Sex kahani द मैजिक मिरर (Tell Of Tilism)
07-17-2020, 10:47 AM,
#81
RE: Sex kahani द मैजिक मिरर (Tell Of Tilism)
अपडेट -24

राज बड़े ही मादक तरीके से सरिता की जिस्म की खुशबू को खुद में सामने का प्रयास कर रही था। इसी प्रयास में राज के हाथ धीरे धीरे फिसलते हुए सरिता की कमर से सरिता के पेट की और बढ़ गए। साथ ही साथ सरिता के हाथ भी राज के हाथ पर थे। राज का एक हाथ जहां सरिता के पेट पर था वहीं दूसरा हाथ सरिता की कमर के उस स्थान पर था जहां से कमर के कटाव (कर्व) शुरू होता है। सरिता के के जहां दोनो हाथ राज के उस हाथ पर व्यस्त थे जो सरिता के पेट पर था वही राज अपनी मदहोशी में सरिता की कमर को अपने दूसरे हाथ से दबा बड़े ही रोमांचक और मादक तरीके से दबा देता है।

राज के कमर को अपने हाथ से मसलते ही सरिता की एड़ियां ऊपर की और उठ जाती है और सरिता अपने पंजों पर खड़ी हो जाती है और साथ कि सरिता के मुह से एक मादक आहsssss निकल पड़ती है। राज का दूसरा हाथ धीरे धीरे सरोता के पेट से सीधा सरिता के उरोजों की और बढ़ने लगता है। राज के हाथों का अपने उरोजों तक पहुंचने का सरिता बड़ी बेक़रारी से इंतज़ार कर रही थी।

अब आगे....

अभी राज का हाथ सरिता की सुडौल चुंचियों के नीचे पहुंचा ही था कि रानी की आवाज आती है।

रानी: मम्मी.....

सरिता एक दम से चोंक जाती है। वहीं राज भी अपने मदहोशी के आलम से बाहर निकल आता है। दोनो अपने अपने स्थान पर स्तब्ध खड़े ये विचार कर रहे थे कि आखिर वो दोनों क्या करने जा रहे थे। सरोता और राज दोनो ग्लानि से भर पड़ते है। तभी रानी की आवाज एक बार फिर से आती है। जिसे सुनकर राज पीछे को होता है और सरोता आगे को। जब सरिता और राज दोनो अपने अपने स्थान से दूर हटतें है तब राज को सरिता की गाँड़ की गहराई का एहसास होता है। और सरिता को राज के लन्ड की लंबाई का। दोनो एक दूसरे को महसूस कर पा रहे थे। राज का लन्ड 4 इंच के करीब सरिता की गाँड़ में धंसा था। जो दोनो के हटने से एकदम स्लो मोशन में बाहर निकलता है।

तभी रानी सीढ़ियों से उतरते हुए किचन के बाहर तक आ जाती है।

रानी: मम्मी वो खाना ( रानी ने अभी इतना ही कहा था कि सामने राज को खड़ा देख कर रानी एक बार फिर से बाथरूम वाली घटना को याद कर बैठती है और वही हाल राज का था।)

जहां एक तरफ रानी बाथरूम की घटना को याद करके शर्मा रही थी। वही दूसरी और राज रानी के जिस्म को याद करके गर्म हो रहा था। राज का लन्ड पहले ही सरिता के स्पर्श से खड़ा था अब राज को रानी के साथ वाली घटना की याद ने और तड़पा दिया था।

सरिता तुरंत किचन से एक आधे घण्टे में खाना बनाकर सबको खिलाती है। और खुद भी खा लेती है। सब लोग खाना खाकर अपने अपने कमरे में चले जाते है।

आज तीनों कमरों में हवस की आग की आप्टे जोरों से भड़क रही थी। रानी और सोनिया राज को महसूस करके उसे और महसूस करना चाहती थी। वही सरिता अपनी जिस्म की गर्मी से मजबूर होकर राज को पाना चाहती थी। वही राज आज दिनभर की घटना और अपनी हरकतें याद कर कर के गर्म हो रहा था। राज को अब कीसी भी हाल में चुदाई करनी थी। मगर कैसे?

राज को लता वाला इंसिडेंट याद आता है। राज तुरंत आईना निकाल कर लता को याद करने लगता है। लेकिन बार बात राज के जेहन में रानी और सरिता आ रही थी। इस लिए जब भी राज लता के साथ सेक्स करने की सोचता आईना उसे रानी और सरिता के समीप ले जाता।

आज राज का मन और दिमाग दोनो स्थिर नहीं थे।

राज ने आईना चुप चाप वापस अपने बैग में रख दिया। राज के मन मे अभी तक अपनी बहन या माँ के साथ शारीरिक संबंध बनाने को लेकर एकदम स्पष्ट नही हुआ था। राज बिस्तर पर लेटे लेते अपनी लन्ड को मसलने लगता है। वही काम रानी और सोनिया और सरिता अपनी अपनी चुतों को मसलने का अपने अपने कमरे में कर रही थी। सब एक दूसरे से चिप कर एक पर्दे के पीछे। जो शायद कभी भी उठ सकता था या गिर सकता था। देखते ही देखते रात कब सुबह हो गयी लाता ही नहीं चला।

सुबह होते ही सब नॉर्मल खाना खाकर अपने अपने काम पर चल दिये। आज ये राज का पहला दिन था अपनी स्कूल में। राज जब स्कूल पहुंचा तो ज्यादातर उसके साथी जो पिछले साल थे वही उसकी क्लास में थे। लेकिन कुछ 3-4 नई लडकिया और 2 नए लड़कों ने एडमिशन लिया था। राज को ये बात किसी पुराने सहपाठी ने बताई।

राज जब क्लास में गया तो देखता ही रह गया। राज की स्कूल के वो दो बच्चे कोई और नहीं बल्कि मंगल और श्याम थे।राज ने जब उन दोनों को देखा तो बहुत खुश हुए वही हाल उन दोनों का भी था। मंगल और श्याम भी राज को देख कर बहुत खुश हुए और एक दूसरे के वाले लग गए।

सुबह से 3 क्लास तो ना जाने कब खत्म हुई पता ही नहीं चला। लेकिन इंटरवेल में कुछ ऐसा हुआ कि उसके बाद राज का दिमाग चलने लगा। दरअसल इंटरवेल मैं जब राज कैंटीन में अपने दोस्तों के साथ गया तो वहां उसे दो लड़कियां जानी पहचानी दिखी। एक थी छोटू की बहन।

अरे वही जिसे गांव में देखा था।

और दूसरी लड़की थी चंचल की छोटी बहन।

मंगल और श्याम ने राज की मुलाकात छोटू की बहन से करवाई। जो कि नवीन क्लास में थी। राज को पता चला कि छोटू के बाबा का देहांत हो गया था जिसके कारण से छोटू की बेहन 9 वीं की परीक्षा नही दे पाई इस लिए यहाँ पर वो नवीं में पढ़ रही थी। वही राज ने जब चंचल की चोटी बहन की तरफ इशारा करके पूछा तो छोटू की बहन ने बताया कि वो तो उसी की क्लास में है। बहुत रहीस लोगो के परिवार से लगती है। बहुत नखरे भी करती है। पढ़ने से लेकर के क्लास में सीट पर बैठने तक इसके नखरे होते है।

श्याम और मंगल भी चंचल की चोटी बहन की तरफ देखते है। (तभी राज छोटू की बहन से मुस्कुराते हुए उसका नाम पूछता है। छोटू की बहन अपना नाम बताती है।)

राज: नाम क्या है?

छोटू की बहन: जी मेरा नाम अनिता है।

राज: अनिता मैं तुम्हारा नाम नहीं पूछ रहा था उस लड़की का क्या नाम है? ( मुस्कुराते हुए)

अनिता: ( अपनी सर पर हाथ मारकर जीभ बाहर निकल लेती है) जी उसका नाम ? उसका नाम श्रेया है।

राज: श्रेया हां! हम्मssss चलो तुम मन लगा कर पढ़ना।

अब आप सब अंदाजा तो लगा ही सकते है 9 वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़की की उम्र क्या होगी। लेकिन मैंने छोटू की बहन के बारे में तो आपको पहले ही बता दिया था। चलो चंचल की बहन के बारे में बताता हूँ।

चंचल की बहन 5 फिट 4 या 3 इंच के करीब की लंबाई की होगी। लंबे लंबे हल्के भूरे रंग के बाल है। जो कि उसकी कमर तक आ रहे थे। हल्की हल्की उठी हुई चुंचिया नोक बाहर निकाले हुए और रंग एक दम गोरा। चंचल से तो 21 है। और गाँड़ लगभग तीन इंच ऊपर की और उठी हुई। कुछ भी कहूं एक दम सांचे में ढली हुई। और सबसे कमाल की बात है उसका चेहरा। 9 वीं मैं पढ़ रही श्रेया का चेहरा 9वीं क्लास की लड़की जैसा नहीं बल्कि कोई 5-6 मैं पढ़ने वाली मासूम बच्ची जैसा चेहरा।

राज ने बहुत गौर से श्रेया के बदन को देखा था। राज ने उसके हाथों को देखा तो वहां पर अभी तक हल्के भूरे रंग की रोयें तक नहीं आयी थी। श्रेया को।देखते देखते ही अचानक से राज के दिमाग मे चंचल आ जाती है। और तभी राज वही खड़े खड़े बदले।का प्लान बनाने लगता है। या यूं कहूँ की उसकी सफलता के बारे में सोचने लगता है।

छोटू की बहन के जाने के बाद भी राज एक तक चंचल की बहन श्रेया को अपनी सहेलियों के साथ हंसते खेलते देख रहा था। और मुस्कुरा रहा था। राज के इस तरह से श्रेया को घूरते देख श्याम हल्के से राज के कान में बोलता....

श्याम: राज तुम श्रेया को चौदना चाहते हो ना?

राज ना जाने कैसे लेकिन आटोमेटिक अपनी गर्दन हाँ में हिला देता है। फिर राज को एहसास होता है कि उसने क्या किया तभी मंगल और श्याम दोनो राज की बात पर हँसने लगते है।

मंगल: लेकिन वो चिड़िया इसके हाथ नहीं लगेगी।

श्याम: अरे चिड़िया को फसाने के दो तरीके होते है। एक चिड़िया को धीरे धीरे दाना डालो और जाल में फंसा लो। दूसरा उड़ती चिडया पर सीधी जाल फेंकों।

मंगल: एक तरीका और है?

राज और श्याम दोनो मंगल की और देखते है। और मंगल अपनी जेब से एक ड्रग की डिब्बी निकालता है। एक दम विक्स जैसी लग रही थीं ।

मंगल: राज भाई ये ऐसा ड्रग है अगर किसी 90 साल की बूढ़ी औरत की चूत में भी इसे लगा दो ना तो वो भी झरने की तरह बहने लगेगी। वैसे तो इसे किसी की पेंटी पर लगा दो टैब भी छूट खुजाने लगेगी लेकिन अगर डायरेक्ट चूत में लगा दिया तो समझो लड़की चुदने के लिए थोड़े से प्रयास में तैयार हो जाएगी। ये उसकी छूट मैं हवस की आग लगा देगी।

राज: यार तुम ना कुछ भी बकवास कर रहे हो?

श्याम: एक मिनट बकवास? अच्छा एक बात बताओ तुम स्कूल किस चीज से आये थे।

राज: हम्म कार से , दीदी ने ड्राप किया!

श्याम: अब घर हमारे साथ चलना। बस में! तुम्हे कुछ दिखाना है।

राज:क्या?

