RE: RajSharma Stories आई लव यू
"हाँ, बस स्टॉप परहूँ..तुम ऑफिस आना जरूर...मैं सीधे ऑफिस आऊँगा।"
"हाँ मेरी जान...तुम्हें देखे बिना दिन कहाँ कटता है मेरा...जल्दी आना।"
"हाँ...चलो आकर बात करते हैं।"
"ओके, टेक केयर..."
सड़क के उस पार डॉली बस के गेट पर खड़ी मेरा इंतजार कर रही थी। मैंने दूर से ही उसे देखकर हाथ हिलाया, तो उसने भी मुस्कराते हुए हाथ हिलाया।
“आओ जल्दी...बस चलने वाली है।"- डॉली ने नीचे रखा अपना सामान उठाते हुए कहा।
"हाँ यार...थोड़ा देर हो गई निकलते हुए।"
बस के अंदर हम दोनों दो चेयर वाली साइड बैठ गए। लगेज, ऊपर और चेयर के नीचे सेट था। बस के चलने का वक्त हो चला था। सभी सवारियाँ लगभग बैठ चुकी थीं। डॉली, ईयरफोन लगाकर कोई गाना सुन रही थी। बैठते ही उसने ईयरफोन का एक सिरा मेरी तरफ बढ़ाया और आँखों से गाना सुनने का इशारा किया। मैंने ईयरफोन लगाया, तो उधर जो गीत बज रहा था, उसने एक पल के लिए मुझे डरा दिया। मैं उस गीत के बोल मुनते ही एक ऐसी कल्पना में खो गया, जहाँ शीतल और मेरा हाथ छूट रहा था।
गीत था- “तेरी आँखों के दरिया का उतरना भी जरूरी था, मोहब्बत भी जरूरी थी बिछड़ना भी जरूरी था।"
बस चल चुकी थी और ऋषिकेश की गलियाँ एक-एक कर छटती जा रही थीं। अँधेरा भी छंटने को था। दिन ने निकलना शुरू कर दिया था। गाना खत्म हुआ तो बस, ऋषिकेश के बाहरी छोर तक पहुँच गई थी।
"कितना प्यारा गाना है न... मेरा फेवरेट है।"- डॉली ने इयरफोन समेटते हुए कहा।
"हम्म...बहुत प्यारा गाना है।"
"राज, क्या हुआ...गाना सुनकर मेंटी हो गए क्या?"
"नहीं यार...बस ऐसे ही।"
"सच बोल रहे हो न!"
'हाँ।'
"राज, ऋषिकेश की ये दिरप मेरी अब तक की सबसे खूबसूरत दिप थी और वो भी तुम्हारी बजह से। मैंने ये एक दिन जो तुम्हारे साथ बिताया, कभी नहीं भूलूंगी। ऋषिकेश आई थी, तो सोचा नहीं था कि इतना मजा आएगा। जब आई थी, तो अकली थी और अब जा रही हूँ, तो कुछ अच्छी यादों के साथ एक अच्छा दोस्त लेकर जा रही हूँ... थेंक यू राज।"
"डॉली, मुझे भी तो एक अच्छी दोस्त मिल गई है।"
"तो फिर हम दोस्त बन गए न?"- उसने मेरी तरफ हाथ बढ़ाते हुए कहा।
'हाँ।' मैंने उससे हाथ मिलाते हुए कहा।
"तो कोई गर्लफ्रेंड है तुम्हारी या अभी तक सिंगल..."
"हाँ...पर वो गर्लफ्रेंड नहीं है मेरी...मेरी जिंदगी है।"
"मच! कौन है वो लड़की...बताओ ना प्लीज।"
"क्या करोगी तुम जानकर?" "
अरे दोस्त हूँ तुम्हारी... और दोस्तों से शेयर करनी चाहिए दिल की बात।"
“फिर कभी..."
“फिर कभी नहीं आता है...आज ही देखो मौसम भी अच्छा है...सफर भी है...इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा बताने का...बताओ न प्लीज!"
"तुम पक्का जानना चाहती हो उसके बारे में...बोर तो नहीं हो जाओगी मेरी कहानी सुनकर?
“अरे नहीं...मुझे बहुत अच्छी लगती हैं लव स्टोरी...और ये तो रियल लव स्टोरी है... सुनाओ तुम।"
"ओके, तो सुनो-"
"बो हँसती हैं तो लगता है किसी गुलाब के बगीचे में पंखुरियाँ बिछी हों;
वो बोलती हैं तो लगता है जैसे सुबह के शांत वातावरण में दूर कहीं से कोयल की आवाज आ रही हो।
उनकी हर अदा देखने, सुनने और महसूस करने वाली है।
कुछ लोग होते हैं, जिन्हें हमेशा अपने साथ रखने का मन करता है।
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