Porn Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
08-23-2019, 01:41 PM,
RE: Porn Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
नीलम- ओह रघुऊऊउ हाँ.. चोद मुझे… मात्त्तत्त रुक्ककक नाआ… चोद मुझे.. ओह्ह..।

रघु ने एक बार फिर से बिंदिया की तरफ देखा.. जो नीलम की चूत में पूरे घुसे हुए लण्ड को देख रही थी.. उसने अपने लण्ड को धीरे-धीरे आधे से ज्यादा बाहर निकाला और फिर एक जोरदार धक्के के साथ नीलम की चूत में पेल दिया। रघु की जाँघें नीलम के भारी-भारी चूतड़ों से जा टकराईं और कमरे मैं ‘ठप’ की जोरदार आवाज़ गूँज उठी।

नीलम- ओह्ह रघु मेरे..ए..ए जान.. ओह चोद.. अपनी काकी को.. आह.. आह.. हाँ और जोर्.. से चोद..।

रघु ने तेजी से धक्के लगाने शुरू कर दिए। रघु का लण्ड नीलम की चूत से निकल रहे पानी से एकदम सन गया था और तेज़ी से नीलम की चूत में अन्दर-बाहर हो रहा था।

अपने सामने हो रही इस जोरदार चुदाई से बिंदिया की चूत भी पानी छोड़ने लगी.. अचानक से रघु ने बिंदिया को उसके दोनों कंधों से पकड़ कर अपनी तरफ घुमाया और उसे नीलम.. जो कि नीचे लेटी हुई थी.. उसके ऊपर ले आया..। अब बिंदिया नीलम के पेट के ऊपर दोनों तरफ टाँगें किए हुए बैठी थी।

रघु की इस हरकत से बिंदिया एकदम से हड़बड़ा गई और खड़ी हो गई। लेकिन अब भी उसकी टाँगें नीलम के कमर के दोनों तरफ थीं।

उसका चेहरा रघु की तरफ और पीठ नीलम के तरफ.. जैसे ही बिंदिया खड़ी हुई। रघु ने अपने दोनों हाथों को उसके लहँगे के अन्दर डाल दिया और उसके टाँगों को नीचे से मसलते हुए.. ऊपर की और ले जाने लगा।

बिंदिया का पूरा बदन रघु के हाथों को अपनी टाँगों पर महसूस करके झनझना उठा। उसकी हालत हर पल बिगड़ती जा रही थी.. उसके टाँगें बुरी तरह थरथरा रही थी.. रघु के हाथ उसके टाँगों पर ऊपर की ओर बढ़ते हुए.. उसके जाँघों पर आ चुके थे।

रघु ने उसकी चिकनी और गुंदाज जाँघों को धीरे-धीरे अपने हाथों में भर कर मसलना शुरू कर दिया।

बिंदिया की चूत अब और गरम हो चुकी थी और फिर रघु ने वो किया.. जिससे बिंदिया की साँसें मानो जैसे थम गई हों।

उसने बिंदिया की चड्डी को दोनों हाथों से पकड़ कर नीचे खींच दिया और उसके दोनों पैरों को एक-एक करके ऊपर उठाते हुए उसकी टाँगों से निकाल कर एक तरफ फेंक दिया।

रघु नीचे से लगातार अपनी कमर हिलाते हुए.. नीलम की चूत में अपना लण्ड अन्दर-बाहर करता हुआ उससे चोदे जा रहा था और नीलम की मस्ती और मदहोशी भरी सिसकियों का बिंदिया के ऊपर अजीब सा नशा छाने लगा था। रघु ने फिर से बिंदिया को पकड़ कर नीचे बैठा दिया। अब बिंदिया अपने घुटनों के बल नीलम के पेट के ऊपर थी।

रघु ने नीलम की चूत में अपना लण्ड पेलते हुए.. बिंदिया के चेहरे को अपने हाथों में भर कर अपनी तरफ खींचा और उसके गुलाबी होंठों को अपने होंठों में भर लिया।

अगले ही पल बिंदिया की आँखें बंद हो गईं। रघु ने एक हाथ बिंदिया की कमर में डाल कर अपनी तरफ सरका रखा था और उसने अपने दूसरे हाथ को बिंदिया के लहँगे के नीचे से अन्दर डाल दिया।

जैसे ही रघु का हाथ बिंदिया की चूत की फांकों को लगा.. बिंदिया एकदम से कसमसा गई और वो रघु से और चिपक गई।

पीछे से अपनी काकी सास की मादक सिसकारियाँ सुन कर उसका और बुरा हाल होता जा रहा था।

रघु ने अपने धक्कों की रफ्तार और बढ़ा दी थी और उसका लण्ड ‘फच्च’ की आवाज़ करता हुआ.. नीलम की पनियाई हुई चूत में अन्दर-बाहर होने लगा।

रघु ने अब बिंदिया का निचला होंठ अपने होंठों में भर कर चूसना शुरू कर दिया और साथ ही उसने अपनी दोनों बाँहों को उसकी कमर में कसकर अपने से सटा रखा था।

नीचे लेटी नीलम को रघु ने आँखों से कुछ इशारा किया और नीलम ने पीछे से बिंदिया का लहंगा उठा कर उसकी गाण्ड को अपने हाथों में भरते हुए मसलना शुरू कर दिया।

बिंदिया एकदम से चौंक उठी.. पर रघु ने उसे अपनी बाँहों में ज़ोर से कस रखा था.. जिससे वो चाह कर भी हिल नहीं पा रही थी।

नीलम ने बिंदिया के दोनों चूतड़ों को फैला कर अपनी एक ऊँगली उसके गाण्ड के छेद पर लगा दिया।