मंगल: अरे चलो तो सही फिर तुम्हे वो भी पता चल जाएगा।

यूँहीं क्लास का पहला दिन खत्म हो गया। हर क्लास का पहले दिन कुछ टीचर्स आये कुछ नहीं आये। जो आये उन्होंने सबका परिचय लिया और खुद का परिचय देते हुए जाते रहे। सभी अध्यापकों ने मिलकर डिसाइड किया कि इस सप्ताह के गुरुवार से बच्चो की पढ़ाई शुरू करवा दी जाए। और यही सब होते होते क्लास की छुट्टी हो गयी।

राज अपने दोस्तों के साथ बस में घर के लिए रवाना हो गया। हाँ बस में जाने से पहले राज ने रानी को मश्ग कर दिया था कि वो बस से घर जा रहा है। राज बेग में अपना मोबाइल भी छुपा कर लाया था। वैसे तो 12 क्लास तक आज भी कई जगह मोबाइल अल्लाउ नहीं है।

राज मंगल और श्याम के साथ जिस बस में चढ़ा था उसी बस में कुछ और भी लडकिया चढ़ि थी। जिनमे ज्यादातर 9 से 10 की लग रही थी। 11 और 12 कि लड़कियां तो घर से कुछ व्हिकल लेकर आती थी और कुछ उन्ही के साथ निकल लेती थी।

मंगल और श्याम ने एक दूसरे की तरफ देख कर मुस्कान बिखेर दी। और राज की तरफ देख कर मंगल सामने खड़ी एक लड़की की तरफ इशारा करके बोलता है। देख अब ये ड्रग मैं उस लड़की की चूत पर लगाऊंगा। थोड़ी देर बाद अगर मैं उसे चौद भी लूं तो उसे कोई दिक्कत नही होगी।

मंगल ने इशारा करके राज और श्याम का ध्यान एक लड़की की और किया।

श्याम मंगल की तरफ देख कर बोलता है।

श्याम: जा मेरे शेर जा, पूरा जंगल तेरा है।

मंगल धीरे धीरे करके उस लड़की के ठीक पीछे खड़ा हो जाता है। चलती बस में वैसे ही आगे पीछे होने की जगह नहीं थी। मंगल जा कर पहले तो लड़की के धीरे धीरे कमर और पीठ पर हाथ फेरने लगा। जब लड़की को ये पता लगा कि कोई उसे छू रहा है तो उसने पीछे मुड़ कर मंगल को देखा और अपनी आंखें दिखाई जैसे अभी शोर मचा कर उसे पब्लिक से पिटवा देगी।

मंगल फिर भी कहां मानने वाला था आखिर उसके दोस्तों के सामने उसकी नाक कट जाती । मंगल ने धीरे से उस लड़की की गाँड़ पर हाथ फेरा। लड़की ने तुरंत उसका हाथ झटक दिया। मंगल धीरे से उस लड़की के कान में बोलता है। सिर्फ छू कर चला जाऊंगा।

लड़की मंगल की ये बात सुनकर गुस्से से मंगल की तरफ देख कर दो कदम आगे चली जाती है। इस वक़्त लड़की के सामने एक कुर्सी रखी और पीछे मंगल और बाजू में श्याम खड़ा हो गया और दूसरे बाजू में बस की दीवार। मंगल के लिए इस से अच्छा और क्या मौका होता मंगल ने तुरंत लड़की की स्कूल की स्कर्ट को ऊपर किया। स्कर्ट ऊपर होते ही नीचे पेंटी थी। मंगल ने उस लड़की की पेंटी नीचे करने की खूब कोशिश की मगर सफल नहीं हो पाया। क्योंकि लड़की को जब लगा कि मंगल उसकी पैंटी खोलना चाह रहा है तो उसने अपनी दोनो टांगों को सिकोड़ लिया।

अंततः जब सारे प्रयास असफल हो गए तो मंगल ने उस लड़की को हल्का सा आगे की और धक्का दिया। लड़की जैसे ही गिरने वाली हुई एक आध कदम आगे चली। लड़कि के आगे चलने से उसकी दोनो टांगे खुल गयी। बस इसी का फायदा उठाकर मंगल ने उसकी दोनों टांगों के बीच अपनी टांगे फंसा दी। मंगल के ऐसा करते ही लड़कीं ने अपनी स्कर्ट और पेंटी को अपनी कमर पर केस कर पकड़ लिया ताकि मंगल उसकी पैंटी ना उतार पाए।

मंगल को जब इस बात का पता लगा तो मंगल ने तुरंत उस लड़की की पेंटी उतारने की बजाय उसकी चूत के ऊपर से साइड में कर दिया। मंगल के ऐसा करते ही लड़कीं हल्की सी चिहुंकि लेकीन टैब तक देर हो चुकी थी। मंगल ने अपनी उंगली पट विकस की तरह लगा ड्रग तुरंत उस लड़की की चूत पर मल दिया। मंगल उसे ऐसे लगा रहा था जैसे उसकी छूट का उंगली से ब्रश कर रहा हो। एक दम छूट के बाहर और अंदर तक। उंगली घुमा घुमा कर।

मंगल को अभी 10 सेकंड भी नही गुजरे थे कि लड़कीं चीख पड़ी। लड़कीं के चीखते ही मंगल ने लड़कीं को छोड़ दिया। मंगल के छोड़ते ही लड़कीं तुरंत पलटी और मंगल के गाल पर चटाकsssssssss एक जोर दर थप्पड़ मारकर आगे चली गयी जहां पर 2-3 और भी लडकिया थी।

मंगल अपना गाल पकड़े राज और श्याम के पास गया। राज अपनी हंसी बहुत मुश्किल से दबा रखा था। लेकिन क्या करता जब मंगल को अपना गाल पकड अपनी तरफ आते देखा तो खुद बा खुद राज की हंसी फुट पड़ी। राज को हंसता देख श्याम भी अपनी हंसी पर से काबू खो दिया और वो भी हँसने लगा।

मंगल ने जब अपने दोनों दोस्तो को अपने ऊपर हंसते देखा तो पहले तो मंगल का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। लेकिन जल्द ही खुद मंगक भी अपने दोस्तों के साथ हंसते हुए बोला।

मंगल: साली ने झापड़ ही धर दिया।

श्याम: (हंसते हुए) काम हुआ।

मंगल: वो तो तुम दोनों देख लेना। अब से 2 मिनट बाद उसे पसीना आएगा। अगले 2 मिनट में वो अपनी जाँघे आपस मे रगड़े गई। और उसके अगले दो मिनट में उसकी चूत झरने के जैसे पानी ना फेंके तो नाम बदल लूंगा।

राज: तू पहले अपना गाल बदल नाम बालन मैं तूने अभी 6 मिनट बात दिया।

मंगल और श्याम दोनो हँसने लगे। मंगल ने अपने बैग से वो ड्रग की 5-6 डिब्बियां निकाल कर राज के बैग में रख दिया। राज ने जब मंगल की तरफ देखा तो मंगल ने राज से कहा।

मंगल: रखले यार तेरे काम आएगी। वो कच्ची काली तेरे हाथ एवें ही नहीं आने वाली।

अभी कुछ 2 मिनट ही गुजरे थे कि लड़कीं बुरी तरह से गर्मी महसूस करने लगी। कभी अपने हाथों से हवा करने लगती तो कभी बस की खिड़की से आती हवा की तरफ जाने का प्रयास करती लेकिन भीड़ इतनी थी कि ना तो हवा उस तक पहुंच पा रही थी और ना ही वो अपनी जगह से हिल पा रही थी।

राज अपने दोस्तों मंगल और श्याम के साथ एक जगह बैठा उस ड्रग का कमाल देख रहा था।

थोड़ी देर बाद करीब 2 मिनट ही हुए थे कि लड़कीं बुरी तरह से पसीनों में भीग गयी थी। उसकी स्कूल शर्ट जगह जगह से पसीनों से भीग कर उसके बदन पर चिपक गयी थी। राज अभी भी उस लड़की के चेहरे के भावों को देखे जा रहा था। उसके चेहरे भाव साफ साफ उसके मादक होने का चिन्ह थे।

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07-17-2020, 10:47 AM,
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वहीं दूरी तरफ कोमल मारकेट में कुछ शॉपिंग करने गयी हुई थी। दोपहर के 1.30 बजे तक जहां रानी राज और सोनिया आपस मे हंसते खेलते दिन गुजार रहे थे। वहीं सरिता अपने क्लिनिक के काम से जल्दी घर आ रही थी। सरिता ने जब राज और बाकी दोनों बहनो को खुश देखा तो उसका कारण पूछा।

सरिता: क्यों भाई किस बात की इतनी खुशी मनाई जा रही है।

राज: ही मम्मी ये देखो पापा ने मुझे बर्थडे गिफ्ट दिया है। लेटेस्ट एंड्राइड मोबाइल फ़ोन।

सरिता भी राज को खुश देख कर मुस्कुरा पड़ती है। तभी सोनिया मम्मी पापा ने तो अपना गिफ्ट दे दिया लेकिन आपने अभी तक कुछ नहीं दिया।

सरिता : वो मैं सिर्फ राज को दूंगी तुम्हे क्यों बताऊ।

सरिता की इस बात पर रानी और सोनिया दोनों चहकते हुए मम्मी बताओ न मम्मी बताओ ना करने लगी। राज भी उन सब को यूं देख कर मुस्कुराने लगता है।

राज को अब एहसास हो रहा था कि उसकी जिंदगी तो ये है। कहाँ हो सारी दुनिया की आफत लेकर घूम रहा है।

करीब 2 बजे तक सभी घर वाले मिलकर लंच करते है। लंच के बाद रानि सोनिया और राज तीनों रानी के कमरे में आ जाते है। थोड़ी देर नया मोबाइल चला कर तीनो सो जाते है।

वहीं दूसरी और सरिता अपने कमरे आंखे बंद किये अपने बिस्तर पर राज के बारे में सोच रही थी। सरिता के लिए अब बर्दाश्त करने बहुत मुश्किल था। सरिता अपनी शारीरिक प्यास के आगे झुक चुकी थी। जब एक औरत को उसके पति का बिस्तर और समाज मे बराबर साथ नहीं मिलता तो उसके कदम आखिर लड़खड़ा जाते है। सरिता अब बेहिचक ये सोच रही थी कि काश गिरधारी आज आ कर अभी मुझे संतुष्ट कर दे।

वहीं राज नींद में सपना देखता है कि राज सरिता के बिस्तर पर लेटा हुआ है। दरअसल राज का मुह सरिता की दोनों टांगों के बीच मे है। राज को जब ये एहसास होता है कि वो अपनी माँ के साथ.... राज तुरंत नींद से जाग जाता है।

अभी शाम के 4 बजे थे। जब राज अपनी साइड में देखता है तो वहां पर सोनिया सो रही थी। रानी वहां नहीं थी। राज अपने बिस्तर से उठता है तो उसे अपने लन्ड में दर्द हो रहा था। वो एक दम अकड़ा पड़ा था दूसरी और राज को इस वक़्त पेशाब भी जा ना था। राज तुरंत रानी के बाथरूम का दरवाजा खोल कर अंदर चला जाता है।

राज जैसे ही अंदर आता है तो स्तब्ध खड़ा रह जाता है। राज के सामने रानी खड़ी थी। एक टॉवल लपेटे हुए। रानी की दोनो टांगों के बीच रानी की पेंटी थी।

शायद रानी नहा रही थी। और अभी वो कपड़े बदल रही थी। राज बहुत डर गया था राज तुरंत पीछे मुड़ कर जाने लगता है लेकिन हड़बड़ाहट में राज ये भूल गया था कि उसने अभी अभी दरवाजा खोलते ही पीछे जी तरफ बन्द कर दिया था , हालांकि कुंडी नहीं लगाई थी।

लेकिन जैसे ही राज पीछे मुड़ कर जाने लगता है तुरंत दरवाजे के टकराकर पीछे आता है। राज के सर में जबरदस्त चोट लगी थी। राज अपना सर पकड़े आंखें बंद किये दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश कर रहा था कि रानी को राज ये हरकत पर हंसी आ जाती हूं। राज आंखें बंद किये ही एक कदम पीछे होता है लेकिन बाथरूम के गीले फर्श पर साबुन की चिकनाई से फिसल जाता है।

राज को फिरसे गिरता देख रानी आगे बढ़कर राज को संभालती है। लेकिन राज को संभालने के चक्कर मे रानी भी ये भूल जाती है कि उसने अपनी टांगों से अभी तक अपनी पेंटी नहीं निकाली। रानी जैसे ही जल्द बाजी मैं आगे बढ़ती है रानी भी गिर जाती है।

लेकिन ये घटना हुई कुछ ऐसे की राज गिरते हुए दरवाजे का सहारा लेकर सम्भल गया था लेकिन रानी जब गिरी तो सीधे राज की तरफ। रानी ने जब राज को पकड़ कर खुद को बचाने की कोशिश की तो रानी के हाथ मे राज का शर्ट आता है। जिससे राज के शर्ट के बटन टूटते हुए फट जाता है।

राज तुरंत रानी को संभालने के लिए आगे बढ़ता है और संभाल लेता है। रानी को जैसे ही राज खड़ा करता है तो राज की आंखें खुली की खुली रह जाती है। रानी का टॉवल नीचे गिर चुका था। रानी की चुंचिया राज की आंखों के सामने थी।

कितनी खूबसूरत चुंचिया थी रानी की। आधा इंच से भी बड़े निप्पल, गोल गोल संतरों के जैसी गोलाई, और कसावट ऐसी की बिना ब्रा के सपोर्ट के भी एक दम जमे हुए। बिल्कुल भी नीचे नहीं लटके। दूध की तरह सफेद लेकिन जैसे किसी ने रूहअफजा का ग़ुलाब का रंग डाल कर उसे हल्का गुलाबी कर दिया हो। और निप्पल के आस पास गेरुआ रंग चढ़ा हुआ। बहुत ही खूबसूरत उरोज थे।

राज जब रानी को इस हालत में देखता है तो राज का लन्ड बुरी तरह से अकड़ जाता है। और रानी की नज़र राज के लन्ड पर थी जो कि राज के पायजामे से ही बता रहा था कि मैं हूँ यहां का जंगबहादुर।

