01-04-2022, 12:04 PM,
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desiaks
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RE: Muslim Sex Kahani खाला जमीला
नीचे खाला मेरे लण्ड को मसल रही थी, और लण्ड की टोपी पे अंगूठा घुमाती ता लण्ड में सुरसुराहट होने लगती। मेरा मजे से बुरा हाल था। दिल कर रहा था खाला की फुद्दी में लण्ड डाल दूं। मैं खाला के मम्मे दबाते हमें चूमने लगा, जिसका खाला पूरा सपार्ट दे रही थी।
मैंने खाला से कहा- "मेरा बहुत दिल कर रहा है फुद्दी में लण्ड डालने को.."
खाला ने सेक्सी आइ: भारी और कहा- "फुददी तो नहीं। लेकिन रगड़वा लेटी अगर मासिक ना आए होते। बस परसों तक सबर कर लो..."
मैंने कहा- "खाला तुम्हारी फुद्दी बहुत सेक्सी है। डबल रोटी की तरह फूली हुई है."
खाला मुश्कुराई और कहा- "बेटा बहुत मजा आता है जब तुम ऐसी बातें करते हो."
मैंने कहा- "मुझे भी मजा आता है जब तुम सेक्सी बात करती हो..."
खाला ने कहा, "मेरे मम्मों में रगड़ के पानी निकाल लो."
मैं खाला के ऊपर चढ़कर बैठ गया मम्मों के बीच और लण्ड पें अच्छी तरह थूक लगाकर लण्ड मम्मों के बीच रख दिया, तो खाला ने मम्मे पकड़कर जोड़ लिए। अब लण्ड मम्मों में फंस चुका था। मैं अब लण्ड को आगे-पीछे करने लगा। गुदाज मम्मों में लण्ड फिसल रहा था। नीचे मुझे खाला का नरम पैट मजा दे रहा था। मैं खाला के चेहरे पर हाथ रखें और उनकी आँखें में देखते हुपे लण्ड अंदर-बाहर कर रहा था। कुछ देर बाद मुझे पानी निकलने के महसूस हुवा तो तेज-तेज धक्के मारते हुये में फारिग होने लगा। मेरा पानी खाला के मुँह और गले में बहता नजर आने लगा।
मैं उठकर बगल हुआ तो खाला में पहले मेरा लण्ड साफ किया फिर अपने आपको, और दोबारा लेटकर सो गयें हम दोनों।
सुबह मेरे उठने से पहले खाला उठ चुकी थी। मैं लेट उठा था। अम्मी मुझे जगाने आई थी ऊपा। बैंड के किनारे बैठकर मुझे उठा रही थी। ।
मैंने कहा- "साने दें ना अम्मी और आप भी सो जाओं मेरे साथ.." और ऐसा कहते हये मैंने अम्मी के गले में बाज़ डालें और अपने ऊपर गिरा लिया।
अम्मी ने कहा "किया करते हो बेटा? अब उठ भी जाओ। फिर जाना भी है मकलावा लेकर..."
में ना चाहते हये भी उठ गया। फ्रेश होकर नाश्ता वगैरा किया। मकालावे के लिये फूफो, अम्मी, खाला और एक घर का मर्द साथ जा रहा था। बाकी हम लोगों घर में ही रहना था। जिन्होंने जाना था वो तैयारियों में लग गये। मैं सहन में एक चारपाई पे लेटा टीवी देख रहा था। लेकिन ध्यान मेरा घर की औरतों पर ही था।
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01-04-2022, 12:04 PM,
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RE: Muslim Sex Kahani खाला जमीला
अम्मी और खाला बार-बार पास से गुजर रही थी। उनके थिरकते हुये चूतड़ बड़ा सेक्सी नजारा दे रहे थे। खाला को तो मैं आँख भी मार देता थ, जब उनकी मुझ पर नजर पड़ती। अम्मी का सेक्सी जिश्म देखते हय अब मेरा दिल कर रहा था अम्मी से मस्ती करने का।
में अब कोई मोका तलाश रहा था जिससे मुझे अम्मी के करीब होने का चान्स मिलें। इसका मुझे अम्मी ने खुद है चान्स दे दिया। मैं लेटा हुआ था। अम्मी की अंदर से आवाज आई तो मैं उठ गया।
अम्मी ने कहा "बेटा, जरा मेरे जूतों में गीला कपड़ा मार दो.." अम्मी कुछ और कर रही थी।
मैं जता पे कपड़ा मारने लगा। फारिग हुआ तो उठकर बाहर आ गया। चान्स फिर भी ना बजा। कुछ देर बाद अम्मी मुझे ऊपर जाती हई नजर आई। वा ऊपर नहाने जा रही थी, नीचे कोई और नहा रहा था। मैं उठा और अम्मी के पीछे ही ऊपर चला गया। मैं ऐसे शो किया जैसे में वैसे ही ऊपर आया है।
अम्मी ने मुझे देखा तो मुश्कुराई और कहा "नहाने आई हूँ ऊपर..."
