Naukar Se Chudai नौकर से चुदाई
06-18-2017, 11:16 AM,
#21
RE: नौकर से चुदाई
मेने भी उत्साह से सीत्कारना शुरू कर 
दिया..सीईईपूचसीईईपुच्चसीईयपुच्च्च्चसीए ईईएपुच्च्चसीईए 
ईईईएपुच्च्च्च्च.उसके धक्को का ज़ोर क्रमवार ज़्यादा,और ज़्यादा,और 
ज़्यादा से भी ज़्यादा होता गया. मैं सीत्कारीया भर भर उस का उत्साह 
बढ़ाती रही..कैसा लग रहा है बीबीजी. वह पूछा. पर मैं जवाब 
नही दे सकी..मज़ा पा रही हो ना.-यह तो मज़ा लेने की चीज़ है 
बीबीजी.-खूब मज़ा लिया करो.. वह मेरे गाल ही नहीपुरा चेहरा ही 
चूम डाला. मेरे पूरे चेहरे को चूम चूम चुदाई लगाई. दाया गाल 
चूमधक्का मारा. बाया गाल चूमधक्का मारा. तोड़ी चूमा लंडपेला. 
कान चूमा लंड घुसाया. आख़ें चूमि-धक्का मारा. माथा चूमा लंड 
घुसेड़ा. कनपटी चूमा-धक्का मारा. गर्ज यह की होठ छोड़ मेरे 
चेहरे पर ऐसी कोई जगह नही बची जहा उसने अपना ठप्पा ना 
लगाया हो. होठ नही चूमे..अपने लंबे लंड से धक्के मार मार कर 
मेरी चूत की एक एक इंच जगह चोद डाली. इस पूरे प्रकरण मे दो 
चीज़ों ने मुझे परेशान किया. एक तो उसकी बड़ी बड़ी झाओ मूँछे 
मुझे सब जगह गढ़ती रही. दूसरी उसके मुँह से आती बीड़ी की तीखी 
गंध. तीखी बास से चुदते चुदते मेरी तो नाक ही सड़ गयी. पर 
आप से मान की बात कहती हुंमुझे लगा अच्छा...बहुत ही अच्छा. पूरा 
चेहरा उसके थूक से गीला हो गया. गालों को चूम चूम कर लाल कर 
डाला..फिर चोदते चोदते चूमते चूमते वो झाड़ा. मोटा लंड एक दम 
से फूल उठा. झटका खाया तो उसने गुर्रा के पूरा अंदर घुसेड 
दिया. लंड ने तुनकी खाई और एक पिचकारी सी छोड़ी. ठीक उसी 
समय हरिया के मुँह से गुर्राहट निकली. मेरा दाया गाल अपने मुँह 
मे ले ज़ोर से चूस डाला. तभी लंड ने दूसरी तुनकी ली. और 
पिचकारी छोड़ी. वह ज़ोर से.उउउउउउ किया.. 

मेरे गाल की चुसाइ बढ़ा दिया. बस उस के इस प्रकार की हरकत से मैं 
समझ गयी कि इसे पूरा मज़ा मिला है. और यह अहसास कि मैने इसे 
मज़ा दिया है.मुझे भी झाड़ा गया. मेरी भी ठीक उसी समय चूत हो 
गयी. डिस्चार्ज..मेरा जोरदार स्खलन हुआ. बुरी तरह कंपकापाते हुए 
मैं अपने पर चढ़े हरिया को हाथों से पकड़ ली. हम दोनो को ही होश 
ना था. वह मेरी चूत मे झरता रहा. उसके लंड से बाद मे भी और 
तुनकिया छूटी. और मई उसके लंड पर अपना पानी बहाती रही. दोनो 
दो जिस्म एक जान हो गये.
