non veg story प्यासे दिन और प्यासी रातें
07-23-2018, 12:00 PM,
#1
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प्यासे दिन और प्यासी रातें


मेरी शादी के तीन साल बाद मेरे एक बेटा हुआ और मेरी बीवी रेखा का सेक्स में रुझान कम हो गया।
मैं छब्बीस साल का गोरा चिट्टा फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला आकर्षक व्यक्तित्व का नौजवान हूँ, मुझे सेक्स का बहुत शौक है पर अब बीवी साथ नहीं देती तो मुठ से काम चलाना पड़ता था।
मैं अंग्रेजी नोवल पढ़ता और एडल्ट मूवीज बहुत देखता था।
मेरे एक बड़े भाई जैसे दोस्त थे राज, उनकी पत्नी पायल… दोनों बहुत मस्त प्रकृति के थे और मुझसे बहुत प्रेम रखते थे।
उन दोनों की शादी जल्दी हुई थी और बच्चा भी तुरंत ही हो गया था।
उनकी कोठी अगली कॉलोनी में ही थी और वो अपने माँ-पिताजी के साथ रहते थे।
उनके माँ-पिताजी को मैं चाची-चाचा कहता था, वो लोग नीचे रहते थे और राज – पायल का कमरा ऊपर था।
राज के एक ही लड़का था वो भी नैपायलल मैं हॉस्टल में पढ़ता था।
राज शाम को अपने व्यापार से सात बजे तक आ जाते थे और आधा घंटा नीचे माँ-पिताजी के साथ बैठकर फिर ऊपर चले जाते थे। कहीं जाना हो तो अलग बात है वर्ना फिर वो अगले दिन सुबह ही नीचे आते थे।
खाना भी उनका नौकर ऊपर ही लाता था।
मैं महीने में 4-5 बार तो खाना उनके घर ही खाता था। रेखा ने कभी इस पर एतराज भी नहीं किया।
इधर कुछ दिनों से मैं महसूस कर रहा था कि राज, पायल मुझसे कुछ ज्यादा ही खुल गए हैं। मैं पायल को भाभी कहता था मगर अब उन्होंने मुझसे जबरदस्ती अपना नाम लेने को ही कहा, मुझे भी कोई दिक्कत नहीं लगी क्योंकि मेरी और पायल की उम्र बराबर ही थी।
हाँ, राज को मैं राज भाई कहता था, वो थे भी मुझसे 4 साल बड़े!
रात को इन दिनों पायल ने कुछ ज्यादा ही सेक्सी नाईट ड्रेस पहननी शुरू कर दी थी।
एक शाम को जब में चाचा-चाची के पास बैठा था राज ने ऊपर से मुझे आवाज देकर बुलाया और मुझसे रात को खाना खाकर ही जाने के लिए कहा।
मैंने कहा- नहीं, घर पर खाना बन चुका होगा।
तो चाची बोली- कोई बात नहीं, रेखा को कह देना कि चाची ने कहा था।
मैं कुछ नहीं कह पाया, थोड़ी देर बाद ऊपर चला गया।
गर्मी के दिन थे पर राज का कमरा आज ए सी से खूब ठंडा हो रहा था और मोगरा की खुशबू से महक रहा था।
पता चला कि आज पायल की बर्थडे है, पायल बाथरूम में थी।
मैंने राज से कहा- भाई मैं अभी आता हूँ, पायल के लिए एक गिफ्ट ले आऊँ!
राज हंस कर बोले- तू खुद ही आज गिफ्ट बन जा!
मैं कुछ समझा नहीं और हंस कर कह दिया- मैं तो आप ही लोगों का हूँ।
नौकर रामू खाना रख गया।
राज ने पायल को आवाज दी, संभवतः वह रामू के जाने का ही इन्तजार कर रही होंगी बाहर आने के लिए!
वो ही हुआ, राज के आवाज देने के बाद ही पायल बाथरूम से बाहर आई!
क्या ग़जब की खूबसूरत लग रही थी, लाल रंग की मिनी नाईटी पहने हुए थी वो… होठों पर लाल लिपस्टिक थी, हाथों में लाल रंग की ही नेल पॉलिश लगा रखी थी और स्लीपर भी उन्होंने लाल ही पहने थे।
मैंने होश खोते हुए उनसे हाथ मिलाते हुए हैप्पी बर्थडे कहा।
हाथ छूते ही लगा कि करंट लग गया हो… जिन्दगी में पहली बार मैंने उन्हें छूआ था पर उन्होंने तो कमाल ही कर दिया। पायल ने थैंक्स कहते हुए मुझे चूम लिया था।
हालाँकि उनकी इस हरकत को राज ने नहीं देखा।
खाना खाकर राज ने रामू को आवाज दी बर्तन ले जाने के लिए, पायल बाथरूम में चली गई, मैं भी उनको स्वीट ड्रीम्स बोलकर वापस घर जाने के लिए खड़ा हुआ तो राज बोले- थोड़ी देर में चले जाना!
उनके कहने पर पायल ने रेखा को फोन कर के कह दिया कि मैंने उनके घर खाना खा लिया है और मैं देर से घर आऊँगा।
हम लोग बिस्तर पर अधलेटे होकर टीवी पर सीडी देख रहे थे, राज ने कोई इंगलिश रोमांटिक मूवी लगा दी थी। जो पार्ट हम लोग देख रहे थे उसमे फ्रेंच किस सीन, जिसमें जोड़े होठों से होंठ मिलाये देर तक रहते हैं, ज्यादा थे।
हम लोग इस तरह से लेट कर टीवी देख रहे थे कि मेरी पीठ राज की ओर थी और राज की पीठ पायल की ओर थी।
मूवी देख कर हम सभी गर्म हो रहे थे। पायल कब राज से चिपक गई, मुझे पता ही नहीं चला।
मुझे जब स्मूच की आहट हुई तब बिना मुड़े मैंने यह अंदाज़ कर लिया कि राज पायल फ्रेंच किस कर रहे हैं।
मगर ये मेरी उपस्थिति में क्यों इतने बेताब हो रहे हैं, यह मैं उस समय नहीं समझ पा रहा था।
मेरा सिर राज की छाती से टिका था और मुझे अब यह एहसास हो रहा था कि पायल अपना हाथ राज की छाती पर ले आई है और राज के निप्पल पर अपनी उँगलियाँ घुमा रही है।
उसकी इस हरक़त से निश्चित रूप से राज का खड़ा हो गया होगा और इस विचार से मेरा भी खड़ा हो गया था।
बड़ी अजीब स्थिति थी… न तो मैं पीछे देख पा रहा था और न ही घर जा पा रहा था।
अचानक राज यह कह कर उठा कि नीचे झांक आऊँ और बाहर जाकर वापस आ गया और पायल को आगे मेरी ओर धकेल कर खुद उसके पीछे लेट गया।
अब पायल बीच में थी।
राज ने बदमाशी में पायल को पीछे से धकेला तो पायल बिल्कुल मुझसे चिपक गई।
राज ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और पायल का हाथ मेरे ऊपर रख दिया और मुझसे बोला- तू तो आज पायल का बर्थडे गिफ्ट है तो झिझक क्यों रहा है?
अब मैं भी मस्ती के मूड में आ चुका था तो बोला- नहीं, मैं तो नहीं झिझक रहा पर जिसका गिफ्ट है उसकी जो मर्जी हो, वो अपने गिफ्ट से कर सकती है।
राज ने पायल से कहा- अपना गिफ्ट अनरैप कर लो!
पायल शरमाई पर राज ने उसे फिर उकसाया तो उसने अपना हाथ मेरी छाती पर रख दिया और मेरे निप्पल पर अपनी उंगलियाँ गोल गोल घुमाने लगी।
अब तो मेरी गांड फट चुकी थी और लंड बगावत कर बाहर आने को तैयार था।
मुझे फच फच की आवाज आने लगी तो मैं समझ गया कि राज ने अपनी उंगली पायल की चूत में कर दी है।

मैंने भी सर घुमाकर पायल के होठों को अपने होठों से मिला लिया।
अब पागल होने की बारी पायल की थी, एक तो राज ने उसकी चूत को मस्त कर दिया था और अब होठों की गर्मी उसकी कामाग्नि भड़का रही थी। वो पागलों की तरह मुझसे लिपट गई और मेरे पूरे चेहरे को चूमने चाटने लगी।
मैंने भी एक हाथ से उसके मम्मे दबाने शुरू कर दिये थे।
तभी मुझे एहसास हुआ कि जो कुछ हो रहा है, यह गलत है।
मैं एक झटके में पायल को अपने से अलग करके खड़ा हुआ और कमरे से बाहर आ गया।
पीछे से राज ने धीरे से आवाज दी तो मैंने कोई जबाब न देते हुए सीधे सीढ़ियों पर से नीचे आ गया और अपने घर की ओर चल दिया।
घर आकर रेखा ने मुझसे पूछा- आजकल पायल भाभी तुम्हें रोज दावत देती हैं, मैंने उनसे कह दिया है कि मुझे भी कभी कभी दावत दिया करें!
मैं कामाग्नि में जल रहा था और मन में पश्चाताप भी था कि आज तो बहुत कुछ गलत हो गया, पता नहीं अब राज मुझे कभी घर आने देंगे या नहीं?
कभी रेखा को पता चल गया तो?
मैं नहा कर चुपचाप बिस्तर पर लेट गया।
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07-23-2018, 12:00 PM,
#2
RE: non veg story प्यासे दिन और प्यासी रातें
रेखा को भी यह एहसास था कि हमारी सेक्स लाइफ नीरस हो गई है इसलिए आज उसने भी हल्का सा मेकअप किया और एक झीनी सी नाइटी पहन कर बिस्तर पर आई और आते ही मुझसे चिपक कर मुझे चूमने लगी।
उस रात हम लोगों ने बहुत दिनों के बाद सेक्स का आनन्द लिया।
अगले दिन राज दोपहर को मेरी फैक्ट्री आये और बोले- चल ठण्डा पिला!
मैंने फ्रिज से बोतल निकाल कर उसे दो गिलासों में करी।
ठंडा पीते पीते मैंने उनको सॉरी बोला।
राज हंसकर बोले- सॉरी तो तुझे बोलना चाहिए पर पायल को जिसका बर्थडे तूने ख़राब कर दिया।
वो बोले- चाहे फिर कभी नहीं मानता, पर कल तो तुझे पायल को किसी बात के लिए मना नहीं करना चाहिए था।
मैंने राज को बोला- आप मेरी ओर से भाभी को सॉरी बोल देना!
राज बोले- गलती तूने की है, सॉरी तुझे खुद घर आकर बोलनी होगी।
मेरी हिम्मत नहीं पड़ रही थी, घर आने की तो राज ने अपने मोबाइल से पायल का नंबर मिलाया और बोले- ले रंगीला से बात कर ले!
पायल ने मुझसे फ़ोन पर चुम्बन करते हुए कहा- जो कुछ हुआ, वो सबकी मर्जी से हुआ… उसे भूल जाओ और आज घर आ जाना!
मैं शाम को फैक्ट्री से घर जल्दी आ गया और रेखा को झूठ बोल कर कि मुझे किसी पार्टी के साथ फैक्ट्री पर ही डिनर करने जाना है, नहा धोकर निकल लिया।
घर से निकला ही था कि राज का फ़ोन आ गया- कितनी देर में आ रहा है?
मैंने कहा- तुम लोग खाना खा लो, मैं रात को आऊँगा, जब तुम फ्री हो जाओ तो मुझे फोन कर देना!
जब आदमी बेईमानी पर आता है तो वो बहुत प्लानिंग करता है, मैंने होटल से खाना पैक कराया, फैक्ट्री जाकर खाना खाया।
तभी राज का फ़ोन आ गया।
अब मेरे पास यदि रेखा शक करती या कुछ पूछती तो होटल का बिल भी था और राज के घर जाने का बहाना भी था कि राज ने फ़ोन करके बुलाया था।
मैं रात को नौ बजे करीब राज के घर पहुँचा, राज ने मेन गेट खोला और मुझे अन्दर करके बंद कर दिया।
चाचाजी चाचीजी अपने कमरे में सोने की तैयारी में होंगे, हम दबे पाँव ऊपर आये।
पायल भाभी ने आज काले रंग की स्लीवलेस मिडी पहन रखी थी और गोरी होने से उसके ऊपर खूब फब रही थी।
पायल की आँखें नशीली हो रही थी।
राज ने मुझसे कहा कि मैंने पायल को उसके बर्थडे पर रुलाया है, इसलिए अब मैं ही उसे खुश करूँगा।

