RE: Mastram Kahani काले जादू की दुनिया
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पोलीस स्टेशन के बाहर गाड़ी रोक के तीनो अंदर भागे. अंदर का महॉल बहुत भीड़ भाड़ वाला था जो ज़्यादातर पोलीस स्टेशन मे नही देखने को मिलता है.
“यहा हो क्या रहा है....???” अर्जुन ने सोचा.
भीड़ भाड़ इतनी थी कि पुलिस ऑफिसर्स से मिलना नामुमकिन था. लेकिन तभी करण को अपना दोस्त दिखाई दे गया जो वही पर सीनियर इनस्पेक्टर की पोस्ट पर तैनात था. उसने अपने दोस्त को इधर आने का इशारा किया.
“अरे सुजीत तू....वाह यार तू तो सीनियर इनस्पेक्टर बन गया...” करण अपने दोस्त से गले मिलते हुए बोला. वो तो अच्च्छा हुआ कि करण को अपना एक दोस्त मिल गया वरना इतनी भीड़ भाड़ मे किसी से भी पूछ ताछ करना नामुमकिन था.
“हाँ यार बस अपने देश की सेवा करनी थी सो पोलीस फोर्स जाय्न कर लिया...पर सुन ने मे आया है कि तू बहुत बड़ा डॉक्टर बन गया है...बांद्रा मे तेरा एक अच्च्छा ख़ासा क्लिनिक भी है....” इनस्पेक्टर सुजीत ने करण से हाथ मिलाते हुए कहा.
इधर अर्जुन और काजल का सब्र का बाँध टूट रहा था. वो लोग यहाँ पर मेल मिलाप के लिए नही आए थे इसलिए काजल ने करण को कोहनी मारी और इशारा कर दिया कि सलमा के बारे मे.
“श...सुजीत वो सब छोड़ कभी फ़ुर्सत से मेरे क्लिनिक मे साथ बैठ कर बात करेंगे पर अभी हम यहाँ बहुत ज़रूरी काम से आए है...”
“क्या बात है बोल...”
“वो हम एक गुमशुदा लड़की सलमा वहीद के बारे मे पूछ्ना चाहते है...उसकी अम्मी कल पोलीस स्टेशन आई थी कंप्लेंट लिखवाने...” कारण बोला.
“हम आई तो थी यार...पर उस से तुम्हे क्या...???”
“यार वो मेरे भाई अर्जुन की मंगेतर थी...पर परसो इसके घर से निकलने के बाद ना जाने कहाँ चली गयी....अभी तक घर नही पहुचि है....”
“ओह्ह हो तो वो तुम्हारे भाई की मंगेतर थी...”
अर्जुन से अब और बर्दास्त नही हो रहा था और उसने चिल्लाते हुए कहा, “इनस्पेक्टर साहब प्लीज़ !!!..... अच्छा होगा कि आप सलमा के बारे मे बताइए...उसके अम्मी अब्बू उसका घर पर इंतेज़ार कर रहे होंगे...”
“चिल्लइए मत !!!...मिस्टर. अर्जुन यहाँ पर जितने लोग आप देख रहे है ना वो सब अपने परिवार वालो के घर आने का ही इंतेज़ार कर रहे है...एक आपकी सलमा के अब्बू अम्मी ही नही है....यहाँ पे ऐसो की लिस्ट बहुत लंबी है....” सुजीत ने पॉलिसिया लहजे मे कहा.
“अरे सुजीत जाने दे ना...हम लोग थोड़े परेशान है....” करण ने बात संभालते हुए कहा, “पर इसका क्या मतलब कि लिस्ट बहुत लंबी है...?”
सुजीत ने तीनो को एक कोने मे आने को कहा और तीनो को फुसफुसा के बताया, “यह सारे लोग जो तुम देख रहे हो ना...उन सब के परिवार की लड़किया गायब हो गयी है...”
यह बात सुनकर तीनो हैरान हो गये. उनकी हैरान परेशन चेहरे को देख कर इनस्पेक्टर सुजीत फिर फुसफुसाया, “देखो मुझे उपर से स्ट्रिक्ट ऑर्डर्स आए है कि मैं यह बात किसी को ना बताऊ...और वो यह है जितने भी लोग गायब हुए है वो सब की सब लड़किया थी...कुवारि लड़कियाँ...जिनकी उमर 18 से 25 साल की है...”