बिंदिया का पूरा बदन ऐसे काँप गया.. जैसे उसे करेंट लग गया हो.. उसका पूरा बदन कामुकता के कारण थरथरा रहा था।

नीलम ने उसकी गाण्ड के छेद को अपनी ऊँगली से धीरे-धीरे कुरदेना शुरू कर दिया।

बिंदिया अब पगलाती जा रही थी और मदहोशी की आलम में डूबती हुई बिंदिया ने अपने हथियार डाल दिए।

रघु ने अपना एक हाथ उसकी कमर से हटा कर उसके लहँगे के नीचे से डाल कर उसकी चूत की क्लिट को अपनी उँगलियों से मसलना शुरू कर दिया और उसने अपने होंठों को बिंदिया के होंठों से अलग कर लिया।

रघु ने देखा बिंदिया का चेहरा लाल हो कर दहक रहा था.. पूरा चेहरे पसीने से तर हो चुका था.. होंठ काँप रहे थे और वो तेज़ी से साँसें ले रही थी।

उधर नीचे.. रघु के धक्कों की रफ़्तार पूरी तेज़ी पर थी.. रघु के हर धक्के के साथ बिंदिया और नीलम दोनों का बदन बुरी तरह से हिल रहा था।

नीलम- आह्ह.. रघु चोद मुझे.. दिखा दे इस छिनाअलल्ल्ल को.. तू.. मुझे कितना प्यार करता है.. ओह मेरी चूत आह्ह.. रघु।

उधर बिंदिया का भी बुरा हाल था.. पीछे से नीलम काकी उसके गाण्ड के छेद को कुरेद रही थी और आगे से रघु उसकी चूत को मसल रहा था।

“आह्ह.. आहह.. माआआ.. मुझे कुछ हो रहा है ओह्ह..”
बिंदिया सिसकते हुए बोल उठी।

उधर नीलम की जांघें भी आपस में सटने लगीं.. उसकी चूत ने रघु के लण्ड पर कसाव और बढ़ा दिया था और वो काँपते हुए झड़ने लगी। “आह्ह.. रघुऊऊ.. निकल गया.. रे..ओह्ह.. मेरे..ए..ए चूततत.. भोसड़ीईईई हो गई रे..ए.. ओह रघु.. ऊऊउउह..”

रघु ने अब पूरी ताक़त के साथ नीलम को चोदना शुरू कर दिया और बिंदिया को घूरते हुए नीलम की चूत में पानी छोड़ने लगा।

इधर बिंदिया की चूत में जमा पानी भी पिघल कर बाहर आने लगा..।

बिंदिया तो मानो जैसे किसी और ही दुनिया में पहुँच गई हो। उसका बदन रह-रह कर झटके खाने लगा और उसकी चूत से तो जैसे पानी का सैलाब बह निकाला।
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08-23-2019, 01:42 PM,
RE: Porn Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
बिंदिया का पूरा बदन झड़ने के कारण थरथर काँप रहा था.. उसकी कमर रह-रह कर झटके खा रही थी। वो आँखें बंद किए हुए.. अपनी सांसों को सामान्य करने के कोशिश कर रही थी।

नीलम की चूत रघु के लण्ड से निकले पानी से पूरी तरह भर चुकी थी.. रघु का लण्ड जैसे ही.. सिकुड़ कर नीलम की चूत से बाहर आया.. रघु नीलम की जाँघों के बीच से हट कर उसके साथ लेट गया। बिंदिया अभी भी नीलम की कमर के दोनों तरफ पैर करे ऊपर बैठी हुई थी।

ये देख कर नीलम ने पीछे से उसका लहंगा उठा कर.. अपनी एक ऊँगली उसकी चूत की फांकों में फिरा दी।

बिंदिया का बदन एक बार फिर से काँप गया। उसने पीछे मुड़ कर नीलम की तरफ देखा.. तो रघु और नीलम दोनों साथ लेटे हुए उसकी तरफ देख रहे थे।

बिंदिया अपनी इस हालत पर बुरी तरह शर्मा गई और वो उठ कर जैसे ही खड़ी हुई.. रघु ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच कर उसको अपनी दूसरी तरफ लिटा लिया।

रघु आज अपनी किस्मत पर बड़ा इतरा रहा था और सच में ऐसे बहुत कम लोग होते हैं.. जो दो गठीले बदन वाली औरतों के बीच में सोते हों।

बिंदिया अभी भी अपनी उखड़ी हुई सांसों को दुरुस्त करने की कोशिश कर रही थी।
अगली सुबह..

दूसरी तरफ सीमा के घर पर पिछली रात दीपा पर बहुत भरी गुज़री। क्यों कि रात को सीमा उसके साथ सोई थी.. सारी रात उसने अपनी और सोनू की पहली चुदाई के बारे में सोचते हुए करवटें लेकर निकाली थी और सुबह उसका मूड थोड़ा अपसैट लग रहा था।

सोनू को दीपा के चेहरे से अंदाज़ा हो गया था कि दीपा कल रात से उसे याद कर रही है और सुबह-सुबह ही सेठ गेंदामल दीपा और सोनू को लेने के लिए सीमा के मायके पहुँच गया था।


क्योंकि जिस शहर में गेंदामल सेठ की दुकान थी.. वहाँ पर बहुत बड़ा मेला लगने वाला था और मेला में दिन रात चहल-पहल बनी रहती थी। मेला पूरे हफ्ते भर चजया था.. इसलिए दुकान मेले के दिनों में दिन-रात खुली रहती थी। गेंदामल को दिन-रात दुकान में ही रहना पड़ता था। इसलिए वो दीपा और सोनू को ले जाने आया था.. क्योंकि रात को रजनी अकेली हो जाती।

आज उन तीनों को गाँव वापिस जाना था.. इसलिए तीनों घर वापिस जाने की तैयारी कर रहे थे और कुछ ही देर में वो तीनों घर के लिए रवाना हो गए।

शाम को जब तीनों घर पर पहुँचे.. तो रजनी तीनों को देख कर बहुत खुश हुई खास तौर पर सोनू को देख कर..

