non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
06-11-2020, 04:44 PM,
#41
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम घर आ गयी. अभी भी उसे वो लड़के नहीं दिखे. पूनम अभी घर में अकेली ही थी और वो फिर से अमित को कॉल लगायी लेकिन उसने कॉल रिसीव नहीं किया. पूनम फिर से रो रही थी और अपने पापा के आने से पहले वो खुद को ठीक की थी.

रात में पूनम अपने रूम में थी जब उसके मोबाइल पे मैसेज आया “अमित का क्या हाल है?” ये मैसेज उसी लड़के का था. अगला मैसेज फिर से आया “बेचारी का दिल तोड़ दिया हरामी ने.” पूनम को गुस्सा आ रहा था. ये सब उन्ही लड़कों का किया हुआ था. उसे पता था की उसके पापा सो गए होंगे तो वो उस लड़के के नंबर पे कॉल की. 1 रिंग होते ही उधर से कॉल रिसीव हो गया. “मज़ा आ गया तुम्हारे कॉल को देखकर.” पूनम उसकी बात सुनी भी नहीं और बोली “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई अमित के साथ मारपीट करने की.” वो लड़का बोला “सोचो तुम की वो कैसा फट्टू है की सिर्फ मामूली मार और धमकी पड़ने पे उसने तुम्हे छोड़ दिया. समझो अपने प्यार को. ऐसे लौंडे सिर्फ तब तक प्यार करते हैं जब तक लड़की का बदन उन्हें आसानी से मिलता रहे. सोचो की ऐसे लड़के के साथ तुम शादी के ख्वाब देख रही थी. अभी तो कुछ भी नहीं हुआ है. सोचो की अगर तुम और आगे बढ़ जाती तब वो तुम्हे छोड़ता, तब क्या होता.”

पूनम कुछ नहीं बोल पाई. बोल तो वो सही ही रहा था. वो लड़का आगे बोला “वैसे भी उस गांडू को अब तुममे कोई इंटरेस्ट नहीं है. जिस लड़की की चूत वो ले चूका है, अब भला उसके लिए वो कोई रिस्क क्यू ले. और प्यार मुहब्बत जैसी कोई चीज़ तो होती ही नहीं है इस दुनिया में.” पूनम चिढ़ी हुई सी हारी हुई सी महसूस कर रही थी. बोली “नहीं, वो मुझसे प्यार करता है, वो जरूर मेरे पास आएगा. हमारा प्यार इतना कमजोर नहीं की तुम्हारे डराने या धमकाने से हार जायेगा.” वो लड़का जोर से हंसने लगा. बोला “तुम लड़कियां न पागल होती हो. खैर.... देख लो, तुम्हे क्या करना है. मुझे न तो कोई हड़बड़ी है और न ही कोइ प्रॉब्लम.” उसने कॉल कट कर दिया था.

पूनम को नींद तो वैसे भी नहीं आ रही थी, उस लड़के के कॉल ने तो उसे बैचैन कर दिया. वो फिर से अमित को कॉल की लेकिन नतीजा वही रहा. पूनम के दिल और दिमाग में एक जंग चल रही थी। उसका दिल उसके मन की बात कह रहा था कि अमित वापस से उसका होगा और उसका दिमाग उन लड़कों की बात कह रहा था कि अब भला वो क्यू मेरे पास आएगा।

उसे नींद नहीं आ रही थी। आती भी भला कैसे। जिसका दिल टुटा हो उसकी हालत तो पर कटे पंछी की तरह होती है। पूनम टाइम पास करने के लिए उन लड़कों की दी हुई एन्वेलोप बाहर निकाल ली और देखने लगी। वो उन पलों को याद करने लगी की जो वो अमित के साथ अकेले में बितायी थी। कैसे अमित उसे टच करने से पहले भी सोचता था, कैसे माथे पे भी किस करता था तो ध्यान रखता था कि उसका बॉडी पूनम के बूब में न सट जाये। पूनम को याद आया की जब पहली बार उसने किस के लिए बोला था और पूनम मना कर दी थी तो वो दुबारा कभी इस बात का जिक्र भी नहीं किया था।

पूनम सोचने लगी की अमित ने जो कुछ भी किया तभी किया जब मैं उसे बोली या करने दी। पूनम अपनी चुदाई के दृश्य याद करने लगी की इसी कमरे में वो अमित की बाहों में नंगी सोयी थी। वो कहानी पढ़ने लगी। कहानी में एक कॉलेज कि लड़की अपने कॉलेज के गुंडे से मजबूर होकर चुदवा रही थी और उसे कितना मज़ा आ रहा था। पूनम ट्रोउजर और पैंटी को नीचे कर दी और चुत सहलाने लगी। थोड़ी देर में उसकी ऊँगली उसके चुत में अंदर बाहर हो रही थी और फिर उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया। थोड़ी देर में पूनम को नींद आ गयी और वो सो गयी।

आज भी अमित ने ना उससे बात किया और ना ही उसके मैसेज का कोई रिप्लाई दिया। रात में भी पूनम अमित को कॉल लगायी तो भी उसने रिसीव नहीं किया। पूनम फिर से पिक्स और कहानी देख रही थी। लेकिन एक ही कहानी या पिक्स रोज मज़े नहीं दे सकते। पूनम अपनी ट्रोउजर और पैंटी नीचे किये अपनी चुत सहला रही थी जब उसके मोबाइल पे मैसेज आया। वो जल्दी से मोबाइल उठायी की शायद अमित को उसकी याद आ गयी होगी। लेकिन ये मैसेज उन लड़कों ने किया था। एक नॉनवेज शायरी थी, टूटे दिल का मज़ाक उड़ाने वाली।

थोड़ी देर में फिर एक मैसेज आया जो एक नॉनवेज चुटकुला था। पूनम को अच्छा लग रहा था। उसका हाथ अपने चुत पे चल रहा था। इसी तरह 5-6 चुटकुले आने के बाद मैसेज आया "चुत खोल कर रखो, आ रहा हूँ।" पूनम अपनी हालत देखी। उसके दोनों पैर फैले हुए थे और वो अपनी चुत सहला रही थी। वो इमेजिन की वो लड़का अंदर आया और उसे इस तरह देख कर मुस्कुराया और फिर उसके ऊपर चढ़ कर लण्ड को उसकी फैली हुई चुत में डाला और चोदने लगा। पूनम शर्मा गयी और जल्दी से अपने पैरों को आपस में सटा ली जैसे वो लड़का सच में रूम में खड़ा हो और उसे देख कर मुस्कुरा रहा हो।

थोड़ी देर बाद उस लड़के का कॉल आया लेकिन पूनम रिसीव नहीं की। फिर वो अपनी चुत में ऊँगली करके सो गयी। सुबह उसने सारे मैसेज को डिलीट कर दिया ताकि कोई देख न ले। आज फिर ऑफिस जाते वक़्त वो लड़के रोड पे खड़े थे और पूनम को देख कर कुछ बातें कर रहे थे। पूनम को लगा की वो लोग मेरी ही बात कर रहे हैं और शायद कल रात के मैसेज की ही बात कर रहे हैं। पूनम को एक मैसेज याद आ गया और उसके चेहरे पे हंसी फ़ैल गयी। हालाँकि पूनम दूसरी तरफ देख रही थी लेकिन वो लड़के तो पूनम की तरफ देख रहे थे। पूनम हंसी छुपाने की कोशिश कर रही थी तो उन लड़कों से नजर भी मिल गयी।
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06-11-2020, 04:44 PM,
#42
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम को फिर अपने आप पे बहुत गुस्सा आ रहा था कि पता नहीं उसके साथ ऐसा क्यू हो रहा है। वो लड़के जब सामने होते हैं तो मुझे हँसी क्यू आ जाती है। पूनम ऑफिस आयी और मोबाइल देखी तो 5 नये मैसेज आये हुए थे। पूनम मौका देखकर वो पढ़ी। उसी तरह के नॉनवेज चुटकुले। ना चाहते हुए भी पूनम के चेहरे पे मुस्कराहट फ़ैल गयी और वो ऑफिस में काम करने लगी।