अर्जुन को सब समझ मे आते ही उसके होश उड़ने लगे, “सलमा की उमर भी 24 साल की थी...यानी किसी ने उसे किडनॅप कर लिया है..”
अर्जुन की बात सुनकर सुजीत बोला, “हाँ बर्खुरदार अब सही समझे हो....ना जाने कौन है जो इतनी सारी लड़कियो को अगवा कर रहा है....और हैरानी की बात यह है कि लड़किया हर महीने नियम से गायब हो रही है...और वो भी आज से नही बल्कि पिच्छले 8 – 10 सालो से....उपर से यह हालत सिर्फ़ मुंबई की नही बल्कि लगभग हर छोटे बड़े शहर की है...”
“हे भगवान कौन करता है यह सब....हम लड़किया तो कही नही सुरक्षित है...” काजल बोली.
“फिकर मत करिए मोह्तर्मा....आपके भाई की मंगेतर इस महीने किडनॅप हो चुकी है...कम से कम आप इस महीने सुरक्षित है....पर अगले महीने की गारंटी मैं नही दे सकता...हा हा हा...” सुजीत चटकारा लेते हुए बोला.
“कैसे पोलीस वाले है आप....अपने सामने आप एक लड़की को डरा रहे है..” काजल तपाक से बोली.
इस पर सुजीत गंभीर होते हुए बोला, “डरा नही रहा हू मिस...चेतावनी दे रहा हू....”
अर्जुन तो गहरे शोक मे डूब गया था. उसे वो आख़िरी पल याद आ गये जब सलमा ने उसे चाँटा मारा था और रोते हुए उसकी घर से निकल गयी थी. काश वो उसे उस रात रोक लेता तो आज सलमा उसके पास उसके बाँहो मे होती. काश वो उसके साथ ज़बरदस्ती नही करता तो वो उसको छोड़ कर अकेली आधी रात को नही जाती. यही सब सोच कर उसकी आँखे नम हो गयी.
अर्जुन का गला भारी हो गया और उसने रुआंसे स्वर मे इनस्पेक्टर से पूछा, “इनस्पेक्टर साहब...आपको क्या लगता है मेरी सलमा को कॉन अगवा कर के ले गया होगा...”
“मिस्टर. अर्जुन मैं आपको सब कुछ सच सच बताता हू भले मुझे उपर से ऑर्डर्स आए है ऐसा नही करने को....पर पहले आप पानी पीजिए और हिम्मत से काम लीजिए..” सुजीत ने पास पड़े टेबल से शीशे के ग्लास मे अर्जुन को पानी दिया.
“हम ने और स्पेशल क्राइम ब्रांच ने मिलकर बहुत पता लगाने की कोशिश करी कि आख़िर यह लड़किया जा कहाँ रही है पर हम पता ना लगा सके...मीडीया वालो और पब्लिक के प्रेशर से हम ने उन्हे बताया कि यह कोई माफिया का काम है जो लड़कियो को बेच कर उनसे जिस्म फ़रोशी का धंधा करवाता है...”
यह बात सुनकर अर्जुन टूट सा गया. उसका दिल यह सोच सोच कर छल्नी होता जेया रहा था कि जिसने उस से इतना प्यार किया उसको आज कयि लोग अपनी वासना का शिकार बना रहे होंगे और वो भी सिर्फ़ उसकी वजह से.
“तुझे क्या लगता है सुजीत...क्या यह कोई माफिया का काम है...” करण ने सुजीत से पूछा.
“बाकी लोगो का तो यही मान ना है...पर मुझे ऐसा नही लगता कि इसमे कोई माफिया का हाथ है क्यूकी हर महीने सिर्फ़ एक लड़की और वह भी देश के अलग अलग जगह से गायब हुई है जो माफिया लोगो का स्टाइल नही है....वो लोग तो ग्रूप मे लड़किया किडनॅप करते है और वो भी छोटे शहर वाली जिनके माँ बाप जल्दी पोलीस मे कंप्लेन ना करवा पाए और यह बात मीडीया मे लीक ना हो...पर यहाँ चक्कर कुछ उल्टा ही लगता है...” सुजीत ने अपना पोलीस कॅप सीधा करते हुए कहा.
“ठीक है दोस्त हम चलते है...फिर तेरी ज़रूरत पड़ी तो तुझे याद करूँगा...” सुजीत को अलविदा कहते हुए तीनो पोलीस स्टेशन से बाहर आ गये.
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