01-04-2022, 12:07 PM,
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desiaks
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RE: Muslim Sex Kahani खाला जमीला
अम्मी सीधा लेटी हुई थी चारपाई पे। दुपट्टा उतारा हुवा था और मम्मे आसमान की तरफ बुलंद हुये दिख रहे थे। मैं इस तरह बैठा की मेरे पैर और टांगें अम्मी के पेंट और जांघ की बगल से छू गयें। पानी की पट्टी माथे पर रखते हमें मुझे आगे को झुकना पड़ता था। जिससे अम्मी के मम्मे मुझे और क्लियर नजर आते। अम्मी आँखें बंद किए लेटी हुई थी। इसलिए मैं बेफिकी से उनको देख रहा था।
15-20 मिनट पटियां की तो बुखार काम होने लगा अम्मी का। अम्मी के इतने पास बैठने से लण्ड पूरा टाइट
था इस वक़्त। मेरा दिल कर रहा था की अम्मी उल्टा लेट जायें और में उनके मोटे चूतड़ों को पकड़कर जोर-जोर से दबाऊँ, और उनमें किस करूँ
।
कुछ देर बाद अम्मी ने कहा- "अब बस करी। पहले से काफी आराम है."
मैंने कहा- "मेरी जब भी जरुरत हो बता देना अम्मी जान...
अम्मी में प्यार में मेरे सिर पे हाथ फेंगा और कहा- "ठीक है बेटा बता दूंगी। तुम टेन्शन ना लो.."
रात को अब्बू आए तो उन्होंने भी अम्मी से हालचाल पूछा। फिर अब्बू ने कहा "मुझे काम के सिलसिले में 3-4 दिन के लिये आउट सिटी जाना है आज रात को..." अब्बू ने मुझे अम्मी का खयाल रखने को बाल दिया। रात
को 11:00 बजे अब्बू चले गये।
तब अम्मी ने कहा- "आज मेरे रूम में ही सो जाना.." जब बेड पे लेटी तो रात को तो छोटे भाई को एक बगल पें सुला लिया।
अम्मी लेट गई तो मैंने कहा- "मैं आपको दबा देता हैं। ठीक हो जायेंगी आप."
अम्मी ने कहा- "ठीक है बेटा..." अम्मी लेट गई तो मैं उनके पास बैठ गया। अम्मी में कंबल ऊपर ले लिया क्योंकी उनको सर्दी महसूस हो रही थी।
मैंजे कचल में हाथ डालकर अम्मी की दायीं जाघ पे हाथ रखा, और अम्मी की माटे नरम जांघ दबाने लगा। मेरे दोनों हाथ अम्मी की नरम जांघ पे चल रहे थे। जांघ इतनी मोटी थी की मेरे हाथों में नहीं आ रही थी। अम्मी
आँखें बंद किए लेटी हुई थी। मेरी उंगलियां जांघ के अंदरूनी तरफ स्किन में फँसी हुई थी। जांघों की नर्मी ने मेरा लण्ड खड़ा कर दिया था।
मैं इस वक़्त पूरा सेक्स में डूब चुका था। जांघ को दबाते हुये मैं उंगली को फुद्दी के पास ले गया और वहां में जानबूझ के पहले से ज्यादा जोर से दबाने लगा। जिससे ये हुआ की मेरी उंगली फुद्दी से छूने लगी। यहां पे अम्मी का जिस्म बहुत गरम था, और मेरे हाथों में हल्की सी लरजिश भी थी।
अम्मी की आवाज आई- "अब दूसरी तरफ से दबाओं.." इससे ये हुवा की फुद्दी से हाथ दूर हो गया। अब सिर्फ जांघों पे हाथ चल रहा था मेरा। कुछ देर बाद अम्मी का सिर भी दबाया।
फिर अम्मी ने कहा- "अब सो जाओ। काफी टाइम हो गया है..."
