non veg story नाना ने बनाया दिवाना
03-28-2019, 12:10 PM,
#1
Star  non veg story नाना ने बनाया दिवाना
इस स्टोरी के तीन किरदार का परिचय मैं अभी करा देता हूँ।
1. माधवी:----मैं 18 साल की लड़की हुँ। बहूत ही सुन्दर भरी भरी चुचिया और बड़ी गांड। लंबे बाल हाइट भी अच्छी है।
2 .नाना:----- मेरे नाना । गाव में रहते है। उम्र 56 साल। खेती करने वाले और एकदम तंदरुस्त। 
3.नेहा:------मेरे मामा की बेटी।मुझसे दो साल बड़ी, बहुत ही सूंदर,बड़ी बड़ी गांड और मस्त बड़ी बड़ी चुचियाँ।

बाकि का परिचय स्टोरी में बताउंगा।

"नहीं नहीं मतलब नहीं" मैंने पापा से ग़ुस्से से कहा। 
पापा:=अरे सुन तो ले..अगले हफ्ते मुझे लीव मिलेगी तो मैं तुम्हे छोड़ आऊंगा।
मैं:= नहीं पापा मुझे आज ही जाना है। आप 6 दिन से कह रहे है। मेरा कितना मन है मामा से मिलने का और नेहा के भी कितने फ़ोन आ रहे है।


मै पापा से मामा जी के यहाँ जाने की जिद्द कर रही थी। मेरी छुट्टियां चल रही थी और दो साल से मैं वहा नहीं गयी थी। नाना जी का गाँव था ही इतना अच्छा की मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। ऊँची पहाड़ो में महाबलेश्वर के पास एक छोटा सा गाँव था। और मेरे नाना जी का घर खेत में था। वहा का सुहाना मौसम मुझे बहोत अच्छा लगता था। नहीं तो ये मुम्बई की गर्मी......। मैं हमेशा गर्मियों की छुट्टियों में वहा जाती थी। पर दो साल से पढाई की वजह से जा नहीं पायी। लेकिन अब मुझे जाना ही था। और मेरे जिद्द के आगे पापा की भी नहीं चली। पापा को मुझे छोड़ने आना ही पड़ा। मैं और पापा कार से चले गए।
मुझे देख के सब लोग मतलब मामा मामी नाना नेहा जो मुझसे दो साल बड़ी थी। और नीरज मामा का लड़का जो मुझसे दो साल छोटा था। नानी का देहांत हो गया था। लगभग 5 साल पहले। मैं भी उनसे मिल कर बहोत खुश थी। नेहा अब बहोत बड़ी हो गयी थी। वो बहोत सुन्दर तो नहीं पर एकदम सेक्सी थी। बड़ी चुचिया मस्त मटकती गांड जो भी देखे एकदम घायल हो जाये। 
नानाजी का घर बहोत बड़ा था। और उनके खेत भी। उनके गाव का मौसम हमेशा बहोत ही सुहाना रहता था। इसीलिए मुझे यहाँ आना बहोत पसंद था।
रात के खाने के बाद सब लोग अपने अपने कमरे में सोने चले गए। और मैं हमेशा की तरह नेहा के कमरे में। हमने दरवाजा बंद किया और मै अपने कपडे चेंज करने लगी। मैंने जीन्स और टॉप पहना था। जैसे मैंने कपडे उतारे वैसे नेहा मेरे पास आई और मेरी ब्रा को पकड़ कर मुझसे अलग करने की कोशिश करने लगी।
मै :=नेहा पागल हो गयी हो क्या क्या कर रही हो?
नेहा:=देख रही हु कितनी बड़ी हो गयी है...पिछली बार जब देखा था तो छोटी छोटी ही थी।अब तो एकदम मस्त हो गयी है। राज क्या है? किसी के हाथ लग जाये तो ये बहोत फ़ास्ट बड़ी हो जाती है।और जरा अपनी गांड तो देख हाय रे मर जाऊ...
