MmsBee रंगीली बहनों की चुदाई का मज़ा
09-17-2020, 12:28 PM,
#1
Lightbulb  MmsBee रंगीली बहनों की चुदाई का मज़ा
रंगीली बहनों की चुदाई का मज़ा

मैं सुरभि और सोनाली मेरी दोनों बहनों को चोद चुका हूँ। मैंने दोनों बहनों को अब तक अलग-अलग चोदा था।
एक बार मैं और सोनाली घर पर थे.. और रोज की तरह चुदाई कर रहे थे.. तभी पता चला की सुरभि भी आने वाली है।
सोनाली- आज सुरभि आने वाली है.. पता है तुमको?
मैं- हाँ पता चला.. मुझे भी!
सोनाली- तो?
मैं- तो क्या?
सोनाली- अब हम लोग मस्ती कैसे करेंगे?
मैं- जैसे करते थे..
सोनाली- सुरभि के सामने?
मैं- हाँ कौन सा मैंने उसको नहीं चोदा हुआ है?
सोनाली- लेकिन मुझे शर्म आ रही है..
मैं- आने तो दो.. जो होगा देखा जाएगा..
सोनाली- हाँ लेकिन दोनों में से किसको चोदोगे?
मैं- एक साथ दोनों को..
सोनाली- नहीं.. मैं नहीं करूँगी.. लेकिन तब भी आइडिया बुरा नहीं है..
मैं- बुरा नहीं है.. तो ट्राई कर सकते हैं ना..
सोनाली- सोचूँगी इसके बारे में..
मैं- सोचना क्या है इसमें.. साथ में ही कर लेंगे..
सोनाली- ओके..
मैं- सुरभि आ रही है.. स्टेशन लेने के लिए मेरे साथ चलना है क्या?
सोनाली- ओके चलो.. चलती हूँ..
मैं- ठीक है।

हम दोनों स्टेशन पहुँच गए सुरभि को लेने… चुदाई के बाद दोनों बहनें पहली बार एक-दूसरे से मिलने वाली थीं..

सुरभि की ट्रेन अभी तक नहीं आई थी, हम ट्रेन का इंतज़ार करने लगे।
जैसे ही ट्रेन आई.. हम दोनों की नजरें सुरभि को ढूँढने लगीं.. तभी सामने ट्रेन से उतरती हुई दिखी।

सोनाली- वो देखो..
मैं- मैंने भी देख लिया..
सोनाली- चलो चलते हैं।
मैं- नहीं यहीं रूको.. आ जाएगी!
सोनाली- ठीक है।
तभी देखा कि सुरभि सामने से आ रही थी।
मैं- वो देखो इधर ही आ रही है।
सोनाली- हाँ दिख रही है, और भी बहुत कुछ दिख रही है।
मैं- मतलब.. क्या दिख रही है?
सोनाली- कुछ नहीं.. तुम्हारी मेहनत..
मैं- मेरी मेहनत?
सोनाली- हाँ तुम्हारी मेहनत सुरभि के फिगर पर.. तुमने उसका सब कुछ बढ़ा दिया है।
मैं- ऊओह.. अब समझा.. बढ़ तो तुम्हारा भी गया है..
Reply
09-17-2020, 12:28 PM,
#2
RE: MmsBee रंगीली बहनों की चुदाई का मज़ा
सोनाली- हाँ लेकिन उतना नहीं.. जितना सुरभि का साइज़ बढ़ा हुआ है.. तुम और सूर्या दोनों ने मिल कर मुझसे अधिक मेहनत सुरभि पर हुई है।
मैं- हाँ ये तो है.. सुरभि की फिगर पहले भी बड़ी थी.. खुद भी खूब मेहनत करती थी और उसका ब्वॉय-फ्रेण्ड भी खूब उछल-कूद करके मेहनत किया करता था..
सोनाली- वो तो ऊपर से मेहनत करता था ना.. और नीचे से देखो.. पिछवाड़ा कितना फैला हुआ है..
मैं- हाँ वो मेरी मेहनत है.. वैसे भी अभी उसको देख कर मुझसे कंट्रोल नहीं हो पा रहा है।
सोनाली- तो क्या करने वाले हो?
मैं- देखो क्या करता हूँ..
सोनाली- ओके.. नज़दीक तो आ ही गई।
तब तक सुरभि हमारे पास पहुँच गई तो मैं सीधा उसके गले लग गया और उसकी चूतड़ों को दबा दिया और जल्दी से अलग हो गया। ये सब मैंने इतना जल्दी किया कि किसी को ज्यादा पता ही नहीं चला।
तो सुरभि मुस्कुरा दी.. और हम तीनों गाड़ी की तरफ़ बढ़ने लगे और गाडी में आगे मैं और सुरभि बैठे और सोनाली पीछे वाली सीट पर बैठ गई।
अब हम घर जाने लगे.. रास्ते में कुछ हुआ नहीं.. सो ज्यादा सोचने की ज़रूरत नहीं है। कुछ ही देर में हम लोग घर पहुँच गए।
अब मैं दीदी को चोदने का मौका ढूँढ रहा था लेकिन सब घर में थे.. सो चुदाई का मौका ही नहीं मिल पा रहा था। क्योंकि दीदी माँ-पापा के पास बैठी हुई थी.. तो सोनाली ने मुझे अपने पास बुलाया।
मैं- क्या हुआ?
सोनाली- कुछ नहीं.. आगे का क्या प्लान है?
