non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्रेम कहानी )
12-27-2018, 01:51 AM,
#51
RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
इधर बारिश की बूँदें ..... दोनो प्रेमियों को एक अलग ही महॉल का अहसास करवा रही थी ... और दोनो एक दूसरे मे डूबते हुए ... कस कर एक दूसरे को गले से लगा लिया .... महॉल ... जैसे सुरमई हो चला था .... और बढ़ी धड़कने सिर्फ़ इस पहल का इंतज़ार कर रही थी, कि अब इज़हार-ए मोहब्बत हो जाएगा.....

रीति बड़ी नज़ाकत से.... छोड़ो भी प्लीज़, वासू कहीं से देख रही होगी...


नानउ..... अन्न्ण.णन् हााअ, हम चिपकू आशिक़ हैं मेडम .... ऐसे नही छोड़ते....


रीति को शरारत सूझी, और वो नेनू के कान मे कही, "अर्रे पिछे देखो, वही लोग खड़े हैं जो रेस्टोरेंट मे थे आप के साथ थे"


नेनू झट से रीति को छोड़ता, पिछे देखने लगा... पीछे मूड कर जब देखा तो कोई नही था, और जब आगे मुड़ा तो, रीति दूर खड़ी हंस रही थी.....


नेनू..... "तुम भी नाआआआ" .... और इतना बोल कर दोनो हँसने लगे. हँसते-हँसते दोनो एक दूसरे को देखे, और हँसते हुए ही खामोश हो गये .... खामोशी एक बार फिर दोनो के बीच छाइ रही, पर धडकनो की हलचल सॉफ सुनी जा सकती थी....


नेनू दो उंगलियों के इशारे से रीति की आँख पर दिखाया... और फिर उंगलियों को रास्ते पर दिखाने लगा. रीति अपने ललाट को उपर सरकाती सवालिया नज़रों से पुच्छने लगी, "क्या करने वाले हो"


नेनू, रीति को देखते हुए, अपने बाहें फैलाए सड़क पर निकल गया.... बारिश बहुत तेज हो रही थी, और नैन दोनो बाहें फैलाए, रीति को ही देखते अपने कदम पिछे बढ़ाने लगा... रीति भी मुस्कुराती बस नैन को ही देख रही थी.


नैन ने फिर अपनी उंगलियों का इशारा कर के ... अपनी ओर ध्यान देने के लिए कहा.... रीति मुस्कुराती बस हां मे गर्दन हिलाई. रीति के हां का इशारा होते हे नैन अपने एक पाँव पर पूरा गोल घूम गया, घुटनो पर बैठ कर ... अपने दोनो बाहें फैला ..... ज़ोर से चिल्लाते हुए कहने लगा ....


"रीतीईईईई ..... आइ लव यू कूटी.... क्या तुम मेरी स्युलमेट बनोगी"


रीति, नेनू की बात सुन कर खिल-खिला कर हंस दी, पर वो हाथों से कान पर इशारा कर के बताने लगी, "क्या कहा सुनाई नही दिया"


नेनू मुस्कुराता हुआ फिर से ज़ोर से कहने लगा........ "बेबी आइ लव यू"


रीति इस बार भी ना सुन'ने का इशारा करने लगी. नेनू ज़ोर से मुस्कुराया और अपनी आँखे बंद करता, इस बार जितना ज़ोर लगा सकता था, उतनी ज़ोर से कहने लगा..........


"बेबी ..... आईईईईईईईईईईईईईईई.... लॉवीईईईई..... युवूयूवूऊयूयुयूवयू. और इस बार ना सुनी ना .... तो मैं सोना को जाकर प्रपोज कर दूँगा, वैसे भी वो मरी जा रही है ये सुन'ने के लिए"


नेनू, आँख मूंद कर आइ लव यू तो पूरी ताक़त से बोला, पर आखरी के लाइन थोड़ा धीरे से बोला, ताकि वो सुन ना सके.... पर जब अपना डाइलॉग बोल कर आँखें खोला तो रीति उसके बिल्कुल पास 5 इंच के फ़ासले पर खड़ी थी.....


रीति को देख कर नेनू ने अपना हाथ अपने सिर पर रख कर ..... "ईए, उूओ, बात दरअसल .. ये है कि.. तुम समझ रही हो ना रीति"


रीति घुरती हुई नेनू को देखी .. और "हुहम" करती कहने लगी..... "तो जाओ अपने उस सोना के पास, मुझे क्या करना... मैं भी चली... बयईईई"


नेनू..... आररीईईई, तुम ना सुन'ने का नाटक कर रही थी, तो मैने भी धीरे से वो बात बोल दिया... अब मुझे क्या पता था, तुम यहीं पास खड़ी हो....


रीति.... मतलब मैं जब नही रहूंगी, तो मेरे पिछे कुच्छ भी करोगे कुच्छ भी कहोगे... हुहह..


गुस्से मे आगे मूड गयी रीति, और आगे मूड कर मुस्कुराने लगी ....


"आअन्ह्ह्ह्ह्ह, सच ही कहते हैं लोग, इन लड़कियों मे ना ,अकल नाम की चीज़ हे नही होती. हर बात की तह तक जाना, हर बात का उल्टा ही मतलब निकालना... लो बड़ी मुश्किल से तो अभी मानी थी, अभी फिर नाराज़ हो गयी"..... नेनू अपने मन मे विचारता... अपनी जगह से उठा और .. रीति के पिछे-पिछे चल दिया ......


"ऐसा भी क्या गुस्से मेरे सरताज, ज़रा अपने कदम रोक कर, इस गुलाम की इलतज़ा भी तो सुनती जाइए"


रीति..... आप कौन, क्या मैं आप को जानती हूँ... नही जानती मैं आप को. प्लीज़ मुझे तंग मत कीजिए, मैं बारिश मे भींग गयी हूँ, मुझे हॉस्टिल जल्दी पहुचना है ....


बिना मुड़े, काफ़ी गंभीरता से अपनी बात कह कर, रीति मुस्कुराती हुई आगे चलती रही.... नैन भी सोचने लगा .... "आज मेडम लगता है मनवाने के मूड से है... अच्छा अभी मनाता हूँ"


हमसे रहोगे क्या हमेशा खफा, माफ़ भी करदो जाना
मान तो ली है हमने अपनी खता, माफ़ भी करदो जाना
देखो यह गुस्सा छोड़ो, अब तुम यह किस्सा छोड़ो 
हम हैं शर्मिंदा ग़लती होगी ना आइन्दा


रीति मुस्कुराती बिना कोई प्रतिक्रिया दिए चली जा रही थी. नैन दौड़ कर रीति के आगे हुआ.... और उसका हाथ पकड़ कर उसका रास्ता रोक लिया.... दोनो सड़क के बीच खड़े, बारिश की तेज बूँदें दोनो के उपर गिरती हुई, और दोनो एक दूसरे को देख रहे थे.... 


नैन ने जब रीति का हाथ पकड़ा... तो रीति थोड़ी इतराती हुई कहने लगी...... "आए मिस्टर. मेरा हाथ क्यों पकड़े हुए हो, दम क्या एक रफ़्ता"


नेनू ने एक नज़र रीति को उपर से नीचे तक देखा, उसका हाथ छोड़ते हुए ... कहने लगा .... "आहह, एक दम मक्खन, बिकुल चिकनी और पिघली हुई"


रीति.... व्हाट रब्बिश, ये तुम क्या बकवास कर रहे हो....


नानउ, बिल्कुल टपोरियों की तरह, अपने होँठो पर जीभ फिराते हुए...... "आहह मेरी छम्मक-छल्लो, तेरा गुस्सा तो उफफफफ्फ़ .... उपर की बिजली से भी कड़क और सॉलिड है...


रीति हँसती हुई..... "सुनो ओये... तुम मेरे होने वाले हब्बी को नही जानते, उसका गुस्सा इस से भी ज़्यादा सॉलिड और कड़क है. उसका एक हाथ पड़ा ना.. तो दुनिया से उठ जाओगे".


नेनू..... अर्रे बाप रे, डर से कप-कप्पि आने लगी, क्या तुम्हारा होने वाला हब्बी दा ग्रेट खाली है क्या....


रीति.... खाली.. हुहह .. खाली नही, खलबली ला देते हैं वो. वो इस सहर के एसपी मिस्टर. नैन हैं.


नेनू.... अच्छा, ऐसा क्या..... मुझे लगा कोई भोन्दु है...


रीति.... खबरदार जो एक शब्द भी उनके लिए उल्टा कहा तो, एक दूँगी हां, कहे देती हूँ.


रीति का एक्सप्रेशन देख नेनू ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगा, नेनू को हँसता देख, रीति से भी ना रहा गया, वो भी अपनी अंग्री एक्सप्रेशन को भूल कर हँसने लगी. दोनो हँसते हुए एक दूसरे को देख रहे थे. नैन ने अपने दोनो हाथ रीति के कंधे पर डाल कर... उसके आँखों मे झाँकते हुए कहने लगा ....


"बेबी आइ लव यू.... क्या मेरे लिए भी तुम्हारे दिल मे कुच्छ-कुच्छ है"


रीति.... नही जी बिल्कुल नही, मेरे दिल मे आप के लिए कुच्छ-कुच्छ नही बहुत कुच्छ है ...


नैन मुस्कुराता हुआ कहने लगा.... जानती हो जब मैने तुम्हे पहली बार देखा था, तो पता नही क्या हुआ, पर मेरे दिल की धड़कने काफ़ी तेज हो गयी थी. तुम्हे देख कर ये खुद-व-खुद धड़कने लगता है.


रीति.... ह्म्म्म्म ममम


नैन.... तुम बहुत हे प्यारी और मासूम हो रीति, बिल्कुल मेरे खाओं की सहज़ादी जैसी. जानती हो जब तुम गुस्से मे होती हो ना, तो मुझे कुच्छ भी अच्छा नही लगता, हर चीज़ काटने को दौड़ता है.


रीति.... ह्म्म्म्म म


नैन..... मैं ना रोज तुम्हे, अपने घर की बाल्कनी से देखता हूँ. नज़रें बस तुम्हारे कमरे के दरवाजे पर टक-टकी लगाए ही रहती है... कब आएगी, कब आएगी ...... कूटी कब आएगी.


रीति.... सच मे... पर मैने तो आप को कभी नही देखा...


नैन.... साची बेबी, मैं रोज ऐसा ही करता हूँ. तुम मुझे नही देख सकती ना... तुम्हारे हॉस्टिल के ठीक सामने जब तुम नज़र दोगि, तो पार्क के उस पार कयि बिल्डिंग्स है, उसी मे से एक मे मैं रहता हूँ... और तुम्हे रोज दूरबीन से देखते रहता हूँ....


रीति अपनी आँखें बड़ी करती पुच्छने लगी..... "क्या आप मेरी जासूसी करते हो"


नैन.... अर्रे, तुम भी क्या से क्या सोच लेती हो बेबी, मैं तो बस ये कह रहा था, तुम्हे देखे बिना मुझे बिल्कुल भी चैन नही आता.... जब तुम बात नही करती थी तो मैं बिल्कुल बेचैन हो जाता था. आइ आम सॉरी बेबी, मज़ाक मज़ाक मे तुम से बहुत झूठ बोला और तुम्हे काफ़ी रुलाया भी.


रीति.... ह्म्म्मॉ ! कोई बात नही.... 


नैन.... हे.. सिर्फ़ मैं ही बोले जा रहा हूँ, तुम भी तो कुच्छ बोलो ना रीति...


रीति.... जी मुझे अच्छा लग रहा है आप को सुन'ना... जी करता है बस आप यूँ ही कहते रहें, और मैं सुनती रहूं....


दोनो के चहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान फैल गयी. रीति भी अपनी बाहें, नैन के गले मे डाल उसे देखने लगी. दोनो सड़क के बीच, बाहों मे बाहें डाल बस एक दूसरे को देख रहे थे. 


उतने मे एक तेज गाड़ी उनके पास से गुज़री, जिसका पहिया गड्ढे मे पड़ा... और नीचे ज़मीन का गंदा पानी जो गड्ढे मे जमा था, उसके च्चीटे दोनो के पूरे बदन से लेकर चेहरे तक पड़ा...


रीति.... यक्कक क्या था यीई


नैन.... अब उसे जाने दो, इधर भी तो थोड़ा गौर फरमाइए...


दोनो अब बाहों मे बाहें डाल, एक दूसरे की आँखों मे देखते हुए, अपने कदम हल्के-हल्के थिरकते हुए... गोल गोल घूमने लगे.....


रीति..... अच्छा जी... और क्या गौर फरमाने हैं मुझे, मेरे डफर के लिए...


नैन..... रीति... रीति....


रीति.... हान्न्न ... कहो ना....


नैन.... रीति, मैं इंतज़ार कर रहा हूँ बेबी....


रीति..... किस बात का जान, आप इंतज़ार किस चीज़ का कर रहे हो....


नैन..... रीतीईईईई ... अब कह भी दो नाआआ


रीति..... ह्म्म्मई, क्या मुझे कुच्छ कहना था जी....


नैन..... हां बेबी, वेटिंग नाआ... कान तरस गये सुन'ने के लिए... अब कह भी दो..


रीति.... मुझ से बोला नही जाएगा, मेरा दिल धड़क रहा है.....


नैन..... प्लीज़ बेबी... प्लीज़ .. प्लीज़... प्लीज़ .. कह दो नाआ...


रीति.... ह्म्म्मी ! पर आप अपनी आँखे बंद करो ना.... नही तो मैं नही बोल पाउन्गा..


नैन ने अपनी आँखें बड़ी करते .... "ह्म्म्मप अब कह भी दो ना"....


रीति... कहीं, आँखें बंद करो तो और बरी कर लिए, अब प्लीज़ बंद भी करो ना, नही तो मैं नही कह पाउन्गी.


नैन ने अपनी आँखें बंद कर लिया.. और मुस्कान के साथ घूमता रहा. रीति बड़े प्यार से उसके चेहरे को देखती रही. अपना एक हाथ उसके कंधे से हटा कर, नैन के चेहरे पर फिराने लगी, बड़े प्यार से देखती हुई, धीरे से अपने होठ उसके पास ले गयी, और नैन को होंठ को छुति, अपने होठ हटा लिए.


नैन अपनी आँखें मुन्दे ही अपने सिर को घूमाते हुए कहने लगा.... "ऐसे ही तुम क्या रोज मुझे कहने वाली हो... ओूऊऊओ वूऊओ.... उूओ हूऊऊ"


रीति शरमाती बस .... "हॅट्ट" कही ... और दोनो मुकुराते अपने कदम गोल-गोल घूमाते रहे..... "भववववववववव" तेज आवाज़ और दोनो के कंधे पर वासू का हाथ....


रीति तेज-तेज ससों को सामान्य करती हुई.... "वासूउउउ डरा ही दिया आप ने तो"


वासू.... नेनू, रीति ... मैं तुम दोनो के लिए बहुत खुश हूँ ... पर अब जाने का टाइम... टन-ट्रंन्न्


नैन.... वासूउउ, आज भी .... कुच्छ देर तो और साथ रहने दो ना प्लीज़...


रीति.... हां वासूउउ.. प्लीज़....


वासू.... हटो... हटो दोनो .... चलूऊ ... और एसपी साहब, जा कर कुच्छ काम भी कर लीजिए, और हमे अभी हॉस्टिल जाना है...... सूओ हमे भी जाने दीजिए... और दोनो कुच्छ तो समझदारी का सबूत दीजिए..


नैन.... ह्म्म्मू ! ठीक है वासू... चलो तुम दोनो को मैं हॉस्टिल तक छोड़ आता हूँ.
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12-27-2018, 01:51 AM,
#52
RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
नैन दोनो को हॉस्टिल तक छोड़ने चला गया... गेट पर भी दोनो का रोमॅंटिक फीवर जारी था, जिसे वासू दौड़ती हुई रीति को अंदर ले गयी.... नैन वहीं सड़क पर एक एक कदम रखते हुए मुस्कुराता चल रहा था, तभी अचानक ही सैली ठीक उसके सामने आ गयी.......

सैली को सामने देख नैन को बहुत आश्चर्य हुआ, वो उसके पास गया, सोचा अब ये मुँह खोल कर क्या कहने वाली है ज़रा सुन लिया जाए, लेकिन जैसे ही नैन उसके पास पहुँचा, सैली हड़बड़ा कर उसके उपर गिर गयी....


"उन्न्ञणन्, ये अंधेरा क्यों है.... ये रात हो गयी क्या.... उूओहूऊ इट'स पार्टी टाइम".......


"सॉरी, मेरी दोस्त की तबीयत ठीक नही है, हम यहाँ से अपने फ्लॅट शिफ्ट कर रहे थे... इसे गाड़ी मे बिठाई ही थी, कि ये उतर कर भाग आई"


सैली, बिल्कुल होश-हवास खोए... बस नैन के उपर गिर कर बड-बड़ा रही थी, और उसके पीछे इंदु दौड़ते-दौड़ते आई थी, जो नैन से सैली की हालत पर सफाई दे रही थी...


नैन.... कोई बात नही है, ऐसे बारे सहरों मे अक्सर लड़कियाँ भाग जाया करती है, वैसे आप की सहेली को हुआ क्या है...


इंदु.... कुच्छ नही, बस कुच्छ दिन पहले एक्सीडेंट हो गया था, उसी का सदमा लगा हुआ है...


नैन... ह्म्‍म्म ! ज़रा ख़याल से .. चलिए मैं इसे आप के गाड़ी तक छोड़ देता हूँ, वरना पता चला कहीं फिर भाग गयी, तो आप जैसी खूबसूरत हसीना .. देल्ही के सड़कों पर रात भर भटक रही है... वैसे सच कहूँ तो आप जैसी हसिनाओ के लिए, रात मे भटकना सेफ नही.. किसी का भी ईमान डगमगा सकता है...


इंदु.... हीएीए... थॅंक्स आ लॉट, इतनी तारीफ के लिए, वैसे एक सच और है.. ईमान डगमगाने के लिए हम रात मे यूँ बाहर निकलते हैं... पर हम वो नही जो किसी के डगमगाए ईमान की शान बन जाए, देख कर ही हाथ मलना उनकी किस्मत है...


दोनो बात करते हुए कार तक पहुँच गये, इंदु हाथ हिलाती वहाँ से निकल गयी.. कार के कुच्छ दूर जाते ही, नैन ने एक ऑफीसर को फोन लगाया....


नैन... अमित एक नंबर नोट करो ... डीएल 80 4789... ये गाड़ी कुच्छ ही देर मे ... तुम्हारी चौकी के पास से गुज़रेगी ... बस फॉलो करो और डीटेल निकालो सबकी ...


अमित... ओके सर, करता हूँ ....


अमित ने कार का नंबर नोट कर के, अपने खबरियों को इत्तला कर दिया, इधर इंदु, सैली को लेकर अपने नये फ्लॅट पहुँच गयी....