मैं :=चुप कर पागल...कुछ भी बोलती है। अगर सच में ऐसा है तो खुद की देख मुझसे भी बड़ी है। तू बता जरा किससे मसलवाती है? और तेरी गांड ने तो यहाँ बवाल मचा रखा होगा। यहाँ तो सब तेरे नाम से मुठ मारते होंगे।
Reply
03-28-2019, 12:10 PM,
#2
RE: non veg story नाना ने बनाया दिवाना
नेहा:=(मेरे पास आयीं और मुझे अपनी तरफ खीचते हुए) हाँ मारते होंगे पर अब तेरे नाम की भी मारेंगे।
मै भी उससे उसी तरह लिपट के बोली.....
मैं:= बड़ी चालु हो गयी हो तुम....किसी से यहाँ(उसकी चूत को ऊपर से ही छूते हुए) डलवा लिया क्या?
नेहा ने मुझे धकेल दिया।
नेहा:=पागल क्या करती है? शैतान हो गयी हो दो साल में।
पर सच कहूँ तुम सच में एकदम मस्त माल हो गयी हो। सब लोग मेरे पापा दादाजी सब लोग घूर रहे थे तुझे।
और वो केशव चाचा(उनके खेत में काम करने वाला आदमी) वो तो ऐसे देख रहा था की बस तुम्हे अभी पकड़ कर चोद देगा।
मैं डरने का नाटक करते हुए बोली "अगर सच में उसने ऐसा किया तो" "अरे तू डर मत मैं हु ना" नेहा ने मुझे पकड़ कर मेरा सर अपने छाती से लगाते हुए कहा।
""क्यू मेरी जगह तू चुदवा लेगी उससे?""" ये सुनके वो हँस पड़ी और मैं भी।
हमने कपडे बदल लिए और बेड पे लेट गए और इधर उधर की बाते करने लगे।
सफ़र की थकान ने बहोत जल्दी ही नींद मुझ पर हावी हो गयी।
Reply
03-28-2019, 12:10 PM,
#3
RE: non veg story नाना ने बनाया दिवाना
रात के करीब 12.30 बजे होंगे की किसी खुसुर पुसुर की आवाज से मेरी नींद खुली। मैंने इधर उधर देखा तो नेहा फ़ोन पे बात कर रही थी और जैसे ही मेरी नजर उसपे पड़ी तो उसने फ़ोन बंद कर दिया।
मै:=किससे बात कर रही है इतनी रात को?
नेहा:=नहीं रे किसीसे नहीं ......वो नींद नहीं आ रही थी तो गाने सुन रही थी।
मैं:= अच्छा????दिखा तेरा फ़ोन ।
मैंने फ़ोन लिया और कॉल लिस्ट चेक की तो देखा मेरा ही नाम था।मुझे सब समझ आ गया। वैसे नेहा मुझसे कोई बात छुपाये ये हो नहीं सकता। फिर भी वो मुझसे झूठ क्यू बोल रही थी? और मेरे नाम से किसी और का नम्बर क्यू सेव किया था?
मैं:=ये सब क्या है? किसका नंबर है मेरे नाम से? और तू कबसे मुझसे झूठ बोलने लगी? कबसे बाते छुपाने लगी है तू मुझसे?
नेहा:= अरे तू पागल है क्या? तुझे बहोत अच्छे से पता है की मैं कभी भी कोई बात तुझसे नहीं छुपाती। और तू जरा शांत हो जा बताती हूँ।
मेरे कॉलेज का लड़का है रितेश बहोत दिनों से मेरे पीछे पड़ा था। exam के बाद उसने मुझे प्रोपोज़ किया मैंने हा बोल दी। और ये एक महीने पहले की बात है तेरी भी exam चल रही थी सोचा आराम से बताउंगी।
मैं :=क्या?सच? मैं थोडा आश्चर्य चकित हो गयी थी। मै उठ के बैठ गयी। और उसे गुदगुदी करते बोली.....वाह रे मेरी जान तू तो बड़ी तेज निकली। बता क्या क्या हुआ तुम्हारे बीच? सब हो गया क्या? कैसा है दिखने में?
