Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
04-09-2022, 05:53 PM,
#41
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 37

बेगमो के साथ कहानी अभी बाकी है



स तरह मेरी मौसी की दोनों लड़कियाँ ज़ीनत और आरसी और मेरे चाचा की दोनों लडकियाँ रुक्सार और ज़ूनी के साथ मेरे निकाह और सुहागरात हो गयी थी। लेकिन अभी कहानी अभी बाकी है दोस्तों!

फिर मैंने अर्शी के कहते हुए सुना की वह हमेशा मेरी टांगो के बीच के बड़े पैकेज को देखकर अंदाजा लगाती थी की मेरा हथियार काफी बड़ा है और-और सोचती थी कि जब ये अंदर जाएगा तो कैसा मजा और आनंद मिलेगा। " ये कहते हुए अर्शी ने मेरी गेंदों को पकड़ लिया और उन्हें दबा दिया।


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मैं जोर-जोर से सांस लेते हुए लेट गया और पीछे झुक गया। अर्शी ने तेजी से एक बार फिर कड़ा होते हुए लंड को रुखसार की चूत से बाहर निकालने के लिए कड़ी मेहनत की और आखिरकार वह सफल हुई। उसका हाथ लंड के चारों ओर लिपटा हुआ था लेकिन फिर भी उसका छोटा-सा हाथ और उसकी उंगलिया लंड से उसके चारों ओर नहीं पहुँच रही थी। यह आधा कड़ा होकर भी लगभग नो इंच से लम्बा और बड़ा मोटा था। वह झुकी और उसके होठों ने उस पर काबू करने का प्रयास किया। उसके फैले हुए ओंठ और बल्बनुमा सिर के ऊपर सरक गए। जैसे ही उसकी जीभ सिर के चारों ओर चाट रही थी, उसका हाथ काले शाफ्ट की लंबाई से ऊपर और नीचे खिसक रहे थे। उसने लंड पर लिपटे मेरे वीर्य और रुखसार के सह की बूंदो का स्वाद चखा। मैंने अपना सिर पीछे झुका लिया और अपनी आंखें बंद कर लीं और अर्शी के मुंह और हाथ से मेरे काले लम्बे और बड़े लंड को चूसने का आनंद लिया।


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जूनि ने अपना हाथ उसके सिर के पीछे रखा और धीरे से उसे और अधिक लेने के लिए प्रोत्साहित किया। अर्शी का जबड़ा पूरा खींच गया क्योंकि लंड नौ इंच की लम्बी चट्टान की तरह पूरा फैला हुआ था और उसके चूसने से और बड़ा हो गया लेकिन धीरे-धीरे वह आधे से ज्यादा हिस्से को अपने मुंह में लेने में कामयाब हो गई। अब उसका हाथ मेरी गेंदों को निचोड़ रहा था और उसका सिर तेजी से ऊपर-नीचे हो रहा था और उसने बढ़िया चुसाई की।

मैंने दोनों हाथों का इस्तेमाल करकेअर्शी का सिर मजबूती से उसकी ओर खींचा। जैसे ही मेरा लंड उसके गले में घुसा, उसकी नाक मेरी झांटो में चली गई और मेरी प्यूबिक बोन से मजबूती से दब गई। उसने महसूस किया कि उसके गले की दीवारें मेरे लंड के सर के किनारों को कसकर रगड़ रही हैं और उसे लगा कि उसके गले की मांसपेशियाँ सिकुड़ रही हैं और वह मेरे लंड को निगलने की कोशिश कर रही थी । अर्शी ने मुझे धक्का दिया और अपना सिर पीछे खींच लिया। वह ठिठक गई और खांसने लगी और अपनी सांस रोक ली। मैंने उसका सर पकड़ लिया और उसे अपने लंड की पूरी लंबाई के नीचे खींच लिया।

अर्शी ने अपनी सांसें रोक लीं और तेजी से मुँह को लंड के ऊपर और नीचे किया और मैं उसके मुँह को चोदने लगा। मैंने अर्शी के स्तन दबाये और उसके निपल्स को जोर से दबा दिया। अर्शी मेरे लंड के आसपास दर्द और खुशी से कराह उठी। अर्शी के जबड़े में दर्द होने लगा और गले में दर्द होने लगा। वह सोचने लगी कि क्या ये कभी रुकने वाला है। उसने दूर होने और हार मानने के बारे में सोचा और अंत में अपने मुंह में सिर्फ लंडमुंड को पकड़ लिया और फिर जब लंड गले में गया तो मैंने उसके मुंह में एक बार फिर विस्फोट कर दिया,। वह निगल गई, लेकिन वह जितना नियंत्रित कर सकती थी, उससे कहीं अधिक वीर्य था और कुछ उसके ओंठो से लीक हो लंड के चारो तफ फ़ैल गया और नीचे बह कर मेरी गेंदों पर पहुँच गया।

मेरी मणि की बड़ी धार उसके गले के ठीक अंदर जा कर लगी और वही चिपक गयी और अर्शी उस गाढ़ी मणि की निगलने की कोशिश करने लगी। चिपचिपाहट के कारण, वह मणि को निगल नहीं पायी।

साथ ही मैं लंड को आगे पीछे भी कर रहा था जिससे मेरे अंडकोष उसकी नाक से टकरा कर नाक को भी दबा रहे थे, उसके मुँह में मेरा लंड ठूसा हुआ था इसलिए जब लंड बाहर निकलता था तब वह केवल नाक से ही साँस ले पा रही थी और इस बीच मैं पिचकारियाँ मार रहा था।



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उसे सांस लेने में दिक्कत हुई और वह खाँसने लगी और उसकी नाक से मेरे वीर्य निकल आया, मैंने उसके मुँह के अंदर पम्पिंग करनी और पिचकारियाँ मारनी जारी रखी हुई थी। गाढ़ी मणि से उसका नाक मुँह और गला भर गया जिससे खांसी हुई और अब मणि निगलना और भी मुश्किल हो गया। उसने मेरी और देखा तो उसे तकलीफ में देख कर मैंने लंड बाहर निकाल लिया और आखरी कुछ पिचकारियाँ उसके मुँह पर मार दी जिससे मेरी मणि उसके मुँह आँखो गालो माथे और बालो तक फ़ैल गया lऔर कुछ उसके गले में गया और कुछ उसकी नाक से बह रहा था, मैंने अर्शी को रिहा कर दिया और जूनि और ज़ीनत से कहा कि वह हमे चाट कर साफ करे, जो उन्होंने तुरंत किया।

अर्शी ने अपने होठों को चाटा और मुझे देखकर मुस्कुराई, "वाह, मैंने ऐसा कभी पहले अनुभव नहीं किया।"

" मुझे खुशी है कि आपको यह पसंद आया, इसलिए मैंने भी किया।

फिर अर्शी ने बताया कि वह और उसकी तीनों बहने अब आगे से मेरे साथ एकसाथ सेक्स करना चाहती है। यह सुनकर मेरा लंड फिर से कड़ा होने लगा और मैं अपनी चार प्यारी बेगमो को एकसाथ चोदने और के बारे में सोचने लगा था। इससे पहले कि मैं एक बार फिर रुखसार को छोड़ना शुरू करता अर्शी ने मेरे लंड को एक बार फिर से निचोड़ दिया।

मैंने उसके बाद एक बार फिर रुखसार को अपने पर चढ़ा लिया वह मेरे से लिपट गयी। मैंने कई मिनट रुखसार को चूमने और सहलाने और टटोलने के बाद उसके पूरे शरीर को रगड़ा और मैंने उसके स्तनों को सहलाया। मैंने उसके स्तन दबाये तो महसूस किया कि रुखसार की चूत की मांसपेशियों मेरे लंड पर को कस गयी।

रुखसार की तंग चूत ने मेरे लंड को अपने अंदर मजबूती से जकड़ रखा था। मेरा लंड उसकी मांसपेशियों का दबाब महसूस कर रहा था। अपने पहले के अनुभव को याद करते हुए मैंने अपने हाथ उसके स्तनों पर रख उन्हें धीरे से दबाया तो चूत के मांपेशिया कसने लगी और फिर निचोड़ा और। जैसे ही मैं उसके स्तनों को निचोड़ता उसकी मांसपेशिया तेजी से कस कर लंड को निचोड़ने लगी रुखसार की चूत की आंतरिक मांसपेशियों सुकड़ने लगी उसकी चूत संकुचन करने लगी और उसकी मांपेशिया मेरे लंड को निचोड़ कर मेरे लंड पर अपनी पकड़ मजबूत कर लेती थी। वह आगे झुकी और मुझे किश करने लगी अब लगा चूत भी लंड को चूसने लगी थी।

मैं साथ में उसके स्तन दबा और निचोड़ रहा था-था तो उसके कसी हुई चूत मेरे लंड को दबा और निचोड़ रही थी। मैं धीरे-धीरे लंड आगे पीछे करता रहा और फिर स्पीड बढ़ती गयी। उसके कसकर मुझे गले लगा लिया, हमने जोश से चूमना जारी रखा और मैं लंड आगे पीछे करता रहा। रुखसार की चूत ने प्रतिक्रिया में मेरे लंड को मेरे स्तन दबाने के गति से निचोड़ना और छोड़ना शुरू कर दिया। जल्द ही वह कांपने लगी और उसका बदन ऐंठने लगा और मेरे लंड में भी ऐंठन होने लगी और फिर मेरा भी बदन काम्पा और मैंने पिचकारियाँ मार दी साथ ही में वह भी झड़ी। मैंने जोर से कराहते हुए अपने अंडकोष खाली कर दिए और उसके बाद भी लंड अंदर बाहर करना जारी रखा और कराहते हुए हांफते हुए उस पर लेट गया।



शाम को जीनत ने मुझे बताया कि अर्शी को मेरा लंड चूसने में कितना मज़ा आया और बताया कि मेरी चारों बेगमो ने आज रात ही से मेरे साथ एकसाथ रहने और चुदाई करवाने का फैसला किया है। "

मैंने बोला ठीक है आप मुझे लगता है कि यह मजेदार होगा। मुझे ये मंजूर है लेकिन याद रखना कि जब हम एक बार जब हम शुरू कर देंगे तो मैं पूरी तरह से नियंत्रण करूँगा और आप सब वही करेंगी जो मैं कहूंगा। "

" ठीक है, बढ़िया, मैं सब लड़कियों को बता दूँगी।



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रात में मैंने दरवाज़ा खटखटाया और जीनत आपा ने दरवाजा खोल कर मुझे अंदर आने के लिए कहा। जैसे ही मैं बड़े बैडरूम में गया, मैंने देखा कि चार पत्नियाँ मेरे सामने छोटी-छोटी ड्रेस पहने हुई खड़ी थीं। मैंने एक मिनट सोचा और फिर कहा। "मैं आप आपकी ड्रेस को उपहार की तरह से खोलना पसंद करूंगा और जब तक मैं ये करूंगा, तब तक आप सब चुपचाप खड़ी रहें।" कुछ ड्रेस बहुत महंगी थी लेकिन मैं धीरे-धीरे उन्हें खोलना शुरू किया और उनमे-सी कुछ को नहीं खोल पाया तो मैंने उन ड्रेसों को फाड़ दिया, लेकिन जब तक मैं आखिर तक पहुँचा और तीनों महिलाएँ नग्न हो चुकी थीं, तब तक प्रत्येक महिला चुपचाप खड़ी रही और अमीने उनके कपड़े को चीर फाड़ कर तार-तार दिया। वे सभी उत्तेजित थी और उनके निप्पल सख्त हो गए थे। मैंने देखा कि उन सभी ने झांटो के बाल नए सिरे से मुंडाए हुए थे। मेरा लंड इस बीच कड़ा होने लगा ।