मैंने कहा- "अम्मी लाओ मैं मालिश कर दूं तेल से। आपकी खुश्की खतम हो जायेगी और जिस्म भी सेंट हो जायेगा आपका..' ये खयाल अचानक मेरे दिल में आया था और बगैर सोचे समझे अम्मी से कह भी दिया।
अम्मी ने मुझे देखा और कहा- "आइडिया बुरा नहीं है, और वैसे भी तुम अच्छा दबाते हो। आज तुम्हारा मसाज भी देख लेते हैं... चलो अंदर आ जाओ। वहां करो मालिश मेरी...'
मैं अम्मी के पीछे अंदर चला गया। अम्मी लेट गई बैंड पे सीधा, तो मैं उनके पास लेट गया। जहां तक सलवार ऊपर होती थी, मैंने कर दी और हाथों पे तेल लगाकर उनकी टांगें में मसाज करने लगा। बालों से पाक टांगें उनका गुदाज गोस्त मेरे हाथों पे फिसल रहा था। तेल से चिकनाहट हो गई थी। अब अम्मी की मसाज करने में मुझे मजा आ रहा था। सलवार घुटनों से ऊपर नहीं हुई थी।
टांगें की मसाज करके फारिग हुआ तो मैंने कहा- "अब कहा करंग अम्मी जान?"
अम्मी ने कहा, "अब पेट में कर दो..." और अम्मी में कमीज मम्मों तक ऊपर कर ली।
अब उनका सेक्सी नरम सफेद पेट मेरी आँखों के सामने था। रगम की लाइट बंद थी। लेकिन बाहर से रोशनी आ रही थी इसलिए सब साफ नजर आ रहा था। मेरा लण्ड पूरा अकड़ गया था और दिल धड़कने की रफ्तार तेज हो गई थी। बड़ी मुश्किल से हाथों की थरथराहट पे कंट्रोल किया हुआ था, वरना
अम्मी को शक हो सकता था। मुझे नार्मल ला करना था अपने आपको।
मैंने तेल हाथ पेट पे रखें और हाथों को दबाकर मसाज करने लगा। अम्मी का पेट सपाट था। हाथ बराका ऊपर नीचे चल रहे थे। सलवार के किनारों तक हाथ को लाता और ऊपर ले जाता। जब हाथ यहां तक आता तो मुझे फुद्दी का एहसास होने लगता। मुझे शरारत सूझी। मैंने अपनी उंगली नाभि में डाल दी।
जिससे अम्मी को गुदगुदी हुई तो वो हँसने लगी और कहा- "ना करा बेटा.."
में जानबूझ कर ऊपा हाथ ब्रा के किनरा से टच कर रहा था। मुझे वा कसी हुई महसूस होती।
अम्मी अब उल्टा लेट गईं। अम्मी ने कहा- "कमीज ऊपा कर दो.."
मैंने कमीज कंधे तक चढ़ा दी। जिससे अब अम्मी की ब्लैक बा की पट्टी नजर आनें लगी थी। पीठ पे हाथ फेरते हो मैंने कहा- "अम्मी आपका जिस्म तो बहुत चिकना और सफेद है। क्या लगाती हो?"