मैंने सवालो की झड़ी लगा दी।
Reply
03-28-2019, 12:10 PM,
#4
RE: non veg story नाना ने बनाया दिवाना
नेहा:= बस बस इतने सवाल एक साथ? हाँ बहोत क्यूट है और हमारे बीच कुछ भी नहीं हुआ क्यू की अभी कॉलेज बंद है हम सिर्फ फ़ोन पे बात करते है।
मैं :=ओह हो मेरी बहन का bf है अब तो। चल मुझे सुननी है तुम लोग क्या बाते करते हो। लगा न फ़ोन।
नेहा:= नहीं न यार क्या करती है? वो बहोत गन्दी बाते करता है। और मुझे शर्म आएगी तेरे सामने।
मैं:= गन्दी बात? चल बन मत ज्यादा अब। तू और मैं जीतनी गन्दी बाते करते है ना उतनी तो नहीं करता होगा वो।और मुझसे शर्म???हाय रे तू कबसे शर्माने लगी मुझसे?
नेहा:= चल ठीक है एक काम कर तू उधर मुह करके लेट मैं फ़ोन बीच में रखती हु स्पीकर पर डाल देती हु और रजाई ऊपर से ले लेती हु ताकि आवाज बाहर न जाये।
हम लोग लेट गए और उसने रितेश को मिस कॉल दिया।
मैं:=क्यू मिस कॉल क्यू दिया?
नेहा:=अरे करेगा न वो फ़ोन अपने पैसे क्यू वेस्ट करने। ऐसा बोल के उसने मुझे ताली दी मैंने भी हँसते हुए ताली दी और कहा। "सही है" और मैं हँसते हुए पलट के लेट गयी। नेहा भी लेट गयी फ़ोन बीच में रखा था।और नेहा मेरी पीठ की तरफ मुह करके लेती थी फ़ोन आया नेहा ने रिसीव किया।
रितेश:=क्या हुआ?माधवी उठ गयी थी क्या?
आवाज से तो बहोत अच्छा लग रहा था।भारी भरकम आवाज थी उसकी।
नेहा:=नहीं सो रही है वो।
मैंने पीछे मुडके देखा उसने मुझे चुप रहने का इशारा किया ।मैं पलट के रजाई अपने मुह पे लिया उनकी बाते सुनने लगी।
नेहा:=तुम क्या कर रहे हो?
रितेश:= वही अपना रोज का काम...तुम्हे याद कर रहा हूँ।
नेहा:= हा हा पता है तुम्हे मेरी कितनी याद आती है.
रितेश:=अरे मेरी रानी बहोत याद करता हूँ तुम्हे तड़प रहा हूँ तुमसे मिलने को।
नेहा:= हा हा रहने दो इसलिए तो सिर्फ रात को फ़ोन करते हो।
रितेश:= अरे सच मेरी जान दिन में फ़ोन नहीं कर सकता तुम्हे प्रॉब्लम हो जायेगी और तुम्हारी याद इतनी आती है दिन में की दो दो बार मुठ मार लेता हूँ।
Reply
03-28-2019, 12:10 PM,
#5
RE: non veg story नाना ने बनाया दिवाना
मैं एकदम शॉक हो गयी और सोचने लगी ये तो डायरेक्ट डायरेक्ट ही बात करते है।
नेहा:=छी गंदे कही के।
रितेश:= गन्दा? अच्छा मैं गन्दा? तुम्हे ही तो पसंद है ये बाते। रोज रात को मेरी गन्दी गन्दी बाते सुनके कौन अपनी चूत रगड़ रगड़ कर पानी निकालता है हा?
नेहा:= चुप करो ना। तुम भी तो वही करते हो।
रितेश:=हाँ करता हु। क्या करू रियल में तो कुछ होगा नहीं तो फ़ोन पर ही चोद लेता हु तुम्हे। क्यू तुम्हारा मन नहीं है क्या आज?