मैं- पता नहीं.. दीदी कभी अकेली तो रह नहीं रही है।
सोनाली- तो मुझसे काम चला लो..
मैं- तुमको तो रोज चोद ही रहा हूँ.. आज दीदी को चोदना है.. उसको बहुत दिन से नहीं चोदा है।
सोनाली- ठीक है.. माँ-पापा को ऑफिस जाने दो.. फिर चोद लेना।
मैं- हाँ, यह आइडिया बुरा नहीं है।
सोनाली- लेकिन मैंने आइडिया दिया है.. तो मुझे क्या मिलेगा?
मैं- क्या चाहिए.. जाओ सूर्या के पास से निपट आओ..
सोनाली- नहीं अब उसके साथ उतना मजा नहीं आता है।
मैं- तो तुम्हारे लिए और क्या कर सकता हूँ।
सोनाली- कुछ नहीं.. बस तुम सुरभि दीदी को चोदना और मैं देखूंगी!
मैं- क्या बात कर रही हो.. क्या तुम साथ में नहीं चुदवाओगी?
सोनाली- नहीं.. मैं देखना चाहती हूँ कि दीदी कैसे चुदती हैं।
मैं- ओके मेरी जान..
कुछ देर बाद दीदी रसोई में खाना बनाने गई.. तो मैं भी मौका देख कर उसके पीछे से चला गया और उसको पीछे से पकड़ लिया।
सुरभि- क्या कर रहे हो.. कोई देख लेगा!
मैं- क्या करूँ.. कंट्रोल नहीं हो पा रहा है।
सुरभि- कंट्रोल करो.. कोई देख लेगा तो गड़बड़ हो जाएगा।
मैं उसका हाथ अपने लंड पर रखते हुए बोला- मैं तो कर भी लूँगा.. लेकिन ये तुम्हार हथियार कंट्रोल नहीं कर पा रहा है।
सुरभि मेरे लंड को दबाते हुए इसको भी बोलो करने को..
मैं- नहीं मान रहा है.. पूछ रहा है इसकी गुफा कब मिलेगी!
सुरभि- रात को मिल जाएगी..
मैं- इतना लंबा इंतज़ार नहीं हो पा रहा है।
सुरभि- करना पड़ेगा.. और कोई रास्ता भी तो नहीं है।
मैं- एक रास्ता है।
सुरभि- क्या?
मैं- दोनों के ऑफिस जाने के बाद..
सुरभि- लेकिन सोनाली तो रहेगी ना..
मैं- उसको भी बाहर भेज दूँगा.. उसके दोस्त के घर या मार्केट।
Reply
09-17-2020, 12:28 PM,
#3
RE: MmsBee रंगीली बहनों की चुदाई का मज़ा
सुरभि- तब ठीक है.. अब जाओ यहाँ से..
मैं- ओके जाता हूँ.. लेकिन बिना कुछ लिए कैसे चला जाऊँ?
सुरभि- क्या चाहिए.. ये लो खाना खाओ..
मैंने उसकी चूचियों की तरफ़ इशारा करते हुए कहा- खाना नहीं.. ये पीना है..
सुरभि- ये बाद में.. अभी जाओ..
मैं- प्लीज़.. थोड़ा..
सुरभि- कोई देख लेगा तो?
मैं- कोई नहीं देखेगा..
सुरभि- ओके.. ये लो.. जल्दी करो।
उसने अपना टॉप उठा दिया और मैं चूचियों को पी कर बोल उठा- उम्माह्ह.. मजा आ गया..
सुरभि- अब जाओ यहाँ से..
मैं- हाँ जा रहा हूँ.. दोपहर को पूरा मजा लूँगा।
सुरभि- ओके..
थोड़ी देर बाद माँ-पापा ऑफिस चले गए। मैं सोनाली के पास गया और बोला- तुम भी किसी बहाने से बाहर जाओ.. और पीछे के दरवाजे से आ जाना और वहीं बैठ जाना.. जहाँ मैं सूर्या के टाइम बैठा था।
सोनाली- ओके जाती हूँ..
मैं- जाती हूँ नहीं.. जा कर दीदी को बोल कि तुम अपनी सहेली के घर जा रही हो।
सोनाली- ओके बाबा जा रही हूँ..
वो दीदी के पास गई और बोली- मैं अपनी एक सहेली के पास जा रही हूँ.. 2-3 घंटे में आती हूँ।
सुरभि- ओके जाओ.. और ठीक से जाना।
सोनाली- ठीक है दीदी।
वो चली गई.. उसके जाते ही मैं दीदी के कमरे में पहुँचा, मुझे देख कर दीदी मुस्कुराई।
मैं- भगा दिया ना उसको भी.. अब तो कोई नहीं है!
सुरभि- हाँ लेकिन जाओ पहले दरवाजा बंद करके आओ.. ताकि कोई आए तो पता चल जाएगा।
मैं- ओके.. मैं आता हूँ..
मैं दरवाजा बंद करके बाहर निकला तो पीछे के दरवाजे से सोनाली अन्दर आ चुकी थी.. तो मैंने दरवाजा बंद कर दिया।
सुरभि- ठीक से बंद कर दिया ना?