अम्मी ने कहा, "कुछ भी नहीं बेटा। नेचुरल है ये."
मैंने कहा- "बड़ा मजा आ रहा है मसाज करके.."बा की पटि मेरे हाथ से टकरा रही थी। बगल से मम्मों का एहसास हो रहा था मुझे। मम्मे दबने की वजह से बगल को निकल आए थे।
अम्मी ने कहा "पीछे से खोल दो.."
मैंने कहा- "क्या खोल दू?" ऐसा मैंने जाना के कहा।
अम्मी में पीछे ब्रा को हाथ लगाकर बताया- "इसको..."
मैंने ब्रा का हुक खोल दिया तो अब मम्मे बगल में कुछ और नजर आने लगे।
अम्मी ने कहा "बेटा मेरे ऊपर बैठ जाओ, फिर मसाज अच्छी तरह होगी.."
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01-04-2022, 12:06 PM,
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RE: Muslim Sex Kahani खाला जमीला
अम्मी अब पहले से ज्यादा फ्रैंक हो गई थी। अब मेरा जिश्म पहले से ज्यादा हिल रहा था। जिसका असर लण्ड पे भी पड़ा। लण्ड भी पहले से ज्यादा रगड़ने लगा चूतड़ा में। मैं बार-बार अम्मी को चूम रहा था। लण्ड अब बाकायदा झटके खाने लगा था। लण्ड पर से मेरा कंट्रोल खतम हो गया था। मुझे लगाने लगा लण्ड में पानी निकलने वाला है। अभी सोच ही रहा था की लण्ड से पिचकारियां निकलने लगी, जो मेरी सलवार गीला करते हुये अम्मी की सलवार को भी गीला कर दिया।
कुछ देर बाद अम्मी ने कहा- "चलो बस करो... मैं अब नहा लूं..'
अब पता नहीं अम्मी को महसूस हुआ की नहीं मेरे पानी निकलने का। नार्मल बिहेव था अम्मी का। अम्मी उठी और मुझे चूमती हुई वाशरणम चली गई।
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सब लोग जा चुके थे। घर में मामी, बाजी जोया और में ही थे। बाजी जोया घर की साफ सफाई करने लगी और मामी खाना वगैरा तैयार करने की तैयारी करने लगी। मामी सहन में बैठी हुई चावल साफ कर रही थी। मैं भी उनके पास जाकर बैठ गया और साथ में चावल से कंकर बगैरा निकालने लगा।
मामी चारपाई में एक टांग मोड़ करके बैठी थी, जिससे बगल से उनके चूतड़ बहुत टाइट दिख रहे थे। मामी के चूतड़ बगल से काफी चौड़े थे। जिस वजह से ऐसे ही लग रहा था जैसे नंगी चूतड़ देख रहा हूँ। सलवार टाइट हा गई थी मामी की चूतड़ों से। मैं और मामी बातें करते हुये सफाई कर रहे थे चावलों की। मेरी बार-बार नजर मामी के मोटे चूतड़ों की तरफ उठ रही थी। मैंने एक बार इर्द-गिर्द नजर मारी और जब देखा बाजी आस-पास नहीं हैं, तो मैंने अपना पैर उनके चूतड़ के साथ दबा दिया।
मामी ने स्माइल करके मुझे देखा और कहा- "क्या कर रहे हो बेटा? जोया देख लेंगी..."
मैंने कहा- "वा काम कर रही है। नहीं पता चलता उसको.." मैं अब चूतड़ों से अच्छी तरह पैर लगा रहा था। मैंने फिर कहा- "मामी तुम्हारे चूतड़ बड़े-बड़े और भारी होते जा रहे हैं। दिल कर रहा है इनको खा जाऊँ..."
मामी मश्कराई और कहा- "तो खा लेना जब मौका मिले..."
इतने में मुझे बाजी रूम से निकलती दिखाई दी। मैंने पैर बगल में कर लिया। बाजी पास से गुजर गई, मुझे स्माइल देती हुई। अंदर जाकर बाजी ने मुझे आवाज लगाई और कहा- "जरा सामान उठाने में मदद करना...
