Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
07-28-2020, 12:43 PM,
#11
RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
(रमन गेम खेलने लगता है, रिंकी पढ़ाई करती है, तभी कामना कमरे में आती है और रिंकी और रमन को कोल्ड्रिंक देती है, कामना रिंकी के छोटे कपडे देखती है, रिंकी की गुलाबी ब्रा की स्ट्रिप उसके टॉप से साफ दिखाई दे रही थी और, पेंटी भी दिखाई दे रही थी, कामना रिंकी को डाँटते हुए पूछती है)
कामना- ये क्या है रिंकी, कैसे कपडे पहने है, आजकल के बच्चों को पता नहीं क्या हो गया, कौन लाया ये तेरे लिए, इतने छोटे कपडे हमारी संस्कृति में नहीं पहनते.
रिंकी- माँ… आप भी ना पुराने जमाने की औरत हो, मैं अपनी दोस्त सुरभि के साथ बाजार से लायी ये सब, उसने भी अपने लिए खरीदे ऐसे कपडे, आजकल सब यही पहनते हैं.
कामना- सूट सलवार पहना कर, ये सब अच्छा नहीं है, कल से ऐसे नहीं दिखनी चाहिए तू, समझी??
रमन- अरे माँ, जाने दो, जमाना बदल गया है, आजकल सभी ऐसे ही कपडे पहनते हैं, मेरे कॉलेज में भी सब लड़कियां छोटे छोटे कपडे पहनती है.
कामना- तू चुप कर, क्या खेल रहा है तू कंप्यूटर में, कभी अपनी माँ को भी कंप्यूटर चलाना सीखा दे.
रमन- आज सीख लो, आ जाओ.
(वहां केवल 1 ही कुर्सी थी तो रमन उठने लगा)
कामना- अरे बैठे रह तू, तेरी गोद में बैठ जाऊंगी, ट्रेन में भी तो ऐसे ही बैठी थी.
रिंकी- हा हा हा, माँ आप क्या भैया की गोद में बैठकर आई, भैया तो पिचक गए होंगे.
कामना- तू पढ़ाई में ध्यान लगा, ज्यादा शैतानी मत कर.
(कामना रमन की गोद में बैठ जाती है, कामना ने नाईटी के अंदर कुछ नहीं पहना था, उसका पूरा नंगा बदन वैसे ही नाईटी के बाहर से दिख रहा था, और अब वो रमन की गोद में बैठ गयी थी..
रमन ने पैजामा पहना हुआ था, जिसके अंदर उसने कच्छा नहीं पहना था, ऊपर केवल बनियान डाली हुयी थी, जिसमे उसके छाती के बड़े बड़े बाल दिखाई दे रहे थे, रमन का लण्ड अपनी माँ की गांड के स्पर्श से खड़ा हो गया और कामना की गांड में झटके मारने लगा जिसका अहसास कामना को हो रहा था)
कामना- सीधे बैठे रह, ऐसे हिल मत.
रमन- माँ मैं कहाँ हिल रहा हूँ.
कामना- तो कौन हिल रहा है फिर?
रमन- छोड़ो अब, मैं आपको एक गेम खिलाता हूँ.
(रमन कामना को गेम लगा कर देता है, कामना को गेम खेलना नहीं आता, तो रमन खुद ही गेम खेलता है, उसकी गोद में उसकी माँ बैठी थी, अपनी माँ के बगल से हाथ बाहर निकालकर, अपनी छाती माँ की पीठ से सटाकर रमन गेम खेलता है और लण्ड से कामना की गांड में झटके भी देता है, कामना भी उछल रही थी और रमन का साथ दे रही थी, रिंकी ये सब देखे जा रही थी)
रिंकी- माँ-भैया आप ऐसे उछल क्यों रहे हो.
कामना- ये रमन उछल रहा है गेम खेलकर और मुझे भी उछाल रहा है.
रमन- गेम ही इतना खतरनाक है माँ, कहीं आउट न हो जाऊं इसलिए उछल रहा हूँ.
(और ऐसे ही उछलते उछलते झटके मारते मारते रमन गेम में तो आउट हो ही जाता है लेकिन असली गेम में भी आउट हो जाता है और उसका सफेद वीर्य पैजामे में निकल जाता है जिसका साफ साफ गीलापन दिखाई दे रहा था और बदबू भी आ रही थी, कुछ वीर्य का गीलापन कामना की नाईटी में भी लग जाता है)
रमन- अह्ह्ह्ह…. ओह माँ… आउट हो गया मैं तो… अह्ह्ह्ह्ह..
कामना- इतनी जल्दी आउट हो गया, क्या होगा तेरा.
(और कामना हँसते हुए रमन की गोद से खड़ी हो जाती है और रमन के पैजामे में लण्ड की तरफ देखकर मुस्कान देती है और कमरे से बाहर चली जाती है, कामना और रमन दोनों एक दूसरे के इरादों को भांप लेते हैं लेकिन अभी भी कहीं न कहीं दोनों के बीच में माँ-बेटे के रिश्ते की शर्म थी इसलिए दोनों खुल नहीं पा रहे थे लेकिन अनऔपचारिक रूप से दोनों मजे ले रहे थे..
कामना के बाहर जाते ही रिंकी सीधे दौड़ी दौड़ी गेम खेलने के लिए रमन की गोद में बैठ जाती है, रमन का लण्ड अभी भी कड़क था और पूरा गीला था जो सीधा रिंकी के नेकर में गांड में घुसता है और रिंकी को झटका लगता है)
रिंकी- उईई माँ, आऊच…. ये क्या है भैया, आपने तो सुसु कर दिया पैजामे में, गीला हो रखा है.
रमन- सुसु नही है बहना, ये तो पसीना है, जब ज्यादा गर्मी लगती है तो अपनेआप निकल आता है, तू बैठ जा आजा, भैया की गोद में बैठ जा.
रिंकी- और ये खड़ी कैसे हुयी है आपकी नुन्नू?
रमन- बहना, तू कितनी भोली है, तुझे सब समझाना पड़ता है, ये नुन्नू जब किसी सुन्दर लड़की को देखती है तो ऐसे ही खड़ी हो जाती है.
