Antarvasnasex आप की शशि
06-30-2017, 11:36 AM,
#1
Antarvasnasex आप की शशि
आप की शशि

पार्ट् - 1

दोस्तों मेरा नाम सहर है और अपनी अम्मी और अब्बा जान के साथ रहती हूँ. मैं अपने माँ बाप की इकलौती औलाद हूँ. मेरी उम्र २६ साला की है और खुले विचारों की लड़की हूँ. हा लड़की, अभी मेरी शादी जो नहीं हुई है. घर में computer हैं और मैं नेट पर सेक्स sites visit करती हूँ, नये दोस्त बनाती हूँ और खुल के सेक्स chat भी कर लेती हूँ. नेट का यही तो मजा है. लेकिन मैं अपनी हकीकत हमेशा छिपा के रखती हूँ. कई id तो मैंने मर्दों के नाम के बना रखे है.

यह कहानी मेरी सबसे अच्छी दोस्त शशि कि है. वह ३१ साला कि एक खूबसूरत युवती है और मेरे घर के पास रहती है. वह जितनी होशियार प्यार करने में है उतनी होशियार computer चलाने में नहीं. तो आप समझ लीजिये कि मैं उसकी operator हूँ.

उस के पास computer है पर वों अच्छी तरह चलाना नहीं जानती कभी खुद से चलाने कि कोशिश करती है तो कोई न कोई घपला ही कर देती है. PC उस ने मेरे ही कहने से लिया था internet के लिये.

लेकिन पहले मैं उस के बारे में बता दु she is 31 years old hight 5'3". Matric किया हुआ है. हमारे घर से कुछ फासले पर एक flat में अपने बेटे के साथ रहती है. उस के husband कि death हो चुकी है ३ साला पहले. She is really pretty woman गोरा रंग है और sizes 38d-30-36. २ साला पहले कि बात है मैं अम्मी के साथ market में कुछ शोप्पिंग कर रही थी कि शशि से वहाँ ही मुलाकात हुई. वों भी अपने बेटे के साथ कुछ शोप्पिंग के लिये आई हुई थी. वहाँ अम्मी से उस का तआरुफ़ हुआ. उस ने बताया कि वों इस एरिया में नई आई है और एक फ्लैट में रह रही है और उस के हस्बैंड कि डेथ् हो चुकी है और अपने बारे में बहुत कुछ बताया तो अम्मी ने उसे घर आने कि दावत दे दी.

२/३ दिन बाद वों हमारे घर आई हम से बड़े प्यार से मिली. अम्मी कुछ देर उस के साथ बैठ के चली गयी उन्होने मेरी आँटी के साथ कही जाना था. अब मैं और शशि घर में अकेली थी. मैंने उस को अपना सारा घर दिखाया और अपने छोटे भईया के रूम में जब पहुँचे तो वहाँ उस ने computer देखा.

'अरे ये तो computer है न?'

'हाँ जी शशि बाजी' मैंने कहा.

'मैंने सुना है इस में तो बहुत कुछ आता है' उस ने आंखें नचाते हुए पूछा.

'जी बाजी' 'आप को क्या देखना है?'

'कुछ नहीं मैं तो ऐसे ही कह रही थी मगर मैंने अभी तक इस को चलता हुआ नहीं देखा'.

मैंने PC ओन कर दिया internet तो cable पे ओन ही रहता था. वों मेरे पास ही chair ले के बैठ गई. मैंने जैसे ही explorar ओन किया automaticaly एक porn site का page ओपेन हो गया. शायद रात में भाई कुछ करता रहा होगा. मैंने देखते ही बन्द कर दिया

वों बोली. 'अरि क्यों किया वही तो देखना था'

मेरे दिल जोर जोर से धड़कने लगा मैं शर्मा भी गई और डर भी गई.

'वही लगाओ न देखूँ तो सही क्या क्या आता है इस में. डरो नहीं मैं किसी को नहीं बताऊँगी तुम तो मेरी दोस्त हो और दोस्त ही तो हमराज़ होते हैं' वों मेरी तरफ देख के बोली.

'वों... ये... computer तो मेरे भईया का है पता नहीं कैसे ये.' मैंने सफाई देने कि कोशिश कि.

'कोई बात नहीं यार मैं किसी को नहीं बताऊँगी आप खोलों तो सही'.

उस ने मुझे confidence में लिया और मैंने आखिर एक्सप्लोरर को रेफ्रेअश किया तो वही पेज ओपेन हो गया. उस पर एक लेस्बिअन पिक आ रही थी एक लड़की दूसरी लड़की को पूस्सी (चूत) पे किस्स कर रही थी.

हनी ऐसे किया है कभी तुम ने?

न... नहीं बाजी ये तो मैं देख पहली बार रही हूँ (but have seen so many porn site already in absense of my home mates. लेकिन अभी तक मेरा किसी से भी सेक्स relation नहीं था)

करोगी?

जा... जी? आप क्या कहा रही हो?

कुछ ऐसा भी नहीं कहा रही जो तुम्हें समझ न आये मैं पूछ रही हूँ कि ऐसा करना चाहोगी?

क्यों?

एक बार हाँ कहो तो फिर खुद ही क्यों का मतलब समझ जाओगी.

मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था और मैं डर भी रही थी. मैं कुछ न बोली बस उस कि आंखों में एक अजीब सी चमक देखती रही. उस ने मेरे बाज़ू से मुझे पकड़ा और बेड़ पर ले गई मैं चुप थी कुछ बोल नहीं रही थी.

बेठो! डॉरस तो लोक्क हैं न और कोई घर में तो नहीं न अभी?

नहीं कोई नहीं है और डॉरस भी लोक्क ही हैं क्यों आप क्या करने लगी हो?

कुछ नहीं! आराम से बेठो और डरो नहीं मैं कुछ नहीं करूंगी मैं लड़का नहीं हुँ औरत हूँ और तुम्हें थोड़ा सा मजा दूंगी! अच्छा लगे तो अपनी दोस्ती पक्की वरना दोबारा तुम को कुछ नहीं कहुँगी! ओ के. और उस ने मुझे बेड़ पे बैठा दिया बल्कि लेटा दिया और मेरा ट्राउजर् उतारने लगी मैंने रोकना चाहा लेकिन उस ने मेरी आंखो में देखा तो मैं हिप्नोटाईस् सी हो गई और उस को रोक न सकी. उस ने मेरी कमीज़ ऊपर की मेरी टाँगें खोल दी अब उस के सामने मेरी पूस्सी (चूत) थी और उस ने अचानक ही चाटनी शुरू कर दी. अब मेरी सिसकी बंध गई ऐसा मजा पहली बार जिन्दगी में आया क्या बताँऊ. और यूँ हमारी पक्की दोस्ती शुरू हुई...

मुझे लेस्बिअन सेक्स का पता तो था पर करने का मौका आज पहली बार मिला. शशि एक बच्चे की माँ थी और मुझ से ५ साला बड़ी भी पर इस एक ही मुलाकात ने हम दोनों को पक्की सहेली बना दिया. अब अकसर शशि मेरे घर आ जाती या फिर मैं उसके घर चली जाती. शशि के घर में हम ज्यादा फ्री थे, कारण वहाँ कोई नहीं था. उसका बेटा अभी ३ साला का ही हुआ था.

शशि बेटे को दूध पिला के सुला देती और हम दोनों सहेलियाँ देखते देखते मादर जाता नंगी हो जाती. जो कुछ भी लेस्बिअन फिल्मोन में हो सकता है वों सब हम खुल के करती. शशि के पास एक डिल्डो भी था. कभी शशि मर्द बनती तो कभी मैं.

अब शशि और मुझ में कोई पर्दा नहीं रहा. शशि ने अपनी गुजरी जिन्दगी की दास्तान मुझको बयान की. वों क्या सेक्स से भरपूर, क्या लसीली दास्तान थी उसकी. फिर शशि का उसे मजे ले ले के बयान करने का अन्दाज़. दोस्तों उसकी दास्तान सुन कर मैं अपने आप को रोक नहीं पा रही हूँ और आप सबसे शेयर करने को बेचैन हूँ. आप को यह दास्तान मैं शशि की ज़बान में ही पेश करूंगी.
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06-30-2017, 11:36 AM,
#2
RE: Antarvasnasex आप की शशि
आप की शशि पार्ट् - २

(शशि की कहानी शशि की जुबानी)

मैं शुरू ही से जरा सेक्सी थी इस बात का मुझे बचपन से ही इल्म था क्योंकि मैं और मेरी बड़ी बहन हम दो बच्चे थे अपने माँ बाप के. हमारा घर शहर के पोश एरिया में था और हमारे साथ वाला मेरी खाला का और उन का एक बेटा था कमि. वों मेरी ही ऐज का था मेरी सिस्टर मुझ से २ साला बड़ी थी. खैर हमारे घरों के अन्दर से ही रास्ता भी था सारा दिन आना जाना लगा ही रहता था. मेरा सेक्स कि तरफ रुझान कैसे था कि मेरी खाला के ब्रेस्ट जरा भारी भारी थे और मुझे बड़े अच्छे लगते थे जब मैं बहुत छोटी थी और वों मुझे नहलाया करती थी पर पहले कमि को नहला देती और मेरे साथ खुद भी नहाती और मैं उन कि पीठ पे और कभी कभी उन के ब्रेस्टस् पे साबुन लगाया करती और सोचती कि मेरे कब इतने बड़े होंगे..

और यूँ दिन गुजरते गये मैं ९ बरस कि हो गयी और मेरे सीने पे हल्के हल्के उभार आने शुरू हो गये. मेरी खुशी कि कोई इंतहा न रही मैं रोज रात में इन को दोनों हाथों में ले कर मसाज करती कि जल्दी बड़े हो जाये..

स्कूल से छुट्टियान थी और मैं यूँ ही खाला के घर गई तो खाला घर में नहीं थी मैं इधर उधर कमरों में देखती रही जब मैं कमि के रूम में पहुंची तो जैसे ही दरवाजा खोला वों बिल्कुल नंगा खड़ा था और उस के हाथ में टोवेल था. दरवाजा खुलते देख कर उस ने एक दम टोवेल अपने आगे कर लिया

ओह!!! तुम हो मैं समझा मोम हैं.

नहीं वों तो शायद घर में ही नहीं हैं लेकिन तुम क्या कर रहे हो यूँ कपड़े उतार कर.. मैंने पूछा

कुछ नहीं नहाने जा रहा हुँ...

इतने में उस ने टोवेल अपनी कमर के गिर्द बांध लिया मैं उस का नंगापन तो कई बार देख चुकी थी और वों मुझे भी लेकिन आज जाने क्या हुआ मेरा दिल चाहा कि उस को गौर से देखूँ.

चलो आज खाला नहीं है मैं तुम को नहला दू मैंने कहा.

आह!!! तुम? उस ने मेरी तरफ हँसते हुए देखा. नहीं मैं अब बड़ा हो गया हुँ मैं खुद ही नहा लूंगा तुम जाओ और वों washroom की तरफ चला गया. मैं उस के पीछे गई और जल्दी से उस का टोवेल खिंच लिया. उस ने एक दम अपने आगे टाँगों के दरमियान हाथ रख लिया.

क्या करती हो तुम को शरम नहीं आती उस ने ग़ुस्से से कहा.

केसी शरम मैंने भला तुम को कभी नंगा देखा नहीं न जो? चलो मैं भी साथ नहाऊंगी बड़ा मजा आयेगा

वों पहले तो हिचकिचाया फिर मान गया और वाश रूम में चला गया. मैंने फौरन अपने कपड़े उतारे और मैं भी वाश रूम में आ गई. उस ने मुझे देखते ही मुँह दूसरी तरफ कर लिया. मैंने उसे कंधों से पकड़ के अपनी तरफ किया उस ने मुँह झुका लिया फिर अचानक बोला.

शशि ये देखो तुम्हारे तो ये बड़े हो रहे हैं उस ने मेरे निप्पल को हाथ लगाया तो एक अजीब सी लहर मेरे पूरे जिस्म में दौड़ गई और मेरी एक सिसकी निकल गई.

दर्द हुआ क्या? और उस ने हाथ पीछे कर लिये.

नहीं पकडो इन को. अच्छा लगता हैं.. पकडो न.. उस ने दोनों हाथ मेरे निप्पलस् पे रख दिये. मैंने देखा कि उस का पेनिस हल्के हल्के बड़ा हो रहा है... मैंने उसकी नूनी हाथ में पकड़ ली वों एक झटके से पीछे हुआ.

क्या हुआ? मैंने पूछा दर्द हुआ क्या?