मैंने पायल के पास जाकर सॉरी बोला तो उसने मेरे बाल पकड़कर मुझे अपनी ओर खींचा और होठों से होंठ मिला दिये।
मुझे लगा कि शायद यही सही है तो मैंने कुछ एतराज नहीं किया और पायल के सर के पीछे दोनों हाथ ले जाकर उसे अपनी ओर भींच लिया और अपनी जीभ उसके मुंह के अन्दर कर के उसकी जीभ को चूसने लगा।
वो पागलों भी की तरह मेरी जीभ को अपनी जीभ से चूस रही थी।
अब अचानक ही मेरा एक हाथ उसके मम्मों पर आ गया और उसका एक हाथ मेरे लंड को टटोल रहा था।
अचानक ही राज की आवाज़ आई- अरे भाई हमें भी शामिल कर लो बर्थडे पार्टी में!
सच में हम दोनों को ही झटका लगा… वाकयी हम तो यह भूल ही गए थे कि कमरे में राज भी है।
पर पायल बहुत प्रैक्टिकल निकली, उसने राज को भी खींचा और अब उसके होंठ राज के होंठों से मिल चुके थे और उसके एक हाथ में मेरा और दूसरे हाथ में राज का लंड था।
मैं भी थोड़ा झुककर उसकी मिडी के ऊपर से ही उसके मम्मे चूस रहा था।
यह देख राज ने उसकी मिडी उठाकर उसकी चूत में अपनी उंगली कर दी थी।
दो मिनट के बाद ही पायल ने हम दोनों को धक्का देकर अलग कर दिया और नीचे बैठकर कभी मेरा कभी राज का लंड चूसने लगी। उसका चूसने का स्टाइल ऐसा ग़जब था जैसे वो चूस कर अंदर का माल निकालना चाहती हो।
राज और मेरे दोनों के लंड पूरे तने हुए थे। भाभी शिश्न की खाल को अपने हाथ से आगे पीछे कर के पूरी उत्तेजना पैदा कर रही थी। 
राज ने थोड़ा झुक कर पायल की मिडी ऊपर खींच कर उतार दी।
हम लोगों ने भी अपने पूरे कपड़े उतार दिये।
अब हम तीनों बिल्कुल नंगे थे।
पायल खड़ी हुई और हम दोनों के हाथ पकड़कर बेड तक ले गई, वो बीच में लेटी, उसकी एक ओर मैं और दूसरी ओर राज था।
उसने अपने हाथों में हम दोनों के लंड ले लिए, मैं उसके होंठों से चिपक गया, मेरे हाथ उसके चेहरे को मजबूती से अपनी ओर भींचे हुए थे।
राज को कुछ और समझ में नहीं आया तो वो पायल से अपना लंड छुड़ाकर उसकी चूत को चूसने लगा।
पायल की चूत तो पहले ही पानी छोड़ चुकी थी।
राज ने अपनी जीभ उसकी चूत में पूरी अन्दर कर रखी थी और उसने उसकी चूत में अपने मुँह से खूब सारा थूक भी वहाँ डाला हुआ था जो बहकर पायल की गांड तक आ रहा था।
राज के चूमने चाटने से पायल की आग बहुत भड़क उठी थी।
अब मैं भी उसके होंठ छोड़कर उसके मम्मे चूस रहा था। पायल के मम्मे मांसल और गोरे थे और उसकी निप्पल भी उठी हुई थी। निप्पल के चारों ओर भूरे रंग की गोलाई थी, कुल मिलकर हूरों जैसा रूप था पायल का…
शायद किसी के लिए भी उसके नजदीक आना एक नसीब की बात थी और ऐसे हुस्न की मलिका आज नंगी मेरी बाँहों में थी।
राज ने चूत चूसते चूसते अपनी एक उंगली पायल की गांड में कर दी, पायल हल्का सा चीखी!
तभी मैंने उसके निप्पल पर दातों से काटा था, मुझे लगा कि पायल मेरे काटने से चीखी है तो मैंने अपने होंठों से उसका मुँह सिल दिया। राज ने भी अपनी जीभ की स्पीड और बढ़ा दी।
पायल ने मेरे कान में फुसफुसा कर कहा- अन्दर आ जाओ!
मैं वहाँ से हटा तो राज को भी हटना पड़ा और राज एक बार बेड से नीचे उतरा।
मैंने मौका साफ़ देखा तो पायल की टांगों के बीच में आ गया और धीरे से उसके ऊपर आ गया, पायल ने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत के ऊपर रख दिया।
मैंने भी अपने लंड का दवाब पायल की चूत पर डाला और धीरे से उसकी चूत के अन्दर किया। चूंकि पायल की चूत को राज पहले ही चिकना किये हुए था, इसलिए पायल को एक नए लंड से कोई दिक्कत नहीं हुई।
पायल भाभी और मेरे लिए अपने साथी के अलावा किसी अन्य से सम्भोग करने का पहला अवसर था इसलिए आग पूरी लगी हुई थी, दो जिस्म एक होने को बेक़रार थे, हम भूल चुके थे कि राज कमरे में ही है।
पायल ने अपनी बाहें मेरी गर्दन में डालकर मुझे झुका लिया था और मैं भी अपना लंड पूरा अन्दर कर चुका था। पायल की कामाग्नि भड़क चुकी थी, वो मेरे लंड को और गहराई से अन्दर करना चाह रही थी।
मैंने धक्के देने शुरू किया… अब पायल की सीत्कारें निकलने लगी, वो हाँफ रही थी और कह रही थी- रंगीला और अन्दर करो… जोर से करो, और तेज करो प्लीज रंगीला… मुझे पूरा मजा दो… आज फाड़ दो मेरी चूत को!
मैंने भी पूरा जोर लगा कर अपनी स्पीड बढ़ा रखी थी।
अब राज भी अब बेड पर पर पायल के सर के पास आ गया था, पायल ने हाथ बढ़ाकर राज का लंड अपने मुँह में ले लिया।
राज मुझे देखकर मुस्कुराया, मैंने अपने हाथ से राज का हाथ पकड़ा।
तभी मुझे लगा कि मैं छूटने ही वाला हूँ, मैंने कहा- पायल भाभी, मैं आने वाला हूँ कहाँ निकालूँ?
पायल ने मुझे भींचते हुए कहा- बाहर मत निकालना!
मैं दो-चार धक्कों में ही आ गया, मैंने अपना सारा माल पायल भाभी की चिकनी चूत में डाल दिया और साफ़ करने के लिए उठने की कोशिश की पर पायल ने मुझे जकड़ लिया, बोली- कहीं मत जाओ, ऐसे ही पड़े रहो!
मगर मुझे लगा कि अभी राज का तो हुआ नहीं है इसलिए मैं जोर देकर उठ गया और बाथरूम की ओर चल दिया।
बाथरूम से धोकर साफ़ करके आया तो देखा कि राज पायल को कुतिया बना कर चोद रहा है, वो उसके ऊपर चढ़ा हुआ था और पायल की चुदाई कर रहा था।
वो अपने एक हाथ से पायल के मम्मे भी मसल रहा था।
कुछ ही देर में राज भी आ गया और पायल वहीं बिस्तर पर पेट के बल निढाल होकर लेट गई… राज बाथरूम की ओर चल दिया।
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07-23-2018, 12:01 PM,
#3
RE: non veg story प्यासे दिन और प्यासी रातें
अब मुझे भी घर जाना था, मैंने कपड़े पहने, बिस्तर पर लेटी पायल को चुम्बन किया और राज से नीचे दरवाजा खोलने को कहा और दबे पाँव नीचे आ गया।
अगले दिन 11 बजे पायल का फोन आया, एक लम्बे किस के बाद उसने मुझे थैंक्स बोला।
मैंने उससे पूछा कि वो इतनी खूबसूरत है और राज भी बहुत सेक्सी है… फिर मुझे बीच में क्यों घुसा लिया?
पायल ने बताया कि पता नहीं क्यों पर मैं उसे बहुत अच्छा लगता हूँ। सेक्स के दौरान पायल और राज ने पाया कि अगर वो किसी तीसरे का नाम लेते हैं तो उन्हें सेक्स में ज्यादा मजा आता है।
राज उस दौरान पायल की चचेरी बहन जो पायल की ही हमउम्र और गठीले बदन की है, का नाम लेता था और पायल मेरा नाम लेती थी।
पायल ने बताया कि उसकी चचेरी बहन कोमल तो फिलहाल पायल की पकड़ में नहीं आ रही थी राज के लिए, हालाँकि पायल और कोमल आपस में बहुत खुले हुए हैं और एडल्ट जोक्स खूब शेयर करतें हैं और एक दो बार एक बिस्तर पर दोनों ने एक दूसरे के मम्मे दबाये और चूत में उंगली की है। पर यह कहने की कि कोमल राज से चुदा ले, अभी तक पायल की हिम्मत नहीं हो पाई है।
हाँ पर जब पायल मेरा नाम लेती थी तो राज की चोदने की स्पीड बढ़ जाती थी और पिछले दिनों एक बार राज ने पायल से पूछ ही लिया था कि अगर वो मुझसे पायल को चुदा दे तो क्या पायल कोमल को राज से चुदने के लिए मना लेगी।
इस पर पायल ने राज को कहा था कि वादा तो नहीं है पर अगले महीने कोमल 2-3 दिनों के लिए यहाँ आएगी, उस दौरान पायल पूरी कोशिश करेगी कि कोमल राज से चुद जाए।
पायल के बर्थडे वाले दिन जब मैं अचानक वापस आ गया तो पायल बहुत घबरा गई थी कि चुदाई भी हुई नहीं और बात भी खुल गई कि पायल मुझमें इंटरेस्ट रखती है।
तब उसने राज को कहा था कि बस एक बार राज मुझे घर बुला लाये, बाकी पायल खुद सम्भाल लेगी।