मैं- हाँ मेरी जान.. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है।
सुरभि- तो करने को कौन बोल रहा है.. मेरी जान.. आ जाओ मैं भी तड़फ रही हूँ।
मैं- तो आ जा.. अभी तड़फ मिटा देता हूँ।
मैं दीदी से लिपट गया और दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे और मैंने तो सीधा उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और उसे किस करना शुरू कर दिया।
कुछ देर वैसा करने के बाद मैं थोड़ा नीचे आया और उसकी गर्दन को चूमने लगा।
वो मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी और मैं उसकी चूचियों को कपड़ों के ऊपर से ही चूमने-चाटने लगा। वो मेरे लंड को दबाने लगी.. तो मैं भी उसकी चूचियों को मुँह से और चूतड़ों को हाथ से ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा। कुछ देर ऐसा करने के बाद मैं उसकी चूचियों को टॉप से निकालने लगा.. तो उसने खुद हाथ ऊपर कर दिए तो मैंने पूरा टॉप ही बाहर निकाल दिया।
उसके दोनों ‘अनमोल रत्न’ बाहर आ गए और मेरी आँखों के सामने नग्न हो चुके थे.. तो मैं बेसब्री से उनको चूमने लगा।
अब तक वो मेरे लंड को बाहर निकालने की कोशिश करने लगी थी.. तो मैंने खुद अपना पैंट खोल दिया और लंड फनफनाता हुआ बाहर निकल आया.. जिसको पकड़ कर दीदी बोली- अरे वाह.. ये तो पहले से काफ़ी बड़ा और मोटा हो गया है.. लगता है इसका बहुत इस्तेमाल हुआ है।
मैंने हँसते हुए कहा- नहीं वैसी बात नहीं है.. ये तो तुम्हारे हाथों का कमाल है।
सुरभि- देख कर तो नहीं लग रहा है.. मुझे तो ऐसा लग रहा है कि इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा हुआ है।
मैं- हाँ उतना तो होते ही रहता है।
सुरभि- ओके.. किसके साथ चुदाई की?
मैं- है कोई..
सुरभि- कौन है.. हमें भी बताओ ज़रा?
मैं- बताना क्या है.. आज मिलवा ही दूँगा.. चलना शाम को..
सुरभि- ओके..
मैं- जानेमन अगर आपके सवाल-जवाब ख़तम हो गए हों तो अब हम अपना काम करें.. मुझसे कन्ट्रोल नहीं हो पा रहा है।
Reply
09-17-2020, 12:28 PM,
#4
RE: MmsBee रंगीली बहनों की चुदाई का मज़ा
सुरभि ने मेरे लंड को पकड़ते हुए कहा- हाँ यार.. सच बोलूँ.. तो मुझे भी कंट्रोल नहीं हो रहा है.. जी कर रहा है खा जाऊँ इसे..
मैं- तो खा जाओ.. रोका किसने है.. लेकिन पूरा मत खाना.. नहीं तो तेरी चूत को कौन शान्त करेगा..
सुरभि- हाँ ये भी सही बोला..
मैं उसकी चूचियों को पीने लगा और मसलने लगा। तभी मेरी नज़र सोनाली पर पड़ी.. तो वो इशारा कर रही थी कि ठीक से दिख नहीं रहा है।
तो मैंने दीदी को गोद में उठाया और कमरे से बाहर आ गया और हॉल में बिस्तर पर लिटा दिया।
पीछे से सोनाली की सहमति मिली कि हाँ.. अब सब कुछ दिख रहा है.. तो मैं फिर से अपने काम में लग गया और उसकी चूचियों को पीने लगा।
मैं चूचियों को पीते-पीते नीचे बढ़ने लगा और उसके पेट पर चुम्बन करने लगा.. तो उसके मुँह से सीत्कार निकलने लगी।
अंततः मैं उसकी चूत के पास पहुँच गया और कपड़ों के ऊपर से ही उसे चूमने लगा। कुछ देर चूमा.. कि तभी सोनाली ने इशारा किया कि दीदी को पूरा नंगा करो। तो मैंने दीदी को बिस्तर पर खड़ा किया और उसकी कैपरी को नीचे कर दिया। अब दीदी की चूतड़ कपड़ों से पूरी तरह से आज़ाद हो गए थे और मैंने देखा कि पीछे सोनाली की चुदासी सूरत देखने लायक थी। वो दीदी को पहली बार नंगा देख रही थी।
मैं दीदी के मुलायम चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा.. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.. बता नहीं सकता कि कितना अच्छा लग रहा था। कुछ देर ऐसा करने के बाद दीदी ने मेरे लंड को पकड़ लिया और चूमने लगीं..
तभी मैंने सोनाली को आने का इशारा कर दिया और वो पीछे आ कर खड़ी हो गई.. लेकिन दीदी को पता नहीं चला… वो तो मेरा लंड चूसने में मस्त थी।
तभी सोनाली आगे आ गई और दीदी की नज़र उस पर पड़ी तो उसे झटका लगा और वो लंड छोड़ कर सीधे एक चादर से अपने आपको ढकने की कोशिश करने लगी, उसके चेहरे पर शर्मिन्दगी साफ़ झलक रही थी।
मैं उसी तरह नंगा ही खड़ा हो गया.. मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था ही.. मैं बिस्तर के एक तरफ बैठ गया। अब मैंने सोनाली को अपने तरफ़ खींच लिया और उसको अपनी गोद में बैठा लिया और उसके हाथ में अपना लंड दे कर उसको चुम्बन करने लगा।
सुरभि- ये क्या कर रहे हो तुम दोनों?
सोनाली- वही.. जो अभी आप कर रही थीं।
सुरभि- मतलब तुम दोनों भी..
मैं और सोनाली ने कामुक मुस्कान बिखरते हुए कहा- हाँ हम दोनों भी..