न... नहीं अच्छा लगा. और हम दोनों ही हंस पड़े. वों फिर वापिस मेरे करीब आया मैंने फिर उस का पेनिस हाथ में ले लिया और उस ने मेरे ब्रेस्टस् पे हाथ रख के मलना शुरू कर दिया. उस का पेनिस बड़ा गरम और सख्त (hard) हो गया. अभी इतना बड़ा नहीं था लेकिन मुझे हाथ में पकड़ने अच्छा लगता था. मैं भी उस को ऊपर से नीचे मलने लगी. फिर उस ने मेरे होंठों पे किस्स किया. मुझे ओर भी अच्छा लगा फिर उस ने शोवेर खोल दिया और यूहि हम काफी देर नहाते रहे...

अब ये सिलसिला रोज ही होने लगा जब भी हमें मौका मिलता हम घर वालों से छुप के मिलते और मैं उस का पेनिस पकड़ लेती और वों मेरे ब्रेस्ट पे मसाज करता. इसी दौरान मेरे period start हो गये और फिर मेरे वहाँ पे हल्के हल्के ब्राउन कलर के बाल आने लगे और मैंने इस सिलसिला में बाजी से बात की. वों हँसी और उस ने मुझे बताया कि सब के ही आते हैं कोई बात नहीं और उस से मतलिक सब बातें कुछ बाजी ने बताई और कुछ कमि ने. खैर अब मैं कमि से जरा दूर होने लगी . मुझे अब जाने क्यों शरम आने लगी....

इस दौरान उस का boarding house में addmission हो गया और वों दूसरे शहर चला गया मैं खुद को अकेला अकेला महसूस करने लगी पर क्या करती.... कर ही क्या सकती थी... अपने ब्रेस्टस् से खुद ही खेलने लगी अपने हाथ उन पे रख के उस के हाथों का अहसास करती रही फिर खाला बीमार हो गई. इकलौते बेटे कि जुदाई बर्दाश्त न कर सकी और खल्लो ने उसी शहर में transfer करवा ली और वों सब भी वहाँ चले गये.... अब तो मैं ओर भी अकेली हो गयी.

यूँ पांच बरस गुजर गये इस दौरान मेरा जेहन भी आहिस्ता आहिस्ता उस साथ से हट गया. सेक्स से हट गया मैं भी पढ़ाई में मसरूफ़ हो गई. पर मेरे ब्रेस्ट वक्त के साथ साथ अपनी रफ्तार से कुछ ज्यादा ही बढ़ गये. वों यूँ के matric मैं मेरी एक दोस्त गई शीला. और वों भी कुछ सेक्सी निकली जाने क्यों मुझ पे फिदा हो गई. मेरी क्लास में मेरे ब्रेस्ट सब से बड़े और उठे हुए थे अब उन का साईज ३०-D हो चुका था...

एक दिन सुबह सुबह prayer time पे मेरी और शीला कि क्लास में duty थी बाकी सारा स्कूल ground में था. मैं अपनी seat पे बेठी थी के शीला मेरे पास आई.

एक बात कहुँ नाराज तो नहीं होगी तुम उस ने मेरी आंखों में देखते हुए कहा

नहीं बोलों क्या बात है?

मुझे डर लगता है तुम नाराज हो जाओगी.

नहीं यार बोलों न तुम मेरी सब से अच्छी दोस्त हो बोलों क्या बात है कोई चीज चहिये क्या? मैंने उस का हाथ पकड़ के कहा .

हां एक नहीं दो चीज़ै चहियैन. क्या दोगी बल्कि सिर्फ दिखा दो...

क्या दो चीज़ै? मैंने हैरान हो के पूछा.

ये. उस ने अपने दोनों हाथ मेरे ब्रेस्ट पे रख दिये.. मेरे पूरे जिस्म में एक बार फिर वोहि लहर दौड़ गई .

हैं!!!! क्या करती हो ये स्कूल है शीला मैं एक दम पीछे हटी .

तो क्या हुआ यहाँ कोई और तो नहीं है न हमारे सिवा. एक बार दिखा दो न प्लीज मुझे तुम्हारे ब्रेस्ट बड़े अच्छे लगते हैं प्लीज.... मेरे अन्दर के सेक्स ने फिर से सिर निकाल लिया. इतने में उस ने दोनों हाथ मेरे बूब्स पे रख दिये और अब मैंने उसे मना नहीं किया और न ही पीछे हुई.. मुझे अच्छा लगा बल्कि बहुत ही अच्छा मेरे मुँह से हल्की सी सिसकी निकल गई.

शीला आहिस्ता यार दर्द होता है. उस ने हाथ ह्टाए और मेरी कमीज़ ऊपर करनी चाही.

यहाँ नहीं तुम मेरे घर आना आज मैं दिखा दूंगी प्लीज यहाँ नहीं.

वादा करती हो न मैं शाम में आऊंगि

ओ के

ओ के उस ने मेरी आंखों में देखते हुए कहा.

हां पक्का वादा दिखा दूंगी यार मैंने वादा किया.

उस दिन तो मुझ से स्कूल में बैठा नहीं गया कब छुट्टी हो और कब हम घर जाये. खैर शाम हो ही गई और शीला मेरे घर आ गई मैं उसे ले के अपने कमरे में आई. बाजी शुक्र है घर में नहीं थी. वों भी अपनी किसी दोस्त कि तरफ गई हुई थी. रूम में आते ही उस ने पीछे से मेरे बूब्स पे दोनों हाथ रख दिये और जोर से दबाया मेरी तो चीख ही निकल जाती.

हैं क्या करती हो इतनी दीवानी न बनो जान. डौर तो लोक्क करने दो मैंने दरवाजा लोक्क किया और उस की तरफ पलटी. इतने में उस ने अपनी कमीज़ उतार दी उसकी ब्लैक ब्रा में व्हाईट व्हाईट गोल गोल और छोटे छोटे ब्रेस्ट बड़े प्यारे लग रहे थे. उस ने मेरी कमीज़ भी उतार दी मैंने स्किन कलर की ब्रा पहनी हुई थी. उस ने वों भी खोल दी अब मेरे बूब्स खुली फिज़ा में आजाद थे. उस ने दोनों हाथों से उन का वैट किया. हाथों में उठा उन को मसाज करने लगी. मेरे पिंक निप्पलस् को उंगलियों में दबाने लगी

ऍह अह ह!!! क्या करती हो इस तरह दर्द होता है यार मेरी आंखें बन्द थी

स्श्ह्ह्ह!! चुप जान मजा लो. उस ने मेरे कान में फुसफुसाहट कि और मेरे निप्पलस् पे कुछ गिला गिला लगा. मैंने आंखें खोल के देखा तो वों उस कि ज़ुबान थी. उस ने लिक्क करना शुरू किया. मेरे लेफ्ट बूब पे फिर राईट पे. निप्पल तो निप्पल फिर क्या था उस ने निप्पल मुँह में डाल लिया और किसी भूखे बच्चे कि तरह चूसने लगी. दूसरे हाथ में मेरा दूसरा बूब था.

ऍह अह अह उह उह उह है मैं मर जाऊन गि आह आह आह मेरी सिसकियाँ निकलने लगी और मेरी टाँगों के दरमियान कुछ गिला गिला महसूस होने लगा. मैं समझी शायद युरिन निकल गया है. मैंने हाथ लगा के देखा तो कुछ गाड़ा गाड़ा सा था. फिर वों मुझे बेड़ पे ले आई और मुझे लिटा दिया और खुद मेरे ऊपर आ गई और फिर तो उस ने मेरे बूब्स ऐसे चूसे के मेरे होश ही उड़ गये. मेरी पूस्सी (चूत) में से वोहि गाड़ा गाड़ा सा जाने क्या बहुत सा निकला. मेरी पेंटी भर गई मैंने शीला को बताया तो वों हँसने लगी.

जान तुम रिलेक्स हुई हो ऐसा पहले कभी नहीं हुआ क्या?

नहीं यार मेरी तो टाँगों में से जान ही निकल गई है जैसे...

ओ के ठीक है तुम रिलेक्स हो गई हो अब हम आराम करते हैं और वों मेरे ऊपर ही लेट गई. उस के ब्रेस्ट मेरे बूब्स के ऊपर थे. मैं लम्बे लम्बे सांस ले के अपनी सांस ठीक कर रही थी. ऐसा मजा आया के क्या बतऊन. ये मेरी जिन्दगी का पहला रिलेक्स था... बड़ा ही अच्छा लगा बड़ा ही मजा आया.... और यूँ हमारी दोस्ती और भी पक्की हो गई. और ये बूब सक्किंग चलने लगी के हमारे मेर्टिक के एग्साम्स आ गये और हम स्कूल से फ्रि हो गये और पढ़ाई घरों में होने लगी...
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06-30-2017, 11:36 AM,
#3
RE: Antarvasnasex आप की शशि
आप की शशि पार्ट् – 3

(पार्ट - ३ शशि कि कहानी और लिसेन इट इन शशि वर्डस)

हां तो मेर्टिक के एग्साम्स के लिये स्कूल से हम फ्रि हो गये थे लेकिन बूब सुक्किंग कि ऐसी आदत सी हो गई थी कि क्या कहुँ एक दिन भी नहीं रहा जाता था. शीला कभी मेरे घर आ जाती और कभी मैं उस के घर चली जाती और हम बहुत मजा करते. इसी तरह दिन गुजरने लगे और फिर एग्साम्स स्टार्ट हो गये और आना जाना कम हो गया.

एक रात मैं अपने कमरे में स्टडी कर रही थी के खुद ब खुद मेरा हाथ मेरे लेफ्ट ब्रेस्ट पे चला गया वैसे तो मैं स्टडी कर रही थी लेकिन दिमाग उसी सेक्स कि तरफ था. मैं अपने ब्रेस्ट को मसाज करने लगी. मेरी सांसें तेज़ होने लगी और नीचे वोहि गिला गिला. मैं उठी और रूम का डोर लोक्क किया और आईने (मिरेर) के सामने आ गई. मैंने अपनी कमीज़ उतार दी फिर ब्रा भी. आईने में अपने बूब्स को देखने लगी. काफी बड़े थे मेरी कमर २६ होगी और ब्रेस्ट उस वक्त ३० के. या शायद कुछ बड़े क्यों के ३० की ब्रा जरा टाईट ही आती थी. निप्पलस् मेरे पिंक और जरा छोटे थे और उन का डैर भी छोटा ही था.

खैर मैं उन को मलने लगी निप्प्लेस हार्ड हो गये थे उँगली में दबाती. हाथों में भरती मसाज करती. मैं अपने बूब्स से खेलने लगी मजा आने लगा और फिर मैंने अपनी शलवार भी उतार दी. ड्रेसिंग टेबल के बड़े से मिरेर में अब मैं खुद को अपने नीस तक देख सकती थी. मेरी नज़ेर अपने पयुबिक हेयर्स पे पड़ी काफी बड़े हो रहे थे लेकिन थे ब्राउन कलर के. मैं उन में उंग्लियान फेरने लगी और मेरा हाथ मेरी पूस्सी (चूत) को भी टच हो रहा था. मैंने मिरेर में गोर से देखा मेरी पूस्सी (चूत) भी छोटी सी थी. और उस के देर्मिआन से वोहि गिला गिला निकल रहा था. मैं एक फिंगेर अपनी पूस्सी (चूत) के देर्मिअन डाल पूस्सी (चूत) लिप्स को अलग की तो एक धार सी घरे से पानी कि निकल के मेरी थाईस तक बेह गई. अरे ये क्या है मैंने सोचा, मेरी पूस्सी (चूत) लिप्स के देर्मिअन एक हार्ड सा कुछ था. मैं झुक गई और दोनों हाथों से लिप्स को अलग किया और गोर करने लगी. एक दाना सा था पर थोड़ा सा हार्ड हो रहा था.

उस पे जैसे ही फिंगेर लगै तो एक लहर मेरे पूरे बादन में दौड़ गई अह अह.

ये क्या है इस को छेड़ने से तो बड़ा मजा आया. लेकिन खड़े खड़े वहाँ हाथ रखने में मजा नहीं आ रहा था मैं बेड़ पे आ कर बैठ गई और अपनी टाँगें खोल ली. और उँगली से उस को छेड़ने लगी ऊपर से नीचे अह अह ओह ओह बड़ा मजा आ रहा था और हाथ तेजी से चलने लगा. चलता रहा चलता रहा. और सांसें तेज़ हो गई. दिल जोर से धड़कने लगा. लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था. आखैन बन्द हो रही थी. और फिर मैं रिलेक्स हो गई अह अह ह उह उह हुम हुम. बहुत ही ज्यादा व्हाईट गिला गिला निकला. बड़ा मजा आया......