बेला जो कि रघु के वापिस चले जाने से कुछ उदास थी.. वो भी सोनू को देख कर खुश थी। आख़िर कोई तो उसे भी अपनी चूत की आग बुझाने के लिए चाहिए था।

बेला अपना काम निपटा कर चली गई.. शाम के 4 बजे जब सब अपने-अपने कमरों में आराम कर रहे थे।

सेठ दुकान पर जा चुका था.. तो रजनी चुपके से अपने कमरे से बाहर निकल कर पीछे सोनू के कमरे की तरफ चल पड़ी।

सोनू अपने कमरे मैं खाट पर लेटा हुआ था.. रजनी को अपने कमरे में देखते ही वो चारपाई से उठ खड़ा हुआ और रजनी को अपनी बाँहों में भर लिया।

रजनी ने भी अपनी बाँहें उसकी कमर पर कस लीं और दोनों के होंठ आपस में जा लगे।

थोड़ी देर बाद रजनी ने अपने होंठों को सोनू के होंठों से हटाया और उसका हाथ पकड़ कर अपने पेट पर रख दिया।

सोनू उसकी आँखों में सवालिया नज़रों से देख रहा था।

रजनी ने मुस्कुराते हुए.. उसके कान के पास जाकर धीरे से बोला- तुम्हारा है..

रजनी की ये बात सोनू अच्छे से नहीं समझ पाया।

सोनू ने धीमी आवाज़ में कहा- क्या ?
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08-23-2019, 01:42 PM,
RE: Porn Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
रजनी ने मुस्कुराते हुए कहा- मेरे पेट में तुम्हारा बच्चा है।

सोनू रजनी की बात सुन कर एकदम से घबरा गया.. वो फटी हुई आँखों से रजनी की तरफ देखे जा रहा था। अगले ही पल रजनी एकदम से हँस पड़ी।

रजनी- अरे तू इतना घबरा क्यों रहा है.. तुझे कुछ नहीं होने दूँगी.. तेरे जाने के बाद मैं तेरे सेठ के साथ कुछ रातों को हम-बिस्तर हुई थी। ये बच्चा उनके ही नाम से इस दुनिया में आएगा.. यकीन मानो किसी को पता भी नहीं चलेगा.. बस दु:ख इस बात का है कि अब कई महीनों तक तुझसे चुदवा नहीं पाऊँगी।

रजनी की बात सुन कर सोनू को थोड़ी राहत मिली और वो भी मुस्कुराते हुए.. उसके पेट पर धीरे-धीरे हाथ फेरने लगा।

“पर मालकिन अब मेरा क्या होगा.. इतना समय मैं कैसे गुजारा करूँगा..?”

उसने रजनी की आँखों में देखते हुए कहा।

“ढूँढ़ दूँगी तेरे लिए एक नई चूत.. अब खुश..”

सोनू- नई चूत? कहाँ से ढूँढोगी..?

रजनी- है मेरी नज़र में एक.. वैसे तू भी जानता है उसके बारे में.. और मुझे लगता है कि वो भी तेरे ऊपर फिदा है।

सोनू- अच्छा मुझे भी बताओ.. कौन मुझ पर फिदा है।

रजनी- बता दूँ..?

सोनू- हाँ.. जल्दी बताओ ना..।

रजनी- दीपा… तुम्हें पसंद है ना..?

रजनी की बात सुन कर सोनू एकदम से चौंक जाता है.. पर उसे इस बात का अहसास हो जाता है कि रजनी नहीं जानती कि उसके और दीपा के बीच पहले से ही सब कुछ हो चुका है।

सोनू- वो तो ठीक है.. पर दीपा तो मुझसे घर में मिल भी नहीं पाती और आप तो जानती ही हो कि सेठ जी दीपा पर हमेशा नज़रें रखते हैं।

रजनी- तू उसकी फिकर मत कर.. अब सेठ जी अगले एक हफ्ते के लिए दिन-रात दुकान पर ही रहेंगे और मैं तुम्हारे पास.. तो अब बहुत मौके होंगे.. बस किसी तरह एक बार तुम दीपा को पटा लो..।

सोनू ने रजनी के चेहरे पर ख़ुशी देखते हुए कहा- वो तो ठीक है.. पर आप को अच्छा लगेगा..? जब मैं और दीपा.. पर आप इतना क्यों खुश हो रही हो..?

रजनी ने सोनू की बात सुन कर एकदम सकपकाते हुए कहा- नहीं.. वो तो ऐसे ही बोल दिया, तुझे पता है ना.. मैं तुम्हें उदास नहीं देख सकती और तेरी वजह से ही तो अब मुझे अपने घर में पुरानी हैसियत वापिस मिलने वाली है.. और हाँ.. वैसे बेला भी तो है.. उसे तो तुम कई बार चोद चुके हो ना…।

सोनू रजनी की बात सुन कर झेंप जाता है।
“नहीं मालकिन.. आपको किसने कहा.. मैं और बेला.. हो ही नहीं सकता।”

रजनी सोनू की बातों का मज़ा ले रही थी।
“अच्छा.. मुझे बच्ची समझा है क्या.. बच्चे.. अच्छी तरह से जानती हूँ तुझे और उस बेला को भी.. मुझसे होशियारी मत कर..।”