सोनाली- अब शर्म छोड़ दीजिए.. और चादर हटा लो!
मैं- हाँ हटा दो यार..
सुरभि हँसते हुए- हटाती हूँ.. लेकिन ये कब हुआ.. कैसे हुआ?
तो मैंने और सोनाली ने मिल कर उसको सारी बातें बता दीं।
सुरभि- मतलब ये तुम दोनों का प्लान था।
सोनाली और मैं- हाँ..
सुरभि- तुम दोनों को देख कर मुझे लगा तो था..
सोनाली और मैं- क्या लगा था?
सुरभि- सोनाली के बदन में इतना जल्दी इतना ज्यादा परिवर्तन.. और तुम्हारे लंड को देख कर ही मैं बोली थी.. कि ये बहुत यूज होता है।
सोनाली और मैं- हाहहह..
सुरभि- ख़ास कर सोनाली तो जवान हो गई है.. पूरी मेरी तरह.. मुझे लगा किसी के साथ चक्कर चल रहा है.. लेकिन यह उम्मीद नहीं थी कि यह तुम्हारे साथ ही खेल रही है और सुशान्त तुमने इसको भी नहीं छोड़ा.. बड़ा कमीना बहनचोद है तू..
Reply
09-17-2020, 12:28 PM,
#5
RE: MmsBee रंगीली बहनों की चुदाई का मज़ा
मैं- वो तो हूँ ही.. लेकिन छोड़ने वाली क्या बात है.. घर का माल अगर घर में ही रह जाए.. तो बुरा ही क्या है.. मैं नहीं भोगता.. तो कोई और तो पक्का ले ही जाता.. तो मैं ही क्यों नहीं चोद लूँ।
सुरभि & सोनाली- ओह ऊओ.. तो हम दोनों माल हैं..
मैं- अरे नहीं.. मेरा मतलब वो नहीं था..
सुरभि और सोनाली- तो क्या मतलब था?
मैं- अरे कुछ नहीं छोड़ो इन बातों को.. आओ मजे करते हैं।
सुरभि और सोनाली- हाँ आओ..
मैं- हम दोनों तो नंगे हैं ही.. सोनाली सिर्फ़ कपड़ों में है.. तुम भी अपने कपड़े उतारो न..
सुरभि- हाँ उतार दो और आज तक इसने हम दोनों को चोदा है.. आज हम दोनों मिल कर इसको चोदेंगे।
सोनाली- हाँ ये सही रहेगा.. मैं जल्दी से कपड़े उतार देती हूँ।
सोनाली एक-एक करके अपने कपड़े उतारने लगी और मैं मन ही मन ये सोच कर रोमांचित हो रहा था कि आज फिर से दो चूतों को एक साथ चोदने का मौका मिलेगा। पिछली बार सोनी और मोनिका को एक साथ चोदा था।
सोनी और मोनिका के बारे में जानने के लिए मेरी पिछली कहानी ‘नंगी नहाती मोनिका का बदन’ को जरूर पढ़ें।
लेकिन उसके बाद फिर से किसी दो लड़कियों को एक साथ में नहीं चोदा था। अब मौका मिल गया है.. दो लड़कियों को एक साथ चोदने का..
तब तक सोनाली कपड़े उतार चुकी थी और वो इतराती हुई हमारी तरफ़ बढ़ने लगी और उसकी चूचियों को ऊपर-नीचे होते देख कर मेरा लंड.. जो पहले से ही खड़ा था.. उसको इस तरह देख कर पूरे उफान पर पहुँच गया था।
मैं उसे पकड़ने के लिए उठने ही वाला था कि तभी दीदी ने मुझे खींच लिया और मैं बैठ गया। वो मेरी एक जाँघ पर बैठ गई.. तब तक सोनाली भी मेरी दूसरी जाँघ पर बैठ गई।
मेरे लंड की कुछ ऐसी हालत थी कि दो-दो चूतें मेरे दोनों बगलों में थीं.. लेकिन किस में पहले जाया जाए.. मैं यही सोच रहा था..