नेहा:= मन तो बहोत है पर माधवी है न यहाँ।
ये बात सुन के मेरी हँसी निकल गयी। नेहा ने मुझे धक्का दिया।
रितेश:= तो फिर गॅलरी में चली जाओ क्यू की मेरा बहोत मन है आज मेरा लंड कबसे खड़ा है बेताब है तुम्हारी चूत के रस में डुबकी लगाने को
नेहा:= स्स्स्स्स् अह्ह्ह मेरी चूत भी तो तड़प रही है ना।
अब नेहा भी रंग में आ गयी थी। और सच बोलो तो उनकी बाते सुनके मेरी चूत में भी खुजली होने लगी थी।नेहा अब बिना मेरी फ़िक्र किये खुलके बात कर रही थी।
रितेश:= तो मेरी जान आओ ना मेरे पास तुम्हारी चूत की तड़प मिटा देता हूँ।
नेहा:=ह्म्म्म लो आ गयी तुम्हारे पास तुम्हारे बगल में लेटी हूँ।
रितेश:=उम्म्म अह्ह्ह क्या लग रही हो ।जी करता है तुम्हे खा जाऊ।
नेहा:= मुझे मत खाओ सिर्फ मेरी चूत को खा जाओ
रितेश:= स्स्स अह्ह्ह हा मेरी रानी सोचो मैंने तुम्हारे सारे कपडे उतार दिए है। मैं तुम्हारे पुरे जिस्म पर हाथ फेर रहा हु। उम्म्म्म क्या खूबसूरत जिस्म है तुम्हारा। अब मै तुम्हारे बड़े बड़े बूब्स को मसल रहा हु वाओ अह्ह्ह सीसीसी क्या मस्त है यार अब मैं तुम्हारे निप्प्ल्स को बारी बारी चूस रहा हु काट रहा हु अह्ह्ह्ह्ह स्स्स ।
नेहा:=उफ्फ्फ्फ्फ़ धीरे नाआअ उम्म्म हा ऐसेही उफ़्फ़ग बहोत अच्छा लग रहा है और चूसो ना अह्ह्ह्ह्ह।
नेहा पे मदहोशी छा गयी थी।उसकी आवाज में कामुकता आ गयी थी। मेरी हालत भी कुछ वैसे ही हो गयी थी।मैंने कभी ऐसा फील नहीं किया था। मेरी चूत में से चिप चिपा सा पानी मुझे महसूस हो रहा था। मैंने धीरे से पलट के देखा लेकिन कुछ दिखाई नहीं दिया पर इतना जरूर अहसास हुआ की नेहा आखे बंद करके अपनी चुचिया मसल रही थी एक हाथ से और एक हाथ उसका चूत पे था। शायद सलवार के अंदर या बाहर पता नहीं।लेकिन अब मेरा हाथ जरूर अपनी चूत की तरफ जाने लगा था।
Reply
03-28-2019, 12:11 PM,
#6
RE: non veg story नाना ने बनाया दिवाना
रितेश:= अह्ह्ह्ह उम्म्म अब मैं धीरे धीरे किस्स करते हुए निचे जा रहा हु तुम मेरा सर पकड़ कर मुझे अपनी चूत की तरफ धकेल रही हो।
नेहा:= अह्ह्ह्हाआ उम्म्म करो ना मेरी चूत को किस्स अह्ह्ह बहोत गीली हो चुकी है।
रितेश:= हा ना जान....मैंने तुम्हारे पैरो को मोड़ के फैला दिए है और अपनी जुबान तुम्हारे चूत पे फिरा रहा हूँ। अह्ह्ह्ह औऊम्मम्म चुपचुपचुप अह्ह्ह क्या मस्त टेस्ट है तुम्हारे रस का अह्ह्ह्ह्ह अब मैं तुम्हारे चूत में जुबान डाल के उसे राउंड राउंड आगे पीछे कर रहा हु अह्ह्ह्ह्सीसीसीसीसी
नेहा:=उम्म्म्म जान धीरे ना अह्ह्ह सीसीसीसी काटो मत ना हा हा हा स्स्स्स ऐसेही हाआआआ उम्म्म चाटो ना अह्ह्ह उम्म्म्म बहोत मजा आ रहा है।
उम्म्म्म सीसीसीसी मजा तो अब सच में आने लगा था। मेरा हाथ अब मेरी चूत रगड़ रहा था। मैं अब बहोत उत्तेजित हो गयी थी। मैंने अपना हाथ धीरे से सलवार के अंदर डाल दिया था। उम्म्म बहोत गीली हो चुकी थी मेरी चूत। मैंने वो गीलापन अपनी चूत पे रगड़ना सुरु किया अह्ह्ह्ह्ह्ह बहोत अच्छा लग रहा था। मैंने फ़िन्गरिंग तो बहोत बार की थी पर आज जो अहसास मुझे हो रहा था वैसा पहले कभी नहीं हुआ था।