शाम को पूनम घर आयी तो अमित को फिर कॉल लगायी। आज भी उसने कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया था उसके मेसेजेस और कॉल्स का। अभी अमित ने दूसरी बार में कॉल रिसीव कर लिया और गुस्से में बोला "बोलो, क्या है?" पूनम को उम्मीद थी की वो इसी तरह से गुस्से में ही बात करेगा। पूनम उसके गुस्से को शांत करने की कोशिश करती हुई बोली "क्यू ऐसे कर रहे हो। मैंने किया क्या है जो मुझे खुद से दूर कर रहे हो।" इतने दिन बाद अमित की आवाज़ सुनकर पूनम खुद को रोक नहीं पाई और उसकी आँखों में आंसू छलक पड़े। उसकी आवाज़ रुआंसी थी, लेकिन अमित को इन सब से कोई मतलब नहीं था।

वो गुस्से में ही बोला "किसने क्या किया है और किसने क्या नहीं किया है, इसका कोई मतलब नहीं है। मुझे तुमसे कोई मतलब नहीं है और प्लीज़ मेरा रिक्वेस्ट है कि मुझे बार बार कॉल और मैसेज करके परेशान मत करो।" अमित के सीधे जवाब से पूनम की रही सही हिम्मत भी टूट गयी। उसे यकीं था कि अमित अभी गुस्सा है, लेकिन वो उसके पास जरूर आएगा। उसका प्यार सच्चा है। लेकिन अभी अमित की आवाज़ सुनकर उसे लग रहा था कि वो अपने अमित को खो दी है। उसे उन लड़कों पे बहुत गुस्सा आ रहा था और उसका बस चलता तो वो उनदोनो का खून कर देती।

पूनम रोती हुई बोली " तुम्हारे बिना मैं जी नहीं सकती। प्लीज़ मुझे इस तरह छोड़ कर मत जाओ। तुम्हारे बिना मैं बिलकुल अकेली हो जाऊँगी।" अमित ने कोई जवाब नहीं दिया। पूनम आगे बोली " मैंने तुम्हे अपना सब कुछ सौंप दिया है अमित, मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ। अपनी जानू को ऐसे मत तड़पाओ।" अमित अभी भी कुछ नहीं बोला। पूनम को लगा की पता नहीं वो सुन रहा भी है या नहीं।

वो फिर बोली "बोलो अमित, अब मेरे पास मेरा बचा क्या है। तन मन सब तुम्हे दे चुकी हुँ, और तुम मुझे उनके ......" पूनम की बात ख़त्म भी नहीं हुई थी की अमित का और गुस्से और नफरत से भरी हुआ आवाज़ आया "तो मैंने कहा था तुम्हे अपना तन देने। जब तक तुमने कहा नहीं, तब तक मैंने तुम्हे टच भी नहीं किया था। तुम बोली तभी अपने दोस्त के घर ले गया, तुम बुलाई तभी तुम्हारे घर आया।" पूनम कुछ नहीं बोली। उसके कानों में उस लड़के की आवाज़ सुनाई दे रही थी की जब एक लड़के को लड़की की चुत मिल जाती है तो फिर उसे उसमे कोई इंटरेस्ट नहीं रहता। अमित उसकी बात को सही साबित कर रहा था। अब भला उसे पूनम में क्या इंटरेस्ट रहता। उसकी सील तोड़ चूका था और रात भर उसके बिस्तर में उसके जवान जिस्म का मज़ा ले चुका था।

पूनम के पास अब बोलने के लिए कुछ बचा नहीं था। वो अपने आंसुओं का घूँट पी गयी और बोली "तुम्हे जैसा ठीक लगे वैसा करो अमित। सही है की मैं खुद सब कुछ करवाई तुमसे, तभी तुम किये। लेकिन तुम मुझे उन लड़कों के कारण ठुकरा रहे हो जिन्होंने कहा है कि वे मुझे बर्बाद कर देंगे अगर मैंने उनकी बात नहीं मानी। मुझे बस तुम्हारा ही सहारा था, लेकिन ....."
अमित फिर से आधे में ही उसकी बात काट कर बोला " मुझे बर्बाद नहीं होना है एक लड़की के लिए। मैं उन लोगों से दुश्मनी नहीं कर सकता। वो लोग पता नहीं मेरे साथ क्या करेंगे अगर उन्होंने मुझे फिर से तुमसे बात करते देख लिया तो। ज़िन्दगी रहेगी तो बहुत सी लड़कियाँ मिलेंगी। तुम्हारे साथ जो कुछ भी हुआ, उसे अब वापस तो नहीं किया जा सकता, लेकिन तुम्हे अगर बुरा लग रहा है कि मैं सब कुछ करके तुम्हे छोड़ा है तो मैं उसका हर्जाना देने के लिए तैयार हूँ। तुम जितने रूपये कहोगी उतने मैं तुम्हे पहुँचा दूँगा। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कर सकता। प्लीज़ अब मुझे फ़ोन या मैसेज करके परेशान मत करना।"

अमित की बात सुनकर तो पूनम के जैसे होश ही गुम हो गए। वो लड़का उसके प्यार की कीमत लगा रहा था। पूनम को समझ नहीं आया की क्या करे। कुछ देर तो वो इसी तरह खड़ी रही लेकिन जब उसके दिमाग ने काम करना स्टार्ट किया तो वो गुस्से और नफरत में बोली "बहुत अच्छे अमित। वाह !!! तो अब तुम मुझे उसकी कीमत दोगे जो तुमने मेरे साथ किया है। तो तुम्ही बताओ कितनी कीमत लगाये हो इस रण्डी की सील तोड़ने की। पूरी रात साथ बिताने की।" पूनम को अब अमित से नफरत था। नहीं चाहिए था उसे वो वापस। वो हरामी गिरा हुआ घटिया लड़का था। वो लड़के सही थे और उसका प्यार गलत। सारी दुनिया सही थी जो कहती है कि प्यार करोगे तो सिर्फ गम और आँसू मिलेंगे और उसका प्यार गलत।

उसे अमित की कोई आवाज़ सुनाई नहीं दी। वो फ़ोन का स्क्रीन देखी तो फोन चालू था। वो फिर से बोली। वो रो रही थी। "बोलो अमित कितनी कीमत लगाये हो इस रण्डी की सील तोड़ने की। विश्वास तोड़ने की भी कीमत दोगे क्या?"
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06-11-2020, 04:44 PM,
#43
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम को फिर से अमित की कोई आवाज़ सुनाई नहीं दी। दरअसल उसने फ़ोन कट कर दिया था और अपने पॉकेट में रख लिया था लेकिन गलती से फ़ोन कट हुआ नहीं था। पूनम को बाँकी आवाज़ सुनाई दे रही थी। वो फ़ोन कान में लगाये अमित के कुछ बोलने का वेट कर रही थी। तभी उसके कान में अमित की आवाज़ आयी "वही, साली रण्डी पूनम का, तबाह किये हुए है।" फिर किसी और की आवाज़ आयी "क्या बोल रही है अब।" फिर अमित की आवाज़ आयी "वही सब। मत जाओ, मैं जी नहीं सकती। वही जो ड्रामा होता है इन सबका।"

पूनम को समझ आ गया कि अमित ने गलती से कॉल डिसकनेक्ट नहीं किया है। वो अमित की बात सुनने लगी। शायद अमित अपने दोस्तों के साथ था और उसी के बारे में बातें हो रही थी। अमित की आवाज़ फिर से आयी "साला कौन पड़ने जायेगा विक्की और गुड्डू के चक्कर में। साली उनकी रण्डी बन गयी है तो बीच में मुझे क्यू मरवा रही है।" अमित के दोस्त की आवाज़ आयी "उन हरामियों के चक्कर में पड़ना भी मत बेटा। नहीं तो पता भी नहीं चलेगा कि कहाँ गायब हो जाओगे।" तभी एक और दोस्त की आवाज़ आयी "उन हरामियों की माल को कैसे पटा लिया बे तूने।"

अमित की हँसती हुई आवाज़ आयी "अबे साले, उनलोगों ने मेरी माल को पटा लिया है।" फिर एक और आवाज़ आयी "अबे मैं तो पहले ही कहता था कि रण्डी है साली। मज़े कर और फिर निकल ले। लेकिन तू ही चूतिया उसके पीछे लगा हुआ था।" एक दूसरे लड़के की आवाज़ आयी "माल भी तो टँच है, मैं तो उसे देखता था कि मेरा लण्ड टाइट हो जाता था। साली लाइन तो देती ही थी, लेकिन मैं तो इसलिए छोड़ा हुआ था कि भाई की माल है।"