Reply
06-18-2017, 11:16 AM,
#22
RE: नौकर से चुदाई
बड़ी देर तक हाफते हुए वह मेरे उपर ही 
पड़ा रहा. मेरी चूत मे लंड घुसा ही रहा. जब तक-तब तक की ससुरा 
ढीला हो कर खुद ही ना खिसका. घर के घर मे थे कोई जल्दी तो थी 
ही नही. बड़ी देर तक दोनो चिपते पड़े रहे..फिर जब मुझे ज़ोर की 
बाथरूम आई तभी मैं नीचे से कुनमूनाई. वह मुझे पर से 
उतरा. तो मैं उठ कर अपने कपड़े ढूँढने लगी. उसने मुझे रोक दिया. 
मैने प्रश्न भरी निगाहों से उसे देखा..छोड़ो ना.जाने दो अब. मेरी 
निगाहों मे उस के लिए असीमित प्यार था..अभी नही..वह मुझे पकड़ 
कर गले से लगा लिया. नंगा वह नंगी मैं सीन मजेदार था..कर तो 
लिए..अब और क्या ?कैसा लगा बीबीजी. मैने जवाब तो नही दिया बस मुस्करा 
के उसे देखी..बताओ ना.वह मेरी नंगी पीठ पर हाथ चलाया. तब 
मैं उसके गाल पर अपनी तरफ से एक किस करी. यह मेरा हरिया को 
पहला किस था. और हाथ छुड़ाने लगी..अभी मत जाओ बीबी जी..अभी 
मन नही भरा .. मन तो साला मेरा भी सात साल से प्यासा था. पर 
यदि मैं बाथरूम ना जाती तो वही निकल पड़ती. क्या करती-जाना 
अर्जेंट था. मैने छूटने की कोशिश की तो वही समझ 
गया..बीबीजी..पेशाब जाना है क्या ?.मैने शरमा कर हा मे गरदन 
हिलाई. वा बोला.यही मोरी पर हो आओ ना.. मैं फिर हा मे गरदन 
हिला दी. तब जा के वो छोड़ा. मैं लगभग दौड़ती हुई सी मोरी पर 
गयी. वाहा बैठते ही जो मेरी सुर्राटी छूटी तो एक बारगी तो मैं 
खुद अपने पर शरमा उठी. अकेले बंद कमरे मे-रात के सन्नाटे 
मेमेरी पेशाब निकलने की आवाज़ हरिया ने भी ज़रूर सुनी होगी.क्या 
सोचा होगा उसने मन मे... 

उस रात भी मेरी दो चुदाई हुई. एक बार तृप्त होने के बाद भी उस 
ने मुझे जाने ना दिया.ना कपड़े पहनने दिए.वही अपने साथ सुला 
लिया. अकेले बंद कमरे में-अपने नौकर के साथ नंगी पड़ी मुझे शरम 
तो बहुत आ रही थी.पर क्या करती. जानती थी कि जवानी का मज़ा इसी 
तरह लिया जाता है.-भगवान ने चूत को बनाया ही ऐसी जगह है. 