रजनी हँसते हुए बाहर जाने लगती है और फिर पीछे मुड़ कर उससे कहती है।
“वैसे बेला का मर्द भी दुकान पर ही रहेगा दिन-रात.. चाहो तो आज उसके घर चले जाना..।”
और फिर रजनी घर के आगे के तरफ अपने कमरे में चली जाती है।
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08-23-2019, 01:42 PM,
RE: Porn Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
सोनू तो जैसे ख़ुशी के मारे उछल पड़ता है.. वो जानता है कि रजनी को इस बात का पता नहीं है कि उसकी और दीपा के बीच पहले से सब कुछ हो चुका है और अब तो रजनी भी उसे खुल कर बेला और दीपा को चोदने के लिए कह गई थी।

रात हो चुकी थी और बेला सबको खाना खिला कर अपने घर वापिस जाने को थी।

जैसे ही बेला दरवाजे तक पहुँची.. तो रजनी ने उसे आवाज़ लगाई।
बेला रजनी की आवाज़ सुन कर वापिस आ गई।

आँगन में दीपा और रजनी पलंग पर बैठे हुए थे.. जबकि सोनू नीचे बैठा हुआ था।

रजनी ने सोनू के तरफ देखते हुए.. एक कातिल मुस्कान के साथ बात शुरू की।
रजनी- बेला मैं कह रही थी कि जब तक मेला चल रहा है और जब तक सेठ जी दुकान पर रहेंगे.. तब तक तुम यहीं सो लिया करो और वैसे भी तुम्हारे घर पर कौन है.. वहाँ पर भी जाकर तो सोना ही है।

बेला- पर मालकिन वो में..।

रजनी- पर..पर.. क्या लगा रखा है.. दीपा मेरे साथ सो जाएगी और तुम सोनू के कमरे में सो जाना.. एक बिस्तर नीचे लगा लेना अपने लिए..।

जैसे ही बेला ने ये बात सुनी। उसका दिल एकदम से ख़ुशी से उछल पड़ा.. पर अचानक से उसके मन में ख्याल आया कि आख़िर आज रजनी को क्या हो गया है.. पहले तो वो सोनू पर उसकी परछाई भी पड़ने नहीं देती थी और आज एकदम से वो इतनी मेहरबान कैसे हो गई।
बेला सवालिया नज़रों से रजनी की तरफ देख रही थी।

इस पहले कि रजनी कुछ बोलती.. सोनू उठ कर पीछे अपने कमरे की तरफ चला गया।

रजनी ने देखा कि बेला अब भी वहीं खड़ी है। उसने दीपा को बोला कि वो अन्दर जाकर बिस्तर ठीक करे.. मैं थोड़ी देर में आती हूँ।

दीपा उठ कर रजनी के कमरे में चली गई और रजनी उठ कर रसोई की तरफ जाने लगी। जैसे ही वो बेला के पास से गुज़री.. तो उसने बेला को धीरे से रसोई में आने के लिए बोला।

बेला रजनी के पीछे रसोई के तरफ चल पड़ी। थोड़ी देर में दोनों रसोई के अन्दर थीं।
“जी मालकिन..?” बेला ने नीचे की तरफ देखते हुए कहा।

रजनी के होंठों पर मुस्कान फ़ैल गई।
“अरे इतना क्यों घबरा रही हो.. क्या मैं जानती नहीं कि तू कितनी ही बार सोनू से अपनी चूत चुदवा चुकी हो.. मैं तो बस यही चाहती हूँ कि आज तुम जी भर कर सोनू का लण्ड अपनी चूत में लेकर चुदवा लो..

बेला- पर मालकिन आप.. पर आप तो सोनू को..
बेला बोलते-बोलते चुप हो गई।

इस पर रजनी के होंठों पर एक बार फिर से मुस्कान फ़ैल गई।
रजनी- तू यही कहना चाहती है ना कि सोनू को तो मैंने फँसा रखा है।

बेला- जी..

रजनी- बेला.. तुम जानती हो कि जब शिकारी का पेट शिकार को खा कर भर जाए.. तो उसे अपना शिकार दूसरों से बाँटने में कोई परेशानी नहीं होती.. चल आज से मैं अपना शिकार तेरे साथ बाँट लूँगी.. जा मज़े कर जाकर..।

ये कहने के बाद रजनी अपने कमरे में आ गई।
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08-23-2019, 01:42 PM,
RE: Porn Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
बेला वहीं खड़ी रजनी के कमरे का दरवाजा बंद होने का इंतजार कर रही थी.. उसकी चूत तो अभी से पानी छोड़ने लगी थी.. ये सोच-सोच कर कि आज तो मालकिन रजनी ने भी उस चुदवाने के इजाज़त दे दी है।

जैसे ही रजनी के कमरे का दरवाजा बंद हुआ.. बेला तेज़ी से रसोई में से निकल कर सोनू के कमरे की तरफ चल पड़ी। सोनू के कमरे का दरवाजा खुला हुआ था और अन्दर लालटेन जल रही थी।

अन्दर लेटा हुआ.. सोनू बेला को अपने कमरे की तरफ आ हुए देख रहा था और फिर बेला ने अन्दर आते ही.. जल्दी से दरवाजा बंद किया और सोनू की तरफ हसरत भरी नज़रों से देखने लगी।

सोनू चारपाई से उठा और बेला को अपनी बाँहों में भरते हुए.. उसके होंठों को अपने होंठों में भर लिया।

बेला किसी बेल की तरह सोनू से लिपट गई और दोनों के होंठों के बीच घमासान शुरू हो गया।
पूरे कमरे में ‘ओह्ह..आह्ह..’ की आवाज़ें गूँज रही थीं।