लेकिन जल्द ही रानी को अपनी हालात का एहसास हो जाता है। रानी तुरंत अपना टॉवल उठा कर लपेट लेती है। राज भी तुरंत वहां से निकल जाता है। राज अपने कमरे में अपने बाथरूम में चला जाता है और रानी अपने कमरे में तैयार होते हुए बार बार राज के साथ हुई घटना को याद कर कर के शर्मा रही थी। घटना से ज्यादा रानी को राज के हथियार का आभास रोमांचित कर रहा था। अजीब सी ललक रानी के मन में उठ रही थी।

वहीं सोनिया भी जाग गयी थी। सोनिया को उठे अभी 30-40 मिनट से ऊपर हो गया था । सोनिया राNई को बार बार मुस्कुराते शर्माते तैयार होते देख रही थी। सोनिया ने कई बार रानी से उसके बार बार शर्मा ने और मुस्कुराने का कारण पूछा लेकिन रानी हर बार बात को टालती गयी।

अचानक से राज को कुछ याद आया। राज ने तुरंत आईना निकाला। राज ने सोच ही रह था आईने को कुछ देने के लिए लेकिन उसे फिर याद आया कि उसने आईने को अपनी ज़िंदगी एक एक दिन देकर आईने के तीन दिन कमा लिए है।

राज ने तुरंत आईने से किसी के बारे में पूछा और आईने ने तुरंत उस शख्स का चेहरा राज के सामने ला दिया। राज गौर से उस शख्स को देख रहा था।

आईने को देखते देखते ही अचानक से आईने में एक लड़की उभर कर आती है। उस लड़की के आते ही एक लाल रोशनी निकल कर राज पर पड़ती है और वो रोशनी पूरी तरह से राज के शरीर मे लुप्त हो जाती है। साथ ही जब वो लड़की अचानक से उस आईने में आती है तो आईने का रंग बिल्कुल काला पड़ जाता है।

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07-17-2020, 10:47 AM,
#83
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राज तुरंत आईने को रख देता है। उस रोशनी के गिरने से कुछ भी ऐसा नही हुआ था जिस से राज को डरना चाहिए था। लेकिन कुछ तो हुआ था। जिसका भान राज को नहीं था।

राज अपने कमरे से बाहर निकल कर आता है और चंचल को सबक सिखाने की सोचता है। लेकिन अचानक से राज का ध्यान चंचल के बदन की और जाता है। राज को चंचल के उस चंचक चेहरे के अलावा चंचल का वो मादक जवान बदन और उसकी खुशबू याद आती है।

ना जाने क्यों लेकिन आज राज चंचल की तरफ बहुत आकर्षित हो उठा था। तभी राज का मोबाइल बजता है। राज चोंक जाता है क्योंकि आज दोपहर को ही मोबाइल आया था। और राज ने तो अभी तक किसी को अपने नम्बर भी नही दिए थे। राज फ़ोन उठाता है। राज के फ़ोन उठाते ही दूसरी तरफ से कोंग्रेचुलेशन की एक मधुर आवाज आती है ये फ़ोन किसी ओर का नहीं बल्कि कोमल का था। कोमल ने राज के नम्बर रानी से ले लिया था। रानी से ही कोमल को पता चला कि राज को आज उसका पहला मोबाइल मिला है।

फ़ोन पर कुछ देर बात करने के बाद कोमल राज का प्रपोजल एक्सेप्ट कर लेती है। मतलब कोमल ने भी इजहार- ए - इश्क़ कर दिया था। करीब 30 मिनट तक दोनों बात करते रहे फिर फ़ोन डिसकनेक्ट हो गया।

राज कोमल के बारे में सोच ही रह था कि अचानक से सरिता अपने कमरे से बाहर आती है। सरिता को देखते ही राज गुम सा हो जाता है। राज सरिता को ऊपर से नीचे तक देखता है।

राज सरिता के बड़े बड़े चुंचियों को कैसे हुए ब्लाऊज में देख सकता था। उनकी आज़ादी के लिए बेचैनी उसे कैसे हुए ब्लाउज की कसावट से पता चल सकती थी। साथ ही राज की नज़र जब सरिता की गेंद पर पड़ता है जो कि साड़ी में भी 4 से 5 इंच तक उभर कर नज़र आ रही थी। राज खुद ब खुद सरिता को देखते हुए गर्म होने लगता है।

वहीं सरिता भी राज को ऐसे देख कर पहले तो चोंक जाती है लेकिन अगले ही पल शर्मा जाती है।आज पहली बार राज के मन मे सरिता एक माँ की नज़र से नज़र नही आई थी आज राज को सरिता एक खूबसूरत मादक औरत नज़र आ रही थी
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आज पहली बार इतने सालों में राज को सरिता में एक मादक औरत का आभास हुआ। राज सरिता को देख कर गर्म हो यह था। वही सरिता का दिल भी राज को देख कर धक धक करके ट्रैन की स्पीड से धड़क रहा था।

सरिता शर्माते हुए किचन में चली जाती है। सरिता सोच रही थी कि आज राज उसे बड़ी अजीब नज़रों से घूर रहा था। सरिता को ये भी एहसास था कि राज की उस अजीब नज़र में भरपूर हवस भरी थी। सरिता बार बार राज के बारे में सोच ही रही थी कि अचानक से सरिता को एहसास होता है कि कोई उसके पीछे है।

ये कोई और नहीं बल्कि राज था। राज सरिता को देखते हुए इतना गर्म और सरिता मैं गुम हो गया था कि उसे खुद को पता नही चला कि वो कब सोफे से उठ कर सरिता के पीछे चला गया।

राज ने अपने कांपते हुए हाथ सरिता कर कंधों पर रखे। सरिता राज के हाथ अपने कंधे पर पड़ते ही एक झटका सा खाती है। सरिता को यकीन नहीं हो रहा था कि राज उसके पास उसके पीछे खड़ा है।

राज सरिता के दोनों कंधों पर हाथ रख कर बिल्कुल सरिता से सट जाता है। इसबार दोनों अपनी अपनी जगह पर खड़े खड़े कांपने लगते है। दरअसल जब राज सरिता से सटा तब राज का लन्ड पूरी तरह से खड़ा था। जैसे ही राज सरिता से सटा राज का लन्ड सीधा सरिता की गांड में फंस गया। सरिता को जब अपनी गांड मैं राज के कड़क मोटे लन्ड का एहसास हुआ तो सरिता रोमांच और एक्साइटमैंट मैं कांपने लगी। वहीं राज को भी अपना लन्ड सरिता की गांड में ऐसे महसुस हो रहा था जैसे सरिता की गांड ने राज के लन्ड को मुट्ठी में जकड़ लिया हो। एकदम टाइट। और सरिता के जिस्म की प्यास ने सरिता को और भी गर्म कर दिया जिस से एक्साइटमेंट में सरिता के निप्पल एक दजम फूल कर तन गए जो अपने होने का सबूत कपड़े के बाहर झलक कर दिखा रहे थे।

दोनों माँ बेटे दुनिया से बेखबर एक दूसरे के जिस्म को पाने के लिए तरस रहे थे। जहां एक तरफ सरिता की आंखें अपने बेटे के मादक स्पर्श से बंद हो चुकी थी वही राज की आंखें अपनी ही माँ की खुशबू और जिस्म को पाने की हवस की ललक में खुद बा खुद मूंद गयी थी।

ना जाने कैसे और क्यों लेकिन राज के हाथ धीरे धीरे सरिता कर कंधों से फिसलते हुए उसकी बाजुओं से होते हुए सरिता की कमर पर आ गये। राज अपनी गर्दन सरिता की गर्दन के करीब करके होल से सांस अंदर खींचता है। जिसका एहसास सरिता को भी हो जाता है। सरिता राज के चेहरे को अपनी गर्दन के करीब पाकर अपबी गर्दन एक दम मदहोशी के हाल में पीछे की तरफ राज के कंधे पर गिरा देती है। जिससे राज का चेहरा सीधा सरिता की गर्दन पर आ जाता है।

राज बड़े ही मादक तरीके से सरिता की जिस्म की खुशबू को खुद में सामने का प्रयास कर रही था। इसी प्रयास में राज के हाथ धीरे धीरे फिसलते हुए सरिता की कमर से सरिता के पेट की और बढ़ गए। साथ ही साथ सरिता के हाथ भी राज के हाथ पर थे। राज का एक हाथ जहां सरिता के पेट पर था वहीं दूसरा हाथ सरिता की कमर के उस स्थान पर था जहां से कमर के कटाव (कर्व) शुरू होता है। सरिता के के जहां दोनो हाथ राज के उस हाथ पर व्यस्त थे जो सरिता के पेट पर था वही राज अपनी मदहोशी में सरिता की कमर को अपने दूसरे हाथ से दबा बड़े ही रोमांचक और मादक तरीके से दबा देता है।

राज के कमर को अपने हाथ से मसलते ही सरिता की एड़ियां ऊपर की और उठ जाती है और सरिता अपने पंजों पर खड़ी हो जाती है और साथ कि सरिता के मुह से एक मादक आहsssss निकल पड़ती है। राज का दूसरा हाथ धीरे धीरे सरोता के पेट से सीधा सरिता के उरोजों की और बढ़ने लगता है। राज के हाथों का अपने उरोजों तक पहुंचने का सरिता बड़ी बेक़रारी से इंतज़ार कर रही थी।

अभी राज का हाथ सरिता की सुडौल चुंचियों के नीचे पहुंचा ही था कि रानी की आवाज आती है।

रानी: मम्मी.....

सरिता एक दम से चोंक जाती है। वहीं राज भी अपने मदहोशी के आलम से बाहर निकल आता है। दोनो अपने अपने स्थान पर स्तब्ध खड़े ये विचार कर रहे थे कि आखिर वो दोनों क्या करने जा रहे थे। सरोता और राज दोनो ग्लानि से भर पड़ते है। तभी रानी की आवाज एक बार फिर से आती है। जिसे सुनकर राज पीछे को होता है और सरोता आगे को। जब सरिता और राज दोनो अपने अपने स्थान से दूर हटतें है तब राज को सरिता की गाँड़ की गहराई का एहसास होता है। और सरिता को राज के लन्ड की लंबाई का। दोनो एक दूसरे को महसूस कर पा रहे थे। राज का लन्ड 4 इंच के करीब सरिता की गाँड़ में धंसा था। जो दोनो के हटने से एकदम स्लो मोशन में बाहर निकलता है।

तभी रानी सीढ़ियों से उतरते हुए किचन के बाहर तक आ जाती है।
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07-17-2020, 10:47 AM,
#84
RE: Sex kahani द मैजिक मिरर (Tell Of Tilism)
रानी: मम्मी वो खाना ( रानी ने अभी इतना ही कहा था कि सामने राज को खड़ा देख कर रानी एक बार फिर से बाथरूम वाली घटना को याद कर बैठती है और वही हाल राज का था।)

जहां एक तरफ रानी बाथरूम की घटना को याद करके शर्मा रही थी। वही दूसरी और राज रानी के जिस्म को याद करके गर्म हो रहा था। राज का लन्ड पहले ही सरिता के स्पर्श से खड़ा था अब राज को रानी के साथ वाली घटना की याद ने और तड़पा दिया था।

सरिता तुरंत किचन से एक आधे घण्टे में खाना बनाकर सबको खिलाती है। और खुद भी खा लेती है। सब लोग खाना खाकर अपने अपने कमरे में चले जाते है।

आज तीनों कमरों में हवस की आग की आप्टे जोरों से भड़क रही थी। रानी और सोनिया राज को महसूस करके उसे और महसूस करना चाहती थी। वही सरिता अपनी जिस्म की गर्मी से मजबूर होकर राज को पाना चाहती थी। वही राज आज दिनभर की घटना और अपनी हरकतें याद कर कर के गर्म हो रहा था। राज को अब कीसी भी हाल में चुदाई करनी थी। मगर कैसे?