बिना कपड़े खोले इस का मज़ा लिया ही नही जा सकता है. चुदाई के 
बाद की खुमारी भी अजीब होती है. मेरा तो उस से अलग होने का मन ही 
नही हो रहा था. नंगी होने की वजह से शरम आ रही थी सो मैं तो 
हरिया की छाती में ही घुसी जा रही थी. उस के नंगे बदन से 
चिपकाने मे मज़ा भी आ रहा था. उपर से वह मुझे बाहों मे ले मेरे 
सारे बदन पर यहा वाहा सब जगह हाथ फेर रहा था..बीबीजी..(उसने 
मेरी पीठ पर हाथ फिराया.) उम..(मैं अपनी तरफ से उस से चिपक 
उठी.)कैसा लग रहा है .. (उसने मुझे अपनी तरफ खीचा तो मेरे 
मम्मे उसके छाती से जा लगे.)...(मैं अपने छत्तीस न्म्बर के मम्मों 
को हरिया से दबाता हुआ महसूस की.)बोले ना..चुप मत रहा करो..(उसने 
पीठ पर हाथ फेरा.)क्या...(मैने आँख उठा कर उसकी तरफ 
देखा.)अच्छा लग रहा है ना..(वह मेरे कूल्हों पर पहुँच 
गया.)हूंम्म (करके मैं आगे को सरक अपने मम्मों को उस की छाती से 
चिबद जाने दी.).और अपना पुराना राग आलापी..हरीयाहह.मुझे 
छोड़ के मत जाना कभी..वह मेरे कूल्हों की मालिश किया..नही 
बीबीजी..हमारा विस्वास करो.हम आपको छोड़ कर कही नही 
जाएँगे..उसके कहने के ढंग पर मुझे बहुत प्यार आ गया. मैने उस 
से चिपक कर अपने हेवी कूल्हे पर उस के हाथ का दबाव महसूस 
किया..हमने आपकी माँग में सिंदूर भरा है ना बीबीजी.हम..-अब हम 
आपको नही छोड़ने वाले है..और उसने मुझे अपने से चिपका लिया 
मेरे मम्मे उस के सीने से दब कर पिचक गये. मेरे गाल की पप्पी लिया 
तो मुझे बड़ा अच्छा लगा. धीरे धीरे उसमे फिर से उत्तेजना आ रही 
थी. और जब उत्तेजना बढ़ी तो वह पुँह मेरे उपर चढ़ता चला आया. 
मेरी तरफ से कोई विरोध ना था. मैं पीठ के बल हो गयी. अपनी 
टागो को उस के स्वागत में खुद ही फेला दिया. दर-असल जो वो चाहता 
था वही मैं भी चाहती थी. संगम लंड और चूत क़ा संगम.. उसने 
मेरे घुटनों को हाथ लगा इशारा दिया तो मैने फॉरन अपने घुटने 
मोड़ कर उस के लिए जगह बना दी.
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06-18-2017, 11:17 AM,
#23
RE: नौकर से चुदाई
वह बैठ कर अपना कड़ा लंड अपने 
हाथ में पकड़कर मेरी चूत से मिलाया तो मेरा पूरा शरीर उस 
स्पर्श से सिहर उठा. वह अपना लंड अपने हाथ में पकड़ कर मेरी 
बालों भारी चूत से तुलाने लगा तो मुझे बस यह समझिए की 
पेशाब रोकना मुश्किल हो गया. मुझे अपनी भाभी की कही पुरानी 
बात याद आ गयी. मर्द को अपने वश मे करना है तो.1-उसकी हा मे हा 
मिलाओ..2-वो जो कहे वो करो.3-बिस्तर मे चुप मत रहो.ज़्यादातर मर्द 
चुप रहने वाली औरत को पसंद नही करते.दिन मे शरमाओ पर रात 
मे एक दम रंडी जैसा व्यवहार करो..मुझे हरिया को वश मे करना 
था. मुझे हरिया को अपना बनाना था..मैं पिछले तीन दिनों से 
हरिया से चुदवा रही थी. हरिया मुझे पसंद था.उसका लंड बढ़िया 
था.उसका चोदने का तरीका बढ़िया था. साथ ही घर के घर मे 
होने की वजह से उसकी अवेलेबिलिटी बढ़िया थी. यदि हरिया चाहता 
है कि मैं बेशरम बनूँ तो यही सही. मुझे एक अच्छा साथी तो मिल 
रहा है. बस मन मे यह बात आते ही मैं पड़ी पड़ी सोचने लगी कि अब 
क्या करूँ जो हरिया को अच्छा लगे. तभी हरिया के लंड तुलाने से 
मेरे अंदर जो सुरसुरी हुई तो लगा कि मेरा मूत ही छूट जाएगा. मैं फॅट से 
उठ बैठी..सामने हरिया उकड़ूम बैठा था. मोटा सा- काला 
सा-सीधा खड़ा लंड उसके हाथ मे था. देख कर ही मेरे कलेजे मे 
हुक सी उठ पड़ी. यह लंड मेरा है इस लंड ने मुझे अभी थोड़ी देर 
पहले चोदा था. और अभी चूत दे दूं- तो अभी फिर चोदेगा. 