पायल ने मुझसे पूछा- सच बताना तुम्हें कैसा लगा?
मैंने कहा- मुझे तो अभी तक यकीन नहीं हो रहा कि पायल जितनी प्यारी और ख़ूबसूरत लड़की मेरे साथ बिस्तर पर थी, वो भी अपने पति की मौजूदगी में!
पायल ने कहा कि उसे मेरे बात करने का और सलीके में रहने का स्टाइल बहुत पसंद था, पर अब उसे मेरा सेक्स करने का स्टाइल भी बहुत पसंद है।
उसने मेरे लंड का नाम ‘चैम्प’ रखा और मैंने उसकी चूत का नाम ‘परी’ रखा।
हमने अपने सेक्स का नाम ‘मस्ती’ रखा।
कुल मिलकर हमारे बीच अब एक नया रिश्ता जुड़ चुका था जिसमें रेखा और राज कहीं नहीं थे।
पायल बोली कि मर्द कुछ भी बोले पर शक्की बहुत होता है। पायल ने बताया कि राज को आज सुबह लग रहा था कि कहीं पायल मुझसे जुड़ तो नहीं गई है इसलिए अब वो मुझे फोन राज से छिप कर करेगी, रोज ठीक 11 बजे, क्योंकि 11 बजे राज दुकान जाता है और अगले एक घंटा उसे फुर्सत नहीं मिलती।
इसलिए पायल ने राज से कह रखा है कि अगर 11 से 12 के बीच पायल का फोन व्यस्त आये तो राज समझ ले कि पायल या तो अपने मायके वालों से बात कर रही है या अपनी सहेलियों से!
इसलिए इस बीच पायल मुझे किया करेगी, वो भी लैंडलाइन पर…
सच बेवफाई और प्यार बहुत शातिर बना देता है।
मैं और पायल अब रोज 11 से 12 अपनी ‘मस्ती’ की बातों में डूबने लगे।
एक दिन राज ने मुझे कहा कि कल वो और पायल सूरजकुंड मेला देखने जा रहें हैं।
उसने मुझसे कहा साथ चलने के लिए!
हालाँकि में उस दिन दिल्ली जा भी रहा था, पर मैंने उनके साथ जाने को मना कर दिया, कहा- जाओ और मस्ती कर के आओ!
शाम को पायल भाभी का फोन आया और उसने मुझे साथ चलने के लिए दवाब दिया।
आखिर मैंने उससे इस बात के लिए बोल दिया- ठीक है, मैं दोपहर को सूरजकुंड पहुँच जाऊँगा।
अगले दिन मैं अपना काम निपटा कर दोपहर एक बजे करीब मेले में पहुँचा।
मुझे पायल और राज मिल गए, पायल ने जीन्स और टॉप पहना था।
हम लोगों ने रेस्टोरेंट में खाना खाया।
पायल बोली- मुझे तो नींद आ रही है!
और ऐसा कहते उसने मेरी ओर राज से छुपा कर आँख मारी।
मैं समझ गया कि वह चुदासी हो रही है, मैंने उससे धीरे से कहा कि होटल में कमरा लेना पड़ेगा और दो हजार से कम का कमरा मिलेगा नहीं, क्यों दो तीन घंटों के लिए पैसा बर्बाद करती हो।
मगर उसे और राज को तो चुदाई सूझ रही थी। वहीं कॉटेज भी थीं जिनका किराया एक हज़ार रूपये था, जो शायद चुदाई के ही काम आती होंगी।
खैर, हम लोग एक कॉटेज में गए।
मैंने उन्हें एकांत देने के मूड से कहा- तुम लोग आराम कर लो, मैं घूम कर आता हूँ।
तब राज बोला- पहले हम बाथटब में नहा कर आते हैं, फिर बैठ कर गप्पें मारेंगे।
एक्स्ट्रा कपड़े तो लाये नहीं थे इसलिए उन दोनों ने अपने कपड़े कमरे में ही उतार कर तौलिये लपेट लिए थे।
तौलिये में पायल का चिकना और संगमरमरी बदन क़यामत ढा रहा था, गोरी चिकनी उँगलियों पर उसने लाल नेल पॉलिश लगा रखी थी।
सच मेरा चैम्प तो जीन्स फाड़ कर बाहर आने को तैयार था मगर समय की मजबूरी थी, बिना राज से न्यौता मिले मैं कुछ नहीं कर सकता था।
मेरा खड़ा करके पायल और राज नहाने चले गए।
अंदर से उनके चूमने, चिपटने की आवाज आ रही थी, मैं अपना लंड बाहर निकाल कर मुठ मारने की सोच ही रहा था कि पायल तौलिया लपेट कर बाहर आई और मुझे एक चुम्मी देकर कान में फुसफुसा कर बोली- अभी राज नखरे कर रहा है, शायद आज चुदाई न हो!
सही बात यह थी कि राज इस बात से डर गया था कि कहीं पायल उसके हाथ से निकल कर मुझसे प्यार न कर बैठे!
अब राज को कौन समझाए कि जिस बात से वो डर रहा है, वो तो हो चुका…
अब पायल बीवी तो सिर्फ उसकी है पर माशूका मेरी है।
मेरी माशूका की चूत में बाथटब में नहाकर आग लगी हुई थी, जो शायद उसका पति नहाते समय न बुझा पाया हो, या फिर वो अपने आशिक के लंड की प्यासी हो रही हो!
तभी राज भी तौलिया लपेट कर बाहर आ गया।
पायल ने बड़े स्टाइल से मुझसे आँख मारकर कहा- तुम प्लीज बाहर चले जाओ जिससे मैं कपड़े बदल सकूँ।
मैं दरवाजे से निकला ही था कि पायल ने अपना तौलिया हटा दिया और राज का भी तौलिया खींच दिया।
पायल ने ये सब क्यों किया?
सुनिए उसी की जुबानी:
रंगीला के लंड के लिए में बहुत बैचैन हूँ, पर राज से कह नहीं सकती।
और राज डर रहा है कि कहीं मैं रंगीला के लंड की दीवानी न हो जाऊँ।
राज को क्या मालूम कि मैं राज से बहुत प्यार करती हूँ पर रंगीला की दीवानी हो गई हूँ, उसका बात करने का, कपड़े पहनने का, चोदने का, होठों पर चूसने का अंदाज़ अलग है।
मैंने सोचा कि कुछ ऐसा करूँ जिससे राज को लगे कि मैं सिर्फ उससे नजदीकी चाहती हूँ और मैं उसे यह विश्वास दिला दूँ कि कोमल की चूत उसे दिलाने के लिए मैं अपनी पूरी कोशिश कर रही हूँ।
मैं ऐसा करती हूँ कि रंगीला को बाहर भेज देती हूँ तो राज को लगेगा कि मैं रंगीला की मौजूदगी में मजे नहीं ले पा रही हूँ, इसलिए मैंने रंगीला को आँख मारकर बाहर भेज दिया ताकि उसे बुरा न लगे।
और उसके जाते ही खुद भी नंगी हो गई और राज को भी नंगा कर दिया।
जब दो बदन नंगे हों तो आग तो लग ही जानी है…
राज ने मुझे अपने नंगे बदन से चिपटा लिया।
मैंने अब उससे एक झूठ बोला- तुम्हारे लिए एक खुशखबरी है, कोमल अगले हफ्ते आ रही है और वो बजाये दो तीन दिन के चार पांच दिन रुकेगी और मैंने उससे कुछ सेक्सी नाईट ड्रेस लाने को कहा है। मेरा पूरा प्रयास होगा कि पहले या दूसरे दिन ही हम तीनों बिस्तर पर एक साथ हों!
राज यह सुनते ही बेकाबू हो गया और मुझे बेतहाशा चूमने लगा।
अब मैंने अपना आखिरी तीर मारा, मैंने राज से पूछा- राज सच बतओ तुम रंगीला को लेकर मुझसे डर रहे हो न?
राज चुप रहा।
मैंने उसके होठों पर एक जोरदार चुम्मी लेकर कहा- इसमें कोई शक नहीं कि मुझे रंगीला के साथ बहुत मजा आया, पर वो सब कुछ राज और मेरे संबंधों की कीमत पर नहीं!
मैंने राज को यह विश्वास दिलाया कि मेरे लिए जो राज है वो कोई दूसरा हो ही नहीं सकता।
और अगर राज को पसंद नहीं तो मैं रंगीला से कोई नजदीकी नहीं चाहती!
बस इतना सुनते ही राज ने मुझे कस के भींच लिया और बोला- जानू, बस मुझे यही सुनना था! अब मुझे कोई डर नहीं… मेरी जान को कोई चीज ख़ुशी दे रही है तो अब मुझे इसमें कोई एतराज नहीं होगा!
राज बोला- अब मुझे यकीन है कि रंगीला की वजह से उसके और पायल के सबंधों पर कोई दिक्कत नहीं आएगी।
राज ने मुझसे यह भी कहा कि अब वो मुझ और रंगीला पर कोई शक नहीं करेगा, मैं जब चाहे रंगीला को घर बुला सकती हूँ या फोन पर बात कर सकती हूँ।
राज बहुत खुश था और उससे ज्यादा मैं खुश थी।
मैंने राज से कहा- अब कपड़े पहन लो, बेचारा रंगीला बाहर खड़ा है।
राज ने तौलिया लपेटा और मैंने भी केवल तौलिया ही लपेट लिया।
राज ने इण्टरकॉम पर पनीर पकोड़े और चिल्ड बियर का आर्डर दिया और रंगीला को बुलाने बाहर गया।
अब रंगीला बताएगा कि क्या हुआ आगे!
मुझे पायल ने बाहर भेज तो दिया पर मैं बाहर क्या करता, बाहर एक हट में स्नैक्स शॉप थी… मैं उस पर जाकर खड़ा हो गया और चिप्स और कोल्ड ड्रिंक ले ली।
मुझे पायल पर यकीन था कि वो कुछ भी करके मुझे अन्दर बुलाएगी और हम सब मस्ती करेंगे।
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07-23-2018, 12:01 PM,
#4
RE: non veg story प्यासे दिन और प्यासी रातें
लगभग पंद्रह मिनट की बोरियत के बाद मुझे राज अपनी ओर आता दिखाई दिया, मेरे दिल के धड़कन बढ़ गई… पता नहीं अन्दर क्या गुल खिला हो!
राज ने मेरे पास आकर मेरा हाथ पकड़ा और मुझसे गले लगकर बोला- सॉरी… चल अन्दर चल!
मैं और राज कॉटेज में गए।
राज तो तौलिया लपेटे था, अन्दर पायल ने एक फ्रॉक डाल ली थी।
मैं राज के पीछे था, पायल ने आगे बढ़कर मुझे अपने होठों से लगा लिया।
राज के सामने मुझे उससे एसी उम्मीद नहीं थी पर अब मैंने भी बेशर्मी से उसे भींच लिया, उसके गोल गोल मम्मे उसके जलते होंठ और उसका मेरे बालों में हाथ फेरना… बता नहीं सकता… आग लग गई थी।
मैंने फ्रॉक के ऊपर से ही उसकी चूत का दाना मसल दिया।
पीछे से राज हंसकर बोला- जरा सब्र कर, वेटर खाने का सामान लेकर आता ही होगा!
तभी गेट पर आहट हुई।
पायल अन्दर बाथरूम में चली गई, वेटर आया था सामान लेकर… उसके जाने के बाद राज ने दरवाजा बंद कर दिया।
पायल बाहर आ गई।
उसने पकोड़े प्लेट में कर दिये, राज ने बियर की बोतल खोल ली और मेरी ओर कर दी।
मुझे मालूम था कि पायल बियर ले लेती है, मैंने एक घूँट भर कर पायल को दोबारा होंठ से चिपका लिया और अपने मुँह की बियर उसके मुँह में डाल दी।
राज ने बियर की बोतल उसकी चूत में घुसा कर थोड़ी सी लुढ़का दी और फिर नीचे लेटकर उसकी चूत चूसने लगा।
अब पायल की आग भड़क चुकी थी, उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिये, मैंने भी उसका साथ दिया और अपने साथ ही उसे भी नंगी कर दिया।
राज ने भी तौलिया पलंग पर फेंक दिया था।
मैंने पायल को कमर से उठाया, उसने अपनी टाँगें मेरी कमर पर लपेट ली और एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत की ओर किया।
मैंने भी पूरा जोर लगा कर लंड को भाभी की चिकनी चूत में घुसा दिया।

मैंने खड़े खड़े ही दो-चार धक्के मारे तो पायल मुझ पर और झूल गई। उसने अपनी बाहें ढीली की और खुद भी झटके देते हुए अपनी जीभ मेरे मुख में कर दी।
अब मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने उसे पलंग पर लिटाया और चढ़ गया उसके ऊपर…
राज भी जोश में था, उसने अपना लंड पायल के मुँह में घुसा दिया।
पायल एक हाथ से उसका लंड चूस रही थी और दूसरे हाथ से उसने मेरे बाल पकड़े हुए थे। दस मिनट की धक्का मुक्की के बाद उसकी चूत और मम्मे मेरे और राज के वीर्य से भरे हुए थे।
राज ने अपना लंड उसके मुख से निकाल कर अपना माल उसके मम्मों पर खाली कर दिया था।
एक ऐसा वासना का माहौल बना था जिसे हम तीनों ने एन्जॉय किया।
पायल बाथरूम चली गई और शावर लेकर तौलिया लपेट कर बाहर आई।
हम लोगों ने पकौड़े और बियर निबटाई।
शाम हो चुकी थी, हम लोग वापस आ गए।
इसके बाद तो हमारा रूटीन ही बदल गया, राज से हरी झंडी पाकर पायल मुझसे जुड़ती चली गई। पायल और मैं रोज कई बार बात करते!
पायल ने मुझे कह रखा था कि जब तक राज मेरे पीछे पड़कर मुझे घर नहीं बुलाये, मैं नहीं आऊँ…
जब मैंने पूछा ‘ऐसा क्यों…?’
तो वो बोली- राज कितनी भी कसम खा ले… पर शक हमेशा करेगा! इसलिए अगर मैं अपनी मर्जी से उनके घर गया तो शायद चुदाई न हो… और अगर राज मुझे खुशामद करके ले जाएगा तो वो चुदाई भी करवाएगा।

और ऐसा ही हुआ।
राज ने दो-तीन दिन बाद मुझ से घर आने को कहा तो मैंने काम का बहाना बना कर टाल दिया।
अगले दिन राज ने मुझे फ़ोन पर काफी जोर दिया और घर आने को कहा।
मेरा भी लंड तो जोर मार ही रहा था, मैं शाम को घर से नहा कर खाना जल्दी खाकर निकला, रेखा को बोल दिया कि लौटने में देर हो जाएगी।
मैं सीधा राज के घर गया।
नीचे चाचीजी बोली- कभी रेखा को भी ले आया कर?
अब मैं उनको क्या कहता?
पर दिमाग में एक आईडिया आया कि क्यों न रेखा को भी इस खेल में शामिल कर लिया जाए!
पर इसमें मुझे राज और रेखा दोनों की नीयत जाननी जरूरी थी।
‘चलो अभी तो ऊपर चलूँ और अपनी माशूका की प्यास बुझाऊँ…’ यह सोच कर में तेजी से ऊपर गया।
ऊपर राज अकेला था, पायल कहीं दिखाई नहीं दे रही थी।
मैं बड़ा उदास हुआ कि मुझे राज ने बुलाया क्यों है?

राज मेरी परेशानी समझ गया और हंस कर बोला- पायल नहा रही है!
तभी पायल ने राज को आवाज दी और कहा- जरा मेरी पीठ पर साबुन लगा दो…
राज ने मेरी ओर आँख मार कर कहा- रंगीला तू जा!
मैंने कहा- मेरे कपड़े भीग जायेंगे!
तो राज ने कहा- कपड़े उतार दे और तौलिया लपेट कर चला जा!
मुझे संकोच हो रहा था तो राज ने मेरे हाथ में तौलिया थमा दिया।
मैं समझा कि यह सब पायल की बनाई कहानी है।
मगर ऐसा था नहीं, यह राज ने प्लान किया था क्योंकि इससे उसे लगा कि पायल खुश हो जाएगी।
अब मैं केवल तौलिया लपेट कर बाथरूम में घुसने के लिए तैयार हुआ, राज ने पायल को आवाज दी- दरवाजा खोल दो।
और खुद बाथरूम में घुसा और लाइट बंद कर दी।
फिर वो बाहर आ गया और मुझे बाथरूम में कर दिया।
अन्दर अँधेरा था और दो बदन नंगे थे।
मैंने पायल को टटोला और उसे अपने होंठों से चिपका लिया।
पायल दंग रह गई, बोली- तुम कब आये और राज कहाँ है?
मैंने उसे बताया- राज ने ही मुझे भेजा है तुम्हें नहलाने के लिए!
पायल यह सुन कर गर्म हो गई और मुझे शावर के नीचे खींच ले गई।
एक तो नंगे बदन ऊपर से शावर की बौछार… मानो सावन में आग लग गई थी।

मैंने उसे उठाना चाहा तो पायल ने अपना एक पैर टोंटी पर रख दिया और अपनी चिकनी चूत मेरे आगे कर दी।
मैंने भी अपना लंड उसकी चूत के मुंह पर रख कर अन्दर धकेल दिया।
सच जन्नत का मजा आ रहा था, नीचे चूत और लंड मिल रहे थे, बीच में उसके मम्मे मेरी छाती से टकरा रहे थे और ऊपर दोनों की जीभ एक दूसरे को चूस रही थी।
तभी राज की बाहर से आवाज आई- कुछ मेरे लिए भी छोड़ दो…
हमने अपने को संभाला और तौलिया लपेट कर बाहर आ गए।
बाहर आकर पायल ने एक लम्बा चुम्बन राज को दिया और उसकी शॉर्ट्स में हाथ डाल कर उसका लंड पकड़ लिया।
राज सारी शिकायत भूल कर पायल को उठा कर बेड पर ले गया और उसका तौलिया निकाल कर उसके मम्मे चूसने लगा।