लेकिन जैसे मेरी टाँगों से जान सी निकल गई. बादन सारा पसीने से भर गया..... और मैं जाने कब सो गई.

अगले ही दिन एग्साम्स था पर क्या करती सारा टाईम रात का नशा दिमाग पे छाया रहा और कुछ भी न लिख पाई. खैर वहाँ से शीला के साथ उस के घर आ गई. हम जैसे ही घर पहुँचे उस कि मम्मी कही जा रहीं थी. एग्साम्स का पूछा और फिर चली गई. मैंने उन के जाते ही शीला को पकड़ लिया.

ये तुम ने क्या कर दिया है शीला कि बच्ची. किसी काम का नहीं छोड़ा मुझे

क्यों क्या हुआ उस ने मुसकुराते हुए पूछा.

रात में खुद ही एक न्यू एक्सपेरिमेंट किया है. आ जरा तुझे भी बतऊन मैंने उसे बेड़ पे लिटा दिया और उस कि तुरंत शलवार उतार दी टाँगें खोल दी और खुद दरमियान मैं बैठ गई और उस कि छोटी सी पूस्सी (चूत) पे हाथ फेरने लगी.

अरे ये क्या कर रही हो उस ने हेरांगी से पूछा

श्ह्ह खामोश! मैंने उँगली अपने होंठों पे रख के उसे चुप करवाया.

मजा लो बस. इट्स न्यू वै फोर रेलेक्सिंग

ओ के और वों खामोशी से लेट गई. मैं अब हल्के हल्के उस के पूस्सी (चूत) लिप्स पे उंग्लिआन फेरने लगी. उसे गुदगुदी हो रही थी वों कभी अपने हिप्स उठाती कभी नीचे करने लगाती. मैंने एक उँगली उस के पूस्सी (चूत) लिप्स के देर्मिअन कर दी उस का दान भी हार्ड हो चुका था. मैं उस को सहलाने लगी. उस को छूने लगी ऊपर से नीचे.

उस के मुँह से, ऍह अह शशि अह क्या बात हैं बहुत मजा आ रहा है. वाउ इट्स वंडरफुल यार आह आह आह उस कि आंखें बन्द हो गई थी. मैं उस के दाने से खेलती रही और अब उस कि पूस्सी (चूत) में से गिला गिला निकल रहा था. मेरी पूस्सी (चूत) भी वेट् लग रही थी. मैंने उँगली कि रफ्तार तेज़ कर दी. उस का पूरा बादन तन गया और वों रिलेक्स हो गई इतनी ज्यादा के क्या कहुँ. मेरा हाथ भर गया. और फिर उस कि बोडी ढीली पर गई. वों तेज़ तेज़ सांसें लेने लगी.

ग़्रेअट यार शशि यू आर रियली गूड. क्या नय तजर्बा किया है. आज तो ऐसा मजा आया के क्या कहुँ. आह उस ने आंखें बन्द रखते हुए ही आहिस्ता से कहा.

चलो ज्यादा मजा नहीं लो अब मेरी बारी है. कम ओन बेबी लेट्स् डू इट् विद माई पूस्सी (चूत) नाउ और मैंने खुद ही अपनी शलवार उतार दी और टाँगें फैला के बेड़ पे लेट गई और वों मेरी टाँगों के देर्मिअन आ गई .

अरे शशि! तुम्हारी पूस्सी (चूत) तो बाहर को निकली हुई है लगता है रात तुम ने कुछ ज्यादा ही रब कर लिया इस को. स्वेल्ल हो रही है. मैंने उठ के देखा तो मेरे पूस्सी (चूत) लिप्स वाकई स्वेल्ल हो रहे थे.

हां हो तो रहे हैं लेकिन कम ओन यार जल्दी, फिर तुम्हारी मोम न आ जाये और वों स्टार्ट हो गई....... रात खुद से करने का तो जो मजा आया ही आया लेकिन किसी दूसरे के हाथों से पूस्सी (चूत) रब करवाने का और ही मजा है. ऍह आह उह ओह्ह क्या बात है शीला ने ऐसा मजा दिया कि क्या कहुँ......

और यूँ हम ने सेक्स का एक और न्यू वय तलाश कर लिया. अब हम बूब सुक्किंग के साथ साथ पूस्सी (चूत) रबिंग के मजे लेने लगे... पूस्सी (चूत) रुबिंग में कभी कभी हमारी उंग्लिआन पूस्सी (चूत) के उन्देर भी चली जाती लेकिन अभी हमें फिंग्रिंग का पता नहीं था और हम डरते भी थे कही कुछ उलटा ही न हो जाये.

एग्साम्स खतम हुए. जान छूटी. और हम यून्हि मिलते रहे. फिर एक दिन जब मैंने शीला के यहाँ फोन किया के मैं आऊं या वों आ रही है तो पता चला के वों अपनी मोम के साथ अपने अंक्ल के यहाँ दूसरे सिटी चली गई है अचानक. पता नहीं कब आयेगी और मैं परेशान हो गई....
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06-30-2017, 11:36 AM,
#4
RE: Antarvasnasex आप की शशि
आप की शशि पार्ट् – 4



शीला तो चली गई थी और मैं उदास थी के अब क्या करुँ अकेले ही सब कुछ करना होगा.... दो मंथ बाद मेरी डैड मोम और सिस्टर कि कार एकसिडेंट में डेथ् हो गई. ये हादसा तो जैसे मेरे लिये कयामत ही ले आया मैं नीम पागल सी हो गई. मेरी ऐज उस वक्त तक़्रिबन १४ और हाफ होगी. घर में एक कुहराम मच गया. सब रिलेटिवस आये. और मैं चूंकि अकेली रह गई थी मुझे खाला अपने साथ ले गई अपने घर जो कही दूसरे सिटी में था...

इस हादसे कि वजह से मैं तो जैसे एक सन्नाटे में थी पता नहीं कितने दिन गुजर गये मुझे पता ही नहीं कोन कोन आया अफ़सोस के लिये और फिर आहिस्ता आहिस्ता वक्त के साथ साथ सब कुछ अपनी पोजिशन में आने लगा....

मेरा रिजल्ट आ चुका था मैं बुरी तरह फेल हो चुकी थी.... क्यों न होती स्टडी ही कहा कि थी.... मजे किये थे.... और वैसे भी मेरा पढ़ाई से जी उचाट हो चुका था कुछ भी अच्छा नहीं लगता था.... माईंड धीरे धीरे फिर पुरानी यादों कि तरफ जाता और मेरे हाथ खुद ब खुद अपने ब्रेस्टस् पे आ जाते लेकिन कुछ भी पूरी तरह कर न पाती के आंखों से आंसू रफान हो जाते......

एक दिन यूँ ही मैं उदास अपने कमरे में बेठीक थी कि कमि मेरे कमरे में आया. मैं आज उसे पहली बार गोर से देख रही थी. वों काफी बड़ा हो गया था ये भारी भारी बोडी लम्बा कद. चोडे कंधे और छाती. बोअर्दिंग हाउस में काफी मेहनत कि थी उस ने.... उस ने आते ही कहा .

ऍये क्या हो गया है तुम को बस करो न अब जिन्दगी ऐसे तो नहीं गुज़रती चलो उठो आओ मैं तुम्हें बाहर ले चलता हुँ और उस ने मेरा हाथ पकड़ के उठाया.

नहीं कमि मेरा दिल नहीं है मैंने मना किया.

ऑह हो! मुझे अपना दोस्त समझती हो न याद है बचपन में तुम मेरी हर बात मानती थी उस ने मेरी आंखों में देखते हुए कहा.

हां अब मानती हुँ और मानती रहूनगि तुम ही तो अब मेरे एक दोस्त हो जिस से मैं दिल कि हर बात कर सकती हुँ लेकिन अभी मेरा बाहर जाने का मन नहीं है मैंने हाथ छुडाया और फिर बेड़ पे बैठ गई और वों भी मेरे पास बैठ गया सिर झुक के जाने क्या सोचने लगा... मैं अपने आप में गुम थी...

याद है शशि हम ईकठे नहाया करते थे.... मैंने उस कि आंखों में देखा एक अजीब सी चमक थी.

हां याद है. सब याद है और ये भी के तुम मुझे छोड़ के चले गये थे.. मैंने सिर झुकाते हुए कहा और मेरी आंखों में आंसू आ गये.

अरे वों तो मेरी मजबूरी थी और मैं कौन सा अपनी खुशी से गया था मोम कि ख्वाहिश थी वों मेरे और करीब हो गया ऐर दोनों हाथ मेरे चेहरे पे लाकर मेरे आंसू साफ किये और मैं उस के गले लग गई. उस ने भी बाजू मेरे पीछे लाकर मुझे अपने साथ लगा लिया. मुझे बहुत अच्छा लगा युन्हि हम काफी देर एक दूसरे से लिपटे रहे..

शशि एक बात कहुँ नाराज न हो उस ने मुझे पीछे हटाते हुए कहा.

क्या? मैंने उस कि आंखों में देखते हुए पूछा.

हम वाकई बड़े हो गये हैं कैसे?

क्या मतलब मैं समझी नहीं?

ये देखो जरा.... उस ने हाथों से मेरे बूब्स कि तरफ इशारा किया और मैं शर्मा गई और अपना दुप्पटा अपने सीने के सामने कर लिया.

शरम नहीं आती मैंने उसे कहा

शरम किस बात कि? हम में भी शरम है क्या? वैसे तुम जो चाहती थी बचपन से वों ही किया न उस ने मुस्कराते हुए कहा ... और मुझे याद आ गया के जब हुम दोनों साथ साथ नहाया करते थे तो मैं खुद ही कमि के हाथ अपने निप्प्लेस पे रख कर उस को दबाने को कहती थी एक अजीब सा मजा आता था मुझे. पुरानी याद एक फिल्म कि तरह मेरे दिमाग में चलने लगी......... मुझे होश जब आया के कमि के हाथ मेरे बूब्स पर लगे.

ऍह!! क्या कर रहे हो कोई आ जायेगा...

कोई नहीं आयेगा शशि घर में कोई नहीं है मोम बाहर गयी हैं हम दोनों अकेले हैं. जरा देखूँ तो सही क्या बनाया है तुम ने इतने सालों में. अरे ये तो बड़े नरम हैं वअव!!!! और अब उस के दोनों हाथ मेरे ब्रेस्टस् पर थे मेरे पूरे बादन में एक लहर से दोडने लगी आज बड़े दिनों बाद किसी ने मेरे ब्रेस्टस् को छुआ था. वोहि सेक्स का नशा. खुमार सा मेरे दिल ओ दिमाग पे छाने लगा. ऍह आह आह कैसा अच्छा लग रहा था वों दोनों हाथों में मेरे बूब्स को भर रहा था मल रहा था मसल रहा था प्यार से सख्ती से मेरी तो आँखें बन्द हुई जा रही थी और सांसें तेज़ तेज़... आह मेरे मुँह से सिसकी निकल गई

आहिस्ता कमि आहिस्ता जोर न लगओ दर्द होता है!!!! वों तो जैसे दीवाना हो रहा था मेरे बूब्स को अपने हाथों में ले कर और मेरा भी हाल कुछ पागलों का सा था.... उस ने मेरी कमीज़ ऊपर करनी चाही.

नहीं कमि नहीं लेकिन मैं भी तो ये ही चाहती थी कोई तो इन से खैले कब से मेरी छतियान उदास हैं प्यासी हैं आह आह ओह ओह्ह और मैं जरा सा उठी अपनी कमीज़ अपने नीचे से निकालने दी और उस ने मेरे ब्रेस्टस् तक कमीज़ उठा दी और एक दम मेरी ब्रा भी उठा दी मेरी कमीज़ और ब्रा मेरे गले में थी. मैं खुद अपनी छतियान देख नहीं सकती थी लेकिन वों देख रहा था. मैंने आँखें खोली और उस कि आंखून में देखा एक चमक थी उस ने मुझे बेड़ पे लेटा लिया था.

वोव!!! शशि बहुत प्यारे हैं तुम्हारे मुम्मे.

क्या कहा मुम्मे.. मैंने आहिस्ता से पूछा.

हा यार इन को और क्या कहते हैं मुम्मे. छात्तियान. ब्रेस्टस् और बूब्स क्या कहुँ बात तो एक ही है न.. उस ने मेरी तरफ देखते हुए कहा और उस के हाथ एक बार फिर मारे बूब्स पर आ गये वों इन को मसाज करने लगा. उस के हाथ बोहथ होट थे. अच्छे लग रहे थे. मेरे बूब्स भी बहुत गरम हो रहे थे. उस ने मेरे लेफ्ट निप्प्ले को उंग्लियुन में दबाया. मेरी आह निकल गई और फिर उस ने राईट निप्प्ले को भी उंग्लियुन में ले लिया और खुद मेरे ऊपर आ गया और उस ने अपने गरम गरम होंठ मेरे होंथून पे रख दिये. ये पहली किस्स थी के मैं झूम गई. और वों मुझे चूम्ने लगा. चूमता रहा. मैं भी अब उस का साथ देने लगी मेरी धर्कन और भी तेज़ होने लगी लेकिन मजा था के क्या कहुँ...