लेकिन मेरा हाथ कौन सा रुकने वाला था एक हाथ से दीदी की और दूसरी हाथ से सोनाली की चूचियों को दबाने लगा और दोनों मुझे लिपकिस करने लगीं।
कुछ देर ऐसा करने के बाद मैं अलग हुआ और तो दीदी ने मुझे बिस्तर पर गिरा दिया। मैं पीठ के बल लेट गया और दोनों मुझे किस करने लगीं। पूरे बदन पर कुछ देर ऐसा करने के बाद दीदी लंड को चुम्बन करने लगीं और सोनाली मुझे अपनी चूचियों का रस पिला रही थी।
कुछ देर बाद सोनाली भी अपनी चूत को मेरे मुँह के पास करके लंड को चाटने लगी। ऐसा लग रहा था कि एक आइसक्रीम को दोनों बहन शेयर करके चूस रही हों। दोनों मेरे लंड को चाट रही थीं और मेरा लंड गरम होता जा रहा था। तो मैं भी इधर सोनाली की चूत को चाटने लगा।
उधर दीदी लंड को चूसने के बाद मुँह से लंड को बाहर निकाला.. तो सोनाली ने लंड को मुँह में ले लिया।
अब दीदी मेरे दोनों गोलों को चूसने लगीं.. कुछ देर ऐसा करने के बाद दोनों अपनी गाण्ड मेरी तरफ़ करके चूसने लगीं.. तो मैं भी कहाँ पीछे रहने वाला था, मैं दोनों की चूत में उंगली करने लगा।
खैर.. दोनों की चूत इतनी ज्यादा फ़ैल चुकी थी कि उनमें एक उंगली से कुछ होने वाला नहीं था तो मैंने दूसरी भी डाल दी.. कुछ देर बाद तीसरी और फिर चौथी भी घुसेड़ दी.. तो दोनों के मुँह से सीत्कार निकलने लगी।
कुछ देर ऐसा करने के बाद हम सब झड़ गए और दोनों मिल कर मेरे लंड के पानी को पी गईं।
अब हम तीनों एक साथ बिस्तर पर लेट गए, मैं बीच में और दोनों मेरे दोनों बगल में थीं।
कुछ देर लेटे रहने के बाद दोनों साथ मेरे बदन पर उंगली फेरने लगीं.. मैं समझ गया कि अब दोनों को चुदने का मन हो रहा है और मेरे लंड महाराज भी खड़े होकर अपनी मर्ज़ी बता चुके थे।
Reply
09-17-2020, 12:28 PM,
#6
RE: MmsBee रंगीली बहनों की चुदाई का मज़ा
मैंने दीदी को उठा कर अपने ऊपर खींच लिया और वो मेरे लंड कर बैठ गईं। मेरा लंड थोड़ी सी मेहनत से ही सही लेकिन अन्दर जड़ तक घुसता चला गया और वो भी लण्ड को लीलने के बाद झटके मारने लगी।
इधर सोनाली अपनी गाण्ड मेरे मुँह के सामने हिलाने लगी। कुछ देर ऐसा करने के बाद दीदी लंड पर से हटी.. और सोनाली जा कर लौड़े पर बैठ गई।
अब दीदी ने अपनी चूत मेरे मुँह के पास रख दी.. चूसने के लिए.. सोनाली मेरे लंड पर खुद झटके मारने लगी।
मैं इधर दीदी की चूत को चूसने लगा कि तभी दीदी ने सोनाली के मुँह को पकड़ा और अपने होंठों को उसके होंठों पर लगा दिए.. और दोनों चुम्बन करने लगीं। दोनों रण्डियों की तरह अपनी गाण्ड हिला-हिला कर मुझसे चूत चटवाने लगीं.. और वो दोनों मेरे होंठों को चुम्बन भी करती रहीं।
कुछ देर वैसा चलने के बाद सोनाली ने दीदी की चूचियों को पकड़ लिया और दबाने लगी। तो दीदी भी कौन सा पीछे रहने वाली थी.. वो भी शुरू हो गई। उसने भी सोनाली की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया.. और इधर मैं अपने काम में लगा हुआ था, सोनाली को झटके मार रहा था और दीदी की चूतड़ों को दबाते हुए उसकी चूत को चाट रहा था।
कुछ देर ऐसा करने के बाद हम तीनों अलग हुए और मैं अभी उठने ही वाला था कि दोनों ने मुझे बिस्तर पर फिर से गिरा दिया और दोनों लंड को चूसने लगीं।
बस कुछ देर में ही मैं झड़ गया.. और दोनों ने मेरे रस को साफ़ कर दिया।
कुछ देर बाद वो दोनों भी मेरे चेहरे पर फिर से झड़ गईं और सारा पानी मेरे मुँह में चला गया.. मैं भी मजे से पी गया।
फिर हम तीनों ने साथ में बाथरूम में जाकर अपने आपको साफ़ किया.. क्योंकि माँ-पापा के आने का टाइम हो गया था और जल्दी से घर को ठीक किया।
दोनों बहनों ने मिलकर नाश्ता बनाया और हम नाश्ता करने बैठ गए।
मैं- कैसा लगा आज?
सोनाली और सुरभि- मजा आ गया..
मैं- हाँ मुझसे ज्यादा मजा तो तुम दोनों ने ही लिया है।
सोनाली और सुरभि- क्या.. जैसे तुम तो टाइम पास कर रहे थे..
मैं- टाइम पास तो नहीं.. लेकिन तुम से कम ही मजा किया न..
सोनाली और सुरभि- ओके.. छोड़ो..
मैं- ओके..
सुरभि- सोनाली तो एकदम जवान हो गई है।
मैं- हाँ आप बात तो सही बोली..
सोनाली- आप भी कम थोड़े ही हैं आप का हुस्न देख कर तो कोई भी घायल हो जाए।
सुरभि- थैंक्स डार्लिंग..
सोनाली- आपके ऑफिस में लड़के काम कम करते होंगे और ज्यादा ध्यान आप पर देते होंगे..
सुरभि- हाह हाहा.. क्यों तुम्हारे कॉलेज में ऐसा ही होता है क्या?
सोनाली- नहीं लेकिन थोड़ा बहुत.. आपके ऑफिस में?
सुरभि- हाँ मेरे ऑफिस में भी थोड़ा बहुत तो होता ही रहता है।
सोनाली- कोई ने लाइन दी कि नहीं आपको?
सुरभि- हाँ 2-3 ने कोशिश की.. लेकिन मैंने मना कर दिया।
सोनाली- क्यों?
सुरभि- वैसे ही ज़रूरत सुशान्त से पूरी हो ही जाती है… बाकी के टेन्शन में मैं नहीं पड़ना चाहती हूँ।
सोनाली- हाँ सही है.. लेकिन इतनी बड़ी चूचियों को देख कर तो सब पागल हो जाते होंगे।
सुरभि- हाँ सबसे ज्यादा तो मेरा बॉस ही हमेशा मेरे आगे-पीछे घूमता रहता है।
Reply
09-17-2020, 12:29 PM,
#7
RE: MmsBee रंगीली बहनों की चुदाई का मज़ा
सोनाली- तो मौका दे दो न बेचारे को..