मैं भी बेड पर आ गया, अब पायल का एक मम्मा मैं चूस रहा था दूसरा राज!
पायल के दोनों हाथों में हम दोनों के लंड थे।
राज ने अपनी उंगली उसकी चूत में कर रखी थी जिसकी स्पीड वो बढ़ाता जा रहा था।
पायल ने भी अब आवाजें निकालनी शुरु कर दी थी, पायल अब राज से बोली- जल्दी से मेरी चूत में आ जाओ।
पायल अब हाँफ रही थी और बड़बड़ाते हुए कह रही थी- राज… रंगीला… मेरी चूत की आग बुझा दो, दोनों मिल कर फाड़ दो मेरी.. आ जाओ जानू मेरी चूत आज तुम दोनों के लंड खा जाएगी!
राज ने भी कहा- हाँ जानू, आज हम तेरी चूत का भोसड़ा बना देंगे, दोनों मिलकर तेरे को बहुत मजा देंगे! तेरी चूत फाड़ ही देंगे!
राज नीचे लेट गया और अपने ऊपर उसने पायल को लिटा लिया पीठ के बल और अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया।
वो नीचे से धक्के दे रहा था।
राज ने कहा- रंगीला तू ऊपर से आ जा!
एक बार तो मुझे लगा कि वाकयी इससे तो पायल की चूत फट ही जाएगी… एक चूत में दो लंड…
मुझे सकुचाता हुआ देख कर राज बोला- घबरा मत, कुछ नहीं होगा… आज इस हरामजादी की चूत बिल्कुल रंडी की चूत बनी हुई है, जितनी मर्जी लंड खा लेगी!
पायल भी बोली- हाँ रंगीला, आज देखूँगी कि तुम दोनों के लंडों में कितना दम है!
यह सुनकर में भी अपना लंड अपने हाथ में लेकर बिस्तर पर चढ़ गया और पायल की चूत में पेल दिया।
एक बार तो पायल चीखी फिर मेरे को अपनी बाँहों में भर लिया।
अब उसकी चूत में दो दो लंड थे, मैंने भी चुदाई शुरू कर दी।
पायल बड़बड़ा रही थी- मजा आ गया रंगीला और जोर से.. आज सारी कसर निकाल दो… मेरी प्यास बुझा दो दोनों मिलकर…
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07-23-2018, 12:01 PM,
#5
RE: non veg story प्यासे दिन और प्यासी रातें
राज के धक्के तो तेज नहीं लग पा रहे थे पर मैंने अपनी रफ़्तार राजधानी एक्सप्रेस जैसी कर दी। दो मिनट के बाद मेरा होने को आया तो मैंने पायल से पूछा- जानू क्या मैं तुम्हारे मुँह में आ जाऊँ या मम्मों पर?
पायल बोली- जहाँ तुम्हारा मन आये वहीं आ जाओ, मैं तो अब तुम दोनों की हूँ!
मैंने अपना लंड निकालकर उसके मुँह में कर दिया, मेरा फव्वारा छूटा तो उसने अपने हाथों से मेरा लंड पकड़ लिया और लोलीपॉप की तरह चूस कर चाट कर साफ़ कर दिया।
उधर राज ने भी अपना माल उसकी चूत में खाली कर दिया।
मैंने पायल को दोबारा होंठों से चिपका लिया और उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी।
उसके मुँह में मेरे वीर्य का स्वाद था।
अब वक़्त हो चुका था मेरे घर जाने का! 
अब मेरे और पायल को कोई रोकने वाला नहीं था!
और कोई यानि राज रोकता भी क्यों और कैसे… उसको यह अहसास हो चुका था कि वो अपने खेल में फँस चुका है। अब केवल एक ही रास्ता है कि वो इसे एन्जॉय करे
और अब वो यह कर भी रहा था।
हम लोगों ने यह तय किया कि अब हम लोग हफ्ते में एक बार जरूर मिलेंगे और जोरदार मस्ती होगी।
एक दिन पायल ने मुझे बताया कि अगले दिन उसकी चचेरी बहन कोमल आ रही है और इस बार पायल को कोमल की सेटिंग राज से करनी है तो अगले चार पाँच दिन वो बिजी रहेगी।
कोमल और पायल खूब खुली हुई हैं… दोनों हम उम्र हैं… दोनों सेक्सी हैं… दोनों शादी से पहले लेस्बीयन सेक्स करते हुए हमबिस्तर हो चुकी हैं और आज भी व्हाट्सएप पर एडल्ट्स जोक्स और फोटोज शेयर करती हैं।
पायल का उद्देश्य है कोमल की सेटिंग अपने पति से करवाना जिससे पायल रंगीला से बेधड़क और खुलमखुल्ला प्यार कर सके और उसके पति की भी दूसरी औरत की ख्वाहिश पूरी हो जाए।
सच तो यह था कि व्हाट्सएप पर और मोबाइल पर बातचीत में पायल और कोमल दोनों ही इतनी खुल चुकी थीं कि दोनों एक बार लेस्बियन होकर एक दूसरे से मजे लेना चाहती थीं।
मायके में एकांत ज्यादा नहीं मिल पाता था क्योंकि दिन रात सब लोग साथ होते थे और कोमल की ससुराल मैं संयुक्त परिवार होने से पायल वहाँ नहीं जाना चाहती थी और राज उसे छोड़ता भी नहीं था।
खैर दोनों ने यह तय किया कि कोमल ही पायल के पास आये!
आखिर वो दिन आ ही गया, आज सुबह कोमल को लेने राज और पायल स्टेशन आये हैं।
अब यह कहानी आपको पायल ही सुनाएगी।

आज कोमल को लेने स्टेशन जाना है। ट्रेन सुबह सात बजे आती है तो मै और राज बिना नहाये ही स्टेशन चले आये।
ट्रेन पंद्रह मिनट लेट थी तो हम दोनों ने चाय पी।
राज की बेताबी देखने लायक थी, वो मुझसे कोमल के बारे में इतना सुन चुका था और एक बार मैंने उसे कोमल की शॉर्ट्स में फोटो भी उसे दिखा दी थी तो अब राज अपनी आँखों से देखना चाहता था।
मैंने उसकी बेकरारी देख कर उससे कहा- जानू तुम कोई भी हरकत ऐसी मत कर देना या जल्दीबाजी मत करना जिससे कोमल को शक हो जाए! तुम बस एक शरीफ जीजा बन कर रहना, बाकी मैं कोशिश करुँगी।
ट्रेन आ गई और सेकंड ए सी से कोमल उतरी। कोमल बिल्कुल बदल गई थी, गोरी चिट्टी लम्बी तो वो थी ही!
उसने ट्रैक सूट पहना हुआ था… आते ही उसने मुझे चिपटा लिया और गाल पर चुम्बन किया, राज से उसने हाथ मिलाया और हाय बोला…
मुझे मालूम है राज अब आज तो हाथ धोएगा नहीं!
राज से सब्र नहीं हुआ और वो कह ही बैठा कि हमारा किस कहाँ है?
तो कोमल ने हंस कर कहा- आपके हिस्से का भी पायल को दे दिया… और अलग से चाहिए तो घर पर दे दूँगी।
मैंने राज को आँख दिखाई।
हम घर आ गए। कोमल नीचे माँ बाबूजी के पास बैठ गई और वहीं पर चाय पीने लगी।
मैंने राज को बोला- मैं नाश्ता बनाती हूँ, तुम नहा लो, दुकान के लिए लेट हो जाओगे।
कोमल भी मेरे पास आ गई, मैंने उससे कहा- तुम ऊपर रूम में जाओ, फ्रेश हो लो या कुछ देर सो लो!
तो वो बोली- जीजू को नाश्ता देकर विदा कर… तब ही एक साथ ऊपर चलेंगे।
राज नाश्ता करके दुकान चले गए, मैं रामू से अपना और पायल का नाश्ता ऊपर लाने को बोल कर कोमल का हाथ पकड़कर ऊपर आ गई।
रामू नाश्ता रख कर चला गया।

हालाँकि कमरे मैं ए सी चल रहा था पर कोमल को ट्रैक सूट मैं गर्मी लग रही थी, रामू के जाते ही उसने किवाड़ बंद किये और अपना सूट का टॉप उतार दिया, अन्दर उसने स्पोर्ट्स ब्रा पहनी थी।
मैं उसे देखकर हंस पड़ी कि क्यों गर्मी क्या सिर्फ ऊपर लग रही है?
कोमल पूरी बेशर्म है, उसने लोअर भी उतार दिया अब वो हुस्न की मलिका केवल ब्रा पैंटी मैं थी।
उसने मुझसे पूछा- क्यों, तुझे क्या शर्म आ रही है?
और यह कहते ही वो मुझ पर झपट पड़ी और मुझे भी ब्रा पैंटी में कर दिया।
हम लोगों ने नाश्ता निबटाया, मैं और कोमल ऊपर बिस्तर पर लेट गए।
कोमल मुझसे चिपक गई और दो मिनट बाद ही हम दोनों नंगे चिपकी हुई थी।

आधा घंटा लेटने के बाद मैंने कोमल को चूमते हुए कहा- जा नहा ले!
वो बोली- चल साथ ही नहायेंगे!
इससे पहले हम दोनों ने एक दूसरे की चूत के बाल वीट लगा कर साफ़ किये, फिर हम दोनों बाथरूम में शावर लेने लगी।
मुझे पता नहीं क्या सूझा मैंने कोमल की चूत में उंगली कर दी।
अब तो कोमल की आग भड़क गई, उसने एक खुराफात की, बाथरूम के स्टूल पर खड़ी होकर शावर आगे से खोल लिया।
अब शावर से झरने की बजाय पानी की मोटी धार निकल रही थी।
कोमल अब नीचे फर्श पर लेट गई और अपनी चूत उस पानी की धार के नीचे कर ली। एक मिनट बाद ही उसे पता नहीं क्या हुआ वो कामाग्नि से उछलने लगी और अपने दोनों हाथों से उसने अपनी चूत को पूरा फैला लिया।
उसने अपनी टांगे ऊपर उठा रखी थी, पानी की मोटी धार उसकी चूत में गिर रही थी।
मैं भी ऐसा करना चाहती थी, मैंने कोमल को उठाया और खुद वैसे ही करने लगी।
…ओह माय गॉड… क्या मजा आया… ऐसा लगा कि किसी का मोटा लंड मेरी चूत में टक्कर मार रहा है। मेरे मुख से तो आवाज निकलने लगी।
कोमल ने अपनी चूत मेरे मुख पर रख दी, मैं उसकी चूत चूसने लगी और नीचे मेरी चूत को पानी की मोटी धारा चोद रही थी।
पांच दस मिनट की मस्ती के बाद हम लोग बाथरूम से बाहर आईं, हम दोनों बहुत खुश थी, आज हमारी एक पुरानी इच्छा पूरी हुई थी। 
कपड़े पहन कर कोमल नीचे माँ बाबूजी के पास चली गई और मैं रामू को बुलाकर कमरा ठीक करवाने लगी।
इस बीच राज का दो तीन बार फ़ोन आया, मैं उससे गुस्सा हुई कि ज्यादा जल्दबाजी करोगे तो कुछ भी नहीं होगा।
एक फ़ोन रंगीला का भी आया… मेरा मन तो था रंगीला को बुला कर एक बार चुद लूँ… पर अब तो कोमल जब तक है तब तक रंगीला को बुलाना ठीक नहीं!
दोपहर का खाना हम लोगों ने नीचे ही खाया और सोने के लिए हम दोनों ऊपर आ गई, मैं थक रही थी इसलिए लेटते ही सो गई कोमल भी मुझसे चिपक कर सो गई।
लगभग चार बजे हमारी आँख रामू की आवाज से खुली कि माताजी चाय के लिए बुला रहीं हैं।
बाबूजी ने समोसे मंगाए थे।
चाय पीकर कोमल माँ को कह कर मुझे ऊपर ले आई- चल तुझे दिखाऊँ क्या क्या लाई हूँ।

ऊपर उसने अपनी अटैची खोली और नीचे से भानुमती का पिटारा निकालना शुरु किया।
वो मेरे लिए दो नाईट ड्रेस लाई थी, पांच छह ड्रेस वो अपनी भी लाई थी। इसके अलावा भी वो शॉर्ट्स, बरमूडा और पता नहीं क्या क्या ले आई थी जिन्हें केवल कमरे में ही पहना जा सकता था।
उसके पास एक छोटा सा लम्बा पैकेट था, जिसे उसने नहीं खोला और हंस कर बोली- बाद में दिखाऊँगी।
मैंने रामू को आवाज़ देकर कहा कि वो सब्जी काट ले, मैं अभी आती हूँ।
तो माँ ने कहा- तू खाने की चिंता न कर, वो आज रामू बना लेगा, तू आज कोमल के साथ बैठ ले।
कोमल मेरी गोदी में सर रख कर लेट गई और बोली- जीजू कब तक आयेंगे?
मैंने कहा- अभी तो ढाई घंटे हैं।
यह सुन कर कोमल मुझसे बोली- फिर ठीक है, ला मैं तेरी वैक्सिंग कर दूँ।
मुझे याद आया कि कोमल ने ब्यूटिशियन का कोर्स किया है।
कोमल अपने साथ वेक्सिंग स्ट्रिप्स लाई थी, उसने मुझसे कपड़े उतारने को कहा, इस वक्त मुझे झिझक हो रही थी, मैंने बात बदलते हुए कहा- ला आज मैं तेरी वेक्सिंग कर देती हूँ, तू उतर कपड़े।
कोमल बोली- मोटी बदमाशी कर रही है, चल हम दोनों ही उतार देते हैं।
हम दोनों ही ब्रा पैंटी में आ गई।