उस ने होंठ मेरे होंठो पे रखे रखे अपने ज़ुबान मेरे मुँह में डालनी चाही. मैंने भी मुँह खोल दिया और अब उस कि ज़ुबान मेरी ज़ुबान से टच कर रही थी. हाथ अभी भी मेरे बूब्स को सहला रहे थे. वों पूरा मेरे ऊपर लेटे हुआ था. मेरी रानों पे कुछ गरम गरम हार्ड सा लग रहा था. मेरे नीचे से तो जैसे शोवेर चलने लगा था मेरी शलवार भर गई थे. वों अब मेरी ज़ुबान अपने मुँह में ले कर चूस रहा था...... फिर उस ने मेरी कमीज़ और ब्रा का फन्द मेरे गले से निकल दिया और अब मैं सिर्फ शलवार में थी और आंखें बन्द किये लेटी थी.

है शशि मजा आया? ... अब हम वाकई बड़े हो गये है न? उसने बैठते हुए पूछा

हां बहुत बड़े. मैंने आँखें बन्द ही रखते हुए कहा

अरे उठ बेठो न और आँखें तो खोलों यार उस ने मुझ भी उठा के बिठा दिया पर मैंने आँखें नहीं खोलैन मुझे बड़ी शरम आ रही थी...

ऍअंखैन तो खोलू न कुछ दिखाना है तुम को....

नहीं खुल रहीं न शरम आ रही है. यार
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06-30-2017, 11:37 AM,
#5
RE: Antarvasnasex आप की शशि
अच्छा ये लो पकडो जरा... और मेरा हाथ उस ने पकड़ के एक गरम सी मोटी सी लम्बी चीज पकड़ा दी. और मेरी आँखें खुद ब खुद ही खुल गई. मैंने देखा ये उस का पेनिस था जो कि उस ने अपने ट्राउजर् कि ज़िप खोल कर बाहर निकल हुआ था... मैंने एक दम हाथ हटा लिया...

किया हुआ जान ये वहीं है जिस से तुम खेलती रही हो..

हां लेकिन ये इतना बड़ा और मोटा कैसे हुआ? मेरी तो आँखें हो फैलने वाली हो रही थी उस का पेनिस देख कर.

जैसे तुम्हारे ये बूब्स बड़े हो गये तो ये भी तो बड़ा होना ही था न उस ने मेरे बूब्स को हाथ लगते हुए कहा और हम हँसने लगे. और फिर मैंने खुद ही उस का पेनिस हाथ में ले लिया वों मेरे हाथ से बड़ा था और काफी मोटा भी.

कमि बूब्स को मुम्मे और छतियान कहते है इस को क्या कहते है मैंने पूछा.

ऑह इस को! लंड. लंड. ळुल. ळुला. पेनिस. डिक्क और कोक् भी कहते है अब जो तुम्हें अच्छा लगे कहा लो उस ने मारे कान के करीब अते हुए कहा और अपनी ज़ुबान मेरे कान कि लो को लगै एक झुरझुरी सी आ गई मुझे.

व इस के इतने नाम. मुझे तो कोक् या लंड अच्छा लगता है. और तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है ये आज से मेरा हुआ. तुम ये मुम्मे ले लो! ओ के मैंने उस कि आंखून में आँखें डालते हुए कहा.

हां ये तो है ही तुम्हारा जान पर मैं सिर्फ मुम्मे नहीं लूंगा एक और चीज भी देनी होगी इस के बादले में और वों ये है.... उस का हाथ मेरी टाँगों के देर्मिअन में गया और उस ने मेरी पूस्सी (चूत) को छुआ. आह आह.

हां ठीक है ये भी ले लो ये तो मुझे बहुत ही तंग करती है वैसे इस को क्या कहते है? मैंने टाँगें खोलते हुए कहा ताकि उस का हाथ आसानी से मेरी पूस्सी (चूत) को छू सके..

इस को! फुदि. चूत और पूस्सी (चूत) कहते है. स्वीट शशि और अब उस का हाथ मेरी पूरी पूस्सी (चूत) के ऊपर था और वों उसे मल रहा था. मजा आने लगा.

अरे ये तो गिलि हो रही है. जरा देखूँ मैं.... उस ने मेरी शलवार भी उतार दी.

हां हां क्यों नहीं आज से ये भी तो तुम्हरि ही है देखा केसी है... मैंने हिप्स उठ कर उस को शलवार उतारने दी. उस ने शलवार बेड़ से नीचे रख दी और अब मैं बिल्कुल नंगि थी उस ने मेरी टाँगें खोली और मेरी चूत के लिप्स पर हाथ फेरने लगा. मेरी आँखें फिर बन्द होने लगी मैं उस का हाथ पकड़ा और एक उँगली अपने क्लीट् पे रख ली.

ये बड़ा तंग करता है इस को तो जरा पूँछों और वों मेरे क्लीट् से खेलने लगा... मैं भी उस का साथ देने लगी और अपनी हिप्स को कभी उठाती कभी नीचे करती. अब उस कि उँगली ऊपर से नीचे तक जा रही थी मेरी चूत के होल तक.

हये कमि मैं मर जऊनगि ये क्या कर दिया है तुम ने आह आह बड़ा मजा आ रहा है और तेज़ करो और तेज़.... मेरी तो जैसे जान ही निकली जा रही थी . सांसें बहुत तेज़ हो रही थी.

अभी मैं तुम्हें ओर भी मजा देने वला हुँ ऐसा मजा के तुम को कभी भी न आया होगा उस ने कहा और फिर उस ने अपने कपड़े भी उतार दिये अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे और साथ साथ लेट हुए थे. मैंने उसे गोर से देखा मैं फर्स्ट टाईम किसी जवान मर्द को नंगा देख रही वों बड़ा ही प्यारा लगा रहा था. वोव क्या body थी मैं सीधी लेटी थी.

अब जान एक जंग के लिये तैयार हो जऊन तुम पर एक बड़ा हमला होने वाला है उस ने कहा और मेरे ऊपर लेट गया उस का कद मुझ से बड़ा था. और उस का मोटा लम्बा लंड बहुत ही हार्ड लगा रहा था.

i m ready jaan come on जो चाहो करो जैसे चाहो कर लो मैं तैयार हूँ मैंने भी जोश से भरी आवाज़ में कहा...... और वों मेरा ऊपर आ गया. मैं बेड़ के देर्मिअन में लेटी थी उस ने मेरे बज़ू उपेर्केर लिये. मेरे हाथ से किस्सिंग स्टार्ट कि हाथों पे बाजूओ पे आर्म पिठ पे कंधों पे गर्दन पे माथे पे आंखून पे नाक पे चिक्स पे चिन पे. वों मुझे चुम्त्त हुआ मेरे हूंतून पे आ गया. मेरे सार बादन उस कि किस्सेस से बहुत ही होट् हो चुका था. उस का हार्ड लंड मेरे पेट पे लग रहा था. वोव क्या नशा था मैं तो मदहोश सी हो गयी. उस ने अपनी ज़ुबान मेरे मुँह में डाल दी मैंने भी पूरे जोर से उस कि ज़ुबान चुसनी शुरू कर दी. फिर मैंने उस के मुँह में ज़ुबान डाल दी उस ने भी बड़े जोश से चूसि फिर वों ज़ुबान से लिक्क करता हुआ मेरे गले से होता हुआ मेरे बूब्स पे आ गया और लेफ्ट निप्प्ल के गिर्द ज़ुबान फिराने लगा. फिर उस ने अपने पूरे मुँह में मेरा लेफ्ट बूब डाल लिया और सुक्क करने लगा मैं दर्द से कराहने लगी.

आह अह आह्ह्ह्ह हा हाअ कमि आहिस्ता आहिस्ता मैं मर जऊनगि यार और उस ने जरा भी तरस नहीं खय और ज्यादा जोर से सुक्क करने लगा. फिर राईट बूब के साथ भी ऐसा ही किया. मेरी तो सिस्किआन ही बंध गई दर्द भी बहुत हो रहा था लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था. मेरी पूस्सी (चूत) बहुत ही वेट् हो गई थे के मैं रिलेक्स हो गई. ऐसे तो कभी शीला ने भी मुझे सुक्क नहीं क्या था.

ऍह्ह्ह अह अह्ह अह ओह ओह ओह ओह ह्ह हा मेरी आवाज और बुलन्द हो गई थी और फिर वों ज़ुबान से लिक्क करता हुआ मेरे पेट और फिर नाफ पे आ गया. नाफ के अन्दर ज़ुबान डाल दी.

आह आह उह्ह उह्ह हुम हुम्म्म्म्म्म्म इस का भी एक नय मजा था. फिर वों मेरे पयुबिक हेयर्स पे आ गया और बालून में ज़ुबान चलने लगा. मैंने जरा सी हिप्प्स उठ दी फिर वों मेरी थाईस पे नीस पे पिंडलीयों पे पैरून पे और पैरून कि उंगलियों को उस ने अपने मुँह में डाल लिया. एक अजीब सी गुदगुदी थे मेरी तो जान ही निकल गई. मैं बोलन्द आवाज़ में सिस्किआन लेने लगी.

आह कमि बस करो जान मैं मर जऊन गि आह आह अह आह्ह्ह्ह अह्ह है ज़लिम क्या कर दिया हैं तुम ने मुझे अय मैं एक बार फिर रिलेक्स हो गई. जाने इस काम का क्या एंड् था मैं सोच रही थी के उस ने मेरी टाँगें फैला दी और खुद मेरी चूत के पास आ गया. पहले उस ने मेरी चूत पे हाथ फेरा और अपना मुँह और करीब ले आया और फिर जैसे ही उस ने मेरी पूस्सी (चूत) को किस्स किया मैं तो सातवेन आसमान में उड़ने लगी.

ऍह अह अह ये क्या कर रहे हो ये गंदी जगह हैं.

ये ही तो सब से प्यारी जग है मेरी जान अब देख मैं तुम्हें कैसा मजा चखत्त हुँ उस ने कहा और अपने ज़ुबान से मेरी चूत के दोनों लिप्स को चाटने लगा और फिर उस कि ज़ुबान मेरे क्लीट् पे आ गई. एक नय सरूर था क्या बताओन आह आह अह और उस ने मेरे क्लीट् को दंतून में ले लिया मेरी चीख निकल गई.

जोर से चेखो चिलाओ मैं नहीं आज छोड़ने वाला और वैसे भी घर में कोई नहीं जो दिल में आत्त है करो उस ने कहा और मैं जोर जोर से चीखने लगी. मुझ चीखने में भी मजा आ रहा था और वों था के जैसे मेरी पूस्सी (चूत) ख ही जायेगा और फिर उस ने अपनी ज़ुबान मेरी चूत के होल में डाल दी अन्दर और अन्दर.

ऍह्ह अह्ह्ह कमि मैं मर जऊनगि क्या कर रहे हो बस करो आह्ह्ह और मैं फिर एक बार रेलेअस हो गई. इस बार सारा गिला गिला उस के मुँह में ही चला गया. आह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह मेरी तो टाँगों में से जान ही निकल गई है और मैं बेसुध हो के लेट गई. वों भी मेरे साथ आ के लेट गया और अब उस ने मेरा हाथ अपने लंड को लगाया. वों अब जरा कम हार्ड था मैंने पकड़ लिया और उस को मलने लगी सहलाने लगी.... वों फिर से हार्ड होने लगा.

चलो अब तुम्हरि बारी और वों खड़ा हो गया. मुझे भी उठ के बिठा लिया.

क्या मतलब मेरी बारी मैंने हेरांगी से पूछा और उस ने अपना लंड हाथ में पकड़ के मेरे लिप्स पे लगाया.

अब जो मैं कहूँगा वों करना है तुम को जान

ओ के ओ के मैंने कहा.

किस्स इट् मैंने उस के लंड हेड पे किस्स किया और क्या क्या मैं समझ गई के अब मुझे उस के लंड को सुक्क करना परेग और मैंने उस का मोटा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूस्ने लगी.