राज को लता वाला इंसिडेंट याद आता है। राज तुरंत आईना निकाल कर लता को याद करने लगता है। लेकिन बार बात राज के जेहन में रानी और सरिता आ रही थी। इस लिए जब भी राज लता के साथ सेक्स करने की सोचता आईना उसे रानी और सरिता के समीप ले जाता।

आज राज का मन और दिमाग दोनो स्थिर नहीं थे।

राज ने आईना चुप चाप वापस अपने बैग में रख दिया। राज के मन मे अभी तक अपनी बहन या माँ के साथ शारीरिक संबंध बनाने को लेकर एकदम स्पष्ट नही हुआ था। राज बिस्तर पर लेटे लेते अपनी लन्ड को मसलने लगता है। वही काम रानी और सोनिया और सरिता अपनी अपनी चुतों को मसलने का अपने अपने कमरे में कर रही थी। सब एक दूसरे से चिप कर एक पर्दे के पीछे। जो शायद कभी भी उठ सकता था या गिर सकता था। देखते ही देखते रात कब सुबह हो गयी लाता ही नहीं चला।

सुबह होते ही सब नॉर्मल खाना खाकर अपने अपने काम पर चल दिये। आज ये राज का पहला दिन था अपनी स्कूल में। राज जब स्कूल पहुंचा तो ज्यादातर उसके साथी जो पिछले साल थे वही उसकी क्लास में थे। लेकिन कुछ 3-4 नई लडकिया और 2 नए लड़कों ने एडमिशन लिया था। राज को ये बात किसी पुराने सहपाठी ने बताई।

राज जब क्लास में गया तो देखता ही रह गया। राज की स्कूल के वो दो बच्चे कोई और नहीं बल्कि मंगल और श्याम थे।राज ने जब उन दोनों को देखा तो बहुत खुश हुए वही हाल उन दोनों का भी था। मंगल और श्याम भी राज को देख कर बहुत खुश हुए और एक दूसरे के वाले लग गए।

सुबह से 3 क्लास तो ना जाने कब खत्म हुई पता ही नहीं चला। लेकिन इंटरवेल में कुछ ऐसा हुआ कि उसके बाद राज का दिमाग चलने लगा। दरअसल इंटरवेल मैं जब राज कैंटीन में अपने दोस्तों के साथ गया तो वहां उसे दो लड़कियां जानी पहचानी दिखी। एक थी छोटू की बहन।

अरे वही जिसे गांव में देखा था।

और दूसरी लड़की थी चंचल की छोटी बहन।

मंगल और श्याम ने राज की मुलाकात छोटू की बहन से करवाई। जो कि नवीन क्लास में थी। राज को पता चला कि छोटू के बाबा का देहांत हो गया था जिसके कारण से छोटू की बेहन 9 वीं की परीक्षा नही दे पाई इस लिए यहाँ पर वो नवीं में पढ़ रही थी। वही राज ने जब चंचल की चोटी बहन की तरफ इशारा करके पूछा तो छोटू की बहन ने बताया कि वो तो उसी की क्लास में है। बहुत रहीस लोगो के परिवार से लगती है। बहुत नखरे भी करती है। पढ़ने से लेकर के क्लास में सीट पर बैठने तक इसके नखरे होते है।

श्याम और मंगल भी चंचल की चोटी बहन की तरफ देखते है। (तभी राज छोटू की बहन से मुस्कुराते हुए उसका नाम पूछता है। छोटू की बहन अपना नाम बताती है।)

राज: नाम क्या है?

छोटू की बहन: जी मेरा नाम अनिता है।

राज: अनिता मैं तुम्हारा नाम नहीं पूछ रहा था उस लड़की का क्या नाम है? ( मुस्कुराते हुए)

अनिता: ( अपनी सर पर हाथ मारकर जीभ बाहर निकल लेती है) जी उसका नाम ? उसका नाम श्रेया है।

राज: श्रेया हां! हम्मssss चलो तुम मन लगा कर पढ़ना।

अब आप सब अंदाजा तो लगा ही सकते है 9 वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़की की उम्र क्या होगी। लेकिन मैंने छोटू की बहन के बारे में तो आपको पहले ही बता दिया था। चलो चंचल की बहन के बारे में बताता हूँ।

चंचल की बहन 5 फिट 4 या 3 इंच के करीब की लंबाई की होगी। लंबे लंबे हल्के भूरे रंग के बाल है। जो कि उसकी कमर तक आ रहे थे। हल्की हल्की उठी हुई चुंचिया नोक बाहर निकाले हुए और रंग एक दम गोरा। चंचल से तो 21 है। और गाँड़ लगभग तीन इंच ऊपर की और उठी हुई। कुछ भी कहूं एक दम सांचे में ढली हुई। और सबसे कमाल की बात है उसका चेहरा। 9 वीं मैं पढ़ रही श्रेया का चेहरा 9वीं क्लास की लड़की जैसा नहीं बल्कि कोई 5-6 मैं पढ़ने वाली मासूम बच्ची जैसा चेहरा।

राज ने बहुत गौर से श्रेया के बदन को देखा था। राज ने उसके हाथों को देखा तो वहां पर अभी तक हल्के भूरे रंग की रोयें तक नहीं आयी थी। श्रेया को।देखते देखते ही अचानक से राज के दिमाग मे चंचल आ जाती है। और तभी राज वही खड़े खड़े बदले।का प्लान बनाने लगता है। या यूं कहूँ की उसकी सफलता के बारे में सोचने लगता है।

छोटू की बहन के जाने के बाद भी राज एक तक चंचल की बहन श्रेया को अपनी सहेलियों के साथ हंसते खेलते देख रहा था। और मुस्कुरा रहा था। राज के इस तरह से श्रेया को घूरते देख श्याम हल्के से राज के कान में बोलता....

श्याम: राज तुम श्रेया को चौदना चाहते हो ना?

राज ना जाने कैसे लेकिन आटोमेटिक अपनी गर्दन हाँ में हिला देता है। फिर राज को एहसास होता है कि उसने क्या किया तभी मंगल और श्याम दोनो राज की बात पर हँसने लगते है।

मंगल: लेकिन वो चिड़िया इसके हाथ नहीं लगेगी।

श्याम: अरे चिड़िया को फसाने के दो तरीके होते है। एक चिड़िया को धीरे धीरे दाना डालो और जाल में फंसा लो। दूसरा उड़ती चिडया पर सीधी जाल फेंकों।

मंगल: एक तरीका और है?

राज और श्याम दोनो मंगल की और देखते है। और मंगल अपनी जेब से एक ड्रग की डिब्बी निकालता है। एक दम विक्स जैसी लग रही थीं ।

मंगल: राज भाई ये ऐसा ड्रग है अगर किसी 90 साल की बूढ़ी औरत की चूत में भी इसे लगा दो ना तो वो भी झरने की तरह बहने लगेगी। वैसे तो इसे किसी की पेंटी पर लगा दो टैब भी छूट खुजाने लगेगी लेकिन अगर डायरेक्ट चूत में लगा दिया तो समझो लड़की चुदने के लिए थोड़े से प्रयास में तैयार हो जाएगी। ये उसकी छूट मैं हवस की आग लगा देगी।

राज: यार तुम ना कुछ भी बकवास कर रहे हो?

श्याम: एक मिनट बकवास? अच्छा एक बात बताओ तुम स्कूल किस चीज से आये थे।

राज: हम्म कार से , दीदी ने ड्राप किया!

श्याम: अब घर हमारे साथ चलना। बस में! तुम्हे कुछ दिखाना है।

राज:क्या?

मंगल: अरे चलो तो सही फिर तुम्हे वो भी पता चल जाएगा।

यूँहीं क्लास का पहला दिन खत्म हो गया। हर क्लास का पहले दिन कुछ टीचर्स आये कुछ नहीं आये। जो आये उन्होंने सबका परिचय लिया और खुद का परिचय देते हुए जाते रहे। सभी अध्यापकों ने मिलकर डिसाइड किया कि इस सप्ताह के गुरुवार से बच्चो की पढ़ाई शुरू करवा दी जाए। और यही सब होते होते क्लास की छुट्टी हो गयी।

राज अपने दोस्तों के साथ बस में घर के लिए रवाना हो गया। हाँ बस में जाने से पहले राज ने रानी को मश्ग कर दिया था कि वो बस से घर जा रहा है। राज बेग में अपना मोबाइल भी छुपा कर लाया था। वैसे तो 12 क्लास तक आज भी कई जगह मोबाइल अल्लाउ नहीं है।


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07-17-2020, 10:47 AM,
#85
RE: Sex kahani द मैजिक मिरर (Tell Of Tilism)
राज मंगल और श्याम के साथ जिस बस में चढ़ा था उसी बस में कुछ और भी लडकिया चढ़ि थी। जिनमे ज्यादातर 9 से 10 की लग रही थी। 11 और 12 कि लड़कियां तो घर से कुछ व्हिकल लेकर आती थी और कुछ उन्ही के साथ निकल लेती थी।

मंगल और श्याम ने एक दूसरे की तरफ देख कर मुस्कान बिखेर दी। और राज की तरफ देख कर मंगल सामने खड़ी एक लड़की की तरफ इशारा करके बोलता है। देख अब ये ड्रग मैं उस लड़की की चूत पर लगाऊंगा। थोड़ी देर बाद अगर मैं उसे चौद भी लूं तो उसे कोई दिक्कत नही होगी।

मंगल ने इशारा करके राज और श्याम का ध्यान एक लड़की की और किया।

श्याम मंगल की तरफ देख कर बोलता है।

श्याम: जा मेरे शेर जा, पूरा जंगल तेरा है।

मंगल धीरे धीरे करके उस लड़की के ठीक पीछे खड़ा हो जाता है। चलती बस में वैसे ही आगे पीछे होने की जगह नहीं थी। मंगल जा कर पहले तो लड़की के धीरे धीरे कमर और पीठ पर हाथ फेरने लगा। जब लड़की को ये पता लगा कि कोई उसे छू रहा है तो उसने पीछे मुड़ कर मंगल को देखा और अपनी आंखें दिखाई जैसे अभी शोर मचा कर उसे पब्लिक से पिटवा देगी।

मंगल फिर भी कहां मानने वाला था आखिर उसके दोस्तों के सामने उसकी नाक कट जाती । मंगल ने धीरे से उस लड़की की गाँड़ पर हाथ फेरा। लड़की ने तुरंत उसका हाथ झटक दिया। मंगल धीरे से उस लड़की के कान में बोलता है। सिर्फ छू कर चला जाऊंगा।

लड़की मंगल की ये बात सुनकर गुस्से से मंगल की तरफ देख कर दो कदम आगे चली जाती है। इस वक़्त लड़की के सामने एक कुर्सी रखी और पीछे मंगल और बाजू में श्याम खड़ा हो गया और दूसरे बाजू में बस की दीवार। मंगल के लिए इस से अच्छा और क्या मौका होता मंगल ने तुरंत लड़की की स्कूल की स्कर्ट को ऊपर किया। स्कर्ट ऊपर होते ही नीचे पेंटी थी। मंगल ने उस लड़की की पेंटी नीचे करने की खूब कोशिश की मगर सफल नहीं हो पाया। क्योंकि लड़की को जब लगा कि मंगल उसकी पैंटी खोलना चाह रहा है तो उसने अपनी दोनो टांगों को सिकोड़ लिया।

अंततः जब सारे प्रयास असफल हो गए तो मंगल ने उस लड़की को हल्का सा आगे की और धक्का दिया। लड़की जैसे ही गिरने वाली हुई एक आध कदम आगे चली। लड़कि के आगे चलने से उसकी दोनो टांगे खुल गयी। बस इसी का फायदा उठाकर मंगल ने उसकी दोनों टांगों के बीच अपनी टांगे फंसा दी। मंगल के ऐसा करते ही लड़कीं ने अपनी स्कर्ट और पेंटी को अपनी कमर पर केस कर पकड़ लिया ताकि मंगल उसकी पैंटी ना उतार पाए।

मंगल को जब इस बात का पता लगा तो मंगल ने तुरंत उस लड़की की पेंटी उतारने की बजाय उसकी चूत के ऊपर से साइड में कर दिया। मंगल के ऐसा करते ही लड़कीं हल्की सी चिहुंकि लेकीन टैब तक देर हो चुकी थी। मंगल ने अपनी उंगली पट विकस की तरह लगा ड्रग तुरंत उस लड़की की चूत पर मल दिया। मंगल उसे ऐसे लगा रहा था जैसे उसकी छूट का उंगली से ब्रश कर रहा हो। एक दम छूट के बाहर और अंदर तक। उंगली घुमा घुमा कर।

मंगल को अभी 10 सेकंड भी नही गुजरे थे कि लड़कीं चीख पड़ी। लड़कीं के चीखते ही मंगल ने लड़कीं को छोड़ दिया। मंगल के छोड़ते ही लड़कीं तुरंत पलटी और मंगल के गाल पर चटाकsssssssss एक जोर दर थप्पड़ मारकर आगे चली गयी जहां पर 2-3 और भी लडकिया थी।

मंगल अपना गाल पकड़े राज और श्याम के पास गया। राज अपनी हंसी बहुत मुश्किल से दबा रखा था। लेकिन क्या करता जब मंगल को अपना गाल पकड अपनी तरफ आते देखा तो खुद बा खुद राज की हंसी फुट पड़ी। राज को हंसता देख श्याम भी अपनी हंसी पर से काबू खो दिया और वो भी हँसने लगा।

मंगल ने जब अपने दोनों दोस्तो को अपने ऊपर हंसते देखा तो पहले तो मंगल का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। लेकिन जल्द ही खुद मंगक भी अपने दोस्तों के साथ हंसते हुए बोला।

मंगल: साली ने झापड़ ही धर दिया।

श्याम: (हंसते हुए) काम हुआ।

मंगल: वो तो तुम दोनों देख लेना। अब से 2 मिनट बाद उसे पसीना आएगा। अगले 2 मिनट में वो अपनी जाँघे आपस मे रगड़े गई। और उसके अगले दो मिनट में उसकी चूत झरने के जैसे पानी ना फेंके तो नाम बदल लूंगा।