वाओ..क्या लंड है यार. मोटाई तो देखो इसकी.यह तो मेरी फाड़ के 
रख देगा यार. है याद रखने लायक है कुछ चीज़.मेने तो सुना भर था कि 
पहाड़ी लंड बड़े मस्त होते है. पाला तो अब पड़ा था. मैं अपना हाथ 
अपने मुँह पर रख आश्चर्या से कह उठी..ओ मा..ये क्या है जी... 
क्रमशः......... 
Reply
06-18-2017, 11:17 AM,
#24
RE: नौकर से चुदाई
नौकर से चुदाई पार्ट---7
गतान्क से आगे....... 

वह मेरे सामने बड़े गर्व से लंड को मुठियाया..क्या बीबी जी.जान 
बुझ कर अंजान बन मुझसे पूछा..मैं अपनी नशीली आखों को और 
नशीला बनाई.हाथ का इशारा उस के लंड की तरफ दी..य..य..ये.. 
वह लंड पर हाथ फिरा उसे और बड़ा करता हुआ बोला..यही तो वो 
चीज़ है बीबीजी जिसे शरीर का राजा कहा जाता है..मैं अपना 
हाथ अपने मुँह पर रख बोल उठी..हाय मा..इत्ता बड़ा... वह गर्व से 
अपना लंड मुझे दिखाता हुआ बोला..देख लो बीबीजी..पसंद है 
आपको...?.मैं फॉरन उसके गले में हाथ डालती हुई कह उठी.हाय 
रे...यह तो बहुत बड़ा है हरिया..हरिया मुझे पकड़ कर बिस्तर 
मे लिटाता हुआ बोला..आ जाओ..फिररर्ररर.एक बार और इस का मज़ा ले 
लो...बीबीजी.. और मैं बिस्तर पर लेटी. उसने मेरे घुटने मोड. चौड़े 
किए. आगे सरक आसन जमाया अपने लंड को अपने हाथ मे पकड़ 
मेरी बालों भरी चूत से अड़ाया. दबाया तो गप्प से आगे का हिस्सा 
अंदर समा गया. मई पड़ी पड़ी करी.उमुऊऊउ... वा और धक्का दिया. 
लंड एक इंच भीतर सरक गया. मैं उसका हाथ पकड़ बोली.हा हा 
हरिया..धीरे...करो रे..दरद होता है..दरद हो रहा है 
बीबीजी...?.सीईईई.(मैं पहले तो सीत्कारी,फिर उस का हाथ पकड़ 
उसे अपने उपर गिरा लिया.अपनी बाँहे उसके गले में पिरो दी. फिर 
कही.)..ज़रा धीरे धीरे पेला करो.नाआआ..मेरे इस तरह सेक्सी 
बातें करने का क्या असर हुआ? वह बदमाश जानते है क्या किया 
मेरे साथ. हँस कर एक दम से थेल दिया मेरे. कसी हुई चूत मे जो 
मोटा लंड घुसा तो मैं ज़ोर से चीख उठी..ओ मा...मर 
गाईईएई..रीईहह. मेरी चीख सुन कर तो वह डर ही गया और 
फॉरन मेरे मुँह पर हाथ रखते हुए कहा.अरे अरे क्या करती हो 
बीबीजी कोई सुन लेगा.. मैं उस की गर्दन मे डाली बाँह का फँदा सख्त 
करती हुई बोली..मैं क्या करूँ...इत्ति ज़ोर से तो पेल दिया मेरे. वह 
लंड को और अंदर सरकाते हुए बोला..और जो पड़ोसी सुन लेंगे तो... अब 
लंड करीब पूरा ही मेरे अंदर था..हाय क्या करूँ...बड़ा मॉटा है. 
