non veg story रंडी खाना
01-23-2019, 01:00 PM,
#60
RE: non veg story रंडी खाना
मेरी नींद खुली काजल के गुनगुनाने की आवाज काजल मेरे ठीक सामने खड़ी होकर अपने बालो से खेल रही थी,असल में वो उस आदमकद कांच के सामने थी जिसके पीछे मैं था ,उसके चहरे से तो यही लग रहा था की वो इस बात से बेखबर है ,लेकिन मैं उसके नंगे जिस्म को देख पा रहा था ,वो अपने पेट में पड़े हुए उस दांत के निशान को देखती है जिसे शायद आज के हवस के खेल में ठाकुर ने उसे दिया था ,वो अब भी लाल और ताजा था ,वो थोड़ी डर होकर पास ड्रेसिंग से एक क्रीम ले आयी और फिर से उसे मेरे सामने ही लगाने लगी ,
तभी ठाकुर भी आ चुका था ,उसका काला लिंग किसी सांप की तरह उसके जांघो के बीच लटक रहा था और वो आकर काजल को पीछे से पकड़ कर उसकी योनि को सहलाने लगा ,
“रात भर तो इसे रगड़ लिए हो फिर से खेल रहे हो इससे “
काजल ने हल्के से हंसते हुए कहा,
ठाकुर दर्पण से ऐसे देखा जैसे मेरी आंखों में ही देख रहा हो,उसके होठो में एक बहुत ही कमीनी सी मुस्कान थी ,उसने अपनी उंगली उसकी योनि में घुसा दी …
“अरे जानेमन ये तो मख्खन है जितना भी घुसाओ साला फिर से टाइट हो जाता है,इतना नरम और गर्म तो मैंने आजतक किसी का नही देखा “
वो बड़े ही अदा से उसकी योनि को सहला रहा था ,काजल के होठो ने भी सिसकियां छोड़ दी ,उसकी आंखे बंद हो गई थी ,लेकिन ठाकुर मेरे आंखों में देखने लगा और उसके होठो की मुस्कान बहुत ही गहरी थी ..
“पता नही तेरा पति कैसा चुतिया है जो इस मखमली चुद को छोड़कर दुसरो के पीछे पड़ा हुआ है ..”
मैं शर्म से पानी पानी हो रहा था 
लेकिन उसकी इस बात से काजल में तुरतं ही फर्क आया 
वो उससे अलग हो गई 
“कितनी बार कहा की उस चूतिए का नाम लेकर मेरा मूड खराब मत किया करो साले तो अपनी बहन चोदनी है उसे साथ लेकर भाग गया साला नामर्द ,हरिया ने बताया था ना की कैसे मुझे तुम्हारे साथ देखकर साला अपनी बहन के साथ छि ऐसे नामर्द का नाम मेरे सामने फिर कभी मत लेना “
काजल की बात सुनकर मैं बिल्कुल ही स्तब्ध रह गया ,शायद मेरे किसी पुराने कर्मो की ही सजा था ,या शायद उस बेवफा से इतना प्यार करने की सजा …
काजल मेरे बारे में ऐसा सोचती है ये सोच कर ही मैं टूट गया ,रही सही थोड़ी हिम्मत भी टूट ही गई ,अब बस यंहा पड़े हुए मुझे मौत का ही इंतजार था ना जाने वो किस रूप में आएगी …
ठाकुर ने उसका मूड ठीक करने के लिए उसे पुचकारने लगा और फिर मेरे ही सामने फिर से वो दो जिस्म मिल गए ,लेकिन इस बार ठाकुर ने काजल को उसी कांच में टिकाया था ,काजल का हाथ उस कांच को थामे हुए था और ठाकुर उसे पीछे से ही भरे जा रहा था ….
ठाकुर की आंखे मुझपर ही टिकी थी और काजल की आहो से पूरा कमरा गूंज रहा था ,लेकिन मुझे ना ही उनके इस कृत्य में कोई मजा आ रहा था ना ही मैं उसे दिखना चाहता था,मैं तो बस भगवान से अब अपनी मौत की ही दुवा कर रहा था …