"मैंने ज़ीनत की ओर इशारा किया," आपा आप आओ और मेरे कपडे उतारो। "मैंने जैसा कहा जीनत आपा ने मुझे किस किया और किस करते हुए बड़े ही मादक अंदाज में मेरा कोट उतार दिया।" अब वापस लाइन में लग जाओ। "फिर मैंने अर्शी की ओर इशारा किया," तुम आओ और मेरी शर्ट उतारो। " अर्शी ने ऐसा किया और मुझे चूमते हुए मेरी शर्त उतारी और-और फिर वापस लाइन में आ गई। सभी ने मेरी मांसपेशियों वाली कसरती छाती और सपाट पेट की प्रशंसा की। फिर जूनी ने भी मुझे मेरे ओंठो से चूमते हुए मेरी छाती को चूमा और फिर मेरी पैंट उतार दी और मेरे लंड के कठोर उभार साफ़ दिखने लगे और अंत में रुखसार ने मेरे ओंठो से चूमते हुए मेरी छाती को चूमा और फिर टांगो को चूमते हुए नीचे के शॉर्ट्स को हटा दिया, जिससे मेरी खड़ी मर्दानगी बाहर निकल गई और चार उत्तेजित महिलाओं के सामने सीखा खड़ा होकर उसने तुनक कर सलाम ठोका।



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"वाह।" "ओह" और "क्या बात है बहुत बड़ा और शानदार है" चारो तरफ से ये ही सुनाई दीया।


कहानी जारी रहेगी
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05-27-2022, 12:29 AM,
#42
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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 38

ज़ीनत आपा की मदहोश अदा




कुछ न पहने होने की वज़ह से ज़ीनत आपा की मोटी मुलायम और गुदाज रान अपनी पूरी आबो ताब के साथ मेरी भूखी और प्यासी आंखों के सामने नीम नंगी हो रही थी। उसी कमरे में लगे शीशे में ज़ीनत आपा को अपना अक्स नजर आया और उन्होंने अपनी मुलायम रानों पर एक नज़र दौड़ाई, तो उन्हें अपनी सुहागरात का वाक़्या याद आ गया। जब मैंने पहली बार उनकी गान्ड और चूतड़ों पर बड़े ज़ोर और जोश से काटा था।

एक अरसा गुज़र जाने के बावजूद जीनत आपा को अपने दूल्हे के दांतों की चुभन अपनी गान्ड की पहाड़ी पर महसूस हो रही थी।

जीनत आपा ने अपना एक हाथ पीछे लेजा कर अपनी गान्ड घुमा कर और थोड़ी तिरछी हो कर शीशे में अपनी गान्ड को देखने लगी। कि कहीं मेरे "काटने" का निशान अब भी उनकी गान्ड की पहाड़ी पर बाक़ी तो नही।


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मैं उनकी जांघो और चूत को घूरने लगा तो ज़ीनत आपा ने शर्मा कर अपनी जांघो को सिकोड़ कर जोड़ लिया और तक टांग मोड़ कर अपनी चूत छुपाने लगी इनकी इस अदा ने मेरा दिल और लंड को घायल कर दिया। अपनी आपा को यूं अपनी गान्ड का जायज़ा लेता देख कर कमरे से बाहर खड़े खड़े मेरे होश की उड़ गये और मेरा लंड पहले से ज़्यादा रफ़्तार से फ़न फनाने लगा।

फिरजीनत आपा ने ड्रेसिंग टेबल से स्किन माय्स्चर क्रीम उठाई.और एक-एक कर के अपनी दोनों गुदाज रानों और लंबी-लंबी टांगों पर क्रीम लगाने लगी।

मैं अपनी बड़ी बेगम जो की शानदार और मस्त मचलती जवानी को देख कर मस्ती से बेक़रार हो रहा था।

आज ज़ीनत आपा की रसभरी जवानी एक अनोखा ही रस दे रही थी।

"हाये! मेरी जीनत मेरी जान! आपा अगर आप मुझे इजाज़त दो, तो में अपने लंड की टोपी पर क्रीम लगा कर तुम्हारी मोटी रानो पर अपने लंड से मालिश कर दू" कमरे में अपनी ज़ीनत आपा को अपनी गरम और मोटी रानों पर क्रीम से भरे हाथ फेरते देख कर गरम होते हुए मैंने मन में कहा।

फिर मेरे देखते ही देखते जीनत आपा ने एक बहुत ही मदहोश अंगड़ाई ली और मेरी तीनो छोटी बेगमे अर्शी जूनि और रुखसार उनकी और देखने लगी।

ज़ीनत की-की इस अंगड़ाई से उस के मोटे और बड़े मम्मे ऊपर की तरफ़ छलक उठे। तो मैं ज़ीनत आपा बहन की इस मदहोश अदा से मज़ीद गरम और बेचैन हो गया।

मदहोश करने वाली इस अंगड़ाई को देख कर किसी भी मर्द के लिए ख़ुद पर काबू रखना एक ना मुमकिन बात होती। बिल्कुल ये ही हॉल मेरा भी ज़ीनत आपा के जवान बदन को देख कर उस वक़्त हो रहा था। फिर मैंने अपनी चारो कजिन्स के बदन पर नजर डाली और मेरा लंड अपनी कजिन्स के बदन के खूबसूरत नज़ारे से फुल मस्ती में आया हुआ था। और उनके बारे में सोच-सोच कर मैं बहुत गरम हो रहा था। और मेरे हाथ मेरे खड़े लंड पर आहिस्ता-आहिस्ता फिसल रहे थे।

" ओह क्या मस्त मम्मे हैं मेरी कजिन्स के और क्या शानदार टाइट चूते है, हाय!

"चलो अब चारो अपने घुटनों के बल बैठो" , मैंने दृढ़ता से कहा। जब उन्होंने ऐसा किया तो मैं उनके सामने खड़ा हो गया।



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अर्शी ने उत्साह से कहा, " मैं, मैं। मैं। पहले मैं! और वह सबको धकेल कर आगे बढ़ी और जीनत गिरते-गिरते बची और अर्शी ने मेरे लंड के चारों ओर अपना हाथ लपेट लिया और अपने होंठ मेरे लंड के सर पर रख कर लंड को लगभग तीन इंच अंदर ले गई। तभी जूनि भी आगे हो गयी और उसने मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया और उसे सहलाया। । तभी रुखसार आगे आयी और उसने अर्शी और जूनि के सर और हाथो को पीछे किया और लंड को चूमने लगी । और फिर अर्शी बोली जूनि और रुखसार पहले मैं आयी थी तुम्हे मुझे क्यों हटाया और तीनो में छोटा-सा युद्ध शुरू हो गया ।

मैंने कहा तीनो रुक जाओ और ज़ीनत आपा आप पहले आओ और अर्शी जूनि और रुखसार हालांकि तुम तीनो मुझे बराबर अजीज हो और मैंने तुम तीनो को अपने प्यार का बरारबर हिस्सा दूंगा लेकिन तुम तीनो ने फिर से झगड़ा किया है । मैंने तुम्हे पहले भी झगड़ा करने से मना किया था और तुमने जीनत आपा को भी धकेला है इसलिए अब तुम तीनो को पहले सजा मिलेगी तुम तीनो आपस में भी लड़ती हो इसलिए अब तुम्हारी चुदाई नहीं होगी l

तो तीनो एकदम तड़प उठी और मुझसे माफी मांगने लगी और बोली अब कभी नहीं लड़ेंगी और तुम जो कहोगे वही करेंगी l

यह सुनकर मेरे होंठ मुस्कुरा उठे l

तो मैंने कहा ज़ीनत आपा तुम सब से बड़ी हैं तुम्हे उनसे माफ़ी मांगनी चाहिए और उनका हुक्म मानना होगा ।

तो तीनो ज़ीनत आपा से माफ़ी मांगने लगी

तो मैंने कहा की ज़ीनत आपा के पैर चुम कर उनसे माफ़ी मांगो तो तीनो ने ज़ीनत आपा के पैर चूमने चाहे तो उन्होंने तीनो को रोक दिया और उन्हें गला लगा लिया । मैंने कहा सीखो तुम आपा से और अब वादा करो को उनकी सब बात मानोगी ।

ज़ीनत आपा बोली तो तुम तीनो को वादा करना होगा l

पहला कभी आपस में नहीं लड़ोगी और मिल कर रहोगी l

तीनो बोली हमें कबूल है अब आपस में कभी नहीं लड़ेंगी कभी ज़ीनत आपा से भी नहीं लड़ेंगी l

ज़ीनत फिर बोली दूसरा तुम सलमान की भी सभी बातें मानोगी l

तीनो बोली हमें कबूल है सलमान भाई की सब बाते मानेंगी और सलमान भाई की ख़ुशी में ही हमारी ख़ुशी होगी l

तीनो आगे बोली हमें कबूल है सलमान की सब बाते मानेंगी पर एक शर्त है सलमान भाई कभी भी हमें चोदना बंद नहीं करेंगे।

तो मैंने कहा तुम चारो बहुत प्यारी हो । मैं भी वादा करता हूं अब तुम सब को कभी मेरी चुदाई के लिए तरसना नहीं पड़ेगा l बस तुम ज़ीनत आपा की सब बाते मानना और उन तीनो को अपने गले लगा लियाl ज़ीनत आपा भी हमारे साथ में चिपक गयी l मैंने चारो को बारी-बारी किश किया ।

फिर अर्शी की टांगो


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के बीच मेरा लंड घुस गया था उसने मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया और उसे सहलाया।

मैंने जल्द ही लंड उससे दूर खींच लिया। "आपको अपनी बहनो के साथ साझा करना होगा। चिंता न करो मेरा वादा है आपको अपना हिस्सा मिलेगा।"

अगले कई मिनटों तक, मैं चार आकर्षक और बहुत उत्साही में सबसे पहले अपना लंड चूसवाने के लिए जीनत आपा के पास गया । वह मेरे विशाल लंड को अपने गले में पूरा ले गयी।

ज़ीनत आपा ने मेरे लंड पकड़कर मुहं में ले लिया और कसे ओठो के साथ पूरा अन्दर लेती चली गयी।

एक दो बार सुपाडा चाटने के बाद जीनत आपा ने थोड़े और ओठ चौड़े किये और मुहं खोला। धीरे से मेरे लंड के सुपाडे के चारो ओर ओठो का घेरा बना लिया। लार से सनी लसलसी जीभ अब सुपाडे के चारो ओर घूम रही थी।



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मेरी कामुक कराहे उसकी उत्तेजना के साथ बढ़ रही थी, उसके नितम्ब बढ़ती उत्तेजना के कारन ऐठ रहे थे। जीनत अपने हाथ को फिर से लंड की जड़ में ले गयी और लंड के सुपाडे के थोड़ा-सा और मुहं के अन्दर ठेल दिया, देखते ही देखते, लाल सुपाडा ज़ीनत के गीले और गरम मुहं में समा गया। जैसे ही ज़ीनत ने लार से भरा मुहं से मेरी कमर के झटके से हिलते लंड के सुपाडे को पहली बार चूसा, मेरे मुहं से हल्की-सी मादक आह निकल गयी।

ज़ीनत की लार से सनी गुनगुनी जीभ मेरे फूले हुए टमाटर की तरह लाल हो चुके सुपाडे के चारो तरफ नाच रही थी बीच-बीच में मुहं खोलकर ज़ीनत अपनी लम्बी जीभ लंड पर फिराती हुई नीचे की तरह ले जाती और फिर शरारतपूर्ण तरीके से वापस मुहं में ले आती।

ज़ीनत मेरे लंड के सुपाडे पर जीभ फिर रही थीऔर सुपाडे को जीभ से चाट रही थी जैसे कोई लोलीपोप चूसता है।

उसके बाद ज़ीनत ने मेरे सुपाडे को कसकर ओठो से जकड लिया। ओठ बंद करके सुपाडा चूसने लगती, जैसे बच्चे टॉफी चूसते है और धीरे-धीरे अपना सर हिलाने लगी, मैं कामुक लम्बी कराहे भर रहा था।

कहानी जारी रहेगी
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05-27-2022, 12:30 AM,
#43
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 39

चारो बेगमो ने लंड चूसा और चाटा



ज़ीनत आपा लंड चूसते हुए मेरी तरफ पूरी झुक गई और मेरा अधिकांश लंड उसके गले में निगल लिया। मैंने उसके सिर को पकड़ रखा था क्योंकि वो अब मेरे लंड को बेतहाशा चूस रही थी .

फिर कुछ देर बाद मैंने ज़ीनत आपा को रोका और रुखसार की तरफ हो गया और मैंने उसे पास आने को कहा।

उसने उत्सुकता भरी निगाहों से मेरे लंड को देखा. उसने आँखों से लंड के तनाव को नापने की कोशिश की.