खड़े लण्ड के साथ बड़ी मुश्किल से नीद आई। सुबह उठा तो देखा अम्मी फ्रेश लग रही थी। तबीयत पहले से काफी बेहतर लग रही थी।
दोपहर को खाला आई उसने भी अम्मी का हालचाल पूछा। खाला जब जाने के लिये उठी तो मुझे कहा- "बेटा जरा आओ घर, कुछ काम है..."
खाला के साथ जब मैं उनके घर गया तो घर में कोई नहीं था। मैंने पूछा "लुबना किधर है?"
खाला ने बताया, "अपनी दोस्त की तरफ गई है..." खात्रा ने बाहर का दरवाजा लाक कर दिया था।
मैं सहन में एक चेयर पे बैठ गया। खाला ने मुझे सेक्सी नजरों से देखा तो मेरे जिस्म में मजे की एक लहर दौड़ गई। मैं उठा और खाला को झप्पी डाल ली। खाला मुझे किस करने लगी। शायद वो पहले से गरम थी, इसलिए मुझे बुला लिया था। किस के बाद मैं और खाला बैडरूम में चले गये। वहां जाते ही हमने कपड़े उतारे और दोनों नंगे हो गये।
खाला का जिक्षम चमक रहा था। जब से खाला में सैटिंग हुई तब से खाला ने अपनी फुददी को भी साफ रखना शुरू कर दिया था। खाला सीधा लेट गई तो मैं उनके ऊपर लेट गया और लण्ड को जांघों में फंसा दिया। अब खाला के मम्मे दबातें हये लण्ड को फुद्दी पे रगड़ रहा था। रात में मेरा भी पानी नहीं निकला था। इसलिए बहुत मजा आ रहा था। लण्ड बार-बार अकड़ रहा था खाला की जांघों में। नरम जांघ और फुद्दी का मजा लण्ड पे अच्छी तरह महसूस हो रहा था।
खाला ने कहा "बहुत मजा आ रहा है बेटा मुझे..."
मैंने कहा- "खाला मुझे भी बहुत मजा आ रहा है। ऐसा लग रहा है तुम्हारी फुद्दी में लण्ड डाला हुआ है उफफ्फ... कितना गरम है तुम्हारा जिस्म खाला.."
खाला की भी सिसकियां निकल रही थी मजे से। कुछ देर बाद मेरा पानी निकाल गया खाला के जांघों में हो। जब अच्छी तरह फारिग हुआ तो खाला के ऊपर से उठ गया। खाला ने अपने आपको साफ किया और कपड़े पहनकर हम बाहर आ गये।
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01-04-2022, 12:08 PM,
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RE: Muslim Sex Kahani खाला जमीला
कड़ी_46
मैं और खाला रूम से बाहर आ गये और मैं सहन में बैठ गया टीवी देखने लगा। खाला किचेन में जस बनाने लगी मरे लिए। कुछ देर बाद लुबना भी आ गई। जूस पीतं हमें उससे गप-शप भी हुई। वो अपनी स्टडी को लेकर बहुत सीरियस हो रही थी। लुबना उठकर अंदर चली गई।
खाला सब्जी लेकर मेरे पास आ गईं। वहां चारपाई पे बैठी सब्जी काटने लगी। मैं चेयर पे बैठा था अब मैंने अपनी टांगें उठाकर चारपाई पे रख दी खाला के पास।
खाला ने दुपट्टा नहीं लिया हुवा था। मम्मे उनके आगे को निकले हमें थे। गला खुला था, जहां से आधे मम्मे नजर आ रहे थे। मैंने पैर खाला की जांघ की बगल से टच किया तो, खाला ने मेरी तरफ देखा।
मैंने धीरे आवाज में कहा- "खाला तुम्हारे मम्मे बड़े सेक्सी लग रहे हैं। देखो ज़ारा ऊपर से तुम्हारे मम्मों की लकीर नजर आ रही है।
खाला ने सेक्सी नजरों से मेरी तरफ देखा और मुश्कुरा दी। फिर बातों के दौरान मैं जांघ पे मालिश करने के अंदाज में पैरा का फेर रहा था। अभी हम बातें कर रहे थे तो मोहल्ली की एक औरत आकर खाला के पास बैठ गई और मैं घर आ गया।
घर आया तो अम्मी लेटी हुई थी। मैंने उनकी तबीयत का पूछा। उनके पास बैठ गया बेड पै और उनका बाजू दबाने लगा।
अम्मी ने कहा "हाँ बेटा अब कुछ बेहतर है पहले से, बस जरा कमजोरी हो गई है."