मैने फुसफुसा कर उस से कहा..
Reply
06-18-2017, 11:17 AM,
#25
RE: नौकर से चुदाई
कभी इतना मोटा नही ली थी क्या 
?(वह मेरा गाल चूमा.एक धक्का लगाया.).मैं जन्नत का मज़ा लूटती 
हुई उस से लिपट गयी..ना..ना..नहिईईई.साहब तो चोदते होंगे 
आपको.(वह गाल चूमा.दूसरा धक्का लगाया.)ही ही..नही तो यह 
बच्चा कहा से आ गया.(मैने गलबहिया डाल चूमने का मज़ा लिया.)चुदवाने 
से बच्चा आता है ?(वह चूमा.तीसरा धक्का लगाया)ही ही..(मैं 
हँस के उस से कस के चिपक गयी ना.)बताओ ना ..(उसने लंड को बाहर 
निकाल पूरा घुसा दिया.मेरा चौथा धक्का.)क्या...एयेए...(मैं धक्के के 
ज़ोर से उपर सरक गयी.)बातें करो हम से...शरमाओ मत...(वह 
चूमा.धक्का मारा.पाचावा)कर तो रहे है..और कैसे...(मैने अपने 
उपर सवार नौकर का गाल चूम लिया)बताओ फिर.(वह गाल चूमा- 
सातवा धक्का मारा.)क्या..(मैने उसे अपनी बाहों मे कस शादीवाला 
अलबेला मज़ा लिया.)चोदने से बच्चा बनता है..(वह चुम्मा लिया- 
आठवा धक्का मारा).हाआआ.(करती हुई मैं उस से बुरी तरह चिपक 
गयी.)(और उसके कान के पास मुँह ले जा कर फुसफुसाई)..इसी लिए 
तो मुझे बहुत डर लगता है हरिया..कही मेरे कुछ हो गया तो...मैं 
कही कि नही रहूंगी..कुछ नही होगा बीबीजी..(वह धक्का मारा-मैं 
खटिया मे पड़े पड़े हिल उठी.आप तो तनिक भी फिकर ना करो.(उसने 
खच्छ से निकाला और गच्चा से घुसेड़ा)आपरेशन करा लिया 
हम,अब कोनो फिकर नाही.चाहे जितना चोदबे के करो..(वह एक दम 
जड़ तक घुसा दिया तो मैं बिलबिला कर उस से ही लिपट गयी.).बस वह 
धक्के पे धक्के देता गया मैं पड़ी पड़ी एक के बाद दूसरा धक्का 
खाती रही..उस का लंड बड़ा अच्छा था..उस का चोदने का स्टाइल बड़ा 
प्यारा था..उसकी स्तंभन शक्ति बहुत अच्छी थी..उसने मुझे बहुत 
देर चोदा.तब कही जा कर झाड़ा..मैं शरम के मारे ज़्यादा एक्टिव भाग 
तो नही ले पाई. पर फिर भी मैने उसका उत्साह बढ़ाया. उसे कही 
से यह नही लगने दिया कि मुझे मज़ा नही आ रहा है. वह बहुत खुश 
था कि शहर की मालाकिन की मखमली चूत चोदने को मिल रही है. 
और मैं भी खुश थी की मुझे घर घर मे एक मज़ा लेने का साधन 
उपलब्ध हो गया था. आग दोनो तरफ लगी थी. दोनो ने ही एक दूसरे की 
आग बुझाई. लंड बहुत मोटा था. उसने अगले कुछ ही क्षणों मे 
रगड़ के रख दिया. मैं इस बार नही झड़ी. पर मैं पिछली बार के 
झदने से ही बहुत ज़्यादा संतुष्ट थी. उस रात जब मैं निपट कर 
अपने कमरे मे पहुँची तो रात का एक बज चुका था..मुझे ऐसी नींद 
आई की सुबह मुन्ना ने ही जगाया. 