सैली को ड्रग का एक और हल्का डोस देकर उसे लिटा दी ... और बाथरूम मे जाकर बात तब मे नहाने लगी ... बाथरूम के अंदर लगे फोन की रिंग हुई ...


इंदु.... कौन..


विक्की .... अभी मिलो... तुम्हारे फ्लॅट के सामने वाले पार्क मे...


इंदु... 10 मिनट मे आई ...


इंदु जल्दी से बाथरूम से बाहर आकर, फ्लॅट लॉक की और विक्की से मिलने चली गयी...


विक्की.... सो माइ डार्लिंग... कैसा लग रहा है....


इंदु... थॅंक यू सो मच विक्की.. मैं आज से पहले इतना कभी खुश नही हुई...


विक्की... चलो अच्छा है, अब थोड़ा ध्यान से सुनो, ये बहुत ज़रूरी है...


इंदु .. हां क्या हुआ सो..


विक्की... याद है तुम्हे, जो मैने सेंट्रल मिनिस्टर के लड़कों के बारे मे बताया था..


इंदु... हां याद है... मिली क्या वो लड़की ...


विक्की... हां भी और ना भी..


इंदु... मतलब..


विक्की ... मतलब ये कि, डिस्को की सीसी टीवी फुटेज चेक किया, और जो सामने आया वो आश्चर्य से परे था..


इंदु... विक्की, सीरियल की तरह बात को क्यों खींच रहे हो, सीधा-सीधा बताओ ना, क्या हुआ है...


विक्की... वो दोनो लड़के, जिस लड़की के साथ थे उस रात, वो लड़की हमारे डिस्को से ही गयी थी, और उस लड़की को तुम ही लेकर आई थी...


इंदु, बिल्कुल शॉक्ड हो गयी, कुच्छ देर अपने सोच मे डूबी रही, फिर एक के बाद कड़ियाँ जोड़ती चली गयी.... सैली का डिस्को से गायब होना... सैली का हॉस्पिटल पहुचना ... सारी बातें...


विक्की.... क्या हुआ, कहीं ये पूरा खेल तुम्हारा तो नही...


इंदु... कैसी फालतू बातें करते हो, मैं तो उस दिन ड्रग की डेलिवरी देने आई थी, और याद नही मैं उस दिन तो खुद परेशान थी, "कि मेरी दोस्त गयी कहाँ'.... और तुम ये वाहयात इल्ज़ाम मुझ पर ही लगा रहे हो...


विक्की.... तो कौन थी वो लड़की, और क्यों फसा दी उन दोनो को...


इंदु.... पहले ये बताओ, नाम बता दिया तो क्या होगा, कहीं तुम लोग उनको कुच्छ करोगे तो नही...


विक्की.... नाम ना बताई तो उनको कुच्छ हो कि नही, पर तुम जान से ज़रूर जाओगी, अब बोलो जल्दी...


इंदु... मैं क्यों भला किसी और के लिए अपने जान की कुर्बानी दूं... और यदि ऐसा है तो वो एक नही दो लड़कियाँ थी... एक का नाम है रीति, और दूसरी है वासू...


विक्की... ये दोनो तो तुम्हारे साथ पढ़ती है ना .. तुम्हारे साथ वाले कमरे की लड़कियाँ... 


इंदु... हां ये दोनो वही हैं... दरअसल वासू उस रात मेरे साथ डिस्को आई थी, और रीति बाहर ही रुक गयी... फिर दोनो गयी होंगी मज़े लेने के लिए... अब वहाँ उस घर मे क्या हुआ, और ये दोनो उनको क्यों फसाई ... ये बात तो वही दोनो बता सकती है...


विक्की.... ह्म्‍म्म ! चलो एक परेसानी दूर तो हुई... अब उस मिनिस्टर से जान छूट जाएगा.... सुनो ... कल बुटिक शाम मे पहुँच जाना ... एक कन्साइनमेंट की डेलिवेरी तुमको करनी है ... काम ठीक से ख़तम कर लेना .....


इंदु.... ठीक है, वैसे कल तुम नही आओगे क्या...


विक्की... नही, कल मुझे अमोल के पास जाना है, उस से मिलकर एक थर्ड पार्टी की डील करनी है.... होगा तो कल वहीं हम सब के बॉस भी मिलेंगे... तुम इधर सम्भालो, और मैं उधर... जब से ये बुटीक खुला है ... सब शुभ ही शुभ हो रहा है ....


विक्की, इंदु को सारी बातें बता कर चला गया..... विक्की के जाते ही इंदु भी अपने फ्लॅट मे पहुँच गयी... और जा कर सीधा बिस्तर पर लेट गयी....


अमित, जो नैन के कहने पर, इंदु का पिच्छा कर रहा था, वो भी यहाँ माजूद था, और दोनो को बातें करते देख रहा था.....


अगली सुबह देल्ही आइजी ऑफीस...


नैन.... सर आप ने मुझे बुलाया ....


आइजी.... हां, नैन ... मामला थोड़ा सीरीयस है, और उपर से काफ़ी प्रेशर आ रहा है... तुम्हे रोहन और भावेश के केस से हटना होगा... 


नैन.... ह्म्‍म्म ! तो मेरे लिए क्या ऑर्डर है सर...


आइजी..... मैं चाहता हूँ तुम ये केस छोड़ दो...


नैन..... एसस्सस्स सर... वैसे एक बात और करनी थी सर....


आइजी.... हां कहो ना...


नैन..... सर मैं अबोधि पूरी का भी केस छोड़ रहा हूँ, आप ये केस भी किसी और को दे दीजिए.


आइ जी.... नैन ये क्या मज़ाक है... तुम ने दिन-रात अपना इस केस पर लगाया है, और तुम इसे बीच मे ही छोड़ देना चाहते हो.


नैन.... क्यों नही सर, कल को इस केस के लिए भी उपर से प्रेशर आ जाएगा और मुझे ये केस छोड़ना होगा ... इस से अच्छा है मैं भी घर मे लेटा रहूं ... और अपनी गोरी-काली कमाई खाट पर बैठा कमाता रहूं ....


आइजी.... किसने कहा कि तुम्हे इस केस से हटाया जाएगा..


नैन.... सर, हटना तो मुझे उन-दोनो के केस से भी नही चाहिए था, पर आज ये हो रहा है ना ...


आइजी.... पागल हो गये हो, यू नीड रेस्ट .. आज की अपने ऑफीस की मीटिंग लेकर थोड़ा घुमो-फ़िरो.. काम की चिंता ने तुम्हारा दिमाग़ खराब कर दिया है ... बाइ-दा-वे तुम्हारा केस मैने तोशिब को दे दिया है... अब तो खुश है ना.... और ये भी कह दिया है.. मैं बार बार ऑफीसर चेंज नही करूँगा..


नैन... ओके सर, थॅंक यू सर... आप की इज़ाज़त हो तो मैं जाउ ....


आइजी.... रुके क्यों हो .. जाओ ना ....


नैन आइजी ऑफीस से सीधा .... अपने ऑफीस पहुँचा... जहाँ सुबह 10 बजे की मीटिंग थी. रास्ते मे ट्रॅफिक की वजह से थोड़ा लेट हो गया......


जब वो अपने ऑफीस के अंदर आया, तो सारे वहाँ के ऑफीसर और हलवदार ... अपने दाँत दिखा कर नैन को सलामी दे रहे थे... और गुड मॉर्निंग कह रहे थे....


"ये इन लोगों को, हो क्या गया है.... नैन बीच मे ही रुका ... और तेज आवाज़ मे पुच्छने लगा.... "तुम सब यहाँ ड्यूटी कर रहे हो, या सुबह-सुबह कॉमेडी मूवी देख कर आए हो, सब 10मिनट मे मीटिंग हॉल मे पहुँचो"


विष्णु सिंग (एसआई).... सर, कॉमेडी मूवी नही कॉमेडी सीरियल देख कर आए हैं.... भाभी जी ऑफीस मे हैं ....


नैन.... ये क्या मज़ाक है विष्णु, वो सेक्टर 9 के चोरी का केस सॉल्व हुआ या उसमे यही लिखोगे .. भाभी जी ऑफीस मे हैं .. और चोर घर मे, केस डिसमिस...


"पता नही आज इन सब को क्या हो गया है, ऐसा तो पहले कभी नही किया"... नैन मॅन मे सोचते हुए अपने कॅबिन मे घुसा... जैसे ही अंदर घुसा .. पीछे से रीति ने कस कर पकड़ लिया....


नैन आगे से हाथ छुड़ाया, और पलट कर एक थप्पड़...... और जब ठीक से देखा तो रीति थी ....

नैन.... सॉरी, सॉरी ... मैं वो देख नही पाया... ड्यूटी पर था, और कोई ऐसे पिछे से पकड़ा तो मुझे गुस्सा आ गया ... सॉरी .. बेबी....


रीति मुस्कुराती हुई.... एक बार सामने से गले लग जाउ ... दूसरा गाल भी रेडी है जी..


नैन.... आज सब बावले हो गये हैं.... रीति... ऑफीस है ये बेबी... तुम जाओ अभी मैं यहाँ का काम ख़तम कर के फोन करता हूँ...


रीति.... हुहह ! निष्ठुर.. इंतज़ार कारवाओगे ... अच्छा ठीक है इंतज़ार कर लूँगी... बस कल का रिटर्न गिफ्ट तो दे दो...


नैन.... रिटर्न गिफ्ट... पर पहले कोई गिफ्ट तो दो...


रीति.... दी तो थी, याद नही क्या.... 


नैन.... क्या....


रीति... तुम्हारे होंठों पर मेरा होंठ ... अब चलो जल्दी से रिटर्न गिफ्ट करो...


इतना कह कर रीति आँख मूंद कर अपना सिर उपर कर ली.... नैन उसकी ये हरकत देख मुस्कुराए बिना नही रहा सका ... मॅन मे बॅस इतना कहा .. "पागल" और .. हाथ पकड़ कर बाहर ले जाने लगा...


रीति अपना हाथ छुड़ाकर ... ज़ोर-ज़ोर.. चीखने लगी .... "हे राम ! किस निष्ठुर से पाला पड़ा है"...


नैन हड़बड़ा कर उसके पास हुआ, और उसका मुँह बंद कर के कहने लगा.... "आररीए क्यों मरवाने पर तुली हो ... कहा तो काम ख़तम कर के आता हूँ"....


रीति.... उन्न्ञणणन् उन्न्ञणणन् उन्न्ञणन् उन्न्ञनणणन्


नैन..... "ओह" ... और अपना हाथ रीति के मुँह से हटा लिया...


रीति.... नही जाउन्गी, नही जाउन्गी, नही जाउन्गी... ज़रूरत पड़ी तो यहीं तुम्हारे खिलाफ कंप्लेन दर्ज करूँगी.... एसपी साब ने किसी ले लिए और वापस नही कर रहीईईई...


रीति जबतक बात पूरी करती, नैन ने कमर मे हाथ डाल कर.. उसे अपने ओर खींच लिया... दोनो की नज़रों से नज़रें मिली, नैन रीति के चेहरे पर आई दो लटो को... उपर कर के ... अपने होठ धीरे से उसके होठ की ओर बढ़ा दिए....


दोनो के चेहरे इतने पास थे कि, साँसों का टकराव दोनो के चेहरे पर महसूस हो रहा था, रीति की आँखें धीरे-धीरे.. खुद-व-खुद बंद होती चली गयी.....


जब मुलायम से होठों पर पहला स्पर्श हुआ, नैन के होठों का ... तब दोनो की साँसे तेज हो गयी, प्यार की गहराई मे खोते... दोनो एक दूसरे के होठ चूम रहे थे.... दोनो का ये पहला अहसास... होठ जैसे जुड़ गये हो दोनो के.... आँखें नशे के आगोश मे डूब गयी हो... और दोनो प्यार की गहराई मे खोते, बिकुल बे-खबर से... एक दूसरे को चूम रहे थे....


"ओह्ह्ह्ह ... ओह्ह्ह्ह ... सॉरी.... मैं बाद मे आता हूँ".... अमित भी मीटिंग के लिए आया था... जब नैन को आने मे देर हुई तो सारे स्टाफ ने उसे सर के ऑफीस मे ही भेज दिया... और आगे जो हुआ.. उस से, रीति नज़रें झुकाए .. किसी कोने मे खड़ी हो गयी... और नैन बस अमित को जाता हुआ देख रहा था...


रीति... जाओ मैं अब नही बात करती, तमाशा बना दिया मेरा....


नैन.... मैने तमाशा बनाया है... खैर .... छोड़ो ... करो खुद और इल्ज़ाम मुझ पर..


रीति.... जी नही सब आप की ग़लती है... मैं कुच्छ भी करूँ .. पर मुझे रोकना आप का काम .. वैसे एक बात और बता दूं... मुझे रोक टोक पसंद नही....


नैन... जी हुजूर... और कुच्छ जो मुझे जान'ना है..


रीति.... हां .. आप को अभी एरपोर्ट चलना है... वासू का होने वाला हब्बी आ रहा है... उसको पिक-अप करने ..


नैन... पर मेरी तो मीटिंग है यहाँ....


रीति... मुझे कुच्छ नही सुन'ना .. वैसे भी आइजी सर ने आप को छुट्टी दे दी है, अब कोई बहाना नही...

नैन खुद मे सोचा.... "तभी आइजी साब ऐसी बातें कर रहे थे, पता नही इसने क्या कहा होगा... अच्छा चलो उनसे बाद मे निपट'ता हूँ, पहले होम मिनिस्ट्री संभाली जाए... 


नैन ने मीटिंग को .. 2 बजे के बाद शिफ्ट किया और रीति के साथ एरपोर्ट की ओर निकल गया... इधर अनु की फ्लाइट आ चुकी थी, और दोनो बाहर आ गये थे .. चारो की मूलककत गेट पर ही हो गयी... सब ने एक दूसरे को देखा .. और पास आ गये .... अभी परिचय शुरू ही होने वाला था.. कि एरपोर्ट के बाहर अचानक से गन फाइयर हुआ ... और गोली की आवाज़ सुन कर, चारो ओर भगदड़ मच गयी.....


निशाना नैन ही था, पर बाहर 8 फिट उँचा एक लगेज ट्रौली ठीक उसी वक़्त सामने आई, जब गोली चली... और गोली जाकर उस लागेज ट्रौली को लगी.... रीति, वासू और अनु तीनो सहम गये... 2मिनट मे ही एरपोर्ट के अंदर के सुरक्षा कर्मी बाहर आ गये.... सारे मुसाफिरों को हिफ़ाज़त से अंदर ले जाने लगे...


नैन, गोली चलने के दिशा की ओर भागा.... काफ़ी छान-बीन किया, पर कोई नही मिला... खबर पोलीस कंट्रोल रूम तक भी पहुँची थी. जब से सारे पोलीस वालों ने सुना था, कि पोलीस पर गोली चली है, सब बौखलाए हर आवारा, हर गुंन्डे की खबर लेने के लिए फैल गये....
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12-27-2018, 01:51 AM,
#53
RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
नैन ने सबको अपने फ्लॅट की चाबी दिया... और कुच्छ कॉन्स्टेबल के साथ, उन तीनो को भेज दिया अपने घर. 


इधर फाइरिंग की खबर मीडीया मे भी आ गयी थी, जब इंदु न्यूज़ मे नैन का चेहरा देखी तो दंग रह गयी, उसके पसीने छूट गये.... 


चुकी इंदु, नैन को कई बार देख चुकी थी रीति के साथ, और यदि नैन एसपी है तो उसे सैली का सच पता लगते देर नही लगेगी.... वो तुरंत मिनिस्टर से कॉंप्रमाइज़ कर के सारी सच्चाई बयान कर देगा... और अंत मे फसेगि वो, और सैली....


इंदु, घबराई सी हालत मे विक्की को कॉल लगाई... विक्की इस वक़्त अमोल से मिलने के लिए ही निकल रहा था, इंदु का कॉल पिक-अप कर के काम पुच्छने लगा...


इंदु.... न्यूज़ देखा ... देल्ही के एसपी पर हमला


विक्की.... हां साला बच गया, अब ये और इसका पूरा डिपार्टमेंट हमारे पिच्छवाड़े मे डंडा करेगा...


इंदु.... एक खबर और है सुनते जाओ, शायद काम आ जाए....


विक्की.... क्या...


इंदु.... नैन जो है वो रीति का बाय्फ्रेंड है, ये वही लड़की है जिसने उस मिनिस्टर के लड़के को फसाया...


विक्की.... क्या ... ओह्ह माइ गॉड.. फोन रखो, और ये बात किसी को बताना मत...


इंदु मुस्कुराती कॉल को रख दी... तभी उसके मोबाइल पर गौरव का कॉल आया.... "ओह्ह्ह, अब इसको क्या हो गया... ज़रूर ये सैली के बारे मे पुच्छ कर पकाएगा... बजने दो फोन, मैं नही उठा'ती....


इंदु, गौरव के किसी कॉल को रेस्पॉंड नही की, इधर गौरव, इंदु की इस हरकत पर ... जल भुन कर सीक कबाब हो गया था....


इंदु अपने आगे का सोचने लगी, कि किस किरदार को कहाँ फिट करे ताकि उसके उपर जाने की राह खुलती चली जाए... लड़कियों का पता बता कर, और एसपी के गर्लफ्रेंड का खुलासा कर के उसने एक विस्वास तो हासिल किया, पर उसे किसी चम्चे के नीचे काम करना पसंद नही आ रहा था, इसलिए वो जल्द से जल्द बॉस से मिलने की प्लॅनिंग कर रही थी....


इंदु के एक झूठ और मन के लालच से सबकी कहानी और भी उलझती ही जा रही थी, और इंदु अपने उपर बढ़ने की लालच मे अपने ही दोस्तों को फसाए जा रही थी.... ये इंदु की अंजान राहें ... कितनो को ... अलग अलग राह पर चलाएंगी ... ये तो आने वाला वक़्त ही तय करता.


इधर... रीति, वासू, और अनु तीनो नैन के घर पहुँचे... देल्ही के एरिया के हिसाब से काफ़ी बड़ा फ्लॅट था उसका ... ऐसा लग रहा था, दो फ्लॅट के बीच का दीवाल गिरा कर एक सिंगल फ्लॅट मे तब्दील कर दिया गया हो....

वासू, फ्लॅट मे घुसते ही कहने लगी...... हाय्यी, आज क्या सोचा था, हम रोमॅंटिक जर्नी पर होंगे, पर तेरे पोलीस वाले ने तो ऐक्शन जर्नी बना दिया रीति....


रीति.... मुझे उनकी चिंता हो रही है.... मैं उनको कॉल करती हूँ....