मैं उठकर अंदर गया और बाजी की हेल्प करने लगा। बाजी के बार-बार झुकने से उसके गोल चूतड़ बाहर को निकाल आते, जिनको देख-देखकर मेरा लण्ड सरे आम हिचकोले खाने लगा। जिसका बाजी को भी अंदाजा हो रहा था, क्योंकी वो भी मनीखेज नजरों से लण्ड को देख रही थी।
नीचे से फारिग होकर बाजी मुझे ऊपर ले गई, अपने साथ काम करवाने के लिये। मामी अभी नीचे बैठी हुई थी सहन में। ऊपर रूम में जाते ही मैंने बाजी को झप्पी डाल ली, और उनके गाल गुदाज चूतड़ हाथों में पकड़कर दबाने लगा। लण्ड जो पहले ही हाई था आगे से उनको टच कर रहा था।
दो मिनट बाद ही बाजी ने अपना आपको छुड़वाया और कहा- "काम खतम कर लें। मेहमान कभी भी आ सकते हैं..." मजबूरन मुझे हटना पड़ा।
कम से फारिग होकर हम नीचे आ गये। मामी अब किचेन में जा चुकी थी, वहां खाना पका रही थी। शाम का टाइम था मगरिब का जब अम्मी लोग वापस आ गये भाभी को लेकर। फ्रेश होकर सबने खाना खाया उसके बाद रिलैक्स होकर बैठ गये।
कजन बदर जिसकी शादी थी उसका नाम साजिद था, उम्र 25 साल। दुल्हन जिसकी उम्र 24 साल नाम फैजा।
भाई साजिद की मेडिकल दुकान थी और भाभी फरजाना एक डाक्टर हैं। भाभी खूबसूरत स्मार्ट जिस्म रखती थी। मम्मे और चूतड़ पे गोस्त कुछ ज्यादा था, जिस वजह से उनके मम्मे और चूतड़ नुमाया हो रहे थे कमीज सलवार में भी।
आज पहली बार मैं भाभी को करीब से देख रहा था और गप-शप भी कर रहा था। बातों-बातों में अम्मी ने उनको गुजरौंवाला दावत पे आने का कह दिया और खाला ने भी। इस रात कुछ खास नहीं हुवा।
सुबह उठा तो बाजी जोया ने कहा- "तुमने मुझे घर छोड़कर आना है.." क्योंकी बाजी की सास पहले ही जा चुकी थी। नाश्ता कर के फारिग हये ता बाजी पकिंग करने लगी, और में बाइक निकालकर उसको साफ किया।
कुछ देर बाद बाजी और मैं बाइक पे बैठे उनकी सुसराल जा रहे थे। आज बाजी ने अपना बैंची भी पकड़ा हुवा था, इसलिए कोई खास मस्ती ना हई रास्ते में।
दोपहर को जब उनके घर पहुँचे तो घर में उसकी सास और सास की बहन बैठी हुई थी। मैं उनसे मिला और पास ही बैठ गया। वो मुझसे मेरा और घर वालों का पूछने लगी। जो दूसरी औरत थी वो काफी माइन दिख रही थी। बाजी अंदर चली गई थी। कुछ देर बाद बाजी ड्रेस चेंज करके बाहर आई और किचेन में चली गई चाय बनाने।
कुछ देर बाद बाजी में मुझे अंदर बुलाया, और कहा- "आकर चाय पी लो.."
मैं वहां से उठा और अंदर आ गया। जहां में और बाजी चाय पीने लगे। इस दौरान मैंने बाजी को कहा- "तुमने जरूर आना है भाई साजिद के साथ."
बाजी ने कहा- "ही क्यों नहीं? जरूर आऊँगी..."
मैंने कहा- "बाजी बड़ा दिल कर रहा है तुम्हारी फुद्दी मारने को। बस तुम जरूर आना। वहां जी भरकर तुम्हारी फुद्दी मारूंगा...