सुरभि- नहीं.. ज़रूरत नहीं है.. तुम बताओ, तुम्हारे पीछे कोई पड़ा या नहीं?
सोनाली- हाँ बहुत हैं लेकिन किसी को भाव नहीं दे रही हूँ.. लेकिन सबको घुमा रही हूँ।
सुरभि- घुमा रही हो.. मतलब?
सोनाली- अपने लटकों-झटकों से..
सुरभि- ऊऊओह.. गुड.. लेकिन ज्यादा इनके चक्करों में मत पड़ना।
सोनाली- ओके..
सुरभि- लेकिन तुम्हारी उमर के हिसाब से तुम्हारे चूतड़ और गाण्ड थोड़े ज्यादा बड़े हो गए हैं.. सिर्फ़ सुशान्त ही चढ़ता है या और भी कोई है इसके पीछे?
मैं- बताओ?
सोनाली- और भी है.. लेकिन ज्यादा सुशान्त का ही कमाल है.. अब तक 200 से ऊपर बार चोद चुका है।
सुरभि- 200 तो मेरा भी पहुँच ही गया होगा.. जब भी कोलकाता आता है 5-6 दिन तो सिर्फ़ चोदता ही है।
सोनाली- मुझे तो भोपाल और घर पर भी.. भोपाल में मैं इसको अपना ‘ब्वॉय-फ्रेण्ड है..’ बोल कर सबको बताती हूँ।
सुरभि- मैं भी ब्वॉय-फ्रेण्ड ही बताती हूँ।
सोनाली- ओके..
सुरभि- सुशान्त के अलावा और कौन चोदता है?
मैंने दीदी को तो सब बता दिया, सब कुछ जानने के बाद दीदी को तो मानो झटका सा लगा।
सुरभि- तुमने 3 लंड ले लिए.. इतने कम दिनों में ही?
सोनाली- क्या करूँ.. चूत है कि मानती ही नहीं..
सुरभि- और सुशान्त तुम तो महारथी ही हो..
मैं- हाहह हाहा.. क्या करूँ अपना फंडा है.. जिधर मिले चूत.. उतार दो उसका भूत..
सोनाली और सुरभि- हाहह हहाहा.. पर हमारी चूतों का भूत अभी तक नहीं उतरा है।
मैं- आओ उतार देता हूँ।
सोनाली और सुरभि- मन तो हमारा भी है.. लेकिन माँ-पापा के आने का टाइम हो गया है.. सो रात को तेरे कमरे में आती हूँ।
मैं- ओके.. लेकिन मेरे पास एक मस्त आइडिया है..
सोनाली और सुरभि- क्या?
मैं- क्यों ना हम लोग दिल्ली चलते हैं।
सोनाली और सुरभि- क्यों?
मैं- क्यों क्या.. वहाँ खुल कर मस्ती करेंगे.. मेरा अपना फ्लैट है.. और कोई रोकने-टोकने वाला भी नहीं है।
सोनाली और सुरभि- तब तो यही मस्त रहेगा.. बोलो कब चलना है..?
मैं- जब की टिकट मिल जाए..
सोनाली और सुरभि- हाँ देख लो और चलो।
मैं- ओके..
घूमने का बहाना बना कर मैं दोनों को लेकर दिल्ली आ गया और सफ़र के कारण थोड़ा थक गया था.. मैं सो गया था।
जब मेरी नींद खुली तो टीवी स्क्रीन पर देखा कि दोनों बिस्तर बैठी हुई थीं..

आगे बताने से पहले बता दूँ कि दिल्ली में मैं एक तीन कमरे के फ्लैट में रहता हूँ.. एक कमरे में.. जिसमें सबको चोदता हूँ.. उस कमरे में 5-5 कैमरे लगा हुए हैं.. जिससे बिस्तर पर जो भी होगा सब कुछ दिख जाएगा और उस कैमरे का वीडियो या तो मेरे मोबाइल पर या तो मेरे कमरे में लगे एलसीडी स्क्रीन पर देखा जा सकता है..