रिंकी- अच्छा ऐसा होता है, जैसे मैं सुन्दर हूँ, ये नुन्नू मुझे देखकर खड़ी हो गयी? स्कूल में तो फिर मुझे देखकर सब की नुन्नू खड़ी हो जाती होगी.
रमन- हाँ बहना तुझे देखकर खड़ी तो हो गयी लेकिन तुझ से पहले इस कमरे में एक और सुन्दर औरत थी, ये नुन्नू उसी ने खड़ी करी है.
रिंकी- माँ ने ?
रमन- हाँ बहना, माँ अभी मेरी गोद में बैठी थी ना, तब में उछल रहा था तो ये खड़ी हो गयी, आजा अब तू भैया की गोद में बैठकर गेम खेल, तेरे बैठने से कुछ देर बाद ये खुद ब खुद बैठ जायेगी.
रिंकी- ठीक है भैया, मैं बैठ जाती हूँ आपकी गोद में.
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07-28-2020, 12:43 PM,
#12
RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
(रिंकी रमन की गोद में बैठती है लेकिन उसकी गांड में अभी भी रमन का लण्ड चुभ रहा था)
रिंकी- भैया ये चुभ रही है, आपने तो कहा था ये बैठ जायेगी, लेकिन ये तो बहुत ज्यादा टाइट हो गयी, प्लीज भैया इसे बैठाओ आप किसी भी तरह.
रमन- तू गेम खेलते रह, थोड़ी देर में बैठ जायेगी, जैसे मैं माँ को गोद में बैठाकर उछल रहा था वैसे ही उछलना पड़ेगा, तुझे परेशानी तो नहीं होगी ?
रिंकी- नहीं भैया, आप उछल लो, कोई परेशानी नहीं होगी.
(फिर रमन धीरे धीरे अपना लण्ड रिंकी की गांड में रगड़ने लगता है, रिंकी रमन की गोद में बैठकर गेम खेल रही थी)
रमन- बहना तू कितनी गोरी है, और तेरी ब्रा तेरे कन्धों पर दिख रही है बहना जो मैं तेरे लिए लाया था, तूने सही से नहीं पहनी, तभी माँ को तेरी ब्रा और पेंटी दिख गयी.
रिंकी- भैया अभी मुझे पहनना नहीं आया, धीरे धीरे सिख जाउंगी.
रमन- बहना तू बहुत मस्त है सही में, सेक्सी है.
रिंकी- भाई चुप कर, फिर शुरू हो गया, मुझे ऐसे शब्द अच्छे नही लगते, मेने पहले भी कहा था.
रमन- लेकिन जब तू परी जैसे लग रही है तो मैं बोलूंगा ही, अच्छा एक बात पूछूँ?
रिंकी- हाँ पूछो भैया.
रमन- तेरे गले में एक तिल है, उसमे मुझे किस करने का मन है कर लूँ?
रिंकी- ये भी कोई पूछने की बात है भैया, आप मेरे बड़े भैया हो, अपनी बहन को किस कर सकते हो आप.
रमन- थैंक यू बेबी, आई लव यू.
रिंकी- आई लव यू टू भैया.

(भोली भाली ** साल की पतली दुबली, गोरी चिट्टी, कच्ची कली रमन की बहन रिंकी को रमन के इरादों के बारे में पता नहीं था, उसे लगा उसका भाई उसे बहन की तरह प्यार करेगा, लेकिन रमन ने अपनी लंबी जीभ जब रिंकी के गले में फेरी तो रिंकी सिहर गयी)
रिंकी- अह्ह्ह्ह्ह ये क्या कर रहे हो भैया, आपने तो किस के लिए कहा, और आप मेरा गला चाट रहे हो.
रमन- बहना किस करने से पहले ऐसा ही करते हैं, तुझे अच्छा नहीं लगा क्या?
रिंकी- मजा आया बहुत लेकिन अजीब सा अहसास हुआ भैया पता नहीं क्यों.
रमन- तेरी उम्र में हर लड़की को ऐसा ही अहसास होता है बहना, तू गेम खेलते रह.
रिंकी- ठीक है भैया, ऐसे ही चाटना बहुत मजा आया.
(और रमन अपनी जीभ रिंकी के कान से लेकर गले से और फिर कंधे में फेरता हैं, अब रिंकी की चूत में भी पानी आने लगता है, और रिंकी को बहुत मजा आने लगता है, और रिंकी सिसकारी भरने लगती है)
रिंकी- अह्ह्ह्ह अहो हो भैया, मजा आ रहा है, अह्ह्ह्ह… ऐसा क्यों हो रहा है भैया, मुझे कुछ कुछ हो रहा है भैया. ऐसे ही करो प्लीज भैया.
रमन- तू ज्यादा आवाज़ मत निकाल मेरी सेक्सी बहना, वरना माँ आ जायेगी, तू चुपचाप गेम खेल, मैं तुझे और मजे देता हूँ.
(फिर रमन रिंकी के गले में जोरदार किस करता है और काटता भी है जिससे रिंकी चिल्लाती है और उसकी आवाज कामना के कमरे तक चली जाती है)
रिंकी- आउच… अह्ह्ह्ह… आराम से भैया.
रमन- शहह्ह्ह्ह्ह… ज्यादा आवाज़ नहीं, माँ आ जायेगी.
(तभी कामना उनके कमरे में आती है और रिंकी को रमन की गोद में देखकर चौंक जाती है)
कामना- क्या कर रहे हो तुम दोनों, इतनी आवाजें क्यों निकाल रही है रिंकी तू, क्या कर रहा था रमन?
रमन- कुछ नहीं माँ, रिंकी गेम खेल रही थी तो आउट हो गयी…
रिंकी- हां और मेरे आउट होने पर भैया ने मेरे गले में काट दिया, हा हा हा
कामना- रिंकी ये अच्छी बात नहीं है, भैया की गोद में ऐसे नहीं बैठते, जाओ अपने बेड पर.
रिंकी- क्यों, आप भी तो बैठे थे, मैं क्यों नही बैठ सकती.
कामना- तू मानेगी नहीं मतलब, शैतान लड़की…
रमन- माँ, बैठे रहने दो उसे, उसका मन है, गेम खेलकर उठ जायेगी, आप अपने कमरे में जाओ.