बाजी मुझे हवस भरी नजरों से देखने लगी। बाजी उठकर खिड़की के पास गई और खिड़की खोलकर बाहर की तरफ एक नजर देखा और फिर मेरी तरफ घूम गई और कहा- "अभी लोगे मेरी फुद्दी?"
बाजी के मुंह से फुद्दी लेने का शब्द सुनकर मेरे जिस्म में अजीब सा नशा छा गया और दिल तेज-तेज धड़कने लगा।
मैंने हाँ कहा।
बाजी ने कहा- "मैं यही खिड़की के पास खड़ी रहती हैं बाहर नजर रखती हैं..."
में बेड से उठा और बाजी को जाकर पीछे से झप्पी डाल ली।
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01-04-2022, 12:06 PM,
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RE: Muslim Sex Kahani खाला जमीला
कड़ी_43
बाजी के मोटे मम्मे मैंने पकड़ लिए। नरम मम्मे मेरे हाथों में दब रहे थे। नीचे मेरा लण्ड गुदाज चूतड़ों से लगते ही खड़ा होने लगा था। बाजी अब पूरा जोश से अपने चूतड़ मेरे साथ रगड़ रही थी। जिनका मुझे बहुत मजा आ रहा था। चूतड़ों का नरम गोस्त लण्ड पे बहुत मजा दे रहा था।
कुछ देर बाद बाजी ने कहा- "सलवार उत्तार लो..." और अपनी भी घुटनों तक नीचे कर ली और खिड़की पे हाथ रख कर झुक गई। जिससे उनके गोल-गोल चूतड़ सेक्सी शेप में नजर आने लगे।
मैने लण्ड पे भूक लगाया और बाजी की फुद्दी पे लण्ड रगड़ते हमें फुद्दी के अंदर डाल दिया। फुदद्दी जा पहले ही गीली थी लण्ड को ऐसे अपने अंदर लिया जैसे बंदा बर्फ पे स्लिप होता है। फुद्दी की गर्मी जब लण्ड पे महसूस हई तो मेरी टाँगें अपने आप अकड़ गई मजे से।
मैं बाजी के ऊपर झुक गया और कमीज में हाथ डालकर उनके नंगे मम्मे पकड़ लिए। इस अंदाज में बाजी से सेक्स करते हये इंतहाई मजा आ रहा था। बाजी के लटॅक हमें मम्मे जिनको अब मैंने अपने हाथों में दबाया हुआ था। मम्मे मसलतं और दबाते ही लण्ड को फुद्दी में अंदर-बाहर कर रहा था। बाजी की फुद्दी पूरा पानी छोड़ रही थी। जब मेरा पानी निकलने वाला हुआ तो मैंने बाजी को बताया।
बाजी ने कहा- "अंदर ही निकाल दो अपना पानी..."
और जब मैंने अपनी मनी अंदर छोड़ी तो फुद्दी काफी चिपचिपी हो गई लेसदार पानी से। मैंने लण्ड बाहर खींच लिया तो बाजी ने एक कपड़े से मेरा लण्ड साफ किया। मुझे बड़ा अच्छा लगा जब जो दूसरी औरत थी उसने मुझसे पूछा- "किधर से जाना है?" जब मैंने बताया तो उसने कहा- "मुझे भी ले चलो मेरे गाँव के स्टाप पे मुझे उतार देना..."
मैं और वो खूबसूरत औरत बाजी के घर से निकल आए। वो औरत मुझसे बातें करने लगी- "क्या पढ़ते हो? कौन सी क्लास में हो? इत्यादि.." ये औरत मामी जोबिया की उम की थी गोरी-चिट्टी थी और जिश्म भरा हुआ था।
जब इसके गाँव का स्टाप आया, तो मैंने उसको उतार दिया। उसने बहुत कहा घर आओं कुछ खा पीकर जाना लेकिन मैंने इनकार कर दिया की लेट हो जाऊँगा।
जब घर पहुँचा तो सूरज डूब रहा था। ठंड भी बढ़ गई थी। घर में जब एंटर हुआ तो सबसे पहले अम्मी मिली सहन में ही उन्होंने गले लगाकर प्यार किया और पूछा- "खैर खैरियत में आ गये हो?"