सोनू के हाथ बेला के पेट से नीचे की ओर सरकते हुए.. उसके मोटे-मोटे चूतड़ों पर आ चुके थे। सोनू बेला के होंठों को चूसते हुए.. उसके भारी और मोटे चूतड़ों को अपने दोनों हाथों में भर कर मसलने लगा।

बेला उसकी बाँहों में पागलों की तरह छटपटाने लगी। सोनू ने अपने होंठों को बेला के होंठों से अलग किया और अपना पजामा उतार कर चारपाई पर नीचे पैर लटका कर बैठ गया। उसका 8 इंच का लण्ड हवा में झटके खा रहा था।

उसका 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लण्ड देख कर बेला की चूत की फाँकें फुदकने लगीं.. वो तेज़ी से सोनू के पास आकर पैरों के बल नीचे ज़मीन पर बैठ गई और उसके लण्ड को हाथ में लेकर सोनू के आँखों में देखते हुए बोली।

बेला- आह सोनू.. मेरी चूत का बुरा हाल था.. तेरे लण्ड के बिना…।

और अगले ही पल बेला ने सोनू के लण्ड को अपने होंठों में भर लिया और उसके लण्ड के सुपारे पर अपने होंठों को दबाते हुए.. उसके लण्ड को चूसने लगी।

सोनू मस्ती में आकर पीछे के तरफ लुढ़क गया। अब भी उसके पैर चारपाई से नीचे लटक रहे थे।

बेला तेज़ी से सोनू के लण्ड को अपने मुँह में अन्दर-बाहर करते हुए चूस रही थी.. उसने जल्दी से अपनी चोली खोल कर नीचे ज़मीन पर गिरा दी।

फिर सोनू के लण्ड को मुँह से बाहर निकाला और चारपाई के किनारे पर सोनू की जाँघों के दोनों तरफ पैर रख कर बैठते हुए अपने लहँगे को अपनी कमर तक उठा लिया।

फिर उसने सोनू के लण्ड को एक हाथ से पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर टिका कर धीरे-धीरे लौड़े के ऊपर बैठने लगी। सोनू के लण्ड का सुपारा बेला की गीली चूत के छेद को फ़ैलाता हुआ अन्दर घुसने लगा।

बेला के पूरे बदन में मस्ती की लहर दौड़ गई और उसने आगे की ओर झुकते हुए.. अपनी गाण्ड को ज़ोर से नीचे के तरफ पटका.. गीली चूत में सोनू का लण्ड सरसराता हुआ.. अन्दर जा घुसा..।

“ओह सोनूऊऊ आह्ह.. सस..इई”
बेला सोनू के लण्ड की गरमी को अपनी चूत में महसूस करके सिसक उठी।

बेला मस्ती में आकर तेज़ी से अपनी गाण्ड को ऊपर-नीचे करने लगी।

सोनू अपनी आँखें बंद किए हुए चुदाई का मज़ा ले रहा था।

बेला का पूरा बदन चूत में लण्ड की रगड़ को महसूस करते हुए काँप रहा था.. पर वो लगातार अपने धक्कों को जारी रखे हुए थी।

थोड़ी देर बाद सोनू ने बेला को अपने ऊपर से उठने के लिए कहा और जैसे ही बेला उसके ऊपर से उठी.. चूत में से पानी से भीगा हुआ लण्ड बाहर आकर लालटेन की रोशनी में चमकने लगा।

“आह.. क्या गरम चूत है काकी.. तुम्हारी.. इतनी बड़ी बेटी हो गई है.. और देखो अभी भी कुँवारी छोकरी की तरह पानी की नदियां बहा रही है”

सोनू की बात सुन कर बेला एकदम से शर्मा गई.. पर अभी तो उसकी चूत की अन्दर आग लगी हुई थी.. वो चारपाई पर पीठ के बल लेट गई और अपनी जाँघों को पूरा खोल कर फैला दिया।

सोनू जल्दी से उसकी जाँघों के बीच में आया और उसकी टाँगों को घुटनों से पकड़ कर मोड़ कर ऊपर उठा दिया।

इससे उसकी चूत का छेद खुल कर सामने आ गया और अगले ही पल सोनू ने अपने लण्ड के सुपारे को चूत के छेद पर टिका कर जोरदार धक्का मारा।

“आह्ह..”
बेला एकदम से सिसक उठी और फिर सोनू ने बिना रुके.. ताबड़तोड़ धक्के लगाने शुरू कर दिया।

दनादन 5 मिनट के चुदाई के बाद सोनू के लण्ड से वीर्य की बौछार बेला की चूत में होने लगी और बेला का बदन झड़ने के कारण झटके खाने लगा।
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08-23-2019, 01:42 PM,
RE: Porn Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
अगली सुबह जब सोनू उठा.. तो वो अकेला अपने कमरे में चारपाई पर लेटा हुआ था। उसका पूरा बदन दर्द कर रहा था.. एक तो सफ़र की थकान और दूसरा रात को उसने बेला के जबरदस्त चुदाई की थी।

सोनू मन मार कर चारपाई से उठा और कमरे का दरवाजा खोल कर बाहर आ गया। जैसे ही सोनू कमरे से बाहर आया.. तो मानो उसकी सारी थकान एक पल में उतर गई हो.. उसके होंठों पर एक लंबी मुस्कान फ़ैल गई।

उसके सामने दीपा खड़ी थी.. सोनू और दीपा दोनों की नजरें आपस में मिलीं.. शायद दीपा अभी नहा कर गुसलखाने से निकली ही थी.. उसके बालों से पानी की टपकती बूंदें ऐसे लग रही थीं.. जैसे मानो मोती हों।