राज: तू पहले अपना गाल बदल नाम बालन मैं तूने अभी 6 मिनट बात दिया।

मंगल और श्याम दोनो हँसने लगे। मंगल ने अपने बैग से वो ड्रग की 5-6 डिब्बियां निकाल कर राज के बैग में रख दिया। राज ने जब मंगल की तरफ देखा तो मंगल ने राज से कहा।

मंगल: रखले यार तेरे काम आएगी। वो कच्ची काली तेरे हाथ एवें ही नहीं आने वाली।

अभी कुछ 2 मिनट ही गुजरे थे कि लड़कीं बुरी तरह से गर्मी महसूस करने लगी। कभी अपने हाथों से हवा करने लगती तो कभी बस की खिड़की से आती हवा की तरफ जाने का प्रयास करती लेकिन भीड़ इतनी थी कि ना तो हवा उस तक पहुंच पा रही थी और ना ही वो अपनी जगह से हिल पा रही थी।

राज अपने दोस्तों मंगल और श्याम के साथ एक जगह बैठा उस ड्रग का कमाल देख रहा था।

थोड़ी देर बाद करीब 2 मिनट ही हुए थे कि लड़कीं बुरी तरह से पसीनों में भीग गयी थी। उसकी स्कूल शर्ट जगह जगह से पसीनों से भीग कर उसके बदन पर चिपक गयी थी। राज अभी भी उस लड़की के चेहरे के भावों को देखे जा रहा था। उसके चेहरे भाव साफ साफ उसके मादक होने का चिन्ह थे।

अभी राज उस लड़की की बेबसी देख कर मुस्कुरा ही रह था कि मंगल ने राज के कोहनी की मारकर राज का ध्यान उस लड़की की स्कर्ट की और किया। राज ने जब उस लड़की की स्कर्ट की तरफ देखा तो पाया कि लड़कीं के पेर कांप रहे है।

राज ने मंगल की और देखा और फिर वापस लड़कीं की और देखा तो पाया कि लड़कीं ने स्कर्ट में ही पेशाब कर दिया।राज ने श्याम की तरफ देखा तो श्याम ने राज को कहा।

श्याम: राज अब ये लड़कीं अपनी शरीर की गर्मी मिटाना चाहती है। इसलिए इसकी चूत पानी छोड़ रही है। लेकिन ये लड़कीं सादारण से कुछ ज्यादा पानी छोड़ रही है इसका मतलब ये बहुत सेंसेटिव। ये उन लड़कियों में से है जिसे एक बार बार चुदने का रोग लग जाये तो वो फिर बाप भाई नहीं देखती बस लन्ड देखती है।

तभी राज की नज़र उस लड़की के चेहरे पर पड़ती है। वो बार बार घूम घूम कर मंगल को देख रही थी। उसके चेहरे से साफ दिख रहा था कि वो चुदना चाहती है लेकिन किसी अजनबी से कैसे चुद जाए यही संकोच शायद उसे रोक रखा हो।

लेकिन जैसे जैसे वक़्त गुजर रहा था वैसे वैसे उस लड़की पर मंगल का नशा हावी हो रहा था। धीरे धीरे लड़कीं की पेंटी गीली होकर उसका पानी उसकी जांघों से होते हुए उसके जुराबों से जूतों की और बढ़ रहा था। उस लड़की की चुंचिया एक दम अरॉउज़ड़ हो गयी थी।

अब मंगल ने अचानक से राज को कहा...

मंगल: अब देख मैं कैसे थप्पड़ का बदला लेता हूं।

मंगल ने इतना कह कर उज़ लड़कीं के पीछे चला गया। वो लड़कीं मंगल को अपने पीछे देख कर बिल्कुल भी नहीं हिलती। बल्कि उसके हाव भाव से ऐसा लग रहा था जैसे वो खुद चाहती हो की मंगल कुछ करे।


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07-17-2020, 10:47 AM,
#86
RE: Sex kahani द मैजिक मिरर (Tell Of Tilism)
मंगल ने धीरे से अपने दोनों हाथ उस लड़कीं की गाँड़ पर रख दिये। लड़कीं के चूतड़ों को बड़े आराम से सहलाने लगा। लड़कीं ने जब मंगल के हाथों को अपनी गाँड़ पर महसूस किया तो आगे की और झुक गयी।

श्याम और राज उठ कर मंगल के दोनों साइड में खड़े हो गए ताकि आस पास के लोगो को दिखे नहीं। तभी मंगल उस लड़की की स्कर्ट ऊपर कर देता है। मगर कमाल की बात ये थी कि एक पब्लिक बस में कई अजनबी लड़का उस लड़की की स्कर्ट ऊपर कर रखा था और उस लड़कीं का विरोध बिल्कुल भी नहीं था। उल्टा वो लड़कीं आगे की तरफ झुक कर अपने पैरों को खोल रही थी। एकदम उल्टे v की तरह उस लड़कीं के पैर थे।

मंगल ने जब लड़कीं कि ये हरकत देखी तो तुरंत उस लड़कीं की पेंटी उतार दिया। और उस लड़कीं का एक पैर उठा कर एक पैर से उसकी पेंटी निकाल दी और दूसरे पेर के मोजे मैं उस पेंटी को डाल दिया।

राज ने जब लड़कीं कि पेंटी उतारते मंगल को देखा तो राज का लन्ड एक दम तन्ना गया।

राज अब हर हालत में उस लड़की को चौदना चाहता था। राज ने हल्के से अपने लन्ड को सहलाया लेकिन जब मंगल ने राज को अपना लन्ड सहलाते देखा तो इशारा से मना करने लगा।

राज ने जब ये उस इशारे को समझा तो पता चला कि मंगल उस लड़की को चोदने के लिए मना कर रहा था। राज अभी इस बात का कारण समझने की कोशिश कर ही रह था कि मंगल ने श्याम के बैग से कुछ निकाल और उस लड़की की चूत पर रख दिया। बड़ी अजीब सा था वो। ऐसा लग रहा था जैसे वो चूत पर चिपक गया हो। उसकी शेप सब कुछ पैड की तरह थी।

राज एक बार फिर से सोचों में गुम था ।

राज जब तक अपनी सोच से बाहर निकलता तब तक मंगल ने उस लड़कीं की पेंटी को फिर से ऊपर कर दिया। श्याम और मंगल उस लड़कीं के पास से हट गए। अब वो लड़कीं राज की तरफ बड़ी प्यासी नज़रों से देख रही थी।

उस लड़कीं कि नज़र राज के तन्नाये हुए लन्ड पर थी। लेकिन राज उज़ लड़कीं की आंखों में देखते हुए आने दोस्तों के पास चला गया।

अगले 20 मिनट के सफर में लड़कीं ना जाने कितनी बार पानी छोड़ी। उसके पैरों के नीचे का बस का फ्लोर बिल्कुल गीला था। जब राज ने मंगल से उस पेड जैसे दिखने वाले कपड़े के बारे में पूछा तो मंगल ने बोला।

मंगल: वो एक बहुत की कमाल का जापान गेजेट है। उसे वाइब्रेटर कहते है। कमाल भी बात ये है कि ये वरजिन ओर नॉन वर्जिन दोनो लड़कियों के लिए है। ये पेंटी की तरह है। बस गाँड़ और चूत पर टिका होता है। ओर उस से भी कमाल की बात ये है कि उसका कंट्रोलर मेरे पास है ये रिमोट।

तभी बस रुक जाती है। ये राज का घर के पास वाला क्षेत्र था। राज तुरन्त बस से उतर गया। आज राज को बहुत कुछ सीखने को मिला। राज ने बस से उतरने के पहले मंगल और श्याम के मोबाइल नम्बर ले लिए थे।

एक महीने बाद...........

पिछले एक महीने से छोटू की बहन चंचल की बहन के साथ खूब दोस्ती निभा रही थी। राज के कहने पर। वही राज अपनी नई बनी गर्लफ्रैंड के साथ पिछले एक महीने में खूब घुमा चिट्चैट की एयर आपस मे साथ वक़्त गुजारने के साथ साथ दोनो बहुत करीब आगये। आज राज को कोमल पास वाले शहर में ले जा रही थी जहां पर कोमल की बहन और जीजू रहते है।

वहीं पिछले एक महीने से रानी सोनिया और सरिता तीनो अपने जिस्म की आग में जल कर हर रात पिघल रही थी। हर रात तीनो का बिस्तर ओर पेंटी गीली हो जाती थी।

और एक तरफ राज के दोस्तों ने मंगल और श्याम ने दोनों ने मिलकर राज को बहित सी चीजो के बारे में बताया और उनके इस्तेमाल के बारे में भी। और राज ने भी उन्हें चंचल के बारे में बता दिया ताकि उसे चंचल से बदला लेने में मदद मिल सके।

पिछले 1 महीने में राज चंचल के साथ 7 से 8 बार डेट पर गया। लेकिन जैसा कोमल ने राज को कहा था कि चंचल के साथ डेट पर जाओ लेकिन उसे भाव मत देना। और उसी के चलते कोमल चंचल की क्लोज दोस्त बनती गयी।

अब कोमल और राज ने दोनों ने मिलकर एक खेल स्टार्ट कर दिया था। इस खेल में छोटी की बहन ने चंचल की बहन को और कोमल ने खुद चंचल को संभाला हुआ है। वही बाहरी मदद के लिए मंगल और श्याम है ही। अब मंगल और श्याम में राज को चौदना भी सोखा दिया और लड़कीं फंसाना भी।

जब राज ने मंगल से पूछा था कि बस के उस लड़कीं को चौदने क्यों नहीं दिया तो मंगल ने बोला कि " वहां पर भीड़ थी और वो लड़कीं वर्जिन और तेरा लन्ड गधे सा, अगर सुपडे भी डाल देता तो आधा भारत जान जाता कि कोई लड़कि चौद रहा है।

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धीरे धीरे समय बीतता रहा। समय के साथ साथ राज और कोमल का रिश्ता गहरा और गहरा होता चला गया। लेकिन राज की दोनों बहनें और उसकी माँ का दिल और दिन और रात दोनों बेचैनी से गुजरने लगी।

सरिता संग रानी और सोनिया को भी अभी तक ये समझ नही आ रहा था आखिर शुरुआत कहाँ से करें। तभी एक घटना घटी जिस से वो सब शुरू हो गया जो समाज की नज़र में तो पाप है मगर इन तीनो की नज़र में जीने का मक़सद। लेकिन उस से पहले एक बात रह गयीं जो आप सब का जान ना बहुत ज़रूरी है।

दरअसल पहले मैंने आपको बताया था की राज और कोमल डेटिंग करते करते इतने क्लोज हो गये की कोमल आज राज को अपनी बड़ी कजिन बहन से मिलवाने के लिए ले जा रही थी।

राज ने रानी और सोनिया के ज़रिए से कोमल को अपने मम्मी पापा से पहले ही इंट्रोड्यूस करवा दिया था। साथ ही सबको पता था राज के घर पर की कोमल राज की गर्लफ्रैंड है। इस लिए राज को कोमल के साथ दूसरे शहर में भेजना किसी को भी गलत नहीं लगा।

राज कोमल के साथ बड़े ही रोमांटिक अंदाज में कोमल की पर्सनल कार में सफर करते हुए वहां पहुंचा जहां राज की मुलाकात एक और शैतान से हुई। लेकिन ये शैतान राज का मददगार साबित हुआ।

रात को करीब 8.50 पर कोमल और राज दूसरे शहर की अपनी मंज़िल पर पहुंच गए। वहां जाकर जब कोमल ने दरवाजे की बेल बजायी तो एक बेहद खूबसूरत महिला ने दरवाजा खोला।

राज उस महिला को देखता ही रह गया। वो कोई महिला नहीं बल्कि 27-28 साल की कोई शादी शुदा लड़की थी। उसके चेहरे पर कोई निशान नहीं। यहां तक कि तिल भी नज़र नही आ रहा था। मोटी मोटी आंखें , सुर्ख गुलाबी होंठ, और दूध से रंग में गुलाब का मिला जुला रंग जैसा उसका रंग और गाल, सुडौल छातियाँ, पतली कमर, चेहरे पर क़ातिल मुस्कान और नज़रें जैसे जंग में चलती तलवारें।

राज अभी भी एक टक उस लड़की को देखे जा रहा था। तभी कोमल ने अपने कंधे से राज के कंधे पर मारा और धीरे से कान में बोली.....

कोमल: बस भी करो तुम्हारे साथ तुम्हारी गर्लफ्रैंड भी है....

कोमल की इस बात पर जहां राज झेंप गया था वहीं दरवाजे पर खड़ी खूबसूरत हसीना हँसने लगी। तभी कोमल ने उस लड़की का नाम लिया और उसके गले लग गयी।

कोमल: ओह कोमल दीदी.... मैं आपको बहुत मिस करती हूं। शादी के बाद तो आप जैसे भूल ही गयी।

फिर जब कोमल को याद आया कि राज का इंट्रो तो करवाया ही नही तो कोमल राज का इंट्रो एक नई कोमल से करवाती है।

कोमल: राज मीट मय फेवरेट सिस्टर कोमल रानी...