पूनम को नफरत हो रही थी अमित से। अमित ने अपने दोस्तों के बीच में उसकी ऐसी इमेज बनायीं हुई थी। एक लड़के की आवाज़ आयी "ठीक किया जो छोड़ दिया। लेकिन छोड़ने से पहले चोदा की नहीं?" एक और आवाज़ आयी "बिना चोदे अगर किसी माल को छोड़ दिया, तो फिर तो गलत है बॉस, फिर तो नुकसान हो गया। इसलिए बाँकी सब बाद में, पहले ठुकाई करता हूँ मैं अपनी माल की।" फिर एक आवाज़ आयी "बोल न बे, चोदा की नहीं रण्डी को, की ऐसे ही खाली खर्चा करता रहा है।"

पूनम साँस रोककर सारी बात सुन रही थी। उनके मुँह से अपने लिए रण्डी शब्द सुनकर उसका अमित के प्रति नफरत और बढ़ रहा था। वो अमित का रिप्लाई सुनना चाहती थी की अमित क्या बोलेगा। अमित की आवाज़ आयी "चूतिया हूँ क्या बे मैं। पूछ लेना कुणाल से, उसी के घर में सील तोड़ा था। उसका चादर भर गया था खून से। धोने के बाद भी नहीं हटा था तो इसी तरह छोड़ दिया था हमने। कुणाल धोया था उसे हमारे जाने के बाद" अमित ये बात इतनी शान और अकड़ से बोल रहा था जैसे उसने कोई किला जीत लिया हो। पूनम शर्मिंदगी से डूब गयी। अमित अपने दोस्तों के बीच में उसकी इज़्ज़त उछाल रहा था। जो पूनम के लिए सबसे रोमांटिक क्षण था, अमित उस पल को सबके सामने ज़ाहिर करते हुए पूनम की इज़्ज़त उछाल रहा था। और उसकी बात सच साबित करने के लिए उसके पास गवाह भी था।

फिर एक आवाज़ आयी "उसके बाद भी चोदे की बस वही एक बार होकर रह गया?" अमित उसी अकड़ से बोला "काम से कम 10-15 बार चोदा होऊँगा। रात रात भर उसके घर में रहा हूँ। पुरे नंगे होकर,.... सबकुछ फुर्सत में....।" अमित पुरे स्टाइल और शान से बोल रहा था। उसके दोस्त पुरे इंटरेस्ट से उसकी बात सुन रहे थे। सच है कि पूनम जैसी माल की सील तोड़ने और चुदाई की बात कौन नहीं सुनना चाहेगा।

एक आवाज़ आयी "बोल न क्या क्या किया। गांड मारा?" अमित उसी रॉब के साथ फिर से चालू हो गया "अबे पूछो क्या क्या नहीं किये। गांड मारा, लण्ड चुसवाया, वीर्य भी पिलाया। कामसूत्र के हर आसन में चोदा हूँ उसे। पूरा उलट पुलट कर। फुल मज़ा देती थी।" एक आवाज़ आयी "हट साला फेंकता है।"

अमित चिढ़ कर बोला "अबे देख, बता इसे की मैं सच कह रहा हूँ की नहीं। यही मुझे रात में उसके घर तक पहुँचाता था।" एक लड़का बोला "सच कह रहा है ये।" तभी एक लड़का हँसता हुआ बोला "तभी तो साली की चुच्ची और गांड पहले से बड़ी हो गयी थी।" सब हँसने लगे।

अमित बोला "10-15 रात रहा हूँ उसके घर में, बस हम दोनों, और कोई नहीं। साला क्या वैसे हस्बैंड वाइफ रहते होंगे। पुरे टाइम नंगे। नंगी ही खाना बनाती थी मेरे लिए। जब चुदाई हो गयी तो मैं तो जैसे बेड पे ही रहता था, वो नंगी ही उठ कर पानी लाती थी, कॉफी बनाकर लाती थी, इधर उधर कुछ करती थी। एक दम बिंदास। साथ में नहाना। बाथरूम में चोदा हूँ उसे नहाते हुए साथ में, किचन में चोदा हूँ, वो खाना बना रही है और मैं पीछे से उसकी चुत और गांड में पेला हूँ, बैडरूम में तो क्या क्या नहीं किया। पूरा लण्ड मुँह में अंदर पेल कर फिर वीर्य पिलाया हूँ उसे। मज़े से पीती थी। मस्त एकदम। "

पूनम बस अमित की बात सुनती जा रही थी. कह तो वो सही ही रहा था, लेकिन बस थोडा बढ़ा चढ़ा कर बोल रहा था. पूनम को बहुत गुस्सा आ रहा था अमित पे की वो अमित जैसे लड़के को अपनी जवानी क्यू दी. फिर से एक लड़के की आवाज़ आई “तो छोड़ क्यू रहा है बे गांडू, इतना मज़ा तो दी रही है तुझे.” अमित चिढने के अंदाज़ में बोला “जितना मज़ा लेना था ले लिया. अब क्या जिन्दगी भर सर पे बिठा कर रखूं. अब गुड्डू विक्की से चुदवा रही होगी रंडी.”

अमित के मुँह से ये सुनते ही सारे लड़कों के एक साथ हँसने की आवाज़ आई और पूनम का खून खौल उठा. अमित का बोलना चालू था “अब पता नहीं कितनो से चुद्वायेगी. मेरा काम ख़तम हो गया उसके से. अब वो जहाँ गांड मरवाना चाहती है मरवाए, मुझे क्या.” अमित का एक दोस्त की आवाज़ आई “तुझे तो हम शरीफ समझते थे, तू तो साला एक नम्बर का हरामी है बे.” अमित भी हंस दिया और बांकी सारे लड़के भी फिर से एक साथ हँस दिया.
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06-11-2020, 04:44 PM,
#44
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फिर एक आवाज़ आई “साले जब तुझे उसे छोड़ना ही था तो हमें भी तो टेस्ट करा दिया होता. साली माल तो बहुत टंच है.” एक दुसरे लड़के की आवाज़ आई “तो ये क्या तेरा लंड पकड़ कर उसकी चूत में डाल देता क्या. अब ये छोड़ दिया, अब तू उसे पटा ले और तू भी उसकी गांड मार ले.” सारे लड़के फिर से हँसने लगे. अमित बोला “बेटा नम्बर तो मैं दे दूँगा, लेकिन वो अब गुड्डू विक्की की रखैल है, तो सोच ले.” वो लड़का बोला “रहने दे भाई, नहीं खाना ऐसा चूत। वैसे भी अब वो फटी हुई रण्डी है। ऐसी माल विक्की गुड्डू को ही खाने दो." सब हँस दिए और फिर सब एक दुसरे को बाय बोलकर जाने लगे.

पूनम के मोबाइल पे उसकी मम्मी का कॉल वेटिंग में आ रहा था तो पूनम अमित का कॉल कट कर दी. वैसे भी जितना वो सुन चुकी थी, इससे ज्यादा सुनने की उसमे हिम्मत भी नहीं थी. उसे खुद पे रोना आ रहा था. कितना घमंड था उसे अपने आप पर और अपने प्यार पर. लेकिन अमित उसकी इज्ज़त को सरे आम अपने दोस्तों बीच उछाल रहा था. और ये काम वो पहले से करता आ रहा था। उनदोनो के बीच के प्राइवेट क्षण भी वो दोस्तों को बढ़ा चढ़ाकर पहले भी बताता रहा था।

पूनम थोड़ी देर किसी तरह अपने मम्मी से बात की और फिर कॉल रखने के बाद जोर जोर से रोने लगी. जिसे वो सबसे ज्यादा प्यार की वो लड़का बोल रहा था की मैं रंडी हूँ, वो सबको बता रहा था की मैं कैसे कैसे उसके साथ चुदाई की. पूनम फिर खुद को ठीक की और खाना बनाने लगी. उसके पापा के आने का वक़्त हो चला था. कल उसकी मम्मी भी आ जाने वाली थी.

रात में पूनम अपने कमरे में सो रही थी. उसके कानो में अमित की आवाज़ बार बार गूंज रही थी. “जितना मज़ा लेना था ले लिया. अब क्या जिन्दगी भर सर पे बिठा कर रखूं. अब गुड्डू विक्की से चुदवा रही होगी रंडी.” पूनम का मन कर रहा था की अमित का खून कर दे. उसने उसके विश्वाश का, उसके प्यार का नाजायज फायदा उठाया था. आज वो अलमीरा से पिक्स और स्टोरी भी बाहर नहीं निकाली थी. पूनम अपनी सोंच में मगन थी जब उसके मोबाइल पे मैसेज आया.

