RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
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अंजू ने विनय को बेड की तरफ इशारा करते हुए बैठने को कहा….विनय बेड पर बैठते हुए इधर उधर देखने लगा…..”आज गरमी बहुत है ना……” उसने फ्रिज की ओर जाते हुए कहा… तो विनय ने हां मे सर हिलाते हुए हामी भर दी…..अंजू ने फ्रिज से ठंडे पानी की बॉटल निकाली और एक ग्लास मैं पानी डाल कर विनय को दिया….गरमी से वैसे भी विनय का गला सूख रहा था….जैसे ही ठंडा पानी विनय के हलक से नीचे उतरा तो, थोड़ी राहत मिली….विनय ने खाली ग्लास अंजू की तरफ बढ़ाया तो अंजू ने मुस्कराते हुए, विनय के हाथ से ग्लास पकड़ा और रूम मे बनी हुई सेल्फ़ पर रख दिया….
ग्लास रखने के बाद अंजू ने सभी विंडोस के आगे पर्दे कर दिए….जो पहले से ही बंद थी…..विनय का दिल जोरो से धड़क रहा था…..जब वो वापिस आकर विनय के पास बेड पर बैठी, तो उसने विनय से नज़र बचाते हुए, जान बुझ कर अपनी साड़ी का पल्लू को सरका दिया….उसके ब्लाउस के ऊपेर वाले दो हुक खुले हुए थे….जिसमे से उसकी 40 साइज़ की बड़ी-2 साँवले रंग की चुचियाँ बाहर आने को उतावली हो रही थी….जैसे ही विनय की नज़र अंजू के बड़े-2 साँवले रंग के तरबूजों पर पड़ी, तो विनय के लंड ने पेंट में अपना आकार बढ़ाना शुरू कर दिया. अगले ही पल उसकी आँखो के सामने ममता वशाली और मामी किरण की चुचियाँ एक एक करके घूम गयी….इन चारो मैं से अंजू की चुचियों का मुकाक़बला सिर्फ़ मामी किरण के साथ ही था…
अंजू की चुचियाँ उसकी मामी की चुचियों से भी कुछ बड़ी थी…..अपनी चुचियों को इस तरह घुरता देख अंजू मन ही मन मुस्कुराइ, और मुस्कराते हुए, उसने अपना एक हाथ विनय की जाँघ पर बिल्कुल उसके लंड पर रख दिया….विनय के पूरे बदन में झंझनाहट सी दौड़ गयी…..उसका केलज़ा मूह को आने को हो गया था…उसने सवालियाँ नज़रों से अंजू की आँखो में देखा और अंजू ने कातिल अदा के साथ मुस्कुराते हुए, अपने हाथ से उसकी जाँघ को सहलाते हुए कहा…..”विनय बाबू क्या लोगे…..चाइ या दूध…..” ये कहते हुए, अंजू ने अपने ब्लाउस के गले को थोड़ा से नीचे खेंचा तो, उसकी एक चुचि कुछ ज़्यादा ही बाहर आ गयी…..
अब तक विनय भी इन दोहरे अर्थ वाली बातो को कुछ-2 समझने लगा था…उसने अपने गले का थूक गटकते हुए बड़ी हिम्मत से कहा….”क क कॉन सा दूध….” अंजू विनय की बात सुन कर मुस्कुराइ, और फिर विनय की तरफ थोड़ा सा झुकते हुए बोली…..”जो तुम कहो….मैं मना नही करूँगी….” अब अंजू के हाथ की उंगलिया बार-2 विनय के लंड को पेंट के ऊपेर से टच हो रही थी….जिसके कारण विनय का लंड पेंट के अंदर एक दम टाइट हो चुका था….कामवासना अब विनय के सर पर चढ़ कर बोल रही थी……रामू तो उसे पहले ही बता गया था कि, अंजू लंड के लिए तड़प रही है…जिसके कारण विनय का हॉंसला कुछ बढ़ सा गया था….
उसने अपने काँपते हुए हाथ को उठा कर धीरे-2 अंजू की चुचियों की तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया….अंजू विनय के हॉंसले को देख कर मन ही मन मुस्कुराइ, और उसने अपने साड़ी के पल्लू को अपने कंधे से नीचे सरका दया….विनय ने जैसे ही अपने काँपते हुए हाथ से अंजू की चुचियों को ब्लाउस के ऊपेर से पकड़ा तो, अंजू एक दम से सिसक उठी…उसने मस्ती से भरी आँखो से विनय को मुस्कुराते हुए देखा और फिर मदहोशी भरी आवाज़ में बोली…..” एक ही बाहर निकाल कर चूसना है….या फिर पूरी नंगी कर दूं इनको…..” विनय को अपने कानो पर यकीन नही हो रहा था….उसने कभी सोचा भी नही था कि, उसे एक और नयी चूत इतनी आसानी से मारने को मिल जाएगी…..