दोस्तो ये कहानी आपको कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा 
समाप्त 
Reply
11-18-2019, 11:03 AM,
#26
RE: नौकर से चुदाई
मुझे खूबसूरत पैरों वली नारी अच्छी लगती है और उसकी बॉडी massage करके पैरों को किस्स करते करते चुदाई अच्छी लगता है , एकबार मेरे बाहोंमे आके देखो फ़िर जन्नत कहाँ ? 
 कहोगी आपके बाहोंमे ।  लंड 7इंच लम्ब , 5:5इंच मोटा । हम सुरत गुजरात से है । [email protected] join me Hangouts से । 
स्री के पैरों देखकर मेरा लंड मचलता है, 
मेरा फेवरेट फार्ट फार्ट स्री का खूबसूरत पैर है ॥
Reply
11-18-2019, 11:08 AM,
#27
RE: नौकर से चुदाई
:heart: पढ़ते पढ़ते 4बर HP किया हूँ जी । कितने नसीब वला हैं हो जौ तुम्हें मिला हरिया । ख़ास हमे मिला होता ❤
Reply
11-18-2019, 01:04 PM,
#28
RE: नौकर से चुदाई
स्री के पैरों से उसकी सुंदरता का पहचाना है । 
हेलो दोस्तों पिछले दस मैनोसे सेक्स स्टोरी पढ़ने का अददात लगा गया , सारे स्टोरी में पोर्न फ्लिम से कहीं आनँद मिलने लगा । चेलो आज कुच सच्ची बातें स्री के सम्पूर्ण सुंदरता के रहस्य सेर करने मैं आपके समने आपनी जिवन की अनुभव सेर कर रहूँ । 
मेरा नाम है सिद्धेश H_5:9 सौत के हीरो नागार्जुन और उपेंद्र के तरहा हूँ । मेरा लौड़ा का साइज 7 इंच लम्बा 5:5 इंच मोटा है । अभी तक जौ स्री एक बार इसी लौड़ा लिया याद जिवन बार रहे गये । हाँ मेरा उम्र 45 है जिवन में खरटे और योग करके आज के नवजवान को पीछे कर दिया है'  हर वर्ष गुजरात में मस्ती के सात गरबा भी खेलाता हूँ नवजवान हर जाते है हमरे पिट्नेस के समने । कोई वासना हमे नहीं चुहा, और मैं सुरत गुजरात में रहता हूँ । हाँ कहेने भूल गया हूँ स्री का पूजारी हूँ ।
[email protected]  जितनी मैं स्वस्थ हूँ उतनी ही सेक्सी हूँ । मेरी पत्नी मेरे सिवा किसी मर्द पे फिदा नहीं होती है । कहेती है आपके बहौमे इतनी सुख मिलती है और क्या ? हाँ मैं हूँ तोड़ा परस्री का पूजारी हूँ । अभी तक पाँच परस्री आपनी जिवन में यादों से जीती है । संसार में हर स्री केवल चुदाई का बुखु नहीं होती है। जैसे पाँच उँगली एक जैसे नहीं होता उसी तरहा स्री और पुरुष भी है । ए सरे खेल भी ईश्वर का है ' ताकि प्यास मिट जाये फिर सृष्टि कहाँ ? 