रीति कॉल लगाने ही वाली थी कि घर का बेल बजा... जब दरवाजा खुला तो सामने नैन था... रीति जैसे ही नैन को देखी उस से बस लिपट कर पुच्छने लगी.... "कैसे हैं आप, कुच्छ पता चला गोली किसने चलाई"


नैन.... रीति कहानी काफ़ी उलझी है, हम भी सुलझा नही पा रहे इस कहानी को...


अनु.... हेलो, नैन सर... मैं हूँ अनु... सोचा आप कहानी बताए उस से पहले मैं अपना परिचय दे दूं....


नैन.... नाम वमिश शुक्ला, पर लोग अनु के नाम से जानते हैं... वाराणसी और आस पास के इलाक़े मे फैले अपने पापा के बिज़्नेस की चैन को नॅशनल लेवेल तक ले जाने की ख्वाहिश है आप की. ऑक्स्फर्ड मे बिज़्नेस मॅनेज्मेंट तीन दिन पहले ही पूरा किया है... और अपने बिज़्नेस का पहला यूनिट लॉंच करने के इरादे से आप देल्ही के हार्ट, यानी कनाट प्लेस मे एक ऑफीस का जुगाड़ लगा रहे हैं... इसके अलावा और भी डीटेल हैं.. कहो तो अभी बता दूं या वासू के जाने के बाद....


वासू, अनु को घुरती हुई नैन की ओर देखते हुए पुच्छने लगी...... नेनू, अभी इसकी करतूत बताओ मैं इसका सारा हिसाब अभी ही कर दूँगी... मुझे तो बताया दो महीने बाद फ्री होगा... लेकिन ये तो दो दिन पहले ही फ्री हुआ.... आज सारे राज खोल दो, मैं एक साथ सारा हिसाब कर दूँगी...


रीति.. नैन से.... ये आप भी क्या लगा रखे हैं, चुप नही रहा जाता क्या....


नैन.... मुझे क्यों गुस्से मे आँख दिखा रही हो बेबी... मैने तो सच ही कहा था....


वासू, रीति को घुरती हुई.... रीति की बच्ची चुप कर, नही तो गला घोंट दूँगी तुम्हारा भी... नाइनुऊऊ.. चुप क्यों हो बोलूऊ


नैन.... अरे बाप रे, इसे थानेदार्नी बना दो, सारे चोर इसका चिल्लाना सुन कर ही सरेंडर कर देंगे.... सुनो ये तुम्हारे काम की बात है.... अनु एक समझदार लड़का है.... और जिसने भी मुझे इसकी इन्फर्मेशन दिया उसने तारीफ के अलावा कुच्छ नही किया... सो चिल वासू... और बहुत दिनो बाद मिले हो... थोड़ा घुमो-फ़िरो... लाइफ एंजाय करो... अब बेलन अनु के सिर पर चलना तो उम्र भर लगा रहेगा....


रीति... हद है..... हम यहाँ आप के लिए परेशान हैं, और आप हैं कि बात को गोल-गोल घुमा रहे हैं.... अब बताइए भी क्या हुआ....


नैन, पानी के दो घूँट पीते हुए कहने लगा......


"आज से कुच्छ दिन पहले, मैने दो लड़कों को पकड़वाया था, वो मेरा ही केस था... और आज मुझ से वो केस लेकर, किसी दूसरे ऑफीसर को सौंप दिया गया... और ठीक आज ही मेरे उपर हमला हुआ"


अनु... ह्म्म्मम ! मतलब उस लड़के का कोई चाहने वाला आप पर हमला करवा रहा है....


नैन.... नही ये तो जो सामने की सोच है, और जो तत्कालिक स्थिति है उस से यही समझ मे आता है... लेकिन.....

"किसी को भी पता नही था, कि ये केस किस ऑफीसर के अंडर है, यदि आइजी ऑफीस से भी ये बात लीक होती भी है, तो भी कोई मुझ पर उस केस के लिए हमला नही करता... क्योंकि पूरे शक़ का सुई उनपर ही घूम जाता.... एक केस और है, जो मेरे हाथ मे है... और देखा जाए तो हमारे बीच चूहे-बिल्ली का खेल चलता रहता है... पर कोई गॅंग वालों मे इतनी हिम्मत नही कि पोलीस पर यूँ दिन के समय हमला करवाए"


रीति.... ह्म्म्म्म फिर ये कौन है नेनू.....


"कोई तो तीसरा है रीति... जिसकी नज़रें काफ़ी दूर तक है... कोई तीसरा तो है... जो इस खेल का पूरा फ़ायदा उठा रहा है.... कोई बड़ी साज़ीस है, जो चाहती है पोलीस का ध्यान उन्ही केस पर रहे जो वो सॉल्व कर रही है... और जल्द से जल्द सॉल्व करे उसे.... कोई तो है... जो चाहता है... मेरा केस जल्दी सॉल्व हो, ताकि वो कोई बड़ा फ़ायदा उठा सके... पर ऐसा कौन हो सकता है... कौन"

साजिस की बू तो आ रही थी, पर वो कौन हो सकता था. नैन गंभीरता से अपनी बात कहते हुए जब सब के चेहरे देखा तो हँसने लगा.....


"ओह माइ गॉड, इतने सीरीयस क्यों हो गये सब, ये सब तो चलते रहता है, चिल यार ... अभी तो हमें एक दिन की छुट्टी मिली है... चलो कहीं पार्टी किया जाए"


अनु... इतना बड़ा हादसा हुआ है अभी-अभी, और तुम पार्टी करने का सोच रहे हो...


नैन अपने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए.... दोस्त मरना और जीना वो हमारे हाथ मे नही, यदि अगले ही पल मरना है, तो क्यों ना अपने लव की बाहों मे मरूं, बजाय इसके सोच-सोच कर घुट'ता रहूं... "बाहर निकला तो मर जाउन्गा"....


रीति.... हद है, आप सब बंद करेंगे ये सब बातें, या मैं यहाँ से चली जाउ....


वासू... हां रीति सही कह रही है... और नेनू का प्रस्ताव भी पारित ... तो बताइए एसपी साब कहाँ घूमने चला जाए....


नैन... परवानो चलते हैं, वहीं घुमा जाए....


रीति.... वाहह ! मेरी भी इक्छा थी इस जगह पर जाने की, माँ मनसा देवी के मदिर हो आउन्गि..


वासू... ये जगह कहाँ है....


नैन..... हिल स्टेशन है छोटा सा... हिमाचल परदेश मे पड़ता है.. तकरीबन देल्ही से 250 किमी दूर


रीति.... इतना दूर, जाते आते ही पूरा दिन निकल जाएगा, घूमेंगे खाक वहाँ पर .. कोई नज़दीक की जगह चलो..


अनु.... हां.. हां रीति सही कह रही है... कोई नज़दीक की जगह चलो... 


नैन.... जाने आने की चिंता क्यों करते हो.... मैं हूँ ना... सब तैयारियाँ करो बस ... मैं एक घंटे मे वापस आता हूँ.... रीति मेरे जाने की भी तैयारी कर लेना प्लीज़...


नैन सबके घूमने का प्लान बना कर वहाँ से निकल गया.....


इधर, इंदु भी अपने पहली बड़ी डील की तैयारियों मे जुटी हुई थी... 12:00 बजे के करीब वो भी सैली के साथ बुटीक पहुँच गयी.


इंदु खाली बैठी बैठी बस आज के डील की लिस्ट चेक कर रही थी, सैली कॅबिन मे नशे मे धुत सोफे पर लेटी नशे के आगोश मे थी, यही कोई एक घंटा बिता होगा बुटीक मे, तभी वहाँ अमोल पहुचा.


अमोल, देखा जाय तो विक्की का बॉस ही था, जो विक्की को बड़े-बड़े काम देता था. लेकिन ये जगह ही कुच्छ ऐसी थी कि यहाँ उपर वाले को हटा खुद उसकी जगह लिया जाता है. अमोल ये भली-भाती समझता था विक्की की नज़र कहाँ है, लेकिन पर्दे के पिछे से ही विक्की का खेल चल रहा था, इसलिए अमोल भी पर्दे के पिछे से उस के सारे दाँव बेकार करता चला जाता.


अमोल के पास यदि विक्की से अच्छा कोई विकल्प होता तो वो कबका विक्की को उपर पहुँचा चुका होता पर विक्की उसका सबसे मुनाफ़ा देने वाला आदमी था, इसलिए बस सही वक़्त की राह देख रहा था.


अमोल को अपने बुटीक मे देख इंदु को काफ़ी आश्चर्य हुआ... वो एक अच्छे मेजबान की तरह, दो पेग बना कर एक अमोल को बढ़ा दिया, और एक खुद पीने लगी....


"अमोल सर, आप को देख कर काफ़ी खुशी हुई, मुझ जैसे छोटे लोगो के पास आप आए ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है"


अमोल.... ह्म्म्मे ! काफ़ी समझदार हो, ये लड़की कौन है जो यहाँ है...


इंदु... फ़िक्र की कोई बात नही है अमोल सर, ये लड़की अपनी कठपुतली है... कल को कुच्छ यहाँ हुआ तो उसकी पूरी ज़िम्मेदारी यही तो उठाने वाली है...


अमोल... ओह्ह्ह, काफ़ी स्मार्ट हो.... और काफ़ी दूर की भी सोचती हो, तो बताओ तुम्हारे सपने क्या है...


इंदु आगे की ओर थोड़ा झुक कर... अमोल की जांघों पर अपना हाथ रखती कहने लगी...... "ख्वाब तो उँचे हैं सर, और लगता है सही राहों पर चल रही हूँ".


अमोल.... हां, सही राहों पर चल भी रही हो, और सही इरादों के साथ, बॉस बहुत खुश हैं तुमसे... आज तुमने जो इन्फर्मेशन दी है, उसके बिना पर हम आगे का खेल, खेल सकते हैं...


इंदु.... कौन सी इन्फर्मेशन अमोल सर


अमोल... उस ऑफीसर और उसकी गर्लफ्रेंड की इन्फर्मेशन.... बॉस काफ़ी खुश हैं तुम से और आज से तुम्हारा बिज़्नेस सेपरेट होगा... विक्की को दूसरा काम दिया जाएगा... और वो तुम से अलग हो रहा है. क्या ये सब तुम अकेले संभालने के लिए तैयार हो..


इंदु खुशी से उछलती हुई.... आप मुझ पर विस्वास कीजिए, मैं हर मामलो मे सबसे आगे रहूंगी.


अमोल... देखेंगे, फिलहाल आज की जो यहाँ डील होनी थी वो कॅन्सल हो गयी है... अभी तुम्हे एक काम पूरा करने जाना है...


इंदु... कौन सा काम


अमोल.... तुम बाहर जाओ, और गेट पर तुम्हे दो आदमी मिलेंगे.. वो बाकी सब कुच्छ बता देंगे.. तबतक मैं भी थोड़ा यहाँ एंजाय कर लेता हूँ...


एंजाय के शब्द बोलते हुए अमोल ने बड़ी हवस भरी नज़रों से सैली को देखा, और इंदु की ओर इशारा किया..


इंदु मुस्कुराती अपना बॅग उताई, और चलते-चलते कहने लगी.... "सर, मेरी दोस्त का थोड़ा ख्याल रखना"... और कहती हुई बाहर चली गयी..... 


इंदु चली गयी, अमोल ने उठकर विश्की का एक पेग बनाया... और उसे एक बार मे ही पूरा पी गया... दो तीन पेग पीने के बाद, हवस भरी नज़रों से देखते हुए सैली के पास आया.


सैली ड्रग के नशे मे चूर, बिल्कुल मदहोश अपने जिस्म पर हाथ फेरती अलग ही दुनिय मे मदहोश थी. जब से अमोल आया था, सैली को देख-देख बस पागल हुआ जा रहा था.... 


भूकि नज़रें सैली के जिस्म पर... और अपना हाथ ले जाकर सीधा सैली के स्कर्ट के अंदर डाल दिया... उसकी पैंटी के उपर से योनि पर हाथ रगड़ते हुए, दूसरे हाथ से उसके होंठो मसलने लगा...


नशे मे मदहोश सैली अपने हाथों से अपने बूब्स को दबाती हुई.... "उफफफफफफफफफ्फ़, आहह, अहह" करने लगी .....
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12-27-2018, 01:52 AM,
#54
RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
कुच्छ देर रब करने के बाद ... अमोल ने अपने पैंट का जिप खोला और अपना अंडरवर को नीचे कर के अपना लिंग बाहर निकाल लिया.


सैली को सोफे पर बिठा कर अमोल सोफे पर चढ़ गया और अपने लिंग को सैली के गालों से रगड़ने लगा... मदहोश सैली को जब अपने चेहरे पर कुच्छ गर्म और मुलायम चीज़ के फिरने का अनुभव हुआ ... तो अपने हाथों से उसे पकड़ ली.... 


सैली के हाथों मे लिंग आते ही अमोल ने एक ठंडी सांस लिया, और अपने आँखें मूंद कर सैली के नरम हाथों को लिंग पर महसूस करने लगा.


सैली लिंग को पकड़ कर उसे ज़ोर-ज़ोर से उपर नीचे करने लगी, काफ़ी मुलायम और रब्बर की कोई चीज़ जैसे खेलने के लिए मिल गयी हो उसे.


अमोल अपना हाथ नीचे कर के सैली के हाथों पर रखा ... और लिंग को सैली के मुँह पर टिका दिया.... सैली को जैसे ही फिर से अपने होठों पर कुच्छ गरम और मुलायम चीज़ का अनुभव हुआ... अपने होंठ खोल कर उसे चूमने लगी.


सोफे पर खड़ा होकर अमोल इस खेल का आनंद काफ़ी मस्ती मे उठा रहा था. सैली के लिंग चूमने से उत्तेजना के कारण, अमोल की कमर मे खुद-व-खुद हलचल होने लगी... उसने एक धक्का मुँह के अंदर ही लगा दिया... "मुऊऊुआा" कर के सैली के मुँह से आवाज़ निकली... और फिर आवाज़ बंद... 


लिंग, मुँह के अंदर जाते ही सैली भी उसे किसी लॉलीपोप की तरह ... "उूउउम्म्म्मम, उम्म्म्मम, उम्म्म्म" कर के चूसने मे मगन हो गयी, और अमोल भी अपना कमर हिला-हिला कर धीरे-धीरे धक्के मारने लगा. 


अमोल को लगा कुच्छ देर यूँ ही सैली चुस्ती रही तो उसका काम हो जाएगा... वो अपना लिंग बाहर निकलना चाहा... पर सैली इंटनी मस्त होकर, मस्ती मे लिंग को चूस रही थी, की उसकी इक्च्छा ही नही हुई लिंक को मुँह से बाहर निकालने की.


सैली को जब लगा उसका लॉलीपोप उसकी मुँह की पकड़ से नीचे जा रहा है, तो अपने दोनो हाथों से कस कर लिंग की जड़ को पकड़ी और उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी.... इतना मस्त सकिंग ... अमोल तो बिल्कुल पागल हे हो गया.... उसने अब कोई कोशिस नही की लिंग को बाहर निकालने की ... सैली उसे मस्ती मे चुस्ती ... चूस-चूस कर उसका रस बाहर निकाल दी...


लिंग का पूरा वीर्य सैली के मुँह के अंदर ही था... मुँह इतना भरा था कि कुच्छ वीर्य उसके शर्ट पर गिरा और कुछ अंदर निगल गयी. लिंग का आकर छोटा होते ही मुँह से निकल कर उसके हाथों मे आ गया... जिसे वो मुट्ठी मे भर कर दबाने लगी...


दबाना इतना तेज था कि अमोल की चीख निकल गयी, और वो जान छुड़ा कर नीचे उतरा... सैली अब भी पूरे उत्तेजना मे थी. अमोल के हटने के बाद भी वो सोफे पर बैठी अपने हाथों को अपने जिस्म पर फिरा रही थी. अपना एक हाथ स्कर्ट के अंदर डाले थी तो दूसरा अपने बूब्स पर.


सैली की ये उत्तेजना देख कर, अमोल भी पागल हो गया... उसने सेक्स बढ़ाने की एक गोली खाई... कुच्छ देर उसके असर होने का इंतज़ार किया... जैसे ही उस गोली ने असर दिखाना शुरू किया... सामने एक कामुक और जवान लड़की को देख उसपर अमोल पूरा टूट पड़ा....


जल्दी से उसने अपने कपड़े खोले ... नीचे बैठ कर सैली के पाँव को चौड़ा किया और स्कर्ट के अंदर से उसकी पैंटी खींच कर निकाल दिया... पैंटी निकालने के बाद अपना सिर स्कर्ट के अंदर डाल कर .. उसके योनि के अंदर अपना जीभ घुसा कर चाटने लगा....


ऐसा करते ही सैली ने अपने हाथों से अपने दोनो बूब्स को बहुत ज़ोर से दबाया... और "ओह, अहह, इश्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह" करती अपनी कमर हिलाने लगी...


अमोल नीचे उसका योनि चाट'ता हुआ उपर एक हाथ ले जाकर सैली के होंठो को मसल दिया... सैली भी मस्ती मे उसकी दो उंगलियों को मुँह के अंदर लेकर बड़े कामुक अंदाज मे चूसने लगी...


अब सब आउट ऑफ कंट्रोल था... अब दोनो के जोश की कोई सीमा नही थी.... अमोल ने सैली के दोनो पाँव को अपने हाथों मे उठा लिया... लिंग को योनि मे डाल पूरे जोश से झटका दिया....


लिंग योनि के अंदर जाते ही.. सैली के अंदर जैसे मस्ती की लहर दौड़ गयी हो......


"ईश्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, ओह" तेज सिसकारी.... वो भी मस्ती वाली सैली के मुँह से निकल रही थी .... अमोल की कमर मे जैसे कोई इंजन लगा हो.... क्या जोश और स्पीड था उसके धक्के मे.... 


" अहह... आह्ह्ह्ह्ह... आहह, इष्ह, यसस्स्सस्स यसस्स्स्सस्स... उफफफफफफ्फ़ आहह" ... अमोल का हर तेज धक्का ... और हर तेज धक्के पर सैली की मस्ती भरी सिसकारी....


संभोग का खेल बहुत ही लंबा चला और दोनो अपनी मस्ती मे ... बस अपनी-अपनी कमर हिला कर पूरे जोश के साथ... संभोग का मज़ा ले रहे थे......


शाम को करीब 5 बजे, सैली को अपने सरीर के उपर किसी के लदे होने का अनुभव हुआ.... झटके से उसने अपनी आँखें खोली, और आँखों के सामने जो था, उसे देख कर सैली की रूह कांप गयी.... क्या हुआ है उसे समझते देर नही लगी, पर ये सब कैसे हो गया. 


अपने उपर से अमोल को हटा कर सैली उसे साइड की... नंगी हालत मे वो आदमी, स्कर्ट कमर की एलास्टिक मे सिमटी हुई.... नीचे पूरा खुला... योनि के अंदर का चिप-चिपा पॅन... शर्ट पर भी कुच्छ दाग, फर्श पर पड़ी उसकी पैंटी.....