वोव तुम तो समझदार हो गई हो बड़ी जल्दी सीख लिया है

हां तुम ने ही सिखय है और अब मैंने उस के पूरे लंड को और उस के बड़े बड़े बल्ल्स को अपने ज़ुबान से चाटना शुरू कर दिया. अब आह अह अह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह करने कि बारी उस कि थी और मैंने फिर उस का लंड अपने मुँह में डाल लिया. वों काफी मोटा था पूरा नहीं आ रहा था. लेकिन जितना भी आ रहा था मैंने मुँह में डाल के सुक्क करना स्टार्ट कर दिया. उस के हाथ मेरे बल्लून में थे और वों मेरा सिर आगे पीछे करने लगा. उस के बल्ल्स मेरे हाथ में थे और मैं जोर जोर से सुक्क करने लगी और फिर उस के सारे बादन में एक सख्ती सी आ गई और उस का गरम गरम लोड् सारे का सारा मेरे मुँह ही में निकल गया. आआह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उस के मुँह से अवज़ैन आने लगी. उस के स्पुर्म्स का टेस्ट् नमकीन सा था कुछ मेरे गले में चला गया और ज्यादा मैंने बाहर ही निकाल दिया. अब उस का लंड नर्म पड़ने लगा और वों मेरे साथ ही बैठ गया.

क्या बात है ये तुम ने कहा से सीखा उस ने अपने शर्ट से मेरा मुँह साफ करते हुए पूछा.

तुम से ही सीखा है और अभी अभी. मजा आया तुम को? मैंने पूछा उस ने मेरे लिप्स अपने होंठों में ले लिये और जोर से एक किस्स किआ.

वह मजा आ गया. अब हम वाकई बड़े हो गये है न? और हम हँसने लगे ......

लेकिन ये सब तुम ने कहा से सीखा मैंने पूछा.

एक सेक्स मूवी देखी थी मैंने उस में ऐसे ही किया था लड़के और लड़की ने लेकिन एक काम और भी किया था चलो अब नही बतऊनग फिर किसी टाईम ओ के

क्या काम था अभी बतऊ न? मैंने कहा

बाद में जान अभी तो मेरी टाँगों में से जान निकल दी है तुम ने और उस ने मुझे सीने से लगा लिया...

अब मेरा जब जी चाहेग मैं तुम्हारा लंड सुक्क कर सकती हुँ न? मैंने पूछा

हां जान ये आज से सिर्फ तुम्हारा है और ये मुम्मे ये चूत सिर्फ मेरे लिये ओ के उस ने मेरे बूब्स और पूस्सी (चूत) को हाथ लगते हुए कहा

और हां मैं तुम को भी वों मूवी दिखाऊग बड़ा मजा आयेगा... और हम एक दूसरे से लगा के लेट गये और किस्सिनिंग करने लगे....
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06-30-2017, 11:37 AM,
#6
RE: Antarvasnasex आप की शशि
आप की शशि पार्ट् – 5



तो उस दिन तो जैसे मैंने एक नई जिन्दगी प ली न्यू सेक्स लाईफ इस जस्ट कमिंग तो स्टार्ट नोउ!!!! मैं और कमि कुछ देर वही बेड़ पे लेटे रहे और किस्सिंग करते रहे. बड़े जोर से चूमता था मुझ को वों पर मुझे और भी अच्छा लगता था.... फिर वों उठा.

अये शशि आज मुझे नहलओगी नहीं क्या?

हां क्यों नहीन. मैंने उस का हाथ पकड़ के उस को अपनी तरफ खिंचा वों भी बेड़ से नीचे आ गया उस का लंड अब फिर से हार्ड हो रहा था. मैंने हाथ में पकड़ लिया काफी बड़ा था मेरे हाथ में पूरा नहीं आया. खैर मैंने जोर से पकड़ा और उसे बाथ्रूम में ले आयी वों वैसे ही चलता हुआ मेरे पीछे पीछे आ गया.

जरा आराम से शशि

ओह साँरी दर्द तो नहीं हुआ? और मैंने अपनी गिरफ्त ढीली कर दी मैं शोवेर खोला और हम दोनों उस के नीचे आ गये. ठंडा ठंडा पानी जब हमारी बोडिस पे गिरा तो एक सुकून सा मिला. आह्ह्ह्ह!!!!!!!!!!!!!! हम एक दूसरे कि बोडिस को मल रहे थे और शोवेर के नीचे ही थे. वों मेरे पीछे था और उस का हार्ड लंड मेरे हिप्प्स पे लगा रहा था. उस के हाथ मेरे बूब्स को मसल रहे थे वोव बड़ा अच्छा लगा रहा था. जी चाहा रहा था के अब युन्हि नहाते रहें और कोई न आये आह्ह!! अब उस का लंड मेरे हिप्प्स के सेंटर में आ गया मेरे हिप्प्स बड़े गोल गोल और छोटे थे उस का लंड सेंटर से मेरी पूस्सी (चूत) को टच कर रहा था. मैं एक बार फिर होट् और वेट् हो रही थी. मैंने हाथ पीछे कर के उस के लंड को पकड़ लिया.

नाराज न हो तो मैं तुम्हें फिर गिला गिला कर दून? मैंने आहिस्ता से कहा.

हां जान जो चाहो करो ये तो है ही तुम्हारे लिये. कम ओन... उस ने मेरे कानों कि लौ को किस्स करते हुए कहा और मैं पलटी और उस के लंड को दोनों हाथों में ले कर मसाज़ करने लगी. उस ने मेरे हाथों को ठीक डाईरेक्शन में किया अब मैं उस कि शाफ्ट को आगे पीछे करने लगी. फिर मैं बैठ गयी और बड़े प्यार से उस के लंड हेड पे किस्स कि. और बहुत सी किस्सेस कि अह्ह्ह अच्छा लगा रहा था ऊपर से पानी हम पे गिर रहा था और मैं गिला गिला लंड ज़ुबान से चाटने लगी. और उस के बोल्ल्स मुँह में डाल के सुक्क करने लगी फिर पूरा मुँह खोला के आधे से ज्यादा लंड मुँह में ले गई और मुँह को आगे पीछे करने लगी. कमि के मुँह से आह्ह्ह्ह कि आवाज़ आई जोर से और मैंने लंड मुँह से निकल दिया.

क्या हुआ?

कुछ नहीं जान दांत न लगाओ दर्द होता है सिर्फ होंठों से करो .

ओ के. जान और मैंने फिर लंड मुँह में डाल कर जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया अब तो उस के मुँह से अवज़ैन आने लगी मैं तो जैसे पागलों कि तरह सुक्क कर रही थी. मेरी चूत से गिला गिला शोवेर के पानी के साथ टीप टीप नीचे टपकने लगा. मैं एक हाथ अपनी पूस्सी (चूत) पे ले गई और अपने क्लीट् को रब करने लगी.

हाथ हटा लो और सिर्फ मुँह से करो उस ने कहा और मैंने हाथ उस कि हिप्प्स पे रख लिये और मुँह को और खोल के आगे पीछे करने लगी. अब तो उस का लंड हेड मेरे गले को उन्देर से टच कर रहा था और मेरी हलक से अवज़ैन निकलने लगी. आघ अघ आघ आघ !!! अब वों भी आगे पीछे हो रहा था उसे बहुत ही मजा आ रहा था और मुझे ये सोच कर मजा आ रहा था के वों setisfy हो रहा है. आघ आघ अघ अघ और वों रिलेक्स हो गया. सारा मेरे मुँह में फिर से उस का गिला गिला मेरे गले के उन्देर चला गया.. उस ने मुझ शौल्देर्स से पकड़ के उठा और गले लगा लिया और मेरे हूंतून को चुम्ने लगा.

थैंक्स जान थंक्स थंक्स

क्यों ये मेरा ही है न मैं जब चहून जो करुँ.. तुम अपनी चीज का खयाल रखो बस...

हां क्यों नहीं अभी लो... उस ने कहा और अब वों बैठ गया और मेरी पूस्सी (चूत) को लिक्क करने लगा मैंने थोडी से टाँगें फैला ली ताके उस को आसानी हो.. और वों भी पागलों कि तरह मेरी चूत चाटने लगा आह हुँ हो ह अह्ह मैं जोर जोर से सिसकियाँ लेने लगी. मुझ ऊंची आवाज़ में आहें भरने में बहुत ही मजा आता था और वों था के मेरे पयुबिक हैर पे लेफ्ट लिप पे राईट लिप पे और फिर मेरे क्लीट् को तो जैसे ख ही जाना चह्त था. अह्ह्ह अह्ह्ह और फिर उस ने अपनी ज़ुबान मेरे होल में डाल दी आअह्ह ह्हा हुउउम्म्म!!!!!!

वोव क्या सरूर था और वों अब ज़ुबान को उन्देर बाहर कर रहा था और मैं रेलेअस हो गई लेकिन वों रुका नहीं और करता गया. मेरे हाथ उस के सिर पे थे मैं उस का सिर जोर से अपनी तरफ कर रही थी.. और मैं एक बार फिर रेलेअस हो गई और मेरी अवज़ैन और बुलन्द हो गई आह आह अह अह और मैंने उस को ऊपर उठा लिया.

बस जान बस करो मैं मर जऊनगि बस!!!!!! और वों मेरे साथ लिपट गया और हम ने एक दूसरे को सोअप लगा कर नहलाया और बाहर आ गये. हम ने कपड़े पहने और वों एक लोंग किस्स कर के कमरे से चला गया. मैं बेड़ पे लेट गई मेरी तो टाँगों और पूरे बादन में जान ही नहीं रही थी और मेरी आंख लगा गई और मैं सो गई. मेरी आंख जब खुली के खाला मेरे सिर पे हाथ फेर रही थी.

उठ बैटा कुछ खा लो. कब तक युन्हि घुम करती रहोगि... और जाने क्या क्या कहा रही थी वों. मैं उठ के बैठ गई. अब मेरा मूड काफी बेहतर था रात हो चुकी थी. हम सब ने मिल कर डिनर किया. और मैं फिर अपने कमरे मे आ गई... इन दिनों खाला मेरे ही साथ सोती थी क्यों के मैं रात में डर जाति थी लेकिन उस रात जब खाला सोने के लिये आइन तो मैंने उन से कहा.

ख़ल्ल मैं अब ठीक हुँ आप अब अपने कमरे में सो जाये

थंक्स और फिर उन्होने ने प्यार से मेरे माथे को चूमा और चली गयी.... मैं अकेले नहीं बल्कि फिर से कमि के साथ सोने में intresded थी और मुझ पत्ता था के वों आये ग जरूर हमें एक दूसरे कि प्यास थी..... मैं लेटी करवटें ले रही थी के रात के १२ हो गये लेकिन वों नहीं आया तो मैं अपने कमरे से निकली और बाहर का जायजा लिया. सब सो रहे थे घर कि लाईट ओफ्फ थी मैं कमि के रूम कि तरफ जाने लगी कहा वों भी कमरे से निकल आया. लेकिन मैं उस के डोर तक आ चुकी थी. हम ने एक दूसरे को गले लगाया और वों मुझे अपने कमरे में ले गया.

तुम आये नहीं मैं वैट कर कर के खुद ही आ गई मैंने एक किस्स किया उस के हूंतून पे.

मैं आ ही रहा था लेकिन मोम डैड के सोने का वैट कर रहा था. हां वैसे भी मेरे पूरे बादन में दर्द हो रहा है आज हम ने बहुत हार्ड वर्क कर लिया है. अब मुझ में ताकत नहीं यार उस ने मुझे बेड़ पे बिथते हुए कहा

हां हिमत तो मुझ में भी नहीं है लेकिन जाने ये केसी आग लगा दी है तुम ने के मेरी चूत को सुकून ही नहीं. अभी भी देखो वेट् हो रही है. और उस ने हाथ मेरी शलवार में डाल के मेरी पूस्सी (चूत) को टच किया मैंने हिप्प्स को उठाया.

हां शशि तुम तो अभी भी बहुत गेलि हो रही हो. लेकिन हाथ से काम चलेगा क्या? उस ने हाथ मेरे क्लीट् पे फेरते हुए पूछा.

हां ये हाथ यहीं रख दो अब कुछ चैन आया है इस को... और मेरी आंखें बन्द होने लगी वों मसाज़ करता रहा.

शशि वों मूवी देखोगि? उस ने आहिस्ता से पूछा

हां ज़रोर. क्यों नहीं जिस कि वजह से हम ने इतना मजा लिया दिखाऊ तो सही उस में है क्या. मैं उठ कर बैठ गई और उस ने टीवी और विडिओ ओन कर दिया और अपने ड्रॉअर में से एक कैसेट निकाली और ओन कर दी. फिर मेरे पास आ के बैठ गया. मूवी चलने लगी उस का हाथ मैंने पकड़ के वापिस अपनी चूत पे रख लिया और उस का लंड हाथ में ले कर मलने लगे और मूवी चलती रही....... हम देखते रहे.......

