RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
रात कामिनी फिर शत्रुजीत के साथ उसके बिस्तर मे नंगी पड़ी हुई थी.वो उसकी चूचिया दबा & चूस रहा था & वो अपना हाथ नीचे ले जाके उसके अंडे दबा रही थी,"जीत....उउउम्म्म्मम..!"
"ह्म्म्म..बोलो.",शत्रुजीत उसके निपल को अपने अंगूठे & उंगली के बीच पकड़ के मसल रहा था.
"..आननह..तुम्हे क्या लग..ता है..कोई तुम्हे फॅन..सा..ना च..आह रहा... है..?"
"पता नही.अंकल जे ऐसा सोचते हैं.अब्दुल को भी लगता है मगर मुझे अभी तक ऐसा कुच्छ नही लगता.",वो अब उसकी बड़ी-2 आँखो मे झाँकते हुए अपनी उंगली से उसकी चूत मार रहा था.
कामिनी ने उसका हाथ अपनी चूत से अलग किया & उसे पलट के उसपे सवार हो उसके चेहरे को चूमने लगी,शत्रुजीत के हाथ उसकी पीठ से ले उसकी गंद तक फिसलने लगे,"1 बात पुच्छू?",वो उसके सीने पे बेचैनी से हाथ फिराते हुए उसके गाल चूम रही थी,"..पुछो?"
"अब्दुल & तुम्हारा क्या रिश्ता है?",वो नीचे आ उसके सीने को चूम रही थी,"..पता है..",उसने सर उठा कर शत्रुजीत की आँखो मे देखा,"..मुझे उस से बहुत डर लगता है.."
"क्या?!हा..हा..हा..!",शत्रुजीत हंस पड़ा,"..अब्दुल से डर!...",कामिनी और नीचे जा उसके लंड को हाथो मे ले उसके आस-पास शत्रुजीत के पेट को चूम रही थी,"..वैसे मैं समझ सकता हू.केयी लोगो पे अब्दुल का ऐसा असर होता है,मगर वो बहुत अच्छा इंसान है,कामिनी.उस बेचारे की कहानी बहुत दर्द भारी है.",कामिनी उसके लंड को चूसने लगी थी.शत्ृजीत ने हाथ बढ़ा के उसकी बाई जाँघ को पकड़ के अपनी तरफ खींच के उसे अपने उपर 69 पोज़िशन मे ले लिया.अब कामिनी उसके उपर,उसके मुँह पे अपनी चूत दबाए उसके लंड को चूस रही थी.
"अब्दुल अफ़ग़ानिस्तान का रहने वाला है.वाहा हो रहे गृह-युद्ध ने उसके पिता की जान ले ली तो उसके चाचा ने उसे,उसकी बीमार मा & बेहन के साथ देल्ही ले जाने का फ़ैसला किया.उनके जाने से ठीक 1 दिन पहले 1 हवाई हमले मे अब्दुल की आँखो के सामने उसकी बहन की मौत हुई.",कामिनी ने लंड से सर उठा के गर्दन घुमा के शत्रुजीत को देखा,वो उसकी गंद को मसल्ते हुए 1 उंगली उसकी चूत मे अंदर-बाहर कर रहा था.
"..अब्दुल को अपनी बेहन से बहुत प्यार था & इस बात का उसपे गहरा सदमा पहुँचा.उसका चाचा उसे & अपनी भाभी को किसी तरह देल्ही तो ले आया मगर उसे वापस किसी काम से आफ्गानिस्तान लौटना पड़ा.उसके बाद से उसके चाचा की आज तक कोई खबर नही है...",कामिनी ने वापस अपने होंठ उसके लंड पे कस दिए,"..आअहह..",शत्रुजीत ने आह भरी,"..यहा 1 हॉस्पिटल मे इलाज करने पे पता चला की उसकी मा को कॅन्सर है.11 साल के अब्दुल की कुच्छ समझ मे नही आ रहा था की वो इन मुश्किलो का सामना कैसे करे.इसी समय किसी रिपोर्टर को उसके बारे मे पता चला & उसने उसकी कहानी अख़बार मे छाप दी...",शत्रुजीत ने उसकी गंद की फांको को अपने हाथो मे मसल्ते हुए उसकी चूत पे अपनी जीभ चलाना शुरू कर दिया,"..आअनंह..ऊओईय्यीए...",कामिनी उसके लंड को मसल्ते हुए,आहे भरती हुई अपनी कमर बेचैनी से हिलाने लगी.
थोड़ी देर चूत को चाटने के बाद शत्रुजीत ने अपनी ज़ुबान उसकी चूत से अलग की,"..पिताजी उस वक़्त देल्ही मे ही थे.कहानी सुनते ही वो फ़ौरन अब्दुल से मिले & उसकी मा के इलाज का पूरा खर्चा उठाया,मगर वो बच नही सकी.इसके बाद अब्दुल दुनिया मे अकेला रह गया..",शत्रुजीत बोलते हुए उसके चूत के दाने को उंगली से रगड़ रहा था,"..पिताजी ने बहुत कोशिश की मगर उसके चाचा या किसी & रिश्तेदार का कोई पता नही चला.",कामिनी अब पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी.उसने उठाते हुए शत्रुजीत की पकड़ से अपनी कमर को खींचा & आगे सरक के अपने हाथ से पकड़ उसके लंड को अपनी चूत मे ले,उसकी ओर पीठ किए बैठ कर उच्छल-2 कर उसे चोदने लगी.
"..पिताजी को उस से बहुत लगाव हो गया था & फिर वो उसे यहा ले आए.हम सब ने उसे अपने परिवार का हिस्सा बना लिया.मेरी ज़िंदगी मे भी छ्होटे भाई की कमी पूरी हो गयी.वो पिताजी को भी अब्बू बुलाता था & मुझे भी भाई ही कहता है.अगर खुद के बाद मुझे किसी पे भरोसा है कामिनी तो वो अब्दुल ही है.",वो उसकी गंद को सहला रहा था,"..मगर शायद उसने लड़ाई के दौरान इंसान का जो घिनोना रूप देखा है,जो खून-ख़राबा देखा है...उसने उसकी आँखो & उसकी शख्सियत मे 1 ठंडा पन भर दिया है..शायद वही है जो लोगो की घबराहट का सबब बन जाता है.",कामिनी अब बहुत तेज़ी से उच्छल रही थी,शत्रुजीत उठा & पीछे से अपनी प्रेमिका को जाकड़ उसकी बड़ी,मोटी चूचियो को हाथो मे भर उसकी कसी चूत का लुत्फ़ उठाने लगा.
क्रमशः..................
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