सैली वहीं बैठ कर फुट-फुट कर रोने लगी. दिमाग़ जैसे सिथिल पड़ गया हो, कुच्छ समझ मे ही नही आ रहा था क्या हुआ... रोते हुए बस उसकी नज़रों के सामने गौरव का चेहरा नज़र आ रहा था... और अपने अंदर वो खुद को जलील मान रही थी...


रूह तक रो रही थी सैली की, अपनी पैंटी को उठाई, अपने कपड़े ठीक की, बाल को सही कर के, रोती ही वहाँ से निकल गयी....


"ये सब क्या हो गया... मैं किसी गैर के नीचे... छ्हिईई" सैली रोती हुई, पैदल खुद को धिक्कार्ते हुए बढ़ रही थी... ना तो उसे कोई भीड़ नज़र आ रहा था, ना सड़कों पर चलते लोग.... 


आत्मा तक सैली को धिक्कार रही थी... वो रोती बस सड़कों पर चली जा रही थी... चली जा रही थी...


सैली एक गाड़ी के बिल्कुल सामने आ गयी.. गाड़ी का ब्रेक लगते-लगते एक हल्की सी टक्कर हो गयी, आँख खुली तो सड़्क पर पाई, लोग आस-पास भीड़ लगाए हुए उसे देख रहे थे...


सैली चुप-चाप वहाँ से उठी. भीड़ लगाए लोग पुछ्ते रह गये, "कुच्छ हुआ तो नही" .. पर सैली बिना किसी के बातों का जबाव दिए एक ऑटो के पास रुकी... उसे यमुना ब्रिड्ज पास ले चलने को कही... और रास्ते भर अपनी हालत का ज़िम्मेदार खुद को मानती हुई... खुद मे गिरी हुई सी महसूस करने लगी....


सैली किसी बेजान पुतले की तरह उस ब्रिड्ज पर पहुँची... और अंदर से इतनी टूट चुकी थी, कि उसे अब दूसरा कोई ख्याल नही आ रहा था सिवाय एक के ... और सैली ने ब्रिड्ज से नीचे छलाँग लगा दी.

एक ही वक़्त था, पर कई कहानियाँ रची जा रही थी वक़्त की शाजिसो मे. अमोल को सैली के पास मज़े करने के लिए छोड़ कर, इंदु निकली थी उसका काम करने...


बाहर जब आई तो 2 आदमी उसका इंतज़ार कर रहे थे. एक था अजीत और दूसरा था चिंटू. इंदु के आते ही अजीत और चिंटू उसे लेकर निकल गये....


रास्ते मे.......

इंदु..... हम कहाँ जा रहे हैं, और हमे करना क्या है...


अजीत.... बस 5 मिनट रूको सब पता चल जाएगा...


5 मिनट गाड़ी चलने के बाद सड़क के किनारे गाड़ी रुकी, और अतलीट टाइप का एक लड़का जीन्स टी-शर्ट पहने, उपर कॅप लगाए... पिछे आकर इंदु के पास बैठ गया.... उसके बैठ'ते ही गाड़ी फिर से सड़कों पर चल पड़ी..


वो लड़का इंदु को इशारा करते..... तुम तो जररूरत से ज़्यादा खूबसूरत दिख रही हो, मैं हूँ किशोर.


इंदु.... ये तारीफ थी, तुम्हे तो तारीफ भी नही करनी आती, हॉट & सेक्सी कहते तो दिल को खुश होता, खैर ये बताओ हम जा कहाँ रहे हैं.


किशोर.... हमे एक पार्टी मे जाना है...


इंदु.... क्या पार्टी मे जाना है... पर अमोल सर तो बोले काम से जाना है.


किशोर.... हां ये भी काम हे है...


इंदु को फिर किशोर ने सारी बात समझा दिया, और वहाँ से सब सीधा पहुँचे एक घर.... घर के अंदर जाते ही इंदु को दो लड़कियाँ हाथ पकड़ एक कमरे मे ले गयी.... और वहाँ से आधे घंटे बाद ... बिकुल एक हॉट और सेक्सी लुक मे इंदु को बाहर भेजा....

आधे दिखते उरोज और छोटा से लाल परिधान मे थोड़े से जाँघ ढके और पूरी खुली नंगी टाँगे.... तीनो जब इंदु को इस रूप मे देखे तो उनका मुँह खुला ही रह गया...


किशोर.... आअहह ! इसे कहते हैं हॉट आंड सेक्सी.... दिल धडक गया....


इंदु, किशोर के पास पहुँचते ही धीरे से उसके कानो मे कहती चली..... "दिल की धड़कन वैसे कहीं और से धड़कती नज़र आ रही है किशोर....


तीनो निकल पड़े.... और गाड़ी एक बंग्लॉ से कुच्छ दूर पिछे रुकी.... तीनो कार से उतर गये... और किशोर ने इशारों मे बता दिया गाड़ी कहाँ किस बंग्लॉ मे ले कर जाना है....


इंदु गाड़ी को सीधा उस बंग्लॉ के गेट पर ले गयी... और दो बार हॉर्न बजाई... दरबान बाहर निकल कर आने का कारण पुच्छने लगा.... इंदु उसे एक कार्ड दी और कहने लगी.... "जाकर अपने साहब को दे दो, कहना छाया आई है"


कुच्छ देर बार दरवान ने बाहर आकर गेट खोल दिया और अंदर आने कहा.... इंदु कार को बाहर ही पार्क कर के अंदर चली गयी....


बंग्लॉ काफ़ी आलीशान था और देखने से किसी अरबपति का मालूम पड़ता था... इंदु जैसे ही अंदर घुसी, अंदर पार्टी का महॉल था, बहुत सारे लोग हाथों मे जाम उठाए बस एक दूसरे से बात करने मे लगे थे... पर इंदु के आधे दिखते नंगे बदन और उसपर से आकर्षित करने वाला लाल परिधान ने सबका ध्यान उसकी ओर खींचा....


इंदु अपने कमर को अदा से थिरकाती उस महफ़िल मे घुसी और चुप-चाप एक जाम उठा कर, उस घर के मालिक हिमांशु गोयल के पास मे खड़ी हो गयी. इंदु हल्की सी स्माइल देती जाम को अपने होठों से लगा ली....


हिमांशु उसके थोड़े पास खिसकता..... "तुम छाया हो राइट"


इंदु... ह्म्म्मख, वैसे आप ने बुलाया और आप को ही पता नही...


हिमांशु... मुझे पता था, पर ये पता नही था कि छाया इतनी हॉट आंड सेक्सी होगी...


इंदु.... लेकिन मैं किसी के मिलने से पहले कोई राई नही बनती... अब देखिए ना, यदि मैं सोचती पहले से सोच लेती, कि फ़रारी इजन है तो मुझे निराशा ही हाथ लगती... आप को देख कर तो लगता है 60'स के अम्बेसडर मॉडेल है...


हिमांशु.... हा हा हा... बाहरी आउटलुक पर मत जाओ छाया, अंदर फ़रारी को फैल करने वाली सवारी है, चाहो तो टेस्ट ड्राइव ले लो.


इंदु.... सर जी टेस्ट ड्राइव क्यों करना, मुझे तो वैसे ही पता है, आधे मॅच से ही वॉल्कओवर मिलने वाला है...


हिमांशु.... तुम उसकी चिंता ना करो छाया.... मॅच पर पकड़ इतनी मजबूती से होगी कि हर शॉट पर तुम्हे चिल्लाना ना पड़े ... "वाहह क्या शॉट है"


इंदु.... देख लेंगे सर जी, कहीं ऐसा ना हो... ओपनिंग महॉल देख कर ही, आप के मैदान मे बारिश ना हो जाए और आप गीले ना हो जाओ.


हिमांशु.... हा हा हा.... देखा जाएगा....


इंदु.... ठीक है आप मॅच की तैयारी कीजिए, मैं यहाँ भीड़-भाड़ मे बोर हो रही हूँ मैं ज़रा टेरिस पर घूम आती हूँ....


इंदु एक कातिल मुस्कान देती वहाँ से निकली, और फर्स्ट फ्लोर पर पहुँच कर लेफ्ट से तीसरे कमरे मे चली गयी. वहाँ पहले से दो लोग मौजूद थे, इंदु को देख कर पहले तो होश खो दिए, फिर अपने काम के बारे मे सोचते हुए... उन मे से एक ने कहा... "सॉरी मेडम आप ग़लत कमरे मे आ गयी हैं.... ये सेक्यूरिटी रूम है"... 


इंदु.... पर हिमांशु जी ने मुझे इसी कमरे मे पहले आने के लिए बोला था, और साथ मे ये भी कहा कि दो लड़के होंगे, उसे ये नोट दे देना....


इतना कह कर इंदु अपने बॅग से एक लेटर निकाल कर उन दोनो को दी, दोनो जब तक उस लेटर को देख रहे थे ... इंदु अपने हाथों से एक माइक्रो डिवाइस निकाली और उसे बस कंप्यूटर के सर्वर के उपर रख दी, जहाँ उसे किशोर ने कहा था.....


उस लेटर मे चन्द लाइन लिखे थे ... "छत का कैमरा ऑफ हो जाना चाहिए... और इस लड़की को छत का पता बता देना.... और ख्याल रहे... उपर कोई भी ना आए"....


लेटर देख कर दोनो लड़कों ने इंदु को छत का रास्ता बता दिया, और छत के सारे सेक़ुरिटी कमरे ऑफ कर दिए.... इंदु भी वहाँ से निकल कर, सीधा छत पर पहुँच गयी.


छत पर पहुँच'ते ही इंदु, किशोर को फोन लगाई.... 


किशोर..... हॉट लड़की छत पर अदा से किसका इंतज़ार कर रही है... आज तो काम के साथ मज़ा भी मिलने वाला है...


इंदु..... तुम्हे कैसे पता है मैं छत पर हूँ...


किशोर.... मैं तुम्हे देख सकता हूँ... वैसे बताओ काम हो गया है...


इंदु.... हां काम हो गया है, ऐसा लग रहा था सबके सामने ही मुझे दबोच लेगा, और मेरे कपड़े फाड़ने लगेगा...


किशोर.... हाय्ी ! मन तो किसी का भी करने लगे, पर विडंबना देखो, जो आंटी-पार्टी है वो हॉट बला के साथ एंजाय करेगा ... और जो सपोर्टिंग पार्टी है, उसे बस बात करने को मिलेगा...


इंदु.... हहे, किशोर इरादे तो नेक है ना...


किशोर.... इरादे तो नेक ही हैं, तुम्हे बाहों मे भर कर... होठ को चूसने का...


इंदु... ओई, ये सब क्या है, काबू रखो खुद पर मिस्टर.


किशोर.... मुझे काबू कहाँ इंदु, तुम्हे देख कर तो पागल हो गया हूँ... खैर पोज़िशन लो, शिकार आ गया है....


हिमांशु, इंदु के पास पहुँचता हुआ...... "काफ़ी हॉट लग रही हो, अब बर्दास्त नही होता"


इंदु.... कहीं अभी से तो गीले नही हो गये ... हीएीए
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12-27-2018, 01:52 AM,
#55
RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
हिमांशु, इंदु की बात पर केवल मुस्कुराया, और इंदु का सिर को दबाते हुए अपने पैंट से लगा दिया.... इंदु भी आगे समझती हुई... उसके पैंट को चड्डी साथ उतारती, नीचे घुटने मे आने दी, और उसके सोए लिंग को मुँह मे लेकर चूसने लगी....


"ओह.... मज़्ज़ाअ एयेए रहहाअ हाईईइ ..... चुस्स्ूओ ... और ज़ोर से"


इंदु भी उसके लिंग को लेकर मुँह मे चुस्ती रही.... हिमांशु ने इंदु का सिर पकड़ लिया और ... मस्ती मे ज़ोर-ज़ोर से अपने लिंग पर उसे आगे पिछे करने लगा.....


फिर बहन पकड़ कर इंदु को झटके से उठाया.... और उसे पिछे घुमा कर, उसे छत की बौंड्री से टिका दिया.... नीचे से उसके टॉप को उसकी कमर पर जाने दिया, और पैंटी को नीचे किंच कर टाँगों मे कर दिया.


लिंग को योनि मे टिकाया... और तेज से झटका मारा....... "आहह, मज़ा आया मॅच का"


"अहह, शुरुआत तूऊ जोर्र्र्दारररर हाीइ, इसस्शह काब्ब्ब टककक त्कोगीईए, आह्ह्ह्ह्ह्ह"


धक्के मारते हुए, उपर की जीप खोल कर हाथ को पिछे से आगे जाने दिया और दोनो बूब्स को ज़ोर से दबाते हुए... धक्का लगाने लगा.... 


कुच्छ देर पिछे से धक्का लगाने के बाद ... इंदु को सामने की ओर मोड़ दिया... इंदु ने जल्दी से अपनी पैंटी अपने टाँगों से निकाली, और अपने पाँव हिमांशु की कमर मे डाल उसकी गोद मे चढ़ गयी... हिमांशु भी धक्का लगाता हुए.. अपना मुँह उसके दोनो बूब्स के बीच मे डाल दिया....


अचानक ही इंदु नीचे गिरी, और उसके उपर हिमांशु.... और हिमांशु का भेजा बाहर. स्नीपर की एक गोली निकली और हिमांशु का काम तमाम. खून के साथ कुच्छ माँस के टुकड़े भी इंदु के चेहरे पर बिखर कर लग गये थे.


पहली बार ऐसा नज़ारा देखी थी..... इंदु को देख कर ही तुरंत उल्टी आ गयी, और उसे चक्कर सा आने लगा... 


इंदु का मोबाइल बजा... बदहवास हालत मे मोबाइल उठाई.... 


किशोर.... यू फूल ... वहाँ बेहोश हुई तो दूसरी गोली तुम्हारे भेजे मे होगी, चलते हुए कपड़े ठीक करो और जल्दी से छत के लेफ्ट कॉर्नर मे पहुँचो.


इंदु किसी तरह खुद मे हिम्मत करती, वहाँ से उठी, नीचे छत से अपनी पैंटी समेत उसे पहनी, पिछे हाथ डाल कर अपनी जिप को उपर करती, रुमाल से चेहरा सॉफ की. भाग कर बल्डिंग के लेफ्ट कॉर्नर मे पहुँची.... 


वहाँ एक लिफ्ट बना था... किशोर ने उसे सीधा बेसमेंट मे पहुँचने के लिए कहा... बेसमेंट मे पहले से ही एक कार पार्क थी, जो किशोर के इशारे पर सीधा लिफ्ट के सामने खड़ी हो गयी...


अजीत और चिंटू, इंदु को थामते हुए कार के अंदर ले आए, और कार स्टार्ट होकर चल दी... इंदु जब से कार मे पहुँची, वो बस खून को याद कर के केवल उल्टियाँ कर रही थी....


चिंटू और अजीत ने उसे फिर से उसी घर मे छोड़ दिया, जहाँ इंदु तैयार हुई थी... और दोनो वहाँ से निकल गये.....


उसी दिन की एक कहानी ... वासू और रीति के साथ भी हो रही थी.... जब सैली के साथ एक दुखमय कांड ने उसे अंदर से झकझोर कर रख दिया, और इंदु जो दोस्ती तक को बेच आई थी, वो अब किसी के मडर प्लॅनिंग का भी हिस्सा थी......


एरपोर्ट पर हुए हादसे के बावजूद .. नैन ने परवानू घूमने का प्लान बनाया.... रीति बस इस बात से खुश थी कि नैन को कितना ख्याल है सबका, और इस घटना से हम कहीं घबराए ना हो इसलिए वो हमे परवानू घुमाने ले जा रहे हैं....


पर एसपी साहब तो हिमाचल की वादियों मे जान बुझ कर उस जगह पर आज ही जाना चाहते थे... परवानू एक इंडस्ट्रियल एरिया था जहाँ कयि दवा कोम्पनी के मॅन्यूफॅक्चरिंग यूनिट थे... और गूव्ट. की परमिशन से कई कोम्पनीएस को बल्क ड्रग्स सप्लाइ किया जाता था... दवा बनाने के लिए...


कुच्छ गहरे राज ... इन वादियों मे भी छिपे थे, इन सब से परे... इधर तीनो रीति, वासू, और अनु बस घूमने के लिए तैयार होकर नैन का इंतज़ार कर रहे थे......




आइजी टू नैन.......

आइजी.... नैन क्या इस वक़्त तुम्हारा जाना सही होगा..


नैन... सर आप मुझ पर विस्वास रखिए..... यहाँ जो कुच्छ भी हो रहा है, उसके पिछे जो दिखता है वो नही... और जो है उसके लिए ही जा रहा हूँ... 


आइजी... ठीक है... तुम्हे मैं अपने भरोसे पर जाने दे रहा हूँ... बेस्ट ऑफ लक माइ बॉय... ये एक पोलीस वाले पर हमला हुआ है... कोई बचना नही चाहिए....


नैन अपने ऑफीस का काम समेट कर वापस आया... इधर तबतक सब लोग तैयार हो चुके थे... 


सब का बस यही कहना था... "एक दिन के लिए जा रहे हैं, वो भी इतना लेट... "कब जाएँगे, कब आएँगे"


नैन सबको शांत रहने और चुप-चाप बस चलने के लिए कहा... सब फिर से वापस देल्ही एरपोर्ट पर पहुँचे... सब हैरानी से बस देखते जा रहे थे...


मुँह तो तब खुला रह गया, जब सबको हालिकॉप्टोर् मे बैठने को कहा गया..... सब हेलिकॉप्टोर् मे सवार होकर परवानू की ओर निकल पड़े...


रीति..... मज़े हैं सरकारी अफसरों के ... गूव्ट. भी चोर और उसके पैसे पर मुफ़्त के हालिकॉप्टेर मे घूमने वाले नौकरशाह भी चोर... हहे


नैन.... जूते ही मारने थे तो, अपना सॅंडल उतार कर मार लेती, ऐसे शब्दों के तीर क्यों चला रही हो..


रीति... ओह्ह्ह्ह ! माइ बेबी बुला मान गये, वैसे सच बात होती ही कड़वी है....


एक के बाद सारे लोग बस नैन की खीचाई करते हुए सफ़र का लुफ्त उठाने लगे.... 3पीएम बजे तक सब एक होटेल मे थे... जगह देख कर वासू और रीति काफ़ी एग्ज़ाइटेड थी घूमने के लिए, जल्दी तैयार होकर बाहर निकल कर पहुँची अनु और नैन के कमरे मे.... और कमरे की एक झलक देखने के बाद..


रीति गुस्से मे.... ये नेनू कहाँ हैं....


अनु.... वो तो कमरे तक आया ही नही, कहने लगा उसकी तबीयत कुच्छ ठीक नही लग रही, मैं डॉक्टर से चेक-अप के बाद सीधा साइट पर मिलता हूँ...