अपने हाथ से उसने मेरी जांघ को छुआ। फिर उसने धीरे से अपना हाथ मेरी टांग पर तब तक ऊपर किया जब तक कि उसका हाथ मेरे विशाल लंड और गेंदों के पास नहीं आ गया । फिर बहुत धीरे-धीरे, उसने अपना हाथ तब तक हिलाया जब तक कि वह सीधे मेरे लंड पर न आ गया । उसने फिर इतनी धीमी गति से, उसे सहलाना शुरू किया और देखा कि जैसे-जैसे उसने ऐसा किया मेरा लंड कठोर होता जा रहा था । उसका हाथ उत्तेजना से काँप रहा था। कुछ देर मेरे लंड को रगड़ने के बाद, उसने सोचा कि अब वह लंड को थोड़ा और करीब से देख लेगी।

धीरे-धीरे सहलाते हुए, वो अपना सिर मेरे लंड से लगभग चार इंच की दूरी पर ले आयी और अब मेरा लंड उसके गाल को छू रहा था, उसकी आंख के ठीक नीचे, और उसका हाथ मेरी गेंदों को सहला रहा था। वह अपनी आँखें खोले हुए मेरे खड़े हुए विशाल लंड और विशाल गेंदों का स्पर्श अपने चेहरे पर गालो पर महसूस कर रही थी ।

फिर रुखसार ने मेरा लंड हाथ में लिया और उसके नाजुक कोमल हाथों में आते ही लंड उछलने लगा. लंड की धड़कन, उछाल कूद रुखसार को बहुत पसंद आ रही थी. जब वह अपने हाथों से उसे दबाती तो लंड ऊपर की तरफ उछलता. रुखसार को इस काम में बहुत मजा आ रहा था. उसके मुंह से निकल गया ओह आपी यह कितना प्यारा और सुंदर है” तो ज़ीनत आपा बोली . ये शैतान भी बहुत है ये सुन कर हम सब हँस पड़े वह शर्मा गयी. उसने अपनी उंगलियों से लंड को छुआ. फिर वह मेरे लंड के साथ अपने दोनों हाथों से खेलने लगी. जैसे जैसे वह लंड से खेलती गयी मेरा तनाव बढ़ता गया

फिर उसे लंड को ओंठो से चूमा और ओंठो को लंड पर दबा दिया। फिर वह नीचे पहुंची और मुंह खोला और जीब निकाल कर मेरे लंड को अपनी जुबान से चखने लगी . मैं भी उसके होठों को अपने लंड के नीचे दबा रहा था। फिर रुखसार ने मेरे लंड पकड़कर मुहं में ले लिया और कसे ओठो के साथ पूरा सुपाड़ा अन्दर लेती चली गयी।

एक दो बार सुपाडा चाटने के बाद रुख़्सार ने ओठ चौड़े किये और मुहं खोला। धीरे से मेरे लंड के सुपाडे के चारो ओर ओठो का घेरा बना लिया। लार से सनी लसलसी जीभ अब सुपाडे के चारो ओर घूम रही थी।

अपने लंड को अपने मुँह में भरते हुए उसने जो उत्साह महसूस किया और उसने आधे लंड को निगल लिया, और मेरे लंड के मोटे सुपाड़ी को अपने मुँह से अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।

मैं अभी झड़ने वाला था तो मैंने उसे रोका और अर्शी को अपने पास बुलाया . उसने लंड को अपने मुँह में भरते हुए उसने लंड की कठोरता को महसूस किया और आधे लंड को सीधे अंदर निगल लिया, और मेरे मोटे सुपाड़ी को अपने मुँह से अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।


वह झुकी और उसके सिर को चाटा। जैसे ही उसकी जीभ ने मेरे लण्ड के सिरे को छुआ तो लंड ऊपर को उठा । उसने लंडमुंड को अपने मुँह में चूसा और अपनी जीभ लंडमुंड और सुपाड़ी पर घुमाई
चारों ओर से। उसने अपनी जीभ से पेशाब के छेद के नीचे के उस कोमल स्थान की मालिश की।

"अर्शी, ऐसा मत करो। मैं अभी तुम्हारे मुंह में पिचकारियां नहीं मारना चाहता।

उसने अपना सिर हिलाया। मैंने अर्शी के मुंह में जितना हो सके अपने लंबे लंड को आगे धकेल दिया। और उसने लंड को कस कर चूसा। उसने प्यार से अपनी जीभ मेरे लंड के सिर पर दौड़ाई। उसने लंड के चारों ओर अपनी जीभ से छेड़छाड़ की।

उसकी जीभ द्वारा खोजे जा सकने वाले हर संवेदनशील बिंदु पर मुझे बहुत मज़ा आया। वह हर बार एक नया बिंदु मिलने पर मेरे शरीर के कांपने को महसूस कर रही थी ।
फिर वो धीरे धीरे चूसते हुए लंड पर मुँह आगे पीछे करने लगी और जब मुझे लगा अब मैं ज्यादा देर रुक नहीं पाऊँगा तो मैंने उसे रोका और जूनि को आपने पास बुलाया .

जूनी ने जल्दी से लंड को किश किया और फिर मुँह खोला अपने लंड को निगल लिया और उसने बहुत जल्द लंड पर अपने मुंह के अंदर और बाहर जाने वाली एक गति विकसित कर ली और फिर जब उसने देखा कि मैं भी उसकी गति से ले मिला कर अपने लंड को उसके मुंह के अंदर धकेल रहा था। उसने पाया की मेरा लंड तब तक काफी सख्त और मोटा हो गया था, और मेरी गेंदों पर त्वचा कस गई, मैं अपने पैरों पर से पूरी तरह से नियंत्रण खो रहा था और वो अब तेजी से कांपने लगे थे । जब मैं लंड अंदर धकेल रहा था ऑटो मुझे डर था कि कही लंड उसे चोट तो नहीं पहुँचा रहा होगा, क्योंकि मेरे लंड का सिर हमेशा प्रत्येक ढ़ाके के बाद संवेदनशील हो जाता था, और वो अपना सिर लंड के चाओ तरफ घुमा रही थी, उसकी जीभ मेरे लंड के सिर पर घूम रही थी।

जब मुझे लगा अब मैं इसे और नहीं रोक सकता तो मैंने लंड बाहर निकाल लिया और अगले कई मिनटों के लिए, मैं चार आकर्षक और बहुत उत्साही अपनी चारो बेगमो में से प्रत्येक द्वारा अपना लंड चुसवाते रहा । चारो में से अर्शी ही अकेली थी जो मेरे विशाल लंड को पूरा गले में अंदर तक ले गयी थी। अंत में मैंने उनसे कहा कि वे चारो अपने चेहरे एक साथ ले आये । मैं उनके सामने खड़ा हो गया और मेरे लंड को मैंने हाथ से आखिरी कुछ झटके दिए। "मुँह खोलो।" चारो बेगमे ऐसी लग रही थीं जैसे बच्चे पक्षियों को खिलाए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हों। मेरे लंड ने फिर जो पिचकारी मारी और कुछ वीर्य उनके खुले मुंह में चला गए लेकिन इससे भी अधिक उनके चेहरो पर फ़ैल गया उनकी आंखों को ढक लिया और स्तनों पर टपक गया । फिर जब मैंने अंत में पिचकारी मारना बंद कर दिया, तो वे सभी चिपचिपे मोटे सफेद वीर्य में ढँकी हई थी थे। रुखसार की ठुड्डी से वीर्य टपक रहा था । "एक दूसरे को चाटो और साफ़ करो ।" जल्द ही उनके चेहरों और बदन पर मेरे वीर्य का कोई कतरा नहीं था।


कहानी जारी रहेगी
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05-27-2022, 12:32 AM,
#44
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 40

चलो अब एक साथ नहाते हैं


अर्शी ने कहा, "चलो अब एक साथ नहाते हैं ," और हम मास्टर बाथरूम की ओर चल पड़े। घर में बहुत बड़ा बाथरूम था और पांचों को उसमें नहाने में कोई परेशानी नहीं हुई। मैं चारो को बड़े बाथटब में ले गया मैंने एक हाथ में रुखसार और ज़ीनत का हाथ और दुसरे में अर्शी और जूनि के हाथ पकड़, हम सब के सब उस छोटे से बाथटब में उतर गए। हम सब पानी में हर तरह की शरारते कर रहे थे,

कभी लड़कियों पर पानी के छींटे डाल कर और कभी तो उनका सिर और कानों को दबाकर, और उन्हें हर संभव तरीके से उकसाया , और उन्हें धोने के लिए मैंने अपने हाथों को हर आज़ादी दी। हर हिस्से को सहला स्तनों को निचोड़ और उनकी चूचियों , उनकी मुलायम बेलो जैसी टाँगे , उनकी जाँघों, उनके चूतड़ों और दूसरे सभी हिस्सों को रगड़ते हुए मैं उनके साथ खेल रहे था और लड़किया भी यथा संभव मेरा और मेरी अन्य बेगमो का साथ दे रही थी . रुखसार शुरू में सिर्फ मेरे साथ चिपकी हुई थी वही बाकी तीनो ज़ीनत अर्शी और जूनि पहले मेरे साथ फिर बारी बारी से आपस में भी मजे ले रही थी. रुखसार को मरे साथ साथ तीनो लड़किया भी छेड रही थी, तो वह भी मुस्कुरा कर उनके अंगो पर पानी के छींटे मार देती थी l सच में बहुत मजा आ रहा था .


रुखसार ने मुझे कसकर गले लगाया। मेरा लंड अब सीहड़ा और एकठोर हो चूका था और उसके योनि क्षेत्र पर दब रहा था, मैंने अपना चेहरा उसके नंगे स्तनों के अंदर छुपाने के लिए नीचे किया। मैंने अपना मुँह खोलकर और अपनी जीभ से चारों ओर चाट कर उसके उसके निपल्स को चूमा और फिर चूसने लगा। मेरे हाथ उसकी पीठ पर थे और वे नीचे फिसल गए, उसके कमर पर से फिसलते हुए उसके नितंबों तक पहुँच गए। मैंने उसके नितम्बो को प्यार से छुआ और धीरे से थपथपाया।

"तुम्हारा पिछवाड़ा भी कितना प्यारा है" मैंने प्रशंसा करते हुए कहा। हम दोनों बिलकुल नग्न और करीबी आलिंगन की स्थिति में थे। जीनत ने शॉवर ऑन कर दिया। पानी धीरे-धीरे बहने लगा-उसके बालों से, उसके स्तनों के नीचे, नीचे उसके योनि क्षेत्र में उसकी जांघों के नीचे, पैरों के नीचे और उसके पैर की उंगलियों से पानी बहने लगा । मेरा लंड का उभार उसकी योनि क्षेत्र में उसे चुभ रहा था और लंडमुंड उसकी योनि के ओंठो का चुंबन ले रहा था . हम दोनों एक दुसरे को सहलाते हुए चूमने लगे । उसका हाथ मेरे लंड पर गया उसने मेरे इरेक्शन के ऊपरी वक्र के नीचे अपनी उँगलियों को फंसाया, शाफ़्ट को अपने हाथ में हिलाया उसका हाथ लंड की परिधि के चारों ओर मध्य-लंबाई पर फैला, केवल उसकी मध्यमा और अंगूठे की मदद से उसने गोल घेरा बना कर लंड को पकड़ा और मेरी लाल गर्म छड़ की पूरी लंबाई पर अपना हाथ आगे पीछे घुमाया ।

अर्शी ने कहा, अब हम तुम दोनों को साबुन लगा कर नहला देती हैं । वह मेरे कंधों को सहलाने लगी और फिर कंधो पर साबुन मलने लगी। जैसे ही उसने मेरी नग्न त्वचा को छुआ, एक कंपकंपी मानो मेरे शरीर से गुजर गई। मैं जोर-जोर से सांस ले रहा था और मेरा पूरा शरीर गर्म हो रहा था।

फिर जूनि धीरे-धीरे वह मेरी पीठ को रगड़ने लगी और मेरी मांसपेशियों को महसूस कर रही थी । उसके गर्म, कोमल हाथ मुझमे कामुक संवेदनाओ को जगा रहे थे । फिर उसने अपने हाथों को मेरे नितम्बों पर फिराया और अपनी साबुन लगी उँगली को मेरी गुदा से एक दो बार गुजारा और फिर उसने मेरी टांगो और पैरो को साबुन के साथ रगड़ा और सहलाया।

जीनत बोली आमिर! अपने हाथ उठाओ।

मैंने मुड़ा और देखा कि वह मेरे शरीर को रगड़ने के लिए आगे को झुकी हुई थी और उसके शंक्वाकार स्तन मेरे सामने लटक रहे थे और मैं नियंत्रित नहीं कर सका और मैंने अपने हाथों को उसके कंधों पर रख अपना मुंह उसके स्तन के करीब लाया और उन्हें चूमा।

आआह !