उसने तरसती हुई नज़रों से अंजू को देखा और फिर हां में सर हिला दिया….अंजू मुस्कुराइ और फिर बेड से उठ कर नीचे खड़ी हुई और, अपनी साड़ी उतारनी शुरू कर दी….अंजू ने अपनी साड़ी उतार कर टांगी और फिर अपने ब्लाउस के बाकी के बटन को खोलने लगी….जैसे -2 अंजू के ब्लाउस की बटन्स खुल रहे थे….वैसे-2 विनय का लंड उसकी पेंट में झटके पे झटके खा रहा था…. अंजू ने अपना ब्लाउस उतार कर बेड पर फेंक दिया….अब अंजू फरोज़ी कलर के पेटिकोट और वाइट कलर की ब्रा में विनय के सामने खड़ी थी….वाइट कलर की ब्रा में कसी हुई अंजू की चुचियों को देख कर तो विनय का लंड पेंट को फाड़ कर बाहर आने को उतावला हो गया…
अंजू: (वासना से भरी आवाज़ से….) विनय बाबू अगर लंड तंग कर रहा हो तो, पेंट निकाल दो….
अंजू के मूह से ये बात सुन कर विनय एक दम हड़बड़ा गया……पर अंजू की तरफ से ये सॉफ संकेत था कि, अंजू उससे चुदवाने के लिए कितनी बेकरार है…अंजू ने अपने दोनो हाथो को पीछे लेजाते हुए, अपनी ब्रा के हुक्स खोल कर उसे भी अपने बदन से अलग कर दिया….अंजू के साँवले रंग की मोटी-2 गुदाज चुचियाँ उछल कर बाहर आई तो, विनय की जान उसके हलक में आकर फँस गयी……अब अंजू उसके सामने ऊपेर से बिल्कुल नंगी खड़ी थी…..उसकी चुचियों के काले रंग के मोटे-2 निपल्स एक दम तने हुए थे…..
अंजू धीरे-2 विनय की तरफ बढ़ी, और जैसे ही वो विनय के पास पहुँची तो, विनय ने अपना उतावला पन दिखाते हुए, अंजू की दोनो चुचियों को लपक कर अपने हाथों मे भर लिया….
और अगले ही पल उसने अंजू के अंगूर के जितने मोटे निपल को अपने मूह मे भर कर पागलों की तरह चूसना शुरू कर दिया……”श्िीीईईईईईईईईईईई ओह विनय उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…..” अंजू ने सिसकते हुए, विनय के सर को अपनी चुचियों पर दबाना शुरू कर दिया…..विनय की इस हरक़त से अंजू का पूरा जिस्म मस्ती में एक दम से कांप उठा….चूत की फांके कुलबुलाने लगी….उसने अपना एक हाथ नीचे लेजाते हुए पेंट के ऊपेर से विनय के लंड को पकड़ कर धीरे-2 सहलाना शुरू कर दिया…जो पहले ही लोहे की रोड की तरह तना हुआ था….
जैसे ही अंजू को विनय के लंड की सख्ती और लंबाई मोटाई का अंदाज़ा हुआ, अंजू की चूत में तेज सरसराहट दौड़ गयी…चूत के अंदर धुनकि सी बजने लगी….एक पल भी और बर्दास्त करना उसके सबर से बाहर हो गया था….उसने विनय को अपने से अलग किया…और नशीली आँखो से विनय के तमतमाते चेहरे को देख कर बोली….”जल्दी करो विनय बाबू अब और इंतजार नही होता…उतार दो अपने कपड़े….” विनय भी तो इसी बात का इंतजार कर रहा था…उसने जल्दी से अपने कपड़े एक एक करके निकालने शुरू कर दिए….और फिर आख़िर मे जैसे ही उसने अपने अंडरवेर को नीचे उतारा…और उसका 7 इंच लंबा लंड हवा में आकर झटके खाने लगा तो,
हैरानी से अंजू की आँखे फेल गयी……उसे यकीन नही हो रहा था कि, इस ***** साल के लड़के की जाँघो के बीच इतना बड़ा और मोटा हथियार हो गया….उसका लंड एक दम तना हुआ ऊपेर की तरफ सर उठाए हुए था……फिर अंजू ने अपने पेटीकोटे के नाडे को खेंचते हुए खोल दिया…. और अगले ही पल अंजू का पेटिकोट उसकी कमर से सरक नीचे फर्श पर पड़ा धूल चाट रहा था……उसने विनय के पास आते हुए, विनय को पीछे बेड पर धकेल दिया….और जैसे ही विनय पीछे बेड पर लेटा तो, अंजू एक दम से उसके ऊपेर आ गयी…..
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