राज हाथ जोड़ कर नमस्ते बोलता है लेकिन तभी कोमल रानी राज को झिड़क देती है। और बोलती है।

कोमल रानी: मेरी बहन का बॉयफ्रेंड है तो क्या में तुझे आंटी लगी जो हाथ जोड़ कर नमस्ते कर रहा है। आगे से जब भी माइक तो सीधे हग करना। और हां सिर्फ मुझे ही नही किसी भी लड़की से मिले तो सीधे हग करना। समझे।

इतना बोलकर कोमल रानी अपनी सुडौल चुंचिया राज की छाती में धंसाते हुए और अभी टाइट गले लगाती।

वहीं कोमल अपनी कजिन बहन से पड़ी राज को प्यारी झड़प से मुस्कुराने लगती है।


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07-17-2020, 10:47 AM,
#87
RE: Sex kahani द मैजिक मिरर (Tell Of Tilism)
बड़ी मुश्किल से राज ने कोमल रानी से वादा किया कि वो आगे से सबसे गले मिल कर ही नमस्ते करेगा। तब जाकर कोमल रानी ने राज को छोड़ा।

कोमल और राज को कोमल ने एक रूम दे दिया था। राज को इस बात की बिल्कुल भी उम्मीद नही थी यहां कोमल अपनी दीदी के सामने उसके साथ एक ही रूम शेयर करगी। लेकिन अभी तो राज को मालूम ही क्या था।

9 बजे तक राज और कोमल दोनो फ्रेश हुए तब तक कोमल रानी ने खाना बना लिया था उसे टेबल पर परोस दिया था। जब राज और कोमल खाने की टेबल पर आए तो वहां पर दो नए मेहमान आये हुए थे। मेरा मतलब दो नए अनजाने शख्स मौजूद थे। एक कोमल रानी के पति देव और दूसरी उनकी ननद।

जब राज और कोमल खाने की टेबल की और बढ़ रहे थे तो कोमक की नज़र अपने जीजू पर पड़ते ही जीजू बोलते हुए सीधे उनके गले लग गयी। कोमल के ऐसा करने से कोमल की चुंचिया सीधे कोमल रानी के पतिदेव की छाती में...

तभी राज भी टेबल पर वहां पहुंच और जैसे ही राज ने हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ाया उसे कोमल रानी की चेतावनी भरी मोटी मोटी नज़रे नज़र आ गयी जो टेबल पर बैठे बैठे उसे घर रही थी। उसने तुरंत अपने हाथ अंदर किये और कोमल रानी के पति देव राज के गले लग गया। राज ने भी आराम से राज को गले लगाया और साथ ही राज की गांड को अपने हाथों से दबा दिया।

राज कोमल के जीजा जी की हरकत पर झेंप गया। राज को लगा कि आज तो उसकी इज्जत यहां से सलामत नही जाने वाली। तभी कोमल अपने जीजू की बहन के गले लगी।

कोमल: गुड्डीssssss वाउssss यू लुक्स सो अमेजिंग एंड हॉट।

कोमल की आवाज सुनकर राज की नज़र कोमल रानी की ननद पर गयी जिसका नाम था गुड्डी। कमाल की लड़की थी यार। एक झीना सा शर्ट और उसके नीचे एक निकर। निकर से जहां गुड्डी की केले के पेड़ जैसे चिकनी टांगे नज़र आ रही थी वही उस झीने शर्ट से गुड्डी की चुंचिया नज़र आ रही थी। नज़र क्या आ रही थी ये समझ लो ए के 47 ने निशाना साद रखा था एक दम सामने की और।

कोमल रानी: आगे से ये फिजूल की फॉरमैलिटी हमारे साथ मत करना। अब तो समझ गए ना कैसे मिला जाता है या फिर समझाऊ।

राज: नहीं नहीं में समझ गया।

राज को ये समझ नही आ रहा था कि ये कोमल रानी इतनी एडवांस ओपन क्यों है। क्या पहली मुलाकात में ये सब आम बात है। राज ये सब समझने में असफल थालेकिं कोमल रानी जानती थी को कोमल को छोड़ कर राज जाने वाला नहीं है और राज को कुछ सिखाने के लिए उस से ओपन ही होना पड़ेगा। और वैसे भी थोड़े से दिन है नहीं तो पूर एक्सपर्ट बना देती।

खाने की टेबल सब लोग इधर उधर की बातों के साथ साथ डबल मीनिंग बातें भी कर रहे थे। जिन्हें राज भी समझ रहा था और हल्के हल्के मुस्कुरा रहा था। कोमल रानी को इतना तो समझ आ गया था कि ये लड़का भी उनके पति की तरह शर्मिला है । लेकिन ये उनके लिए परेशानी नहीं थी। जब वो अपने पति की शर्म तोड़ सकती है तो फिर राज क्या चीज है। लेकिन ये काम वो नहीं बल्कि उनकी बहन कोमल खुद करे तो ज्यादा अच्छा होगा। इतना सोच कर कोमल रानी कोमल को अपने बेडरूम में बुला लेती है।

राज दूसरे कमरे में जा कर कुछ देर पहले हुई घटनाओं को याद कर रहा था। तभी अचानक से राज का बैग चमक ने लगा। राज ने तुरंत अपना बैग खोला तो देखा आईना चमक रहा है। आज ये आज ये आखिरी दिन का आखिरी घंटे था जहां राज आईने का इस्तेमाल बिना कुछ दिए कर सकता था। राज आईने से उसके चमकने का कारण पूछा।

राज के ऐसा सवाल करते ही आईने में राज के नाना जी आ गये।

नाना: सावधान राज वो शैतान नैना मेरे बस से बाहर हो गयी है। मैं उसे अब और कंट्रोल नही कर पा रहा हूँ । तुम्हे उसे नष्ट करना ही होगा राज।

राज के नाना ने इतना ही कहा था कि एक काली रोशनी के बवंडर में फिर से राज के नाना गुम हो जाते है।

राज कुछ पल आईने को थामे कुछ सोचता रहता है तभी दरवाजे पर नॉक होता है। जिसे सुनकर राज फुर्ती से आईना अपने बैग में रख कर दरवाजा खोलता है। दरवाजे पर कोई और नही बल्कि कोमल थी। जिसे देख कर राज का मुह खुला का खुला रह गया।

राज कोमल को एक तक देखता ही रह गया। कोमल एक शर्ट मे थी। उसके नीचे कुछ भी नही पहना था। एक दम एक्सपोज़ में थी। कोमल अपने मासूम चेहरे के साथ साथ बहुत ही सेक्सी लग रही थी।

दरवाजा खुलने के साथ ही कोमल आकर सीधे राज के गले लग गयी।

कोमल के गले लगते ही राज को बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। इस वक़्त ये फीलिंग जो राज के मन मे थी कोई हवस से भरी नही बल्कि महोब्बत से भरी थी। लेकिन उसमें हवस भी शामिल थी। कोमल के पीछे राज, जहां राज कोमल की चुंचियो को चुने के प्रयास में था वही कोमल के हाथ राज के पेंट में सेंध लगा चुके थे।

कोमल राज की बाहों में समेटे हुए उस भावना को भली भांति समझ चुकी थी। आज कोमल अपना सब कुछ राज पर कुर्बान करने को तैयार थी। या फिर ऐसा कहूँ की कोमल रानी के नक्शे कदम पर चलने को तैयार थी।

दरअसल जब कोमल अपनी कजिन बहन कोमल रानी के साथ थी तो राज के बारे में और उसके परिवार के बारे में कोमल में सब कुछ बता दिया। जब पहली बार कोमल ने कोमल रानी को राज और उसकी बहनों के बारे में बोल था तब कोमल राज से अपनी बेइजती का बदला लेना चाहती थी। लेकिन वक़्त के साथ साथ कोमल को एहसास हुआ कि राज खुद चंचल का शिकार हो चुका।

और फिर जब राज ने कोमल को प्रपोजल दिया तब से अब तक कोमल राज को धीरे धीरे समझने लगी और उसे एहसास ही नहीं हुआ कि वो कब राज से सच मे प्यार करने लगी। आज वो ये बात अपनी बहन को बता रही थी कि वो राज से प्यार करती है। तो कोमल रानी ने कोमल से कहा " अगर प्यार करती है तो अपने प्यार के साथ हर जंग में खड़ी रहना। लेकिन उस से पहले तुम दोनों को एक हो जाना चाहिए। इतना एक कि कोई उसे छुए तो महसूस तुम्हे हो। मेरा मतलब दो जिस्म एक जान जैसे। उसके लिए तुम्हे सबसे पहले राज को अपनाना होगा। उसे अपने दिल मे उतारना होगा और साथ ही साथ उसके दिल मे भी उतरना होगा। "

कोमल: और ये सब मे कैसे करूँ?

कोमल रानी: बहुत सिम्पल है यार अंदर एक ही बेड है तोड़ दो रात भर में। ही ही ही ही , अच्छा मजाक अलग है लेकिन ये सच है सेक्स कोई प्यार नही है कोमल लेकिन ये प्यार जाहिर करने का तरीका है। तुम आज राज को सब सौंप दो और राज को अपना लो।

कोमल और कोमल रानी अपनी बातें करते करते ये भी सोच चुकी थी कि कल राज को क्या सीखाना है और कैसे चंचल और उसकी बहन के साथ अपना हिसाब पूरा करना है। लेकिन दोनों बहनों को अभी ये नहीं पता था कि राज सिर्फ चंचल और उसकी बहन के लिए ही नही बल्कि राजकुमारी नैना और उसके परिवार के बीच भी फंसा पड़ा है।

खेर जो होगा सो होगा लेकिन फिलहाल तो दोनों एक दूसरे की बाहों में गम हुए खड़े थे।

तभी राज कोमल की नाजुक कमर पर हाथ रख कर कोमल के चेहरे पर झुकता है और एक स्मूच किस करता है। ये एक ऐसा चुम्मा था जिसके अंदर दोनो गुम थे। सारी दुनिया से दूर किसी हसीन जगह पर।

तभी दूसरे कमरे से एक हल्की सी आह और चीख निकली। उस चीख को सुन कर जहां एक तरफ राज चोंक गया था वही कोमल एक पल को चोंकि लेकिन अगले ही पल मुस्कुरा पड़ी।

राज: ये गुड्डी की आह थी ना?

कोमल: (अपना नाक राज के नाक से रगड़ते हुए) ह्म्म्म

राज: क्या वो इस वक़्त....

कोमल: अपने भाई के साथ मस्ती कर रही है।

राज: क्या???? भी के साथ? लेकिन कैसे ?

अब कोमल ने कोमल रानी की शादी से लेकर के अब तक कि कहानी राज को सुनाई की कैसे कोमल रानी को ससुराल में अपने सम्मान के लिए लड़ना पड़ा। कैसे अपनी जिठानी को कोठे पे और अपनी ननद को अपने पति की रखेल बनाया। सब कुछ। लेकिन उसने गुड्डी के सोलह श्रृंगार के बारे में नहीं बताया । क्योंकि उसके बारे में तो राज काल सीखने वाला था।


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07-17-2020, 10:48 AM,
#88
RE: Sex kahani द मैजिक मिरर (Tell Of Tilism)
कोमल की कहानी सुन कर राज अब बहुत गर्म हो चुका था। वहीं कोमल खुद भी अपनी गर्मी से पिघल रही थी। दोनों की हवस और प्यास पराकाष्ठा की चोटी पर पहुंच चुकी थी। जिसके आगे कुछ नही था। सिवा हसीन नज़ारों के।

कोमल और राज एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे। राज के कपड़े उतारते हुए कोमल जितना शर्मा रही थी। उस से ज्यादा जब उसका एक मात्र शर्ट राज ने उतारा तो कोमल शर्म से ग़ुलाब हो गयी।

राज कोमल के बदन को हल्की रोशनी में देखता ही रह गया। उस हल्की रोशनी में कोमल का दूध सा और चांदनी जैसा चमकीला बदन काली घनघोर घटाओं जैसी जुल्फे, गुलाब की पंखुड़ी जैसे होंठ और उनपर शर्म की चादर से उमड़ी मुस्कान, आंखों में गहरा काजल और हया की चादर, माउंट एवरेस्ट जैसी सुडौल चुंचिया और उन चुंचियों पर जैसे एक छोटी सी चेरी रखी हो जैसे निप्पल। राज की नज़र जैसे नीचे आती है तो जैसे अजंता की गुफाओं की खूबसूरत नाभि, और पहाड़ों जैसा प्राकृतिक कमर के कटाव, और कॉक बोटल की तरह बाहर को उभरे कोमल के नितम्भ उफ्फ।

ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे स्वर्ग से साक्षात कोई अप्सरा आयी हो। राज एक टक कोमल के बदन को निहार रहा था। जो हाल इस वक़्त राज का था वही हाल कोमल का था। राज का मासूम चेहरा, कोमल की खूबसुरती में डूबा जहन, छाती और बदन पर हल्के बाल जो और हल्की मसल जो उसके पुरुषार्थ को दर्शा रही थी।