वो बड़बड़ायी, आमिर! और मेरे छाती पर साबुन रगड़ने ;लगी! वह मेरी धड़कनों को अपनी हथेलियों पर स्पष्ट रूप से महसूस कर रही थी, मैं निश्चित रूप से उसके स्पर्श से उत्तेजित था। कुल मिलाकर, वास्तव में यह एक अद्भुत एहसास था!

तीनो ने मुझे और फिर रुखसार को साबुन लगाया और फिर आपस में एकदूसरी को साबुन लगाया और फिर अपने शरीर को एक साथ मेरे और रुखसार के साथ रगड़ा। मैंने उनमें से प्रत्येक को उँगलियों से चोदा और वास्तव में कोशिश किए बिना ही सबसे पहले जूनी में एक चरमोत्कर्ष अनुभव किया। इस बीच मैंने उन सबके ओंठो को खूब चूसा और और स्तनों को बुरी तरह से दबाने के बाद चूमा चाटा और चूसा । इसके बाद ज़ीनत और फिर अर्शी ने उसने प्रेम के जलाशय की बाढ़ को खोल दिया .

फिर मैंने रुखसार को अपने गले से लगा कर कुछ देर उसकी पीठ को सहलाया और फिर मेरे हाथ उसको स्तनों पर चले गए और उन्हें दबाने लगेl उसके बूब्स सुडोल और बड़े बड़े थे और उसके निप्पल भी उत्तेजित हो चुके थेl मैं उसके स्तन पकड़ कर उनकी दृढ़ता को महसूस किया और उनके दवाया l उसके निप्पल उत्तेजना में खड़े हो चुके थे l फिर मैंने उसके स्तनों को चूमा सहलाया दबाया. तो जीनत ने मुझे पानी दाल कर धोना शुरू किया और जूनि ने फिर से शावर चला दिया और जल्द ही साबुन नकल गया

और मैं ज़ीनत का एक निप्पल को अपने मुँह में ले कर चूसने लगा, फिर उसके दुसरे निप्पल को चूसा l फिर ऐसे ही एक एक कर चारो के दोनों निप्पलों को चूसता रहा.

उत्तेजना के वजह से उसके स्तन और कड़े हो गएl मैंने रुखसार को अपनी छाती के साथ चिपका लिया तो उसके गोल सुडोल स्तन और निप्पल मेरे छाती में गड गएl बता नहीं सकता मुझे क्या मजा आया l फिर मैंने उसको सीने से लगा कर रखते हुए उसके ओंठो को दुबारा चूमना शुरू कर दिया l फिर मेरा हाथ फिसल कर सीधा उसकी गांड तक पहुँच गयाl


ज़ीनत ने मेरे बालों से शैम्पू हटाने के लिए मगे भर कर पानी और अपने हाथ का इस्तेमाल किया।

फिर अर्शी ने धीरे-धीरे मेरे दाहिने हाथ और बाजू को सहलाना शुरू किया, उन्हें सूंघते हुए, उसने मेरी बाजुओं को जानबूझकर धीमी विधि के साथ स्क्रब किया, , उसने जहां भी रगड़ा, उसका स्पर्श स्फूर्तिदायक और शांत करने वाला, उत्तेजक और आश्वस्त करने वाला था। वो स्पर्श करते हुए मुझे साबुन रगड़ती रही और पानी डालती रही . ऐ मैं ना केवल युवा और तरोताजा महसूस कर रहा था, बल्कि अधिक कामुक हो रहा था ।

अर्शी ने मेरे पूरे बाए शरीर को अपने हाथों से धोया, मेरे हर हिस्से को साफ करने, दुलारने और छेड़ने के लिए उनका इस्तेमाल किया, सभी बाहरी, या वास्तव में लगभग आंतरिक, जहां वह पहुंच सकती थी। उसने मेरी त्वचा को रगड़ना जारी रखा । उसने मुझे कभी-कभी अपनी तरफ घुमाया, दूसरी बार मेरे पेट पर, फिर मेरी पीठ पर, मेरे कानों के पीछे से मेरे पैर की उंगलियों के बीच और बीच में सभी जगहों तक पहुंचने के लिए अपने हाथो का इस्तेमाल किया ।



कहानी जारी रहेगी
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06-24-2022, 09:17 AM,
#45
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 41

नहाते हुए चुदाई 




अर्शी ने मेरे पूरे बाए शरीर को अपने हाथों से धोया, मेरे हर हिस्से को साफ करने, दुलारने और छेड़ने के लिए उनका इस्तेमाल किया, सभी बाहरी, या वास्तव में लगभग आंतरिक, जहां वह पहुंच सकती थी। उसने मेरी त्वचा को रगड़ना जारी रखा । उसने मुझे कभी-कभी अपनी तरफ घुमाया, दूसरी बार मेरे पेट पर, फिर मेरी पीठ पर, मेरे कानों के पीछे से मेरे पैर की उंगलियों के बीच और बीच में सभी जगहों तक पहुंचने के लिए अपने हाथो का इस्तेमाल किया ।

अर्शी ने अपने एक हाथ मे साबुन लिया और एक कातिल मुस्कान के साथ मेरी छाती पर साबुन मलने लगी. जब वो साबुन घिसती तो साथ साथ उनकी चुचियाँ भी किसी घड़ी के पेंडुलम की तरह इधर से उधर डॅन्स करने लगती. ना तो वो कुछ कह रही थी ना में कुछ कह पा रहा था.

मेरी छाती पर अच्छी तरह साबुन लगाने के बाद मेरे हाथ मे साबुन देते हुए बोली, " ज़रा मेरी पीठ पर साबून लगा दो." अर्शी मेरी तरफ पीठ कर के खड़ी हो गयी. उसके दूधिया चूतड़ एक दम चिपक कर जान लेवा नज़ारा पेश कर रहे थे. में साबुन उसकी की पीठ पर घिसने लगा.

कहानी जारी रहेगी

"म्‍म्म्मम" अर्शी सिसकने लगी और कहने लगी, " थोड़ा साबून नीचे भी घसो ना."

में अपने हाथ नीचे कर साबून उसकी जाँघो पर मसल्ने लगा. जाँघो से जैसे ही मेने अपना हाथ उनकी जाँघो के बीच मे डालना चाहा उसने मुझे रोक दिया.

पहले ... मेरी चुचियों को दबाओ और धीरे से मसलो."

कहकर अर्शी ने मेरा हाथ अपनी चुचियो पर रख दिया.

पहले तो मेने हल्की से चुचि को सहलाया और फिर हौले हौले दबाने लगा. मामी के मुँह से हल्की सी सिसकी निकल पड़ी...

"आह आह"

उत्तेजना के वजह से उसके स्तन और कड़े हो गएl मैंने अर्शी को अपनी छाती के साथ चिपका लिया तो उसके गोल सुडोल स्तन और निप्पल मेरे छाती में गड गएl बता नहीं सकता मुझे क्या मजा आया l फिर मैंने उसको सीने से लगा कर रखते हुए उसके ओंठो को दुबारा चूमना शुरू कर दिया l फिर मेरा हाथ फिसल कर सीधा उसकी गांड तक पहुँच गयाl

मेरे पीछे और दोनों साइड से मेरी बाकी तीनो बहनो ने मुझे दुबारा अपनी बाहों में भर लिया।

अब मेरे के हाथ अपनी कजिन बहन अर्शी की गुदाज गान्ड की पहाड़ियों पर घूम रहे थे और ज़ीनत मेरी पीठ से चिपकी हुई थी और दायी और रुखसार और बायीं और जूनि चिपकी हुई थी और उनके हाथ मेरी नितम्बो पर और अर्शी और ज़ीनत आप के नितम्बो पर फिर रहे थे और ज़ीनत आपण के हाथ जूनि और रुखसार के नितम्बो पर थे । हम सब एक दूसरे के जिस्मो पर साबुन लगाने लगे।

जिस्मो पर साबुन लगाने के अमल के दौरान भी हमारे हाथ सबके जिस्म के सारे नाज़ुक हिस्सो पर पूरी आज़ादी के साथ घूमते रहे।

मैंने अर्शी को अपने साथ सामने से चिपका लिया और मेरा लंड अर्शी की गरम चूत के मुँह पर ठोकरे मार मार कर अंदर जाने की इजाज़त माँग रहा था।

दूसरी तरफ आज ना जाने क्यों मेरे लंड को कई बार चूस कर भी चारो का दिल अपने भाई के लंड से नही भर रहा था। उसने पानी दाल कर मुझे धोया और फिर सबसे पहले अर्शी अपने मुँह को मेरे मुँह से अलहदा करते हुए बाथरूम में खड़े हुए मेरे यानी अपने शौहर के कदमों में बैठ गई।

अर्शी ने नीचे बैठ कर मेरे लंड की मोटी टोपी को मुँह में ले कर मेरे लंड को फिर से सक करना शुरू कर दिया। और ऊपर रुखसार ने पहले मुझे बहुत देर तक कस किया ऑफर अपना चूचा मेरे मुँह में दाल दिया

मेरा लंड अर्शी की चुसाइ की वजह से बिल्कुल किसी लोहे की रोड की तरह सख़्त हो गया था।

अपने लंड को अर्शी मुँह में फिर से जाते हुए पा कर मैंने मज़े से पागल होते हुए नीचे से झटका मारा। तो मेरा मोटा और बड़ा लंड उ अर्शी के हलक तक आ गया।

मेरा मोटा लम्बा और इतना बड़ा लंड अपने हलक में लेते ही अर्शी की तो साँस भी उस के गले में ही अटक गई।

मैं समझ गया कि अर्शी मेरा पूरा लंड अपने मुँह में नही ले पाएगी।

इसीलिए उस ने अपने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और आहिस्ता आहिस्ता ऐसे नीचे होने लगा जैसे मैं अर्शी के मुँह को चोद रहा हूँ ।

फिर मैं सोचने लगा कि इस से पहले कि मैं जोश में आ कर शाज़िया के मुँह में फारिग हो जाउन । मुझे अब अपना लंड अपनी बेगमो की चूत में डाल देना चाहिए।

उधर दूसरी तरफ थोड़ी देर अपने शौहर के लंड को सक करने के बाद अब अर्शी का दिल भी चाह रहा था। कि वो भी जल्दी से मेरा लंड को अपनी चूत में डलवा ले।

वो अभी ये सोच ही रही थी की जूनि ने बाथरूम का शोवर् खोल दिया। और पांचो बहन भाई बाथरूम के शवर के साथ एक दूसरे के नंगे जिस्मो को भिगोने लगे।

सब बहन भाई बारी बारी एक दूसरे के जिस्मो पर साबुन को धोने लगे । और जिस्मो पर धोने के अमल के दौरान भी हमारे पांचो के हाथ एक दूसरे के जिस्म के सारे नाज़ुक हिस्सो पर पूरी आज़ादी के साथ घूमते रहे।

हम पांचो बाथरूम के खुले शवर के नीचे खड़े हो कर एक दूसरे के बदन को पानी से अच्छी तरह भिगोते रहे।

हमने इससे पहले कभी भी इस तरह की बाथरूम में मस्ती नही की थी।

इसीलिए आज चारो बहनो को अपने शौहर के साथ बाथरूम में ये खेल खेलने में उसे बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था।

मगर हम पांचो अब अपनी उम्र के उस हिस्से में थे, जिधर सिर्फ़ हाथ और मुँह की छेड़ छाड़ से जवानी के जज़्बात ठंडे नही होते । इसीलिए अर्शी अब अपने आप को मेरी बाहों से अलग करते हुए पलट गई।

अर्शी में मुड़ कर अपना मुँह बाथरूम की दीवार की तरफ करते हुए अपना एक पैर बाथरूम में बनी हुई एक छोटी सी स्टेप पर रख दिया।