रीति.... हुहह ! झूठे कहीं के... जब नही घूमने का मन था तो ज़बरदस्ती लाए ही क्यों... आप दोनो जाओ मैं नही जाती कहीं भी...


वासू की आँखें दिखाने पर रीति भी घूमने चली गयी, पर अंदर ही अंदर काफ़ी चिढ़ती रही, जब भी वासू और अनु की नज़दीकियाँ देखती तो नैन को याद कर के खूब कोस्ती....


तकरीबन एक घंटा जब घूमते हो गया... तब नैन ने अनु को फोन लगाया..... "अनु मेडम के मिज़ाज कैसे हैं"


अनु.... उम्मीद से ज़्यादा रोमॅंटिक है, जल्दी आ जाओ नही तो आज तुम्हारी खैर नही...


नैन... एक काम करो, लोकेशन बताओ, और जब मैं नेक्स्ट मिस कॉल करूँ तो रीति के पास से हट जाना...


दस मिनिट बाद नैन ने मिस कॉल किया, और अनु, वासू को चुप-चाप लेकर वहाँ से निकल गया... नैन आहिस्ते पहुँचा और उसके कानो के पास फूँक मारते अपने उंगली को गर्दन पर फेरने लगा...


रीति अचानक से पिछे मूडी, एक झलक नैन को देखी, और गुस्से मे "हुहह" करती अपने कदम आगे बढ़ाने लगी.... 


नैन.... रीति बात तो सुनो, प्लीज़ गुस्सा होकर मत जाओ..


रीति चुप चाप चलती रही बिना कुच्छ कहे... इन दोनो के पिछे अनु और वासू भी चल रहे थे.... और इनकी नोक झोंक का इंतज़ार कर रहे थे...


नैन दौड़ कर आगे बढ़ा और रीति का रास्ता रोक लिया....


रीति.... हट जाइए मेरे रास्ते से, जब साथ घूमना ही नही था तो,ले कर ही क्यों आए... अब तबीयत ठीक हो गयी क्या आप की 


नैन.... सूओ सॉली, अब माफ़ भी कर दो और मेरे साथ इंसाफ़ भी करो...


रीति... कोई माँफी नही मिलने वाली, वैसे भी मेरे पाँव दुखने लगे हैं... मैं थक गयी हूँ और वापस जा रही हूँ...


रीति का इतना कहना था कि तुरंत एसपी साब एक्शन मे आ गये और उसे गोद मे उठा कर चलने लगे... "अब तो तुम्हारे पाँव तो नही थकेंगे ना"


वासू.... वॉवव ! हाउ रोमॅंटिक अनु... तुम कब मुझे गोद मे उठाओगे...


अनु.... रीति की तरह हल्की हो जाओ वासू तब... तुम्हे उठाने के चक्कर मे कहीं मैं ही ना उठ जाउ..


वासू आँख दिखाती... तुमने मुझे मोटी कहा अनु... हाउ मीन.. जाओ अब मैं तुमसे बात नही करती...


अनु... ससिईईईई... चलो चुप-चाप...


अनु और वासू.. फिर चुप-चाप हो गये दोनो के पिछे-पिछे...


रीति... क्या कर रहे हैं... अब प्लीज़ नीचे भी उतारो...


नैन.... तुम ही तो कही मैं थकि हूँ... इसलिए गोद मे उठा लिया... अब तो घुमोगी ना साथ मे


रीति... उफ़फ्फ़ ओ' ये क्या बच्पना है, अब नीचे भी उतारो...


नैन.... सुनो कुच्छ दिल मे आया है अभी...


रीति.... ह्म्म्मच सुनाइये जी...


नैन..... दिल कह रहा है ...


रीति... पर बोल तो मुँह से रहे हैं... दिल को ही कहने दिनिए...


नैन.... हां दिल की ही ज़ुबान है.. जो लबों तक आई है...


रीति.... ओके जी .. सुनाइये जी


नैन...... दिल कह रहा है तुम से कहने ... तुम गुस्से मे काफ़ी प्यारी लगती हो... पर साथ मे ये भी कह रहा है कि ... तुम्हारी नाराज़गी इस दिल से बर्दास्त नही होती... इसलिए क्या आप गुस्सा छोड़ कर थोड़ा प्यार से पेश आएँगी... मैं नही ये दिल की आवाज़ है...




रीति.... दिल को बोलो मुझे मनाए... फिर मैं सोचूँगी.....


नैन.... पर मुझे मनाना नही आता...


रीति.... अभी बात कौन कर रहा है... आप या आप का दिल...


नैन... ओह्ह्ह सोरररी .... हां ... मसेजिंग टू हार्ट .... हार्ट जी रिप्लाइ दीजिए .....


रीति... लगता है आज नही रिप्लाइ आएगा ... मुझे नीचे उतारिये... मैं चली ही जाउ...


नैन.... आरीए अभी तो ठीक से आई भी नही, और अभी से जाने की बातें... प्लीज़ बेबी ये जाने की बात बोल कर मुझे डराया मत करो.... तुम्हारे जाने का नाम सुनकर ही बेचैनी से दिल धड़कने लगता है.... क्या तुम्हे कभी ये फील नही होता....


रीति.... एमोशनल ब्लॅकमेलिंग मुझे पसंद नही .... 


नैन.... लो सच कह रहा हूँ तो एमोशनल बलॅकमलिंग हो गया... ठीक है बाबा... अब थोड़ा मुस्कुराओ तो... मुस्कुराती हुई बहुत ही प्यारी लगती हो....


रीति मुस्कुराती हुई .... सच..


नैन... हां बाबा सच...


रीति.... और...

नैन..... तुम इस दुनिया की सबसे खूबसूरत और प्यारी लड़की हो...

रीति... नही, ये आप झूट कह रहे हो... मैं सुन्दर नही...

नैन.... पागल, मेरी नज़रों से देखो... तुम कितनी प्यारी सुन्दर हो... मेरे लिए तो.... सिर्फ़ तुम .. और कोई दूसरा नही...

रीति.... और..


नैन.... तुम तो मेरी स्मीली हो, तुम्हारा पास होना ही मेरे लिए पूरी दुनिया है... मैं बस अंदर से नाचने और झूमने लगता हूँ.... आइ लव यू बेबी ... आइ लव यू सो मच...


रीति, नैन के होठों को चूमती हुई.... आइ लाइक उउउ वेरी मच ... और कहिए ना..


नैन.... और जब भी तुम नही होती हो बस मैं तुम्हे ही पूरा दिन याद करता हूँ... ठीक से कुच्छ कर भी नही पता....


रीति.... पर ये तो ग़लत है, आप काम पर ध्यान क्यों नही देते...


नैन.... क्योंकि जिंदगी पर ध्यान ज़्यादा ज़रूरी है मेडम. जब तुम मेरी जिंदगी मे होगी तो मुस्कुराते हुए सारा काम कर लूँगा... अभी तो डरा सा रहता हूँ, कहीं कोई और तुम्हे ले गया फिर मेरा क्या होगा.....
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12-27-2018, 01:52 AM,
#56
RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
रीति थोड़ी गंभीरता से कहती हुई.... अच्छा सच बताइए यदि हालत ऐसे हुए ... तो आप क्या करेंगे...


नैन.... मैं... तुमसे बात करता रहूँगा ... प्यार से मुस्कुराते हुए ... तबतक जबतक तुम विदा नही हो जाती....


रीति... फिर 


नैन.... फिर क्या करूँगा ... वही जो लूटा-पिटा सच्चा आशिक़ करता है... इस प्यार को दिल मे बसाए अलविदा कह दूँगा सबको ... तुम्हारी कसम...


रीति... झूठे ....


नैन... हां झूट कह सकती हो तुम ... क्योंकि जब ये होगा तब शायद तुम अपनी खुशियों की दुनिया होगी... और उसके बाद फिर सयद मेरी कोई खबर नही होगी तुम्हे ... तो तुम इसे झूट ही मान'ना...


रीति, नैन की बातें सुन कर थोड़ी शांत ही गयी.... और बस चुप-चाप नैन के चेहरा देख कर उसे पढ़ने की कोशिस करने लगी... पहली बार उसे ये लगा कि कोई उसे इतना प्यार भी कर सकता है, कि उसके लिए वाकई अपनी जान दे देगा. 


नैन की बातों मे सच्चाई नज़र आ रही थी, वो सॉफ देख सकती थी, कैसे उसका चेहरा उतरा हुआ था... रीति गहरी सांस लेती हुई अपने चेहरे पर मुस्कान लाई, और अपनी बाहें एसपी साब के गले मे डाल कहने लगी..... 

"मायूसी इस चेहरे पर अच्छी नही लगती, कभी कभी आप भी मुस्कुरा लिया करो... क्या मुझ से ही कहते रहोगे मुकुराने या खुद भी मुस्कुराओगे"


नैन, रीति की बात सुनकर मुस्कुराने लगता है... और दोनो एक दूसरे की आँखों मे देखते हुए... एक दूसरे मे खोते चले गये .... प्यार के ये अनमोल पल थे और दोनो एक दूसरे मे डूब कर प्यार से एक दूसरे के होठ चूम रहे थे.... प्यार से बिल्कुल धीमे-धीमे... कभी रीति के होठ नैन के होठों के बीच .. तो कभी नैन के होठ, रीति के होठ के बीच.....


"अब दोनो को अकेला भी छोड़ दो और चलो भी".... "रूको तो अनु, वॉवव यार .. क्या डूब कर एक दूसरे को चूम रहे हैं, मन मे एमोशन जगा रीए"


अनु.... चलो भी वैसे भी तुम्हे अपना वादा पूरा करना है...


वासू... कौन सा वादा अनु, ज़रा बताना


अनु... अच्छा इत्ति जल्दी भूल भी गयी... वही वादा मेडम ... जब हम मिलेंगे .. तो आप वही आक्ट करेंगी जो मैने सुनाया था....


वासू.... हटत्त.. मैं नही करती, वो तो फोन पर ऐसे ही कह दी थी...


अनु.... ज़रा देखो तो, वासू का चेहरा तो शर्म से लाल हो गया... अच्छा चलो हम दोनो मिलकर वैसा ही आक्ट करेंगे...


वासू... धत्त.. जब देखो तब एक ही ख्याल मन मे घूमता है...


अनु.... पर ये भी तो एक्सप्रेशन ऑफ लव ही है ना... एग्ज़ोटिक लव


वासू कुच्छ नही बोली और शर्मा कर चुप-चाप वहाँ से चलती बनी....


इधर प्यार मे डूबे एसपी साहब अपनी शहज़ादी को गोद मे उठाए धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे. कुच्छ दूर आगे जाकर नैन इशारों मे सामने देखने को कहता है... रीति जब सामने देखती है तो खुशी से नैन के गाल चूम लेती है...


"वॉवववव ! आप को याद था, मुझे माता मनसा देवी के मंदिर आना है"


नैन... पागल कहीं की, तुम से जुड़ी मुझे हर बात याद रहेगी... तुम एक बार भूल सकती हो मैं नही...


दोनो मनसा देवी के मंदिर घूम कर वापस लौटे... रीति काफ़ी खुश थी आज .... अपने लिए जो रेस्पेक्ट और प्यार चाहिए था, उसे आज सब मिल गया था... 


अपने हाथों मे नैन का हाथ कस कर थामते हुए.. रीति बस कदम से कदम मिला कर चल रही थी.... उन प्यारी सी वादियों मे ... एक हसीन शाम मे .... 


वासू और अनु भी उन दोनो से अलग होकर ... एक रोमॅंटिक सफ़ारी पर निकल चुके थे..... हर कोई सम ढलते ही वापस आ गये... 


होटेल के रेस्तरा मे बैठे... दोनो प्रेमी अपने-अपने प्रेमिका को ... प्यार से अपने हाथों से खिला रहे थे.. और वो दोनो भी उन दोनो को प्यार से खिला रही थी, इस बात की परवाह किए बगैर कि वहाँ बैठे सभी लोग उन्हे ही देख रहे हैं...


इस तरह के प्यार मे अपना ही कुच्छ आनंद था... लेकिन प्यार के इस पल मे विधान डालता नैन का फोन... वो अचानक से बज उठा... कॉल देख कर नैन कॉल पिक करता वहाँ से निकल गया.... रीति इतने प्यार से खिला रही थी... और नैन का यूँ अचानक जाना ... रीति का दिमाग़ ही खराब हो गया...


उधर जब नैन बात करना शुरू किया ... तो बात खिचती ही चली गयी ... उसके केस मे एक दिन मे इत्ति जानकारी आज तक कभी नही मिली थी.... ऐसा लगा जैसे बस अब जीत करीब है.... नैन खुश होता वापस आया... और वापस आकर टेबल का जब हाल देखा तो देख कर समझ गया.... लग गयी अब तो, फिर से गुस्सा दिला दिया"

सभी थके थे इसलिए खाने के बाद सब सोने चले गये. रात को तकरीबन 2.30एएम बजे नैन धीरे से उठा, और बाहर आकर अपने एक खबरी को कॉल लगाया...


नैन..... सब रेडी है ना, मैं बाहर आ रहा हूँ...


दूसरी ओर से... हां सर सब रेडी है .... आप आ जाइए.....


नैन होटेल के पार्किंग मे पहुँचा, खबरी रूपक से मिलने के लिए...


नैन.... रूपक तुम्हारी खबर तो पक्की है ना....


रूपक.... सर जी कोई ग़लती हो तो, आप की बंदूक और मेरा सर...


नैन.... ह्म्म्मो ! तो चलो फिर...


दोनो बंद पड़ी एक फॅक्टरी के पास पहुँचे... उसके पिच्छले वाले हिसे से दोनो दाखिल हुए.. और एक कोने मे छिप्कर इंतज़ार करने लगे..... जब रूपक और नैन किसी की ताक मे दोनो शांत बैठे थे... तभी दोनो ने किसी की के रोने की आवाज़ सुनाई दी....


दोनो हैरान हो गये, पहले तो दोनो को लगा किसी को यहाँ बंधक बना कर रखा गया है, लेकिन जब आवाज़ के पिछे गये तो नैन काफ़ी हैरान हो गया....


नैन.... ओफफफ्फ़ ओ... डफर तुम्हे यहाँ मेरे पिछे किसने कहा था आने के लिए, और रो क्यों रही हो..

रीति थोड़ी और ज़ोर से रोती हुई.... "एक तो अंधेरे मे मुझे चोट लग गयी और उपर से डाँट रहे हो"


नैन ने रीति के मुँह को बंद किया... और बिकुल शांत होने का इशारा करने लगा... अब दो के बजे तीन लोग थे... किसी की घात लगाए इंतज़ार मे...


थोड़ी देर बाद ... उस जगह पर एक आदमी आया... और तीन बार लाइट ऑन-ऑफ किया... उसके ऐसा करते ही अंदर से कुच्छ लोग निकले... उनकी आपस मे कुच्छ बात चीत हुई... फिर वो आदमी जो आया था.. उनलोगों के पास से एक बॅग लेकर निकल गया...


नैन भी रूपक और रीति के साथ वहाँ से निकला... 


नैन... रूपक मैं चाहता हूँ ... तुम इसका पिछा करो और बिना इसकी जानकारी के बगैर उसके बॅग मे क्या है उसकी पूरी डीटेल निकालो..


रूपक हामी भर-कर निकल गया वहाँ से अब बस नैन और रीति रह गये...


नैन.... रीति तुम्हे यहाँ किसने कहा था आने के लिए, पागल हो गयी हो क्या ?...


रीति... हां हो गयी हूँ पागल ... पहले ही कह देते काम से जा रहा हूँ, झूट क्यों बोले .. घूमने चलते हैं...


नैन... साची घूमने ही आया हूँ... अब इत्ति रात गये सोने का टाइम होता है और मैं उसी वक़्त काम कर रहा हूँ...


रीति... हुहह ! झूठे कहीं के, जब से मिले हो कुच्छ भी सच बताया है...


नैन..... लेकिन सब सच ही तो कहा है.... 


रीति..... क्या.. क्या सच कहा है...


नैन..... आइ लव यू... आइ लव यू .... ईईईईईईईईईई ..... लॉवीईईई ...... ऊउउउउउउउउउउ


रीति..... मुझे बातों मे नही उलझाओ... अभी मुझे काफ़ी गुस्सा आ रहा है...


नैन..... सूऊ सोल्लय्यी ... लो अब कान भी पकड़े .... तुम प्लीज़ गुस्सा ना किया करो मेरा दिल बैठ जाता है...


रीति.... आप ही तो हैं जिसपर गुस्सा कर सकती हूँ... बाकी किसी ने वो हक़ दिया ही नही ....


कितनी मासूमियत से मुस्कुराते हुए रीति ने अपनी बात कही.... नैन बस उसे नज़र भर देखते लिपट गया....


चाँदनी रात मे दोनो प्रेमी ... बाहों मे बाहें डाल... प्यार भरी बातों के साथ अपने एक-एक कदम बढ़ाते हुए ... वापस होटेल तक आ गये....


वासू और अनु की नींद सुबह जल्दी खुल गयी.... चुकी आज शाम सबको वापस लौटना था, इसलिए सुबह से ही घूमने का प्रोग्राम बना रखा था.... पर रीति और नैन सोए इतने देर से थे, कि वो नही उठे .... 


अनु और वासू उन दोनो को सोता छोड़ घूमने चले आए .... जंगल और पहाड़ों का दृश्य मनमोहक था, दोनो को अपना पहला मिलन याद आ गया....


अनु.... इन वादियों से कुच्छ याद आया... वासू


वासू.... हान्न्न ... कितना प्यारा और खिला मौसम है यहाँ का... जगह बहुत ही मस्त है अनु..

अनु.... और तुम भी बहुत मस्त लग रही हो वासू, इन शॉर्ट्स और टी-शर्ट मे.... मुझे तो एकदम हॉट दिख रही हो


वासू.... इष्ह ! आज तुम्हारे इरादे नेक तो है ना अनु


अनु.... हां बिल्कुल वासू... इरादे पूरे नेक हैं ... तुम्हे अपने बाहों मे भर कर... तुम्हारे होठों को ज़ोर से चूसने का... उसे अपने दांतो के बीच लेकर हल्का काटने का...


वासू ये सब सुनकर थोड़ा शर्मा गयी ... उसके अंदर से बस ... "ईश्ह्ह" की आवाज़ ही आई ... उसे भी सुन'ना अच्छा लग रहा था.. इसलिए चुप-चाप वो आगे चल रही थी....


अनु अब भी अपनी पॅशनेट इच्छा को जाहिर करने मे ही लगा था...... धीरे से टुमरे कानो को मुँह मे भर कर ... उन्हे वेट करूँगा .... इन हाथों से तुम्हारे बदन के हर अंग को चुमूंगा .... हौले से दाँतों मे दबा कर ... तुम्हारी टी-शर्ट को पहले उपर खीचुँगा ..... और प्यार से इस सफेद मखमली कमर को चूम लूँगा..... हौले से होंठो के साथ जीभ फिराते हुए उपर ले जाउन्गा ....