वो उन लड़कों का ही मैसेज था. जितनी देर में पूनम उस मैसेज को पढ़ती उतनी ही देर में 3-4 और मैसेज आ गए. सब के सब नॉनवेज चुटकुले वाले. पूनम का दिमाग थोडा रिलैक्स हुआ. वो अमित को अब अपनी सोच से भी निकाल देना चाहती थी। वो सोचने लगी की वो लड़के सच कह रहे थे. इससे अच्छा तो इनसे चुदवाने वाली लड़कियां हैं जिन्हें पता है की बस मस्ती किया जा रहा है. सिर्फ जिस्म का मज़ा, दिल टूटने का, धोखा गम मिलने का कोई खतरा नहीं. बस मिलो, मज़े करो और फिर सब अपनी अपनी ज़िंदगी में मगन हो जाओ।

पूनम के मोबाइल पे फिर से मैसेज आया “कॉल करो.” पूनम सोची की कॉल नहीं करेगी वो। वो उन मैसेज को पढ़ रही थी। थोड़ी ही देर में 3-4 और मैसेज आ गए। पूनम को अच्छा लग रहा था। पूनम आलमीरा से एन्वेलोप निकाल कर देखने लगी, लेकिन इससे ज्यादा मज़ा तो वो सेक्सी मैसेज दे रहे थे।

फिर से मैसेज आया "प्लीज़ कॉल." पूनम अब सोच रही थी की कॉल करे की नहीं की उतनी देर में उधर से ही कॉल आ गया. पूनम कॉल रिसीव कर ली. वैसे भी उसे मन नहीं लग रहा था और नींद नहीं आ रही थी, तो इन लड़कों से थोडा लड़कर ही सुकून मिले.
“कैसे हो जानेमन?”
“तुमसे मतलब. तुम्हे बोली हूँ की मुझे परेशान मत करो.”
“आज तुम दिखी ही नहीं, तुम्हारे लिया नया एन्वेलोप पैक करके रखा हुआ था मैंने. वो वाला तो पुराना हो गया होगा.”
पूनम सोचने लगी की सच तो बोल रहा है, वो तो पुराना हो गया. उसमे अब कहाँ मज़ा आ रहा है. लेकिन वो अपने टोन को बिना चेंज किये बोली “बोली हूँ न की जाकर अपनी बहन को दो. उसे ज्यादा मज़ा आएगा.”

वो लड़का जिसका नाम गुड्डू था वो पूनम के बात पे बिना कोई रिएक्शन दिए बोल रहा था. उसे पता था की पूनम के अन्दर क्या चल रहा है. बोला “अमित का क्या हालचाल है? समझौता हो गया तुमलोगों में. मना लिया तुमने उसे?” पूनम के दिमाग में फिर से अमित के बात गूंजने लगी. वो चुप हो गयी.
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06-11-2020, 04:45 PM,
#45
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
वो लड़का जिसका नाम गुड्डू था वो पूनम के बात पे बिना कोई रिएक्शन दिए बोल रहा था. उसे पता था की पूनम के अन्दर क्या चल रहा है. बोला “अमित का क्या हालचाल है? समझौता हो गया तुमलोगों में. मना लिया तुमने उसे?” पूनम के दिमाग में फिर से अमित के बात गूंजने लगी. वो चुप हो गयी.

गुड्डू आगे बोला “मैंने तो पहले ही कहा था जान की उस टाइप के लड़के हरामी होते हैं. बस लड़की की चूत से मतलब होता है. तुम्हारा मज़ा लूट लिया, बस काम ख़तम. तुम उसके लिए च्विंगगम की तरह थी. जब तक रस मिलता रहा, मज़ा करता रहा, जब लगा की अब बेकार हो गयी है तो थूक कर चलता बना.”

पूनम समझ रही थी गुड्डू की बात को. लेकिन वो हार मानने के लिए तैयार नहीं थी. बोली “सब तुम्हारी वजह से हुआ है. अगर तुम उसे धमकाते मारते नहीं तो वो अब भी मेरा ही रहता.” गुड्डू तुरंत ही बोला “ जो लड़का एक बार धमकाने और मारने से तुम्हे छोड़ दे, तुम्हे लगता है कि ऐसे हिजड़े के साथ तुम्हे संबंध आगे बढ़ाना चाहिए। उसे अब तुम में कोई इंटरेस्ट नहीं है मैडम। और सोचो की अगर मैं तुम्हे उससे नहीं बचाता, तब कितनी बार तुम उससे चुदवाती, कितनी बार वो तुम्हे बहला फुसला कर प्यार के नाम पर तुम्हारे इस मादक जिस्म का मज़ा लेता, लेकिन अंत में होता वही जो अभी हुआ. वो तुम्हे छोड़ कर जाता ही. और मेरा स्वार्थ बस इतना है की जब इतनी बार उससे ख़ुशी ख़ुशी चुदवाने के लिए तैयार थी, तो बस एक बार मुझे भी अपनी जवानी का मज़ा ले लेने दो. उससे तो ज्यादा ही मज़ा मेरे साथ आएगा.”

पूनम बोली “तुम तो उस से भी बड़े हरामी हो. तुम उसे इस लिए नहीं धमकाये की वो बाद में मुझे छोड़ कर जाता। तुम्हारा तो अपना स्वार्थ है।” गुड्डू बोला “हाँ, तो मैं तो बोल ही यही रहा हूँ की तुम्हे चोदना चाहता हूँ. मैंने कभी नहीं कहा की मैं प्यार करता हूँ और शादी करूँगा. बस मस्ती करूँगा. तुम्हारा मज़ा लूँगा और तुम्हे मज़ा दूँगा. बस. एक बार मेरे लण्ड को अपनी चुत की गहराई की सैर करने दो। एक बार अपने निप्पल्स को दाँत से काटने दो। बस एक बार अपनी रसीली चुत पे जीभ फिराने दो। बस। फिर तुम अपने रस्ते और मैं अपने.”

रात में अकेली में पूनम को चूत, चुदाई ये सब शब्द सुनकर अच्छा लग रहा था. वो अपने ट्राउजर और पैंटी को थोड़ा नीचे कर चुकी थी और अपनी चूत सहलाना स्टार्ट कर दी थी. बोली “मैं कभी भी तुमसे नहीं करवाने वाली. किसी और को फंसाओ. मेरे पास कोई फायदा नहीं. मैं वैसी लड़की ही नहीं हूँ। अमित के साथ जो भी हुआ, गलती हो या कुछ भी हो, लेकिन अब कभी किसी के साथ कुछ नहीं होगा.”
गुड्डू बोला “क्या नहीं होगा?” पूनम चुप रह गयी. गुड्डू फिर से बोला “बोलो न क्या नहीं करवाओगी मेरे से?”
पूनम मुस्कुराने लगी थी. वो समझ रही थी लेकिन अपनी आवाज़ को नियंत्रित करती हुई बोली “वही, जिसके चक्कर में तुम मेरी जिन्दगी बर्बाद करने पे तुले हो.”
गुड्डू तुरंत बोला “बर्बाद नहीं डार्लिग, आबाद. तुम्हे उस गांडू अमित से बचा लिया मैंने. नहीं तो पता नहीं कितनी बार मेरी जान उछल उछल कर उससे चुदवाती और पता भी नहीं चलता की अपनी जवानी बर्बाद कर रही है." पूनम चुप रही. गुड्डू सही कह रहा था. गुड्डू फिर से बोला “बोल न क्या नहीं करवाएगी मेरे से?”

पूनम चुप रही. गुड्डू फिर से वही सवाल पूछा. पूनम उसे चिढाने के अंदाज में बोली “बोली न, वही जिसके चक्कर में हो तुम.” पूनम को मज़ा आ रहा था गुड्डू से इस तरह बात करने में। इतनी ही देर में गुड्डू जितनी बार लण्ड, चुत, चुदाई जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर चुका था, इतनी बार तो पूनम अपने अब तक के पूरे लाइफ में अपने दिमाग में भी सोची भी नहीं होगी। वो और सुनना चाहती थी। उसकी उँगलियाँ चुत पे रेंग रही थी और चुत के रस से भिंग रही थी।

“मैं तो तुम्हे चोदने के चक्कर में हूँ.” गुड्डू मुस्कुराता हुआ बोला. पूनम बोली “तुम्हे शर्म नहीं लगता कि इस तरह किसी लड़की से बात करने में." गुड्डू बोला "किसी लड़की से बात नहीं कर रहा. एक चुदी चुदाई माल से बात कर रहा हूँ की मुझे भी अपनी चुत में लौड़ा पेल लेने दो. मुझे भी एक बार चोद लेने दो खुद को." पूनम बोली "तो मैं नहीं करवाने वाली. किसी और को फंसाओ.”

