RE: mastram kahani प्यार - ( गम या खुशी )
अपडेट - 4
थोड़ा मुस्कुराते हुए.... हम्म्म्म मतलब राहुल सर अभी सिंगल है जिनका ध्यान अब तक गर्लफ्रैंड की ओर नहीं गया। गजब की बात है देखते है कबतक, खैर आज टॉपर के दर्शन हुए तो में भी देख लू इनके स्टडी रूम कैसे होते है और पढ़ने का तरीका .... आप अपना स्टडी रूम नहीं दिखाओगे ।
मैं... जी बिल्कुल क्यों नहीं मैंने रूही को अपना स्टडी रूम दिखाया जहाँ मैं और दिया साथ मे पढ़ते थे , उस रूम में मेरे कई स्पोर्ट्स और अकादमिक सर्टिफिकेट थे जिसे देख कर वो एक - एक करके बारे में पूछती रही और मैं बड़े प्रेम से सबके बारे में बताता गया ।
अभी चंद घंटों की ही मुलाकात हुई थी हमारी लेकिन मेरे दिल और दिमाग पर रूही छाई हुई थी, पहली बार मुझे अपनी हासिल उपलब्धि पर फक्र महसूस हो रहा था क्योंकि आज इनकी वजह से ही रूही मेरे साथ थी और मुझ से बाते कर रही थीं।
रूही बिल्कुल आस्चर्य भरे भाव से मेरे स्पोर्ट्स शेल्ड को उठाते हुए बोली....... " राहुल सर मुझे लगा कि आप नीचे केवल मुझे इम्प्रेस करने के लिए यह बोल रहे थे कि आप को स्टडी के अलावा भी पर्याप्त समय बच जाता हैं, पर आपके स्पोर्ट्स अचीवमेंट को देखते हुए एक ही बात जुबान पर आती है कि यु आर बोर्न ब्रिलियंट जिसे दिमाग विरासत में मिला है. मेरी सुभकामनाये आप के साथ है आप यू ही सफल हो अपने हर काम में "
मैं ..... थैंक यू सो मच रूही जी ।
हम यू ही बात कर रहे थे कि तभी सिमरन दी कि आवाज आई "चल बेटू क्या कर रहा है ऊपर " गुस्सा तो बहुत आया दी पर लेकिन "आया दी " बोल कर हम चल दिए ।
और फिर हम हाल की तरफ चल पड़े। हाल में सिमरन दी तैयार हो कर बैठी थी, दिया और सोनल भी आ चुकी थी ।
मैंने दी से पूछा...... आप भी चल रहे हो क्या?
दीदी ने हाँ में जवाब दिया , फिर हम सब निकल पड़े शॉपिंग करने के लिए।
कार में पीछे सिमरन,सोनल,किरण और रूही बैठे हुए थे और मेरे पास आगे दिया बैठ गई, हम दोनो भाई बहन मैं और दिया आपस में बहुत खिंचाई किया करते थे पर थे एक ही यूनिट , मतलब हम लड़ते हैं उससे कहीं ज्यादा एक दूसरे को प्यार करते हैं।
मैं आगे बैठा था पर मेरा मन तो पीछे की सीट पर था, मैंने चुपके से मिरर रूही पर एडजस्ट किया और छुप छुप के उसे देख रहा था।
इसी बीच दिया ने चॉकलेट निकली एक बाईट खुद ली और मेरी तरफ बढ़ा दी । दिया का मुझे इस तरह चॉकलेट देना वो भी रूही के सामने मुझे थोड़ा असहज लगा ।
मैंने उसका हाथ झटकते हुए कहा.... क्या कर रही हैं शांति से रह ना ।
मैं थोड़ा जोर से बोल दिया वो भी इतने लोगों के बीच दिया को बहुत बुरा लगा होगा जो कि मुझे भी महसूस हो रहा था । मैं दिया को नाराज नहीं करना चाहता था इसलिए मैंने थोड़े धीमे स्वर में बोला ...... छोटी - छोटी ( दिया का निक नेम )
दिया अपने गुस्से से भरे रिएक्शन देते हुए ..... क्या है।
मै अब समझ गया था कि ये सफर बहुत बुरा कटने वाला है , क्योंकि अब वो पूरे हफ्ते का जो भी मैंने उसके साथ गलत किया हो सबका बदला लेगी ।
मैं ..... छोटी खिला न चॉकलेट भूक लगी हैं ।
दिया रूवासी आवज में ...... मुझे कोई बात नहीं करनी तुमसे भैया ।
दिया का रिएक्शन देख अब क्यों मुझे रूही का ख्याल आये अब तो बस दिमाग में एक ही बात थी कि जल्द से जल्द छोटी को मना लो नही तो यह हंगामा खड़ा कर देगी ।
अबतक हम शॉपिंग मॉल पहुंच चुके थे मैं कार से उतर कर सिमरन दी के पास गया और रेकुएस्ट कि दिया को मना लो ।
सिमरन दी ने साफ सब्दों में कहा ..... "क्या में पागल नजर आती हु की तुम दोनों के बीच पडू अपनी बात खुद ही संभाल में कोई हेल्प नहीं करने वाली "
मैंने कहा .... दीदी प्लीज , लेकिन दीदी मेरी बात को सुरु से खारिज करते हुए चल दी शॉपिंग करने ।
फिर हम मॉल के अंदर आये सबको अलग-अलग खरीदारी करनी थी इसलिए सब अपने ग्रुप में अलग हो गए ।
ग्रुप कुछ ऐसा था कि सोनल और दिया एक साथ में मैंने दिया से कहा मैं भी तेरे साथ चलता हूं पर उसने साफ मना कर दिया फिर में चुप हो गया ।
रूही , दी और किरण एक साथ शॉपिंग करने चली गई । मैं उदास मन से खुद में अपने आप से ..... " चल बेटा जल्दी से मना छोटी को नहीं तो आज तेरा काम लग जायेगा वैसे भी तू सुबह लेट हो गया उसे ले जाने में फिर उसे चिढ़ाया भी था अब चल जल्दी "
सिमरन ने शायद किरण से बोला कि चल तुझे डेली शो दिखती हु उन तीनों की नजर मुझ पर ही थी ।
मैं दिया कि पीछे ..... छोटी - छोटी सुन तो छोटी , वो बिना किसी जवाब के एक शॉप के अन्दर गई मैं भी साथ - साथ अन्दर गया और पीछे तीनो हँसने लगी क्योंकि यह लेडीज अंडरगारमेंट्स की शॉप थी । मैं घुसते ही देख और चुप चाप बहार खड़ा हो गया ।
दिया जानती थी कि मैं बाहर खड़ा हूँ तो वो जान भुझ कर ज्यादा समय लगाया और करीब 45मि के बाद बाहर आई ।
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