RE: Sex Story सातवें आसमान पर
डॉली ने चूतड़ हिला कर हाँ का इशारा किया। राज ने एक, दो, तीन कहते हुए तीन पर लिंगराज को गांड के छेद में डालने के लिए जोर लगाया। पर डॉली की कुंवारी गांड लिंगराज की चौड़ाई के लिए तैयार नहीं थी सो लिंगराज अपने निशाने से फिसल गया और जेली के कारण बाहर आ गया। राज की हंसी छूट गई और डॉली भी मुस्करा कर पलट गई।
राज ने कहा- कोई बात नहीं, एक बार फिर कोशिश करते हैं।
उसने लिंगराज के सुपारे पर थोड़ी और जेली लगाई और एक-दो-तीन कह कर फिर से कोशिश की। इस बार लिंगराज करीब आधा इंच अन्दर चला गया। डॉली के मुँह से एक हलकी सी आवाज़ निकली।
राज ने एकदम लिंगराज को बाहर निकाल कर डॉली से पूछा कि कैसा लगा? दर्द बहुत हुआ क्या?
डॉली ने पलट कर उसके होटों पर एक ज़ोरदार चुम्मी की और कहा- तुम मेरा इतना ध्यान रख रहे हो तो मुझे दर्द कैसे हो सकता है !! अब मेरे बारे में सोचना बंद करो और लिंगराजजी को अन्दर डालो।
यह सुनकर राज का डर थोड़ा कम हुआ और उसने कहा- ठीक है, चलो इस बार देखते हैं तुम में कितना दम है !!
एक बार फिर जेली गांड और लिंगराज पर लगा कर उसने एक-दो-तीन कह कर थोड़ा ज्यादा ज़ोर लगाया। इस बार लिंगराज अचानक करीब डेढ़ इंच अन्दर चला गया और डॉली ने कोई आवाज़ नहीं निकाली। बस एक लम्बी सांस लेकर छोड़ दी। राज ने लिंगराज को अन्दर ही रहने दिया और डॉली की पीठ सहलाने लगा। उसने डॉली को शाबाशी दी और कहा वह बहुत बहादुर है।
थोड़ी देर बाद राज ने डॉली को बताया कि अब वह लिंगराज को बाहर निकालेगा। और फिर धीरे धीरे लिंगराज को बाहर खींच लिया। उसने डॉली से पूछा उसे अब तक कैसा लगा तो डॉली ने कहा कि उसे दर्द नहीं हुआ और थोड़ा मज़ा भी आया।
राज ने डॉली को आगाह किया कि इस बार वह लिंगराज को और अन्दर करेगा और अगर डॉली को तकलीफ नहीं हुई तो लिंगराज से उसकी गांड को चोदने की कोशिश करेगा। डॉली ने कहा वह तैयार है।
पर राज ने एक बार फिर सब जगह जेली का लेप किया और तीन की गिनती पर लिंगराज को घुमाते हुए उसकी गांड के अन्दर बढ़ा दिया। डॉली थोड़ा कसमसाई क्योंकि लिंगराजजी इस बार करीब चार इंच अन्दर चले गए थे। राज ने डॉली को और शाबाशी दी और कहा कि अब वह तीन की गिनती नहीं करेगा बल्कि डॉली को खुद अपनी गांड उस समय ढीली करनी होगी जब उसे लगता है कि लिंगराज अन्दर जा रहा है।
यह कह कर उसने लिंगराज को धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू किया। हर बार जब लिंगराज को वह अन्दर करता तो थोड़ा और ज़ोर लगाता जिससे लिंगराज धीरे धीरे अब करीब ६ इंच तक अन्दर पहुँच गया था। डॉली को कोई तकलीफ नहीं हो रही थी। यह उसके हाव भाव से पता चल रहा था। राज ने डॉली की परीक्षा लेने के लिए अचानक लिंगराज को पूरा बाहर निकाल लिया और फिर से अन्दर डालने की कोशिश की। डॉली चौकन्नी थी और उसने ठीक समय पर अपनी गांड को ढील दे कर लिंगराज को अपने अन्दर ले लिया। राज डॉली की इस बात से बहुत खुश हुआ और उसने डॉली की जाँघों को प्यार से पुच्ची कर दी।
अब वह लिंगराज से उसकी गांड चोद रहा था और अपनी उँगलियों से उसकी चूत के मटर को सहला रहा था जिससे डॉली उत्तेजित हो रही थी और अपने बदन को ऊपर नीचे कर रही थी। कुछ देर बाद राज ने लिंगराज को धीरे से बाहर निकाला और डॉली को पलटने को कहा। उसने डॉली के पेट और मम्मों को पुच्चियाँ करते हुआ कहा कि उसके हिसाब से वह गांड मरवाने के लिए तैयार है।
डॉली ने कहा- हाँ, मैं तैयार हूँ पर राज के लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यह जनाब तो तैयार नहीं हैं, लाओ इन्हें मैं तैयार करूँ।
शाम के सात बज रहे थे। अभी एक घंटा और बचा था। डॉली की उत्सुकता देख कर उसका मन भी गांड मारने के लिए डोल उठा। उसके लंड पर डॉली की जीभ घूम रही थी और उसके हाथ राज के अण्डों को टटोल रहे थे। साथ ही साथ गोली का असर भी हो रहा था।
थोड़ी ही देर में राज का लंड ज़ंग के लिए तैयार हो गया। पहली बार गांड में घुसने की उम्मीद में वह कुछ ज़्यादा ही बड़ा हो गया था। डॉली ने उसके सुपारे को चुम्बन दिया और राज के इशारे पर पहले की तरह उलटी लेट गई। राज ने उसके कूल्हे थोड़े और ऊपर की ओर उठाये और टांगें और खोल दी। डॉली का सिर उसने तकिये पर रखने को कहा और छाती को बिस्तर पर सटा दिया। अब उसने डॉली की गांड की अन्दर बाहर जेली लगा दी और अपने लंड पर भी उसका लेप कर दिया। राज ने पीछे से आ कर अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर टिकाया और डॉली को पूछा कि क्या वह तैयार है ।
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