कामना- माँ की बात नहीं मान रहे हो तुम दोनों, तुम्हारे जो मन में वो करो, और सुन रमन आज मेरे कमरे में ही सोना, तेरे कमरे का पंखा ख़राब है, और जल्दी सोने आ जाना.
रमन- ठीक है माँ, मैं आता हूँ.
(कामना चली जाती है और रमन की जान में जान आती है और रिंकी और रमन दोनों हंसने लगते हैं)
रिंकी- कैसे चिल्ला रही थी चुड़ैल की तरह हा हा हा.
रमन- रिंकी ऐसे नहीं बोलते माँ को.
रिंकी- मैं तो बोलूंगी, चुड़ैल, चुड़ैल चुड़ैल…
रमन- रुक तू, ऐसे नहीं मानेगी.
(और रमन रिंकी को कस कर पकड़कर बेड में पटक देता है, और दोनों की कुश्ती शुरू हो जाती है, रिंकी भी रमन को मारने में कोई कसर नहीं छोड़ती, जब रमन रिंकी पर भारी पड़ जाता है तो रिंकी रमन का लण्ड पकड़ लेती है)
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07-28-2020, 12:43 PM,
#13
RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
रमन- रिंकी इसे छोड़, प्लीज इसे मत पकड़, बहुत दर्द होता है अह्ह्ह्ह….
रिंकी- नहीं छोड़ूंगा, बहुत हीरो बन रहे थे, अब बोलो, अब बोलो, दबा दूँ? चटनी बना दूँ इसकी? बताओ?
रमन- रिंकी देख छोड़, मैं माँ को बुला दूंगा वरना.
रिंकी- पहले सॉरी बोलो.
रमन- सॉरी, सॉरी, सॉरी, प्लीज अब छोड़ जल्दी.
(रिंकी रमन का लण्ड छोड़ देती है, रमन को गुस्सा आता है उसे बहुत दर्द हो रहा था, वो गुस्से में रिंकी को पकड़ता है और कस कर उसके हाथ उसके पीछे बांध देता है और उससे चिपक कर बेड में लेट जाता है, अब रिंकी की चूत के ठीक ऊपर रमन का खड़ा लण्ड झटके मार रहा था, रिंकी की डर से तेज साँसे रमन की साँसों से टकरा रही थीं, रमन की छाती से रिंकी की छाती दबी थी और रमन की छाती में रिंकी के निप्प्ल्स चुभ रहे थे)
रिंकी- भैया, छोडो प्लीज, अब नहीं करूंगी.
रमन- अब कैसे करेगी, अब तो तू मेरी जकड में जो है, ऐसे दबाते हैं नुन्नी को बता? क्यों दबाया इतनी तेज.
रिंकी- आपकी नुन्नी खड़ी थी, मुझे गुस्सा आ गया, आपने बोला था की वो बैठ जायेगी, तो मेने सोचा मैं पिचोड़ दूंगी तो क्या पता आपकी नुन्नी बैठ जाये.
रमन- तो पहले बताती, मैं तुझे पिचोड़ने को दे देता, अब पिछोड़ेगी क्या?
रिंकी- हाँ, पिछोडूँ क्या?
रमन- लेकिन जैसे मैं बताऊंगा वैसे पिछोड़ना, हलके हलके, ठीक है?
रिंकी- हाँ लेकिन अब मेरी कलाई छोडो, और मेरे ऊपर से हटो, कितने भारी हो आप.
(रमन अपनी बहन की नाजुक कलाई छोड़ देता है और अपना पैजामा उसके सामने खोल देता है, रमन का 6 इंच का खड़ा लण्ड देखकर रिंकी घबरा जाती है और शर्म से अपने मुह में हाथ रख लेती है और चौंक जाती है)
रिंकी- भैया ये तो नुन्ना है, कितना बड़ा नुन्ना है ये.
रमन- बहन आज तुझे एक बात बता रहा हूँ लेकिन तू प्रोमिस कर कि किसी को ये बात नहीं बताएगी.
रिंकी- प्रॉमिस भैया.

रमन- इसे नुन्नी या नुन्ना नहीं बोलते.
रिंकी- तो फिर क्या बोलते हैं भैया?
रमन- इसे लण्ड बोलते हैं, या लोडा भी बोल सकती है तू.
(रिंकी हंसने लगती है)
रिंकी- लण्ड, हा हा हा ये कैसा नाम है लण्ड…
रमन- धीरे बोल, वरना माँ आ जायेगी. चल तूने कहा था इसे पिछोड़ेगी, अब हलके हलके पिचोड़ इसे और आगे पीछे भी करना, जब मैं कहूँ तेज कर तो तेज करना, और जब मैं कहूँ धीरे तो आहिस्ता आहिस्ता हाथ चलना समझी?
रिंकी- समझ गयी भैया, पास आओ..
(और रिंकी रमन के लण्ड में अपने दोनों हाथ चलाती है और अपने भाई का मुठ मारने लगती है, रमन के आदेशानुसार रिंकी उसके लण्ड को पिछोड़ती है, आगे पीछे करती है)
रमन- अह्ह्ह्ह… बहन अह्ह्ह्ह…. उफ्फ्फ्फ तेरे हाथों में जादू है बहना, ऐसे ही तेज तेज कर जितनी तुझ पर जान है बहना, अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह….
थोड़ी देर बाद इसमें से बटर निकलेगा अह्ह्ह्ह्ह…
रिंकी- कौन सा बटर भैया, जो हम खाते हैं, अमूल का?
रमन- हा हा हा अह्ह्ह्ह… हाँ वो ही समझ ले, अह्ह्ह्ह… उसमे ताकत होती है, उसे फेकते नहीं है, उसे खाते हैं.
रिंकी- तो भैया मैं खा लुंगी बटर, आप चिंता मत करो, बटर बर्बाद नहीं होगा.
रमन- अगर तुझे खाना है तो ऐसा कर, मेरा लण्ड अपने मुह में डाल ले और वैसे ही आगे पीछे कर जैसे हाथ से कर रही थी, जल्दी, अह्ह्ह्ह…
रिंकी- ओके भैया.
