07-17-2020, 10:42 AM,
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desiaks
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RE: Sex kahani द मैजिक मिरर (Tell Of Tilism)
अभी कुछ ही समय गुजरा था कि नीचे हॉल से राज की मम्मी की आवाज आती है।
सरिता: राज.... राज , राज रानी और सोनिया के साथ नीचे आ जाओ, डिनर तैयार है।
राज: आया मम्मी,
राज अपने कमरे के दरवाजे तक आता है लेकिन कुछ सोच कर वापस अपने कमरे में अपने बैग की तरफ जाकर आईना निकलता है। जो अब राज से दूर होते ही एक दम सादारण आईने की भांति नज़र आ रहा था। लेकिन जैसे ही राज ने उसे उठाया, आईना एक बार फिर से जाग गया।
राज: आईने मुझे चंचल को देखना वो इस वक़्त क्या कर रही है।, राज पूरी तरह से चंचल के बारे में सोचने लगता है। राज के दिल और दिमाग से आईना चंचल तक पहुंच कर वहां की तस्वीर आईने में नज़र आ जाती है ठीक ऐसे जैसे कोई लाइव टी वी देख रहा हो।
चंचल इस वक़्त बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। चंचल इस वक़्त किसी से फ़ोन पर बात कर रही थी। राज अपना सर आईने में डालता है तो वो चंचल की बात सुन पा रहा था। वहंचल इस वक़्त प्रीति से बात कर रही थी। प्रीति वही रानी और सोनिया की एक और सीनियर।
प्रीति: यार सुना है कल एक नई लड़की कॉलेज में आ रही है।
चंचल: क्या ? सच मे? तुम्हे कैसे पता?
प्रीति : कल क्या है ना उस लड़के और रानी के जाने के बाद में आफिस गयी थी, तो मैंने सुना था। अपने आफिस के बाबू साहब किसी को फीस और क्लास के बारे में बता रहे थे । लास्ट मैं फ़ोन रखते वक़्त उन्होंने उसका नाम भी पूछा था।
चंचल: क्या नाम है उसका?
प्रीति: कोमल!
चंचल: कोमलss ह्म्म्मsss एक आईडिया है मेरे पास। क्यों ना काल कोमल की सुपरहॉट रैगिंग करें व भी उस नए लोंडे के सामने, अरे वही रानी का भाई, राज।
प्रीति: ऑसम, यार चंचल कुछ भी बोल लेकिन मैं चाहती हूं राज मुझसे पट जाए।
चंचल: हरामजादी! आज तो बोल दिया है आगे से ऐसा मत बोलना, राज केवल मेरा है। उसके आस पास भी कोई नज़र आया ना तो जान से मार दूंगी। हाँ अगर चुदवाने का इरादा हो तो बोलो, में तुम्हे राज से चुदवा दूंगी।
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07-17-2020, 10:43 AM,
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desiaks
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RE: Sex kahani द मैजिक मिरर (Tell Of Tilism)
प्रीति: क्या ? राज तुम्हारा है? कब से?
चंचल : जब से उसे मैंने पहली बार देखा है। चल बाकी की बातें काल कॉलेज में करती हूं । मेरी छोटी बहन बुला रही है।
रानी: फ़ोन रख कर अपने कपड़े बदलने लगती है। रानी जैसे ही अपना टी- शर्ट उतारती है राज की आंखों के सामने रानी की बड़ी बड़ी चुंचिया सामने आ जाते है।
राज अचानक से रानी की चुंचिया देख कर घबरा जाता है और तुरंत आईने से बाहर निकल कर आ जाता है। लेकिन जब राज बाहर निकल कर आता है तब तक राज का जंग बहादुर तलवार बाजी के लिए पोजीशन में आ चुका था। राज के पायजामे में राज का तंबू क्लियर देखा जा सकता था।
राज का ध्यान अपने लन्ड पर गया तो राज को बहुत आश्चर्य हुआ। राज सोच रहा था इतने से मैं मेरा ये हाल हो गया। तभी राज के दिमाग में चंचल की एक बात आती है, दरअसल राज के कानों में चंचल की एक बात ज्यों की त्यों सुनाई पड़ती है " यार मेरी छोटी बहन भी बुला रही है।
राज चंचल की बात सुनकर तुरंत आईने को देखते हुए चंचल की बहन के बारे में सोचता है। जिसे देखा नहीं सिर्फ उसके सोचने मात्र से आईन राज के ख्यालों का पीछा करते हुए चंचल की छोटी बहन तक पहुंच गया।
ओह वावsss....वाह, राज के मुह से बस इतना ही निकल सका। चंचल भले ही कितनी भी शैतान क्यों ना हो लेकिन इस बात को झुटलाया नहीं जा सकता कि वो बहुत खूबसूरत है और साथ ही मॉडर्न पढ़ी लिखी फैमिली से है तो काफी ओपन भी है। ठीक चंचल की तरह चंचल की बहन भी बहुत खूबसूरत है। उसका फिगर, उसका दूधिया गोरा रंग, लंबे घने बाल, चेहरे पर मासूम सी मुस्कान किसी को भी अपनी तरफ खींच सकती है।
राज चंचल की बहन के उरोजों को देखता ही रह गया। चंचल की बहन के उरोज कपड़ों के ऊपर से अपना आकार और कड़क पन दर्शा रहे थे। जाहिर की बात है उन उरोजों का कड़क पन देख कर इतना तो कहा जा सकता था कि छोरी ने अभी तक दबवाना मिजवान शुरू नहीं किया। लेकिन जब उसके आकर की बात आती है तो लगता है जैसे छोटी उम्र से ही दबवाना शुरू कर दिया था।
राज का लन्ड अब आईने में भी अपनीं बैचैनी दिखा रहा था। राज को लग रहा था की अभी अगर किसी की चुदाई नहीं किया तो लन्ड फैट जा जाएगा।
तभी अचानक से आईने ने राज को बाहर निकाल कर बेड पर फेंक दिया। राज जैसे ही बेड पर आता है, चोंक जाता है। आखिर आईने ने ऐसा क्यों किया?
तभी राज का दरवाजा जोर से बजता है। और बाहर से आवाज आती है जो कि राज की माँ की थी।
सरिता: राज तुरंत बाहर आओ! कब से दरवाजा पिट रही हूं तुम्हे समझ नहीं आता।
राज सरिता की आवाज सुनकर तुरंत दरवाजा कजोलने के लिए आगे बढ़ता है लेकिन जाने से पहले आईने को वापस बैग में रख देता है।
राज दरवाजा खोलता है तो सामने सरिता थी।
सरिता: 2 मिनट में नीचे आ जाओ। अभी!
राज: जी मम्मी चलो मैं आ रहा हूँ। राज अपनी मम्मी के साथ नीच आने लगता है। तभी राज जैसे ही सरिता मुड़ कर जाने लगती है , तुरंत अपने हाथ से अपने लन्ड को एडजस्ट करता है और सीढ़ियां उतरता हुआ नीचे आता है। लेकिन इतना बड़ा लन्ड ढीले ढाले पायजामे में कैसे एडजस्ट हो सकता था।
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