एक घंटा लग गया हम दोनों को चिकना होने में, इस बीच में ब्रा पैंटी भी उतर चुकी थी और हम दोनों बिल्कुल नंगी थीं। पर शरीर ऐसा हो गया कि अपनी ही नीयत ख़राब होने लगी और वही हुआ।
कोमल मुझे खींच कर मेरी चूत चूसने लगी, मेरी तो हालत खराब होने लगी, मैंने उससे कहा- मुझे भी तेरी चूत चाहिए।
अब हम दोनों 69 पोजीशन में आ गई, एक दूसरे की चूत को चाट रही थी।
दोनों की ही चूत ने पानी छोड़ दिया। हम ऐसे ही पड़ी रहीं।
छह बज गए थे, मैंने कहा- चल नहा लें? थोड़ी देर में राज भी आते होंगे… मुझे मालूम था कि आज ये जल्दी आ जायेंगे।
कोमल मुझ से चिपक गई और बोली- नीतू, वादा कर, तू जीजू को ये सब नहीं बताएगी।
मैंने हंस कर कहा- पागल थोड़े ही हूँ, नहीं बताऊँगी। पर राज है बहुत सेक्सी, उसे सेक्स का बहुत शौक है। और आज उसे मैं नहीं मिलूंगी तो वो परेशान रहेगा, बड़ा मजा आएगा।
कोमल बोली- कोई बात नहीं, आज जीजू हाथ से काम चला लेंगे।
मुझे यह सुन कर हंसी आ गई, मैंने कोमल से पूछा- तुझे ये कैसे मालूम?
तो वो बोली कि जब वो पीरियड्स से होती है तो नीरज तो उसके सामने ही मुठ मार लेते हैं। इसीलिए तीन चार दिन के लिए बड़ी मुश्किल से भेजा है।
मैंने उससे नाराज होकर कहा कि एक हफ्ते से पहले मैं नहीं जाने दूँगी तुझे।
कोमल बोली- एक हफ्ते में तो नीरज किसी न किसी पर चढ़ ही जायेगा।
मैंने कहा- परवाह नहीं, मैं तुझे यहाँ किसी न किसी पर चढ़वा दूँगी।
कोमल बहुत बदमाश हो गई थी, मेरे निप्पल दबा कर बोली- क्यों कुछ सेटिंग है क्या?
अब उससे क्या कहती…. मुझे तो खुद रंगीला से चुदने की पड़ी थी और राज के लिए उसे पटाना था।
मैंने भी हंस कर कह दिया कि कोई सेटिंग वेटइंग नहीं है तेरे जीजू से ही तेरी आग बुझवा दूँगी।
कोमल बोली- धत्त…
पर यह पक्का हो गया था कि कोमल मान जाएगी।
अब कोमल वो पैकेट निकल लाई.. उसमें एक लंड की शेप का रबर का पीस था जिसमें लंड जैसा सुपारा दोनों ओर बना था।
मैंने आँख फाड़ते हुए कहा- कोमल, तू तो न बस अब हाथ से निकल गई है…ये क्या ले आई?
हम दोनों की चूतें चिकनी हो ही रहीं थी।
कोमल ने मुझे धक्का देकर लिटा दिया और उस वाइब्रेटर लंड को मेरी चूत में कर दिया।
बता नहीं सकती कैसा मजा आया… लंड पूरा दीवारों से रगड़ता हुआ अन्दर गया।
कोमल ने अपने हाथ से उसे तेजी से अन्दर बाहर कर के मुझे चोदना शुरू कर दिया। मुझे ऐसा लगा जैसे रंगीला या कोई और मुझे चोद रहा है।
अब कोमल ने मुझे बिठा कर उस लंड का दूसरा सिरा अपनी चूत में कर लिया और अब हम दोनों एक दूसरे को लंड से धक्का देकर चोदने लगी।
बड़ा मजा आ रहा था, हम दोनों ही पागल हो रहे थे और आवाजें निकल रही थी, वो तो ए सी की वजह से रूम बंद था वर्ना आवाज नीचे चली जाती।
अचानक मुझे राज के आने का होश आया और मैं लंड निकलकर बाथरूम में भागी।
मेरे नहाने के बाद कोमल भी नहा ली और हम लोग सूट पहन कर नीचे आ गई।
कोमल और मैं समलिंगी सेक्स का मज़ा लेकर नीचे आई ही थी कि हमारे आने के पांच मिनट बाद ही राज भी आ गए।
वो चाट पकोड़ी लाये थे, हम सबने माँ बाबूजी के पास बैठ कर चाट खाई।

राज ने बाबूजी से पूछ कर पिक्चर का प्रोग्राम बना लिया।
कोमल तो बहुत खुश हो गई।
हम सब ऊपर आ गए तैयार होने के लिए। राज के लिए पहला अवसर था कि उसके कमरे में कोई और लड़की हो… वो कुछ असहज हो रहा था या घबरा रहा था कि कहीं उससे फिर कोई जल्दबाजी न हो जाये।
कोमल यह ताड़ गई… वो बोली- जीजू आप घबराइए नहीं, मैं आपको खा नहीं जाऊँगी, हाँ चख सकती हूँ। और अब तो आप मुझे पिक्चर ले जा रहें हैं तो लाइए आपको चख कर थैंक्स बोल दूँ।
ऐसा कह कर उसने राज को चूम कर के थैंक्स बोल दिया।
राज तो मानो जन्नत में आ गया… अब वो भी खुलने लग गया।
मैंने राज से कहा- हम तो अभी नहाई हैं, तुम नहा कर आओ।
राज के अन्दर जाते ही हम दोनों तैयार होने लगी, हम दोनों ने ही जीन्स और टॉप पहने… हाँ कोमल का टॉप उसके मम्मों पर ज्यादा ही टाइट था।
पिक्चर हॉल मैं हमारी कोने की सीट थीं तो कोमल बोली- जीजू के पास मैं बैठूंगी।
वो राज की बाँहों में बाहें डाल कर बैठ गई…
मुझे लगा कि यहाँ तो मामला अपने आप ही सेट हो रहा है। मैंने एक आध रोमांटिक सीन पर राज के लंड पर हाथ रखना चाहा तो कोमल बदतमीज ने मेरा हाथ हटा दिया कि ठीक से बैठो।
मैं हंस पड़ी।
हम लोग 11 बजे करीब वापिस आये, खाना बना रखा था इसलिए बाहर नहीं खाया था।
कोमल बोली- एक ही थाली लगा कर ऊपर ही ले आओ, तब तक मैं कपड़े बदल लूँ।
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07-23-2018, 12:01 PM,
#6
RE: non veg story प्यासे दिन और प्यासी रातें
कोमल राज के साथ ऊपर चली गई। मुझे लगा कि कहीं कोमल कुछ गड़बड़ न कर ले…
फिर मैंने सोचा ‘कर ले तो अच्छा ही है… आखिर मैं भी तो यही चाहती हूँ।’
पर सच बताऊँ अब मुझे लग रहा था कि क्या मैं अपने पति को बांट पाऊँगी?
मुझे खाना परोस कर ऊपर आना भारी पड़ रहा था।
मैं फटाफट काम निबटा कर खाना लेकर ऊपर आ गई। राज तो शॉर्ट्स टी शर्ट में थे और कोमल बाथरूम में थी।
पर अब तक मैं अपने मन को समझा चुकी थी कि जब मैं रंगीला के साथ कर सकती हूँ तो राज को भी मैं क्यों रोकूँ और फिर जो भी हो रहा है, वो मेरी मर्जी से और मेरी आँखों के सामने होगा। अगर राज भी रंगीला की तरह अपनी बीवी से छिप कर करे तो…
मुझे लगा कि कहीं कुछ गलत नहीं है। अब मैं खुश थी… मैंने भी अलमारी खोल कर नाइटी निकली।
इतने में कोमल बाहर आ गई… उसने एक टीशर्ट और ढील बरमूडा पहना था। उसके निप्पल बता रहे थे कि उसने नीचे कुछ नहीं पहना। उसने मेरे हाथ में नाइटी देख कर कहा- ओ नौटंकी… जब तक मैं यहाँ हूँ, कपड़े देख कर पहन… वर्ना ये भी उतार दूँगी।
मैंने कहा- मेरे पास शॉर्ट्स नहीं है!
तो वो बोली- जीजू की लुंगी और टीशर्ट पहन ले।
मुझे शर्म तो आई पर राज के कहने पर जब पहन कर आई तो खुद को भी अच्छा लग रहा था।
हम लोगों ने खाना खाकर सोने की तैयारी की।
कोमल बोली- आप दोनों ऊपर सो जाओ, मैं नीचे सो जाऊँगी।
राज ने मना कर दिया- नहीं, तीनों बिस्तर पर ही सो सकते हैं अगर कोमल को एतराज नहीं हो तो।
कोमल तो पक्की बेशर्म निकली, बोली- अगर रात को हम दोनों ने आपके साथ बलात्कार कर लिया तो?
सब हंस पड़े।
मैं बीच में होकर दोनों के साथ सोई।

रात को लगभग एक बजे मुझे अपनी चूत पर कोई दबाव महसूस हुआ। राज का हाथ था।
मेरे जागते ही उसने मेरा मुँह अपनी ओर खींच कर मुझे चूमना शुरू कर दिया। मैं भी गर्म हो रही थी, मैंने चूमने में राज का साथ दिया मगर फुसफ़ुसा कर बोली- कोमल जग जाएगी।
मैं राज की ओर पीठ कर के लेट गई और अपना हाथ कोमल की टी शर्ट के अन्दर कर लिया।
कोमल ने कसमसा कर अपने को मुझसे और सटा दिया। मैंने भी उसके मम्मे पकड़ लिए और दबाने शुरू कर दिये।
कोमल नींद में ही थी और बुदबुदा के बोली- सोने दे…
मैंने अपना हाथ नीचे कर उसके बरमुडे के अन्दर कर दिया और उसका दाना मसलने लगी।
राज भी समझ रहा था कि मैं कुछ गड़बड़ कर रही हूँ कोमल के साथ तो उसने भी अपनी उंगली मेरी चूत में कर दी।
जैसे ही उसने मेरी चूत को छुआ तो चूत के चिकनेपन ने उसे दीवाना बना दिया और वो चुदासा होकर अपनी उंगली से चूत को रगड़ने लगा। वो मेरी चूत में उंगली अन्दर बाहर कर रहा था और मैं कोमल की चूत में।
कोमल को शायद इस बात की चिंता थी कि राज जग जायेगा और मैंने उसे गर्म कर दिया था।
वो यह कहते हुए उठी- तू मुझे यहाँ सोने नहीं देगी…
और कमरे में पड़े सोफे पर चादर ओढ़ कर लेट गई।
वो थक भी रही थी और चादर भी उसने मुँह तक ओढ़ रखी थी… मुझे लगा दस मिनट के अन्दर वो खर्राटे भर रही है।
इधर राज ने अपना लोअर नीचे करके अपना लंड मेरी गांड से टिका रखा था। अब वो मेरी चूत छोड़ कर मेरे मम्मे दबा रहा था। कोमल के बिस्तर से हटते ही उसने मेरी लुंगी खोल कर अलग कर दी थी। राज ने मेरे को अपनी ओर करके अपना लंड मेरी चूत में कर दिया।
आज दिन भर चूत की मौज हुई थी तो चूत भी चुदने को चुदासी थी। मैं भी कोमल की परवाह न करते हुए राज पर चढ़ गई और उसका लंड अपनी चूत में पूरा कर लिया और जोर जोर से चुदाई करते हुए चुदवाने लगी।
राज भी नीचे से जोर जोर से धक्के मार रहा था।
पांच मिनट की धक्का मुक्की के बाद हम दोनों का हो गया।
मैंने कोमल की ओर देखा तो उसकी चादर मुँह से हटी हुई थी पर वो सो रही थी।
कमरे में नाईट बल्ब की धीमी रोशनी थी।
मैंने अपने कपड़े ठीक किये और सो गई।
सुबह सात बजे आँख खुली, राज तो सो रहा था पर कोमल नहीं थी।
मैंने नीचे झांक कर देखा तो कोमल अपने ट्रैक सूट में योग कर रही थी और साथ में उसने बाबूजी को भी लगा रखा था।
मैं फ्रेश होने बाथरूम में गई और जब बाहर आई तो राज उठ चुका था, मुझे देखते ही उसने मुझे बाँहों में भर लिया और चूम लिया। इतने में ही कोमल अन्दर आ गई, चाय की ट्रे उसके हाथ में थी, हमें इस हाल में देख कर वो हंसते हुए बोली- सारी रात तो धमाचौकड़ी मचाई है और अभी भी चैन नहीं है।
मुझे तो काटो तो खून नहीं…इसका मतलब कोमल ने हमारी पूरी रासलीला देखी है?
खैर कोमल से तो मैं दिन में निबट लूंगी।
हम लोग बिस्तर पर बैठ कर ही चाय पीने लगे।
कोमल ने अपने ट्रैक सूट के टॉप की ज़िप थोड़ी नीचे कर ली थी और उसकी स्पोर्ट्स ब्रा दिख रही थी। राज का लोअर उसका तम्बू दिखा रहा था।
मैंने राज के लंड पर हाथ मारते हुए कहा- जाओ तुम नहा लो।
राज ने जैसे ही बाथरूम का दरवाजा बंद किया मैंने कोमल के बाल पकड़ कर कहा- क्यों री बदमाश… तूने क्या क्या देखा?
कोमल हंस कर बोली- पूर लाइव शो देखा…

कुछ दिन रंगीला के साथ मस्ती में निकल गये… पायल भाभी ने मेरी जिन्दगी में बहार ला दी थी।
सोमवार को पायल भाभी का फ़ोन आया, वो बाज़ार जा रहीं थीं और चाह रही थीं कि मैं भी उनके साथ चलूँ।
हम लोगों ने दोपहर 12 बजे का प्रोग्राम बनाया और तय किया कि खाना भी बाहर ही खायेंगे।
पायल भाभी को कुछ ख़ास नहीं, बस कुछ नाईट ड्रेस लेनी थी।
उन्होंने अपने लिए दो ड्रेस लीं और एक मेरे को भी जबरदस्ती दिला दी।
नाईट ड्रेस इतनी सेक्सी थीं कि मैं लेने को मना भी न कर पाई।
मैंने एक ब्रा पैंटी सेट अपने लिए और लिया।
इसके बाद साउथ इंडियन रेस्टोरेंट में लंच लेकर भाभी और मैं मेरे घर आ गए।
घर आकर मैंने ए सी चलाया और कोल्ड ड्रिंक लेकर आई।
भाभी बेड पर लेटी हुई थी, उन्होंने हंसते हुए मुझे अपने पास ही लिटा लिया और बोली- और मेरी जान… क्या क्या गुल खिल रहें हैं आजकल?
मैं शर्मा गई।
भाभी तो बेशर्मी पर आ गईं, बोलीं- चौड़ी हुई या नहीं?
मैं भी फट से बोल- पड़ी कि चौड़ी… अब तो फटने की तयारी है।
मैंने भाभी के हाथ अपने हाथ में लेकर बहुत प्यार से कहा- भाभी, आपका एहसान मैं कैसे चुकाऊँगी… आपने तो मेरी जिन्दगी बदल दी…
भाभी बोली- एहसान चुकाना है तो तीन काम करने होंगे… बता करेगी?
मैंने भी बिन सोचे समझे हाँ कर दी।