वों एक फुल्ल xxx मूवी थी जिस ने हम को सब कुछ सीखा दिया.......... हम मूवी देखते रहे और हमारे हाथ अपना काम करते रहे मैं तीन बार रेलेअस हुई और वों भी एक बार रेलेअस हो गया... . अब तो हम सब जान चुके थे कहा सेक्स है क्या......... अब तो जंग होनी थी......
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06-30-2017, 11:37 AM,
#7
RE: Antarvasnasex आप की शशि
हां तो कमि जैसे ही मुझे मेरे रूम में बेड़ पर लिटा के चला गया और जाते हुए मेरे रूम कि लाईट भी ओफ्फ कर गया. मैं थक तो बहुत चुकी थी लेकिन नींद अब मेरी आंखून में कहा थी. मेरा हाथ खुद ब खुद ही अपनी पूस्सी (चूत) पे फिर से चला गया. मैं खुद ही अपने पूस्सी (चूत) लिप्स से खेलने लगी. मेरी चूत तो वेट् थी ही मेरे दिमाग में वोहि स्क्रीन बार बार आ रहा था जो मैं मूवी में अभी अभी देख कर आई थी..

और मैंने अपनी दरमियान वाली लम्बी उँगली अपनी पूस्सी (चूत) में पूरी कि पूरी डाल दी. मैं चेक्क करना चाहा रही थी के मेरे उन्देर कितनी डेप्थ है. कि कमि का लंड अन्दर जा भी सकता है या नहीं. पर मेरी उँगली तो पूरी अन्दर चली गई थी. मुझे मजा आने लगा. मैं उसे अन्दर बाहर करने लगी.. मेरी सांसें तेज़ होने लगी. मैं सोचने लगी के जैसे मेरी उँगली नहीं कमि का लंड मेरी चूत में अन्दर बाहर आ जा रहा है... और मैं फिर से रिलेक्स हो गई और इन्हीन खैअलून में जाने कब मुझे नींद आ गई...

सुबह जब आंख मेरी खुली तो मुझे खुद से बड़ी अजीब से स्मेल्ल आ रही थी. मैंने रूम लोक्क कि और सारे कपड़े उत्तरे और एक नजर द्रेस्सिंग टेबल के मिरेर में अपना सीना देखा. मेरे उठे हुए गोल गोल उभार. मेरे पिंक निप्पलस्. मेरा कमर के साथ लगा हुआ पेट. मेरी हिप्स. मेरी स्लिम टाँगें. मुझे खुद पे बड़ा प्यार आया.. दिल चाहा के ऐसे ही कमि के पास चली जऊन और वों मुझे खूब प्यार करे.. खैर मैं बाथरुम में गई और खूब अच्छी तरह नहाई मल मल के...

मैं नीचे आ गई खाला घर में थी और सफाई कर रही थी मुझे सीरिऊन से नीचे आते हुए देख के खाला बोली.

आँह ह मेरी बेटी आई है. शुक्र है के तुम कमरे से तो निक्लीन अब तबीयत केसी है?

मैं ठीक हुँ खाला जान और उन्होने मेरा माथा चूमा और अपने पास बिठाया.

किआ नाश्ता करना है मेरी बिटिया रानी ने?

कुछ भी.. कमि कहा है खाला जान? मैंने पूछा.

वों भी अभी तक सो रहा है. पता नहीं कियुन आज तो जोगिंग पे भी नहीं गया. तबीयत ठीक हो उसकी.. मैं जाती हुँ उस को उठा कर लाती हुँ ओर दोनों को साथ ही नाश्ता देती हुँ और खाला उठ कर जाने लगी.

मैं जाती हुँ उस को उठाने आप बैथै और मैं उठी और फिर ऊपर चली आई. कमि के रूम का डोर खोला और अन्दर आ गई वों बिल्कुल सिध लेटा था और अभी तक सो रहा था. मुझे उस पे बड़ा प्यार आया और मैंने उस के हूंतून पे जोर से चूम लिया और बेड़ पे बैठ गई. वों उठा नहीं मैंने एक और किस्स क्या और अपनी ज़ुबान उस के मुंह में डाल दी. उस को होश आ गया था और उस ने मेरी ज़ुबान को सक्क करना शुरू कर दिया. फिर मैं पीछे हट गई वों बड़ा अच्छा style है सोत्ते होये को उठाने का मजा आ गया..

चलो अब उठ जाओ खाला बुला रही है.. मैंने मुस्कराते हुए उसे कहा .

हां उठा जाता हुँ. पर इस का तो कुछ करो पहले और उस ने मेरा हाथ अपने लंड पर रख लिया. वों as usual हार्ड था मैंने मूठी में पकड़ लिया.

क्या है इस को ये हर वक्त ऐसे ही खड़ा रहता है और मैं सहलाने लगी उसे.

क्या करे ये भी.. तुम हो ही इतनी सेक्सी के देखते ही हार्ड हो जाता है.

चलो चलो मस्का नहीं लगऊ अब उठो और आओ नीचे नाश्ता करने बड़ी भूख लग रही है मैंने उस के लंड को एक झटका दिया उस के मुंह से एक चीख निकल गई.

क्या हुआ? मैं डर गई

आह आराम से यार तोडना है इस को क्या और वों अपने हाथ में अपने लंड को ले कर सहलाने लगा.

ऑह साँरी जान. लाओ मैं इसे प्यार कर लू ये मेरा ही तो है न.. और मैंने उस का कम्ब्ल उथैआ और उस के लंड के हेड पे एक किस्स क्या.

चलो अब ठीक है आ जाओ नीचे अब और मैं कमरे से बाहर निकल आई...

नाश्ते का बाद कमि कहीं बाहर जाने लगा तो मैंने उस से कहा .

कमि वों मूवी मैंने पूरी देखनी है..

ओ के! जओ देख लो. वों मेरे ड्राअर में है ये लो चाबी और उस ने अपने ड्राअर कि चाबी मुझे दे दी. मैं उस के कमरे में आ गई और रूम लोक्क कर के मूवी लगा ली और देखने लगी. बड़े गोर से मैंने हर स्क्रीन बार बार देखा..

और आप तो जानते ही है का ऐसी मोविएस में क्या कुछ होता है. मैं एक एक स्क्रीन कई कई बार देखा मैं बहुत होर्नेय हो गई. मुझे वों मूवी देखने से बहुत से बातें पत्ता चली. मसलन के. डिफ्फिरेंत मर्दून के लंड दिफ्फिरेंत शेपस और साईज़ेस का होते है. डिफ्फिरेंत औरतून के बूब्स भी दिफ्फिरेंत शेपस और दिफ्फिरेंत साईज़ेस के होते है और उन कि पुस्सिएस भी दिफ्फिरेंत साईज़ेस कि होती है. और सेक्स के भी बहुत से style होते है.. और और और... बहुत कुछ...

मेरा दिल चाहा रहा था के अभी मैं किसी के साथ ये सब कुछ एक साथ कर लून.. लेकिन मेरी पूस्सी (चूत) तो मूवी वाली हर लड़की से छोटी थी... एक ख्वाहिश थी .. पर एक खौफ भी था के जाने क्या होग.... मूवी में सब ही लर्कियुन ने बहुत मजा ले ले कर फक्किंग कि थी.. पत्ता नहीं मैं भी ऐसे कर सकूनगि या नहीं???

और फिर मैंने मूवी बन्द कि कमि के ड्राअर में रखी लोक्क किया और रूम से बाहर आ गई.. मेरे पास से फिर वहीं सेक्सी स्मेल्ल आ रही थी और मुझे पागल कर रही थी. क्या करुँ दो बार तो फिंगेर से खुद को रिलेक्स कर चुकी थी लेकिन तसलि नहीं हुई थी.. जाने कमि कहा रह गया है.. दोपहर हो गई फिर शाम वों नहीं आया मैं अपने रूम में सोच सोच के पागल हो रही थी....

रात में जा के कमि आया पर खाला और खल्लु भी घर में थे खुद को रोकना मुश्किल हो रहा था. खैर रात गहरी हुई. ख़ल्ल खल्लु अपने कमरे में गये और मैं अपने कमरे में आ गई. पर चैन नहीं था मन् में हलचल सी थी. फ़ौरन ही कमि के रूम में चली गई..

आओ आओ जनाब! क्या क्या देखा आज उस ने आँखें मत्कते हुए पूछा.

आग लगी हुई है मेरे पूरे बादन में. जान जल्दी से बुझा दो.. मेरे साथ वों सब करो न.. मैं उसे बहून में लेते हुए कहा . उस ने मुझ एक किस्स किया.

करेंगे जान जरूर करेंगे लेकिन अभी वैट करो जिस दिन घर में कोई न हो. उस दिन करेंगे... और हम किस्सिंग करने लगे हमारी ज़ुबने एक दूसरे से खेलने लगी और मैंने उस कि ज़ुबान को सक्क करना शुरू कर दिया.

डंतून में दबा लिया. उस का एक हाथ मेरे लेफ्ट ब्रेस्ट पे आ गया और मेरा हाथ उस कि ट्राउजर् के ऊपर से ही उस के लंड पे था. हम एक दूसरे को भिंच रहे थे. मैं काबू से बाहर हो रही थी.. वों भी मेरे बूब्स को जोर जोर से दबा रहा था... फिर मैं अलग हुई और घुत्नो के बल बैठ गई और उस का ट्राउजर् खोलने लगी.. वों खड़ा रहा. मैं मूवी के स्क्रीन कि तरह act कर रही थी. मैंने उस का लंड बाहर निकल लिया वों as usual हार्ड था. मैं उस को जोर जोर से चुम्ने लगी उस के हेड को अपने होंठों में लिया और उस के सुरख पे अपनी ज़ुबान कि टीप लगाई..

नमकीन सा टेस्ट् आया फिर मुंह खोल के अन्दर ले गई. मेरा मुंह छोटा था और उस का लंड मोटा. तकरीबन आधा ही अन्दर आया मैं पागलों कि तरह उसे चूस्ने लगी. एक हाथ में पकड़ कर. दूसरे हाथ से मैंने उस के बोल्ल्स को सहलाना शुरू कर दिया उस के मुंह से सिस्कियुन कि हल्की हल्की अवज़ैन आने लगी... मैं और जोश से सुक्किंग करने लगी मुझे नहीं पत्ता था के मैं क्या कर रही हुँ... मैं होश में ही कहा थी मैं तो दिवनून कि तरह से उस के लंड को लोल्ल्य्पोप कि तरह चूस रही थी. मेरी आँखें बन्द थीन और उस के हाथ मेरे सिर पर मेरे बालों से खेल रहे थे...
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06-30-2017, 11:37 AM,
#8
RE: Antarvasnasex आप की शशि
फिर मैं उस के लंड को मुंह में अन्दर बाहर करने लगी. उस कि सिसकियाँ तेज़ होती जा रही थी और मेरी स्पीड भी बडती जा रही थी. मेरे थूक से उस का सारा लंड गीला हो चुका था और वों मेरे मुंह में अन्दर बाहर आ रहा था मैंने पूरा मुंह खोला हुआ था और अब उस का लंड मेरे हलक से टकरा रहा था... ऍघ अघ आघ आअघ्ह कि अवज़ैन मेरे मुंह से निकल रही थी..... और वों मेरे मुंह ही में रिलेक्स हो गया...... ऍआह आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह...... कमि के मुंह से निकला और मेरे मुंह उस के लोड् से भर गया कुछ गले के अन्दर चला गया और कुछ मैंने बाहर उगल दिया.. जो के मेरे गले से होते हुए मेरे ही कपड़ों पे गिर गया........

वों शशि!!! ग़्रेअत यार!!! तुम ने तो कमाल कर दिया.. और उस ने मुझे कंधों से पकड़ कर उथैअ और गले लगा लिया.... और मेरे होंठो को चूम्ने लगा... फिर उस ने मेरी हिप्प्स पे हाथ रखे और मुझ उठा लिया मैंने टाँगें उस कि कमर के गिर्द लपेट लीन.. और वों मुझे बेड़ का पास ले आया और बेड़ पे लिटा दिया और फौरन ही मेरी शलवार उतार दी. और मेरी टांगैन फैला कर उन के सेंटर में जमीन पे बैठ गया मैं बेड़ कि ऐज् पे थी.. उस ने मेरी चूत को हाथ से सहलाना शुरू किया मेरी आँखें बन्द हो गई... वों मेरे पूस्सी (चूत) लिप्स से खेल रहा था मेरे क्लीट् को छू रहा था और मैं हिप्प्स उठा कर उस के हर टच का जवाब दे रही थी और उस ने मेरी पूस्सी (चूत) पे किस्स किया. एक और किस्स किया और फिर अपनी ज़ुबान से उस को चारो तरफ से चाटने लगा आह आह ह्म्म ह्म्म्म्म !!!!!!!!!! क्या मजा था वह क्या बतऊओन.....

