दबा कर एक बगल से निकालने का प्रयास किया.. पर जब वो न निकाल पाई तो कहने लगी
शिला- "सतीश क्या बात है.. अब यह मेरा छोटा सतीश लगता है मुझसे नाराज हो गया है.. देखो कितनी देर से मैं इसे देखने के लिए तड़प रही हूँ.. पर यह है कि निकल ही नहीं रहा है...

सतीश- "अरे ये तुम्हारा सतीश है ना.. वो इसे निकाल देगा.. पर तुम्हें इसे मनाना खुद ही पड़ेगा...!

शिला- "अरे फिर देर कैसी.. एक बार निकाल दो.. फिर देखो.. इसे मैं कैसे प्यार से मनाती हूँ...!!

सतीशने गाड़ी एक बगल में ली और जींस का बटन खोल कर नीचे सरका दी और अपनी जॉकी को साइड से पकड़ कर अपने कड़क लंड को हवा में लहरा दिया,

वो एकदम अकड़ा हुआ किसी झंडे की तरह खड़ा था जिसे शिला देखकर अपनी मुस्कान न रोक सकी,

वो उसके लंड को हाथ में लेकर उसे प्यार से सहलाने लगी,
शिला- "अरे वाह.. तू तो हर समय तैयार रहता है.. मुझसे नाराज हो गया था क्या...?

जो मेरे निकालने पर नहीं निकल रहा था,

सतीश फिर से गाड़ी चलाने लगा.. पर अब रफ़्तार धीमी थी.. ताकि कोई दिक्कत न हो,

उधर शिला लगातार उसके लंड को प्यार किए जा रही थी जो कि उसके अन्दर की कामुकता को बढाने के लिए काफी था,

सतीश- "ये आज ऐसे नहीं मानेगा..!

शिला- "फिर कैसे मानेगा..?
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,299,648 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,277 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,151,037 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 871,880 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,542,147 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,986,841 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,515,149 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,825,483 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,173 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ sexstories 231 6,145,386 10-14-2023, 03:46 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 13 Guest(s)