भाभी बोली- पहली बात… आज से तू पायल बोलेगी भाभी नहीं…
मैंने उनके होंठ छूकर कहा- ओके पायल…
फिर वो बोली- दूसरे कि दोनों एक दूसरे से कोई बात छिपायेंगे नहीं और आपस में खूब मस्ती किया करेंगे…
अबकी उन्होंने मेरे मम्मे दबाकर कहा- कर वादा…
मैंने भी उनकी सलवार के ऊपर से ही उनकी चूत रगड़ कर कहा- वादा…
तीसरी बात उन्होंने हंस कर कहा- एक बार रंगीला से मुझे ठुकवा दे और तू चाहे तो राज से चुद ले…
उनकी बात सुनकर मैं हैरान रह गई।
वो हंस कर बोली- अरे मैं तो मजाक कर रही थी, तू परेशान हो गई…
मैं भी हंस पड़ी, बोली- पायल आईडिया बुरा नहीं है, बस आप आईडिया दे दो कि कैसे होगा?
पायल बोली- चल जो ड्रेस लाईं हैं, पहन के देखते हैं।
अब मेरे उनके बीच में कोई शर्म तो थी नहीं फिर भी मैं अपनी ड्रेस ले कर बाथरूम में चली गई और पायल वहीं अपने कपड़े उतारने लग गई।
बाथरूम में जाकर मैंने अपने कपड़े उतार कर जब वो ड्रेस पहनी तो खुद शर्मा गई।
बहुत शार्ट टॉप और स्कर्ट थी और टॉप में भी इतना ऊंचा था कि मम्मी बाहर आने को तैयार… निप्पल तो साफ़ अपनी ऊंचाई दिखा रहे थे।
स्कर्ट इतनी छोटी थी कि टांगें ऊपर करी तो चूत दिख गई।
मेरी चूत तो गीली हो चुकी थी।
मैंने सोचा कि पायल क्या सोचेगी, इसलिए चूत को धोकर ही बाहर आई।
बेड रूम में आकर जो नजारा देखा तो दिम्माग की बत्तियाँ गुल हो गईं।
पायल बिस्तर पर लेटी हुई थी और उसकी ड्रेस ऊपर उठी हुई थी… वो अपनी उँगलियों से अपनी चूत की मसाज कर रही थी।
मैं तुरंत उसके पास पहुँची और उसकी चूत में अपनी जीभ कर दी।
उसकी चूत से तो खट्टा खट्टा पानी आना शुरू हो गया था।
उसने मुझे ऊपर खींच लिया और मेरे होंठों से अपने होंठ चिपका दिए और मेरी चूत में अपनी उंगली कर दी।
हम दोनों सीत्कार कर रही थीं…
दूसरी तरफ पायल के घर पर पायल के पति राज को ग्रुप सेक्स का ऐसा नशा चढ़ गया था कि वो रंगीला को जबरदस्ती घर बुलाता और वो और रंगीला मिलकर पायल की चुदाई करते।
रेखा को इस खेल की जानकारी नहीं थी और राज को इसकी जानकारी नहीं थी कि रेखा के घर क्या गुल खिलता है।
हालाँकि पायल ने कई बार रेखा से पूछा कि अगर रेखा चाहे तो पायल राज को इस खेल में शामिल कर सकती है पर रेखा को कुछ झिझक थी इस वजह से उसने कभी इसमें उत्सुकता नहीं दिखाई।
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07-23-2018, 12:01 PM,
#7
RE: non veg story प्यासे दिन और प्यासी रातें
एक दिन रंगीला ने घर आकर रेखा को बताया कि उसका एक बचपन का दोस्त जय यहाँ एक इंश्योरेंस कंपनी में ब्रांच हेड बन कर आया है और वो आज उसकी फैक्ट्री आया था।
जय बड़ा जिंदादिल और स्मार्ट बंदा है और रंगीला और जय की स्कूल और बाद में कॉलेज में खूब पटती थी। जय की शादी को भी पांच साल हो गए हैं और उनकी एक बेटी है जो जय की पत्नी प्रीति की मां के पास ही रहती और पढ़ती है।
रेखा ने कहा कि अगर रंगीला चाहे तो जय और प्रीति को खाने पर बुला ले।
रंगीला ने बताया कि अभी ट्रान्सफर के बाद प्रीति आगरा में ही अपनी माँ के पास ही रह रही है… एक महीने बाद आएगी।

आज रंगीला बेड पर मस्त मूड में था… टॉपिक आज सिर्फ जय और उसकी और रंगीला की बदमाशियाँ थीं।
रंगीला ने बताया कि वो और जय साथ साथ पढ़ते समय एक दूसरे का लंड पकड़ लिया करते थे… पॉकेट मनी से डेबोनेयर या प्लेबॉय मैगजीन खरीदते और फोटो देखकर मुठ मारते… वगैरा वगैरा…
जय की एक बात पर रंगीला ने बहुत जोर दिया और रेखा को भी सुन कर अच्छा लगा कि जय का लंड मोटा और लम्बा है।
बताते बताते रंगीला का भी खड़ा हो गया और रेखा भी उत्तेजित हो गई थी।
चुदाई के दौरान रेखा ने रंगीला से कहा कि आज उसका लंड कुछ बदला बदला सा लग रहा है, कहीं उसने अपना लंड जय से बदल तो नहीं लिया।
यह सुन कर रंगीला को और जोश आ गया… वो अपनी स्पीड बढाते हुए बोला- ले आज तू जय से ही चुद ले… वो आज तेरी फाड़ ही देगा…
रेखा ने भी कह दिया- चलो, आज मैं भी टेस्ट बदल कर देख ही लेती हूँ, पायल भाभी तो रोज ही कहती है कि एक से रोज रोज क्या चुदना!
घमासान चुदाई के बाद दोनों एक दूसरे की बाँहों में सो गए।
पर एक सपना जग गया… ग्रुप सेक्स के खेल के नए जोड़ीदारों की लिस्ट में एक नया नाम जुड़ने की तैयारी हो रही थी।
अगले दिन रंगीला का फोन आया कि आज शाम को जय खाने पर आएगा, कुछ अच्छा बना लेना और अच्छा सा कुछ पहन लेना।
रेखा ने पूछा- अच्छा क्या पहनूँ?
तो रंगीला बोला- कुछ मत पहनना…
रेखा बोली- ज्यादा पागलपन मत सोचा करो, हो सकता है जय अब बदल गया हो…
खैर यह तो मजाक था, ऐसे कौन पहली बार में ही कुछ होने जा रहा था।
शाम को रंगीला ने तो नहाकर लुंगी और कुरता पहन लिया, रेखा ने एक लॉन्ग टाइट मिडी पहनी।
रेखा ने देखा कि उसके बूब्स और बम्प्स खूब शेप में दिख रहे हैं।
हाँ एक चीज जो रंगीला ने दिखाई कि उसकी पैंटी लाइन दिख रही थी… रंगीला ने जोर दिया तो रेखा ने पैंटी उतार दी, अब उसके चूतड की गोलाई गजब ढा रही थी।
घंटी बजी, रंगीला ने गेट खोला, जय था… गोरा, लम्बा और हंसमुख… बड़ी बेबाकी से उसने रंगीला को गले लगाया और रेखा से हाथ मिलाया और उसे एक बड़ी चॉकलेट गिफ्ट दी।
क्या जादू था जय में… रेखा को तो शब्द ही नहीं मिल रहे थे, फिर वो संभल कर बोली- बैठिये भाई साहब… बताईये क्या लेंगे… हार्ड ड्रिंक या सॉफ्ट?
जय बैठते हुए बोला- मैंने आपको गले नहीं लगाया, इसका मतलब यह नहीं कि आप मुझे भाई साहब बोलें… मैं और रंगीला कितने खुले हैं, यह मैं समझता हूँ कि आपको रंगीला ने बता दिया होगा अब तक?
रेखा ने कहा- आप ऐसा क्यों सोचते हैं कि रंगीला ने मुझे क्या क्या बताया होगा। भला कोई अपनी बदमाशियाँ दूसरे को बताता है?
जय बोला- आप भोली न बनें… मैं रंगीला को बहुत अच्छे से जानता हूँ… अगर यह लड़का नहीं होता तो मैं इससे ही शादी करता।
मैंने भी कह दिया- बिना शादी किये ही आप लोगों ने क्या कम मस्ती की थी…
जय हंस पड़ा, बोला- देखिये पकड़ा गया न चोर… अब आप कैसे कह सकती हैं कि रंगीला ने आपको सब कुछ नहीं बताया और रंगीला ने ही क्या कल फोन पर मैंने भी प्रीति को सब कुछ बताया तो वो तो कह रही थी कि चलो अब मेरी जगह रंगीला से ही काम चला लेना जब तक मैं न आऊँ…हम सब हंस पड़े… 
आगे की कहानी आप रेखा से ही सुनिए…
मैंने फिर पूछा- बियर लाऊँ या व्हिस्की?
जय बोला- जिसमें आप साथ दें, वो ले आयें।
मैं बियर में ही कम्फर्ट फील कर रही थी तो वही लाई…
इन दोनों ने लार्ज गिलास बनाया और मैंने स्माल!
बियर स्ट्रोंग थी, कुछ तो नशा उसका था और कुछ माहौल बन गया था।

जय और रंगीला के नॉन-वेज जोक्स शुरू हो गए।
जय तो एक बार बोला- रंगीला तुझे नहीं लगता कि अगर रेखा मेरी और तेरी शादी से पहले एक साथ हमें दिखी होती तो हम दोनों ही इससे शादी कर लेते और एक साथ रह लेते…
ऐसे ही हंसी मजाक में खाना खाकर जय जाने को हुआ तो रंगीला बोला- अभी दस ही तो बजे हैं तुझे घर जाकर क्या करना है, रूक कॉफी पीकर जाना।
मैं जब कॉफी बना रही थी तो रंगीला किचन में आया और बोला- कॉफ़ी लेकर तुम जय के पास बैठना।
मैंने पूछा- क्यों?
तो रंगीला बोला- उसका लंड देखना, बाहर आने को तैयार है।
खैर में कॉफ़ी लेकर बाहर आई और अलग ही बैठी।
रंगीला ने मुंह बनाया, मैंने कहा- यहाँ से अच्छा दिखेगा।
जय बोला- क्या अच्छा दिखेगा?
मैंने कहा- आपका नूरानी चेहरा!
जय हंस कर बोला- रंगीला, आज तक जितनी लड़कियों की फोटो देखकर हमने अपने हाथों को तकलीफ दी है, उनमें रेखा सबसे खूबसूरत है।
मैं शरमा गई।
जय ने कहा- अच्छा, अब थोड़ी सीरियस होकर मेरी बात सुनो, मुझे अपनी कंपनी के लिए एक एजेंट चाहिए जो फोन पर ही या कभी कभी मेरे साथ गाड़ी में जाकर क्लाइंट्स से मिले और पालिसी बेचे, इसमें अच्छी कमाई है।
जय चाहता था कि रंगीला या मैं इस काम को कर लें।
रंगीला को प्रपोजल अच्छा लगा, अपने लिए नहीं पर मेरे लिए… क्योंकि बेटे के स्कूल के समय सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक मैं बिल्कुल खाली थी।
यह तय हुआ कि मैं एक दो हफ्ते करके देखती हूँ अगर अच्छा लगा और कर सकी तो करूंगी।
अगले दिन में दस बजे जय के ऑफिस गई।
जय ने मुझे दोपहर तक अपनी पॉलिसीस के बारे में बताया और चलते समय कुछ ब्रोशर्स दिये और कहा कि मैं इन्हें पढूँ।
अगले दिन के लिए यह तय हुआ कि जय मुझे घर से नौ बजे ले लेगा और हम एक क्लाइंट के ऑफिस में मिलेंगे।
रंगीला से पूछा तो उसे कोई एतराज नहीं था।
अगले दिन मैं जीन्स और टॉप मैं जय के साथ गई।

मेरा जाना इतना शुभ हुआ कि हमें दस लाख का बिज़नस मिल गया… जय तो लौटते समय ख़ुशी से पागल था। मैं भी बहुत खुश थी… बहुत अच्छा पैसा कमीशन में मिलेगा मुझे!
जय ने मुझे घर ड्राप किया… वो जाने लगा, मैंने कहा- रुक कर जाना…
मैं और वो लॉक खोल कर अंदर आ गए।
जय ने मेरे हाथ अपने हाथ में लेकर कहा- तुम बहुत भाग्यशाली हो मेरे लिए!
मैं पता नहीं किन सपनों में खोई थी… कब उससे लिपट गई, कब हमारे होंठ मिल गए… कोई होश नहीं…
होश आया तो अलग हुई।
जय सॉरी बोलते ही बाहर जाने लगा, मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहा- सॉरी क्यों? क्या कुछ गलत हो गया… क्या रंगीला की बीवी तुम्हारी दोस्त नहीं हो सकती।
अब तो जय ने मुझे पागलों की तरह लिपट कर चूमना शुरू कर दिया और हमारा यह चूमने का कार्यक्रम सोफे पर बैठते ही ख़त्म हुआ और अब जय के हाथ मेरे टॉप के अंदर थे या यूं कहें कि मेरा टॉप उतार रहे थे… मुझे भी कोई एतराज नहीं था।
जय ने मेरी ब्रा खोल कर मेरे मम्मे चूसने शुरू कर दिये।
हम ज्यादा आगे बढ़ते, तभी रंगीला का फोन आ गया।
मैं संभल कर रंगीला को अपने बिज़नेस के बारे में बताने लगी। और यह भी बता दिया कि जय मुझे छोड़ने घर आये हैं।
रंगीला को बिल्कुल बुरा नहीं लगा, उसने जय को भी मुबारकबाद दी और तय हुआ कि शाम को डिनर बाहर करेंगे।
मगर जो अब चल रहा था वो तूफ़ान इस फोन से थम सा गया, जय कपड़े ठीक करके जाने लगा।