रितेश:= उम्म्म जान देखो ना मेरा लंड कैसे तुम्हे बुला रहा है कह रहा है की आ जाओ जरा मुझे भी प्यार करलो।
नेहा:= हाय रे मेरा बच्चा.....लो अब मैंने तुम्हारे लंड को अपने हाथो में पकड़ लिया है उसकी स्किन पीछे करके उसके गोल गोल सुपाड़े को किस्स कर रही हु अह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स उम्म्म्म्म उसके सुपाड़े को होठो में पकड़ के मुठ मार रही हु आआह्ह्ह्ह्ह्ह् स्स्स्स अब उसे पूरा मुह में लेके आगे पीछे कर रही हु सप सप सप अह्ह्ह्ह उम्म्म क्या गरम और कड़क है जान तुम्हारा लंड।
रितेश:=अह्ह्ह उफ्फ्ग्ग असेही जान ऐसेही उम्म्म्म wowww क्या मस्त चूसती हो तुम अह्ह्ह्ह्ह तुम्हारी मुह की गर्माहट से मेरा पानी न निकल जाय अह्ह्ह्ह।
ओह क्या कर रहे है ये लोग मेरी तो जान निकलने वाली थी।नेहा कितना सीधी रहती है पर आज देखो कितनी बेशर्मी से रितेश के साथ बात कर रही है।
मेरी तो हालात ख़राब हो रही थी। नेहा का भी हाल वैसा ही था क्यू की मुझे अब अहसास हो रहा था की वो अपनी चूत को जोर जोर से रगड़ रही थी। मैं भी अब थोडा जोर से लेकिन नेहा को समझ ना आये इस तरह से चूत को रगड़े जा रही थी।
नेहा:= उम्म्म्म नहीं जान मुह में नहीं मेरी चूत में गिराओ ......अह्ह्ह्ह स्स्स डाल दो अपना लंड मेरी चूत में अह्ह्ह्ह और जोर जोर से चोदो अह्ह्ह्ह
रितेश:=उम्म्म हा मेरी रानी अब मैंने तुम्हारी चूत में अपना लंड डाल दिया है अह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ क्या टाइट है तुम्हारी चूत सीसीसीक्काह्ह्ह्ह् उम्म्म और अब मैं अपना लंड तुम्हारी चूत में आगे पीछे करके चोद रहा हु स्स्स्स्स् अह्ह्ह उम्म्म
नेहा:= हा हा हा उफ्फ्फ्फ्फ़ धीरे ना जान उफ्फ्फ्फ़ फाड़ दोगे क्या अह्ह्ह्ह उम्म्म तेज और तेज एह्ह्ह्ह्ह्हआःह्ह्ह् उम्म्म चोदो जान उफ्फ्फ मर गयी उम्म्म।
Reply
03-28-2019, 12:11 PM,
#7
RE: non veg story नाना ने बनाया दिवाना
नेहा अब तेजी से अपनी चूत रगड़ रही थी और मैं भी अब मुझे ऐसे लगने लगा था की सच में कोई मेरी चूत में लंड डाल के मुझे चोद रहा है। 10 मिनट तक उनका ऐसे ही चलता रहा ।मेरा ओर्गेज़्म हो चूका था। शायद उन दोनों का भी। जैसे ही नेहा ने फ़ोन रखा मैं कूद के बैठ गयी और उसकी रजाई हटाई तो देखा उसका नाडा खुला हुआ था। और मैंने झट से उसकी चूत के पास हाथ लेके गयी तो उसने मेरा हाथ पकड़ा और वो भी उठ के बैठ गयी।
मैं:=हाय रे मेरी बहना क्या बात है अभी अभी चुदी है क्या बात है यार कबसे चल रहा है ये तू तो बड़े मजे कर रही है।
नेहा:=हँसते हुए....हम्म जैसे तू नहीं कर रही?
मैं:=मेरे ऐसे नसीब कहा यार।पर सच बता तू चूदी तो नहीं न इससे?