गुड्डू बोला “तुम फिर से नहीं बोली, क्या नहीं करवाने वाली.” पूनम को मज़ा आ रहा था. अमित से चुदवाने के बाद भी और साथ में नंगी रहने के बाद भी कभी उसके मुँह से ये सब नहीं निकला था। पूनम मुस्कुराती हुई बोली “कुछ नहीं. रखो फ़ोन, और मुझे परेशान मत किया करो.”

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06-11-2020, 04:45 PM,
#46
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
“आय हाय मेरी जान, एक्टिंग तो ऐसे रही है जैसे कुछ पता ही नहीं हो की चुदाई क्या होती है, कैसे होती है. ऐसे बोल रही हो जैसे कोई सती सावित्री हो. कूँवारी माल हो.” गुड्डू के बोलने के बाद पूनम कोई रिप्लाई नहीं दी. गुड्डू चिढ़ते हुए बोला “बोल ना, मूड ख़राब मत कर.” गुड्डू समझ रहा था कि पूनम अभी तक गर्म हो गयी होगी, तभी वो अभी तक उससे बात कर रही थी। लेकिन फिर भी पूनम भाव खा रही थी तो उसे चिढ़ हो रही थी।

पूनम मुस्कुराती हुई ही बोली “मैं क्या मूड खराब कर रही हूँ. मैं क्यू बोलूं. जो चीज़ मुझे करवाना ही नहीं, उसके बारे में मैं कोई चर्चा भी क्यू करूँ. तुम फ़ोन रखो और दूर रहो मेरी ज़िंदगी से.” पूनम गुड्डू के मज़े ले रही थी। उसे पता था कि गुड्डू उससे क्या कहलवाना चाहता है। लेकिन उसे तो मज़ा आ रहा था गुड्डू को चिढ़ाने में। वो अपने चुत की दरार में उँगलियाँ फेर रही थी और मुस्कुराती हुई मज़ा कर रही थी।

गुड्डू अब और चिढ गया. बोला “तो जब अमित के साथ पूरी नंगी होकर चूत में लंड पेलवा रही थी, तब मज़ा आ रहा था. जब कुँवारी होकर उसका लौड़ा चूस रही थी तब ज़िन्दगी आबाद हो रही थी। देख, मेरा मूड ख़राब मत कर.” पूनम कोई रिप्लाई नहीं दी. गुड्डू फिर बोला “बोल, क्या नहीं करवाएगी मेरे से.” इस बार उसकी आवाज़ आदेशात्मक टोन में था. पूनम डर गयी थी, लेकिन गुड्डू के मुँह से अपने बारे में वो सब सुनकर उसे और भी मज़ा आ रहा था।

बोली “मैं नहीं बोलूंगी. प्लीज़ देखो मेरे साथ ऐसा मत करो, मैं उस टाइप की लड़की नहीं हूँ.”
गुड्डू का गुस्सा अब बढ़ रहा था. बोला “जब चुदवा रही थी तब किस टाइप की लड़की थी. जब रेस्टॉरेंट में लण्ड चूसती थी तब क्या थी। वहाँ चुच्ची मसलवाने में मज़ा आता था। तब लड़की नहीं रंडी थी क्या. और अभी मेरे सामने बोलने में तेरी गांड फट रही है. जब चुदाई वाली पिक और स्टोरी देखकर चूत में ऊँगली करती है तब किस टाइप की लड़की रहती है. बोल, नहीं तो सोच ले की मैं क्या करूँगा.”

पूनम हिम्मत हार गयी. उसे लगा की अब बोल ही देना चाहिए। उसकी चुत का गीलापन अब और बढ़ गया था। वो ऐसे लड़के से ये सब बात सुन रही थी, और अब खुद बोलने जा रही थी, जिससे वो नफरत करती है। लेकिन जब चुत के अंदर गर्मी बढ़ती है तो फिर सब कुछ होने लग जाता है।

गुड्डू फिर से गुस्से में बोला "जब मैं तेरे BF को पीटकर तेरे लाइफ से दूर कर सकता हूँ तो सोच में और क्या क्या कर सकता हूँ। मैं और भी बहुत से लोगों को पीट सकता हूँ। लेकिन मैं बस तेरे साथ प्यार से पेश आना चाहता हूँ। किसी के साथ जबरदस्ती नहीं करना चाहता।"

पूनम को लगा की अब बोल ही देना चाहिए। उसे मज़ा भी आ रहा था और उसे डर भी लगने लगा था गुड्डू से. वो एक झटके में बोलना शुरू की “मैं चू..... चू.... नहीं..... मुझसे नहीं होगा यार.”

गुड्डू बोला “आह ये हुई न बात. बोल जान.... अच्छा लग रहा है. लंड टाइट हो रहा है. बोल.”
पूनम फिर से कोशिश की लेकिन फिर से उसके मुँह से अलफ़ाज़ नहीं निकले. भले ही वो अमित के साथ चुदवाई हो, लेकिन वो ऐसे तो अमित के सामने भी नहीं बोल सकती थी. फिर ये तो वो लड़का है जिससे पूनम को प्यार भी नहीं है, नफरत है.

गुड्डू बोला “बोल न जल्दी. बोल मुझे चोदो.” पूनम बोलने की तैयारी कर ही रही थी की गुड्डू के ऐसा बोलने पर वो तुरंत बोली “मैं नहीं चुदवाऊँगी.” बोलते ही पूनम की कमर के नीचे कुछ करंट जैसा दौड़ा। उसकी चुत से ज्यादा रस टपक रहा था अब। पूनम भी बोल कर अपने दाँतों से अपने होठ को दबा रही थी की ये क्या कर रही है वो. वो उस लड़के से ये सब बोल रही है जो उसे चोदना चाहता है। लेकिन उसे भी अच्छा लगा था. वो अपने ट्राउजर और पैंटी को उतार दी थी और अपने दोनों पैरों को पूरा फैला कर चूत सहलाने लगी थी.

गुड्डू को मज़ा आ गया. उसकी गाड़ी रफ़्तार पकड़ रही थी. पूनम उसके लाइन पे चल रही थी. बोला “आह मज़ा आ गया जान, फिर से बोल, फिर से बोल.” पूनम अभी तक अपने ओठ को दाँतों से दबाए थी। गुड्डू फिर से बोला “आह बोल न जान जल्दी. बोल न मैं चुदवाऊँगी.”

पूनम फिर से तुरंत रिप्लाई दी “मैं नहीं चुदवाऊँगी.” गुड्डू पुरे मूड में आ रहा था. बोला “क्या नहीं चुदवाएगी?” पूनम कुछ नहीं बोली. हालाँकी अब उसका मन था बोलने का. लेकिन बोलने का मतलब होता की उसका मन है चुदवाने का.

गुड्डू बोला “बोल न मेरी जान जल्दी बोल न. बहुत मज़ा आ रहा है. आह बोल जल्दी.” पूनम मुस्कुराती हुई शैतानी करती हुई बोली “जो चुदवाया जाता है वही. वही नहीं चुदवाऊँगी.” पूनम अब धड़ल्ले से चुदवाने शब्द का इस्तेमाल कर रही थी. गुड्डू बोला “बोल न. ऐसे मत कर. बहुत मज़ा आ रहा है. मज़ा ख़राब मत कर. बोल चूत चुदवाऊँगी तुमसे.”

पूनम की उँगलियाँ चूत में चलने लगी थी. बोली “चूत नहीं चोदने दूँगी तुम्हे. नहीं चुदवाऊँगी तुमसे.” बोलते ही पूनम के हाथ की रफ़्तार तेज हो गयी.

गुड्डू बोला “ऐसी तो कोई चूत बनी ही नहीं है जान, जिसे चोदने के बारे में हम सोंचे और वो बिना हमसे चुदे रह जाये. जल्दी ही तेरी चिकनी चुत में मेरे लंड का पानी भरा होगा. बाय.” पूनम को बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन गुड्डू के मुंह से बाय सुनते ही वो शॉक्ड रह गयी. उसके मुँह से निकल गया “क्या हुआ? कहाँ जा रहे हो?” बोलते ही उसे अफ़सोस हुआ लेकिन अब तो तीर कमान से छुट चूका था.