अर्शी के इस तरह करने से वो आगे से थोड़ी सी झुकी। तो पीछे उस की गान्ड ऊपर की तरफ उठी जिस से अर्शी की चूत का मुँह भी पीछे से खुल गया।

अर्शी की चूत के मुँह को अपने लंड के लिए खुलता देख कर मैं अपने लंड को हाथ से मसलता हुआ अर्शी के पीछे आया।

मैंने अर्शी की टाँगों को पीछे से मज़ीद चौड़ा किया। और अर्शी की गान्ड को अपने हाथों से पकड़ कर अपने घुटनो को थोड़ा सा नीचे मोडते हुए अपने जिस्म को एक दम ऊपर की तरफ किया।

"उउईइ!, आपा ! उई! अम्मिईिइ!" अर्शी के मुँह से एक चीख निकली। और मेरा मोटा ताज़ा लम्बा लंड फन फनाता हुआ पीछे से अर्शी बेगम की चूत में घुसता चला गया।

"उफफ! तुम वाकई ही बहूत टाइट हो, श्री " मैं अर्शी की चूत में लंड डालते हुए सिसकार उठा।

साथ ही साथ मैंने अपनी बेगम अर्शी के बड़े बड़े मम्मो को पीछे से अपने हाथ में पकड़ते हुए अर्शी या के निपल को मसल्ने लगा। तभी रुखसार आगे हुए और उसने अपने मम्मी मेरे मुँह में डाल दिए . जूना मेरे निप्पल चूसने लगी और ज़ीनत आपा अपने हाथ मेरी गेंदों पर ले गयी और मेरी पीठ और नितम्बो पर हाथ फेरने लगी ।

मैंने अर्शी की चूत में अब अपना पूरा लंड डाल कर अपनी अर्शी को बेदर्दी से चोदना शुरू कर दिया।

अर्शी को चोदते चोदते मैंने अर्शी की एक टाँग को अपने हाथ से पकड़ कर ऊपर की तरफ उठाया।

जिस की वजह से मेरा लंड पीछे से बहुत ही आसानी के साथ पूरे का पूरा अर्शी की फुद्दि में घुसने लगा।

चुदाई का ये अंदाज़ मेरी चारो बीबियो के लिए बिल्कुल नया और मज़ेदार था।

इस मज़ेदार और ज़ोर दार चुदाई की वजह से अर्शी और भी मस्त हो गई।

उस ने अपने जिस्म को पीछे की तरह हल्का सा मोड़ कर अपना एक बाज़ू मेरी गर्दन के गिर्द डाल लिया। और मेरे मुँह से अपना मुँह लगा कर मेरे होंठो और ज़ुबान को चूसने लगी। वो साथ साथ मेरे मुँह के सामने रुखसार के बूब्स और निप्पल को भी चूसने लगी ।

अब मैं पूरी रफ़्तार से अर्शी की चूत में धक्के मारने लगा था। जब कि ज़ीनत अपने हाथ से अर्शी की चूत के दाने को रगड़ रगड़ कर चुदाई के मज़े कई गुना महसूस कर रही थी। और ीुसी कारण से वो उत्तेजना के चरम पर पहुंची और उसका बदन काम्पा और फिर अकड़ा और वो फारिग हुईऔर मेरे लंड को अपने रस से भिगो दिया ।


कहानी जारी रहेगी
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08-27-2022, 08:41 PM,
#46
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 42

खूबसूरती 



थोड़ी देर अर्शी को इस अंदाज़ में चोदने के बाद मैंने अर्शी की फुद्दि से अपना लंड निकाला और अर्शी की वही छोड़ा कर बाथरूम के कमोड पर जा बैठा। अर्शी पास्ट होकर बाथरूम में लेट गयी । और मैंने रुखसार को अपने पास खींच लिया

अपने शौहर को कमोड पर बैठा देख कर रुखसार समझ गई कि उसका शहर सलमान अब उसे एक नये तरीके से चोदना चाहता है।

ये ही सोच कर रुखसार भी मूडी और कमोड पर बैठे हुए मेरी (शौहर सलमान जो उसका कजिन भाई भी था) गोद में आन बैठी।

मेरी गोद में इस तरह से बैठने से मेरा सख़्त लंड नीचे से रुखसार की चूत से टकराया। तो हम दोनों के जिस्म ने एक झुर्झुरि सी ली।

ज़ीनत की नज़र सामने लगे आईने पर पड़ी तो अपनी भारी छातियो और मोटी और भारी गान्ड को देख कर ख़ुद शरमा गई। ज़ीनत आपा को पहली नज़र में देखने वाले का ध्यान हमेशा सब से पहले उस की छातियों और उस के चुतड़ों पर ही जाता था।

ज़ीनत अपने जिस्म को देख कर फख्र महसूस कर रही थी। उस की फिगर बहुत मस्त और कसी हुई थी। उसकी खूबसूरती बिलकुल कम नहीं हुई थी बल्कि अब तो निकाह के बाद से उस का बदन पहले से भी ज़्यादा निखर कर और पूर्कश हो गया था।

उसके सामने खड़ी जूनि ने अपने सामने खड़ी ज़ीनत के चूचों के गुलाबी दानो पर नज़र दौड़ाईl

फिर वह अपने हाथों से ज़ीनत के दोनों चूचों को पकड़ कर अपने हाथ से सहलाने लगी।

जूनि के हाथ अपने चूचों पर लगते ही ज़ीनत की चूत और ज़्यादा गरम होने लगी।

जूनि ने अपने हाथों से जीनत के चूचों को सहलाते हुए अपनी उंगलियों से उनके दोनों चूचों के गुलाबी दाने पकड़ लिए और उन्हे अपनी उंगलियों के दरमियाँ में ले कर दबाने लगी, "आहह अपने चूचों के निपल्स पर दबाव पड़ते ही जीनत के मुँह से सिसकी निकल गईl"

कुछ देर तक मज़े से अपनी आँखें बंद कर के अपने चूचों को सहलाने के बाद जीनत ने अपनी आँखें खोलते हुए अपने हाथ जूनि की छातियों पर रख दिएl

उधर रुखसार मेरे ऊपर बैठी हुई सामने शीशे में अपनी चूत को देखने लगी। क्योंकि रुखसार ने कुछ दिन पहले अपनी चूत के बाल हेर रिमूव लगा कर सॉफ किए थे। इस लिए अब उस की चूत पर हल्के-हल्के बाल उग आए थे।

जब खड़े-खड़े ज़ीनत की टाँगों में दर्द होने लगा तो वह भी शीशे के एक तरफ पड़े एक स्टूल पर बैठ गई.

ज़ीनत ने स्टूल पर बैठे हुए अपनी टाँगें फेला दीं और सामने लगे शीशे में अपने आप को देखने लगी।

उस ने देखा कि उस के बाक़ी जिस्म के उल्ट उस की चूत साँवली है ।

उस की चूत के उपर एक दाना है जब कि उस की चूत के मोटे-मोटे होंठ आपस में एक दूसरे से बिल्कुल जुड़े हुए हैं।

ज़ीनत ने अपनी चूत को इस से पहले भी कई दफ़ा देखा था। मगर इतनी ग़ौर से आज पहली दफ़ा अपनी फुद्दि का जायज़ा ले रही थी।

जूनि अपना हाथ जीनत की चूत के दाने पर रख कर उसे सहलाने लगी, "आहह ष्ह्ह्ह" चूत के दाने को छूते ही ज़ीनत का पूरा जिस्म काँप उठा और उस की चूत में से ज़ियादा पानी निकलने लगा।

जूनि अपना हाथ नीचे करते हुए जीनत की चूत के होंठो पर फिराने लगी ... और उधर रुखसार अपने दोनों हाथों से अपनी चूत के होंठो को अलग करते हुए आईने में देखने लगी, उसे अपनी चूत के होंठो के बीच में सिर्फ़ लाल रंग नज़र आने लगा ...!

रुखसार को अपनी चूत के होंठो को खोले हुए देख जूनि अपने दूर हाथ से रुखसार की चूत के दाने को सहलाते हुए दूसरे हाथ की उंगली से जीनत की चूत के छेड़ को कुरेदने लगी, ऐसा करते हुए जूनि को बहुत मज़ा आ रहा था ...!

जीनत अब रुखसार को टकटकी लगा कर देखती रही और जीनत को इस तरह अपने जिस्म को देखते हुए पाया तो रुखसार को अपनी बड़ी आपा जीनत के सामने यूँ नंगे बदन रहने में थोड़ी शरम महसूस होने लगी। और उसे इस तरह टक टॅकी बाँध कर देखने पर भी बहुत हैरत हुई।

"आप ऐसे क्या देख रही हो आपा ।" रुखसार ने जीनत से सवाल किया।

"बन्नो मेरी बहन आज पहली बार तुम्हें इस तरह देख कर मुझे यह अंदाज़ा हुआ है कि तुम्हारा जिस्म तो बहुत खूबसूरत है। काश में लड़की की बजाय अगर लड़का होती तो सच पूछो तो तुम्हारा यह खूबसूरत बदन सारा खा जाती।" जीनत ने हँसते हुए कहा।

"ये आप किस क़िस्म की बाते कर रही हो आपा " रुखसार को अपनी आपा की बात सुन कर शरम तो आइए. मगर एक औरत जो उसकी बहन और सौत भी थी उसके मुँह से अपनी तारीफ सुन कर ना जाने क्यों उसे अच्छा भी लगा।

"में सही कह रही हूँ रुखसार तुम हम तमाम बहनो और कजिन्स में सब से खूबसूरत और हसीं हो!


अच्छा मुझे अब बनाओ मतआपा आप ख़ुद भी किसी से कम नही हो । हमारा शोहर बहुत ही क़िस्मत वाला है जिसे इतनी प्यारी बीवीया मिली है।"

कहानी जारी रहेगी
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08-27-2022, 08:42 PM,
#47
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 43


मस्ती करने दो




इस बीच रुखसार ने अपना एक हाथ ज़ीनत की टाँगों के बीच ला कर उस की गरम चूत पर रखा। और अपने दूसरे हाथ से ज़ीनत के बाँये मम्मे को काबू करते हुए कहा"ओह ज़ीनत आपा आपकी चूत तो किसी आग की भट्टी की तरह तप रही है! और आपके ये बड़े बड़े मम्मे बड़े मस्त हैं, मुझे अपने साथ मस्ती करने दो और ख़ुद भी मेरे साथ मस्ती कर के ज़िंदगी के मज़े लो मेरी अच्छी मीठी आपा !"