नेहा:=नहीं ना सच में...मैं अभी भी वर्जिन हु यार। चल अब बाकी बाते कल करेंगे नींद आ रही है।
मैं:=हा वो तो आएगी ही ना इतनी जम के जो चूदी है मेरी बहन।
हम दोनों हस्ते हुए लेट गए और सोने लगे। नेहा ने करवट लेके मेरी तरफ पीठ की और मैं उसके पीठ से चिपक के सोते हुए सोचने लगी.....क्या मस्त फीलिंग थी वो...काश कोई रियल लंड मिल जाता तो जमके चुद लेती उससे। लेकिन मेरी ये इच्छा जल्द ही पूरी होने वाली थी ये उस वक़्त नहीं सोचा था मैंने........
Reply
03-28-2019, 12:11 PM,
#8
RE: non veg story नाना ने बनाया दिवाना
सुबह जब मैं उठी तो नेहा निचे किचन में थी। मैं वहा गयी तो सब लोग नास्ता कर रहे थे। मैं भी ब्रश करके चाय नास्ता करने लगी। कल रात के बाद मुझ पे तो जैसे सेक्स का खुमार सा छा गया था। मुझे एकदम से नेहा की बात याद आ गयी की मामा और नाना जी कैसे मुझे देखते है। मैंने थोडा गौर किया मामा तो नहीं पर नाना जी मुझे देखते हुए मैंने 2 3 बार पकड़ा। पर खुद को ही डाँटते मैंने कहा चुप कर कुछ भी सोचती है। मैंने चाय नाश्ता खत्म किया और नहा के वापस आयीं। तो नाना जी खेत में चले गए थे। 

मेरी और नेहा की मस्ती चल रही कल रात की बाते याद दिला के मैं उसे छेड रही थी। फिर नीरज मैं नेहा और पड़ोस के कुछ बच्चे मिलके इंडोर गेम्स खेलने लगे। ये हमारा हमेशा का रूटीन था। फिर दोपहर का खाना हो जाने के बाद थोड़ी नींद और फिर मैं और नेहा खेत में घूमने निकले। खेतो में बहोत सी सब्जिया लगी थी। और सुबह में शायद पानी दिया हो इस वजह से ठंडी हवा चल रही थी और इस वजह से खेतो में घूमना बहोत अच्छा लग रहा था पर बहोत धीरे और सँभालते चलने का काम पद रहा था। 

हमने देखा की सामने खेत में कुछ हलचल सी हो रही है। मैं घबरा गयी मुझे लगा की शायद कोई जंगली जानवर हो। पर हमने जो देखा उससे हमारी पैरो से जमीं खिसक गयी। एक औरत नाना जी का लंड चूस रही थी। नाना जी खड़े थे और वो औरत घुटनो पे बैठ के नानाजी का लंड चूसे जा रही थी। हमने ये देख के हैरानी से एकदूसरे की और देखा और एकदूसरे का हाथ पकड़ लिया और निचे बैठ के चुपके से देखने लगे। उम्म्म नानाजी का लंड बहोत बड़ा था।
लगभग 10 इंच का होगा गोरा गोरा इतना बड़ा लंड किसी पोर्न स्टार जैसा लग रहा था। मेरी चूत में खुजली होने लगी थी। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा की नाना जी को मैं कभी ऐसे देखूंगी। मेरी तो चूत से पानी आना सुरु हो गया था। नेहा का भी वही हाल था। फिर नाना जी ने उस औरत को उल्टा किया और पिछेसे उसकी चूत में लंड डाल के चोदने लगे। वो औरत नानाजी की जांघे पकड़ कर उनका लंड चूत में रही थी। थोड़ी देर बाद नानाजी उसकी गांड पे अपना पानी गिरा दिया।
Reply
03-28-2019, 12:11 PM,
#9
RE: non veg story नाना ने बनाया दिवाना
मैं तो जैसे होश खो चुकी थी। नेहा ने मुझे हिलाया और चुपके से निकलने को कहा हम उलटे पाँव वापस आये जैसे ही हम कुवे के पास वाले दो बड़े बड़े आम के पेड़ो के निचे आये हम वही लेट गए । 5 मिनट तक तो सिर्फ अपनी साँसे ठीक करने लगे। फिर एक दूसरे की और देखा और एकदम से हँसने लगे। हम बैठ गए।

मैं:= क्या था ये? कोन थी वो औरत?छी कितनी गन्दी थी वो और नानाजी उसे चोद रहे थे बाप रे....