मैंने अम्मी को एक ग्लास गरम दध का पिलाया।
अम्मी ने कहा, "बड़ी खिदमत कर रहे हो मेरी। पहले तो कभी नहीं इतना खयाल किया मेरा..."
मैंने कहा- "अम्मी पहले मुझे एहसास नहीं था। अब मुझे एहसास हुआ है.." अब मैं अम्मी को कैसे बताता की मुझे एहसास किस वजह से हुवा है? .
अम्मी मुश्कुराई और बाह फैलाई। में इशारा था आओ मेरे गले लग जाओ। अम्मी लेटी हुई थी। मैं अम्मी के ऊपर झुक गया तो अम्मी ने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और सीने से लगा लिया। अम्मी ने मुझे गाल में किस की और कहा- "मेरा बेटा तो बहुत अच्छा है। मेरा खयाल भी रखता है.."
मुझे अम्मी के मम्मे अच्छी तरह महसूस हो रहे थे। मैंने भी अम्मी को उनके नरम गालों पे किस की और फिर जुबान फेर दी।
अम्मी मुश्कुराई और कहा- "बाज नहीं आओगे?"
मैंने कहा- "अपने कहा था कर लिया करो। मुझे अच्छा लगता है इसलिए ऐसा कर लेता हूँ."
मैं जानबूझ के अम्मी के ऊपर झुका रहा। अम्मी ने मेरा सिर ऊपर किया और मुझे देखने लगी। मैं भी अम्मी को देखने लगा। अम्मी ने अपने होठ किस करने के स्टाइल में इकट्ठे किए। ये किस करने का स्टाइल था उनका। मैंने भी उनकी नकल उत्तरते हय सेम उनकी तरह किया।
अम्मी मुश्कुराई और कहा- "बड़े तेज हो तुम हो..." और एक चपत लगाई मुझे।
अम्मी का चेहरा कुछ-कुछ गरम था। मेरे हाथ उनके गालों से छू रहे थे, और मेरे बाजू अम्मी के मम्मों के ऊपर से छू रहे थे। में अपनी उंगलियां अम्मी के गालों में फेरने लगा। मेरा लण्ड इस बात सेक्सी मस्टीतियों की वजह से पूरा हाई हो गया था। जिसको मैंने अपनी टांगों में दबा लिया हुआ था।
अम्मी ने कहा, "बेटा आज खाजा बाहर से लें आजा। कल फिर में पका लंगी...
मैंने हाँ में सिर हिलाया, और वहां से उठ गया। शाम का अंधेरा फैल रहा था। मैं छत पे बैठा स्टडी कर रहा था। तो साथ वाली छत पे नरेन आ गईं। वो कपड़े उतार रही थी। हमारी नजरें आपस में मिली। काफी दिनों बाद उससे टकराब हुवा था।
नरेन ने मुश्कुरा के मुझे देखा, फिर दीवार के पास आई- "अली कहां गुम रहते हो? नजर ही नहीं आते...
मैंने कहा- "तुम नहीं नजर आती। मैं तो दो-तीन बार आया तुम्हारे घर."
नरेन पहले से निखरी हुई लग रही थी। मेरी नजर उसके मम्मों 4 पड़ी तो नरेन का पता चल गया। उसने मुझे शरारती स्माइल से देखा और में भी मुश्कुरा दिया।
नरेन ने कहा- "किया बात है तुम्हारी नजरें बहुत आवारा हो रही है?'