Reply
09-17-2020, 12:29 PM,
#8
RE: MmsBee रंगीली बहनों की चुदाई का मज़ा
मैंने देखा कि सोनाली और दीदी दोनों बिस्तर पर बैठे हुए थे। सोनाली ने सफेद और गुलाबी मिक्स बिकिनी पहनी थी और दीदी ने काली लाल मिक्स बिकिनी पहनी थी। उन्हें यूँ देख कर तो मैं उत्तेजित हो गया था.. लेकिन फिर मैंने सोचा कि देखता हूँ कि ये दोनों क्या करती हैं। उसके बाद अन्दर जाऊँगा।
मैंने देखा कि दीदी गाण्ड हिला रही थीं और सोनाली भी अपने बदन को सहला रही थी कि तभी सोनाली और दीदी दोनों एक-दूसरे के पास आए और लिप किस करने लगीं।
कुछ देर लिप किस करने के बाद दीदी सोनाली की ब्रा के ऊपर किस करने लगी।
फिर कुछ देर के बाद दीदी ने सोनाली की ब्रा नीचे कर दी और उसके निप्पल को चूसने लगी और हाथ से उसके चूतड़ों को सहलाने लगी।
सोनाली भी दीदी की चूतड़ों को सहलाने लगी.. कुछ देर बाद दीदी की ब्रा नीचे करके वो उसकी चूचियों को चूमने लगी और दबाने भी लगी।
दोनों एक-दूसरे की चूचियों को मसल ही रही थी.. तभी मैं सिर्फ़ अंडरवियर और टी-शर्ट में अन्दर पहुँच गया।
मुझे देखते ही दोनों मुस्कुरा दीं और दोनों एक साथ मेरी तरफ बढ़ने लगीं। दोनों का गोरा बदन.. ऊपर से बड़ी-बड़ी चूचियाँ हिल रही थीं.. जो बहुत ही अच्छा लग रहा था।
जैसे ही मैंने उनकी चूचियों को दबाना चाहा कि दोनों बिस्तर पर चूत आगे करके लेट गईं और दोनों ने खुद ही अपनी-अपनी पैन्टी निकाल दी।
पैन्टी निकालने के लिए पैर उठाया.. तो उनकी चूत सामने दिखने लगी और बिना बाल का पूरा साफ़-सुथरी गुलाबी चूतें मेरे नज़रों के सामने थीं।
तभी मैं दीदी की चूत की तरफ़ बढ़ने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा तो सोनाली भी दीदी की जाँघों को सहलाने लगी और दीदी की चूचियों को चूसने लगी।
मैं इधर चूत को चूसता रहा और सोनाली दीदी की चूचियों को दबाने लगी.. उसके लबों को चूमने लगी। तभी सोनाली ने दीदी की ब्रा खोल कर पूरी हटा दी।
अब मैं भी दीदी की चूत को छोड़ कर सोनाली की चूत पर पहुँच गया और तब तक दीदी ने भी सोनाली की ब्रा को पूरे तौर से बदन से हटा दी और उसके निप्पलों पर अपना जीभ घुमाने लगी, अपने हाथों से दूसरी चूची को दबाने लगी। कुछ देर यूँ ही चलता रहा.. मैं चूत चूसता और ऊपर वो दोनों मजे लेते रहे।
तभी मैंने दीदी की चूत में एक उंगली को घुसा दिया.. तो मुझे पता भी नहीं चला.. बड़ी आसानी से अन्दर चली गई.. तो मैंने दूसरी उंगली को भी घुसाया और उसकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा।
मेरी देखा-देखी सोनाली भी दीदी की चूत को ऊपर से सहलाने लगी, मैं तेज़ी से अन्दर-बाहर करने लगा और दीदी चीखने लगीं। तभी सोनाली ने मेरी उंगली चूत से निकलवा दी और उंगली को मुँह में ले लिया। कुछ देर चूसने के बाद वो भी लेट गई और मैं उसकी चूत में भी उंगली करने लगा, अब दीदी उसकी चूत के ऊपर दबाने लगी और सहलाने लगीं।
Reply
09-17-2020, 12:29 PM,
#9
RE: MmsBee रंगीली बहनों की चुदाई का मज़ा
कुछ देर बाद जब मैंने सोनाली की बुर में से उंगली को निकाला.. तो झट से दीदी मेरी उंगली को अपने मुँह में ले कर चूसने लगीं। फिर उन्होंने सोनाली की चूत को भी एक बार चाट लिया।
कुछ देर चूत चाटने के बाद मैंने भी अपनी टी-शर्ट को उतार दिया.. तो दोनों एक साथ मेरी तरफ़ बढ़ीं और मुझे चूमने-चाटने लगीं।
कुछ देर यूँ ही मस्ती करने के बाद मैं उन दोनों के बीच में लेट गया और दोनों मेरे बदन पर चुम्बन करने लगीं। चुम्बन करते-करते दोनों मेरे ही एक-एक निप्पल पर अपनी जीभ फेरते हुए उसे चुभलाने लगीं और उसको चाटने लगीं।
कुछ देर बाद दोनों साथ ही मेरे लौड़े को अंडरवियर के ऊपर से ही चूमने लगे और कुछ देर ऐसा करने के बाद दोनों ने आपस में कुछ इशारा किया और एक साथ में ही मेरा अंडरवियर नीचे कर दिया.. तो मैंने हँसते हुए अपने पैर उठा दिए.. जिससे अंडरवियर को पूरा बाहर कर दिया गया।
अब हम तीनों पूरी तरह से नंगे हो चुके थे। वे दोनों साथ में मेरे लंड को चाटने लगीं।
तभी सोनाली ने लंड को मुँह में ले लिया और दीदी नीचे गोटियाँ चाटने लगीं।
मैं लौड़ा चुसवाता हुआ उन दोनों के चूतड़ों को सहला रहा था और दोनों मिल कर मेरे लंड के साथ खेल रही थीं।
कुछ देर दीदी चूसतीं.. तो कुछ देर सोनाली..
कुछ देर बाद मैंने दीदी को अपने पास खींच लिया और उसके साथ चूमा चाटी करने लगा। उधर सोनाली अब भी मेरा लंड चूस रही थी। कुछ देर ऐसा चलता रहा..