नेहा:= हा ना यार मैंने भी पहली बार देखा ऐसा।
मैं:= सच में यार मैंने कभी नहीं सोचा था ऐसा।
नेहा:=हा लेकिन तूने देखा दादाजी का लंड कितना बड़ा है। मैंने तो पोर्न मूवीज में भी नहीं देखा ऐसा लंड।
मैं:= हा न यार......मैं तो मर ही जाउंगी।
नेहा:= पर तू क्यू लेने लगी दादाजी का? या लेने का इरादा है?
मैं:= पागल है क्या तू? मैं सिर्फ इतने बड़े लंड की बात कर रही हु। लेकिन मुझे लगता है तेरा इरादा है।
नेहा:= हाय रे अगर दादाजी कहेंगे तो जरूर ले लुंगी।
मैं := चल हट बेशरम....।

नेहा:= अरे सच...तुझे पता नहीं जितना बड़ा लंड ही उतना ही मजा आता है।
मैं := हा क्या? चल फिर अभी नानाजी को कहती हु की आपकी प्यारी पोती आपसे चुदवाना चाहती है।
नेहा:= मैं तो तैयार हु पर अकेली नहीं तूझे भी लेना होगा दादाजी का लंड अपनी चूत में।
मै;= नेहा को चपेट मारी और कहा कुछ भी बोलती है।
फिर हम वहा से उठे और घर की और चल दिए इस बात से बेखबर की नानाजी हमारी बाते सुन रहे थे।

नानाजी:===== उफ़ ये क्या हो गया। इन लड़कियो ने देख लिया मुझे उस औरत के साथ अब कैसे नजर मिलाऊंगा उनके साथ???? लेकिन.......वो क्या बाते कर रही थी उन्हें मेरा लंड अच्छा लगा । लेकिन मैं उनका दादा और नाना हु। वो कैसी बाते कर रही थी। और उनको कितनी जानकारी है चुदाई के बारे में। हा भाई बड़ी हो गयी है अब वो। क्या जवानी फुट के आयी है 
दोनों में। 
नेहा की गांड तो ऐसी है की बस देखता ही जाऊ और जब वो मटक मटक के चलती है तो पैजामे में लंड भी अंगड़ाइयां लेने लगता है। और माधवी वो तो अभी अभी जवान हुई है उसकी चुचिया तो कमाल की है जब से वो आयीं है तबसे उसकी भरी भरी चुचियो ने तो पागल कर दिया है। दोनों को चोदने को मिल जाय तो मजा आजायेगा वैसे भी उस मालती की भोसड़ा चोद के मजा नहीं आता आजकल। वो तो माधवी की चुचिया है जो मुझे आज इतना उत्तेजना हुई। अगर ये गरम गरम माल चोदने मिल जाय तो मजा आ जाएगा।

पल भर में ये सारे खयाल उनके मन में आ गए लेकिन फिर खुद को ही कोसते हुए ये मैं क्या सोच रहा हु.....मैं वासना में अँधा हो गया था। लेकिन दूसरे ही पल लेकिन नेहा तो खुद ही मुझसे चुदने के बारे में बात क़र रही थी। और साथ माधवी भी तो कुछ नहीं बोली। अगर मैं कोशिश करू तो इन दोनों को चोद सकता हु और उन्हें मेरा लंड भी तो बहोत पसंद आया है। देखो तो जरा कैसी जान आ रही इसमे मुझे पहले कभी ऐसा अहसास नहीं हुआ। 
नानाजी ने मन कुछ ठान लिया और अपने काम में लग गए।
Reply
03-28-2019, 12:11 PM,
#10
RE: non veg story नाना ने बनाया दिवाना
मैं और नेहा घर आ गए थे। नीरज और बाकी बच्चे हमारा वेट कर रहे थे। हमने फिर खूब मस्ती की। रात को नेहा मामी की खाना बनाने में हेल्प कर रही थी। और मैं मामा और नानाजी के पास बैठ के उनसे बाते कर रही थी। हमने साथ बैठ के खाना खाया टीवी देखा और फिर सोने चले गए।

रात में फिर से रितेश का फ़ोन आया। और नेहा ने कल रात जैसा ही फ़ोन स्पीकर पे डाला हुआ था। उनकी चुदाई वाली बाते शूरु हो गई। मैं भी उनकी बातो का मजा लेके अपनी चूत रगड़ रही थी। लेकिन आज जब मैंने आखे बंद की तो देखा की नानाजी मेरी चूत चाट रहे है मैं उनका लंड चूस रही हु। और जब नेहा की बाते चूत चोदने तक पहोची तो मुझे ये दिखाई दे रहा था की नानाजी मुझे अपने लंड से खच खच चोद रहे है। और मुझे ये सोच के ज्यादा उत्तेजना हो रही थी।