मैंने भी मुश्कुराते हुये कहा "सामने जब चीज ही ऐसी नजर आ जाये तो नजर का क्या कसूर है?"
नरेन ने कहा- "कभी चक्कर लगाओ घर में। अब मैं घर पे ही होती हैं..."
मैंने कहा- ठीक है।
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01-04-2022, 12:08 PM,
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RE: Muslim Sex Kahani खाला जमीला
मैंने अम्मी को और अपने साथ लगाते हुये कहा- "अम्मी मुझे आपस प्यार हो गया है, इसलिए आपको छोड़ने का दिल नहीं करता.." बातों के साथ-साथ मैंने अपना काम भी जारी रखा हुआ था। ऊपर से अम्मी के मम्मों की लाइन साफ नजर आ रही थी और नीचे पहना हुवा बा भी महसूस हो रहा था।
अम्मी ने कहा "बेटा अभी सफाई भी करनी है। तुमने मेरी हेल्प करनी है। कल मेहमान आ जाने हैं."
मैंने कहा- "ठीक है अम्मी जान... और मैं अम्मी को गर्दन पे किस करने लगा, और नरम गोस्त को मुँह में भर लेता था।
अम्मी ने कहा "बस काटना नहीं, वरना निशान पड़द जायेंगा.."
मैंने कहा- "अम्मी आप इस उम्र में भी बड़ा स्मार्ट हो, एक लड़की की तरह। मुझे बहुत पसन्द है आपका जिशम..." मैंने जानबूझ के जिशम शब्द काहीस्तेमाल किया।
अम्मी मुश्कुराई और कहा- "ओहो किया बात है, बड़ा गौर करते हो मुझ पे"
मैंने कहा- "आप मेरी अम्मी हो और ऊपर से मैं आपको प्यार भी करता हैं, तो फिर आप पे गौर ता करंगा ही ना?"
अम्मी मुश्कुराई और कहा- "मेरा बेटा भी बहुत प्यारा है.." इसके साथ ही अम्मी ने अपना चेहरा पीछे करके मुझे चमा।
इससे ये हुआ की अम्मी के चूतड़ मेरे लण्ड से अच्छी तरह रगड़ खा गये। ऐसा होने से लण्ड ने एक झटका लिया जो सीधा अम्मी के चूतड़ा पे लगा। अम्मी दोबारा सीधा होकर कपड़े प्रेस करने लगी।
मैंने अम्मी के पेंट पे हाथ फेर के कहा- "देखो अम्मी आपका पेंट कितना मुलायम है। दिल करता है पकड़कर मसल दू.." और मेने पेट को हाथों से दबाकर और हाथ में पकड़कर मसला भी।
अम्मी ने कहा "लगता है, मेरे बेटे को मेरा पूरा जिस्म ही पसन्द है?"
मैंने कहा- "जी अम्मी... सिर से पैर तक आप मुझे पसन्द हो। मेरा दिल करता है की आपके पूरा जिस्म में
आपको चूम लूं..."
अम्मी- "अच्छा बेटा जी ये बात है? अगर मैं कह की तुम चूम सकते हो मेरा पूरा जिश्म तो फिर?"
मैं पहले तो हैरान हुवा फिर कहा- "तो मैं चूम लूंगा अपनी पसन्द का जिस्म..."
अम्मी- "चलो जब मोका मिला तो फिर चम लेना.."
मैं- "मैं अभी चूम लेता हैं। मेरा अभी बहुत दिल कर रहा है आपका चूमने का.." सेक्स और मजे से इस वक़्त मेगा बुरा हाल था, ऊपर से सेक्सी बातें। मैंने इरते-डरते अपने कांपते हाथ अम्मी जांघों पे रख दिए और कहा- "ये देखो अम्मी, यहां से आपका जिश्म कितना हेल्दी है। लेकिन बहुत अच्छा लगता है ये.."