चलो आज आपनी प्यास स्री के उसी अंग से जुड़ी अनुभव सेर करता हूँ । जितनी भी सुँदर स्री हो ? उसकी पैर सुँदर ना हो मैं कहता हूँ , हो मेरे लिए बेकार है और उसे देख कर मेरा लौड़ा भी नहीं उठता है । जिन स्री के पैर कोमल और सॉफ्ट हो और चेहरे सुँदर ना हो मैं कहाँ ता हूँ मेरे लिए अप्सरा है । हमरे शरीर के अंगो की रूप रेखा पैरों में जुड़ा है , स्री को सुख मिले वैसी रहस्मय स्तन केंद्र पैरों में है । जैसे स्तन दबने से स्री को सुख मिलता है और योनि को जीभ से मन्त्न करने से मिलता है वैसे पैरों में भी पुरुष के दाँत से दबने पर और जीभ से चाट ने पर और किस्स करने पर मिलता । हेलो दोस्तो सच्ची बत जब स्री के योनि में लौड़ा से मन्तन करते वक्त आपनी पैर पहलाती है उसी पैरों को उठाकर किस्स और दाँतसे  कट कर दीरे दीरे स्टॉक देते पैरों चाट ने पर उसे कहीं अधिक शरीर और आत्मा सुख मिलता है ' मारकर कितने लोग स्वर्ग देख होगा पता नही जीते ही इसी अमृतमय जिवन में स्वर्ग सुख मिल जाती है । इसी पाल के लिए मनुष्य जिवन बर मेहनत करता रहा ता है आखिर जी नहीं पता है । मैं कहता है स्री और पुरुष ही इसकी जीमदरी है । मानव शरीर के रहस्य विध्या कामसूत्र आज खुली किताब है । उसे जिवन में लाए ,  और आपनी जिवन साथी को योनि सुख दे । केवल शरीर सुख मिलने पर स्री य पुरुष जीते नहीं आपनी स्तन पर ? यानी रोटी और कपड़ा माखन से नहीं । 
आत्मा सुख हमरे गुप्त अंगो से जुड़ा है जब वहाँ सुख का आनँद मिल जाती है , फिर जिने का मज़ा भी कुछ और है । 
हेलो दोस्तो मेरी बचपन से ही स्री को देखने का नजरिए कुछ इसी तरहा है पैरों से लेके उसकी होंठ और आँखे तक ता । लोगों का कुछ अज़ीब का नजरिए होता है देखो देखो उसकी कितनी मोटी गाँड है । चेलो आपनी आपनी स्वाद है , लेते रहो और जीते रहो । 
मेरे जिवन के स्री के प्रति अनुभव आपके समने रखा हूँ अच्छी लगी हो और सुँदर पैरों वली स्री सुरत में रहेने वली हो , खुश का पाल यादगार जिवन जीना हो हमे मैल करे। 
और मुजे पुरे शरीर को oil massage करके और पैरों के पंजा में तेल से massage करके चुदाई का मज़ा में शब्द कम पड़ जायगा । मुजे पत्नी योनि में लौड़ा से दीरे दीरे मंतन के सात पैरों में Acupressure देने से स्वर्ग का आनँद मिलता है हम दोनो को । हाँ कोई इसी पल जिवन में भोगना है मेल करें ॥ 
हाँ फीट पोर्न देख्लीजीए । 
 आपका सिद्धेश 
[email protected] 
?????????
मुझे खूबसूरत पैरों वली नारी अच्छी लगती है और उसकी बॉडी massage करके चुदाई अच्छी लगता है , एकबार मेरे बाहोंमे आके देखो फ़िर जन्नत कहाँ , कहोगी आपके बाहोंमे ।  लंड 7इंच लम्ब , 5:5इंच  । हम सुरत गुजरात से है । [email protected] मैल या Hangouts जुड़े डियर । 
स्री के पैरों देखकर मेरा लंड मचलता है
Reply
08-25-2020, 03:22 AM,
#29
RE: Naukar Se Chudai नौकर से चुदाई
waw....
Reply
10-21-2020, 03:39 PM,
#30
RE: Naukar Se Chudai नौकर से चुदाई
Dear Raj Sharma Sir.
नौकर से चुदाई ये कहानी मुझे बहुत आछी लगी.
आगर आप अनुमति देते है तो में आगे और भी लिख सकता हुुं...
धन्यवाद
RomanceKing
Reply


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