गुड्डू हँसने लगा. बोला “तेरी चूत पूरी गरम हो गयी है न. वाह! मज़ा आएगा तुझे चोदने में. जब फ़ोन चोदन में इतना मज़ा आया तो जब सच में तेरी चुदाई करूँगा तब सोच कितना मज़ा आएगा. जब तुझे पूरी नंगी करके, दोनों पैर पूरा फैलाकर तेरी कमसिन चुत में अपना मोटा लण्ड पेलूंगा, तब सोच कितना मज़ा आएगा तुझे। जब फुल स्पीड में धक्के लगाऊँगा और लण्ड तेरी चुत में इतना अंदर जायेगा, जिसका आधा भी अमित का नहीं गया होगा, सोच तब तुझे कितना मज़ा आएगा। जब तुझे अपने लण्ड पे बिठाकर नीचे से धक्का लगाऊँगा तो तू खुद ऊपर नीचे होकर अपनी चुत को मस्ती में चुदवाने लगेगी”

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06-11-2020, 04:45 PM,
#47
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम कुछ नहीं बोल रही थी। वो बस गुड्डू की बातों को इमैजिन कर रही थी और अपनी चूत में फुल स्पीड में ऊँगली चला रही थी. गुड्डू की बातों से ही पूनम की चुत ने पानी छोड़ दिया। गुड्डू बोला "बोल जान, चुदवाएगी न? पूनम कुछ नहीं बोली। उसकी सांसे तेज़ चल रही थी। आधी रात का वक़्त था और गुड्डू और पूनम दोनों अपने अपने कमरे में थे जहाँ और कोई आवाज़ नहीं हो रही थी। पूनम की तेज़ साँसों की आवाज़ सुनता हुआ गुड्डू हँस दिया और बोला "पानी छोड़ दिया चुत." पूनम शर्मा कर फ़ोन कट कर दी. वो इसी तरह टाँगे फैलाये नंगी लेटी हुई रही और चुत से पानी टपक कर बाहर आने लगा। पूनम अपनी पैंटी को चुत के नीचे रख ली.

गुड्डू का फ़ोन आया लेकिन पूनम कॉल पिक नहीं की. वो थोड़ी देर तक कुछ सोंचती रही की ये क्या हो रहा है, क्या सही है क्या गलत है और फिर सो गयी.

अब पूनम को अमित की परवाह नहीं थी. आज दिन में भी पूनम के मोबाइल में 4-5 नॉनवेज मैसेज आये थे. शाम को ऑफिस से लौटते वक़्त पूनम को लगा था की गुड्डू शाम में उसकी गली के कार्नर पे ही खड़ा होगा और वो सोंचती आ रही थी की उसे क्या रिएक्शन देगी. कल रात में वो चूत और चुदाई जैसे शब्द फ़ोन पे बोल चुकी थी, तो पता नहीं आज वो क्या बोलेगा और मैं क्या कर पाऊँगी. लेकिन पूनम की आशंका गलत हुई और गुड्डू वहाँ नहीं था. पूनम अपनी चाल जरा धीमी कर दी और इधर उधर देखने लगी की शायद वो कहीं नज़र आ गयी. लेकिन पूनम को निराशा ही हाथ लगी क्यू की गुड्डू आस पास कहीं नहीं था.

पूनम की मम्मी आज नहीं आयी थी। वो अब एक दिन बाद आने वाली थी। अपने पापा के ऑफिस से आने तक तो पूनम नंगी होकर इधर उधर कुछ करती रही, लेकिन उसे मज़ा नहीं आ रहा था. उसका मन हुआ भी की काश अभी गुड्डू का कॉल आ जाता और वो कल ही की तरह बातें करता, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा था. वो अपनी तरफ से गुड्डू को कॉल नहीं कर पाई. करने का मतलब होता उसकी बात मानने के लिए राज़ी होना. वो कपडे पहन ली और खाना बनाने लगी.

आज रात में वो गुड्डू के कॉल का इंतज़ार कर रही थी. लेकिन गुड्डू ने न तो कोई कॉल किया और न ही मैसेज। पूनम को नींद नहीं आ रही थी तो वो आलमीरा से एन्वेलोप निकाल ली, लेकिन अब ये बासी हो चुके थे और इनसे पूनम को मज़ा नहीं आ रहा था। पूनम जबर्दस्ती चुत में ऊँगली रगड़ रही थी, लेकिन जब उसे मज़ा नहीं आया तो फिर वो बिना चुत से पानी निकाले ही सो गयी।

आज भी न तो वो दोनों सुबह में दिखे और न ही शाम में । रात में पूनम सोने के लिए अपने रूम में आ ही रही थी की उसके मोबाइल पे मैसेज आने का टोन हुआ। गुड्डू का नाम देखते ही उसकी चुत गीली हो गयी। वो तुरंत अपने रूम में आकर गेट बंद कर ली और मैसेज पढ़ने लगी। पहले तो 2 मैसेज में सेक्सी चुटकुले आये थे और फिर एक मैसेज आया “बोलो, मैं तुमसे अपनी चूत चुदवाऊँगी.”

पूनम बेड पे सीधी लेट कर फिर से अपने ट्राउजर और पैंटी को नीचे करके चूत सहलाने लगी थी. उसका मन हो रहा था की जल्दी से गुड्डू कॉल करे. थोड़ी ही देर में गुड्डू का कॉल आ गया. पूनम 4-5 रिंग बजने दी और फिर रिसीव कर ली. गुड्डू तुरंत बोला “आज भी तेरा एन्वेलोप तुझे नहीं दी पाया. “
पूनम तुरंत बोली “मुझे चाहिए भी नहीं.” अपनी बहन को देने वाली लाइन आज पूनम नहीं बोल पाई. गुड्डू बोला “ठीक है, मत लेना. मैंने जो लास्ट मैसेज किया है, देखो तो उसमे क्या लिखा है, मेरे से पढ़ा नहीं रहा है.” पूनम को हँसी आ गयी. बोली “तुम खुद को ज्यादा तेज़ समझते हो. उस दिन बोल दी, इसका मतलब क्या, आज भी बोल दूंगी.” गुड्डू बोला “क्या नहीं बोलोगी?”
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06-11-2020, 04:45 PM,
#48
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम कुछ नहीं बोली. गुड्डू बोला “कितनी अच्छी पिक्स और कहानी रखी है तेरे लिए, लेकिन 2 दिन से तुझे दे ही नहीं पा रहा.” पूनम कुछ नहीं बोली.

गुड्डू फिर से बोला “इस बार नयी नयी विदेशी रंडियों वाली पिक्स रखा है तेरे लिये मैंने. देखना वो लोग कितने मज़े से चुदवाती हैं.” पूनम कुछ नहीं बोली. वो अपने चूत को बस सहला रही थी. वो गुड्डू के मुंह से सुनना चाहती थी, उसे मज़ा आ रहा था, लेकिन वो अपने मुँह से बोलकर खुद को जाहिर नहीं करना चाहती थी की उसे मज़ा आ रहा है.

गुड्डू आगे बोला “इसमें जो लड़की है वो बिलकुल तेरे जैसी ही दिखती है, मस्त भरा भरा बदन है साली का, तेरे टाइप. और दो मर्दों के बड़े लंड के साथ क्या मस्त चुदवा रही है. आगे से, पीछे से एक साथ. दोनों मर्द जो उसे एक साथ चोद रहे हैं, उनका लंड भी हम लोग टाइप बड़ा बड़ा है.” गुड्डू के शब्दों को पूनम इमेजिन कर रही थी की किस टाइप वो लड़की चुदवा रही होगी और उसकी उँगलियाँ चूत के रस से गीली हो रही थी.

पूनम अभी भी कुछ नहीं बोली. गुड्डू बोला “कुछ बोल क्यू नहीं रही?” पूनम बोली “क्या बोलूं, मुझे नहीं सुनना.” गुड्डू बोला “हम तो उन पिक्स को देख कर इमेजिन कर रहे थे की इसी तरह हम दोनों भी तुझे भी चोदेंगे तो कितना मज़ा आएगा.” पूनम तुरंत बोली “मतलब!!!”

गुड्डू बोला “मतलब क्या?” पूनम मतलब जानती थी. वो पहले के पिक्स में देख चुकी थी की एक लड़की को दो लोग मिलकर चोद रहे थे और पिक्स के अनुसार उसे भरोसा था की गुड्डू और उसका दोस्त विक्की ही वो दोनों लड़के थे. पूनम कुछ बोलती उससे पहले ही गुड्डू फिर से बोला “मैं और विक्की दोनों चोदेंगे तुझे, उसी लड़की की तरह, एक साथ."