सुनते-सुनते हे वासू की साँसें चढ़ने लगी....... "हॅट गंदे... तुम्हे तो बस मौका मिला नही कि शुरू"...


अनु थोड़ा आगे बढ़ते हुए... वासू की कमर मे हाथ डाल कर उसे अपनी ओर खींच लिया... अनु, वासू की तेज चलती सांसो को महसूस कर सकता था... अपने दाँतों को वासू के निचले होठ मे फसा कर उसे हल्के से खींचा... उसे अपने होटो के बीच मे दबा कर उसे चूसने लगा.... 


वासू की आँखें बंद हो गयी, उसकी जीभ मचलने लगी और अपनी जीभ को अनु की जीभ पर फिराती, वो भी होंठो का रस्पान करने लगी..... अनु ने टी-शर्ट के अंदर से अपना एक हाथ वासू के बूब्स पर रख कर .. उसे हल्के से दबाया...... हल्की आवाज़ मे "इस्शह" करती वासू.. अनु के होंठो को चूसने लगी....


अनु तो जैसे कितने जन्मों का भूखा हो.... अपना दूसरा हाथ वासू के शॉर्ट्स मे डाल कर... उसकी योनि पर पाँचो उंगलियाँ फिराने लगा... और एक उंगली को उसकी योनि के अंदर डाल दिया..... एक बार फिर वासू के मुँह से "आहह" निकल गयी... हल्की सिसकती वो अनु को धक्का दी ... और गुस्से मे कहने लगी....


"ना वक़्त देखते हो ना महॉल, अपने साथ मुझे भी बहका देते हो.... अब दो फीट की दूरी पर रहो... यदि मुझे छुआ तो देख लेना"


झूठे गुस्से के साथ ... अनु ने भी सॉरी कहा और चुप चाप आगे चलने लगा.... अनु गुस्से मे मुँह फुलाए बस चुप चाप चला जा रहा था... उसे लगा वासू प्यार से अब कुच्छ कहेगी... अब कुच्छ कहेगी... पर मामला पूरा शांत...

अनु ने अपने चारो ओर देखा... पर वासू का कोई पता ही नही था... अनु घबरा गया और बेचैनी के साथ वासू को तलाशने लगा.... वासू ... वासू कर के ज़ोर से चिल्लाने रहा था और जंगल मे इधर उधर भटकने लगा....
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12-27-2018, 01:52 AM,
#57
RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
तलास्ते हुए जब आगे बढ़ रहा था, रास्ते पर उसे वासू का स्काफ मिली... स्काफ को देख कर अनु को और चिंता सताने लगी.... तेज़ी से उसी दिशा मे बढ़ा... और थोड़ी दूरी पर उसे वासू की हॅट पड़ी मिली... कुच्छ देर अनु खड़ा रहा ... फिर थोड़ा मुस्कुराया और उसी दिशा मे आगे बढ़ा... 


थोड़ा नज़र घुमा कर देखा... कुच्छ दूर आगे वासू की टी-शर्ट मिली.... अब तो मामला सॉफ था... अनु ने भी अपना टी-शर्ट निकाल लिया....


कुच्छ दूर आगे गया तो उसे वशु की शॉर्ट्स भी मिल गयी... शॉर्ट्स उठा कर देखा और मुस्कुराता हुआ अपना जीन्स उसने उतार लिया.... उसी दिशा मे चलता गया.... और एक पेड़ पर वासू की ब्रा भी तंगी मिली.... अब तो तूफान जोरों पर था... अनु ने भी अपनी बनियान निकाल लिया....


अब बस उसे आखरी कपड़े की तलाश थी.... अनु थोड़ा आगे बढ़ा होगा ... तभी उसे खूबसूरत सी गोरी जाँघ और हाथ बाहर दिखा.... अनु की आँखें चमक गयी... और भागता हुआ वो उधर ही पहुँचा....


बाहर निकले हाथ की उंगलियों को अपने मुँह मे रखा... और जीभ पूरे हाथ पर फिराया... फिर नीचे बैठ कर अनु ने पाँव के निचले हिस्से पर अपने होठ रखे और जीभ के साथ होठ उसपर फिराता हुआ उपर जांघों को चूसने लगा ..... वासू का बाकी सरीर का हिस्सा अब भी छिपा था... और जो दिख रहा था.. अनु उसी को चूम रहा था....


थोड़ी देर बाद वासू ने अनु को फिर धक्का दिया... और दौड़ कर दूसरे पेड़ के पिछे चली गयी.... अनु दो कदम आगे बढ़ा ... तो वासू की गोरी नंगी पीठ और ... सेक्सी लेग्स दिख रहे थे.... अनु उसके पिछे पहुँच कर... गर्दन पर से खुले बालों को हटाया और उसके गर्दन पर अपना जीभ फिराने लगा...


गर्दन से चलता हुआ जीभ ... उसके पीठ पर अब रेंग रहा था... वासू के अंदर तो जैसे उत्तेजना का तूफान उमड़ रहा हो.... अनु पीठ को चूमते हुए .. अपने हाथ पिछे से आगे ले गया... और उसके दोनो बूब्स को हाथो मे थामा ... उसे ज़ोर मसलने लगा......


लंबी और गहरी ... "आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह" वासू के होठों से निकली और ... अनु को फिर से धक्का देकर दूसरे पेड़ के पिछे छिप गयी.....


अनु मस्ती मे आगे की कल्पना कर चलने लगा... पर वासू का कोई अंग नही दिख रहा था... अनु दो कदम आगे बढ़ा और एक पर के पास पहुँचा होगा कि वासू धीरे से उसके सामने खड़ी हो गयी....


सामने सिर को झुकाए वासू मंद-मंद मुस्कुरा रही थी.... अनु ने उसका सिर उठाया ... दोनो की नज़रें मिली ... और एक दूसरे के होठ को चूसने लगे .... वासू का मादक रूप देख अनु उसपर पूरा टूट पड़ा....


"वासू ये पैंटी को क्यों छोड़ दी"


"कुच्छ तो चाहिए था ना... उतारने के लिए... वरना ये मिलन अधूरा सा लगता" अपने जीभ को होटो पर फिराती ... वासू कहने लगी...


"ओह्ह्ह्ह वासू" कहता हुआ अनु अपने घुटनों पर आ गया... वासू उल्टी घूम कर अपने कमर हल्का मोड़ ली और हिप को धीरे से हिलाने लगी... अनु ने पहले हिप को बारी बारी चूमा... उसे दोनो हाथों से ज़ोर से पकड़ा... और अपने दाँत से पैंटी को पकड़ते हुए धीरे धीरे... कमर से जाँघ... और जांघों से पाँव तक खिसकते हुए नीचे लाया....


जैसे ही पनटी बाहर आई... अनु ने वासू का कमर पकड़ी और आगे की ओर घुमा कर उसके पाँव के बीच जगह बना दिया.... वासू की साँसे खुद व खुद काफ़ी तेज हो गयी... उसके बूब्स तेज चलती साँसों पर बड़ी ही तेज़ी से उपर नीचे हो रहे थे... और इसे देख कर अनु का दिल भी उत्तेजना से भर कर धड़क रहा था. वासू को पता था आगे क्या होने वाला है, इसलिए खुद को पेड़ से टिका कर ... आँखे मूंद ली....


अनु जाँघो पर अपना जीभ फिराते योनि के पास ले गया... और उसके चारो ऑर फिराने लगा...


"ओह्ह्ह्ह अनुउऊ... इस्शह.... उफफफ्फ़ मर जाउन्गी"


वासू पूरी मस्ती मे सिसकारियाँ लेने लगी ... और अनु के बाल पकड़ कर योनि पर दबाव बनाने लगी... कितने दिनो की प्यासी थी.. अनु का यूँ जीभ को योनि पर फिराना और योनि के अंदर बाहर करना... जल्दी ही मस्ती का फव्वारा उसकी योनि से निकल आया...


अब वासू की बारी थी... अपनी आँखें खोलती वासू, अनु को खड़ा की और ... खुद घुटनो के बल बैठ गयी..... अपने दोनो हाथों से अनु की चड्डी खींच कर निकाली... आँखों के सामने आधा सोया आधा जगा अनु का लिंग... वासू का सबसे प्यारा खिलौना....


वासू उसे मुट्ठी मे पकड़ते हुए... उसे हिलने लगी... फिर से वो मज़े के सागर मे थी... वासू बिल्कुल खो कर उसे हिला रही थी... और खुली वादियों की मस्ती लूट रही थी... थोड़ी देर मे ही अनु का जोश चार गुना हो गया... वासू को कंधे से पकड़ कर उठाया... उसकी दाएँ जाँघ को अपने हाथों मे लेकर हवा मे किया...


वासू ने भी अपनी पीठ पेड़ से टिका ली, और अपना हाथ नीचे ले जाते हुए.. लिंग को योनि का रास्ता दिखाया ...


अनु, वासू के एक बूब्स को अपने मुँह मे लेते हुए .. ज़ोर का धक्का लगाया.. अनु उपर की ओर ज़ोर से गयी .. और तेज से .... "आहह" की सिसकारी लेने लगी....


अनु... मुँह मे बूब्स को पकड़े धक्का लगा रहा था.... और वासू भी मस्ती मे नीचे अपनी कमर हिला रही थी.....


"ओह वासूउउ......... तड़प गया था मैं तूओ"


"आहह.... अनुउऊुुउउ.... प्लज़्ज़्ज़्ज़ बातटत्त नहिी.... आहह... मैंन्न्न् तूओ काब सीए तारप्प्प रहिी हुन्न्ं"


"आहह ओउुुुुउउ.... ओह बाबयययययी..... इस्शह.... आहह"


खुल के पूरा आनंद उठा रहे थे दोनो सेक्स का.... खुली वादियों मे मादक सिसकारियों की गूँज हो रही थी... और हर धक्के पर दोनो अपने भूख को शांत कर रहे थे.


वासू ने भी अब पर से पूरी टिक कर अपने दोनो पाँव अनु की कमर मे डाल दिए, ताकि पूरे ज़ोर के धक्के का मज़ा लिया जा सके... अनु भी वासू को खुश करता हुआ... पूरे जोश से तेज़ी .. से धक्का लगाता गया... 


परम सुख आनंद अपने आखरी चरण पर था... धक्कों की रफ़्तार काफ़ी तेज हो गयी त्ीी ... और जितनी तेज धक्कों की रफ़्तार थी .... उतनी ही मादक वासू की ..... "ईस्श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ... आअहह" थी...


दोनो ही मस्ती का फव्वारा छोड़ हान्फते हुए अलग हो गये..... अपने अपने कपड़े पहने और जंगल घूमते हुए ... वापस होटेल लौट आए.....


इधर रीति ने वापस चलने के लिए सब की पॅकिंग पहले से कर के, वासू और अनु के आने का इंतज़ार कर रही थी....


वासू होटेल पहुँच कर जब सारी पॅकिंग देखी तो पुच्छने लगी....... "हम तो सम को जाने वाले थे ना, फिर ये पॅकिंग अभी से क्यों"...


रीति.... वासू, सैली ने कल शूज़ाइड अटेंप्ट की थी.... 


वासू.... क्या ????


नैन.... हां सच है... क्या हुआ और कैसे हुआ, और उसकी हालत कैसी है अब ये वहीं चल कर पता चलेगा...


इतना बड़ा शॉकिंग न्यूज़ था ये वासू के लिए कि वो अपना सिर पकड़ कर बैठ गयी... सभी वहाँ से तुरंत रवाना हुए देल्ही के लिए... देल्ही पहुँचते ही ... चारो हॉस्पिटल पहुँचे... सैली अब भी बेहोश पड़ी थी, और आइसीयू मे थी...


रीति को आश्चर्य हुआ गौरव को वहाँ ना देख कर... वो सोची "ज़रूर गौरव और सैली के बीच कुच्छ हुआ होगा, और सैली ने आत्महत्या की कोशिस करी होगी... और शायद गौरव को अब तक पता भी ना हो कि सैली ऐसा कुच्छ कर चुकी है"... रीति ने गौरव को फोन कर के सैली के बारे मे सूचना दी ... और इंतज़ार करने लगी सैली के होश मे आने का....

गौरव को जैसे ही सैली की हालत का पता चला वो भागता हुआ आया... रीति और वासू ने जब गौरव को देखी, तो उसे देख कर काफ़ी हैरत मे पड़ गयी. गौरव की हालत तो सैली से ज़्यादा खराब लग रही थी. 


बाल अजीब तरह से बिखरे हुए थे, एक इंच की दाढ़ी बढ़ी हुई.... वासू तो गौरव को देखते हे डॉक्टर-डॉक्टर चिल्लाने लगी.... 


रीति.... डॉक्टर-डॉक्टर क्यों चिल्ला रही हो वासू


वासू.... क्योंकि इसे भी इलाज़ की ज़रूरत है. ये क्या हाल बना रखा है गौरव...


गौरव..... मैं ठीक हूँ, कुछ नही हुआ मुझे... सैली कहाँ है..


वासू.... सैली को अभी वॉर्ड मे ले जाया गया है, थोड़ी देर मे होश मे आते ही मिल सकते हैं...


इधर नैन ने जब रीति को गौरव से बात करते सुना तभी वापस आ गया... और सीधा अपने ऑफीस पहुँचा....


एसपी ऑफीस ... नैन और अमित...


नैन.... अमित कल की तुम्हारी रिपोर्ट ने इस केस मे नये रास्ते खोल दिए. और थॅंक्स उस लड़की को बचाने के लिए.


अमित.... सर, लोगों की जान बचना हमारा पहला काम है इसमे थॅंक्स कैसा. वैसे पहले मुझे लगा कि ये भी उनके साथ मिली होगी, और मेरे खबरी इसका पिछा करने लगे, पर ये अचानक से कूद जाएगी, किसी ने सोचा भी नही था. वैसे सर अभी हम चाहे तो उस लड़की इंदु को इनटेरगेशन के लिए बुला सकते हैं.


नैन.... नही, अभी उड़ने दो, आपस मे ही तो लड़ रहे हैं, लड़ने दो. कोई अच्छे आदमी का मर्डर थोड़े ना हुआ था, कमीना था साला मर गया.... अभी शांत रहते हैं और अपने टारगेट पर ध्यान देते हैं. यदि इस लड़की को इनटेरोजरप्षन के लिए बुलाया तो सब चौकन्ने हो जाएँगे.


दोनो की चर्चाएँ हो ही रही थी, तभी अमित के पास हॉस्पिटल से फोन आ गया.... "सैली को होश आ गया है"


अमित के साथ नैन भी निकल गया.... आज कई सालों बाद पे बॅक टाइम था.... उन लोगों से मिलने का जिन लोगों ने कभी नैन के दिल पर वॉर किया था. पोलीस की टुकड़ी के साथ नैन जैसे ही वॉर्ड के पास पहुँचा, गौरव उसे देख कर हैरान रह गया.


गौरव किसी भी तरह से बस सैली से मिलना चाहता था, लेकिन हॉस्पिटल प्रबंधन को सख़्त हिदायत थी कि बिना पोलीस के बयान लिए किसी को नही मिलने देने का...


यूँ तो गौरव कभी सपने मे भी नैन से बात करने की कोशिस नही करता, लेकिन बात अभी उसकी नही सैली की थी, इसलिए गौरव मिन्नत करते हुए नैन से कहा.... "क्या मैं भी साथ अंदर चल सकता हूँ"


नैन ने अपने साथ अमित को और बाकी सब को अंदर आने के लिए कहा.... सैली आँखें खोले बस चुप-चाप वहाँ के महॉल को देख रही थी, और सोच रही थी उसे बचाया किसने... 


जैसे ही सैली की नज़र उसके दोस्तों पर गयी, वो फुट-फुट जर रोने लगी... गौरव भागता हुआ सैली के पास गया और उस से उसकी हालत का कारण पुछ्ने लगा.... पर सैली सिवाय रोने के और कुच्छ नही कर रही थी...


किसी तरह शांत होती हुई सैली, नैन को अपने पास बुलाई और उस के सामने हाथ जोड़ ली.... सैली के ऐसा करते ही गौरव हैरानी से बस सैली को देख रहा था, उसके तो पल्ले कुच्छ पड़ ही नही रहा था. 


सैली..... क्रेज़ी बॉय मुझे माफ़ कर दो, उस दिन नैन सही बोल रहा था, मैं ही अपने बदले मे अंधी हो गयी थी और तुम दोनो की दोस्ती के बीच दरार ले आई .... मुझे मालूम है गौरव, ये जान ने के बाद तुम मुझ से नफ़रत ही करोगे, पर मुझे सब मंजूर है, क्योंकि अब खोने के लिए मेरे पास कुछ नही बचा.


एक अरसा बीत गया था इस बात को, और जब सच सामने आया तो गौरव के पाँव तले से ज़मीन खिसक गयी... गुस्से से पागल होता गौरव उसे खींच कर दो तमाचा लगाया.... अमित और नैन ने आँखें दिखाते हुए उसे साइड किया.... 


रीति.... गौरव माना कि सैली ने ग़लती की थी, उसकी ग़लती का हम सब को पहले से पता था, तो हम क्या करें... कोई ग़लत राह पर चला गया है तो उसे वैसे ही चलने दिया जाए. या वो वापस आने का मौका ढूंड रहा है तो उसे वापस आने दिया जाए". 


"एक बात और ... कोई तबतक हमे नही भटका सकता जबतक हमारे मन के अंदर किसी के लिए ग़लत विचार ना आए... ज़रा इस पर भी सोचो"....


गौरव, रीति की बात सुन कर बस मायूस एक कोने मे खड़ा हो गया.... चुप-चाप. नैन से माफी माँगने के बाद सैली ने रीति और वासू के सामने भी हाथ जोड़ लिए... और हाथ जोड़े कहने लगी..... 


"रीति, वासू ... अपने अहंकार मे मैने तुम दोनो से भी बहुत बुरा बर्ताव किया... मुझे पता नही क्या हो गया, मैं बस गुस्से वाली थी पर बुरी नही. लेकिन अपने ही काम को सही मानते-मानते मैं कब बुरी हो गयी मुझे पता ही नही चला".... 


और सबसे आखरी मे गौरव के सामने हाथ जोड़ती फुट-फुट कर रोती हुई कहने लगे.... मेरा क्रेज़ी बॉय, मैं तो बस बदला लेना चाहती थी अपमान का और उसी चक्कर मे तुमसे प्यार का नाटक की, पर साथ रहते-रहते कब मुझे तुम से प्यार हो गया मुझे पता ही नही चला... लेकिन अब सब ख़तम हो गया... हो सके तो मुझे माफ़ कर देना....
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12-27-2018, 01:52 AM,
#58
RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
सब बस चुप-चाप सैली की बात सुन रहे थे. अनु तो इस कहानी मे दूर-दूर तक कहीं था भी नही, लेकिन फिर भी जब वासू और रीति से सैली माफी माँग रही थी, तब उसके मन से यही आवाज़ आई..... "कमीनी किसी को नही बख़्शी, सब के साथ कुछ ना कुछ बुरा की है".