यह कहते हुए रुखसार ने ज़ीनत की चूत के ऊपर घुमाते हुए अपने हाथ की एक उंगली को ज़ीनत या की चूत में "घुपप्प्प" से घुसा दिया।

"हाआआआअ" अपनी चूत में रुखसार की उंगली को जाता हुआ महसूस कर के ज़ीनत के मुँह से सिसकारी निकली तो उस का बंद मुँह एक दम से ख़ुद ब ख़ुद खुल गया।जिस की वज़ह से रुखसार की ज़ुबान ज़ीनत के मुँह के अंदर दाखिल हो कर उस की ज़ुबान से टकराने लगी।

ज़ीनत को अपने मुँह से बे इख्तियार निकलने वाली इस सिसकारी पर हैरत हुई. कि बजाय इस के वह रुखसार को इस हरकत से रोके.उस की चूत ने तो ना सिर्फ़ रुखसार की उंगली को अपने अंदर लेना पसंद किया। बल्कि अब तो वो रुखसार के पूरे हाथ को अपने अंदर समेटने की तमन्ना करने लगी थी।

उधर रुखसार और ज़ीनत दोनों को आपस में व्यस्त देख मैंने जूनि को अपने पास खींचा थोड़ा सा सरका और मैंने अपने हाथ रुखसार के पीछे करते हुए उस की नंगी गान्ड पकड़ कर उसे थोड़ा ऊपर उठाया और जूनि को अपने लंड के ऊपर बिठा लिया और अब जूनि की चूत मेरे से चुदवाने औरमेरे लंड का अपनी फुद्दि के अंदर स्वागत करने के लिए तैयार थी।

तो जूनि ने अपना हाथ नीचे ले जा कर अपने शौहर के इंतज़ार करते हुए गरम लौडे को पकड़ कर अपनी फुद्दी के दरवाज़े पर लगाया।

साथ ही मैंने जूनि जो मेरी सबसे छोटी बेगम और कजिन है उसकी की गान्ड को पकड़ कर हल्का से नीचे किया। तो मेरा खड़ा हुआ हुआ लंड जूनि की चूत में जड़ तक घुसता चला गया।

ज्यों ही मेरा लंड उस की फुद्दि में जड़ में जा कर उसकी बच्चेदानी को ठोकरे मारने लगा। तो जूनि के मुँह से मज़े के मारे सिसकारियाँ फूटने लगीं।

जूनि ने जोश में आते हुए अपने मुँह को मेरे भाई के मुँह से जोड़ दिया। अब पोज़िशन ये थी। कि मैं सलमान अपनी छोटी कजिन और बैगन जूनि को लेकर कमोड पर बैठा हुआ था और मेरा लंड उसकी छूट की जड़ में समाया हुआ था . और कमोड की एक तरफ मेरी दूसरी कजिन रुखसार बैठी हुई अपनी बड़ी आपा जो मेरी सबसे बड़ी बेगम है उसकी छूट में ऊँगली कर रही थी और मेरी चौथी बेगम फर्श पर लेती हुई हमे देख रही थी ।

जूनि के दोनो बाज़ू अब मेरी गर्दन के इर्द गिर्द लिपटी हुई थी । और नीचे से मेरा लंड जूनि की चूत मे पूरे का पूरा जड़ तक धंसा हुआ था।

चुदाई की इस पोज़िशन में मैं अब जूनि की गान्ड पकड़ कर उसे थोड़ा ऊँचा किया इतना की मेरा लंड पूरा बाहर ना आये और फिर मैंने पूरे जोश से उसे चोदन शुरू कर दिया। जूनि अपनी गान्ड मेरे लंड पर झूल झूल कर बहुत मज़े से अपनी चूत चुदवा रही थी।

मैंने अपने मुँह में रुखसार का बायां मम्मा अपने हाथ में भरा और उसे चूसा और और मम्मे को अपनी मुट्ठी से कस कर दबाने लगा। हाईईईईईईई! तुम्हारे इन मम्मो ने तो मुझे पागल ही कर दिया है मेरी रानी।" मैंने रुखसार के मम्मे पर अपने लब फेरते हुए कहा। मैंने नीचे ढ़ाके मारने जारी रखे और इसका नतीजा ये हुआ की जूनि भी फारिग हो गयी और लंड निकला कर नीचे लेट गयी .

रुखसार के मम्मो को चुसते हुए मैं अचानक उठा और रुखसार की टाँगों के दरमियाँ आ गया।

मैंने रुखसार की गुदाज टाँगें हाथ में लेते हुए चौड़ी कीं और उन्हे अपने कंधो पर रख लिया।

मेरा तना हुआ लंड रुखसार के निचले लिप्स से बस एक इंच की ही दूरी पर था।

रुखसार की टाँगें अपने कंधे पर रखते ही मैंने रुखसार की आँखों में देखा और पूछा " शुरू करूँ, मेरी रानी।"

मेरे से कई दफ़ा चुदवाने के बावजूद, मेरे लंड की ही तरह रुखसार को भी चुदाई का चस्का लग गया था और उसकी चूत भी, अभी तक चुदाई के लिए भूखी थी।

इसीलिए ज्यों ही मैंने रुखसार से फिर चुदाई स्टार्ट करने का पूछा तो रुखसार ने फॉरन "हां" में अपना सर हिला दिया।

रुखसार की हाँ मिलते ही मैं आगे बढ़ा और एक ही झटके में अपना पूरा लंड एक ही झटके में रुखसार की चूत में डाल दिया।

"हाईईईईईईईईईईईईई!" ज्यों ही मेरा बड़ा और कड़ा लंड रुखसार की पानी छोड़ती गरम फुद्दि में दाखिल हुआ। तो मज़े की शिद्दत से दोनो के मुँह से एक बार सिसकारी निकल गई। ओह्ह आह आराम से करो औए रुखसार कराहने लगी

चूत में अपना लंड डालते ही मैं फुद्दि में तेज तेज झटके मारने लगा और झटके मारने के साथ साथ अपने हाथों से ज़ीनत आप के बड़े और मोटे मम्मो के खड़े हुए निपल्स को भी अपने हाथ से मसल्ने लगा था।

जब कि रुखसार मेरे लंड के झटको से मज़े मे आ गई और वो भी नीचे से अपनी गान्ड उठा उठा कर मेरा चुदाई में साथ देने लगी।

"हाईईईईईई! ऐसे ही और कस्स क़ास्स्स कारर्र ज़ोर से चोदो,और ज़ोर से चोदो, फाड़ दो मेरी चूत को,आअहह बड़ा मज़ा आआआ राहाा है भाईईईईईई।" रुखसार बहुत जोश में आ गई और उस के मुँह से ये आवाज़े निकल रही थी।

रुखसार ने अब अपने दोनो पैरों को मेरे कंधो से हटा कर मेरी कमर कर गिर्द लपेटा और मुझे अपनी टाँगों से जकड लिया।

रुखसार ने ज्यों ही अपने मेरी कमर के गिर्द अपनी नर्म चिकनी और मुलायम टाँगों कर घेरा डाला। तो मैं रुखसार के जिस्म के ऊपर झुक गया। और मज़ीद तेज़ी के साथ अउसकी चूत में अपने बड़े और मोटे लंड के झटके लगाने शुरू कर दिए।

रुखसार कराह रही थी।

ओह्ह आह, हाय । मुझे कुछ हो रहा है ... हाय!

उसकी चूत बिलकुल टाइट थी, रस से भरी थी रुखसार रोमांच में थी। वह काँप रही थी और अपने अंदर मेरे सख्त लिंग के स्पंदन से काँप रही थी । मैं उसकी अतृप्त चूत से अंदर और बाहर फिसलता रहा। वह महसूस कर सकती थी उसका रस बाहर निकल रहा है और उसके चूतड़ों की दरार से नीचे बह रहा था ।

मैं अपने मुंह से निकली कराहो को निकलने हीं रोक सका क्योंकि रुखसार की तंग चूत ने मेरे लंड को अपने अंदर मजबूती से जकड़ रखा था। ऐसा लगा जैसे मेरा लंड रेशम के अंदर कैद था और मेरा लंड उसकी मांसपेशियों में दबाब महसूस कर रहा था। अपनी आँखें बंद करके उसने एक नरम कराह भरी और वह मेरे अंडो पर टिक गयी वह पूरी तरह से भरी हुई थी। मैं स्वर्ग में था! जैसे ही उसने धीरे से अपनी आँखें खोलीं, उसने मेरे हाथों को अपने स्तनों पर रख दिया। मैंने धीरे से दबाया और फिर निचोड़ा जैस ाकि हमारी सुहागरात में हुआ था जैसे ही मैं उसके स्तनों को निचोड़ता, रुखसार की चूत की आंतरिक मांसपेशियों सुकड़ने लगी उसकी चूत संकुचन करने लगी और उसकी मांपेशिया मेरे लंड को निचोड़ कर मेरे लंड पर अपनी पकड़ मजबूत कर लेती थी और मुझे बहुरत मजा आया । वह आगे झुकी और मुझे किश करने लगी मुझे बिलकुल वैसा लगा जैसे तीखा खाने के बाद लगता है ।

लेकिन यह बहुत शानदार अनुभब था और रुखसार को संकुचन के दौरान एक इंच भी हिलना नहीं पड़ा। जब मैंने फिर से उसे स्तनों को दबाया और फिर हरेक बार स्तनों को दबाने के साथ, रुखसार की चुत मेरे लंड को निचोड़ती और छोड़ती, मेरे बदन में शानदार आनंद की लहरें भेजती। हम दोनों लगातार चिल्ला रहे थे मैं आगे झुक गया और अपने मीठे होंठों से उसके मुंह को ढँकते हुए मैंने उसे गहरा चूमा। उसने मेरी पीठ के चारों ओर अपने हाथो को फेंक दिया और कसकर मुझे गले लगा लिया, हमने जोश से चूमा। रुखसार की चूत ने प्रतिक्रिया में मेरे लंड को एक उग्र गति से निचोड़ना और छोड़ना शुरू कर दिया । यह शानदार था! उसकी मांसपेशियाँ नीचे से ऊपर तक सिकुड़ रही थी, जो एक लहरदार प्रभाव की तरह लगता है। रुखसार के बदन में ऐंठन होने लगी. हम दोनों को पसीना आ रहा था और मेरे धड़कता हुआ लिंग कठोर था और वो जोर से कम्पटी हुई फारिग हो गयी ।

कई मिनट रुखसार की सांसों को पकड़ने, चूमने और टटोलने के बाद, मैं उससे लिपट गया। उसने मेरे पूरे शरीर को रगड़ा और मैंने उसके स्तनों को सहलाया।

कुछ देर में मैंने अपना लंड रुखसार की चूत में से बाहर निकला ओर मैंने ज़ीनत के दोनो मम्मो को दबा कर आपस में जोड़ा। और फिर खुद ज़ीनत के पास जा कर खड़ा होकर अपनी आपा के आपस में जड़े हुए मम्मो के दरमियाँ में अपना मोटा लम्बा लंड रख कर फिराने लगा। मेरे साथ साथ ज़ीनत आपा को भी मेरे बड़े लंड का यूँ उस की भारी छातियों में फिराना अच्छा लग रहा था।

इसीलिए वो भी अपने दोनो हाथों से अपने बड़े मम्मों का आपस में मिला कर अपने शौहर के लंड को अपने गुदाज मम्मो में जकड़ते हुए मज़ा महसूस कर रही थी।

मैं अपने लंड को तेज़ी के साथ अपनी बहन की भारी छातियों में फेर रहा था। और आख़िर कार मैं इसी स्टाइल में ही अपनी बहन के बड़े मम्मो के दरमियाँ ही फारिग भी हो गया।

"हाईईईईईई! भाईईईईईईईईई! ये आप ने क्या किया" ज्यों ही मैंने ज़ीनत आपा के बड़े बड़े मम्मो के दरमियाँ अपने लंड का वीर्य उडेला।

तो ज़ीनत एक दम से सिस्कार्ते हुए बोली। "ओह आप अपने लंड का इतना कीमती पानी फ़िजूल में इस तरह ज़ाया करने की बजाय, मेरी बच्चे दानी में डाल कर मुझे हमल से करो और अपने बच्चे की माँ बना दो सलमान भाईईईईईई"। ज़ीनत ने सिसकते हुए अपने शौहर से फरमाइश की।

"हाईईईईईईई! आप वाकई ही मेरे बच्चे की माँ बनना चाहती हो आपा "

"हाईईईई!, आप जानते हैं कि कोई शादी शुदा औरत उस वक्त तक मुकम्मल नही होती, जब तक वो माँ नही बन जाती,इसीलिए मैं वाकई ही आप के बच्चे को 9 महीने अपने पेट में पाल कर उसे पैदा कर कर आप की बेगम का दर्जा पाना चाहती हूँ भाईईइ!" ज़ीनत ने मेरी बात का जवाब दिया।

कहानी जारी रहेगी
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06-06-2023, 12:16 PM,
#48
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 44

अपने बच्चे की माँ बना दो, सलमान !