मुझे उसमे कोई बुराई नजर नहीं आ रही थी। उत्तेजना में अंधी हो चुकी मैं बड़े चाव से नाना जी के लंड के बारे में सोच के चूत में उंगली चला रही थी। उफ्फ्फ्फ्फ्फ ये मुझे क्या हो रहा था। तब भी जब हम निचे खाना खाने से पहले बाते कर रहे थे तब नानाजी जब मेरे चीन को हाथ लगा रहे थे तब उनका हाथ मेरी चुचियो को लग रहा था और मेरा हाथ पकड़ कर नानाजी कैसे मेरी कोहनी अपने लंड की और धकेल रहे थे। 
उफ्फ्फ्फ्फ़ कितना कड़क हो चूका था वो। मैंने तब इतना माइंड नहीं किया था क्यू की मुझे लगा था शायद गलती से हो रहा होगा। लेकिन क्या नानाजी जानबूझ कर ऐसा कर रहे थे। मैंने सोचा अब मैं देखूंगी की ये गलती से हो रहा था या जानबुज के? क्या नानाजी सच में मुझे चोदने के बारे में सोच रहे है? सोचते सोचते मैं कब सो गयी पता ही नहीं चला।

इधर नेहा भी उसके दादाजी के लंड के बारे में सोच सोच कर चूत में उंगली कर रही थी। अब उसे रितेश नहीं उसके दादाजी नजर आ रहे थे। उसे अब अपने दादाजी का लंड अपनी चूत में चाहिए था। वो किचेन से देख रही थी कैसे दादाजी माधवी के साथ हरकते कर रहे थे। हो ना हो वो अब वो भी हमारी जवानी का मजा लेना चाहते थे। तभी कैसे वो किचन में आके मेरी कमर पे हाथ रखकर मुझे फ्राई को कैसे करते है बता रहे थे। और उनका हाथ कब मेरी कमर से निचे मेरी गांड पे आ गया था ये यकीनन गलती से नहीं हुआ था। उम्म्म्म्म जब उनका हाथ मेरी गांड से टच हुआ तब कैसी लहर सी दौड़ी थी मेरे शरीर में। 



इधर नानाजी का भी हालत बहोत ख़राब थी। वो अपना लंड पैजामे में से निकालके उसे मुठ मार रहे थे। माधवी और नेहा की जवानी बिना कपड़ो के कैसे लगेगी ये सोच सोच के उनका लंड किसी रॉड की तरह ताना हुआ था। नेहा की गांड क्या मुलायम थी। सीसीसीसी अह्ह्ह जब मैं उसे नंगी करके छुऊँगा तो क्या मजा आएगा स्सस्सह्ह्ह् और माधवी के चुचिया उफ्फ्फ्फ़ उसके सलवार से क्या लगाती है जब नंगी देखूंगा तो आह्ह्ह्ह ये सोच के अपना लंड तेजी से हिलाने लग गए और फिर सरसरसर करके पिचकारी छोड़ने लगे। ऐसी उत्तेजना पहले कभी नहीं हुई थी उन्हें। उन्होंने अब मन ही मन सोच लिया था की किसी एक को जरूर चोदेंगे या फिर दोनोंको..............
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,297,006 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 521,955 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,149,891 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 871,189 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,540,844 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,985,626 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,794,620 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,507,701 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,822,935 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 265,896 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)