सोनू उससे बात करने के लिए जैसे ही आगे बढ़ा तो पीछे से उससे बेला आती हुई दिखाई दी। अब सोनू रुक तो नहीं सकता था.. इसलिए चजया हुआ.. वो घर के आगे की तरफ चला गया।

सोनू खेतों में शौच के लिए गया और फिर आकर नहा-धो कर घर के सामने वाले आँगन में नास्ते के लिए नीचे फर्श पर बैठ गया। रजनी वहीं पलंग पर बैठी हुई थी।

दीपा अपने कमरे में थी.. रजनी ने वहीं से बैठे हुए.. बेला को आवाज़ दी।

रजनी- अरे ओ बेला.. सोनू के लिए नास्ता लगा दे..।

बेला ने रसोई से कहा- जी मालकिन..

थोड़ी देर बाद बेला सोनू के लिए नास्ता लेकर आ गई और जैसे ही वो सोनू को नास्ते की प्लेट देने के लिए झुकी थी.. दोनों ने एक बार एक-दूसरे की आँखों में देखा और रात की चुदाई के बारे में याद आते ही बेला के होंठों पर कामुक मुस्कान फ़ैल गई।

पास में पलंग पर बैठी.. रजनी उन दोनों को देख रही थी।

रजनी- अरी रांड.. थोड़ा घी भी डाल देती.. इतनी मेहनत करवाती है लड़के से..

रजनी के मुँह से यह सुन कर बेला एकदम से झेंप गई.. पर बेला भी रजनी को करारा जवाब दिए बिना रह नहीं सकती थी।

बेला- अरे हमारे ऐसे भाग कहाँ मालकिन.. ये बेचारा तो पिछले दो महीनों से तुम्हारे खेतों की ही तो जुताई कर रहा है।
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08-23-2019, 01:43 PM,
RE: Porn Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
रजनी के दिल की धड़कनें बेला की बात सुन कर और तेज हो गईं.. उसने पलट कर एक बार दीपा के कमरे की तरफ देखा और बोली। “कलमुँही.. धीरे नहीं बोल सकती क्या..? पता नहीं दीपा घर में है..”

रजनी की फटकार सुन कर बेला मुँह बिचकाते हुए रसोई में चली गई।

सोनू खाना खा कर फिर से पीछे बने कमरे में चला गया।

बेला रसोई का सारा काम खत्म कर चुकी थी और वो घर जाने ही वाली थी कि तभी रजनी रसोई में आई।

रजनी- सारा काम निपट गया ?

बेला- जी मालकिन..।

रजनी- अच्छा तो चल फिर आज मुझे अपनी काकी सास के घर जाना है… तू मेरे साथ चल.. बहुत दिन हो गए.. उनसे मिले हुए।

बेला- जी चलिए…।

उसके बाद रजनी दीपा को बता कर बेला के साथ सास के घर चली गई। अब दीपा घर में सोनू के साथ एकदम अकेली थी.. पर सोनू घर के पीछे अपने कमरे में अकेला चारपाई पर लेटा हुआ था।

दीपा का दिल जोरों से धड़क रहा था.. हर पल उसके लिए काटना मुश्किल होता जा रहा था। पर सोनू था कि दुनिया से बेसुध अपने उस कमरे मैं लेटा हुआ था।

करीबन आधा घंटा बीत चुका था.. दीपा को समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे। बार-बार उसका दिल सोनू की और खिंचा चला जा रहा था.. उसके बदन के रोम-रोम में अजीब सी सनसनाहट दौड़ रही थी। दीपा एकदम से अपने बिस्तर से खड़ी हुई और उसके कदम अपने आप ही घर के पिछवाड़े की ओर बढ़ने लगे। धड़कते दिल और काँपते हुए पैरों के साथ हर पल उसे एक अजीब से बेचैनी का अहसास हो रहा था। जैसे ही वो घर के पिछवाड़े में पहुँची.. तो उसने सोनू के कमरे का दरवाजा बंद पाया।

वो गुसलखाने की तरफ़ बढ़ने लगी.. पर निगाहें सोनू के कमरे के दरवाजे पर गड़ी हुई थीं। तभी दीपा ज़ोर से किसी चीज़ से टकराई और जैसे ही वो गिरने को हुई.. तो किसी ने उसे थाम लिया। दीपा की आँखें डर के मारे बंद हो गई थीं।
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08-23-2019, 01:43 PM,
RE: Porn Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
उसने धीरे-2 से अपनी आँखों को खोल कर देखा. तो बाथरूम के दहलीज पर सोनू खड़ा था. और उसने उसे थाम रखा था.

सोनू को अपने इतना पास देख कर दीपा एक दम से सकपका गई. उसने अपने आँखें झुका ली. सोनू एक टक उसकी ओर देख रहा था. दीपा के साँसे बहुत तेज चल रही थी. उसकी चुचियाँ तेज़ी से फुलते हुए ऊपेर नीचे हो रही थी. जब दीपा को इस बात का अहसास हुआ, कि सोनू उसकी जवान चुचि को वासना भरी नज़रों से देख रहा है तो, वो एक दम से शर्मा गई. उसने अपने दुपट्टे को ठीक किया. और हकलाते हुए बोली.

दीपा: वो मैं कहने आई थी कि वो वो बड़ी माँ.

दीपा बोलते-2 चुप हो गई. सोनू दीपा के हालत अच्छे से समझ रहा था. उसने दीपा की कमर मैं हाथ डाल कर अपनी ओर खेंचते हुए कहा.

सोनू: क्या कह रही थी आप.