फिर हम तीनों खड़े हुए।
सोनाली ने दीदी को बेड के एक किनारे पर इस तरह बैठा दिया कि दीदी की चूत एकदम सामने को हो गई.. तो मैं अपने खड़े लंड को दीदी की चूत पर घुमाने लगा और एक झटका मारा.. लंड अन्दर घुसता चला गया.. और उसके मुँह से ज़ोर से चीख निकल पड़ी- आआ.. आआहह.. उ..ह..! तो सोनाली दीदी की चूत के पास हाथ फेरने लगी और मैं झटके मारने लगा।
जब दीदी थोड़ा संयत हो गई.. तो मैं ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा।
फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया.. तो सोनाली मेरा लंड चूसने लगी, दीदी की चूत का सारा रस चाट गई। कुछ देर लौड़ा चूस कर उसने दीदी की चूत पर लगा दिया।
फिर मेरे बमपिलाट झटके शुरु हो गए और दीदी के मुँह से फिर से ‘आआ.. आआअहह.. उऊहह..’ निकलने लगा।
तो सोनाली ने दीदी के मुँह के पास अपनी चूत कर दी और दीदी में मुँह को दोनों टाँगों के बीच फंसा लिया।
मैं लगातार झटके मार रहा था और सामने से सोनाली की चूचियों को चूस रहा था। कुछ देर बाद फिर दीदी को उल्टा किया और झूले पर पेट के बल टांग दिया.. और पीछे से उसकी गाण्ड मारने लगा… कुछ देर झटके मारने के बाद फिर से दोनों लंड चूसने लगीं।
कुछ देर बाद मैं लेट गया और मेरे लंड के पास दोनों एक-दूसरे के गाण्ड से गाण्ड सटा कर बैठ गई.. और बारी-बारी से चुदने लगी।
पहले दीदी चुदीं.. फिर दीदी हटीं.. तो सोनाली चुदने लगीं.. तब तक मैं दीदी के चूतड़ों को मसलने लगा।
फिर जब दीदी चुदने लगीं.. तो सोनाली भी दीदी की गाण्ड में अपनी गाण्ड टकराने लगी.. जब दोनों के चूतड़ों टकराते थे.. तो मुझे बहुत अच्छा लगता था।
Reply
09-17-2020, 12:29 PM,
#10
RE: MmsBee रंगीली बहनों की चुदाई का मज़ा
कुछ देर बाद जब हम तीनों को लगा कि हम झड़ने वाले हैं.. तो दोनों लंड के पास पहुँच गईं और लौड़े को चूसने लगीं। जैसे ही मैं रस छोड़ा.. तो दोनों चुदासी चूतें.. मेरा सारा रस पी गईं.. और चूत का रस भी दोनों एक-दूसरे का पी गई और हम तीनों वहीं निढाल हो कर सो गए।
कुछ देर बाद सभी फ्रेश हुए और दोनों ने मिल कर नाश्ता बनाया और हम सब नाश्ता करने लगे।
सोनाली और सुरभि एक साथ बोलीं- तुमको कैसे पता चला था कि हम सेक्स कर रहे हैं?
मैं- बस पता चल गया किसी तरह..
सोनाली और सुरभि- बताओ ना प्लीज़..
मैं- ओके.. इधर आओ.. चलो मेरे कमरे में..
सोनाली और सुरभि- लो आ गए.. अब बोलो?
मैं टीवी की तरफ़ इशारा करते हुई बोला- उधर देखो..
सोनाली और सुरभि- क्या है.. यह तो टीवी है।
मैं- हाँ लेकिन उसमें क्या चल रहा है.. वो तो देखो।
सोनाली और सुरभि- ऊऊओह.. मतलब उस कमरे में कैमरा लगा हुआ है और उसका कनेक्शन इस कमरे में है..
मैं- हाँ..
सोनाली और सुरभि- तो हम लोगों ने जो कुछ किया.. वो सब इसमें रेकॉर्ड हो गया होगा?
मैं- हाँ सब कुछ..
सोनाली और सुरभि- जरा दिखाओ तो..
मैं- ओके.. ये लो..
मैंने वीडियो प्ले कर दिया।
सोनाली और सुरभि- यह तो लग रहा है कोई लाइव इंडियन पॉर्न चल रहा है।
मैं- और तुम दोनों पॉर्न स्टार की तरह..
सोनाली और सुरभि- हाँ लग तो रहा है।
मैंने आँख मारते हुए कहा- तो क्या अपलोड कर दूँ नेट पर? फेमस हो जाओगी..
सोनाली और सुरभि- नहीं.. नहीं होना फेमस.. और हाँ इसको अभी डिलीट करो.. किसी को दिखना नहीं चाहिए।
मैं- ओके कर दूँगा..
सोनाली और सुरभि- ओके.. चलो ना कुछ शॉपिंग करने चलते हैं।
मैं- हाँ चलो किसी मॉल में चलते हैं।
सोनाली और सुरभि- ओके।
हम लोग रेडी हुए और एक मॉल में पहुँच गए और कुछ ड्रेस खरीदने के बाद लेडीज फ्लोर पर गए.. तो वहाँ बहुत सारी हॉट ड्रेस भरी पड़ी थीं.. तो मैंने उन दोनों को सजेस्ट किया.. तो दोनों ने अपने-अपने साइज़ के हिसाब से कुछ कपड़े ले लिए।
उनको ये सब इतने अधिक पसंद आए थे कि उन दोनों ने मिल कर लगभग 22 जोड़े ब्रा-पैन्टी खरीद लिए थे।
हम लोग घूमते रहे खूब मस्ती की और घर आ गए.. तो सोनाली ने अपने बैग से एक पैकेट निकाला.. उसमें रबर के 6 सैट लंड के थे।
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,299,790 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 522,287 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,151,100 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 871,914 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,542,192 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,986,910 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,796,784 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,515,416 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,825,588 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 266,180 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)