फिर तो वों पागलों कि तरह मेरी चूत को चाटने लगा उस कि ज़ुबान मेरी चूत को गीला कर रही थी.. हर तरफ से मेरे क्लीट् के गिर्द घूम रही थी. उस को छू रही थी और मेरी सांसें...... मेरा सीना फूल रहा था पिचक रहा था मेरे निप्प्लेस हार्ड हो गये थे. मेरे पूरे बादन में आग सी लग चुकी थी.... और उस ने मेरे क्लीट् को दंतून में दबाया तो मेरी जैसे जान ही नकल गई मैं टाँगें फैल रही थी. सिकोड रही थी.... हिप्प्स उठा रही थी और उस ने ज़ुबान चूत के अन्दर ही डाल दी और गोल गोल घुमाने लगा मुझे अपनी चूत के अन्दर उस कि ज़ुबान महसूस हो रही थी.....

वों क्या मजा था क्या बतऊन अल्फज़ में बयान से बाहर है ये सब....... और मैं ऋलेअक्स... हो गई आह आह आअह्ह आह्ह हम हम ह्म्म्म्म्म्म्म्म !!!!!!!!! मैं अपनी सिस्क्युन को दबाने कि कोशिश कर रही थी मेरा बादन पसीने से भीग चुका था और कमि था के मेरी चूत को जैसे ख ही जायेगा.

ब.. बस.. बस्स करो कमि बस करूओ मैं मर जऊनगि... जान बस मैं रिलेक्स हो गई हूँ. मैंने उस के बालों में हाथ फेरते हुए कहा और वों उथ कर मेरे ऊपर लेट गया मैंने उसे बहून में कस लिया..... मेरी सांसें अभी भी तेज़ थीन. कुछ देर यूँ ही लेटे रहने के बाद उस ने सिर उथैअ और मेरी आंखून में देखा.

मजा आया...

हुम्म्म्म्म... मेरे मुंह से इतना ही निकल सका और हम किस्सिंग करने लगे... चलो अब जओ और सो जऊ. गुड़ नाईट!!! उस ने मुझे शलवार पहनते हुए कहा और मैं खामोशी से उस के रूम से निकल आई.......

Posted by Sanjay at 11:53 PM Links to this post

आप की शशि पार्ट् – 6

आप की शशि पार्ट् – 6

शशि हज़िर ए खिदमत है!!! और अब सुन्ये आगे का हाल......(पार्ट् - ६)

हां जी तो टीवी पे वोहि सेक्स मूवी चल रही थी. उस में एक लड़का और लड़की एक दूसरे को ६९ पोसितिओन में सुक्किंग कर रहे थे मेरा हाथ भी खुद ब खुद कमि के पेनिस पे चला गया वों as usual हार्ड रोक्क बना हुआ था. मैं उसे सहलाने लगी. उस का हाथ भी मेरी शलवार के उन्देर आ गया और वों भी मेरी पूस्सी (चूत) को सहलाने लगा. मैं फिर से गिलि गिलि हो रही थी. उस कि पहली फिंगेर मेरे क्लिट् से खेल रही थी. चूँ रही थी. डैरे बना रही थी. बड़ा ही मजा आ रहा था.

मैं भी उस के हार्ड रोक्क लंड कि शाफ्ट को ऊपर नीचे कर रही थी और मूवी चल रही थी... फिर स्क्रीन बादला और उस लड़के ने लड़की को बेड़ पे सिध लिटा दिया उस के पैरून को पकड़ के दोनों टाँगें पूरी खोल दी जिस से उस कि पूस्सी (चूत) के लिप्स भी खुल गये और फिर लड़के ने उस कि पूस्सी (चूत) पे अपने सीधे लम्बे लंड को रख और आहिस्ता आहिस्ता अन्दर डालने लगा.. और पूरा अन्दर डाल दिया... टीवी कि आवाज़ तो बन्द थी क्यों के रात का टाईम था और नीचे खाला और खल्लु सो रहे थे.... मैं एक दम हैरान हो गयी और कमि कि तरफ देखने लगी.... वों मेरी तरफ देखने लगा और मुस्कुरय....

ये क्या किया इन्हून ने? मैंने हेरांगी से कमि से पूछा.

यही तो मैं तुम को दिखन चह्त था. ये ही असली सेक्स है. इसी से ही असली सेक्स का मजा आता है.. उस ने मेरा चेहरा अपने दोनों हाथों में ले कर आहिस्ता से मेरी आंखून में देखते हुए कहा .

अरे इस से तो बड़ा दर्द होता होगा. वों लड़की तो मर जायेगी... मेरी हेरांगी अभी कम नहीं हुई थी .

नहीं यार अभी देखो कुछ नहीं होग. पहले पूरी तरह देख तो लो उस ने कहा और हम फिर से मूवी देखने लगे. अब वों लड़का अपने लंड को उस कि पूस्सी (चूत) में अन्दर बाहर कर रहा था और और वों लड़की भी बड़े मजे से हिल रही थी.

इस कि जरा सी आवाज़ तो खोलों मैंने कहा . और उस ने टीवी कि जरा सी आवाज़ खोल दे. लड़की कि सिस्करियून कि अवज़ैन आने लगी वों बड़ी ही मस्त आवाज़ में आह आह आह ह ओह येस ओह येस ओह येस... ऍह हा ह अह्ह अह अहा फक्क मे आह अह फक्क मे हार्ड आह ... बोल रही थी और साथ में पिच् पिच् पिच् कि अवज़ैन भी आ रही थी...... मुझे तो ये सुन के जैसे नशा सा होने लगा.... कमि का हाथ अभी भी मेरी पूस्सी (चूत) से खेल रहा था अलबत्ता मैंने उस का लंड छोड़ दिया था. मैं खुद ब खुद अपनी हिप्प्स को उठा रही थी उस कि उँगली अब मेरे अन्दर बाहर हो रही थी वैसे ही जैसे मूवी में लड़के का लंड उन्देर बाहर हो रहा था... ह्म्म्म ह्म म्म्म ह्म्म्म अह अह्ह अह मेरी आंखें बन्द होने लगी थी मैं उस कि उँगली के हर झटके का जवाब हिप्प्स को उठा के दे रही थी....

कमि तुम भी मेरे साथ वैसे करुँ न मैंने कमि के लिप्स को चूमते हुए रेक़ुएस्त कि.

ऍभि नहीं जान करेंगे लेकिन तुम को पत्ता है न इस वक्त सब सो रहे है और तुम कितना चीखती हो.. उस ने भी मेरे लिप्स पे जवाबी पप्पी देत्ते हुए कहा .

हां ये तो है. मुझे मजा ही नहीं आता जब तक का मैं शोर न मचऊन. लेकिन कब करेंगे? मैंने फिर पूछा.

करेंगे जान जरूर करेंगे. जिस दिन आज कि तरह मौका मिला घर में कोई न हुआ तो करेंगे.

ओ के ओ के.... लेकिन जल्दी... मुझ से रहा नहीं जा रहा अब.. ये सब कुछ देख कर. लेकिन एक बात है के इस मूवी में तो उस लड़की कि चूत बहुत बड़ी है और मेरी तो बहुत छोटी है और तुम्हारा लंड इतना बड़ा ये कैसे अन्दर जायेगा? मैंने उस से पूछा.

चला जायेगा इस में बड़ी flexibility होती है.. उस ने मेरी पूस्सी (चूत) को अपने हाथ कि मूठी में भरते हुए कहा.

अच्छा अभी तो मुझे रिलेक्स कर दो अब निन्द नहीं आयेगी इस के बगैर.. और वों फिर से उँगली अन्दर बाहर करने लगा और मूवी के स्क्रीन में उन दोनों कि पोसितिओन बादल चुकी थी अब लड़की doggi style में थी और लड़का पीछे से झटके लगा रहा था..

इस को किया कहते है

किस को किया कहते है

अरे बाबा इसी को जो ये कर रहे है...

इस को फक्किंग. फ़क्क करना

और अपनी ज़ुबान में?

उस में चोदना. लड़के का लड़की को चोदना. या चुदाई....

ओ के फक्किंग ठीक लफ्ज है मुझे ये अच्छा लगा है... और मैं रिलेक्स हो गई..... ऍआह अह्ह्ह आह अह्ह्ह और उस ने मूवी बन्द कर दी अभी उस में और बहुत से स्क्रीन थे लेकिन रात काफी हो चुकी थी और हमें सोना भी था. मैं बेड़ से उठने लगी तो मुझ से उठा ही नहीं जा रहा था मेरी तो जैसे टाँगों में जान ही नहीं थी एक दिन में ये ७ बार रिलेक्स और वों भी इस ऐज मैं उस वक्त मेरी ऐज फोर्टिन और हाफ होगी ऐर कमि भी तो मुझ से कोई ६/८ मंथ ही बड़ा होगा. खैर उस ने मुझे गोद में उठाया.

अरे गिरा न देना मुझे मैंने कहा लेकिन उस ने मुझे अच्छी तरह संभाला हुआ था औस कि बोडी बड़ी मज़्बूत थी.

नहीं गिरत जान तुम इतनी भारी नहीं हो बस तुम्हारे ये गोले (बूब्स) ही जरा ज्यादा भारी है हम दोनों मुस्कुर दिये और वों मुझे मेरे कमरे में ले आया और मेरे बेड़ पर लिटा दिया और मेरे लिप्प्स को एक सोफ्त किस्स कि और कमरे से चला गया......
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06-30-2017, 11:37 AM,
#9
RE: Antarvasnasex आप की शशि
आप की शशि पार्ट् – 7



हां तो ये उन दिनों कि बात है जब मैं अपनी खाला के यहाँ थी और कमि के साथ अब रोज ही लिक्किंग सुक्किंग चल रही थी लेकिन हमें वैट था के कब कोई मौका मिले और हम घर में अकेले हूँ और वों सब कर सके जो हम मूवी में देख चुके थे.... दिन गुजरते रहे लेकिन खाला कही जाती ही नहीं थी.... और हम कभी रात में कभी दिन में जहान भी मौका मिलता था एक दूसरे को प्यार करने लगते थे. कमि आते जाते मेरे बूब्स को पकड़ लेत्त था मैं उस के लंड को छेरती थी.. ये सिलसिला चलता रहा......

और आखिर वों दिन आ ही गया जिस का इंतेज़ार हम दोनों ही बड़ी शिद्दत से कर रहे थे... मैं और खाला घर में अकेले थे के अचानक खल्लु आये और बताया के उन के भतीजे (भाईया के बैटे) का एक्सिडेंट हो गया है. वों मोटर बाईक से गिरा है होस्पितल में है और खाला को साथ ले कर वों होस्पितल कि तरफ निकल गये... पहले मुझे भी साथ जाने को कहा लेकिन खाला ने मना कर दिया. बच्ची को क्या करना है वहां और वैसे ही इस के जेहन से पहले वाला वकिअ अभी निक्ल है हम दोनों ही चलते है. और वों चले गये..

अब मैं घर में अकेली थी. और दिमाग मेरा तो जैसे सेक्स कि पिटारी थी मैं तो इस वक्त के इंतेज़र में कब से थी. पर मेरा हीरो मेरा लवर मेरा फक्किंग बोय कहा था...? मैं बेताब हो रही थी बेहाल हो रही थी... दुआ कर रही थी के वों ऐसे में आ जाये उस दौर में मोबाईल तो थे नहीं सब के पास के काल कर लेती और नहीं मुझे उस के किसी दोस्त का नम्बर पत्ता था... मैं इधर उधर टहल रही थी... और दुआ कर रही थी... कि वों आ जाये.

और डोर बेल बज़ी. मेरा दिल उछल के हलक में आ गया. आ गया मेरा हीरो. मैं दौर के में डोर पे आई और दरवाजा खोला... लेकिन वों कोई मांगने वाली थी.. ऑह हो!!! ग़ुस्से में उसे भगाया.. जाने कितना ही टाईम गुजर गया.. लेकिन वों नहीं आया. ऍह!!! क्या करुँ कहा से उसे बुलऊन ये मौका फिर जाने कब आयेगा. वों जब भी बाहर जाता था जा कर भूल ही जाता था कि घर में भी कोई है जो उस का इतनी बेसब्रि से वैट कर रहा है.. अकसर रात में ही आता था... मेरी आंखून में आंसू आ रहे थे मेरा मन्न रोने को चाहा रहा था.. क्या करुँ.. मैं अपने कमरे में आ गई और बेड़ पे लेट के जोर जोर से रोने लगी.... ऍअज सोचती हुँ तो अपने आप पे हंसी आती है कहा कैसा जुनून होता है उस ऐज में सेक्स का. हर चीज ही सेक्सी लगती है.. मेरे साथ तो ऐसा ही था पत्ता नहीं सब के साथ ऐसे होता है या नहीं?