पूनम बोली "तुमलोग पागल हो क्या?" गुड्डू मुस्कुराता हुआ बोला "लड़की हमारे बीच में बस चुदाई के वक़्त आती है, जब हम दोनों उसे चोद रहे होते हैं। नहीं तो और कभी नहीं। इसलिए जिसे भी चोदते हैं, हम दोनों भाई साथ में चोदते हैं।"

पूनम उसकी बात इमेजिन कर रही थी और उसी ख्यालों में खोयी हुई ही वो बोली "मतलब मुझे भी दोनों करोगे." बोलते ही पूनम को अपनी गलती का एहसास हुआ, लेकिन अब फिर से उसके पास समय को वापस लौटाने वाली कोई टेक्नोलॉजी नहीं थी। गुड्डू मुस्कुराता हुआ बोला "सही समझी." पूनम को बहुत बुरा लग रहा था और उसे बहुत शर्म आ रही थी की ये क्या बोल गयी है वो। 'उसे गुड्डू से चुदाई की बात सुनने में अच्छा लगता है, चुदाई की कहानी और पिक्स अच्छा लगता है, लेकिन मैं अब किसी के साथ चुदाई करवाने नहीं वाली।'

बोली "नहीं... नहीं.... मेरा मतलब था कि मेरे बारे में भी तुमलोगों का यही प्लान है।"

गुड्डू मुस्कुराता हुआ ही बोला "हाँ जान. जब पहली बार हम वो पिक्स देखे थे, तभी लगा की उसकी शकल और बदन तेरे से मिलती है. और हम दोनों हँसने भी लगे थे की तू हमदोनो के साथ मज़े से चुदवा रही है.”

पूनम बोली "तुमलोग सच में बहुत बड़े हरामी हो. तुम लोग बस सपने ही देखो. किसी और पे मेहनत करो तो सफल भी होओगे.” गुड्डू बोला “वो तू हमपे छोड़ दे. चोदेंगे तो तुझे जरूर. बस देखना ये है की कब तू हम दोनों का लंड लेती है.” पूनम उनसे इस टॉपिक पे बहस नहीं की। उसके मन में उत्सुकता थी की क्या सच में ये लोग एक साथ लड़की की चुदाई करते हैं। पिक में तो वो देख चुकी थी, लेकिन उसके मन में जो सवाल उमड़ रहे थे, वो उन्हें पूछने लगी। बोली “तुम लोग एक दुसरे के सामने नंगे होते हो तो तुम्हे शर्म नहीं आती.”
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06-11-2020, 04:45 PM,
#49
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
पूनम बोली "तुमलोग सच में बहुत बड़े हरामी हो. तुम लोग बस सपने ही देखो. किसी और पे मेहनत करो तो सफल भी होओगे.” गुड्डू बोला “वो तू हमपे छोड़ दे. चोदेंगे तो तुझे जरूर. बस देखना ये है की कब तू हम दोनों का लंड लेती है.” पूनम उनसे इस टॉपिक पे बहस नहीं की। उसके मन में उत्सुकता थी की क्या सच में ये लोग एक साथ लड़की की चुदाई करते हैं। पिक में तो वो देख चुकी थी, लेकिन उसके मन में जो सवाल उमड़ रहे थे, वो उन्हें पूछने लगी। बोली “तुम लोग एक दुसरे के सामने नंगे होते हो तो तुम्हे शर्म नहीं आती.”

गुड्डू हंसने लगा. बोला “कैसी शर्म. बचपन से एक दुसरे को नंगे देख रहे हैं. और साथ में चोदने में ज्यादा मज़ा आता है. हम चुत के लिए झगडा नहीं करते, मिल कर फाड़ते हैं उसे.”

पूनम बोली “तुम लोग सब को एक साथ ही करते हो?”

गुड्डू खुश हो रहा था। उसकी होने वाली रण्डी की चुत में उसके लण्ड के लिए खुजली बढ़ रही थी। बोला “हाँ मेरी जान, और तुझे भी एक साथ ही चोदेंगे. एक तरफ मैं तेरी चुत चोदुंगा और विक्की तुम्हे अपना लौड़ा खिलायेगा। और फिर विक्की तुम्हे चोदेगा और मैं तुम्हारे मुँह में वीर्य भरूँगा। और तुझे बहुत मज़ा आएगा.”

पूनम बाएँ हाथ से मोबाइल पकड़ी हुई थी और दाएँ हाथ की बिच वाली ऊँगली उसकी चूत में अन्दर बाहर हो रही थी. उसे बहुत मज़ा आ रहा था इस तरह की बात सुनने में। पूनम की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी। बोली "सबको एक साथ ही करते हो? हमेशा?" गुड्डू मुस्कुराता हुआ बोला "तुझे कैसे चुदवाना है। अकेले अकेले या फिर साथ में।" पूनम शर्मा गयी और उसे लगा की वो ज्यादा ही उत्साहित हो रही है तो वो चुप हो गयी। फिर बोली "मैं इसलिए पूछ रही हूँ की कैसे वो लड़की लोग साथ में करवा लेती है?"

गुड्डू मुस्कुराता हुआ बोला "अकेले भी करते हैं जान, लेकिन हर चुत को दोनों चोदते ही हैं। चाहे अलग अलग चोदें या साथ में। ऐसी कोई चुत नहीं है अभी तक, जिसमे किसी एक का ही लण्ड अंदर गया हो। तुम्हारी चुत में भी जल्दी ही हम दोनों का लण्ड अंदर बाहर हो रहा होगा।"

गुड्डू आगे बोला “एक औरत के घर पे गए थे तो हम दोनो। इससे पहले वो हम दोनों से अलग अलग चुदवा चुकी थी, लेकिन उस दिन साथ में चुदी तो फिर तो पूछो ही मत। अब तो हर बार साथ में ही चुदवाना चाहती है।"

पूनम को और मज़ा आने लगा था. वो और सुनना चाहती थी. पूछी “कितनी लड़कियों के साथ किये हो?” गुड्डू को लगा की इतनी देर में उसकी जान की चुत पूरी गर्म हो गयी होगी। बोला “क्या किये हो?” पूनम की चूत में सिहरन होने लगी. वो समझ गयी की गुड्डू आज फिर से उससे क्या कहलवाने वाला है. उसका तो मन हुआ की बोल दी, लेकिन वो खुद को सम्हाली. बोली “वही जो बता रहे हो.”

गुड्डू बोला “देख ऐसे मत बोल. अच्छे से बोल जैसे कल बोल रही थी. फिर मज़ा आएगा.” पूनम मुस्कुरा दी. बोली “कल बोल दी तो क्या, आज भी बोल दूँगी. आज कुछ नहीं बोलने वाली मैं.” गुड्डू बोला “तो फिर मत बोल, मुझे फिर बात नहीं करनी.” पूनम भी अपने एटीच्युड दिखाते हुए बोली “तो रख दो. मैं तो चाहती ही हूँ की तुम मुझे कभी परेशान मत करो.” गुड्डू चिढ कर बोला “तो फिर ऐसे ही नंगी होकर चूत सहला रही है.” और बोलते हुए उसने कॉल कट कर दिया.

पूनम सोचने लगी की कितना हरामी है ये की इसे पता है की मुझे कैसा लग रहा है. पूनम को खुश होना चहिये था, लेकिन वो निराश हो गयी की गुड्डू ने कॉल कट कर दिया था. पूनम अब सोचने लगी की अब वो क्या करे. पुरानी कहानी और पिक्स मज़े नहीं देने वाले थे, लेकिन फिर वो मन मसोस कर उसे ही निकालने का मन बना रही थी.

2 मिनट हो गए थे की फिर से गुड्डू का कॉल आ गया. पूनम कॉल रिसीव कर ली. बोली “क्या हुआ अब.” गुड्डू बोला कपडे पहन ली की नंगी ही हो अभी.” पूनम अब फुल एटीच्युड में थी. बोली “क्यूँ?” गुड्डू बोला “कपडे कैसे पहनोगी. अब तक चूत से पानी नहीं निकल जाए, नींद थोड़े ही आएगी.” उसकी बात सच थी. गुड्डू आगे बोला “अमित से चुदवाते वक़्त चूत साफ़ रखती थी या झांटे थी?”