आप मेरी बच्चे दानी में वीर्य डाल कर मुझे हमल से करो और अपने बच्चे की माँ बना दो सलमान भाईईईईईई"। ज़ीनत ने सिसकते हुए मेरे (शौहर) से फरमाइश की।

"हाईईईईईईई! आप वाकई ही मेरे बच्चे की माँ बनना चाहती हो आपा! (बेगम पर मैं उन्हें आपा  ही कहता था)"

"हाईईईई, मेरे सरताज आप जानते हैं कि कोई शादी शुदा औरत उस वक्त तक मुकम्मल नहीं होती, जब तक वह माँ नहीं बन जाती, इसीलिए मैं वाकई ही आप के बच्चे को 9 महीने अपने पेट में पाल कर उसे पैदा कर-कर आप की बेगम का दर्जा पाना चाहती हूँ भाईईइ!" ज़ीनत ने मेरी बात का जवाब दिया।

उसकी बात सुन कर जोश में आ कर मैंने बिस्तर पर लेटे-लेटे अपने जिस्म को नीचे से ऊपर की तरह एक हल्का-सा धक्का दिया तो मेरा लम्बा मोटा लंड बहुत आसानी के साथ जीनत बेगम की प्यासी फुद्दि के मुँह को खोलता हुआ अंदर जा कर फँस गया।

मैंने अपनी सबसे बड़ी बेगम जो की मेरी सबसे बड़ी कजिन भी है उसकी चूत में नीचे से लंड डाल कर अपने लंड को हल्का-सा बाहर खैंचा और फिर तेज धक्का दिया।

"हाइयाय! भाईईईईईईईईईईईईई, मार डालोगे क्या, आज ही कर दो? उफफफफफफफफफ्फ़!" जीनत अब इस जबर्जस्त धक्के से उछल पड़ी और जीनत की फुद्दि में अपना लंड डाल कर मैं नीचे से जीनत बेगम की चूत में झटके मारने लगा।

"ऊवू क्यों करू मेरी जान, तुम्हारी बातो और तुम्हारे इस खूबसूरत बदन और तुम्हारी प्यासी चूत ने तो मुझे पागल कर के रख दिया हाईईईईईईईईईई!" मैंने हल्के से लंड को थोड़ा बाहर खींचा और फिर ज़ोर से उसकी चूत में अपना लंड घुसा दिया।



[Image: wot-19.gif]
अब मैं ज़ोर और जोश से जीनत की चूत मारने लगा। झटके इतने ज़ोरदार थे कि इन झटकों की वजह से मेरे लंड पर बैठी जीनत मेरे लंड पर काफ़ी ऊँचा उछल रही थी और साथ ही साथ अपने मुँह से "अया, ऊहह, उूुुउऊफ़, आहिस्ताआ" की आवाज़े निकाल रही थी और बाकी तीनो कजिन रुखसार, जूनि और अर्शी जो की मेरी बेगमे भी हैं हैरत से हमारी चुदाई को देख रही थी।

इस तरह अपने शौहर के लंड पर उछलने की वजह से जीनत के फुट बॉल जैसे बड़े-बड़े मम्मे इस बुरी तरहा से हिल रहे थे। जो कि बाहर से अपने शौहर और बड़ी बहन की ऐसे जोरदार चुदाई का नज़ारा देखने वाली मेरी तीनि बेगमो को बहुत अच्छे लग रहे थे। वह तीनो अपनी योनि और म मसलते हुए हमारी चुदाई देख रही थी और हम दोनों ज़ोर दार तरीके से कमरे के बिस्तर पर चुदाई में मसगूल थे।


[Image: mastu27.gif]
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हमारी इस मज़ेदार चुदाई को देख कर तीनो कजिन जोश में आते हुए अपनी चूत को रगड़ रही थी और इस चुदाई के लाइव शो से पूरी तरह मदहोश हो रही थी।

उफ़्फुऊऊुुुउउ! कितना मोटा लंड है भाई का हाईईईईई! मेरा लंड किस तरह से फँस-फँस कर जीनत की प्यासी चूत के अंदर, जा रहा है आआआआआआआहह! " अपनी चूत की दाने को सहलाती और आहिस्ता-आहिस्ता अपनी फुद्दि में अपने हाथ की उंगलियाँ घुमाते हुए रुखसार, कराह रही थी।



"ओह सलमान हमे कब अपने इस जवान लंड की सवारी का मोका दोगे मेरे बलम" अपनी बड़ी आपा को अपने शौहर के लम्बे मोटे लंड पर बैठ कर इस तरह मज़े से चुदवाते देखते हुए रुखसार, जूनि और अर्शी का दिल भी ये चाह रहा था। के काश वह भी इसी तरह मेरे लंड पर बैठ कर उस से अपनी गरम फुद्दि को चुदवाये पर उन्हें जीनत को ऐसे कराहते और चिल्लाते देख दर भी लग रहा था कि वह इतनी तेज चुदाई झेल भी पाएंगी या नहीं इसी कारण उन तीनो में से कोई भी बीच में नहीं कूदी और मैं बिना रुके जीनत की तेज चुदाई करता रहा । पर उन तीनो की नज़रें मेरे लंड पर जमी हुई थी और वह जीनत की चूत में जाते हुए मेरे मोटे और तगड़े लंड से ताल से ताल मिला कर अपनी फुद्दि को भी अब उसी तेज़ी से रगड़ रही थी, जिस तेज़ी से मैं जीनत की चूत में अपना लंड पेल रहा था।

जीनत की चुदाई करते हुए मुझे अब काफ़ी देर हो चुकी थी और इस दौरान जीनत मेरे लंड पर उछलते हुए लंड पर दो दफ़ा बार फारिग हो चुकी थी। फिर कुछ देर और तेज़ी से झटके मारते हुए मैं एक दम चीखा"ओह में अपने बच्चे का बीज तुम्हारी फुद्दि में डालने जा रहा हूँ मेरी आपा मेरी जीनत जान"।


[Image: wot2.gif]

ये कहते मैंने अपने पूरे लंड को जड तक जीनत की चूत की गहराई में डाल कर उस की कमर को कस कर जकड लिया। मेरे लंड से वीर्य का फव्वारा छूटा तो जीनत की चूत में एक सैलाब आ गया। मेरे लंड की पिचकारी की गरमी इतनी ज्यादा थीकि इस गर्मी की वजह से जीनत की चूत में एक आग-सी लग गई और वह एक बार फिरमेरे लंड पर अपनी चूत का पानी खारिज करने लगी। हम दोनों लंड और चूत का पानी आपस में मिक्स हो कर जीनत की चूत से निकल कर मेरी टाँगों के दरमियाँ से बहता हुआ बिस्तर की चादर पर टपकने लगा था।

हमारी इस गरम चुदाई को देख कर रुखसार, जूनि और अर्शी भी मज़े से बे हाल हो गई और उन्होंने भी अपनी चूत को रगड़ते हुए साथ-साथ अपने हाथ से अपनी चूत का पानी निकाल दिया।

अब हम पांचो में आपस में कोई पर्दा नहीं था इसीलिए अब बिना किसी शरम और हया के मैं अपनी बेगम जीनत को कई दफ़ा अपनी बाकी तीनो बेगमो की मौजूदगी और गैर मौजूदगी में अपने घर की अलग-अलग जगह पर अलग-अलग पोज़िशन में चोदा।


[Image: 6ujmbh.gif]
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कई दफ़ा जब रुखसार, जूनि या अर्शी या जीनत अपने कमरे में रेस्ट कर रही होती। तो कई दफ़ा अपनी बाकी बेगमो के अपने कमरे में मौजूदगी का फ़ायदा उठे हुए किचन में आ घुसता और किचन में काम काज में मसरूफ़ अपनी किसी भी बेगम के साथ अपने प्यार की पींगे बढ़ाने लगता। वैसे मुझे हमेशा सुबह जीनत ही उठाती थी और चाय पेश करती थी ।

इसी तरह कई दफ़ा मैं सुबह सवरे उठते ही फिर से जीनत को मजबूर करता कि वह बिना कपड़ों के सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी चड्डी और ब्रेज़ियर में या फिर हाफ नंगी ही मेरे लिए किचन से चाय बना कर लाए।

वैसे तो जीनत को-को इस तरह अपनी चड्डी और ब्रा में अपने घर के किचन में जाते हुए बहुत शरम आती। मगर इस के बावजूद उसे अपने शोहर भाई के प्यार के आगे हर मान कर आधी नंगी या पूरी नंगी हालत में चाय बना कर लाती।

कभी रात के अंधेरे में मैं जीनत को टीवी लाउन्ज के सोफे पर लिटा कर उसकी चूत को मज़े ले-ले कर चाट्ता। औरउसकी चूत से निकलते रस को अपनी ज़ुबान से चाटता रहता। कभी आधी रात को अपने कमरे में ज़ीनत मेरे मोटे लंड को अपने हाथ में ले कर उस से खेलती। या अपने हाथ से मेरे मोटे लंड की या बूब्स के बीच में लेकर मूठ लगाती और-और कभी मेरे मोटे लंड को अपने मुँह में भर कर उस की चुसाइ लगाती। और कभी हम दिन की रोशनी में ही अपने बाथरूम में चूमा चाटी करते और बाथरूम के सींक पर बिता कर मैं जीनत की चूत में अपना लंड डाल कर उसे चोद डालता।


[Image: maid9.webp]

इस चुदाइ के बाद हम दोनों अक्सर इकट्ठे शवर करते और अपने मुँह से एक दूसरे के लंड और चूत को चाट कर अपने प्यार का इज़हार करते। इस तरह मेरे मोटे ताज़े और जवान लंड को अपनी फुद्दि में ले कर हर रोज़ उस से अपनी चूत की प्यास बुझवाना जीनत की अब एक आदत-सी बन गई थी।

साथ ही अकोइ ऐसे रात नहीं गुजरती थी जब मैं जीनत के इलावा अपनी तीनो और कजिन्स रुखसारम, या जूनि या अर्शी में से किसी एक की या दो की या तीनो की चुदाई नहीं करता ।

एक दूसरे को इतना ज़्यादा चोदने और चुदवाने के बावजूद हमारे जिस्मो में चुदाई की आग कम नहीं हुई बल्कि ये आग अब पहले से भी ज़्यादा भड़क रही थी।

इसी तरह मैं अपनी चारो बेगमो के साथ मियाँ बीवी की एह्सासियत से अपनी जिंदगी गुज़रने लगा और वह चारो अपने शोहरकी सब ज़रूरतों का ख्याल रखने लगी थी लेकिन मैं चुदाई के दौरान हमेशा अपना वीर्य जीनत की ही छूट में डालने लगा था। यानी सबसे ज्यादा चुदाई जीनत की ही हुई ।


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इस तरह अब एक दूसरे के साथ मियाँ बीवी की हैसियत से रहते हुए अब ऑलमोस्ट एक महीना होने को था। इस दौरान जीनत को अहसास हुआ कि तकरीबन एक महीना होने वाला है और उसे इस दफ़ा माहवारी (मेन्स्ट्रुयल पीरियड) नहीं आयी।

इसी तरह दिन में कई-कई दफ़ा चुदा कर जीनत के चेहरे पर अब बहुत ताज़गी आने लगी थी। साथ ही साथ अब जीनत का जिस्म में पहले से भी ज़्यादा निखार आने लगा था।

अपनी बड़ी आपा के जिस्म पर चढ़ती हुई इस जवानी के रूप में आया निखार मेरी तीनो बेगमो रुखसार, जूनि और अर्शी ने भी नोट किया था।

"आपा भाई की बीवी बन कर तो तुम्हारी जवानी पहले से और भी ज़्यादा निखर आई है" एक दिन रुखसार जीनत से बोली।

ऐसा क्या निखार आया है मेरी जवानी में? रुख! " जीनत ने मज़ीद फ्री होते हुए पूछा।

"में बताती हूँ कि तुम्हारी जवानी में क्या निखार आया, असल में तुम्हारा बदन पहले से भी ज़्यादा भर गया है, जिस की वजह से तुम्हारे कपड़े भी पहले से ज़्यादा टाइट होने लगे हैं आपा"। जूनि ने जीनत से कहा।

"और ये तुम्हारे बूब्स भी कितने बड़े हो गए हैं जीनत आपी!" अर्शी भी उसनी बातचीत के बीच में कूद पड़ी

इस से पहले कि ज़ीनत अपनी छोटी बहनो को कुछ जवाब दे पाती उसे एक दम एक चक्कर-सा आया और वह लड़ खड़ा कर किचन के फर्श पर गिरने लगी।


[Image: 9-39-4.webp]

"क्या हुआ है तुम्हें, आपी" ज्यों ही रुखसार ने अपनी बाजी को यूँ लड़खड़ाते देखा। तो उस ने एक दम कुर्सी से उठ कर ज़ीनत को अपने हाथों में संभाल लिया जिस से जीनत किचन के फ्लोर पर गिरने से बच गई। हाथों का सहारा पाते ही जीनत गिरने से बच तो गई। मगर इस के साथ ही उस ने एक दम से उल्टी (मितली) कर दी।

"लगता है तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं चलो में तुम्हें लेडी डॉक्टर के पास लिए चलती हूँ"। अपनी बाजी को यूँ एक दो उलटी करते देख कर रुखसार ने ज़ीनत से कहा।  रुखसार जीनत को घर के पास ही एक लेडी डॉक्टर के क्लिनिक पर ले गई।