गेट तक पहुंचा ही था कि अचानक मैंने उसे आवाज दी…
वो पलटा तो मैं अपनी जीन्स उतारकर सिर्फ पैंटी में खड़ी थी।
मुझे इस हालत मैं देखकर जय पगलों सा पलटा और अपना ब्रीफकेस सोफे पर पटककर मुझे बेतहाशा चूमने लगा और फिर मुझे गोदी में उठाकर बेड रूम में ले गया।
पांच मिनट बाद हम दोनों बिना कपड़ों के एक दूसरे की बाँहों में थे, मैं उसके लंड को कस के पकड़े थी।
वो नीचे हुआ और मेरी चूत को चूसने लगा।
उसने मेरी टांगों को ऊपर उठाकर अपनी जीभ पूरी मेरी चूत के अंदर कर दी और चूसने लगा।
वो बार बार अपना थोड़ा सा थूक भी मेरी चूत में डाल देता, जिससे मेरी चूत और आस पास का इलाका गीला और चिकना हो गया।
अब उसने अपनी एक उंगली भी मेरी चूत में करनी शुरू कर दी।
मेरा मजा बढ़ रहा था, मैंने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को चौड़ा किया हुआ था और मैं चाह रही थी कि वो और जोर से मेरी चूत की मालिश करे।
मैंने सोचा और उधर अब जय ने अपनी दो उंगलियाँ मेरी चूत में अंदर बाहर करनी शुरू कर दी।
मेरे मुल्ह से सीत्कार निकल रही थी, मेरी चूत उसके थूक से लबलबा रही थी।
अब उसने अपनी उंगली से थोडा सा थूक मेरी चूत से खिसका कर मेरी गांड में कर दिया और अपनी एक उंगली से गांड के ऊपर मसलने लगा।
मुझे लगा कि वो गांड को चिकना कर रहा है, मैंने कभी गांड मरवाई नहीं थी, मुझे मालूम भी नहीं था कि गांड भी मरवाई जाती है। 

जय ने अचानक मेरे मुंह को अपने होठों से बंद करके मेरी गांड में उंगली कर दी।
मैं दर्द से छटपटाई तो तुरंत जय ने उंगली बाहर कर दी और अब अपना लंड मेरी चूत के ऊपर रख दिया।
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07-23-2018, 12:01 PM,
#8
RE: non veg story प्यासे दिन और प्यासी रातें
चूत तो नए मेहमान के स्वागत के लिए तैयार थी और मेरी जिन्दगी का भी वो पल आ गया था जब मैं अपने पति के अलावा किसी और से चुदने जा रही थी।
मैंने अपनी टांगें फैला दी और जय ने एक ही झटके मैं अपना मूसल मेरी चूत में घुसा दिया।
अब जय ने जो चुदाई की स्पीड पकड़ी, उसके सामने तो हर चुदाई फेल!
जय ने मेरे चूतड़ों के नीचे एक तकिया लगा दिया था, जिससे मेरी चूत और उठ गई थी।
वो बहुत मस्ती से मेरी मस्त चूत चोद रहा था, मैं भी नशे में कह रही थी कि अब तक कहाँ थे मेरे राजा… आज तो तुम्हारी मर्दानगी ने मेरे बदन के सारे पेंच ढीले कर दिए… अब रुको नहीं… चुदाई स्पीड से करो…
वो भी कह रहा था- रानी, अब तक मुझे क्यों नहीं मिली… आज ऐसी चुदाई करूँगा कि तुम्हारी चूत मेरे लंड की गुलाम हो जाएगी।
मेरी चूत तो चूत, बेड का भी ऐसा हाल हो गया था कि पानीपत की लड़ाई इसी पर हुई हो।
हम दोनों पसीने से लथपथ एक दूसरे से गुंथे पड़े थे। लंड और चूत कोई भी छूटने को तैयार नहीं… सच इतना मजा कभी चुदाई में नहीं आया था।
मैं और जय एक साथ चरम आनन्द पर आये, जय ने मुझसे पूछा- माल कहाँ निकालूँ?मैंने कॉपर टी लगवा रखी है, इसलिए मैंने उससे माल अंदर ही गिरवाया।
अंदर गिरवाने मैं चूत को ग़ज़ब का आनन्द मिलता है।
कपड़े पहन कर जय चला गया और मैं नहाकर फ्रेश हुई और पायल से फोन पर गप्पें मारने लगी।
आज मैं अपने को पायल से कम भाग्यशाली नहीं मान रही थी।
और सच बताऊँ तो अब मेरे मन में एक बार राज का लंड भी खाने की इच्छा हो रही थी।
मेरा बेटा स्कूल से आ गया था।
उधर मेरी मम्मी भी कहती थी कि बेटे को पढ़ने उन्हीं के पास भेज दूँ।
मेरा बेटा भी नानी से खूब हिलमिल गया था।
आज की बिजनेस डील की कामयाबी और उसके बाद मिले जय के लंड से मेरे मन मैं भी यही आ रहा था कि बेटे को मम्मी के पास भेज दूं। सोचा, चलो रंगीला से पूछूंगी, वो शायद ही तैयार हो क्योंकि वो बेटे से बहुत प्यार करता है।
हम दोनों खाना खाकर सो गए।
मेरी आँख तीन बजे खुल गई… चूत फिर प्यासी हो रही थी… मैंने जय को फोन किया और एक लम्बा किस दिया।
जय बोला- जानू प्लीज रंगीला को मत बोलना… पर अब मैं तुम्हारे बिना नहीं रह पाऊँगा।
हम दोनों ने पौना घंटा फोन पर बातें की।
शाम को डिनर पर मिल ही रहे थे इसलिए फोन रखा।
रंगीला फैक्ट्री से सात बजे आया, चाय पीकर दोनों बाप बेटे खेलते रहे।
मैंने बेटे को पट्टी पढ़ा रखी थी कि वो अपने पापा से नानी के पास जाने की जिद करे।
और वही हुआ, बेटा रंगीला से नानी के पास जाकर वहीं पढ़ने को कहने लगा, रंगीला ने मना कर दिया।
मैंने भी सोचा कि देखते हैं।
नहा धोकर हम लोग डिनर पर गए, वहाँ लिफ्ट में बेटे ने जाने से मना कर दिया, वो और रंगीला एस्केलेटर्स से गए और मैं और जय लिफ्ट से!
लिफ्ट में हमारे होंठ मिल गए और जय के हाथ मेरे मम्मे दबाने लगे।
लिफ्ट रुकते ही जय ने अपना रूमाल निकला और अपने होठों से मेरी लिपस्टिक साफ़ की… हम हंसते हुए बाहर आये।
रंगीला ने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- जय मुझे छेड़ने की कोशिश कर रहा था।
इस पर रंगीला बोला- यार अगर न छेड़ पाया हो तो एक बार और कोशिश कर ले… सच बहुत गर्म माल है मेरी बीवी…
हम तीनों हंस पड़े और सामने रेस्तराँ में घुस गए।
टेबल पर जय अपने पैर से बार बार मेरी साड़ी उठाने की कोशिश कर रहा था। रंगीला की निगाह बचाकर कर उसने अपनी स्पून मेरी स्पून से बदल ली और स्पून को चाटने लगा।
मेरी चूत तो गीली हो रही थी, मेरे दिमाग मैं एक आईडिया आ रहा था कि अगर प्रीति भी इस खेल में शामिल हो जाए और मैं भी राज से चुद लूँ तो हम छह लोगों का ग्रुप बन जाएगा और चुदाई की ऐसी रासलीला हममें से किसी ने सोची नहीं होगी।
रात को रंगीला ने यह शर्त रखी कि आज बेड पर बिना कपड़ों के ही जायेंगे।
मगर बेटा सो नहीं रहा था।

मैं कॉफ़ी बना लाई और सोफे पर बैठे रंगीला की गोद मैं पसर गई।
मैंने फ्रॉक पहना था और नीचे कुछ नहीं था।
रंगीला की उंगली चूत में पहुँच गई और वो मुस्कुरा कर बोला- आज तो शब्बो पूरी तैयार है।
रंगीला मेरी चूत को शब्बो कहता था और मैं उसके लंड को रुस्तम।
रंगीला बोला- कहीं यह जय को देखकर तो चिकनी नहीं हो रही?
मेरी चोरी पकड़ी गई… पर मैं बोली- रुस्तम के आगे दुनिया का कोई पहलवान नहीं टिक पायेगा। आज बहुत मूड है, पर ये सो नहीं रहा है।
रंगीला का भी मूड बना हुआ था पर बेटे की मजबूरी थी।
मैंने रंगीला को प्यार से कहा- सुनो, बेटे को इसकी नानी के पास भेज देते हैं… वहाँ भी तो घर ही है। यहाँ मैं तुम और पायल भरपूर मौज लेंगे और प्रीति को आने दो शायद जय भी तैयार हो जाए।
मैंने उसे दोपहर का किस्सा कुछ नहीं बताया। पायल का नाम सुनकर और यह सुनकर कि प्रीति भी इसमें जुड़ सकती है, रंगीला का लंड तूफ़ान मचाने लगा और उसने बेटे को नानी के पास भेजने की हाँ कर दी।
मैं और बेटा ख़ुशी से कूदने लगे, मैंने बेटे से कहा- जल्दी सो जाओ वरना पापा नहीं भेजेंगे।
वो बेचारा फटाफट सो गया और हमारे कपड़े केले के छिलके जैसे उतर गए और मैं नंगी ही रंगीला की पीठ पर लटक गई।
रंगीला ने मेरी दोनों टांगें अपने पेट पर लपेट ली और मुझे लेकर बेड पर गया।
आज तो बेड की भी शामत आई हुई थी, उसके सारे पेंच तो जय और मेरी घमासान चुदाई में ढीले हो गए थे और रात भी रंगीन होने को थी।
मुझे चिपटा कर रंगीला ने पूछा- जय का कैसा लगा?
मैंने पूछा- क्या कैसा लगा?
रंगीला मेरे निप्पल मसलते हुए बोला- उसका लंड?
मैंने भी रो मैं कह दिया- दिलवा दो तब बताऊंगी कैसा लगा।
रंगीला मेरे ऊपर चढ़ गया और अपना लंड मेरी चिकनी चूत में घुसा कर बोला- सुन, तू जय को पटा ले और अपनी गर्म चूत उसे दे दे ताकि वो भी प्रीति की चूत मुझे दिलवा दे।
मैंने ड्रामा करते हुए कहा- नहीं, मुझे तुम्हारे अलावा किसी और से नहीं चुदना। मुझे जितना मजा तुम देते हो, और कोई नहीं दे पायेगा।
अब रंगीला मुझे चोदते हुए बोला- नहीं मेरी जान, नए लंड और नई चूत से बड़ा मजा आता है। तू एक बार कर के तो देख!
मैंने कहा- अभी नहीं, प्रीति को आ जाने दो, देख लें वो कैसी है तब सोचेंगे। कहीं ऐसा न हो कि जय मुझे तो चोद ले और अपनी बीवी के नाम पर मना कर दे और इस बीच मैं भी जय से नजदीकी बढ़ा लेती हूँ।
अब मैंने सोचा कि क्या करूँ जो पायल और रंगीला खुद मुझे राज के लंड के लिए जोर दें।
मैंने रंगीला से कहा- तुम्हें नहीं लगता कि कभी अगर राज को मालूम पड़ गया तुम्हारे और पायल भाभी के बारे में, तो पायल भाभी को दिक्कत हो जायगी?