पूनम को फिर से मज़ा आने लगा था. लेकिन वो बोली “तुम्हे क्या मतलब है यार. तुम अपना काम करो ना.” गुड्डू बोला “मतलब ये है जान की जब हम चोदेंगे, उस दिन चूत को पूरा चिकना रखना.” पूनम अन्दर ही अन्दर मुस्कुरा रही थी. बोली “मैं बोली न की मैं नहीं करवाउंगी. कभी नहीं करवाउंगी.” गुड्डू बोला “क्या नहीं करवाएगी?”
पूनम बोली “बेवकूफ नहीं हूँ मैं, बोली न की कल बोल दी तो इसका मतलब क्या की आज भी बोल दूँ. आज कुछ नहीं बोलना.” गुड्डू बोला “बोल, अपने हाथ से अपनी चूत फैला कर तुमसे चुदवाऊँगी.” पूनम कुछ नहीं बोली. हालाँकि उसे डर था की कहीं गुड्डू फिर से कॉल कट न कर दे. उसे मज़ा आ रहा था की इस तरह जबर्दस्ती करके कोई उससे चुत और चुदाई बोलवा रहा था। गुड्डू बोला “बोल दे जान, तेरे मुँह से सुनकर मज़ा आता है.” पूनम बोली “इतनी लड़कियों के साथ कर चुके हो, फिर भी सुनकर इतना मज़ा क्यू आता है.”
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06-11-2020, 04:45 PM,
#50
RE: non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार
गुड्डू बोला “तेरी बात और है जान, तू बहुत मजेदार है.” पूनम फिर से बोली “कितनी लड़कियों के साथ किये हो?” गुड्डू बोला “बोल न क्या किये हो?” पूनम की चूत गीली हो चुकी थी. उसकी ऊँगली पूरी तरह से अन्दर बाहर हो रही थी. वो ऊपर के कपडे भी निकाल दी थी और पूरी नंगी होकर बेड पे टाँगे फैलाये लेटी हुई थी.

वो बोली “कितनी लड़कियों को चोदे हो?” बोलते ही पूनम की चूत थोड़ी और गीली हो गयी. उसकी चूत में जैसे कुछ करंट सा लगा था. गुड्डू बोला “आह जान, कितना मज़ा आया. क्या चोदा हूँ?” पूनम को चिढ भी हो रही थी और मज़ा भी आ रहा था. बोली “फिर... बोलो न.” गुड्डू बोला “बोल न जान, प्लीज़ बोल न. बहुत मज़ा आ रहा है.”

पूनम फिर से बोली. कल वो बोल चुकी थी और अब उसे ज्यादा परेशानी नहीं हो रही थी. बोली “कितनी लड़कियों की चूत चोदे हो. खुश! अब जवाब दो.” गुडू बोला “आह्जान.... मज़ा आ गया. तेरे मुँह से जब चुत और चोदने की बात सुनता हूँ की लण्ड टाइट हो जाता है जैसे अभी ही तेरी चुत फाड़ देगा। मस्त माल है तू। बोल न, फिर से बोल न।" पूनम को भी मज़ा आ रहा था गुड्डू के साथ इस तरह बात करने में। वो सोच रही थी की इसलिए ये लोग इतनी लड़कियों को चोद चुके हैं। जब मैं ऐसी हो गयी हूँ जो इन्हें देखना भी पसंद नहीं करती थी, तो बाँकियों की तो बात ही और होगी।

पूनम बोली "नहीं बताना है तो मत बताओ। मुझे भी नहीं सुनना।" गुड्डू पूरी तरह गिड़गिड़ाता हुआ बोला "प्लीज़ जान प्लीज़, बोल न। तू बोलती है तो बहुत मज़ा आता है। अभी पूरा नंगा हूँ और लण्ड पूरा टाइट है। बोल न प्लीज़।" पूनम मुस्कुराने लगी। वो भी तो पूरी नंगी है और उसकी भी चुत पूरी गीली है। पूनम बोली "अभी तक कितनी लड़कियों की चुत चोदे हो?" गुड्डू को सच में बहुत मज़ा आ रहा था। उसने भले ही बहुत सारी चुतों का बाजा बजाया था, लेकिन पूनम की बात ही और थी। ये तो लड़कियों में कोहिनूर थी। बोला "आहः जान, मस्त... फिर से प्लीज़ फिर से. बस लास्ट बार." पूनम को भी चुत और चुदाई बोलने में मज़ा आ रहा था। उसकी चुत पूरी गीली हो गयी थी। बोली "तुम पागल हो क्या। अब नहीं बोलूंगी मैं।"

गुड्डू बोला "प्लीज़ जान, बस लास्ट बार।" पूनम को मज़ा तो बहुत आ रहा था, लेकिन साथ में शर्म भी उतना ही लग रहा था। बोली "तुम न पागल हो। कितनी लड़कियों की चुत चोदे हो? खुश !!! और बोलूं। कितनी लड़कियों की चुत चोदे हो। चुत... चुत... चुत चोदे हो कितनी लड़कियों की? अब तो खुश न। पागल!" पूनम को बहुत मज़ा आया इस तरह बोलकर।

गुड्डू भी पूरा मज़ा ले रहा था। बोला "बहुत मज़ा आया। मस्त! बहुत सारी लड़कियों और औरतों की चूत चोदा हूँ जान. उनकी गांड मारा हूँ. उन्हें अपना वीर्य पिलाया हूँ. उनके चूत और गांड में वीर्य भरा हूँ.”

पूनम को अब और मज़ा आ रहा था. बोली “किसी को कुछ हुआ नहीं. जैसे प्रेग्नेंट हो गयी हो या कोई बीमारी हुई हो.” गुड्डू को उम्मीद हो रही थी की बस अब कुछ ही दिनों में उसकी चिड़िया उसका लण्ड खा लेगी। वो पूनम को और खोलना चाहता था. जितनी जल्दी पूनम जितनी खुल कर बात करती, उतनी जल्दी उसके लंड के नीचे आती. बोला “क्या करने से?”

पूनम ऐसे बोली की उसका बोलने का मन नहीं है. “प्लीज़.... इतनी बार बोली न” गुड्डू भी बोला “नहीं, अच्छे से बोलेगी, तभी मैं भी आगे बताऊंगा. बोल न जान, मज़ा आता है. तुम्हे मज़ा नहीं आ रहा क्या? ” गुड्डू बोला "झूठ मत बोलो। अगर तुम्हे मज़ा नहीं आ रहा होता तो तुम अभी नंगी होकर अपनी चुत नहीं सहला रही होती।" गुड्डू को पूरा यकीन था कि जो उसने बोला है, वो 100% सही होगा। कोई लड़की आधी रात में अकेले में उससे बात कर रही है और चुत और चुदाई बोल रही है और इतने इंटरेस्ट से चुदाई के बारे में पूछ रही है, तो ऐसा कैसे हो सकता है कि वो नंगी न हो और चुत में ऊँगली न कर रही हो।

पूनम कुछ नहीं बोली। गुड्डू बोला "बोलो, मैं गलत कह रहा हूँ क्या? मैं भी पूरा नंगा हूँ जान और लण्ड पूरा टाइट है। तुम हाँ कहो तो अभी तुम्हारे ऊपर चढ़ कर तुम्हारी कमसिन चुत में अपना लौड़ा पेल दूँ।" पूनम क्या बोलती। उसकी चुत तो पूरी गीली थी। वो नंगी होकर दोनों पैर फैलाये हुए सीधी लेटी हुई थी और चुत में ऊँगली अंदर बाहर कर रही थी। गुड्डू इस तरह बोला की ऊपर चढ़ कर तो पूनम इमैजिन करने लगी की गुड्डू उसके ऊपर चढ़ कर उसकी गीली चुत में अपना टाइट लण्ड डाल रहा है। गुड्डू का लण्ड वो पिक में पहले देख चुकी थी।

गुड्डू बोला "बोल न? नंगी है कि नहीं?" पूनम अब विरोध करने के स्थिति में नहीं थी. सेक्स की नदी में डूबी हुई सी उसकी मादक आवाज़ निकली "हूँ." गुड्डू फिर से बोला "चुत में ऊँगली कर रही की नहीं." पूनम उसी तरह मदहोशी के आलम में बोली "हाँ." गुड्डू चिड़िया को पूरी तरह से जाल में फंसाते हुए बोला "तो फिर अच्छे से खुलकर बोल न जान. और मज़ा आएगा।"
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