(और रिंकी रमन का लण्ड अब मुह में डाल देती है और आगे पीछे करने लगती है. रमन का मजा सातवें आसमान में पहुच जाता है, एक *** साल की गोरी पतली, सेक्सी, हॉट, कामुक लड़की के मुह में रमन के लण्ड का मुत्थारोपन हो रहा था, रमन सिसकारी भरता है)
रमन- बहन, मक्खन आने वाला है, तेज तेज चूस बहन अह्ह्ह्ह्ह, ओह्ह्ह्ह्ह गया, उम्म्म्म्म्म्म्म… बहन तू सही में रानी है, अह्ह्ह्ह… मैं आया बहन, मक्खन आया बहन, अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…
(और रमन सारा माल रिंकी के मुह के अंदर छोड़ देता है और रिंकी सारा माल पी जाती है, और फिर रमन रिंकी के होंठ पर अपने होंठ रख देता है और किस करने लगता है, दोनों भाई बहन किस करने में मशगूल हो जाते हैं, फिर किस करते करते रमन रिंकी का टॉप उतार देता है और अब रिंकी केवल नेकर और गुलाबी ब्रा में थी..
फिर रमन रिंकी का ब्रा भी उसके पतले, कच्ची जवानी वाले बदन से अलग कर देता है, और रिंकी के बूब्स जो अभी अभी जवान हुए थे उसके भाई के सामने नग्न थे और रिंकी ने शर्म से अपने बूब्स हाथों से ढक लिए, रमन ने रिंकी के हाथों को हटाया और रिंकी के अधपके गुठली वाले बूब्स अपने मुह में भर लिए और उन पर टूट पड़ा, निप्पल चूसने लगा, रिंकी सिसकारी भरने लगी)
रिंकी- भैया, मुझे अजीब सा फील हो रहा है, ऐसा क्यों हो रहा है भैया, अह्ह्ह्ह्ह मजा आ रहा है बहुत, ऐसे ही चूसो भैया, अह्ह्ह्ह… अह्ह्ह्ह्ह्ह… उईईईईई…. उम्म्म्म्म्म्म्म….. गयीईई… अह्ह्हह्ह्ह्ह भैयाआआह्ह्ह्ह…. चूसो और तेज चूसो, खा जाओ भैया अह्ह्ह…
(रिंकी अपने जीवन में पहली जवानी में पहली बार गरम हुयी थी और सेक्स चढ़ना स्वाभाविक बात थी, जलती जवानी की आग में रमन की *** साल की बहिन रिंकी की कामुकता से भरी सिसकारी पुरे घर में गूंजने लगी, रमन रिंकी के बूब्स खाये जा रहा था..
उसके बाद रमन रिंकी की नाभि और पेट को चाटने लगा, रिंकी मदहोशी में डूब गयी, वो दूसरी दुनिया में थी, उसे कुछ होश नहीं था, जवानी की आग में वो जल गयी, और इस आग में घी उसका अपना भाई रमन डाल रहा था, फिर रमन ने रिंकी का नेकर उसके बदन से अलग किया और उसकी जालीदार पेंटी भी अलग कर दी, अब रिंकी ऊपर से नीचे तक बिलकुल नंगी थी.
** साल का कसा हुआ पतला, गोरा जिस्म, पतली कमर, मोटी गोरी जांघें बहुत ही कामुक लग रही थी, अब रिंकी के शरीर में केवल उसकी टांगों में काले धागे बंधे थे, बाकि पूरा शरीर नंगा था. रिंकी सेक्स से पागल हुए जा रही थी..
रमन ने देखा कि रिंकी की चूत से बहुत सारा पानी निकल रहा है, रिंकी की चूत में हलके हलके रेशमी बाल थे, छोटी सी फूली हुयी गुलाबी चूत बहुत ही टाइट और बिलकुल नयी लग रही थी, अब रमन ने चूत में जीभ फेरना शुरू किया तो रिंकी तो पागल ही हो गयी)
रिंकी- अह्ह्ह्हह….. शहह्ह्ह्ह्ह… उईईईईई….मम्मी मर गयी, ये क्या अह्ह्ह… कर रहे हो भैयाआआह्ह्ह्ह्ह्ह्…. ये जादू है अह्ह्ह्ह….. भैया मजा आह्ह्ह्ह… रहा अह्ह्ह.. है, ऐसे ही चाटो अह्ह्ह्ह…. उम्म्म्म्म….
(रमन जीभ से रिंकी की चूत चोद देता है और उसकी सील तोड़ देता है और रिंकी की चूत से खून निकलता है जो रमन के मुह में लग जाता है, रिंकी खून देखकर डर जाती है लेकिन रमन उसे इसके बारे में समझता है तो रिंकी शांत हो जाती है)
रमन- बहन आज तेरी सील टूट गयी, अब तू वर्जिन नहीं है बहन, तेरी चूत लण्ड लेने लायक हो गयी है.
रिंकी- अह्ह्ह्ह… भैया बहुत मजा आया, लण्ड लेने लायक मतलब? इसमें अब लण्ड डालेंगे, और मक्खन भी?
रमन- मक्खन नहीं बहन, सिर्फ लण्ड डालेंगे क्यों कि मक्खन से तुझे बच्चा हो जायेगा.

रिंकी- अच्छा मक्खन से बच्चा भी होता है क्या? मतलब आप और मैं मक्खन से हुए है?
रमन- हाँ बहन, पापा ने मक्खन माँ की चूत में डाला था तो हम दोनों हुए. चल अब मैं तेरी चूत में अपना लण्ड डालूँगा, पहले पहले दर्द होगा, बाद में तुझे बहुत मजा आयेगा, ठीक है बहना?
रिंकी- हाँ भैया डालो. जल्दी डालो, अह्ह्ह्ह…
(फिर रमन रिंकी की चूत में लण्ड सेट करता है और हल्के हल्के उसे अंदर डालने की कोशिश करता है, रिंकी की दर्द से चीख निकलती है लेकिन वो सहन करती है..
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07-28-2020, 12:43 PM,
#14
RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
फिर रमन पूरा लण्ड रिंकी की चूत में डाल देता है और रिंकी के दर्द से आंसू निकल जाते हैं और रमन अपने होंठ रिंकी के होंठों पर रख देता है और चूसने लगता है, रिंकी भी अपने भाई के होंठ चूसती है.