***************
ठाकुर और काजल का खेल खत्म हो चुका था और दोनो एक साथ ही बाथरूम में घुस चुके थे ,...
ठाकुर जाने को तैयार हो चुका था ,मैंने कमरे की दीवार में लगी हुई घड़ी देखी,8 बज चुका था अभी तक किसी ने मेरी कोई सुध भी नही ली थी ,काजल अब भी एक नाइटी में ही थी ,ठाकुरर जाने लगा तभी काजल ने उसे रोका और अपने पर्स से एक पुड़िया निकाली 
“अजीम को दे देना “
“कितना ख्याल रखती हो तुम उसका ,साले को मर जाने दो नशे के बिना “
काजल खिलखिला पड़ी 
“इतना जल्दी मर जाएगा तो जायजाद हमारे नाम कैसे होगा “
काजल की कमीनी मुस्कान के साथ ही ठाकुर भी मुस्कुरा उठा और वो पुड़िया अपने जेब में डाल ली,दोनो एक दूसरे के होठो को किसी प्रेमी की तरह चूसते रहे और वो निकल गया …
उसके जाने के बाद काजल उस कांच तक आयी और अपने को निहारने लगी ,उसने अपनी नाइटी निकाल फेंकी थी और अपने जिस्म को ध्यान से देखने लगी फिर उसने अपनी ही आंखों को देखा ,उसके होठो में एक मुस्कान थी ……..
भयानक डरा देने वाली मुस्कान ……...