मैंने कहा- "जी अम्मी...
फिर अम्मी ने मुझे छोड़ा और कहा- "चलो तुम अंदर, मैं आती हूँ.."
अंदर सब बैठे हुये थे। भाभी फरजाना और भाई साजिद भी सबके साथ बैठे गप-शप कर रहे थे। ऐसे ही बातें करते हुये डिनर भी हो गया।
मैं अम्मी के पास बैठ गया चारपाई पे। अम्मी ने मुझे प्यार से अपने साथ लगा लिया। मुझे इस तरह अम्मी से चिपक के बैठना बहुत मजा दे रहा था। अम्मी बीच-बीच में मुझे चूम भी रही थी। कुछ देर के बाद भाई लोग उठकर अपने रूम में चले गये।
मैं और खाला ने आज ऊपर सोना था, क्योंकी आज खाला के मासिक खतम हो चुके थे। इसलिए जानबूझ के ऊपर का प्रोग्राम रखा, वरना नीचे भी जगह तो थी सोने की। मैं और खाला जब ऊपर रूम में गयें तो मैंने राम में रोशनी कर के दरवाजा लाक कर दिया। आज मेरा दिल कर रहा था खाला के जिश्म को रोशनी में देखू। खाला मिरर के सामने खड़ी होकर बालों का जड़ा बना रही थी, जिससे उनके बाजू ऊपर को उठे हमें थे और मम्मे आगे निकल आए थे। खाला के मोटे-मोटें मम्में पूरा सेक्सी नजारा पेश कर रहे थे।
में आगे बढ़ा और खाला को पीछे से झप्पी डाली और बाजू के नीचे से अपने हाथ गुजार कर खाला के मोटें गदाज मम्मे पकड़ लिए, जो मेरे हाथों में पूरा नहीं आ रहे थे। मम्मे दबाते हुये मैंने खाला को कहा- "तुम्हारे मम्मे पहले से बड़े हो गये हैं, क्या खिलाती हो इनका?"
खाला ने कहा "तुमने ही किए हैं बड़े... हर बात इनके पीऊं पड़े रहते हो.. अब में 40" इंच के हो गये हैं." ऐसा खाला में मुश्कुराते हुये कहा था।
खाला के मुँह से मम्मों का साइज सुनकर लण्ड ने एक झटका खाया खाला के चूतड़ों पें। इस वक़्त मैं और खाला बेड पे लेटे हुये एक दूसरे को किस कर रहे थे, और जिश्म एक दूसरे के साथ चिपके हुये थे। किस करते हो मैं खाला का एक चूतड़ जोर-जोर से दबाए जा रहा था। खाला के नरम चूतड़ मेरे हाथ में खूब मजे से दब रहे थे।
खाला बार-बार अपनी फुद्दी का प्रेशर लण्ड पे डाल रही थी, जैसे लण्ड को अंदर लेना चाहती हो। खाला की बेचैनी देखकर मुझे और ज्यादा सेक्स चढ़ रहा था।
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01-04-2022, 12:06 PM,
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RE: Muslim Sex Kahani खाला जमीला
कड़ी_44
कुछ देर बाद मैंने और खाला ने सारे कपड़े उतार दिए बस खाला ने अपनी ब्लैक ब्रा नहीं उतारा। ब्रा में से खाला के आधे मम्मे बाहर को निकले हमे थे। इसी जगह मैंने होंठ रखें और नरम गोस्त होठों में भर-भर के चूसने लगा। खाला के मोटे मम्में यहां से नरम और गरम थे।
खाला की सिसकियां निकाल रही थी। इसी दौरान खाला ने मेरा अकड़ा हुआ लण्ड पकड़ लिया जो उनकी जांघ के साथ दबा हुवा था। खाला लण्ड को मसलती और हल्की मूठ मारने लगी। खाला के लण्ड मसलने के अंदाज में मेरे लण्ड में झुरझुरी होने लगी।