अब रंगीला क्या बताता कि राज ने खुद ही तो पायल की चूत उसे दिलाई है।
पर अगले दिन रंगीला ने पायल को फोन करके कहा कि रेखा तैयार है, उसे राज का लंड से ठुकवा दो।
पायल बड़ी खुश हुई। 
पायल ने रात को बेड पर राज से कहा- तुम्हें एक चूत और दिलवा दूं वो भी गर्म गर्म तो कैसा रहे?
यह सुन कर राज ने जबाब तो नहीं दिया पर अपना लंड पूरा घुसेड़ दिया पायल की चूत में और उसके मम्मों को जोर से दबाते हुए बोला- अब किसकी चूत पर चढ़ आई हो?
राज बोला- मैं तुम्हें अच्छे से जानता हूँ, तुम जरूर किसी चूत से लेस्बियन हुई होगी और अब उसकी गर्मी मेरे लंड से शान्त करना चाहती हो।
पायल बोली- हाँ, बात तो बिल्कुल यही है।
पायल ने रेखा का नाम लिया तो रेखा का नाम सुनते ही राज के धक्के बढ़ गए, क्योंकि रीमा की मटकती गांड का दीवाना था वो!
पायल और रंगीला ने दो दिन बाद का रंगीला के घर पर ही डिनर कम कॉकटेल का प्रोग्राम बनाया।
इस बीच रंगीला और रेखा अपने बेटे को उसकी नानी के पास छोड़ आये थे।
अगले दिन पायल अपने और रेखा के हाथों और पैरों मैं मेहंदी लगवा लाई थी।
रेखा ने पूछा- क्यों लगवा रही हो?
तो पायल ने हंस कर कहा- तेरी सुहागरात की तैयारी जो हो रही है।
तय दिन पर रात को राज और पायल रंगीला और रेखा के घर पर आये।
दिन में पायल ने एक बैग रेखा को भिजवाया था कि इसमें पायल और राज के कपड़े हैं।
रेखा समझी नहीं, पर जब शाम को रंगीला घर आया तो उसने बताया कि पायल ने पार्टी का ड्रेस कोड रखा है कि लड़कियाँ बिना ब्रा पेंटी के सिर्फ फ्रॉक पहनेंगी और लंड वाले मतलब लड़के लुंगी कुरता।
और चूंकि ये कपड़े पहन कर राज पायल घर से नहीं आ सकते थे इसलिए उन्होंने अपने पहनने के कपड़े पहले भेज दिये।
शाम को घर में घुसते ही सभी ने एक दूसरे को हग किया।
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07-23-2018, 12:02 PM,
#9
RE: non veg story प्यासे दिन और प्यासी रातें
राज के गले लगते रेखा को सिहरन सी हुई पर राज ने कोई जल्दीबाजी नहीं की और न ही उसका कोई अंग दबाया।
यह रेखा को अच्छा लगा और उसका चेहरा चमक रहा था।
पायल और राज उनके बेड रूम में गए और कपड़े बदल कर बाहर आये।
पायल की फ्रॉक का गला काफी गहरा था और ढीला था इसलिए जब वो झुकती तो उसके मम्मे झलक दिखला रहे थे।
पर पायल के मम्मे तो सबने देखे थे, नहीं देखे तो राज का लंड और रेखा की चूत और मम्मे!
सब लोग ड्राइंग रूम में बैठे।
रंगीला ने कोई इंग्लिश म्यूजिक लगा रखा था।
रेखा बार ट्राली खींच लाई, ट्राली पर व्हिस्की के अलावा सॉफ्ट ड्रिंक भी थी और आइस क्यूब्स और गिलास थे।
पायल और रेखा ने सॉफ्ट ड्रिंक ली और राज और रंगीला ने व्हिस्की के पैग बनाये।
लड़कियों से कहा गया कि वो उनके पैग से एक सिप लेकर उन्हें दें।
मैंने सिप लेकर रंगीला को पैग दिया जिसे रास्ते से ही राज ने ले लिया और पायल का सिप किया हुआ पैग रंगीला ने ले लिया।
राज ने हमारे न नुकुर करने के बावजूद भी थोड़ी सी व्हिस्की हम दोनों के गिलास में टपका दी।
हंसी मजाक का दौर और नशे का सुरूर आधे पौन घंटे तक चलता रहा…
मैं तो अपने सिप धीरे धीरे ले रही थी और राज ने मेरे गिलास में व्हिस्की डाली भी थोड़ी सी थी पर पायल के गिलास में व्हिस्की ज्यादा पड़ी थी और उसे नशा भी हो रहा था।
बहुत अश्लील मजाक शुरू हो गए थे, पायल पालथी मारकर सोफे पर बैठ गई और उसकी चूत अपना जला दिखा रही थी।
मेरे मुख से निकल गया- पायल, तुम्हारी मुनिया साफ़ नहीं दिख रही?
पायल अब नशे में आ गई थी, खड़ी हो गई और अपनी फ्रॉक पूरी ऊपर उठा ली, बोली- ले देख ले!सब हंस पड़े।
राज ने पायल को अपने पास खींच कर उसकी चूत को चूम लिया और उसको अपनी गोदी में बिठा लिया।
मैं भी रंगीला की गोदी में बैठ गई और अपनी फ्रॉक को कंधे से गिरा लिया जिससे रंगीला मेरे मम्मी चूस सके।
अब नंगे का खेल शुरू हो गया था।
राज ने पहले तो पायल को चूमना शुरू किया और उधर पायल ने अपने पैर से राज की लुंगी हटा कर उसका लंड मुझे भी दिखा दिया।
क्या मजबूत लंड था राज का!
मुझे उसे देखते हुए रंगीला ने मुझे गोदी से उतरा और राज की ओर धकेल कर मेरी ओर आँख मारी।
मैं अब बेशर्म होकर राज का लंड पकड़ कर उसे चूसने लगी और पायल अपनी फ्रॉक उतारकर रंगीला की लुंगी में घुस गई।
हम चारों नंगे हो चुके थे और वहीं कालीन पर रंगीला पायल के ऊपर चढ़ा हुआ उसे चोद रहा था और इधर राज और मैं तो एक दूसरे को खा जाने के अंदाज में चुदाई कर रहे थे।

हम दोनों लड़कियों ने अपने हाथ से एक दूसरे को पकड़ा हुआ था और कभी कभी मम्मे भी दबा रही थी।
मैंने कहा- मैं चाहती हूँ कि आज मुझे रंगीला और राज दोनों चोदें।
अब रंगीला नीचे लेट गया और मैं उसके पेट पर अपनी पीठ के बल लेटी। रंगीला ने अपना लंड पीछे से मेरी चूत में कर दिया अब ऊपर से राज आया और अपने लंड को रंगीला के लंड के साथ ही मेरी चूत में घुसा दिया।
मैं दर्द से चीखी पर दोनों जालिमों ने अपने लंड को नहीं निकाला और मेरी चुदाई करनी शुरू कर दी।
पायल मेरे मम्मे चूसने लगी और रंगीला अपनी उंगलियाँ पायल की चूत में कर रहा था।
क्या मस्ती छा गई थी।
राज ने अपना माल मेरी चूत में डाल दिया और अब रंगीला मेरे ऊपर चढ़ कर चुदाई करने लगा।
वो छूटने ही वाला था कि पायल आ गई और रंगीला का लंड खींच कर अपने मुख में कर लिया और रंगीला के छूटते उसका सारा माल गटक गई।
हम लोगों का ग्रुप सेक्स के सपने का पहला चैप्टर बखूबी ख़त्म हुआ।
खाना खाकर राज और पायल घर गए और मैं और रंगीला एक बार और चुदाई का खेल खेलने की तैयारी करने लगे।
सुबह उठी तो चूत में दर्द था। आखिर दो दो लंड झेले थे मेरी शब्बो ने…
मैंने थोड़ी वेजीनल क्रीम लगा ली, दोपहर तक आराम आ गया था।
आज ऑफिस नहीं गई… जय को झूठ बोल दिया कि आज कहीं कहीं जाना है।
एक दिन बाद रात को अचानक राज और पायल बिना बताये आ गए, नाईट ड्रेस में ही थे, बोले की वाक पर निकले थे तो सोचा कॉफ़ी पी चलें।
मैंने हंस कर कहा- यह क्यों नहीं कहते कि सोचा चुदाई का खेल खेल चलें।
पर पायल बोली- नहीं आज नहीं… आज मैं छुट्टी पर हूँ, पीरियड्स आये हैं!
मैंने कहा- तुझे ही तो आये हैं, मुझे तो नहीं।
पर रात हो चुकी थी, कॉफ़ी पीकर वो चले गए और आज रंगीला भी थका था तो जल्दी सो गए।
सुबह उठी तो मोबाइल पर जय का मैसेज था कि वो दस बजे आएगा, कहीं जाना नहीं है, बस उसका मन था आने का!
जाहिर है जय रंगीला के जाने के बाद आना चाहता था।
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07-23-2018, 12:02 PM,
#10
RE: non veg story प्यासे दिन और प्यासी रातें
मैंने खूब सोचकर रंगीला को कहा कि जय दस बजे करीब आएगा, कोई नई पॉलिसी है उन को बताने आ रहा है।
रंगीला ने चाय पीते हुए मुस्कुराकर मुझ से कहा- बुरा न मानो तो एक बात कहूँ?
मैंने कहा- रंगीला कैसी बात करते हो, भला तुम्हारी बात का बुरा क्यों मानूंगी।
रंगीला बोला- जय, तुमसे आकर्षित हो रहा है, लोहा गर्म है, चोट कर दो। थोड़ी सी लिफ्ट ज्यादा दे दो, अगले हफ्ते प्रीति भी आ रही है, अगर ये दोनों भी हमारे ग्रुप में आ जायें तो मजा आ जायेगा।
रंगीला ने प्रीति की फोटो देख रखी है, इसलिए वो प्रीति में ज्यादा इंटरस्टेड था।
मैं मुस्कुरा दी, अब उसे क्या बताती कि मैं और जय तो गंगा नहा चुके हैं।
हाँ यह मुझे यकीन था कि जय मेरे को पाने की चाहत में प्रीति को रंगीला से चुदवा देगा।
रंगीला के जाने के कुछ देर में ही जय आ गया, अंदर आते ही हम दोनों के होंठ मिल गए।
आज मैं जान बूझकर जय को चुदाई से दूर रखना चाहती थी।
जय ने जैसे ही मेरे ट्रैक सूट में हाथ डालना चाहा, मैंने कहा- जान आज नहीं, आज मैं छुट्टी पर हूँ।
जय मुस्कुरा दिया। वो सोफे पर बैठ कर नई पॉलिसी निकालने लगा, मैं चाय नाश्ता ले आई…
मुझे मालूम था कि जय कुछ खा के नहीं आया होगा।
जय का मनपसंद नाश्ता था… मैंने जय को एक लम्बा किस दिया और नाश्ता शुरू करने को कहा।
वो बहुत खुश होकर नाश्ता करने लगा।
उसने बताया की उसे मकान मिल गया है और वो आज शाम को आगरा जायेगा प्रीति को लाने, परसों आ जायेगा।
जय मुझे कुछ फोन नंबर और पते दे गया कि मैं इन लोगों से ऑफिस के एक स्टाफ के साथ जाकर मिल लूं और नई पॉलिसीज उन्हें समझा दूं।
जाते समय मैंने जय को हग किया और वादा किया कि मैं उसके लिए हमेशा एक अच्छी दोस्त रहूंगी और उनके संबंधों से प्रीति और जय के संबंधों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
जय ने एक प्रेमी की तरह मुझे जोर से चिपकाते हुए लम्बा किस दिया।
तीसरे दिन सुबह मैंने ही फोन करके जय से पूछा कि आ गए क्या।
उसने बताया कि आधे घंटे में पहुँच जाऊँगा।
मैंने साउथ इंडियन डिश बनाई थी, वो और चाय लेकर मैं और रंगीला जय के घर पहुंचे।
वो लोग अभी आये ही थे।
प्रीति पतली लम्बी सी और बहुत मिलनसार लड़की थी, वो मुझ से गले लगी और बोली- भाभी थैंक्स! आपने जय का बहुत ध्यान रखा… जय तो आपकी और भैया की तारीफ करते रहते हैं।
मैंने कहा- आज के बाद भैया और भाभी मत बोलना… हम सब दोस्त हैं, तुम हमारे नाम ले सकती हो…
हम सबने चाय नाश्ता किया।
रंगीला तो फैक्ट्री चला गया और जय को पीछे के काम की जानकारी दी। फ़िर वो भी ऑफिस चला गया।
अब घर पर मैं और प्रीति थे।
हमने फटाफट उनका सामान अनपैक किया और लगा दिया।
सामान काफी था… लगाते लगाते दोपहर हो गई।
तभी डोर बेल बजी, जय ने बर्गर और कोल्ड ड्रिंक भिजवाए थे।

इस बीच मैं और प्रीति खूब खुल चुके थे।
मेरी और प्रीति की सलवार धुलाई और पोंछा लगाने में गीली हो गई थी।
मैंने प्रीति से कहा- तू कपड़े बदल ले, मेरे तो अभी सूख जायेंगे। 
प्रीति ने अपना सूटकेस खोल कर दो नाईट सूट्स निकाल दिये… हम कपड़े चेंज करके बेड पर बैठ कर ही खाने लगी और खाकर वहीं लेट कर गप्पें लगाने लगी।
मेरा मन था कि प्रीति के ज्यादा नजदीक आऊँ, पर फिर मैंने सोचा कि आज नहीं।
चार बजे करीब मैं वापस आने लगी और कपड़े बदल लिए।
मैंने प्रीति को आँख मारकर कहा- आज तो सुहागरात मनेगी!
प्रीति बोली- क्यों?
मैंने कहा- नया मकान, नया बेड… और तुम दोनों इतनी दिनों से मिले भी कहाँ हो…
प्रीति शर्मा के हंस पड़ी… मैंने मौका देखकर प्रीति को होठों पर चूम लिया…
हम दोनों को ही एक सिहरन सी हुई… प्रीति की आवाज थरथरा रही थी… वो हॉट फील कर रही थी… वो बोली- वादा करो हम हमेशा बहुत अच्छे दोस्त रहेंगे।
मैंने उसे अपने से चिपका कर कहा- वादा…
अब उसने अपने होंठ मेरे होठों से चिपका लिए और अपनी जीभ से मेरी जीभ को चाटने लगी।
दो मिनट बाद हम अलग हुए और मैं घर आ गई… प्रीति बहुत अच्छी लगी मुझे और सब कुछ वैसे ही हुआ जैसे मैं चाहती थी…
मुझे भी अब प्रीति को अपना ऐसे ही बनाना है जैसे पायल ने मुझे अपना बनाया। चाहे पायल को मैंने रंगीला दिया, पर पायल का एहसान तो मैं जिन्दगी भर नहीं भूलूंगी।
अगले दिन सुबह मैंने 10 बजे करीब प्रीति को फोन किया- सुहागरात कैसी रही?
तो वो बोली- अब फोन पर क्या बताऊँ, यहाँ आ जा, कर के बता दूँगी…
प्रीति, जितना मैंने सोचा था, उससे ज्यादा मस्त थी।
मैंने कहा- आज तू आ और अभी आ जा, खाना यहीं खायेंगे…
वो बोली- अभी तो मैं नहाई भी नहीं हूँ!
मैंने कहा- मैं कौन सी नहाई हूँ, आ जा साथ साथ नहायेंगे।
वो बोली- बड़ी बेशर्म है तू?
मैंने कहा- नहाने में क्या बेशर्मी… जो तुझ पर है वही मुझ पर भी है…
वो हंस पड़ी, बोली- आ रही हूँ, पता लिखा…
मैंने उसे अपना पता बताया और फटाफट पाव भाजी बना ली और एक कोल्ड कॉफ़ी की कैन फ्रीजर में रख दी।
मैंने दो फ्रॉक भी निकाल कर रख ली।
बाथरूम को भी साफ़ करके दो फ्रेश टॉवल टांग दिये।
प्रीति आ चुकी थी, आते ही लिपट कर बोली- पहले तो चाय पिला, फिर गप्पें लगायेंगे।
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