Rishton mai Chudai - परिवार
10-29-2020, 12:44 PM,
#11
RE: Rishton mai Chudai - परिवार
साधु की बाते सुनकर चन्द्रावती अपनी बेटियों और नाती नातिन के साथ साधु के पीछे चल देती है । वह साधु उन लोगो को लेकर एक कुटीर में आता है जंहा पर एक साधु आसन पर बैठे हुए थे और दूसरे साधु उनके आसान के बगल में दूसरे आसन पर बैठे हुए थे। चंद्रवती जब वंहा पर पहुचती है तो वह आगे बढ़कर उनके चरण को छूती है फिर पलट कर सभी से बोलती है चरण छूने को तो सभी लोग ऐसा ही करते है ।उंसके बाद वही नीचे कुशा के आसन लगा हुआ था। जिसपर गुरुदेव की आदेश पर बैठ जाते है सभी लोग । तब चन्द्रावती गुरूदेव के तरफ देखते हुए बोलती है कि
चन्द्रावती "गुरुदेव आज ना जाने कितने सालो के बाद आपके दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है ।आपके आदेश के अनुसार बिना किसी दबाव में आये इन दोनों बच्चो को आपकी सेवा में लेकर आई हूं ।"
गुर जी "बेटी मैं जानता हूं तुमने वही किया जैसा कि मैंने तुमको आदेश दिया था और मैं यह भी जनता हु की तुम्हे यह मालूम होते हुए भी इनका इलाज यंहा पर हो सकता है सिर्फ मेरे आदेश के कारण ही तुमने इनके आने का इंतजार किया और अपनी तरफ से कोई जल्दबाजी नही की।"
गुरुदेव की बात सुनकर मा और चाची दोनो ही चकित रह जाती है ।मा आश्चर्य से गुरुजी से पूछती है कि
मा "गुरुदेव मैं आपके कहने का मतलब नही समझी । आप यह कहना चाहते है कि माँ यह बात पहले से जानती थी कि मेरे दोनो बच्चो का इलाज यंहा पर हो सकता है ।इसके बाद भी मा ने अपनी तरफ से पहल नही किया।"
गुरु जी "बेटी यह बात सच है कि चन्द्रावती यह बात पहले से जानती थी कि इसका इलाज यंहा पर ही होगा ।इसके बाद भी इसने तूम लोगो को कुछ नही बताया ।लेकिन इसका मतलब यह नही की इसने अपनी तरफ से कोशिश नही किया। इसने ही अपनी बेटी को बोल कर तुम सबको यंहा आने के लिए प्रेरित किया ।चन्द्रावती तुमने इन्हें आगे की बात बताई है कि नही।"
चन्द्रावती "नही गुरुदेब मुझमे इतनी हिम्मत नही हुई कि मैं इन दोनों को बता सकू ।मैं आपसे विनती करती हूं मुझे इस गलती के लिए माफी दे दीजिए।"
गुरु जी "ठीक है कोई बात नही तुम इन दोनों बच्चों को बाहर लेकर के जाओ मैं तुम्हारी बेटियों से बात कर लूंगा।"
चन्द्रावती गुरुजी की बात मानकर राहुल और कोमल ले कर वंहा से बाहर चली जाती है गुरु जी की ऐसी बात सुनकर चाची और माँ दोनो घबरा जाटी है ।तब चाची मा की तरफ देख कर बोलती है कि
चाची "दीदी ऐसी कौन सी बात है ।जिसको बताने की हिम्मत मा नही कर पाई और गुरु जी भी अकेले में बात करना चाहते है ।"
मा "जंहा पर तु बैठी है वही पर मैं भी तो मैं क्या जानू की क्या बात है रूक गुरुजी से ही पूछती हु।"
मा "गुरुजी कोई डरने वाली बात तो नही है ना ।"
गुरु जी "देखो पुत्री मैं जो भी बात तुम्हे बताने जा रहा हु ।वह सब ध्यान से सुनना हालाकि ऐसी डरने वाली कोई बात तो नही है लेकिन कुछ बाते ऐसी है जिन्हें मानने में तुम्हे दिक्कत हो सकती है।"
मा और चाची दोनो एक साथ बोलती है कि
दोनो "गुरु जी हम आपकी हर बात मानेगी बस आप हमारे बच्चों को ठीक कर दीजिए।"
गुरु जी "पुत्री बात यह है कि तुम्हारे बच्चो के इलाज के लिए पूरे 1 साल का समय लगेगा और इतने समय तक दोनो बच्चों को यही आश्रम में ही रहना होगा।"
गुरु जी बात सुनकर मा थोड़ी चिंता में पड़ जाती है और बोलती है कि
मा "गुरु जी हमे राहुल को छोड़ने में कोई दिक्कत नही है लेकिन आप कोमल के बारे में तो जानते ही है कि वह कुछ देख नही सकती है तो इस हालत में उसका यंहा पर रहना क्या उचित होगा।
गुरु जी "बेटी तुम कोमल की बिल्कुल भी चिंता मत करो ।मेरी पुत्री है यंहा पर और दूसरी भी कन्याएं है जो कि कोमल की अच्छी तरह से ध्यान रख सकती है ।इसलिए तुम बिल्कुल भी निश्चिन्त रहो।"
चाची " गुरु जी ऐसा नही हो सकता है कि हम दोनों में से कोई एक रूक कर उसका ख्याल रखे।"
गुरु जी "नही पुत्री यह सम्भव नही है "
मा "ठीक है गुरु जी मैं इस बारे में अभी मा से बात करके बताती हु।"
इतना बोल कर मा नानी के पास जाती है और उन्हें सब बातें बताती है तो नानी उन्हें सब समझाती है तो माँ अंदर आती है और बोलती है कि
मा "गुरु जी हमे मंजूर है और कोई बात है तो वह भी बता दे।"
गुरु जी "पुत्री वैसे तो समय के गर्भ में क्या है यह किसी को बताई नही जाती है लेकिन मैं नही चाहता हु की तुम लोगो आगे चलकर कोई दिक्कत ना हो इसलिए एक बात तुम्हे बताना चाहता हु।"
चाची "कैसी दिक्कत गुरु जी "
गुरु जी "तुम्हारे घर में जितनी भी कन्याए है उन सबकी शादी तुम्हारे ही पूत्र से होगी और तुम लोग चाह कर भी कुछ नही कर पाओगी और तुम्हारे मायके में भी जितनी कन्याए है उन सबका सम्बन्ध राहुल से ही होगा ।"
मा " इसका कोई दूसरा मार्ग नही है गुरु जी।"
गुरु जी "यह नही हो सकता है और अगर तुमने अपनी कन्याओं की शादी दूसरी जगह करने की कोशिश की तो जिससे उसकी शादी होगी वह नपुंशक हो ज जाएगा ।"
मा "लेकिन गुरुदेब मेरे पुत्र का आचरण ऐसा नही है ।"
गुरु जी "इतना ही नही इन सब के अलावा भी इसकी औऱ भी शदिया होंगी।"
Reply
10-29-2020, 12:45 PM,
#12
RE: Rishton mai Chudai - परिवार
Confused
Reply
11-02-2020, 04:58 PM,
#13
RE: Rishton mai Chudai - परिवार
Heart
Reply
04-20-2021, 01:05 PM,
#14
RE: Rishton mai Chudai - परिवार
(10-29-2020, 12:45 PM)Pls post full stories..  :@desiaks Wrote:
Confused
Reply
04-29-2021, 10:35 PM,
#15
RE: Rishton mai Chudai - परिवार
Nice story
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