अम्मी- "हाँ बेटा, यहां से वाकई में हेल्दी है और देखो पीछे से भी मेरा जिश्म कितना भारी है। है ना?"
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01-04-2022, 12:09 PM,
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RE: Muslim Sex Kahani खाला जमीला
खाला सिसकियां लेती हई- "हाँ बेटा, मुझे पता है की तुमका मेरे चूतड़ बड़े पसन्द है। हर वक़्त इनके पीछे पड़े रहते हो। मुझे पता है मेरी फुदद्दी के साथ तुम मेरी गाण्ड मारने का भी शौक रखते हो। है ना?"
में- "ही खाला तुम्हारे मोटे और बड़े चूतड़ मेरी कमजोरी हैं। दिल करता है अभी इन में लण्ड डाल दू अपना.
खाला- "ता डाल लो बेटा। लेकिन अंदर नहीं करना, बस ऊपर ऊपर से कर ला..."
मैं तो पागल ही हो गया खाला की बात सुनकर। फिर खाला ने अपने चूतड़ मेरी तरफ किए। सलवार पहले ही नीचे थी। मैंने अपनी भी सलवार नीचे की और लण्ड पे थूक मल के खाला के बाहर को निकले हमें चूतड़ों में लण्ड फैंसा दिया।
खाला- "बेटा मेरे चूतड़ों में भी थूक लगा लो, फिर ज्यादा मजा आएगा.. खाला की बात सुनकर मेरे अंदर एक मजे की लहर दौड़ गई।
मैं- "खाला मेरा मुँह सूखा हो गया है। तुम अपना थूक मेरे हाथ पै डालो..."
खाला में ऐसा ही किया। मैंने लण्ड बाहर निकाला और हाथ को चूतड़ों में घुसाकर अच्छी तरह उंगलियों से गाण्ड के अंदर तक थूक मल दिया। जिससे खाला के चूतड़ अंदरूनी बगल पे चिकने हो गये। मैंने लण्ड को दुबारा पकड़ा और चूतड़ों में घुसा दिया और लण्ड को आगे-पीछे करने लगा। ऊपर से खाला के मम्मे पकड़ लिए। खाला थोड़ा सा झुक गई थी, जिससे लण्ड अच्छी तरह सेंट हो गया उनके चूतड़ों में।
गुदाज चूतड़ों में लण्ड ऐसे अंदर-बाहर हो रहा था, जैसे मैं एक फुददी मार रहा हूँ। मुझे इतना ही मजा आ रहा था। खाला के चूतड़ों में गर्मी भी एक फुद्दी जितनी महसूस हो रही थी। मजे से मेरा बुरा हाल हो रहा था। मेरी और खाला की साँस तेज हो रही थी।
खाला- बेटा जल्दी कर लो, काई आ ना जाए। वरना सारा मजा खराब हो जायेगा।
अभी ये अल्फ़ाज खाला के मुँह में ही थे की किचेन से अम्मी की आवाज आई। खाला को बुला रही थी। खाला ने फटाफट मुझे छोड़ा और सलवार ऊपर कर लो। मैं भी डर गया था की शुकर है अम्मी अंदर नहीं आ गई। लेकिन
मजा खराब होने का दुख भी था। डर की वजह से लण्ड ऐसे सिकुड़ गया था जैसे अभी कुछ किया हो ना हो। मैंने भी कपड़े सेट किए और बाहर आ गया।
अम्मी ने एक-दो काम कहे, वो भी कर दिया।
दोपहर 3:00 बजे होंगे जब मेहमान आ गये। साजिद भाई, भाभी फरजाना और बाजी जोया और उनका बैंबी ये 4 लोग आए थे। सब बहुत खुशी से मिले।
बाजी जोया ने मुझे गले लगाया और मेरे कान में फुसफुसाई- "मैं आ गई अली तुम्हारी जान..."
मजे भी उनका वेलकम कहा। भाभी से हाथ मिलाया। वो भी मुश्कुराई मुझे देखकर।
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