फिर रमन लण्ड अंदर बाहर करने लगता है, और रिंकी की जीभ से जीभ मिलाने लगता है, भाई बहन की अपवित्र चुदाई शुरू होती है, लण्ड चूत का मिलाप होता है, रिंकी-रमन दो जिस्म एक जान बनकर रह जाते हैं, दोनों बिलकुल नंगे बेड पर चुदाई कर रहे थे, अंततः रमन भूल और मजे में अपना सारा वीर्य रिंकी की योनि के अंदर ही छोड़ देता है और रिंकी भी साथ ही साथ अपना पानी छोड़ देती है.
दोनों एक दूसरे को कस कर पकड़ते हैं और ऐसे ही चिपके रहते हैं, रिंकी को आज चुदाई का ज्ञान हो गया था, अब वो बाहर किसी से भी चुदने को तैयार हो गयी थी लेकिन रमन का वीर्य उसकी योनि में समा गया था जिसके कारण दोनों डर गए थे)

(फिर दोनों अपने कपडे पहनते हैं और रिंकी सो जाती है और रमन अपनी माँ के कमरे में सोने चला जाता है जहाँ नाईट बल्ब जला था, उसकी माँ बेड पर लेटी थी और उसकी माँ कामना की नाईटी उसकी मोटी सुडौल गोरी झांघों तक सरक गयी थी, 90 प्रतिशत गोरे भारी तरबुझ जैसे बूब्स नाईटी से बाहर थे, बाल बिखरे हुए थे, आधे से ज्यादा निप्पल दिख रहे थे, ये दृश्य देखकर रमन का मन और लन दोनो डोल जाते हैं )
रमन का लण्ड अपनी माँ की ये मदहोशी में सोयी हुयी हालत को देखकर खड़ा हो जाता है, और रमन घूर घूर कर अपनी माँ के आधे से ज्यादा बूब्स को और मोटी गोरी मखमली बालों से भरी जांघों को एकटक देखता रहता है और अपना लण्ड पैजामे के बाहर से ही मसलता है, थोड़ी देर पश्चात रमन कामना के बगल में खड़े लण्ड के साथ लेट जाता है.
रमन के अपनी माँ के बगल में लेटने से कामना की नींद खुल जाती है और वो अपनी नाईटी सही करती है, निकले हुए बूब्स को संभालती है, माँ-बेटे के रिश्ते को व्यवस्थित रखने की पूरी कोशिश करती है)
(कामना और रमन एक दूसरे की तरफ मुह करके बातें करने लगते हैं, कामना के 50 प्रतिशत बूब्स अभी भी बाहर ही थे और सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे, छोटा बेड होने की वजह से कामना और रमन पास पास एक दूसरे की तरफ मुह करके बात कर रहे थे, माँ-बेटे की सांसे एक दूसरे से टकरा रही थी)
कामना- आ गया बेटा, इतनी देर क्यों करी? कितना गेम खेलते हो तुम दोनों भाई बहन.
रमन- हाँ माँ वो थोडा देर हो गयी, आप तो गहरी नींद में सोये हुए थे.
कामना- हाँ वो नींद आ गयी थी, चल अब तू भी सोजा, इतनी बदबू क्यों आ रही है तुझ से, तू नहाया नही क्या ट्रेन में जो हुआ उसके बाद ?
रमन- नहाया था माँ, लेकिन ट्रेन में इतना सारा पता नही किसने डाला, उसकी बदबू शायद अभी तक है.
कामना- कंजर हरामी लोग थे ट्रेन में, मुझे पहले से पता था, शक्ल ही कमीनों वाली थी उनकी, बेशर्म कहीं के.
रमन- हाँ माँ, सही बोल रही है तू. वैसे एक बात पूछूँ?
कामना- पूछ बेटा.
रमन- आपको मजा आया सफ़र में?
कामना- हाँ बेटा बहुत मजा आया था, क्या बताऊँ, उन अंकल ने जो मुझे सीट दी बैठने को उसके बाद ज्यादा मजा आया.
रमन- वैसे जब आखिरी सुरंग आई थी तो उन अंकल की और आपकी अजीब अजीब सी आवाज़ें आ रही थी, ऐसा क्यों माँ?
कामना- अरे उस समय पता नहीं चूहा जैसे कुछ घुस गया था मेरे पेटिकोट के अंदर, उसने तूफ़ान मचा दिया था बेटा, अगर मैं हल्ला करती तो सब डर जाते कहीं ट्रेन में बम तो नहीं है, लेकिन मेने हिम्मत से काम लिया और चूहे के जाने का इंतज़ार किया, सुरंग खत्म होने के बाद चूहा चला गया.
रमन- वाह माँ, कितनी बहादुर हो आप, शेरनी हो.
कामना- वो तो हूँ ही बचपन से, लेकिन आजतक घमंड नहीं किया बेटा.
रमन- माँ जब आप रिंकी के रुम में मेरी गोद में बैठी थी तो बहुत मजा आ रहा था.
कामना- मजा कैसे आ रहा था तुझे? मैं समझी नहीं?
रमन- मतलब एक अलग अहसास हो रहा था, मेरा शरीर थका हुआ है ना, तो आप मोटी हो, मेरी जांघों के ऊपर आप बैठी थी तो मसाज हो गयी थी.
कामना- अच्छा जी, ऐसा है, अभी तेरे ऊपर लेट जाऊं क्या? पूरी बॉडी की मसाज हो जायेगी.
रमन- अगर ऐसा हो जाये तो सोने पे सुहागा हो जाये माँ.
कामना- चल हट… बदमाश, मैं तो मजाक कर रही हूँ.
रमन- आप भी ना माँ, ऐसा अच्छा मजाक करती हो. वैसे आप कितनी ज्यादा मोटी हो सही में, आपके दूध भी काफी बड़े हैं माँ.
कामना- बदमाश मेरे दूध देखता रहता है तू हाँ, बचपन में इन्ही को चूसता रहता था तू.
रमन- मैं इतने बड़े टैंकर से खत्म कर देता था क्या दूध?