राज हल्के से आगे बढ़ कर कोमल की कमर में अपना हाथ डालता है और उसे अपनी और खींचता है। राज के हल्के से खींचने पर कोमल राज की बाहों में समा जाती है। ऐसा होते ही दोनों के शरीर मे बिजली कौंध जाती है। कोमल की वो खूबसूरत घाटियों का लिबास लिए चुंचियाँ सीधे राज के सीने में धंस जाती है। ये पहली बार था जब राज और कोमल इतने आगे बढ़े थे।

राज हल्का सा कोमल का चेहरा ऊपर को उठा कर कोमल के होंठों को चूमता है।

राज और कोमल दोनों ही इस वक़्त एक अलग ही दुनिया मे थे।

राज कोमल को किस करते करते बेड पर ले जाता है और बड़े ही शालीन तरीके से कोमल को बिस्तर पर लिटा देता है। कोमल को बिस्तर पर लिटाने के बाद भी कोमल की सुडौल चुंचियाँ एक दम ऊपर की और उठी हुई थी। राज अपने एक मात्र अंडरवियर को भी उतार कर कोमल के शरीर पर चढ़ जाता है। इस वक़्त कोमल और राज दोनो को सिवा एक दूसरे के सारी दुनिया की कोई परवाह नही थी। दोनों अपनी अपनी परेशानियां भूल कर एक दूसरे में गुम होने को तैयार थे।

आज पहली बार कोमल अपना सर्वस्व किसी पर लूटा रही थी। वो कोई और नहीं बल्कि उसकी महोब्बत राज था। राज भी एक तरफ जहां कोमल के कोमल से बदन पर हवस का शिकार होना चाहिये था वो भी एक अजीब सी कस्मोकश में था। ना तो राज के मन मे हवस की कोई जगह थी ना ही कोमल दूरी लड़कियों की तरह थी। आज का ये मिलन राज के लिए दुनिया का सबसे हसीन सुख था।

राज बड़े ही महोब्बत भरे अंदाज़ में कोमल पर झुकता चला जाता है और कोमल के नाजुक से गुलाब जैसे होंटों को अपने होंटों में भर लेता है।

राज कोमल के होंटों को इस कदर चूम रहा था जैसे वो कोई साधारण होंठ नहीं बल्कि अमृत का कोई झरना हो।

और कोमल राज की इसी चुम्बन से राज की महोब्बत की प्रगाढ़ता को महसूस कर सकती थी। कोमल भी अपनी आंखें मूंदे हुए राज के चुम्बन का जवाब देने की कोशिश कर रही थी लेकिन राज के पौरुष के सामने उसकी कोशिश महज कुछ भी नहीं के सिवा और क्या हो सकती थी।

कुछ ही क्षणों में राज और कोमल दोनो के नंगे बदन हल्के नीले चंद्रमा की चांदनी से चमक उठे। राज के हाथ उस हल्की चांदनी में कोमल के दूध से बदन पर रेंग रहे थे। राज के हाथ कभी कोमल के कंधे तो कभी गाल सहला रहे थे। कभी कोमल की गर्दन तो कभी सुडौल उरोज। कोमल के बदन का हर एक रोंया खड़ा हो रहा था।

जैसे कोमल को ठंड लग रही हो। लेकिन ये दशा ठंड के कारण नहीं बल्कि राज और कोमल की महोब्बत से बने एक नए मौसम से थी। एक ऐसा मौसम जिसमे सारी ऋतुएं एक ही पल में आ जाती है। सारे सुख उसी पल में समा जाते है। सारी दुनिया और ज़िन्दगी छोटी लगने लगती है। और आनंद और सुख एक नई ऊंचाई पर पहुंच जाता है।

करीब 10 - 15 मिनट तक राज कोमल के शरीर को सहलाता रहा। उसके बाद होले होले राज अपने होंटों की मुहर कोमल के ललाट से लेकर उसके पूरे चेहरे पर छाप दी। और उसी मुहर को राह कोमल के पूरे शरीर पर लगाने के लिए कोमल की ठुड्डी से नीचे की और बढ़ने लगा। राज के मुँह से निकलने वाली गर्म हवा और इश्क़ के इस नए अंदाज ने कोमल के पूरे शरीर मे झुरझुरी दौड़ा दी।

अचानक से राज के खुरदरे मर्दाना होंठ कोमल के नरम नाजुक और सुडौल उरोजों पर जा ठहरे। राज के होंटों का कोमल की चुंचियों पर स्पर्श ही कोमल की सिसकियों की वजह बन गया था। राज ने कोमल के शरीर की इस गर्मी को भांप कर हल्की मुस्कुराहट से कोमल की बायीं चुंची को अपने मुंह मे भर लिया और दायीं चुंची को अपनी दाएं हाथ की हथेली के पकड़ में कैद कर लिया।

कोमल राज की इस हरकत से बहुत बैचैन हो चुकी थी। राज के मुँह में कोमल की चुंची जाते ही कोमल की पीठ हवा में उठ गई। एक और जहां कोमल का शरीर थर थर कांप रहा था वहीं दूसरी और भट्टी की तरह गर्म हो कर तप रहा था।

धीरे धीरे राज कोमल की चुंचियों को अपने आतंक से मुक्त करते हुए आगे बढ़ता है और अपने होंटों को कोमल की गहरी नाभी की और ले जाता है। हल्की नीली चांदनी में कोमल की गहरी नाभी किसी झील-ए-इश्क़ से कम ना थी। कोमल की नाभि से जब राज ने नज़र उठा कर कोमल के चेहरे की तरफ देखा तो कोमल के शरीर के कटावों से होकर राज की नज़र कोमल के कांपते होंटों पर पड़ी। जब राज की नज़र कोमल के हुस्न पर से उसकी नज़रों तक गयी तो उसके मन मे यहीं ख्याल आया होगा।

ऐसा देखा नहीं खूबसुरत कोई
जिस्म जैसे अजंता की मूरत कोई
जिस्म जैसे निगाहों पह जादू कोई
जिस्म नगमा कोई
जिस्म खुशबू कोई
जिस्म जैसे महकती हुई चाँदनी
जिस्म जैसे मचलती हुई रागिनी
जिस्म जैसे किः खिलता हुआ इक चमन
जिस्म जैसे की सूरज की पहली किरण
जिस्म तरशा हुआ दिलकश ओ दिलनशीं
संदाली संदाली
मरमरी मरमरी
हुस्न ई जानां की तारीफ़ मुमकिन नहीं

क्या हुस्न है , क्या हया है, क्या महोब्बत है, क्या आशिक़ी है, क्या दीवानगी है। महोब्बत गर इतनी खूबसूरत है तो खुदा सबको बक्शे। बशर्ते महोब्बत जिस्मानी हो ना हो रूहानी ज़रूर हो।

राज कोमल की नाभी को चूमता है मन ही मन खुद से एक वादा करता है। भले ज़िन्दगी भर मैं कुछ भी ना करूँ लेकिन ज़िन्दगी भर महोब्बत में सिर्फ तुमसे ही करूँगा कोमल। वहीं दूसरी और कोमल आंखें बंद किये ये निश्चय कर रही थी कि "राज जब से मैंने तुम्हें दिल दिया है तब से तुम्हारी खुशियां और हम सब मेरे है। तगर तुम खुश नहीं तो में खुश कैसे हो सकती हूं। बस उम्मीद करती हूँ सारी उम्र मैं तुम्हारी हर खुशी का कारण बनूँ।

राज कोमल को जिस्मानी तौर पर बहुत गर्म कर चुका था। अब राज ने सोचा कि शायद अब उसे आगे बढ़ना चाहिए। राज ने बड़े ही नाजुक से अंदाज में कोमल की दोनों जांघों को चूमते हुए खोलने की कोशिश की। लेकिन कोमल शायद इसके लिए अभी तक तैयार नहीं थी इस लिए हल्का सा चिंहूँकि लेकिन तुरंत ही कोमल ने अपने आपको राज के हवाले कर दिया। राज ने बड़े ही नाजुक तरीके से कोमल की जांघों को चूमते हुए खोला।

राज के सामने कोमल की जवानी की सबसे बड़ी दौलत थी। कोमल का कौमार्य। राज एक तक उस खूबसूरत और हसीन कोमल की चूत को देखे जा रहा था। एक तरफ जहां राज के लन्ड में बिजली की लहर दौड़ गयी थी। वही राज आज कोमल के साथ पहली बार एक होने जा रहा था यही सोच कर राज और गर्म हो रहा था।

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07-17-2020, 10:48 AM,
#89
RE: Sex kahani द मैजिक मिरर (Tell Of Tilism)
राज कोमल को जिस्मानी तौर पर बहुत गर्म कर चुका था। अब राज ने सोचा कि शायद अब उसे आगे बढ़ना चाहिए। राज ने बड़े ही नाजुक से अंदाज में कोमल की दोनों जांघों को चूमते हुए खोलने की कोशिश की। लेकिन कोमल शायद इसके लिए अभी तक तैयार नहीं थी इस लिए हल्का सा चिंहूँकि लेकिन तुरंत ही कोमल ने अपने आपको राज के हवाले कर दिया। राज ने बड़े ही नाजुक तरीके से कोमल की जांघों को चूमते हुए खोला।

राज के सामने कोमल की जवानी की सबसे बड़ी दौलत थी। कोमल का कौमार्य। राज एक तक उस खूबसूरत और हसीन कोमल की चूत को देखे जा रहा था। एक तरफ जहां राज के लन्ड में बिजली की लहर दौड़ गयी थी। वही राज आज कोमल के साथ पहली बार एक होने जा रहा था यही सोच कर राज और गर्म हो रहा था।

अब आगे.....

राज एक टक कोमल की आंखों में देखता रहता है वहीं कोमल शर्मा जाती है। राज एक टक कोमल के चेहरे को देखते हुए अपने लन्ड को कोमल की चूत पर रखता है। कोमल को राज के लन्ड का जैसे ही अपनी चूत पर एहसास होता है कोमक कि आंखें मादकता के नशे में हल्की सी बन्द हो जाती है और उसका सीना बिस्तर से 4 इंच ऊपर उठ जाता है। कोमल की सांस बदस्तर चलने लगती है। राज का कोशिश करता है लन्ड को चूत में घुसाने की लेकिन कोमल की चूत वाकई में बहुत तंग थी जिसके चलते राज का लन्ड फिसल कर कोमल की नाभि पर आ जाता है। तकरीबन 4-5 बार राज कोशिश करता है लेकिन राज का लन्ड कोमल की चूत में नहीं घुस पाता।

कोमल एक बार राज की तरफ अपनी हल्की मुंदी आंखों से देखती है और रोज को बोलती है...

कोमल: राज...? क्या कर रहे हो? करो ना...?

राज: ( थोड़ा सा शर्मिंदा सा होते हुए ) वो अम्म्म कर तो रहा हूँ लेकिन अंदर नही जा रहा... बार बार फिसल रहा है।

राज के इस उत्तर के बाद राज और कोमल दोनों एक टक एक दूसरे की आंखों में देखने लगते है फिर अचानक से कोमल को हंसी आ जाती है। कोमल को हंसता देख राज भी मुस्कुराते हुए हसने लगता है। कोमल हल्की सी ऊपर होकर राज के दोनों गालों को सहलाते हुए बोलती है...

कोमल: वाह रे मेरे भोले बलम... अपने खूंटे को ज़मीन में गाड़ने से पहले ज़मीन तो थोड़ी सी गीली करनी पड़ेगी ना।।

राज़ कोमल की आंखों में झांकते हुए बड़े ही नटखट अंदाज़ में...

राज़: अच्छा तुम्हे बड़ा पता है....?

अब बारी कोमल की शर्माने की थी.... थोडी देर राज़ इधर उधर देखता है तो उसे अलमारी में कुछ दिखता है। राज़ वहां जाता है तो एक कटोरी में कडुआ तेल था।

राज़ वो कटोरी उठा कर लाता है और अपनी हथेली भर कर तेल कोमल की चूत और जांघों पर डाल देता है और अच्छे से मसलने लगता है। कोमल जब राज के हाथों में तेल देखती है सोचने लगती है कि ये तेल कहाँ से आया।

तभी कोमल को याद आता है गुड्डी और राज मेरा मतलब हमारी कोमल रानी के पति देव के लिए कोमल जी ने ही वो तेल वहां रखा होगा। खेर अब वो तेल दो कच्चे खिलाड़ियों के काम आ रहा था।

राज उस कटोरी से थोड़ा तेल और लेकर अपने लन्ड पर लगा लेता है। राज का लन्ड ऐसे चमक रहा था जैसे धूप में काले नाम की चमड़ी चमकती है...

