RE: mastram kahani प्यार - ( गम या खुशी )
अपडेट - 45
लेकिन मुझे अभी राहत कंहा मिलनेवाली थी अब जब सोचने की शक्ति जागृत हुए बिलकुल पागल हो उठा....
यार अब सब ओके है पर ये क्या मुझे अब जल्दी करना होगा। मैं रूही और किरण ओनर सम्बोधित करते हुए....
"तुम दोनों बातें करो मैं अभी आया"
रूही... पर ये अचानक हुआ क्या?
मैं.... कुछ नहीं हमारे इस नई सुरुवात पर कुछ लोग और भी शामिल हो रहे है, मैं अभी 10 मि मैं लौटा तबतक तुमलोग कुछ आर्डर कर दो ।
अब मैंने थोड़ा माहौल का जायजा लिया बिलकुल मिडिल में 20 लोगों के लिए चेयर अरेंज कर दी गयी थी और साथ में कुछ लोग मुझ पर नजर भी रखे हुए थे ।
मै बहार आया काजल को फ़ोन किया। उस से बात होने के बाद मैं निकल गया काजल और अनन्या को लेने ।
फिर प्लान के मुताबिक पहले असीस को फ़ोन किया...... टाइम हो गया है तू कुणाल को पिक कर लेना, असीस के बाद घर और फिर ऋषभ को फ़ोन लगया। सबको 10 मिनट में इकठ्ठा होने को कहा । काजल और अनन्या को मैंने काजल के घर से पिक किया और पहुँच गया तमन्ना रेस्टूरेंट।
रेस्टूरेंट में काजल और अनन्या को रूही और किरण से इंट्रोडस करवाया फिर सब को लेकर मिडिल टेबल पर बैठ गया। मुझे बैठ ता देख 1 वेटर "सर ये बूकेड है"
मैंने कहा "हमने ही कारवाई है" देककर चला गया।
मै अब बहार निकला सबको रिसीव करने। सबसे पहले एंट्री हुए मेरे फैमिली ग्रुप की सबको अंदर किरण के पास बैठने को बोला । सिमरन किरण का नाम सुनकर खुश हो गायी। फिर एंट्री हुए असिस, कुणाल, और साथ में थे हमारे अड्डे के दो लड़के राजन भाई और नीलेश भाई, दोनों हमसे 2 साल सीनियर थे पर मिलते मिलते पहचान हो गयी थी मैंने असीस को रोका और बांकियों ओनर अंदर भेजा।
मै असीस से.... तू इन दोनों को क्यों ले आया ।
आसीस.... भाई भरोसा रख बहुत अच्छे है कोई प्रॉब्लम नहीं होगी यंहा कम से कम 6 लोग चाहिए थे मैनेज करने के लिये।
मैं... चल कोई बात नहीं बस देखना गड़बड़ न हो और ये कुणाल कुछ बोल भी रहा था ।
आसीस..... पन्गा क्या किया है, ल*डू को घर से घीच कर लया हू । रूम बंद करके पड़ा था पुरे रस्ते खोया रहा है।
मैं...... चल कोई बात नही, कुछ देर बाद इसको भी शांत कर देंगे ।
जब्तक हम बात कर रहे थे तबतक ऋषभ और सैनी की भी एंट्री हुए। उनके साथ हम भी अंदर पहुंचे अंदर बहुत ही फ्रेंडली माहौल था । लेडीज़ एक साथ थी और एक तरफ कुणाल चुपचाप बैठा था ऋषभ के साथ मैं और असीसभी अंदर पहुंचे।
सायद सैनी ने दूसरे लड़कियों को नहीं देखा नजर हम चरों पर थी, वो अचानक से बोल पड़ी....
"तो पूरी छुछन्दरों की टोली मौजूद है"
इतना सुनते ही सब सन्न हो गए की ये सबके सामने कैसे बोल रही है जंहा सब सन्न थे वही दिया को बर्दास्त नहीं हुए ये बात और बोल पाडी.....
"भाइया ये चुहिया कौन है"
इतना सुनते ही हम चरों हंस पड़े क्योंकि मैं भी उसे चुहिया ही बुलाता था और अचानक से दिया भी बोल पाडी। मुझे दिल ही दिल में बहुत ख़ुशी हुए लकिन मैंने दिया को डांटते हुए....
"तूझे अकाल नहीं है क्या अपने सीनियर्स से कैसे बात करते है"
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अब जब नजर गयी सब पर उसकी और उसने अपनी क्लासमेट काजल और अनन्या कोदेखा तो थोड़ी झेंप गायी।
हम सब अपनी अपनी जगह ले लिए अबतक राजन और नीलेश भी आ गए थे । लेकिन जिस तरह से किरण और सिमरन उन दोनों से बात कर रही थी मुझे और मेरे मित्रों को झटका लगा क्योंकि उनको बात करता देख लग नहीं रहा था की पहली मुलाकात है।
अब हमें लगा 440 वोल्ट का झटका जब हमें पता चला की दोनों सिमरन और किरण के ही क्लासमेट है। मैं असीस को देख गुर्राया उसने शांत रहने का इशारा किया।
अब हमरी पार्टी शुरू हो चुकी थी हंसी मज़ाक और छोटे मोटे नोक झोंक से । एक बार फिर लोग हंस हंस के लोट पोट हो रहे थे मेरी और सैनी की पहली मुलाकात जानकार। अबतक तमन्ना का ओनर भी आ चूका था ।
पार्टी जब एन्ड पर थी तो मैंने एक वेटर को खींच कर मरा। सब देख कर दांग रह गए । चूँकि वंहा कुछ होने वाला है ये केवल हम चार मित्रों को ही पता था बांकी तो सब अंजान थे सारी बातो से ।
चुँकि खतरे का अंदेशा उन लोगों को भी था इसलिये देखते देखते उनके 10 लोग जमा हो चुके थे । ओनर ने आते ही पूछ..... तुम ने इसे क्यों मारा, दादागीरी है क्या बे ।
सबको आते देख मैंने पहले ही इशारा कर दिया असीस को। असीस ने काजल को पुलिस बुलाने बोल दिया उसने भी जब इतने लोगों ओनर देखा तो अपने पापा को फ़ोन कर दी और इधर ।
साजन भाई... ओनर से , देखिये थोड़ा तमीज से बात कीजिये ये बे,बे क्या लगा रखा है पहले जान तो लीजिए की मामला क्या है?
ओनर.... तुम सब अभी रुक मैं तुम लोगों की होश्यारी तेरे ****** मैं गुज़रता हू ।
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