अचानक मेरे दिल में खाला की फुद्दी देखने का खयाल आया। मैंने खाला से लण्ड छुड़वाया और उठकर उनकी टांग में बैठ गया टांगें को फैलाकर। जैसे ही टांगें खुली तो खाला की क्लीन शेव्ड फुद्दी मेरी नजरों के सामने आ गई। फुद्दी के होंठ हल्के से खुले हुये थे। लब फूले हुये डबल रोटी की तरह लग रहे थे। फुद्दी अपने ही चिकने पानी से चमक रही थी रोशनी से।
मैंने एक उंगली फुद्दी पे रखी और लबों में दबाकर ऊपर से नीचे तक उंगली फेरी, तो खाला ने मेरा हाथ फुद्दी पे दबा लिया मजे में। मेरे हाथ को फुद्दी का पानी लग चुका था। मैं अब फुद्दी पे हल्के-हल्के उंगली फेर रहा था। नीचे लण्ड झटके मार रहा था। खाला ने लण्ड को झटके खाते देख लिया।
खाला में सेक्सी आवाज में कहा- "देखो जरा अपने लण्ड को, कैसे वो मेरी फुद्दी के लिये तड़प रहा है?" खाला से इतनी सेक्सी बात सुनकर मुझे मजा आया।
मैंने कहा- "खाला तुम्हारी फुद्दी ही ऐसी है की मेरे लण्ड को सकून नहीं मिलता। जब तक तुम्हारी फुद्दी से टच ना हो जाए."
खाला ने कहा "चलो करो फिर लण्ड को मेरी फुद्दी से टच.."
इतना सुनना था की मैंने लण्ड को जड़ से पकड़ा और लण्ड की टोपी फुद्दी के लबों में फंसाकर ऊपर नीचे फेरने लगा। आधी टोपी फुद्दी में छुप गई थी। खाला ने मेरा हाथ पीछे किया और खुद मेरे हाई लण्ड को पकड़कर अपनी फुद्दी मे मसलने लगी। साथ-साथ खाला की सिसकियां निकलने लगी। खाला का मेरा लण्ड पकड़कर फुद्दी पे रगड़ना मुझे बहुत मजा दे रहा था।
मैंने कहा- "खाला अंदर ले लो मेरा लण्ड। बहुत दिल चाह रहा है तुम्हारी फुदी में लण्ड डाल..."
खाला ने कहा "नहीं बेटा, अभी नहीं। तुम छोटे हा मैं ऐसा नहीं चाहती तुमसे... मैं खाला के ऊपर गिर गया और खाला को चूमते हमें फुद्दी पे लण्ड रगड़ता रहा।
अभी पानी भी नहीं निकला था की रूम का दरवाजा धड़ाधड़ बजा और लुबना की आवाज आई- "अम्मी जल्दी उठो, खाला अंबीन की तबीयत खराब हो गई है। मतलब मेरी फूफो की..."
हम तो पूरा नंगे थे। जल्दी से उठे और आवाज पैदा किए बगैर खाला ने कपड़े पहने और कहा- "बाद में आना, मैं चलती है.." और खाला अपने आपको दरुस्त करतं हमें नीचे चली गई।
शुकर था की रूम लाक था वरना लुबना तो अंदर आ जाती और पकड़े जाना था। कुछ देर बाद मैं भी नीचे आ गया। पता चला फूफों के पेट में ज्यादा दर्द हो गया था। भाई उनको लेकर हास्पिटल गये थे, साथ में अम्मी भी गई थी। फिर सुबह तक सब जागते रहे, जब तक फूफो आ नहीं गई।
आज हमारी वापसी भी थी गुजर नवला की। क्योंकी परसों स्कूल लग जाने थे। सुबह नाश्ता कर के अम्मी और खाला पैकिंग करजें लगे। मामी और मामू ने रात की बस से मुल्तान वापस जाना था।
11-12 बजे तक हम तैयार होकर निकल आए घर से। बस स्टाप में गाड़ी जाने वाली थी गुजरानवाला। हम जाकर गाड़ी में बैठ गये।
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