कोमल की एक नज़र कटोरी की तरफ जाती है जिसे रत्ती भर तेल बचा था। उस कटोरी को देख कर कोमल शर्म से पानी पानी हो जाती है। अभी कोमल शर्मा ही रही थी कि राज ने अपने लन्ड को कोमल की चूत पर रख कर हल्का सा अपने हाथ से दबाया जिससे राज के लन्ड का सुपड़ा कोमल की चूत की फांको को खोलते हुए अंदर जाने को तैयार था। लेकिन वो बस हल्का सा अंदर जाकर फंस कर रह गया। और कोमल हल्की सी सिसक कर रह गयी।

राज़ कोमल की तरफ देखता है लेकिन कोमल तो आने वाले लम्हे को लेकर अपनी आंखें बंद किये लेती हुई थी। राज़ कोमल के ऊपर झुक कर एक करारा झटका मारता है। कोमल बिस्तर से ऊपर की और जाने लगती है लेकिन राज़ कोमल के कन्धों को जोर लगा कर उसे ऊपर नही होने देता और दूसरा झटका भी मार देता है। इस बार कोमल की चीख निकल पड़ती है।

राज का 3.5 इंच लन्ड अंदर घुस चुका था। कोमल का पूरा शरीर दर्द से कांप रहा था। आंखें बुरी तरह से बंद थी। और चेहरे के भाव ऐसे थे जैसे कोई छोटी बच्ची रोने के वक़्त अपना चेहरा बना लेती है। राज़ कोमल को चूम कर कोमल की चीख बैंड करवाना चाहता है लेकिन कोमल राज़ को मना कर देती है। क़रीब 3 से 5 मिनट बाद राज हल्का सा धक्का और मारता है तो कोमल सिसक पड़ती है। राज कोमल के चेहरे के भाव देख कर भावुक हो गया था।

कोमल भी राज को देख कर समझ चुकी थी। कोमल हल्की सी ऊपर होकर राज के गले मे अपनी बहन डाल देती है और राज को नजदीक कर कर बोलती है।

कोमल: खबरदार जो रहम खाया तो... अब जब तक पूरा ना अंदर कर दो रुकना नहीं....

राज़ एक टक कोमल को देखता रहता है। फिर राज़ कोमल की आंखों में देखते हुए अपने लन्ड को हल्का सा बाहर निकालता है। कोमल सोचती है राज भर निकाल रहा है इसलिए कोमल बोलने की कोशिश करती ही है कि राज पहले से भी दम दर झटका मार देता है।

राज का 7 इंच लन्ड कोमल की चूत को ओरी तरह से फैलाता हुआ अंदर घुस जाता है और कोमल की चीख पूरा घर गुंजा देती है। राज फिर भी नही रुकता और फिर से हल्का सा लन्ड बाहर निकाल कर पूरा जोर से धक्का मारता है।

कोमल इसबसर फिर से जोर से चीखती है... कोमल के हाथों के नाखून राज की पीठ पर गढ़ चुकी थी। यहां तक कि राज की पीठ से हल्का हल्का खून भी निकल रहा था। और कोमल की चूत से भी गर्म खून बह कर भर आ रहा था। राज़ का पूरा लन्ड कोमल की चूत में था। कोमल को ऐसा लग रहा था जैसे राज ने कोई मोटा सरिया उसके पेट में घुसा दिया हो। कोमल को राज का लन्ड अपनी नाभि के ऊपर तक महसूस हो रहा था।

राज़ के लन्ड का सूपड़ा कोमल के गर्भाशय को जबरन खोल कर गर्भाशय के मोह में फंसा पड़ा था।अब राज़ इंतजार करता है कोमल के दर्द के ठीक होने का। राज कोमल को अभी तक गले लगाए हुए कोमल के ऊपर पड़ा था।राज का सर कोमल के कन्धे और गले के बीच मे था जिससे राज़ और कोमल अब तक एक दूसरे का चेहरा नहीं देख पाए थे। लेकिन इस छोटे से 5 मिनट के इंतजार के बाद राज जब अपना सर ऊपर उठा कर कोमल को देखता है तो राज मुस्कुरा पड़ता है।

कोमल के चेहरे पर बाल बिखरे पड़े थे। आंखों का काजल पूरे चेहरे पर फैल चुका था। गाल और आंखें आंसुओं से भीगे हुए थे। वही कोमल राज के चेहरे की तरफ देखती है तो राज का चेहरा पसीनो में भीग पड़ा था। चेहरे पर हल्के दर्द की लकीरें थी।

कोमल राज से पूछती है आंखों के ईशारे से की क्या हुआ?

राज भी गर्दन ना में हिलाकर बोलता है कि कुछ नहीं हुआ। राज़ हल्के हल्के धक्के मारने लगता है। और कोमल हर धक्के के साथ हिलती रहती है सिसकती रहती है। कोमल को इस वक़्त दर्द और आनंद, प्रेम और पीड़ा के मिलेजुले भाव महसूस हो रहे थे। कोमल के मन मे इस वक़्त राज के प्रति अगाध प्रेम था। और राज के मन मे इस वक़्त सिर्फ कोमल थी। राज धीमें धीमे कोमल की चुदाई शुरू कर देता है। क़रीब 15 मिनट तक ऐसे ही छोड़ते हुए राज़ कोमल को झाड़ देता है।

लेकिन अभी तो राज़ ठीक से शुरू भी नही हुआ था। आज के खून में मिला हुआ नीलांकर चांदनी रात में और भी ज्यादा असरदार हो जाता है।कोमल के झड़ने के बाद बाद राज़ आवेश में कोमल को चुदाई करने लगता है। चुदाई क्या कोमल की चूत की कुटाई शुरू कर देता है। करीब 10 मिनट बाद कोमल एक बार फिर से झड़ जाती है लेकिन राज़ अपनी गति धीमी नही करता। कोमल को अब अपनी छूट में जलन होने लगती है।

राज़ अब अपनी गति बढ़ा कर कोमल की चुदाई करता हैकरीब 15 मिनट बाद राज़ और कोमल साथ झड़ जाते है। राज का वीर्य बहुत ज्यादा निकला था। राज झड़ते हुए कोमल को बहुत गहरे झटके मारता है जिससे राज का लन्ड कोमल के गर्भाशय को खोलकर उसमे वीर्यपात करने लगता है। कोमल का गर्भाशय राज के वीरी की काफी मात्रा अपने मे समा कर बन्द हो चुका था लेकिन अब भी कम से कम कटोरी भर वीर्य कोमल की चूत में था जिसमे से 2 से 3 चमच्च वीर्य तो कोमल की चूत के होंठों से होकर बाहर बिस्तर की चादर पर फैल गया था।

इस चुदाई के बाद कोमल और राज दोनों थक जाते है। दोनों एक दूसरे की बाहों में लिपटे हुए नींद के आगोश के चले जाते है।

दूसरा दिन.....
सुबह 3.45 बजे...

अचानक से जिस कमरे में राज और कोमल सोये हुए थे वो एक हल्की नारंगी और पीले रंग की रोशनी से भर जाता है। राज की इतनी तेज रोशनी से आंख खुल जाती है।

लेकिन कोमल तो ऐसे सो रही थी जैसे कि बेहोश हो गयी हो....

राज एक दम से रोशनी को देख कर डर जाता है और बिस्तर से खड़ा हो जाता है। तभी राज के कानों में एक आवाज सुनाई देती है।

.....मद.... द ..... राज मेरी मदद करो.... वर्षों से इस दर्द से गुजर रहा हूँ। मुझे इस आईने से मुक्त कर दो राज....

ये आवाज राज़ के नाना की थी....

राज़: तभी अचानक से राज़ की आंख खुल जाती है। दरअसल ये सब राज़ अपने सपने मेयो देख रहा था। उसका डरना, वो तेज रोशनी, उसका बिस्तर से खड़े होना सब एक सपना था। राज अपने बाजू में देखता है कि राज के एक हाथ पर कोमल अपना सर रखे सो रही जी। एक हल्की सफेद रंग की चादर कोमल के शरीर को ढके हुए है। ऊपरी बदन कोमल का नग्न अवस्था में है। जगह जगह रात के निशान कोमल के ऊपरी बदन पर थे जो हल्के बैंगनी रंग कर हो चुके थे।

राज कोमल को देख कर मुस्कुरा पड़ता है। तभी उसे याद आता है। नाना जी.... लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है आईने से इतनी दूर मैं और ऐसा स्वपन.... कहीं बात ज्यादा गम्भीर तो नहीं....

राज सुबह 4 बजे उठ कर नहा लेता है। तकरीबन 1घण्टे और 50 मिनट से राज नहा कर बैठा था। ना तो कोमल जाएगी थी अभी और ना ही कोमल की दीदी और जीजा जी... राज बस सबके उठने का इंतजार करता है। करीब 7 बजे कोमल की आंख खुलती है।

राज: गुड मॉर्निंग जान... कोमल उठ कर राज को देखती है और मुस्कुराते हुए गुड मॉर्निंग बोलती है...तभी कोमल को एहसास होता है कि राज उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा रहा है।

कोमल एक बार आंखों को गहरी करके राज से मुस्कुराने का कारण पूछती है लेकिन राज जैसे कोई इशारा ही नहीं देता। तभी कोमल को आने बदन पर ठण्डी हवा का एहसास होता है। कोमल सिहर जाती है... कोमल अपने बदन को देखती है कि वो ऊपर से पूरी तरह नग्न अवस्था में ही और नीचे उसके पैरों के चारों और सफेद चादर लिपटी हुई है।..

कोमल तुरन्त उस चादर को पकड़ कर अपने बदन को छुपाने की कोशिश करती है और शर्म से पानी पानी जो जाती है। राज अब ज्यादा मुस्कुराने लगता है। तभी बाहर दरवाजे पर गुड्डी की आवाज आती है।

गुड्डी: चाय पीनी है तो दरवाजा खोलो जल्दी.... वरना बेड टी ही पीनी है तो मत खोलो...

कोमल गुड्डी की आवाज सुनकर चौंक जाती है। कोमल जल्दी से बाथरूम की तरफ भागती है लेकिन एक असहनीय दर्द की पीड़ा से बेड के नीचे उतरते ही कोमल गिरने वाली होती है कि राज दौड़ कर कोमल को संभाल लेता है। राज कोमल को हल्का सा सहारा देकर बॉथरूम में छोड़ कर आता है और दरवाजा खोलने चला जाता है। कोमल राज को आवाज देती है लेकिन राज नहीं सुन पाता।

राज दरवाजा खोल देता है। दरवाजा क्या शर्मिंदा होने का दरवाजा खोल देता है। गुड्डी जो पहले से अब ज्यादा चिनार और शैतान हो चुकी थी। दरवाजे मैं घुसते ही राज के हाथ मे चाय और नास्ते की ट्रे देकर सीधे कोमल को ढूंढने लगती है। तभी गुड्डी की नज़र बेड पर पड़ती है। बिस्तर पर बिछी बेडशीट कल रात के तूफान की गवाही दे रही थी। और कोमल का खून उस पर सबूत बना हुआ था। राज भी गुड्डी की नज़र का पीछा करते हुए देखता है तो शर्मिंदा हो जाता है। गुड्डी मुस्कुराते हुए बेडशीट निकालने लगती है।

राज गुड्डी को रोकने की कोशिश करता है...

राज़: अरे अरे ये आप क्या कर रही है....
गुड्डी: क्यों...? आप बिस्तर खराब करें और हम साफ भी नही करे... धोना है ना इस लिए ले जा रही हूँ...

कोमल गुड्डी की आवाज बाथरूम में सुन रही थी और कपड़े भी पहन रही थी।

राज अब गुड्डी को नही रोकता...

लेकिन कोमल जल्दी से बाथरूम से बाहर आती है...

कोमल: गुड्डी....? रखो इसे नीचे ... रखो अभी...

मगर गुड्डी कोमल की बात सुनकर चादर लेकर भाग जाती है...

कोमल: बुद्धू कहीं के उसे रोक नहीं सकते थे... अब वो जीजू और दीदी को चादर दिखाएगी...

राज: पर उसने तो धोने के लिए बोला...

कोमल: अच्छा जैसे तो तुम मेरे पति हो... हमारी शादी हो गयी... एक दम बुद्धू...

राज अब कुछ नही बोलता। राज को समझ नही आ रहा था कि वो नीचे शर्मिंदा होगा कि खुश होगा।

कोमल चाय नास्ता ट्रे से लेकर राज़ को बीती है....

कोमल: सुनो... आज हम कही बाहर चलेंगे... तुम्हे कुछ बताना है...

राज़: कहाँ...

कोमल: कहीं नहीं बस तुम्हे कुछ बताना है और कुछ सिखाना है...

राज : ठीक है

करीब दोनो राज़ और दोनों कोमल नीचे आ जाते है... नीचे आकर जब देखते है तो गुड्डी के हाथों में अभी भी कोमल वाली चादर थी...

नया जोड़ा कोमल और राज उसे देख कर शर्मा जाते है वही पुराना जोड़ा कोमल रानी का उस चादर को लेकर मुस्कुरा पड़ते है..
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07-17-2020, 10:48 AM,
#90
RE: Sex kahani द मैजिक मिरर (Tell Of Tilism)
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