रोते रोते मेरी आंख लग गई और मैं सो गई... फिर डोर बेल गुंगुनाई. तीसरी या चौथी बेल्ल पे मेरी आंख खुली और मैं बे दिली से नीचे आई के अब तो खाला ही होगी. जैसे ही दरवाजा खोला तो कमि सामने था..

कहा थी जनाब ए साहिबा? क्या फिर मूवी चला रही थी उस ने अन्दर आते हुए पूछा

तुम कहा थे इतनी देर से मैंने ग़ुस्से से पूछा.

क्या हो गया है यार मैं तो रोज ही tution से लेट आता हुँ तुम को तो पत्ता ही है और आज तो मैंने अभी जाना है बूक्स लेने आया हूँ उस ने मेरी आवाज़ में गुस्सा महसूस करते हुए कहा .

मोम कहा है? उस ने पूछा.

वों तो कब से होस्पितल गई है वों एक एक्सिडेंट हो गया है मैंने उसे बताया और घडी कि तरफ देखा तो हैरान हो गई खाला को अभी गये हुए सिर्फ अध घंटा ही हुआ था. लेकिन मेरे जुनून ने इस अधे घंटे को कई सदियुन में कैसे बादल दिया था.. मेरे चेहरे पे हंशि लोट आई. मैंने उस का हाथ पकड़ा और भागती हुई ऊपर अपने कमरे में आ गई.

क्या है? ये क्या हो रहा है? उस ने रस्ते में पूछा.

कुछ नहीं चलो बस आज कोई नहीं है घर में तो?

उस ने मुझे छेड़ने वाले लहजे में कहा , तो क्या आज हम वों सब कुछ करेंगे!!!

चलो न जल्दी करो कोई आ न जाये मैंने अपने रूम में आते ही उसे अपनी बहून में भर लिया और हम किस्सिंग करने लगे. हम बराबर खड़े थे पर वों मुझ से लम्बा था उस को मुझे किस्सिंग करने के लिये थोड़ा झुकना पड़ता था और मुझे भी कुछ पऊन उठाने पड़ते थे... होंठो से हूंत मिले हुए थे. उस कि ज़ुबान मेरे मुँह में थी मैं उसे चूस रही थी. फिर वों मेरी ज़ुबान चूस्ने लगा और उस के हाथ मेरे बूब्स पर थे वों उन को मसल रहा था. जोर जोर से मेरे निप्पलस् हार्ड हो रहे थे.

मेरा हाथ उस कि fly खोलने कि कोशिश में था और मैंने उस का हार्ड रोक्क लंड ट्राउजर् से बाहर निकल लिया और सहलाने लगी. और फिर वों मेरे कपड़े उतारने लगा मैं भी उस का साथ दे रही थी. पहले उस ने मेरी क़मिज़ उतरि फिर शलवार अब मेरे बादन पे सिर्फ ब्रा थी क्यों के मैंने पेंटी तो पेह्नि ही नहीं थी. और मैंने भी उस के कपड़े उतार दिये और फिर उस ने मेरे ब्रा के हूक्स भी खोला दिये. अब हम एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे खड़े थे...

उस का हार्ड लंड मेरे हाथ में था और हम फिर से एक दूसरे को किस्सिंग करने लगे. वों मेरे बूब्स को दब रहा था सहला रहा था... मेरे मुँह से अह आह आह अह निकल रहा था... अब उस के हाथ मेरे बोत्तुक्क्स पे आ गये और वों मेरे हिप्प्स को सहलाने लगा दबाने लगा. मेरी पूस्सी (चूत) बड़ी होट हो रही थी. हम ऐसे ही चूमा चति करते हुए बेड़ पे आ गये उस एन मुझे बेड़ पे लिटा दिया.

ऍअज और कुछ नहीं करना सिर्फ वों करो जो पहले नहीं किया

ओ के बोस्स वहीं करुंगा सिर्फ वों ही उस ने कहा और मेरी टाँगे फैला दी और खुद देर्मिअन में आ गया. उस का लंड पूरी तरह तना हुआ था. मैं भी पूरे जोश में थी लेकिन कुछ डर भी था दिल में लेकिन कोई बात नहीं. दर्द ही होगा न मैं चीख लूनगि लेकिन आज ये कर के ही रहूनगि....

कमि एक बात बताओ ये तुम्हारे लंड का क्या साईज है मैंने कुछ सोचते हुए पूछा.

क्यों? मैंने कभी नापा नहीं उस ने हेरांगी से कहा .

थेह्रो जरा मैंने उसे रोका और बेड़ से उठ कर ड्राअर कि तरफ गई और वहाँ से इंच टेप ले कर आई और पहले अपनी उँगली को नापा तो वों ३ इंच से कुछ छोटी थी फिर मैंने उस के हार्ड लंड को नापा तो वों ५ इंच से कुछ बड़ा था...

ये क्या कर रही हो? उस ने पूछा.

कुछ नहीं मैंने अपनी चूत में ये उँगली पूरी डाली थी मैं चेक्क कर रही थी के तुम्हारे लंड इस से कितना बड़ा है चला तो जायेगा न?

ह ह ह ह !!!! वों हँसने लगा.

चला जायेगा यार यहाँ आओ मैं अभी इसे उन्देर भेजता हूँ और उस ने मुझे फिर बेड़ पे लिटा दिया और मेरी टाँगें पूरी खोल दी और खुद घुटने के बल मेरी टाँगों के सेंटर में आ गया. अपने हाथ से पकड़ के उस ने अपना लंड जब मेरी चूत पे टच कि तो एक करंट सा मेरे पूरे बादन में दौड गया.

आँह आह कमि जरा आहिस्ता आहिस्ता डालना यार मुझे डर लग रहा है...

हां हां!!! जब दर्द control से बाहर हो जाये तो बता देना ओ के!

ओ के!!! और उसने मेरी चूत के लिप्स के देर्मिअन अपने लंड के हेड को रखा और मेरे क्लीट् पर उस को हल्के से रगडा मेरी सिसकी निकल गई... होल पर ले आया लंड को और हल्के से लंड का हेड सुराख के अन्दर डाला. मेरी चूत के लिप्स खुले हुए थे लेकिन इतने नहीं के उस का मोटा लंड अन्दर चला जाये. मैं तकिये पे सिर को रखे सब देख रही थी.

आहिस्ता जान मैंने फिर कहा और उस ने लंड हेड मेरी चूत पे रख कर एक जोर का झटका दिया

आआआह्ह्ह्ह! मेरी चीख पूरे घर में गूंज गई. ऍह्ह मर गई मैं अह अह बस बस बस्स्स्स्स करो बस इतना ही.. और मेरी आँखों से आंसू निकलने लगे. वों रुक गया मेरी चूत में तो जैसे आग का गोला रख दिया था उस ने. मैं अपना सिर इधर उधर पटक रही थी... फिर कुछ देर में दर्द थोड़ा हल्का हुआ मेरी सांसें एक दूसरे से मिल नहीं रही थी मेरा सीना मेरे बूब्स बुरी तरह से ऊपर नीचे हो रहे थे... इतने में उस ने एक और जोर का झटका दिया और मैं तो बुरी तरह चिल्ला उठी...

ओ आआआह्ह्ह्ह्ह बस बस निकल लो निकल लो मैं मर जऊनगि कमि बस मैं मर जऊनगि अह आह अह अह !!!!! और वों फिर रुक गया लेकिन अब तक उस का अधे से ज्यादा लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अन्दर आ चुका था बड़ी जलन हो रही थी... मैं अभी पूरी तरह संभली भी नहीं थी के उस ने एक और झटका दिया और सारा लंड मेरी पूस्सी (चूत) के अन्दर था और साथ ही वों वही रिलेक्स हो गया मेरी चूत उस के गर्म गर्म लोड् से भर गई.......

ऍआअह्ह्ह्ह्ह्ह अब उस के मुँह से सिसकी निकली .... और वों मारे ऊपर ही लेट गया... हम दोनों ही लम्बी लम्बी सांस ले रहे थे....

क्या हुआ इतनी जल्दी रिलेक्स हो गये तुम मैंने पूछा.

हां यार इतनी टाईट है ये तुम्हरि...

क्या मेरी? मैंने पूछा

तुम्हारी चूत

मैं ये ही सुनना चाहती थी उस के मुँह से अच्छा लगता था. और हम हँसने लगे.

कोई बात नहीं! वों तो हो गया न जिस का डर था अब इतना दर्द नहीं होगा उस ने मुझे चूमते हुए कहा.

कहा हो गया बस दर्द ही हुआ और तो कुछ नहीं हुआ मैंने झूठ का नाराज होते हुए कहा.

अब उस का लंड सोफ्ट हो रहा था और उस ने मेरी चूत से बाहर निकाला तो उस का गरम सा लोड् भी साथ में बाहर आया और साथ ही कुछ ब्लड भी. मैं डर गई और वों भी. मैं फौरन उठ के बैठ गई.

ये क्या हो गया. लगता है अन्दर से फट गई है मेरी. मैंने रोने कि सी आवाज़ में कहा.

कुछ नहीं होता मैं अभी जरा इसे साफ करता हुउन फिर चेक्क करते है क्या हुआ है उस ने कहा और वों कपड़ा गिला कर के ले आया और मेरी चूत साफ करने लगा. मुझे अभी भी हल्का हल्का दर्द हो रहा था.. उस ने अच्छी तरह सफाई कि तो ब्लड रुक गया....

अब उस ने मुझे फिर लिटाया और मेरी चूत को चाटने लगा. कुछ देर लिक्क करने से मुझे फिर से जोश आने लगा और उस का लंड भी दोबारा हार्ड हो गया था. मैं बेड़ पे लेटे लेटे उस के साथ ६९ पोसितिओन में हो गई और मैं उस का लंड चूस्ने लगी वों फुल्ल हार्ड हो गया...

अब वों दोबारा मेरी टाँगों को फैला कर उन के सेंटर में था. उस ने अपने लंड का हेड मेरी चूत के देर्मिअन रखा और एक ही झटके में सारा अन्दर कर दिया. मैं एक बार फिर जोर से चिखि आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह!!!!!!!! लेकिन इस बार उस का लंड सारा अन्दर चला गया रुके बगैर... कुछ देर हम युहि लेटे रहे फिर उस ने हल्के हल्के झटके देने स्टार्ट किये और उस का लंड मेरी चूत में अन्दर बाहर आने जाने लगा.. मेरी सिसकियाँ जारी थी मैं बुलन्द आवाज़ में आह अह अह हह अह अह हह कर रही थी मजा आने लगा था ऐसा मजा कि क्या बतऊन. First time fucking का मजा ही ओर होता है...... क्यों ladies????????

अब उस के झत्कून में तेजी आती जा रही थी मेरी सांसें तेज़ हो रही थी वों मेरे बूब्स को भी साथ साथ सुक्क करने लगा.

आह अह अह और तेज़ जान तेज़ आह fuck me fuck me मैं मूवी वाली लडकीयुन कि तरह बोल रही थी...... और उस कि स्पिद तो जैसे १०० कि हो गई थी मैं भी अब साथ दे रही थी. मैं भी अपनी हिप्स को उठा रही थी... और १० मिनट तक वों मुझे खूब जोर जोर से चोदता रहा वाह क्या मजा था हल्का हल्का दर्द भी था लेकिन मजा ज्यादा था... बेड़ में से अवज़ैन आने लगी थी... आँह आह आह्ह आह ...... और वों एक बार फिर मेरी चूत में ही गर्म गर्म स्पर्म्स छोडने लगा... मैं इस दौरान ३ बार रिलेक्स हो चुकी थी. वों क्या बात है फक्किंग कि........ और वों ठंडा हो कर मेरे ऊपर ही लेट गया. मैं उस को चूम्ने लगी उस के होंठो को. ऍअंखून को. चिक्स को. माथे को. उस का चेहरा हाथों में ले कर उसे खूब प्यार किया....

थैंक्स जान तुम ने मेरी सब से बड़ी ख्वाहिश पूरी कर दी आज.... आज से ये सारा बादन तुम्हारा है जब चाहो मुझे खूब फक्क करना.... मैं जज़्बात में आ कर जाने क्या क्या बोल्ल रही थी और वों सुन रहा था.....
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