दीपा की भरी हुई मदमस्त कर देने वाली गुदाज चुचियाँ सोनू की छाती से दब गई. सोनू को ऐसे लग रहा था, मानो कोई स्वर्ग के अप्सरा उसकी बाहों में क़ैद हो.

दीपा अपनी चुचियों को सोनू की छाती मैं रगड़ खाते हुए महसूस करते हुए एक दम सिहर उठी. उसने हल्का सा विरोध करके पीछे के हटने के कॉसिश करते हुए काँपती आवाज़ मैं कहा.

दीपा: वो वो मैं मैं वो.

सोनू: ( अपने दोनो हाथों से दीपा की कमर को जाकड़ कर सहलाते हुए) क्या दीपा जी.

दीपा: वो माँ कांति चाची के यहाँ गई है.

दीपा की बात सुन कर तो जैसे सोनू की खुशी के ठिकाना ही नही रहा. उसने एक झटके से दीपा को बाथरूम की दीवार से सटा दिया. और उसके दोनो हाथों को पकड़ पर ऊपेर उठाते हुए, दीवार से सटा दया. दीपा की सांसो के रफ़्तार और बढ़ गई. हाथ ऊपेर की ओर होने के कारण दीपा की चुचियाँ कमीज़ में कुछ और बड़ी लग रही थी. और तेज़ी से ऊपेर नीचे हो रही थी. सोनू अपनी नज़रे दीपा की चुचियों पर से हटा नही पा रहा था. और दीपा का चेहरा शरम से लाल हो चुका था.

दीपा सोनू की बाहों मे पिघलती जा रही थी....लंड चूत में जाकर कितना मज़ा देता है...ये स्वाद दीपा चख चुकी थी....और इसलिए अब उसकी चूत धुनकी की तरह बजने लगी थी....उसकी कच्ची उसकी चूत से निकल रहे काम रस से सरोबार हो चुकी थी....सोनू ने एक हाथ से दीपा की चुचियों को मसलते हुए, उसके एक हाथ को पकड़ कर नीचे लेजाते हुए अपने पेंट के ऊपेर से अपने लंड पर रख दया….जैसे ही दीपा का हाथ सोनू की पेंट के ऊपेर से उसके तन्नाए हुए लंड पर पड़ा तो दीपा के पूरे बदन में झुरिझुरि दौड़ गई…..
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08-23-2019, 01:43 PM,
RE: Porn Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
काम अग्नि से उसका पूरा बदन दहक रहा था….सोनू ने दीपा के कंधे पर हाथ रखते हुए उसे नीचे की ओर दबाया तो दीपा सवालिया नज़रों से सोनू की आँखो मे देखते हुए नेकचे बैठ गई…और अगले ही पल सोनू ने अपनी पेंट की ज़िप खोलते हुए अपने लंड को बाहर निकाल लाया. सोनू का तना हुआ लंड दीपा के चेहरे के सामने झटके खा रहा था….जिसे देखते ही दीपा एक दम से सिहर उठी….सोनू ने दीपा के सर के पीछे अपना एक हाथ लेजाते हुए उसके सर को पकड़ लाया और दूसरे हाथ से अपने लंड को पकड़ कर दीपा के होंटो के पास ले गया…..

दीपा ने सोनू की आँखो मे देखते हुए ना मे सर हिला दया…. “तुम मुझे प्यार नही करती हो ना…..देखो मेरा लंड तुम्हे कितना प्यार करता है…जब ये तुम्हारी चूत के अंदर जाता है करता है ना….तुम्हे इस पर प्यार नही आ रहा….” दीपा सोनू के आँखो मे झाँकते हुए ये सब सुन रही थी….फिर उसने सोनू के लंड की तरफ देखा….सोनू के लंड का मोटा सुपाडा लाल होकर किसी टमाटर की तरह दहक रहा था. जिसे देखते ही दीपा का मूह और चूत दोनो पानी से भर गए…..


दीपा ने सोनू के और देखते हुए उसके लंड को अपनी मुट्ठी मे भर लिया, और फिर थोड़ा घबराते हुए, सोनू के लंड के सुपाडे को अपने होंटो में भर लिया….और उसे चूसना शुरू कर दया….हालाकी दीपा लंड को चूसने मे एक दम अनाड़ी थी. पर सोनू उसके रसीले होंटो के स्पर्श से ही एक दम मस्त हो गया था….और धीरे-2 अपनी कमर को आगे पीछे हिलाने लगा था….थोड़ी ही देर मे दीपा ने सोनू के लंड को मूह से बाहर निकाल दया….और एक साइड मे मूह घुमा कर थूकने लगी. सोनू जान चुका था कि, दीपा अभी सेक्स के बारे मे पूरी तरह नही जानती है….

इसलिए सोनू ने झुक कर दीपा के कंधो को पकड़ कर उसे ऊपेर उठाया और फिर उसे बाहों मे भर कर उठा लाया और अपने कमरे के तरफ लेजाने लगा….आगे आने वाले पॅलो मे किया होने वाला है….ये सोचते ही दीपा की चूत के फांके आपस में कुलबुलाने लगी थी…उसे अपनी गीली कछि अपनी चूत पर चिपकी हुई महसूस हो रही थी…सोनू ने कमरे मे पहुच कर उसे चारपाई पर लेटा दया…और फिर डोर बंद करके उसकी तरफ मुड़ा तो दीपा ने शरमाते हुए अपना फेस दूसरी तरफ घुमा लिया….