इधर सैली की आखरी लाइन सुन'ने के बाद गौरव फिर उसे खींच कर एक तमाचा मारा.... और सैली को आँखें दिखाते हुए पुच्छने लगा...... 


"तुम बुरी ही बनी रहती पर आत्महत्या करने की क्या ज़रूरत थी, इतनी कमजोर तो नही थी कभी तुम सैली. बदला लेने के लिए हम दोस्तों के बीच साजिश रच दी. टॉप ना कर पाई तो ना जाने क्या-क्या इल्ज़ाम लगा दी रीति पर... अब ऐसा क्या कर दी थी जो अचानक से तुम्हारे हिम्मत ने जबाव दे दिया".


गौरव की बात सुनकर सैली बिल्कुल मौन हो गयी. उसके पास ये शब्द नही थे कहने के लिए कि नशे मे किसी ने उसके साथ संबंध बनाए, और वो भी उसकी रज़ामंदी से. वो ये कह नही पा रही थी कि उसने इतने लोगों का दिल दुखा दिया था, की ज़रूरत जब पड़ी तो खुद को अकेली पाई... उसका पूरा हौसला टूट गया था.


सैली के मन के अंदर चल रहे कस-म-कस को नैन शायद भाँप गया, उसे लग गया हो ना हो नशे मे ज़रूर कुच्छ ग़लत हुआ है...


नैन... मैं बताता हूँ तुम सब को.... "सैली को ड्रग्स की आदत लग गयी है, जिसे वो चाह कर भी छोड़ नही पा रही थी, इसलिए उसने आत्महत्या करने की कोशिस की. अब ज़रा तुम सब बाहर जाओगे तो मैं अफीशियली काम पूरा कर दूं.... अमित इन सब को बाहर लेकर जाओ".


अमित समझ गया कि नैन सर उसे भी बाहर भेज रहे हैं, और इनको अकेले मे बात करनी है कुछ सैली से.... इसलिए सब के साथ वो खुद भी बाहर चला आया.


नैन.... सैली सच सच बताओ क्या हुआ था कल... देखो मुझ से छिपाना बेकार है, क्योंकि मैं जानता हूँ कल नशे की हालत मे ज़रूर कुछ ऐसा हुआ था, जो तुम्हे अंदर से तोड़ दिया.


सैली रोती हुई हां मे सिर हिलाई और तकिये के नीचे अपना सिर छिपा कर रोती हुई कहने लगी..... "मैं किस मुँह से गौरव के पास जाउन्गी.... मैने उन्ही को धोखा दिया जो मेरे अपने थे".


नैन.... क्या तुम जानती हो, डिस्को वाली रात को क्या हुआ था और तुम हॉस्पिटल कैसे पहुँची थी...


नैन की बात सुन कर सैली ने अपना सिर उपर उठा लिया.... उसे अब फिर से उसी बात की संका होने लगी, और उसके आँसू थे कि वो थमने का नाम नही ले रहे थे... सैली सिसकियाँ लेती पुच्छने लगी .... "क्या हुआ था उस रात"


नैन ने उसे डिस्को की रात वाली कहानी भी बता दी. सैली खुद मे काफ़ी गिरी हुई और शर्मिंदगी महसूस कर रही थी... उसने रोती बस इतना पुछि.... "मैने तुम्हारे साथ इतना कुच्छ किया फिर भी तुमने बार-बार मेरी मदद क्यों किए"


नैन.... सैली तुमने मेरे साथ ग़लत की, पर मैं गौरव के लिए खुश था. गौरव के लिए तुम्हारी आँखों मे सच्चा प्यार मैने उस रात ही देखा था जिस रात मैने अपनी झलक तुम्हे होटेल ताज मे दिखाई थी. मुझे देख कर तुम्हारे चेहरे के डर ने बता दिया था, कि तुम गौरव को किसी भी हाल मे खोना नही चाहती.

"खैर अब तो तुम ने उस बात की भी ग़लती मान ली, जिस बात से हम दोनो दोस्त अलग हुए..... पर तुम्हे अभी भी एक बात समझ मे नही आ रही ... जो मैं बार बार कहना चाह रहा हूँ".


सैली.... क्या ?


नैन.... उस घटिया डिस्को मे तुम कैसे पहुँची. एक दिन का नशा मिला था, थोड़ी देर की तलब रहती एक दो दिन तुम्हे, फिर भी किसने तुम्हे नशे का समान मुहैया कराया... और कल जिसके साथ थी वो किसके जगह पर आया था और कौन उसे जानता है.... तुम अब भी गौर नही करना चाहती इन सब बातों पर....


नैन की बातें सुन कर सैली का चेहरा बिल्कुल लाल हो गया. उसे समझ मे आने लगा उसके शर्मिंदगी का कारण कौन है, कौन आस्तीन का साँप है जो उसके साथ खेल-खेल रहा है.... सैली बिल्कुल गुस्से मे........ जितनी ज़िल्लत उसके दिल मे महसूस हो रही थी, अब सब वो इंदु के लिए गुस्सा बन कर फुट रहा था.....

"नेनू वो कहाँ मिलेगी, मैं आज हे उसका खून कर के फाँसी चढ़ जाउन्गी. ये सारा किया धरा उसी कामिनी का है. सही कहा तुमने, उस घटिया डिस्को मे उसी के साथ गयी मैं, उसका वो बूटिक सेंटर, और फिर वहाँ वो कमीना साब. वैसे भी मुझे अब जीने की कोई खास ख्वाइश नही बची, पर मरने से पहले उसे सॉफ कर दूं"


नैन..... शांत हो जाओ. तुम कुच्छ नही कर सकती अभी. पता चला उसे मारने गयी और फिर कोई नया कांड कर आई. वैसे दूसरे तुम से मज़े लो, तो फिर मुझ मे क्या बुराई है....


सैली नैन की बात सुन कर गुस्से से फुफ्कार मारने लगी..... आँखें गुस्से मे बिल्कुल लाल, और पास पड़ा कैंची उठा कर सीधा उसके हाथ मे घुसा दी. ये सब इतना छनिक था कि नैन संभाल नही पाया.


नैन..... मेरा ही खून बहा दो तुम. सुनो सैली तुम्हारे इस गुस्से की वजह से तुमने सब को रुलाया है. तुम्हे इस गुस्से को काबू करना होगा और साथ मे अभी तुम्हारी स्थिति नही कुछ भी करने की. तुम नशे की गुलाम हो गयी हो, पहले अपने नशे से इज़ाद पाओ.


सैली, नैन के इशारों को समझ गयी, लेकिन उसका यही कहना था ... "मुझे तबतक चैन नही मिलेगा जबतक मैं बदला ना ले लूँ"


नैन ने अमित को बुला कर रिपोर्ट फाइल दे दिया.... रिपोर्ट फाइल देख कर अमित मुस्कुराने लगा....


नैन.... क्या देख रहे हो अमित


अमित.... कुछ नही सर, पहली बार आप को किसी का फेवर करते देख रहा हूँ..


नैन.... अमित हम ईमानदारी से लोगों की सेवा करते है, तो थोड़े अपने फ्रेंड्स & फॅमिली के लिए पक्ष-पात कर ही लिया तो क्या बुरा किया. क्राइम नही की थी इसलिए इसे कन्सिडर किया जा सकता है.


अमित के जाने के बाद डिसचार्ज की सारी फॉरमॅलिटीस पूरी हुई. सब लोग वहीं से सीधा नैन के फ्लॅट पहुँचे. सब बस सैली से बात करने मे लगे थे, और नैन को अपने पुराने दिनो की याद आ गयी.


सारी घटनाओ मे सैली ने सब कुछ कर के तो माफी माँग लिया, पर नैन पर लगाए इल्ज़ाम की घटना से लेकर अब तक के बीच का जो दर्द मिला था उसे उसका क्या. सैली तो फिर गैर थी लेकिन गौरव, वो तो दोस्त था.... दोनो एक साथ कई साल गुज़रे थे.....


महॉल गुम-गीन था... नैन किचन मे गया, फ्रिड्ज से एक वाइन की बोतल निकाली और जल्दी-जल्दी दो पॅक मार लिया. बैठा बस पुराने दिनो को याद कर रहा था...


"क्या मैं अंदर आ सकता हूँ".... गौरव ने बड़े धीमी और संकोच भारी आवाज़ मे पुछा. नैन ने हाथ के इशारों से उसे बुलाया.... गौरव भी उसके पास बस चुप-चाप बैठ गया.


नैन.... कैसे हो गौरव


गौरव..... ठीक ही हूँ.. तू कैसा है


नैन..... बिल्कुल मस्त, बिंदास जी रहा हूँ...


फिर से खामोसी, एक और पॅक नैन ने बनाया, गौरव भी पास पड़ा एक ग्लास उठा लिया और नैन के आगे बढ़ा दिया.... नैन ने उसमे एक पॅक डाल दिया.... दोनो एक सांस मे पीकर ग्लास नीचे रख दिए.


गौरव बगल मूड कर नैन के गले लगते..... "माफ़ कर दे यार लड़की की बातों ने अकल पर परदा डाल दिया था.... मैं समझ नही पाया क्या सच है और क्या झूट"


नैन..... जानते हो क्रेज़ी बॉय सबसे ज़्यादा दर्द क्या देता है, जिसपर सबसे ज़्यादा भरोसा हो वही सबसे पहले भरोसा तोड़ दे. किसी की बातें उतनी बुरी नही लगती जितनी अपनो की लगती है. इसलिए अब मेरे परिवार के अलावा कोई मेरा अपना नही. सारा जहाँ मेरा दोस्त है, और अब किसी की बातें चुभती नही.


गौरव...... सॉरी यार अब ग़लती तो इंसान से ही हो जाती है ना...


नैन चिल्लाते हुए..... भाई माना था तुझे मैने, दर्द नही होता दोस्त, किसी की बात का दर्द नही होता. ग़लती हो गयी थी मुझ से जो मैने तुझे भाई माना... यदि ना माना होता तो चुभती नही बात. मेरे करेक्टर को उछाला गया था.... रही बात माफी की तो मेरे दिल मे बीती बातों के लिए कोई जगह नही.


नैन के चिल्लाते ही सारे लोग किचन मे जमा हो गये... हॉस्पिटल की बातों से सैली को लगा था नैन के दिल मे बीती बातों के लिए कोई गम नही, लेकिन यहाँ जब उसकी बातें सुनी तो उसे अहसास हुआ कि उस दिन की की हुई बातें नैन को आज तक चुभ रही है.


अनु..... जब से देल्ही वापस आया हूँ मैं तो दर्शक हो गया हूँ... सब आपस की गिले सीकवे कहे पड़े हो, मुझे भी कोई समझा दो क्या हो रहा है, थोड़ा मैं भी सिचुयेशन एंजाय कर लूँ..


अनु की बातें सुन कर वासू उसे आँखे दिखाती शांत होने के लिए कही... रीति की नज़र जब वाइन और ग्लास पर गयी तो गुस्से मे कहने लगी....


"आप ये सब क्या पी रहे हैं. होश मे तो बारे प्यार से बात कर रहे थे इन लोगों से, और दो पॅक पीते ही अंदर का जानवर बाहर आ गया"


गौरव...... भाभी दो पॅक नही चार पॅक पिया नेनू ने....


वासू..... हूऊ रीति चार पॅक पिया नेनू ने, वैसे गौरव कितना अच्छा है देख तुझे भाभी बुला रहा है.


रीति.... थॅंक यू देवर जी. इस नेनू की तो खबर मैं लेती हूँ. क्यों मिस्टर. ये सब क्या है और पी कर क्या नौटंकी कर रहे हो. बेचारे देवर जी कितना रो रहे हैं... उनके आँसू नही दिख रहे. एक तो सैली ने रुलाने मे इसे कोई कसर नही छोड़ी, उपर से आप भी...


नेनू मुँह लटकाता हुआ.... सॉरी, वो बीती बातें याद आ गयी तो मैं थोड़ा सा पी लिया.... पर मैं भी क्या करूँ ... इन दोनो की वजह से मुझे वो जगह छोड़नी पड़ी थी... इतनी आसानी से भुला दूं बात.


गौरव..... तो क्या बदला लेगा अब हम सब से...


नेनू.... जा भूल गया मैं सारी बात. पर तुझे उसके बदले मे तुम दोनो को एक काम करना होगा.


सैली और गौरव दोनो एक साथ पुच्छे .... "क्या"


नैन.... सैली को नशा मुक्ति केंद्र रोज ले जाना और वापस लाना तुम्हारा काम होगा... खैर ये तो तुम कर ही लेते. लेकिन उस से भी मुश्किल होगा इसे नशे की चीज़ों से दूर रखना.... चाहे कितना भी रोए गिडगिडाये तुम इसकी एक नही सुनोगे...


गौरव.... ह्म ! मैं वादा करता हूँ ऐसा ही होगा...


नैन..... और तुम सैली... यदि तुम्हे अपने साथ हुए हर बात का बदला लेना है तो तुम्हे पक्के इरादे के साथ पहले नशा छोड़ना होगा.... जिस दिन मुझे यकीन हो गया तुम नशा छोड़ चुकी हो मेरा वादा है मैं तुम्हे उस से बदला लेने का पूरा मौका दूँगा.... तबतक दोनो साथ रहो और गौरव तुम्हे मदद करेगा नशा से मुक्ति दिलाने मे.


अनु.... नशा से मुक्ति दिलाने के लिए दोनो साथ रहेंगे.... ये सज़ा है या मज़ा है... नेनू भैया की जय हो.
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12-27-2018, 01:53 AM,
#59
RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
अनु की बात सुनकर सभी हँसने लगे... उतने मे वासू भी बोल पड़ी.... "एसपी साब आप सबने तो काम बाँट लिए और हमारा क्या होगा"


नैन.... तुम्हे पता नही वासू, अनु यहाँ एक फ्लॅट भी ले चुका है... द्वारिका सेक्टर 1 के पास. अफ़सोस है कि ये तुम्हे कोई बात बताता नही.... और रीति अब अकेली हॉस्टिल मे रह कर क्या करेगी.... मेरा फ्लॅट खाली ही रहता है, यहीं रहेगी... मुझे भी बाहर के खाने से मुक्ति मिलेगी...


रीति.... चालू नैनु... कोई कहीं नही जाएगा.... मैं नैनु की सारी बातों पर स्टे लगाती हूँ... सैली हम दोनो के साथ ही रहेगी और हमारा काम होगा इसे उन सब चीज़ों से दूर रखना... हां बाकी नशा मुक्ति केंद्र ले जाना और लाने का काम गौरव का होगा.


वासू.... सच कही रीति. इन लड़कों को तो बस मौका चाहिए.... भूखे भेड़िए कहीं के ... हमेशा शिकार की तलाश मे रहते हैं... और इस अनु को तो मैं बताती हूँ... थॅंक्स नैनु एक और इन्फर्मेशन के लिए.


अनु.... स्वीटीयियैयी.. सच मे मैं तुम्हे सर्प्राइज़ देने वाला था, लेकिन पता नही नैन हर बात पहले से कैसे जानता है... मेरी बहुत खबर ले ली, अब प्ल्ज़ और खबर मत लेना...


गौरव.... तुम लोगों को शायद पता नही, लेकिन नैनु की बातों को यकीन मत करना.... ये झगड़ा लगा कर मज़े लेने वालों मे से है....


नैन.... ओई क्राज़्यबॉय केर्लेस कहीं के, हम सब के बीच से सैली गायब हो गयी किसी ने ध्यान भी दिया. महफ़िल लगती है तो जो बात ना करे उसे लोग इग्नोर ही कर देते है. वैसे सुनो इस वक़्त सैली को तुम सब की ज़्यादा ज़रूरत है.... ज़्यादा से ज़्यादा साथ रहो.... ऐसा मैं क्यों कह रहा हूँ .. वो जब अभी तुम लोग देखोगे उसे तो खुद समझ जाओगे.


सब लोग सैली को देखने निकले... सैली दूसरे कमरे मे बैठी मिली. सब को नैन की बातें समझ मे आ गयी कि वो क्या कहना चाह रहा था. सैली अपने बाल नोच रही थी ... किसी पागल की तरह इधर उधर कर रही थी... उसकी तलब इतनी बढ़ी हुई थी, कि उसकी बेचैनी देख कर सब के होश उड़ गये.

डॉक्टर को तुरंत बुलाया गया... सैली को नींद का इंजेक्षन देकर सुला दिया गया... और डॉक्टर ने भी वही सलाह दी... जल्द से जल्द नशे से इज़ाद पाने की ट्रीटमेंट करवाने... और सैली को मोरल सपोर्ट देने....


सैली की बिगड़ी ऐसी हालत सब अपनी आँखों से देख कर सकते मे थे.... उसकी बेचैनी ने तो सबके दिलों मे घबराहट ही पैदा कर दी थी.


इधर इंदु अपने कारनामे अंजाम देने के बाद ऐसी बेहोश हुई कि उसे होश सीधा अगले दिन आया. जब उठी तो खुद को उसी घर मे पाई जहाँ से वो तैयार हो कर निकली थी.....


किशोर.... जाग गयी तुम, कमिनि तुम्हारे कारण हम फँसते-फँसते बचे हैं.


इंदु.... फँसे तो नही ना, मेरे चेहरे पर खून लगा और माँस के छितरे भी, मेरा सिर घूम गया मैं क्या करती...


किशोर..... ह्म्‍म्म ! समझ गया... पर पहली बार ऐसा करने जा रही हो ये बता तो देती. बच गयी वरना उसके साथ-साथ तुम्हारा भी आखरी दिन होता.


इंदु..... मैं कितनी देर से यहाँ हूँ...


किशोर...... काफ़ी देर से हो एक पूरा दिन ही बीत गया... अब तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ना...


इंदु..... हां तबीयत तो ठीक है, पर मुझे जल्द से जल्द अब वापस बूटिक जाना होगा.. वहाँ मैं सैली को छोड़ आई हूँ.


किशोर..... कौन वो हॉट आइटम जिसका दीवाना अमोल हो गया है. वो लड़की कल शाम को ही वहाँ से कहीं चली गयी. अमोल बता रहा था... "आज तक उस जैसी लड़की नही देखा... जो मज़ा उसने दिए वैसा मज़ा दोबारा लेने के लिए तो मैं मरना भी पसंद करूँगा".


इंदु.... क्या, कल शाम को कहीं चली गयी..... किशोर उसे ड्रग नही मिला होगा और वो उसी की तलाश मे निकल गयी होगी. मुझे अभी जाना होगा उसे ढूँढने...