शाज़िया का अच्छी तरह मुआयना करने के बाद जब लेडी डॉक्टर कहा कि "मुबारक हो ज़ीनत माँ बनने वाली हैं"। तो ये खबर सुन कर ज़ीनत का दिल बाग-बाग हो गया। और उस की अपनी चूत भी इस ख्याल से पानी-पानी होने लगी। कि उस के शौहर के मोटे ताज़े लंड से निकलने वाला गाढ़ा पानी आख़िर अपनी उसकी बच्चे दानी में जा कर अपना काम दिखा चुका है। चूँकि जीनतजिंदगी में पहली बार प्रेग्नेंट हुई थी इसीलिए लेडी डॉक्टर ने चेक अप के बाद जीनत को कुछ खास हदायत दीं।

अपने चेक अप के बाद ज्यों ही जीनत डॉक्टर के कमरे से बाहर आई। तो उसे अब शरम के मारे हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह अपनी बहनो से अपनी नज़रें मिला सके।

कहानी जारी रहेगी
Reply
06-27-2023, 09:59 PM,
#49
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
Hello..28fkol here....maine tumari story padhi..aachi thi...kya tum mere ek theme pe story kar sakte ho plz? If yes then plz read d theme below..if no then mujhe reply me mana kardena.. 
My I'd is [email protected]
Reply
08-26-2023, 11:30 AM,
#50
RE: Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath
मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


भाग 45

बेऔलाद रुखसाना की समस्या

ज़ीनत का अच्छी तरह मुआयना करने के बाद जब लेडी डॉक्टर कहा कि "मुबारक हो ज़ीनत माँ बनने वाली हैं"। तो ये खबर सुन कर ज़ीनत का दिल बाग-बाग हो गया और उस की अपनी चूत भी इस ख्याल से पानी-पानी होने लगी। कि उस के शौहर के मोटे ताज़े लंड से निकलने वाला गाढ़ा पानी आख़िर अपनी उसकी बच्चे दानी में जा कर अपना काम दिखा चुका है। चूँकि जीनत जिंदगी में पहली बार प्रेग्नेंट हुई थी इसीलिए लेडी डॉक्टर ने चेक अप के बाद जीनत को कुछ खास हदायत दीं।

अपने चेक अप के बाद ज्यों ही जीनत डॉक्टर के कमरे से बाहर आई। तो उसे अब शरम के मारे हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह अपनी बहनो से अपनी नज़रें मिला सके। डॉक्टर से पूरी बात जानने के बाद रुखसार उनसे और मेरे से गले मिली और मुबारकबाद दी । घर आकर मेरी बाकी दोनी बेगमो अर्शी और जूनि ने भी हमे मुबारकबाद दी ।

फिर जीनत के पैर भारी होने की इत्तला अम्मी अब्बा और सब बड़ो को दे दी गयी और जब रुखसाना आपा ने पुछा क्या बात है तो जूनि ने रुखसाना को मुबारकबाद दी की वह अब जल्द ही फूफी बनने वाली है । रुखसाना आपा ने मेरे और जीनत आपा को मुबरकबाद दी पर फिर कुछ उदास हो गयी क्योंकि मेरी और जीनत आप से पहले निकाह होने के बाबजूद वह अभी तक माँ नहीं बन पायी थी। अम्मी जो फोन पर पास ही कड़ी थी ये बात फौरन भांप गयी और उनके गले लग वह उनसे फुसफुसाई रुखसाना आप फिक मत करो आप भी जल्द ही खुश खबरि सुनाओगी ।

आप जानते ही हैं मेरी बहन रुखसाना आपा मुझसे बड़ी है उसकी शादी मेरे कजिन रिजवान के साथ चुकी है। मेरी बहन रुखसाना की शादी को लगभग 2 साल हो गए थे लेकिन वह अभी भी बेऔलाद है। मेरी बहन बहुत खूबसूरत, बहुत शांत और अच्छी है और अपने ससुराल में उसे बहुत पसंद किया जाता है और प्यार किया जाता है, लेकिन उसके बेऔलाद होने के कारण पारिवारिक समस्याएँ पैदा हो रही थी और इस खबर से वह बहुत परेशान हो गयी थी की उनके बाद मेरा निकाह मेरी कजिन आपा जीनत से हुआ था और वह उनसे पहले पेट से हो गयी थी।

हमे मुबारकबाद देने सब घर वाले आये लखनऊ से आये पर उनके साथ रुखसाना आपा नहीं आयी और अम्मी ज्यादातर हमारे साथ रहने लगी । मेरी जीनत आपा के साथ चुदाई बंद हो गयी क्योंकि अम्मी जीनत आप के साथ सोने लगी । मेरी बाकी तीनो के साथ चुदाई जारी रही पर मैंने माहवारी के दिनों का ख़याल रखते हुए उन तीनो की चुदाई इस हिसाब से जारी रखी ताकि वह जल्द ही पेट-सा ना हो जाए ।

कई बार मैंने अपनी अम्मी को मेरी बहन रुखसाना आपा से मोबाइल पर देर तक बातें करते देखा था। मैं जानता था कि पारिवारिक समस्याएँ हैं क्योंकि उसने किसी बच्चे को जन्म नहीं दिया था। चूँकि मैं उसका भाई हूँ और हम रूढ़िवादी मुसलमान हैं और हमारे समाज में परिवार में माँ-बेटे या भाई-बहन के बीच ऐसे मुद्दों पर बात करने के बारे में सोचा भी नहीं जाता है। लेकिन मैंने कभी-कभी सुना था और जानता था कि मेरी बहन की सास या मेरी खाला पोता न होने से बहुत परेशान थी और इसलिए वह मेरे कजिन रिजवान की एक और शादी करने की सोच रही थी हालाँकि रिजवान की मेरे दो अन्य बहनो सलमा और फातिमा से शादिया और हो चुकी थी पर उसे उन से भी कोई खुश खबरि सुनने को नहीं मिली थी। खाला रिजवान की एक शादी और करवाने के बारे में सोच रही थी, क्योंकि हम मुसलमानों को चार बार शादी करने की इजाजत है।

यह सब हमारे लिए बहुत निराशाजनक और चौंकाने वाला था। मैं जानता था कि मेरा जीजा या मेरा कजिन रिजवान एक अच्छा आदमी है और वह मेरी आपा से बहुत प्यार करता है लेकिन परिवार और समाज के दबाव के कारण शायद वह भी हार मान लेगा।

खाला और अम्मी रुखसाना आपा और मेरी बाकी दोनों बहनो के ले कर कई बार शहर में कई दरगाहें पर उसे गर्भवती करने के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विभिन्न तीर्थस्थलों पर भी ले जा रही थी लेकिन अब तक सब व्यर्थ रहा।

फिर एक दिन मैंने अपनी अम्मी और बड़ी आपा रुखसाना को बहुत उदास मूड में पाया था क्योंकि उन्हें पता चला था कि मेरी खाला ने रिजवान के लिए दूसरी लड़की की तलाश शुरू कर दी है। मैं भी इस घटनाक्रम से बहुत परेशान था लेकिन कुछ नहीं कर सका। मैंने पाया कि अब मेरी अम्मी और बहन के बीच मोबाइल पर बातें लंबी हो गई थीं और आम तौर पर वे दिन में कई बार भी बातें करने में मशगूल रहती थीं। उनकी बातचीत सुनकर मुझे पता चला था कि मेरी आपा रुखसाना और रिजवान के सारे मेडिकल टेस्ट कराए गए थे। मेरी बहन को कोई चिकित्सीय समस्या नहीं थी और वह एक बच्चे को जन्म दे सकती थी। रिजवान में कुछ दिक्क्त थी और उसका सिर्फ स्पर्म काउंट कम था, तो शायद अभी सही समय नहीं आया था। डॉक्टरों ने कहा था कि बस कुछ ही समय की बात है और मेरी बहन गर्भवती हो जाएगी।

एक दिन जब मेरी माँ ड्राइंग रूम में बैठी थी और कुछ विचारों में खोई हुई थी, तो मुझे उनके लिए बहुत बुरा लगा, क्योंकि वह बहुत परेशान लग रही थी। मैं जानता था कि उससे रुखसाना आपा के बारे में बात करना ठीक नहीं है लेकिन मैंने उससे बात करना अपना फर्ज समझा।

तो मैं चाय का कप लेकर उनके पास गया और उनके पास बैठ कर बात करने लगा, "अम्मीजान! मुझे आपकी बात बीच में कहने के लिए खेद है लेकिन मैं देख रहा हूँ कि आजकल आप बहुत उदास रहती हैं और हमेशा ख्यालों में खोई रहती हैं। क्या कुछ गड़बड़ है? अम्मीजान कृपया आप अपनी समस्या मुझ से साझा करें।" आपकी समस्याएँ हम मिल कर हल करेंगे। मैं बड़ा हो गया हूँऔर मैं आपकी समस्याओं को साझा करने और मदद करने के लिए यहाँ आपके पास ही हूँ। "

अम्मीजान मेरी तरफ घूमीं और ख्यालों में खोई रहीं जैसे सोच रही हों कि मुझसे रुखसाना आपा के बारे में बात करें या नहीं। फिर जैसे उसने कुछ तय कर लिया हो और बोली, "देखो सलमान! अब तुम बच्चे नहीं हो, बड़े हो गये हो। जल्द ही बाप बनने वाले हो और मुझे लगता है और कोई भी नहीं है जिसके साथ मैं अपनी समस्याएँ बाँट सकूँ। मुझे लगता है कि अब समय आ गया है। कि आप भी परिवार में चल रही बातों को जानो और कुछ सुझाव दो क्योंकि आप पढ़े-लिखे हैं। सलमान! समस्या आपकी रुखसाना आपा के बारे में है। उसकी शादी को काफी समय हो गया है और अभी तक उसके कोई बच्चा नहीं हो रहा है। यही समस्या पैदा कर रही है उसके परिवार में और अब तुम्हारे खालू और खाला ने अपने बेटे के लिए  दुल्हन की तलाश शुरू कर दी है। 

हो सकता है वे या तो आपकी बहनो को तलाक दे देंगे या बस चौथी दुल्हन ले आएंगे। पर औलाद न होने के कारण  तुम्हारी आपा और बाकी बहनो की उस घर में इज्जत खत्म हो जायेगी और दोनों ही मामलों में आपकी बहनो का जीवन बर्बाद हो जाएगा । परिवार में तुम्हारी बहनो की स्थिति साधारण घरेलू नौकरानीयो की तरह रह जाएगी, जो केवल भोजन के लिए परिवार के सभी काम करती है और उनका कोई पारिवारिक सम्मान नहीं रहेगा और उनको तुम्हारे कजिन रिजवान का और खाला और खालू का प्यार नहीं मिलेगा और यदि वह उन्हें तलाक दे देंगे, तो भी उनके जीवन बर्बाद हो जाएंगे । 

आप को मालूम ही है हमारे रुढ़िवादी मुस्लिम समाज में तलाकशुदा और बांझ महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं है। लोग बस अपनी लड़कियों की शादी बूढ़ों या विधुरों से शादी करके और यहाँ तक कि तलाक देकर भी छुटकारा पाना चाहते हैं। आपकी बहने बांझ कहलाएगी और तलाकशुदा भी होगी, इसलिए उसका दोबारा निकाह भी नहीं हो सकेगा। उन्हें हमेशा के लिए हमारे पास रहना होगा, क्योंकि उनके पास जाने के लिए और कहीं नहीं है और वह तुम्हारे बच्चे और तुम्हे खुश देख कुढ़ती रहेगी और हमारे परिवार में भी दरार आ जायेगी। मैं तुम्हारी बहनो की जिंदगी को लेकर बहुत चिंतित हूँ और नहीं जानती कि क्या करूं? "

ये कह कर अम्मी सिसकने लगीं और रोने लगीं। मुझे अपनी बहनो और अपनी माँ के लिए भी बहुत बुरा लगा। मुझे अपनी खाला पर गुस्सा आ रहा था। मैंने गुस्से भरे लहजे में पूछा, "अम्मीजान! ये तो बहुत ग़लत है। ये कैसे हो सकता है।" ?

कहानी जारी रहेगी
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