सोनू धीरे से चारपाई पर चढ़ा और उसके बगल में लिटाते हुए, उसके गाल को पकड़ कर धीरे से अपनी तरफ घुमाया और फिर उसके ऊपेर झुकते हुए, फिर से उसके होंटो को अपने होंटो में भर कर चूसने लगा….और साथ ही अपना एक हाथ दीपा की चुचियों पर रख दिया…..दीपा की चुचियों के निपल एक दम कड़क हो चुके थे….और उसके निपल्स मे तेज से टीस उठ रही थी…जैसे ही सोनू की हथेलयों ने दीपा के निपल्स को मसला तो दीपा ने सिसकते हुए अपने सीने को और बाहर की और निकाल लिया. और अगले ही पल दीपा ने अपनी बाहों को सोनू की पीठ पर कस लिया….

ये देख सोनू और भी मस्ता गया….और दीपा के ऊपेर चढ़ गया. फिर उसने अपनी टाँगो से दीपा की टाँगो को दोनो तरफ फेलाया और फिर अपनी टाँगो को दीपा की टाँगो के बीच मे अड्जस्ट करते हुए, अपने लंड को जो कि उसकी ज़िप से बाहर था….दीपा की सलवार के ऊपेर से ही दीपा की चूत पर लगा दिया….सोनू के कड़क लंड को अपनी सलवार के ऊपेर से महसूस करते ही दीपा एक दम कसमसा गई….और सिसकते हुए उसने सोनू की कमीज़ को कस्के पकड़ लिया….

सोनू ने भी दीपा की चुचियों को छोड़ा और फिर अपने दोनो हाथों को नीचे लेजाते हुए दीपा की कमीज़ और समीज़ दोनो को पकड़ कर एक साथ ऊपेर की ओर सरका दिया. दीपा की 32 साइज़ की चुचियाँ उछल कर सोनू की आँखो के सामने आ गई….और अगले ही पल सोनू ने लपक कर दीपा की लेफ्ट चुचि को मूह मे भर कर चूसना शुरू कर दया….”सीईईईईई ओह सोनू…..” दीपा ने अपना एक हाथ सोनू के सर पर रखते हुए उसे अपनी चुचि पर दबाते हुए सिसकना शुरू कर दिया….

सोनू भी और जोश में आकर दीपा की चुचि को चूसने लगा और दूसरे हाथ से दीपा की दूसरी चुचि के निपल को पकड़ कर मसलने लगा….”ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईई हेयायीयीयियी सोनू और ज़ोर से दबाओ इन्हे ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और ज़ोर से मसलो….” सोनू को थोड़ा अजीब सा लगा क्योंकि दीपा बहुत कम बोलती थी…..पर आज जब उसकी चूत मे आग दहक रही थी उसे खुद भी नही पता था कि वो क्या बड़बड़ाये जा रही थी…..

दीपा: सीईईई सोनू प्लीज़ और ज़ोर से चूसो ना प्लीज़ काट लो इसे उम्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हां दांतो से काटो निशान डाल दो इसपर अपने दांतो के….
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08-23-2019, 01:43 PM,
RE: Porn Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
दीपा ने नीचे से अपनी कमर को हिलाते हुए सोनू के लंड पर अपनी चूत को रगड़ते हुए कहा….”हां ऐसे ही और ज़ोर से उंह सीईईईईई आह अहह उंह हाआँ ऐसे हीए जैसे तुम मम्मी के चुचियों को चूस्ते हो…..वैसे ज़ोर ज़ोर से चूसो ना” दीपा के ये बात सुनते ही सोनू एक दम से हड़बड़ा गया उसने दीपा के चुचि को मूह से बाहर निकाल दिया और हैरानी से दीपा की ओर देखने लगा….”


सोनू: ये ये तुम किया कह रही हो…..?


दीपा भी एक दम से होश में आई तो उसे अहसास हुआ कि वो क्या बोल गई है. दरअसल उसने खुद कई दिनो पहले ही सोनू और रजनी को चुदाई करते हुए देख लिया था. पर वो ये बात सोनू को बताना नही चाहती थी….”का का कुछ नही……” दीपा ने सहम्ते हुए कहा….सोनू अभी भी दीपा को हैरत भरी नज़रों से देख रहा था. दीपा जान चुकी थी अब चुप रहना ठीक नही है…… “वो मेने एक दिन तुम्हे और मम्मी को करते देखा था….”

सोनू: (एक दम चोन्कते हुए) क्या तुमने देखा था….

दीपा: हां….

सोनू: फिर भी तुम…..तुम मुझसे नाराज़ नही हो….?

दीपा: (ना मे सर हिलाते हुए) नही…..

दीपा ने सोनू के तरफ मुस्कराते हुए देखा और सोनू के फेस को पकड़ कर फिर से अपनी चुचियों पर झुका दिया….और अगले ही पल अपने नीचे लेटी जवान और कमसिन कली को देख कर सोनू फिर से गरम होने लगा….और उसने फिर से दीपा के चुचियों को मसलते हुए उसके चुचियों को चूसना शुरू कर दिया…..

दीपा की चूत का पानी छोड़-2 कर बुरा हाल हो चुका था….अब उसे बर्दस्त नही हो रहा था…उसने अपने दोनो हाथों को नीचे ले जाते हुए सोनू के लंड को पकड़ कर सोनू के लंड के सुपाडे को अपनी चूत के ऊपेर रगड़ना शुरू कर दिया….”सीईईई उंह सोनू मुझे कुछ हो रहा है……” सोनू दीपा के बात समझ गया. वो जल्दी से दीपा के ऊपेर से खड़ा हुआ और चारपाई से नीचे उतर कर अपने कपड़े निकालने लगा…दीपा शरमाई हुई सी उसकी तरफ देख रही थी…..

सोनू: जल्दी खोलो ना….
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