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07-28-2020, 12:43 PM,
#15
RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
कामना- और नहीं तो क्या, चुस चूस कर लाल कर देता था निप्पल, जब नहीं पिलाती थी तो रो रो कर बुरा हाल कर देता था, बड़ा शैतान था बचपन से, जब तू बड़ा हुआ तब थोड़ा मेरी चुच्चियों को आराम मिला बेटा.
रमन- माँ इतनी बड़ी चुच्ची को किसी का भी मन चूसने का करेगा, अभी भी देखो बाहर दिख रही है, आप जब भी मार्किट या कहीं भी जाती हो आपकी चुच्चियां आधी बाहर दिखती हैं माँ, सब लोग आपकी चुच्चियों को घूरते रहते हैं.
कामना- तो क्या हुआ, चुच्चियां तो औरतों की शान होती है, जितनी बड़ी चुच्ची मतलब उतने ही अच्छे घर से है.
रमन- मेरे छोड़ने के बाद किसी ने आपकी चुच्ची चूसी माँ?
कामना- ये कैसा गन्दा सवाल कर रहा है बदमाश, (शरमाते हुए)- हाँ तेरे पापा चूसते हैं जब छुट्टी में आते हैं घर.
रमन- मुझे तो अभी भी आपकी चुच्ची चूसने का मन होता है माँ.
कामना- तुझे तो मैं कभी न चुसाऊं अपनी चुच्ची, बचपन में छोड़ता नहीं था, अब तो बड़ा हो गया है अब तो बिलकुल भी नहीं छोड़ेगा.
रमन- नहीं माँ अब मैं कम चुसुंगा, पिला दो प्लीज…

(कामना रमन की छाती में बालों में हाथ फेरती है)
कामना- तेरी छाती में कितने बाल है बाप रे, इतने तो सर में होते हैं, कहाँ तक फैलें हैं ये?
रमन- पेट से भी नीचे तक माँ, रुको मैं बनियान उतरता हूँ, अब देखो.
कामना- बाप रे इतने बाल हैं पेट तक.
रमन- माँ पेट से भी नीचे तक घने बाल हैं टांगों में खत्म होते हैं सीधे.
(कामना चौंकते हुए अपने बेटे की चौड़ी छाती के बाल देखती है, पेट से छाती तक बालों में हाथ फेरती है, कामना की नजर रमन के पैजामे में खड़े झटके मारते हुए लण्ड पर भी जाती है, और कामना हंसने लगती है)
कामना- अब बड़ा हो गया तू, गबरू जवान. कोई गर्लफ्रेंड है क्या कॉलेज में?
रमन- नहीं माँ अभी नहीं, मुझे कोई पसंद ही नहीं आती.
कामना- क्यों, कैसी लड़की पसंद है तुझे?
रमन- माँ आपके जैसी, मोटी सी, जिसकी चूचियाँ मोटी हों, जिनका दूध में रात भर पी सकूँ.
कामना- तेरे साथ जिसकी शादी होगी उसकी चुच्ची को चूस चूस कर पका देगा तू तो, बड़ा ही दीवाना है तू चुच्ची का.
रमन- हाँ माँ तभी तो आपकी चुच्ची चूसना चाहता हूँ. प्लीज चूसने दो.
कामना(रमन के सर पर हाथ फ़ेरते हुए)- माँ की चुच्ची चुसेगा? लेकिन ज्यादा मत चूसना बचपन की तरह ठीक है?
रमन- हाँ माँ, कम चुसुंगा. जल्दी दिखाओ चुच्ची प्लीज प्लीज प्लीज..
कामना- ज्यादा जोश में मत आ, जोश में होश मत खो देना तू.
(फिर कामना नाईटी के ऊपर से ही अपने दोनों बूब्स बाहर निकाल देती है जो अब रमन के सामने नंगे थे, सुर्ख काले रंग के खड़े निप्पल बड़े बड़े गोरे बूब्स में ठीक वैसे लग रहे थे जैसे अंग्रेजों के बीच में कोई नीग्रो)
कामना- आजा, चूस ले इन्हें.
(कामना के इतना कहते ही रमन बूब्स में भूखे शेर की तरह झपट जाता है और रगड़ रगड़ के निप्पल को चूसता है, कामना सिहर उठती है और अपने बूब्स को दबाते हुए जैसे उनसे दूध निकाल रही हो रमन को चुसवाती है)
कामना- अह्ह्ह… ठीक ऐसे ही चूसता था रमन तू इन्हें बचपन में, तूने पुरानी यादें ताज़ा करदी कसम से बेटे. अह्ह्ह्ह…
(रमन लगातार बूब्स को चूसता है, उसे काफी समय बाद इतने विशालकाय और गोरे बूब्स चूसने को मिले थे, एक पल भी वो इन्हें बिना चूसे व्यर्थ नही करना चाहता था इसलिए वो पागलों की तरह चूसे जा रहा था और कामना भी इसका फायदा उठा कर मजे ले रही थी, पैजामे में लगातार रमन का लण्ड झटके मार रहा था, और उसने ऊपर से भी कुछ नहीं पहना था, कामना रमन की छाती में हाथ फ़ेरने लगती है)
कामना- कितना भूखा है मेरा लाडला बेटा, पी ले बेटा दूध आज जितना भी पी सकता है, अह्ह्ह्ह… उम्म्म्म्म…
(आधा घंटा हो गया अब भवना को नींद आ रही थी लेकिन रमन चुच्चियां चूसे जा रहा था, रुकने का नाम नही ले रहा था, और कामना को नींद आ जाती है…
सुबह जब कामना उठती है तो देखती है रमन अभी भी उसके बूब्स चूस रहा है, और वो गुस्से से रमन को अलग करती है और देखती है उसके बूब्स के काले निप्पल में सूजन आ गयी थी और वो फूल कर बहुत मोटे दाने जैसे हो गए थे)
कामना- पागल लड़के, तू सोया नहीं क्या?
रमन- नहीं माँ, मैं निप्पल चूस रहा था, बहुत मजा आया, रात भर आपके निप्पल चूसे, इसमें से हल्का सा दूध भी आया.
कामना- उफ्फ्फ ये लड़का तो पागल है, इतना चूसेगा तो दूध तो निकलेगा ही, अब देख कितने मोटेे हो गए ये, डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा अब.
इससे बढ़िया रोज़ थोडा थोडा चूसता, अब ऐसे ही बैठा रह तू.