किशोर भी इंदु के साथ ढूँढने निकला. पहले बूटिक सेंटर फिर अपने फ्लॅट बाद मे डोस्को मे भी पता करवाई लेकिन वो कहीं नही थी. इंदु को थोड़ी परेशानी सताने लगी आख़िर सैली जा कहाँ सकती है.


इंदु, किशोर के साथ पूरा दिन सैली को ढूंड ली लेकिन उसकी कोई खबर नही मिली. इधर सैली की हालत देख सबको रोना आ गया. नशे ने कैसे पागल किया था... अगली सुबह भी जब जागी तब भी यही हाल था, रो रही थी चीख रही थी... सबके पाँव पड़ रही थी, कोई उसे ड्रग्स ला कर दे दे.


काफ़ी तनाव भरा समय था ये, सब ऐसे जुड़े थे कि बस सैली की तड़प को देख कर सबकी आँखे बाहर आ रही थी. सैली की हालत देख कर कोई खुश नही था, क्या से क्या बना कर रख दिया उस इंदु ने.


कहते हैं कुछ भी अस्थाई नही होता, और यदि आप के पास आप के चाहने वाले हैं तो हर मुश्किल आसान हो जाती है. रीति, वासू, अनु, गौरव, नैन.... सब ने सैली के इस बुरे वक़्त मे उसका काफ़ी साथ दिया.


हर बीत'ते दिन के साथ सैली के स्वाभाव मे परिवर्तन आता गया. दिन-दिन कर के सबने 6 महीने गुज़ार दिए सैली के दर्द और तड़प के साथ. इन 6 महीनो मे तो जैसे कोई खुल कर हंसा भी नही हो. सब बस सैली के पिछे ही लगे रहते थे.....


अब वो सब के साथ हँसना भी सीख गयी थी, नॉर्मल अवस्था मे धीरे-धीरे आ रही थी. सुधार का असर एक लंबे अरसे बाद दिखना शुरू हुआ. हां 6 महीने तक तो ऐसा लग रहा था जैसे ये नशा ला-इलाज़ है, और इसका बस एक ही इलाज़ है नशा करते रहो.


कुछ का धैर्य टूटा... कुछ हौसलों के साथ रहे, लेकिन मिल-जुल कर सबने उबार दिया सैली को. हर बीत'ते दिनो मे जहाँ सारे दोस्तों का प्यार गहरा हो रहा था, वहीं हर दिन इंदु के लिए नया हो रहा था.


उसे भी पता चल गया था, कि सैली अब अपने दोस्तों के साथ है, लेकिन किसी ने भी इंदु से इस बारे मे कुछ कहा नही. नैन की सख़्त हिदायत थी "चाहे कुछ भी हो जाए, इंदु से किसी बात की चर्चा नही करेगा कोई, और जब भी मिलो, दोस्तों की तरह मिलो"


इंदु एकाध दो बार मिली भी सब को, पर सबने अंजान बनते सैली को ही दोष दिया. इंदु भी बेफ़िक्र अपने बढ़ते काम को अंजाम देती रही और खूब तरक्की करती गयी.


लगभग 7/8 महीने बीतने के बाद सैली लगभग नॉर्मल और पहले से बेहतर थी. महॉल चेंज करने के हिसाब से सबने बाहर घूमने जाने की एक मीटिंग रखी....


सैली.... शायद मेरे जीने की वजह ना होती यदि आप सब नही होते, मैं दिल से माफी चाहती हूँ, अपने किए हर उस व्यवहार के लिए जो भी मैने आप सब के साथ किया...


नेनू..... सैली, हम यहाँ इसके लिए इकट्ठा नही हुए हैं, जो हो गया उसे जाने दो. अब बीती बातों पर कोई चर्चा नही... अभी आगे की बातें होगी.


गौरव... सही कहा नेनू, और मैं क्या कहता हूँ, यहाँ देल्ही से बोर हो गया हूँ, चलते हैं शिमला, वहाँ की हसीन वादियों मे काफ़ी मज़ा आएगा.... क्या कहते हो तुम सब


वासू.... हमे कहीं भी ले चलो हम कहीं भी जाने को तैयार हैं, क्यों अनु..


अनु.... यस लव, हम कहीं भी जाने को तैयार हैं, बस रीति और नैन का रह गया...


नैन..... नही मेरा आना संभव नही. मुझ पर यहाँ के आड्मिनिस्ट्रेशन की ज़िम्मेदारी है, इसे छोड़ कर मैं यूँ ही घूमने नही जा सकता. तुम सब रीति को ले जाओ.


रीति.... ठीक है तो तय रहा, हम सब शिमला चलेंगे.... नेनू यदि आना हो तो आप बता देना.


नेनू काफ़ी मायूसी से रीति को देखने लगा. वो तो बस ऐसे ही कह दिया था रीति भी उनके साथ चली जाए. नैन को लगा "मैं नही जाउन्गा तो रीति भी मना कर देगी जाने से", पर ये तो जा रही है.


सुबह 9 बजे की फ्लाइट थी. नैन सबको खुद छोड़ने आया था, लटका सा मुँह लेकर बिल्कुल मायूस.... आख़िर रीति जो जा रही थी.


पर ये क्या, दोनो कपल थे पर रीति नही थी. नैन, सैली और वासू से पुच्छने लगा.... "रीति कहाँ है"


सैली.... उसे कुछ शॉपिंग करनी थी इसलिए वो शाम की फ्लाइट से आएगी.


सैली जैसे ही इतना बोली, सभी वहाँ पर हँसने लगे. नैन समझ गया, उसके साथ मज़ाक किया जा रहा था, वो सबको वहीं से बाइ बोला और सीधा पहुँचा हॉस्टिल, लेकिन हॉस्टिल के गेट पर ही दरवान ने नैन रोक लिया..... "सर, हॉस्टिल मे रीति मेडम नही मिलेगी"


नैन के तेज़ी से बढ़ते कदम खुद-व-खुद रुक गये.... "क्या कहा तुमने"


नैन की भाषा सुन कर ही वो डर गया...... "सर मैने कहा रीति मेडम अपने घर चली गयी हैं, और आप के लिए एक लेटर छोड़ गयी"...


नैन ने दरवान से लेटर लिया. लेटर मे नैन के लिए बस इतना लिखा था... "मम्मा-पापा की याद आ रही थी, घर जा रही हूँ, एक-दो दिन मे लौट आउन्गि"


नैन को कुछ भी समझ मे नही आया... शिमला जाने का प्लान था वो कॅन्सल हो गया. रीति को तो मेरे साथ होना चाहिए था, फिर ये घर क्यों चली गयी. "हुहह ! इसको तो सभी प्यारे हैं सिवाय मेरे"... रीति पर गुस्सा होते नैन ने उसे 10 बार कोसा..... "झल्ली, उल्लूउ, पागल... इसे तो ज़रा भी ख्याल नही मेरा"


कितने सपने सजाए थे नैन ने पर यहाँ आकर तो सब चूर हो गये. मायूस हॉस्टिल से वापस अपने घर वापस आ गया. घर मे जैसे ही घुसा तो देखा, रीति वहीं थी और घर को व्यवस्थित कर रही थी.


आह खुशी की जो लहर दौड़ी नैन के अंदर, भागता हुआ गया और उसे कमर से पकड़ कर उठा लिया और नाचने लगा...... "ओह्ह्ह्ह ! कूटी तुमने तो डरा ही दिया था मुझ से ऐसे सीरीयस मज़ाक क्यों करती हो"


नैन का माथा चूमती हुई रीति कहने लगी.... "सूओ सॉली जान, ये सब गौरव का प्लान था, मैं तो कब से बता देती पर उन लोगों ने मना किया था"


नैन.... कितनी बार कहा है लव, तुम्हारे जाने के बारे मे सुन कर ही मेरी हालत मरने जैसी हो जाती है. कलेजे पर पत्थर रख कर कहा था अकेली शिमला चली जाओ. मुझे लगा मना करोगी पर तुमने भी हां कह दी.


रीति.... बुकुल बुद्धू हो आप. ज़रा भी दिमाग़ नही लगाते. भला मैं उन कपल्स के साथ जा कर क्या करती.


नैन.... दिल लगाया है ना रीति इसलिए दिमाग़ ईस्तमाल नही करता.... 


नैन अपनी बात कह कर रीति की आँखों मे देखने लगा.... और धीरे से होठ आगे करते उसे किस करने की कोशिस करने लगा... रीति, नैन को धक्का देती खुद से दूर की, और कहने लगी..... "क्यों एसपी साब बारे रोमॅंटिक हो रहे हैं... काम पर नही जाना क्या"

नैन...... उफफफ्फ़ ओ' मेरी होम मिनिस्ट्री अरमानो पर पानी फेरने का शुक्रिया... दो मिनट रुक कर भी जाउन्गा तो कोई ज़्यादा फ़र्क नही पड़ेगा....


रीति.... जी नही, जा कर तैयार हो जाइए, मैं तब तक नाश्ता बना देती हूँ... और मुझे भी बहुत काम है यहाँ. पूरा घर कबाड़ खाना बना रखा है.


नैन.... घर मे घर वाली नही थी ना इसलिए ऐसे कबाड़ खाना बन गया था, अब तुम आ गयी हो तो अपने हिसाब से सज़ा देना.
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12-27-2018, 01:53 AM,
#60
RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
नैन एक बार फिर रीति के गले लगते हुए अपनी बात कहने लगा... रीति फिर से उसे खुद से दूर करती.... "हटो, चलो दूर हटो, अभी ज़्यादा रोमॅंटिक होने की ज़रूरत नही है"


"हुहह.. निष्ठुर कहीं की, मेरे अरमानो पर पानी फेरने के लिए शुक्रिया" और इतना कह कर अपने कपड़े समेटा और नैन चला गया तैयार होने. ऑफीस के लिए जब निकल रहा था तब रीति उसे पिछे से टोकती हुई रुकने के लिए कही....


नैन.... हां बेबी, कहो ना क्या हुआ. क्या आज मैं काम पर नही जाऊ, ऐसा कहना चाह रही हो...


रीति.... उफफफ्फ़ ओ' ... काम पर तो आप जाओ ही लेकिन पैसे देते जाओ मुझे आज घर के लिए शॉपिंग करनी है...


नैन.... अकेली शॉपिंग पर कैसे जाओगी, फोन कर देना मैं चला आउन्गा....


रीति.... जितना कही बस उतना ही, कोई ज़रूरत नही है काम चोरी करने की.


नैन छोटा सा मुँह बनाते हुए सोचने लगा.... "इसकी तो, आज तो हिटलर भी कम तानाशाह लग रहा है इसके सामने"


रीति.... मन मे क्या चल रहा है हां.....


नैन.... कुछ नही बेबी, बस यही सोच रहा था, तुम अकेली कैसे शॉपिंग करोगी.


रीति.... पैसे प्लीज़..


नैन अपना डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड दोनो निकाल कर रीति को दे दिया.... जब रीति पासवर्ड पुछि तो नैन ने कहा... अपने नाम के वर्ड्स पर प्रेस कर देना वही पासवर्ड है. इतना कह कर नैन जाने लगा..


रीति... "रुकिये एक मिनट" ... नैन फिर से खड़ा हो गया, और पुच्छने लगा .... "अब क्या"


रीति नैन के करीब आई और उसके होंठो पर एक छोटा सा गुड बाइ किस करती हुई कहने लगी... "अब ठीक है, अब आप जाओ"


नैन.... ये तो तुम्हारा हुआ, मेरा....


रीति... वो जब आप काम से लौट कर शाम को आओगे तब....


इतना कह कर रीति अंदर चली आई और नैन हँसता हुआ अपने काम पर निकल गया. 


इधर कुछ ही देर मे फ्लाइट लॅंड कर चुकी थी शिमला. मौसम काफ़ी सुहाना था शिमला का. चारों पहुचे अपने होटेल मे. हमेशा की तरह दो सबसे क्यूट कपल वासू और अनु... इनके आशिकाना मिज़ाज हर मौसम का लुफ्त उठाने को बेकरार रहता है.


अनु और वासू जैसे ही पहुँचे, वासू अपने कपड़े निकाल कर सीधे बाथरूम मे जाने लगी.


अनु.... वासू अकेली कहाँ चल दी, रूको मैं भी आया.....


वासू.... हनीमून पर आए हो क्या अनु, जो साथ नहाना है... चुप-चाप जाकर टीवी देखो.


अनु.... प्लीज़ ना वासू, मेरी इक्षा हो रही है, हम साथ नहाए.


वासू.... मार डालो अपनी इक्षाओ को अनु वरना यदि इक्षा तुम्हारी ज़्यादा ज़ोर मारी तो ना ये इक्षा पूरी होगी ना कोई और.


अनु.... उफ़फ्फ़ ये ज़ुल्म ओ सितम, मर तो वैसे ही गये हैं जान.


वासू, अनु की बात ना सुनते हुए, चली गयी बाथरूम मे और कुछ देर बाद तैयार हो कर बाहर आई. अनु बेचारा, बिस्तर पर बैठा मुँह लटकाए टीवी देख रहा था. वासू उसके पास आकर उसके बालों पर अपने हाथ फिराती.... "क्या हुआ मेरे बेबी को रूठा है क्या" ?


अनु.... "मुझे थोड़े हक़ है रूठने का, ये डिपार्टमेंट तो तुम्हारा है"..... अनु थोड़ा चिढ़'ते हुए कहा....


वासू, अनु के गालों को दोनो हाथों से खिचने लगी... एक छोटा पर लस्टी सा किस करती हुई कही...... सॉली बेबी, नाराज़ क्यों होते हो. आज रात तुम्हारा, पर दिन को कोई नॉटी ख़यालात नही... क्योंकि अभी मुझे शिमला घूमना है...


अनु मुस्कुराता हुआ उसको अपने सीने से चिपका लिया और चला गया वो भी तैयार होने. दोनो तैयार हो कर पहुँचे सैली और गौरव के कमरे. नॉक करते हुए अंदर पहुँचे. पर ये क्या दोनो दूर-दूर बस बैठे थे कोई तैयार नही हुआ था.


वासू, सैली के पास बैठ'ती हुई कहने लगी.... "क्या हुआ तुम्हे सैली, तुम तैयार क्यों नही हुई"..


सैली... मन नही कर रहा है वासू कहीं जाने का.


अनु.... सैली ऐसे कैसे मन नही कर रहा है, साथ आए हैं तो साथ घूमने जाएँगे.....


गौरव.... सही तो सब कह रहे हैं सैली, अब देखो हम नही जाएँगे तो इन्हे भी बुरा लगेगा...


सैली.... सॉरी.... आप सब मुझे यहाँ लाए ही क्यों. मेरी वजह से आप सब का टूर बोरिंग हो गया...


वासू, सब को चुप रहने का इशारा की, और तीनो बाहर आ गये..


वासू..... गौरव अभी उसे तुम्हारे साथ और प्यार की ज़रूरत है. ज़बरदस्ती मत करो, उसे गहरा सदमा लगा है... तुम आज उसको पूरा समय दो अकेले. मुझे विस्वास है तुम प्यार से उसे हॅंडल करोगे तो खुशियाँ लौट आएगी उसके जीवन मे.

इतना कह कर वासू, अनु को लेकर घूमने चली गयी और गौरव कमरे मे वापस चला आया.


सैली... क्या हुआ, तुम सब क्या बातें कर रहे थे बाहर.


गौरव... वो ज़िद कर रहे थे बाहर जाने की इसलिए मैने उन्हे समझा कर भेज दिया, कहा कल हम सब साथ जाएँगे. ठीक कहा ना मैने सैली.


सैली.... ह्म !


सैली कोई जबाव नही दी, बस अपनी सहमति जता कर खामोश हो गयी. हमेशा बोलते रहने वाली जिस लड़की को गौरव चाहता आया था, वो आज खामोश थी. सैली का इस तरह से खामोश रहना गौरव के दिल पर ये बार-बार चोट कर रहा था.


सैली के पास वो भी खामोश बैठ गया. दोनो बस खामोश, सामने की ओर देख रहे थे.... गौरव, सैली के हाथ को अपने हाथों मे थामते हुए उसे प्यार से पुच्छ ने लगा.... "क्या हुआ मेरी चुल-बूली सैली को इतनी खामोश क्यों है".


सैली बस कमोशी वाला ही जबाव दी "कुछ नही". सैली की इतनी हिम्मत नही हुई कि वो नज़रें मिला कर गौरव से बात कर सके. गौरव अपना सिर सैली के गोद मे रख कर लेट गया... और कहने लगा.... "क्या मैं अपने सैली को जानता नही, देखो तो तुम्हारा क्रेज़ी-बॉय तुम्हे खामोश देख कर क्रेज़ी होना छोड़ चुका है"


कोई भी बात सैली को खुल कर नही बुलवा सकी वो फिर भी खामोश रही.... गौरव भी खामोश उसकी गोद मे लेटा रहा... गौरव के दिल मे जैसे चिहुक सी उठ रही हो, सैली का चुप रहना उसे खाए जा रहा था.


तभी मोतियों से, दो बूँद आंशु टपकता हुआ गौरव के गाल पर गिरा. सैली के आंशु क्या गिरे गौरव के दिल मे दर्द सा हो ने लगा... वो उठ कर बैठ गया और सैली के चेहरे को उपर उठा'ते हुए कहने लगा..... "ये सब क्या है सैली, तुम रो क्यों रही हो. मत रो तुम प्लीज़, तुम्हे रोता देख कर मेरे दिल मे दर्द हो रहा है".


सैली, गौरव की बात ख़तम होने से पहले ही उस से लिपट कर और ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी..... "क्रेज़ी बॉय मैने अपने अहंकार वश सबका दिल तोड़ा है, मैं साथ रहने के काबिल भी नही"

गौरव उसके पीठ पर हाथ फिराते हुए.... नही सैली, किसी के दिल मे भी उस बात के लिए कोई मलाल नही, और देखो नेनू ने तो कभी माइंड ही नही किया इस बात का.


सैली, गौरव से लिपटी ही रही, रोती-रोती कहने लगी.... नही गौरव मेरे दिल मुझे अंदर से धिक्कार रहा है. सब ने मेरा कितना ख्याल रखा और मैने क्या किया... हर वक़्त सबके दिल को दुखाया...


गौरव... दिल तो मेरा दुख रहा है अभी. प्लीज़ वापस आ जाओ सैली. मुझे अपनी पहले वाली सैली चाहिए... चुल बूली सी और ढेर सारा गुस्सा करने वाली.


सैली.... क्रेज़ी बॉय वो सैली तो कब का मर गयी. तुम सब का शुक्रिया इतना साथ निभाने के लिए पर मैं अब तुम सब के साथ रहने के काबिल भी नही. और जिस पर तुम्हारा हक़ था, उसे मेरी ही सहमति से सब ने भोगा... अब तो मैं तुम्हारे प्यार के भी काबिल नही रही गौरव... मैं तुम्हारे प्यार के भी काबिल नही.
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