काजल की आंखे भयावह थी ,लाल आंखे जैसे शैतान हँस रहा हो ,लेकिन फिर कुछ बूंदे पानी की भी उनमे आ गई थी ,
मैं स्तब्ध सा उसे देख रहा था ,उसके चहरे में मुस्कान खिल गई थी लेकिन ये मुस्कान भी बहुत ही डरावनी थी लगा जैसे किसी शैतान का कोई शैतानी मकसद पूरा हो गया हो …
वो जाकर अपने कपड़े पहन रही थी की दरवाजे में दस्तक हुई,जब दरवाजा खोला गया तो सामने अंजू (हरिया की बीवी) थी …
अंजू पसीने से सनी हुई थी ,उसकी सांसे उखड़ी हुई थी ,चहरा पिला था जैसे बहुत डरी हुई हो और हाथ में चाय की प्याली थी..
काजल उसकी हालत देखते ही समझ चुकी थी की डाल में कुछ काला है ..
“क्या बात है अंजू”
उसने बहुत धीरे से कहा था लेकिन मुझे उसकी आवाज सुनाई दी ,
“मेडम वो ..वो “
वो इधर उधर देखने लगी 
“अंदर आओ “
उसके अंदर आते ही काजल ने दरवाजा बंद कर लिया..
अंदर आते ही अंजू ने तुरत ही चाय की ट्रे रखी और बोल पड़ी 
“मेडम देव साहब कल आये थे,मैंने देखा था ..ठाकुर और हरिया उसे बांध के इस कमरे में बंद कर दिए थे ..”
उसने कांच की तरफ इशारा किया ,काजल अजीब सी निगाहों से कांच की ओर देखने लगी 
“पहले क्यो नही बताया “
काजल चीखी
“वो हरिया…”
अंजू कुछ बोल पाती इससे पहले ही काजल कमरे से बाहर जा चुकी थी ,
थोड़ी ही देर में मेरे कमरे का दरवाजा खुला और काजल और अंजू ने मिलकर मुझे खोल दिया ..
रात के मार और मानसिक शारीरिक मानसिक पीड़ा से मैं टूट चुका था ,और बहुत ही थक चुका था,जैसे ही मैं खड़ा हो पाया था मेरे गालो से एक जोर का हाथ पड़ा …
“क्या जरूरत थी तुम्हे यंहा आने की ,हमारे बीच अब बचा ही क्या है जो तुम यंहा आये थे ..”
काजल की चीख से मैं बुरी तरह से झेंपा 
“ये क्या कर रही है मेडम साहब को पता चला तो “
हरिया की आवाज आयी ,अबतक सभी कमरे से बाहर आ चुके थे ,
हरिया अंजू को लाल लाल आंखों से देख रहा था 
“मैं उसे सम्हाल लुंगी इसे जाने दो “
“मैं इसे नही जाने दे सकता “इस बार हरिया की आवाज में दृढ़ता थी 
“जाने दीजिये ना “अंजू ने थोड़ा सहमे आवाज में कहा 
“चुप कर रांड साली तुझे तो मैं बाद में देखता हु “
हरिया चिल्लाया और अंजू बिल्कुल ही सहम सी गई ..
लेकिन काजल की आंखों में जैसे आग उतर आया था…
“जब मैंने कह दिया की ये जा रहा है तो तेरे बात समझ में नही आती “
“चुप कर साली ,”
हरिया भी तमतमाया 
“दो कौड़ी की रांड मुझे सिखाएगी,जब तक ठाकुर साहब नही कह देते ये कही नही जाएगा “
काजल की आंखों में खून उतर आया था और उसने हरिया को मारने के लिए अपना हाथ उठाया लेकिन हरिया मजबूत आदमी था ,उसने उसका हाथ पकड़ लिया साथ ही उसे एक ओर धक्का देकर मुझे फिर से कमरे के अंदर ले जाने लगा ,
काजल ने पास से एक कुल्हाड़ी उठायी और ……
“नही …..”अंजू की चीख फिजा में गूंज गई ,काजल का चहरा खून से सना हुआ था ,और हरिया के सर के कई टुकड़े बिखर गए थे ,खून से जमीन लाल हो चुकी थी…
काजल ने कुल्हाड़ी एक ओर फेक दी ...और अंजू की ओर देखा जो अभी बिल्कुल किसी मूर्ति सी जमी खड़ी थी …
मैं भी कुछ सोचने समझने की हालत में नही था …
“तू क्यो रो रही है ,यही तो है जो तुझे खान और ठाकुर के सामने नंगी करके नचवाता था,तेरी जैसी गांव की भोली भाली लड़की को साले ने रांड बना दिया,उसके लिए आंसू बहा रही है ……
काजल ने फिर से वो कुल्हाड़ी उठा ली 
“ये ले जा अपने उस ससुर की भी लीला आज खत्म कर दे जो ये सब होंते हुए देखने के बाद भी चुप रहा ,और इन सबमे साथ देता रहा,और अपने कपड़े बांध ले ,बच्चों को स्कूल से ही उठा लेंगे ...ये काम तो पहले ही कर देना था,थोड़ी देर हो गई …”
अंजू थोड़ा सम्हल गई थी और कुल्हाड़ी को अपने हाथो में पकड़ लिया ..लेकिन उसके होठ कुछ कहने को फड़फड़ा रहे थे…
“ठाकुर साहब …”
काजल के खून से सजे चहरे पर वो मुस्कान शैतान का भी दिल दहला देती ..
“उसका इंतजाम मैंने कर दिया है ,आज खान और ठाकुर खून के आंसू रोयेंगे ,”

***********************
थोड़ी ही देर में हम फॉर्महाउस से बाहर थे,मुझे मेरी कार तक छोड़कर काजल अंजू को लेकर चली गई थी ,मेरे दिमाग में बार बार काजल के वो शब्द गूंज रहे थे …...

‘क्या जरूरत थी तुम्हे यंहा आने की ,हमारे बीच अब बचा ही क्या है जो तुम यंहा आये थे ..’

‘उसका इंतजाम मैंने कर दिया है ,आज खान और ठाकुर खून के आंसू रोयेंगे’

हमारे बीच में अब बचा ही क्या है ?????????
ये सवाल मुझे खाये जा रहा था ……

आज खान और ठाकुर खून के आंसू रोयेंगे…..ऐसा क्या कर दिया था काजल ने ???
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RE: non veg story रंडी खाना - by sexstories - 01-23-2019, 01:00 PM

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