रमन- सॉरी माँ, डॉक्टर को मत दिखाओ ऐसे ही सही हो जायेगा ये.
कामना- तू डॉक्टर है क्या?
रमन- मेने इंटरनेट में पढ़ा था इसके बारे में.
कामना- चल ठीक है, अब उठ जा तू, रिंकी तो स्कूल जायेगी अभी. उसके लिए लंच पैक कर देती हूँ, तब तक तू भी नाहा धो ले, बदबू फैला रखी है तूने कमरे में.
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07-28-2020, 12:44 PM,
#16
RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
(रिंकी स्कूल चली जाती है, अब कामना और रमन घर में अकेले थे, आज कामना ने अलग टाइप की नाईटी पहनी जो रमन ने पहले कभी अपनी माँ को पहने हुए नहीं देखा था, कामना ने चिपले फिसलनदार कपडे की लाल रंग की बिना बाहों की नाईटी पहनी थी, जिसका गला बहुत ज्यादा खुला हुआ था, बैकलेस थी, और नीचे से भी स्कर्ट के जैसी झांघों से ऊपर तक थी, रमन की आँखें हवस से लाल हो गयी और वो आँखें फाड़ फाड़ कर अपनी माँ को देखे जा रहा था और कामुक ख्यालों में डूब गया)
कामना- अरे लाडले कहाँ खो गया?
रमन- तेरे ख्यालों में माँ, माँ आज तू बहुत ही खूबसूरत लग रही है, बिलकुल परी जैसे.
कामना- ओहो, आज तो माँ की तारीफ़ हाँ, इतनी मोटी हूँ, अगर पतली हो जाउंगी तो तेरे साथ कॉलेज जाउंगी, बच्चे मुझे तेरी माँ नहीं गर्लफ्रेंड समझने लगेंगे.

रमन- तो पतले हो जाओ आप, जिम जाया करो.
कामना- अच्छा मतलब मुझे गर्लफ्रेंड बनाएगा अपनी. ह्म्म्म्म.. शैतान है बहुत.
रमन- आप हो ही इतनी खूबसूरत, कोई भी आपको अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहे. चुच्ची कैसी है अब आपकी, दर्द है क्या?
कामना- अब थोडा ठीक है, रात में चूस चूस कर तूने कचुम्मर निकाल दिया सही में. मेरी तो जान ही निकल गयी थी मानों.
(तब कामना किचन में काम करती है, और रमन उसे काम करते हुए देखता है, कामना को स्लीप से एक डब्बा निकालना था, कामना अपने पैर के पंजों के बल खड़ी होकर डब्बा निकालने की कोशिश करती है लेकिन लंबाई कम होने के कारण नहीं पहुच पाती..
लेकिन उसके पंजों के बल खड़े होने से उसकी नाईटी ऊपर होती है और उसकी गांड के बाल दिखने लगते हैं, कामना ने अंदर से न तो कच्छी पहनी थी और न ही ब्रा, रमन ये सब देखकर पागल हो जाता है और अपनी माँ की मदद के लिए दौड़ता है)
रमन- माँ, मैं कुछ मदद करूँ क्या?
कामना- हाँ जरा मुझे पकड़ कर उठा दे, वो डब्बा निकालना है.
रमन- ठीक है माँ.
(रमन कामना को पीछे से पकड़ता है और ऊपर उठाता है, फिर भी कामना डब्बे तक नहीं पहुच पाती, दरअसल डब्बा निकलना तो एक बहाना था, डब्बा इतने ऊपर था कि उसे निकालने के लिए स्टूल चहिये था, लेकिन ये सब कामना की सोची समझी रणनिति थी)
कामना- रमन थोडा और कोशिश कर बेटा, ऊपर उठा.
(रमन कोशिश करता है, कामना की नाईटी कमर तक सरक गयी थी, उसकी गांड नंगी थी, जब ऊपर उठाने के बाद कामना नीचे आ रही थी तो रमन का खड़ा लण्ड कामना की नंगी गांड को छू रहा था..
लेकिन कामना ने रमन को और कोशिश करने को बोला, अब रमन ने चुपके से अपना पैजामा उतार दिया, अब रमन केवल टी शर्ट में था और उसका नंगा लण्ड उसकी माँ की नंगी गांड में छू रहा था, वो बार बार अपनी माँ को ऊपर नीचे उठाने का नाटक करने लगा और लण्ड को गांड में घिसते रहा)
कामना- कोशिश करते रह निकल जायेगा बेटा… अह्ह्ह्ह…
रमन- हाँ माँ, अह्ह्ह्ह्ह… उम्म्म्म… कर रहा हूँ अह्ह्ह्ह…
(और रमन कामना की नंगी गांड में अपना गरम गरम वीर्य छोड़ देता है और कामना को भी वीर्य का अहसास होता है, और रमन कामना के पीछे उसे कस के पकड़ लेता है)
रमन- अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्…. माँ, निकल गया अह्ह्ह्ह…
कामना- लेकिन मेरा नहीं निकला बेटा. मेरा भी निकाल दे. मैं तड़प रही हूँ कबसे.
(रमन कामना को अपनी तरफ सीधा करता है और उसके होंठ पर अपने होंठ रख देता है फिर जोरदार चुम्बन शुरू हो जाता है, जीभ से जीभ का मिलन, थूक से थूक का आदान प्रदान माँ बेटे के मुह से चलता है, दोनों मस्ती में चूर हो जाते हैं, सारी सिमाएं पार कर, सभी बंधनों को तोड़कर, सारे रिश्ते नाते भूल कर केवल पुरूष-महिला का रिश्ता ही समझते हुए एक दूसरे से चिपक जाते हैं और किस करते हैं..
उसके बाद रमन अपनी माँ की नाईटी उसके शरीर से अलग फेंक देता है, अब उसकी माँ उसकी आँखों के सामने बिलकुल नंगी थी, माथे पे लाल बिंदी, सर पर लाल सिंदूर, हाथों में चूड़ियाँ और पैरों में घुंघरू बांधे उसकी माँ नंगी अपने बेटे से चुदाई करवाने को बेकरार थी..
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07-28-2020, 12:44 PM,
#17
RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा

कामना की कमर पर एक सोने की चैन बंधी हुयी थी, जो उसके बदन की शोभा बढ़ा रही थी, रमन अपनी माँ के पुरे बदन को चूमे और चाटे जा रहा था, आज उसका इरादा कामना को खा जाने का था)
कामना- बेटा, अह्ह्ह्ह… अब सहन नहीं होता, डाल दे मगरमच्छ कीचड के अंदर, जल्दी कर बेटा, माँ को ऐसे ना तड़पा, अह्ह्ह्ह…. अह्ह्ह्ह…
रमन- आज तुझे जन्नत दिखाता हूँ माँ, तू फिक्र न कर, तेरा बेटा तुझे संतुष्ट कर देगा.
(और रमन अपना लण्ड अपनी माँ की चूत में लगाता है, और जोर लगा के हाइन्सा कर धक्के मारता है, माँ-बेटा चुदाई आरम्भ हो जाती है, कामना की सिसकारियाँ गालियों के साथ शुरू हो जाती हैं)
कामना- अह्ह्हह्ह्ह्ह… आह्ह्ह्ह्ह्… ऐसे ही जान, मेरे बेटे, हरामी, चोद अपनी माँ को और मादरचोद की उपाधि ले भोसडीके…अह्ह्ह्ह…
रमन- मेरी जान, मेरी रानी माँ, अह्ह्ह्ह… रंडी नंबर एक, आज फाड़ दूंगा तेरी चूत चिनाल… अह्ह्ह्ह्ह…
कामना- बहिनचोद, रंडवे, फाड़ अह्ह्ह.. के दिखा अह्ह्ह.. उम्म्म… अगर गांड में दम है तो अह्ह्ह.. ओहोह्ह्ह्ह्ह्… गयी मम्मी मैं तो अह्ह्ह्ह… चोद चोद अह्ह्ह…
(रमन अपनी रफ़्तार गतिमान एक्सप्रेस से भी तेज़ कर देता है और रफ़्तार के साथ और आवाज़ के साथ अपनी माँ की चूत में धक्के लगता है, फच फच की आवाज पुरे किचन में गूंजती है, साथ ही साथ कामना की चूड़ियों और घुँगरू की आवाज़ भी कामुक माहौल में एक समा बाँध देती है और रमन का जोश दोगुना करती है)
कामना- हाँ बस ऐसे ही, अह्ह्ह्ह्ह…. मेरे राजा, अह्ह्ह्ह… मेरे स्वामी… अह्ह्हहह… उम्म्म्म्म्म…. ओहोह्ह्ह्ह्…. ऐसे ही चोदो, यही रफ़्तार, यही जोश अह्हहाआआ….
रमन- मैं झड़ने वाला हूँ माँ…. अह्ह्ह्ह्ह….
कामना- मेरी चूत के अंदर ही डाल बेटा, अह्ह्ह्ह्ह माँ बना दे मुझे अपने बच्चे की, भर दे मेरी कोख एक बार फिर, डाल दे अपना बीज मेरी चूत में, अह्ह्ह्ह…. मैं भी झड़ने वाली हूँ बेटा अह्ह्ह्ह्ह्ह….. रमन डार्लिंग अह्ह्ह्ह…

(अपनी माँ के मुह से ये सब सुनकर रमन का जोश और बढ़ जाता है और चुदाई करते करते वो अपनी माँ की चूत के अंदर ही वीर्यपात कर देता है और कामना और रमन दोनो एक साथ झड़ते हैं और दोनों बिल्कुल कस कर एक दूसरे से चिपक जाते हैं, बाद में 69 मुद्रा में दोनों एक दूसरे की चूत और लण्ड चूसते हैं और एक बार और चुदाई करते हैं)
9 महीने बाद जब रिंकी और कामना दोनों अपने अपने बच्चों को जन्म देती हैं तो कारणवश रमन को अपनी माँ और बहन दोनों से शादी करनी पड़ती है और रिंकी और कामना एक दूसरे की सौतन ननद, जेठानी बनकर रमन को अपना पति मानती हैं और उसी के साथ रहती हैं..
कामना एक साथ बेटी की तरफ से नानी भी बनी थी, बेटे की तरफ से दादी भी बनी थी, और अपनी तरफ से माँ बनी थी, तो एक हिसाब से कामना को एक साथ 3 रिश्तों की जिम्मेदारी आई, वहीँ दूसरी और रिंकी अपनी तरफ से माँ भी बनी, भाई की तरफ से मौसी भी बनी और कामना की तरफ से एक बार फिर नन्हे मुन्हे बच्चे की बड़ी दीदी भी बनी और रमन चाचा, बाप और बड़ा भाई बना, ऐसा शायद ही कहीं देखने को मिले.
उपाधियाँ – रमन – मादरचोद (कामना (46) को चोदकर), बहिनचोद (रिंकी (**) को चोदकर).

अब वर्तमान में
सपना -इस कहानी का मतलब समझ नही आया भाई

काकी -- पंडित वैसे कुछ भी हो तेरी कहानी थी बहुत अच्छी पर इस कहानी से सुनंदा से बदला लेने वाली बात कहाँ से आ गई
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08-09-2020, 02:19 PM,
#18
RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
mast story
Reply
04-15-2021, 07:57 AM,
#19
RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
Heart अचानक फिर सुरंग आती है और इस सुरंग के चलते जो 6-7 लोग मुठ मार रहे थे उन्होंने अपना अपना माल कामना के ऊपर डाल दिया और कुछ माल रमन के मुह पर भी पड़ा,कामना का मुह, गला और बूब्स तो माल से भीग गए थे, और रमन का माल भी कच्छे में निकल गया, कामना भी झड़ गयी.. Heart
Ahhh aisi kamuk Kahani padh kar Mera bhi 59sal ke Lund se Bina khada huye hi Pani nikal gaya 
Reply
04-15-2021, 09:12 AM,
#20
RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
Heart ….

(रमन जीभ से रिंकी की चूत चोद देता है और उसकी सील तोड़ देता है और रिंकी की चूत से खून निकलता है जो रमन के मुह में लग जाता है Heart
Ahh bahut mast Raman bahut lucky hai kunwari chut ka khun nasib walo ko milta hai chusne ko 
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